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सुभाष चन्द्र बोस - विकिपीडिया
सुभाष चन्द्र बोस - विकिपीडिया
जम 23 जनवरी 1897
कटक, बंगाल ेसीडसी का
ओ ड़सा डवीजन, टश
भारत
रा ीयता भारतीय
श ा बी०ए० (आनस)
श ा ा त क कलक ा व व ालय
पदवी अ य (भारतीय रा ीय
कां ेस)(1938)
सु ीम कमा डर आज़ाद ह द
फ़ौज
स कारण भारतीय वत ता सं ाम के
अ णी सेनानी तथा सबसे बड़े
नेता
राजनै तक पाट भारतीय रा ीय कां ेस
1921–1940,
फॉरवड लॉक 1939–
1940
धा मक मा यता ह
जीवनसाथी ए मली शकल
(1937 म ववाह क तु
जनता को 1993 म पता
चला)
ब चे अ नता बोस फाफ
संबंधी शरतच बोस भाई
श शर कुमार बोस भतीजा
ह ता र
ज म और कौटु बक जीवन
श ाद ा से लेकर आईसीएस तक का
सफर
सुभाष का उन दन का च जब वे सन् 1920 म इं लै ड आईसीएस
करने गये ए थे
वत ता सं ाम म वेश और काय
कोलकाता के वत ता सेनानी दे शबंधु च रंजन दास
के काय से े रत होकर सुभाष दासबाबू के साथ काम
करना चाहते थे। इं लड से उ ह ने दासबाबू को खत
लखकर उनके साथ काम करने क इ छा कट क ।
रव नाथ ठाकुर क सलाह के अनुसार भारत वापस
आने पर वे सव थम मु बई गये और महा मा गांधी से
मले। मु बई म गांधी जी म णभवन म नवास करते थे।
वहाँ 20 जुलाई 1921 को गाँधी जी और सुभाष के बीच
पहली मुलाकात ई। गाँधी जी ने उ ह कोलकाता जाकर
दासबाबू के साथ काम करने क सलाह द । इसके बाद
सुभाष कोलकाता आकर दासबाबू से मले।
कारावास
यूरोप वास
१९३३ म श य या के बाद आ या के बादगा तीन म वा य-लाभ
करते ए
ऑ या म ेम ववाह
हरीपुरा कां ेस का अ य पद
कां ेस के अ य पद से इ तीफा
1938 म गा धीजी ने कां ेस अ य पद के लए सुभाष
को चुना तो था मगर उ ह सुभाष क कायप त पस द
नह आयी। इसी दौरान यूरोप म तीय व यु के
बादल छा गए थे। सुभाष चाहते थे क इं लड क इस
क ठनाई का लाभ उठाकर भारत का वत ता सं ाम
अ धक ती कया जाये। उ ह ने अपने अ य ीय
कायकाल म इस ओर कदम उठाना भी शु कर दया
था पर तु गा धीजी इससे सहमत नह थे।
सब समझते थे क जब महा मा गा धी ने प ा भ
सीतारमै या का साथ दया है तब वे चुनाव आसानी से
जीत जायगे। ले कन वा तव म सुभाष को चुनाव म
1580 मत और सीतारमै या को 1377 मत मले।
गा धीजी के वरोध के बावजूद सुभाषबाबू 203 मत से
चुनाव जीत गये। मगर चुनाव के नतीजे के साथ बात
ख म नह ई। गा धीजी ने प ा भ सीतारमै या क हार
को अपनी हार बताकर अपने सा थय से कह दया क
अगर व सुभाष के तरीक से सहमत नह ह तो व कां ेस
से हट सकत ह। इसके बाद कां ेस कायका रणी के 14
म से 12 सद य ने इ तीफा दे दया। जवाहरलाल नेह
तट थ बने रहे और अकेले शरदबाबू सुभाष के साथ रहे।
1939 का वा षक कां ेस अ धवेशन पुरी म आ।
इस अ धवेशन के समय सुभाषबाबू तेज बुखार से इतने
बीमार हो गये थे क उ ह े चर पर लटाकर अ धवेशन
म लाना पड़ा। गा धीजी वयं भी इस अ धवेशन म
उप थत नह रहे और उनके सा थय ने भी सुभाष को
कोई सहयोग नह दया। अ धवेशन के बाद सुभाष ने
समझौते के लए ब त को शश क ले कन गा धीजी
और उनके सा थय ने उनक एक न मानी। प र थ त
ऐसी बन गयी क सुभाष कुछ काम ही न कर पाये।
