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श्रीः

श्रीमते रामानुजाय नमः


श्रीमते नगमा महादे शकाय नमः

Á Á श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम् Á Á


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श्री र रामानुज महादे शकन्


His Holiness śrīmad āṇḍavan śrīraṅgam
श्रीः
श्रीमते रामानुजाय नमः
श्रीमते नगमा महादे शकाय नमः

Á Á श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम् Á Á


अ श्रीमहाल ीसहस्रनाम ोत्रमहाम Á
श्रीमहा व ुभर्गवानृ षः Á अनु ु प् छ ः Á
श्रीमहाल ीदवता Á श्रीं बीजम् Á
ह्रीं श ः Á ह्रैं क लकम् Á
श्रीमहाल ीप्रसाद स थ जपे व नयोगः Á

ध्यानम्
प ानने प करे सवर्लोकैकपू जते Á
सा ं कुरु मे च े व ुवक्षः ल ते Á Á 1 ÁÁ
भगव क्षणे पा श्रयं देवीमव ताम् Á
ई र सवर्भतू ानां जननीं सवर्दे हनाम् Á Á 2 ÁÁ
चारु तां चारुदतीं चारुनेत्राननभ्रुवम् Á
सुकपोलां सुकण ग्र मौ ककु लाम् Á Á 3 ÁÁ
सुकेशां चारु बंबो ीं र तु घन नीम् Á
अलकाग्रैर ल नभैरलङ्कृतमुखा ुजाम् Á Á 4 ÁÁ
लस नकस ाशपीनसु रक राम् Á
न क नाल मु ाहार वरा जताम् Á Á 5 ÁÁ
नीलकु लम मा ण मकुटोज् लाम् Á
शु मा ा रधरां त हाटकव णर्नीम् Á Á 6 Á Á
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

अन सुलभै ै ैगुर्णैः सौ मुखै नर्जैः Á


अनुरूपानव ा हरे नर् ानपा यनीम् Á Á 7 ÁÁ

अथ स्तोत्रम्
े म हषी पुंप्रधाने रे र Á
श्रीव सुदव
अ च ान वभवा भावाभाव वभा वनी Á Á 1 ÁÁ
अहंभावा का प ा शा ान जता का Á
ब्र भावं गता भीता सवर्जग यी Á Á 2 Á Á

षा ु पूण त्र रूपाऽऽ नपगा मनी Á


एकयो ाऽशू भावाकृ त ेजः प्रभा वनी Á Á 3 ÁÁ
भा भावकभावाऽऽ भा ा कामधुगा भूः Á
भावाभावमयी द ा भे भेदकभावगा Á Á 4 Á Á

जग ु टु खलाधारा काम वजृ णी Á


प कृ कर प श म ा व भा Á Á 5 Á Á

भावाभावानुगा सवर्स ताऽऽ ोपगू हनी Á


अपृथ ािरणी सौ ा सौ रूपाऽ व ता Á Á 6 ÁÁ
आ र हता देवी भवभा रू पणी Á
महा वभू त मतां गता ो तगर्णे र Á Á 7 ÁÁ
सवर्कायर्कर धमर् भावा ाऽग्रतः ता Á
आज्ञासम वभ ा ज्ञानान क्रयामयी Á Á 8 ÁÁ
ात रूपा देवोरः ता त मर्ध मर्णी Á
सवर्भूते र सवर्भूतमाताऽऽ मो हनी Á Á 9 Á Á

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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

सव सु र सवर् ा पनी प्रा यो गनी Á


वमु दा यनी भ ग ा संसारतािरणी Á Á 10 ÁÁ
धम थर्वा द न ोम नलया ोम वग्रहा Á
प ोमपदी रक्ष ावृ ः प्रा पूिरणी Á Á 11 ÁÁ
आन रूपा सव शा लनी श ना यका Á
हर वण हैर प्राकारा हेममा लनी Á Á 12 ÁÁ
प्र ु र ा भद्रहोमा वे शनी रजतस्रजा Á
ाज्ञाकायर्मरा न सुर भ मचािरणी Á Á 13 ÁÁ
योगक्षेमावहा सवर्सुलभे ा क्रया का Á
महासमूहा न खलप्ररोहा वेदगोचरा Á Á 14 ÁÁ
व याधा यनी ब्र सं हता सुगुणो रा Á
प्रज्ञापिर मताऽऽ ानुरूपा स ोपया जर्ता Á Á 15 ÁÁ
मनोज्ञेया ज्ञानग ा न मु ाऽऽ से वनी Á
कतृर्श ः सुगहना भो ृ श गुर्ण प्रया Á Á 16 ÁÁ
ज्ञान श रनौप ा परश नर्रामया Á
अकल ा महाश नर्राधारा वका सनी Á Á 17 ÁÁ
महामाया महान ा ब्र नी त नर्राश्रया Á
एक रूपा त्र वधा सङ् ातीता नर ना Á Á 18 ÁÁ
आ स ा न शु च नर् वर्क ा सुखो चता Á
न शा ा न र ा न भर् ा सवर्भे दनी Á Á 19 ÁÁ
अस ण ऽ वधेया ा नषे ा सवर्पावनी Á
न ामना सवर्रसाऽभे ा सव थर्सा धनी Á Á 20 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

