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प्रकृति के साथ 21 सॊबावनाएॉ

भानसी औय केतकी
हहॊदी : अयविन्द गुप्ता
है रो मभत्रों !

कोयोना िामयस के प्रसाय के ऩहरे


21 हदनों के रॉक-डाउन के दौयान सॊकमरत
"प्रकृतत के साथ 21 सॊबािनाओॊ"
ऩुस्ततका को प्रकामित कयने भें हभें खुिी है .

इस ऩुस्ततका भें हभने सभाज के सबी रोगों के मरए


गततविधधमाॊ सॊजोने की कोमिि की है . स्जन रोगों के ऩास
कुछ जभीन मा जगह है , िे तनस्चित तौय ऩय कई िीज़ें कय
ऩाएॊगे. कुछ गततविधधमाॊ ऐसी हैं स्जन्हें सबी िहयों मा
ग्राभीण इराकों भें , ककसी बी हार भें , घय के साभने ककमा
जा सकेगा. महद अधधक-से-अधधक रोग इन गततविधधमों
का ऩारन कयें गे तो प्रकृतत को प्रत्मऺ मा अप्रत्मऺ रूऩ से
सॊयक्षऺत ककमा जा सकेगा.

अधधकाॊि गततविधधमाॉ भुख्म रूऩ से जैि-विविधता


(फामो-डामिमसिटी) से सॊफॊधधत हैं. फहुत जल्द हभ इस
सॊकरन को अधधक सभग्र फनाने के मरए इसभें कुछ अन्म
गततविधधमाॊ जोड़ेंगे. उसभें प्रकृतत के तभाभ अन्म ऩहरओ
ु ॊ
को बी िामभर ककमा जाएगा.

प्रकृतत सॊयऺण के मरए िुबकाभनाएॉ!

आऩकी प्रततकिमा का हभें इॊतज़ाय यहे गा!

सादय,

केतकी औय भानसी
यासामन भक्
ु ि घय
• घय को बौततक रूऩ से साफ़ कयें , यासामनों से नहीॊ.
• िीॊहटमों के मरए हरदी, मा अन्म हफिर कीट तनमॊत्रक उऩमोग
कयें .
• यीठा, मसयके आहद ऩय आधारयत घये रू क्रीनय आऩ आसानी
से घय ऩय ही फना सकते हैं.
• फगीिे भें दीभक के मरए कुछ सख ू ी टहतनमाॉ, डॊडडमाॊ यखें .
कपय दीभक जीवित ऩौधों को ऩये िान नहीॊ कये गी.
• अगय इस्ल्रमाॊ (कैटयवऩरय) फहुत साये ऩत्ते नहीॊ खा यही हों,
तो उन्हें ऩये िान न कयें . उन्हें ध्मान से दे खें. जल्द ही उनका
कोिा फनेगा औय ककसी हदन उनभें से कोई तततरी मा ऩतॊगा
फाहय आएगा.
• कीटों ऩय तप्रे कयने के मरए तम्फाकू के ऩत्तों औय ऩानी के
मभश्रण का उऩमोग कयें . जरूयत ऩड़ने ऩय ऩौधों से फने हुए
जैि-कीटनािकों का ही प्रमोग कयें .
बोजन के लरए जॊगर

• अऩने घय के आस-ऩास कुछ ऐसे ऩेड़ रगाएॊ, जो सभाज


को ऩूये सार बय ऩौस्टटक पर, बोजन आहद दें !! जैसे आभ,
कटहर, ब्रेडफ्रूट, हाडगा, िेिागा (ड्रभ-स्तटक) आहद. साथ
भें जड़ी फूहटमाॉ जैसे कुडा, तुरसी, ऩुदीना, ब्राह्भी आहद बी
रगाएॊ.
• ऩेड़-ऩौधों का मह जॊगर ऩक्षऺमों, भधुभस्क्खमों औय
ऩयाग िूसने िारे कीटों को बी आकवषित कये गा, जो
जैि-विविधता के सॊयऺण के मरए फहुत आिचमक है .
छि को हया-बया कयें

घय के पेंके जैविक किये से अऩनी छत ऩय खुद अऩना बोजन


उगाएॊ. उससे कई पामदे होंगे:

• िषि बय ताज़ी, जैविक सस्जजमाॊ मभरेंगी.


