You are on page 1of 18

बहनो की बदलकर चुदायी की

मेरा नाम अमित है. मेरी उमर 23 साल है मैं T.Y. BCOM में पडता हूँ. मेरी स्टोरी मेरे घर की है. जिसमें मेरी बहन के
सेक्स की कहानी है. मेरी बहन का नाम पूनम है. उसकी की हाइट 5.4” है. और वो 22 साल की है. वो दिखने में इतनी गोरी
नहीं है पर है बहुत सेक्सी. वो बहुत सुन्दर है जिसे देखकर कोइ भी मर्द उसे चोदने को राजी हो जाएगा. उसका फ़िगर 36-26-
37 है. उसके बूब्स काफ़ी बडे है. और गाण्ड तो इतनी मज़ेदार है की जब वो चलती है तो लण्ड खडा हो जाता है किसी का भी.

बात उन दिनो की है जब मैं कोलेज में पडता था. और मेरी बहन मेरे ही कोलेज के बाजू वाले लेडिस कोलेज में पडती थी. मेरा एक
सबसे अच्छा दोस्त था जिसका नाम महेश था. वो मेरे साथ ही एक ही क्लास में था, और मेरे घर भी आता-जाता था. मेरी उससे
काफ़ी अच्छी दोस्ती थी. महेश की 1 बहन थी जिसका नाम शालू था. वो मेरी बहन की उमर की ही थी, और मेरी बहन के कोलेज में
ही पडती थी. हाँ वो दोनो एक दूसरे की दोस्त नहीं थी, सिर्फ़ जानती थी एक दूसरे को. महेश काफ़ी अमीर था, लेकिन मैं मिडल क्लास
फ़ै मली से था. महेश के पापा का एक फ़ार्म-हाउस था. शहर से थोडा ही दूर. हम अक्सर मैं और महेश क्लास बन्क करके वहाँ जाया
करते थे. वहाँ कोइ नहीं रहता था. एक खास बात आप लोगो को बता दूँ, के मैं और महेश की बहन शालू एक दूसरे को काफ़ी पसन्द
करते थे. और हमारे बीच में काफ़ी सारा सेक्स भी था. मैं जब भी महेश कोलेज में रहता तो उसकी बहन को लेकर उसके फ़ार्म-हाउस
चला जाता था, और दोपहर तक हम दोनो मिल कर खूब चुदायी करते थे.

एक दिन महेश का रात को मुझे फ़ोन आया. उसने पूछा की कल क्या कर रहे हो. तो मैंने उसे बताया की मैं कल कोलेज से बन्क
करके क्रिके ट खेलने जाउन्गा. मैंने उससे पूछा के कोइ काम है क्या. तो उसने टाल दिया की नहीं एसे ही पूछ रहा हूँ. और फोने रख
दिया. अगले दिन मैं सुबह जब क्रिके ट खेलने जा रहा था तो मैं जल्दी उठा गया और तैयार भी हो गया. मैंने अपनी बहन पूनम के कमरे
में झान्क कर देखा, तो वो आज कु च्छ अच्छी तरह तैयार हो रही थी. उसने लाल रन्ग की टाप और उसके नीचे काले रन्ग की स्कर्ट
पहन रक्खी थी. उसके टाप से उसके बडे-बडे बूब्स क्या कमाल दिख रहे थे, और उसकी स्कर्ट उसकी गाण्ड से एक दम फ़िट थी
जिससे उसकी गाण्ड के उभार साफ़ दिखायी दे रहे थे. उसने अपने बाल खुले रखे थे और मैक-अप भी बहुत अच्छा किया हुआ था.

अचानक उसके मोबाइल पर किसी का फ़ोन आया, वो बात कर रही थी की कोलेज के बाहर मिलेगी. बाद में वो अपने स्कू टी पर
निकल गइ और मैं उसके पीछे गया.
वो कोलेज कम्पाउन्ड में अपनी स्कू टी पार्क कर के बाहर आ गई और किसी का इन्तजार कर रही थी, अचानक एक कार आई और वो
उसमें बैठ गई. मैं उसका पीछा करने लगा तो कार महेश के फ़ार्म-हाउस पर आ कर रुक गई. तभी मुझे अचानक याद आया के वो कार
तो महेश के पापा की है. और मेरे मन में हलचल सि मच गई, की पूनम उस कार में क्या कर रही थी. कार अन्दर चली गई. मैं भी
अन्दर चला गया, तब तक कार में से वो लोग अन्दर चले गये थे. मेरे पास भी महेश के फ़ार्म-हाउस की चाभी थी, और मैं हर एक
दरवाजे और खिडकी का जानकार था. तो मैं भी दूसरी चाभी से अन्दर चला गया.

