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जीनियस कॉफी की प्याली आगे रखे मे रे सामिे बैठा था।

मैं उस आदमी को ध्याि से दे ख रहा था। मे रे साथी िे बताया था नक यह जीनियस है और मैं िे सहज ही इस
बात पर निश्वास कर नलया था। उससे पहले मे रा जीनियस से प्रत्यक्ष पररचय कभी िहीीं हुआ था। इतिा मैं
जािता था नक अब िह पहला ज़मािा िहीीं है जब एक सदी में कोई एकाध ही जीनियस हुआ करता था।
आज के ज़मािे को जीनियस पैदा करिे की िज़र से कमाल हानसल है । रोज़ कहीीं ि कहीीं नकसी ि नकसी
जीनियस की चचाा सुििे को नमल जाती है । मगर जीनियस की चचाा सुििा और बात है, और एक जीनियस
को अपिे सामिे दे खिा नबलकुल दू सरी बात। तो मैं उसे ग़ौर से दे ख रहा था। उसके भू रे बाल उलझकर
माथे पर आ गये थे । चे हरे पर हल्की-हल्की झुररा यााँ थीीं, हालााँ नक उम्र सत्ताईस-अट् ठाईस साल से ज़्यादा िहीीं
थी। होींठोीं पर एक स्थायी मु स्कराहट नदखाई दे ती थी,निर भी चे हरे का भाि गम्भीर था। िह नसगरे ट का कश
खीींचकर िीचे का होींठ ज़रा आगे को िैला दे ता था नजससे धु आाँ बजाय सीधा जािे के ऊपर की तरफ उठ
जाता था। उसकी आाँ खें निनिाकार भाि से सामिे दे ख रही थी। हाथ मशीिी ढीं ग से कॉफी की प्याली को
होींठोीं तक ले जाते थे , हल्का-सा घूाँट अन्दर जाता था और प्याली िापस सॉसर में पहुाँ च जाती थी।

"हाँ !" कई क्षणोीं के बाद उसके मुाँ ह से यह स्वर निकला। मु झे लगा नक उसकी 'हाँ ' साधारण आदमी की 'हाँ ' से
बहुत नभन्न है ।

"मे रे नमत्र आपकी बहुत प्रशींसा कर रहे थे," मैं िे िक़्त की ज़रूरत समझते हुए बात आरम्भ की। जीनियस के
माथे के बल गहरे हो गये और उसके होींठोीं पर मु स्कराहट ज़रा और िैल गयी।

"मैं िे इिसे कहा था नक चनलए आपका पररचय करा दू ाँ ," मे रे साथी िे कहा। साथ ही उसकी आाँ खें झपकीीं
और उसके दो-एक दााँत बाहर नदखाई दे गये। मु झे एक क्षण के नलए सन्दे ह हुआ नक कहीीं यह सींकेत स्वयीं
उसी के जीनियस होिे का पररचायक तो िहीीं? परन्तु दू सरे ही क्षण उसकी सधी हुई मु द्रा दे खकर मे रा सन्दे ह
जाता रहा। जीनियस एक पल आाँ खें मूाँ दे रहा। निर उसिे इस तरह निस्मय के साथ आाँ खें खोलीीं जैसे िह यह
निश्चय ि कर पा रहा हो नक अपिे आसपास बैठे हुए लोगोीं के साथ उसका क्या सम्बन्ध हो सकता है । उसके
िैले हुए होींठ ज़रा नसकुड़ गये। उसिे नसगरे ट का एक कश खीींचा और तम्बाकू का धु आाँ सरसराता हुआ
ऊपर को उठिे लगा, तो उसिे कहा, "दे खखए,ये नसफा आपको बिा रहे हैं । मैं जीनियस-िीनियस कुछ िहीीं,
साधारण आदमी हाँ ।"

मैं िे अपिे साथी की तरफ दे खा नक शायद उसके नकसी सींकेत से पता चले नक मु झे क्या कहिा चानहए।
मगर िह दम साधे पत्थर के बुत की तरह गम्भीर बैठा था। मैं िे निर जीनियस की तरफ दे खा। िह भी अपिी
जगह निश्चल था। बुश्शटा के खुले होिे से उसकी बालोीं से भरी छाती का काफी भाग बाहर नदखाई दे रहा था।

िह कहिाखािे का काफी अाँधेरा कोिा था। आसपास धुआाँ जमा हो रहा था। दू र ज़ोर-ज़ोर के कहकहे लग
रहे थे और हाथोीं में थानलयााँ नलये छायाएाँ इधर-उधर घूम रही थीीं।