• सूक्ष्भ-जरिामु के फढ़ने से छत का ताऩभान कभ होगा.
उससे सस्जजमों के मरए आत्भतनबिय छोटे - छोटे सभुदाम
फनेंगे. छतों की हरयमारी िहय भें िन्म जीिन के मरए तनिास
प्रदान कये गी.
• ऩौधों को ऩानी दे ने के मरए जो ऩॊवऩॊग ऊजाि खिि होगी उससे
घयों भें ऩॊखे, कूरय, एसी. आहद कभ िरेंगे, दयू -दयाज़ के पाभि
से सस्जज़माॊ राने का ऩरयिहन खिि फिेगा औय घय भें किया
बी कभ ऩैदा होगा.
जीव-ववववधिा वारा सभुदाम

• िरें , हभ िहयों भें जीि-विविधता िारे ऺेत्र फनाना िुरू


कयें . सोसामटी के फगीिे, खारी साभद ु ातमक भैदान इस
काभ को िुरू कयने के मरए सफसे अच्छी जगहें होंगी. इसके
मरए आऩको सोसामटी मा भैदान के ककसी कोने भें 500 िगि
पुट से 2000 िगि पुट तक ज़भीन की ज़रुयत होगी.
• ऩीऩर, कयॊ ज, नीभ, ऩरास आहद जैसे कुछ पर औय पूरों
(ऩयाग) िारे ऩेड़ रगाएॊ. कुछ झाडड़माॉ जैसे भरु ु ड़िेंग,
अदर ु सा, तनगडुि ी बी रगाएॊ.
• ऩुयाने ऩेड़ों को फिाएॊ. जभीन को मभट्टी औय ऩस्त्तमों से
ढॊ कें, न कक सीभें ट औय टाइल्स से.
• िन्मजीिों के साथ जीिन का आनॊद रें .
रॉन कभ रगाएॊ!

रॉन ऩानी, उिियकों, कीटनािकों औय सॊसाधनों का फहुत


उऩमोग कयते हैं. इसमरए बायत जैसे गभि दे ि के मरए रॉन
उऩमक् ु त नहीॊ है . रॉन की फजाए कुछ अन्म विकल्ऩों को
प्राथमभकता दें :

• रॉन के ऺेत्र को छोटा औय कभ कयें . हये -बये प्रबाि के मरए


भोटी झाड़ीदाय क्मारयमाॊ रगाएॊ. रॉन के ऺेत्र को िरने-
कपयने मा ऩाहटि मों के मरए ही सीमभत यखें .
• आसऩास दि ू ाि घास मा भॊडुकऩणी जैसी जड़ी फूटी का रॉन
फनाएॊ. जड़ी-फूहटमों, झाडड़मों औय ऩत्थयों को उऩमोग कय
आऩ विमबन्न प्रकाय के ऩैटनि फना सकते हैं जो सौंदमििातत्र
की दृस्टट से बी भनभोहक रगें गे!!!
घय का वऩछवाड़ा

िहय के घयों के वऩछिाड़े भें छोटे -छोटे फगीिे फनाएॊ. उसके


मरए आऩको जरूयत होगी एक छोटे ताराफ (सीभें ट / मभट्टी
से फने रगबग 2 पीट व्मास), कुछ ऩत्थयों, कुछ टहतनमाॉ
औय 10-15 ऩौधों की.

• ताराफ का आधा हहतसा मभट्टी + गोफय से बयें औय उसभें


जरीम ऩौधे जैसे कभर औय नीय ब्रम्ही उगाएॊ. कपय ताराफ
भें 5-10 गप्ऩी भछमरमाॊ डारें .
• ताराफ के आसऩास 2-3 झाडड़माॉ जैसे अडुरसा, केरे के
ऩौधे रगाएॊ, औय जभीन को ढॊ कने के मरए कुछ घास
रगाएॊ.
• ऩत्थयों का एक ढे य यखें औय ताराफ के ऩास ऩक्षऺमों के
फसेयों के मरए कुछ टहतनमाॉ औय फाॊस रगाएॊ.
ऩक्षऺमों के नहाने के लरए फर्ड-फाथ

नन्हें िन्मजीिों के मरए ऩानी का इॊतज़ाभ कयें .


