You are on page 1of 7

श्रीः

श्रीमते रामानुजाय नमः


श्रीमते नगमा महादे शकाय नमः

Á Á आचायर् ा त्रंशत् Á Á
This document has been prepared by

Sunder Kidāmbi

with the blessings of

श्री र रामानुज महादे शकन्


His Holiness śrīmad āṇḍavan śrīraṅgam
श्रीः

ām om
kid t c i
श्रीमते रामानुजाय नमः

er do mb
श्रीमते नगमा महादे शकाय नमः

Á Á आचायर् ा त्रंशत् Á Á
श्रीकोशं ज्ञानमुद्रां करसर सजयो बर्भ्रद रु ा


त न् प ासने य न लनतुलसीमा लको वे टेशः Á
वेदा ाचायर्वयर्ः क वकथकघटाकेसर सवर्त

i
ात श्रीमदा ा सकरुणनयन ध ां सदा मे Á Á 1 ÁÁ

b
su att ki
मानाह महतां मल मस धयां वैदे शकां दे शकं
व ऽे हं सततं यदीयमतुलं श्रीमा नतीमं मनुम् Á
पूव चायर्कृतीः कलौ भु व नृणां ब्रूही त संपृ ते
ap der

ृ गरौ श्रेयः प्रदोऽसा व त Á Á 2


राज्ञे श्रीश उपा दश ष ÁÁ
वे ं वेद शरोगुरोः पदयुगा ोजं सदा भावये
i
न ौ ह सुधा कं वमलधीस ायकं ज्ञा ननाम् Á
य ाभाथर्मन सूिरमतुलं े वृषाद्री रो
pr sun

वै ा मत्रजमाजुहाव सरमो घ ाप्रदानो ुकः Á Á 3 Á Á

क ा युग पत्रसमतां प्रा ा ु ल नां त तः


श्री वेदा गुरू म सततं च े लसे ामके Á
यं ल ुं वृषभू मभृ तहरे ः घ ामयं प्रा पता
nd

गभ ादश भबर्भार जननी तोता शुभैह यनैः Á Á 4 ÁÁ


ट ं य ृ जनोपल नगमा ायर् पादा ुजं
वज्र त्ररथ जामृतघटा ाम तं भावये Á
आचायर् ा त्रंशत्

यो वष वभवे नभ उ दतः का ां शुभे व ु े


ām om
kid t c i
भ्राज दभी दो वृष गिरश्रीश तीथ वे Á Á 5 ÁÁ

er do mb
नाथोऽहं क ववा दकेसिरगुरोजर् ायुगं श्रेयसो
ग ै श्रीशकला चकेषु धवर श्रीकाहल स भम् Á
यो रामानुजसूदपौत्रदु हतु ूनुभर्व त
ु ः
सुः Á Á 6 ÁÁ


श्रीरामानुजवा दहंसजलभृ ा ो गुरो

थाभाका मुरोज वभ्रम नभं जानु यं सं रा -

i
ा ज्ञानददपर्णं पदजुषामा ायचूडागुरोः Á

b
su att ki
यो बालोऽ प स मातुलो वरदगुव मोदावहो
ज्ञाना ेन ततो लो क कृपया साशीवर्चोऽनुग्रहम् Á Á 7 ÁÁ
आय वेद शरोगुरो ु नयमो रु यं सं ुव -
ap der

ास श्रीकुशला भषेचनकृत नो ह भम् Á


यः पत्रा कृतजातकमर्मुखस म पनीत था
i
सा ा ाय उपावह द यतां प्रापाथ कामान् कान् Á Á 8 ÁÁ
pr sun

क ाणं रणा शे म कटीदेश यीम का -


चायर् ामलकोमला द्ररु चरः श्रीवाससा वे तः Á
वंश उपागम ु न खला व ा काशा रु ोः
वेदा ा जमातुल न खलान् योऽयं रह ा प ÁÁ 9 ÁÁ
व ासं दशता हा मह मे वेदा सूरेः कटी -
nd

