Professional Documents
Culture Documents
Vande
Vande
फलांम
लयजशीतलाम्शस्यशामलांमातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनींफु
ल्लकु सुमितद्रुमदलशोभिनींसु
हासिनींसुमधुरभाषिणींसु
खदांवरदांमातरम्
।।१ । ।
वन्देमातरम्।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-करालेको
टि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,अ
बलाके नमाएतब
ले।
बहुबलधारिणींन
मामितारिणींरि
पुदलवारिणींमातरम्।।२
।।
वन्देमातरम्।
तुमिवि
द्या,तुमिध
र्मतु
मिहृ
दि,तु
मिमर्मत्वं
हिप्राणा:शरीरे बाहुतेतु
मिमा
शक्ति,हृदयेतुमिमाभक्ति,
तोमारईप्र
तिमाग डिम न्दिरे -मन्दिरे मा
तरम्। ।३।।
वन्देमातरम्।
त्वंहि
दु
र्गादशप्रहरणधारिणीक मलाक मलदलविहारिणीवाणीविद्यादायिनी,नमामित्वाम्नमामिकमलां
अमलांअ तुलांसु
जलांसु
फलांमातरम्।।४
। ।
वन्देमातरम्।
श्यामलांस
रलांसु
स्मितांभू
षितांधरणींभ
रणींमातरम्।।५।।
वन्देमातरम्।।
वंदेमातरमका
अ
र्थ
हेमाँ मैं
तेरीवन्दनाकरताहूँ
सुगन्धित,शुष्क,उत्तरीसमीर(हवा)
2.
सुन्दरचाँ
दनीसेप्रकाशितरातवाली,
खिलेहु
एफू
लोंऔरघ
नेवृ़ क्षोंवाली,
सुमधुरभा
षावा
ली,
सुखदे
नेवालीव
रदायिनीमे
रीमाँ ।
3.
तीसक
रोड़क
ण्ठोंकी
जो
शीली
आवाज़ें,
साठकरोड़भुजाओंमें
तलवारोंको
धारणकि
येहुए
क्याइ
तनीशक्तिके
बा
दभी
,
हेमाँ तू
निर्बलहै ,
तूहीहमारीभुजाओंकी
श
क्तिहै
,
मैंतेरीप
द-वन्दनाकरताहूँ
मेरीमाँ
।
4.
तूहीमेराज्ञान,तू
हीमे
राधर्महै
,
तूहीमेराअन्तर्मन,तू
हीमे
रालक्ष्य,
तूहीमेरे श
रीरकाप्राण,
तूहीभुजाओंकी
शक्तिहै
,
मनके भी
तरते
राही
सत्यहै
,
तेरीही
म
नमो
हिनीमू
र्ति
एक-एकम
न्दिरमें,
5.
तूहीदु र्गाद
शस
शस्त्रभु
जाओंवा
ली,
तूहीकमलाहै
,कमलके
फू
लोंकीब
हार,
तूहीज्ञानगं
गाहै
,प
रिपूर्णक
रनेवाली,
मैंतेरादा
सहूँ
,दासोंका
भी
दास,
दासोंके
दा
सकाभीदा
स,
अच्छे पानीअच्छे फ
लोंवालीमे
रीमाँ
,
मैंतेरीव
न्दनाक
रताहूँ
।
6.
लहलहातेखे
तोंवा
ली,पवित्र,मोहिनी,
सुशोभित,श
क्तिशालिनी,अजर-अमर
मैंतेरीव
न्दनाक
रताहूँ
।