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सेर्ु अभ्र्ास ( ब्रीज कोसत ) : कक्षा - आठवीं

• प्रवर्तक : शालेर् नशक्षण नवभार्, महाराष्ट्र शासन

• प्रकाशक : राज्र् शैक्षनणक संशोधन व प्रनशक्षण पनरषद, महाराष्ट्र, पुणे.

• प्रेरणा : मा. वंदना कृष्ट्णा, ( भा.प्र.से.)


अपर मुख्र् सनिव, शालेर् नशक्षण व क्रीडा नवभार्, मंत्रालर्, मुंबई.
: मा.नवशाल सोळं की, ( भा.प्र.से.)
• मार्तदशतक
आर्ुक्र्(नशक्षण), महाराष्ट्र राज्र्, पुणे.
मा.राहु ल निवेदी (भा.प्र.से.)
राज्र् प्रकल्प संिालक, महाराष्ट्र प्राथनमक नशक्षण पनरषद, मुंबई.
• संपादक : मा. नदनकर टे मकर ,संिालक,
राज्र् शैक्षनणक संशोधन व प्रनशक्षण पनरषद, महाराष्ट्र

• सहसंपादक : डॉ.नवलास पाटील


सहसंिालक, राज्र् शैक्षनणक संशोधन व प्रनशक्षण पनरषद, महाराष्ट्र, पुणे.

• कार्तकारी संपादक : डॉ. कमलादे वी आवटे , उपसंिालक (भाषा व समर्ा नवभार्)

राज्र् शैक्षनणक संशोधन व प्रनशक्षण पनरषद, महाराष्ट्र, पुणे.


नीर्ा जाधव, उपनवभार्प्रमुख र्था अनधव्र्ाख्र्ार्ा, मराठी नवभार्
राज्र् शैक्षनणक संशोधन व प्रनशक्षण पनरषद, महाराष्ट्र, पुणे.
• संपादन सहार्क : श्री. र्ौसीफ परवेज एम मुजफ्फर उददत भाषा नवभार्,
डॉ. नंदा भोर, अनिनी नरवणे, नवषर् सहार्क, मराठी नवभार्, राज्र् शैक्षनणक
संशोधन व प्रनशक्षण पनरषद, महाराष्ट्र, पुणे.

• ननर्ममर्ी र्टप्रमुख : श्रीमर्ी लर्ा कच्छवे अनधव्र्ाख्र्ार्ा (र्ट समन्वर्क),


नजल्हा नशक्षण व प्रनशक्षण संस्था, परभणी

• ननर्ममर्ी र्टसदस्र् : प्रा. डॉ छार्ा पाटील प्राध्र्ापक ( सेवाननवृत्त ),


दत्ताजीराव कदम ,आटत स ,सार्न्स ,कॉमसत कॉलेज ,इिलकरं जी नज.कोल्हापदर
श्रीमर्ी पद्मश्री हे रवाडे (रर्र् नशक्षण संस्थेिे,नवटा हार्स्कदल नवटा नज. सांर्ली)
श्रीमर्ी आनधश्री ननजाई (श्री.माधवराव भार्वर् हार्स्कदल नवलेपालले, मुंबई- ५७)
श्री.सनर्श होनराव (के. एल. ई.सोसार्टी संिनलर्,नसल्व्हर ज्र्ुनबली हार्स्कदल, बाशी .नज.सोलापदर )
• ननर्ममर्ी सदस्र् एवं :. श्री. रं जन नामर्े (आर. सी. पटे ल माध्र्. नवद्यालर् नशरपदर, र्ा. नशरपदर नज. धुळे)
र्कनीकी सहार्क

• र्कनीकी सहार्क : श्रीमर्ी मंजुषा स्वामी (नजल्हा पनरषद प्राथनमक शाळा नकणी र्ा. नज. उस्मानाबाद )
सेर्ु अभ्र्ास (ब्रीज कोसत )

➢ छात्रों के मन में कोनवड-19 पृष्ट्ठभदनम पर अध्र्र्न के प्रनर् नविास पैदा कर एक सुखद शैनक्षक
वार्ावरण र्ैर्ार करना।

➢ नपछले शैनक्षक वषत में संबनं धर् कक्षा के भाषा अध्र्र्न में अंर्र को भरने में छात्रों की सहार्र्ा करना।

➢ छात्रों को नपछली कक्षा के अनुसार भाषा नवषर् में उनके अपेनक्षर् सीखने के पनरणाम के अनुसार
समझदारी से पढ़ने का अवसर प्रदान करके उनकी संबनं धर् क्षमर्ाओं को नवकनसर् करने में मदद
करना।

➢ छात्रों को नपछली कक्षा से जोड़ने के नलए स्वर्ं अध्र्र्न के नलए सुखद और र्ोग्र् सामग्री बनाना।

➢ छात्रों को खुद को व्र्क्र् करने के नलए कौशल प्रदान करना ।

➢ श्रवण, आकलन एवं नविार नवननमर् की क्षमर्ा नवकनसर् करना ।

➢ आकलन पदणत मौन वािन की र्ोग्र्र्ा ननमाण करना ।

➢ भाषा की संरिना एवं व्र्ाकरण के र्त्वों का ज्ञानाजतन करना ।

➢ शब्दसंपनत्त समृद्ध करना एवं उसके र्त्वों को उन्नर् करना ।

➢ शुद्ध एवं सरल हहदी बोलने और नलखने का कौशल प्राप्र् करना।

➢ निर्ीर् भाषा हहदी का रसास्वादन मौनखक एवं नलनखर् रूप में ग्रहण कर अनभव्र्क्क्र् क्षमर्ा में वॄनद्ध
करना।

➢ निर्ीर् भाषा के रूप में हहदी के अध्र्र्न को अनधक प्रभावशाली बनाने के कौशल का नवकास करना।
पाठ्यपुस्र्क के अनर्नरक्र् समािार पत्र के पठन हे र्ु छात्रों को प्रेनरर् करना ।

➢ हहदी में सहज रूप से संवाद स्थानपर् करने हे र्ु सक्षम बनाना।

आवश्र्क कौशल / अवधारणाएँ-(कक्षावार)

❑ मौनखक भाषा नवकास, श्रवण, भाषण, संभाषण

❑ भाषा अभ्र्ास (व्र्ाकरण)

❑ पठन (र्द्यांश- पनठर्/ अपनठर्), लेखन


विद्यार्थियों के नलए सुझाव

नवद्याथी नमत्रों, नपछले शैक्षनणक वषत में आपने अपनी नशक्षा ऑनलाईन और कई अन्र् र्रीकों से
जारी रखी। र्ह ब्रीज कोसत- सेर्ु अभ्र्ास आपके नलए इस शैक्षनणक वषत के आरंभ में कुछ नदन
नपछली कक्षा के पाठ्यक्रम का अवलोकन करने और इस वषत के अभ्र्ास की र्ैर्ारी हेर्ु र्ैर्ार
नकर्ा र्र्ा है।

सेर्ु अभ्र्ास कुल 45 नदनों का है और इसमें एक नननिर् अवनध के बाद र्ीन परीक्षण हैं। र्ह
सेर्ु अभ्र्ास आपको नपछले शैक्षनणक वषत में आपने जो सीखा है उसे ठीक से समझने और अर्ली
कक्षा के पाठ्यक्रम को समझने में मदद करेर्ा।
इस सेर्ु अभ्र्ास को अध्र्र्न नदवस के क्रमानुसार हल नकर्ा जाना िानहए।
इसमें दै ननक कार्तपत्रक शानमल है। दी र्ई र्ोजना के अनुसार आपके िारा अपने प्रर्ासों से
वकतशीट (कार्तपत्रक) हल नकर्ा जाना िानहए।

र्नद आपको वकतशीट को हल करने में कनठनाई हो रही है , र्ो अध्र्ापक र्ा मार्ा-नपर्ा की मदद लें।
प्रत्र्ेक कार्तपत्रक में नदए र्ए पाठ को बेहर्र ढं र् से समझने के नलए वीनडर्ो हलक प्रदान
नकए र्ए हैं , उनका उपर्ोर् अवधारणा को समझने के नलए होर्ा । नदए र्ए परीक्षणों को र्ोजना के
अनुसार हल करें। परीक्षण पदरा करने के बाद अध्र्ापक से जाँि करवाएँ । अंर् में दी र्ई उत्तर
पुक्स्र्का की सहार्र्ा से अपने उत्तरों की पुक्ष्ट्ट करें।जो नहस्सा समझ में नहीं आर्ा है र्ा मुक्श्कल
लर्र्ा है उसे समझने के नलए अध्र्ापकों र्ा मार्ा-नपर्ा की मदद लें।

इस सेर्ु पाठ्यक्रम के सफलर्ा के नलए शुभकामनाएँ !


अध्र्ापकों / अनभभावकों के नलए ननदले श

कोनवड -१९ से उत्पन्न क्स्थनर् के कारण, नपछले शैक्षनणक वषत में कक्षा अध्र्ापन नहीं हो

सका । ऑनलाईन अध्र्ापन के समर् छात्र प्रत्र्क्ष रुप में सामने नही था । नए शैक्षनणक सत्र में
स्कदल प्रत्र्क्ष रूप में कब शुरू होंर्े इसे लेकर अनननिर्र्ा बनी हु ई है । नपछले शैक्षनणक वषत में
आपने ऑनलाईन के माध्र्म से सभी छात्रों र्क पहुँ िने के नलए नवनभन्न प्रर्ास नकए हैं । र्ह ब्रीज
कोसत नपछले शैक्षनणक वषत में छात्रों िारा नकए र्ए अध्र्र्न की समीक्षा के साथ-साथ नए शैक्षनणक
वषत में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम की र्ैर्ारी के दोहरे उद्देश्र् से र्ैर्ार नकर्ा र्र्ा है ।

➢ सेर्ु अभ्र्ास कुल ४५ नदनों का है एवं इसमें एक नननिर् अवनध के बाद कुल र्ीन परीक्षण हैं ।

➢ सेर्ु पाठ्यक्रम नपछले पाठ्यक्रम पर आधानरर् है और नपछले वषत का पाठ्यक्रम और वर्तमान वषत
का पाठ्यक्रम के बीि एक कड़ी है।

➢ र्ह पाठ्यक्रम कक्षाननहार् और नवषर् के अनुसार र्ैर्ार नकर्ा र्र्ा है । इसे नपछली कक्षा की
पाठ्य-पुस्र्क से जोड़कर उसके घटकों के आधार पर र्ैर्ार नकर्ा र्र्ा है ।

➢ इस पाठ्यक्रम में घटक और उपघटक नुसार कार्तपत्रक शानमल हैं । अध्र्र्न के ननष्ट्कषों/क्षमर्ा
नववरणों को ध्र्ान में रखर्े हु ए कार्तपत्रक र्ैर्ार नकए र्ए हैं ।

➢ कार्तपत्रकों को आम र्ौर पर छह खंडों में नवभानजर् नकर्ा है ।

1) अपेनक्षर् कौशल / अध्र्र्न ननष्ट्पनत्त - ठीक वही जो छात्र सीखने जा रहा है।

2) आओ पर्ा करें - अवधारणाओं की व्र्ाख्र्ा

3) आओ सक्षम बनें - अभ्र्ास के उदाहरण

4) आओ अभ्र्ास करें - प्रश्न / नक्रर्ा / अभ्र्ास र्ह दे खने के नलए नक क्र्ा छात्रों ने

अवधारणा को समझा है ।

5) आओ सृजन करें - अवधारणा / कौशल दृढ़ीकरण / उपर्ोनजर् लेखन कार्त

6) पदरक सानहत्र् स्रोर् - एक छोटी सी मदद के रूप में वीनडर्ो हलक, क्र्दआर कोड आनद

शानमल हैं जो आपको अवधारणा को बेहर्र ढं र् से समझने में मदद करर्े हैं।
➢ र्ह पाठ्यक्रम छात्रों को र्ह समझने के नलए बहु र् महत्वपदणत होर्ा नक उन्होंने नपछले शैक्षनणक
वषत में क्र्ा सीखा है, जो सीखा उसका परीक्षण करना और वर्तमान कक्षा के पाठ्यक्रम को
समझना ।

➢ अध्र्ापकों को र्ह सेर्ु पाठ्यक्रम प्रत्र्ेक छात्र से ननदले नशर् नदन क्रमांक र्ोजना के अनुसार पदरा
कराना िानहए।

➢ अध्र्ापकों को इस र्थ्र् पर ध्र्ान दे ना िानहए नक छात्र प्रत्र्ेक कार्तपत्रक को अपने आकलन के


अनुसार हल करेर्ा और जहाँ आवश्र्क हो वहाँ वे छात्रों की सहार्र्ा करेंर्े ।

➢ ननधानरर् अवनध के बाद नलए जाने वाले परीक्षणों को छात्रों िारा हल नकर्ा जाना िानहए,
परीक्षणों की जाँि की जानी िानहए और छात्र के अंकों का रेकॉडत स्वर्ं ही रखा जाना िानहए ।

➢ परीक्षा की जाँि करर्े समर् प्रत्र्ेक छात्र का नवश्लेषण होना िानहए ।

➢ छात्रों को अनर्नरक्र् पदरक सानहत्र् स्त्रोर् की सहार्र्ा दी जानी िानहए ।

इस सेर्ु पाठ्यक्रम के सफल ननर्ोजन के नलए शुभकामनाएँ !


हहदी सेर्ु पाठ्यक्रम कक्षा- आठवीं सन २०२१ - २२
क्रमांक क्षेत्र घटक /उपघटक नदन
1 श्रवण /भाषण कनवर्ा , र्ीर् १
2 वािन प्रकट वािन २
3 वािन नित्र वणतन ३
4 लेखन प्रश्न र्ैर्ार करना ४
5 भाषा अभ्र्ास हलर् पहिान ५
6 वािन नित्र वािन ६
7 लेखन संवाद लेखन ७
8 श्रवण /भाषण कनवर्ा , र्ीर् ८
9 भाषा अभ्र्ास संज्ञा ९
10 भाषा अभ्र्ास संज्ञा के भेद १०
11 श्रवण / भाषण कनवर्ा , र्ीर् ११
12 लेखन नित्र के आधार पर कहानी १२
13 भाषा अभ्र्ास सवतनाम १३
14 श्रवण / भाषण र्ीर् १४
15 कसौटी अंक (१५) १५
16 भाषण नाट्यीकरण १६
17 भाषण नाट्यीकरण १७
18 भाषा अभ्र्ास नवशेषण १८
19 लेखन मुद्दों के आधार पर कहानी १९
20 श्रवण /भाषण कनवर्ा , र्ीर् २०
21 लेखन अनुवाद लेखन २१
22 भाषा अभ्र्ास नक्रर्ा २२
23 श्रवण /भाषण कनवर्ा , र्ीर् २३
24 लेखन अनौपिानरक पत्रलेखन २४
25 श्रवण /भाषण कनवर्ा , र्ीर् २५
26 वािन संवाद वािन २६
27 लेखन नवज्ञापन २७
28 भाषा अभ्र्ास अनवकारी शब्द २८
29 भाषा अभ्र्ास अनवकारी शब्द २९
30 कसौटी २ अंक (१५) ३०
31 वािन मौनवािन , र्नर्वािन ३१
32 श्रवण /भाषण कनवर्ा , र्ीर् ३२
33 श्रवण /भाषण मौनखक अनभव्र्क्क्र् ३३
34 लेखन वृत्तांर् लेखन ३४
35 श्रवण /भाषण कनवर्ा , र्ीर् ३५
36 भाषा अभ्र्ास काल पनरवर्तन ३६
37 लेखन र्द्य आकलन ३७
38 भाषा अभ्र्ास कारक निन्ह ३८
39 लेखन ननबंध लेखन ३९
40 श्रवण /भाषण कनवर्ा , र्ीर् ४०
41 भाषण साक्षात्कार ४१
42 लेखन औपिानरक पत्रलेखन ४२
43 भाषा अभ्र्ास वाक्र् के भेद ४३
44 श्रवण /भाषण र्जल ४४
45 कसौटी ३ अंक ( २० ) ४५
क्षे त्र - श्रवण, भाषण
नदन-१ कौशल/र्ोग्र्र्ा -मौनखक भाषा
नवकास
सं बोध -कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

❖ नवनभन्न सामानजक एवं प्राकृनर्क मुद्दों, घटनाओं के प्रनर् निनकत्सक नविार करर्े हु ए नवषर् पर
ििा करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

अध्र्ापक छात्रों सें ,मनुष्ट्र् नवनशष्ट्ट कुल में जन्म लेने से नहीं, बक्ल्क अपने कमत से बड़ा
बनर्ा है , इस नवषर् पर ििा करर्े हु ए अच्छे कमत समझाएँ l
ननम्ननलनखर् पंक्क्र्र्ों का मौन वािन करके स्वर्ं समझने के नलए कहें l

❖ कनवर्ा की पंक्क्र्र्ों का सस्वर र्ार्न करें और


करवाएँ l

आओ सक्षम बनें

1) छात्रों से संवाद करर्े हु ए र्ुलाब


के फदल के संबंध में ज्ञान परखना,
नवनवध फदलों के नाम पदछें l
2 ) अध्र्ापक छात्रों को आसपास के पेड़, पौधौं का वर्ीकरण करने के नलए कहें l

आओ अभ्र्ास करें

अ - नरक्र् स्थान की पदर्मर् करो l

1] एक ही -सी .........है, डालर्ा l

2] एक-सी उनपर......... है बही l

आ ) अपने पसंदीदा फदल के बारे में नलखो |

इ ) कनवर्ा में आए लर्र्ुक्र् शब्द नलखो |

1]-------------------

2] ------------------

आओ सृजन करें

• छात्रों से उनिर् हाव-भाव, लर्-र्ाल के साथ कनवर्ा का पाठ करवाएँ l

पदरक सानहत्र् स्रोर्

कक्षा आठवीं के पाठ्यपुस्र्क का उपर्ोर् करो l


क्षे त्र -वािन
नदन-२ कौशल/र्ोग्र्र्ा -आरोह-अवरोह
र्था नवराम निह्नों के साथ
प्रकटवािन
सं बोध - प्रकटवािन

अपेनक्षर् कौशल

नदए र्ए आशर् का शाक्ब्दक और अंर्र्मननहर् अध्र्र्न अथत श्रवण करर्े हु ए शुध्द उच्िारण,उनिर्
बलाघार्,र्ान-अनुर्ान एवं र्नर् सनहर् मुखर और मौनवािन करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

