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साधवेड सहहंटा
ऋग्वेड आदड अन्न वेडों धें अनुडात्त का चङह्न नीङे _ के खा से उसके चलए साधवेड
धें अंक , ऋग्वेड आदड अन्न वेडों धें स्वरकट का चङह्न । के खा से साधवेड धें अंक ,
ऋग्वेड आदड अन्न वेडों धें उडात्त णक कोई चङह्न नही होटा उडात्त को साधवेड धें
घैसे:-
ऋग्वेड ६-०१६-१०
ओ३ध् अग्न आ नाहह वीटने गृखानो हव्नडाटने। नन होटा सत्सस थहहिहष॥१साधवेड
इसे चलहणथद्ध ककने के चलए णुकाटन संस्कृट के उणलब्ढ अऺकों का उणनोग हकना
उडात्त की णरकदाषा्- घहाँ उणनुक्त हो वहाँ गहट टठा ऐसी शक्तक्त एवं वेग जघसकी सधटा
साधवेड धें कुल १८७५ धन्त्र हैं। जघनधें से २६२ धंिों की णुनरुक्तक्त हुई हैं।
एक धन्त्र टीन सधन है । अट् (१८७५-२६४=१६११) थङे। गानिी ङन्ड के ८७१ धन्त्र
हैं। गानिी ङन्ड धें ही एक धन्त्र टीन सधन आना है। व ९९ धंिों की णुनरुक्तक्त हुई है।
अट् (८७१-१०१=७७०) धन्त्र गानिी ङन्ड के थङे । गानिी ङन्ड के गानिी के णुनरुक्तक्त
के आढाक णक धन्त्र नही चलए गने हैं। इस णुस्टक धें कुल धंिों की संख्ना ७७० है।
गानिी ङन्ड धें २९ डेवटा क्तधलटे हैं। घो साधवेड संहहटा धें णहले है वह णहले चलए गने
है।
वेड धन्त्रों का णाज हवशुद्ध रुण से उच्चाकख कैसे हकना घाने, इसके चलए
शृङ्गी ऋहष वेड हवऺान प्रहटष्ठान की अन्तकघाल णक उणलब्ढ वेड धन्त्रों का णजन-णाजन
डेवटा-अचग्न्
डेवेक्तदधािनुषे घने ॥२
1
साधवेड सहहंटा
एक्तदविढािस इन्डुक्तद्॥७
हवश्वस्न वागट॥९
ह्यसस नो दृशे॥१०
2
साधवेड सहहंटा
अधैकक्तधिधडिन॥११
नजघष्ठधृञ्जसे नगका॥१२
वानोकनीके अत्स्ठकन्॥१३
धरुणिकग्न आ गहह॥१६
3
साधवेड सहहंटा
नधोक्तद्। सम्राघन्तधध्यवकाखाध्॥१७
सधुरवाससध्॥१८
अचग्नक्तधन्ढे हववस्वक्तद्॥१९
4
साधवेड सहहंटा
इनेठ थहहिकासडध्॥२३
अकं वहन्त्नाशव॥२५
सुवीकधग्न आहुट॥२६
5
साधवेड सहहंटा
डढरत्नानन डाशुषे॥३०
डेवधधीवङाटनध्॥३२
6
साधवेड सहहंटा
होटाक कत्नढाटधध्॥६०५
थृहच्ङोङा नहवष्ठ्य॥६६१
थृहडग्ने सुवीनिध्॥६६२
7
साधवेड सहहंटा
डुवो वनवसे॥७०७
हव्नवाड्जुह्वास्न्॥८४४
8
साधवेड सहहंटा
वाघैरुण नो गधट्॥९४८
चङिकाढसध्॥११६८
9
साधवेड सहहंटा
अस्धे ङ शृण्वटे॥१३७९
उटास्धान्णात्वहस्॥१३८१
ढनञ्जनो कखेकखे॥१३८२
आ डेवान्त्सोधणीटने॥१३८४
10
साधवेड सहहंटा
हव दाह्यघक॥१३८५
सीडन्नृटस्न नोननधा॥१३९७
अग्ने नद्दीडनद्दद्दहव॥१३९८
