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STD 8 TH Hindi Language Hindi Medium Bridge Course
STD 8 TH Hindi Language Hindi Medium Bridge Course
• र्कनीकी सहार्क : श्रीमर्ी मंजुषा स्वामी (नजल्हा पनरषद प्राथनमक शाळा नकणी र्ा. नज. उस्मानाबाद )
सेर्ु अभ्र्ास (ब्रीज कोसत )
➢ छात्रों के मन में कोनवड-19 पृष्ट्ठभदनम पर अध्र्र्न के प्रनर् नविास पैदा कर एक सुखद शैनक्षक
वार्ावरण र्ैर्ार करना।
➢ नपछले शैनक्षक वषत में संबनं धर् कक्षा के भाषा अध्र्र्न में अंर्र को भरने में छात्रों की सहार्र्ा करना।
➢ छात्रों को नपछली कक्षा के अनुसार भाषा नवषर् में उनके अपेनक्षर् सीखने के पनरणाम के अनुसार
समझदारी से पढ़ने का अवसर प्रदान करके उनकी संबनं धर् क्षमर्ाओं को नवकनसर् करने में मदद
करना।
➢ छात्रों को नपछली कक्षा से जोड़ने के नलए स्वर्ं अध्र्र्न के नलए सुखद और र्ोग्र् सामग्री बनाना।
➢ निर्ीर् भाषा हहदी का रसास्वादन मौनखक एवं नलनखर् रूप में ग्रहण कर अनभव्र्क्क्र् क्षमर्ा में वॄनद्ध
करना।
➢ निर्ीर् भाषा के रूप में हहदी के अध्र्र्न को अनधक प्रभावशाली बनाने के कौशल का नवकास करना।
पाठ्यपुस्र्क के अनर्नरक्र् समािार पत्र के पठन हे र्ु छात्रों को प्रेनरर् करना ।
➢ हहदी में सहज रूप से संवाद स्थानपर् करने हे र्ु सक्षम बनाना।
नवद्याथी नमत्रों, नपछले शैक्षनणक वषत में आपने अपनी नशक्षा ऑनलाईन और कई अन्र् र्रीकों से
जारी रखी। र्ह ब्रीज कोसत- सेर्ु अभ्र्ास आपके नलए इस शैक्षनणक वषत के आरंभ में कुछ नदन
नपछली कक्षा के पाठ्यक्रम का अवलोकन करने और इस वषत के अभ्र्ास की र्ैर्ारी हेर्ु र्ैर्ार
नकर्ा र्र्ा है।
सेर्ु अभ्र्ास कुल 45 नदनों का है और इसमें एक नननिर् अवनध के बाद र्ीन परीक्षण हैं। र्ह
सेर्ु अभ्र्ास आपको नपछले शैक्षनणक वषत में आपने जो सीखा है उसे ठीक से समझने और अर्ली
कक्षा के पाठ्यक्रम को समझने में मदद करेर्ा।
इस सेर्ु अभ्र्ास को अध्र्र्न नदवस के क्रमानुसार हल नकर्ा जाना िानहए।
इसमें दै ननक कार्तपत्रक शानमल है। दी र्ई र्ोजना के अनुसार आपके िारा अपने प्रर्ासों से
वकतशीट (कार्तपत्रक) हल नकर्ा जाना िानहए।
र्नद आपको वकतशीट को हल करने में कनठनाई हो रही है , र्ो अध्र्ापक र्ा मार्ा-नपर्ा की मदद लें।
प्रत्र्ेक कार्तपत्रक में नदए र्ए पाठ को बेहर्र ढं र् से समझने के नलए वीनडर्ो हलक प्रदान
नकए र्ए हैं , उनका उपर्ोर् अवधारणा को समझने के नलए होर्ा । नदए र्ए परीक्षणों को र्ोजना के
अनुसार हल करें। परीक्षण पदरा करने के बाद अध्र्ापक से जाँि करवाएँ । अंर् में दी र्ई उत्तर
पुक्स्र्का की सहार्र्ा से अपने उत्तरों की पुक्ष्ट्ट करें।जो नहस्सा समझ में नहीं आर्ा है र्ा मुक्श्कल
लर्र्ा है उसे समझने के नलए अध्र्ापकों र्ा मार्ा-नपर्ा की मदद लें।
कोनवड -१९ से उत्पन्न क्स्थनर् के कारण, नपछले शैक्षनणक वषत में कक्षा अध्र्ापन नहीं हो
सका । ऑनलाईन अध्र्ापन के समर् छात्र प्रत्र्क्ष रुप में सामने नही था । नए शैक्षनणक सत्र में
स्कदल प्रत्र्क्ष रूप में कब शुरू होंर्े इसे लेकर अनननिर्र्ा बनी हु ई है । नपछले शैक्षनणक वषत में
आपने ऑनलाईन के माध्र्म से सभी छात्रों र्क पहुँ िने के नलए नवनभन्न प्रर्ास नकए हैं । र्ह ब्रीज
कोसत नपछले शैक्षनणक वषत में छात्रों िारा नकए र्ए अध्र्र्न की समीक्षा के साथ-साथ नए शैक्षनणक
वषत में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम की र्ैर्ारी के दोहरे उद्देश्र् से र्ैर्ार नकर्ा र्र्ा है ।
➢ सेर्ु अभ्र्ास कुल ४५ नदनों का है एवं इसमें एक नननिर् अवनध के बाद कुल र्ीन परीक्षण हैं ।
➢ सेर्ु पाठ्यक्रम नपछले पाठ्यक्रम पर आधानरर् है और नपछले वषत का पाठ्यक्रम और वर्तमान वषत
का पाठ्यक्रम के बीि एक कड़ी है।
➢ र्ह पाठ्यक्रम कक्षाननहार् और नवषर् के अनुसार र्ैर्ार नकर्ा र्र्ा है । इसे नपछली कक्षा की
पाठ्य-पुस्र्क से जोड़कर उसके घटकों के आधार पर र्ैर्ार नकर्ा र्र्ा है ।
➢ इस पाठ्यक्रम में घटक और उपघटक नुसार कार्तपत्रक शानमल हैं । अध्र्र्न के ननष्ट्कषों/क्षमर्ा
नववरणों को ध्र्ान में रखर्े हु ए कार्तपत्रक र्ैर्ार नकए र्ए हैं ।
1) अपेनक्षर् कौशल / अध्र्र्न ननष्ट्पनत्त - ठीक वही जो छात्र सीखने जा रहा है।
4) आओ अभ्र्ास करें - प्रश्न / नक्रर्ा / अभ्र्ास र्ह दे खने के नलए नक क्र्ा छात्रों ने
अवधारणा को समझा है ।
6) पदरक सानहत्र् स्रोर् - एक छोटी सी मदद के रूप में वीनडर्ो हलक, क्र्दआर कोड आनद
शानमल हैं जो आपको अवधारणा को बेहर्र ढं र् से समझने में मदद करर्े हैं।
➢ र्ह पाठ्यक्रम छात्रों को र्ह समझने के नलए बहु र् महत्वपदणत होर्ा नक उन्होंने नपछले शैक्षनणक
वषत में क्र्ा सीखा है, जो सीखा उसका परीक्षण करना और वर्तमान कक्षा के पाठ्यक्रम को
समझना ।
➢ अध्र्ापकों को र्ह सेर्ु पाठ्यक्रम प्रत्र्ेक छात्र से ननदले नशर् नदन क्रमांक र्ोजना के अनुसार पदरा
कराना िानहए।
➢ ननधानरर् अवनध के बाद नलए जाने वाले परीक्षणों को छात्रों िारा हल नकर्ा जाना िानहए,
परीक्षणों की जाँि की जानी िानहए और छात्र के अंकों का रेकॉडत स्वर्ं ही रखा जाना िानहए ।
अपेनक्षर् कौशल
❖ नवनभन्न सामानजक एवं प्राकृनर्क मुद्दों, घटनाओं के प्रनर् निनकत्सक नविार करर्े हु ए नवषर् पर
ििा करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
अध्र्ापक छात्रों सें ,मनुष्ट्र् नवनशष्ट्ट कुल में जन्म लेने से नहीं, बक्ल्क अपने कमत से बड़ा
बनर्ा है , इस नवषर् पर ििा करर्े हु ए अच्छे कमत समझाएँ l
ननम्ननलनखर् पंक्क्र्र्ों का मौन वािन करके स्वर्ं समझने के नलए कहें l
आओ सक्षम बनें
आओ अभ्र्ास करें
1]-------------------
2] ------------------
आओ सृजन करें
अपेनक्षर् कौशल
नदए र्ए आशर् का शाक्ब्दक और अंर्र्मननहर् अध्र्र्न अथत श्रवण करर्े हु ए शुध्द उच्िारण,उनिर्
बलाघार्,र्ान-अनुर्ान एवं र्नर् सनहर् मुखर और मौनवािन करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
आओ अभ्र्ास करें
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नदन-३ क्षे त्र -ले ख न
कौशल/र्ोग्र्र्ा-स्व अनभव्र्क्क्र्
सं बोध -नित्रवणत न
अपेनक्षर् कौशल
➢ नकसी दृश्र् को देखने, अनुभवों की मौनखक / नलनखर् सदिनाओं को आलेख रूप में अनभव्र्क्र्
करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं l दृश्र् को दे खने, अनुभवों की मौनखक / नलनखर्
सदिनाओं को आलेख रूप में पनरवर्मर्र् करके अनभव्र्क्र् करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े
हैं l
आओ पर्ा करें
आओ अभ्र्ास करें
नवद्याथी कृनर् :- नित्र का ननरीक्षण करके , शब्द र्था वाक्र् समझकर नित्र वणतन करें |
आओ सृजन करें
अपने आसपास रहनेवाले लोर्ों के व्र्वसार्ों के नाम ननम्ननलनखर् र्ानलका में नलखो l
डॉक्टर
https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षे त्र - ले ख न
नदन-४
कौशल/र्ोग्र्र्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्
सं बोध - प्रश्न र्ै र्ार करना l
अपेनक्षर् कौशल
➢ नकसी नित्र र्ा दृश्र् को दे खने,अनुभवों की मौनखक /नलनखर् सदिनाओं को आलेख रुप में पनरवर्मर्र्
करके अनभव्र्क्र् करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
•अध्र्ापक नित्रों की जानकारी प्राप्र् करने के नलए नवनवध प्रश्न पदछें र्था ििा करें l
प्रश्न- १) नित्र नकसका है ?
२) नित्र में क्र्ा-क्र्ा नदखाई दे र्ा है ?
३) दोनों नित्र में क्र्ा अंर्र हैं ?