१) पनरच्छे द का वािन प्रभावपदणत र्था सुस्पष्ट्ट उच्िारण के साथ करवाएँ l


२) ननम्ननलनखर् पनरच्छे द का प्रकटवािन करके स्वर्ं समझने के नलए कहें।

हमारे मुख से उच्िनरर् शब्द हमारे िनरत्र बुनद्धमत्ता, समझ और


संस्कारों का दशार्े हैं इसनलए शब्दों के उच्िारण के पदवत हमें सोिना िानहए । कम-
से-कम शब्दों में अथतपदणत बोलना और नलखना एक कला है । वह कला नवनवध
पुस्र्कों के वािन से, पनरश्रम से साध्र् हो सकर्ी है । मात्र एक र्लर् शब्द के
उच्िारण से वषो की दोस्र्ी में दरार पड़ सकर्ी हैं । अब नकस समर् , नकसके
सामने, नकस प्रकार के शब्दों का प्रर्ोर् करना िानहए इसे अनुभव, मार्तदशतन, वािन
और संस्कारों िारा ही सीखा जा सकर्ा है । सुंदर उपर्ुक्र् और अथतमर् शब्दों से
जो वाक्र् परीक्षा में नलखे जार्े है उस कारण ही अच्छी श्रेणी प्राप्र् होर्ी है ।
अनाप-शनाप शब्दों का प्रर्ोर् हमेशा हाननकारक होर्ा है ।
आओ सक्षम बनें

* छात्रों का प्रकट वािन के बारे में मार्तदशतन करें ।

* छात्रों को वािन में शुद्ध उच्िारण, उनिर् उर्ार-िढ़ाव हावभाव, आरोह-अवरोह


र्था नवराम निह्नों पर ध्र्ान दे ने कहें ।

आओ अभ्र्ास करें

• छात्रों का र्ुट बनाकर प्रकटवािन करवाएँ |


• ध्वननमुनिर् नकर्ा हु आ प्रकटवािन छात्रों को सुनवाएँ |
आओ सृजन करें

• अध्र्ापक िारा छात्रों को पाठ्यपुस्र्क में से पनरच्छे द मानसक, बाल-सानहत्र् आनद से


पनरच्छे द का िर्न करने के नलए कहना ।
• प्रकटवािन के आधारपर प्रश्न पदछना ।
• कक्षा ७ वीं के पाठ्यपुस्र्क में से र्द्य पाठों के पनरच्छे द का प्रकटवािन करना ।

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पदरक सानहत्र् स्रोर्

हहदी लोकभारर्ी दसवीं कक्षा पृष्ट्ठ १०२

https://cart.ebalbharati.in/BalBooks/ebook.aspx
नदन-३ क्षे त्र -ले ख न
कौशल/र्ोग्र्र्ा-स्व अनभव्र्क्क्र्
सं बोध -नित्रवणत न

अपेनक्षर् कौशल

➢ नकसी दृश्र् को देखने, अनुभवों की मौनखक / नलनखर् सदिनाओं को आलेख रूप में अनभव्र्क्र्
करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं l दृश्र् को दे खने, अनुभवों की मौनखक / नलनखर्
सदिनाओं को आलेख रूप में पनरवर्मर्र् करके अनभव्र्क्र् करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े
हैं l

आओ पर्ा करें

छात्रों से नित्र का ननरीक्षण कराएँ । शब्द और वाक्र् समझाएँ ।

अस्पर्ाल में नलखी सदिनाओं को पढ़ने के नलए कहें ।

अस्पर्ालों का महत्व समझाएँ ।

आओ अभ्र्ास करें

नवद्याथी कृनर् :- नित्र का ननरीक्षण करके , शब्द र्था वाक्र् समझकर नित्र वणतन करें |
आओ सृजन करें

➢ अस्पर्ाल की आवश्र्कर्ा इस नवषर् पर पाँि अपने पंक्क्र्र्ाँ में नलखो l

अपने आसपास रहनेवाले लोर्ों के व्र्वसार्ों के नाम ननम्ननलनखर् र्ानलका में नलखो l

डॉक्टर

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षे त्र - ले ख न
नदन-४
कौशल/र्ोग्र्र्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्
सं बोध - प्रश्न र्ै र्ार करना l

अपेनक्षर् कौशल

➢ नकसी नित्र र्ा दृश्र् को दे खने,अनुभवों की मौनखक /नलनखर् सदिनाओं को आलेख रुप में पनरवर्मर्र्
करके अनभव्र्क्र् करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

•अध्र्ापक नित्रों की जानकारी प्राप्र् करने के नलए नवनवध प्रश्न पदछें र्था ििा करें l
प्रश्न- १) नित्र नकसका है ?
२) नित्र में क्र्ा-क्र्ा नदखाई दे र्ा है ?
३) दोनों नित्र में क्र्ा अंर्र हैं ?

• नित्र के आधार पर शहर और र्ाँव संबंधी जानकारी प्राप्र् कर प्रश्न र्ैर्ार करें l
आओ सक्षम बनें

र्ुट बनाकर ननम्ननलनखर् नित्रों के आधार पर प्रश्न ननर्ममनर् करें।

आओ अभ्र्ास करें

• नित्र दे खें और प्रश्न पदछें ।


• अध्र्ापक, छात्रों से नित्र की जानकारी लें और नवनवध
प्रश्न र्ैर्ार करने के नलए कहें ।

आओ सृजन करें

भारर्ीर् सैननक र्था सेना संबंधी जानकारी अंर्रजाल की सहार्र्ा से ढद ँ ढ़कर नलखों ।

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
नदन- 5
नदन-५ कौशल/र्ोग्र्र्ा-हलर् पहिान,
उपर्ोर्, नलखने में सक्षम होने के हे र्ु ।

संबोध - हलर्

अपेनक्षर् कौशल

➢ भाषा व्र्ाकरण के नवनभन्न घटकों की पहिान करर्े हैं और उनका उपर्ोर् करर्े हैं ।
➢ साथ ही नलनखर् रूप से संग्रह करर्े हैं l
➢ पाठ्यपुस्र्क और व्र्ाकरण के घटकों का आवश्र्क ज्ञान प्राप्र् कर उसका उपर्ोर् करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

हलर् के दो प्रकार -

पुहिंर् -

अध्र्ापक छात्रों को पनरभाषा बर्ार्े हैं और छात्रों को नित्र के अनुसार उनके हलर् भेद बर्ार्े हैं।

“ नजन शब्दों से पुरुष जानर् का बोध होर्ा है उन शब्दों को पुहिंर् कहर्े हैं l”
जैसे - राजा बालक बंदर

स्त्रीहलर् -

“ नजन शब्दों से स्त्री जानर् का बोध होर्ा है उन शब्दों को स्त्रीहलर् कहर्े हैं |”

जैसे - र्ार् कोर्ल नबिंी

आओ सक्षम बनें

• छात्रों को ननम्ननलनखर् पद्यांश पढ़ने के नलए कहों l

हाथ लगा बंदर के एक ददन ,

टूटा-फूटा आला ।

झट बंदर ने पेड़ के नीचे,

कुरसी - मेज ला डाला ।

भालू आकर बोला - मुझको,

खााँसी और जुकाम,

बंदर बोला- तल
ु सी पत्ते

पीपल की जड़ थाम ।
➢ उपर्ुतक्र् पनरच्छे द मे से पुहिंर् र्था स्त्रीहलर्ी शब्द ढद ँ ढ़कर ननम्ननलनखर् सदिी में नलखो ।

पुहिंर् स्त्रीहलर्

आओ अभ्र्ास करें

पहिानो और नलखों|

बा क

गुनड़या महहना

ल ग
िं पहचानो

कोय
तोता
ऊँट

आओ सृजन करें

ननम्ननलनखर् वाक्र् शुध्द करके नलखो ।


१) उसकी आँख लाल हो र्र्ा ।
२) मोहन स्कुल मे जार्ी है ।
३) नदी सार्र से नमलर्ा है ।

पदरक सानहत्र् स्त्रोर्

कक्षा आठवीं के पाठ्यपुस्र्क का उपर्ोर् करों l


क्षेत्र- वािन
नदन-६ कौशल/र्ोग्र्र्ा-
स्व अनभव्र्क्क्र्
संबोध - नित्रवािन

अपेनक्षर् कौशल

➢ नकसी नित्र र्ा दृश्र् को दे खने,अनुभवों की मौनखक /नलनखर् सदिनाओं को आलेख रुप में पनरवर्मर्र् करके
अनभव्र्क्र् करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

• छात्रों से नित्र वािन करवाएँ ।


• नित्र के आधार पर नवनवध प्रश्न पदछें और कक्षा में र्ुट ििा करवाएँ l
आओ सक्षम बनें

• अंर्रशालेर् 'नित्रकला प्रदशतनी' इस नवषर् पर मुद्दों के आधारपर वणतन र्था लेखन


करवाएँ ।
• नित्रकला प्रदशतनी के संदभत में प्रश्न - उत्तर िारा ििा करें ।

आओ अभ्र्ास करें

अंर्रशालेर् 'नित्रकला प्रदशतनी' इस नवषर् पर मुद्दों के आधारपर वणतन र्था लेखन


करवाएँ ।

आओ सृजन करें

नित्र दे खो और र्ुट में ििा करों और बर्ाओ ।


नित्र में नदखाई दे नेवाले व्र्क्क्र्,वस्र्ुएँ, प्राणी,पंछी आनद के नामों की सदिी बनाओ l
सदिी :-

पदरक सानहत्र् स्त्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - लेखन
नदन-७ कौशल/र्ोग्र्र्ा-स्व अनभव्र्क्क्र् ।

संबोध - संवादलेखन

अपेनक्षर् कौशल

➢ जोड़ी / र्ुट में कृनर् / उपक्रम रूप में संवाद, नाटक, िुटकुले आनद को पढ़र्े हैं
र्था उसमें सहभार्ी होकर प्रभावपदणत ढं र् से प्रस्र्ुनर् करर्े हैं l

आओ पर्ा करे

प्रस्र्ुर् संवाद लेखन का छात्रों से मुखर वािन कराएँ । शब्द और वाक्र् समझाएँ । भाषा का महत्व
समझाएँ । संवाद लेखन को व्र्क्क्र्र्र् अनुभवों से जोड़े । संवाद लेखन से जुड़े नवषर् पर प्रश्न पदछे ।
संवाद लेखन के माध्र्म से सामानजक प्रश्न,दद सरों की भाव-भावनाओं से पनरनिर् कराने की क्षमर्ा
ननमाण करें ।

अजर् और नवजर् सब्जी मंडी में :


अजर् : दे खो नवजर्, पदरी सब्जी मंडी में नकर्नी हरीभरी सब्जी नदखाई दे रहीं है |
नवजर् : हाँ , नबलकुल | दे खो न , सारी सक्ब्जर्ाँ नकर्नी र्ाज़ी हैं |
अजर् : पालक , मेथी , र्ोभी , पत्तार्ोभी , मटर , लौकी , हभडी , धननर्ा , करेला आनद सारी
सक्ब्जर्ाँ हरी होर्ी हैं |
नवजर् : टमाटर , बैंर्न , र्ाजर , आलद , प्र्ाज , रर्ालद , मकई ऐसी सारी रंर्-नबरं र्ी सक्ब्जर्ों से
बाज़ार भरा पड़ा हैं |
अजर् : ऐसा लर्र्ा है नक सारी सक्ब्जर्ाँ खरीद लदँ |
नवजर् : लेनकन माँ ने र्ो नसफत आधा नकलो र्ुरई ,अदरक,ककड़ी ,नींबद ,मदली लाने के नलए कहा है |
अजर् ने सब्जीवाली से : एक नकलो र्ुरई का भाव क्र्ा है ?
सब्जीवाली : बहु र् ज्र्ादा नहीं , केवल िालीस रूपए प्रनर् नकलो |
अजर् : ठीक है , आधा नकलो र्ुरई दे ना , साथ में दस रूपए का अदरक और पाँि रूपए के नींबद भी
दे ना |
सब्जीवाली : क्र्ा आपने थैली लाई है ?
नवजर् : नहीं , प्लाक्स्टक की थैली में दे ना |
सब्जीवाली : प्लाक्स्टक का उपर्ोर् प्रदद षणकारक होर्ा है | इसनलए मैं प्लाक्स्टक की थैली नहीं
रखर्ी |
आओ सक्षम बनें

➢ छात्रों के र्ुट र्ैर्ार करके उन्हें नाटक र्था िुटकुले सादर करने के नलए प्रोत्सानहर् करें ।
उन्हें नवषर् िुनने का स्वार्ंत्र्र् दे और र्ुटों में स्पधात्मक वार्ावरण र्ैर्ार करें ।

आओ अभ्र्ास करें

पाठशाला से घर आर्े समर् पाठशाला में होनेवाली र्नर्नवनधर्ों के बारे में दो नमत्र / सहेनलर्ों के
बीि होनेवाला वार्ालाप अपने शब्दों में नलखो।

आओ सृजन करें

कल्पना के िारा पंछी और वृक्ष के बीि का संवाद पाँि -छह पंक्क्र्र्ों में नलखो l

पदरक सानहत्र् स्त्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - भाषण
नदन-८ कौशल/र्ोग्र्र्ा-मौनखक भाषा नवकास

संबोध - कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

➢ भाषा की बारीनकर्ों से /ढं र् पर ध्र्ान दे र्े हु ए साथतक वाक्र् बर्ार्े हैं , र्था , लर् -र्ाल,
आरोह-अवरोह, हावभाव के साथ पठन करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

1) छात्रों को, दृश्र् रूप में न होकर भी एहसास नदलानेवाली मस्र् हवा की अठखेनलर्ों की जानकारी दें l
2) कनवर्ा का लर् -र्ाल के साथ सस्वर र्ार्न करें l

३) छात्रों से कनवर्ा का सस्वर पाठ करवाएँ l

आओ सक्षम बनें

1) प्रकृनर् की अप्रनर्म सुंदरर्ा का वणतन करें l

2) प्रकृनर् की रक्षा के नलए उपार् पदछें l


आओ अभ्र्ास करें

छात्रों को रामनरेश नत्रपाठी जी िारा नलनखर् " र्ब र्ाद र्ुम्हारी आर्ी है “ र्ह प्रकृनर्
नित्रण की कनवर्ा सुनाए l

आओ सृजन करे

1) प्राकृनर्क आपदाओं भदकंप, बाढ़ से बिाव के उपार् नवद्यार्मथर्ों से कहलवाएँ l

2) प्रकृनर् संर्ुलन संबंधी जानकारी नलखो l

पदरक सानहत्र् स्त्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :


https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास

नदन-९ और १० कौशल/र्ोग्र्र्ा- नलखने में सक्षम


होने के नलए ।

संबोध - संज्ञा और उसके भेद

अपेनक्षर् कौशल

➢ सुने हु ए वाक्र्, उससे संबंनधर् अन्र् वाक्र्, रिना के पनरप्रेक्ष्र् में कहे र्ए नविार,
वाक्र्ांशों का अनुमान लर्ार्े हु ए समझकर अपने अनुभवों के साथ बोलर्ा है ।

आओ पर्ा करें

➢ अध्र्ापक कृनर् : छात्रों को नित्र नदखाकर नित्रों के नाम पदछें |

राजद पेड़ बंदर खुशी

1) व्र्क्क्र् का नाम क्र्ा है ?


2) फल कहाँ पर लर्र्े हैं ?
3) उछलकदद करने वाला ...
4) लोर्ों के िेहरे का भाव ...
5) भारर् की राजधानी कौन-सी है ?

अध्र्ापक कृनर् :- छात्रों से नमले उत्तर से संज्ञा की पनरभाषा बर्ाएँ ।

“ नजन शब्दों से नकसी व्र्क्क्र्, वस्र्ु, प्राणी ,भाव र्ा स्थान का बोध होर्ा है उसे
संज्ञा कहर्े है ।”
संज्ञा के प्रकार

व्र्क्क्र्वािक संज्ञा जानर्वािक संज्ञा भाववािक संज्ञा िव्र्वािक संज्ञा समदहवािक संज्ञा

➢ अध्र्ापक कृनर् :-छात्रों को संज्ञा के उदाहरण और पनरभाषा बर्ाएँ ।

आओ सक्षम बनें

अध्र्ापक कृनर् :- बोडत पर कुछ उदाहरण दे कर छात्रों को ननम्ननलनखर् र्ानलका में नलखने
के नलए कहें ।

जैसे - लड़का, िाँदी, र्ुलदस्र्ा, र्ुस्सा, र्ेहदँ , भीड़ , मोहन, खुशी, लोहा, पेड़

व्र्क्क्र्वािक जानर्वािक िव्र्वािक समदहवािक


भाववािक संज्ञा
संज्ञा संज्ञा संज्ञा संज्ञा
आओ अभ्र्ास करें

ननम्ननलनखर् सदिना के अनुसार संज्ञा के प्रकार पहिानो और नलखो |

खीर

क्रोध
प्रेमिंद
संज्ञा

सेना लड़का

आओ सृजन करें

➢ अधोरेनखर् शब्द के संज्ञा प्रकार नलखो ।

१) आम के पेड़ पर िार पक्षी बैठे हैं । ( )

२) नर्लास मे थोड़ा दद ध है । ( )

३) लड़की आम खा रही है । ( )

पदरक सानहत्र् स्त्रोर्

सरल हहदी व्र्ाकरण पुस्र्क का उपर्ोर् करो l


क्षेत्र - श्रवण ,भाषण
नदन-११ कौशल/र्ोग्र्र्ा-मौनखक भाषा
नवकास

संबोध - कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

➢ नवनवध प्रकार की रिनाओं ( र्ीर् , कथा , एकांकी , नरपोर्ाज , ननवेदन , ननदले श ) आनद को
आकलनसनहर् सुनर्े हैं , पढ़कर समदह में ििा करर्े हैं र्था सुनार्े हैं ।

आओ पर्ा करें

• छात्रों को लोरी के माध्र्म से माँ के वात्सल्र् भाव का एहसास करवाएँ l


• छात्रों से लोरी लर्-सुर में र्वाएँ l
आओ सक्षम बनें

❖ अपनी कल्पना से परी का वणतन करवाएँ l

आओ अभ्र्ास करें

❖ उपर्ुतक्र् लोरी का अनुलेखन करो l

आओ सृजन करें

❖ छात्रों से अन्र् लोरी र्वाएँ l

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - लेखन

नदन- १२ कौशल/र्ोग्र्र्ा-स्व अनभव्र्क्क्र् ।

संबोध -नित्र के आधारपर कहानी

अपेनक्षर् कौशल

➢ नकसी दृश्र् को दे खने, अनुभवों की मौनखक / नलनखर् सदिनाओं को आलेख रूप में पनरवर्मर्र्
करके अनभव्र्क्र् करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं ।

आओ पर्ा करें

छात्रों से नित्रों का ननरीक्षण करवाएँ । नित्र में कौन-कौन-सी घटनाएँ घटी होंर्ी,
उन्हें अन्र् नित्रों एवं घटनाओं के आधार पर कहानी का आधुननकीकरण कर के नलखने के
नलए प्रेनरर् करें और उनिर् शीषतक दे ने के नलए कहें ।
आओ अभ्यास करें

उपर्ुतक्र् नित्रों कों दे खकर कहानी नलखो और उसे उनिर् शीषतक दो l

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आओ सृजन करें

 ननम्ननलनखर् कहानी अपने शब्दों में पदणत कीनजए | उसे उनिर् शीषतक दो | र्था उससे
नमलनेवाली सीख नलखो |
आनंद और ख़ुशी दोनों भाई-बहन थे | अपनी नक्रसमस की छु निर्ाँ मनाने अपने
पनरवार के साथ सेलम आए थे | उनके रहने की व्र्वस्था पहानडर्ों पर की र्ई थी |
पर्तटन क्षेत्र होने की वजह से वह इलाका बहु र् ही सुनसान था | आनंद और ख़ुशी
उनके बंर्ले की छर् पर आकाश ननरीक्षण कर रहें थे | अिानक नटमनटमार्े नसर्ारों
के बीि उन्होंने एक अनजान वस्र्ु को उड़र्े हु ए दे खा और ...............................
.........................................................................................................
.........................................................................................................
.........................................................................................................
.........................................................................................................
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.........................................................................................................

