You are on page 1of 19

श्रीः

श्रीमते रामानुजाय नमः


श्रीमते नगमा महादे शकाय नमः

Á Á श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम् Á Á


This document has been prepared by

Sunder Kidāmbi

with the blessings of

श्री र रामानुज महादे शकन्


His Holiness śrīmad āṇḍavan śrīraṅgam
श्रीः
श्रीमते रामानुजाय नमः
श्रीमते नगमा महादे शकाय नमः

Á Á श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम् Á Á


ना ां सा सहस्रं च ब्रू ह गा र् ! महामते ! Á
महाल ा महादे ा भु मु थर् स ये Á Á 1 ÁÁ
गा र् उवाच
सन ु मारमासीनं ादशा द स भम् Á
अपृ न् यो गनो भ ा यो गनामथर् स ये Á Á 2 ÁÁ
सवर्लौ कककमर् ो वमु ानां हताय वै Á
भु मु प्रदं ज मनुब्रू ह दया नधे ! Á Á 3 ÁÁ
सन ु मार ! भगवन् ! सवर्ज्ञोऽ स वशेषतः Á
आ स ये नॄणां क्षप्रधम थर्साधनम् Á Á 4 ÁÁ
ख मानवाः सव धनाभावेन केवलम् Á
स ध नदोऽ नैव धम थर्कामनाः Á Á 5 ÁÁ
दािर ं सनी नाम केन व ा प्रक तर्ता Á
केन वा ब्र व ा प केन मृ ु वना शनी Á Á 6 ÁÁ
सव सां सारभूतैका व ानां केनक तर्ता Á
प्र क्ष स दा ब्र न् ! तामाच दया नधे ! Á Á 7 ÁÁ
सन ु मार उवाच
साधु पृ ं महाभागाः ! सवर्लोक हतै षणः ! Á
महतामेष धमर् ना ेषा म त मे म तः Á Á 8 Á Á
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

ब्र व ुमहादेवमहे ा दमहा भः Á


स ो ं कथया ल ीनामसहस्रकम् Á Á 9 ÁÁ
य ो ारण मात्रेण दािर ा ु ते नरः Á
कं पुन ज्जपाज्जापी सव ाथ नवा ुयात् Á Á 10 ÁÁ

अथ सङ्कल्पः
अ श्रील ी द सहस्रनाम ोत्रमहाम
आन कदर्म च ते रासुतादयो महा ानो महषर्यः, अनु ु प् छ ः,
व ुमाया श ः, महाल ीः परा देवता, श्रीमहाल ीप्रसाद ारा
सव ाथर् स थ जपे व नयोगः Á

अथ ध्यानम्
प नाभ प्रयां देवीं प ाक्षीं प वा सनीम् Á
प व ां प ह ां व े प ामह नर्शम् Á Á 1 ÁÁ
ु दनां द र ाभरणभू षताम् Á
पूण व
वरदाभयह ा ां ाये सहोदर म् Á Á 2 ÁÁ
इ ारूपां भगवतः स दान रू पणीम् Á
सवर्ज्ञां सवर्जननीं व ुवक्षस् लालयाम् Á
दयालुम नशं ायेत् सुख स रू पणीम् Á Á 3 ÁÁ

अथ लक्ष्मीसहस्रनामस्तोत्रम्
न ागतान न ा न नी जनर नी Á
न प्रका शनी चैव प्रकाश रू पणी Á Á 1 ÁÁ
महाल ीमर्हाकाल महाक ा सर ती Á
भोगवैभवस ात्री भ ानुग्रहकािरणी Á Á 2 Á Á
www.prapatti.com 2 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

