You are on page 1of 1

आरती मनि

ु सव्र
ु त भगवान की

ॐ जय मनिु सव्र
ु त स्वामी, प्रभु जय मनि
ु सव्र
ु त स्वामी
भक्ति भाव से प्रणमँू तम
ु को, जय अंतरयामी|| ॐ जय…

राजगह ृ ी में जन्म लिया प्रभ,ु आनंद भयो भारी


सरु -नर-मनिु गण ु गायें तिहारी, आरती कर थारी|| ॐ जय…

पिता तम्
ु हारे समि
ु त्र राजा, श्यामा के जाया
श्यामवर्ण मरू त है तेरी, पैठन में अतिशय दर्शाया|| ॐ जय…

जो ध्यावे सख
ु पावे सब ही, सब संकट दरू करें
मनवांछित फल पावें सब ही, जो प्रभु चरण धरें || ॐ जय…

जन्म-मरण दःु ख हरो प्रभ,ु सब पाप मिटे मेरे


ऐसी कृपा करो प्रभु हम पर, दास रहें तेरे|| ॐ जय…

निज-गण
ु ज्ञान का दीपक, ले आरती करूँ थारी
सम्यक ज्ञान दो सबको, जय त्रिभव
ु न के स्वामी|| ॐ जय…

ॐ जय मनिु सव्र
ु त स्वामी, प्रभु जय मनि
ु सव्र
ु त स्वामी
भक्ति भाव से प्रणमँ,ू जय अंतरयामी|| ॐ जय…

You might also like