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टम पेपर
: लता मंगश
े करजी का ह द सनेमा म योगदान या ह?
उ र : नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, ले कन मेरी आवाज ही मेरी पहचान है,
पूरे दे श और हद सनेमा के लए यह त कर दे ने वाली खबर है। वर सा ा ी लता
मंगश
े कर का नधन हो गया है। लता मंगश
े कर भारतीय सनेमा क सबसे लोक य गा यका होने के
साथ सबसे आदरणीय गा यका भी थ । लता जी ने संगीत क नया को छह दशक तक अपने सुर
से नवाजा। उनक आवाज का जा जहां सरहद पर खड़े जवान म जोश क लहर को दौड़ा दे ता है,
तो वह उनके गाने सुनकर लोग क आंख म आंसू भी आ जाते ह। लता जी 50 से 60 के दशक म
गाए उनके गाने आज भी लोग क जुबान पर रहते ह उनक आवाज का जा ही है क उ ह वर
को कला भी कहा गया। हालां क भारत क महान गा यका बनने के बाद भी लता जी को एक बात
का ख हमेशा रहा।
भारत र न से क जा चुक ह स मा नत-
गायक के े म लता जी का अ तीय योगदान रहा है। उनक गायक बेजोड़ है, जसे दशक तक
याद रखा जाएगा। करोड़ शंसको के बीच उनका दजा पूजनीय है। लता जी का छह दशक का
क रयर उपल य से भरा पड़ा है। उ ह फ म जगत का सबसे बड़ा स मान दादा साहब फा के
अवाड भी मल चुका है तो वह लता जी को दे श के सबसे बड़े स मान 'भारत र न' से भी नवाजा
जा चुका है।
लता जब पा गायन के े म अपना क रयर बना रही थी तब नूरजहां, शमशाद बेगम जैसी
गा यका का बोलबाला था। लता पर भी इन गा यका का भाव था और वे उसी शैली म गाती
थ । लता समझ ग क य द उ ह आगे बढ़ना है तो अपनी शैली वक सत करनी होगी और उ ह ने
यही कया। उ ह ने हद और उ के उ ारण सीखे।
हर गाने को लता वशेष बना दे ती थ । चाहे वो रोमां टक गाना हो, राग आधा रत हो, भजन हो,
दे शभ से ओत ोत हो। उनके ारा गाए गीत 'ऐ मेरे वतन के लोग ' को सुन त कालीन धानमं ी
जवाहर लाल नेह क भी आंख भर आई थी।
1970 से फ म संगीत म गरावट आना शु हो गई, ले कन लता ने अपने आपको इससे बचाए
रखा। उनके गाने वा लट लए होते थे और वे सफलता के शीष पर बनी रह ।
लता ने ढे र सारे गाने गाए जनम से अ धकांश पसंद कए गए। कसी को मदन मोहन के संगीत म
लता क गायक पसंद आई तो कसी को नौशाद के संगीत म। सब क अपनी-अपनी पसंद रही।
लता ने कतने गाने गाए इसको लेकर भी बढ़ा-चढ़ा कर दावे कए गए।
खुद लता ने कहा क वे नह जानती क उ ह ने कतने गाने गाए य क उ ह ने कोई रकॉड नह
रखा। गनीज़ बुक म भी उनका नाम शा मल कया गया था, ले कन इसको लेकर भी खासा ववाद
आ। 25 या 30 हजार गान क बात करना बेमानी है। लगभग 5 से 6 हजार गीत म लता ने
अपनी आवाज द है।
रा ीय फ म पुर कार
1972 - फ म परी के गीत के लए सव े म हला पा गा यका का रा ीय फ म पुर कार
1974 - फ़ म कोरा कागज़ के गीत के लए सव े म हला पा गा यका का रा ीय फ़ म
पुर कार
1990 - फ म ले कन के गीत के लए सव े म हला पा गा यका का रा ीय फ म पुर कार
फ मफे यर अवाड् स
1959 - "आजा रे परदे सी" (मधुमती)
1970 - दो रा ते
1971 - तेरे मेरे सपने
1972 - पाक ज़ा
1973 - अ भमान