ईशावा ा महामाया महादेवी महे र Á


हृ े खा परमा श म तृका बीजरू पणी Á Á 3 ÁÁ
न ान ा न बोधा ना दनी जनमो दनी Á
स प्र यनी चैव प्रकाशा रू पणी Á Á 4 ÁÁ
त्रपुरा भैरवी व ा हंसा वागी र शवा Á
वा व े ी च महारा त्रः कालरा त्र लोचना Á Á 5 ÁÁ
भद्रकाल कराल च महाकाल तलो मा Á
काल करालव ा ा कामाक्षी कामदा शुभा Á Á 6 ÁÁ
च का च रूपेशा चामु ा चक्रधािरणी Á
त्रैलो ज यनी देवी त्रैलो वजयो मा Á Á 7 ÁÁ
स ल ीः क्रयाल ीम क्षल ीः प्रसा दनी Á
उमाभगवती दुग चा ी दाक्षायणी शवा Á Á 8 Á Á

प्र रा धरावेला लोकमाता हिर प्रया Á


पावर्ती परमा देवी ब्र व ाप्रदा यनी Á Á 9 ÁÁ
अरूपा बहुरूपा च वरूपा व रू पणी Á
प भूता का वाणी प भूता का परा Á Á 10 ÁÁ
काल मा प का वा ी ह वःप्र धदेवता Á
देवमाता सुरेसाना देवगभ ऽ का धृ तः Á Á 11 ÁÁ
सङ् ा जा तः क्रया श ः प्रकृ तम हनी मही Á
यज्ञ व ा महा व ा गु व ा वभावर Á Á 12 Á Á

ोत ती महामाता सवर्म फलप्रदा Á


दािर ं सनी देवी हृदयग्र भे दनी Á Á 13 ÁÁ
www.prapatti.com 3 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

सहस्रा द स ाशा च का च रू पणी Á


गायत्री सोमस ू तः सा वत्री प्रणवा का Á Á 14 ÁÁ
शा र वै वी ब्रा ी सवर्दवे नम ृ ता Á
से दुग कुबेराक्षी करवीर नवा सनी Á Á 15 ÁÁ
जया च वजया चैव जय ी चापरा जता Á
कु का का लका शा ी वीणापु कधािरणी Á Á 16 ÁÁ
सवर्ज्ञश ः श्रीश ब्रर् व ु शवा का Á
इडा प लका म ा मृणाल त ुरू पणी Á Á 17 ÁÁ
यज्ञेशानी प्रथा दीक्षा द क्षणा सवर्मो हनी Á
अ ा यो गनी देवी नब ज ानगोचरा Á Á 18 ÁÁ
सवर्तीथर् ता शु ा सवर्पवर्तवा सनी Á
वेदशा प्रभा देवी षड ा दपदक्रम Á Á 19 ÁÁ
शवा धात्री शुभान ा यज्ञकमर् रू पणी Á
व्र तनी मेनका देवी ब्र ाणी ब्र चािरणी Á Á 20 ÁÁ
एकाक्षरपरा तारा भवब वना शनी Á
व रा धराधारा नराधारा धक रा Á Á 21 ÁÁ
राका कुहूरमावा ा पू णर्माऽनुमती ु तः Á
सनीवाल शवा व ा वै देवी पश ला Á Á 22 ÁÁ
प ला च वशालाक्षी रक्षो ी वृ कािरणी Á
दु वद्रा वणी देवी सव पद्रवना शनी Á Á 23 Á Á

शारदा शरस ाना सवर्श रू पणी Á


यु म ता देवी सवर्भूतप्रभ नी Á Á 24 ÁÁ
www.prapatti.com 4 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

अयु ा यु रूपा च शा ा शा रू पणी Á


ग ा सर ती वेणी यमुना नमर्दापगा Á Á 25 Á Á

समुद्रवसनावासा ब्र ा श्रो णमेखला Á


प व ा दशभुजा शु टकस भा Á Á 26 ÁÁ
र ाकृ ा सता पीता सवर्वण नर र Á
का लका च क्रका देवी स ा तु बटुका ता Á Á 27 ÁÁ
तरुणी वारुणी नार े ा देवी सुरे र Á
व रा धरा कत्र गलागर्ल वभ नी Á Á 28 ÁÁ
स ा रा त्र दर्वा ो ा कला का ा नमे षका Á
उव का ायनी शुभ्रा संसाराणर्वतािरणी Á Á 29 Á Á

