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शरी सांपुटिक शरी सूकत घोर दरिदरता निवारण उपाय Samputik Shri Sukta Shri Sukta
शरी सांपुटिक शरी सूकत घोर दरिदरता निवारण उपाय Samputik Shri Sukta Shri Sukta
ी सांपुिटक ी सू
एक ऐसा योग जो दिरदता िनवारण के िलये रामबाण योग है िजसके पाठ मा से ज मो ज म की दिरदता
का िवनाश हो जाता है | इस सू तम का किप अनु ठान करने की आव यकता नहीं है िफर भी चाहो तो कर
सकते हो िक तु ितिदन िसफ एक पाठ मा से ही दिरदता का िवनाश हो जाता है |
स पुिटक ीसू
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स पु िटक ीसू त या है ?
यह सू त तीनसौ गुना फलदेने वाला है यु की इस ीसू त को
दुगास तशती के चतुथ अ याय के "दु ग मृ ता हरिस" मं के साथ ल मी जी का मूल स ाईस अ रों
वाला मं
"ॐ ीं ीं ीं कमले कमलालये सीद सीद ीं ीं ीं ॐ महाल यै नमः" इस मं के साथ ीसू त
के हर एक म को स पुिटत िकया गया है इसिलये इस सू त की शि त तीनसौ गु ना बढ़ जाती है |
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दािरद्यदु ःखभयहािरिण का वद या सवोपकारकरणाय सदादिच ा |
ॐ ीं ीं ीं कमले कमलालये सीद सीद ीं ीं ीं ॐ महाल यै नमः |
ॐ दुग मृता हरिस भीितमशे षज तोः व थै ः मृ ता मितमतीव शु भां ददािस |
ॐ आिद यवण तपसोिधजातो वन पित तव वृ ोथिब वः |
त यफलािन तपसानुद तु माया त राया च बा ा अल मीः ||
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दिरद्यदु ःखभयहािरिण का वद या सवोपकारकरणाय सदादिच ा |
ॐ ीं ीं ीं कमले कमलालये सीद सीद ीं ीं ीं ॐ महाल यै नमः |
ॐ दुग मृता हरिस भीितमशे षज तोः व थै ः मृ ता मितमतीव शु भां ददािस |
ॐ आदा यः किरिणं यि टं सुवणा हे ममािलनीं |
सूया िहर मयीं ल मीं जातवे दो म आवह ||
|| ी महाल मयापणं अ तु ||
|| अ तु ||
|| जय ी कृ ण ||
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