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इमैिजनेशन (पटना)

नाटक
सरू जमख
ु ी और है मलेट
मलू : जयाँ अनई ु
पांतर : रं जीत कपरू

[ यब ध एवं मंच स जा यथा संभव यथाथवाद । कंतु लेखक क


टडी, अपनी व श ट पहचान के साथ, म य म । तीन दरवाजे, बा
और लांबी, ऊपर जाती सी ढ़यां, तथा मु य वार । काश आने पर
लेखक और उसक प नी माया, े संग गाउन पहने हुए, अ यंत
ो धत, एक दस
ू रे पर चीखते हुए और मेज पर घस
ू े मारते हुए कट
होते ह ।]

लेखक : [ मेज पर घस ंु ा मारते हुए ] बेशक !


माया : [ मेज पर घस ंु ा मारते हुए] बेशक !
लेखक : [ पव ू वत ] बेशक !
माया : [ पवू वत ] बेशक !
लेखक : [ अचानक बफ ले वर म ] गड ु ! बात ख म ! अब हमारे पास कहने के लए कुछ नह ं बचा है ।
माया : [ उसी क तरह ] भगवान का लाख-लाख शु है क कुछ नह ं बचा है ।
लेखक : सवाय एक बात के ! क वो च ठ तु हार बहन क नह ं थी ।
माया : तो अब तम ु ने मेरे पस क तलाशी लेना शु कर दया है । हद होती है बदतमीजी क !
लेखक : म मानता हूं तु हार बहन तु ह बहुत यार करती है । ले कन इतना नह ं क च ठ म लख मेर !
सफ मेर , यार , माया ।
माया : या न क सफ म ह काफ नह ं हूं ! मेर बहन पर भी क चड़ उछालना चाहते हो तम ु !
लेखक : कचड़ नह ं उछाल रहा हूं म । सफ हक कत बयान कर रहा हूं । मै मानता हूं क तु हार बहन यादा
पढ़ - लखी नह ं है । ले कन इतनी बेवकूफ भी नह ं है क “ तु हार याद म तड़प रह हूं” क बजाय लखे
“तु हार याद म तड़प रहा हूं !”
माया : उसका याकरण बहुत कमजोर है । ी लंग-पु लंग म कं यज ू हो जाती है ।
लेखक : कतना ? कतना कं यज ू हो जाती है ? या कभी तम ु से कहा “माया द दा, तम
ु कतना यारा हो ?”
या मझु से कभी कहा “मे र जीजाजी, आप नाटक बहु त अ छा लखती ह ?”
माया : तम ु तो बस राई का पहाड़ बना लेते हो !
लेखक : राई हो या पहाड़, वो च ठ कसी मद क थी !
माया : इससे गंदा और घ टया आरोप तो कोई हो ह नह ं सकता ! वैसे, एक सवाल म भी पछ ू सकती हूं तम

से?
लेखक : पछ ू ो!
माया : अगर म कसी दस ू रे मद क तरफ झक ु हूं तो कुसरू कसका है ? तु हारा नह ं है या ?
लेखक : [ भयानक हं सी हं सता है ] हा ! हा ! हा !
माया : यह या कर रहे हो ?
लेखक : भयानक हं सी हँंस रहा हूं !

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माया : लानत है तम ु पर ! म तम ु से बेवफाई कर रह हूं और तम ु हं स रहे हो ? शम नह ं आती ? ई या और
जलन क भी मता नह ं है तम ु मे ! अपनी परू जवानी मने तु हारे लए बबाद कर द और तम ु मेरे पस क
तलाशी लेते फरते हो !
लेखक : च ठ अलमार म थी !
माया : अलमार क तलाश लेते फरते हो ! बस बहुत हो गया ! दो घंटे के अंदर-अंदर म जा रह हूं ! वापस
अपनी मां के पास ।
लेखक : िजनको मरे हुए छ: साल हो गए । सन 2011 म मर थी वो ।
माया : वाह ! चलाओ, और तीर चलाओ मेरे सीने पर । मझ ु े याद दलाओ क मेर मासम ू , गर ब मां मर चक
ु है
और अब मेरा द ु नया म कोई नह ं है ! खैर, कोई बात नह ं, एक मकान तो छोड़ ह गई है वो कम से कम ! दो सौ
तीन बटे आठ, संत नगर, सहारनपरु ! जहां मेर अनपढ़ और गवार बहन रहती है । म जा रह हूं उसी के पास !
लेखक : ज र ! सन ु कर बहुत खश ु ी हुई !
माया : हां ! खश
ु ी तो त ु ह होगी ह ! य क अब जाकर तु ह मौका मलेगा मझ ु से बेवफाई करने का, अपने
च कर चलाने का ! पछले बारह साल से इसी पल का तो इंतजार कर रहे थे तम ु ! सारे चले भी इस हसाब से
चल है क कुसरू वार म नजर आऊँं !
लेखक : [ अचानक चखकर ] नजर आऊं ? तम ु कुसरू वार हो ! वो च ठ तु हार बहन क नह ं थी ।
माया : हां ! मेर बहन तो लख ह नह ं सकती न ! वो तो अंगठ ू ा टे क है न ?

[इसी पर मु य वार वार क घंट बजती है दोन सन


ु ते ह वह अभी भी नौकरानी आंख म आंसू भरे हुए वार
खोलती है बेगम नफ सा फोटो ाफर का वेश]

बेगम : हम लेखक जी से मल ु ाकात करनी है । अपॉइंटमट लया हुआ है । बेगम नफ सा रहमान और ये है हमारे
फोटो ाफर ।
लेखक : बां लादे श के एक अखबार क ामा टक ह गी । मेरा इंटर यू लेना चाहती ह । परस थएटर म
एक सेशन हो चक ु ा है । आज आ खर है । हम अपनी बात बाद म कर लगे ! उफ ! मने अभी तक हजामत भी
नह ं बनाई !
माया : [ जाते हुए, यंग ] ढाका चले जाओ ! वह बन जाएगी अपने आप !
लेखक : तम ु तो बस... कटू हो गई हो- गांधार क तरह ! अ छा, इतना तो बता दो म साफ-सथ ु रा लग रहा हूं
क नह ं ?
माया : नह ं !

[ धड़ाम से दरवाजा बंद करती है द वार पर टं गी एक त वीर गर पड़ती है । लेखक उसे उठाकर टांग ता है ।
नौकरानी बेगम नफ सा और फोटो ाफर को लेकर आती है । अब भी रो रह है । ]

बेगम : गड ु मॉ नग, सर ! आप क मेहरबा नयां क म मशकूर हूं, सर ! यह हमारे अखबार के फोटो ाफर ह !
लेखक : बै ठए, बै ठए, मोहतरमा ! इन कपड़ के लए मझ ु े माफ क िजएगा ! दरअसल काम म उलझा हुआ था
म।
बेगम : ओह, सॉर , सर ! मने ड टब कर दया आपको ! शायद कोई नया सीन चल रहा था आप का ?
लेखक : जी हां ! [ संभलकर ] जीे नह ं…. मेरा मतलब कोई नया सीन नह ं था ! बहुत परु ाना था ! बारह साल
परु ाना ! अ सर चलता रहता है ।
बेगम : [संकोच से ] अ छा ? ले कन फर भी मझ ु े अफसोस है क मने खलल डाला ! यादा टाइम नह ं लग ंू ी म
आपका ! मनट म ख म हो जाएगा सब ! [ जमकर बैठते हुए ] अगर ऐतराज न हो तो म सगरे ट पी लंू ?
लेखक : ज र ! ज र !
बेगम : सगरे ट पी कर ह दल को चैन आता है ।
लेखक : फेफड़ को ! फेफड़ को चैन आता है । दल को नह ं ! दल को चैन तो ि ह क से आता है ।
बेगम : वाह ! कतनी सह बात कह है आपने ! कतनी मह न ! तभी तो हम सब आपके इतने फैन ह !
बहरहाल, आज म आपके ताजातर न नाटक “ सरू जमख ु ी और है मलेट” के बारे म बात करना चाहूंगी ! आपको