वहाँ पर पहले हाल में कोइ नहीं था, अन्दर बैड रूम से किसी की आवाज सुनाई दे रही थी. तो मैंने दूसरे कमरे में जा कर के T V
ओन कर दिया, और महेश के फ़ार्म-हाउस के हर हिस्से में CC T V कै मरा लगाया गया था. तो मैंने कै मरा ओन कर दिया. कै मरा
ओन होते ही मेरे तो दिमाग ने काम करना बन्द कर दिया. वहाँ पर मैंने देखा के मेरी बहन पूनम और महेश थे. वो लोग बातें कर रहे
थे.

महेश :- पूनम आज बहुत अच्छी लग रही हो क्या बात है?

पूनम :- बात कु च्छ नहीं मैं तो हर पल अच्छी ही दिखती हूँ तुम्हारी नज़र आज कु च्छ बदल गई लगती है.
महेश :- मुझे तो तुम आज कु च्छ ज्यादा ही सेक्सी दिख रही हो पूनम.

पूनम :- कु च्छ ठन्डा तो पिलाओ, बहुत प्यास लगी है.

महेश :- क्या लोगी गरम नहीं चलेगा क्या? तुम्हारी तो प्यास गरम से ही बुझेगी क्यों?

पूनम :- प्लीस यार सच में प्यास लगी है दो न कु च्छ.

महेश :- ओके कोक चलेगी क्या.

पूनम :- हाँ चलेगी.

बाद में वो दोनो कोक पीने लग गये और बातें करते जाते थे.

महेश :- मेरा गिफ़्ट पहना है न डार्लिन्ग. कै सा लगा वो.

पूनम :- अच्छा था और पहना भी है तुम्हारे लिये.


महेश :- तो चलो दिखा दो मुझे, मैं कब से देखने के लिये तडप रहा हूँ डार्लिन्ग.

पूनम :- मैं नहीं दिखाने वाली ह ह ह.... तुमको देखना है तो खुद ही देख लो.

महेश :- हाँ वो तो मैं देख ही लून्गा तुमसे पूछु न्गा नहीं जानेमन.

य़े कह कर महेश ने पूनम को पकड लिया और उसको बाहों में भर लिया. उसने उसके गले को किस्स करना चालू कर दिया, और एक
लिप्प किस्स कर दि 5 मिनट तक किस्स करने के बाद उसने उसके लाल टाप में हाथ डाल दिया और उसके बूब्स को दबाने लगा.
पूनम भी उसे किस्स कर रही थी. महेश ने उसके टाप को उतारना चाहा पर पूनम ने रोक लिया और बोली.

पूनम :- गिफ़्ट ऐसे नहीं दिखाउन्गी तुम इन्तजार करो, मैं अभी आती हूँ. ये कह कर बाथ-रूम में चली गई. और वापिस आई तो मैं तो
देख कर हैरान रह गया. ब्रा और पैन्टी में वो भी पीले रन्ग की एक दम सेक्सी थी वो, और उसके ब्रा और पैन्टी. लगता था काफ़ी
मंहगी होगी और महेश ने लेकर दि होगी. उसकी क्रीम बोडी पर पीले रन्ग की वो ब्रा और पैन्टी क्या कमाल की दिख रही थी मेरा तो
लण्ड खडा हो गया.

महेश :- हाय पूनम क्या सेक्सी दिख रही है आजा मेरे पास, आज तो लगता है बहुत देर तक प्यार मिलने वाला है.

पूनम मटक कर चलती हुई महेश कर पास जाकर उसके गले में अपनी बाहें फ़ै ला कर.

पूनम :- मैं तो तुमसे ज्यादा से ज्यादा प्यार लुन्गी आज महेश. घर दोपहर के बाद ही जाउन्गी. घर पर बोल कर आई हूँ के एक्स्ट्रा
क्लास है.

