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Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस - Printable
Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस - Printable
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INTRODUCTION
1. धरमवीर - उमर 65 साल , परिवार के मुखिया । इनकी अपनी खुद की तीन कम्पनियां है। ये एक बलिष्ठ और ताकतवर
इंसान हैं । 10 साल पहले ही पत्नी की accident की वजह से मौत हो गई थी इसलिए हर वक्त ये किसी ना किसी को चोदने
की प्लानिंग करते रहते हैं। wild sex के शौकीन हैं।
2.आरती - उमर 40 साल, धरमवीर की छोटी बहन है (36x30x40) इनका अपने पति से तलाक हो गया है । दिखने में ये
इतनी आकर्षक है कि कोई भी एकबार देखले तो कई साल तक ना सो पाए । 5.5 फीट इनकी हाइट है , काले और घने लंबे
बाल है , सेब जैसे लाल गाल है ,होंठ थोड़े मोटे है और आंखे किसी मृगनयनी की तरह है बिल्कु ल कातिल । नीचे छाती पर
देखने से लगता है जैसे दो पहाड़ तनकर खड़े हो और कह रहे हों कि है कोई जो हम फतह कर सके । उसके नीचे इनकी कमर
है जो चलते वक्त लचक जाती है । नाभि से नीचे फिर शुरू होती है इनकी चौड़ाई , मतलब कि इनका पिछ्वाड़ा बाहर की
तरफ ऐसे निकला हुआ है कि सूट सलवार पहनने के बाद भी पिछवाड़े का उठान साफ नजर आता है , और फिर जांघो पर
चूड़ीदार सलवार पहनकर जब चलती हैं तो देखने वाला out of control हो जाता है । ये बहुत ही संस्कारी और शर्मीली है
लेकिन दिमाग की बहुत शातिर हैं ।
राके श - उमर 35 साल, धरमवीर का शादीशुदा बेटा , ये अपनी खुद की कं पनी के मालिक है जो लेडीज गारमेंट्स बनाती है।
ये ज्यादातर अपना समय अपने business को ही देते है । सारा काम इन्हीं को संभालना पड़ता है । कसरत करने के
शौकीन है।
उपासना - उमर 31 साल , राके श की पत्नी (34x28x38) । साईज से ही अंदाजा लग गया होगा कि ये अपने कू ल्हों का भार
लेकर किस तरह मुश्किल से चल पाती है ।ये अपनी जवानी के चरम पर हैं इसलिए ज्यादातर ये अपना समय अपने बैड पर
बिताती हैं , सेक्स स्टोरीज पढ़ने की शौकीन है । ये अपनी छातियों और पिछवाड़े को जितना काम करने की सोचती हैं वो
उतना ही बाहर को निकलते जा रहे हैं। 10 साल पहले ही पत्नी की accident की वजह से मौत हो गई थी। ये फु ल कपड़े
पहनना पसंद करती है । ज्यादातर साड़ी या सूट सलवार ही पहनती है । जब तक रात को इनकी ताबड़तोड़ चुदाई ना हो जाए
इन्हे नींद नहीं आती ।
शालिनी - उमर 31 साल भाभी की जितनी । इनकी अभी शादी नहीं हुई है क्युकी इनका सपना है जब ये air hostes बन
जाएंगी उसके बाद ही शादी करेंगी । इसलिए अपनी जवानी को दूसरों से काबू में कराती हैं । दिमाग की शातिर पर परिवार
की सबसे चुदक्क़ड । दूसरो की जासूसी करने के मामले में ये सबसे आगे है ।
दोस्तों मुझे कमेंट्स करके हौसला और सुझाव दें ताकि मैं आपके लिए यर कहानी एक अलग अंदाज में लिख सकूं ।
Update 2
धर्मवीर सिंह अपने शयन कक्ष में सोने की तैयारी कर रहे हैं , सोते समय उन्हें दूध पीने की आदत है लेकिन उनका नौकर
(अनवर) चार दिन के लिए छु ट्टी पर है ।
धर्मवीर सिंह अपना मोबाइल उठाते है और अपनी बहन का नंबर डायल करते हैं ।
उधर आरती जैसे ही अपने मोबाइल पर भैया का कॉल देखती है तो उसके माथे पर शिकन आजाती है कि रात को 11 बजे
भैया को क्या काम हो सकता है । इसी सोच में डूबी आरती मोबाइल को कान पर लगाती है ।
आरती - hello भईया ।
धरमवीर सिह - hello आरती तुम सोई नहीं हो अभी तक ।
आरती - वो भईया वो मैं मूवी देख रही थी बस सोने ही जा रही थी कि आपका फोन आगया ।
धर्मवीर - अनवर छु ट्टियों पर है और मुझे दूध पीकर ही नींद आती है ।
( ये सुनकर आरती डर गई कि मै कै से भूल गई कि आज दूध नहीं गया भईया के लिए अब पता नहीं क्या होगा । क्युकी
धरमवीर बहुत ही गंभीर और गुस्से वाले आदमी थे । )
आरती - sorry भईया मै मूवी देखते देखते भूल गई , माफ कीजिएगा । अभी लाती हूं ।
जैसे ही आरती ने गेट खटखटाया अंदर से आवाज आयी - गेट खुला है आजाओ ।
आरती जैसे ही कमरे में घुसी उसने महसूस किया कि कमरे में से बहुत ही लुभाने वाली खुसबू आरही है । उधर जैसे ही
धर्मवीर की नजर आरती पर पड़ी तो आरती टाईट फसे हुए सूट सलवार में उनकी तरफ हथिनी जैसी मस्तानी चाल चलती हुई
उनके नजदीक आरही थी।
आरती ने दूध धर्मवीर के हाथ में दिया - लीजिए भईया ।
धर्मवीर - रख दो , आरती लगता है तुम आजकल काफी खुश रहने लगी हो देखो मोटी भी हो गई हो ।
यह सुनकर आरती समझ गई भईया किस मोटापे की बात कर रहे हैं तुरंत हकलाते हुए बोली - भ_भईया मै मोटी तो नहीं हूं ये
सूट गलती से छोटा आगया है ।
धर्मवीर - तो कोई बात नहीं आरती कल जाकर और खरीद लेना या मेरे साथ कं पनी चल देना वहां से choose कर लेना ।
आरती - जी भईया ।
धर्मवीर के मन में अचानक विचार कोंधा की उसकी विधवा बहन अब भी कितना बन संवर कर रहती है होठ कितने लाल
रचाए हुए हैं ।
अचानक आरती के हाथ से उसका मोबाइल नीचे गिर गया जैसे ही आरती मोबाइल उठाने के लिए झुकी धर्मवीर का दिमाग
सामने का नजारा देखकर भनभना गया ।
आरती नीचे जैसे ही झुकी उसकी कु र्ती उसके विशाल भारी चूतड़ों को छु पाने में नाकामयाब होने लगी । उसके तबले जैसे
दोनों चूतड़ चौड़े हो गए झुकने की वजह से । जैसा कि सलवार पहले ही जैसे तैसे फसाकर पहनी थी झुकने की वजह से वो
दोनो चूतड़ों को संभाल नहीं पाई और बीच में से चरररर की आवाज करती हुई फट गई । पैंटी पहनी नहीं थी जिस वजह से
फटी हुई सलवार में से घने और काले बाल बाहर की तरफ दिखने लगे ।
जैसे ही आरती ने ये महसूस किया आरती के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई । आरती बिजली की फु र्ती से खड़ी हुई और
sorry भईया बोलकर बाहर आगई । गेट से बाहर निकलते ही आरती थोड़ा ठहरी और अपने धड़कते दिल पर हाथ रखकर
थोड़ा नॉर्मल होने की कोशिश करने लगी और फिर जाकर अपने कमरे में सो गई ।
उधर जैसे ही आरती गई धरमवीर को झटका सा लगा जैसे किसी सपने से जागे हों । धरमवीर सिह ने आज पहली बार अपनी
बहन की जवानी की तरफ ध्यान दिया था ।
धरमवीर सोचने लगा कि आरती कितनी गदराई हुई है। उसके चौड़े चौड़े चूतड़ जैसे निमंत्रण दे रहे हों की आओ और हमारी
चौड़ाई की वजह बनो ।
और ये क्या आरती नीचे के बाल साफ़ नहीं करती । हां बेचारी करे भी किसके लिए विधवा जो ठहरी । लेकिन आरती का
गदराया हुआ बदन नहीं कहता कि वो विधवा है ।
आरती की जांघो के देखकर लगता है कि मेरा पूरा मुंह उन जांघों में छु प जाएगा । अचानक धरमवीर का हाथ लेटे लेटे अपने
हल्लबी लंड पर चला गया जो अपनी औकात में खड़ा हो गया था। धर्मवीर के लंड का साइज़ 12 इंच था पूरा और मोटाई 4
इंच । धर्मवीर सोचने लगा कि मेरा लन्ड सिर्फ आरती जैसी कोई प्यासी विधवा रांड ही झेल सकती है ।
और दोस्तो ये सच भी था कि धर्मवीर का लन्ड ही ऐसा था जो आरती के फै ले हुए चूतड़ों को पार करके उसकी गांड पर फतह
पा सकता था।
अचानक धर्मवीर के मुंह से निकला - मेरी रांड बहन तुझे अगर शर्मीली आरती से चुदक्क़ड रण्डी ना बना दिया , अगर मैंने तेरे
चूतड़ों को फै लाकर उसमे मुंह ना फसाया , अगर तेरे काले घने बालों से ढके भोसड़े पर अपने लन्ड का परचम ना लहराया तो
मै भी धरमवीर नहीं ।
इतना कहते ही धरमवीर के लन्ड से इतनी तेज पिचकारी निकली की सीधी दीवार से जा टकराई । लगातार 5 मिनट तक
झड़ने के बाद धरमवीर ठं डा पड़ गया । इतना वीर्य निकला धर्मवीर के टट्टो से जैसे एक साथ एक जगह पर दस लोग झड़े हों ।
ठं डा होते ही धर्मवीर खुद से ही कहने लगा नहीं मै ऐसा नहीं सोच सकता आखिर वो मेरी बहन है ।
इन्हीं विचारों के साथ धरमवीर नींद के आगोश में चला गया ।
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दोस्तों कमैंट्स करके अपना साथ मुझे फील कराते रहना । साथ ही कहानी में कोई सलाह हो तो अवश्य दें ।
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update 3
सुबह होते ही राके श उठकर किचन में चाय बना रहा था क्युकी जैसा पहले बताया की नौकर अनवर छु ट्टियों पर था । राके श
ने अपनी पत्नी को उठाना उचित नहीं समझा क्युकी देर रात तक उसको टिका कर पेला था राके श ने । तो उपासना वैसे ही
कम्बल के अंदर नंगी पड़ी थी । राके श चाय बना ही रहा था कि इतने में ही शालिनी की entry होती है किचन में । उसने एक
टाईट शर्ट और जींस पहन रखी थी । शर्ट के दो बटन खुले हुए थे और जीन्स इतनी टाइट थी कि चूत का शेप बिल्कु ल साफ
नजर आ रहा था । यह देखकर राके श ने मन ही मन में बोला (कितनी शरीफ बनती है मेरी बहन लेकिन देखकर लगता है
साली के ऊपर एकसाथ दो अफ्रीकन को चढ़ा दूं )।
राके श मन ही मन सोचने लगा है भगवान ये साला अनवर को भी अभी जाना था छु ट्टियों पर अब शालिनी ने अगर जाकर
उपासना का कं बल उठा दिया तो उपासना तो नंगी सो रही होगी । हे भगवान ।
और दोस्तों हुआ भी ऐसा ही शालिनी ने जाकर उपासना से कहा भाभी जी उठिए आपकी ननद ready भी हो चुकी है जाने
को चलिए सब नाश्ता कर लेते है सुबह हो गई ।
ऐसा कहकर शालिनी ने उपासना का कम्बल खींचकर बैड से अलग कर दिया , जैसे ही कम्बल खींचा शालिनी के आंखे फटी
की फटी रह गई उसके मुंह से बस इतना ही निकाल पाया - भ_भाभी ये क्या है ?