अ नद ाऽपिर मता न वर्कारा त्रलक्षणा Á


अभय र ी रूपाऽ ा सदसदाकृ तः Á Á 21 ÁÁ
अप्रत ऽप्र तहता नय ी य वा हनी Á
हादर्मू तर्मर्हामू तर्र ा व गो पनी Á Á 22 ÁÁ
वधर्मानाऽनव ा नरव ा त्रवगर्दा Á
अप्रमेयाऽमृतदुघा कूट ा कुलन नी Á Á 23 ÁÁ
अ वगीता त स ा योग स ाऽमरे र Á
व सू त पर्य ी न तृ ा महौष धः Á Á 24 ÁÁ
श ा या श सहा कृतज्ञा कृतलक्षणा Á
त्रव तर्नी त्रलोक ा भूभुर्व रयो नजा Á Á 25 ÁÁ
अग्रा ाऽग्रा हकाऽन ा या सव तशा यनी Á
ोमप ा कृतधुरा पूणर्कामा महे र Á Á 26 Á Á

सुवा ा वा चका स कथना सवर्पावनी Á


ल माणा लक्षय ी जगज् े ा शुभावहा Á Á 27 ÁÁ
जग त ा भुवनभत्र गूढप्रभा वनी Á
क्रयायोगा का मूत हृद ा महाक्रमा Á Á 28 ÁÁ
परम ौः प्रथमजा परमा ा जग धः Á
आ ानपा यनी तु रूपा समलक्षणा Á Á 29 ÁÁ
तु वृ ा समवया मोदमाना खग जा Á
तु चे ा तु शीला वरदा कामरू पणी Á Á 30 ÁÁ
समग्रलक्षणाऽन ा तु भू तः सनातना Á
मह र्ः स स ा भू मजा परमे र Á Á 31 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

जग ाता सूत्रवती भूतधात्री यश नी Á


महा भलाषा सा वत्री प्रधाना सवर्भा सनी Á Á 32 ÁÁ
नानावपुबर्हु वधा सवर्ज्ञा पु क तर्ना Á
भूताश्रया हृषीकेशा अशोका ा वा हका Á Á 33 ÁÁ
ब्र ा का पु जनी स कामा समा धभूः Á
हर गभ ग ीरा गोधूल कमलासना Á Á 34 ÁÁ
जतक्रोधा कुमु दनी वैजय ी मनोजवा Á
धनल ीः कर रा ल ीमर्हासती Á Á 35 ÁÁ
जयल ीमर्हागो ी मघोनी माधव प्रया Á
प गभ वेदवती व व ा परमे नी Á Á 36 ÁÁ
सुवणर् ब मु र्हती महायो ग प्रयाऽनघा Á
प े ता वेदमयी कुमुदा जयवा हनी Á Á 37 ÁÁ
संह त नर् मर्ता ो त नर्य त वर् वधो वा Á
रुद्रव ा स ुमती वेदमाता मधुव्रता Á Á 38 ÁÁ
व रा हैमवती समुद्रे ा वहािरणी Á
अनुकूला यज्ञवती शतको टः सुपेशला Á Á 39 ÁÁ
धम दया धमर्सेवा सुकुमार सभावती Á
भीमा ब्र ुता म प्रभा देव षर्व ता Á Á 40 ÁÁ
देवभो ा महाभागा प्र तज्ञा पूणर्शेव धः Á
सुवण रु चरप्र ा भो गनी भोगदा यनी Á Á 41 ÁÁ
वसुप्रणो मवधूग यत्री कमलो वा Á
व या प च ा विर ा कमले क्षणा Á Á 42 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

