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शशशशश.
कालसर्प शाांती करने के कारन और होनेवाले लाभ |
कालसपण योग से होनेवाले संकटों से छु टकारा पाने के जलये वे द शास्त्र कहता है की कालसपण शां ती पूजा
जसफण त्र्यंबकेश्वर में करनी चाजहये | हर जगह को महत्व होता है , वै से ही त्र्यं बकेश्वर को अपना अलग
महत्व है |
शास्त्र के अनुसार अगर आप त्र्यंबकेश्वर में कलसपण शां ती पूजा करते है तो आपको सब संकटों से मुक्ती
जमल सकती है और आप का जीवन सुखी हो सकता है |
यजद लगातार तीन साल जपतरोंका श्राध्द न होनेसे जपतरोंको प्रेतत्व आता है , वह दू र करने के जलए यह
श्राध्द करना चजहए । जत्रजपंडी जवधी अमावस्या और पोजणणमा के जदन करनी चाजहये | जत्रजपंडी श्राद्ध काम्य
श्राद्ध है . लगातार तीन बरस जजसका श्राद्ध न जकया गया हो उनको प्रेतत्व प्राप्त होता है. अमवास्या ये
जपतरोंकी जतथी है . इस जदन श्राद्ध करे . तमोगु णी, रजोगु णी, एवं सत्वगु णी ऐसी तीन प्रेतयोजनया है पृथ्वीपर
वास्तव्य करने वाले जपशाच्च तमोगुणी अंतररक्ष में वास्तव्य करने वाले जपशाच्च रजोगु णी एवं वायु मंडल मे
वास्तव्य करने वाले जपशाच्च सत्वगु णी होते है . इन तीनो प्र्कारके प्रेतयोनी के जपडा पररहाथण जत्रजपंडी श्राद्ध
जकया जाता है. जत्रजपंडी श्राद्ध जीवनभर दररद्रता, अनेक प्रकारकी परे शाजनया, श्राद्धकमण और्ध्णवैजदक जक्रया
शास्त्र के जवधी के अनुसार न जकये जानेपर भुत प्रेत जपशा्च्च बाधा जपडाए उत्पन्न होती है . जत्रजपंडी श्राद्ध
जकये जाने पर अनजगनत लोक आजधव्याजधसे मुक्त हुए है .
इन ३ प्रेतयोनी से होनेवाले परे शानीसे छूटकारापाने के जलये जत्रजपंडी श्राद्ध करना जरुरी है | भुत बाधा,
संतान प्रप्ती में बाधा, बू री नजर, गो हत्या इन सब से होनेवाले परे शानी से छूटकारापाने के जलये जत्रपींडी
श्राद्ध जकया जाता है |
इस युग में हर मनुष्य सुखकी कामना करता है. जो पुन्य से प्राप्त होती है. पुन्य कमण ना करके पाप
कृत्य ही अजधक अजधक करना है. (त्रे ताद्वार युग) में सद्धमाणचरण, मयाणदापालन, जप, तप, उअनुष्ठान,
ईश्वरउपासना आजद कमाण से मनुष्य सुखी रहता था. उसे दु ख पता ही नही था.
आज कजलयु अगमें सभी और दु खकारी जवस्तार हो रहा है . इस जवधी का उद्दे श है अपनी अत्र्प्प्त जपतरोंको
तृ प्त करके उन्हे सदगती जदलाना. श्राद्ध कमण ना होने से जपतरोंको प्रेतत्व प्राप्त होता है . वह न होने से
दु ख, जवघ्न और व्याधी जनमाणण होती है.
नारायण नागबली प्र्मुख रुप से तब करना जाजहए जब आपत्य न होना, कष्टमय जीवन, संतती दोष शरररके
जवकार, भुत प्रेत जपश्चाच्च बाधा, अपमृत्यु, अपघातोंका जसलजसला इन सभी संकटोंसे जनजशत रुपसे मुक्ती पाने
के जलए शास्त्र से नारायण नागबली जवधा है.
यह जवधी प्रमुख़ कारन से अत्रु प्त अत्माओं को त्रु प्त करने के जलये और उन्हें इस संसार से मुक्ती जदलाने
के जलये जकया जाता है |
संतान प्राप्ती में बाधा, शाररररक जवकार, भूत बाधा, कठीन जीवन इन सब से छु ् ट् कारा पाने के जलये नारायन
नागबली जवधी करनी चाजहये और वो भी जसफण त्र्यं बकेश्वर में | जहंदु शास्त्र के अनुसार यह जवधी जसफण
त्र्यं बकेश्वर में ही करना चाजहये |
त्र्यंबकेश्र्वर
श्री. पं. डॉ. जदलीप जचं तामण जोशी ,
शु भमकरोती जनवास,
संत गाडगे महाराज धमणशाळे जवळ,
त्र्यं बकेश्र्वर, नाजसक - ४२२२१२.
फोन : ०२५९४ - २३३०८६, +९१ ९८८१०४९८४१ / ९८२२६४९१४३.
ई्मेल : info@pitrudoshpooja.com