पदरक सानहत्र् स्रोर्

पंिर्ंत्र की कहाननर्ाँ दे खो और सुनो l


क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास

नदन-१३ कौशल/र्ोग्र्र्ा-नलखने में सक्षम होने


के नलए

संबोध -सवतनाम की पहिान

अपेनक्षर् कौशल

➢ सुने हु ए वाक्र्, उससे संबंनधर् अन्र् वाक्र्, रिना के पनरप्रेक्ष्र् में कहे र्ए नविार,
वाक्र्ांशों का अनुमान लर्ार्े हु ए समझकर अपने अनुभवों के साथ बोलर्ा है ।

आओ पर्ा करें

➢ अध्र्ापक कृनर् :- फलक पर उदाहरण नलखें ।

➢ बच्िों से मोटे टाईपवाले शब्दों को पढ़ने के नलए कहें ।

राम सुबह टहलने र्र्ा । उसने वहाँ पर एक बड़ा साँप दे खा, उसे दे खकर जोर-
जोर से वह नििंाने लर्ा । राम लोर्ों से कहने लर्ा, "मैंने र्हाँ पर साँप दे खा ।"

“ एक ही संज्ञा का बार-बार प्रर्ोर् करने के बजार् उसकी जर्ह पर कुछ खास शब्दों का
प्रर्ोर् नकर्ा जार्ा है । ऐसे शब्दों को हम सवतनाम कहर्े हैं |“

संज्ञा के बदले आनेवाले शब्दों को 'सवतनाम' कहर्े हैं ।

आओ सक्षम बनें

छात्रों से ननम्ननलनखर् संवाद पढ़ने के नलए कहें ।

मुन्नी : दे ख नीना, आज मैं ने अम्मा से आटा, घी, दाल, दही, सार्, िीनी, मक्खन र्े सब िीजें ले ली
है। िल, रोटी का खेल खेलें।
नीना: हाँ,खदब मजा आएर्ा। िलो, उन लोर्ों को भी बुलार्ी हदँ। अरे िुन्नद हटकद, सरला इधर
आओ। अब हम सब रोटी का खेल खेलेंर्े।
सब : हा- हाँ, र्ह ठीक है।
मुन्नी: हाँ, र्ो सरला, र्द क्र्ा करेर्ी।
सरला : मैं र्ो र्ेरे संर् रोटी बनाऊँर्ी।

➢ पनरच्छे द में अधोरेनखर् शब्द नकन संज्ञाओं के नलए प्रर्ुक्र् नकए हैं ।
वे शब्द ननम्ननलनखर् संज्ञा के नलए पदछे र्ए हो र्ो ( (√ )र्े निहन लर्ाएँ

मुन्नी [ ] नीना [ ]

आओ अभ्र्ास करें

❖ ननम्ननलनखर् पनरच्छे द मे संज्ञा और सवतनाम हैं उन्हे ढद ँ ढ़कर दी र्ई र्ानलका में नलखो |

हिकी से र्ननक र्ािना करो । वह र्ुम्हें बंधन से बिाएर्ी । जाल काट, बाहर ले आएर्ी ।
टीनद- मीनद ने कहा, “हम आजाद हो रहे , अहा ! मौसी, िुसकद- मुसकद को बुलाओ । सभी
नमलकर हमें बिाओ ।“

सिंज्ञा सर्वनाम

आओ सृजन करे

❖ उनिर् स्थान पर सवतनाम का प्रर्ोर्


एक राजा था । राजा िार बेनटर्ाँ थीं । राजा ने सोिा नक इन िारों में से जो
सबसे बुनद्धमनर् होर्ी, उसे ही अपना राजपाट सौंपेर्ा । इसका फैसला कैसे होर्ा ?
राजा सोिने लर्ा । अंर् में राजा को एक उपाए सदझ र्र्ा ।

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सरल हहदी व्र्ाकरण का उपर्ोर् करें l


क्षेत्र - श्रवण भाषण

नदन-१४ कौशल/र्ोग्र्र्ा-मौनखक भाषा


अभ्र्ास

संबोध -कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

➢ नवनभन्न स्थानीर् सामानजक एवं प्राकृनर्क मुद्दों / घटनाओं के प्रनर् निनकत्सक नविार करर्े हु ए
नवषर् पर ििा करर्े हैं ।

आओ पर्ा करे

❖ छात्रों को वनौषनध िारा होनेवाले


पारंपानरक उपिार और प्रभावों के बारे
में समझाएँ l

❖ कनवर्ा हावभाव और र्ाल - लर् के


साथ र्ाकर नदखाएँ ।

❖ वन्र् प्राणी और वनौषनध वनस्पनर् का


पनरिर् करवा दें र्े l

❖ वन्र् प्रानणर्ों की जानकारी दें र्े |

आओ सक्षम बनें

1) र्ुलसी का धार्ममक महत्व और उपर्ोर् बर्ाएँ l

2) जड़ी- बदटी की जानकारी नलनखए l


आओ अभ्र्ास करें

1) डाँक्टर बंदर के उपार् नलनखए l

2) शब्द-र्ुग्मों की सदिी बनवाएँ l

आओ सृजन करें

1) छात्रों से कनवर्ा का पाठ कराएँ l

2) जड़ी-बदटी से होने वाले लाभ पर ििा करें l

3) शब्दों को वणतक्रमानुसार नलनखए ।

( बंदर, र्ुलसी ,बुनटर्ाँ ,कंु दन, मौज, खाँसी )

पदरक सानहत्र् स्रोर्

नवनवध नवज्ञापन, समािार पत्र, अंर्रजाल और ७ वीं पाठ्यपुस्र्क ।


कसौटी क्रमांक- १

नदन-१५
अंक - १५

र्द्य नवभार्

प्रश्न १ ननम्ननलनखर् र्द्यखंड पढ़कर सदिनाओं के अनुसार कृनर्र्ाँ पदणत करों |

मैंने कल र्ुमसे बार् की थी। मेरे सुख-दु ख के बारे में पदछा। धन्र्वाद। मन में बहु र् सी
बार्ें हैं, फोन पर सब कुछ कहना मुक्श्कल है। सोिा; बस एक पत्र नलखो। अब मैं अपना दु ख क्र्ों
रोऊँ इस बार कुछ अच्छी बार्ें आपसे साझा करना िाहदँर्ा। 'नडनजटल' क्रांनर् का थोड़ा सा असर
हमारे र्ाँव में भी नदखने लर्ा है । - र्ाँव वालों को भी नशक्षा, स्वास्थ्र् के बारे में थोड़ा बहु र् पर्ा िल
र्र्ा है , रोजर्ार, नए कृनष उपकरण और आधुननक खेर्ी के र्रीके। समस्र्ाएँ अभी भी हैं। मुझे पीने
का पानी लाने के नलए ददर-दद र जाना पड़र्ा है। मेरे पास स्कदल हैं लेनकन उनके पास आवश्र्क
सुनवधाएँ नहीं हैं।

१) संजाल पदणत करो । २ अंक

ग्रामजन यह पध्दततयाँ जानते हैं ।

२) कृनर् पदणत करो । २ अंक

गाँर् सिंबध
िं ी सरकारी पररयोजना
पद्य नवभार्

प्रश्न २. १) हवा का हमारे जीवन में महत्व नलखो | १ अंक

....................................................................................................................

2) गुलाब के फदल का िर्िन करें l १ अंक


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३) अपनी पसंदीदा कनवर्ा की पाँि पंक्क्र्र्ाँ नलखो | १ अंक

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व्र्ाकरण नवभार्

प्रश्न ३ १) अधोरेनखर् शब्दों के हलर् बदलकर वाक्र् में प्रर्ोर् करो । १ अंक

िािा जी सदै व मेरा मार्तदशतन करर्े हैं। .................................................................


२) ननम्ननलनखर् संज्ञा को उनिर् जर्ह पर नलखो । २ अंक

जानर्वािक संज्ञा समदहवािक संज्ञा व्र्क्क्र्वािक संज्ञा िव्र्वािक संज्ञा

३) ननम्ननलनखर् वाक्र् से सवतनाम ढद ँ ढ़कर नलखो । १ अंक

उसने पौधों को पानी नदर्ा । ..........................................................................

उपर्ोनजर् लेखन

प्रश्न ४. १) नीिे दी हु ई कहानी के नित्रों का उनिर् क्रम लर्ाओ | २ अंक


२) ननम्ननलनखर् संवाद लेखन पदणत करो | २ अंक

आठवीं कक्षा में एक-दद सरे का पनरिर् करार्े हु ए छात्र र्ण और र्ुरूजी के बीि होनेवाला संवाद :

र्ुरूजी :- नमस्र्े छात्रों , आज पाठशाला का पहला नदन है | हम एक-दद सरे का पनरिर् करार्े

हैं l हम पहले लड़कों से शुरुवार् करर्े हैं | सभी नवद्याथी अपना नाम बर्ाकर अपना पनरिर् दें |

राकेश(छात्र)- ......................................................................................................

र्ुरूजी:- . ......................................................................................................

श्र्ामला(छात्रा):-...................................................................................................
क्षेत्र -भाषण -वािन
नदन-१६ और १७
कौशल / क्षमर्ा -नाट्य वािन
संबोध -नाट्यीकरण

अपेनक्षर् कौशल

➢ नवनवध प्रकार की रिनाओं (र्ीर्,कथा,एकांकी,नरपोर्ाज,ननवेदन, ननदले श) आनद को


आकलनसनहर् सुनर्े है,पढ़कर समदह में ििा करर्े हैं र्था सुनर्े हैं l

आओ पर्ा करें

• अध्र्ापक छात्रों का र्ुट बनाकर नानटका पढने के नलए कहें l


• छात्रों से नाटक का सादरीकरण करवाएँ ।

नींदपरी : और र्ह सुनील ...र्ह घर में िार् की कप-प्लेटें र्ोड़कर और अपनी माँ से नपटकर सोर्ा
था ।
रार्रानी : इन्हें अपराध के अनुसार दं ड दें र्े । (सुनील से) र्ुम्हें सफाई दे नी होर्ी । समझे, नहीं र्ो
सजा दी जाएर्ी।
नींदपरी : र्ह अपनी माँ का कहना नहीं मानर्ा । खाने के समर् खाना नहीं खार्ा । र्ह खेलने के
समर् खेलर्ा नहीं, पढ़ने के समर् पढ़र्ा नहीं, कोई काम समर् पर नहीं करर्ा ।
रार्रानी : जवाब दो ।
सुनील : (भोलेपन से) अच्छे बच्िे बड़ों को जवाब नहीं दे र्े इसनलए मैं जवाब नहीं ददँ र्ा ।
नींदपरी : र्ह बड़ों को ‘‘"र्द" कहर्ा है , उनका आदर नहीं करर्ा । दद सरों को पीटर्ा है ।
सुनील : अच्छा, मैंने आपको ‘‘"र्द" कहा क्र्ा? मैंने आपको पीटा क्र्ा? र्ह र्ो झदठ-मदठ कहर्ी है ।
रार्रानी : दे खो र्ुमने इन्हें ‘‘कहर्ी है ’’ कहा है , जबनक र्ुम्हें कहना िानहए था- ‘‘कहर्ी हैं ’’ ।
(र्ुस्से से) र्ुम
बड़ों का मजाक उड़ार्े हो । हम र्ुम्हें कड़ी से कड़ी सजा दें र्े। (र्भी अननल रो पड़र्ा है । सब बच्िे
िौंककर उधर दे खर्े हैं और सभी र्ला फाड़कर रो पड़र्े हैं ।) क्र्ों रोर्े हो ? (नििंाकर) िुप रहो,
वरना ...... (रार्रानी र्ुस्से से कॉ
ं पने लर्र्ी हैं । )
अननल: सुनील भैर्ा को कड़ी सजा मर् दो ! (रोने लर्र्ा है । उसके साथ सब रोने लर्र्े हैं ।)
रार्रानी: अच्छा-अच्छा... कड़ी सजा नहीं दें र्े, िुप र्ो हो जाओ ! अननल र्ुम सबसे अनधक रोर्े हो ।
क्र्ों?
अननल: रोने से खाने को लडडद नमलर्े हैं । (सब हँस पड़र्े हैं ।)
रार्रानी: हम र्ुम्हारी माँ को कहेंर्ी नक रोने पर र्ुम्हें डाँटा करें , र्ुम्हारी बार् न माना करें - र्ब ?
अननल: र्ब ....र्ब मैं और जोर-जोर से रोऊँर्ा ।
सुनील: रोने से हमको बर्ाशे नमलर्े हैं इसनलए हम रोर्े हैं ।
रार्रानी: र्ह बुरी बार् है । हमेशा र्ुम्हें रोने पर बर्ाशे नहीं नमलेंर्े ।
सुनील: (रुआँसा होकर) आप क्षमा करें । मैं अब कभी कोई शैर्ानी नहीं करूँर्ा ।

o अध्र्ापक कक्षा के छात्रों का र्ुट बनाकर नाटीकरण में सक्म्मनलर् करें l


आओ सक्षम बनें

➢ छात्र में नाटक के प्रनर् रुनि बढाएँ l


➢ अध्र्ापक नाटक का नवषर्,पात्र,संवाद,वेशभदषा,दे हबोली,अनभनर् ,आवाज में िढाव -उर्ार , स्पष्ट्ट
उच्िार, आत्मनविास ,सादरीकरण,रंर्मंि आनद के बारे में मार्तदशतन करें l
➢ अध्र्ापक िारा कक्षा सार्वीं “िंदामामा की जर्” नाटक का वािन करें l
➢ छात्रोंसें पात्र के अनुसार सादरीकरण करवाएँ l

आओ अभ्र्ास करें

❖ छात्रों के र्ुट बनाकर नदए हु ए नाटक का अनभनर् के साथ सादरीकरण करवाएँ l


आओ सज
ृ न करे

➢ अध्र्ापक छात्रों से अंर्रजाल की सहार्र्ा से नाटक लघु एकांनकका नलखने के नलए कहें l
➢ छात्रो से अनभनर् र्ा नकल करवाएँ l
➢ इस पाठ के नलए अध्र्ापक दृक-श्राव्र् माध्र्म का उपर्ोर् करें l

पदरक सानहत्र् स्रोर्

❖ कक्षा सार्वीं और कक्षा आठवीं की पाठ्यपुस्र्क


क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
नदन-१८ कौशल/र्ोग्र्र्ा- नवशेषण,
उपर्ोर्, नलखने में सक्षम होने के
हेर्ु ।
संबोध - नवशेषण के भेद

अपेनक्षर् कौशल

➢ छात्र भाषा व्र्ाकरण के नवनभन्न घटकों की पहिान करर्ा हैं और उनका उपर्ोर् करर्ा हैं ।
➢ साथ ही नलनखर् रूप से संग्रह करेर्ा ।छात्र पाठ्यपुस्र्क को पढ़े र्ा और व्र्ाकरण के घटकों का
आवश्र्क ज्ञान प्राप्र् कर उसका उपर्ोर् करर्ा हैं ।

आओ पर्ा करें

➢ अध्र्ापक कृनर् :- बोडत पर नलखें वाक्र्ों को पढ़lएँ और समझाएँ | र्ाजा सेब, होनशर्ार
लड़का, िर्ुर लोमड़ी. दों सहेनलर्ाँ
र्हाँ 'र्ाजा' 'होनशर्ार ' 'िर्ुर ' 'दों ‘ र्े सारे शब्द नकसी बार् की ओर इशारा
कर रहे हैं । अध्र्ापक छात्रों से प्रश्न पदछें ।

शब्द की नकसी खास बार् की ओर इशारा करने वाले शब्दों को हम क्र्ा कहेंर्े ?

छात्र उत्तर दें र्ें -

संज्ञा के बारें में नवशेषर्ा बर्ाने वाले शब्दों को नवशेषण कहर्े हैं ।
आओ सक्षम बनें

अध्र्ापक छात्रों को नित्र की सहार्र्ा से नवशेषण की जानकारी दे र्े हैं ।

• र्ह अमन का बर्ीिा है ।


• र्ह बर्ीिा बहु र् बड़ा है ।
• इसमें दों आम के पेड़ हैं ।
• पेड़ पर कोर्ल मीठी बोली में र्ार्ी है ।
• र्हाँ पके हु ए आम पीले हैं ।

नवशेषण के भेद-

१) संख्र्ावािक -व्र्क्क्र् र्ा वस्र्ु की नवशेषर्ा 'संख्र्ा' के रूप में बर्ार्ा है । उदा. -दो,
िार , कुछ, कई आनद

२) र्ुणवािक -संज्ञा की र्ुण नवशेषर्ा बर्ार्ा है । उदा.- उदा. - बहादु र , होनशर्ार, सुंदर
, र्ुलाबी , र्ोल, मोटा, काला आनद

३) पनरमाणवािक - संज्ञा र्ा सवतनाम शब्दों का माप र्ौल बर्ाने वाले शब्द । उदा -
थोडा, कम , र्ीन लीटर , एक नकलो

४) सावतनानमक - व्र्क्क्र् र्ा वस्र्ु की नवशेषर्ा बर्ार्े है । हकर्ु र्ह सवतनाम होर्े हैं i

उदा- र्ह , वह , वे, र्े, आनद


आओ अभ्र्ास करें

❖ छात्र अध्र्ापक िारा पदछे र्ए सवालों के जवाब दें र्े ।


1. बर्ीिा कैसा है ? ............ बड़ा ।
2. बर्ीिे में पेड़ नकर्ने हैं ? .............. दों
3. कोर्ल की बोली कैसी है ? ............ मीठी
4. पके हु ए आम के रंर् कैसे हैं ? ........... पीले

आओ सृजन करे

❖ माप-र्ौल करने के साधनों के नाम नलखो ।


❖ राजा बड़ा दर्ालु था। ( इस वाक्र् में कौन-सा नवशेषण है । )

पदरक सानहत्र् स्रोर्

❖ इस घटक से संबंनधर् उदाहरणों को समझने के नलए 'सरल हहदी व्र्ाकरण'


इस नकर्ाब की सहार्र्ा लें ।
क्षेत्र -लेखन
नदन-१९ कौशल / क्षमर्ा -स्वनभव्र्क्क्र्
संबोध- मुद्दों के आधार पर
कहानी लेखन

अपेनक्षर् कौशल

➢ रूपरे खा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद , पत्र , ननबंध , वृत्तांर् , नवज्ञापन आनद का वािन एवं लेखन करर्े हैं
घटना , नवज्ञापन, कहानी आनद का वािन एवं लेखन करर्े हैं l