क पला क लकाऽशोका म का नवम का Á


दे वका न का शा ा भ का भयभ का Á Á 30 ÁÁ
कौ शक वै दक देवी सौर रूपा धका तभा Á
द ा नवव ा च क का कमलो वा Á Á 31 ÁÁ
श्रीः सौ लक्षणातीतदुग सूत्रप्रबो धका Á
श्र ा मेधा कृ तः प्रज्ञा धारणा का रे व च Á Á 32 ÁÁ
श्रु तः ृ तधृर् तधर् ा भू तिर मर्नी षणी Á
वर पनी माया सवर्मायाप्रभ नी Á Á 33 ÁÁ
महे ी म णी संही चे जाल रू पणी Á
अव ात्रय नमुर् ा गुणत्रय वव जर्ता Á Á 34 Á Á

ईषणत्रय नमुर् ा सवर्रोग वव जर्ता Á


यो ग ाना ग ा च योग ानपरायणा Á Á 35 ÁÁ
www.prapatti.com 5 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

त्रयी शखा वशेषज्ञा वेदा ज्ञानरू पणी Á


भारती कमला भाषा प ा प वती कृ तः Á Á 36 ÁÁ
गौतमी गोमती गौर ईशाना हंसवाहनी Á
नारायणी प्रभाधारा जा वी श रा जा Á Á 37 ÁÁ
चत्रघ ा सुन ा श्रीम नवी मनुस वा Á
नी क्षो मणी मार भ्रा मणी शत्रुमािरणी Á Á 38 ÁÁ
मो हनी े षणी वीरा अघोरारुद्ररू पणी Á
रुद्रैकाद शनी पु ा क ाणी लाभकािरणी Á Á 39 ÁÁ
देवदुग महादूता दुग भैरवी Á
सूयर्च ा रूपा च ग्रहनक्षत्ररू पणी Á Á 40 ÁÁ
ब नु ादकलातीता ब नु ादकला का Á
दशवायुजयाकारा कलाषोडशसंयुता Á Á 41 ÁÁ
का पी कमलादेवी नादचक्र नवा सनी Á
मृडाधारा रा गु ा दे वका चक्ररू पणी Á Á 42 ÁÁ
अ व ा शावर्र भु ा ज ासुर नब हर्णी Á
श्रीकाया श्रीकला शुभ्रा कमर् नमूर्लकािरणी Á Á 43 ÁÁ
आ दल ीगुर्णाधारा प ब्र ा का परा Á
श्रु तब्रर् मुखावासा सवर्स रू पणी Á Á 44 ÁÁ
मृतस ीवनी मैत्री का मनी कामव जर्ता Á
नव णमागर्दा देवी हं सनी का शका क्षमा Á Á 45 ÁÁ
सपय गु णनी भ ा नगुर्णा ख ता शुभा Á
ा मनी वे दनी श ा शा र चक्र धािरणी Á Á 46 ÁÁ
www.prapatti.com 6 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

द नी मु नी ाघ्री श खनी सोमसंह तः Á


च ाम ण दान ा प बाणाग्रबो धनी Á Á 47 Á Á

बाणश्रे णःसहस्राक्षी सहस्रभुजपादुका Á


स ाव ल स ा ा ब्र ा म णभूषणा Á Á 48 ÁÁ
वासवी दारुणी सेना कु लका म र नी Á
जत प्राण रूपा च का ा का वरप्रदा Á Á 49 ÁÁ
म ब्रा ण व ाथ नादरूपा ह व ती Á
आथवर् णः श्रु तः शू ा क नाव जर्ता सती Á Á 50 ÁÁ
स ा जा तः प्रमाऽमेया प्र म तः प्राणदा ग तः Á
अवण प वण च सवर्दा भुवने र Á Á 51 Á Á