उपासना बैड पर बिल्कु ल नंगी पड़ी हुई थी उसका पिछ्वाड़ा गद्दों में धंसा हुआ था। आंखो का काजल चेहरे पर फै ला हुआ था
, बूब्स से लेकर नीचे जांघो तक सूखा हुआ सफे द सफे द वीर्य का लेप जैसा हो रखा था उपासना के बदन पर और चूत
बिल्कु ल छत की तरफ मुंह खोले पड़ी थी । उसकी ये हालत बयान कर रही थी कि रात को बैड पर सोने से पहले कै सा चुदाई
समारोह किया गया है ।
ये देखकर आरती ने मुंह फे र लिया और उपासना भी शर्मिंदगी महसूस करते हुए खड़ी होकर बॉडी पर तौलिया लपेट लिया ।
उपासना बस इतना ही कह पाई नन्द जी आप चलिए मै नहाकर आती हूं । इतना सुनकर शालिनी सीधा अपने पापा के फ्लोर
पर जाने के लिए लिफ्ट की तरफ चल दी । चलते चलते शालिनी मन ही मन सोच रही थी कि ऐसा तो नहीं हो सकता कि कोई
एक इंसान एक औरत की ऐसी हालत कर सके , तो फिर कहीं ऐसा तो नहीं रात में कोई और भी आया हो भाभी के पास ।
लेकिन ऐसा कै से हो सकता है भाभी के पास तो भईया सोए हुए थे । और अगर कोई नहीं आया तो इसका मतलब भाभी की
ये हालत भईया ने की है । नहीं भईया ऐसे नहीं है वो इतना ज्यादा कामुक नहीं है उन्हें तो अपने बिजनेस से ही फु र्सत नहीं
रहती है ।
इतना सोचते सोचते ही पापा के कमरे में entry कर चुकी थी शालिनी और वो दोबारा किसी का कम्बल खींचने की गलती
नहीं करना चाहती थी । इसलिए उसने धर्मवीर के माथे पर हाथ फे रा और बोली -
शालिनी - पापाजी पापाजी उठिये सुबह हो गई है ।
इतना सुनकर धर्मवीर जी अंगड़ाई लेते हुए उठे जैसे ही उनकी नजर शालिनी के टाईट जीन्स में से दिखते चूत के उभार पर
पड़ी उनके मुंह से आह निकल गई ।
लेकिन शालिनी इसे नोट नहीं कर पाई क्युकी धर्मवीर अंगड़ाई भी ले रहे थे उठते समय ।
धर्मवीर मन ही मन में - आजकल दिन और रात दोनों की शुरआत बड़े ग़ज़ब तरीके से हो रही है , दोनों समय ये गदराई रंडियां
ऐसे सामने आती है जैसे कह रही हो कि हमें सिर्फ लौड़े चाहिए ।
शालिनी - ok डैडी नाश्ता तैयार है नीचे अजाओ hall में । भईया नाश्ते के लिए आर्डर कर चुके है बस आने वाला होगा
क्युकी आज खाना बनानेवाली ज्योति भाभी भी छु ट्टियों पर गई है । घर के दोनों नौकर बहुत छु ट्टी करते है देखो ना डैडी
अनवर भी छु ट्टियों पर है ।
धर्मवीर - कोई बात नहीं बेटा नौकरों की भी अपनी जिंदगी होती है उन्हें भी जिंदगी जीने का मौका देना चाहिए ।
शालिनी - लेकिन आप ज्यादा ढील देते है डैडी देखिए इतने छु ट्टियां करने के बाद भी आप उन्हें सैलरी हमेशा पूरी ही देते है
और उनके लिए हर महीने कपड़े देते है वो अलग ।
धर्मवीर - बेटा शालिनी जब भगवान का दिया हुआ समंदर है हमारे पास तो उसमे से एक बूंद किसी गरीब प्यासे को देदो तो
आपका कु छ नहीं घटता बल्कि उस बेचारे का मन खुश हो जाता है और वो आपको दिल से दुआए देता है ।
शालिनी - हम्म डैडी ये बात तो है चलिए मैं नीचे wait कर रही हूं आपका । ये कहकर शालिनी कमरे से बाहर चली गई ।
धरमवीर शालिनी को जाते देखकर अपनी पलक झपकना भूल गया क्युकी जैसे ही शालिनी मुड़ी जाने के लिए उसकी गान्ड
का फै लाव और चौड़ाई जानलेवा थी । और चलते हुए जीन्स में फसे उसकी चूतड़ों का ऊपर नीचे होना धर्मवीर के दिल पर
असर कर गया ।
धरमवीर सोचने लगा कि मै कितना गिरा हुआ इंसान हूं आजकल सबको देखकर मै गंदा सोचने लगा हूं ऐसा सोचते ही
धरमवीर के अंदर का शैतान बोला कि धर्मवीर आजकल सबको देखकर ऐसा इसलिए हो रहा है क्युकी तेरे घर के नौकर
छु ट्टियों पर है इसलिए तेरे घर की बहन और बेटी तेरे सामने आजाती हैं और उनकी गदराई हुई गान्ड और उभरी हुई छातियां
इस बात का सबूत है कि उन्हें कोई कसकर चोदने वाला चाहिए जो उन्हें दौड़ा दौड़ा कर चोदे । अब शालिनी की ही गान्ड
देखले अभी तो तेरी बेटी की शादी भी नहीं हुई है और इसका बदन ऐसा हो रहा है जैसे अगर जमकर चोद दी जाए तो एक
साथ दो बच्चे पैदा कर देगी । धर्मवीर सोचने लगा इसमें गलती शालिनी की भी नहीं है क्युकी उसकी उमर भी 31 साल हो
गई है और शादी हुई नहीं है अभी तो उसकी जवानी भी लौड़े खाने लायक है आखिर उसको भी होती है जरूरत महसूस ।
इतना सोचते सोचते धर्मवीर कपड़े पहन चुका था और कमरे से निकाल गया ।
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update 4
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धरमवीर - राके श हम जो एक और new company स्टार्ट करने वाले है सोच रहा हूं उसका उद्घाटन करने से पहले ये तय
होना जरूरी है कि उसका नाम क्या रखे ।
राके श - पापाजी आपके नाम पर already दो कं पनीज है और एक मैं संभालता हूं but नाम तो तीनों का एक ही है जो मम्मी
जी के नाम पर है DISHA Industries ।
धरमवीर - हां मै सोच रहा हूं एक जो नई कं पनी खोल रहे है उसका नाम हम अपनी बहू उपासना के नाम से रखे ।
उपासना - पा_पापा वो आप ऐसा मत कीजिए मम्मी जी के नाम से ही स्टार्ट कीजिए क्युकी मै चाहती हूं हम मम्मी जी के नाम
को ही और बड़ा करना चाहिए ।
धर्मवीर बहू की इस बात पर हंसते हुए कहने लगा - बहू तुम जितनी खूबसूरत हो उतनी ही समझदार भी हो ।
शालिनी - डैडी समझदार तो मै भी हूं ।
धरमवीर - मेरी बहू और बेटी दोनों ही समझदार है अब खुश । वैसे आज तुम्हे तो जाना है शालिनी पर उपासना आज तुम भी
जल्दी ही नहा ली तुम्हे भी कहीं जाना है ।
उपासना - हकलाते हुए - ज_जी पापा जी वो मै रोज ही जल्दी नहा लेती हूं ।
तभी उसकी बात काटते हुए तपाक से बोल पड़ी ।
शालिनी - हां जी बिल्कु ल पापा भाभी को वैसे भी नहाना ही पड़ता ।
शालिनी के इस जवाब से राके श का मुंह खुला का खुला रह गया राके श समझ गया कि शालिनी ने उसे किस हालत में देखा है
।
और ये बात शालिनी ने नोट करली जिससे वो शरमा गई उसे अहसास हुआ कि ऐसा नहीं बोलना चाहिए था उस पर वो तो
निकाल गया मुंह से ।
उपासना को काटो तो खून नहीं की वो अब क्या बोले उसके गाल सुर्ख लाल हो गए शरम से ।
धर्मवीर - नहाना ही पड़ता बेटा मै समझा नहीं ।
उपासना - ज_जी पापा वो सुबह सुबह मुझे पानी पीना अच्छा लगता है और आज सुबह राके श ने मुझे पानी दिया और वो
गलती से ऊपर गिर गया जिस वजह से नहाना ही पड़ता ।
धर्मवीर - hahaha अच्छा बेटा खयाल रखा करो थोड़ा ।
उधर शालिनी मन ही मन सोच रही थी - की भाभी ने कितनी आसानी से छु पा लिया और बात को घुमा दिया । वैसे ठीक ही
किया भाभी ये तो नहीं बता सकती थी कि इसलिए नहाना पड़ता क्युकी रात भर में नंगी नाची हूं अपने पति के लंड पर मेरी
ऐसी हालत हो रही थी जैसे कोठे की कोई सस्ती रण्डी रात भर टांगे चौड़ाकर लंड खाकर सोई हो ।
शालिनी अपने दिए हुए जवाब पर शर्मा रही थी इस वजह से उसने उठना ही बेहतर समझा । और सबको gud bye बोलकर
चलदी अपने बंगले के पार्किंग की तरफ ।
जाते जाते राके श की आंखो से इसकी झोल खाती हुई गान्ड बच ना सकी ।
राके श - ok अपना भी हो गया मै चलता हूं , ये कहकर राके श भी अपना लैपटॉप बैग उठाकर चल दिया ।
अब hall में सिर्फ आरती , धरमवीर और उपासना थी ।
आरती मन ही मन रात सलवार फटने वाली घटना को याद करके धरमवीर से आंखे नहीं मिला पा रही थी ।
धरमवीर - उपासना मै दोपहर को कु छ शॉपिंग करने जाऊं गा और मेरी गाड़ी शालिनी ले गई है ।
उपासना - जी पापा घर में मेरी और आरती दीदी की गाड़ियां भी है आप जिसे चाहो ले जाना ।
कु छ देर बाद जैसे ही अपने बंगले की पार्किंग में गया उसने उपासना की गाड़ी का गेट खोला ही था कि अचानक उसकी नजर
आरती की गाड़ी पर पड़ी जहां आगे नंबर प्लेट पर एक कागज जैसी चीज घुसी हुई थी । धरमवीर ने जैसे ही वो कागज़
निकाल तो वो एक letter था जिसमें लिखा हुआ था -
hi Aarti .
मै जानता हूं कि तुम भी मुझे चाहने लगी हो जब भी तुम्हे जिम करते हुए देखता हूं दिल को मुश्किल से संभाल पता हूं । अगर
आप मेरी दोस्ती कबूल करती है तो प्लीज रिप्लाइ कीजिएगा xxxxxx5689 इस नंबर पर ।
आपका दीवाना - सलमान सिद्दीकी।
ये पढ़कर धरमवीर को समझते देर ना लगी कि जहां आरती जिम जाती है वहां पर उसे कोई पसंद करने लगा है और वो
direct नहीं कह पाया है इसलिए उसने ऐसा किया है । धरमवीर ने वो कागज़ अपनी जेब में रख लिया ।
मार्के ट में जाकर धरमवीर के मन में अचानक क्या सूझा कि उसने एक shop से एक micro voice recorder खरीदा जो
उसके मोबाइल से कनेक्ट होता था। उसने मोबाइल शॉप से जाकर एक iphone 11 खरीदा और दो नई सिम खरीदी ।
और फिर उसने अपनी खरीदारी की जो उसे करनी थी ।
फिर धरमवीर गाड़ी में आकर बैठा और उसने वो कागज़ अपनी जेब से निकाला । और वैसा ही एक letter उसने लिखा और
उसमे उस नंबर की जगह अपनी एक नई खरीदी हुई सिम का नंबर लिख दिया ।
घर आकर उपासना की गाड़ी पार्क करके वो letter जो उसने लिखा था चुपके से आरती की गाड़ी के नंबर प्लेट पर वही लगा
दिया ।
अपने फ्लोर पर जाने की बजाय second फ्लोर पर किचन में गया और रखा हुआ दूध उसने जमीन पर गिरा दिया।
फिर उसने दूधवाले को फोन लगाया कि उसके घर में दूध गिर गया है तो दूध लेकर दे दीजिए ।
दूधवाला - जी साहब अभी आया 10 मिनट में ।
जैसे ही दूधवाला आया धरमवीर ने आरती को कॉल किया क्युकी घर ज्यादा बड़ा था और कमरे hall के बाद से शुरू होते थे
तो वह तक आवाज नहीं पहुंच पाती थी ।
धर्मवीर - आरती , जरा किचन में आइए ।
आरती - जी भईया अभी आयी ।
आरती मन ही मन सोचते हुए आने लगी कि पता नहीं क्या बात ह जो भैया किचन में बुला रहे है । और आरती अपना
मोबाइल हाथ में लेकर ही किचन की तरफ आने लगी ।
आरती ने किचन में आकर देखा कि दूध नीचे जमीन पर फै ला पड़ा है और दूधवाला भी वही खड़ा है ।
आरती - जी भईया आप कब आए , और ये कै से गिर गया भईया ।
धरमवीर - आरती वो मै अभी आया था और आकर दूध पीने का मन किया तो किचन में मुझसे दूध ही गिर गया सो तभी मैंने
दूधवाले को फोन करके बुला लिया दूध लेने के लिए ।
आरती ये सुनकर बोली - कोई बात नहीं भईया मै इसे साफ कर देती हूं । आरती वहीं पर किचन से बाहर की तरफ अपना
मोबाइल रखकर दूध को साफ करने लगी । धरमवीर सिंह ने दूधवाले से दूध का डब्बा ले लिया और दूधवाला चला गया ।
धरमवीर सिंह ने दूधवाले को जाते ही बाहर रखा हुआ आरती का मोबाइल जल्दी से switch off किया और अपनी जेब में
डाल लिया ।
फिर धर्मवीर ने जैसे ही आरती की तरफ नजर घुमाई तो आरती ने वैसे तो लूज पटियाला सलवार पहनी हुई थी पर जैसे ही वो
नीचे बैठकर पोछा लगाने वाली स्टाइल में बैठकर दूध साफ करने लगी इसकी गान्ड ने अपना पूरा फै लाव ले लिया। आरती का
पिछ्वाड़ा इस तरह बैठने से हल्का हल्का नीचे फर्श को टच कर रहा था । धरमवीर मन ही मन - एक दिन मेरी चुदक्कड़ रांड
को इसी तरह अपने मुंह पर बिठाकर उसके पिछवाड़े की चौड़ाई में चार चांद लगा दूंगा ।
फिर आरती खड़ी हो गई जैसे ही खड़ी हुई उसकी पिछवाड़े में उसकी कु र्ती फस गई एकबार तो धरमवीर का मन किया कि
उस कु र्ती को उसकी गान्ड में से आने मुंह से निकले । पर उसने तुरंत ही नजर घुमा ली ताकि आरती उसे देख ना ले ।
आरती - भईया ये तो साफ हो चुका है , अपने आकर मुझे बोल दिया होता दूध के लिए ।
धर्मवीर - कोई बात नहीं मेरी छोटी बहन को बिना वजह परेशान नहीं करना चाहता था ।
फिर उसने धीरे से बोला रात दिया तो था तुमने दूध अपनी सलवार ही फाड़ ली थी ।
ये बात उसने बोली तो धीरे से थी पर आरती पास खड़ी यह बिल्कु ल साफ सुं चुकी थी । और ऐसा सुनते ही आरती ने मुंह फे र
लिया उसके गाल बिल्कु ल लाल पद गए शर्म से वो बिल्कु ल मौन हो गई ।
धरमवीर ने बात ज्यादा सीरियस ना करते हुए बोला - कोई बात नहीं मेरी बहन अब एक काम कर दो मै मार्के ट से एक
facewash लाना भूल गया अगर तुम फ्री हो तो ले आओ बाहर से ही 10 मिनट लगेंगे ।
आरती - जी भईया मै अभी ले आती हूं और ऐसा कहकर जैसे ही आरती किचन के बाहर आती तो मोबाइल गायब था उसका
।
धरमवीर - क्या हुआ आरती क्या ढूंढ रही हो ।
आरती - भईया मै आपसे बात करते हुए मोबाइल हाथ में लाई थी और अब यहां नहीं है , यही तो रखा था ।
धर्मवीर - ध्यान से देखो बहन कहीं और तो नहीं रख दिया ।
आरती - बिल्कु ल नहीं भईया अभी तो इस जगह पर रखा था मैंने , oh my god मेरा मोबाईल अपने गिफ्ट किया था मुझे ।
धर्मवीर - मुझे लगता है आरती की फिर तो तुम्हारा मोबाइल दूधवाला ले गया ।
आरती - मुझे भी ऐसा ही लग रहा है । ( आरती को धरमवीर के खुरापाती दिमाग का बिल्कु ल अंदाजा नहीं था )
फिर तो भईया मै उसे बिल्कु ल भी नहीं छोडूंगी उसको तो मै जेल में भिजवा दूंगी ।
धर्मवीर पासा पलटते देख बात संभालता हुआ बोला - कोई बात नहीं आरती वो बेचारा गरीब है शायद उसके पास तो पैसे भी
नहीं होंगे की वो इतना महंगा मोबाइल खरीद सके ।चलो कोई बात नहीं मुझे आज शाम को अपने दोस्त के बेटे के जन्मदिन
में जाना था जिसके लिए मै gift में मोबाइल ही लाया था , चलो मैं दूसरा खरीद लूंगा तुम उसे रख लो ।
आरती ये सुनकर थोड़ी नॉर्मल हो गई - भईया कितना बड़ा दिल है आपका एक चोर के लिए भी । पर भईया मेरे सारे
कॉन्टैक्ट नंबर उस सिम में हो save थे बस।
धर्मवीर - कोई बात नहीं बेटा मै मोबाइल और सिम दोनों लाया था उपासना वाली गाड़ी में रखा है ये लो चाभी जाओ जाकर
ले आओ ।
आरती चाभी लेकर पार्किंग की तरफ चली गई ।
उधर धरमवीर उसे गान्ड हिलाती हुई जाती देखकर मन ही मन बोला हो गई मेरी तैयारी मेरी घोड़ी तेरी सवारी करने की क्युकी
तुझे तेरी गाड़ी तक भेजना ही मेरा मकसद था ।
आरती जैसे ही उपासना की गाड़ी से मोबाइल निकालकर गाड़ी लॉक करके चली अचानक उसकी नजर अपनी गाड़ी की
नंबर प्लेट पर पड़ी । उसने जाकर वो कागज़ निकाला और वही पर पढ़ने लगी ।
आरती उसे पढ़कर सोचने लगी कि ये सलमान siddiqi वही है शायद जो रोज मुझे देखता रहता था और उस जमीन ने ये
contact नंबर भी दे दिया । मै ऐसे किसी को मुंह नहीं लगा सकती । लेकिन अचानक उसके मन में पता नहीं की आया
उसने वो कागज़ अपनी ब्रा में छु पा लिया । आरती अंदर गई ।
आरती - wow भईया अपने iphone 11 खरीदा है , I love it .
धरमवीर - हां उसमे एक सिम भी है वो ही लेलो तुम ।
आरती - ok भईया , भगवान ऐसा भईया सबको दे ।
धरमवीर - अच्छा आरती आज जब मै मार्के ट से आ रहा था तो तुम्हारे जिम के पास भीड़ इकट्ठा हो रही थी ।
आरती जिम का नाम सुनते ही उसका दिल धड़कने लगा - क्या हुआ था भईया वहां पर ।
धरमवीर - वहां पर GYM owner खड़े थे वो कह रहे थे कि उन्होंने आज से ये GYM बंद कर दिया है । क्युकी वो अपना
बिजनेस अब कोलकाता में setup कर रहे है ।
आरती - मन ही मन आज तो किसी ने नम्बर ही दिया है और आज ही GYM wala अपने सामान को लेकर चला गया ये
सोचकर आरती को हंसी आगई ।
धरमवीर - क्या हुआ आरती ।
आरती - कु छ नहीं भईया मै अब इस रोड पर जाऊं गी ही नहीं क्युकी उधर वहीं एक जिम था । अब मै कोई दूसरा जिम join
कर लूंगी ।
धरमवीर मन ही मन चैन कि सांस लेते हुए चलो जो सोचा था वहीं हुआ अब ये जाएगी ही नहीं उधर तो कोई परेशानी ही नहीं
।
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दोस्तों साथ बने रहें और अपना सुझाव देते रहें ।
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update 5
शाम के 4 बज रहे थे घड़ी में । आरती अपने नए मोबाइल में सेटिंग्स करने में लगी हुई थी अचानक उसे याद आया कि उसे
गाड़ी की नंबर प्लेट पर एक कागज मिला था । उसने वो कागज़ निकाला और जो नंबर उसपर लिखा हुआ था उसे सलमान
के नाम से सेव कर लिया ।
उसने सोचा क्यों ना कॉल की जाए और उसने नंबर डायल कर दिया ।
उधर धरमवीर भी अपने कमरे में आकर जल्दी से जो दूसरी नई सिम थी वो अपने मोबाइल में डाल ली थी । और अब जैसे ही
आरती का call आया उसकी धड़कने बढ़ गई अचानक उसने call कट कर दिया क्युकी आरती आवाज पहचान लेती ।
उसने तुरंत एक मेसेज टाइप किया ।
धरमवीर - yes, who are you ? please text me , I'm not able to talk with you on call .
आरती ये मेसेज पढ़कर मन ही मन बोली अजीब बंदा है । पर मै क्यों करू इसे मेसेज । फिर उसने सोचा चलो करती हूं देखूं
तो क्या कहता है । उसने मेसेज टाइप किया ।
आरती - why are you not able to talk with me on call ? and what you want by me ?
कु छ सेकं ड बाद आरती के मोबाइल में सलमान के नाम से msg रिसीव हुआ ।
सलमान - I'm hospitalized due to car accident . so we can communicate by text messages .