डेवस्न रहवखस्नव॥१४०५
स नऺद्दैव्नं घनध्॥१४०६
11
साधवेड सहहंटा
नन्ता शश्वटीरकष॥१४१५
हवप्रेक्तदकस्टु सननटा॥१४१७
12
साधवेड सहहंटा
हवडठानन प्रङोडनन्॥१४७७
13
साधवेड सहहंटा
अग्ने थृहन्तधध्यवके॥१५२३
14
साधवेड सहहंटा
ढनंढनध्॥१५२७
डढज्ज्नोहटघिनेभ्न्॥१५३०
15
साधवेड सहहंटा
ज्नोटीष्नङि न॥१५३४
ह कत्स्धन्नसस चिट॥१५३५
सधचग्नरकध्नटे वृषा॥१५३८
16
साधवेड सहहंटा
अचग्नधीझे स उ िवट्॥१५४३
17
साधवेड सहहंटा
अचग्नस्टुहविवस्टध्॥१५५८
18
साधवेड सहहंटा
सूनि इवोणदृक्॥१५७२
इद्धूनटे हहव॥१६१८
19
साधवेड सहहंटा
नधोक्तद्। सम्राघन्तधध्यवकाखाध्॥१६३४
सडक्तधहिश्वानु ॥१६३६
उरुकृडुरु खस्कृनढ॥१६४९
20
साधवेड सहहंटा
उक्ठैकचग्नथृिहिानु्॥१६६५
अग्ने हहकण्नसन्दृश्॥१७०६
21
साधवेड सहहंटा
ऋटूनुससृघटे वशी॥१७०९
अत्स्धन्नऻे स्वध्यवके॥१७१२
22
साधवेड सहहंटा
शटणडीध्॥१८२८
ओ३ध् अचग्नज्नोिहटज्नोिहटकचग्नरकन्रो
सूनि॥१८३१
23
साधवेड सहहंटा
णुननि् णाह्यहस्॥१८३२
हवश्वप्स्न्ना हवश्वटस्णरक॥१८३३
डेवटा-अचग्न् णवधान्
24
साधवेड सहहंटा
25
साधवेड सहहंटा
नीङीनथाकधसऺटध्॥१६०४
डेवटा- अणश्वनौ
दानुं हवश्वठाटनट्॥२१९
डेवटा- आदडसन्
26
साधवेड सहहंटा
अनिधख रकशाडसध्॥१०६७
इनं हवप्राधेढसाटने॥१०६८
27
साधवेड सहहंटा
डेवटा- आण्
उशटीरकव धाटक॥१८३८
डेवटा- इझ्
28
साधवेड सहहंटा
डेवटा- इन्र्
नद्गवे न शाहकने॥११५
अकक्तधन्रस्न ढािे॥११८
29
साधवेड सहहंटा
त्व सन्वृषन्वृषेडसस॥१२०
ओणशं दडहव॥१२१
30
साधवेड सहहंटा
अनादननन्ररकधा टे॥१२४
अस्टाकधेहष सूनि॥१२५
31
साधवेड सहहंटा
वृिेषु वखिखध्॥१३०
टिाडदडष्ट णौस्नध्॥१३१
32
साधवेड सहहंटा
नाधं चङिधृञ्जटे॥१३५
सधुरानेव ससन्ढव्॥१३७
वृष्खाधस्धभ्नधूटने॥१३८
कऺीवन्तं न औक्तशघ॥१३९
33
साधवेड सहहंटा
इन्रोरकन्रो नवाक्तशक्॥१४५
34
साधवेड सहहंटा
णूषादुवससङा॥१४८
अच्ङावदृठधोघसा॥१५१
35
साधवेड सहहंटा
डेविा कथ्नोहहिटा॥१५४
सखान् सोधणाव्ने॥१५६
कण्वा उक्ठेक्तदघिकन्ते॥१५७
अकिधङिन्तु काकव॥१५८
36
साधवेड सहहंटा
घुहूधसस द्यहवद्यहव॥१६०
हणथेडस्न त्वधीक्तशषे॥१६२
सखान स्टोधवाहस्॥१६४
37
साधवेड सहहंटा
त्वा३स्न नगविख्॥१६५
38
साधवेड सहहंटा
आ च्नावनस्नूटने॥१७०
सननं धेढाधनाससषध्॥१७१
वन्वानास सुवीनिध्॥१७५
39
साधवेड सहहंटा
धन्त्रिुसनं ङकाधसस॥१७६
डेव सहवटाकध्॥१७७
घगान नवटीनिव॥१७९
धहा अक्तदहष्टकोघसा॥१८०
40
साधवेड सहहंटा
धहान्धहीक्तदरूहटक्तद॥१८१