आओ पर्ा करे

अध्र्ापन कृनर् – कहानी लेखन के प्रकार समझाएँ | छात्रों की कल्पनाशक्क्र् को बढ़ावा दें |छात्रों को
कहानी के मुद्दों का नवस्र्ार र्था कहानी से प्राप्र् सीख र्था शीषतक अंर् समझाएँ | छात्रों को
समझाएँ नक कहानी भदर्काल में नलखी जाएँ | कहानी का मुखर वािन करवाएँ |


❖ ननम्ननलनखर् मुद्दों के आधार पर लर्भर् 70 से 80 शब्दों में कहानी नलखकर उसे उनिर् शीषतक दीनजए
र्था सीख नलनखए ।
1. एक ग्वाला - दद ध बेिना - बेईमानी - दद ध में पानी नमलाना - पत्नी का समझाना - लालि - नदी पर
रुकना - पैसों की थैली नकनारे पर- बंदर का उठाना - पैसे फैकना - कुछ पानी में- ग्वाले का रोना- रे र्
पर पड़े पैसे उठाना - पानी के पैसे पानी में - पछर्ाना - सीख पानी का पैसा पानी में

एक बार की बार् है । एक ग्वाला दद ध बेिर्ा था बहु र् श्रम करर्ा था । दद र - दद र जाकर वह दद ध बेिर्ा


था । दद सरे र्ाँव में भी जाकर दद ध बेिकर आर्ा । घर आर्े - आर्े उसे दोपहर हो जार्ी थी । सुबह जल्दी
उठर्ा र्ार् का दद ध ननकालर्ा , घर के सारे काम करर्ा और दद ध बेिने जार्ा । नहसाब नकर्ाब में वह बड़ा
पक्का था । मेहनर्ी था लेनकन एक बार् उसमें बुरी थी । ज्र्ादा पैसे कमाने के िक्कर में दद ध में ज्र्ादा पानी
डालर्ा था । कई बार उसकी पत्नी ने उसे बर्ार्ा था नक र्ह र्लर् बार् है । लेनकन उसने एक न सुनी । अपनी
मनमानी करर्ा रहा । नकन्र्ु एक बार् भदल र्र्ा था नक हम सब को धोखा दे सकर्े है मर्र ईिर को नहीं ।
एक बार वह नकसी र्ाँव से दद ध बेिकर आ रहा रहा था । आज पहली र्ारीख थी । सभी घरों से दद ध के
पैसे जो नमले थे । कीिड़ से सनी हु ई साइनकल को धोने के नलए रास्र्े में पड़ी नदी में उर्रा । उसने अपना
र्मछा , रुपर्ों की र्ैली , उसकी घड़ी आनद सारा सामान नकनारे पर बड़े से पत्थर पर रखा । और साइनकल
धोने लर्ा । बहु र् खुश था । मन ही मन नविार कर रहा था , नक घर में कई र्रह का सामान लाना है । अपने ही
नविारों में खोर्ा हु आ था । इर्ने में उसे कुछ आवाज आई । दे खा र्ो क्र्ा था , एक बंदर उसकी रुपर्ों की
थैली लेकर भार्कर पेड़ पर िढ़ र्र्ा था । वह दृश्र् दे खकर ग्वाला नििंाने लर्ा पत्थर उठाकर बंदर की
र्रफ़ फेंकने लर्ा । लेनकन बंदर रुपर्ों की थैली लेकर भार् र्र्ा र्ो , र्ह सोि कर उसने पत्थर फेकना बंद
नकर्ा । अब बंदर ने रुपर्ों की थैली में से एक- एक नोट और पैसे नीिे फेंकने शुरू नकए । कुछ पानी में नर्र रहे
थे र्ो कुछ जमीन पर । ग्वाला रो - रो कर जमीन पर पड़ने वाले पैसे उठने लर्ा । ग्वाले को थोडे पैसे नमल र्ए
नकन्र्ु वह दु खी था नक उसके कुछ पैसे पानी में नर्र र्ए थे ।
घर आकर उसने सारी बार् अपनी पत्नी को बर्ाई , सब सुनने के बाद उसने कहा नक पानी का पैसा
र्र्ा पानी में । ' मैं न कहा करर्ी थी नक बेईमानी से कमार्ा पैसा नकसी काम का नहीं होर्ा । अब ग्वाले ने मन
ही मन ननिर् नकर्ा नक अब वह जीवन में अभी बेईमानी नहीं करे र्ा ।

सीख : - इस कहानी से र्ह सीख नमलर्ी है नक हमें झदठ , फरे ब र्था बेईमानी से कोई व्र्वहार नहीं करना
िानहए ।
आओ सक्षम बनें

१. नरक्र् स्थान भरो |


कहानी ______ काल में नलखी जार्ी हैं|
कहानी के प्रमुख अंर् _________ , _________
कहानी का शीषतक _________ होना िानहए |
२. सही र्लर् बर्ाओ |
कहानी के संवाद पात्रानुसार न नलखे | ------------
कहानी में उनिर् मुहावरे , कहावर्ें, सुविन आनद का प्रर्ोर् करें | -----------
कहानी में आवश्र्क नवराम निन्हों का प्रर्ोर् करना न भदलें -----------

आओ अभ्र्ास करें

ननम्ननलनखर् मुद्दों के आधार पर कहानी नलनखए | उसे उनिर् शीषतक दीनजए र्था उससे नमलनेवाली
सीख नलखो |
एक खरर्ोश - सबकी आँख बिाकर झाड़ी में नछपना - वन में नशकारी कुत्ते का आना - झाड़ी में
सदंघना - जार्ना - भार् जाना - खरहे को न पकड़ पाना - दौड़ना - कंटीली झाडी में नछप जाना में -
भार् जाना - कुर्ा ननराश - लोमडी का दे खना - खरर्ोश से हारना - कुत्ते को हँसना कहना - भोजन
के नलए दौडना - उसका जान बिाने के नलए दौडना - सीख ।

आओ सृजन करें

छात्रों के िार अथवा पाँि र्ुट बनाकर उनके र्ुट प्रमुख को एक निट्ठी िुनने के नलए कहें , नजसमें

कहानी की शुरुवार्ी और अंनर्म पंक्क्र् दें | छात्रों को एक मजेदार कहानी नलखने के नलए कहें |
पदरक सानहत्र् स्रोर्

हहदी लोकभारर्ी दसवीं कक्षा पृष्ट्ठ १०२


https://cart.ebalbharati.in/BalBooks/ebook.aspx
क्षेत्र-श्रवण, भाषण
नदन-२० कौशल्र्/क्षमर्ा:-मौनखक भाषा
नवकास
संबोध:-कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

दै ननक कार्त ननर्ोजन एवं व्र्वहार में प्रर्ुक्र् मुहावरों, कहावर्ों, नए शब्दों को सुनर्े हैं l
मौनखक रूप से प्रर्ोर् करर्े है र्था नलनखर् रूप से संग्रह करर्े हैं l

: आओ पर्ा करें

➢ अध्र्ापक कनवर्ा में नदए नवनवध उदाहरण जीवन की समस्र्ा और उनकी शािर्र्ा बर्ाएँ l

➢ नवद्यार्मथर्ों से कनवर्ा का र्ार्न करवाएँ जीवन में ननराश न होकर प्रसन्न रहने का प्रर्ास
करना िानहए र्ह समझाएँ l

आओ सक्षम बनें

➢ उनिर् हाव-भाव लर्- र्ाल के साथ कनवर्ा सुनावाएँ l


➢ नवद्यार्मथर्ों से कनवर्ा का र्ार्न करवाएँ
आओ अभ्र्ास करें

❖ शब्द की सहार्र्ा से नए शब्द बनाओ l

जैसे:- दीप- दीपोत्सव

❖ जीवन की शािर्र्ा को बर्ाने वाली पंक्क्र्र्ाँ नलखो l

आओ सृजन करें

❖ र्नद सदरज का प्रकाश न होर्ा र्ो वनस्पर्ी, पशु-पक्षी, मानव पर पडनेवाला प्रभाव ििा करें l

❖ सौर ऊजा का महत्व नलखो l

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - लेखन
नदन-२१ कौशल / क्षमर्ा- स्व अनभव्र्क्क्र्
संबोध - अनुवाद लेखन

अपेनक्षर् कौशल

➢ पढ़ी हु ई सामग्री पर हिर्न करर्े हु ए बेहर्र समझ के नलए र्था नकसी पनरनिर् / अपनरनिर् के
साक्षात्कार हेर्ु प्रश्न ननर्ममर् करर्े हैं र्था नकसी अनुच्छे द का अनु वाद एवं नलप्र्ंर्रण करेंर्े l

आओ पर्ा करें

अध्र्ापक कृनर् :- प्रस्र्ुर् पनरच्छे द को बोडत पर नलखें | एक-एक वाक्र् का मुखर वािन करके
मार्ृभाषा में अनुवाद करें और अनुवाद की अवधारणा समझाएँ |

सरोनजनी नार्डद स्वर्ंत्र भारर् में उत्तर प्रदे श की पहली मनहला राज्र्पाल थीं। वह
बिपन से ही मजबदर् बुनद्ध की लड़की थी। बारह साल की उम्र में उन्होंने मैनरक की परीक्षा पास की
और र्ेरह साल की उम्र में उन्होंने “लेडी ऑफ द लेक” नाम से र्ेरह सौ पंक्क्र्र्ों की एक अंग्रेजी
कनवर्ा नलखी।

नकसी भाषा में कहीं र्ई बार् का नकसी दद सरी भाषा में साथतक पनरवर्त न अनुवाद कहलार्ा हैं |

❖ आओ सक्षम बनें

छात्रों को ननम्ननलनखर् शब्दों का हहदी भाषा में अनुवाद करने के नलए कहो |

मराठी शब्द अंग्रेजी शब्द हहदी शब्द मराठी शब्द अंग्रेजी शब्द हहदी शब्द

लाकुडर्ोड्या Woodcutter स्थानक Station


झाडािी पाने leaves नवद्यापीठ University
नख Nail शाळा School
र्हद Wheat वर्तमानपत्र Newspaper
मध Honey इक्स्पर्ळ Hospital

54
आओ अभ्र्ास करें

छात्रों को मार्ृभाषा में अनुवाद करने के नलए कहें | कनठन शब्द के अनुवाद की कक्षा में ििा
करें | र्ानलका भी पदणत करने की सदिना दें |

• ननम्ननलनखर् पनरच्छे द का अनुवाद कीनजए |

अपने जीवन को अनधक सुखी र्था सुंदर बनाने की खोज में मनुष्ट्र् ने प्लाक्स्टक को खोज
ननकाला है । प्लाक्स्टक कोई धार्ु नहीं है । र्ह र्ो कोर्ला , पानी , िदना , र्ंधक , क्लोरीन आनद
पदाथों के नमश्रण से बनार्ा जार्ा है । प्लाक्स्टक के घोल में काबामाइड नामक रसार्न नमला
दे ने पर र्ह काँि के समान पारदशतक बनर्ा है । प्लाक्स्टक अत्र्ंर् उपर्ोर्ी र्ो है , पर उसका
अत्र्नधक उपर्ोर् हाननकर होर्ा है । इससे प्रदद षण भी फैलर्ा है । अर्ः इसका प्रर्ोर्
सावधानीपदवक
त करना िानहए ।

• मार्ृभाषा में अनुवाद करर्े हु ए र्ानलका पदणत करों |


आओ सृजन करें

• नकसी हहदी नसनेमा र्ीर् को उसी लर् और र्ाल में अपनी मार्ृभाषा में र्ाएँ |

• नकसी मराठी नवज्ञापन का मराठी में अनुवाद करें |

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क
https://diksha.gov.in/dial/L3SSI5
क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
कौशल/र्ोग्र्र्ा- नक्रर्ा, नलखने
में सक्षम होने के हे र्ु ।
नदन-२२ संबोध - नक्रर्ा के भेद

अपेनक्षर् कौशल

➢ छात्र पाठ्यपुस्र्क और व्र्ाकरण के घटकों का आवश्र्क ज्ञान प्राप्र् कर उसका उपर्ोर्


करर्ा ।

आओ पर्ा करें

➢ अध्र्ापक कृनर् :- अध्र्ापक छात्रों से नित्र का ननरीक्षण करवाएँ और जानकारी


प्राप्र् करें l
➢ खरर्ोश क्र्ा कर रहा होर्ा ? उसके संबंध में नलखो ।

१) ............................ २) ........................ ३) ......................

इन वाक्र्ों में खाना , पढ़ना , िलना र्ह नक्रर्ा हैं ।

हम जो काम करर्े हैं र्ा हमें जो काम करने के नलए नदए जार्े हैं उसे 'नक्रर्ा' कहर्े हैं ।
❖ आओ सक्षम बनें

छात्रों से ननम्ननलनखर् कृनर् करवाएँ ।

▪ छात्रों आप कौन- कौन से काम करर्े हो । कामों की सदिी र्ैर्ार करो । नलखो ।

नक्रर्ा के भेद-

नक्रर्ा

सकमतक अकमतक

१) सकमतक - “नजस नक्रर्ा में कमत पार्ा जार्ा है , वह सकमतक नक्रर्ा होर्ी है ।
जैसे - मोहन नकर्ाब पढ़ाई कर रहा है ।

२) अकमतक - “नजस नक्रर्ा में कमत नहीं पार्ा जार्ा है , वह अकमतक नक्रर्ा होर्ी है ।
जैसे - नवजर् खेल रहा है ।
आओ अभ्र्ास करें

❖ ननम्ननलनखर् वाक्र् पढ़कर नक्रर्ाएँ ढद ँ ढ़कर नलखो ।


१) रोहन नकर्ाब पढ़ रहा है ।
२) नपर्ाजी टी. व्ही. दे ख रहे हैं ।
३) माँ स्वेटर बुन रही है ।
४) नरना खेल रही हैं

आओ सृजन करें

❖ अध्र्ापक छात्रों से नक्रर्ा और उसका प्रकार पदछें ।

वाक्र् नक्रर्ा प्रकार

१) मैं पढ़र्ा हदँ । हदँ l

२) लड़का आम खा रहा हैं । खा रहा हैं ।

पदरक सानहत्र् स्रोर्

❖ इस घटक से संबंनधर् उदाहरणॉं को समझने के नलए आठवीं के पाठ्यपुस्र्क की


सहार्र्ा ले ।
क्षेत्र-श्रवण, भाषण
कौशल्र्/क्षमर्ा-मौनखक भाषा
नदन-२३ नवकास
संबोध-कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

➢ सुने हु ए वाक्र् उससे संबंनधर् अन्र्, वाक्र् ,रिना के पनरप्रेक्ष्र् में कहे र्ए नविार ,वाक्र्ांशों का
अनुमान लर्ार्े हु ए समझकर अपने अनुभवों के साथ संर्नर्,सहमनर् र्ा असहमनर् का अनुमान
लर्ाकर अपने नविार अनभव्र्क्र् करेंर्े l

:
आओ पर्ा करें

अध्र्ापक कृनर् :-

➢ स्त्री -नशक्षा का महत्व बर्ाएँ l

➢ बेटा -बेटी एक समान समझाएँ l

➢ बेनटर्ों की नशक्षा के साथ उनकी आत्मननभतरर्ा, प्रर्नर् पर ििा करें l


आओ सक्षम बनें

❖ बेटी पवत पर जानकारी नलखो |

❖ “बेटा-बेटी दोनों को पढाएँ” इस पर ििा करें |

आओ सृजन करें

❑ सफल मनहला उद्यनमर्ों की जानकारी प्राप्र् कर सनित्र संकलन करो |

❑ जार्नर्क मनहला नदन की जानकारी प्राप्र् करो |

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क

https://diksha.gov.in/dial/L3SSI5
क्षेत्र - लेखन
नदन-२४ कौशल / क्षमर्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्
संबोध - अनौपिानरक लेखन

अपेनक्षर् कौशल

➢ रुपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तांर्, घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं
लेखन करर्े हैं | नवषर् को ध्र्ान में रखर्ें हु ए अनौपिानरक पत्रलेखन करर्े हैं |

आओ पर्ा करें

ननम्ननलनखर् पत्र का मुखर वािन करें | अनौपिानरक पत्र नमत्रों ,मार्ा-नपर्ा , अन्र् ननजी संबंनधर्ों
को नलखा जार्ा है | छात्रों को समझाएँ नक इस र्रह के पत्रों में व्र्क्क्र् अपनी भावनाओं, नविारों को
र्था सदिनाओं को नलखर्ा हैं | इन पत्रों की भाषा बहु र् ही सरल, सहज और मधुर होर्ी हैं |

पुस्र्क खरीदने के नलए रुपर्े भेजने का अनुरोध करर्े हु ए नपर्ा को एक पत्र नलखो।

२२.६.2०२१

सुशील राणे,
२६, कोथरुड,

पुणे ।

sushilrsne@gmail.com
आदरणीर् नपर्ाजी ,

सादर प्रणाम ! आशा है , आप स्वस्थ और कुशल होंर्े । घर में सब प्रकार का आनंदमंर्ल होर्ा । मैं भी र्हाँ
कुशलर्ा पदवक त अध्र्र्न में लीन हद ँ । नपर्ाजी , इस बार हहदी र्था नवज्ञान के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव
हु आ है । इस कारण मुझे दो नई पुस्र्कें खरीदनी होर्ी । इस नलए मेरे पास पैसे नहीं हैं । कृपर्ा आप ₹
500 की रानश र्थाशीघ्र नभजवा दें र्ानक अध्र्र्न में बाधा न पहु ँ िे । शेष शुभ ! मार्ा जी को मेरा सादर
नमस्कार कहें र्था नपनद को स्नेह !

आपकी नप्रर् पुत्री,

केर्की |

केर्की सुशील राणे,

आदशत छात्रावास,

मुंबई ५७ |

ketkirane@gmail.com
आओ सक्षम बनें

पत्रलेखन का प्रारूप बर्ाकर पत्रलेखन के प्रमुख अंर्ों की जानकारी दें | छात्रों को नवषर् दे कर प्रारूप
के अनुसार कक्षा में ििा करें र्था पत्रलेखन करवाएँ |

पत्र का प्रारूप
( अनौपिानरक पत्र )
नदनांक
नाम ..................
(नजन्हें पत्र नलखना है उनका )
..................
..................
ई-मेल आईडी.................................

संबोधन
अनभवादन .
--------------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------------
................................................................................................................
र्ुम्हारी /र्ुम्हारा ............
हस्र्ाक्षर ...........

नाम :...............
( जो पत्र नलख रहा है उसका )
पर्ा : ...............
......................
ई-मेल आईडी : .........................
आओ अभ्र्ास करें

अध्र्ापक कृनर् :- छात्रों से र्ानलका पदणत करने हेर्ु कक्षा में प्रश्न पदछें र्था ििा करें |

संबंध संबोधन अनभवादन समापन


मार्ा-नपर्ा

बड़े भाई र्ा बहन

अन्र् आदरणीर् संबंधी ................................. ................................. .................................

नमत्र अथवा सहपाठी को ................................. .................................. ..................................