फिर आरती ने सोचा पूछूं तो सही क्या हुआ और उसने इस बार हिंदी में ही टाइप करना उचित समझा ।
आरती ये मेसेज पढ़कर मुस्कु रा पड़ी तभी दूसरा मैसेज रिसीव हुआ ।
सलमान - और आपसे बात करने का मुझे कोई शौक नहीं है दरअसल मैं आपको कु छ बताना चाहता था आपकी भतीजी
शालिनी के बारे में ।
आरती - अच्छा । शालिनी को कै से जानते है आप । और उसके बारे में क्या बताना चाहते है बोलिए ।
धर्मवीर - मै रात को 10 बजे बात करूं गा क्युकी मेरी फै मिली अभी मेरे पास बैठी है । और अब तुम भी मुझे 10 बजे ही
मैसेज करना ।
धर्मवीर ने ये मेसेज इसलिए किया क्योंकि उसे अपनी आगे की योजना भी बनानी थी और वो थोड़ा सोना भी चाहता था ।
उधर आरती ने पढ़ा और सोचने लगी कि चलो देखते है क्या बताता है ये ।
आरती ने रिप्लाइ में ओके कहकर मैसेज कर दिया ।
उधर धर्मवीर ने अपने दिमाग की दाद देते हुए खुसी से ऐसे yess कहा जैसे क्रिके ट मैच में बॉलर विके ट मिलने पर करता है ।
धर्मवीर सोचने लगा कि आरती की उम्र 31 साल है मतलब उसकी जवानी पूरे उफान पर है । सोचने लगा कि आरती की गर्मी
मेरे जैसे लंड से ही हो सकती है । ऊपर से आरती को 3 साल हो गए विधवा हुए उसे भी लंड की जरूरत महसूस होती होगी
और इस बात की गवाही उसकी उठी हुई छातियां देती है जैसे कह रही हों कि आओ हम निचोड़ो । और आरती की गांड को
फाड़ना भी किसी नॉर्मल लंड के बाद की बात नहीं है उसे ऐसे इंसान का लंड चाहिए जिसने 8, 10 साल बस खाया हो और
कसरत की हो ।सोचने लगा कि आरती की चूत भी तो झांटों से भरी हुई थी जब उसकी सलवार फटी थी । मतलब आरती
बाल साफ़ करके नहीं रखती और धर्मवीर को झांटों से भरी हुई चूत चोदने का ही शौक था क्युकी उसका लंड छोटा तो था
नहीं जो बालों में गायब हो जाता , उसका तो हल्लबी खीरा जैसा लौड़ा था वो तो चूत में जड़ तक चला जाए तो चूत किसी
नॉर्मल इंसान के चोदने लायक ही नहीं रहती क्युकी फिर वो चूत नहीं भोसड़ा बना देता है उसका ।
ऐसा सोचते सोचते ही उसे नींद आ गई ।
शालिनी भी मजाकिया लहजे में बोली - हां सुबह सुबह आज कामदेवी के दर्शन हो गए थे भाभी तो दिन अच्छा गया ।
ये सुनकर उपासना बुरी तरह शर्मा गई वो समझ गई थी कि शालिनी किस कामदेवी की बात कर रही है ।
उपासना - अब नन्द रानी खुद आकर कम्बल खींचेगी और देखेंगी तो इसमें मै क्या करती ।
शालिनी - चलो माफ करो भाभी दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी और मै कौन सा कोई आदमी हूं एक लड़की हूं आपकी नन्द हूं
देख लिया तो क्या हो गया । और वैसे आप ऐसी हालत में क्यों सोती हो कपड़े पहनकर सो जाया करो ।
उपासना - अच्छा । hehehe अब तुम बताओगी मुझे की मै कै से साउं । ये कहकर उपासना हंस पड़ी । कोई बात नहीं नन्द
रानी जब तुम्हारी शादी होगी तब पता चलेगा कि तुम कै से सोया करोगी ।
शालिनी ये सुनकर शर्मा गई और मुस्कु राती हुई बोली - छी भाभी कितना गंदा बोल देती हो आप । और ऐसा है तो मै शादी ही
नहीं करूं गी ।
उपासना - अब अगर मै ये बोली की तुम्हे कौन सा कोई आदमी बोल रहा है मै भी एक लड़की ही हूं वो भी आपकी भाभी ।
उपासना - शादी तो तुम्हे करनी ही पड़ेगी और तुम्हारी जवानी देखकर तो लगता है कि तुम्हारी शादी एक इंसान से नहीं दो
आदमी से करनी चाहिए । क्युकी एक के बसका नहीं है तुम्हारी जवानी को काबू में करना ।
ये सुनकर शालिनी झेंप गई वो समझ गई थी भाभी क्या कह रही है । और वैसे भी शालिनी ही इस घर में ऐसी थी जिसने
बाहर के लंड खूब जी भरकर खाए थे । शालिनी ने उल्टा वार करने की सोची ।
शालिनी - अच्छा ऐसे तो मै भी कह सकती हूं कि आपको भी दो से शादी करनी चाहिए थी आपकी जवानी तो मुझसे भी
ज्यादा भरी हुई है ।
उपासना - मेरी जवानी तो शादी के बाद भरी है पहले तो मै slim थी । पर नन्द रानी मै ये सोच रही हूं तुम्हारी जवानी कै से
इतनी भर रही है । मुझे तो कु छ दाल में काला लग रहा है । हमे भी बता दो कौन है वो जिसके नसीब में तुम जैसी घोड़ी है ।
उपासना - अच्छा ये जानने के लिए अब मुझे तुम्हारी शर्त भी माननी पड़ेगी । चलो बोलो क्या शर्त है तुम भी क्या याद करोगी
की है एक मेरी भाभी ।
उपासना - ये लो कर लो बात । नहीं मैं तो कल पर्चे छपवाऊं गी की मेरी ननद ने ये बताया है मुझे ।
शालिनी - ओके बता देती हूं । सुनो । हमारी कं पनी में जो मैनेजर हैं वो है ।
उपासना - तब तो मुझे लगता है वो अपना पूरा ध्यान तुम्हे संभालने में ही लगाता होगा ।
शालिनी - मिले भी हैं मतलब मिलते तो रोज हैं । कभी कभी जिस दिन मै कं पनी नहीं जाती उस दिन नहीं मिल पाते ।
शालिनी - तो सीधा घुमा फिराकर क्यों पूछ रही है सीधा पूछिए ना कि चुदी भी हो या नहीं ।
(शालिनी भी अब खुलकर बात करना चाहती थी क्युकी वो खेली खाई लौंडिया थी)
उपासना को इस बात का बिल्कु ल भी अंदाजा नहीं था कि उसकी नन्द इतनी खुल जाएगी । लेकिन वो भी पागल नहीं थी
अब समझ गई थी कि उसकी नन्द खुलकर बात करना चाहती है ।
उपासना - ओयहोए नंद रानी तो अपनी औकात में आगई । चलो अब बता तो की उसने तुम्हे कितनी बार चोदा है ।
शालिनी - चोदा कितनी बार है ये तो मुझे भी नहीं पता लेकिन हां महीने में एक दो दिन मिस हो जाता है जैसे आज मुझे
इंटरव्यू के लिए जाना पड़ा ।
उपासना - ओहो मतलब हमारी नन्द रानी की चुदाई खुद टिकाकर की है तभी तो मै सोचूं की ये रण्डी की जांघे इतनी चौड़ी
कै से हो गई ।
शालिनी को ये सुनकर गुस्सा नहीं आया बल्कि उसे गर्व महसूस हुआ और साथ ही साथ शर्मा भी गई ।
शालिनी - हां भाभी चुदी तो मै जी भरके हूं क्या करू आपकी इस रण्डी की चूत को जब तक कोई चाटकर उसका स्वागत
अपने लौड़े से ना करे तब तक मज़ा ही नहीं आता । अच्छा भाभी चुदाई तो आपकी भी दाम लगाकर करते होंगे भईया , सुबह
आपकी हालत देखकर ही मै समझ गई थी कि लो बना दिया इसका तो कु तिया ।
उपासना अपने लिए कु तिया शब्द सुनकर शर्मा गई और मुंह छु पाते हुए बोली हां रात तुम्हारे भईया ने मेरी ताबड़तोड़ चुदाई
करने के बाद अपने वीर्य से नहला दिया था मुझे ।
उपासना - हां चूसते नहीं चबाते है होंठो को तो वो और वो मुझे लिटा देते है फिर अपना लौड़े से मेरे बंद होंठो को सहलाते है ।
शालिनी - फिर तो मेरी चुदक्कड़ उपासना कु तिया के मुंह में भी लौड़ा हलक तक पेलते होंगे ।
दोनों नन्द भाभी में बात हो ही रही थी कि अचानक मेन गेट की डोरबेल बज गई ।
दोनों उठकर एकसाथ बाहर आयी ।
शालिनी ने गेट खोला तो उनकी कं पनी में काम करने वाला एक मजदूर आ पहुंचा था उनके घर । शालिनी ने पहले उसे कं पनी
में देखा था ।
अब सबसे ज्यादा परेशानी वाली बात ये थी कि उस बेचारे को चाय पानी कौन दे क्योंकि ऐसा तो कोई सोच भी नहीं सकता
खुद कम्पनी का मालिक होकर एक काम करने वाले मजदूर को पानी दे ।
उपासना बहुत ही संस्कारी थी उसने सोचा कि अपने ओहदे और गुमान से बढ़कर इंसानियत होती है ये सोचकर उपासना ने
पानी लाकर दिया ।
हरेराम - भरी आंखों से हकलाते हुए बोला - म_मालकिन मै आपकी कं पनी में काम करता हूं । इसी महीने मेरी बेटी की शादी
है और आज मेरी पत्नी को डॉक्टर के पास लेकर गया था मै तो उसने कहा है की किडनी का ऑपरेशन करना पड़ेगा जल्द से
जल्द । कल ऑपरेशन करने को बोला है डॉक्टर ने । मेरे पास इतने ही पैसे है की मै अपनी बेटी की शादी कर सकूं ।
मैं कं पनी में HR के पास गया था उन्होंने कहा कि कल मालिक आयेंगे तो उनसे बात की जाएगी इस बारे में की आपको लोन
कितने इंटरेस्ट रेट पर दिया जाए ।
हे मालकिन आप ही बताओ मैं क्या करू पत्नी को बचाऊं या बेटी की शादी करूं ।
ये सुनकर शालिनी और उपासना दोनों को दुख हुआ और अहसास हुआ की दुनिया में लोगों को कितना परेशान होना पड़ता
है जीने के लिए ।
उपासना ने तुरंत उससे पूछा - आप कोई बैंक खाता है तो प्लीज दीजिए हम आपके साथ ऐसा नहीं होने देंगे ।
हरेराम जेब से एक कागज निकालता हुआ - जी मालकिन इसमें खाता नंबर और IFSC कोड है देख लीजिए आप ।
उपासना ने तुरंत उसके हाथ से वो कागज़ लिया और अपने अकाउंटेंट को कॉल लगाया और कहा की - hello , this side
is Upasna Singh owner of DS Industries .
उधर से हकलाते हुए किसी की आवाज आयी जो हलकी हल्की शालिनी और हरेराम भी सुन रहा था - ye_yes mam
प्लीज बोलिए ।
उपासना - आपको एक screenshot भेजा है साथ में मैसेज भी । सारे काम छोड़कर इस काम को कीजिए ।
उधर से इतनी ही आवाज आयी - ज_जी मैम मैं अभी तुरंत करता हूं ।
लगभग एक मिनट बाद ही हरेराम के keypad वाले मोबाइल पर मैसेज रिसीव हुआ । हरेराम ने मैसेज पढ़ा तो आंखे फट
गई उसके बैंक के खाते में पचास लाख रुपए जमा हो गए थे ।
हरेराम हकलाते हुए - म_मालकिन इतना नहीं चाहिए । इतना तो मेरी दो पुश्तें भी नहीं वापस कर पाएंगी ।
उपासना - कोई बात नहीं हरेराम जी आप अपनी पत्नी का कल ही ऑपरेशन करवाइए । और ये पैसा आपको वापस नहीं
करना है । अपने हमारी कं पनी की काफी सेवा की है तो इसे अपना बोनस समझकर रख लीजिएगा ।
हरेराम - मालकिन आपका ये अहसान मै अगले जनम में भी नहीं भूल पाऊं गा । ऐसा कहकर हरेराम जाने लगा।
शालिनी - हरेराम जी बेटी की शादी में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए ।
फिर हरेराम चला गया । कु छ दूर चलने के बाद हरेराम ने पीछे मुड़कर देखा तो धर्मवीर सिंह का बंगला दिखना बंद हो गया था
। उसने तुरंत अपनी जेब से Android मोबाइल निकाला और अपने लिए OLA बुक करदी क्युकी वो अब पैदल नहीं चलना
चाहता था । कु छ ही देर बाद हरेराम शराब के ठे के पर शराब की पूरी पेटी खरीदकर घर जाने लगा ।
क्युकी उसकी बेटी की शादी तो एक साल पहले हो चुकी थी और उसकी पत्नी तो भाली चंगी थी परेशान थी उसकी पीने की
लत से ।
और घर जाकर हरेराम ने शराब के नशे में अपनी बीवी में लत घूसे बजाए और उसे गालियां देता हुआ सो गया ।
update 6
********
घड़ी में टाइम हो रहा था 9:45 pm ।
सभी सोने की तैयारी कर रहे थे । राके श बाहर से ही लेकर आया था तो सबने डिनर कर लिया था ।
उधर आरती को बड़ी उत्सुकता थी ये जानने की कि सलमान क्या बताने वाला है शालिनी के बारे में ।
लेकिन फिर आरती सोचती है कि पहले धरमवीर भईया को दूध देकर आजाती हूं वरना अनर्थ ही हो जाएगा ।
ऐसा सोचते ही वो चल दी दूध लेकर लिफ्ट की तरफ । जाकर जैसे ही गेट खटखटाया धरमवीर सिंह ने गेट खोला और सामने
आरती को देखकर हल्के से मुस्कु रा दिए ।
सलमान - Hi
आरती - hi
सलमान - कै सी हो आप ।
आरती उसे ज्यादा भाव नहीं देना चाहती थी तो मैसेज टाइप करने लगी ।
सलमान - बिल्कु ल बताऊं गा । अगर आप जल्दी में है तो सो जाइए कोई बात नहीं फिर कभी बता दूंगा ।
ये मैसेज पढ़कर आरती को अहसास हुआ कि वो हॉस्पिटल में है और मैंने उसकी हालत में बारे में भी नहीं पूछा । सोचने लगी
कि अब क्या बोली इसको मै ।
आरती - नहीं ऐसी बात नहीं है । मै बस पूछ रही थी कि आप क्या जानते है शालिनी के बारे में ।
सलमान - मैम आप तो खामखां गुस्सा कर रही है । मै आपसे इतने तमीज से बात कर रहा हूं आप मेरा मजाक उड़ा रही है ।
बता दूंगा थोड़ा सब्र तो कीजिए ।
आरती - तमीज से तो बात करनी पड़ेगी आपको मिस्टर क्युकी बदतमीजों को मै थप्पड़ लगा देती हूं ।
उधर धर्मवीर को आरती का ये attitude पसंद आया । मन ही मन बोला वाह मेरी बहन तुझे सैल्यूट करता हूं मै पर फिर
मुस्कु राते हुए कु छ टाईप करने लग गया ।
आरती ने जैसे ही ये मैसेज पढ़ा वो मुकु रा पड़ी । और मन ही मन बोली क्या अजीब आदमी है । लेकिन बात तो तमीज से ही
कर रहा है मैम मैम करके ।
आरती - गुड boy । सोचना भी मत । तुम जानते नहीं हो मै किस खानदान से belong करती हूं । मेरे पापा यहां के 250
गांव के राजा थे । और अब मेरे भईया धरमवीर सिह जी को तो जानते ही होंगे आप ।
सलमान - हां जानता हूं और उनकी मै काफी इज्जत करता हूं । अपने बड़े भाई की तरह इज्जत देता हूं उन्हें , मिलते रहते है
कभी कभी ।
आरती ये मेसेज पढ़कर सोचने लगी कि ऐसी तो कोई बात नहीं है और मैंने तो पहले ही बोला हुआ है कि मै दूसरी शादी नहीं
करूं गी ।
आरती - shut your mouth । ऐसा कु छ नहीं है । और भईया को लड़का ढूंडने की जरूरत नहीं है उनके एक इशारे पर
लडकों की लाइन लग जाएगी ।मै खुद ही नहीं करना चाहती हूं शादी ।
सलमान - बात को संभालता हुआ । sorry मैम अगर आपको बुरा लगा तो मै तो बस ऐसे ही as a friend पूछ रहा था ।
आरती - as a friend मैंने कब आपसे फ्रें डशिप की । मिस्टर अपनी हैसियत देखिए और मेरी देखिए । जितने में आप सारे