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जानकर बहुत ख़श ु ी होगी, सर, क हमारे बां लादे श म आपका यह नाटक जबरद त हट हुआ है । परू े तीन
परफारमस हो चक ु े ह अब तक !
लेखक : अ छा ? परू े तीन ? अन ्-इ टर टे ​ ​?
बेगम : जी हां । दरअसल, फोक थएटर के मक ु ाबले, कंटपरे र थएटर क ऑ डयंस बहुत कम है हमारे यहां !
ले कन िजतनी भी है बहुत अ छ और समझदार है । आपके लेज़ तो हाथ -हाथ लेती है । और आपका
“सरू जमख ु ी और है मलेट” दे खकर तो सब आपके द वाने हो गए ह । अखबार ने भी सप ु रले टभस म तार फे क !
चौथा शो भी होते - होते रह गया ! बस लोग क एक ह शकायत थी, सर, क नाटक का ह रो इतना प थर दल
य है ? वो ह रोइन को यार य नह ं करता ? असल म हम बंगाल बहुत रोमां टक और सट मटल लोग है ।
यार और मोह बत म व वास करने वाले । इसी लए सब जानना चाहते ह क यार के बारे म आपक या
राय है ? हमारे दोन दे श का क चर तो एक ह है , इस लए इस सवाल का जवाब तो आपको दे ना ह होगा, सर
! [ मु य वार क घंट बजती है ] घबराइए मत, म आपके साथ ग दार नह ं क ं गी, सर !
लेखक : [ संकेत वर म ] ग दार ? कैसी ग दार ?
बेगम : मतलब आप कहे कुछ और म छापू कुछ और ! बहुत से जन ल ट करते ह ऐसा ! ले कन म ऐसा नह ं
क ं गी ! इस लए, ल ज, बताइए क आपका ह रो ह रोइन से यार य नह ं करता ? और यह भी क आप
यार म व वास करते ह या नह ं ?
लेखक : दे खए, जहां तक आपका पहला सवाल है तो म कहूंगा क ऐसा नह ं है क ह रो ह रोइन से यार
ब कुल ह नह ं करता ! शायद करता है । ले कन वह परू तरह योर नह ं है । उसके मन म हमेशा द ु वधा रहती
है क म उसे यार करता हूं या नह ं ! उसक यह द ु वधा या डायलेमा “ टू बी और नॉट टू बी” वाल डायलेमा है !
इसी लए तो मने नाटक का नाम “ सरू जमख ु ी और है मलेट” रखा है ! सेकंड ए ट के फ ट सीन म ह रो,
सरू जमखु ी के फू ल क पं
ख ु ड़यां नोचते हु कहता है “ अ कड़, ब कड़, बं बे बो ! म उससे यार करता हूं या

नह ं करता ? अ सी, न बे परू े सौ ! म उससे यार करता हूं या नह ं करता ?

[ डोरबेल !​ न
​ ौकरानी रोते हुए मु य वार खोलती है जो लंबरस दा खल होते ह ]

लंबर एक : हम लंबरस है जी । हम लोग लक ठ क करने के लए आए ह …. जानेमन !

[ नौकरानी टडी के दरवाजे पर द तक दे ती है ]


लेखक : [ बेगम से ] ए स यज ू मी ! [ऊंची आवाज म ] कम इन ! बोलो या बात है ?
नौकरानी : पलंबस आए ह, सर ! ल क ठ क करने के लए !
लेखक : तो करवा लो ठ क ! मझ ु े य ड टब कर रह हो ! दे ख नह ं रह इस व त बजी हूं म !
लंबर दो : [ ऊंची आवाज म ] लक कहां हो रह है , जी !
नौकरानी : पछ ू रहे ह, लक कहां हो रह है ?
लेखक : अगर हम पता होता तो इ ह य बल ु वाते ? कहो खद
ु ढूंढ ले जहां भी हो रह हो ! सब जगह ढूंढे !
ऊपर से नीचे तक !
पलंबर एक : ठ क है जी, ठ क है , हम खद ु ह ढूंढ लगे ! ए, ऊपर से शु करते ह । रा ता कधर से है ….
जानेमन ?
नौकरानी : [ रोते हुए ] इधर से !
[ तीन सी ढ़य तक पहुंचते ह।]
पलंबर दो : [ नौकरानी से ] तम ु आगे-आगे चलो ! हम पीछे पीछे चलगे ! हम पीछे अ छा लगेगा ।
[ तीन ऊपर चले जाते ह ]
लेखक : [ पन ु : बे गम से मखु ा तब होकर ] माफ क िजएगा ! कुछ अजीब सी मस ु ीबत आई हुई है घर म!
जगह-जगह पानी टपक रहा है !
बेगम : अ छा ? कमाल है ! ब कुल ऐसा ह हादसा हमारे ढाका म भी हुआ था । मेरे बड़े चाचा के घर।
सबु ह-सब
ु ह हम सो कर उठे तो या दे खते ह क सारा ाइंग म पानी से भरा हुआ है ।
लेखक : यहां भी यह हुआ ।
बेगम : बताइए ाइंग म ! जहां पानी का कोई पाइप ह नह ं था - फर भी पानी आ गया ।

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लेखक : यहां भी यह हुआ !
बेगम : और छत ब कुल सह -सलामत न कह ं छे द, न कोई दरार ! उस रात घर म एक दरवेश आकर ठहरे थे।
हम लगा उ ह ने कोई मरे कल दखा दया है ।
लेखक : यहां भी यह हुआ ! नह ं सॉर …. यहां इतना तो नह ं हुआ ले कन हम बात कर रहे थे “ सरू जमख ु ी और
है मलेट” क ! अ कड़ ब कड़ बं बे बो - म उससे यार करता हूं या नह ं ? अ सी, न बे परू े सौ ! म उससे यार
करता हूं या नह ं ?

[ मंच पर बाए, नीचे क ओर काश ! एक औरत फोन का नंबर डायल करती है । लगभग तरु ं त ह लेखक के
कमरे म फोन क घंट बज उठती है ]
लेखक : [ बेगम से ] ल ज ए स यज ू मी ! [ फोन पर ] है लो !
औरत : कौन, ब लू ?
लेखक : ब लू ? आई एम सॉर , मैडम, कससे बात करना चाहती ह आप ?
औरत : ओह, तो यह तम ु ह हो ? आवाज बदलकर बात य कर रहे हो, ब लू ?
लेखक : इस लए क म ब लू नह ं हूं ! कौन सा नंबर चा हए आपको ?
औरत : 384902
लेखक : नंबर तो मेरा भी यह है , मैडम- 384902, ले कन मझ ु े अफसोस है क म ब लू नह ं हूं !
औरत : ले कन 384902 नंबर मेरे पहले ह बे ड का नंबर है , जनाब !
लेखक : आई एम सॉर , मैडम ! लगता है आप से कोई भल ू हुई है ! म आपका पहला ह बड नह ं हूं ! [ फोन
रखता है !औरत पर से काश लु त हो जाता है । ] कोई म हला थी िज ह गलत ह बे ड…. मेरा मतलब गलत
नंबर मल गया था । पता नह ं कतने लोग ने, कतने लोग को मेरा नंबर दया हुआ है !
बेगम : कमाल है ! ब कुल ऐसा ह हादसा हमारे ढाका म भी हुआ । मेरे बड़े चाचा का नंबर है 3141510
आपके नंबर से सफ एक डिजट यादा ! एक दन ऐसा हुआ क ….
नौकरानी : [ दौड़ते हुए आती है ] साब जी ! साब जी !
लेखक : या बात है ? दे ख नह ं रह हो बजी हूं म ?
नौकरानी : [ दा ल वर म ] लंबर पछ ू रहे ह क या वह थोड़ी दे र के लए पानी क स लाई काट द ?
लेखक : काट दो ! ले कन अगर स लाई काट दगे तो फर लक कैसे ढूंढगे ? [ उसके रोने पर गौर करता है ।]
और तु ह या हुआ हो गया है ? इस तरह से य रो रह हो ?
नौकरानी : इस लए रो रह हूं क अब मेर बदा त के बाहर है ।
लेखक : या बदा त के बाहर है ? लक ?
नौकरानी : नह ं, साब जी, लक नह ं ।
लेखक : तो शायद तु हार मेम साहब ?
नौकरानी : ओह नह ,ं साब जी ! मेम साहब भी नह ं । [ और यादा जोर से रोती- बलखती चल जाती है ।]
लेखक : [ हच कचाते हुए, बेगम क ओर मड़ ु कर ] अजीब लड़क है !
बेगम : ले कन बड़ी यार है ! मौ लयर का कोई कैरे टर लगती है ।
लेखक : आप बात बहुत बढ़ा-चढ़ाकर कहती ह, सचमच ु !
बेगम : मझ ु े तो जो महसस ू होता है , म कह दे ती हूं जनाब ! मझ ु े सफ दो लोग क राई टंग पसंद है - एक
मौ लयर और दस ू रे आप !
लेखक : शु या ! ले कन हम लोग बात कर रहे थे - आपके ाइंग म क िजसम पानी भर गया था ।
बेगम : जी नह ं । मेरे बड़े चाचा के टे ल फोन नंबर क । ले कन फलहाल हम बात करगे “ सरू जमख ु ी और
है मलेट क ” ।
[ औरत दब ु ारा फोन डायल करती है । ]
लेखक : ठ क है । तो जैसा क म बता रहा था अ कड़ ब कड़ बं बे बो ! म उससे यार करता हूं या नह ं ?
अ सी, न बे, परू े सौ, म उससे यार करता हूं या….
औरत : [ फोन पर ] है लो, ब लू ?
लेखक : आपको फर गलत नंबर मल गया है , मैडम ! आपने कौन सा नंबर डायल कया है - 384902

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औरत : और नह ं तो या ? मने बताया था आपको क यह मेरे पहले ह बे ड का नंबर है ! ले कन आप बताइए
क आप इस नंबर पर य है ? और या कर रहे ह ?
लेखक : या कर रहा हूं, मतलब ? म आपसे बात कर रहा हूं, इस लए क यह फोन मेरा है और इसी लए म
यहां हूं ! समझी आप ? [ फोन रखता है ] उफ ! या पागलपन है ! अ कड़, ब कड़, बं बे, बो ! म उससे यार
करता हूं या नह ं ! अ सी, न बे, परू े सौ ! म उससे यार करता हूं या नह ं !