अपने से छोटों को ................................. .................................. ..................................


..

आओ सृजन करें

नशक्षक नदन की शुभकामनाएँ दे र्े हु ए अपने नशक्षकों को ई-मेल भेनजए |

पदरक सानहत्र् स्रोर्

https://diksha.gov.in/play/content/do_3130305762040217601445?referrer=utm_source%3
Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
क्षेत्र-श्रवण, भाषण
कौशल्र्/क्षमर्ा-मौनखक भाषा
नदन-२५ नवकास
संबोध-कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

➢ नकसी नित्र र्ा दृश्र् को दे खने ,अनुभवों की मौनखक /नलनखर् सदिनाओं को आलखे रूप में
पनरवर्मर्र् करके अनभव्र्क्र् करर्े है र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं l

: आओ पर्ा करें

अध्र्ापक कृनर् :-

➢ छात्रों से प्रमुख ऋर्ुओं पर ििा करें l

➢ वसंर् ऋर्ु में वार्ावरण में होनेवाले पनरवर्तन को समझाएँ l


आओ सक्षम बनें

➢ वसंर् ऋर्ु आने पर सरसों और आम में आर्ा पनरवर्तन नलखो l


➢ शब्दों को वणतक्रमानुसार नलखो l
कनल,मधु,कलोल, र्ुण ,अनमर्, र्ाओ, रंर् ,नािर् l

आओ सृजन करें

❖ मोर का नित्र रेखांनकर् कर उसमें रंर् भरो l

❖ वसंर् ऋर्ु सज -धज कर आर्ी है ,वणतन नलखो

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड : https://diksha.gov.in/dial/L4KFN3


क्षेत्र - वािन
नदन-२६
कौशल / क्षमर्ा -पनरच्छे द का
वािन कर प्रश्न उत्तर
संबोध - र्द्य आकलन

अपेनक्षर् कौशल

नदए र्ए आशर् का शाक्ब्दक और अंर्ननर्महर् अथत श्रवण करर्े हु ए उच्िारण, उनिर् बलाघार्, र्ान-
अनुर्ान एवं र्नर् सनहर् मुखर एवं मौनवािन करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

 अध्र्ापक छात्रों से ननम्ननलनखर् पनरच्छे द का मौन वािन करवाएँ ।

 छात्रों से पनरच्छे द के प्रश्न - उत्तर पदछकर शीषतक दे ने के नलए कहें ।

बालासोर में अंर्नरम परीक्षण का काम पदरा होने में अब भी कम-से कम एक साल की दे र थी । हमने
पृथ्वी के प्रक्षेपण के नलए श्री हनरकोटा अंर्नरक्ष केंि में नवशेष सुनवधाएँ स्थानपर् की । इनमें से एक
लॉन्ि पैड, ब्लॉक-आऊस, ननर्ंत्रण उपकरण र्था िनलर् दद र- नमनर् केंि शानमल थे ।
पृथ्वी उपग्रह की पच्िीस फरवरी उन्नीस सौ अट्ठासी की सुबह ग्र्ारह बजकर र्ेईस
नमनट पर छोड़ा र्र्ा ।र्ह दे श के रॉकेट नवज्ञान के इनर्हास में एक र्ुर्ांर्रकारी घटना थी । ननदले नशर्
नमसाइलों के क्षेत्र में एक आत्मननभतर दे श के रुप में उद्भव ने संसार के सभी नवकनसर् दे शों को नविनलर्
कर नदर्ा । सामथ्र्तशील नार्नरक अंर्नरक्ष उद्योर् और व्र्वहार्त नमसाइल आधानरर् सुरक्षा प्रणानलर्ों ने
भारर् को िुहनदा राष्ट्रों के समदह में पहुँिा नदर्ा था ।
“अक्ग्न” का प्रक्षेपण बीस अप्रैल उन्नीस सौ नवासी को ननधानरर् नकर्ा र्र्ा । र्ह एक
अभदर्पदवत अभ्र्ास होने जा रहा था । अंर्नरक्ष प्रक्षेपण र्ान के नवपरीर् नमसाइल प्रक्षेपण में व्र्ापक स्र्र
पर सुरक्षा संबंधी खर्रे शानमल होर्े हैं । प्रक्षेपण की पदवत र्ैर्ारी की सारी र्नर्नवनधर्ाँ र्र् कार्तक्रम के
अनुसार पदरी हो र्ई थी ।

▪ पनरच्छे द के आधार पर मौनखक रुप में प्रश्न - उत्तर र्था शीषतक पदछें।
आओ सक्षम बनें

ननम्ननलनखर् पनरच्छे द छात्रों को ध्र्ानपदवक


त वािन, आकलन के साथ पढ़़़ने के नलए कहें ।

डॉ. कलाम र्ीसरे ऐसे वैज्ञाननक है, नजन्हें भारर् का


सवोच्ि सम्मान “भारर्-रत्न” नदर्ा र्र्ा है । उन्हें “पद्मभदषण”
र्था “पद्मनवभदषण” से भी सम्माननर् नकर्ा जा िुका है । भारर्
का उनपर र्वत है । इर्नी उपलक्ब्धर्ाँ प्राप्र् करने र्था इर्ना
मान-सम्मान नमलने के बावजदद आज र्क डॉ. कलाम को
अहंकार छद ँ र्क नहीं पार्ा है । वे सहज प्रवृनत्त के एक भावुक
व्र्क्क्र् है । उन्हें कनवर्ाएँ नलखना, वीणा बजाना र्था बच्िो के
साथ रहना बेहद पसंद हैं । वे “सादा जीवन उच्ि नविार” में
नविास रखर्े हैं । कलाम साहब का व्र्क्क्र्त्व प्रेरणादार्क है ।
उनका जीवन र्पस्र्ा से भरा है । उन्होंने राष्ट््पनर् पद की
शपथ लेर्े समर् नदए र्ए भाषण में संर् कबीरदास जी के इस
दोहे का उिंेख नकर्ा था “काल करै सौ आज कर, आज करै
सो अब ।“

उपर्ुतक्र् पनरच्छे द के आधारपर प्रश्न पदछें।


१. डॉ. कलाम ने भारर् को क्र्ा बनाने का सपना दे खा है ?
२. डॉ. कलाम को कौन-से पुरस्कार नमले ?
३. भारर् का सवोच्ि सम्मान कौन-सा है ?
४. डॉ. कलाम कौन-सी नविारधारा पर नविास रखर्े थे ?
५. डॉ. कलाम को क्र्ा पसंद था ?
आओ अभ्यास करें

ननम्ननलनखर् पनरच्छे द पढकर प्रश्नों के उत्तर नलखो ।

मैं सुबह छह बजे उठर्ा हदँ । हाथ-मुँह धोकर दाँर् साफ करर्ा हद । इसके बाद मै
कसरर् करर्ा हदँ । दद ध पीकर एक घंटा पढ़ाई़़ करर्ा हदँ । नहा-धोकर नाश्र्ा करने के
पिार्र् समर्-सानरणी के अनुसार अपनी पुस्र्कें, कानपर्ाँ बस्र्े में रखर्ा हदँ । नफर घर
के कामों में हाथ बँटार्ा हदँ और भोजन का नडब्बा लेकर नवद्यालर् जार्ा हदँ ।

❖ लड़का सुबह नकर्ने बजे उठर्ा है ?


❖ लड़का सुबह नकर्नी दे र पढ़ाई करर्ा है ?
❖ लड़का समर्-सानरणी का उपर्ोर् नकस काम के नलए करर्ा है ?
❖ लड़का कहाँ जार्ा है ?

❖ उनिर् क्रम लर्ाकर नफर नलखा ।

नवद्यालर् जाना १)
सुबह उठना २)
नाश्र्ा करना ३)
कसरर्ा करना ४)
दद ध पीना ५)
पुस्र्कें बस्र्े मे रखना ६)
नहाना ७)
घर के कामों में हाथ बँटाना ८)
आओ सृजन करें

• छात्रों को पाठ्यस्र्क के अपनठर् पनरच्छे द र्था अन्र् वािन सानहत्र् उपलब्ध करवाएँ ।
• छात्रों का र्ुट बनाकर पनरच्छे द के आधार पर प्रश्न र्ैर्ार करके दॢसरे से प्रश्न पदछें ।

पदरक सानहत्र् स्रोर्

कक्षा ७ वीं पाठ्यपुस्र्क


क्षेत्र -लेखन
नदन-२७
कौशल / क्षमर्ा -स्व अनभव्र्क्क्र्

संबोध- नवज्ञापन लेखन

अपेनक्षर् कौशल

❖ रुपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तांर्, घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं
लेखन करर्े हैं l

❖ रूपरेखा र्था शब्द संकेर्ों के आधार पर आलंकानरक लेखन र्था पोस्टर , नवज्ञापन में नवनवध
र्रीकों और शैनलर्ों का प्रर्ोर् करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

प्रस्र्ुर् नवज्ञापन लेखन का मुखर वािन करें | उदाहरण के र्ौर पर नवनभन्न विज्ञापन नदखाकर ििा
करें | शब्द और वाक्र् समझाएँ | नवज्ञापन लेखन में भाषा का महत्व समझाएँ | नवज्ञापन लेखन को
व्र्क्क्र्र्र् अनुभवों से जोड़े | नवज्ञापन लेखन से जुड़े नवषर् पर प्रश्न पदछे | पाठ के नीिे नदए उपक्रम के
बारे में बर्ाएँ |
आओ सक्षम बनें

नवज्ञापन के नवनभन्न प्रकार और उनके उदाहरण शैक्षनणक साधनों की सहार्र्ा से समझाएँ |


आकषतक नवज्ञापन लेखन के नलए सुझाव दें l

ननम्न नवषर्ों पर नवज्ञापन र्ैर्ार नकए जा सकर्े हैं ।

( १ ) वस्र्ुओं की उपलक्ब्ध :- नवननर्ममर् ( नकसी भी वस्र्ु संबंधी ) जैसे- नकर्ाबें , कपड़े , घरेलद
आवश्र्क वस्र्ुएँ , उपकरण , फनीिर , स्टे शनरी , शालोपर्ोर्ी वस्र्ुएँ र्था उपकरण आनद

( २ ) शैनक्षक :- नशक्षा में संबंनधर् र्ोर्ासन र्था स्वास्थ्र् नशनवर , स्वच्छ , सुंदर शुद्ध नलखावट ,
नित्रकला , इंटरनेट र्था नवनवध ऐप्स आनद कलाओं से संबंनधर् अभ्र्ास वर्त , व्र्क्क्र्त्व नवकास
नशनवर आनद

( ३ ) आवश्र्कर्ा :- वाहक - िालक , सेवक , िपरासी , िारपाल , सुरक्षा रक्षक , व्र्वस्थापक ,


नलनपक , अध्र्ापक , संर्णक अनभर्ंर्ा , आनद

( ४ ) व्र्ापार नवषर्क : - दद कान , नवनवध वाहन , उपकरण , मकान , मशीन , र्ोदाम , टी . वी . ,


संर्णक , भदखंड , रेफ्रीजरेटर आनद

( ५ ) मनोरंजन र्था ज्ञानवधतन : - व्र्ाख्र्ानमाला , पनरसंवाद , नाटक वार्मषकोत्सव , नवनवध नवशेष


नदनों के उपलक्ष्र् में आर्ोनजर् कार्तक्रम समारोह आनद ......

( ६ ) पर्तटन संबंधी : - र्ात्रा नवषर्क , आरक्षण आनद

( ७ ) वैर्क्क्र्क : - श्रद्धांजली , शोकसंदेश , जर्ंर्ी , पुण्र्नर्नथ , र्ृहप्रवेश , बधाई आनद

( ८ ) सामानजक :- स्वच्छ भारर् अनभर्ान , पोनलओ लसीकरण , साक्षरर्ा अनभर्ान


आइए , नवज्ञापन की प्रस्र्ुनर् के बारे में कुछ प्रमुख बार्ें जानें -
➢ भाषा सरल और सुबोध हो |आवश्र्कर्ा नुसार अंग्रेजी शब्दों प्रर्ोर् करें | जैसे - ठं डा-ठं डा
कदल-कदल
➢ कम से कम शब्दों में ज्र्ादा से ज्र्ादा खदनबर्ाँ नलखनी आवश्र्क हैं |
➢ नवज्ञापन में अपने उत्पाद का नारा शीषतक के र्ौर पर नलखना उच्ि कोटी के नवज्ञापन की
पहिान है | जैसे - असली स्वाद भरी , शक्क्र् भरी , बरसों से पारले जी |
➢ नवज्ञापन में स्वानदष्ट्ट , ज़्र्ादा , अद्भर्
ु , र्ादर्ार , मुफ्र् , लुभावना , शानदार , कोमल ,
मुलार्म , मज़बदर् , नटकाऊ , र्ाजा ऐसे नवशेषण शब्दों का प्रर्ोर् करें |
➢ महसदस करें , लेकर दे खें , शुरू करें , अपनाएँ , जानें , खरीदें , पाएँ , उपर्ोर् करें आनद
नक्रर्ादशतक शब्दों का प्रर्ोर् करें।
➢ नवज्ञापन में जल्दी , फटाफट, मजे से , आज ही, सावधानो से ऐसे नक्रर्ा नवशेषण शब्दों का
प्रर्ोर् करें |
➢ नवज्ञापन के उपसंहार में मुफ्र् पाएँ , र्ुरंर् संपकत करें , दो के साथ एक मुफ्र् , भारी छद ट ऐसे
शब्दों का प्रर्ोर् करें ।

आओ अभ्र्ास करें

• ननम्ननलनखर् नवज्ञापन को अनधक आकषतक बनाएँ |


• सुलेखन नोटबुक ( कापी ) के नलए आकषतक नवज्ञापन र्ैर्ार करें |
मुद्दे :- नोटबुक (कापी ) का नाम ,नवशेषर्ाएँ , सम्पकत , छद ट
आओ सृजन करें

• समािार पत्रों में आनेवाले नवनभन्न नवज्ञापनों संग्रह करें और उसे स्क्रैपबुक में निपकाएँ |
• टी.वी. और रेनडर्ो पर नवज्ञापन सुने और उनके र्ानों एवं नारों का सकलन करें उसे स्क्रैपबुक
में नलखें |

पदरक सानहत्र् स्रोर्

हहदी लोकभारर्ी दसवीं कक्षा पृष्ट्ठ १०१


https://diksha.gov.in/play/content/do_31310501426925568013215?referrer=utm
_source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
कौशल/र्ोग्र्र्ा- नलखने में
नदन-२८ और २९ सक्षम होना
संबोध - अनवकारी शब्द के भेद

अपेनक्षर् कौशल

➢ छात्र पाठ्यपुस्र्क को पढ़े र्ा और व्र्ाकरण के घटकों का आवश्र्क ज्ञान


प्राप्र् कर उसका उपर्ोर् करर्ा हैं ।

आओ पर्ा करें

अध्र्ापक कृनर् :- अध्र्ापक छात्रों को बोडत पर नलखे उदाहरण पढ़ने के नलए कहें ।

1) लड़की आज नहीं आई ।
2) लड़का आज नहीं आर्ा ।
3) लड़के आज नहीं आए ।

लड़का लड़की लड़के

एकर्चन एकविन
बहु विन
पलु ् ग
िं स्त्रीहलर्

नजन शब्दों के रुपों में कर्ा के हलर्, विन और नक्रर्ा के काल के अनुसार कुछ भी पनरवर्तन
नहीं होर्ा है , उन शब्दों को अव्र्र् कहर्े हैं ।
आओ सक्षम बनें

❖ अनवकारी शब्द के भेद उदाहरण और पनरभाषा से छात्रों को समझाएँ हैं ।

अनवकारी शब्द के भेद

नक्रर्ानवशेषण संबंधसदिक समुच्िर्बोधक नवस्मर्ानदबोक


अव्र्र् अव्र्र् अव्र्र् अव्र्र्

१]नक्रर्ानवशेषण अव्र्र् -“ नक्रर्ा की नवशेषर्ा बर्ानेवाले अनवकारी शब्द को नक्रर्ानवशेषण” अव्र्र्


कहर्े हैं ।
जैसे - घोड़ा र्ेज दौड़र्ा है ।
2]संबंधसदिक अव्र्र् :- “ वाक्र् में आनेवाले शब्द अथवा शब्दसमदह का अन्र् शब्दों के साथ संबंध
सदनिर् करनेवाले अनवकारी शब्द को संबंधसदिक अव्र्र् कहर्े हैं ।
जैसे- मोहन का घर मंनदर के पास है ।
3]समुच्िर्बोधक अव्र्र् :- “दो वाक्र्ों को जोड़कर नर्ा साथतक वाक्र् बनानेवाले अनवकारी
शब्द को समुच्िर्बोधक अव्र्र् कहर्े हैं । “
जैसे - नवमला घर आई और उसने खाना खार्ा ।
४]नवस्मर्ानदबोधक अव्र्र् :- “मन के भाव, आिर्त , भर्, दु ख , आनंद , घृणा आनद भावों को
व्र्क्र् करनेवाले अनवकारी शब्दों को नवस्मर्ानदबोधक अव्र्र् कहर्े हैं । “
जैसे- अरे ! आप कब आए ?
आओ अभ्र्ास करें

▪ ननम्ननलनखर् कहानी पढ़कर कहानी में आए मोटे अक्षरवाले अव्र्र् के भेद पहिानो ।

एक र्ाँव में ब्राह्मण मंनदर के ननकट रहर्ा था। परंर्ु उसे मंनदर से र्ुजारे के नलए
थोड़ा- बहु र् धन नमलर्ा था। एक नदन ब्राम्हण अपनी आजीनवका की हिर्ा में सोिर्ा हु आ
धीरे -धीरे िला जा रहा था। रास्र्े में उसे एक धनी आदमी ने आटे से भरा पर्ाप्र् बर्तन नदर्ा।
ब्राह्मण प्रसन्नर्ापदवक
त घर आर्ा । उसने अपने नबस्र्र के आर्े बर्तन रख नदर्ा, खुशी के मारे
उसका बुरा हाल था। उसने बर्तन को एक कपड़े से ढका और नबना खाए सो र्र्ा। वह आटे
को बेिकर धनी आदमी बनने के सपने दे खने लर्ा । सपना दे खर्े - दे खर्े उसकी लाथ जोर
से बर्तन पर लर्ी बर्तन टद ट र्र्ा और सारा आटा नबखर र्र्ा। आटा नबखरने के बाद उसके
सपने भी नबखर र्ए।

आओ सृजन करें

❖ नक्रर्ा और उसका प्रकार नलखो ।

वाक्र् अव्र्र् प्रकार

१) राघव ने िुपिाप घर में प्रवेश नकर्ा िुपिाप


२) र्ाकर् के नलए संर्ुनलर् आहार
के नलए
आवश्र्क हैं।
३) हम कभी नहीं रोएँर्े परंर्ु सुननल भैर्ा को
परंर्ु
सजा न दी जाए ।

४) वाह! क्र्ा र्ाज है ? वाह!