सफसे आसान ऩऺी तनान (फडि-फाथ) है . इसके मरए एक छोटा,
उथरा मभट्टी का फतिन उऩमक् ु त होगा.

• ऩक्षऺमों के फैठने के मरए फतिन के फीि भें एक ऩत्थय औय


फतिन के ककनाये के ऩास छोटे ऩत्थय यखें .
• कपय फतिन को ऩानी से बयें औय उसे एक फतिन ऩय (मानी थोड़ी
ऊॊिाई ऩय) फगीिे भें यखें .
• फतिन को तनममभत रूऩ से साप कयें औय उसे योज़ाना ताजे
ऩानी से बयें अन्मथा िैिार औय भच्छयों की सभतमा ऩैदा होगी.
• कृऩमा ध्मान दें : ऩक्षऺमों को भनुटमों का बोजन न खखरामें,
उन्हें फीज औय अनाज के दाने ही खाने को दें .
ऑगैतनक (जैववक) बोजन की भाॊग कयें

• जैविक बोजन की भाॊग कयें ! मह फात हभाये द्िाया घय


मा कामितथर ऩय खाने मा उऩमोग की जाने िारी सबी
िीजों ऩय रागू होगी. आऩ पैक्री भें फने उत्ऩादों की
फजाए प्राकृततक िीज़ों का उऩमोग कयें ! आऩकी भाॊग,
फाजाय को प्रबावित कये गी, औय धीये -धीये फाजाय भें
जैविक उत्ऩाद फढ़ें गे!
• हभ दक ु ानदायों, तटोसि, वििेताओॊ से जाकय जैविक
उत्ऩादों के फाये भें ऩूछताछ औय भाॊग कयें . हभ ऩड़ोस की
ककयाने की दक ु ान औय ऑनराइन तटोसि (सप्रामय) से
बी जैविक उत्ऩादों की भाॊग कयना िरू ु कयें .
ककसान को दोस्ि फनाएॊ!
• भार, वििाय, तनेह के आदान-प्रदान के मरए हभ ककसी ककसान को
अऩना मभत्र फनामें. सोिें , कक इस रयचते से क्मा हामसर होगा.

• ककसान मभत्र, िहयी ऩरयिाय को खाने के साभान की तनममभत आऩूतति


कये गा. इससे ककसान को तनममभत आम का सहाया होगा.

• िहयी मभत्र, ककसान ऩरयिाय को तकनीकी सहामता दे सकता है .

• ककसान बफिौमरमों से फिेगा औय उसे अऩनी ऩैदािाय की फेहतय


कीभत मभरेगी.

• िहयी फच्िे, गाॊि भें खेती दे खने जा सकते हैं. दस


ू यी ओय गाॊि के फच्िे
सयु क्षऺत तयीके से िहयी जीिन की झरककमों का आनॊद रे ऩाएॊगे.

• हभ गाॊि औय िहय के फीि की खाई को ऩाटने का प्रमास कय सकते हैं.


इसके मरए अऩने िहय के आसऩास के ककसी गाॊि भें हभें अऩने दोतत
खोजने होंगे!!!
अदरा-फदरी शरू
ु कयें !
िरें, िहयी सभद ु ामों के बीतय एक नए प्रकाय का अदरा-फदरी का
व्माऩाय - मातन फाटि य िरूु कयें . अदरा-फदरी का ऩयु ाना रयिाज़ अफ
रप्ु त सा हो गमा है . अफ हभ इस 'न्मू फाटि य' भें कुछ अततरयक्त औय नए
सॊसाधन, उत्ऩाद आहद जोड़ सकते हैं. अफ हभ फाजाय से खयीदायी कभ
कयें औय रोगों के साथ अऩनी िीज़ें साझा कयना िुरू कयें !

• घय भें ऩड़ी हुई उन िीजों को खोजें औय सि


ू ी फनाएॊ स्जन्हें आऩने
वऩछरे एक-दो सार भें बफल्कुर उऩमोग न ककमा हो.

• उस सि ू ी को सोिर भीडडमा, व्हाट्सएऩ ग्रप्ु स, ऩय साझा कयें .