[ धड़ाम से दरवाजा खलु ता है । सफ एक तौ लए म लपट हुई माया कट होती है ]


माया : अ छा तो यह बात है ? यह करोगे तम ु मेरे साथ ?
लेखक : या क ं गा ? म कुछ समझा नह ं ! [ बेगम से ] एक मनट…. माफ क िजएगा, मैडम !
माया : या मतलब है इन टु ची हरकत का ? अभी आधी नहाई थी क तम ु ने पानी काट दया ? जानबझ ू कर,
है ना ? ता क म आ खर बार चैन से नहा भी न सकंू ! खैर ठ क है ! कोई बात नह ं ! म ऐसे ह चल जाऊंगी !
य क म इस घर म अब एक पल भी नह ं क सकती । तम ु ने जो कया है , उसके बाद तो ब कुल भी नह ं !
लेखक : मने ? या कया है मने ।
माया : इतने भोले न बनो ! तु ह भी अ छ तरह पता है क तम ु ने या कया है ।

[ जाते हुए धड़ाम से दरवाजा बंद करती है त वीर गरती है । लेखक उठाकर टांग ता है । ]
लेखक : आई एम सो सॉर , मैडम । तो हम लोग “सरू जमख ु ी और है मलेट” के बारे म बात कर रहे थे । है ना ?
बेगम : जी हां, बलकुल ! बीच म बाक सब इ ेफाकन था - जैसे मेरे बड़े चाचा का ाइंग म, उसम भरा पानी,
उनका टे ल फोन नंबर, वगैरह, वगैरह ! इनके बारे म, जब आप कभी ढाका आएंगे तब बताऊंगी ! ले कन “
सरू जमखु ी और है मलेट” म आपने यार और मोह बत के खलाफ बहुत कड़ा ख अपनाया है । ले कन, ल ज,
सच-सच बताइए - आप अंदर से यार-मोह बत के इतने खलाफ नह ं है न ? क हए क आप भी यार म उतना
ह व वास करते ह िजतना क हम !
लेखक : दे खए…. सच कहूं, मैडम तो यार भी सरू जमख ु ी क तरह होता है । उसम प यां होती ह, पंखु ड़यां
होती ह, डंठल होता है ….

[ एक आदमी फोन डायल करता है । लेखक फोन उठा कर चीखता है ]


लेखक : नो मैडम ! म ब लू नह ं हूं ।
दो त : अरे ! या बात है , यार, स ठया गए हो या ? मझ ु े पता है तम
ु ब लू नह ं हो ! म च ू बोल रहा हूं !
च ू चोपड़ा !
लेखक : ओह ! यह तम ु हो ?
दो त : हां, पाटनर ! और सन ु ाओ, या हाल है तु हारे ?
लेखक : बस, ठ क है [ बेगम से ] माफ क िजएगा, बस एक मनट ! [ फोन पर ] और तु हारे हाल कैसे ह ?
दो त : अ छे नह ं ह, दो त ! ब कुल भी अ छे नह ं ह ! तु ह याद है फ म के लए एक बड़ा जबरद त
आइ डया था मेरे पास ? शायद मने तु ह सन ु ाया भी था याद है ?
लेखक : हाँ,ं हां, याद है ! [ बेगम से ] माफ क िजएगा, मेरा एक परु ाना दो त है …. बचपन का ! यह भी लेखक
है ।
दो त : टाइटल भी याद है न उसका ? मने रिज टर करवाया था - “ हाय म मर जाऊं ।”
लेखक : हाँं ! बड़ा कैची टाइटल है !
दो त : हाँं ! ले कन मने बदल कर दस ू रा रख लया था !
लेखक : या ?
दो त : “ सबको मार कर म ं गी ।”
लेखक : वाह ! यह तो उससे भी यादा कैची है । वेर ॉ म संग ।
दो त : थ यू ! मझ ु े पता था तु ह यह टाइटल यादा अ छा लगेगा ! बहरहाल, कहानी एक बहुत खब ू सरू त
जवान पागल लड़क क है जो े न म वदाउट टकट चढ़ जाती है और सफर के दौरान टकट चेकर के यार म
गर तार हो जाती है ।
लेखक : वाह ! बहुत ह ओ रिजनल आइ डया है ….

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दो त : अरे पंटू ने खर द ल थी मझ ु से ! टोनी से डायरे ट करवा रहा है ! ऊट म शट ू करे गा अ टूबर ! ल ड म
बंट टूटू है । ले कन टूटू ने अचानक ॉ लम एट कर द है ।
लेखक : ॉ लम ? कैसी ॉ लम ? [ बेगम से ] आई एम सो सॉर !
दो त : एंड मे मरने से इनकार कर रह है साल ।
लेखक : अ छा ? ले कन इसम गलत या है ? खैर च ू फलहाल मझ ु े माफ करना ! मझु से कोई मलने….
दो त : “ गलत या है ?” अरे सरासर गलत है , यार ! मेरे पॉइंट ऑफ यू से सोचो ! म फ म का राइटर हूं !
अगर म उसे मारना चाहता हूं तो कौन रोक सकता है मझ ु े ! आफटर आंल आई एम द राईटर । और वैसे भी
बलकुल बेतक ु बात है । सबसे पहल बात तो यह है आज तक सन
ु ा ह नह ं क कसी ह रोइन ने मरने से इंकार
कर दया हो ! उलटे ऐसे रो स पर तो ह रोइन मि खय क तरह टूट पड़ती है । बि क रोती- गड़ गड़ाती है क
हम एंड म मार डालो ! इसके अलावा, अगर तम ु परू कहानी याद करो तो एंड म मरे बना उस का गज ु ारा नह ं है
। जरा सोचो, यार ! दो आद मय को मार के े न म चढ़ती है , सफर के दौरान टकट चेकर से यार कर बैठती है -
जो क असल म एक आतंकवाद है , अमत ृ सर पहुंचते ह वो उसे भी मार डालती है । इस तीसर ह या से उसका
पागलपन ठ क हो जाता है और वह आ म लानी से पी ड़त हो कर नद म छलांग लगा दे ती है । पोए टक
जि टस ! तन- तन को मारकर वो िजंदा कैसे रह सकती ह ? और फर टाइटल का या होगा ? फर बदलग ंू ा ?
“ सब को मारकर म ं गी” क बजाए “ सब को मारकर िजऊंगी ?” पि लक हम मार डालेगी यार । ड यट ू र
भले ह “ है पी एं डंग”, “ है पी एं डंग” च लाते रहे ले कन लाइफ म है पी एं डंग कहां है , दो त ? लाइफ तो
जेडी ह जेडी है । है क नह ं ?
लेखक : है ! तम ु शायद ठ क कह रहे हो, च ू ! ले कन इस व त मेरे घर म एक म हला प कार बैठ े हुई ह जो
बां लादे श से आई है और मझ ु से लक के बारे म कुछ जानना चाहती ह !....
दो त : काहे के बारे म ? लक के बारे म ?
लेखक : हाँं …. नह ं, नह ं सॉर …. यार के बारे म जानना चाहती ह, वैसे लक भी है घर म ! ले कन म बाद म
बताऊंगा । तम ु थोड़ी दे र बाद फोन कर लोगे डा लग ? ल ज !...
दो त : ठ क है …. दस मनट बाद फोन करता हूं, दो त !

[ फोन रखता है मु य वार क घंट बजती है नौकरानी वारा खल ु ती है इस बार गल


ु द ते क तरह सजी-धजी
एक बढ़ू औरत का वेश जो लेखक क मां है । ]
नौकरानी : नम ते, म मी जी !
मां : राजू है घर म ?
नौकरानी : हाँं जी है !
लेखक : [ बेगम से ] माफ क िजएगा, म या कह रहा था ?
बेगम : यार क पंखु ड़यां और डंठल ।
लेखक : डंठल ?
बेगम : जी हां, सर ! आप फमा रहे थे यार भी सरू जमख ु ी के फूल क तरह होता है !....
लेखक : ओह, हाँं ! तो यार भी सरू जमख ु ी के फूल क तरह होता है ! उसम प यां होती ह, पंखु ड़या होती ह,
डंठल होता है !
बेगम : [ तेजी से लखते हुए ] उफ ! दल को छूलेने वाला कोटे शन है ! आज तक कसी ने नह ं कहा होगा….
नौकरानी : [ दरवाजे पर द तक दे कर ] आपक म मी जी आई ह, साब जी !
लेखक : उनसे कहो म बहुत बजी ह़ ूं ! मेहरबानी करके शाम को आ जाए !
मां : [ ऊंची आवाज म पक ु ार कर ] इ स वेर अजट, डा लग ! सफ एक मनट बात कर लो मझ ु से !
लेखक : [ बेगम से ] एक मनट के लए माफ करगी, ल ज ? [ ऊंची आवाज म ] आ रहा हूं ! [ बाहर हाल म
आकर ] बोलो, या बात है , मामा ?
मां : यह या ? मझ ु े यार नह ं करे गा तू ? जब तू छोटा सा था तो दन भर यार कया करता था !
लेखक : कर रहा हूं ! कर रहा हूं ! [ यार करता है ] अब बोलो या बात है ? बहुत बजी ह़ ूं म इस व त !
मां : मेरा राजा बेटा ! मेरे लए तो तू हमेशा न हा ह बना रहे गा, भले ह कतना बड़ा हो जाए ! म लैट के बारे
म बात करने आई थी, बेटा ! मझ ु े आज ह उ ह जवाब दे ना है ! ॉपट डीलर कह रहा है क….