• नित्र के आधार पर शहर और र्ाँव संबंधी जानकारी प्राप्र् कर प्रश्न र्ैर्ार करें l
आओ सक्षम बनें
आओ अभ्र्ास करें
आओ सृजन करें
भारर्ीर् सैननक र्था सेना संबंधी जानकारी अंर्रजाल की सहार्र्ा से ढद ँ ढ़कर नलखों ।
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क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
नदन- 5
नदन-५ कौशल/र्ोग्र्र्ा-हलर् पहिान,
उपर्ोर्, नलखने में सक्षम होने के हे र्ु ।
संबोध - हलर्
अपेनक्षर् कौशल
➢ भाषा व्र्ाकरण के नवनभन्न घटकों की पहिान करर्े हैं और उनका उपर्ोर् करर्े हैं ।
➢ साथ ही नलनखर् रूप से संग्रह करर्े हैं l
➢ पाठ्यपुस्र्क और व्र्ाकरण के घटकों का आवश्र्क ज्ञान प्राप्र् कर उसका उपर्ोर् करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
हलर् के दो प्रकार -
पुहिंर् -
अध्र्ापक छात्रों को पनरभाषा बर्ार्े हैं और छात्रों को नित्र के अनुसार उनके हलर् भेद बर्ार्े हैं।
“ नजन शब्दों से पुरुष जानर् का बोध होर्ा है उन शब्दों को पुहिंर् कहर्े हैं l”
जैसे - राजा बालक बंदर
स्त्रीहलर् -
“ नजन शब्दों से स्त्री जानर् का बोध होर्ा है उन शब्दों को स्त्रीहलर् कहर्े हैं |”
आओ सक्षम बनें
टूटा-फूटा आला ।
खााँसी और जुकाम,
बंदर बोला- तल
ु सी पत्ते
पीपल की जड़ थाम ।
➢ उपर्ुतक्र् पनरच्छे द मे से पुहिंर् र्था स्त्रीहलर्ी शब्द ढद ँ ढ़कर ननम्ननलनखर् सदिी में नलखो ।
पुहिंर् स्त्रीहलर्
आओ अभ्र्ास करें
पहिानो और नलखों|
बा क
गुनड़या महहना
ल ग
िं पहचानो
कोय
तोता
ऊँट
आओ सृजन करें
अपेनक्षर् कौशल
➢ नकसी नित्र र्ा दृश्र् को दे खने,अनुभवों की मौनखक /नलनखर् सदिनाओं को आलेख रुप में पनरवर्मर्र् करके
अनभव्र्क्र् करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
आओ अभ्र्ास करें
आओ सृजन करें
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क्षेत्र - लेखन
नदन-७ कौशल/र्ोग्र्र्ा-स्व अनभव्र्क्क्र् ।
संबोध - संवादलेखन
अपेनक्षर् कौशल
➢ जोड़ी / र्ुट में कृनर् / उपक्रम रूप में संवाद, नाटक, िुटकुले आनद को पढ़र्े हैं
र्था उसमें सहभार्ी होकर प्रभावपदणत ढं र् से प्रस्र्ुनर् करर्े हैं l
आओ पर्ा करे
प्रस्र्ुर् संवाद लेखन का छात्रों से मुखर वािन कराएँ । शब्द और वाक्र् समझाएँ । भाषा का महत्व
समझाएँ । संवाद लेखन को व्र्क्क्र्र्र् अनुभवों से जोड़े । संवाद लेखन से जुड़े नवषर् पर प्रश्न पदछे ।
संवाद लेखन के माध्र्म से सामानजक प्रश्न,दद सरों की भाव-भावनाओं से पनरनिर् कराने की क्षमर्ा
ननमाण करें ।
➢ छात्रों के र्ुट र्ैर्ार करके उन्हें नाटक र्था िुटकुले सादर करने के नलए प्रोत्सानहर् करें ।
उन्हें नवषर् िुनने का स्वार्ंत्र्र् दे और र्ुटों में स्पधात्मक वार्ावरण र्ैर्ार करें ।
आओ अभ्र्ास करें
पाठशाला से घर आर्े समर् पाठशाला में होनेवाली र्नर्नवनधर्ों के बारे में दो नमत्र / सहेनलर्ों के
बीि होनेवाला वार्ालाप अपने शब्दों में नलखो।
आओ सृजन करें
कल्पना के िारा पंछी और वृक्ष के बीि का संवाद पाँि -छह पंक्क्र्र्ों में नलखो l
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क्षेत्र - भाषण
नदन-८ कौशल/र्ोग्र्र्ा-मौनखक भाषा नवकास
अपेनक्षर् कौशल
➢ भाषा की बारीनकर्ों से /ढं र् पर ध्र्ान दे र्े हु ए साथतक वाक्र् बर्ार्े हैं , र्था , लर् -र्ाल,
आरोह-अवरोह, हावभाव के साथ पठन करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
1) छात्रों को, दृश्र् रूप में न होकर भी एहसास नदलानेवाली मस्र् हवा की अठखेनलर्ों की जानकारी दें l
2) कनवर्ा का लर् -र्ाल के साथ सस्वर र्ार्न करें l
आओ सक्षम बनें
छात्रों को रामनरेश नत्रपाठी जी िारा नलनखर् " र्ब र्ाद र्ुम्हारी आर्ी है “ र्ह प्रकृनर्
नित्रण की कनवर्ा सुनाए l
आओ सृजन करे
अपेनक्षर् कौशल
➢ सुने हु ए वाक्र्, उससे संबंनधर् अन्र् वाक्र्, रिना के पनरप्रेक्ष्र् में कहे र्ए नविार,
वाक्र्ांशों का अनुमान लर्ार्े हु ए समझकर अपने अनुभवों के साथ बोलर्ा है ।
आओ पर्ा करें
“ नजन शब्दों से नकसी व्र्क्क्र्, वस्र्ु, प्राणी ,भाव र्ा स्थान का बोध होर्ा है उसे
संज्ञा कहर्े है ।”
संज्ञा के प्रकार
व्र्क्क्र्वािक संज्ञा जानर्वािक संज्ञा भाववािक संज्ञा िव्र्वािक संज्ञा समदहवािक संज्ञा
आओ सक्षम बनें
अध्र्ापक कृनर् :- बोडत पर कुछ उदाहरण दे कर छात्रों को ननम्ननलनखर् र्ानलका में नलखने
के नलए कहें ।
जैसे - लड़का, िाँदी, र्ुलदस्र्ा, र्ुस्सा, र्ेहदँ , भीड़ , मोहन, खुशी, लोहा, पेड़
खीर
क्रोध
प्रेमिंद
संज्ञा
सेना लड़का
आओ सृजन करें
२) नर्लास मे थोड़ा दद ध है । ( )
३) लड़की आम खा रही है । ( )
अपेनक्षर् कौशल
➢ नवनवध प्रकार की रिनाओं ( र्ीर् , कथा , एकांकी , नरपोर्ाज , ननवेदन , ननदले श ) आनद को
आकलनसनहर् सुनर्े हैं , पढ़कर समदह में ििा करर्े हैं र्था सुनार्े हैं ।
आओ पर्ा करें
आओ अभ्र्ास करें
आओ सृजन करें
https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - लेखन
अपेनक्षर् कौशल
➢ नकसी दृश्र् को दे खने, अनुभवों की मौनखक / नलनखर् सदिनाओं को आलेख रूप में पनरवर्मर्र्
करके अनभव्र्क्र् करर्े हैं र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं ।
आओ पर्ा करें
छात्रों से नित्रों का ननरीक्षण करवाएँ । नित्र में कौन-कौन-सी घटनाएँ घटी होंर्ी,
उन्हें अन्र् नित्रों एवं घटनाओं के आधार पर कहानी का आधुननकीकरण कर के नलखने के
नलए प्रेनरर् करें और उनिर् शीषतक दे ने के नलए कहें ।
आओ अभ्यास करें
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आओ सृजन करें
ननम्ननलनखर् कहानी अपने शब्दों में पदणत कीनजए | उसे उनिर् शीषतक दो | र्था उससे
नमलनेवाली सीख नलखो |
आनंद और ख़ुशी दोनों भाई-बहन थे | अपनी नक्रसमस की छु निर्ाँ मनाने अपने
पनरवार के साथ सेलम आए थे | उनके रहने की व्र्वस्था पहानडर्ों पर की र्ई थी |
पर्तटन क्षेत्र होने की वजह से वह इलाका बहु र् ही सुनसान था | आनंद और ख़ुशी
उनके बंर्ले की छर् पर आकाश ननरीक्षण कर रहें थे | अिानक नटमनटमार्े नसर्ारों
के बीि उन्होंने एक अनजान वस्र्ु को उड़र्े हु ए दे खा और ...............................