त्रैलो मो हनी व ा सवर्भत्र क्षराक्षरा Á


हर वण हिरणी सव पद्रवना शनी Á Á 52 ÁÁ
कैव पदवीरे खा सूयर्म लसं ता Á
सोमम लम ा व म लसं ता Á Á 53 ÁÁ
वायुम लम ा ोमम लसं ता Á
च क्रका चक्रम ा चक्रमागर्प्रव तर्नी Á Á 54 ÁÁ
को कला कुलचक्रेशा पक्ष तः पङ् पावनी Á
सवर् स ा मागर् ा ष ण वरव जर्ता Á Á 55 ÁÁ
शररुद्रहरा ह ी सवर्संहारकािरणी Á
पुरुषा पौरुषी तु ः सवर्त प्रसू तका Á Á 56 ÁÁ
अधर्नार र देवी सवर् व ाप्रदा यनी Á
भागर्वी भूजुषी व ा सव प नषदा ता Á Á 57 ÁÁ
www.prapatti.com 7 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

ोमकेशा खलप्राणा प कोश वलक्षणा Á


प कोशा का प्र ब्र ा का शवा Á Á 58 ÁÁ
जगज्जरा ज नत्री च प कमर्प्रसू तका Á
वा े ाभरणाकारा सवर्का ता त Á Á 59 ÁÁ
अ ादशचतुःष पी ठका व या युता Á
का लकाकषर्ण ामा य क्षणी क रे र Á Á 60 Á Á
केतक म काऽशोकावाराही धरणी ध्रुवा Á
नार संही महोग्रा ा भ ानामा तर्ना शनी Á Á 61 ÁÁ
अ वर्ला रा ल ीजर्रामरणना शनी Á
श्रीर ता महाकाया सोमसूय लोचना Á Á 62 ÁÁ
अ द तदवमाता च अ पुत्रा यो गनी Á
अ प्रकृ तर ा वभ्राज कृताकृ तः Á Á 63 ÁÁ
दु भर्क्ष ं सनी देवी सीता स ा च रु णी Á
ा तजा भागर्वी देवी देवयो न प नी Á Á 64 ÁÁ
शाक र महाशोणा गरुडोपिरसं ता Á
संहगा ाघ्रगा देवी वायुगा च महा द्रगा Á Á 65 ÁÁ
अकारा दक्षकारा ा सवर् व ा धदेवता Á
म ा ान नपुणा ो तःशा ैकलोचना Á Á 66 ÁÁ
इडा प लका म ा सुषु ा ग्र भे दनी Á
कालचक्राश्रयोपेता कालचक्र रू पणी Á Á 67 ÁÁ
वैशारदी म तश्रे ा विर ा सवर्दी पका Á
वैनायक वरारोहा श्रो णवेलाब हवर् लः Á Á 68 ÁÁ
www.prapatti.com 8 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

ज नी जृ णी ज कािरणी गणकािरका Á
शरणी च क्रकान ा सवर् ा ध च क क Á Á 69 ÁÁ
देवक देवसंकाशा वािर धः करुणाकरा Á
शवर्र सवर् स ा सवर्पापप्रभ नी Á Á 70 ÁÁ
एकमात्रा मात्रा च त्रमात्रा च तथाऽपरा Á
अधर्मात्रा परा सू ा सू ाथ थर्पराऽपरा Á Á 71 ÁÁ
एकवीरा वशेषा ा ष ी देवी मन नी Á
नै न ला लोका ज्ञानकम धका गुणा Á Á 72 ÁÁ
सब ान स ोहा ोमाकाराऽ नरू पता Á
ग प ा का वाणी सव ल ारसंयुता Á Á 73 ÁÁ
साधुब पद ासा सव कोघ टकाव लः Á
ष म ककशाकारा सवर्कमर् वव जर्ता Á Á 74 ÁÁ
आ द वण चापण का मनी वररू पणी Á
ब्र ाणी ब्र स ाना वेदवागी र शवा Á Á 75 ÁÁ
पुराण ायमीमांसाधमर्शा ागमश्रुता Á
स ोवेदवती सव हंसी व ा धदेवता Á Á 76 ÁÁ
व े र जग ात्री व नम णकािरणी Á
वै दक वेदरूपा च का लका कालरू पणी Á Á 77 ÁÁ
नारायणी महादेवी सवर्त प्रव तर्नी Á
हर वणर्रूपा च हर पदस वा Á Á 78 ÁÁ
कैव पदवी पु ा कैव ज्ञानल क्षता Á
ब्र स रूपा च ब्र स कािरणी Á Á 79 ÁÁ
www.prapatti.com 9 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