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लेखक : एक मनट, मामा ! एक म हला मझ ु से मलने आई हुई है - बां लादे श से ! बस थोड़ी दे र म ह चल
जाएगी । हम बाद म बात कर लगे !
मां : माया घर म है ?
लेखक : हाँ,ं है ! ले कन वो जहां है उसे वह ं रहने दो, ल ज ! आज सब ु ह से हालात अ छे नह ं ह । उससे पंगा
मत ल िजएगा, ल ज ।
मां : राजू ! तु मझु े कह रहा है यह बात ? अपनी मां को ? शम नह ं आती तझ ु े ? आज तक कभी मेर तरफ से
हुई है झगड़े क शु आत ? हमेशा वह करती है ! यह बात कह के मेरा दल न दख ु ा ! अरे , या यह तकल फ
कम है क मेरा इकलौता बेटा आज उस माया से यार कए बैठा है जो मझ ु से नफरत करती है ?
लेखक : नह ं, यह तकल फ कम नह ं है । बहुत यादा है ! इस लए इसे और यादा मत बढ़ाइएगा । इस लए
यह ं बैठ ए । यह अखबार प ढ़ए । म अभी आता हूं ।
मां : [ उसे पकड़ कर रोते हुए ] ले कन इस लैट के बारे म तझ ु े जवाब दे ना ह पड़ेगा, बेटा ! तझ ु े तो पता ह है
म मक ु दमा हार गई हू ं ! मकान मा लक कसी भी पल मे रा सामान उठा कर सड़क पर फ क दे ग ा ? फर म कहां
जाऊंगी ? माया क बजाय तेर कोई और बीवी होती तो म यहां चल आती है । ले कन….
लेखक : [ जबरद ती बठाकर, शांत ले कन ढ़ मु ा म अखबार थमाते हुए ] बैठ जाओ, मामा ! और यह
अखबार पढ़ो ! [ वापस आकर बेगम से ] तो ! यार क पंखु ड़यां होती ह, डंठल होता है । माफ क िजएगा, अब
म सं ेप म कहूंगा ! य क बहुत काम पड़ा हुआ है । आपने मझ ु से एक सीधा सवाल पछ ू ा था , िजसका म
सीधा जवाब दए दे ता हूं ! जी हां, म यार म व वास करता हूं !
बेगम : [ खश ु ी से चखकर ] वाह ! आ खरकार कह डाल आपने दल क बात ! मब ु ारक हो, सर । म अभी ढाका
टे ल ाम भजवाती हूं । हमारे दे शवासी यह सन ु कर चैन क सांस लगे ।

[ ठ क इसी पल पछला दरवाजा खल ु ता है और दोन पलंबस दा खल होते ह । वे खामोशी से द वार को टटोलते


हुए, अ यंत रह यमय ढं ग से चलते हुए, फोटो ाफर का सामान फलंगते हुए, दस
ू रे दरवाजे से बाहर चले जाते ह
।]

लेखक : इंसान ब कुल अकेला है मैडम ! अपनी नी दे य और हा या पद वतं ता के साथ, जीवन के


म थल म भटकता हुआ वह उस साथी को ढूंढता है जो दरू -दरू तक कह ं नह ं है !

[ फोन क घंट बजती है ]


लेखक : [ बेगम से ] ए स यज़ ू मी, ल ज [ फोन पर ] है लो !
दो त : है लो ! अब तो बात कर सकते ह न हम लोग ! पता है इस बीच या- या हो गया ? टूटू का फोन आया
था। वो मरने के लए तैयार हो गई है । ले कन उसक एक शत है । वो उसी े न से कटकर मरना चाहती है
िजसम उसने जन क थी- हावड़ा अमत ृ सर ए स ेस !
लेखक : ओह, आई सी ! रटन जन ?
दो त : ए जै टल ! ले कन अब पंटू ॉ लम एट कर रहा है । कह रहा है फ म बहुत ड े संग है , लॉप हो
जाएगी ! द ल -यप ू ी का ड यटू र भी िजद कर रहा है क ह रोइन को मारो मत, उसे अयो या भेज दो और
कसी मं दर क पज ू ा रन बना दो ! कह रहा है राम ज म क भू म क लहर फ म को सप ु र हट बना दे गी ! अब
तम
ु बताओ,तु हार या राय है ?
लेखक : मेर राय तो यह मैडम भी पछ ू रह ह, ले कन कसी और वषय म । अगर जरा सा टाईम और दे दो तो
बाद म आराम से बात हो जाएगी ।
दो त : [ ठं डी सांस लेकर ] ठ क है । फर करता हूं थोड़ी दे र बाद फोन । बाय ।

[ फोन रखता है । मु य वार क घंट । नौकरानी दरवाजा खोलती है । वी का वेश । गंदा और फटे हाल ! ]
वी : बॉस है घर म ?
नौकरानी : फर आगए तम ु ? अभी पछले ह ते ह तो पैसे लेकर गए थे साब से !
वी : मेर बजल कटने वाल है । गैस भी ख म हो गई है ।

7
नौकरानी : [ लेखक से ] वी साब आए ह ,सर । कह रहे है क बजल कटने वाल है उनक । गैस भी ख म हो
गई है ।
लेखक : [ गु से म बाहर आते हुए ] नो ! म तु ह अब एक पैसा भी नह ं दं ग ू ा, वी ! मानता हूं क छः साल पहले
तम ु ने मे र जान बचाई थी । त म
ु ने मे रा टकट खो दया था, मे र े न मस हो गई थी, आगे जाकर उस े न का
ए सीडट हो गया था, और इस तरह तु हार बेवकूफ से म बच गया था !
वी : ले कन मझ ु े तो नौकर से नकाल दया था े व लंग एजसी ने ! तब से, तु हारे कारण बेकार झेल रहा हूं !
लेखक : बेकार नह ं झेल रहे हो , एंजॉय कर रहे हो ! य क म - एक बेवकूफ, उ लू का प ठा तु ह मल गया
हूं । िजसे इमोशनल लैकमेल कर-कर के तम ु ने अपना घर भर लया है ! सब कुछ तो वसल ू कर चक ु े हो तम

मझ ु से ांिज टर, गैस, ज, ट .वी-
वी : लैक एंड वाइट ह तो दया था ट .वी.।
लेखक : तो या, एल.ई.डी ला कर दो ।
वी : बड़ी मेहरबानी होगी ।
लेखक : सॉर ! इस के लए म श मदा हूं । ले कन अब बस ! अब म तु ह एक पैसा नह ं दं ग ू ा, वी ! मने तु ह
गोद नह ं लया हुआ है ! समझे ? हद होती है बेशम क भी ! अभी पछले ह ते तम ु पांच सौ पए लेकर गए थे
मझ ु से !
वी : उनके तो मने आलू खर द लए थे, बॉस !
लेखक : तो एक ह ते म पांच सौ पए के आलू खा गए तम ु ?
वी : गैस ह नह ं है बॉस, तो पकाता कहां पे ? बजल भी कटने जा रह है । मेर िजंदगी म तो अंधेरा ह अंधेरा
हो जाएगा ।
लेखक : [ थोड़ा पघलकर ] कतने मह ने का बकाया है बल ?
वी : आठ मह ने का ! आधा भी चक ु ा दे तो बजल कटने से बच जाएगी, बॉस !
लेखक : टोटल कतना है ?
वी : कुछ यादा नह ,ं शायद तेरह हजार पये । [ जेब से बल नकालकर ] यह रहा बल ! दे खो, अब तो
व वास हो गया क म हमेशा सच बोलता हूं, बॉस ! और हां, एक बात और ! एक नौकर के लए अ लाई कया
था मने । आज इंटर यू है । ले कन ऐसे फटे जत ू े पहन कर कैसे जाऊंगा ? कोई परु ानी, अ छ जोड़ी है आपके
पास ?
लेखक : हे ई वर ! दया कर मझ ु पे । बैठ उधर ।अभी दे खता हूं म ।

[ जाने के लए मड़ ु ता है क अखबार क ओट से नकलकर मां उसे पकड़ लेती है ]


मां : अरे , सन
ु , सनु , सन
ु ! दे ख तो सह या मला है मझ ु े?
लेखक : या ?
मां : एक और लैट । पांच कमरे , दो बाथ म, गल ु मोहर पाक ! बस कराया नह ं लखा है इसम ! अंदाजन
कतने का होगा, बेटा ?
लेखक : दस हजार पए मह ना ! बाद म बात करगे ।
मां : दस हजार ! बाप रे ! जब मेर शाद हुई थी तो पता है कतना कराया हुआ करता था ?
लेखक : नह ं ! पता करना भी नह ं चाहता म ! [ वापस टडी म आकर, बेगम से ] ल िजए, मैडम, अब म परू
तरह से हािजर हूं ! तो सरू जमख ु ी…. [ फोन क घंट ] है लो ?
औरत : कौन, ब लू ?
लेखक : [ दहाड़ कर ] नो !