सजते होंगे उतने की मै जूती पहनती हूं ।
सलमान - oh sorry mam । मै भूल गया था कि आप बड़े लोग है । और आपसे बात करते हुए तो मुझे ऐसा लग रहा है
जैसे मैंने आपको अपना कॉन्टैक्ट नंबर देकर गलती कर दी । मुझे नहीं पता था कि बड़े लोगो को इज्जत दो तो वो अपने पैसे
शानो शौकत का बखान करके हम जैसे गरीबों का मजाक उड़ाते है ।
आरती ये मेसेज पढ़कर थोड़ा नॉर्मल हुई और सोचने लगी कि बंदा अपनी जगह ठीक है मै ही फालतू का attitude दिखा
रही हूं ।या तो मै बात ही ना करू अगर कर रही हूं तो थोड़ा इज्जत से करूं ।
आरती - it's ok , दरअसल बात ये है सलमान जी की मै शादी करना ही नहीं चाहती हूं । क्युकी अगर मेरी लाइफ में सुहागन
होना लिखा होता तो मै विधवा ही क्यों होती ।
धरमवीर ये मैसेज पढ़कर समझ गया कि अब लाइन पर आने में ज्यादा समय नहीं लेगी ये ।
सलमान - आप बहुत ही अच्छी है दिल की आपकी बातो से लगा मुझे । आपसे इतनी देर बात करके मै समझ चुका हूं मैम
की आप जितनी तन से खूबसूरत है उससे कहीं ज्यादा आप समझदार भी है । आपको इज्जत सबसे ज्यादा पसंद है ।
आरती ये मेसेज पढ़कर सोचने लगी कि मैंने इससे इतने attitude में बात नहीं करनी चाहिए थी ये तो बहुत ही अच्छा इंसान
है । अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर आरती गदगद हो उठी ।
सलमान - अभी तो 10 दिन लग जाएगा क्युकी मेरे मुंह पर ही चोट आयी है । क्यों मिलना है क्या ।
सलमान - अरे मैम आप फिर गलत एंगल से सोच रही है , मैंने ये सोचा था कि आप मेरी चोट देखना चाहती है इसलिए पूछ
रही है कि घर कब आऊं गा ।
आरती - जी पूछिए ।
सलमान - आपको इतना खूबसूरत किसने बनाया है मेरा मतलब है कि आपको देखकर कोई कह नहीं सकता कि आप
विधवा है ।
अपनी तारीफ सुनकर आरती - haha अच्छा । कोई क्यों नहीं कह सकता कि मै विधवा हूं ।
सलमान - आप जवान हैं , खूबसूरत है , आपके चेहरे पर इतना glow है कि आपको देखते रहने का मन करता है ।
आरती - अच्छा ऐसा क्या नजर आया आपको मुझमें जो और किसी में नहीं है ।
सलमान - मैम रहने दो मै नहीं बोलूंगा । आप बड़े लोगो का पता नहीं किस बात का बुरा मान जाओ ।
सलमान - मुझे यकीन नहीं होता जब आपके जैसे बड़े लोग हम जैसो को अपनी दोस्ती के लायक ही नहीं समझते तो मै कै से
यकीन करूं कि आप मेरी बातो का बुरा नहीं मानोगी ।
आरती ये पढ़कर सोचने लगी बंदा तो दिमागदार लग रहा है क्या point मारा है । फिर सोचने लगी कि चलो बात कितने प्यार
से कर रहा है पूछती हूं क्या कहता है ।
ये पढ़कर धरमवीर मन ही मन बोला की मेरी जान जान अभी तो दोस्ती के लिए मानी है फिर मेरे साथ सोने के लिए भी
मानेगी ।
आरती - हां बाबा मानती हूं कि मै आपकी दोस्त हूं और आप मेरे दोस्त है ।
सलमान - लेकिन फिर भी मैम आपके बारे में मै ऐसा नहीं बोल सकता । आपकी दोस्ती से ज्यादा मुझे आपकी इज्जत प्यारी
है ।
जैसे ही आरती ने ये पढ़ा आरती के दिल में जगह बना गया ये मैसेज ।
आरती - मै भी आपकी बहुत इज्जत करती हूं । की आप जैसा एक अच्छे दिल का इंसान मेरा दोस्त है । और मेरे बारे में ऐसा
क्या बोलोगे गाली दोगे क्या जो बोला रहे हो ऐसा नहीं बोल सकता।
सलमान - नहीं गाली नहीं दूंगा मैम सिर्फ आपके बारे में बताऊं गा ।
आरती - सलमान आप ये मैम मैम कहना बंद कीजिए मेरा नाम ले सकते है आप क्युकी हम एक अच्छे दोस्त है । और
बेहिचक बोलिए ऐसा क्या है मुझमें जो सबमें नहीं है ।
धर्मवीर को इसी ग्रीन सिग्नल का इंतजार था तुरंत मैसेज टाईप करने लगा ।
सलमान - मैम आपके काले काले लम्बे बाल जिन्हें कोई देखे तो कनफ्यूज हो जाए कि ये आपके बाल है या दिन में घटा छा
गई है । और _ _ _
सलमान - और फिर आपके गालों की लाली किसी का भी दिल जीत ले । सिर्फ दिल ही नहीं लीवर , किडनी सबकु छ जीत ले
। और _____
आरती - और
सलमान - और फिर आपके होंठ थोड़े मोटे है लेकिन कोई देखे तो लगे रस के भरे हुए दो प्याले है । और _____
आरती - so interesting . और
सलमान - अब रहने दो आरती मै बोल नहीं पाऊं गा और तुम सुन नहीं पाओगी ।
आरती - अच्छा क्यों नहीं सुन पाऊं गी । दोस्त जो हूं सुन लूंगी ।
धर्मवीर समझ चुका था ये मस्तानी घोड़ी बिस्तर में पूरा मजा देगी ।
सलमान - और नीचे आपके सीने पर वो दो बौल जिन्हें देखकर लगता है कि जैसे बिल्कु ल पके हुए दो पपीते बस टूटकर गिरने
ही वाले हो पेड़ से । और _______
आरती ये पढ़कर शर्मा गई और अपने बूब्स की तरफ देखने लगी , जो उसके सूट में फं से पड़े थे और अपनी तारीफ सुनकर
तनकर खड़े हो गए थे । अभी तक उसने नाइटी नहीं पहनी थी । धर्मवीर को दूध देकर आयी थी तो ऐसे ही लेट गई थी बैड पर
सलवार सूट में ।
आरती - अरे बाबा मजाक भी नहीं कर सकती क्या बोलो आगे और ______
सलमान - और उसके नीचे आपकी कमर हसीन लगती है क्युकी आपके सीने के मुकाबले वो काफी पतली है । और ____
आरती - लगता है जनाब ने पूरा एक्सरा करके रखा हुआ है मेरी बॉडी का अपनी आंखो में ।
उधर धर्मवीर के दिमाग में पता नहीं क्या आया वो चुपके से अपने कमरे से निकला और लिफ्ट से नीचे आरती के कमरे की
तरफ आने लगा मैसेज टाइप करता करता ।
सलमान - उसके आगे ना ही पूछो तो अच्छा है । क्युकी अगर आपको बुरा लगा तो आपका दोस्त इसका जिम्मेदार नहीं होगा
।
आरती - अच्छा ये कहां का इंसाफ है कि कोई सिर्फ मेरे अधे बदन की ही तारीफ कर सकता है । ठीक है अगर मुझे बुरा लगा
तो उसकी जिम्मेदार मै खुद रहूंगी बोलिए अब मेरे दोस्त ।
धर्मवीर उसके इस मेसेज से समझ चुका था कि उसकी बहन को अब खुमारी चढ़ने लगी है चढ़े भी क्यों ना दो साल से इस
31 साल की भरी जवानी में अके ले बैड पर राते गुजारी है उसने ।
और आज इतने दिन बाद वो किसी के मुंह से अपने जिस्म की तारीफ सुन रही थी ।
उधर धरमवीर आरती के कमरे के पास आकर कोई ऐसी जगह ढूंढ रहा था जहां से अंदर को झांका जा सके ।
तभी उसे खिड़की दिखाई दी जो लगी हुई तो थी पर कु ण्डी नहीं लगी थी । ( जैसे दरवाजा फे र लेते है कु ण्डी नहीं लगाते कु छ
इस तरह से दोस्तों )। फिर जल्दी से टाईप करने लगा धरमवीर ।
सलमान - और उसके नीचे तुम्हारी नाभि जिसकी गहराई में हर कोई खो जाए । और ____
आरती - और ____
आरती बैड पर सीधी लेटी हुई थी सूट सलवार में । जैसे ही वो गरम होती जा रही थी उसने अपनी दोनों टांगो को मोड़कर
बिल्कु ल अपनी छातियों से लगा लिया और हाथ सलवार बिना उतरे ही अपनी चूत पर ले गई ।
सलमान - और नीचे तुम्हारे कू ल्हों का फै लाव जिसे देखकर कोई कह ही नहीं सकता कि तुम विधवा हो उसे देखकर हर कोई
कहेगा कि जो भी अपने पति है उनका वजन पूरी रात आपके नितम्बो को ही संभालना पड़ता है ।
ये मेसेज टाईप करके धर्मवीर ने मोबाइल स्क्रीन off की खिड़की को हल्का सा पुश किया और अन्दर की तरफ झांकने लगा
।
जैसे ही अंदर का नजारा धर्मवीर को दिखा उसका लौड़ा भनभना गया , अपनी औकात में खड़ा हो गया आंखो में चमक और
होटों पर कु टिल मुस्कान आ गई ।
अंदर का दृश्य कु छ इस प्रकार था - आरती बैड पर सूट सलवार में पड़ी थी , आरती की दोनो टांगे मुड़कर छातियों से चिपकी
हुई थी । और टांगो को मोड़ने की वजह से उसके कू ल्हे बिल्कु ल खुलकर चौड़े हो गए थे , जांघो का गदरायापन भी साफ
झलक रहा था । आरती का चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था क्युकी उसके दोनों चूचियां तनकर खड़ी थी चूचियों को देखकर लग
रहा था जैसे दूध के दो टैंकर हों । ऐसा दृश्य जीवन में पहली बार देखा था धर्मवीर ने । देखकर लग रहा था जैसे बैड पर कोई
लंड की भूखी चुदक्कड रांड अपनी टांगो को फै लाए लंड की भीख मांग रही हो कह रही हो आओ और इस रण्डी पर तब तक
चढ़े रहो जब तक इसकी चूत भोसड़े में तब्दील ना हो जाए , आरती की गांड को देखकर तो आंखो पर ही विश्वास नहीं हो रहा
था फै लकर ऐसे लग रहे थे दोनों चूतड़ जैसे कह रहे हो कि है कोई ऐसा लंडधारी जो अपना लन्ड पूरी रात इस मस्तानी गान्ड
में फं साकर पड़ा रहे ।
उधर आरती भी चूत सहलाने से झड़ गई उसकी पूरी सलवार भीग गई थी जैसे पानी डाल दिया हो किसी ने ।
उधर धर्मवीर भी इस रंडपने को देखकर आउट ऑफ कं ट्रोल हो चुका था । और ढेर सारा वीर्य उसके लन्ड से निकला जो
सीधा दीवार पर लगा । धर्मवीर ने सोचा कि किसी कपड़े से साफ कर देता हूं ताकि किसी को पता ना लगे । और अंधेरे में
जैसे ही मोबाइल निकालकर लाइट ऑन करनी चही तभी धर्मवीर का पैर साइड में रखे छोटी से टेबल से टकरा गया जिसपर
गुलदस्ता रखा था ।
जैसे ही गुलदस्ता गिरकर टूटा एक साथ चटाक की तेज आवाज हुई । आरती एक साथ बैड से खड़ी होकर बाहर आयी जैसे
ही उसने गेट खोला तो कोई नहीं दिखा ।
क्युकी गुलदस्ता टूटते ही धर्मवीर बिजली वाली फु र्ती से सीढ़ियों की तरफ भागकर ऊपर चला गया बिना क़दमों की आवाज
किए ।
आरती को बाहर कु छ नहीं दिखा उसने बाहर की lights on की । जैसे ही उसकी नजर दीवार पर गई उसके दिमाग में
सवालों का तूफान सा उठ गया । उसने पास जाकर देखा बहुत ही गाढ़ा सफे द वीर्य उस pink दीवार पर से नीचे की तरफ को
रिस रहा था । उस अपनी आंखो पर विश्वास नहीं हुआ । उसने दोबारा इधर उधर देखा कोई नहीं था । राके श के कमरे की
तरफ जाकर देखा उन दोनों के खर्राटों की आवाज आ रही थी मतलब वो सो रहे थे । शालिनी का गेट भी लॉक था । बचे
धर्मवीर भईया इतना सोचते ही आरती लिफ्ट की तरफ भागी और ऊपर तीसरे फ्लोर पर पहुंची जाकर देखा तो धरमवीर
भईया का गेट लॉक था अन्दर से लेकिन खिड़की खुली हुई थी उसने अन्दर झांककर देखा धरमवीर भईया भी घोड़े बेचकर
सो रहे थे । फिर आरती चुपचाप वापस लिफ्ट से नीचे आ गई ।
उधर धर्मवीर ने जैसे ही देखा की आरती उसे झांककर जा चुकी है वो फिर चुपके से सीढ़ियों के रास्ते नीचे गए और चुपके से
आरती को देखने लगे ।
आरती वापस नीचे आयी और सोचने लगी कि जो भी हो अब यहां से इसे साफ तो करना ही पड़ेगा वरना सुबह को मुझे ही
शर्मिंदा होना पड़ेगा । आरती एक कपड़ा लेकर वहां गई जहां अभी कु छ मिनट पहले वीर्य की बारिश हुई थी ।
आरती ने दीवार पर जैसे ही कपड़े से साफ करना चाहा अचानक उसके हाथ रुक गए । उसने अपनी उंगली से छू कर देखा तो
गाढ़ा सा वीर्य था सबका ऐसा ही होता है लेकिन एक बात अलग थी वो चिपचिपा बहुत ज्यादा था फे विकोल की तरह ।
आरती को विश्वास नहीं हुआ कि कोई एकसाथ इतना सारा वीर्य भी गिरा सकता है वो भी इतना चिपचिपा । आरती अपनी
उस उंगली को अपनी नाक के पास लेकर गई तो उसकी सुगंध भी उसे अलग लगी उसकी उंगली पर लगे वीर्य की महक
उसके नथुनों से होती हुई इसके दिमाग पर चढ़ गई । फिर आरती अचानक उस दीवार के पास बैठी और अपनी जीभ
निकालकर उसे टेस्ट करके देखने लगी जैसे ही उसने चाटा तो वो ऐसे करने लगी जैसे कोई ज्यादा ही स्वाद वाली सब्जी से
सनी उंगलियों को कोई चाटता है ।
आरती बैठकर पूरी दीवार चाटने लगा गई ।
उधर धर्मवीर को आंखो पर विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी सीधी और संस्कारी दिखने वाली बहन किसी सस्ती रण्डी को
भी पीछे छोड़ सकती है । आरती के अंदर छिपी हुई रण्डी की हवस को देखकर धरमवीर अपने कमरे में आकर सो गया ।
उधर आरती भी पूरा वीर्य पीकर bed पर पड़ी पड़ी ये सोचने लगी कि मैंने सारा वीर्य पी लिया बिना ये जाने वो किसका है ।
आखिर कौन हो सकता है । तीन option में से कोई एक तो पक्का है बस उस चोर को पहचानना है ।
नम्बर एक - राके श
नम्बर दो - धरमवीर भैया
नंबर तीन - हो सकता है शालिनी का कोई boyfriend हो उसने उसे बुलाया हो और वो शालिनी के कमरे में ही सो रहा हो ।
ज्यादा से ज्यादा बस इतना ही सकता है ।
*******
दोस्तों कमैंट्स करके सुझाव जरूर दे कहानी के बारे में। आपके साथ बने रहने का अहसास दिलाते रहे ।
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update 7
सुबह के समय नाश्ता कर चुके थे सब । आरती के दिलोदिमाग पर रात वाली घटना छाई हुई थी ।
शालिनी नहाकर निकली उसने एक जीन्स और स्लीवलैस टीशर्ट पहनी हुई है । जैसा कि आप जानते ही है जब तक इन
महारानी की गांड जीन्स में फास ना जाये तब तक इन्हें वो जीन्स अच्छी ही नही लगती । पिछवाडा अपना पूरा आकर लिए
जीन्स में कै द हो गया था ।
शालिनी ने शीशे के सामने खड़ी होकर हल्का सा मेकअप किया , होंठो पर लिक्विड मैट वाली लिपस्टिक लगाकर होंठो को
juicy बनाया ।
शालिनी ये कर ही रही थी कि तभी कमरे में उपासना दाखिल हुई ।
शालिनी को शीशे में से उपासना आती हुई दिख गयी ।