"मैं आज तक िहीीं समझ सका नक कुछ लोग जीनियस क्योीं मािे जाते हैं ?" जीनियस िे निर कहिा आरम्भ
नकया, "मैं िे बड़े -बड़े जीनियसोीं के निषय में पढा है और नजन्हें लोग जीनियस समझते हैं , उिकी रचिाएाँ भी
पढी हैं । उिमें कुछ िाम हैं -शेक्सनपयर, टॉल्स्टाय, गोकी और टै गोर। मैं इि सबको हे च समझता हाँ।"
मैं अब और भी ध्याि से उसे दे खिे लगा। उसके माथे के ठीक बीच में एक िूली हुई िाड़ी थी नजसकी
धडक़ि दू र से ही िज़र आती थी। उसकी गल़ौठी बाहर की निकली हुई थी। बायीीं आाँ ख के िीचे हल्का-सा
ििोला था। मैं उसके िक़्श अच्छी तरह ज़हि में नबठा ले िा चाहता था। डर था नक हो सकता है निर
नज़न्दगी-भर नकसी जीनियस से नमलिे का स़ौभाग्य प्राप्त ि हो।

"शेक्सनपयर नसफा एक िाडा था," दो कश खीींचकर उसिे निर कहिा आरम्भ नकया, "और अगर मलोिाली
कहािी सच है , तो इस बात में ही सन्दे ह है नक शेक्सनपयर शेक्सनपयर था। टॉल्स्टाय, गोकी और चे खि जैसे
ले खकोीं को मैं अच्छे कॉपीइट समझता हाँ -केिल कॉपीइट, और कुछ िहीीं। जो जैसा अपिे आसपास दे खा
उसका हबह नचत्रण करते गये। इसके नलए निशेष प्रनतभा की आिश्यकता िहीीं। टै गोर में हााँ , थोड़ी कनिता
ज़रूर थी।"

िह खुलकर मु स्कराया। मे रे नलए उस मु स्कराहट का थाह पािा बहुत कनठि था। पास ही कहीीं दो-एक
प्यानलयााँ नगरकर टू ट गयीीं। एक कबूतर पींख िडफड़ाता हुआ कहिाखािे के अन्दर आया और कुछ लोग
नमलकर उसे बाहर निकालिे की कोनशश करिे लगे। जीनियस की आाँ खें भी कबूतर की तरफ मु ड़ गयीीं
और िह कुछ दे र के नलए हमारे अखित्व को नबलकुल भूल गया। जब उसिे कबूतर की तरफ से आाँ खें
हटाईीं तो उसे जैसे िए नसरे से हमारी म़ौजूदगी का एहसास हुआ।

"मैं एक निहायत ही अदिा इन्साि हाँ ," उसिे हमारे कन्धोीं से ऊपर दीिार की तरि दे खते हुए कहा,
"ले नकि यह मैं ज़रूर जािता हाँ नक जीनियस कहते नकसे हैं -माफ कीनजए, कहते िहीीं, जीनियस कहिा
नकसे चानहए।" उसिे प्याली रख दी और शब्ोीं के साथ-साथ उसकी उाँ गनलयााँ हिा में खाके बिािे लगीीं।
"आप जािते हैं -या शायद िहीीं जािते -नक जीनियस एक व्यखि िहीीं होता। िह एक नििोमे िा होता है, एक
पररखस्थनत नजसे केिल महसूस नकया जा सकता है । उसका अपिा एक रे नडएशि, एक प्रकाश होता है । उस
रे नडएशि का अिुमाि उसके चे हरे की लकीरोीं से, उसके हाि-भाि से, या उसकी आाँ खोीं से िहीीं होता। िह
एक नििोमे िा है नजसके अन्दर एक अपिी हलचल होती है परन्तु जो हलचल उसकी आाँ खोीं में दे खिे से
िहीीं होती। िह स्वयीं भी अपिे सम्बन्ध में िहीीं जािता, परन्तु नजस व्यखि का उसके साथ सम्पका हो, उस
व्यखि को उसे पहचाििे में कनठिाई िहीीं होती। जीनियस को जीनियस के रूप में जाििे के नलए उसकी
नलखी हुई पुिकोीं या उसके बिाए हुए नचत्रोीं को सामिे रखिे की आिश्यकता िहीीं होती। जीनियस एक
नििोमे िा है , जो अपिा प्रमाण स्वयीं होता है । उसके अखित्व में एक चीज़ होती है , जो अपिे-आप बाहर
महसूस हो जाती है । मैं यह इसनलए कह सकता हाँ नक मैं एक ऐसे नििोमे िा से पररनचत हाँ । मे रा उसका हर
रोज़ का साथ है , और मैं अपिे को उसके सामिे बहुत तुच्छ, बहुत हीि अिुभि करता हाँ ।"

उसकी मु स्कराहट निर लम्बी हो गयी थी। उसिे िया नसगरे ट सुलगाकर एक और बड़ा-सा कश खीींच
नलया। कॉफी की प्याली उठाकर उसिे एक घूाँट में ही समाप्त कर दी। मैं अिाक् भाि से उसके माथे की
उभरी हुई िाड़ी को दे खता रहा।