[ फोन रखता है । मु य वार क घंट । वी वार खोलता है । छाता लए एक यि त जो क सी.आई.डी का


सब-इं पे टर है , का वेश ।]
लेखक : [ सोचता हुआ ].... सरू जमखु ी नह .ं .. म कुछ और कह रहा था !
बेगम : जीहाँं, सर ! इंसान ब कुल अकेला है …. जीवन के म थल म उस साथी को ढूंढता है जो दरू -दरू तक
कह ं नह ं है !
[ पछला दरवाजा खल ु ता है । माया ! जाने के लए परू े कपड़ म तैयार । ]

8
माया : [ अंदाज म ] बताओ, बि लय का या करना है ?
लेखक : दे ख नह ं रह हो, इस व त बजी हूं म ?
माया : म जा रह हूं, इसी लए पछ ू रह हूं क बि लय क दे खभाल कौन करे गा ?
लेखक : य ? ध नो तो है । वो करे गी दे खभाल !
माया : वो गधी ? वो गधी करे गी बि लय क दे खभाल ? तम ु होश म तो हो ! या नह ं ?
लेखक : हां । हूं ! परू े होश म हूं !
माया : उफ! रा स हो तम ु ! पता है रो मयो बीमार है ?
लेखक : य ? या हो गया है उसे ?
माया : सबु ह से याऊं- याऊं कर रहा है !
लेखक : वो तो सभी ब ल - बि लयां करते ह ! इट इज नारमल !
माया : बहुत ह इि स स टव हो तम ु ! कसी का दद महसस ू नह ं कर सकते ! रो मयो रो रहा है । उसे कुछ
शक हो गया है !
लेखक : तो उससे बात करो ! समझाओ क सब लोग अपने ह ह, रोया न कर ! और जो भी परे शानी हो मझ ु से
नसंकोच कहे । और मछल का एक टुकड़ा डाल दो उसे ।
माया : उफ ! सचमच ु रा स हो तम ु ! इन यम ू न ! इनस स टव ! तम ु से यादा फ लंग तो उस जानवर म है ।
तु हार सड़ी हुई मछल वो सघ ंू ेगा भी नह ं । वो दख
ु ी और उदास है , य क म घर छोड़ कर जा रह हूं !

[ सब इं पे टर टडी के दरवाजा पर द तक दे ता है ]
लेखक : [ ऊंची आवाज म ] कौन है ?
सब-इं पे टर : मझ ु े बहुत ज र बात करनी है जी, आपसे । अजट !
लेखक : कस बारे म ? आप कौन है और कस लए आए ह ?
सब-इं पे टर । म सी.आई.डी. का सब-इं पे टर हूं ! और यहां जांच-पड़ताल करने आया हूं ।
लेखक : जांच-पड़ताल कस चीज के नाम जांच-पड़ताल ?
सब-इं पे टर : इस मकान क जांच-पड़ताल । हम खबर मल है क इस मकान म चोर - छपे मसाज-पालर
चलाया जा रहा है और वे याव ृ क जा रह है !
लेखक : मसाज-पालर ? वे याव ृ ? हाउ डेयर यू ! म एक शर फ और स मा नत आदमी हूं म टर ।
एम.पीज़, म न टज सब मझ ु े जानते ह ।
सब-इं पे टर : तब तो यादा बड़े केल पर चल रहा होगा आपका धंधा ! [ बेगम को दे ख कर ] यह कौन है ?
कॉल-गल ?
बेगम : हाट ?
लेखक : जी नह ं ! यह बेगम नफ सा रहमान है । बां लादे श से आई है ।
सब-इं पे टर : [ डायर म लखते हुए ] शरणाथ कॉल गल ! [ बेगम से ] पासपोट-वीजा है आपके पास ?
लेखक : है । है । सब कुछ है । होटल रॉयल इंटरनेशनल म ठहर हुई है यह ।
सब-इं पे टर : [ लखते हुए ] अ छा ! इंटरनेशनल कॉल गल !
बेगम : तमीज से बात क िजए ! म “ सोनार दे श” अखबार क ामा- टक हूं ।
सब-इं पे टर : [ लखते हुए ] तो ठ क है - ामे टक कॉल-गल !
बेगम : ओह गॉड! [ बेहोश हो जाती है लेखक और फोटो ाफर उसे संभालते ह ]
लेखक : संभल के, मैडम, संभल के। [ इं पे टर से ] आपको ज र कोई गलत फहमी हुई है , इं पे टर, िजसे म
अभी दो मनट म दरू कर दं ग ू ा । [ फोटो ाफर से ] आप इ ह जरा बाहर के कमरे म ले जाइए, ल ज । अभी सब
ठ क हो जाएगा ।
सब-इं पे टर : [ फोटो ाफर को दे खकर ] यह कौन है ? क टमर ?
लेखक : जी नह ं । यह फोटो ाफर है । कैमरामैन !
सब-इं पे टर : [ लखते हुए ] ओह, तो लू फ म भी बनती है यहां ।
लेखक : [ चीखकर ] नह ं ! भगवान के लए चप ु र हए और मेर बात सु नए । आपको सचमच ु कोई गलतफहमी
हो गई है , इं पे टर । पहले यह तो चेक कर ल िजए क आप सह पते पर आए ह या गलत पते पर । जरा
डायर दे खए अपनी, ल ज ।

9
सब-इं पे टर : दे खना या है ? मझ ु े वैसे ह सब दखाई दे रहा है । टोटल कतने अ डे ह आपके ?
लेखक : अ डे ? ओह गॉड ! या पागल हो गए ह आप ? [ अचानक माया को दे खकर ] जरा तम ु ह समझाओ
माया इस आदमी को, मदद करो मेर !
माया : मदद क ं ? तु हार ? हा । हा । हा ।
लेखक : यह या कर रह हो ?
माया : भयानक हं सी हं स रह हूं ! और लो मेर तलाशी । अब च क पीसना जेल म । म तो जा रह हूं ।
लेखक : [ चीखकर ] अगर म जेल जाऊंगा, तो तु ह भी घसीट ले जाऊंगा ।
सब-इं पे टर : [ माया से ] ड ट वर । हम तु ह सरकार गवाह बना लगे । [ लखते हुए ] कतने साल से
चंगल
ु म थी इसके ?
माया : बारह साल से ।
सब-इं पे टर : यह तु ह खर द कर लाया था ? या भगा कर ?
माया : भगा कर !
सब-इं पे टर : [ लखते हुए ] कडनै पंग । दफा…. । और कौन-कौन काम करता है इसके गग म ?

[ इसी पल मां दा खल होती है ]


मां : मल गया ! एकदम परफे ट घर मल गया, राजू । परफे ट ।

[ इं पे टर को दे खकर एक ण के लए चप ु हो जाती है । इं पे टर माया क ओर सवा लया नगाह से दे खता


है , माया वीकृत म गदन हलाती है । मां लेखक क ओर लपकती है । बहुत उ साह से । ]

मां : दे ख, दे ख । परू कोठ है ।- इं डपडट । और कतनी यार जगह पर है । शहर से दरू , यमन ु ा कनारे ,
ब कुल शांत और सन ु सान ! परू े बारह कमरे ह बारह ! और कराया ? सफ पांच हजार मह ना ! है न कमाल !
इस घर को तो हाथ से जाने नह ं दे ना है ।फोन करके बात प क क ।
सब इं पे टर : [ मां से ] वहां का इंचाज कौन होगा ?
मां : ऑफकोस म हूंगी ? और कौन होगा ? [ माया क ओर संकेत करके ] या यह बदचलन ? आवारा ?
माया : या कहा ? बदचलन ? आवारा ?
लेखक : ल ज़, ल ज़ ! माया ! माया ! चप ु हो जाइए ! मझ ु े सोचने द िजए क मझु े या करना चा हए !
सब-इं पै टर : [ लखते हुए ] अ डा नंबर दो । इंचाज ब ढ़या ! [ सर उठा के ] जरा ए स े बताइए वहां का ।
मां : [ दहाड़ कर ] या कहा ? बढ़ ू या ! तेरा सर फोड़ दं ग
ू ी म ! [ कुछ उठा कर मारने को लपकती है ]
लेखक : शांत, मामा, शांत । मझ ु े कुछ सोचने दो !
मां : पहले मझ ु े उसका सर फोन लेने दे !
सब-इं पे टर : [ नोट करते हुए ] सरकार काम म ह त ेप, इरादा-ए-क ल । दफा….. और 302 ।
लेखक : म तु हारे हाथ जोड़ता हूं, मामा, चप ु हो जाओ । और तम ु भी बात-बात पर अपनी डायर लखना बंद
करो, यार । आदमी हो या मश ंु ी ?
सब-इं पे टर : पहले मश ंु ी ह था, बाद म सब इं पे टर बना हूं, समझे ? अब यादा चालाक न दखाते हुए
सच-सच बताओ क और कतने अ डे है तु हारे ? और तु हारा बॉस कौन है ?
वी : [ दरवाजे से झांक कर ] और कतनी दे र बठाओगे बॉस । जत ू का या हुआ ? म ऐसे नह ं जाऊंगा ।
सारा इं ेशन खराब हो जाएगा ।
सब-इं पे टर : अ छा, तो बॉस तम ु ह हो । [ वी क ओर संकेत करके ] यह फट चर कौन है ? तु हारा दलाल
? [ वी से ] या नाम है तु हारा ? ह शीटर हो ?

[ इसी पल दोन लंबर दौड़ते हुए नीचे आते ह और खश


ु ी से च लाते है ]
पलंबस : मल गई, जी ! मल गई ! मल गई !
लेखक : या ?