शालिनी - भाभी टाइम का तो लिहाज किया करो सुबह सुबह ही स्टार्ट हो गयी आप तो ।
उपासना - अच्छा मैं तो टाइम का लिहाज करु और मेरी नंद रानी को समय का कोई खयाल नही है , जो सुबह सुबह ही चूत
की सजावट करने लगी , पता नही किससे फड़वाने जा रही है ।
शालिनी ऐसी बाते सुनकर समझ गयी की जितनी सीधी भाभी ऊपर से दिखती है उतनी ही अंदर से लंडखोर औरत बन गयी
है ।
शालिनी - भाभी आपकी नंद रानी की चूत इतनी सस्ती नही है कि हर कोई फाड़ दे । आपकी नंद रानी सिर्फ एक इंसान की
ही टांगो के नीचे आती है बस ।
उपासना - अच्छा तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मैं हर किसी के सामने चूत खोले पड़ी रहती हूं ।
शालिनी - नही भाभी मेरा ये मतलब नही था। मैं तो बस अपने बारे में बता रही थी । और मेरी भाभी इतनी गई गुजरी भी नहीं
है कि वह हर किसी के सामने अपनी चूत फै लाकर लेट जाएगी ।
शालिनी - मुझे मेरी भाभी ऐसी लगती है जो अपनी चूत के खजाने को हमेशा दूसरों से छु पा कर रखती है और उस खजाने के
दरवाजे सिर्फ अपने पति के लिए ही खोलती है। ऐसी भाभी जो अपनी इज्जत का ख्याल रखती है वह
बात अलग है कि उसकी अंदर की लंडखोर औरत जब जागती है तो उसकी चूत में से पानी उसकी जांघों पर रिसने लग जाता
है ।
उपासना - लगता है मेरी प्यारी सी नंदरानी को बड़ी पहचान है औरतों की । भगवान ऐसी नंदरानी सबको दे दे दे , चलो
नंदरानी जी अब तो बता दो कि आज का क्या प्रोग्राम है।
शालिनी - कोई खास प्रोग्राम नहीं है भाभी आज का बस का बस आज उनसे मिलने जा रही हूं क्योंकि कल नहीं जा पाई थी ।
और उन्हें चैन नहीं आता है जब तक उनका लंड मेरी चूत में जड़ तक ना पहुंच जाए ।
उपासना - अच्छा तो मेरी नंदरानी को कोई परेशानी नहीं होती लंड लेने में ।
शालिनी - इसमें परेशान होने वाली क्या बात है भाभी । यह तो औरतों के मुकद्दर में लिखा होता है कि वह जहां भी जाएंगी
किसी ना किसी की टांगों के नीचे ही जाएंगी तो मैं इसे स्वीकार क्यों ना करूं । आखिर मुझे भी तो किसी की टांगों के नीचे ही
जाना होगा ।
उपासना - अच्छा तो मेरी नंदरानी अब अब समझदार भी हो गई है । नंदरानी मतलब तुम अब पूरी लंड खाने के काबिल हो
गई हो ।
शालिनी - काबिल हो गई हूं का क्या मतलब है ? मैं तो लैंड खा ही खा ही रही हूं पिछले 2 साल से ।
उपासना - हां यह तुम्हें बताने की जरूरत नहीं है तुम्हारी चौड़ी गांड, बाहर को निकली चूचियां यह बखान कर रही है ।
शालिनी - भाभी जब वह अंदर डालते हैं लंड, तो कं डोम यूज नहीं करते हैं । जिससे कि मुझे डर रहता है कि कहीं कोई
अनहोनी ना हो जाए ।
उपासना - हंसते हुए अच्छा तो मेरी नंदरानी को डर है कि कोई इस गाय पर चढ़कर उसके अंदर बच्चा ना डाल दे डाल दे ।
उपासना - मेरी जान मजाक कहां कर रही हूं तुम तो देखने से ही लगती हो कि अगर कोई चढ़ जाए सही से तो बच्चा जरूर
पैदा होगा ।
उपासना - औरतों का शरीर ही बच्चे पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अगर औरत का शरीर ही दुबला पतला रहेगा
तो बच्चा होने के चांस कम हो जाते हैं , लेकिन तुम तो मेरी जवान घोड़ी हो तुम तो एक चुदक्कड़ रंडी हो तुम तो अपनी चूत में
लंड को निगल कर उसे पूरा निचोड़ सकती हो, तो बच्चा भला क्यों नहीं होगा बिल्कु ल होगा ।
शालिनी - भाभी बिना कं डोम के चूत में लंड लेने में बड़ा मजा लेने में बड़ा मजा आता है कं डोम लगाकर यदि चूत में कोई लंड
लंड लंड डालता है तो लंड की की गर्मी महसूस नहीं होती है ।
उपासना - तो मतलब मेरी नंद रानी रानी लंड को पूरा इंजॉय करती है चुदते टाइम
शालिनी - भाभी अगर चुदाई को इंजॉय ना किया जाए तो चुदने का फायदा ही क्या । अपनी चूत भी फड़वा लो और इंजॉय
भी ना करो यह कै सी बात हुई ।
उपासना - हां मेरी जान यह तो तुमने ठीक कहा जब तक कोई मर्द औरत के ऊपर चढ़कर उसे हुमच हुमच कर ना चोदे तब
तक औरत तब तक औरत की प्यास ही नहीं बुझती । खैर यह बताओ कि जिन से तुम चुदने जाती हो उनका लौड़ा कितना
बड़ा है ।
शालिनी - ऐसा मैंने कभी मेजर तो कभी मेजर तो तो नहीं किया है लेकिन लगभग होगा कोई 4 या 5 इंच इंच का ।
यह सुनकर उपासना की हंसी छू ट गई की हंसी छू ट गई और जोर जोर से हंसने लगी से हंसने लगी ।
उपासना - मैं यह सोचकर हंस रही हूं कि तुम चुदने जाती हो या कोई खेल खेलने जाती हो ।
शालिनी हैरानी से देखते हुए - क्यों भाभी ऐसा क्या बोल दिया मैंने ।
उपासना - तुम्हारा जैसा शरीर है उसमें चार या 5 इंच का लंड या 5 इंच का लंड 5 इंच का लंड क्या करता होगा वह तो तुम्हारे
छेद के बस थोड़ा अंदर ही जा पाता होगा ।
उपासना - नंदरानी जो तुम मुझे बता रही हो उसे लंड नहीं लुल्ली नहीं लुल्ली कहते हैं लंड किसे कहते हैं यह मैं तुम्हें किसी
दिन दिखा दूंगी , अच्छा यह बताओ उससे अलग तुम और किसी से नहीं चुदी हो कभी ।
शालिनी - नहीं भाभी मैंने इस बारे में कभी सोचा नहीं क्योंकि मेरी चूत को जब लंड चाहिए होता है तो उसके नीचे टांगे चौड़ी
करके चौड़ी करके चौड़ी करके चौड़ी करके उसे अपनी चूत की तरफ खींच लेती हूं, और मैं संतुष्ट हो जाती हूं ।
उपासना - तभी तो मैं कहूं कि मेरी नंद रानी ने ने अभी कहीं और मुंह क्यों नहीं मारा है यदि मार लिया लिया मार लिया लिया
तो फिर तो उस बेचारे को तुम छोड़ ही दोगी दोगी ।
शालिनी - क्यों भाभी वह भी तो ठीक है अपने लंड से मुझे कम से कम 10:15 मिनट तक चोदता 10:15 मिनट तक चोदता
है ।
यह सुनकर उपासना फिर जोर जोर से हंसने लगी से हंसने लगी जोर से हंसने लगी से हंसने लगी और कहने लगी कहने लगी
जाओ तुम अपना खेल खेलने के लिए क्योंकि तुम्हें समझाना मेरे बस की बात नहीं है ।
शालिनी - क्यों भाभी ऐसा क्या हो गया ।
उपासना - 10 या 15 मिनट मिनट तो तुम जैसी गदराई लौंडिया को गर्म होने के लिए ही चाहिए चाहिए और 10:15 मिनट में
तुम सारी चुदाई कर लेती हो तुम जैसी लड़की को रात भर कम से कम 2 लोग मिलकर चोदे कम 2 लोग मिलकर चोदे 2 लोग
मिलकर चोदे लोग मिलकर चोदे तब तुम्हारे चेहरे पर निखार और गांड पर उभार आएगा आएगा ।
शालिनी - हे भगवान मेरे बस की बात नहीं है पूरी रात चुदना और कोई चोद भी कै से सकता है पूरी रात ।
उपासना - मेरी नंदरानी अभी असली लंड से पाला नहीं पड़ा है तुम्हारा जिस दिन पड़ेगा तो चूत को हाथों से छु पाकर भागी
भागी फिरोगी ।
उपासना - अच्छा पहले तुम बताओ कि तुम्हारे वह तुम्हें किस तरह चोदते हैं ।
शालिनी - वह तो मुझे लिटाकर और ऊपर लेट कर अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हैं और 10:15 मिनट तक जमकर चोदते
हैं ।
शालीनी - करते हैं कभी-कभी अपना लंड मेरे मुंह में भी डाल देते हैं और मेरी चूत को चूस भी लेते हैं और उनका पूरा लंड मेरे
मुंह में समा जाता है बड़े प्यार से चोदते हैं वह मुझे। मेरे होठों को अपने होठों से किस करते हुए मुझे चोदते हैं वह बहुत ही
प्यार जताते हैं , चोदते टाइम कहते हैं तुम मेरी जान हो आपके बिना मैं नहीं रह सकता ।
उपासना - फिर तो इसका मतलब तुम्हें चुदाई का मतलब ही नहीं पता है मेरी जान अभी सिर्फ प्यार से चोदने वालों से चुदी हो
हो जिस दिन असली लंडधारी इंसान से चुदोगी उस दिन पता चलेगा कि लंड जब अपनी औकात पर आता है तो चूत को चूत
नहीं भोसड़ा बना बना देता है ।
उपासना - खैर छोड़ो वक्त आने पर तुम्हें पता चल ही जाएगा यह दोनों बातें कर ही रही थी कि अचानक उपासना के मोबाइल
पर रिंग होती है ।
दूसरी तरफ से आवाज आती है हेलो मैम ,मैम आज आपके टाइम टेबल में आज सिलेक्ट किया गया है कि आप आज जो
नया स्कू ल खुलने वाला है वर्मा जी का उसका उद्घाटन आपको का उसका उद्घाटन आपको करना है तो रिबन काटने के लिए
आप चलोगे। 11:00 बजे , मैम क्या यह सही रहेगा या इसमें कोई मॉडिफिके शन करना है ।
उपासना - कु छ सोचती हुई एक काम करो हां यह ठीक है 11:00 बजे ही चलते हैं ।
उपासना - अरे जो हमारी कं पनी के नई हैड मैनेजर है ,उन्होंने एक मेडिकल कॉलेज खोला है तो उसका उद्घाटन मेरे हाथों से
कराना चाहते हैं वही मुझे आज जाना है जाना है ,
अच्छा शालिनी तुम निकलने वाली हो क्या ?
शालिनी - नहीं भाभी मेरे पास अभी पैसे हैं जब खत्म होंगे तो मैं मांग लूंगी ।
उपासना - ओके नंदरानी जी चलिए अपनी चूत लंड का खेल खेल कर आ जाइए आ जाइए वैसे भी अभी तक तुम्हारी चुदाई
तो हुई ही नहीं है ।
आरती - उपासना मैं किसी हिल स्टेशन की तरफ जा रही हूं घूमने शाम तक आ जाऊं गी , जाने का मन तो नहीं था लेकिन मेरी
फ्रें ड बड़ी जिद कर रही है सो मैं निकल रही हूं निकल रही हूं ।
इतना कहते ही आरती पार्किंग की तरफ चल दी दी और अपनी गाड़ी स्टार्ट करके सड़क पर दौड़ती हुई चली गई ।
शालिनी ने भी भी पार्किंग की तरफ कदम बढ़ाए और अपनी रेड कलर की BMW निकाली और चलदी कं पनी की तरफ
गाना सुनते हुए
गाने ये वाला था
तेरा बैक रै फ्रं ट दोनों मारै सै करंट ,
मनै दिल में लगा ली तेरी फोटो
हाय रे मेरी मोटो हाय रे मेरी मोटो ।
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Dosto comments karke batate rahe ki story कै सी चल रही है , आपके साथ बने रहने के अहसास से मेरी कलम
और भी अच्छी चलती है ।
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Update 8 .
आरती जाकर अपनी फ्रें ड का वेट करने लगी . आरती को बैठे -बैठे बहुत टाइम हो गया फिर उसने सोचा कि क्यों ना सलमान
को मैसेज किया जाए ।
आरती - Hi सलमान ।
उधर से धर्मवीर के पास जैसे ही मैसेज रिसीव हुआ धर्मवीर ने सोचा कि आरती तो आज घूमने गई थी लेकिन यह वहां से
मैसेज क्यों कर रही है।
धर्मवीर ने सोचा कि आज तो परमात्मा की मेहर है जो कु आं खुद प्यासे के पास चल कर आ रहा है । ऐसी सोच में डूबे हुए
धर्मवीर ने टाइप किया
धर्मनवीर - आरती कल रात जब से तुम से बात हुई है मैं सो नहीं पाया हूं यह मैं खुद नहीं जानता हूं कि ऐसा क्यों है लेकिन मैं
आपकी इज्जत का ख्याल करता हूं इसलिए मैं आपसे ऐसी कोई भी ऐसी बात आपको नहीं बोलूंगा जिससे आपके दिल को
कोई भी ठे स पहुंचे ।
आरती ने जैसे ही यह मैसेज पढ़ा आरती के दिल में सलमान के लिए प्यार और भी बढ़ गया आरती सोचने लगी कितना
अच्छा इंसान है अपने से ज्यादा दूसरों की इज्जत का ख्याल करता है यह सोचते सोचते आरती ने रिप्लाई किया।
आरती - सलमान मैं अपनी फ्रें ड के साथ घूमने जा रही हूं तो अभी मैं उन्ही का वेट कर रही हूं जैसे ही वह आती हैं मैं घूमने के
लिए उनके साथ निकल जाऊं गी तो हम आज रात को बात करते हैं लेकिन हां बदमाश यह रात वाली बातें अब नहीं चलेंगी
जैसे इज्जत से अभी बात कर रहे हो वैसे ही बाद में भी करना ।
धर्मवीर ने यह मैसेज पढ़ते ही सोचा कि यह तो अपने आप ही लाइन पर आती जा रही है खुद ही कह रही है बात करने को
मतलब कि इसकी चूत पानी मांग रही है और जैसा कि मैं देख भी चुका हूं कि कल इसने क्या रंडीपना किया था। उसे देखकर
तो विश्वामित्र जी की भी तपस्या भंग हो जाए। वह भी अपना ध्यान बंद कर दें वह भी अपने पूजा-पाठ अपने धार्मिक स्थल
को छोड़कर उस रंडी के आशियाने में आ जाएं , क्योंकि यह रंडी लंड की भूकी ही इतनी है। यह सोचते सोचते रिप्लाई किया।
यह मैसेज पढ़कर धर्मवीर ने रिप्लाई किया - मैं पूजा में आया हूं भगवान के दरबार में अपनी झोली फै लाए खड़ा हूं ।
यह मैसेज पढ़ कर यह मैसेज पढ़कर आरती ने रिप्लाई किया - ऐसा भगवान से क्या मांग रहे हो कि भगवान जी तुम्हारी
झोली नहीं भर पा रहे हैं सलमान ने रिप्लाई किया कि मैं अपने लिए एक वफादार हमसफर, एक साथी एक हमदर्द मांग रहा
हूं लेकिन जैसा मैं चाहता हूं वैसा भगवान जी के पास है ही नहीं मुझे तो ऐसा लगता है ।
आरती - अच्छा बाबा तुम मांग तो रहे हो ये अपनी झोली में , लेकिन बहुत लोग इस दुनिया में ऐसे हैं जो धन दौलत भी बहुत
ज्यादा मांग लेते हैं और बाद में उसे संभाल नहीं पाते और बर्बाद हो जाते हैं ।
तो तुम भी ऐसी ही हमसफर की कल्पना कर रहे हो कहीं ऐसा ना हो कि तुम भी संभालना पाओ ।
यह पढ़कर धर्मवीर का लंड नेटवर्क पकड़ने लगा। धर्मवीर सोचने लगा कि यह बिल्कु ल सही बोली है । मेरी बहन जैसी
कामुक रांड को संभालने के लिए कोई मुझ जैसा सांड ही चाहिए वही संभाल सकता है । बच्चों का खेल नहीं है इसे संभालना
, और मैं बच्चा नहीं रहा मैंने तो इससे बड़ी बड़ी रांडो की चूतों का समंदर भरा है । यह सोचते सोचते धर्मवीर ने रिप्लाई किया
सलमान - मैं तुम्हारा मतलब समझा नहीं ।संभाल नहीं पाए मतलब ?