इन्रश्चधेिव कोडसी॥१८२
वङस्टचच्चन्न ओहसे॥१८३
वरकवस्ना धहोनाध्॥१८६
41
साधवेड सहहंटा
एनाधृटस्न हणप्स्ननुषी॥१८७
नससोधेसोध आदुव्॥१८८
42
साधवेड सहहंटा
डुकाढषं वरुखस्न॥१९२
स्ठाटहिकीखाध्॥१९३
इन्र त्वाडाटक्तधद्यश॥१९५
त्वाक्तधन्राहट रकच्नटे॥१९७
43
साधवेड सहहंटा
इन्रं वाखीकनूषट॥१९८
हह त्स्ठको हवङषिणख्॥२००
हुवेध वाघसाटने॥२०२
44
साधवेड सहहंटा
क्तधिास्णान्त्नरुह॥२०६
45
साधवेड सहहंटा
46
साधवेड सहहंटा
सहस्रवाघना॥२१५
कृण्वन्तधवस॥े २१७
47
साधवेड सहहंटा
टदडध्नस्न वढिनध्॥२२४
48
साधवेड सहहंटा
टवेड सख्नधस्टृटध्॥२२९
सिाजघडुग्र णौस्नध्॥२३१
49
साधवेड सहहंटा
णरुष्खीषु रुशसणन॥५९५
उग्राक्तदरूहटक्तद॥५९८
50
साधवेड सहहंटा
इहट ब्रवीटन॥७१४
ङकृधा ससनकाढसे॥७१७
हहकण्ननुविसो॥७१८
टवेडु स्टोधैक्तश्चकेट॥७२०
51
साधवेड सहहंटा
नजन्त प्रधाडधटन्रा्॥७२१
52
साधवेड सहहंटा
टुवीधगध्। टुहवधािधवोक्तद्॥७२९
53
साधवेड सहहंटा
54
साधवेड सहहंटा
हव गोक्तदकहरधैकनट्॥७९९
टहिडच्ङनिखावहट॥९१४
55
साधवेड सहहंटा
इन्र नद्दस्नुहादव्॥९८९
इन्रासणरकटन्वं धधे॥९९०
स्णाहं टडादक॥१०७१
ऋखोकऺं न शङीक्तद्॥१०८६
56
साधवेड सहहंटा
अण्वीक्तदस्टना णूटास॥११४६
57
साधवेड सहहंटा
एन्रधचग्नं ङ वोञवे॥११५१
58
साधवेड सहहंटा
काघा घनानाध्॥१३५६
अहहं ङ वृिहावढीट्॥१४५१
59
साधवेड सहहंटा
उरुढाकेव डोहटे॥१४५२
सधुषणिकघानठा्॥१४७०
निाक्तद संनवाधहे॥१४९०
60
साधवेड सहहंटा
नससीधुणह्वके हवडट्॥१४९१
धधेिढिस्व सुष्टुट्॥१५०२
हवदूहटकस्टु सूनृटा॥१६००
सधन्नेषु ब्रवावहै॥१६०१
61
साधवेड सहहंटा
अस्धभ्नधप्रहटष्कुट्॥१६२१
ईशानो अप्रहटष्कुट्॥१६२२
इन्रो नडक्तदनिलध्॥१६४०
62
साधवेड सहहंटा
नकधवानिक्रटुध्॥१६४३
विेख शटणविखा॥१६५२
शृङ्गेक्तदडिशक्तददडिशन्॥१६५६
इन्रं गीक्तदिनगिविखसध्॥१६५८
63
साधवेड सहहंटा
नससीधु णिवहद्गक॥१६६७
64
साधवेड सहहंटा
आ णप्राठ धहहत्वना॥१७७२
65
साधवेड सहहंटा
डेवटा- इन्राग्नी
66
साधवेड सहहंटा
सथाढो वाघसाटने॥८०१
धेढसाटा सननष्नव॥८०२
इन्राग्नी न धढिट्॥८५३
67
साधवेड सहहंटा
अभ्रािृहष्टरकवाघनन॥९१६
68
साधवेड सहहंटा
इन्राग्नी सोधणीटने॥९९३
69
साधवेड सहहंटा
साकधेकेन कधिखा॥१५७६
ङ। नुवोकिूनि हहटध्॥१५७८
इन्राग्नी वाघसाटधा॥१७०२
डेवटा-उषा्
70
साधवेड सहहंटा
दूडणश्वनोरुषा॥१७२६
डेवटा-टनूनणाट्
कृखुह्यूटने॥१३४८
डेवटा-डेवा वा
71
साधवेड सहहंटा
डेवटा- द्यावाणृचठवी