10
लंबर : लक ! ऊपर सेकंड लोर क बरसाती से शु होती है , फर उस कमरे से गज ु रती है िजसम बहुत सारे
रं ग, बश ु और गंद -गंद त वीर रखी हुई है , और उस बड़े से कमरे म ख म होती है िजसम तरह-तरह क मशीन,
एक प हए क साइ कल, मोटे -मोटे ग दे और द वार म हर तरफ आईने लगे हुए ह ।
सब इं पे टर : तो अ याशी का सारा सामान मौजद ू है यहां ! चलो जरा म भी तो दे खंू ! [ तेजी से दौड़ता है ऊपर
चला जाता है ]
लेखक : [ ठं डी सांस भर के ] बस हो गई छु ट । अब कोई कसर बाक नह ं रह !
वी : जत ू का कुछ करो बॉस, मने तु हारा टकट खोने म इतनी दे र नह ं लगाई थी, िजतनी तम ु लगा रहे हो !
लेखक : [ अचानक अपने जत ू े उतार कर उस पर फ कते हु ए ] ज त
ू े चा हए त ु ह ? यह लो ! यह लो ! बस अब
दफा हो जाओ यहां से !
वी : [ फॉरन जत ू े पहनते हुए ] ठ क है । ठ क है । ले कन कुछ दे ना असल बात नह ं होती है , बॉस ! असल बात
होती है - कस तरह दया जाता है ! गर ब आदमी क भी कुछ इ जत होती है , इसे याद रखना । [ अपने फटे
जत ू े उसक ओर बढ़ाते हुए ] यह लो ! तम ु तो मर मत करा सकते हो इनक ! अब बताओ गैस का या करना है
?
लेखक : [ बना समझे क या बोल रहा है ] मेर उठाकर ले जाओ ! कचन म पड़ी हुई है ।
मां : कोठ का तो बताओ, या करना है , बेटा ? नद का कनारा, ताजी हवा, बारह कमरे और कराया सफ
पांच हजार ।
लेखक : यह कोठ ज र भू तया यानी हॉ टे ड होगी । वरना इतने स ते म मल ह नह ं सकती ।
माया : तो फर यह बात तय है क तम ु मझु े जाने से रोकोगे नह ं । ले कन इतने से तु हार जान नह ं छूटे गी
िजतना तम ु ने समझ लया है । म तम ु से मांग करती हूं ! सन ु ा तम ु ने ? म तम ु से मांग करती हूं क मझ ु े उस
औरत का नाम बताओ !
लेखक : नाम बताऊं ? कस औरत का ?
माया : तु हारे रखैल का !
लेखक : रखैल ? म कुछ समझा नह ं या मतलब है तु हारा ?
माया : वह , जो मने कहा । तु ह लगता है म तु हार उस च ठ वाले धोखे म आ जाऊंगी ? नह ं ! कभी नह ं !
मझ ु े तो शु से ह पता चल गया था क च ठ वाले मामले म कोई न कोई पच ज र है ।
लेखक : कतनी समझदार हो तम ु ! ले कन उस च ठ म पच वाल बात या थी, या म पछ ू सकता हूं ?
माया : नह ं ! तम ु कुछ नह ं पछ ू सकते । य क पछ ू म रह हूं । म तु ह धोखा दे रह हूं यह जानने के लए
तम ु ने आज ह का दन य च न
ु ा ? इस लए ना क तमु भी मझ ु े धोखा दे रहे हो ।
मझ ु े टॉचर कर रहे हो !
लेखक : [ माया का बाजू थामकर ] एक मनट सन ु ो, माया । म ब कुल शांत हूं । म हर लहाज से, शांत हूं ।
और चाहे कुछ भी हो जाए म शांत बना रहूंगा ।
माया : तम ु मझु े टॉचर कर रहे हो । धोखा दे रहे हो और टॉचर कर रहे हो । [ मां से ] लो दे ख लो अपने लाडले
सपत ू क करतत ू ।
मां : तझ ु से शाद करने से पहले मेरा लड़का गऊ था गऊ ! अपनी मां का आ ाकार और उस पर जान छड़कने
वाला ।
वी : [ दरवाजे से गदन नकालकर ] गैस के बारे म या सोचा, बॉस परू े पतीस कलो आलू बेकार पड़े ह !
लेखक : [ दोन औरत से वयं को छुड़ाकर ] शां त ! शां त बनाए र खए सब लोग । शां त ।

[ फोन क घंट ]
औरत : हैे लो । कौन, ब लू ?
लेखक : [ मल ु ायम आवाज म ] हाँ । म ब लू बोल रहा हूं । म ब लू होना चाहता हूं । आ खर य न होऊं
ब लू ?
औरत : ठ क है , ले कन आवाज बदलकर य बात कर रहे हो, ब लू ?
लेखक : [ उदास वर म ] तु ह हं साने के लए !

11
औरत : इतने ज़ा लम न बनो, ब लू ! म जानती हूं तम ु कसी दस ू र औरत को यार करने लगे हो । ले कन म
बड़ी मस ु ीबत म हूं इस लए तु ह फोन कर रह हूं ! मकान मा लक मझ ु े नकाल रहा है । मझ ु े फौरन श ट
करना पड़ेगा । कह ं कसी लैट का इंतजाम करा दो ल ज !
लेखक : [ बहुत शांत वर म ] हां, हां ! अभी लो । म बात कराए दे ता हूं तु हार । एक मनट…. [ मां से ] मामा
एक औरत है जो लैट के बारे म बात करना चाहती है ?
मां : [ फोन क ओर लपकते हुए ] लैट ? लैट ? अरे जीता रह, बेटा ! [ माया से ] दे खा ? अपनी मां का
कतना यान रखता है , मेरा राजू ? कतना फ ल करता है मेरे लए ? है लो ! मैडम ? हां , है लो ! आप लैट के
बारे म बात करना चाहती ह न ?
लेखक : एक मामला नपटा ! अब नंबर दो ! [ वी से ] ऐ, तम ु ! कचन म जाओ ! जो भी खाने क चीज दखे,
खा जाओ । पीने क चीज मले, पी जाओ । हर चीज का इ तेमाल कर डालो । और फर गैस के दोन सले डर
उठा के अपने घर ले जाओ, ओ.के. ?
वी : ओ.के., बॉस ! [ दौड़ कर जाता है । ]
लेखक : अब नंबर तीन : तम ु ! मेर बात यान से सन ु ो, माया । मेर तरफ दे खो । मेर आंख म आंख डाल के

माया : नह ं, यह मत करना ! यह सरासर नाइ साफ है । तु ह अ छ तरह पता है क आंख म आंख डालते
ह म सच उगलने लगती हूं ।
मां : [ फोन पर ] ले कन कब ? कस व त ?
औरत : अभी ! इसी व त ! माफ क िजएगा मझ ु े बहुत ज द है ।
मां : घबराइए मत, मझ ु े आपसे यादा ज द है । तो फर म आजाऊं मलने के लए ?
औरत : आप ? ….आप आएंगी मेरे पास ?
मां : य ? या हुआ ? कोई परे शानी है ?
औरत : नह ं, नह ं,परे शानी तो आपको होगी ।
मां : ब कुल नह ं । आप तो मेर परे शानी दरू कर रह ह । ए स े बताइए अपना ।
औरत : जे-180, नजामु द न ई ट ।
मां : जे-180, नजामु द न ई ट । वेर गड ु । बहुत अ छा ए रया है । बस म पहुंच रह हूं आपके पास- उड़कर ।
[ फोन रखकर ] थकय,ू डा लग, थ यू । एक प पी दे दे मीठ सी ! कतना यान रखता है तू अपनी मां का ।
नजामु द न ई ट । वाह ! मजा आगया ! इस औरत का वभाव भी बहुत अ छा मालम ू पड़ता है । ब कुल
मेर तरह- यारा और ! इतनी अ छ नभेगी हमार क बस दे खना । जा रह हूं म । [ उड़ती हुई सी मु य
वार पर पहुंचती है । उ जैसे परू े पचास वष कम हो गई हो । वार खल ु ते ह शशु खड़ा मलता है ।
लह म-रह म और भार भरकम । ]
मां : अरे , शशु तू ? कब से यहां खड़ा था ?
शशु : बस, अभी दस मनट से । राजू घर म है ?
मां : है , है । सीधा अंदर चला जा । म अभी आती हूं थोड़ी दे र म । [ जाती है ]
लेखक : [ टडी म, माया से ] दे खो, माया । काफ सोच- वचार के बाद म इस नतीजे पर पहुंचा हूं क इंसान
आ खर इंसान है । उससे छोट -मोट गल तयां हो ह जाती है ।
माया : इसका मतलब तम ु कुबल ू कर रहे हो ?
लेखक : कुबल ू कर रहा हूं ? या कुबल ू कर रहा हूं ? म तो तम ु से कुबलू करवा रहा हूं ।
माया : ठ क है । जाने दो मझ ु े । तम
ु से ईमानदार और शराफत क उ मीद करना फ़ज़ल ू है । इसी लए म जा
रह हूं ।
शशु : [ अंदर आते हुए ] तो तम ु दोन ह यहां हो ?
लेखक : [ चढ़े वर म ] हां, है ! तो ? या नह ं होना चा हए था हम यहां ?
शशु : वाह ! या इस तरह वागत कया जाता है कसी दख ु ी और बदनसीब दो त का ?
माया : या बात हो गई, शशु ? इतने पीले और कमजोर य लग रहे हो तम ु ? सब खै रयत तो है ?
शशु : [ अचानक बैठते हुए ] नह ं है ! खै रयत नह ं है । सब कुछ ख म हो गया । कोई प तौल है तु हारे पास
?
लेखक : नह ं । अगर होती तम ु मेरे भी काम आ जाती । ले कन सफ प तौल ह य ?