वारूणी वारुणारा ा सवर्कमर्प्रव तर्नी Á


एकाक्षरपराऽऽयु ा सवर्दािर भ नी Á Á 80 ÁÁ
पाशाङ्कुशा ता द ा वीणा ा ाक्षसूत्रभृत् Á
एकमू तर् यीमू तर्मर्धुकैटभभ नी Á Á 81 Á Á

साङ् ा साङ् वती ाला ल ी कामरू पणी Á


जाग्र ी सवर्स ः सुषु ा े दा यनी Á Á 82 Á Á

कपा लनी महादं ्र ा भ्रुकुटी कु टलानना Á


सव वासा सुवासा च बृह श र Á Á 83 Á Á
छ ोगणप्र त ा च क ाषी करुणा का Á
चक्षु ती महाघोषा ख चमर्धराश नः Á Á 84 Á Á

श वै च व ोता सवर्तोभद्रवा सनी Á


अ च लक्षणाकारा सूत्रभा नब ना Á Á 85 ÁÁ
सवर्वेदाथर्स ः सवर्शा ाथर्मातृका Á
अकारा दक्षकारा सवर्वणर्कृत ला Á Á 86 ÁÁ
सवर्ल ीः सदान ा सार व ा सदा शवा Á
सवर्ज्ञा सवर्श खेचर रूपगो ्र ता Á Á 87 ÁÁ
अ णमा दगुणोपेता परा का ा परा ग तः Á
हंसयु वमान ा हंसारूडा श शप्रभा Á Á 88 ÁÁ
भवानी वासनाश राकृ त ाऽ खला खला Á
त हेतु वर् चत्रा ोमग ा वनो दनी Á Á 89 Á Á

वष च वा षर्का चैव ऋ जु ामरू पणी Á


महानदीनदीपु ाऽग ापु गुण क्रया Á Á 90 Á Á
www.prapatti.com 10 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

समा धगतल ाथ श्रोत ा प्रया घृणा Á


नामाक्षरपरा देवी उपसगर्नखा ता Á Á 91 Á Á

नपातोरु यीज ा मातृका म रू पणी Á


आसीना च शयाना च त ी धावना धका Á Á 92 ÁÁ
ल लक्षणयोगा ा ताद्रू गणनाकृ तः Á
ु पा तदाकृ तः Á Á 93
सैकरूपा नैकरूपा से रू ÁÁ
समासत ताकारा वभ वचना का Á
ाहाकारा धाकारा श्रीप ध न नी Á Á 94 ÁÁ
ग ीरा गहना गु ा यो न ल ाधर्धािरणी Á
शेषवासु कसंसे ा चषाला वरव णर्नी Á Á 95 ÁÁ
कारु ाकारस ः क लकृ क लका Á
श बीजा का सवर्म े ाक्षयकामना Á Á 96 ÁÁ
े ीपा थर्वा आ ा वाय ा ोमकेतना Á
आ य
स ज्ञाना काऽऽन ा ब्रा ी ब्र सनातनी Á Á 97 ÁÁ
अ व ा वासना माया प्रकृ तः सवर् मो हनी Á
श ध रणश चद च यो गनी Á Á 98 ÁÁ
व ारुणा महामाया मर चमर्दम दर्नी Á
वराट् ाहा धा शु ा नीरूपा ःसुभ गा Á Á 99 ÁÁ
नरू पत यी व ा न ा न रू पणी Á
वैराजमागर्स ारा सवर्स थद शर्नी Á Á 100 ÁÁ
जाल र मृडानी च भवानी भवभ नी Á
त्रैका लकज्ञानत ु कालज्ञानदा यनी Á Á 101 ÁÁ
www.prapatti.com 11 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