आरती को ये पता नही था कि जिसे वो सलमान समझ रही है वो उसका बड़ा भाई ही धर्मवीर जो अपनी औकात पर आगया
तो तेरे जैसी गरम कु तिया भी कम से कम एक साल तक सही से नही चल पाएगी ।
यह मैसेज पढ़कर धर्मवीर ने अपने मन में कहा कि मेरी जान दम की बात मत करना । कहीं ऐसा ना हो कि कमरे में दौड़ी
दौड़ी फिरे कहीं ऐसा ना हो टांगों के नीचे से निकल कर भागे , कहीं ऐसा ना हो की लोड़ा तेरी चूत में उतारते ही सदमा पड़
जाए । कही ऐसा ना हो कि नंगा लंड चूत में जाते ही ICU में भर्ती करनी पड़े । कहीं ऐसा ना हो कि चूत के हिसाब से लंड का
वजन ज्यादा हो । धर्मवीर सोचने लगा कि कहीं ऐसा ना हो कि चूत दो झटकों में ही लाल पड़कर सूज जाए , कहीं ऐसा ना हो
कि चूत के छेद पर ठं डा लंड रखते ही सिसक पड़े । कहीं ऐसा ना हो कि चूत में लंड चढ़ते ही रांड की मौत हो जाये । यह
सोचते-सोचते सोचते धर्मवीर ने रिप्लाई किया ।
यह मैसेज जैसे ही आरती ने पढ़ा आरती सोचने लगी की बातें तो बंदा बड़ी-बड़ी कर रहा है चलो देखते हैं आखिर दिल
कितना बड़ा है ।
आरती- ओहहो शायरी ने तो दिल ही जीत लिया साहब लगता है सोचकर बनाई है बिल्कु ल । चलिए इसी बात पर एक और
शायरी सुना दीजिये । हमे एक शायरी और सुननी है ।
सलमान चलिए और सुन लीजिए हम तो आपकी आवाज सुनकर आपके लफ्जो की direction पर ही शायरी बना देते है ।
धर्मवीर मैसेज टाइप करने लगा ।
अगर लिखने लगूँ तारीफ तेरी तो मेरे लफ्ज ही कम पड़ जाते हैं ।
यह मैसेज पढ़ा तो आरती की आंखों के जरिये ये शब्द उसके दिल मे उतरते चले गए । क्योंकि आरती की लाइफ के लिए यही
तो उसके दिल की आवाज थी । आरती भी विधवा थी उसे भी अपनी इज्जत का खयाल था ।लोग तो सवाल उठाएंगे ही ।
यह सोचकर आरती मन मे उसकी शायरी की दाद देनी पड़ी ।
जबकि धर्मवीर की यह फीलिंग थी इस शायरी के साथ की आरती उसकी बहन जो थी तो लोग तो सवाल उठाएंगे ही ।
आरती - अच्छा साहब मेरी फ्रें ड्स आगयी है रात को बात करते हैं ।
सलमान - ok my angel.
आरती मुस्कु राते हुए टाइप करती है - oh I'm not your angel .
सलमान - अरे मजाक भी नही कर सकता क्या अगर ऐसे कहने से अगर कोई angel बन जाये तो फिर तो daily 10, 25
को ना बोल दूं ।
सलमान : ओके आप घूमने जाइये अपनी फ्रें ड्स के साथ रात को बात करते है bye ।
आरती - bye ।
फ्रें ड्स के साथ आरती चल दी हिल स्टेशन की तरफ दूसरी तरफ धर्मवीर आगे की योजना बनाने लगा ।
तभी धर्मवीर अपनी घर के मंदिर में गया और जाकर भगवान के सामने कहने लगा कि - हे भगवान मैं प्रण लेता हूं , मैं
प्रतिज्ञा करता हूं कि जिस दिन यह लंड की भूखी अपनी चूत में पानी भरे हुए मुझसे चुदवाने के लिए बिल्कु ल तैयार होगी ,
उस दिन में इसके पिछवाड़े पर लात मार कर इसे भगा दूंगा ।
प्रिय पाठकों अब आप सोच रहे होंगे कि धर्मवीर तो अभी कितने रोमांटिक और अनाड़ी वाले मूड में था , कितना उतावला था
फिर उसने ऐसी प्रतिज्ञा क्यों की।
तो दोस्तों इस सस्पेंस को क्रिएट होने दो आगे चलकर देखना कि होता क्या है अभी तो कहानी शुरू ही हुई है
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राके श अपने ऑफिस में बैठा हुआ अपने लैपटॉप में कु छ बड़ी ध्यान से देख रहा था तभी उसका अकाउंटेंट उनके पास आया
और आगे कहने लगा कि सर बाहर जापान से कु छ विजिटर्स आए हैं । वह आपके साथ मीटिंग फिक्स करना चाहते हैं ।
राके श ने कहा ठीक है आप उन्हें ऊपर मेरे के बिन में भेजिए मैं बात करता हूं ।
10 मिनट बाद राके श उनके इंतजार में अपने के बिन में बैठा हुआ अपने मोबाइल में कु छ कर रहा था तभी वो आ गये ।
उन जैपनीज के साथ एक उनका ट्रांसलेटर भी था साथ में जो हिंदी और जैपनीज दोनों को ट्रांसलेट करता था वैसे तो राके श
भी एक कं पनी का ओनर था वह चाहता तो इंग्लिश में भी बात कर सकता था ।
लेकिन फिर भी सहूलियत के लिए जैपनीज अपने साथ अपना ट्रांसलेटर लेकर आए थे
ट्रांसलेटर ने हाथ मिलाते हुए कहा - राके श सर हम जापान से आए हैं और जो हमारी कं ट्री मार्किट हैं आपके प्रोडक्ट से काफी
प्रभावित है । जो डिजाइन और स्टाइल आप अपनी लेडीज अंडर गारमेंट्स में देते हो उनका तो कोई मुकाबला ही नहीं है ।
आपका ब्राण्ड इंडिया में ही नहीं वर्ल्ड वाइड छा गया है। आपकी जो ब्रा होती हैं उनके जो कप का डिजाइन आप करते हैं वह
आजकल मार्के ट में ट्रेंड में चल रहा है । आपके प्रोडक्ट , प्रोडक्ट ही नहीं बल्कि कोहिनूर है इस मार्के ट में, इस प्लेटफार्म में ।
राके श अपने ब्रांड की तारीफ सुनकर खुश हुआ लेकिन वह समझ गया था कि यह सब तो ठीक है लेकिन इसमें इतना मिर्च
मसाला लगाकर यह जैपनीज क्यों बता रहे हैं ।
आगे ट्रांसलेटर ने कहा सर हम आपकी ब्रांड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं और यह इन्वेस्ट हम जापान में ही करेंगे तो हम आपसे
इस बारे में डिस्कस करना चाहते हैं ।
की आप जापान में अपने ब्रांड के प्रोडक्ट मैन्युफै क्चर कीजिए और जिससे कि आपका जापान इरान ऑस्ट्रेलिया इन देशों में
भी आपके प्रोडक्ट का डिमांड काफी अच्छा हो जाएगा और इसमें हम इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हैं ।
लेकिन उसमें 40% हमारा होगा और 60% आपका इन्वेस्ट आपको कु छ नहीं करना है इन्वेस्ट सारा हम करेंगे बस आपके
ब्रांड का नाम होना चाहिए और ब्रांड का नाम ही क्यों सर जो प्रोडक्ट आप की कं पनी बनाती है वही प्रोडक्ट्स होनी चाहिए
ताकि यह ब्रांड दुनिया की नंबर वन ब्रांड बने ।
इस बारे में बात ही चल रही थी और मीटिंग में यह फिक्स हुआ कि राके श मान गया जापान में अपनी ब्रांड की एक ब्रांच
स्थापित करने को ।
लेकिन उसके लिए उसे विजिटर्स के साथ जाकर वहां का सर्वे डाक्यूमेंट्स भी चेक करना था और राके श किसी और पर
विश्वास ना करके खुद ही वहां जाकर देखना चाहता था । उसने तुरंत अपने सेके ट्री को बुलाया और कहा - मैं आज जापान
के लिए निकल रहा हूं मुझे आने में 4 दिन लगेंगे तब तक के लिए आप यहां पर हो ही तो मुझे चिंता करने की कोई जरूरत
नहीं है । और बस ऐसा कहकर सबसे उसने सबसे हाथ मिलाया और अपने के बिन से बाहर निकल गया ।
हर मीटिंग को डिसमिस करने का यह अंदाज राके श ने धर्मवीर जी से सीखा था । इसमें उन्हें प्राउड फील होता था कि अपनी
बात रखी और निकल लिए । सामने वाले को यह दिखा दो कि हम तुम्हारे बाप हैं । अपने इसी अंदाज को कायम रखते हुए
राके श ने ऐसा किया था ।
उसने अपनी जेब से सिगरेट का पैके ट निकाला और सिगरेट का कश मारते हुए उपासना को कॉल करने लगा ।
राके श - उपासना - राके श मुझे निकलना होगा और मैं घर नहीं आ पाऊं गा क्योंकि घर आकर भी मुझे ऐसा कु छ खास नहीं
करना है । मैं जापान के लिए निकलना है ।
उपासना - जी मैं पूछ रही हूं कि वहां आपकी गाड़ी में तो कोई एक्स्ट्रा कपड़े भी नहीं थे , तो कपड़े तो आप लेने आएंगे या
किसी को भेज रहे हैं कपड़े लेने के लिए घर पे ।
राके श - कपड़े में अभी यहीं से खरीद लेता हूं ऐसा कह कर उसने कॉल रख दिया ।
उधर उपासना कि मन में अचानक क्या एक्साइटमेंट सी हुई उसने तुरंत शालिनी को कॉल लगाया ।
उधर शालीनी लंड पर कू द कू दकर चुद रही थी अपने बॉयफ्रें ड से ।
उपासना उसकी आह आह की आवाज सुनते हुए - ओ माय गॉड लगता है गलत टाइम पर कॉल कर दिया। वैसे यह बताने के
लिए कॉल किया था कि आज तुम्हारे भैया जापान के लिए जा रहे हैं हम 4 दिन के लोए ओर हम चार दिन तक साथ सोयेंगे।
सिर्फ इतना सुनते ही शालीनी ने तुरंत एक्साइटमेंट के साथ पूछा -क्या भैया जा रहे हैं जापान ।वह तो मेरा ड्रीम कं ट्री है मैं भी
जाऊं गी भैया के साथ । अगर भैया कं फर्टेबल हो तो मैं भी घूम आऊं गी ।
उपासना - अच्छा बाबा तो मैं उनसे पूछ लेती हूं या तुम ही अपने भैया को कॉल कर लो, और उनसे बात कर लो ।
शालिनी ने राके श के पास कॉल किया । राके श ने देखा शालिनी का कॉल है ।उसने तुरंत फोन रिसीव किया ।
राके श - दरअसल ये खुशखबरी तुम्हें आकर बताऊं गा अभी मैं जापान के लिए निकल रहा हूं ।
राके श - क्यों मैं तो अके ला ही जाऊं गा । विजिटर्स मेरे साथ है बस जो हमारे साथ इधर से चलेंगे उधर से अके ला ही आऊं गा ।
शालीनी - भैया मैं इसलिए कह रही थी कि मुझे भी जापान घूमना था । वह कं ट्री घूमने के लिए बहुत दिन से सोच रही थी और
आप जा रहे हैं तो मैंने सोचा भैया के साथ ही निकल जाती हूँ दोनों बहन भाई घूम भी आएंगे अगर आप कं फर्टेबल है तो मैं
चल सकती हूं अदर वाइज कोई बात ही नहीं है फिर कभी ट्रिप पर चली जाऊं गी ।
राके श ने सोचा कि अके ला ही तो जा रहा हूं और बहन कह रही है तो मना भी नहीं कर सकता वरना सोचेगी कि भैया ख्याल
नहीं रखते हैं ,, और डरते हैं खर्च करने से ऐसा ही सोचते सोचते राके श ने कहा।
राके श - नहीं कं फर्टेबल हूं मैं और यदि तुझे चलना है तो जल्दी ऑफिस आ जाओ ।
शालिनी ने इतना सुना और एक साथ चुदते चुदते लंड पर से एकदम उठ गई और उठ कर तुरंत कपड़े पहनने लगी ।
उधर शालीनी का बॉयफ्रें ड झड़ने ही वाला था प्रिय पाठकों आप खुद सोचिये लंड झड़ने में कु छ सेकं ड की बात और हो बस
और उस टाइम पर तुम्हारी गर्लफ्रैं ड अचानक उठकर अपने कपड़े पहन लें तो आपको कै सा लगेगा ।
मैं बताऊ आपको कै सा लगेगा - आपको लगेगा को उसे तो आप कु छ बोल नही सकते हो क्योंकि आप अपनी गिरलफ़्रें ड को
बहुत चाहते हो । लेकिन मन मन मे तो जरूर बोलोगे - बहन-की-लौड़ी खड़े लंड पर धोका दे गई ।
शालीनी अपनी गाड़ी लेकर भैया के ऑफिस की तरफ चल दी और गाड़ी में म्यूजिक सिस्टम में ये वाला गाना सुनते हुए जा
रही थी -
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दोस्तों कहानी कै सी चल रही है बताते रहना आपसे निवेदन है ।
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Update 9.
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प्रिय पाठकों - आज का अपडेट बड़ा ही मस्त होगा । कु छ जिंदगी की सच्चाइयों से भरा हुआ और आज वैसे भी तुम्हारे राइटर
का जन्मदिन है तो वैसे भी कलम से जादू दिखाऊं गा आज मैं । अब कहानी जमने लगी है आगे वो होगा जो कोई कल्पना भी
नही कर सकता ।
और हां मेरे प्रिय पाठकों मेरे fans को बताना चाहूंगा कि दोस्तो आज एक चुदाई कहानी मैं पढ़ रहा था तो मैंने पोस्ट रिप्लाई
में राइटर से कहा कि चुदाई जब कराओ इस बाप बेटी की तो आग लगा देना भाई ,
तो बदले में दोस्तो उस राइटर ने वहाँ सबके सामने बेइज्जती कर दी मेरी उसने कहा मुझे लिखना मत सिखा writing skills
में मैं तेरा बाप हूँ ,
तो प्रिय पाठकों क्या ये सही था । इस कहानी को अब मैं इतनी hit लिखूंगा की एक दिन उसकी भी नजर पड़ेगी और वो भी
पढ़ेगा और उसके लिए नीचे कु छ लाइन्स लिखी है मैंने कि -
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शालिनी कु छ समय बाद ऑफिस पहुंची अभी अभी अभी चूत की चुदाई कराई थी जिस वजह से उसकी पेंटी भी गीली पड़ी
थी , उसने सोचा कि मैं पहले नहा लेती हूं।वह जल्दी से ऊपर वाली मंजिल पर गई , जो सिर्फ मालिक लोगों के लिए होता है ।
वहां पर जाकर उसने अपने कपड़े उतारे और एक आर्टिफिशियल स्विमिंग पूल में नहाने के लिए उतर गयी ।
उसने स्विमिंग पूल में पानी का टेंपरेचर नॉर्मल किया , जिससे कि पानी ना ही ठं डा महसूस हो रहा था और ना ही गरम । 10
मिनट तक नहाने के बाद शालिनी स्विमिंग पूल पूल से निकली
अब कु छ अच्छा महसूस कर रही थी। जो चुदाई की थकावट थी वह भी निकल गई थी।
अब शालिनी ने सोचा कि क्या पहना जाए , शालिनी ने जींस और ऊपर के लिए एक शॉर्ट गाउन निकाला ।
शालिनी की गाड़ी में हमेशा एक दो जोड़ी कपड़े extra रखे होते हैं ।
उधर आरती अपने फ्रें ड्स के साथ होटल पहुंचकर घूमने की प्लानिंग कर रहे थे ।कि उन्हें कोई गाइड करने वाला हो, जो यहां
पर उन्हें घुमा सके ।
क्योंकि यहां के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी अचानक आरती की फ्रें ड को मायूस बैठा देखकर आरती ने पूछा कि
क्या हुआ तुम ऐसे चुप क्यों बैठी हो ?