देश ोपिरभाग इ ध ु वल ादू र योज् लः Á


यः का ां कमलाप तं च वरदं संसे न ं वान्
श े ोऽ भमतप्रदो तनुत प्री ा लस शर्नः Á Á 10 ÁÁ

www.prapatti.com 2 Sunder Kidāmbi


आचायर् ा त्रंशत्

ताराथ वशदीकरोतु नगमा ायर् ना भः पयो -

ām om
kid t c i
धेरावतर्सम ु तभुर्जगरा ्र ीप ने वी शतुः Á

er do mb
कारु ा हयानन ुरपतेराज्ञावशा ः ु ीः

प ाशत् प्रभृतीरपीतरनुतीदुर्व दह ाऽकरोत् Á Á 11 ÁÁ
कं त ोदरब नो मम धय ोचरो राजते


सत्रैका लकबु सूचकव लश्रे ा ततो नगर्तः Á
ु ा गोपपुर प तं च वरदं दीपप्रकाशा दकान्

i
प ाशत् प्रमुखान् प्रब नकरान ां यो नमर्मे Á Á 12 ÁÁ

b
su att ki
कतर् ं वमलं करोतु करुणामावषर्त म-
ा ाया गुरोमर्नः प्रपदने मूध भ ष ं बुधैः Á
यः कौबेर दशं प्रप घ टकाद्रीशं ुवन् वे ट -
ap der

ाभृ ्र ी शमथा भग करुणा ोत्रं शतं चाकरोत् Á Á 13 ÁÁ


के च ्र ीशकृपां परे तु जगदुज्ञ नं नदानं गते -
i
रा ाया गुरोवर्यं तु सुकृपां चेतोऽथर्यामोऽ नशम् Á
योऽसावु रदेशभासुरहर ाथा षे ादरात्
pr sun

व ार मथाजय ृणवसुः का ीप्रदेशे पुनः Á Á 14 Á Á

स ोषं प्रददातु मेऽ सदुरो वैरा माग सदा -


ाक्ष श्री तुलसीप वत्र वलस ाला भरामोदरम् Á
श्रीर े परवा दशा वधये सेने शता शासनं
nd

द ा स प्र जघाय य नकटे कै ु ैः प्रा थर्तः Á Á 15


ध ÁÁ
र ण ं नयमे हतां मदु चते श्रीश चक्रे गुरोः
बा ोमूर्लसु च ते श्रु त शर ूडायर्ना ुभे Á
यः श्रीर नधे वर्धाय नतरां श्रीम लाशासनं
भ ायर्क्रमतोऽ वा दन मथो ज ा तथा नमर्मे Á Á 16 ÁÁ
www.prapatti.com 3 Sunder Kidāmbi
आचायर् ा त्रंशत्

वेदा ं वशदीकरोतु मम त ा ानमुद्राकरः

ām om
kid t c i
र्ु प वः श्रतसुधीवग घटीय भः Á
प्रज्ञा द्रम

er do mb
यो द्रागीशत आगमा गुरुतामागादुप यो
र े शाद्रमया च तां न खलस त ा भधाम् Á Á 17 ÁÁ
दा ो मोचयता वा प द मां श्रु सूरेः करः


प्रज्ञावािर ध वद्रम
ु ारुणघृ ण ु को यः पुरा Á
अ ोकाहवकृ मश्रमजय सूय दयात्

i
त्रंश ार वतीणर्भा मददा ा ा य मान् Á Á 18 ÁÁ

b
su att ki
ता ं मामिर भ दाक्ष नवहैरा ासयेत् ो भः
त रणागतं वमलस वभ सुरः Á
य ंसे च दा क्षणा भगव ह े ा ठ े षणं
ap der

चोल श्रीरमणान् गतोऽगमदथो का ीं दद काम् Á Á 19 ÁÁ


चािरत्रं वमलं ददातु मम त ं सरोजोपमं
i
र ा क्ष श्रु तना सका तलस ुभ्रू र्पु ्र ा दकम् Á
यः क ु नरे गवर्शमनः श्री वे टाद्री रं
pr sun

संसे ाथ व चत्रवा जवदनः श्रीर मागा न ु ः Á Á 20 Á Á

य ु सं मतेऽ मां तदधर क् प्र त ापयेत्


ब ादेरधर दो यमनोरु ारणा ं ु रन् Á
त श
े नवा सनाम भमतैग्रर् ैमुर्दं योऽ दशत्
nd

न ाचारपरोऽकरो रगुरून् ह ीशमु ान् सतः Á Á 21 ÁÁ


वग मां दुिरत हंसनकृतो मु मा ासयेत्
त ा सा सतै रोजसुर भ ांपेयसूनाकृ तः Á
बभ्र ै वपादुकां नघधीय ह नाथाज्ञया
प्राप श्रीवरदा यं नळनभोरो ह ुडू ं सुतम् Á Á 22 ÁÁ
www.prapatti.com 4 Sunder Kidāmbi
आचायर् ा त्रंशत्

