You are on page 1of 23

संविधान भाग - 5

(अध्याय 2. अनच्ु छेद 79 से 122)


संघीय काययपाविका एिं व्यिस्थावपका

Sky-Educare
www.skyeducare.com #Part- 8
Sky Educare www.skyeducare.com

इस PDF में जो बातें विखी गई उसको अच्छी प्रकार से


समझा कर पढाया भी गया है वजसके विवडयो YouTube
पर देखने के विए YouTube पर “Sky Educare”
विखकर सर्य करें और घर बैठे पढ़ें ....
दोस्तों इस PDF को आगे िोगों तक जरुर भेजें क्योवक
विद्या एक ऐसा धन है जो बांटने से बढाता है .
दोस्तों आप को अन्य कोई PDF र्ावहए तो आप हमें
WhatsApp नंबर पर बताएँ „
WhatsApp : 9928549654

Sky Educare www.skyeducare.com


 संसद
-------- संसद --------

राष्ट्रपवत
राज्यसभा िोकसभा

Sky-Educare
www.skyeducare.com
 संसद Sky-Educare
www.skyeducare.com

संसद भिन का वििान्यास 12 फरिरी 1921 को ड्यूक ऑफ


कनोट ने वकया ।
संसद भिन को बनने में 6 िर्य का समय िगा ।
 18 फरिरी 1927 को संसद भिन का उद्घाटन तत्कािीन गिनयर िॉडय
जनरि इरविन ने वकया ।
• संघ िासन के प्रमख
ु तीन अंग होते हैं-
 काययपाविका
 विधावयका और
 न्यायपाविका ।
• 13 मई 1952 को स्ितंत्र भारत में संसद यावन
राज्यसभा एिं िोकसभा की प्रथम बैठक हुई ।
• राज्यसभा
राज्यसभा : • राज्य का स्थाई सदन राज्यसभा है ।
राज्यसभा कभी भंग नहीं होती ।
• इसके सदस्यों का काययकाि 6 िर्य का होता है
वकंतु उनमें से एक वतहाई सदस्य प्रवत 2 िर्य बाद
पद वनित्त
ृ हो जाते हैं और निीन एक वतहाई सदस्य
पद ग्रहण कर िेते हैं ।
• सर्व प्रथम 3 अप्रैल 1952 को भारतीय संवर्धान के
प्रर्तव न के पश्चात काउं वसल ऑफ स्टेट यानी राज्यसभा
का गठन वकया गया था इसका पहला सत्र 13 मई
1952 को आहू त वकया गया ।
• सर्व प्रथम 3 अप्रैल 1952 को भारतीय संवर्धान के
प्रर्तव न के पश्चात काउं वसल ऑफ स्टेट यानी राज्यसभा
का गठन वकया गया था इसका पहला सत्र 13 मई
1952 को आहू त वकया गया ।
• संवर्धान के अनुच्छे द 80 के अनुसार राज्यसभा
संसद का उच्च सदन है वजसकी अवधकतम
सदस्य संख्या 250 वनवश्चत है। इसमें से 238
सदस्य राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों से आते हैं तथा
शेष 12 सदस्य राष्ट्रपवत द्वारा मनोनीत वकए
जाते हैं।
 राज्यसभा
----- संसद -----

अचिकिम सदस्य राज्यसभा राष्ट्रपति ऱोकसभा


250

238 12
तिर्ााचिि मिोिीि

Sky-Educare
www.skyeducare.com
• पात्रता -
संविधान के अनच्ु छेद 84 में संसद की सदस्यता के विए अहयताएं
वनधायररत की गई हैं। राज्य सभा की सदस्यता के विए योग्य होने
के विए वकसी व्यवि के पास वनम्नविवखत अहयताएं होनी र्ावहए:
(क) उसे भारत का नागररक होना र्ावहए
(ख) उसे कम से कम 30 िर्य की आयु का होना र्ावहए;
(ग) उसके पास ऐसी अन्य अहयताएं होनी र्ावहए जो संसद द्वारा
बनाई गई वकसी विवध द्वारा या उसके अधीन इस वनवमत्त विवहत
की जाएं ।
• राज्यसभा की काययिाही र्िाने के विए उसकी कुि सदस्य
संख्या का दसिां भाग उपवस्थत होना र्ावहए ।
• धन विधेयक को छोड़कर कोई भी विधेयक राज्यसभा में
प्रस्तत
ु वकया जा सकता है राज्यसभा धन विधेयक को न तो
है अस्िीकार कर सकती है और ना ही उसमें कोई संिोधन
कर सकती है।
• भारत का उपराष्ट्रपवत राज्यसभा का पदेन सभापवत होता है राज्यसभा
अपने सदस्यों में से वकसी सदस्य को उपसभापवत र्न
ु ती है ।
• जब सभापवत का पद ररि हो या जब उपराष्ट्रपवत राष्ट्रपवत के
पद के रूप में कायय कर रहा हो तब उपसभापवत उस पद के
कतयव्यों का पािन करता है।
• यवद उपसभापवत का यह पद ररि हो तो राज्य का ऐसा सदस्य
कायय करे गा वजसे राष्ट्रपवत वनयि
ु करें ।