ऊह्याठे सनादृटध्॥१५९७
डेवटा- नकाशंस्
धढुजघह्व हहवष्कृटध्॥१३४९
72
साधवेड सहहंटा
डेवावीकगशसहा॥४७०
हरककेहट कननक्रडट्॥४७१
73
साधवेड सहहंटा
अकिस्न नोननधासडध्॥४७२
न नोननधासडट्॥४७३
स्वानैनािहट कहवक्रटु्॥४७६
74
साधवेड सहहंटा
णवधान स्वदृिशध्॥४८०
सृघडश्व कठीरकव॥४८१
75
साधवेड सहहंटा
ज्नोहटवैिश्वानकं थृहट्॥४८४
कारुं हथभ्रसणुरुस्णृहध्॥४८६
76
साधवेड सहहंटा
काष्धिन्वाघी न्नक्रधीट्॥४९०
नुडस्वाडेवनुं घनध्॥४९२
हहन्वानो धानुषीकण॥४९३
77
साधवेड सहहंटा
वहव्रवासं धहीकण॥४९४
अवाहन्नवटीनिव॥४९५
णान्तधा णुरुस्णृहध्॥४९८
78
साधवेड सहहंटा
सीडन्नोनौ वनेष्वा॥५०३
79
साधवेड सहहंटा
हहन्डान इिृषानसे॥५०७
गच्ङनन्नन्रस्न ननष्कृटध्॥५१०
80
साधवेड सहहंटा
वरकवोहवसणरकस्रव॥५९२
ससषासन्तो वनाधहे॥५९३
डेवा इनऺटे॥६५१
श काघन्नोषढीभ्न्॥६५३
81
साधवेड सहहंटा
अविन्तो न िवस्नव॥६५७
अवावशन्त ढीटन॥६५८
अग्धन्नृटस्न नोननधा॥६५९
82
साधवेड सहहंटा
सढस्ठधासडट्॥६९०
इन्डुकश्वो न कृत्व्न॥६९८
नऻान सिरन्॥६९९
णन सहस्रसाधृहषध्॥७५५
83
साधवेड सहहंटा
णहविे अषिहट॥७५८
कहवहविप्रेख वावृढे॥७५९
84
साधवेड सहहंटा
डेवा इनऺटे॥७६३
हवश्वस्नावीवशन्धहटध।् असनो न
गोक्तदकज्नटे॥७७०
इन्डुक्तधन्रान णीटने॥७७१
85
साधवेड सहहंटा
काव्ना॥७७५
णवस्व हवश्वङषिखे॥७७६
86
साधवेड सहहंटा
स त्वं वृषन्वृषेडसस॥७८२
रोखे सढस्ठधश्नुषे॥७८५
त्ष्वन्डवा गहह॥७८६
सखखत्वधा वृखीधहे॥७८७
87
साधवेड सहहंटा
गोषाहटकश्वसा असस॥८१६
88
साधवेड सहहंटा
हवश्वान्नक्तद सौदगा॥८३०
इझाधस्धभ्न संनटध्॥८३२
89
साधवेड सहहंटा
अन्तरकऺेख नाटवे॥८३३
90
साधवेड सहहंटा
अक्तदहष्टकृहिङषिणख्॥८३९
गोणाधृटस्न हवदिकट्॥८४०
सृघान आक्तशकध्॥८४२
द्युटानो वाजघक्तदहहिट॥८४३
धघिनन्तीदडिव क्तशशुध्॥८७०
91
साधवेड सहहंटा
आ णवस्व सहसस्रख॥८७१
वाकधव्नधषिहट॥८९०
साह्याध डस्नुधव्रटध्॥८९३
अश्ववससोध वीकवट्॥८९५
92
साधवेड सहहंटा
93
साधवेड सहहंटा
हवङऺाखो हवकोङनन्॥९०१
इन्डुक्तधन्रान णीटने॥९०३
णवस्व संनटध्॥९०६
94
साधवेड सहहंटा
णवधानो अडाभ्न्॥९२०
धहान्धही ऋटावृढा॥९३६
95
साधवेड सहहंटा
वीसनषि णननष्टने॥९३७
सूनिस्नेव न कश्धन॥९५८
णुनाना इन्रधाशट॥९६२
96
साधवेड सहहंटा
नृक्तदनिटो हव नीनसे॥९६३
अकक्तधन्रस्न ढािे॥९६४
सजस्ननोि अनुधाद्य॥९६५
णावको अिुट्॥९६६
धढुधान्। डेवावीकगशसहा॥९६७
97
साधवेड सहहंटा
सोधश्चधूषु सीडहट॥९७३
98
साधवेड सहहंटा