दसू यों से बी ऐसा कयने का आग्रह कयें औय इसभें उनकी भदद कयें .

• अऩने आसऩास ऩड़ोमसमों के सभह


ू फनामें.

• अऩनी िीज़ें एक-दसू ये के साथ फाॉटें. इससे तऩटट रूऩ से धन की फित


तो होगी ही ऩय साथ भें सॊसाधनों का बी सॊयऺण होगा.
जैववक चायदीवायी (फामो-पेंस)

फामो-फ़ेंस का अथि है एक स्ज़ॊदा, जीवित दीिाय, स्जसे उऩमुक्त


झाड़ी की प्रजाततमों, ऩेड़ों औय विविधता के मरए एक-दो फेरों
के साथ रगामा जाता है . सीभें ट की भत
ृ दीिाय की तुरना भें
फामो-फ़ेंस कहीॊ अधधक साथिक होगी.

• एक हयी जीवित, सौंदमि की दृस्टट से हभेिा उगती हुई दीिाय.


• िो ऩक्षऺमों, भधुभस्क्खमों, कीड़े-भकोड़ों, के मरए एक
सुयक्षऺत तनिास तथान होगी. ऩस्त्तमों, परों, ऩयाग, छार
आहद िन्मजीिों को बोजन प्रदान कयें गी.
• जभीन ऩय यहने िारे िन्मजीिों जैसे नेिरा, खयगोि,
धगरहयी के मरए िो तछऩने का तथान होगी.
• सीभें ट की दीिाय की तुरना भें जैविक िायदीिायी भें फहुत
कभ ऊजाि रगेगी. उससे आऩका इकोरॉस्जकर पुट-वप्रॊट बी
कभ होगा.
आग रगने से योकें
आग का हभाये ऩमािियण औय ईको-मसतटभ ऩय विनािकायी
प्रबाि ऩड़ता है . व्माऩक आग के रगने से फहुत सी जैि-
विविधता नटट हो जाती है . आग - मसगये ट, कृवष कामों से,
विद्मुत तायों भें धिॊगायी आहद से रग सकती है . आग दयू -दयू
तक फ़ैर सकती है . उस स्तथतत भें आऩ क्मा कय सकते हैं?

• सभुदाम के फीि जागरूकता पैरामें कक जफ िे कृवष मा ककसी


अन्म काभ के मरए आग का उऩमोग कयें , तो ध्मान यखें औय
आग को आसऩास के इराकों भें न पैरने दें .
• अऩने ऩास के िन अधधकायी को, तुयॊत आग की रयऩोटि दें .
• पामय-राइन फनाने भें अऩना सहमोग दें .
• आग फुझाने से काफिन उत्सजिन कभ होगा औय िामु की
गुणित्ता भें सुधाय होगा.
दे सी ऩौधे

• हभाये आस-ऩास ऩौधों भें वििार विविधता होती है . इनभें


कई ऩेड़-ऩौधे िन भूर के होते हैं, अथाित िो उस ऺेत्र के मरए
एकदभ वििेष होते हैं. इसमरए दे सी मा तथानीम ऩेड़-ऩौधों को
सॊयक्षऺत कयना औय उन्हें रगाना फहुत भहत्िऩण ू ि है . हभ दे सी
मा तथानीम ऩेड़-ऩौधे कहाॊ- कहाॊ रगा सकते हैं:

• सबी िऺ
ृ ायोऩण अमबमानों भें , हरयमारी, िनीकयण की
गततविधधमाॉ भें .

• ऩहाडड़मों ऩय, नहदमों के ककनाये , सड़कों, पाभिहाउस औय


जॊगरों भें .

• दे सी मा तथानीम ऩेड़-ऩौधों की सूिी औय विततत


ृ जानकायी
आऩको इस मरॊक ऩय मभरेगी:
http://www.oikos.in/html/publications.html

• भूर दे सी प्रजाततमों के ऩेड़ों को फढ़ािा दें !!! हभेिा...


दे सी पर उगाएॊ

• हभाये आस तभाभ जॊगरी पर होते हैं, स्जनकी हभें फहुत


कभ जानकायी होती है .