पदरक सानहत्र् स्रोर्

अंर्रजाल की सहार्र्ा सें अव्र्र् के बारे में नवस्र्ार से जानकारी हानसल करो ।
नदन-३० कसौटी क्रमांक- २

अंक - १५

र्द्य नवभार्

प्रश्न १ ननम्ननलनखर् र्द्यखंड पढ़कर सदिनाओं के अनुसार कृनर्र्ाँ पदणत करों |


अननल : हम कभी नहीं रोएँर्े परंर्ु सुनील भैर्ा को सजा न दी जाए । इन्हें सजा मर् दें ।
रार्रानी : ( हथौड़ी पीटकर ) शांनर् - शांनर् ! शोर मर् करो । ( इर्ने में िंदा मामा आर्े हैं । )
नींदपरी : िंदा मामा आप ? : िंदामामा ! ( खड़ी हो जार्ी है , सब खड़े हो जार्े हैं । )
सब बच्िे : ( खुशी से र्ानलर्ाँ पीटकर ) िंदा मामा आ र्ए ... ! िंदा मामा आ र्ए ... ! िंदा मामा ,
जर्हहद
िंदा मामा : जर्हहद , मेरे बच्िो , जर्हहद ! ( रार्रानी से )..... रार्रानी , र्ुम बच्िों पर अन्र्ार् कर
रही हो ।
रार्रानी : ( डरकर ) कैसा अन्र्ार् मामा जी ?
िंदा मामा : एक व्र्क्क्र् में अर्र र्ुण अनधक हों और बुरी आदर्ें कम र्ो उसे क्षमा कर नदर्ा जार्ा है |

१) संजाल पदणत करो । २ अंक

गद्यांश में आए हुए पात्र

२) नकसने कहा | १ अंक


" र्ुम बच्िों पर अन्र्ार् कर रही हो ।" ..................

३) नवलोम शब्द नलखो | १ अंक

न्र्ार् - अच्छी -
पद्य नवभार्

प्रश्न -२ ननम्ननलनखर् पद्यांश पढ़कर संजाल पदणत करो l २ अंक


बेटी र्ुर् में बेटा- बेटी
सभी पढ़ें र्े सभी बढ़ें र्े
फौलादी ले नेक इरादे
खुद अपना इनर्हास र्ढ़ें र्े
दे श पढ़े र्ा, दे श बढ़े र्ा दौड़ेर्ी अब र्रूण जवानी
नानी वाली कथा - कहानी अब भी जर् में लर्े सुहानी

कविता में आए लोग

२ " बेटा - बेटी एक समान " इस नवषर् पर अपने नविार नलखो | २ अंक

व्र्ाकरण नवभार्

१ ननम्ननलनखर् नित्र दे खकर उनके नवशेषण नलखो । १ अंक

१) ................. लड़के २) ............. सेब


२ ननम्ननलनखर् नित्र दे खकर उनके सदिना के अनुसर कृनर् करो । २ अंक

सकमवक क्रिया अकमवक क्रिया

३ र्ाड़ी धीरे - धीरे िल रही है । ( अव्र्र् ढद ँ ढ़कर नलखो | ) ............. १ अंक

उपर्ोनजर् लेखन

१ ननम्ननलनखर् वाक्र्ों का मार्ृभाषा में अनुवाद करो | ३ अंक


❖ हर कोई र्ंभीर होकर समस्र्ा के हल के बारें में सोिने लर्ा |
❖ शब्दकोश का एक पन्ना हररोज एकाग्रर्ा से पढ़ना िानहए |
❖ खेल र्ो ग्रामीण जीवन की आत्मा है |

अथवा

ननम्ननलनखर् मुद्दों के आधार पर नकसी साबुन कंपनी की ओर से नहाने के साबुन का नवज्ञापन बनाओ |
नाम, नवशेषर्ाएँ , छद ट , कीमर् , संपकत
क्षेत्र -वािन

नदन-३१ कौशल / क्षमर्ा - समझकर


मौनवािन करके र्नर्वािन
करना l
संबोध - मौनवािन ,र्नर्वािन

अपेनक्षर् कौशल

➢ नदए र्ए आशर् का शाक्ब्दक और अंर्ननर्महर् अथत श्रवण करर्े हु ए उच्िारण,उनिर् बलाघार्,र्ान-
अनुर्ान एवं र्नर् सनहर् मुखर एवं मौनवािन करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

• छात्रों से ननम्ननलनखर् पनरच्छे द मौनवािन और र्नर्वािन करवाएँ l

• एक नमननट में छात्र नें पढ़ी हु ई शब्द संख्र्ा काफी में नलख लें l

नवज्ञान ने मनुष्ट्र् को अनेक सुख सुनवधाएँ प्रदान नकए हैं , परं र्ु साथ -ही -साथ
अनेक अनभशाप भी नदए हैं l नवज्ञान के बल पर मनुष्ट्र् धरर्ी ,आकाश , अंर्नरक्ष, पवतर् , सदी , र्रमी
आनद पर काबद पा नलर्ा हैं l मनुष्ट्र् ने सुख-सुनवधा की अनेक वस्र्ुओं के आनवष्ट्कार नकए, परंर्ु
औद्योनर्क किरे से ननदर्ों , समुि ,र्ालाबों का पाणी प्रदद नषर् कर नदर्ा l पेड-पौधे नजनसे वार्ु
,फल,सब्जी,लकडी,दवाइर्ाँ,आनद प्राप्र् होर्े हैं , उन्हें भी अंधाधुंध काट डाला l पर्ावरण का संर्ुलन
नबर्ाड नदर्ा l र्ार्ार्ार् के साधन र्ो बनाए,परंर्द उनसे फैलने वाले नवषैले धुएँ पर ध्र्ान नहीं नदर्ा l
इसका दु ष्ट्पनरणाम र्ह हु आ है नक मौसम में अिानक बदलाव आने लर्ा हैं l समुि का आकार बढने
लर्ा है l हमारे िारों ओर प्रदद षण -ही-प्रदद षण हैं -- वार्ु प्रदद षण , जल प्रदद षण ,ध्वनन प्रदद षण ,नमिी
प्रदद षण आनद l प्रदद षण बढ़ने का मुख्र् कारण जनसंख्र्ा बढने से रहने की जर्ह ,रोटी, व्र्वसार्
आनद भी अनधक िानहए, इसनलए वनों का कटना र्था कारखानों का बढ़ना जारी हैं l

छात्र नकर्नी र्नर् से मौनवािन करर्े हैं ,पढ़ी हु ई शब्द संख्र्ा के अनुसार समज सकर्े हैं l
मौनवािन र्था उसकी र्नर् ,नविार ,आकलन आनद के बारे में मार्तदशतन करें l
आओ सक्षम बनें

ननम्ननलनखर् पनरच्छे द का मौनवािन करवाएँ l

आज स्वर्ंत्रर्ा नदवस है इस उपलक्ष्र् में हार्मदक बधाई ! पत्र नमला । र्ुम्हारी प्रर्नर् के बारे में
जानकरखुशी हु ई । नमत्र!पनरवर्तन सृक्ष्ट्ट का ननर्म है । भला र्ुम्हारी क्स्थनर् क्र्ों न बदलर्ी; धीरे-धीरे और भी
नवकास होर्ा।
धीरे -धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होर्,
माली सींिे सौ घड़ा, ॠर्ु आए फल होर् ।’
माना नक कुछ परे शाननर्ाँ हैं । वहाँ के पनरवार र्ेजी से मेरे र्हाँ आ रहे हैं परं र्ु र्हाँ आकर भी सब कहॉं
सुखी हैं ? निरार् र्ले अँधेरा है । नजन बक्स्र्र्ों में, नजन हालार्ों में वे रहर्े हैं, र्ुम सुनोर्े र्ो और बेिन
ै और
व्र्नथर् हो जाओर्े । मेरे र्हाँ की नदन-ब-नदन बढ़र्ी भीड़ से मैं परे शान हो उठा हद ँ । नजस िमक-दमक की बार्
र्ुम कर रहे हो, वह सबको कहाँ उपलब्ध है ? र्ुम्हारे र्हॉं से जो र्हाँ आर्े हैं , कई बार बाद में पछर्ार्े भी हैं ।
मैं िाहर्ा हद ँ नक र्ुम अपने लोर्ों को+ समर् रहर्े अपना महत्त्व समझाओ । “छोटा पनरवार-सुखी पनरवार’
की बार् अब उनकी समझ में आ जानी िानहए । र्ुम उन्हें बुराइर्ों से दद र रखकर नवनभन्न व्र्ावसानर्क कौशलों,

कंप्र्दटर संबध
ं ी जानकारी नवकनसर् करने की
र्रफ ध्र्ानदो । खेल र्ो ग्रामीण जीवन की
आत्मा है । दौड़ना,र्ैरना, पेड़ों पर िढ़ना-
उर्रना र्ो वहॉं के बच्िों की रर्-रर् में रिा-
बसा है । आज नकर्ने नवख्र्ार् नखलाड़ी र्ॉंव से
ही आर्े बढ़े हैं। उनका प्रोत्सानहर् करना
र्ुम्हारी नैनर्क नजम्मेदारी है । खेल संबंधी
मार्तदशतन दे कर हमारा दे श अंर्रराष्ट्रीर् स्र्र
पर प्रर्नर् कर सकर्ा है । अपने र्ॉंव को एक
पनरवार समझकर उसे नवकनसर् करने का प्रर्त्

प्रर्त्न करना होर्ा। र्ुम्हारी और मेरी समस्र्ा का मदल कारण नदनोंनदन बढ़र्ी आबादी, अनशक्षा और
र्रीबी है।
उपर्ुतक्र् पनरच्छे द के नलए समर् और शब्द संख्र्ा फलक पर नलखें l
अध्र्ापक पनरच्छे द के पॉि प्रश्न फलक पर नलखें
प्रश्न:-
१] शहर क्र्ों परेशान हो उठा ?
२] बुराइर्ों को दद र रखने के नलए नकस पर ध्र्ान दे ना होर्ा ?
३] ग्रामीण जीवन आत्मा कौन है?
४] दे श कौन-से स्र्र पर प्रर्नर् कर सकर्ा है ?
५] र्ाँव -शहर की समस्र्ा का मदल कारण क्र्ा है ?

➢ उपर्ुतक्र् प्रश्न के उत्तर नलखने के नलए कहें l


➢ अध्र्ापक उत्तर बर्ाएँ,छात्र सही उत्तर जॉिकर संख्र्ा कापी में नलखें l
➢ मौनवािन ,एकाग्रर्ा, शब्द-मर्ादा,र्नर् ,अथतबोध आनद पर मार्तदशतन करें l

आओ अभ्र्ास करें

अध्र्ापक छात्रों के नलए कहानी ,एकांकी, नकशोर मानसक बाल सानहत्र्, पत्र-पनत्रकाएँ आनद
सानहत्र् में से पनरच्छे द ननर्ुक्र् कर मौनवािन –र्नर्वािन करने के नलए कहें ।

आओ सृजन करें

• अध्र्ापक बालसानहत्र्,मानसक, ई-बालसानहत्र् अन्र् पुस्र्कों में से पनरच्छे द दे कर मौनवािन


र्नर्वािन करवाएँ l
पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र-श्रवण, भाषण
कौशल्र्/क्षमर्ा-मौनखक भाषा
नदन-३२ नवकास
संबोध-कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

नदर्े र्र्े आशर् का शाक्ब्दक और अंर्र्मननहर् अथत श्रवण करर्े हु ए शुद्ध उच्िारण ,उनिर् बलाघार्,
र्ान- अनुर्ान एवं र्नर् सनहर् मुखर एवं मौन वािन करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

अध्र्ापक कृनर्

➢ दे शभक्र् और क्रांनर्कारकों के नाम पदछें l

➢ कनवर्ा से समर्ा, बंधुर्ा ,श्रम एवं दे शप्रेम की भावना का महत्व समझाएँ l

➢ उनिर् हाव -भाव के साथ दे शभक्क्र् पर र्ीर् र्ाकर नदखाएँ l


आओ सक्षम बनें

❖ पसंदीदा नवषर् पर कनवर्ा की िार पंक्क्र्र्ाँ नलखो l


❖ कनवर्ा का आशर् अपने शब्दों में नलखो l

आओ अभ्र्ास करें

❖ दे शप्रेम वाली िार पंक्क्र्र्ों की कनवर्ा नलखो l


❖ शालेर् प्रनर्ज्ञा का अनुलेखन करो l

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क

https://diksha.gov.in/dial/L5D3T1
क्षेत्र -श्रवण /भाषण
कौशल / क्षमर्ा -मौनखक
नदन-३३ अनभव्र्क्क्र्
संबोध - श्रवण कौशल्र्

अपेनक्षर् कौशल

❖ सुने हु ए वाक्र् उससे संबंनधर् अन्र् वाक्र् रिना के पनरप्रेक्ष्र् में कहे र्ए नविार ,वाक्र्ांश का
अनुमान लर्ार्े हु ए समझकर अपने अनुभन के साथ संर्नर्,सहमनर् र्ा असहमनर् अनुमान
लर्ाकर अपने नविार अनभव्र्क्र् करर्े हैं l

आओ पर्ा करें

 ननम्ननलनखर् पनरच्छे द का स्वराघार्, बलाघार्, उर्ार- िढाव के साथ आदशत वािन करें ।

 छात्रों से ध्र्ानपदवक
त सदनने के नलए कहें ।

 अध्र्ापक पनरच्छे द पर प्रश्न - उत्तर पदछें ।

हमारे मुख से उच्िनरर् शब्द हमारे िनरत्र बुनद्धमत्ता, समझ और संस्कारों का दशार्े हैं
इसनलए शब्दों के उच्िारण के पदवत हमें सोिना िानहए । कम-से-कम शब्दों में अथतपदणत बोलना और
नलखना एक कला है । वह कला नवनवध पुस्र्कों के वािन से, पनरश्रम से साध्र् हो सकर्ी है । मात्र एक
र्लर् शब्द के उच्िारण से वषो की दोस्र्ी में दरार पड़ सकर्ी हैं । अब नकस समर् , नकसके सामने,
नकस प्रकार के शब्दों का प्रर्ोर् करना िानहए इसे अनुभव, मार्तदशतन, वािन और संस्कारों िारा ही
सीखा जा सकर्ा है । सुंदर उपर्ुक्र् और अथतमर् शब्दों से जो वाक्र् परीक्षा में नलखे जार्े हैं , उस
कारण ही अच्छी श्रेणी प्राप्र् होर्ी है । अनाप-शनाप शब्दों का प्रर्ोर् हमेशा हाननकारक होर्ा है ।

प्रश्न : १. हमारे सुख से उच्िनरर् शब्द क्र्ा दशार्े हैं ?


2. एक र्लर् शब्द से क्र्ा होर्ा हैं ?
३. शब्दों का प्रर्ोर् कैसे सीखा सकर्े हैं ?
४. अनाप -शनाप शब्दों का प्रर्ोर् कैसा होर्ा हैं ?

अध्र्ापक, छात्र को श्रवण कौशल के ननर्म, नवशेषर्ाओं के बारे में मार्तदशतन करें l
आओ सक्षम बनें

❖ अध्र्ापक छात्रों से श्रवण कौशल के उद्देश्र् नवनधर्ाँ, महत्त्व और उन्हें नवकनसर् करने की
सानहत्र् सामग्री के बारेमें मार्तदशतन करें ।
श्रवण कौशल की नवनधर्ाँ ।
१. सस्वर वािन ४. कनवर्ा वािन
२. कहानी वािन ५. र्द्य पनरच्छे द वािन
३. भाषण नवनध ६. क्व्हनडओ क्क्लप

❑ श्रवण कौशल नवकनसर् करने की सानहत्र् सामग्री :

१ ग्रामोफोन

२. रेनडओ

३. दॢरदशतन

४. िलनित्र

५. टे परेकॉडत र

६. कम्प्र्दटर
आओ अभ्र्ास करें

ननम्ननलनखर् पनरच्छे द छात्रों को सुनाएँ र्था प्रश्न पदछें ।

वन राष्ट्र की संपनत्त होर्ी है । महाराष्ट्र में अलर् - अलर् प्रकार के वन हैं । उनमें छोटे - बडे ़़
वृक्ष होर्े हैं । आम, जामुन, सार्, मोह, बरर्द, नीम र्था बेर जैसे वृक्ष भी होर्े हैं । सार् की लकड़ी
मजबदर् होर्ी है । आम को राज्र् वृक्ष माना जार्ा है । वनों में बाघ, शेर, हाथी, नहरन, लोमड़ी,
खरर्ोश आनद प्राणी होर्े हैं । शेर जंर्ल का राजा माना जार्ा है । मोर, र्ोर्ा, मैना आनद पंछी वनों
में होर्े हैं । मोर को पंनछर्ों का राजा माना जार्ा है । उसे राष्ट्रीर् पक्षी र्ह सम्मान नमला है ।
महाराष्ट्र में भीमाशंकर वन है । र्हाँ “शेकरु” नाम का प्राणी होर्ा है । इसे अपने राज्र् का प्राणी माना
जार्ा है । भीमाशंकर से भीमा नदी का उद्र्म होर्ा है ।

प्रश्न : १. उत्तर नलखो ।


▪ नकस वृक्ष की लकड़ी मजबदर् होर्ी हैं ?------------------------------------------

▪ राष्ट्र की संपनत्त नकसे माना जार्ा हैं ?------------------------------------------

▪ भीमा नदी का उद्र्म कहाँ होर्ा हैं ?-------------------------------------------

प्रश्न : २. एक शब्द में उत्तर नलखो ।


 राज्र् का प्राणी --------------
 राज्र् का वृक्ष -------------
 राष्ट्र का पंछी ---------------
 जंर्ल का राजा -----------
आओ सृजन करें

 दद रदशतन पर नकसी कलाकार का साक्षात्कार सुनो और कक्षा में सुनाओं ।

 छात्रों से नकसी समारोह का वणतन कक्षा में सुनाने के नलए कहें ।

 दद रदशतन, सी.डी. र्ा र्द टर्दब पर नकसी शहीद जवान की शौर्त र्ाथा सुनो और कक्षा में सुनाओ ।

पदरक सानहत्र् स्रोर्

 र्द-टर्दब पर संर् कबीर के दोहे सुनो और सुनाओ ।

 नदक्षा ॲप (कक्षा 7 वी ) “दादी माँ का पनरवार” कहानी सुनो और सुनाओ ििा करों ।

 नदक्षा ॲप (कक्षा ६ वी) कहानी “कठपुर्ली” नवनडओ सुनाओ ।


क्षेत्र -लेखन
कौशल / क्षमर्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्
नदन-३४
संबोध -वृत्तांर् लेखन

अपेनक्षर् कौशल

रूपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तांर्, नवज्ञापन आनद का वािन एवं लेखन
करर्े हैं घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं लेखन करर्े हैं |

आओ पर्ा करें

ननम्ननलनखर् वृत्तांर् का मुखर वािन करें | वृत्तांर् के ननर्मों को समझाएँ | नकसी घटना, समारोह
का नवस्र्ृर् वणतन जो नकसी को जानकारी दे ने हेर्ु नलखा जार्ा है , र्ह समझाएँ l