महेश अपने कपडे उतारता हुआ पूनम से बोला.


महेश :- पूनम देखा मेरा लण्ड भी कितना बडा हो गया है तुझे देख कर जानेमन.
और दोनो एक दुसरे को लिपट गये और किस्सिन्ग चालू कर दि. महेश भी अब सिर्फ़ अन्डरवीयर में था और मेरी बहन पूनम उसे उपर
से सहला रही थी. और महेश उसके बूब्स को दबा रहा था. महेश ने पूनम के एक बूब्स को ब्रा से बाहर निकाल लिया और उसे चूसने
लगा.

पूनम :- आआ आआ और चुसो महेश अपनी पूनम के बूब्स और चुसो.


महेश भी पूनम के बूब्स जोर जोर से चूस रहा था और उसने अब उसकी ब्रा को भी खोल दिया था. पूनम कर दोनो बूब्स बिलकु ल
आजाद हो गये थे. मेरा तो हाल आप पूछो ही मत मेरा लण्ड तो इससे पहले इतना टाइट कभी नहीं हुआ होगा. अब महेश ने पूनम को
दिवार के पास उलटा खडा कर दिया था, और पीछे से उसके बूब्स दबा रहा था और साथ साथ उसकी झान्गो को भी सहला रहा था.
और उसकी पैन्टी में एक हाथ डाल कर उसकी गाण्ड को दबा रहा था. पूनम भी मस्त हो कर अपने बूब्स और गाण्ड दबवा रही थी.
फ़िर उसने उसे सीधा कर दिया और बैड पर बिठा दिया. अब पूनम के मुन्ह के पास उसके अन्डरवीयर में से बाहर आने कर लिये लण्ड
तैयार था. पूनम ने बडे प्यार से उसके लण्ड को उपर से ही सहला दिया और प्यार भरी मुस्कु राहट दि महेश को तो महेश बोला.

महेश :- पूनम रानी अपने लण्ड को प्यार नहीं करोगि क्या?

पूनम :- करुन्गी न मेरा राजा है ये तो, मेरी जान है रे कितना प्यारा है रे.

य़े कह कर पूनम ने उसके अन्डरवीयर को नीचे सरका कर लण्ड को सहलाने लगी. थोडी ही देर में उसने लण्ड के टाप को अपने मुन्ह
में ले लिया और चूसने लगी. पूनम ऐसे लण्ड चूस रही थी मानो उसको कई बार लण्ड चुसाई की प्रैक्टिस हो. महेश उसके सर में हाथ
फ़े र रहा था. खडा हो कर और उसने बालों को पकड कर उसके सर को आगे-पीछे कर रहा था और आआआआ......
आआआ...... कर रहा था.

महेश :- मेरी जान अब बस भी करो वर्ना सारा का सारा माल निकल जाएगा और तेरी चूत कर लिये तुझे इन्तजार करना पडेगा.

पूनम ने अब महेश का लण्ड अपने मुन्ह से निकाल लिया था और बैड पर जा कर लेट गई. महेश ने बैड पर चड कर उसके पैरो को
चाटना शुरू कर दिया और चुमते चाटते हुए उसकी पैन्टी पर पहुंच गया. महेश ने उसकी पैन्टी को धीरे से नीचे सरकाया और निकाल
दि. अब मेरी बहन पूनम बिलकु ल नन्गी बैड पर थी और अपने पैरो को एक-दूसरे के साथ साथ दिया था. उसकी चूत दिखाइ नहीं दे
रही थी. महेश ने उसकी झान्गो को बडे प्यार से सहला कर फ़ै ला दिया. तब जा कर उसकी चूत कर दर्शन हो पाये. उसकी चूत एक
दम से साफ़ की हुइ थी मानो आज ही साफ़ की हो. महेश ने उसकी चूत को एक प्यार भरा चुम्मा दिया और बोला.

महेश :- लगता है आज ही मेरी जान को साफ़ किया है. आज तो इसे खा ही जाउन्गा पूनम.

पूनम :- हाँ आज ही साफ़ की है महेश तेरे लिये. जितना मरजी हो खा जा, य़े चूत तेरी ही है.