नादातीता ृ तः प्रज्ञा धात्रीरूपा त्रपु रा Á


परा जता वधानज्ञा व श षतगुणा का Á Á 102 ÁÁ
हर के शनी हेमब्र सूत्र वचक्षणा Á
असङ् ेयपराध र नवैखर Á Á 103 Á Á
मधु ज ा मधुमती मधुमासोदया मधुः Á
माधवी च महाभागा मेघग ीर न ना Á Á 104 ÁÁ
ब्र व मु हेशा दज्ञात ाथर् वशेषगा Á
नाभौ व शखाकारा ललाटे च स भा Á Á 105 ÁÁ
भ्रूम े भा राकारा सवर्ताराकृ तहृर् द Á
कृ का दभर नक्षत्रे ा चर्तोदया Á Á 106 ÁÁ
ग्रह व ा का ोत त वर् तजी वका Á
ब्र ा ग भर्णी बाला स ावरणदेवता Á Á 107 ÁÁ
वैराजो मसाम्रा ा कुमारकुशलोदया Á
बगला भ्रमरांबा च शवदूती शवा का Á Á 108 ÁÁ
मेरु व ा तसं ाना का ीरपुरवा सनी Á
योग नद्रा महा नद्रा व नद्रा राक्षसा श्रता Á Á 109 ÁÁ
सुवणर्दा महाग ा प ा ा प संह तः Á
सुप्रजाता सुवीरा च सुपोषा सुप तः शवा Á Á 110 ÁÁ
सुगृहा र बीजा ा हतक पर्जी वका Á
समुद्र ोमम ु माश्रया Á Á 111
ा सम ब स ÁÁ
सौभा रसजीवातुः सारासार ववेकदृक् Á
त्रव ा दसुपु ा ा भारती भरता श्रता Á Á 112 ÁÁ
www.prapatti.com 12 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

नादब्र मयी व ा ज्ञानब्र मयी परा Á


ब्र नाडी नरु ब्र कैव साधनम् Á Á 113 ÁÁ
का लकेयमहोदारवीयर् वक्रमरू पणी Á
वडवा शखाव ा महाकवलतपर्णा Á Á 114 ÁÁ
महाभूता महादप महासारा महाक्रतुः Á
प भूतमहाग्रासा प भूता ददेवता Á Á 115 ÁÁ
सवर्प्रमाणा स ः सवर्रोगप्र त क्रया Á
ब्र ा ा बर् ह ा व ुवक्षो वभू षणी Á Á 116 ÁÁ
शा र व धव ा प्रवरा वरहेतुक Á
हेममाला शखामाला त्र शखा प मोचना Á Á 117 ÁÁ
सव गमसदाचारा मय दा यातुभ नी Á
पु ोकप्रब ा ा सव य मरू पणी Á Á 118 ÁÁ
सामगानसमारा ा श्रोत्रकणर्रसायनम् Á
जीवलोकैकजीवातुभर्द्रोदार वलोकना Á Á 119 ÁÁ
त ड ो टलस ा ःतरुणी हिरसु र Á
मीननेत्रा च से ाक्षी वशालाक्षी सुम ला Á Á 120 ÁÁ
सवर्म लसंप ा साक्षा लदेवता Á
देहहृ ी पका दी जर् पापप्रणा शनी Á Á 121 ÁÁ
अधर्च ो स ं ्र ा यज्ञवाटी वला सनी Á
महादुग महो ाहा महादेवबलोदया Á Á 122 ÁÁ
डा कनी ा शा कनी ा सा कनी ा सम जुट् Á
नरङ्कुशा ना कव ा षडाधारा धदेवता Á Á 123 Á Á
www.prapatti.com 13 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