आ खर म तंग आकर 29 अ ैल 1939 को सुभाष ने
कां ेस अ य पद से इ तीफा दे दया।
3 सत बर 1939 को म ास म सुभाष को टे न और
जमनी म यु छड़ने क सूचना मली। उ ह ने घोषणा
क क अब भारत के पास सुनहरा मौका है उसे अपनी
मु के लये अ भयान तेज कर दे ना च हये। 8 सत बर
1939 को यु के त पाट का ख तय करने के लये
सुभाष को वशेष आम त के प म काँ ेस काय
स म त म बुलाया गया। उ ह ने अपनी राय के साथ यह
संक प भी दोहराया क अगर काँ ेस यह काम नह कर
सकती है तो फॉरवड लॉक अपने दम पर टश राज
के खलाफ़ यु शु कर दे गा।
अगले ही वष जुलाई म कलक ा थत हालवेट
त भ[13] जो भारत क गुलामी का तीक था सुभाष
क यूथ गेड ने रात रात वह त भ म म मला
दया। सुभाष के वयंसेवक उसक न व क एक-एक ट
उखाड़ ले गये। यह एक तीका मक शु आत थी।
इसके मा यम से सुभाष ने यह स दे श दया था क जैसे
उ ह ने यह त भ धूल म मला दया है उसी तरह वे
टश सा ा य क भी ट से ट बजा दगे।
नजरब द से पलायन
घटना और मृ यु क खबर
दे श के अलग-अलग ह स म आज भी नेताजी को
दे खने और मलने का दावा करने वाले लोग क कमी
नह है। फैजाबाद के गुमनामी बाबा से लेकर छ ीसगढ़
रा य म जला रायगढ़ तक म नेताजी के होने को लेकर
कई दावे पेश कये गये ले कन इन सभी क ामा णकता
सं द ध है। छ ीसगढ़ म तो सुभाष च बोस के होने का
मामला रा य सरकार तक गया। पर तु रा य सरकार ने
इसे ह त ेप के यो य न मानते ए मामले क फाइल ही
ब द कर द ।
नेताजी संपूण वा य
नेताजी संपूण वा य
स दभ
1. An Introduction to Military Science .
पृ॰ ४. अ भगमन त थ २३ जनवरी २०१८.
2. : सुभास च बोस नबंध
3. " 'नेताजी क ह या का आदे श दया था' " .
बीबीसी ह द . 15 अग त 2005. अ भगमन
त थ 22 अ टू बर 2013. "एक आय रश
इ तहासकार यूनन ओ है पन का कहना है क
जब नेताजी ने जापान और जमनी से मदद लेने
क को शश क थी तो तानी सरकार ने उ ह
ख म करने का आदे श दया था।"
4. ा त, मदनलाल वमा (2006). वाधीनता सं ाम
के ा तकारी सा ह य का इ तहास . 2 (1
सं करण). नई द ली: वीण काशन. पृ॰ 512.
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-120-8. "म
जानता ँ क टश सरकार भारत क
वाधीनता क माँग कभी वीकार नह करेगी। म
इस बात का कायल हो चुका ँ क य द हम
आज़ाद चा हये तो हम खून के द रया से गुजरने
को तैयार रहना चा हये। अगर मुझे उ मीद होती
क आज़ाद पाने का एक और सुनहरा मौका
अपनी ज दगी म हम मलेगा तो म शायद घर
छोड़ता ही नह । मने जो कुछ कया है अपने दे श
के लये कया है। व म भारत क त ा बढ़ाने
और भारत क वाधीनता के ल य के नकट
प ँचने के लये कया है। भारत क वाधीनता क
आ खरी लड़ाई शु हो चुक है। आज़ाद ह द
फौज़ के सै नक भारत क भू म पर
सफलतापूवक लड़ रहे ह। हे रा पता! भारत क
वाधीनता के इस पावन यु म हम आपका
आशीवाद और शुभ कामनाय चाहते ह।"
5. https://hindi.theindianwire.com/नेताजी-
सुभाष-चं -बोस-मौत-18073/ दा इं डयन वायर
6. "Netaji Subhas Chandra Bose's family
observes 'Declassification Day' " . The
Economics Times. 18 अग त 2003.
