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महा मा गांधी अंतररा ीय हद व व ालय ,वधा, महारा

टम पेपर
: लता मंगश
े करजी का ह द सनेमा म योगदान या ह?
उ र : नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, ले कन मेरी आवाज ही मेरी पहचान है,
पूरे दे श और हद सनेमा के लए यह त कर दे ने वाली खबर है। वर सा ा ी लता
मंगश
े कर का नधन हो गया है। लता मंगश
े कर भारतीय सनेमा क सबसे लोक य गा यका होने के
साथ सबसे आदरणीय गा यका भी थ । लता जी ने संगीत क नया को छह दशक तक अपने सुर
से नवाजा। उनक आवाज का जा जहां सरहद पर खड़े जवान म जोश क लहर को दौड़ा दे ता है,
तो वह उनके गाने सुनकर लोग क आंख म आंसू भी आ जाते ह। लता जी 50 से 60 के दशक म
गाए उनके गाने आज भी लोग क जुबान पर रहते ह उनक आवाज का जा ही है क उ ह वर
को कला भी कहा गया। हालां क भारत क महान गा यका बनने के बाद भी लता जी को एक बात
का ख हमेशा रहा।
भारत र न से क जा चुक ह स मा नत-
गायक के े म लता जी का अ तीय योगदान रहा है। उनक गायक बेजोड़ है, जसे दशक तक
याद रखा जाएगा। करोड़ शंसको के बीच उनका दजा पूजनीय है। लता जी का छह दशक का
क रयर उपल य से भरा पड़ा है। उ ह फ म जगत का सबसे बड़ा स मान दादा साहब फा के
अवाड भी मल चुका है तो वह लता जी को दे श के सबसे बड़े स मान 'भारत र न' से भी नवाजा
जा चुका है।

लता जब पा गायन के े म अपना क रयर बना रही थी तब नूरजहां, शमशाद बेगम जैसी
गा यका का बोलबाला था। लता पर भी इन गा यका का भाव था और वे उसी शैली म गाती
थ । लता समझ ग क य द उ ह आगे बढ़ना है तो अपनी शैली वक सत करनी होगी और उ ह ने
यही कया। उ ह ने हद और उ के उ ारण सीखे।

आएगा आने वाला से नह दे खा पीछे मुड़ कर


1949 म एक फ म रलीज ई 'महल'। इसम खेमचंद काश ने लता से 'आएगा आने वाला' गीत
गवाया जसे मधुबाला पर फ माया गया था। यह गीत सुपर हट रहा। इस गीत ने एक तरह से
ऐलान कर दया क आएगा आने वाला आ चुका है। यह गीत लता के बेहतरीन गीत म से एक
माना जाता है और आज भी सुना जाता है। इस गीत क कामयाबी के बाद लता ने फर पीछे मुड़
कर नह दे खा।
कई फ म महज इस लए सफल रही य क लता मंगशे कर के गाए गाने लोक य ए और इस
कारण ही फ म चल नकली। अपने सहज सरल वभाव के कारण लता फ म नमाता ,
नदशक और संगीतकार क पहली पसंद बन गई। हर गाने को लेकर उनक मेहनत गाने म
झलकती थी।

हर गाने को लता वशेष बना दे ती थ । चाहे वो रोमां टक गाना हो, राग आधा रत हो, भजन हो,
दे शभ से ओत ोत हो। उनके ारा गाए गीत 'ऐ मेरे वतन के लोग ' को सुन त कालीन धानमं ी
जवाहर लाल नेह क भी आंख भर आई थी।

संगीतकार लता के पास क ठन से क ठन गीत लाते थे और लता बड़ी आसानी से उ ह गा दे ती थी।


राज कपूर, बमल रॉय, गु द , मेहबूब खान, कमाल अमरोही जैसे द गज फ मकार क पहली
पसंद लता ही रही।

1970 से फ म संगीत म गरावट आना शु हो गई, ले कन लता ने अपने आपको इससे बचाए
रखा। उनके गाने वा लट लए होते थे और वे सफलता के शीष पर बनी रह ।

इस दौर म भी उ ह ने पाक ज़ा, ेम पुजारी, अ भमान, हंसते ज म, हीर रांझा, अमर मे , कट


पतंग, आंधी, मौसम, लैला मजनूं, दल क राह, स यम शवम सुंदरम जैसी कई फ म म यादगार
गीत गाए।

लता ने ढे र सारे गाने गाए जनम से अ धकांश पसंद कए गए। कसी को मदन मोहन के संगीत म
लता क गायक पसंद आई तो कसी को नौशाद के संगीत म। सब क अपनी-अपनी पसंद रही।
लता ने कतने गाने गाए इसको लेकर भी बढ़ा-चढ़ा कर दावे कए गए।
खुद लता ने कहा क वे नह जानती क उ ह ने कतने गाने गाए य क उ ह ने कोई रकॉड नह
रखा। गनीज़ बुक म भी उनका नाम शा मल कया गया था, ले कन इसको लेकर भी खासा ववाद
आ। 25 या 30 हजार गान क बात करना बेमानी है। लगभग 5 से 6 हजार गीत म लता ने
अपनी आवाज द है।

मान-स मान और पुर कार


लता मंगश
े कर को ढे र पुर कार और स मान मले। जतने मले उससे यादा के लए उ ह ने मना
कर दया। 1970 के बाद उ ह ने फ मफे अर को कह दया क वे सव े गा यका का पुर कार
नह लगी और उनक बजाय नए गायक को यह दया जाना चा हए। लता को मले मुख स मान
और पुर कार इस तरह से ह:

भारत सरकार पुर कार


1969 - प भूषण
1989 - दादा साहेब फा के पुर कार
1999 - प वभूषण
2001 - भारत र न

रा ीय फ म पुर कार
1972 - फ म परी के गीत के लए सव े म हला पा गा यका का रा ीय फ म पुर कार
1974 - फ़ म कोरा कागज़ के गीत के लए सव े म हला पा गा यका का रा ीय फ़ म
पुर कार
1990 - फ म ले कन के गीत के लए सव े म हला पा गा यका का रा ीय फ म पुर कार
फ मफे यर अवाड् स
1959 - "आजा रे परदे सी" (मधुमती)

1963 - "काहे द प जले कही दल" (बीस साल बाद)


1966 - "तुम मेरे मं दर तुम मेरी पूजा" (खानदान)

1970 - "आप मुझसे अ े लगने लगे" (जीने क राह से)


1993 - फ़ मफ़े यर लाइफटाइम अचीवमट अवाड
1994 - "द द तेरा दे वर द वाना" (हम आपके ह कौन) के लए वशेष पुर कार
2004 -फ़ मफ़े यर ेशल अवाड : 50 साल पूरे करने वाले फ़ मफ़े यर अवाड् स के अवसर पर
एक गो न ॉफ दान क गई

महारा रा य फ म पुर कार


1966 - सव े पा गा यका
1966 - सव े संगीत नदशक ('आनंदघन' नाम से)
1977 - जैत रे जैत के लए सव े पा गा यका
1997 - महारा भूषण पुर कार
2001 - महारा रन

1970 - दो रा ते
1971 - तेरे मेरे सपने

1972 - पाक ज़ा

1973 - अ भमान

1975 - कोरा कागज़


1981 - एक जे के लए
1985 - राम तेरी गंगा मैली

इनके अलावा ढे र सारे पुर कार, स मान और ॉ फयां।


अब म य दे श सरकार ने लता मंगश
े कर के नाम पर पुर कार भी ा पत कया है।

मागदशक. तुत कता


डॉ. सुर भ व लव अजय यंगड

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