• राज्यसभा में उपराष्ट्रपवत का पद धारण करने िािा व्यवि


यवद सभा का सदस्य नहीं रह जाता तो िह अपना पद खािी
कर देगा।
• िह अपने पद से त्यागपत्र भी दे सकता है । राज्यसभा अपने
तत्कािीन समस्त सदस्यों के बहुमत से प्रस्ताि पाररत
करके उसे उसके पद से हटा सकती है ।
• इस प्रविया द्वारा राज्यसभा के सभापवत (उपराष्ट्रपवत) को
हटा सकती है।
• राज्यसभा की वकसी बैठक में उपराष्ट्रपवत को अपने पद से
हटाने का यवद कोई प्रस्ताि विर्ाराधीन हो तब उपराष्ट्रपवत
उस सभा की अध्यक्षता नहीं करे गा ।
• राज्यसभा को प्राप्त दो वििेर्ावधकार -
• अनच्ु छेद 249 के अंतगयत राज्य सभा को यह अवधकार प्राप्त है
वक िह उपवस्थत और मतदान में भाग िेने िािे सदस्यों के दो
वतहाई बहुमत से राज्य सूर्ी के वकसी विर्य को राष्ट्रीय महत्ि
के विर्य का दजाय दे सकती है इसके पश्चात संसद इस पर
कानून बना सकती है ।
• राज्यसभा को प्राप्त दो वििेर्ावधकार -
• अनच्ु छेद 312 के अंतगयत राज्य सभा अपने दो वतहाई बहुमत से
प्रस्ताि पाररत कर नई अवखि भारतीय सेिाएं स्थावपत करने
का अवधकार केंद्र सरकार को दे सकती है ।
• राज्यसभा का महत्ि -
• यह ऐसी सभा है वजसमें देि के योग्य एिं अनभ ु िी व्यवि
राजनीवत के र्न ु ाि की परे िावनयों को झेिे बीना सदस्य बन
जाते हैं और इस प्रकार देि को उनके अनभ ु ि तथा ज्ञान का
िाभ प्राप्त होता रहता है । ( मनोनीत )
• राज्यसभा िोकसभा द्वारा जल्दबाजी में पाररत वकए गए
कानूनों को रोक कर उन पर उसे पन ु वियर्ार करने का अिसर
प्रदान करती है।
• राज्यसभा का महत्ि -
• राज्य सभा राज्य वहतों की संरवक्षका है जो संघीय वसद्ांत के
अनरुु प है वकंतु व्यिहारत: राज्यसभा अब राज्य के वहत के
विए ही कायय नहीं करती िणयन राष्ट्रीय वहत को ध्यान में
रखकर कायय करती है और यह पररितयन सभी संघीय
संविधान िािे देिों में हुआ है।
Sky Educare www.skyeducare.com

इस PDF में जो बातें विखी गई उसको अच्छी प्रकार से


समझा कर पढाया भी गया है वजसके विवडयो YouTube
पर देखने के विए YouTube पर “Sky Educare”
विखकर सर्य करें और घर बैठे पढ़ें ....
दोस्तों इस PDF को आगे िोगों तक जरुर भेजें क्योवक
विद्या एक ऐसा धन है जो बांटने से बढाता है .
दोस्तों आप को अन्य कोई PDF र्ावहए तो आप हमें
WhatsApp नंबर पर बताएँ „
WhatsApp : 9928549654

Sky Educare www.skyeducare.com

You might also like