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अपेनक्षर् कौशल
➢ सुने हु ए वाक्र्, उससे संबंनधर् अन्र् वाक्र्, रिना के पनरप्रेक्ष्र् में कहे र्ए नविार,
वाक्र्ांशों का अनुमान लर्ार्े हु ए समझकर अपने अनुभवों के साथ बोलर्ा है ।
आओ पर्ा करें
राम सुबह टहलने र्र्ा । उसने वहाँ पर एक बड़ा साँप दे खा, उसे दे खकर जोर-
जोर से वह नििंाने लर्ा । राम लोर्ों से कहने लर्ा, "मैंने र्हाँ पर साँप दे खा ।"
“ एक ही संज्ञा का बार-बार प्रर्ोर् करने के बजार् उसकी जर्ह पर कुछ खास शब्दों का
प्रर्ोर् नकर्ा जार्ा है । ऐसे शब्दों को हम सवतनाम कहर्े हैं |“
आओ सक्षम बनें
मुन्नी : दे ख नीना, आज मैं ने अम्मा से आटा, घी, दाल, दही, सार्, िीनी, मक्खन र्े सब िीजें ले ली
है। िल, रोटी का खेल खेलें।
नीना: हाँ,खदब मजा आएर्ा। िलो, उन लोर्ों को भी बुलार्ी हदँ। अरे िुन्नद हटकद, सरला इधर
आओ। अब हम सब रोटी का खेल खेलेंर्े।
सब : हा- हाँ, र्ह ठीक है।
मुन्नी: हाँ, र्ो सरला, र्द क्र्ा करेर्ी।
सरला : मैं र्ो र्ेरे संर् रोटी बनाऊँर्ी।
➢ पनरच्छे द में अधोरेनखर् शब्द नकन संज्ञाओं के नलए प्रर्ुक्र् नकए हैं ।
वे शब्द ननम्ननलनखर् संज्ञा के नलए पदछे र्ए हो र्ो ( (√ )र्े निहन लर्ाएँ
मुन्नी [ ] नीना [ ]
आओ अभ्र्ास करें
❖ ननम्ननलनखर् पनरच्छे द मे संज्ञा और सवतनाम हैं उन्हे ढद ँ ढ़कर दी र्ई र्ानलका में नलखो |
हिकी से र्ननक र्ािना करो । वह र्ुम्हें बंधन से बिाएर्ी । जाल काट, बाहर ले आएर्ी ।
टीनद- मीनद ने कहा, “हम आजाद हो रहे , अहा ! मौसी, िुसकद- मुसकद को बुलाओ । सभी
नमलकर हमें बिाओ ।“
सिंज्ञा सर्वनाम
आओ सृजन करे
अपेनक्षर् कौशल
➢ नवनभन्न स्थानीर् सामानजक एवं प्राकृनर्क मुद्दों / घटनाओं के प्रनर् निनकत्सक नविार करर्े हु ए
नवषर् पर ििा करर्े हैं ।
आओ पर्ा करे
आओ सक्षम बनें
आओ सृजन करें
नदन-१५
अंक - १५
र्द्य नवभार्
मैंने कल र्ुमसे बार् की थी। मेरे सुख-दु ख के बारे में पदछा। धन्र्वाद। मन में बहु र् सी
बार्ें हैं, फोन पर सब कुछ कहना मुक्श्कल है। सोिा; बस एक पत्र नलखो। अब मैं अपना दु ख क्र्ों
रोऊँ इस बार कुछ अच्छी बार्ें आपसे साझा करना िाहदँर्ा। 'नडनजटल' क्रांनर् का थोड़ा सा असर
हमारे र्ाँव में भी नदखने लर्ा है । - र्ाँव वालों को भी नशक्षा, स्वास्थ्र् के बारे में थोड़ा बहु र् पर्ा िल
र्र्ा है , रोजर्ार, नए कृनष उपकरण और आधुननक खेर्ी के र्रीके। समस्र्ाएँ अभी भी हैं। मुझे पीने
का पानी लाने के नलए ददर-दद र जाना पड़र्ा है। मेरे पास स्कदल हैं लेनकन उनके पास आवश्र्क
सुनवधाएँ नहीं हैं।
गाँर् सिंबध
िं ी सरकारी पररयोजना
पद्य नवभार्
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व्र्ाकरण नवभार्
प्रश्न ३ १) अधोरेनखर् शब्दों के हलर् बदलकर वाक्र् में प्रर्ोर् करो । १ अंक
उपर्ोनजर् लेखन
आठवीं कक्षा में एक-दद सरे का पनरिर् करार्े हु ए छात्र र्ण और र्ुरूजी के बीि होनेवाला संवाद :
र्ुरूजी :- नमस्र्े छात्रों , आज पाठशाला का पहला नदन है | हम एक-दद सरे का पनरिर् करार्े
हैं l हम पहले लड़कों से शुरुवार् करर्े हैं | सभी नवद्याथी अपना नाम बर्ाकर अपना पनरिर् दें |
राकेश(छात्र)- ......................................................................................................
र्ुरूजी:- . ......................................................................................................
श्र्ामला(छात्रा):-...................................................................................................
क्षेत्र -भाषण -वािन
नदन-१६ और १७
कौशल / क्षमर्ा -नाट्य वािन
संबोध -नाट्यीकरण
अपेनक्षर् कौशल
आओ पर्ा करें
नींदपरी : और र्ह सुनील ...र्ह घर में िार् की कप-प्लेटें र्ोड़कर और अपनी माँ से नपटकर सोर्ा
था ।
रार्रानी : इन्हें अपराध के अनुसार दं ड दें र्े । (सुनील से) र्ुम्हें सफाई दे नी होर्ी । समझे, नहीं र्ो
सजा दी जाएर्ी।
नींदपरी : र्ह अपनी माँ का कहना नहीं मानर्ा । खाने के समर् खाना नहीं खार्ा । र्ह खेलने के
समर् खेलर्ा नहीं, पढ़ने के समर् पढ़र्ा नहीं, कोई काम समर् पर नहीं करर्ा ।
रार्रानी : जवाब दो ।
सुनील : (भोलेपन से) अच्छे बच्िे बड़ों को जवाब नहीं दे र्े इसनलए मैं जवाब नहीं ददँ र्ा ।
नींदपरी : र्ह बड़ों को ‘‘"र्द" कहर्ा है , उनका आदर नहीं करर्ा । दद सरों को पीटर्ा है ।
सुनील : अच्छा, मैंने आपको ‘‘"र्द" कहा क्र्ा? मैंने आपको पीटा क्र्ा? र्ह र्ो झदठ-मदठ कहर्ी है ।
रार्रानी : दे खो र्ुमने इन्हें ‘‘कहर्ी है ’’ कहा है , जबनक र्ुम्हें कहना िानहए था- ‘‘कहर्ी हैं ’’ ।
(र्ुस्से से) र्ुम
बड़ों का मजाक उड़ार्े हो । हम र्ुम्हें कड़ी से कड़ी सजा दें र्े। (र्भी अननल रो पड़र्ा है । सब बच्िे
िौंककर उधर दे खर्े हैं और सभी र्ला फाड़कर रो पड़र्े हैं ।) क्र्ों रोर्े हो ? (नििंाकर) िुप रहो,
वरना ...... (रार्रानी र्ुस्से से कॉ
ं पने लर्र्ी हैं । )
अननल: सुनील भैर्ा को कड़ी सजा मर् दो ! (रोने लर्र्ा है । उसके साथ सब रोने लर्र्े हैं ।)
रार्रानी: अच्छा-अच्छा... कड़ी सजा नहीं दें र्े, िुप र्ो हो जाओ ! अननल र्ुम सबसे अनधक रोर्े हो ।
क्र्ों?
अननल: रोने से खाने को लडडद नमलर्े हैं । (सब हँस पड़र्े हैं ।)
रार्रानी: हम र्ुम्हारी माँ को कहेंर्ी नक रोने पर र्ुम्हें डाँटा करें , र्ुम्हारी बार् न माना करें - र्ब ?
अननल: र्ब ....र्ब मैं और जोर-जोर से रोऊँर्ा ।
सुनील: रोने से हमको बर्ाशे नमलर्े हैं इसनलए हम रोर्े हैं ।
रार्रानी: र्ह बुरी बार् है । हमेशा र्ुम्हें रोने पर बर्ाशे नहीं नमलेंर्े ।
सुनील: (रुआँसा होकर) आप क्षमा करें । मैं अब कभी कोई शैर्ानी नहीं करूँर्ा ।
आओ अभ्र्ास करें
➢ अध्र्ापक छात्रों से अंर्रजाल की सहार्र्ा से नाटक लघु एकांनकका नलखने के नलए कहें l
➢ छात्रो से अनभनर् र्ा नकल करवाएँ l
➢ इस पाठ के नलए अध्र्ापक दृक-श्राव्र् माध्र्म का उपर्ोर् करें l
अपेनक्षर् कौशल
➢ छात्र भाषा व्र्ाकरण के नवनभन्न घटकों की पहिान करर्ा हैं और उनका उपर्ोर् करर्ा हैं ।
➢ साथ ही नलनखर् रूप से संग्रह करेर्ा ।छात्र पाठ्यपुस्र्क को पढ़े र्ा और व्र्ाकरण के घटकों का
आवश्र्क ज्ञान प्राप्र् कर उसका उपर्ोर् करर्ा हैं ।
आओ पर्ा करें
➢ अध्र्ापक कृनर् :- बोडत पर नलखें वाक्र्ों को पढ़lएँ और समझाएँ | र्ाजा सेब, होनशर्ार
लड़का, िर्ुर लोमड़ी. दों सहेनलर्ाँ
र्हाँ 'र्ाजा' 'होनशर्ार ' 'िर्ुर ' 'दों ‘ र्े सारे शब्द नकसी बार् की ओर इशारा
कर रहे हैं । अध्र्ापक छात्रों से प्रश्न पदछें ।
शब्द की नकसी खास बार् की ओर इशारा करने वाले शब्दों को हम क्र्ा कहेंर्े ?
