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एका मता तो

एका मता तो भारत क रा ीय एकता का उ ोधक गीत है जो रा ीय वयंसेवक संघ क शाखा म गाया जाता है। यह
सं कृ त म है। इसम आ दकाल से लेकर अब तक के भारत के महान सपूत एवं सुपु य क नामाव ल है ज होने भारत एवं
महान ह स यता के नमाण म योगदान दया। इसके अलावा इसम आदश ना रयाँ, धा मक पु तक, न दयाँ, पवत,
प व ा माय, पौरा णक पु ष, वै ा नक एवं सामा जक- धा मक पवतक आ द सबके नाम का उ लेख है।

एका मता तो का पाठ


एका मता ो का आर क पाठ इस कार है:

ॐ स दान द पाय नमो तु परमा मने


यो तमय व पाय व मा यमूतये || १ ||

कृ तः प चभूता न हा लोकाः वरा तथा


दशः काल सवषां सदा कु व तु म लम्।। २।।

र नाकराधौतपदां हमालय करी टनीम्


राज षर ना ां व दे भारतमातरम् || 3 ||

महे ो मलयः स ो देवता मा हमालयः


येयो रैवतको व यो ग र ाराव ल तथा || ४ ||

ग ा सर वती स ु पु ग डक
कावेरी यमुना रेवा कृ णा गोदा महानद || ५ ||

अयो या मथुरा माया काशीका ची अव तका


वैशाली ा रका येया पुरी त शला गया || ६ ||

यागः पाटलीपु ं वजयानगरं महत्


इ ं सोमनाथः तथाSमृतसरः यम् || ७ ||

चतुवदाः पुराणा न सव प नषद तथा


रामायणं भारतं च गीता स शना न च ॥८॥

जैनागमा पटकाः गु ः सतां गरः


एषः ान न धः े ः े यो द सवदा ॥९॥

अ यनसूया च सा व ी जानक सती


ौपद क णगी गाग मीरा गावती तथा ॥१०॥

ल मीरह या च मा मा बा सु व मा
नवे दता सारदा च ण या मातृदेवताः ॥११॥

ीरामो भरतः कृ णो भी मो धम तथाजुनः


माक डेयो ह र : ादो नारदो ुवः ॥१२॥

हनुमान् जनको ासो व स शुको ब लः


दधी च व कमाणौ पृथुवा मी कभागवाः ॥१३॥

भगीरथ ैकल ो मनुध व त र तथा


श व र तदेव पुराणो तक तय: ॥१४॥

बु ा जने ा गोर ः पा ण न पत लः
शङ् करो म व नबाक ीरामानुजव लभौ ॥१५॥

झूलेलालोSथ चैत यः त व लुवर तथा


नाय मारालवारा कं ब बसवे रः ॥१६॥

देवलो र वदास कबीरो गु नानकः


नर स तुलसीदासो दशमेशो ढ तः ॥१७॥

ीमत् शङ् करदेव ब ू सायणमाधवौ


ाने र तुकारामो रामदासः पुर दरः ॥१८॥

बरसा सहजान दो रामान द तथा महान्


वतर तु सदैवैते दैव स णसंपदम् ॥१९॥

भरत षः का लदासः ीभोजो जकण तथा


सूरदास यागराजो रसखान स क वः ॥२०॥

र ववमा भातख डे भा यच ः स भूप तः


कलावंत व याताः मरणीया नर तरम्॥२१॥

अग यः कं बुकौ ड यौ राजे ोलवंशजः


अशोकः पु य म खारवेलः सुनी तमान् ॥२२॥

चाण यच गु तौ च व मः शा लवाहनः
समु गु तः ीहषः शैले ो ब परावलः ॥२३॥

ला च ा करवमा च यशोधमा च ण जत्


ीकृ णदेवराय ल लता द य उ लः ॥२४॥

मुसुनू रनायकौ तौ तापः शवभूप तः


रण ज सह इ येते वीरा व यात व माः ॥२५॥

वै ा नका क पलः कणादः सु ुत तथा


चरको भा कराचाय वराह म हरः सुधीः ॥२६॥

नागाजुनो भर ाजः आयभ ो वसुबुधः


येयो वकटराम व ा रामानुजादयः ॥२७॥

रामकृ णो दयान दो रवी ो राममोहनः


रामतीथ ऽर वद ववेकान द उ शाः ॥२८॥

दादाभाई गोपब ःु तलको गा रा ताः


रमणो मालवीय ीसु यभारती ॥२९॥

सुभाषः णवान दः ा तवीरो वनायकः


ठ करो भीमराव फु ले नारायणो गु ः ॥३०॥

संघश णेतारौ के शवो माधव तथा


मरणीयाः सदैवैते नवचैत यदायकाः ॥३१॥

अनु ा ये भ ाः भुचरणसंस दयाः


अ नद ा वीराः अ धसमरमुद ् व त रपवः
समाजो तारः सु हतकर व ान नपुणाः
नम ते यो भूयात् सकलसुजने यः त दनम् ॥ ३२॥

इदमेका मता तो ं या यः सदा पठे त्


स रा धम न ावान् अख डं भारतं मरेत् ॥३३॥

|| भारत माता क जय ||

इ ह भी देख
एका मता मं

बाहरी क ड़याँ
एका मता तो हद जालघर (ht t ps://web.archive.org/web/20100522042608/ht t p://sit es.google.c
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एका मता तो के मं एवं उनका अथ (ht t ps://web.archive.org/web/20081202235552/ht t p://www.fre


eindia.org/ekat mat a_ st ot ra/page1.ht m) (अं ेजी म)

एका मता तो (ht t ps://web.archive.org/web/20090301053346/ht t p://www.geet ganga.org/ekaat


mat a-st ot ra) (दे वनगरी एवं रोमन म; गीतगंगा)

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