धऺूटधेक्तदकहक्तद्॥९७७
स णवस्व सहस्रजघट्॥९७८
99
साधवेड सहहंटा
टाक्तद णहविधासड्॥९७९
सीडन्नृटस्न नोननधा॥९८०
100
साधवेड सहहंटा
हरक सन्नोननधासड्॥१०००
101
साधवेड सहहंटा
णाचठिवा। णवन्ताधान्तरकक्ष्ना॥१०३६
नद्गोक्तदवािसननष्नसे ॥१०४०
102
साधवेड सहहंटा
103
साधवेड सहहंटा
104
साधवेड सहहंटा
नो वस्नसस्कृनढ॥१०५५
धन्डी ढावहट॥१०५८
105
साधवेड सहहंटा
धदडन्तधस्न ढाकना॥१०६१
गृखानो घधडचग्नना॥१०६३
णवधानस्न धरुट॥१०७८
106
साधवेड सहहंटा
सधादडसनेक्तदकख्नट॥१०८१
सविढा असस॥१०९४
107
साधवेड सहहंटा
दकास् कारकखाक्तधव॥११२०
णडधेकस्न हणप्रट्॥११२५
108
साधवेड सहहंटा
कवेकणसनधा डुहे॥११२६
हहवहिहवषु वन्द्य॥११२९
109
साधवेड सहहंटा
स्ववािघी ससषासहट॥११३१
नडीधृण्वजन्त वेढस॥११३२
110
साधवेड सहहंटा
णान्तधा णुरुस्णृहध्॥११३८
णान्तधा णुरुस्णृहध्॥११३९
111
साधवेड सहहंटा
डेवानां नोननधासडध्॥११८०
सं गोक्तदवािसनाधसस॥११८२
गव्नान्नव्नट॥११८३
112
साधवेड सहहंटा
दऺीधहह प्रघाक्तधषध्॥११८५
वानोरकन्रस्न ननष्कृटध्॥११८७
सुष्वाखं डेववीटने॥११८८
113
साधवेड सहहंटा
गृखाना डेववीटने॥११८९
द्युधदडन्डो सुवीनिध्॥११९०
हव वाकधव्नधाशव॥११९१
डढत्न्वके गदस्सनो्॥११९३
114
साधवेड सहहंटा
नोनावृटस्न सीडट॥११९५
इन्रान धढुधत्तधा्॥११९६
115
साधवेड सहहंटा
जघन्वन्कोशं धढुश्चुटध्॥१२०१
116
साधवेड सहहंटा
अकिस्न नोननधासडध्॥१२०८
117
साधवेड सहहंटा
ऺका सहसस्रखीरकष॥१२१२
अन्तरकऺेख नाटवे॥१२१७
118
साधवेड सहहंटा
णवधानस्न धरुट॥१२२६
सुनोटा धढुधत्तधध्॥१२२७
नन धसनेिष्वाडढु॥१२४५
119
साधवेड सहहंटा
रोखान्नासडध्॥१२५६
डढरत्नानन डाशुषे॥१२५७
णवधान् ससषासहट॥१२५८
हरकवािघान धृज्नटे॥१२६०
120
साधवेड सहहंटा
णवधानो अडाभ्न्॥१२६१
णवधान कननक्रडट्॥१२६२
णवधान् स्वध्यवक॥१२६३
121
साधवेड सहहंटा
गच्ङनन्नन्रस्न ननष्कृटध्॥१२६६
निाधृटास आशट॥१२६७
प्रङक्राखं धहीरकष॥१२६८
122
साधवेड सहहंटा
स्वानुढं धदडन्तधध्॥१२७३
गच्ङन्वाघ सहसस्रखध्॥१२७४
इन्डुक्तधन्रान णीटने॥१२७५
123
साधवेड सहहंटा
इन्डुवािकधाहवशट्॥१२७७
क्रन्डन्नोननधक्तद हप्रनध्॥१२७८
हवश्वा ढाधान्नाहवशन्॥१२८१
डेववीटध्॥१२८२
124
साधवेड सहहंटा
रोखानन ढावहट॥१२८३
णहटवािङो अडाभ्न्॥१२८५
णहविे डऺसाढन्॥१२८७
125
साधवेड सहहंटा
सिाजघडस्टृट्॥१२८९
णुनान इन्डुरकन्रधा॥१२९०
डेवावीकगशसहा॥१२९१
126
साधवेड सहहंटा
सोधो वाघक्तधवासकट्॥१२९६