संज्ञा के बारें में नवशेषर्ा बर्ाने वाले शब्दों को नवशेषण कहर्े हैं ।
आओ सक्षम बनें
नवशेषण के भेद-
१) संख्र्ावािक -व्र्क्क्र् र्ा वस्र्ु की नवशेषर्ा 'संख्र्ा' के रूप में बर्ार्ा है । उदा. -दो,
िार , कुछ, कई आनद
२) र्ुणवािक -संज्ञा की र्ुण नवशेषर्ा बर्ार्ा है । उदा.- उदा. - बहादु र , होनशर्ार, सुंदर
, र्ुलाबी , र्ोल, मोटा, काला आनद
३) पनरमाणवािक - संज्ञा र्ा सवतनाम शब्दों का माप र्ौल बर्ाने वाले शब्द । उदा -
थोडा, कम , र्ीन लीटर , एक नकलो
४) सावतनानमक - व्र्क्क्र् र्ा वस्र्ु की नवशेषर्ा बर्ार्े है । हकर्ु र्ह सवतनाम होर्े हैं i
आओ सृजन करे
अपेनक्षर् कौशल
➢ रूपरे खा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद , पत्र , ननबंध , वृत्तांर् , नवज्ञापन आनद का वािन एवं लेखन करर्े हैं
घटना , नवज्ञापन, कहानी आनद का वािन एवं लेखन करर्े हैं l
आओ पर्ा करे
अध्र्ापन कृनर् – कहानी लेखन के प्रकार समझाएँ | छात्रों की कल्पनाशक्क्र् को बढ़ावा दें |छात्रों को
कहानी के मुद्दों का नवस्र्ार र्था कहानी से प्राप्र् सीख र्था शीषतक अंर् समझाएँ | छात्रों को
समझाएँ नक कहानी भदर्काल में नलखी जाएँ | कहानी का मुखर वािन करवाएँ |
•
❖ ननम्ननलनखर् मुद्दों के आधार पर लर्भर् 70 से 80 शब्दों में कहानी नलखकर उसे उनिर् शीषतक दीनजए
र्था सीख नलनखए ।
1. एक ग्वाला - दद ध बेिना - बेईमानी - दद ध में पानी नमलाना - पत्नी का समझाना - लालि - नदी पर
रुकना - पैसों की थैली नकनारे पर- बंदर का उठाना - पैसे फैकना - कुछ पानी में- ग्वाले का रोना- रे र्
पर पड़े पैसे उठाना - पानी के पैसे पानी में - पछर्ाना - सीख पानी का पैसा पानी में
सीख : - इस कहानी से र्ह सीख नमलर्ी है नक हमें झदठ , फरे ब र्था बेईमानी से कोई व्र्वहार नहीं करना
िानहए ।
आओ सक्षम बनें
आओ अभ्र्ास करें
ननम्ननलनखर् मुद्दों के आधार पर कहानी नलनखए | उसे उनिर् शीषतक दीनजए र्था उससे नमलनेवाली
सीख नलखो |
एक खरर्ोश - सबकी आँख बिाकर झाड़ी में नछपना - वन में नशकारी कुत्ते का आना - झाड़ी में
सदंघना - जार्ना - भार् जाना - खरहे को न पकड़ पाना - दौड़ना - कंटीली झाडी में नछप जाना में -
भार् जाना - कुर्ा ननराश - लोमडी का दे खना - खरर्ोश से हारना - कुत्ते को हँसना कहना - भोजन
के नलए दौडना - उसका जान बिाने के नलए दौडना - सीख ।
आओ सृजन करें
छात्रों के िार अथवा पाँि र्ुट बनाकर उनके र्ुट प्रमुख को एक निट्ठी िुनने के नलए कहें , नजसमें
कहानी की शुरुवार्ी और अंनर्म पंक्क्र् दें | छात्रों को एक मजेदार कहानी नलखने के नलए कहें |
पदरक सानहत्र् स्रोर्
अपेनक्षर् कौशल
दै ननक कार्त ननर्ोजन एवं व्र्वहार में प्रर्ुक्र् मुहावरों, कहावर्ों, नए शब्दों को सुनर्े हैं l
मौनखक रूप से प्रर्ोर् करर्े है र्था नलनखर् रूप से संग्रह करर्े हैं l
: आओ पर्ा करें
➢ अध्र्ापक कनवर्ा में नदए नवनवध उदाहरण जीवन की समस्र्ा और उनकी शािर्र्ा बर्ाएँ l
➢ नवद्यार्मथर्ों से कनवर्ा का र्ार्न करवाएँ जीवन में ननराश न होकर प्रसन्न रहने का प्रर्ास
करना िानहए र्ह समझाएँ l
आओ सक्षम बनें
आओ सृजन करें
❖ र्नद सदरज का प्रकाश न होर्ा र्ो वनस्पर्ी, पशु-पक्षी, मानव पर पडनेवाला प्रभाव ििा करें l
https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र - लेखन
नदन-२१ कौशल / क्षमर्ा- स्व अनभव्र्क्क्र्
संबोध - अनुवाद लेखन
अपेनक्षर् कौशल
➢ पढ़ी हु ई सामग्री पर हिर्न करर्े हु ए बेहर्र समझ के नलए र्था नकसी पनरनिर् / अपनरनिर् के
साक्षात्कार हेर्ु प्रश्न ननर्ममर् करर्े हैं र्था नकसी अनुच्छे द का अनु वाद एवं नलप्र्ंर्रण करेंर्े l
आओ पर्ा करें
अध्र्ापक कृनर् :- प्रस्र्ुर् पनरच्छे द को बोडत पर नलखें | एक-एक वाक्र् का मुखर वािन करके
मार्ृभाषा में अनुवाद करें और अनुवाद की अवधारणा समझाएँ |
सरोनजनी नार्डद स्वर्ंत्र भारर् में उत्तर प्रदे श की पहली मनहला राज्र्पाल थीं। वह
बिपन से ही मजबदर् बुनद्ध की लड़की थी। बारह साल की उम्र में उन्होंने मैनरक की परीक्षा पास की
और र्ेरह साल की उम्र में उन्होंने “लेडी ऑफ द लेक” नाम से र्ेरह सौ पंक्क्र्र्ों की एक अंग्रेजी
कनवर्ा नलखी।
नकसी भाषा में कहीं र्ई बार् का नकसी दद सरी भाषा में साथतक पनरवर्त न अनुवाद कहलार्ा हैं |
❖ आओ सक्षम बनें
छात्रों को ननम्ननलनखर् शब्दों का हहदी भाषा में अनुवाद करने के नलए कहो |
मराठी शब्द अंग्रेजी शब्द हहदी शब्द मराठी शब्द अंग्रेजी शब्द हहदी शब्द
54
आओ अभ्र्ास करें
छात्रों को मार्ृभाषा में अनुवाद करने के नलए कहें | कनठन शब्द के अनुवाद की कक्षा में ििा
करें | र्ानलका भी पदणत करने की सदिना दें |
अपने जीवन को अनधक सुखी र्था सुंदर बनाने की खोज में मनुष्ट्र् ने प्लाक्स्टक को खोज
ननकाला है । प्लाक्स्टक कोई धार्ु नहीं है । र्ह र्ो कोर्ला , पानी , िदना , र्ंधक , क्लोरीन आनद
पदाथों के नमश्रण से बनार्ा जार्ा है । प्लाक्स्टक के घोल में काबामाइड नामक रसार्न नमला
दे ने पर र्ह काँि के समान पारदशतक बनर्ा है । प्लाक्स्टक अत्र्ंर् उपर्ोर्ी र्ो है , पर उसका
अत्र्नधक उपर्ोर् हाननकर होर्ा है । इससे प्रदद षण भी फैलर्ा है । अर्ः इसका प्रर्ोर्
सावधानीपदवक
त करना िानहए ।
• नकसी हहदी नसनेमा र्ीर् को उसी लर् और र्ाल में अपनी मार्ृभाषा में र्ाएँ |
सार्वीं पाठ्यपुस्र्क
https://diksha.gov.in/dial/L3SSI5
क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
कौशल/र्ोग्र्र्ा- नक्रर्ा, नलखने
में सक्षम होने के हे र्ु ।
नदन-२२ संबोध - नक्रर्ा के भेद
अपेनक्षर् कौशल
आओ पर्ा करें
हम जो काम करर्े हैं र्ा हमें जो काम करने के नलए नदए जार्े हैं उसे 'नक्रर्ा' कहर्े हैं ।
❖ आओ सक्षम बनें
▪ छात्रों आप कौन- कौन से काम करर्े हो । कामों की सदिी र्ैर्ार करो । नलखो ।
नक्रर्ा के भेद-
नक्रर्ा
सकमतक अकमतक
१) सकमतक - “नजस नक्रर्ा में कमत पार्ा जार्ा है , वह सकमतक नक्रर्ा होर्ी है ।
जैसे - मोहन नकर्ाब पढ़ाई कर रहा है ।
२) अकमतक - “नजस नक्रर्ा में कमत नहीं पार्ा जार्ा है , वह अकमतक नक्रर्ा होर्ी है ।
जैसे - नवजर् खेल रहा है ।
आओ अभ्र्ास करें
आओ सृजन करें
अपेनक्षर् कौशल
➢ सुने हु ए वाक्र् उससे संबंनधर् अन्र्, वाक्र् ,रिना के पनरप्रेक्ष्र् में कहे र्ए नविार ,वाक्र्ांशों का
अनुमान लर्ार्े हु ए समझकर अपने अनुभवों के साथ संर्नर्,सहमनर् र्ा असहमनर् का अनुमान
लर्ाकर अपने नविार अनभव्र्क्र् करेंर्े l
:
आओ पर्ा करें
अध्र्ापक कृनर् :-
आओ सृजन करें
सार्वीं पाठ्यपुस्र्क
https://diksha.gov.in/dial/L3SSI5
क्षेत्र - लेखन
नदन-२४ कौशल / क्षमर्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्
संबोध - अनौपिानरक लेखन
अपेनक्षर् कौशल
➢ रुपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तांर्, घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं
लेखन करर्े हैं | नवषर् को ध्र्ान में रखर्ें हु ए अनौपिानरक पत्रलेखन करर्े हैं |
आओ पर्ा करें
ननम्ननलनखर् पत्र का मुखर वािन करें | अनौपिानरक पत्र नमत्रों ,मार्ा-नपर्ा , अन्र् ननजी संबंनधर्ों
को नलखा जार्ा है | छात्रों को समझाएँ नक इस र्रह के पत्रों में व्र्क्क्र् अपनी भावनाओं, नविारों को
र्था सदिनाओं को नलखर्ा हैं | इन पत्रों की भाषा बहु र् ही सरल, सहज और मधुर होर्ी हैं |
पुस्र्क खरीदने के नलए रुपर्े भेजने का अनुरोध करर्े हु ए नपर्ा को एक पत्र नलखो।
२२.६.2०२१
सुशील राणे,
२६, कोथरुड,
पुणे ।
sushilrsne@gmail.com
आदरणीर् नपर्ाजी ,
सादर प्रणाम ! आशा है , आप स्वस्थ और कुशल होंर्े । घर में सब प्रकार का आनंदमंर्ल होर्ा । मैं भी र्हाँ
कुशलर्ा पदवक त अध्र्र्न में लीन हद ँ । नपर्ाजी , इस बार हहदी र्था नवज्ञान के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव
हु आ है । इस कारण मुझे दो नई पुस्र्कें खरीदनी होर्ी । इस नलए मेरे पास पैसे नहीं हैं । कृपर्ा आप ₹
500 की रानश र्थाशीघ्र नभजवा दें र्ानक अध्र्र्न में बाधा न पहु ँ िे । शेष शुभ ! मार्ा जी को मेरा सादर
नमस्कार कहें र्था नपनद को स्नेह !
केर्की |
आदशत छात्रावास,
मुंबई ५७ |
ketkirane@gmail.com
आओ सक्षम बनें
पत्रलेखन का प्रारूप बर्ाकर पत्रलेखन के प्रमुख अंर्ों की जानकारी दें | छात्रों को नवषर् दे कर प्रारूप
के अनुसार कक्षा में ििा करें र्था पत्रलेखन करवाएँ |
पत्र का प्रारूप
( अनौपिानरक पत्र )
नदनांक
नाम ..................
(नजन्हें पत्र नलखना है उनका )
..................
..................
ई-मेल आईडी.................................
संबोधन
अनभवादन .
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--------------------------------------------------------------------------------------
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--------------------------------------------------------------------------------------
................................................................................................................
र्ुम्हारी /र्ुम्हारा ............
हस्र्ाक्षर ...........
नाम :...............
( जो पत्र नलख रहा है उसका )
पर्ा : ...............
......................
ई-मेल आईडी : .........................