उसने कहा कि उसके बॉयफ्रें ड से उसका ब्रेकअप हो गया है । आरती बोली कि जो तुम्हारा बॉयफ्रें ड था उसे तो मैं भी जानती
हो ।
आरती की फ्रें ड बोली मैं तुम्हारी तरह जवानी में भरी हुई नहीं हूं ना ,तुम्हारी तरह मेरी गांड बाहर नहीं निकल रही है ना, तुम्हारी
तरह मेरी छातियों उठी हुई पहाड़ की तरह नहीं रहती हैं । इसलिए मेरे जैसी लड़कियों को पसंद करता ही कौन है।
आरती ने कहा गलती तुम्हारी नहीं है तुम्हें कोई बहुत प्यार करने वाला मिलेगा । उस लड़के को तो मैं जानती ही हूं और अब
तुम उसकी उम्मीद छोड़ दो कि वह तुम्हें अपनी जीएफ के रूप में दोबारा देखना चाहेगा क्योंकि वह तुम्हारे साथ सिर्फ धोखा
कर रहा है ।
आरती ने कहा मैं तुम्हे एक बात बोलू आरती की फ्रें ड बोली बोलिए तो आरती ने इस कदर अपने लफ्जों को शायरी में पिरोया
।
आरती बोली -
तू क्या सोच रही है तू अके ली है नहीं मेरी फ्रें ड बहुत रोए हैं इस प्यार में,
यह सब सुनकर आरती की फ्रें ड आरती से बोली क्या बात है। आज तो मेरी जान शायराना अंदाज में है ।
आरती यह सुनकर उसे बोली कि मेरी जान यह शायराना अंदाज मेरा नहीं है ।
वह मुस्कु राते हुए बोली कि एक शायर है जो आजकल मुझे भी शायरी सिखा रहा है ।
आरती बोली की है एक पागल सरफिरा जो दिलो दिमाग पर अपना घर बनाता जा रहा है। और उसकी बातों में जादू है। जब
वह बोलता है तो लगता है कि हर लाइन उसने मेरे लिए ही बोली है। उसकी हर लाइन में इतना प्यार इतना रहस्य इतनी मिस्ट्री
होती है कि मैं तो समझ ही नहीं पाती कि दिमाग से सुनूं या दिल से। आरती यह बोले जा रही थी ।
शालिनी राके श की आंखों के आगे आई तो अपने शरारती अंदाज में बोली भैया मैं कै सी लग रही हूं। अकॉर्डिंग टू जापान यह
मेरी ड्रेस सही है।
राके श ने जैसे ही उसे देखा राके श तुम मानो पागल ही हो गया शालनी की हिरनी जैसी आंखों पर लगा हुआ काला चश्मा
उसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहा था।
राके श बोला आज तो मेरी बहन लगता है दिलों पर राज करेगी यह बोलते हुए राके श मुस्कु रा दिया ।
राके श बोला आज तो तुम बिल्कु ल ही कयामत लग रही हो कयामत से भी ऊपर लग रही हो । तुम्हारा यह ड्रेस लुक बहुत
अच्छा है शालिनी तुम्हें देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि तुम कोई हीरोइन नहीं हो । तुम बिल्कु ल हीरोइन ही लग रही हो
।
शालीनी यह सुनकर मुस्कु रा दी उधर राके श ने पहली बार ऑब्जर्व किया कि उसकी बहन पूरी तरह से जवान हो गई है।
उसकी बहन की उम्र भी तो जवानी में लंड खाने के लायक ही है राके श कहने लगा अपने मन में ।
राके श ने पहली बार ऑब्जर्व किया था कि शालिनी की जांगे भर गई है उपासना से तो मोटी नहीं है , लेकिन हां अब कपड़े
फं सने लगे हैं। उसकी जवानी में कोई भी कपड़े पहन लो वही फस जाते हैं । राके श सोचने लगा कि अब शालिनी की शादी
कर देनी चाहिए क्योंकि वह अब जवान हो गई है यह सोचते सोचते उसकी नजर उसकी छाती के ऊपर पड़ी तो मानो रेड
कलर में वह फटने को तैयार हो रही हो । और जैसे खरबूजा होता है खरबूजे जैसे चूचे तो उसके छाती पर इस तरह शोभा दे
रहे थे जैसे हिमालय पर्वत ।
उनकी गोलाई और उनका उठाव पागल कर गया राके श को और राके श के मुंह से निकला-
अपने भाई राके श के मुंह से ऐसी लाइंस सुनकर शर्मा गई शालिनी और कहने लगी भैया आप तो कोई पहुंचे हुए शायर लगते
हैं ।
यह शायरी आपने कहा सुनी राके श ने कहा मैंने यह सुनी नहीं है तुम्हें देखकर ऑन द स्पॉट बनाई है ।
उसके बाद शालिनी और राके श तुरंत गाड़ी की तरफ चल दिए । दोनों गाड़ी में जा कर बैठे ।
आगे ड्राइवर गाड़ी चला रहा था और गाड़ी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरफ भाग रही थी ।
अचानक राके श ने पीछे वाली गाड़ी के ड्राइवर से कहा ,( जो जैपनीज वाली गाड़ी चला रहा था ) तुम एयरपोर्ट चलो हम जरा
कु छ शॉपिंग करके आते हैं । कु छ कपड़े खरीदने हैं वह मैं खरीद कर आ रहा हूं एयरपोर्ट पर ही मिलूंगा ।
लेकिन जब राके श ने फोन किया तो गाड़ी में हिंदी गाना बज रहा था जिसे सुनकर राके श ने सोचा कि जैपनीज तो बोर हो रहे
होंगे ।उसने अपने ड्राइवर से कहा कि कोई हॉलीवुड का इंग्लिश सॉन्ग प्ले करो या इसे बंद करो।
क्योंकि जैपनीस हिंदी नहीं समझ पा रहे होंगे ऐसा कह कर उसने कॉल रखदी ।
राके श ने भी अपनी गाड़ी में भी एक इंग्लिश गाना चला दिया । गाना कु छ इस तरह था -
यह गाना शालिनी को बहुत पसंद आया उसने पहली बार सुना था और वह गाने में खो गई ।
उसके बाद उधर दूसरी तरफ उपासना अपने कमरे में बैठी हुई सोच रही थी कि आखिर क्या किया जाए ।
अचानक उसके मन में पता नहीं क्या आया वह उठी और उठ कर नहा कर आई।
नहाने के बाद उसने एक पार्लर वाली को बुक किया और घर बुलाया कु छ ही देर बाद दोस्तों उपासना बैठी हुई थी नीचे फर्श
पर ।
उसने सिर्फ ब्रा और पेंटी पहन रखी थी । ड्रेसिंग कमरे में सिर्फ उपासना और पार्लर वाली ही थे , गेट लॉक था ।
दोस्तों उपासना ने आज अपने हाथ की उंगलियों से लेकर अपने कं धे तक मतलब पूरी पूरी बाजुओं पर मेहंदी लगाई थी ,
फू लों के डिजाइन से ।
और पैरों की शुरुआत हो चुकी थी और उसने पार्लर वाली को बोला कि उसे अपने पैरों की उंगलियों से लेकर अपनी जांघों
को मेहंदी से सजाना है ।
पार्लर वाली ने उसकी टांगो पर मेहंदी लगन शुरू किया तो घुटनो तक तो फू लों के डिजाइन बनवाये उपासना ने और उसके
बाद गदरायी जांघो पर उसने पत्तियों के डिजाइन बनवाये । और उनके डिजान्स के बीच मे मेहंदी से slut और आपकी रंडी
लिखवाया ।
उसके बाद उसने पेट पर भी मेहंदी लगाई मतलब पूरी तरह से सजने धरने का प्रोग्राम आज उपासना बना चुकी थी।
दो-तीन घंटे के बाद मेहंदी सूखने के बाद उपासना नहाने चली गयी तो दोबारा से उपासना नहा कर निकली ।
दोस्तों ऊपर से नीचे तक मेहंदी में रची हुई उपासना शीशे के सामने खड़ी थी । उसकी गांड पीछे को निकली हुई थी और
छातियां आगे को निकली हुई थी ।
उपासना ने मेहंदी से अपनी छातियों पर भी निप्पल के चारों ओर एक गोल सर्क ल बनवाया था।
जिससे उसकी चूचियां इतनी ज्यादा मस्त लग रही थी कि अगर किसी की आंखों के सामने नंगी आ जाए तो उनको खा ही
जाए ।
उसके पेट पर नाभि के चारों तरफ भी मेहंदी से बना हुआ एक सर्क ल था । जो और भी ज्यादा अपनी तरफ आकर्षित कर रहा
था ।
अपनी क्लीन चूत के चारों तरफ मेहंदी की एक लाइन खिंचवा रखी थी । और चूत के 3 इंच ऊपर जहां से जाटों की शुरुआत
होती है, वहां से उसने तकरीबन कोई इन 4 इंच के घेरे में झांटें छोड़ दी थी, यानी कि वह साफ नहीं की थी।
फिर उसकी नीचे भरी-भरी जांघें जो सिर्फ आगे से मेहंदी से रची हुई थी , लेकिन पीछे से नहीं ताकि कोई भी देखे तो उसे
उपासना की जांघ सामने से सजी-धजी ही नजर आए।
लेकिन जब उसे सीधी लिटा कर उसकी टांगों को मोड़ कर उसकी छाती से लगाए तो पीछे की तरफ की जांघ , जब सामने
आए तो उन पर मेहंदी रची हुई नहीं दिखेगी ,वह बिल्कु ल नंगी मोटी जांघ दिखेगी ।
इस तरह से अपने आपको एक यूनिक तरीके से सजाकर मन ही मन बड़ी मुस्कु रा रही थी उपासना ।
उसे ड्रेस क्या पहनना है वह जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर बेड पर एक-एक ड्रेस कोअलग करने लगी।
पहले उसे एक गाउन मिला तो उसने सोचा कि गाउन पहनकर सजी हुई मैं अच्छी नहीं लगूंगी । उसने गाउन एक तरफ फें क
दिया ।
फिर दूसरे नंबर पर उसके हाथ में जींस आई तो जींस को भी उसने एक तरफ फें क दिया ।
फिर उसने एक सूट सलवार निकाले लेकिन वह सूट सलवार भी उसे पसंद नहीं आए ।
उसने सोचा क्या पहना जाए ऐसा क्या पहना जाए जिससे मेरा सजा हुआ यह रूप और भी खूबसूरत लगे ।
उसने फिर सोचा कि मैं एक काम करती हूं ऐसा सोचकर उसने तुरंत कॉल लगाया अपने मार्के ट इंस्पेक्टर को।
और कहा - I'm upasna from DS Industries. मुझे मार्के ट में जो सबसे अच्छा टेलर है उनका डाटा चाहिए।
इंस्पेक्टर ने कहा सुनकर अच्छा लगा कि आप जैसे बड़े लोगों ने हमें याद किया ।
बिल्कु ल आप एक सेकं ड का वेट कीजिए , मैं अभी निकलता हूं और निकाल कर उपासना को ट्रांसफर कर दिया ।
उपासना ने कहा - कि मुझे कोई ड्रेस सेलेक्ट करना था पहनने के लिए लेकिन मुझे कोई ड्रेस पसंद नहीं आया।
तुम्हें चाहती हूं आप मेरे घर पर 20, 30 दुपट्टे भेज दे। जो सूट सलवार के ऊपर दुपट्टे पहने जाते हैं वो वाले ।
उपासना ने कहा कि जो बिल्कु ल देसी सूट सलवार के दुपट्टे होते हैं , जो ज्यादा मोटे कपड़े की नहीं होती हैं ।
आधे घंटे के बाद आ गयी । उपासना ने उसे 1 सेपरेट रूम में बिठाया और उसे उसकी सिलाई मशीन वहां पर रखवा दी।
टेलर बैठी हुई था और उपासना से पूछने लगी - यस मैम कपड़ों में क्या मॉडिफिके शन आपको कराना है ।
यह सुनकर टेलर कहने लगी - मैडम मैं सूट सलवार के कपड़े तो लेकर ही नहीं आई हूं । मैं तो के वल चुन्नियां लेकर आई हूं ।
उपासना ने कहा - यही तो ट्विस्ट है की मुझे चुन्नी वाले कपड़े के सूट सलवार पहनने हैं , तो तुम कितना टाइम लोगे इन्हें
सीलने में ।
टेलर यह सुनकर चौंक गई और कहने लगी - मैम ऐसे भी कोई सूट सलवार पहनता है क्या ।
उपासना अभी दरअसल साड़ी पहनकर खड़ी हुई थी। इस वजह से टेलर को नहीं समझ आ रहा था कि यह चुडक्कड़ रंडी
क्यों बनवा रही है दुप्पटे वाले कपड़े के सूट सलवार ।
तो टेलर ने कहा - ठीक है मैम जैसा आप चाहो मुझे तो बनाना है , आप किसी भी कपड़े का बनवा लो। मैं आधे घंटे में रेडी
कर दूंगी । दुपट्टे के कपड़े के सूट सलवार तो वैसे भी जलदी बन जाएंगे ।
जैसे ही उसने साड़ी उतारी तो टेलर चोंक गयी उसकी सजावट देखकर । नाभि के चारो और सर्क ल देखकर मेहंदी से लगा
हुआ वह बहुत ही ज्यादा उत्साहित हो गई और पूछने लगी कि भाभी आज कोई फं क्शन में जाना है क्या आपको ?
इस वक्त दोस्तों उपासना ने फु ल स्लीव का ब्लाउज पहना हुआ था मतलब पूरी ढकी हुई थी फु ल कपड़े में जिस वजह से
उसकी बाजू की मेहंदी टेलर को दिखाई नहीं दे रही थी।
और नीचे पहना हुआ था उसने पेटीकोट जिस वजह से नीचे की मेहंदी भी उसे दिखाई नहीं दे रही थी ।
उसे के वल उसके हाथों की और उसके पेट पर आगे बने सर्क ल ही दिखाई दे रही थी।
उसने नापा लेना स्टार्ट किया तो उपासना ने कहा - आप पीछे से गला डीप रखना सूट का , और उसकी जो कु र्ती होगी वह मेरे
हिप्स तक ही रहेगी ।
यह कहकर उसने नापा देना स्टार्ट किया तो टेलर ने उसकी जांघों को फीते से नापा तो वह हैरान रह गई क्योंकि उसकी जांघे
नॉर्मल लड़कियों के मुकाबले काफी मोटी थी ।
उसने उसके बाद उसने उसकी कमर में फीता डाला तो उसकी कमर का पतलापन देखकर वह हैरान रह गई।
उसके बाद उसने उसकी छातियों में फीता डाला छाती भी नॉर्मल लड़कियों के हिसाब से और उसकी एज के हिसाब से काफी
गदरा गई थी । छातिया नहीं दोस्तों हम उन्हें पके हुए पपीते बोल सकते हैं ।
उसके हिप्स का नापा लिया तो उपासना के हिप्स भी चौड़े चौड़े थे । साड़ी भी नाकाम साबित होती थी उस गांड को ढकने में
और आज ये चुदक्कड़ देवी उस गांड को झीनी सी सलवार से ढकने के ख्वाब देख रही थी ।
उधर दूसरी तरफ धर्मवीर अपने कमरे में बैठकर लैपटॉप में कु छ देख रहा था।
अचानक धर्मवीर ने सोचा कि नीचे जाकर दूध ही पी लेता हूं, लेकिन उसने सोचा की उपासना को मैं कॉल कर देता हूं।
उसने उपासना को कॉल किया - उपासना मेरे कमरे में दूध दे जाओ ।
उपासना यह सुनकर थोड़ा शरमा गई लेकिन उसने जल्दी से एक बड़ा सा शॉल लिया और अपने पेट और कमर को भी छु पा
लिया । साड़ी पहन ही रखी थी ।
उपासना दूध लेकर राजवीर के कमरे में गई तो दोस्तों धर्मवीर की आंखों ने जब उपासना को देखा तो उपासना के प्रति उसके
दिल में उपासना की और इज्जत बढ़ गई वह सोचने लगा - कि मेरी बहन और मेरी बहू में कितना फर्क है।
आरती और उपासना में कितना फर्क है।
बहू मेरे घर की मान और मर्यादा का कितना ख्याल रखती है। वास्तव में भगवान ऐसी बहू सबको दे मेरी बहू करोड़ों में एक है
।अपनी बहू की तारीफ मन ही मन करता हुआ उसने दूध उसके हाथों से जैसे ही लिया ।
तो उपासना के रचे हुए हाथ देखकर वह मन में चौक गया , सोचने लगा धर्मवीर कि रात को जब सब डिनर कर रहे थे तब तो
उपासना के हाथों पर कु छ भी नहीं था। और अब उपासना के हाथ बिल्कु ल रचे हुए हैं।
आज तो कोई त्यौहार या कोई फं क्शन भी नहीं है मन में धर्मवीर ऐसा सोच ही रहा था कि तभी उसने सोचा हो सकता है
उपासना को आज कहीं पर जाना हो। किसी फं क्शन या पार्टी में तो अनायास ही पूछ बैठा की - बहू आज तुम कहीं जाने
वाली हो क्या ?