अपने इलाके में आर्ोनजर् नदव्र्ांर् नदवस समारोह का ६० से ७0 शब्दों में वृत्तांर् लेखन करो ।
(वृर्ांन्र् में स्थल , काल , घटना का उिंेख होना अननवार्त है )

समर्ानर्र में आर्ोनजर् सादर्ीपदणत नदव्र्ांर् नदवस

रनववार नद . 3 नदसंबर , 2020 को समर्ा नर्र के मदन मोहन मालवीर् मैदान पर नदव्र्ांर् नदवस के
अवसर पर शाम िार बजे एक कार्तक्रम आर्ोनजर् नकर्ा र्र्ा । इस कार्तक्रम में शहर के कई
मान्र्वर उपक्स्थर् थे । कार्तक्रम की अध्र्क्षर्ा र्ुवा सेना के अध्र्क्ष श्री आनदत्र् जी ठाकरे ने नवभदनषर्
की । नदव्र्ांर् नदवस के उपलक्ष्र् में 2 नदसंबर को नर्रभवन में नदव्र्ांर् छात्रों के बीि नित्रकला एवं
ननबंध लेखन प्रनर्र्ोनर्र्ा का आर्ोजन नकर्ा र्र्ा था । प्रनर्र्ोनर्र्ा का नवषर् ' हमारे सामानजक
कर्तव्र् ' र्था ' धमो रक्षनर् रनक्षर्ः' र्र्ा था । नवजर्ी अभ्र्र्मथर्ों को समारोह में माननिन्ह और नकद
पुरस्कार दे कर सम्माननर् नकर्ा र्र्ा । अध्र्क्ष महोदर् ने अपने भाषण में समाज में नदव्र्ंर्ों के
आत्मसम्मान, सेहर् और अनधकारों को सुधारने के नलए और उनकी सहार्र्ा के नलए एक साथ होने
का नारा लर्ार्ा । नदव्र्ांर्ों के प्रनर् सामानजक सोि बदलने का आवाहन नकर्ा । सरकार िारा लार्द
नवकलांर् कल्र्ाण की र्ोजनाओं की र्ोजनाओं को समारोह में बर्ार्ा र्र्ा । “पदणत सहभानर्र्ा और
समानर्ा” की माँर् इस समारोह में की र्ई । नदव्र्ांर्ों को उनकी असाधारण उपलक्ब्धर्ों के नलए
सन्माननर् नकर्ा र्र्ा । साथ ही उन्हें कृनत्रम अंर् , नदव्र्ांर् प्रमाण पत्र , रेल्वे / बस पास का नवर्रण
भी नकर्ा र्र्ा । नदव्र्ांर् प्रनर्नननध सुरेश मांढरे िारा धन्र्वाद र्ापन के साथ ही कार्तक्रम का समापन
हु आ ।
आओ सक्षम बनें

ननम्ननलनखर् कृनर्र्ाँ पदणत करो |

वृत्तांर् नलखर्े समर् भाषण में नदए वाक्र्ों को -----------निह्न लर्ाकर नलखना िानहए l

आओ अभ्र्ास करें

ननम्ननलनखर् वृत्तांर् पर कक्षा में ििा करें और कापी में नलखने कहें |
➢ अपने नवद्यालर् में आर्ोनजर् ¨ स्वच्छर्ा अनभर्ान ʼ का वृत्तांर् नलखो |
वृत्तांर् में स्थल, काल, घटना का उिंेख आवश्र्क है |
आओ सज
ृ न करे

ननम्ननलनखर् नवषर् पर कक्षा में र्ुट बनाकर स्पधा आर्ोनजर् करें |

अर्र आप नकसी न्र्दज िैनल में नरपोटत र होर्े र्ो आप नकसी सड़क दु घतटना के समािार को नकस

र्रह पेश करर्े |

पदरक सानहत्र् स्रोर्

हहदी लोकभारर्ी दसवीं कक्षा पृष्ट्ठ १०१

https://cart.ebalbharati.in/BalBooks/ebook.aspx
क्षेत्र-श्रवण, भाषण

नदन-३५ कौशल्र्/क्षमर्ा:-मौनखक भाषा


नवकास
संबोध:-कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

❖ पाठ्यवस्र्द को पढने के दौरान समझर्े हु ए स्वर्ं के नलए आवश्र्क जानकारी, नित्र, वीनडर्ो,
क्क्लप ,नफल्म आनद अंर्रजाल पर खोज कर र्था औपिानरक अवसर पर संनक्षप्र् भाषण र्र्ार
करके नलनखर् वक्र्व्र् दे र्े हैं l नवनवध पत्र-पनत्रकाओं में उनके मुक्र्क, कनवर्ाएँ, र्ीर्,र्जल,
दोहे आनद के बारे में पढर्े हैं l
:

आओ पर्ा करें

➢ छात्रों को ननराशा के क्षणों में भी आशा के दीप जलाएँ रखने के नलए प्रेनरर् करें l

आओ सक्षम बनें

❑ उनिर् हाव-भाव ,लर्-र्ाल के साथ कनवर्ा प्रस्र्ुर् करर्े हैं l

❑ दे हार् की सुबह का वणतन करो l


आओ अभ्र्ास करें

❖ प्रभार् र्ीर् र्ाकर नदखाना l

❖ कनवर्ा के मुख्र् भावों के बारे में पदछें l

आओ सृजन करें

❑ कनवर्ा का अनुलेखन करो l

❑ स्वर्ं को बदलो ,समाज बदलेर्ा - इस नवषर् पर ििा करोl

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
कौशल/र्ोग्र्र्ा- लेखन प्रभावी
नदन-३६ बनाना
संबोध - काल के भेद

अपेनक्षर् कौशल

➢ छात्र नवनभन्न पठन सामनग्रर्ों में प्रर्ुक्र् पनरभाषाओं, सदत्रों आनद को समझर्े हु ए नवनवध
र्कनीकों का प्रर्ोर् करके अपने लेखन को अनधक प्रभावी बनाने का प्रर्ास करर्े हैं ।

आओ पर्ा करें

अध्र्ापक कृनर् :-
❑ छात्रों को घड़ी का नित्र नदखाकर 'काल' का पनरिर् करवाएँ।

❑ नित्र का नननरक्षण करेंर्े और काल की पनरभाषा को


समझेंर्े ।

जैसे -
1) रोहन पढ़ाई करर्ा है ।
2) रोहन ने पढ़ाई की ।
3) रोहन पढ़ाई करे र्ा ।
आओ सक्षम बनें

•अध्र्ापक कृनर्

छात्रों को काल की पनरभाषा बर्ाएँ ।

पनरभाषा - काल का मर्लब हैं 'समर्'


“नक्रर्ा के नजस रूप से कार्त के समर् का बोध होर्ा है उसे काल कहर्े है ।”

• र्ह अमन का बर्ीिा है ।


• र्ह बर्ीिा बहु र् बड़ा है ।
• इसमें दों आम के पेड़ हैं ।
• पेड़ पर कोर्ल मीठी बोली में र्ार्ी है ।
• र्हाँ पके हु ए आम पीले हैं ।

आओ अभ्र्ास करें

▪ काल के भेद

काल

वर्तमानकाल -
“जो नक्रर्ा वर्तमान समर् में होर्ी है उसे वर्तमानकाल कहर्े है ।”
जैसे - श्र्ाम र्ाना र्ार्ा है ।
२) भदर्काल -
“ बीर्े हु ए समर् को भदर्काल कहर्े है ।“
जैसे - र्ोपाल ने पत्र नलखा ।
३) भनवष्ट्र्काल -
“ आने वाले समर् में जो नक्रर्ा होर्ी है उस नक्रर्ा को भनवष्ट्र्काल कहर्े है ।
जैसे - मैं पढ़ाई करुँर्ा ।

आओ सृजन करे

❖ छात्रों से काल के प्रकार पदछें ।

वाक्र् प्रकार
१) मैं भी आपके साथ िलदँर्ा ।
२) राम ने रावण को मारा l
३) मोहन मुरली बजार्ा है ।

पदरक सानहत्र् स्रोर्

इस घटक की अनधक जानकारी के नलए नीिे दी र्ई नदक्षा अप्स हलक्स ।

https://diksha.gov.in/play/content/do_313097406192115712154
क्षेत्र -लेखन
नदन-३७ कौशल / क्षमर्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्

संबोध-र्द्य आकलन (प्रश्न ननर्ममनर् )

अपेनक्षर् कौशल

❖ र्द्यखंड का वािन करर्े हु ए केंिीर् भाव को समझर्े हु ए र्द्यखंड पर आधानरर् प्रश्नों का लेखन
करर्े हैं |

आओ पर्ा करें

कक्षा में नकसी छात्र से र्द्यखंड का मुखर वािन करवा लें | प्रश्नवािक शब्दों का प्रर्ोर् समझाएँ |
र्द्यखंड पर आधानरर् कौन-से प्रश्न पदछे जा सकर्े हैं , इसपर कक्षा में ििा करें | प्रश्नों के उत्तर न
नलखे |

ग्रामधम कपा ग्रामधमत का पहला लक्षण र्ो र्ह है नक र्ाँव के झर्ड़ों को आपस में ही ननपटाना िानहए
। पहले र्ो झर्ड़े ही न हों । मर्र जहाँ पाँि - पिास लोर् साथ रहर्े हैं , वहाँ झर्ड़ा हो ही जार्ा है ।
झर्ड़ा न होने की अवस्था एक ऐसा आदशत है , नजसे सब लोर् प्राप्र् नहीं करर्े । र्ाँव के अच्छे लोर्ों
के पास जाकर इसका फैसला कर लेना िानहए और उसको कबदल करना िानहए । झर्ड़ा करनेवाले
र्ो हम लोर् हों और फैसला कराने के नलए शहरवालों के पास जाएँ और वहाँ की अदालर् में पैसा
र्था समर् बरबाद करें , इसमें क्र्ा बुनद्धमानी है ? उल्टे इससे र्ाँव में मनमुटाव बढ़र्ा है । इस र्रह
काम नहीं िल सकर्ा । झर्ड़े को शहर में नहीं संकेर् दे खेर्ा , लेनकन उसके जमाने की भावना का
अंश वह आज भी दे हार्ों में जरूर दे खेर्ा , इसमें संदेह नहीं है ।
आओ सक्षम बनें

उपर्ुतक्र् र्दर्खंड पढ़कर ननम्ननलनखर् नरक्र् स्थानों पर प्रश्नवािक शब्द नलनखए |

1. झर्डा न होने की _____ आदशत अवस्था लोर् प्राप्र् नहीं करर्े ? (कौन-सी / नकर्ना )

2. झर्ड़ा ___ होर्ा है ? (कहाँ /कैसे )

3. अदालर् में जाकर लोर् ____ बरबाद करर्े हैं ? (कैसा /क्र्ा )

4. झर्डे को शहर में ले जाने पर ___ होर्ा है ? ( क्र्ों / क्र्ा )


5. ग्रामधमत का पहला ननर्म ____है ? (कैसा /क्र्ा )

आओ अभ्र्ास करें

❖ ऐसे प्रश्न र्ैर्ार करो नजनके उत्तर नीिे नदए र्ए शब्द हो |

1. भारर् :- -----------------------------------------------------------------
2. डॉक्टर :- ----------------------------------------------------------------
3. अंर्रजाल :- --------------------------------------------------------------
4. नावें :- --------------------------------------------------------------------
5. अमराई :- -----------------------------------------------------------------
6. माखन :- -----------------------------------------------------------------
7. र्ंर्ा :- --------------------------------------------------------------------
8. नटळक :- ------------------------------------------------------------------
आओ सृजन करें

प्रश्न कौशल्र् का प्रर्ोर् करर्े हु ए छात्रों को उनके पसंदीदा स्वार्ंत्र्र् सेनानी के बारे में पदछे | उनसे

नकस र्रह के सवाल पदछ सकर्े हैं इसका मार्तदशतन करें |

पदरक सानहत्र् स्रोर्

हहदी लोकभारर्ी दसवीं कक्षा पृष्ट्ठ १०१

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क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
नदन-३८ कौशल/र्ोग्र्र्ा- कारक निह्न
लेखन को अनधक प्रभावी बनाने का
प्रर्ास ।
संबोध - कारक निह्न

अपेनक्षर् कौशल

छात्र नवनभन्न पठन सामनग्रर्ों में प्रर्ुक्र् पनरभाषाओं, सदत्रों आनद को समझर्े हु ए
नवनवध र्कनीकों का प्रर्ोर् करके अपने लेखन को अनधक प्रभावी बनाने का प्रर्ास
करेंर्े ।

आओ पर्ा करें

ननम्ननलनखर् संवाद छात्रों को सुनाएँ l

उठो, मोहन स्कदल जाने में दे र हो जाएर्ी । हमें कभी आलस नहीं करना
िानहए वरना हिकी नक र्रह पछर्ाना पड़ेर्ा । हि की अपने भैय्र्ा की बार्ों पर
ध्र्ान नहीं दे र्ी थी । वह हमेशा दे र से उठर्ी थी । वह अपने भैय्र्ा के साथ स्कदल
जार्ा करर्ी थी ।

आओ सक्षम बनें

❖ अध्र्ापक कृनर् -
संवाद मे आए शब्द - में , नक, पर, के, र्था ने आनद
वाक्र् के पदों को नक्रर्ा से जोड़ने वाले र्े निह्न कारक कहलार्े हैं ।
❖ अध्र्ापक छात्रों को कारक की पनरभाषा बर्ाएँर्े ।

पनरभाषा - संज्ञा र्ा सवानम शब्दों के नजस रूप से उनका संबंध वाक्र् में प्रर्ुक्र् नक्रर्ा
र्था अन्र् शब्दों से जाना जार्ा हैं , उसे कारक कहर्े हैं ।
आओ अभ्र्ास करें

❖ वाक्र् पढ़ो और समझो ।


1. मृदुल ने अमरूद खार्ा । कर्ा मृदुल है । 'ने' कर्ाकारक है।
2. मीरा ने रमेश को बुलार्ा । कमत रमेश को बुलार्ा है । 'को' कमिकारक है ।
3. राजेश िाकद से फल काटे र्ा । िाकद काटने का साधन है । 'से' करणकारक है ।
4. राजा सरदार के नलए पुरस्कार राजा पुरस्कार घोनषर् करर्ा है ।
घोनषर् करर्ा है । 'के नलए' संप्रदान कारक
5. पत्ते पेड़ से नर्रे । पत्ते और पेड़ मे अलर्ाव है । 'से' अपदानकारक है।
6. राजेश मेरी मौसी जी का बेटा है । राजेश और मौसी संबंध है। का,की, के संबंधकारक
7.घर के छर् पर पंछी बैठा है । पर कार्त का स्थान सदनिर् करर्ा है अनधकरणकारक
8. अरे ! इधर आ जाओ। 'अरे ' ककसी को संबोर्ित करता है ।
संबोिनकारक

❖ उनिर् कारक निह्न िारा नरक्र् स्थानों की पदर्मर् करो l -


1. माँ ने सौरभ ........ बहु र् डाँटा ।
2. कबुर्र डाल ....... बैठा है ।
3. फल पेड़ ....... नर्र र्र्ा ।
4. नपर्ा ने बालक को पुस्र्क ........ समझार्ा ।
5. सामान कमरे ...... रख दो ।

आओ सृजन करें

❖ अध्र्ापक छात्रों से कारक के भेद पदछें ।

प्रश्न - ननम्ननलनखर् वाक्र्ों में रेखांनकर् शब्द में कौन-सा कारक है ।

1. श्र्ाम की पत्नी मेरी बहन है ।


2. वह आर्रा से बस मे र्र्ा ।
3. अरे! र्ुमने वह नर्लास र्ोड़ नदर्ा ।
4. र्ीर्ा ने सुंदर र्ीर् र्ार्ा ।
5. पेड़ से फल नर्रर्े हैं ।

पदरक सानहत्र् स्रोर्

❖ इस घटक की अनधक जानकारी के नलए नीिे दी र्ई नदक्षा अप्स हलक्स ।

https://diksha.gov.in/play/content/do_3132400836242554881673
क्षेत्र - लेखन

नदन-३९ कौशल / क्षमर्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्

संबोध - ननबंधलेखन

अपेनक्षर् कौशल

➢ रुपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तांर्, घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं
लेखन करर्े हैं | दै ननक जीवन की नकसी घटना र्था क्स्थनर् पर सृजनात्मक ढं र् से नलखर्े हैं |

आओ पर्ा करें

अध्र्ापक कृनर् :- छात्रों को ननबंध के प्रकार समझाएँ | हनबंध के प्रकार, ननर्मों एवं महत्व से छात्रों
को अवर्र् कराएँ | पदवज्ञ
त ान पर आधारीर् प्रश्न पदछकर नवषर् के प्रनर् आक्त्मर्र्ा का भाव ननमाण
करें | ननबंध की ििा करर्े समर् उससे संबंनधर् शब्दसंपदा को बोडत पर नलखे |

ननबंध लेखन में ध्र्ान दे ने र्ोग्र् बार्ें :-


ननबंध में प्रस्र्ावना , नवषर् प्रनर्पादन र्था उपसंहार इन र्ीन बार्ों को ध्र्ान में रखकर हमें ननबंध
लेखन करना िानहए |
ननबंध नवषर् के अनुसार नलखना िानहए | आवश्र्कर्ा से ज्र्ादा नवस्र्ार नकसी बार् को बार् बार-
बार नलखने से होर्ा है | र्हाँ पर छात्रों को नवशेष ध्र्ान दे ना िानहए |
नविारों में नवीनर्ा लाने का प्रर्ास करें |
भाषा सहजर्ा र्था प्रवाही होनी िानहए |
ननबंध में शुद्ध शब्दों का प्रर्ोर् करना िानहए | मुहावरे और कहावर्ों का उपर्ोर् करने से उसपर
िार िाँद लर् जाएँर्े |
आत्मकथा के ननबंध में शुरू से ही ‘ मैं ‘ का उपर्ोर् आवश्र्क है |
आओ अभ्र्ास करें

अध्र्ापक कृनर् :- नित्र नदखाकर वषा ऋर्ु इस वणतनात्मक ननबंध से जुड़ी घटनाएँ र्था शब्द संपदा से
अवर्र् कराएँ |

आओ सृजन करें

छात्रों के र्ुट बनाकर अंर्रजाल की सहार्र्ा से भारर् के त्र्ोहारों की जानकारी


खोजने को कहें | हर एक र्ुट के प्रमुख को अपनी जानकारी का प्रस्र्ुनर्करण करने की अनुमनर् दें |

पदरक सानहत्र् स्रोर्

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क्षेत्र-मौनखक भाषा नवकास
कौशल्र्/क्षमर्ा- श्रवण, भाषण
नदन-४०
संबोध-कनवर्ा ,र्ीर्

अपेनक्षर् कौशल

➢ नलनखर् संदभत में अस्पष्ट्टर्ा संर्ोजन की कमी, नवसंर्नर् ,असमानर्ा र्था अन्र् दोषों को
पहिानकर वािन करर्े हैं l उसमें नकसी हबदु को खोजकर अपनी संवद
े ना ,अनुभनद र् , भावना
अनधक उपर्ुक्र् ढं र् से संप्रेनषर् करेंर्ें l

आओ पर्ा करें
:

➢ विद्यार्थियों को हर क्स्थनर् में दद सरों को आनंद दे ना बर्ाएँ l

➢ नवद्यार्मथर्ों को परोपकार एवं जीवन में मार्ा नपर्ा का स्थान पदछें l

➢ अध्र्ापक कनवर्ा सस्वर र्ाकर नदखाएँ l

आओ सक्षम बनें

❑ कनवर्ा में आए प्रमुख भावों को स्पष्ट्ट करें l

❑ नर्र्ली पकड़ना एक शौक पर अपना अनुभव नलखो l

❑ नवद्यार्मथर्ों से कनवर्ा का सस्वर र्ार्न करो l


आओ अभ्र्ास करें

नवनवध नर्र्नलर्ों के नित्र रेखाटन करें l

नवनवध फदलों के नाम, सुर्ंध ,रंर् के बारे में नलखो l

आओ सृजन करें

❖ र्ुम्हारे जीवन मे दोस्र्ों से नमली प्रेरणा नलखो l

❖ कृनत्रम उपग्रहों से होने वाले लाभ, उपर्ोर् ढद ँ ढे और सुनाओ l

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र -श्रवण /भाषण
नदन-४१
कौशल / क्षमर्ा -मौनखक अनभव्र्क्क्र्

संबोध -मुलाकार् / साक्षात्कार

अपेनक्षर् कौशल

❖ नवनवध प्रकार की रिनाओं (र्ीर्,कथा,एकांकी,नरपोर्ाज,ननवेदन,ननदले श) आनद को


आकलनसनहर् सुनर्े हैं,पढ़कर समदह में ििा करर्े है र्था सुनर्े हैं l

आओ पर्ा करें

 अध्र्ापक छात्रों से ननम्ननलनखर् प्रश्न पदछें ।


१. क्र्ा आपको खेल खेलना पसंद है ?
२. नवनवध खेलों के नाम बर्ाइए ?
3. नवनवध खेलों में से आपको कौन-सा खेल पसंद है ?
४. आपको व्र्क्क्र्र्र् र्ा सामदनहक खेल इनमें से कौन-सा खेल पसंद है ?
५. नवनवध नखलानड़र्ों के नाम बर्ाइए ?
6. पसंदीदा नखलाड़ी का नाम ?