भुवनज्ञा न नःश्रेणी भुवनाकारव र Á


शा ती शा ताकारा लोकानुग्रहकािरणी Á Á 124 ÁÁ
सारसी मानसी हंसी हंसलोकप्रदा यनी Á
च ुद्रालङ्कृतकरा को टसूयर्समप्रभा Á Á 125 ÁÁ
सुखप्रा णः शरोरे खा नददृ प्रदा यनी Á
सवर्सा यर्दोष ी ग्रहोपद्रवना शनी Á Á 126 ÁÁ
ु य ी च वषरोगा दभ नी Á
क्षुद्रज भ
सदाशा ा सदाशु ा गृह द्र नवािरणी Á Á 127 ÁÁ
क लदोषप्रशमनी कोलाहलपुरिस् ता Á
गौर काक्ष णक मु ा जघ ाकृ तव जर्ता Á Á 128 ÁÁ
माया व ा मूलभूता वासवी व चु ेतना Á
वा दनी वसुरूपा च वसुर पिर दा Á Á 129 ÁÁ
छांदसी च हृदया म भैरवी Á
वनमाला वैजय ी प द ायुधा का Á Á 130 ÁÁ
पीता रमयी च ौ ुभा हिरका मनी Á
न ा त ा रमा रामा रमणी मृ ुभ नी Á Á 131 ÁÁ
े ा का ाध न ा ा शरा नगुर्ण प्रया Á
मैत्रेया मत्र व ा च शे शेषकलाशया Á Á 132 ÁÁ
वाराणसी वासरताचाय वतर्जन ुता Á
जगदु सं ानसंहारत्रयकारणम् Á Á 133 ÁÁ
म व ुसवर् ं नम ऽ े ु महे िर Á
नम े सवर्लोकानां जन ै पु मूतर्ये Á Á 134 ÁÁ
www.prapatti.com 14 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

स ल ीमर्हाका ल महाल नमोऽ ु ते Á


स ोजाता दप ा रूपाप कप कम् Á Á 135 Á Á

त ल ीभर्व ा दरा ा े ते नमो नमः Á


सृ ा दकारणाकार वतते दोषव जर्ते Á Á 136 ÁÁ
जग ीजर्ग ात वर् ुप नमोऽ ु ते Á
नवको टमहाश समुपा पदा ुजे Á Á 137 ÁÁ
कन ौवणर्र ा े सव भरणभू षते Á
अन ा न म ह ष प्रप े रनाय क Á Á 138 ÁÁ
अ ु ्र तपदा स् े परम ोमनाय क Á
नाकपृ गतारा े व ुलोक वला स न Á Á 139 ÁÁ
वैकु राजम ह ष श्रीर नगरा श्रते Á
र नाय क भूपु त्र कृ े वरदव भे Á Á 140 ÁÁ
को टब्र ा दसंसे े को टरुद्रा दक तर्ते Á
मातुल मयं खेटं सौवणर्चषकं तथा Á Á 141 ÁÁ
प यं पूणर्कुंभं क रं च वरदाभये Á
पाशमङ्कुशकं श ं चक्रं शूलं कृपा णकाम् Á Á 142 ÁÁ
धनुब णौ चाक्षमालां च ुद्राम प बभ्रती Á
अ ादशभुजे ल ीमहा ादश पीठगे Á Á 143 ÁÁ
भू मनीला दसंसे े ा म च ानुव तर् न Á
प े प ालये प पूणर्कु ा भषे चते Á Á 144 ÁÁ
इ रे राभा क्ष क्षीरसागरक के Á
भागर् व ं त े ावशीकृतजग तः Á Á 145 ÁÁ
www.prapatti.com 15 Sunder Kidāmbi
श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

म लं म लानां ं देवतानां च देवता Á


मु मो मानां च ं श्रेयः परमामृतम् Á Á 146 ÁÁ
धनधा ा भवृ सावर्भौमसुखो ्र या Á
आ ो लका दसौभा ं म ेभा दमहोदयः Á Á 147 ÁÁ
पुत्रपौत्रा भवृ व ाभोगबला दकम् Á
आयुरारो स र ै य मेव ह Á Á 148 ÁÁ
पदमेव वभू त सू ा ू तरा ग तः Á
सदयापा स ब्र े ा दपद तः Á Á 149 ÁÁ
अ ाहतमहाभा ं मेवाक्षो वक्रमः Á
सम य वेदानाम वरोध मेव ह Á Á 150 ÁÁ
नःश्रेयसपदप्रा साधनं फलमेव च Á
श्रीम राजराज्ञी च श्री व ा क्षेमकािरणी Á Á 151 ÁÁ
श्रींबीजजपस ु ा ऐ ं -ह्रीं -श्रीं -बीजपा लका Á
प्रप मागर्सुलभा व ुप्रथम क र Á Á 152 Á Á