उपासना ने कहा कि- आज वो और उनकी बहन यानि मेरे पति राके श और शालिनी दोनों जापान गए हैं ।
और आरती दीदी भी अपने फ्रें ड्स के साथ हिल स्टेशन गई हैं लेकिन वह तो शाम तक आ जाएंगी ।नहीं पापा जी मुझे तो
ऐसा कहीं कोई खास पार्टी में नहीं जाना है ।
धर्मवीर ने कहा - हाँ कॉल आया था राके श का उसने बताया इस प्लान के बारे में कि वह दोनों बहन भाई जपेन जा रहे हैं ।
अच्छा है बहू की अपने बिजनेस की पकड़ और भी मजबूत हो और हम दौलत और शोहरत दोनों में अपना नाम और बड़ा करें
। राके श की लगन देखकर मुझे लगता है कि वह अपने बाप के नाम को रोशन कर देगा ।
लेकिन यह बोलने के बाद में धर्मवीर ने मन में सोचा कि बहू को कहीं आज जाना भी नहीं है । और राके श भी घर पर नहीं है
जो पति के लिए सजी हो तो फिर आज बहू ने हाथ क्यों रचाये हुए हैं धर्मवीर ऐसा मन में सोच ही रहा था लेकिन पूछने की
हिम्मत नहीं कर सका ।
और दूध लेकर अपने बेड पर बैठ गया उपासना दूध देकर जैसे ही जाने को मुड़ी तो दोस्तों साड़ी और शॉल से ढकी होने के
बावजूद भी उपासना की गांड की लचक महावीर की नजरों से बची ना रह सकी । और मजबूर हो गया धर्मवीर अपनी आंखों
से स्कै न करने को ।
उसका bubble ass यानी चौड़ी गांड एक बार तीर मार गई महावीर के दिल में। और अपनी नजरो से ही अपनी बहु को नंगा
करने लगा ।
आजकल की इतनी मॉडर्न घर की इतनी हाई प्रोफाइल फै मिली से बिलोंग करने वाली लड़कियों को मैंने नंगे घूमते हुए देखा है
। लेकिन मेरी बहू ढकी हुई है पूरी की पूरी और उसके बावजूद भी मैं अपने मन में उसकी गांड को घूरने के सपने देख रहा हूं ।
छी मैं कितना गंदा इंसान हूं मुझे ऐसा नहीं होना चाहिए । मैं तो धरती पर कलंक ही हूं । मैं इंसानियत पर कलंक हूं । मुझे
अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए और मैं किस रास्ते पर चलने की सोच रहा हूं।
उपासना जैसे ही नीचे आई राके श का कॉल आया हूं कि हम दोनों बहन भाई एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं ।
यह सुनकर उपासना खुश हुई और अपने पति को प्यारी सी किस देकर फोन रखा ।
उपासना ने जो ड्रेस बनवाई थी दोस्तों उसकी जो नीचे सलवार थी वह पूरी चुस्त टाइट बनवाई थी , और उस सलवार की
लंबाई घुटनों से थोड़ा ही नीचे तक थी यानी की पूरी पैरों तक नहीं घुटनों से हल्का नीचे तक की थी जहां तक कै परी होती है ।
और वह चुस्त सलवार के ऊपर चुन्नी वाले कपड़े की ही कु र्ती थी यानी की सलवार और कु र्ती दोनों ही चुन्नी वाले कपड़े के थे ।
और दोनों ही चुस्त और टाइट ।
आखिर आज क्या होने वाला है , क्या आज रात को नंगा नाच होने वाला है। क्या आज उपासना चुदने वाली है । क्या
उपासना एक ताबड़तोड़ चुदाई के लिए तैयार हो रही है । क्या उपासना को चार या पांच मर्द मिलकर चोदने वाले हैं आज की
रात । क्या उस उपासना के सारे छेदों में आज वीर्य भरा जाना है रात को । आखिर आज साला होने वाला क्या है यह यही
आप सोच रहे होंगे ना ।
मां कसम आज एक बार फिर कहता हूं कि मां कसम आग लगा दूंगा इस कहानी के जरिये हर चुत और लंड में । इस कहानी
को पढ़कर चूतों में से अनलिमिटेड पानी की नदी बहेगी और लंड वालो को चूतों के सपने खुली आँखों से भी दिखने लगेंगे ।
वादा है मेरा प्रिय पाठकों कि तुम्हें लत लगा दूंगा मेरी कहानियों की।
......
Update 13.
Hi Dosto kaise ho ap I think tadap rahe honge sab next update k liye...jyada na tadapte hue
anand lijiye is update ka.
*******
जैसे ही धर्मवीर उठकर चला तभी दरवाजे पर से तालियों की आवाज आने लगी ।
उपासना की बहन पूजा (राके श की साली) और उपासना के पापा सोमनाथ जी खड़े थे।
सोमनाथ जी ने गुर्राते हुए कहा कि मैंने सोचा भी नही था मैं अपनी बेटी की शादी एक ऐसे परिवार में कर रहा हूँ जहां हैवान
रहते हैं।
उपासना - पापाजी इसमें हमारी गलती नही है ये मैं आपको बताना चाहती हूं।
ऐसा कहते हुए उपासना ने नजरें नीची कर ली तभी उपासना की बहन पूजा अपने पापा सोमनाथ से बोली ।
पूजा - पापाजी अभी तो काफी रात हो गयी है , हम सुबह जलड़ी ही निकल लेंगे।
ऐसा कहकर पूजा सोमनाथ जी का हाथ पकड़कर कमरे से बाहर की तरफ निकलने लगी ।
तबतक धर्मवीर कपड़े पहनकर उनके पीछे पीछे चल दिया और आगे आकर हाथ जोड़ते हुए बोला ।
धर्मवीर - समधी जी आप मुझे गलत न समझे मैने एक बाप होने का फर्ज निभाया है, मैं जानता हूँ इसमे गलती आपकी बेटी
उपासना की नही मेरे बेटे राके श की है। लेकिन दोनों बच्चे हमारे अपने ही तो है, इन्ही बच्चो से हमारा सबकु छ है।
मैं आपको सारी बात बताऊं गा उसके बाद जो सजा आप मुझे देना चाहें मुझे मंजूर होगी ।
सोमनाथ ने ऐसा सुना तो उसके दिल मे कु छ दया के भाव आये और वो ऊपर वाले फ्लोर की तरफ चल दिया ।
तीनों सोमनाथ, धर्मवीर और पूजा लिफ्ट से न जाकर सीढ़ियों से चल रहे थे । आगे आगे सोमनाथ और पूजा थे पीछे पीछे
धर्मवीर चल रहा था ।
चलते चलते जैसे ही धर्मवीर की नजर पूजा पर पड़ी उसका मुह खुला का खुला रह गया ।
उसने देखा कि पूजा तो उपासना को भी पीछे छोड़ गई है अपनी जवानी की तुलना में।
धर्मवीर ने ध्यान से देखा कि पूजा चलते वक्त बिल्कु ल ऐसी लगती है जैसे दो बच्चो की मां हो ।पूजा को देखकर कोई नही कह
सकता कि वो कुं वारी है।
पूजा के चूतड़ों का हिलना ही बता रहा था कि उसने एक नही कई सारे लंडो के बीच मे खेल खेले हैं । उपासना की गांड में
पूजा के मुकाबले काफी कसाव था शादीशुदा होने के बावजूद भी । जबकि पूजा की गांड में वो कसाव नही था जो कं वारी
लड़कियों में होता है। पूजा की गांड कु छ ढीली और फै ली हुई सी प्रतीत हो रही थी ।
उसकी जांघो को सही से तो नही देख पाया धर्मवीर क्योंकि सलवार ढीली थी पर इतना उसने सोच लिया था कि गांड के
हिसाब से जांघे मोटी होंगी जो चूत को छु पकर रखती होंगी ।
धर्मवीर सोमनाथ जी के सामने बैठा था और पूजा साइड में। स्टूल रखा हुआ था उस पर जैसे ही पूजा बैठी तो पूजा के चूतड़
दोनों तरफ फै ल गए और स्टूल उसके चूतड़ों में धंस गया ।
यह देखकर धर्मवीर के मुंह में पानी आ गया सोचने लगा काश इस स्टूल की जगह मेरा मुह होता , तभी सोमनाथ जी ने
धर्मवीर की ओर देखते हुए पूछा कि मैं जानना चाहता हूं आखिर बात क्या है ।
धर्मवीर खामोश होते हुए कु छ सोचने लगा और फिर बोलने लगा - बात दरअसल ऐसी है समधी जी कि मेरा बेटा कोई
नपुंसक नहीं है, मेरा बेटा हष्टपुष्ट है, लंबा तगड़ा है किंतु उसके वीर्य में बच्चे पैदा करने की काबिलियत नहीं है।
और यह बात मुझे आज ही पता चला फिर उसने सारी बातें सोमनाथ जी को बताई कि किस तरह उस बाबा ने उन्हें बताया ।
घर डूबने से लेकर आने वाले भविष्य की भविष्यवाणी को बताते हुए सारी बातें बताई धर्मवीर ने।
खामोशी को तोड़ते हुए सोमनाथ जी ने कहा- मैं आपकी बात से सहमत हूं समधी जी।
और मुझे इससे कोई भी शिकायत नहीं है। ऐसा कहते हुए सोमनाथ में खड़े होकर धर्मवीर के कं धे पर अपना हाथ रखा।
सोमनाथ जी बोले चाय पीने का मन कर रहा है बेटा पूजा तुम जाकर चाय बना लो ।
पूजा चाय बनाने के लिए उठी और किचन की तरफ चलने लगी, उसकी गांड के दोनों तरबूज ऐसे मटक रहे थे कि सोए हुए
लंड भी खड़े हो जाए ।
सोमनाथ ने बताया कि वो और उसकी बेटी पूजा इधर रास्ते से गुजर रहे थर तो सोचा उपासना से मिलता चलूं ।
जैसे ही मैन गेट पर आया तो गटर खुला हुआ था। फोन करना फिर जरूरी नही समझा।
और मैं अंदर आया तो ग्राउंड फ्लोर पर कमरे से तेज रोशनी आरही थी । कमरे में खिड़की से देखा तो आप उपासना के मुह में
अपना वो फँ सा रहे थे।
धर्मवीर सोचने लगा कि उपासना को चोदते हुए समधी जी ने पूरा देख ही लिया है तो इसमें शर्माना क्या।
धर्मवीर बोला - हां उपासना बेटी का मुंह थोड़ा कम खुल रहा था जिस वजह से थोड़ा टाइट गया ।
सोमनाथ - वैसे बेटी आपको झेल लेगी इसकी उम्मीद बिल्कु ल नही थी।
धर्मवीर ऐसी बाते सुनकर थोड़ा खुलकर बात करने के मूड में था ।
धर्मवीर बोला - नही ऐसी उम्मीद आपकी गलत थी क्योंकि उपासना तो मेरे जैसे दो को बराबर टक्कर दे सकती है । बस शुरू
में थोड़ा दिक्कत हुई उसे।
धर्मवीर - सोमनाथ जी उपासना की जवानी जिस तरह फटने को बेताब है आप देखकर ही अंदाजा लगा सकते है कि ये
बिस्तर पर हारने वाली चीज नही है । ऊपर से ही सुशील और संस्कारी दिखती है पर जब अंदर की रांड जगती है तो
पिछवाड़ा उठा उठाकर पूरा लंड लेती है ।
सोमनाथ अपनी बेटी के बारे में ऐसी बात सुनकर गरम हो रहा था क्योंकि उसने भी देखा था किस तरह उपासना पूरा लंड खा
गई थी।
धर्मवीर - हांजी समधी जी देखिए आगे क्या होता है वैसे मैने अपनी ताकत लगाकर बहु के अंदर बीज डाला है।
सोमनाथ -समधी जी बताना तो नही चाहता पर दिल नही मान रहा अभी कु छ दिन पहले अपनी छोटी बेटी पूजा को एक
लड़के के साथ पकड़ा था मैंने। वो लड़का 15 साल का था , उसका लंड लगभग 4 इंच का था।
धर्मवीर यह सुनकर सोचने लगा कि पूजा तो वैसे भी देखने मे औरत ही नजर आती है पूजा पर चढ़ने के ये मौका अच्छा है ।
पूजा जाकर चाय बनाने लगी तभी सोमनाथ जी ने कहा कि मुझे आपके कार्य से कोई एतराज नहीं है। और यह बात मैं बेटी
को भी कहना चाहता हूं कि उसने भी अपने घर की इज्जत के लिए किया है । आप उपासना बेटी को भी बुला लीजिये।
यह सुनते ही धर्मवीर ने उपासना को फोन किया और ऊपर आने को कहा हॉल में ।
उपासना उठी और ऊपर की तरफ चलने लगी लेकिन जैसे ही उठकर वह चलने चलने लगी उसकी आंखों के सामने अंधेरा हो
गया ।
क्योंकि एक भयंकर चुदाई उसकी हुई थी उससे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था।
उसने जल्दी से सजे सूट सलवार पहना और लिफ्ट से ऊपर आगयी लड़खड़ाते हुए ।
लिफ्ट से निकल के हॉल की तरफ चली तो उसकी चाल देखकर धर्मवीर ने अपनी गर्दन झुकाली और सोमनाथ का मुंह खुला
का खुला रह गया ।
उपासना किसी बुरी तरह से चुदी हुई रंडी की तरह धीरे धीरे उनकी तरफ बढ़ रही थी।
उपासना के चेहरे पर काजल फै ल गया था ।उसके होठों का लिपिस्टिक उसके होठों के आसपास था जो कि बिल्कु ल हल्का
हो गया था ।
जैसे ही टेबल के पास आई उपासना बैठने को बैठते बैठे फिर लड़खड़ा गयी ।
सोमनाथ जी ने उपासना की ओर देखते हुए कहा कि बेटा समधी जी ने मुझे बताया है और इसमें तुम्हारी गलती नहीं है।
मैं तुम्हारे फै सले का स्वागत करता हूं इतना सुनकर चुदी-चुदाई उपासना जो अपनी फटी हुई चूत लेकर वहां बैठी थी वह धीरे
से शरमा गई ।
सोमनाथ जी ने माहौल को ज्यादा सीरियस ना बनाते हुए धर्मवीर से कहा कि समधी जी आपने मेरी बच्ची को मार ही डाला ।
सोमनाथ चलो बेटा तुम हमारे सोने का इंतजाम करो मैं और समधी जी साथ ही सोएंगे आज।
ऐसा सुनकर उपासना और पूजा उठकर चली गयी। जातर वक्त दोनों रंडियों की गांड ऐसे हिचकोले ले रही थी जैसी किसी बड़े
तगड़े लौड़े की ख्वाहिश कर रही हों ।
दोनों हॉल में बैठे बातें कर रहे थे आधा घंटा हो चुका था।
उधर कमरे में जाते ही पूजा हंसकर कहने लगी - दीदी आज तो लगता है किसी मर्द से पाला पड़ गया है चाल भी बदल गयी ।
दोस्तो उपासना और पूजा बहन होने के बावजूद आपस मे बहुत फ्रें डली थी।
उपासना - इस मर्द के निचे तू आजाती तो आंखे बाहर आजाती समझ गयी । मैं थी जो झेल गयी ।
पूजा - शर्माते हुए - आंखे तो बाहर नही आती पर पिछवाड़ा जरूर बाहर निकल जाता ।
उपासना - बड़ी बदमाश हो गयी है और तेरी बदमाशी की गवाही तेरे ये ढोल से चूतड़ दे रहे है।
पूजा - चूतड़ तो दीदी आपके भी ढोल से कम नही है । ऐसा लगता है किसी के मुह पर बैठ गयी तो मुह दिखना बैंड हो जाएगा
।
उपासना - चल बाद में बातें करेंगे अपने कमरे में चलकर अब दोनों पापा का बिस्तर लगा दिया है उनको सोने के लिए बोलकर
चलते है ।
इतना खुधनुमा माहौल देखकर उपासना पूजा को इशारा करते हुए पीछे को हट गई और दोनों बहन छु पकर सुनने लगी ।
धर्मवीर - बात तो अपने सही कही सोमनाथ जी । दोनों ही बहन एक से बढ़कर एक हैं।
धर्मवीर - प्लान तो अपने ठीक बनाया है लेकिन डर यही है कि पूजा मुझे झेल पाएगी या नही।
सोमनाथ - और मुझे डर उपासना का है कि वो झेल पाएगी अपने पापा को या नही क्योंकि मेरा लंड भले ही आपसे थोड़ा
पतला हो लेकिन पूरे दो इंच लंबा है।
धर्मवीर - तो फिर कल दोनों बहनों की चीखें गूंजेंगी इस घर मे। कल दोनों को गोद मे उठा उठा कर बारी बारी से उनकी चूतों
का भोसड़ा बनाएंगे दोनों। देखते है कौन सी बहन चुदाई समारोह में लंडों को चूतड़ उठा उठाकर लेगी।
उधर पूजा और उपासना को कानों पर विश्वास नही हो रहा था । की उनके ससुर और पापा मिलकर उनकी चूतों और गांड का
छेद चौड़ा करने का प्लान बना रहे त
है।
सोमनाथ - लेकिन कल शाम तक दोनों को इस बारे में कु छ पता नही चलना चाहिए।
धर्मवीर - बिल्कु ल पता नही लगेगा सोमनाथ जी इतना तड़पा देंगे कु तियाओ को खड़ी खड़ी मूतने लगेंगी । तड़पकर खुद ही
कहेंगी कि-
सोमनाथ - शायरी तो अच्छी करलेते हैं समधीजी। चलिए अब बिस्तर लग गया होगा चलकर बात करते हैं।
ऐसा कहते हुए दोनों खड़े हुए और कमरे की तरफ चलने लगे ।
उधर पूजा और उपासना भी हॉल की तरफ आने लगे अनजान बनते हुए जैसे उन्होंने कु छ नही सुना हो।
उपासना- लेकिन पूजा हम भी इतनी आसानी से उनकी बातों में नही आएंगे । जैसे वो हमें खड़ी खड़ी मुताना चाहते है हम भी
इतना तड़पाएँगे कि खड़े खड़े ही पानी छोड देंगे उनके लंड।
पूजा - हां ये सही रहेगा दिनभर तड़पाएँगे दोनों को।लेकिन दीदी मेरी चूत पर तो काफी घने बाल है कल मुंहे हेयर रिमूवर दे
देना।
उपासना - ये तो और भी अच्छी बात है क्योंकि तू नही जानती मंझे हुए खिलाड़ी जब चोदते हैं तो घनी झांटो में जाता हुआ
लंड उन्हें बहुत प्यारा लगता है और ऐसी चुदाई करते है कि रंडी को भी हिलाकर रख दें।
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दोस्तों कहानी कै सी चल रही है कोई सुझाव हो तो जरूर देना। कहानी आगे जारी रहेगी। सपोर्ट के लिए दिल से धन्यवाद।
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