आओ अभ्र्ास करें
अध्र्ापक कृनर् :- छात्रों से र्ानलका पदणत करने हेर्ु कक्षा में प्रश्न पदछें र्था ििा करें |
आओ सृजन करें
https://diksha.gov.in/play/content/do_3130305762040217601445?referrer=utm_source%3
Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
क्षेत्र-श्रवण, भाषण
कौशल्र्/क्षमर्ा-मौनखक भाषा
नदन-२५ नवकास
संबोध-कनवर्ा ,र्ीर्
अपेनक्षर् कौशल
➢ नकसी नित्र र्ा दृश्र् को दे खने ,अनुभवों की मौनखक /नलनखर् सदिनाओं को आलखे रूप में
पनरवर्मर्र् करके अनभव्र्क्र् करर्े है र्था उसका सारांश लेखन करर्े हैं l
: आओ पर्ा करें
अध्र्ापक कृनर् :-
आओ सृजन करें
अपेनक्षर् कौशल
नदए र्ए आशर् का शाक्ब्दक और अंर्ननर्महर् अथत श्रवण करर्े हु ए उच्िारण, उनिर् बलाघार्, र्ान-
अनुर्ान एवं र्नर् सनहर् मुखर एवं मौनवािन करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
बालासोर में अंर्नरम परीक्षण का काम पदरा होने में अब भी कम-से कम एक साल की दे र थी । हमने
पृथ्वी के प्रक्षेपण के नलए श्री हनरकोटा अंर्नरक्ष केंि में नवशेष सुनवधाएँ स्थानपर् की । इनमें से एक
लॉन्ि पैड, ब्लॉक-आऊस, ननर्ंत्रण उपकरण र्था िनलर् दद र- नमनर् केंि शानमल थे ।
पृथ्वी उपग्रह की पच्िीस फरवरी उन्नीस सौ अट्ठासी की सुबह ग्र्ारह बजकर र्ेईस
नमनट पर छोड़ा र्र्ा ।र्ह दे श के रॉकेट नवज्ञान के इनर्हास में एक र्ुर्ांर्रकारी घटना थी । ननदले नशर्
नमसाइलों के क्षेत्र में एक आत्मननभतर दे श के रुप में उद्भव ने संसार के सभी नवकनसर् दे शों को नविनलर्
कर नदर्ा । सामथ्र्तशील नार्नरक अंर्नरक्ष उद्योर् और व्र्वहार्त नमसाइल आधानरर् सुरक्षा प्रणानलर्ों ने
भारर् को िुहनदा राष्ट्रों के समदह में पहुँिा नदर्ा था ।
“अक्ग्न” का प्रक्षेपण बीस अप्रैल उन्नीस सौ नवासी को ननधानरर् नकर्ा र्र्ा । र्ह एक
अभदर्पदवत अभ्र्ास होने जा रहा था । अंर्नरक्ष प्रक्षेपण र्ान के नवपरीर् नमसाइल प्रक्षेपण में व्र्ापक स्र्र
पर सुरक्षा संबंधी खर्रे शानमल होर्े हैं । प्रक्षेपण की पदवत र्ैर्ारी की सारी र्नर्नवनधर्ाँ र्र् कार्तक्रम के
अनुसार पदरी हो र्ई थी ।
▪ पनरच्छे द के आधार पर मौनखक रुप में प्रश्न - उत्तर र्था शीषतक पदछें।
आओ सक्षम बनें
मैं सुबह छह बजे उठर्ा हदँ । हाथ-मुँह धोकर दाँर् साफ करर्ा हद । इसके बाद मै
कसरर् करर्ा हदँ । दद ध पीकर एक घंटा पढ़ाई़़ करर्ा हदँ । नहा-धोकर नाश्र्ा करने के
पिार्र् समर्-सानरणी के अनुसार अपनी पुस्र्कें, कानपर्ाँ बस्र्े में रखर्ा हदँ । नफर घर
के कामों में हाथ बँटार्ा हदँ और भोजन का नडब्बा लेकर नवद्यालर् जार्ा हदँ ।
नवद्यालर् जाना १)
सुबह उठना २)
नाश्र्ा करना ३)
कसरर्ा करना ४)
दद ध पीना ५)
पुस्र्कें बस्र्े मे रखना ६)
नहाना ७)
घर के कामों में हाथ बँटाना ८)
आओ सृजन करें
• छात्रों को पाठ्यस्र्क के अपनठर् पनरच्छे द र्था अन्र् वािन सानहत्र् उपलब्ध करवाएँ ।
• छात्रों का र्ुट बनाकर पनरच्छे द के आधार पर प्रश्न र्ैर्ार करके दॢसरे से प्रश्न पदछें ।
अपेनक्षर् कौशल
❖ रुपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तांर्, घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं
लेखन करर्े हैं l
❖ रूपरेखा र्था शब्द संकेर्ों के आधार पर आलंकानरक लेखन र्था पोस्टर , नवज्ञापन में नवनवध
र्रीकों और शैनलर्ों का प्रर्ोर् करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
प्रस्र्ुर् नवज्ञापन लेखन का मुखर वािन करें | उदाहरण के र्ौर पर नवनभन्न विज्ञापन नदखाकर ििा
करें | शब्द और वाक्र् समझाएँ | नवज्ञापन लेखन में भाषा का महत्व समझाएँ | नवज्ञापन लेखन को
व्र्क्क्र्र्र् अनुभवों से जोड़े | नवज्ञापन लेखन से जुड़े नवषर् पर प्रश्न पदछे | पाठ के नीिे नदए उपक्रम के
बारे में बर्ाएँ |
आओ सक्षम बनें
( १ ) वस्र्ुओं की उपलक्ब्ध :- नवननर्ममर् ( नकसी भी वस्र्ु संबंधी ) जैसे- नकर्ाबें , कपड़े , घरेलद
आवश्र्क वस्र्ुएँ , उपकरण , फनीिर , स्टे शनरी , शालोपर्ोर्ी वस्र्ुएँ र्था उपकरण आनद
( २ ) शैनक्षक :- नशक्षा में संबंनधर् र्ोर्ासन र्था स्वास्थ्र् नशनवर , स्वच्छ , सुंदर शुद्ध नलखावट ,
नित्रकला , इंटरनेट र्था नवनवध ऐप्स आनद कलाओं से संबंनधर् अभ्र्ास वर्त , व्र्क्क्र्त्व नवकास
नशनवर आनद
आओ अभ्र्ास करें
• समािार पत्रों में आनेवाले नवनभन्न नवज्ञापनों संग्रह करें और उसे स्क्रैपबुक में निपकाएँ |
• टी.वी. और रेनडर्ो पर नवज्ञापन सुने और उनके र्ानों एवं नारों का सकलन करें उसे स्क्रैपबुक
में नलखें |
अपेनक्षर् कौशल
आओ पर्ा करें
अध्र्ापक कृनर् :- अध्र्ापक छात्रों को बोडत पर नलखे उदाहरण पढ़ने के नलए कहें ।
1) लड़की आज नहीं आई ।
2) लड़का आज नहीं आर्ा ।
3) लड़के आज नहीं आए ।
एकर्चन एकविन
बहु विन
पलु ् ग
िं स्त्रीहलर्
नजन शब्दों के रुपों में कर्ा के हलर्, विन और नक्रर्ा के काल के अनुसार कुछ भी पनरवर्तन
नहीं होर्ा है , उन शब्दों को अव्र्र् कहर्े हैं ।
आओ सक्षम बनें
▪ ननम्ननलनखर् कहानी पढ़कर कहानी में आए मोटे अक्षरवाले अव्र्र् के भेद पहिानो ।
एक र्ाँव में ब्राह्मण मंनदर के ननकट रहर्ा था। परंर्ु उसे मंनदर से र्ुजारे के नलए
थोड़ा- बहु र् धन नमलर्ा था। एक नदन ब्राम्हण अपनी आजीनवका की हिर्ा में सोिर्ा हु आ
धीरे -धीरे िला जा रहा था। रास्र्े में उसे एक धनी आदमी ने आटे से भरा पर्ाप्र् बर्तन नदर्ा।
ब्राह्मण प्रसन्नर्ापदवक
त घर आर्ा । उसने अपने नबस्र्र के आर्े बर्तन रख नदर्ा, खुशी के मारे
उसका बुरा हाल था। उसने बर्तन को एक कपड़े से ढका और नबना खाए सो र्र्ा। वह आटे
को बेिकर धनी आदमी बनने के सपने दे खने लर्ा । सपना दे खर्े - दे खर्े उसकी लाथ जोर
से बर्तन पर लर्ी बर्तन टद ट र्र्ा और सारा आटा नबखर र्र्ा। आटा नबखरने के बाद उसके
सपने भी नबखर र्ए।
आओ सृजन करें
अंर्रजाल की सहार्र्ा सें अव्र्र् के बारे में नवस्र्ार से जानकारी हानसल करो ।
नदन-३० कसौटी क्रमांक- २
अंक - १५
र्द्य नवभार्
न्र्ार् - अच्छी -
पद्य नवभार्
२ " बेटा - बेटी एक समान " इस नवषर् पर अपने नविार नलखो | २ अंक
व्र्ाकरण नवभार्
उपर्ोनजर् लेखन
अथवा
ननम्ननलनखर् मुद्दों के आधार पर नकसी साबुन कंपनी की ओर से नहाने के साबुन का नवज्ञापन बनाओ |
नाम, नवशेषर्ाएँ , छद ट , कीमर् , संपकत
क्षेत्र -वािन
अपेनक्षर् कौशल
➢ नदए र्ए आशर् का शाक्ब्दक और अंर्ननर्महर् अथत श्रवण करर्े हु ए उच्िारण,उनिर् बलाघार्,र्ान-
अनुर्ान एवं र्नर् सनहर् मुखर एवं मौनवािन करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
• एक नमननट में छात्र नें पढ़ी हु ई शब्द संख्र्ा काफी में नलख लें l
नवज्ञान ने मनुष्ट्र् को अनेक सुख सुनवधाएँ प्रदान नकए हैं , परं र्ु साथ -ही -साथ
अनेक अनभशाप भी नदए हैं l नवज्ञान के बल पर मनुष्ट्र् धरर्ी ,आकाश , अंर्नरक्ष, पवतर् , सदी , र्रमी
आनद पर काबद पा नलर्ा हैं l मनुष्ट्र् ने सुख-सुनवधा की अनेक वस्र्ुओं के आनवष्ट्कार नकए, परंर्ु
औद्योनर्क किरे से ननदर्ों , समुि ,र्ालाबों का पाणी प्रदद नषर् कर नदर्ा l पेड-पौधे नजनसे वार्ु
,फल,सब्जी,लकडी,दवाइर्ाँ,आनद प्राप्र् होर्े हैं , उन्हें भी अंधाधुंध काट डाला l पर्ावरण का संर्ुलन
नबर्ाड नदर्ा l र्ार्ार्ार् के साधन र्ो बनाए,परंर्द उनसे फैलने वाले नवषैले धुएँ पर ध्र्ान नहीं नदर्ा l
इसका दु ष्ट्पनरणाम र्ह हु आ है नक मौसम में अिानक बदलाव आने लर्ा हैं l समुि का आकार बढने
लर्ा है l हमारे िारों ओर प्रदद षण -ही-प्रदद षण हैं -- वार्ु प्रदद षण , जल प्रदद षण ,ध्वनन प्रदद षण ,नमिी
