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भानसी औय केतकी
हहॊदी : अयविन्द गुप्ता
है रो मभत्रों !
सादय,
केतकी औय भानसी
यासामन भक्
ु ि घय
• घय को बौततक रूऩ से साफ़ कयें , यासामनों से नहीॊ.
• िीॊहटमों के मरए हरदी, मा अन्म हफिर कीट तनमॊत्रक उऩमोग
कयें .
• यीठा, मसयके आहद ऩय आधारयत घये रू क्रीनय आऩ आसानी
से घय ऩय ही फना सकते हैं.
• फगीिे भें दीभक के मरए कुछ सख ू ी टहतनमाॉ, डॊडडमाॊ यखें .
कपय दीभक जीवित ऩौधों को ऩये िान नहीॊ कये गी.
• अगय इस्ल्रमाॊ (कैटयवऩरय) फहुत साये ऩत्ते नहीॊ खा यही हों,
तो उन्हें ऩये िान न कयें . उन्हें ध्मान से दे खें. जल्द ही उनका
कोिा फनेगा औय ककसी हदन उनभें से कोई तततरी मा ऩतॊगा
फाहय आएगा.
• कीटों ऩय तप्रे कयने के मरए तम्फाकू के ऩत्तों औय ऩानी के
मभश्रण का उऩमोग कयें . जरूयत ऩड़ने ऩय ऩौधों से फने हुए
जैि-कीटनािकों का ही प्रमोग कयें .
बोजन के लरए जॊगर
• सबी िऺ
ृ ायोऩण अमबमानों भें , हरयमारी, िनीकयण की
गततविधधमाॉ भें .
• िरें , ऩथ्
ृ िी ऩय औय अधधक फोझ न डारें ...
सभाप्ि