प प्रया सुप्रस ा प्रमोदा प्रयपा र्गा Á


व भूषा का मती कृ ा वीणारवो ुका Á Á 43 ÁÁ
रो च र प्रकाशा शोभमाना वह मा Á
देवा ा पिरण तः कामव ा महाम तः Á Á 44 ÁÁ
इ लो लनाभाऽ धशमनी वरव णर्नी Á
न ा प नलया स तः प ग नी Á Á 45 ÁÁ
प वण कामयो न का चारुकोपना Á
र त ुषा प धरा पू ा त्रैलो मो हनी Á Á 46 ÁÁ
न क ा ब म ु ा ल क्षया सवर्ग नी Á
ग ा का सुर सका दी मू तर्ः सुम मा Á Á 47 ÁÁ
पृथुश्रोणी सौ मुखी सुभगा व रश्रु तः Á
तानना चारुग त नर् ना भमर्हा नी Á Á 48 ÁÁ
वेणी भगवती सुका ा वामलोचना Á
प वा ः प मनाः प बोधा महा राः Á Á 49 ÁÁ
सर ती चारुहासा शुभदृ ः ककु नी Á
क ुग्रीवा सुजघना र पा ण मनोरमा Á Á 50 ÁÁ
प नी म गमना चतुद ्र ा चतुभुर्जा Á
शुभरे खा वलासभ्रूः शुकवाणी कलावती Á Á 51 ÁÁ
ऋजुनासा कलरवा वरारोहा तलोदर Á
स ा ब ाधरा पूवर्भा षणी श्रीसमा या Á Á 52 ÁÁ
इक्षुचापा सुमशरा द भूषा मनोहरा Á
वासवी पा र त्रा करभोरु लो मा Á Á 53 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

सीम नी प्राणश वर्भी ष सुधािरणी Á


भद्रा जयावहा च वदना कु टलालका Á Á 54 ÁÁ
चत्रा रा चत्रग ा र मौ लसमुज् ला Á
द ायुधा द मा ा वशाखा चत्रवाहना Á Á 55 ÁÁ
अ का स ुतनया नश्रेणी सुमहा सनी Á
साम प्रया नवमृगी सवर्से ा वरा ना Á Á 56 ÁÁ
ग ारा दुराधष न पु ा कर षणी Á
देवजु ाऽऽ द वण द ग ा कदर्मा Á Á 57 ÁÁ
अन रूपाऽन ा सवर्दाऽन स मा Á
यज्ञा शनी महावृ ः सवर्पू ा वष या Á Á 58 ÁÁ
योग प्रया वय ा भरन श्रीरती या Á
यो गसे ा स रता योगमाया पुरातनी Á Á 59 ÁÁ
सव र सुतरुणी शर ा धमर्दव े ता Á
सुतरा संवृत ो तय गनी योग स दा Á Á 60 ÁÁ
सृ श तमानाभूता म ळदेवता Á
संहारश ः प्रबला नरुपा धः परावरा Á Á 61 ÁÁ
उ ािरणी तारय ी शा ती स म त या Á
महाश्रीरजह तर्य गश्रीः स साधनी Á Á 62 ÁÁ
पु श्रीः पु नलया ब्र श्रीब्र ण प्रया Á
राजश्री राजक लता फलश्रीः गर्दा यनी Á Á 63 ÁÁ
ु कथा वेदश्रीः श्रु तमा गर्णी Á
देवश्रीर त
तमोपहाऽ य न धलर् णा हृदय मा Á Á 64 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

मृतस ी वनी शुभ्रा च का सवर्तोमुखी Á


सव मा मत्र व ा मै थल प्रयदशर्ना Á Á 65 ÁÁ
स भामा वेदवे ा सीता प्रणतपो षणी Á
मूलप्रकृ तर शाना शवदा दीप्रदी पनी Á Á 66 ÁÁ
अ भ प्रया ैरवृ ी रु णी सवर्सा क्षणी Á
गा ािरणी परग त गभ भवाभवा Á Á 67 ÁÁ
अ वर् तर्मर्हामुद्रा व ुदुग महाबला Á
मदय ी लोकधािर दृ ा सवर् न ृ तः Á Á 68 ÁÁ
देवसेनाऽऽ फलदा वसुधा मु मातृका Á
क्षीरधारा घृतमयी जु ती यज्ञद क्षणा Á Á 69 ÁÁ
योग नद्रा योगरता ब्र चय दुर या Á
संह प ा महादुग जय ी खगवा हनी Á Á 70 ÁÁ
जग या वरूपाक्षी सुवण क्रूरता पनी Á
का ायनी कालरा त्र नर् शदृ ा करा लका Á Á 71 ÁÁ
त्रशू लनी ख धरा महाकाल मा लनी Á
एकवीरा भद्रकाल सौन ी उ स दा Á Á 72 ÁÁ
नारायणी जग ूिर ुवर्रा द्रु हणप्रसूः Á
यज्ञकामा ले लहाना तीथर्कयुर्ग्र वक्रमा Á Á 73 ÁÁ
गरु दुदयाऽ ुग्रा वाराही मातृभी षणी Á
अ क्रा ा रथक्रा ा व क्र ु ा ोरुचािरणी Á Á 74 ÁÁ
वैरो चनी नार संही जीमूता शुभदेक्षणा Á
दीक्षा वधा व श नर्जश ः सुद शर्नी Á Á 75 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