इन्डुरकन्रान धहनन्॥१२९७
घीका अजघकशोचङष्॥१३१०
127
साधवेड सहहंटा
हरकश्चन्रो धरुद्गख्॥१३११
डढसस्टोिे सुवीनिध्॥१३१२
णवस्व धहनरनन्॥१३२३
इन्डु् सिाजघडस्टृट्॥१३२४
न इन्रस्न हृडसनन॥१३३६
128
साधवेड सहहंटा
अनक्ष्धा थृहटीरकष॥१४३५
129
साधवेड सहहंटा
प्रत्नवरोङनन्रुङ॥१४३९
सोधान गाठधङिट॥१४४४
इन्डुक्तधन्रे डढाटन॥१४४६
डेवेभ्नो अनुकाधकृट्॥१४४७
धनक्तश्चन्धनसस्णहट॥१४४८
130
साधवेड सहहंटा
इन्डहवन्रेख नो नुघा॥१४४९
अनढ सानहव॥१७००
131
साधवेड सहहंटा
132
साधवेड सहहंटा
ज्नोहटघिऻानधुक्थ्नध्॥१७६६
डेवटा-णूषा
नृवत्कृखुह्यूटने॥१५९३
133
साधवेड सहहंटा
डेवटा-ब्रह्मखस्णहट्
कऺीवन्तँ न औक्तशघ्॥१४६३
डेवटा-धरुट्
नाध नक्तऻनध्॥८५१
134
साधवेड सहहंटा
हिषढस्ठस्न घावट्॥१७८६
प्राटहोिटेव धससहट॥१७८७
डेवटा- क्तधिावरुखौ
रानगष्ठाक्तद् शुचङव्रटा॥६६४
णाट सोधधृटावृढा॥६६५
135
साधवेड सहहंटा
क्तधिावरुखा हुवे॥७९४
ककटां न् सुकाढस्॥७९५
थृहन्तधाशाठे॥८४८
136
साधवेड सहहंटा
सहस्रस्ठूख आशाटे॥९११
137
साधवेड सहहंटा
डेवौ वढेिटे॥१४६६
गटिधाशाटे॥१४६७
138
साधवेड सहहंटा
डेवटा- वरुख्
त्वाधवस्नुका ङके॥१५८५
डेवटा- वानु्
डेवटा-हवश्वेडेवा्
139
साधवेड सहहंटा
डेवटा- हवष्खु्
सधूञधस्न णासुले॥२२२
140
साधवेड सहहंटा
हवष्खोनिसणकधं णडध्॥१६७३
डेवटा- सकस्वटी
डेवटा- सकस्वान्
सकस्वन्त हवाधहे॥१४६०
डेवटा- सहवटा
141
साधवेड सहहंटा
डेवटा- सूनि्
हणटकं ङ प्रनन्त्स्व॥६३०
व्नख्नन्धहहषो दडवध्॥६३१
सूकान हवश्वङऺसे॥६३३
142
साधवेड सहहंटा
हवश्वधादासस कोङनध्॥६३५
णश्नञ्जन्धानन सूनि॥६३८
143
साधवेड सहहंटा
शोचङष्केशं हवङऺख॥६४०
144
साधवेड सहहंटा
१४ ससटम्थक सन् १९४२ , धें उत्तक प्रडेश के गाजघनाथाड जघले के , ग्राध खुकिधणुक सले धाथाड धे एक हवशेष थालक का
घन्ध हुआ। थालक घन्ध से ही एक हवलऺखटा से नुक्त ठा औक हवलऺखटा नह हक घथ दी नह थालक सीढा , शवासन की धुरा
धें, कुङ अन्तकाल ले छ घाटा ना चलछा दडना घाटा , टो उसकी गडिन डानें थानें हहलने लगटी , कुङ धन्त्रोच्चाकख होटा औक उसके
उणकान्त सृहष्ट के आदड काल से वटिधान के काल टक के हवक्तदन्न कालों के स्वनं औक हवक्तदन्न ऋहष-धुनननों के चङन्तन औक गछनाओं
णक आढारकट ४५ क्तधनछ टक एक दडव्न प्रवङन का प्रसाकख होटा। थाल्नावस्ठा होने के काकख , प्राकम्द धें आवाघ अस्णष्ट होटी औक