योऽ ा क्षमुखो हिरः पतृ दने व ावहे से वतः

ām om
kid t c i
पुत्राया खलशा दो हिर दने प्र क्षप ाप तः Á

er do mb
सद्रक्षार चतेक्षणैरधिरतांभोजैः कटाक्षैरसौ
म ाभयसूचकैः प्रमददैराद्र करो माम् Á Á 23 ÁÁ
मेयं स गदं तनोतु मम त ेत्रा ुजं माधव -


ं ायतम थर्नाम भमते ब ादरं स ृ पम् Á
यो रात्रौ कृतपादुकादशशतो र े शकारु तः

i
प्राप ववा दप मुखतां तं प्रा र् न ात्रवम् Á Á 24 ÁÁ

b
su att ki
स ं पाप नवतर्कं नयमये युू गं मां सतां
स ायं सुम त प्रय धनुषः ीयो रह ा दकृत् Á
ा ाकृ ठकोपमु वचसां सवर्ज्ञ संहाय स -
ap der

द्राज्ञे त हता का न रचय ू ा न यः प्रा हणोत् Á Á 25 ÁÁ


न ं त ्र वण यं नजमनुं ज्ञाना भवृ प्रदं
i
मज्ज ं सततं शृणोतु मधुरं ा क्षरज्ञा पतम् Á
pr sun

यो र ा िु र श म ळगतः श्रील णोपद्रवात्


दुवर्णर् नत त शु चताकृ ीथर्तोऽदा ुतम् Á Á 26 ÁÁ
ध ां वै वस दं म य तरां पु ं ललाटं गुरो -
र धर्सुवणर्च धवळाकारो र्पु ्र ोज् लम् Á
सेवाथ नुगतोऽथ र नगरे वीते तुलु ै ुतौ
nd

टीकां त सुदशर्नायर्वचसा यः प्राप पूवर् तम् Á Á 27 ÁÁ


तां चूडां क ववा दकेसिरगुरो या म केशैवृर्तां
व ा ोजमधुव्रतैिरव हरे मूर्तः कटाक्षैिरव Á
न ा यादव गयर्धीशम प तं नु ा नज ानगो
यो ध ावकरो ुदशर्नसुतौ चो ाऽभयाथर् ु तम् Á Á 28 ÁÁ
www.prapatti.com 5 Sunder Kidāmbi
आचायर् ा त्रंशत्

स ादश भ ुधांशुधवळै रु ो र्पु ्र ैलर्सन्

ām om
kid t c i
भाता े हृ द वेदम कगुरुयर्ज्ञोपवीतोज् लः Á

er do mb
र े शं कुरुका धपं वृष गरौ ा ुं च यं गोपणा
चायर्प्रा तमा स धमथ श्रु ाऽऽप र ं कैः Á Á 29 ÁÁ
दासं माम भवी भूिर कृपया स ाप दुः ख दा


पापौघा नवतर्ये म तदः श्री वे टेशो गुरुः Á
अज्ञातं म तमा ननां प्रणमतां ज्ञातं रह त्रयी -

i
सारा ं नज न मर्तं म य परं ब्र ा सू ासयेत् Á Á 30 ÁÁ

b
su att ki
हृ ं ोत्र मदं वधाय नगमा ायर् द करो -
ानम्रा नतरां ल णमुखान् रक्षन् कटाक्षै था Á
य ौ ोजर्गपू णर्मा त थवरे श्री द पयर् का -
ap der

मारु ाव त च गः प्रणमतोऽ ाच ना चावनौ Á Á 31 ÁÁ


द ं य ो दीपं दधुरथ च ददुब्रर् त त ा-
i
चाय ा य ुतोऽ प प्रबलतरमतीन् द्रक्षु ज ा कुबु ीन् Á
का ां यं फा ुनेऽगाज्जयशर द तथौ कृ स ुपेते
pr sun

सोऽयं वेदा सूिरजर्यतु द श द श भ्राजदा ीयल ीः Á Á 32 ÁÁ


ÁÁ इ त आचायर् ा त्रंशत् समा ा ÁÁ
nd

www.prapatti.com 6 Sunder Kidāmbi

You might also like