प्रती तजर्गती व धािरणी क लना शनी Á


अयो ाऽ स ाना महार ा सुखावहा Á Á 76 ÁÁ
राजव र्कप्र तभा वनयत्री महाशना Á
अमृत नी सीमा यज्ञगभ समीक्षणा Á Á 77 ÁÁ
आकू तऋ जु ामघोषाऽऽरामवधू ुका Á
सोमपा माधवी न क ाणी कमला चर्ता Á Á 78 ÁÁ
योगरू ढः ाथर्जु ा व वण जतासुरा Á
यज्ञ व ा गु व ाऽ ा व ा कृतागमा Á Á 79 ÁÁ
आ ा यनी कलातीता सु मत्रा परभ दा Á
का माणा महामाया कोलकामाऽमरावती Á Á 80 ÁÁ
सुवीय दुः े ता Á
हरा देवक वसुदव
सौदा मनी मेघरथा ऋ दा दै म दर्नी Á Á 81 ÁÁ
श्रेय र चत्रल लै का यनी र पादुका Á
मन माना तुलसी रोगना श ुरुप्रथा Á Á 82 ÁÁ
तेज नी सुखोज् ाला म रे खाऽमृता शनी Á
ब्र ा व शमनी जुषमाणा गुणा या Á Á 83 ÁÁ
काद र ब्र रता वधा ज् ु लह का Á
अक्षो ा सवर्तोभद्रा वय ा द क्षणा Á Á 84 ÁÁ
सहस्रा ा ज्ञानमाता वै ानयर्क्षव तर्नी Á
प्र रा वारणव नसूया दुरासदा Á Á 85 ÁÁ
अरु ती कु लनी भ ा दुगर् तना शनी Á
मृ ु या त्रासहरा नभर्या शत्रुसू दनी Á Á 86 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

एकाक्षरा सुपुर ी सुरपक्षा वरातुला Á


सकृ भासा प्र ु ा हिरभद्रा धुर रा Á Á 87 ÁÁ
ब प्रयाऽवनी चक्रहृदया क ुतीथर्गा Á
सवर्म ा का व ु शोदा सवर्र नी Á Á 88 ÁÁ
ज त्राश्रया भू मव
वी स ण ु ोज् ला Á
सुषेणा लोक व दता कामसूजर्गदा दभूः Á Á 89 ÁÁ
वेदा यो न जर्ज्ञासा मनीषा समद शर्नी Á
सहस्रश रावृ तः सु रा श्रेयसां न धः Á Á 90 ÁÁ
रो हणी रे वती च सोदर भद्रमो दनी Á
आय ग प्रया व भा वनी सु वभा वनी Á Á 91 ÁÁ
सुप्रदृ ा कामचािर प्रम ा लल का Á
मोक्षल ीजर्ग ो न मल ीः सुदुलर् भा Á Á 92 ÁÁ
भा र पु गेह ा मनोज्ञा वभवप्रदा Á
लोक ा म ु ाथ पु ला जगदाकृ तः Á Á 93
त ÁÁ
व चत्रहािरणी का ा पा वनी भूतभा वनी Á
प्रा णनी प्राणदा व ब्र ा वा सनी Á Á 94 ÁÁ
स ण ू परमो ाहा श्रीप तः श्रीम तः श्रु तः Á
श्रय ी श्रयमाणा ा व रूपा प्रसा द न Á Á 95 ÁÁ
हषर्णी प्रथमा सव वशाला कामव षर्णी Á
सुप्रतीका पृ मती नर्वृ वर् वधा परा Á Á 96 ÁÁ
सुयज्ञा मधुरा श्रीदा देवरा तमर्हामनाः Á
ूला सव कृ तः सू ा न ग ा तमोनुदा Á Á 97 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