प्रदद षण आनद l प्रदद षण बढ़ने का मुख्र् कारण जनसंख्र्ा बढने से रहने की जर्ह ,रोटी, व्र्वसार्
आनद भी अनधक िानहए, इसनलए वनों का कटना र्था कारखानों का बढ़ना जारी हैं l
छात्र नकर्नी र्नर् से मौनवािन करर्े हैं ,पढ़ी हु ई शब्द संख्र्ा के अनुसार समज सकर्े हैं l
मौनवािन र्था उसकी र्नर् ,नविार ,आकलन आनद के बारे में मार्तदशतन करें l
आओ सक्षम बनें
आज स्वर्ंत्रर्ा नदवस है इस उपलक्ष्र् में हार्मदक बधाई ! पत्र नमला । र्ुम्हारी प्रर्नर् के बारे में
जानकरखुशी हु ई । नमत्र!पनरवर्तन सृक्ष्ट्ट का ननर्म है । भला र्ुम्हारी क्स्थनर् क्र्ों न बदलर्ी; धीरे-धीरे और भी
नवकास होर्ा।
धीरे -धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होर्,
माली सींिे सौ घड़ा, ॠर्ु आए फल होर् ।’
माना नक कुछ परे शाननर्ाँ हैं । वहाँ के पनरवार र्ेजी से मेरे र्हाँ आ रहे हैं परं र्ु र्हाँ आकर भी सब कहॉं
सुखी हैं ? निरार् र्ले अँधेरा है । नजन बक्स्र्र्ों में, नजन हालार्ों में वे रहर्े हैं, र्ुम सुनोर्े र्ो और बेिन
ै और
व्र्नथर् हो जाओर्े । मेरे र्हाँ की नदन-ब-नदन बढ़र्ी भीड़ से मैं परे शान हो उठा हद ँ । नजस िमक-दमक की बार्
र्ुम कर रहे हो, वह सबको कहाँ उपलब्ध है ? र्ुम्हारे र्हॉं से जो र्हाँ आर्े हैं , कई बार बाद में पछर्ार्े भी हैं ।
मैं िाहर्ा हद ँ नक र्ुम अपने लोर्ों को+ समर् रहर्े अपना महत्त्व समझाओ । “छोटा पनरवार-सुखी पनरवार’
की बार् अब उनकी समझ में आ जानी िानहए । र्ुम उन्हें बुराइर्ों से दद र रखकर नवनभन्न व्र्ावसानर्क कौशलों,
कंप्र्दटर संबध
ं ी जानकारी नवकनसर् करने की
र्रफ ध्र्ानदो । खेल र्ो ग्रामीण जीवन की
आत्मा है । दौड़ना,र्ैरना, पेड़ों पर िढ़ना-
उर्रना र्ो वहॉं के बच्िों की रर्-रर् में रिा-
बसा है । आज नकर्ने नवख्र्ार् नखलाड़ी र्ॉंव से
ही आर्े बढ़े हैं। उनका प्रोत्सानहर् करना
र्ुम्हारी नैनर्क नजम्मेदारी है । खेल संबंधी
मार्तदशतन दे कर हमारा दे श अंर्रराष्ट्रीर् स्र्र
पर प्रर्नर् कर सकर्ा है । अपने र्ॉंव को एक
पनरवार समझकर उसे नवकनसर् करने का प्रर्त्
प्रर्त्न करना होर्ा। र्ुम्हारी और मेरी समस्र्ा का मदल कारण नदनोंनदन बढ़र्ी आबादी, अनशक्षा और
र्रीबी है।
उपर्ुतक्र् पनरच्छे द के नलए समर् और शब्द संख्र्ा फलक पर नलखें l
अध्र्ापक पनरच्छे द के पॉि प्रश्न फलक पर नलखें
प्रश्न:-
१] शहर क्र्ों परेशान हो उठा ?
२] बुराइर्ों को दद र रखने के नलए नकस पर ध्र्ान दे ना होर्ा ?
३] ग्रामीण जीवन आत्मा कौन है?
४] दे श कौन-से स्र्र पर प्रर्नर् कर सकर्ा है ?
५] र्ाँव -शहर की समस्र्ा का मदल कारण क्र्ा है ?
आओ अभ्र्ास करें
अध्र्ापक छात्रों के नलए कहानी ,एकांकी, नकशोर मानसक बाल सानहत्र्, पत्र-पनत्रकाएँ आनद
सानहत्र् में से पनरच्छे द ननर्ुक्र् कर मौनवािन –र्नर्वािन करने के नलए कहें ।
आओ सृजन करें
https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र-श्रवण, भाषण
कौशल्र्/क्षमर्ा-मौनखक भाषा
नदन-३२ नवकास
संबोध-कनवर्ा ,र्ीर्
अपेनक्षर् कौशल
नदर्े र्र्े आशर् का शाक्ब्दक और अंर्र्मननहर् अथत श्रवण करर्े हु ए शुद्ध उच्िारण ,उनिर् बलाघार्,
र्ान- अनुर्ान एवं र्नर् सनहर् मुखर एवं मौन वािन करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
अध्र्ापक कृनर्
आओ अभ्र्ास करें
सार्वीं पाठ्यपुस्र्क
https://diksha.gov.in/dial/L5D3T1
क्षेत्र -श्रवण /भाषण
कौशल / क्षमर्ा -मौनखक
नदन-३३ अनभव्र्क्क्र्
संबोध - श्रवण कौशल्र्
अपेनक्षर् कौशल
❖ सुने हु ए वाक्र् उससे संबंनधर् अन्र् वाक्र् रिना के पनरप्रेक्ष्र् में कहे र्ए नविार ,वाक्र्ांश का
अनुमान लर्ार्े हु ए समझकर अपने अनुभन के साथ संर्नर्,सहमनर् र्ा असहमनर् अनुमान
लर्ाकर अपने नविार अनभव्र्क्र् करर्े हैं l
आओ पर्ा करें
ननम्ननलनखर् पनरच्छे द का स्वराघार्, बलाघार्, उर्ार- िढाव के साथ आदशत वािन करें ।
छात्रों से ध्र्ानपदवक
त सदनने के नलए कहें ।
हमारे मुख से उच्िनरर् शब्द हमारे िनरत्र बुनद्धमत्ता, समझ और संस्कारों का दशार्े हैं
इसनलए शब्दों के उच्िारण के पदवत हमें सोिना िानहए । कम-से-कम शब्दों में अथतपदणत बोलना और
नलखना एक कला है । वह कला नवनवध पुस्र्कों के वािन से, पनरश्रम से साध्र् हो सकर्ी है । मात्र एक
र्लर् शब्द के उच्िारण से वषो की दोस्र्ी में दरार पड़ सकर्ी हैं । अब नकस समर् , नकसके सामने,
नकस प्रकार के शब्दों का प्रर्ोर् करना िानहए इसे अनुभव, मार्तदशतन, वािन और संस्कारों िारा ही
सीखा जा सकर्ा है । सुंदर उपर्ुक्र् और अथतमर् शब्दों से जो वाक्र् परीक्षा में नलखे जार्े हैं , उस
कारण ही अच्छी श्रेणी प्राप्र् होर्ी है । अनाप-शनाप शब्दों का प्रर्ोर् हमेशा हाननकारक होर्ा है ।
अध्र्ापक, छात्र को श्रवण कौशल के ननर्म, नवशेषर्ाओं के बारे में मार्तदशतन करें l
आओ सक्षम बनें
❖ अध्र्ापक छात्रों से श्रवण कौशल के उद्देश्र् नवनधर्ाँ, महत्त्व और उन्हें नवकनसर् करने की
सानहत्र् सामग्री के बारेमें मार्तदशतन करें ।
श्रवण कौशल की नवनधर्ाँ ।
१. सस्वर वािन ४. कनवर्ा वािन
२. कहानी वािन ५. र्द्य पनरच्छे द वािन
३. भाषण नवनध ६. क्व्हनडओ क्क्लप
१ ग्रामोफोन
२. रेनडओ
३. दॢरदशतन
४. िलनित्र
५. टे परेकॉडत र
६. कम्प्र्दटर
आओ अभ्र्ास करें
वन राष्ट्र की संपनत्त होर्ी है । महाराष्ट्र में अलर् - अलर् प्रकार के वन हैं । उनमें छोटे - बडे ़़
वृक्ष होर्े हैं । आम, जामुन, सार्, मोह, बरर्द, नीम र्था बेर जैसे वृक्ष भी होर्े हैं । सार् की लकड़ी
मजबदर् होर्ी है । आम को राज्र् वृक्ष माना जार्ा है । वनों में बाघ, शेर, हाथी, नहरन, लोमड़ी,
खरर्ोश आनद प्राणी होर्े हैं । शेर जंर्ल का राजा माना जार्ा है । मोर, र्ोर्ा, मैना आनद पंछी वनों
में होर्े हैं । मोर को पंनछर्ों का राजा माना जार्ा है । उसे राष्ट्रीर् पक्षी र्ह सम्मान नमला है ।
महाराष्ट्र में भीमाशंकर वन है । र्हाँ “शेकरु” नाम का प्राणी होर्ा है । इसे अपने राज्र् का प्राणी माना
जार्ा है । भीमाशंकर से भीमा नदी का उद्र्म होर्ा है ।
दद रदशतन, सी.डी. र्ा र्द टर्दब पर नकसी शहीद जवान की शौर्त र्ाथा सुनो और कक्षा में सुनाओ ।
नदक्षा ॲप (कक्षा 7 वी ) “दादी माँ का पनरवार” कहानी सुनो और सुनाओ ििा करों ।
अपेनक्षर् कौशल
रूपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तांर्, नवज्ञापन आनद का वािन एवं लेखन
करर्े हैं घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं लेखन करर्े हैं |
आओ पर्ा करें
ननम्ननलनखर् वृत्तांर् का मुखर वािन करें | वृत्तांर् के ननर्मों को समझाएँ | नकसी घटना, समारोह
का नवस्र्ृर् वणतन जो नकसी को जानकारी दे ने हेर्ु नलखा जार्ा है , र्ह समझाएँ l
अपने इलाके में आर्ोनजर् नदव्र्ांर् नदवस समारोह का ६० से ७0 शब्दों में वृत्तांर् लेखन करो ।
(वृर्ांन्र् में स्थल , काल , घटना का उिंेख होना अननवार्त है )
रनववार नद . 3 नदसंबर , 2020 को समर्ा नर्र के मदन मोहन मालवीर् मैदान पर नदव्र्ांर् नदवस के
अवसर पर शाम िार बजे एक कार्तक्रम आर्ोनजर् नकर्ा र्र्ा । इस कार्तक्रम में शहर के कई
मान्र्वर उपक्स्थर् थे । कार्तक्रम की अध्र्क्षर्ा र्ुवा सेना के अध्र्क्ष श्री आनदत्र् जी ठाकरे ने नवभदनषर्
की । नदव्र्ांर् नदवस के उपलक्ष्र् में 2 नदसंबर को नर्रभवन में नदव्र्ांर् छात्रों के बीि नित्रकला एवं
ननबंध लेखन प्रनर्र्ोनर्र्ा का आर्ोजन नकर्ा र्र्ा था । प्रनर्र्ोनर्र्ा का नवषर् ' हमारे सामानजक
कर्तव्र् ' र्था ' धमो रक्षनर् रनक्षर्ः' र्र्ा था । नवजर्ी अभ्र्र्मथर्ों को समारोह में माननिन्ह और नकद