उपर्ुतक्र् प्रश्न पदछकर खेल के बारे में और नखलानड़र्ों के बारे में जानकारी प्राप्र् करें ।

आओ सक्षम बनें

अध्र्ापक नक्रकेट नखलाड़ी सनिन र्ेंडुलकर के बारे में जानकारी दे र्े हैं ।
❑ श्रवण कौशल नवकनसर् करने की सानहत्र् सामग्री :
अध्र्ापक नखलाडी, सानहक्त्र्क, सामानजक, डॉक्टर आनद लोर्ों की साक्षात्कार और उनके
र्ुण-कौशल पर मार्तदशतन करें l
➢ साक्षात्कार के घटक
➢ मुलाकार्कार - मुलाकार्दार्ा से बोलर्ा है ।
➢ मुलाकार्दार्ा - स्वर्ं की पहिान कम शब्दों में दे र्ा है

➢ वािक और श्रोर्ार्ण के पास मुलाकार् का नवषर्, जानकारी, सवालों की सदिी जानकारी


हो। समर् का ननर्ोजन हो। कक्षा में छात्रों के र्ुट बनाकर मुलाकार् लेने के नलए कहें ।
(नरर्ाज के नलए १० नमनट दें ।) छात्रों िारा मुलाकार् का सादरीकरण करवाएँ।

साक्षात्कार/मुलाकार्
र्ुणसंपन्न व्र्क्क्र् र्था उनका कार्तक्षत्र

सामाजजक सांस्कृततक कला

नवज्ञान औद्योनर्क राजकीर्


त र् र्ुणसंपन्न व्र्क्क्र्ाओं के बारे में कक्षा में छात्रों सें ििा करवाएँ ।
उपर्ुक्
आओ अभ्र्ास करें

▪ छात्रों को अपने नमत्र / सहेली की मुलाकार् लेने के नलए कहें ।


• कक्षा में छात्रो से मुलाकार् का सादरीकरण करवाएँ l

आओ सृजन करें

 अपने शहर - र्ाँव के अध्र्ापक, व्र्ावसानर्क, डॉक्टर, अनधकारी, लोर्ों की मुलाकार् लेने
के नलए कहे ।

 नकसी पनरनिर् व्र्क्क्र् की मुलाकार् हेर्ु प्रश्नावली र्ैर्ार करवाएँ ।

पदरक सानहत्र् स्रोर्

 अध्र्ापकिारा नकसी सामानजक, सांस्कृनर्क, कला, खेल र्ुण संपन्न व्र्क्क्र्ओं की मुलाखर्
कक्षा में सुनाओं ।
क्षेत्र - लेखन
नदन-४२
कौशल / क्षमर्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्
संबोध - पत्रलेखन

अपेनक्षर् कौशल

❖ रुपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तां, घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं
लेखन कररर्े हैं |

आओ पर्ा करें

अध्र्ापक कृनर् :- पत्र के प्रारूप पर ििा कराएँ | औपिानरक और अनौपिानरक पत्रलेखन के बारे में
जानकारी दें | नकन-नकन अवसरों पर अनभनन्दन , बधाई र्था नशकार्र् पत्र नलखा जा सकर्ा हैं ,
पदछें | पत्र का मुखर वािन कराएँ | प्रश्नोत्तर के माध्र्म से पत्र के मुख्र् मुद्दों र्था नीिे नदए र्ए नवषर्
पर पत्र नलखने के नलए प्रोत्सानहर् करें |

पत्र नलखर्े समर् ननम्ननलनखर् बार्ों का ध्र्ान रखे |


1. पत्र की भाषा सरल, सुबोध और पठनीर् हो ।
2. पत्र में अनावश्र्क नवस्र्ार न हो ।
3. पत्र का उद्देश्र् र्था नवषर्वस्र्ु इर्नी स्पष्ट्ट हो नक एक बार पढ़ने से ही समझ में आ जाए ।
नदन प्रनर्नदन बढ़र्ी किरे की समस्र्ा की ओर सहार्क आर्ुक्र्, शहर महानर्र ननर्म का ध्र्ान आकर्मषर्
करर्े हु ए नशकार्र् पत्र नलखो |

15 जदन 2021

प्रनर्,
सहार्क आर्ुक्र्,

शहर महानर्र ननर्म,

समर्ानर्र,

मुंबई 400101

mahanagarpalikamumbai@gmail.com

नवषर् :- बढ़र्ी किरे की समस्र्ा की ओर ध्र्ान दे ने हे र्ु नशकार्र् पत्र


संदभत :- नद. 28 अप्रैल 2021 का पत्र

महोदर्,

मैं नवमला आिार्त, नपछले 45 वषों से समर्ानर्र की ननवासी हद ँ | इस पत्र के माध्र्म से हमारे
इलाके में होनेवाली किरे की समस्र्ा की ओर आपका ध्र्ान आकर्मषर् करना िाहर्ी हद ँ | नपछले पाँि सालों
में र्हाँ की आबादी कई र्ुना बढ़ रही हैं | उसी र्नर् से सामानजक सुनवधाओं बहु र् बुरा असर पड़ रहा हैं |
नदन प्रनर्नदन र्हाँ किरे की समस्र्ा बहु र् बढ़र्ी जा रही हैं | शहर महानर्र ननर्म की ओर से इस इलाके में
आनेवाली किरे की र्ानड़र्ाँ कम होने की वजह से सारा किरा नदनभर में उठार्ा नहीं जार्ा | नजसके
कारण मच्छरों का प्रकोप र्था कई जानलेवा बीमानरर्ों को सहना पड़ रहा हैं |

इस संदभत में आपको पहले भी एक पत्र हमारे समर्ानर्र के ननवानसर्ों की ओर से भेजा र्र्ा था |
पर अभी भी आपकी ओर से कोई कारवाई नहीं हु ई हैं | इस पत्र के माध्र्म से हम आपसे नफर एक बार आपसे
नम्र ननवेदन करर्े हैं नक समर्ानर्रवानसर्ों की समस्र्ा पर कुछ कार्तवाही करें | अन्र्था कुछ ही नदनों में
हमें आन्दोलन के नलए नसद्ध होना पड़े र्ा |
धन्र्वाद |

भवदीर्ा,
श्रीम. नवमला आिार्त

C/5, र्ारांर्ण सोसार्टी

समर्ानर्र , मुंबई 400101

vimlaachary@gmail.com
आओ सक्षम बनें

छात्रों को औपिानरक पत्रलेखन के ननर्मों से अवर्र् करवाएँ | पत्र का प्रारूप समझाएँ |

पत्र का प्रारूप
(औपिानरक पत्र )
नदनांक
प्रनर्,
..................
..................
नवषर् : ................................
संदभत : .................................
नवषर् नववेिन
..................................................................................................................................
..................................................................................................................................
..................................................................................................................................
भवदीर् / भवदीर्ा,
......................
नाम : ...............
पर्ा : ...............
......................
ई-मेल आईडी : .........................
आओ अभ्र्ास करें

अपने इलाके में होनेवाली बस सुनवधा की अननर्नमर्र्ा के बारे में एस टी महामंडळ को नशकार्र् पत्र
नलखो |

आओ सृजन करें

नीिे नदए हु ए पत्र के नवषर् पर ििा करके छात्रों को कई सामानजक प्रश्नों से अवर्र् करवाएँ | छात्रों को
पत्रलेखन में औपिानरकर्ा के नशष्ट्टािार संबंधी सदिनाओं का पालन करने को कहें |

पदरक सानहत्र् स्रोर्

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mobile%26utm_campaign%3Dshare_content
क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
कौशल/र्ोग्र्र्ा- वाक्र् से
नदन-४३ लेखन को अनधक प्रभावी बनाने का
प्रर्ास ।
संबोध - वाक्र् के भेद

अपेनक्षर् कौशल

छात्र नलनखर् संदभतमें अस्पष्ट्टर्ा, संर्ोजन की कमी, नवसंर्नर्, असमानर्ा र्था अन्र् दोषॉं को
पहनाकर वािन करर्े हैं । दै ननक कार्त मे मौनखक रुप से प्रर्ोर् करर्े हैं ।

आओ पर्ा करें

अध्र्ापक छात्रों को नवसंर्र् शब्द समदह से वाक्र् की पहिान करवाएँ ।


जैसे - नसपाही पकड़ा ने िोर को' नवसंर्र् शब्द समदह

नसपाही ने िोर को पकड़ा’ शब्दों का साथतक समदह

कर्ा कमत नक्रर्ा

आओ सक्षम बनें

❖ अध्र्ापक कृनर् -
दादा जी कहानी सुनार्े हैं ।

अध्र्ापक छात्रों को कारक की पनरभाषा बर्ाएँर्े

पनरभाषा - भावों और नविारों को प्रकट करने वाले साथतक शब्द समदह को 'िाक्य' कहते है ।

वाक्र् के भेद

अथत की दृक्ष्ट्ट से रिना की दृक्ष्ट्ट से


❖ अथत की दृक्ष्ट्ट से -

1. नवधानाथतक वाक्र् - “वाक्र् मे नकसी नक्रर्ा के होने र्ा करने की सदिना हो । “


अजर् सुरेश का नमत्र है ।

2. ननषेधाथतक वाक्र् - “वाक्र् मे नकसी बार् के न होने र्ा न करने का बोध होर्ा हो ।“
अजर् काम नहीं करर्ा है ।

3. आज्ञाथतक वाक्र् - “वाक्र् में नकसी भी प्रकार की आज्ञा र्ा प्राथत ना का बोध होर्ा हो ।“
अजर् अब पढ़ाई करो ।

4. प्रश्नाथतक वाक्र् - “वाक्र् में नकसी प्रकार का प्रश्न नकर्ा र्र्ा हो।“
अजर् र्ुम क्र्ा पढ़ रहे हो ?

5. नवस्मर्ाथतक वाक्र् - वाक्र्ों में नवस्मर्, हषत, क्रोध, आनद भाव र्क्र् नकर्ा जार्ा है । “
अरे ! अजर् र्ुमने पुरस्कार पार्ा।

आओ अभ्यास करें

अध्र्ापक छात्रों से अथत की दृक्ष्ट्ट से भेद पदछेंर्े हैं ।

प्रश्न - ननम्ननलनखर् वाक्र्ों के भेद पहिानो ।


1) बच्िो शोर बंद करो । ( )
2) सदरज पदवत नदशा में उर्र्ा है । ( )
3) कल शार्द वषा होर्ी । ( )
4) र्ुम्हारा नाम क्र्ा है ? ( )
5) मैं नदिंी नहीं जाऊँर्ा । ( )

पदरक सानहत्र् स्त्रोर्

❖ इस घटक की अर्िक जानकारी के ललए सरल दहंदी व्याकरर् ककताब


का उपयोग करें ।

❖ इस प्रकार के अन्र् वाक्र् पाठ्यपुस्र्क से ढद ँ ढ़कर नलखो ।


क्षेत्र-श्रवण, भाषण
नदन-४४ कौशल्र्/क्षमर्ा:-मौनखक भाषा
नवकास
संबोध:-र्जल

अपेनक्षर् कौशल

❖ नवनवध प्रकार की रिना ( र्ीर्, र्जल ,पद ,कथा ,एकांकी )आनद को आकलन सनहर् सुनार्े हैं l ,
पढ़कर समदह में ििा करर्े है, कहानी सुनार्े है lप्रकृनर् के पेड़ - पौधों, प्रानणर्ों के प्रनर् दर्ाभाव
रखर्े है l

आओ पर्ा करें
:

➢ अध्र्ापक नवद्यार्मथर्ों को पेड़ॊ का महत्व बर्ाएँर्े l

➢ कनवर्ा, दोहे ,र्ीर् की र्रह र्जल प्रकार समझा दें l

➢ नवद्यार्मथर्ों को र्जल र्ाने के नलए कहें ।

आओ सक्षम बनें

❑ सभी के साथ स्नेहपदवक


त नहल- नमलकर रहे र्ह समझाएँ l

❑ अध्र्ापक लर्- र्ाल आरोह-अवरोह के साथ र्जल र्ाएँ l


आओ अभ्र्ास करें

❖ नकसी र्जलकार की र्जल सुनाएँ l

❖ वैज्ञाननक दृक्ष्ट्टकोन रखकर पेड़ों की उपर्ोनर्र्ा नलखो l

❖ र्जल से प्राप्र् जीवनमदल्र्ों के संदभत में ििा करें l

आओ सृजन करें

❑ अनुप जलोटा ,जर्जीर् हसह इन र्जल र्ार्कों की जानकारी प्राप्र् करें l

❑ वटवृक्ष से संबंनधर् त्र्ोहार की जानकारी प्राप्र् करें l

पदरक सानहत्र् स्रोर्

सार्वीं पाठ्यपुस्र्क, क्र्द आर कोड :

https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
नदन-४५ कसौटी क्रमांक-३

अंक-२०

र्द्य नवभार्

प्रश्न १ ननम्ननलनखर् र्द्यखंड पढ़कर सदिनाओं के अनुसार कृनर्र्ाँ पदणत करों |


अब्दु ल कलाम का जन्म 15 अक्र्दबर 1937 ई को र्नमलनाडु राज्र् के रामेिर कस्बे में हु आ ।
उनका जन्म एक मध्र्मवर्ीर् पनरवार में हु आ l 25 जुलाई 2002 में उन्होंने भारर् के सवोच्ि
संनवधाननक, राष्ट्रपनर् पद को प्राप्र् नकर्ा । डॉ.कलाम ¨नमसाईल मैनʼ के नाम से प्रनसद्ध है । कलाम ने
ईमानदारी और आत्म अनुशासन , अपने नपर्ा से नवरासर् में पार्ा । 1958 ई . में कलाम ने वैज्ञाननक के
रुप में पद सँभाला । अक्ग्न प्रक्षेपण का सफल परीक्षण उन्हीं के मार्तदशतन में हु आ । सन 1990 में भारर्
सरकार ने उन्हें “भारर्रत्न “ से नवभदनषर् नकर्ा ।

१) संजाल पदणत करो । २ अंक

डॉ.कलाम का सम्मान

२ उपर्ुतक्र् र्द्यखंड पढ़कर एक शब्द में उत्तर दो | २ अंक

I डॉ. कलाम इस नाम से प्रनसद्ध थे | .................

II डॉ. कलाम ने अपने नपर्ा से र्े र्ुण नवरासर् में पाएँ | ............... , .................

३ " नवज्ञान शाप र्ा वरदान " इस नवषर् पर अपने नविार ४ से ५ पंक्क्र्र्ों में नलनखए | २ अंक
पद्य नवभार्

१ ननम्ननलनखर् पद्यांश पढ़कर संजाल पदणत करो l १ अंक


अपनी मंनजल ध्र्ान में रखकर,
दु ननर्ा की राहों से र्ुजरना,
पवतर् नमिी पेड़ ज्र्ों रहर्े,
जर् में सबसे नहलनमल रहना |

हमें इनकी र्रह नहल-नमलकर रहना


हैं l

२ ननम्न शब्दों के नलए कनवर्ा में प्रर्ुक्र् पर्ार्वािी शब्द नलखो | १ अंक
माटी - ............... लक्ष्र् - ................
३ पेड़ों का महत्त्व िार से पाँि वाक्र्ों में नलखो | २ अंक

व्र्ाकरण नवभार्
१ सदिना के अनुसार काल पनरवर्तन करों । २ अंक

I) नपर्ाजी नदिंी जार्े हैं | (अपदणत वर्तमानकाल)

II) पेड़ पर फदल आए थे | (सामान्र् भनवष्ट्र्र्काल)

२ नरक्र् स्थान पर उनिर् कारक निह्न नलखो । २ अंक

I) दादी बच्िों ----- कहानी सुनार्ी है | (के, से, को)


II) र्ाड़ी ठीक समर् ----- आ रही है | (को, से, पर)
३ अथत के आधार पर ननम्ननलनखर् वाक्र् का प्रकार पहिानो । १ अंक
मेरा नित्र ठीक से बना ही नहीं र्ो मैं नकस बार् के पैसे ददँ ? ............................

उपर्ोनजर् लेखन

१ ननम्ननलनखर् नवषर् पर ६० से ७० शब्दों में ननबंध नलखो | ५ अंक


• मेरा दे श
(प्रस्र्ावना , प्रकृनर् वणतन, दे श की संस्कृनर्, महान नवभदनर्र्ाँ, अन्र् दे शों से अलर्, नवनवधर्ा में
एकर्ा, नवि को ज्ञान दे नेवाला, उपसंहार)
अथवा

ऑनलाइन कक्षा में अनुपक्स्थनर् का कारण बर्ार्े हु ए अपनी पाठशाला के प्रधानािार्त को पत्र नलखो |

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