तु व गी र पु ः सव ा रुशो षणी Á
श ा का श श वर् श ा वायुम ुमा Á Á 98 ÁÁ
आ ी क्षक त्रयी वात द नी त नर्या मका Á
ाल स षर्णी ोता महादे परा जता Á Á 99 ÁÁ
क पला प ला ा बलाक घोषन नी Á
अ जता कषर्णी क्षा गर्रुडा गरुडासना Á Á 100 ÁÁ
ा द नुग्रहा न ा ब्र व ा हर यी Á
मही शु वदा पृ ी शतान ांशुमा लनी Á Á 101 ÁÁ
यज्ञाश्रया ा तपरा ा घृ कालगा Á
स ो धनी श पूण वजयांशुमती कला Á Á 102 ÁÁ
शवा ु त प्रया ा तज वय ी पुनवर्सुः Á
दीक्षा भ ा तर्हा रक्षा पर क्षा यज्ञसंभवा Á Á 103 ÁÁ
आद्र पु िरणी पु ा ग ा दािर भ नी Á
ध ा मा ा प नेमी भागर्वी वंशव धर्नी Á Á 104 ÁÁ
ती प्रवृ ःस तर् नर् धसे ाऽघना शनी Á
स ा न ंशया पूव वनमाला वसु रा Á Á 105 ÁÁ
पृ ी महो टाऽह ा म ला श्रतमानदा Á
सव न ो दतोदारा जृ माणा महोदया Á Á 106 ÁÁ
च का ो दता सूय चतुरश्रा मनोजवा Á
बाला कुमार युवती करुणा भ व ला Á Á 107 ÁÁ
मे द ुप नष श्रा सुमवीरुधर्ने र Á
दुमर्षर्णी सुचिरता बोधा शोभा सुवचर्ला Á Á 108 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

यमुनाक्षौ हणी ग ा म ा क मलाशया Á


गोदा गोदावर च भागा कावेयुर्द ती Á Á 109 ÁÁ
सनीवाल कुहू राका वारणा स ुम मा Á
पू तर्म या का ू तर् ा सूत्रा प्रजावती Á Á 110 ÁÁ
वृ ः तध्रुर्वा बु गुणा गुणग रा Á
अमोघा शा दा स ा ज्ञानदो षर्णी शवा Á Á 111 ÁÁ
प्रकृ तभ मनी लोला कमला कामधु धः Á
प्रज्ञा रामा परा स ा सुभद्रा सवर्म ला Á Á 112 ÁÁ
न ा भद्रा जया िर ा त थपूण ऋतंभरा Á
का ा कामे र न ा का ा र ा धरा ृ तः Á Á 113 ÁÁ
श नी च क्रणी ामा समा गोत्रा रमा ु तः Á
शा दा ु तः स वरजाऽ ुज् लाऽ या Á Á 114 ÁÁ
वाणी गौर रा ल ीः मेधा श्र ाऽप्रमा ु तः Á
धा ाहा र तरुषा वसु वर् ा धृ तः सभा Á Á 115 ÁÁ
श ा इ ा शुची धात्री सुधाराऽक्षो जाऽमृता Á
रम क े ा शारदा ा समेधाऽऽ ा शुभाक्षरा Á Á 116 ÁÁ
र ावल भारतीडा धीर धीः केवलाऽऽ दा Á
या सा शु ः सो ता का नीला राधाऽमृतो वा Á Á 117 ÁÁ
वभू त नर् ला र ा रक्षा सु वमला क्षमा Á
प्रा व स का ले खा भूिरबीजा महा दा Á Á 118 ÁÁ
वरधुय धा ह्रीभूर्ः का मनी शोकना शनी Á
माया प्री तरसहना नमर्दा गोकुलाश्रया Á Á 119 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

अकप्रभा रसेभा श्री नलये प्रु भाऽ त ु ाÁ


श्रीः कृशानु प्रभा वज्रल ना सवर्भू मदा Á Á 120 ÁÁ
भोग प्रया भोगवती भोगी शयनासना Á
अ पूव रथम ा ह नादप्रबो धनी Á Á 121 ÁÁ
सवर्लक्षणलक्ष ा सवर्लोक प्रय र Á
सवर्म लमा ा दृ ादृ फलप्रदा Á Á 122 ÁÁ
ÁÁ इ त श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रं समा म् ÁÁ

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