अ भगमन त थ 18 अग त 2013. "So far, we
have never observed the day as we
don't believe that he died on August
18. There is circumstantial evidence to
prove that he was in Russia after that
date in 1945. But now we have started
observing this day as declassification
day to put pressure on the government
to make public the hidden files on his
life, the family spokesperson Chandra
Kumar Bose told PTI."
7. "नेताजी सुभाष : हाई कोट क पेशल बच करेगी
सुनवाई" . नवभारत टाइ स. 17 जनवरी 2014.
अ भगमन त थ 18 जनवरी 2014. "या चका म
नेताजी से जुड़े सभी द तावेज को सावज नक
करने क मांग क गई है, ता क उनके लापता होने
को लेकर पैदा रह य से पदा उठ सके। पीएम
ऑ फस ने इससे पहले नेताजी के लापता होने से
जुड़े द तावेज और रकॉड सावज नक करने से
इनकार कया था और कहा था क ऐसा करने से
भारत के अ य दे श के साथ संबंध भा वत
ह गे।"
8. "Subhas Chandra Bose - Biography &
Facts" . Encyclopedia Britannica
(अं ेज़ी म). २ नव बर २०१७. अ भगमन त थ
२३ जनवरी २०१८.
9. ा त, मदनलाल वमा (2006). वाधीनता सं ाम
के ा तकारी सा ह य का इ तहास . 2 (1
सं करण). नई द ली: वीण काशन. पृ॰ 501
से 503 तक. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-
120-8. "भइया! हम लोग, जो एक ओर वामी
ववेकान द और सरी ओर अर व द घोष के
भाव-छ म बड़े ए ह; भा य या भा य से ऐसी
मान सकताबना चुके ह क ुव जैसे भ
कोण पर लदा कोई समझौता हम वीकार
नह है। उ ह ने इस बात के लये खेद भी कट
कया क उनके और मा उनके कारण भरे पूरे
समं जत प रवार म मतभेद पैदा हो चुके ह।
इसका कारण उ ह ने यह बताया क बचपन से ही
कुछ ऐसे आदश उनके दलो- दमाग पर हावी हो
चुके ह जो प रवार के कसी सरे को मंजूर
नह ह।"
10. ा त, मदनलाल वमा (2006). वाधीनता सं ाम
के ा तकारी सा ह य का इ तहास . 3 (1
सं करण). नई द ली: वीण काशन. पृ॰ 862.
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-121-6.
अ भगमन त थ 23 नव बर 2013. "नेताजी का
ए मली के साथ सन् 1936 का एक और लभ
च जसम नेताजी टोपी लगाये ए ह"
11. "Netaji's ashes should be immersed in
River Ganges, wishes daughter"
[नेताजी क अ थयाँ गंगा नद म वस जत क
जायँ - पु ी क इ छा] (अं ेज़ी म). जी यूज़
इ डया डॉट कॉम. 03 फ़रवरी 2013.
अ भगमन त थ 17 अ टू बर 2013. |date=
म त थ ाचल का मान जाँच (मदद)
12. http://www.rediff.co.in/news/2005/ma
y/11inter1.htm . अ भगमन त थ 15
अ टू बर 2013. गायब अथवा खाली
|title= (मदद)
13. नेताजी ( च मय जीवनी), श शर कुमार बोस,
नेताजी रसच यूरो, कोलकाता
14. ा त, मदनलाल वमा (2006). वाधीनता सं ाम
के ा तकारी सा ह य का इ तहास . 2 (1
सं करण). नई द ली: वीण काशन. पृ॰ 510
से 511 तक. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-
120-8. अ भगमन त थ 23 नव बर 2013.