पुरस्कार दे कर सम्माननर् नकर्ा र्र्ा । अध्र्क्ष महोदर् ने अपने भाषण में समाज में नदव्र्ंर्ों के
आत्मसम्मान, सेहर् और अनधकारों को सुधारने के नलए और उनकी सहार्र्ा के नलए एक साथ होने
का नारा लर्ार्ा । नदव्र्ांर्ों के प्रनर् सामानजक सोि बदलने का आवाहन नकर्ा । सरकार िारा लार्द
नवकलांर् कल्र्ाण की र्ोजनाओं की र्ोजनाओं को समारोह में बर्ार्ा र्र्ा । “पदणत सहभानर्र्ा और
समानर्ा” की माँर् इस समारोह में की र्ई । नदव्र्ांर्ों को उनकी असाधारण उपलक्ब्धर्ों के नलए
सन्माननर् नकर्ा र्र्ा । साथ ही उन्हें कृनत्रम अंर् , नदव्र्ांर् प्रमाण पत्र , रेल्वे / बस पास का नवर्रण
भी नकर्ा र्र्ा । नदव्र्ांर् प्रनर्नननध सुरेश मांढरे िारा धन्र्वाद र्ापन के साथ ही कार्तक्रम का समापन
हु आ ।
आओ सक्षम बनें
वृत्तांर् नलखर्े समर् भाषण में नदए वाक्र्ों को -----------निह्न लर्ाकर नलखना िानहए l
आओ अभ्र्ास करें
ननम्ननलनखर् वृत्तांर् पर कक्षा में ििा करें और कापी में नलखने कहें |
➢ अपने नवद्यालर् में आर्ोनजर् ¨ स्वच्छर्ा अनभर्ान ʼ का वृत्तांर् नलखो |
वृत्तांर् में स्थल, काल, घटना का उिंेख आवश्र्क है |
आओ सज
ृ न करे
अर्र आप नकसी न्र्दज िैनल में नरपोटत र होर्े र्ो आप नकसी सड़क दु घतटना के समािार को नकस
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क्षेत्र-श्रवण, भाषण
अपेनक्षर् कौशल
❖ पाठ्यवस्र्द को पढने के दौरान समझर्े हु ए स्वर्ं के नलए आवश्र्क जानकारी, नित्र, वीनडर्ो,
क्क्लप ,नफल्म आनद अंर्रजाल पर खोज कर र्था औपिानरक अवसर पर संनक्षप्र् भाषण र्र्ार
करके नलनखर् वक्र्व्र् दे र्े हैं l नवनवध पत्र-पनत्रकाओं में उनके मुक्र्क, कनवर्ाएँ, र्ीर्,र्जल,
दोहे आनद के बारे में पढर्े हैं l
:
आओ पर्ा करें
➢ छात्रों को ननराशा के क्षणों में भी आशा के दीप जलाएँ रखने के नलए प्रेनरर् करें l
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आओ सृजन करें
सार्वीं पाठ्यपुस्र्क
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क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
कौशल/र्ोग्र्र्ा- लेखन प्रभावी
नदन-३६ बनाना
संबोध - काल के भेद
अपेनक्षर् कौशल
➢ छात्र नवनभन्न पठन सामनग्रर्ों में प्रर्ुक्र् पनरभाषाओं, सदत्रों आनद को समझर्े हु ए नवनवध
र्कनीकों का प्रर्ोर् करके अपने लेखन को अनधक प्रभावी बनाने का प्रर्ास करर्े हैं ।
आओ पर्ा करें
अध्र्ापक कृनर् :-
❑ छात्रों को घड़ी का नित्र नदखाकर 'काल' का पनरिर् करवाएँ।
जैसे -
1) रोहन पढ़ाई करर्ा है ।
2) रोहन ने पढ़ाई की ।
3) रोहन पढ़ाई करे र्ा ।
आओ सक्षम बनें
•अध्र्ापक कृनर्
आओ अभ्र्ास करें
▪ काल के भेद
काल
वर्तमानकाल -
“जो नक्रर्ा वर्तमान समर् में होर्ी है उसे वर्तमानकाल कहर्े है ।”
जैसे - श्र्ाम र्ाना र्ार्ा है ।
२) भदर्काल -
“ बीर्े हु ए समर् को भदर्काल कहर्े है ।“
जैसे - र्ोपाल ने पत्र नलखा ।
३) भनवष्ट्र्काल -
“ आने वाले समर् में जो नक्रर्ा होर्ी है उस नक्रर्ा को भनवष्ट्र्काल कहर्े है ।
जैसे - मैं पढ़ाई करुँर्ा ।
आओ सृजन करे
वाक्र् प्रकार
१) मैं भी आपके साथ िलदँर्ा ।
२) राम ने रावण को मारा l
३) मोहन मुरली बजार्ा है ।
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क्षेत्र -लेखन
नदन-३७ कौशल / क्षमर्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्
अपेनक्षर् कौशल
❖ र्द्यखंड का वािन करर्े हु ए केंिीर् भाव को समझर्े हु ए र्द्यखंड पर आधानरर् प्रश्नों का लेखन
करर्े हैं |
आओ पर्ा करें
कक्षा में नकसी छात्र से र्द्यखंड का मुखर वािन करवा लें | प्रश्नवािक शब्दों का प्रर्ोर् समझाएँ |
र्द्यखंड पर आधानरर् कौन-से प्रश्न पदछे जा सकर्े हैं , इसपर कक्षा में ििा करें | प्रश्नों के उत्तर न
नलखे |
ग्रामधम कपा ग्रामधमत का पहला लक्षण र्ो र्ह है नक र्ाँव के झर्ड़ों को आपस में ही ननपटाना िानहए
। पहले र्ो झर्ड़े ही न हों । मर्र जहाँ पाँि - पिास लोर् साथ रहर्े हैं , वहाँ झर्ड़ा हो ही जार्ा है ।
झर्ड़ा न होने की अवस्था एक ऐसा आदशत है , नजसे सब लोर् प्राप्र् नहीं करर्े । र्ाँव के अच्छे लोर्ों
के पास जाकर इसका फैसला कर लेना िानहए और उसको कबदल करना िानहए । झर्ड़ा करनेवाले
र्ो हम लोर् हों और फैसला कराने के नलए शहरवालों के पास जाएँ और वहाँ की अदालर् में पैसा
र्था समर् बरबाद करें , इसमें क्र्ा बुनद्धमानी है ? उल्टे इससे र्ाँव में मनमुटाव बढ़र्ा है । इस र्रह
काम नहीं िल सकर्ा । झर्ड़े को शहर में नहीं संकेर् दे खेर्ा , लेनकन उसके जमाने की भावना का
अंश वह आज भी दे हार्ों में जरूर दे खेर्ा , इसमें संदेह नहीं है ।
आओ सक्षम बनें
1. झर्डा न होने की _____ आदशत अवस्था लोर् प्राप्र् नहीं करर्े ? (कौन-सी / नकर्ना )
3. अदालर् में जाकर लोर् ____ बरबाद करर्े हैं ? (कैसा /क्र्ा )
आओ अभ्र्ास करें
❖ ऐसे प्रश्न र्ैर्ार करो नजनके उत्तर नीिे नदए र्ए शब्द हो |
1. भारर् :- -----------------------------------------------------------------
2. डॉक्टर :- ----------------------------------------------------------------
3. अंर्रजाल :- --------------------------------------------------------------
4. नावें :- --------------------------------------------------------------------
5. अमराई :- -----------------------------------------------------------------
6. माखन :- -----------------------------------------------------------------
7. र्ंर्ा :- --------------------------------------------------------------------
8. नटळक :- ------------------------------------------------------------------
आओ सृजन करें
प्रश्न कौशल्र् का प्रर्ोर् करर्े हु ए छात्रों को उनके पसंदीदा स्वार्ंत्र्र् सेनानी के बारे में पदछे | उनसे
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क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
नदन-३८ कौशल/र्ोग्र्र्ा- कारक निह्न
लेखन को अनधक प्रभावी बनाने का
प्रर्ास ।
संबोध - कारक निह्न
अपेनक्षर् कौशल
छात्र नवनभन्न पठन सामनग्रर्ों में प्रर्ुक्र् पनरभाषाओं, सदत्रों आनद को समझर्े हु ए
नवनवध र्कनीकों का प्रर्ोर् करके अपने लेखन को अनधक प्रभावी बनाने का प्रर्ास
करेंर्े ।
आओ पर्ा करें
उठो, मोहन स्कदल जाने में दे र हो जाएर्ी । हमें कभी आलस नहीं करना
िानहए वरना हिकी नक र्रह पछर्ाना पड़ेर्ा । हि की अपने भैय्र्ा की बार्ों पर
ध्र्ान नहीं दे र्ी थी । वह हमेशा दे र से उठर्ी थी । वह अपने भैय्र्ा के साथ स्कदल
जार्ा करर्ी थी ।
आओ सक्षम बनें
❖ अध्र्ापक कृनर् -
संवाद मे आए शब्द - में , नक, पर, के, र्था ने आनद
वाक्र् के पदों को नक्रर्ा से जोड़ने वाले र्े निह्न कारक कहलार्े हैं ।
❖ अध्र्ापक छात्रों को कारक की पनरभाषा बर्ाएँर्े ।
पनरभाषा - संज्ञा र्ा सवानम शब्दों के नजस रूप से उनका संबंध वाक्र् में प्रर्ुक्र् नक्रर्ा
र्था अन्र् शब्दों से जाना जार्ा हैं , उसे कारक कहर्े हैं ।
आओ अभ्र्ास करें
आओ सृजन करें
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क्षेत्र - लेखन
संबोध - ननबंधलेखन
अपेनक्षर् कौशल
➢ रुपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तांर्, घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं
लेखन करर्े हैं | दै ननक जीवन की नकसी घटना र्था क्स्थनर् पर सृजनात्मक ढं र् से नलखर्े हैं |
आओ पर्ा करें
अध्र्ापक कृनर् :- छात्रों को ननबंध के प्रकार समझाएँ | हनबंध के प्रकार, ननर्मों एवं महत्व से छात्रों