• अभरूद, िीकू से तो फहुत रोग ऩरयधित होते हैं. िरें ,


आऩका जॊगरी दे िी परों से ऩरयिम कयामें. मह सबी पर
फहुत ऩौस्टटक होते हैं. विटामभन से बयऩूय इन परों भें कुछ
औषधीम गण ु बी होते हैं.

• जैसे खखयानी, बोकय, भेकी, अभोनी, िायोरी, जाभुन,


कयोंदे आहद.
जॊगरी फीज इकट्ठे कयें

भर ू ऩौधों के प्रसाय के मरए सफसे भहत्िऩूणि उनके फीज होते


हैं. उनका सॊग्रह अच्छी दे खबार के साथ ककमा जाना िाहहए:

• ऩौधे की ऩहिान कयें औय केिर दे सी ऩौधों के फीज ही एकत्र


कयें . जभीन ऩय धगये फीजों मा ऩके परों को इकट्ठा कयें . परों को
ऩेड़ों से न तोड़ें. उन फीजों को इकट्डा कयें जो फहुतामत भें
उऩरजध हों. दर ु ब
ि ऩौधों के ऩीछे न जाएॉ.

• फीजों को िन ऺेत्रों से इकट्ठा न कयें , उन्हें सड़कों के ककनायों से


इकट्ठा कयना ही फेहतय होगा.

• एकबत्रत फीजों को छामा भें सख


ु ामें, कपय उन्हें सख
ू े डडजफों भें
सॊग्रहहत कयके उनऩय रेबफर धिऩकाएॊ. फाद भें उन्हें ऩौधे
फनाने िारी नसियी के हिारे कय दें .
आक्राभक ऩौधों को योकें

ककसी बी ऺेत्र भें भानि गततविधधमों द्िाया रगाए गए ऩौधे मा


जानिय उस ऺेत्र की प्राकृततक सॊयिना को फदर सकते हैं औय
िहाॊ के ऩमािियण सॊतुरन को बफगाड़ सकते हैं. हभें ऐसे
आिाभक ऩौधों को िुरू से ही योकना िाहहए.

• प्राकृततक ऺेत्रों भें िऺ


ृ ायोऩण के सभम हभ मसपि तथानीम
औय दे सी ऩेड़-ऩौधे ही रगाएॊ.
• आिाभक ऩौधों की ऩहिान कयें . आिाभक ऩौधों को माॊबत्रक
तयीकों से ही हटाएॉ. उन्हें हटाने के मरए यासामनों मा आग का
उऩमोग न कयें .
• आिाभक ऩौधों को नटट कयने का सफसे अच्छा सभम होगा
पूर तनकरने से ऩहरे ही उन्हें उखाड़ना, मा पर फनने से ऩहरे
ही उनके पूरों को काटना मा फायहभासी प्रजाततमों के ऩूये ऩौधों
को जड़ से उखाड़ पेंकना.
• मह काभ 3-5 सार तक रगाताय कयें .
घास के कवय की सुयऺा कयें

जॊगरी घास औय फामो-भास ककसी बी फॊजय ज़भीन के मरए एक


ियदान है . िे इसमरए फेहद भहत्िऩण
ू ि हैं, क्मोंकक :

• मभट्टी के ऊऩय घास से एक इॊसुरेिन की ऩयत फनती है जो मभट्टी


के ताऩभान को कभ कयती है . भल्ि / काफितनक ऩदाथि ढॊ कने से
मभट्टी सधु यती है .
• घास के किय से मभट्टी भें काफिन औय उसकी प्रजनन ऺभता
फढ़ाती है .
• जभीन ऩय यहने िारे जीिों के मरए घास एक तनिास तथान होती
है . घास से कीड़े औय कई जानिय अऩना बोजन प्राप्त कयते हैं.
• घास की ऩयत सफ ु ह की ओस को ऩकड़ती है औय मभट्टी की नभी
को फढ़ाती है . ईको-ये तटोये िन भें िो एक फहुत भहत्िऩण
ू ि कदभ है .
जभीन की घास को न काटें , उसे फढ़ने दें , स्जससे हयी घास ज़भीन
को कारीन की तयह ढॉ क दे .
लभट्टी आमाि न कयें !
अऩनी लभट्टी खुद फनाएॊ!!