"उ ह ने घोषणा क क अब भारत के पास
सुनहरा मौका है उसे अपनी मु के लये
अ भयान तेज कर दे ना च हये। ८ सत बर १९३९
को यु के त पाट का ख तय करने के लये
सुभाष को वशेष आम त के प म काँ ेस
काय स म त म बुलाया गया। उ ह ने अपनी राय
के साथ यह संक प भी दोहराया क अगर काँ ेस
यह काम नह कर सकती है तो फॉरवड लॉक
अपने दम पर टश राज के खलाफ़ यु शु
कर दे गा। जुलाई १९४० मे 'हालवेट त भ' जो
भारत क गुलामी का तीक था, के इद- गद
सुभाष क यूथ गेड के वयंसेवक भारी मा ा म
एक ए और दे खते-दे खते वह त भ म म
मला दया। वयंसेवक उसक न व तक क एक-
एक ट तक उखाड़ ले गये। यह तो एक
तीका मक शु आत थी। इसके मा यम से
सुभाष ने यह स दे श दया क जैसे उ ह ने यह
त भ धूल म मला दया है उसी तरह वे टश
सा ा य क भी ट-से- ट बजा दगे।"
15. ा त, मदनलाल वमा (2006). वाधीनता सं ाम
के ा तकारी सा ह य का इ तहास . 2 (1
सं करण). नई द ली: वीण काशन. पृ॰ 513.
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-120-8.
अ भगमन त थ 23 नव बर 2013. "23 अग त
1945 को टो कयो रे डयो ने बताया क सैगोन म
नेताजी एक बड़े बमवषक वमान से आ रहे थे क
18 अग त को ताइहोकू हवाई अ े के पास
उनका वमान घटना त हो गया। वमान म
उनके साथ सवार जापानी जनरल शोदे ई, पाइलेट
तथा कुछ अ य लोग मारे गये। नेताजी ग भीर
प से जल गये थे। उ ह ताइहोकू सै नक
अ पताल ले जाया गया जहाँ उ ह ने दम तोड़
दया। कनल हबीबुरहमान के अनुसार उनका
अ तम सं कार ताइहोकू म ही कर दया गया।
सत बर के म य म उनक अ थयाँ सं चत करके
टो कयो के रकोजी म दर म रख द गय ।"
16. ा त, मदनलाल वमा (2006). वाधीनता सं ाम
के ा तकारी सा ह य का इ तहास . 3 (1
सं करण). नई द ली: वीण काशन. पृ॰ 846.
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-121-6.
अ भगमन त थ 23 नव बर 2013. "Ten
minutes after the accident he was
taken to the Army Hosptal in Taihoku
and received treatment at 15.00. His
death came at 21.00. His aide H.R.
was also burned on neck, right cheak,
both arms and right leg. Lt. Gen.
SHIDEI met an instantaneous death
inside the plane (two others died
likewise)."
17. नेताजी संपूण वा य, खंड-2, काशन वभाग,
भारत सरकार, नयी द ली, तीय
सं करण-1997, पृ -i एवं iv.
18. नेताजी संपूण वा य, खंड-1, काशन वभाग,
भारत सरकार, नयी द ली, तीय
सं करण-2009, पृ -viii.
19. नेताजी संपूण वा य, खंड-12, काशन वभाग,
भारत सरकार, नयी द ली, सं करण-2011, पृ -
i एवं vii.
आज़ाद भारत म आज़ाद हद
'नेताजी क ह या का आदे श दया था'
इ ह भी दे ख
आजाद ह द फौज
को हमा का यु
नौसेना व ोह
रकोजी म दर (जापान)
अ नता बोस फाफ
ए मली शकल
सुभाष च बोस क मृ यु
सुभाष च बोस के राजनै तक वचार
भारतीय वतं ता का ां तकारी आ दोलन
बाहरी क ड़याँ
व कसू पर सुभाषच बोस से स ब धत उ रण
ह।
सुभाषच बोस से संबं धत मी डया व कमी डया
कॉमंस पर उपल ध है।