12
शशु : अपनी-अपनी पसंद क बात है । खैर छोड़ो ! कुछ और इंतजाम कर लग ंू ा म ।
माया : ले कन हुआ या है , शशु ?
शशु : या बताऊं ? तु ह तो पता ह होगा, मने पज ू ा को छोड़ दया है ?
लेखक : [ लि जत वर म, जैसे क वयं अपराधी हो ] ओह, हां । मने तु ह बताया नह ं था, माया, इसने पज ू ा
को छोड़ दया है ।
माया : तु हारा मतलब इसने पज ू ा को छोड़ दया और तम ु ने मझु े बताया तक नह ं ? इस लए क सन ु कर मेरे
दमाग म खतरे क घंट न बज जाए, है न ? इससे सा बत होता है क इससे ेरणा लेकर तम ु भी मझु े छोड़ने
क योजना बना रहे थे ।
लेखक : जरा शां त से काम लो, माया । पज ू ा को इसने तीन मह ने पहले छोड़ा था ।
माया : तो तब से यह कहां था अब तक ?
शशु : अचना के पास । म उससे यार करता हूं !
माया : अचना ? वो छपकल ?
शशु : ल ज, अपनी बीवी को समझा लो क उ टा-सीधा न बोले !
माया : उफ । अचना ? वो सख ु ी हुई भंडी ? उसके तो सर पे बाल भी नह ं है ।
शशु : म तु ह हु म दे ता हूं क अपनी बीवी को चप ु कराओ । सन ु ा तमु ने ?
लेखक : ब कुल ठ क कह रहा है शशु । माया, चप ु हो जाओ ! त ु कोई अ धकार नह ं है ….

माया : क गंजी को गंजी कहूं ?
शशु : गंजी ? अचना और गंजी ? घट ु न -घट ु न तक बाल है उसके । मतलब अब हो गए ह ।….
माया : अ छा ? या इ तेमाल करने लगी है वो ? वग ? या मो बल ऑयल ।
शशु : तमु अपनी बीवी को चप ु करा रहे हो या नह ं ?
लेखक : अ छा अब चप ु हो जाओ, माया । तम ु भी चप ु हो जाओ । म भी चप ु हो जाऊं । हम सब चप ु हो जाए ।
एक श द नह ं बोलेगा अब कोई । सफ साईन ल वेज म बात होगी, साईन ल वेज म ! समझे ?
शशु : [ रोते हुए ] ले कन अचना क बात थोड़े ह करना चाह रहा था म । म तो पज ू ा के बारे म बात करना चाह
रहा था । उसी को लेकर तो मझ ु े इतना दखु हो रहा है । तकल फ हो रह है ।
माया : य , या हुआ पज ू ा को ? उसने कुछ कर-करा तो नह ं लया ? जहर-वहर तो नह ं खा लया ? म
श तया कहती हूं उसने आ मह या कर ल होगी । मर गई होगी वो । फोन मलाओ फौरन ।
लेखक : शां त से काम लो माया, शां त से ! अगर मर गई होगी तो फोन कौन उठाएगा ?
शशु : वो न फोन उठाती है , न मेर च ठय का जवाब दे ती है । य क उसका कसी के साथ च कर चल
गया है । [ लेखक क बाजओ ु ं म सर दे कर ] वो मझ ु से बेवफाई कर रह है , दो त ! वो मझ ु से तभी से, लगातार
बेवफाई कर रह है जब से मने उसे छोड़ा है ।

[ ब चे क तरह बलख- बलख कर रोने लगता है । लेखक उसके भार -भरकम काया को कसी तरह संभालता
है । इस दौरान माया, पागल क तरह कहकहे लगाती हुई, इधर से उधर घम
ू ती है और हाथ आने वाल हर चीज़
को पटक कर तोड़ती-फोड़ती है ]

शशु : बेवफाई कर रह है वो मझु से ! मझु से बेवफाई कर रह है वो ! मझ


ु से ? मझ
ु से ? [ बेहोश हो जाता है ।
]
लेखक : [ कसी पागल जानवर क तरह चखकर ] शांत हो जाओ ! ल ज, शांत हो जाओ ! तम ु भी शांत हो
जाओ ! म भी शांत हो जाऊं ! हम सब शांत हो जाए ! परू तरह से शांत हो जाए ! ज रत से यादा शांत हो जाए!
[ फोन क घंट ! बेहोश शशु का वजन संभाले लेखक घसटता हुआ, फोन तक पहुंचता है ।]
लेखक : है लो !
दो त : [ शांत वर म ] हाय ! म च ू बोल रहा हूं, डा लग ! बीच म तु हार लाइन बजी थी । खैर फ म के
एंड के लए अब जो आई डया मझ ु े सझु ा है उसे सन
ु कर तम
ु उछल पड़ोगे ।
लेखक : [ बना सोचे समझे ] बाद म, डा लग, बाद म ! अभी तो हम शांत रहना है ! परू तरह से शांत रहना है !
यादा से यादा शांत रहना ।
दो त : यह या बक रहे हो ? पागल हो गए हो या ?

13
लेखक : अभी नह ं, डा लग, बाद म ! बाद म !
दो त : बाद म ! बाद म ! जब दे खो बाद म । लानत है तम ु पर ! साले सअू र कह ं के । [ फोन रखता है । ]
माया : पकड़ लया ! रं गे हाथ पकड़ लया ! कसका फोन था यह ? बताओ म मांग करती हूं ! कस से कह रहे
थे तम ु “ अभी नह ,ं डा लग ! बाद म ! बाद म !” अपनी उस रखैल से न ? बोलो ! जवाब दो ! बज ु दल ! कायर !
क मने ! धोखेबाज !
[ माया लेखक को थ पड़ मारती है । लेखक शशु को छोड़ दे ता है । शशु बोरे क तरह लढ़ ु क कर फश पर ढे र हो
जाता है । ]
लेखक : [ शशु पर झक ु ते हु ए ] यह तो बे होश है ! कसी डॉ टर को बल ु ाना चा हए । हो सकता है इसने ज़हर खा
लया हो । म इसके लए टं चर- आयोडीन ढूंढ कर लाता हूं ।
[ कचन म जाता है ! माया, इ मीनान से शशु के शर र पर चढ़कर, फोन का नंबर डायल करती है ।]
माया : है लो । ऑपरे टर ? म 384902 बोल रह हूं। अभी-अभी इस नंबर पर एक कॉल आई थी । आप फौरन
पता लगाइए क यह कॉल कहां से आई थी ।…. या कहा- मिु कल है ? तो अपने सप ु रवाइजर से बात क िजए,
ल ज । रा क सरु ा का न है । आपक नौकर और सारे दे श का भ व य इसी कॉल पर टका हुआ है ।….
मझ ु े मालम
ू है । पहले आप वो क िजए जो म कह रह हूं- सच- झठ ू बाद म चेक करते र हएगा । है लो ! है लो !
है लो ! ओह यस…. थक य,ू भाई साहब, आप एक स चे रा भ त ह । म संचार- मं ी से आप क सफा रश
क ं गी । आप का मोशन प का है ।

[ फोन काटती है । एक ण के लए कचन क दशा म दे खती है । फर नंबर डायल करती है । घंट ]


औरत : है लो ।
माया : है लो । दस इज 384902 ।
औरत : अ छा, तो तम ु हो ब लू क नइ औरत ?
माया : ओह, तो उसने आजकल अपना नाम ब लू रख लया है ? कायर कह ं का !
औरत : उस पागल, खड़ूस बु ढ़या को भी या तम ु ने भेजा था जो मझ ु से मेरा लैट ह छ न ले रह थी ?
माया : लैट ? तु हारा लैट जाए भाड़ म । तम ु तो मे र ा आदमी छ न ले रह हो ।
औरत : म छ न ले रह हूं ? अरे यह तो तम ु हो िजसने मेरा आदमी छ न लया है ! ले कन वो लौट के मेरे पास
ह आएगा ।
माया : अ छा ? सरू त दे ख ले अपनी ! कतनी मनहूस है । मझ ु े यह ं से दखाई दे रह है !
औरत : तझ ु े दखाई दे रह है तो या मझु े दखाई नह ं दे रह होगी, तेर ! याद रखना !अगर तू ने मेरा आदमी
वापस नह ं लौटाया तो म खद ु आकर उसे ले जाऊंगी !
माया : तू ले जाएगी ? तू ?
औरत : हां, म !
माया : तू ?
औरत : हां म!