• अऩने फगीिों, िहय मा पाभि हाउस मा उद्मोग को हया-बया


फनाने के मरए हभ अऩने ऩहाड़ों को 'हरयमारी' से िॊधित न कयें .
हभ सप्राई-िेन के प्रतत अधधक सतकि यहें औय फेहतय विकल्ऩ
सोिें .

• फगीिों मा योऩण के मरए ऩहाड़ों से रार मभट्टी नहीॊ राएॊ.

• विघहटत ऩदाथों की खाद भें ऩौधे फहुत अच्छी तयह से


विकमसत होते हैं.

• विमबन्न प्रकाय की साभधग्रमों को आऩस भें मभराएॊ - ऩत्ती,


कूड़े, सस्जज़मों की छीरन, नारयमर की बसू ी, कृवष अऩमिटट,
गोफय औय किया उसके मरए अच्छा होगा.
पाभड-हाउस साझा कयें

अऩना खुद का पाभि-हाउस हो, मह फहुत रोगों का सऩना


होता है ! रेककन ऩमािियण की दृस्टट से मह कई भामनों भें
अनुधित है . इस प्रकाय के विकास से सड़कें, इभायतें औय
सवु िधाओॊ को फनाते सभम प्रकृतत को फहुत नक ु सान ऩहुॊिा
है . अफ घयों भें जो ऩेड़-ऩौधे रगते हैं िो बी ज्मादातय गैय-दे सी
प्रजाततममों के होते हैं. ऐसे प्रकल्ऩ स्जनभें सीभें ट, टाइल्स
आहद सबी भत ृ साभधग्रमों का उऩमोग हो, अॊत भें फहुत साया
भरफा ऩैदा कयता है . एक ऐसा घय जो सार भें मसपि 10-15
फाय ही उऩमोग ककमा जाता हो ऩमािियण के मरए विनािकायी
होगा. क्मा व्मस्क्तगत पाभि-हाउस सही हैं?

• िरें , ऩथ्
ृ िी ऩय औय अधधक फोझ न डारें ...

• कई रोग मभरकय एक पाभिहाउस को साझा कयें '!!!


जॊगरों को फहार कयें

िरें , हभ फॊजय बमू भ को फहार कयना िरू


ु कयें . उसके मरए
कुछ भागिदििक मसद्ाॊत:

• ियाई, कटाई औय आग से फिाकय भौजूदा भैदानों, ऺेत्रों की


जैि-विविधता को तथामी सॊयऺण प्रदान कयें .

• ऩहरे मभट्टी की बौततक सॊयिना को फहार कयें औय कपय


िऺृ ायोऩण कयें . आिाभक ऩौधों-ऩेड़ों को हटामें.

• "तथानीम प्राकृततक ऩूॊजी" को फहार कयने से तथानीम


योजगाय को बी फढ़ािा मभरेगा.

• व्मस्क्तगत ततय के अरािा, दोततों का एक सभूह इस


प्रकाय के प्रमासों के मरए काभ कय सकता है औय एक अच्छे
कायण के मरए फजट औय सॊसाधनों को साझा कय सकता है !
ईको-स्कूर

सॊयऺण, प्रकृतत की मिऺा से िुरू होता है . महाॊ इस आॊदोरन


को िुरू कयने के कुछ उदाहयण हदए हैं :

• अऩने आसऩास के ऩेड़ों औय ऩक्षऺमों को ऩहिानने की


कोमिि कयें . मह काभ ऩयू े िषि कयें औय उस दौयान ऩेड़ों,
ऩक्षऺमों भें ऩरयितिन आहद ऩय ध्मान दें .
• पील्ड गाइड, प्रकृतत, विकास, जैि-विविधता विषमों ऩय
ककताफें राएॊ औय उन्हें तनममभत रूऩ से ऩढ़ें !
• अऩनी जीिन िैरी ऩय ध्मान दें ! अऩनी असरी ज़रूयतों को
ऩहिानें!
• सतकि नागरयक फनें! आऩकी जीिन िैरी का प्रकृतत ऩय क्मा
दटु ऩरयणाभ होता है उसका अध्ममन कयें . किये के अध्ममन से
िुरू कयें . किया कहाॉ ऩैदा होता है औय कहाॊ जाता है , उसे
सभझने की कोमिि कयें .

सभाप्ि

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