काराथर्सा वत्री च सौम ा धदेवता Á


श्रीषोडशाक्षर व ा श्रीय पुरवा सनी Á Á 153 ÁÁ
सवर्म लमा े शवे सव थर्सा धके Á
शर े के गौर नाराय ण नमोऽ ुते Á
पुनः पुननर्म ेऽ ु सा ा मयुतं पुनः Á Á 154 ÁÁ
सन ु मार उवाच
एवं ु ा महाल ीब्रर् रुद्रा द भः सुरैः Á

नम रातद नै न ैभ गव जर्तैः Á Á 155 ÁÁ

www.prapatti.com 16 Sunder Kidāmbi


श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

े ाजु ै नःश्रीकैः संसारा परायणैः Á


व ुप ी ददौ तेषां दशर्नं दृ तपर्णम् Á Á 156 ÁÁ
ु ो ाभधवलापा वीक्षणैः Á
शर ूण क
सव समा व ान् चक्रे हृ ा वरं ददौ Á Á 157 ÁÁ
महाल ीरुवाच
ना ां सा सहस्रं मे प्रमादा ा प यः सकृत् Á
क तर्ये ु ले स ं वसा ाच तारकम् Á Á 158 ÁÁ
े शरण च Á
कं पुन नर्यमाज्ज ुमर्दक
मातृव ानुक ाहं पोषक ामह नर्शम् Á Á 159 ÁÁ
म ाम वतां लोके दुलर् भं ना च तम् Á
म सादेन सवऽ प े ाथर्मवा थ Á Á 160 ÁÁ
लु वै वधमर् म ते वक णर्नः Á
भ प्रप हीन व ो ना ां वोऽ प मे Á Á 161 ÁÁ
त ादव ं तैद षै वर्हीनः पापव जर्तः Á
जपे ा सहस्रं मे ना ां प्र हमादरात् Á Á 162 ÁÁ
साक्षादल ीपुत्रोऽ प दुभ ोऽ लसोऽ प वा Á
अप्रय ोऽ प मूढोऽ प वकलः प ततोऽ प च Á Á 163 ÁÁ
अव ं प्रा ुया ा ं म सादेन केवलम् Á
ृहेयम चरा वे ा वरदानाय जा पनः Á
ददा म सवर् म ाथ ल ी त रतां ध्रुवम् Á Á 164 ÁÁ

www.prapatti.com 17 Sunder Kidāmbi


श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रम्

सन ु मार उवाच
इ ु ा दर्धे ल ीव वी भगव ला Á
इ ापूत च सुकृतं भागधेयं च च तम् Á Á 165 ÁÁ
ं ं ानं च भोगं च वजयं ले भरे सुराः Á
तदेत वदा ल ीनामसहस्रकम् Á
यो गनः पठत क्षप्रं च ताथ नवा थ Á Á 166 ÁÁ
गा र् उवाच
सन ु मारो योगी इ ु ा स दया न धः Á
अनुगृ ययौ क्षप्रं तां ादशयो गनः Á Á 167 ÁÁ
त ादेतद्रह ं च गो ं ज ं प्रय तः Á
अ ां च चतुदर् ां नवा ां भृगुवासरे Á Á 168 ÁÁ
पौणर्मा ाममायां च पवर्काले वशेषतः Á
जपे ा न कायषु सव ामानवा ुयात् Á Á 169 ÁÁ
ÁÁ इ त श्री ल ीसहस्रनाम ोत्रं समा म् ÁÁ

www.prapatti.com 18 Sunder Kidāmbi

You might also like