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ग़ालिब हूँ मीर हूँ
ग़ालिब हूँ मीर हूँ
तम
ु गगन के चंद्रमा हो,
मैं धरा की धल ू हूँ
तमु प्रणय के दे वता हो,
मैं समर्पित फूल हूँ
तम ु हो पजू ा मैं पजु ारी,
तम ु सध
ु ा मैं प्यास हूँ
तम
ु महासागर की सीमा, मैं किनारे की लहर
तमु महासंगीत के स्वर, मैं अधरू ी साँस हूँ
तम ु हो काया मैं हूँ छाया, तम
ु क्षमा मैं भल
ू हूँ
तम
ु उषा की लालिमा हो, भोर का सिंदरू हो
मेरे प्राणों की हो गँज ु न, मेरे मन की मयरू हो
तमु हो पज ू ा मैं पज
ु ारी, तम
ु सध ु ा मैं प्यास हूँ
गाना / Title: तम
ु गगन के चंद्रमा हो, मैं धरा की धल
ू हूँ - tum
gagan ke cha.ndramaa ho, mai.n dharaa kii dhuul huu.N