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म हषासुरम दनी तो म्
धनुरनुष रण णस प र ु रद नट कटके
कनक पश पृष क नष रस टशृ हताबटु के।
कृ तचतुर बल तर घट र रट टु के
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥८॥
जय जय ज य जयेजयश द पर तु त त पर व नुते
झणझण झ झ म झङ् कृ त नूपुर श तमो हत
भूतपते।
न टत नटाध नट नट नायक ना टतना सुगानरते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥
१०॥
क टतटपीत कू ल व च मयुख तर कृ त च चे
णतसुरासुर मौ लम ण ु र दं शुलस ख च चे।
जतकनकाचल मौ लमदो जत नभरकु र कु कु चे
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥
१६॥
व जतसह करैक सह करैक सह करैकनुते
कृ तसुरतारक स रतारक स रतारक सूनुसुते।
सुरथसमा ध समानसमा ध समा धसमा ध सुजातरते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥
१७॥
अ य नज ङ् कृ त मा नराकृ त धू वलोचन
धू शते। समर वशो षत शो णतबीज
समु वशो णत बीजलते।। शव शवशु
नशु महाहव त पतभूत पशाचरते। जय जय हे
म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते।।७।।
अथ-मा अपनी ंकार से धू लोचन रा स को धू
(धुए)ं के सामान भ म करने वाली,यु म कु पत
र बीज के र से उ प अ य र बीज का र पीने
वाली,शु और नशु दै य क बली से शव और
भूत- ेत को तृ त करने वाली हे म हषासुर का मदन
करने वाली अपने बाल क लता से आक षत करने
वाली पवत क पु ी तु हारी जय हो,जय हो,जय हो।
धनुरनुष रण णस प र ु रद नट कटके ।
कनक पश पृष क नष रस टशृ हताबटुके।।
कृ तचतुर बल तर घट र रट टुके। जय
जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते।।८।।
जय जय ज य जयेजयश द पर तु त त पर व नुते।
झणझण झ झ म झङ् कृ त नूपुर श तमो हत
भूतपते ।। न टत नटाध नट नट नायक ना टतना
सुगानरते । जय जय हे म हषासुरम द न
र यकप द न शैलसुते ।।१०।।
अथ-आकषक का त के साथ अ त सु दर मन से यु
और रा के आ य अथात चं दे व क आभा को अपने
चेहरे क सु दरता से फ का करने वाली, काले भंवर के
सामान सु दर ने वाली हे म हषासुर का मदन करने
वाली अपने बाल क लता से आक षत करने वाली
पवत क पु ी तु हारी जय हो,जय हो,जय हो।
स हतमहाहव म लमत लक म लतर लक
म लरते। वर चतव लक प लकम लक
झ लक भ लक वगवृते।। शतकृ तफु ल
समु ल सता ण त लजप लव स ल लते। जय
जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते।।
१२।।
कनकलस कल स ुजलेरनु ष च त
तेगुणर भुवम्। भज त स क न
शचीकु चकु तट प रर सुखानुभवम् ।तव चरणं
शरणं करवा ण नतामरवा ण नवा स शवम्।जय
जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ।।
१९।।
English Translation:
जय जय ज य जये जय श द पर तु त त पर व नुते
झणझण झ झ म झङ् कृ त नूपुर श तमो हत
भूतपते। न टत नटाध नट नट नायक ना टतना
सुगानरते जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न
शैलसुते ॥१०॥
क टतटपीत कू ल व च मयुख तर कृ त च चे
णतसुरासुर मौ लम ण ु र दं शुलस ख च चे
जतकनकाचल मौ लमदो जत नभरकु र कु कु चे
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १६
॥
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त ा तम्