"मु झे उसके साथ के कारण एक आखिक प्रसन्नता प्राप्त होती है ," िह निर बोला, "मु झे उसके सम्पका से
अपिा-आप भी जीिि की साधारण सतह से उठता हुआ महसूस होता है । उसमें सचमु च िह चीज़ है जो
दू सरे को ऊाँचा उठा सकती है। मैं तब उसका रे नडएशि दे ख सकता हाँ । उसके अन्दर की हलचल महसूस
कर सकता हाँ । नजस तरह अभी-अभी िह कबूतर पींख िडफड़ा रहा था, उसी तरह उसकी आिा में हर
समय एक िडफड़ाहट, एक छटपटाहट भरी रहती है । उस छटपटाहट में ऐसा कुछ है जो यनद बाहर आ
जाए, तो चाहे नज़न्दगी का िक़्शा बदल दे । मगर उसे उस चीज़ को बाहर लािे का मोह िहीीं है । उसकी दृनि
में अपिे को बाहर व्यि करिे की चे िा करिा व्यिसाय-बुखि है , बनियापि है । और इसनलए मैं उसका
इतिा सम्माि करता हाँ । मैं उससे बहुत छोटा हाँ , बहुत-बहुत छोटा हाँ, परन्तु मु झे गिा है नक मु झे उससे स्नेह
नमलता है । मैं भी उसके नलए अपिे प्राणोीं का बनलदाि दे सकता हाँ। मैं िे जीिि में बहुत भू ख दे खी है -हर
िक़्त की भू ख-और अपिी भू ख से प्राय: मैं व्याकुल हो जाता रहा हाँ । परन्तु जब उसे दे खता हाँ तो मैं शनमा न्दा
हो जाता हाँ , भू ख उसिे भी दे खी है , और मु झसे कहीीं ज़्यादा भू ख दे खी है -परन्तु मैं िे कभी उसे ज़रा भी
निचनलत या व्याकुल होते िहीीं दे खा। िह कनठि से कनठि अिसर पर भी मु स्कराता रहता है । मे रा नसर
उसके सामिे झुक जाता है । मैं जीिि के हरएक मामले में उससे राय लेता हाँ, और हमे शा उसकी बताई हुई
राह पर चलिे की चे िा करता हाँ। कई बार तो उसके सामिे मु झे महसूस होता है नक मैं तो हाँ ही िहीीं, बस
िही िह है , क्योींनक उसके रे नडएशि के सामिे मे रा व्यखित्व बहुत िीका पड़ जाता है। परन्तु मैं अपिी
सीमाएाँ जािता हाँ । मैं लाख चे िा करू ाँ निर भी उसकी बराबरी तक िहीीं उठ सकता।

उसके दााँ त आपस में नमल गये और चे हरा कािी सख़्त हो गया। चे हरे की लकीरें पहले से भी गहरी हो
गयीीं। निर उसिे दोिोीं हाथोीं की उाँ गनलयााँ आपस में उलझाईीं और एक बार उन्हें चटका नदया। धीरे -धीरे
उसके चे हरे का तिाि निर मु स्कराहट में बदलिे लगा।

"खैर!" उसिे उठिे की तै यारी में अपिा हाथ आगे बढा नदया, मैं अब आपसे इजाज़त लूाँ गा। मैं भू ल गया था
नक मु झे एक जगह जािा है ...।"

"मगर..." मैं इतिा ही कह पाया। मैं तब तक उसी अिाक् भाि से उसे दे ख रहा था। उसका इस तरह
एकदम उठकर चल दे िा मु झे ठीक िहीीं लग रहा था। अभी तो उसिे बात आरम्भ ही की थी।

"आप शायद सोच रहे हैं नक िह व्यखि क़ौि है नजसकी मैं बात कर रहा था..." िह उसी तरह हाथ बढाए
हुए बोला, "मु झे खेद है नक मैं आपका या नकसी का भी उससे पररचय िहीीं करा सकता। मैं िे आपसे कहा था
ि नक िह एक व्यखि िहीीं, एक नििोमे िा है । अपिे से बाहर िह मु झे भी नदखाई िहीीं दे ता। मैं केिल अपिे
अन्दर उसका रे नडएशि ही महसूस कर सकता हाँ ।"

और िह हाथ नमलाकर उठ खड़ा हुआ। चलिे से पहले उसकी आाँ खोीं में क्षण भर के नलए एक चमक आ
गयी और उसिे कहा, "िह मे रा इिरसेल्फ है ।"

और क्षण भर खस्थर दृनि से हमें दे खकर िह दरिाज़े की तरफ चल नदया।

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