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Lakshmiisahasranaamam 1
Lakshmiisahasranaamam 1
Sunder Kidāmbi
अथ सङ्कल्पः
अ श्रील ी द सहस्रनाम ोत्रमहाम
आन कदर्म च ते रासुतादयो महा ानो महषर्यः, अनु ु प् छ ः,
व ुमाया श ः, महाल ीः परा देवता, श्रीमहाल ीप्रसाद ारा
सव ाथर् स थ जपे व नयोगः Á
अथ ध्यानम्
प नाभ प्रयां देवीं प ाक्षीं प वा सनीम् Á
प व ां प ह ां व े प ामह नर्शम् Á Á 1 ÁÁ
ु दनां द र ाभरणभू षताम् Á
पूण व
वरदाभयह ा ां ाये सहोदर म् Á Á 2 ÁÁ
इ ारूपां भगवतः स दान रू पणीम् Á
सवर्ज्ञां सवर्जननीं व ुवक्षस् लालयाम् Á
दयालुम नशं ायेत् सुख स रू पणीम् Á Á 3 ÁÁ
अथ लक्ष्मीसहस्रनामस्तोत्रम्
न ागतान न ा न नी जनर नी Á
न प्रका शनी चैव प्रकाश रू पणी Á Á 1 ÁÁ
महाल ीमर्हाकाल महाक ा सर ती Á
भोगवैभवस ात्री भ ानुग्रहकािरणी Á Á 2 Á Á
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्
ज नी जृ णी ज कािरणी गणकािरका Á
शरणी च क्रकान ा सवर् ा ध च क क Á Á 69 ÁÁ
देवक देवसंकाशा वािर धः करुणाकरा Á
शवर्र सवर् स ा सवर्पापप्रभ नी Á Á 70 ÁÁ
एकमात्रा मात्रा च त्रमात्रा च तथाऽपरा Á
अधर्मात्रा परा सू ा सू ाथ थर्पराऽपरा Á Á 71 ÁÁ
एकवीरा वशेषा ा ष ी देवी मन नी Á
नै न ला लोका ज्ञानकम धका गुणा Á Á 72 ÁÁ
सब ान स ोहा ोमाकाराऽ नरू पता Á
ग प ा का वाणी सव ल ारसंयुता Á Á 73 ÁÁ
साधुब पद ासा सव कोघ टकाव लः Á
ष म ककशाकारा सवर्कमर् वव जर्ता Á Á 74 ÁÁ
आ द वण चापण का मनी वररू पणी Á
ब्र ाणी ब्र स ाना वेदवागी र शवा Á Á 75 ÁÁ
पुराण ायमीमांसाधमर्शा ागमश्रुता Á
स ोवेदवती सव हंसी व ा धदेवता Á Á 76 ÁÁ
व े र जग ात्री व नम णकािरणी Á
वै दक वेदरूपा च का लका कालरू पणी Á Á 77 ÁÁ
नारायणी महादेवी सवर्त प्रव तर्नी Á
हर वणर्रूपा च हर पदस वा Á Á 78 ÁÁ
कैव पदवी पु ा कैव ज्ञानल क्षता Á
ब्र स रूपा च ब्र स कािरणी Á Á 79 ÁÁ
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श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्
सन ु मार उवाच
इ ु ा दर्धे ल ीव वी भगव ला Á
इ ापूत च सुकृतं भागधेयं च च तम् Á Á 165 ÁÁ
ं ं ानं च भोगं च वजयं ले भरे सुराः Á
तदेत वदा ल ीनामसहस्रकम् Á
यो गनः पठत क्षप्रं च ताथ नवा थ Á Á 166 ÁÁ
गा र् उवाच
सन ु मारो योगी इ ु ा स दया न धः Á
अनुगृ ययौ क्षप्रं तां ादशयो गनः Á Á 167 ÁÁ
त ादेतद्रह ं च गो ं ज ं प्रय तः Á
अ ां च चतुदर् ां नवा ां भृगुवासरे Á Á 168 ÁÁ
पौणर्मा ाममायां च पवर्काले वशेषतः Á
जपे ा न कायषु सव ामानवा ुयात् Á Á 169 ÁÁ
ÁÁ इ त श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रं समा म् ÁÁ