घैसे-घैसे आनु थञने लगी वैसे ही आवाघ औक हवषन डोनो स्णष्ट होने लगे। णक एक अणदजट ग्राधीख थालक के धुख से ऐसे दडव्न
प्रवङन सुनकक घन धानस आश्चनि ककने लगा , थालक की ऐसी दडव्न अवस्ठा औक प्रवङनों की गूञटा के हवषन धे कोई दी कुङ
हवक्तदन्न कालों धे शृंगी ऋहष की उणानढ से हवदूहषट औक सटनुग के काल धें आदड ब्रह्मा के शाण के काकख इस नुग धे घन्ध ले ने
का काकख थनी। इस घन्ध धें अणदजट कहने की त्स्ठहट धें घैसे ही नह शकीक श्वासन की धुरा धें आटा टो कुङ अन्तकाल थाड स्वट्
ही नोग सधानढ की त्स्ठहट थन घाटी। घहां इस दडव्नात्धा का णूवि घन्धों का ऻान उडथुद्ध हो घाटा औक अन्तरकऺ धें उणत्स्ठट सूक्ष्ध
शकीक ढाकी दडव्नात्धाओं के सधऺ एक सससंग सदृश्न त्स्ठहट थन घाटी जघसधें इस धहान आत्धा का सूक्ष्ध शकीकढाकी आत्धाओं के
चलए प्रवङन होटा। जघसधें इस आत्धा के णूवि घन्धों के क्तशष्न धहहषि लोधश धुनन णूज्न धहानन्ड के प्रवङन दी होटे। क्योंहक इस
दडव्नात्धा का स्ठूल शकीक नहां धृसनु लोक धें त्स्ठट होने के काकख वहां सससंग धें दडना घाने वाला दडव्न प्रवङन इस शकीक के
धाध्नध से नहाँ उणत्स्ठट घन धानस को दी सुनाई डेटे। इन प्रवङनों धे ईश्वकीन सृहष्ट का अिुट कहस्न सधाना हुआ है , ब्रह्माण्झ की
हवशालटा सृहष्ट का उद्देश्न , णूवि कालों धें हवऻान की हवशालटा का दडग्डशिन वैदडक सं स्कृहट का उज्ज्वलटध स्वरुण आत्धा , णकधात्धा
औक प्र कृहट का स्वरूण हवक्तदन्न कालो , का आंखो डेखा सदृश्न वखिन दगवान काध औक दगवान कृष्ख के घीवन की दडव्नटा का
साऺाट डशिन, क्या कुङ दडव्न नहीं है इन प्रवङनों धे , ने हकसी दी धनुष्न को, सधाघ को औक काष्ट्र को उच्च कोहछ का घीवन घीने
आश्चनिङहकट औक उनका धागिडशिन ककटे कहे। णकन्तु कुङ प्रथुद्ध धहानुदावों ने इन प्रवङनों की इस अधूल्न नननढ को सुकसऺट कखने
के उद्देश्न से सन् १९६२ से (छेण रककाझि ) संकसऺट ककने का ननश्चन हकना , नह क्रध णूज्नणाड गुरुडेव के धहा प्रनाख सन् १९९२
टक हकना।
इस अन्तकाल णूज्नणाड गुरुडेव के १५ ०० प्रवङन , रककाझि हकने गने। जघनको ढीके -ढीके णुस्टकों के रूण धें
प्रकाक्तशट हकना घा कहा है। जघसको घीवन धें ढाकख ककने के चलए औक णकधात्धा की अनुणध कृणा के प्रसाकख के चलए प्रसनेक
वैदडक ढधीि को प्रनास ककना ङाहहए। जघससे हध ऋहष ऋख से उऋख हो सकें औक वसुढैव कुछुम्थकध की सं स्कृहट से ननहहट नह
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