[ इस “त”ू “म” का आदान- दान जार रहता है । इसी दौरान लेखक कचन से, वी का कॉलर पकड़ कर
घसीटता हुआ बाहर आता है ।]
लेखक : हरामजांदे ! कमीने ! मेर नौकरानी के साथ रोमांस कर रहा था, ऐं ?
वी : तु ह ने तो कहा था, बॉस- हर चीज का इ तेमाल कर डालो !
लेखक : इस तरह से नह ं कहा था, कु े !
वी : तो या हो गया, बॉस ? सफ नौकरानी ह तो है ।
लेखक : शटअप ! [ नौकरानी से ] और तम ु भी चप
ु हो जाओ । सब
ु ह से तु हारा रोना सनु -सन
ु कर मेरा दमाग
खराब हो गया है ।
नौकरानी : एक भयानक बात है साब जी । बहुत भयानक बात है ।
लेखक : भयानक बात ? अब कौन सी भयानक बात बची रह गई है ? बताओ ! मझ ु े बताओ ! ई डपस क तरह
म सब कुछ जानना चाहता हूं ।
नौकरानी : मेरे पेट म ब चा है , साब जी ।

14
लेखक : [ नीचे बैठते हुए, शांत वर म ] चाहे कुछ भी हो जाए, हम शांत रहना है । परू तरह से शांत रहना है ।
यादा से यादा शांत रहना है ।
बेगम : [ दौड़ती हुई आती है ।] बस, सर, बस ! अब म और इंतजार नह ं कर सकती । मेरे दे श के बु धजीवी
तड़प रहे ह गे । ल ज, ज द बताइए क यार के बारे म….
लेखक : [ उठकर उसक ओर बढ़ते हुए ] चल भाग ! भाग यहां से यार क ब ची ! वह चल जा, जहां से आई है

बेगम : यह तो पागल से हो गए ह । वाह ! मज़ा आ गया । [ फोटो ाफर को बोलते हुए ] ज द आओ, ज द
इस हालत म फोटो खींचो । जबरद त हे डलाईन बनेगी ।
लेखक : खबरदार ! जो अब कैमरा उठाया । म उसक जान ले लग ंू ा ।
बेगम : कोई बात नह ं, हम दस ू रा मल जाएगा ! खींचो । खींचो । फौरन ।
[ माया और औरत म त-ू त,ू म-म 6 रन चरण चरण पश पर पहुंचता है ]
औरत : हां, म !
माया : तू ?
औरत : हां, म !
माया : तू ?
औरत : अर जा, रे कु या ! [ फोन रख दे ती है । ]
माया : या- कहा कु या ? [ फोन पटक कर लेखक को ] सन ु ा तम ु ने ! या कहां तु हार रखैल ने ? कु या !
मझु े उसने कु या कहा। यह सब कुछ तु हार वजह से हो रहा है । तम ु ह हो सार मसु ीबत क जड़ ! म अभी
तु हारा काम तमाम कए दे ती हूं । मेरे पास प तौल है । अभी लेकर आती हूं । फर ना रहे गा बांस, ना बजेगी
बांसरु ।
[ दौड़ती हुई जाती है । त वीर गरती है । लेखक उठा कर टांगता है । इं पे टर दौड़ता हुआ नीचे आता है ।]
इं पे टर : बहुत बदमाश आदमी है रे तू ! एक नंबर का हरामी ! तझ ु े तो मह
ंु काला करके, गधे पर बठाके, बड
बाजे के साथ थाने ले जाऊंगा ! [ फोन का नंबर डायल करता है ]
लेखक : हम शांत रहना है । परू तरह से शांत रहना है । आखर दम तक शांत रहना है ।
इं पे टर : घबरा मत, भाया । तझ ु े सीधा शां तवन ह पहुंचा दं ग
ू ा।
लेखक : म परू तरह से शांत हूं ! योगा । धीर मचार ।
इं पे टर : [ फोन पर ] है लो, झ मन लाल बड पाट ? या ? व ृ धा म ? सॉर , र ग नंबर । [ दोबारा डायल
करता है ]
लेखक : [ गहरे यान म ल न होते हुए, गन ु गनु ाते हुए] ओम शां त ! शां त ! शां त ! ओम शां त ! शां त ! शां त !
बेगम : वाह ! वाह ! या भ य प है ! लगता है गौतम बु ध बैठे हुए ह ! खींचो ! खींचो !

[ फोन क घंट । लेखक फोन उठाकर ]


लेखक : [ मशीनी ढं ग से ] है लो !
दो त : है लो, डयर ! म ड टब तो नह ं कर रहा हूं तु ह?
लेखक : [ शशु का गाल थपथपा कर होश म लाने क को शश करते हुए ] नह ं ! ब कुल नह ं !
दो त : वेर गड ु ! तो मेर बात सन ु ने के लए तु ह फुसत मल ह गई ! तो ऐसा है , पाटनर ए ड के लए अब
जो आई डया मझ ु े सझ
ू ा है उस पर तमु फदा हो जाओगे! अब मेर ह रोइन, आ म लानी से पी ड़त होकर,
रे ड ॉस वाइन कर लेती ह और नस बन जाती है । और अब जरा कंटपरे र मोड़ दे खो- क नस बनते ह उसे
मर ज क सेवा के लए बघदाद भेज दया जाता है । जहां जबरद त लड़ाई चल रह है ! और वह ं, अपने एक
मर ज से यार करने लगती है । एक बंकर म दोन क शाद भी कर द जाती है । और अब आता है सह ु ागरात
का सीन ! हर तरफ लैक-आउट है । तहखाने म सफ एक मोमब ी जल रह है । दोन ेमी एक दस ू के बाह
रे
म ह, यार म डूबे हुए । क अचानक मोमब ी ब तर पर गर पड़ती है । ब तर आग पकड़ लेता है । और
दोन उस आग म जलने लगते ह । समझ रहे हो ना ? तन क आग और मन क आग ! या न आग ह आग ! है
न कमाल ?

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[ इस दौरान प ृ ठभू म म सबका भागना-दौड़ना, सामान का गरना-पड़ना जार है । केवल इं पे टर छाता खोले
हुए, इ मीनान से अपनी रपोट लखने म य त है । माया का प तौल लए वेश ! लेखक, दे खकर आंत कत
हो उठता है ।]

लेखक : हां ! कमाल है ! वाकई कमाल है ।


दो त : फर दे खते ह दे खते शोले उठने लगते ह । और साथ ह , बाहर तोप के गोले चलने लगते ह ।
[ माया प तौल चलाती है । लेखक कसी तरह अपने को तथा शशु को बचाता है ।]
लेखक : वाह….
दो त : समझ म आ रहा है न, शोले और गोले का रलेशन ?
लेखक : [ गो लय से बचते हुए ] आ रहा है ! आ रहा है ! खबू समझ म आ रहा है ! दे खने वाले हं स-हं स के पागल
हो जाएंगे ।
दो त : [ पी ड़त वर म ] हं स-हं स के पागल हो जाएंगे? बहुत ह कु े आदमी हो, यार । म यहां लख- लख कर
मरा जा रहा हूं और तमु वहां आराम से बैठे मेरे सीन का मजाक उड़ा रहे हो ? म कस आंत रक वेदना से गज ु र
रहा हूं इसका तु ह जरा भी अहसास नह ं ?

[ दोन लंबर दौड़ते हुए आते ह । ]


पलंबस : भागो ! भागो ! जान बचाओ अपनी ।
लेखक : या हुआ ?
इं पे टर : [ फोन रखकर उसक ओर बढ़ते हुए ] आतंकवाद आ गए या ?
पलंबस : लक ! लक ! असल वाल ! पहले वाल गलत थी । अब जाकर असल वाल मल , ले कन कह ं कुछ
गड़बड़ हो गई । लगता है पाईप फट गया है । हर तरफ पानी ह पानी फैल रहा है । अब हमारे बस का नह ं है ।
इस लए अपनी जान खद ु बचाओ ! भागो ! भागो !.....

[ माया आखर गोल चलाकर चखती है ।]


माया : डा लग ! कुछ हुआ तो नह ं तु ह ?
लेखक : कुछ नह ं हुआ, डा लग ! म ब कुल ठ क हूं! सब कुछ ब कुल ठ क है ।
माया : हाय, म तो डर गई थी !
[ उससे लपट कर बेहोश हो जाती है ।]
लेखक : [ फोन पर ] सब कुछ ठ क है , च ू ! ब कुल ठ क है ।
दो त : [ गु से म उबलते हुए ] ब कुल ठ क क ऐसी तैसी ! साफ-साफ बताओ यह एंड ेट है या नह ं ?
लेखक : [ माया और शशु को संभाले हुए ] सॉर , च ू डा लग ! फ म ड यटू स क बात मझ ु े सह लगती
है । क लाइफ म कतनी भी े जेडीज य न हो, कहानी का अंत सख ु द होना चा हए ! यानी क है पी एंड
दो त : [ जहर ले वर म ] तम ु सफ कु े ह नह ं हो, कु े ! तम
ु कु े के प ले भी हो ! प ले के भी प ले हो।
पता नह ं कतने सावन बरसगे, तब जाकर तु ह दब ु ारा फोन क ं गा म । भगवान करे आग लग जाए तु हारे
घर म ।

[ रसीवर पटक दे ता है । इसी पल मकान क छत ढह पड़ती है । औरत नंबर डायल करती है । लेखक वारा
रसीवर रखते ह घंट बज उठती है । लेखक रसीवर उठाता है । औरत खशु ी से चीखती है ]

औरत : वाह ! मल गया ! कौन, ब लू ?

[ लेखक रसीवर एक ओर रख दे ता है । औरत अंत तक च ती रहे गी ! माया और शशु का बोझ संभाले लेखक
आगे आता है और दशक से कहता है । ]
लेखक : दे वय और स जन । ….इंसान उतना ह कर सकता है िजतना उसके बस म है , उसक औकात म है !
आज थएटर म गंभीर लेखक क कमी नह ं है । इस लए आप इस नाटक के लेखक को इस बात के लए माफ
कर द िजएगा क वह आपको सफ हं सा ह सका । शायद ।

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