को अवर्र् कराएँ | पदवज्ञ
त ान पर आधारीर् प्रश्न पदछकर नवषर् के प्रनर् आक्त्मर्र्ा का भाव ननमाण
करें | ननबंध की ििा करर्े समर् उससे संबंनधर् शब्दसंपदा को बोडत पर नलखे |
अध्र्ापक कृनर् :- नित्र नदखाकर वषा ऋर्ु इस वणतनात्मक ननबंध से जुड़ी घटनाएँ र्था शब्द संपदा से
अवर्र् कराएँ |
आओ सृजन करें
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source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
क्षेत्र-मौनखक भाषा नवकास
कौशल्र्/क्षमर्ा- श्रवण, भाषण
नदन-४०
संबोध-कनवर्ा ,र्ीर्
अपेनक्षर् कौशल
➢ नलनखर् संदभत में अस्पष्ट्टर्ा संर्ोजन की कमी, नवसंर्नर् ,असमानर्ा र्था अन्र् दोषों को
पहिानकर वािन करर्े हैं l उसमें नकसी हबदु को खोजकर अपनी संवद
े ना ,अनुभनद र् , भावना
अनधक उपर्ुक्र् ढं र् से संप्रेनषर् करेंर्ें l
आओ पर्ा करें
:
आओ सक्षम बनें
आओ सृजन करें
https://diksha.gov.in/dial/L3A1EU
क्षेत्र -श्रवण /भाषण
नदन-४१
कौशल / क्षमर्ा -मौनखक अनभव्र्क्क्र्
अपेनक्षर् कौशल
आओ पर्ा करें
उपर्ुतक्र् प्रश्न पदछकर खेल के बारे में और नखलानड़र्ों के बारे में जानकारी प्राप्र् करें ।
आओ सक्षम बनें
अध्र्ापक नक्रकेट नखलाड़ी सनिन र्ेंडुलकर के बारे में जानकारी दे र्े हैं ।
❑ श्रवण कौशल नवकनसर् करने की सानहत्र् सामग्री :
अध्र्ापक नखलाडी, सानहक्त्र्क, सामानजक, डॉक्टर आनद लोर्ों की साक्षात्कार और उनके
र्ुण-कौशल पर मार्तदशतन करें l
➢ साक्षात्कार के घटक
➢ मुलाकार्कार - मुलाकार्दार्ा से बोलर्ा है ।
➢ मुलाकार्दार्ा - स्वर्ं की पहिान कम शब्दों में दे र्ा है
साक्षात्कार/मुलाकार्
र्ुणसंपन्न व्र्क्क्र् र्था उनका कार्तक्षत्र
े
आओ सृजन करें
अपने शहर - र्ाँव के अध्र्ापक, व्र्ावसानर्क, डॉक्टर, अनधकारी, लोर्ों की मुलाकार् लेने
के नलए कहे ।
अध्र्ापकिारा नकसी सामानजक, सांस्कृनर्क, कला, खेल र्ुण संपन्न व्र्क्क्र्ओं की मुलाखर्
कक्षा में सुनाओं ।
क्षेत्र - लेखन
नदन-४२
कौशल / क्षमर्ा - स्व अनभव्र्क्क्र्
संबोध - पत्रलेखन
अपेनक्षर् कौशल
❖ रुपरेखा एवं स्वर्ंस्फदर्त भाव से संवाद, पत्र, ननबंध, वृत्तां, घटना, नवज्ञापन आनद का वािन एवं
लेखन कररर्े हैं |
आओ पर्ा करें
अध्र्ापक कृनर् :- पत्र के प्रारूप पर ििा कराएँ | औपिानरक और अनौपिानरक पत्रलेखन के बारे में
जानकारी दें | नकन-नकन अवसरों पर अनभनन्दन , बधाई र्था नशकार्र् पत्र नलखा जा सकर्ा हैं ,
पदछें | पत्र का मुखर वािन कराएँ | प्रश्नोत्तर के माध्र्म से पत्र के मुख्र् मुद्दों र्था नीिे नदए र्ए नवषर्
पर पत्र नलखने के नलए प्रोत्सानहर् करें |
15 जदन 2021
प्रनर्,
सहार्क आर्ुक्र्,
समर्ानर्र,
मुंबई 400101
mahanagarpalikamumbai@gmail.com
महोदर्,
मैं नवमला आिार्त, नपछले 45 वषों से समर्ानर्र की ननवासी हद ँ | इस पत्र के माध्र्म से हमारे
इलाके में होनेवाली किरे की समस्र्ा की ओर आपका ध्र्ान आकर्मषर् करना िाहर्ी हद ँ | नपछले पाँि सालों
में र्हाँ की आबादी कई र्ुना बढ़ रही हैं | उसी र्नर् से सामानजक सुनवधाओं बहु र् बुरा असर पड़ रहा हैं |
नदन प्रनर्नदन र्हाँ किरे की समस्र्ा बहु र् बढ़र्ी जा रही हैं | शहर महानर्र ननर्म की ओर से इस इलाके में
आनेवाली किरे की र्ानड़र्ाँ कम होने की वजह से सारा किरा नदनभर में उठार्ा नहीं जार्ा | नजसके
कारण मच्छरों का प्रकोप र्था कई जानलेवा बीमानरर्ों को सहना पड़ रहा हैं |
इस संदभत में आपको पहले भी एक पत्र हमारे समर्ानर्र के ननवानसर्ों की ओर से भेजा र्र्ा था |
पर अभी भी आपकी ओर से कोई कारवाई नहीं हु ई हैं | इस पत्र के माध्र्म से हम आपसे नफर एक बार आपसे
नम्र ननवेदन करर्े हैं नक समर्ानर्रवानसर्ों की समस्र्ा पर कुछ कार्तवाही करें | अन्र्था कुछ ही नदनों में
हमें आन्दोलन के नलए नसद्ध होना पड़े र्ा |
धन्र्वाद |
भवदीर्ा,
श्रीम. नवमला आिार्त
vimlaachary@gmail.com
आओ सक्षम बनें
पत्र का प्रारूप
(औपिानरक पत्र )
नदनांक
प्रनर्,
..................
..................
नवषर् : ................................
संदभत : .................................
नवषर् नववेिन
..................................................................................................................................
..................................................................................................................................
..................................................................................................................................
भवदीर् / भवदीर्ा,
......................
नाम : ...............
पर्ा : ...............
......................
ई-मेल आईडी : .........................
आओ अभ्र्ास करें
अपने इलाके में होनेवाली बस सुनवधा की अननर्नमर्र्ा के बारे में एस टी महामंडळ को नशकार्र् पत्र
नलखो |
आओ सृजन करें
नीिे नदए हु ए पत्र के नवषर् पर ििा करके छात्रों को कई सामानजक प्रश्नों से अवर्र् करवाएँ | छात्रों को
पत्रलेखन में औपिानरकर्ा के नशष्ट्टािार संबंधी सदिनाओं का पालन करने को कहें |
https://diksha.gov.in/play/content/do_3129747979035033601885?referrer=utm_source%3D
mobile%26utm_campaign%3Dshare_content
क्षेत्र - भाषा अभ्र्ास
कौशल/र्ोग्र्र्ा- वाक्र् से
नदन-४३ लेखन को अनधक प्रभावी बनाने का
प्रर्ास ।
संबोध - वाक्र् के भेद
अपेनक्षर् कौशल
छात्र नलनखर् संदभतमें अस्पष्ट्टर्ा, संर्ोजन की कमी, नवसंर्नर्, असमानर्ा र्था अन्र् दोषॉं को
पहनाकर वािन करर्े हैं । दै ननक कार्त मे मौनखक रुप से प्रर्ोर् करर्े हैं ।
आओ पर्ा करें
आओ सक्षम बनें
❖ अध्र्ापक कृनर् -
दादा जी कहानी सुनार्े हैं ।
पनरभाषा - भावों और नविारों को प्रकट करने वाले साथतक शब्द समदह को 'िाक्य' कहते है ।
वाक्र् के भेद
2. ननषेधाथतक वाक्र् - “वाक्र् मे नकसी बार् के न होने र्ा न करने का बोध होर्ा हो ।“
अजर् काम नहीं करर्ा है ।
3. आज्ञाथतक वाक्र् - “वाक्र् में नकसी भी प्रकार की आज्ञा र्ा प्राथत ना का बोध होर्ा हो ।“
अजर् अब पढ़ाई करो ।
4. प्रश्नाथतक वाक्र् - “वाक्र् में नकसी प्रकार का प्रश्न नकर्ा र्र्ा हो।“
अजर् र्ुम क्र्ा पढ़ रहे हो ?
5. नवस्मर्ाथतक वाक्र् - वाक्र्ों में नवस्मर्, हषत, क्रोध, आनद भाव र्क्र् नकर्ा जार्ा है । “
अरे ! अजर् र्ुमने पुरस्कार पार्ा।
आओ अभ्यास करें
अपेनक्षर् कौशल
❖ नवनवध प्रकार की रिना ( र्ीर्, र्जल ,पद ,कथा ,एकांकी )आनद को आकलन सनहर् सुनार्े हैं l ,
पढ़कर समदह में ििा करर्े है, कहानी सुनार्े है lप्रकृनर् के पेड़ - पौधों, प्रानणर्ों के प्रनर् दर्ाभाव
रखर्े है l
आओ पर्ा करें
:
आओ सक्षम बनें
आओ सृजन करें
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नदन-४५ कसौटी क्रमांक-३
अंक-२०
र्द्य नवभार्
डॉ.कलाम का सम्मान
II डॉ. कलाम ने अपने नपर्ा से र्े र्ुण नवरासर् में पाएँ | ............... , .................
३ " नवज्ञान शाप र्ा वरदान " इस नवषर् पर अपने नविार ४ से ५ पंक्क्र्र्ों में नलनखए | २ अंक
पद्य नवभार्
२ ननम्न शब्दों के नलए कनवर्ा में प्रर्ुक्र् पर्ार्वािी शब्द नलखो | १ अंक
माटी - ............... लक्ष्र् - ................
३ पेड़ों का महत्त्व िार से पाँि वाक्र्ों में नलखो | २ अंक
व्र्ाकरण नवभार्
१ सदिना के अनुसार काल पनरवर्तन करों । २ अंक
उपर्ोनजर् लेखन
ऑनलाइन कक्षा में अनुपक्स्थनर् का कारण बर्ार्े हु ए अपनी पाठशाला के प्रधानािार्त को पत्र नलखो |