महेश ने उसकी चूत को फ़ै ला कर चाटना शुरू कर दिया और पूनम की सिस्कियां निकलने लगी. ओअह्ह्ह महेश और चूसो ऒह्ह्ह्
बडा अच्छा चूसते हो तुम मेरे राजा और चुसो खा जाओ आज ये चूत को तुम आआआआआआआआआ........... 15 मिनट के
बाद महेश ने चूत को छोड दिया और पूनम की चूत से पानी बहने लगा था. महेश ने अब अपने लण्ड को तैयार कर लिया था. आज
मेरी बहन पूनम मेरे सामने चुद रही थी और वो भी मेरे सबसे अच्छे दोस्त कर साथ.
महेश अब पूनम के उपर आ गया और पूनम ने भी नीचे से अपनी टान्गे खोल कर अपनी चूत का दरवाजा खुल छोड दिया था. महेश ने
अब अपने लण्ड के टोपे को उसके चूत के होल पर ला कर लण्ड से रगडा उसकी चूत पर तो पूनम ने कहा....

पूनम :- महेश जल्दी करो न अब नहीं रुका जाता जान निकली जा रही है.

महेश :- हाँ हाँ मैं तो देख रहा था की तू कितनी बडी चुदकड बन गायि है रे पूनम. मुझसे चुदवा चुदवा कर. य़े ले अपने लण्ड को.

कह कर महेश ने अपने लण्ड का टोपा पूनम की चूत में डाल दिया. पूनम की हल्की सि चीख निकल गइ. ऊयि आआआआ..... मर
गइ........ फ़िर थोडा रुक कर महेश ने अपना पू्रा लण्ड एक ही झटके में डाल दिया और पूनम तो .. आआअह्ह् हुउउउउउउ
धीईईरीईई .. मर गयिइइइइइइ जाअनुउ .. बस करोओ .. आआआआआआआअह्ह्ह्ह्ह् .. उइइइइइइइइइइइ .. किये जा रही थी ..
फ़िर महेश थोडा रुका और 2 मिनट के बाद फ़िर आगे-पीछे करने लगा और उसने थोडी स्पीड बडा दि थी अब. और ज़ोरदार स्ट्रोक
के लगते ही उसकी चीख उइइइइइइइइइइइ .. आआआआआअ और आआआआआआह्ह् ह्म्म्म्म्म्म्म्म् में बदल गइ थी .. अब पूनम
बोलने लगी .. फ़ाड डालो जाआनु आज तो हाआआआआआअ पूओराआ डाआअलो अन्दर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र् ..ऐसीईए .. हाआअ ऐसीईईईईईए
ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्.

अब पूनम अपने बूब्स दबा रही थी और महेश के सीने को सहला रही थी. महेश ने अब पूनम कर बूब्स को पकड लिया और तेजी से
झटके मारने लगा था. पूनम भी मजे से नीचे से अपने चूत को उपर उठा उठा कर लण्ड को अपनी चूत में लेने लगी थी. महेश ने लण्ड
उसकी चूत में से पूरा बाहर करके फिर से पूरा अन्दर डाल रहा था और वो चिल्लाने लगी थी.
वो पागल हो रही थी आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मैं मर जौन्गिइइइइइइइ आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्... आज
चोद दो मुझे और जोर से चोद महेश फ़ाड डालो अपनी पूनम की चूत को और जोर से चोदो आआअ......महेश.......
आआआआअ.....

फ़िर महेश ने अपना लण्ड बाहर निकाला और पूनम को बोला " चल कु तिया की तरह हो जा मैं पीचे से मारता हूँ तेरी चूत को" पूनम
" जैसे चाहे मारो आज मुझे सिर्फ़ लण्ड चाहीए" महेश ने पूनम के पीछे जा कर उसकी गाण्ड को अपनी और खीन्च लिया और लण्ड
चूत कर उपर सटा कर लण्ड को चूत के अन्दर डाल दिया और पूनम के बूब्स को पकड कर चोदने लगा.

महेश :- ले मेरा लण्ड ले ले रन्डी रानी मेरी ले मेरे लण्ड को पूरा खा पूरा ले ले तेरे लिये ही मेरा लण्ड बना है रे पूनम.

पूनम :- दे दे पूरा का पूरा दे दे लण्ड आज मैं नहीं कहुगीं रुकने को, जितना मरजी हो चोदो अपनी इस रन्डी पूनम को.

15 मिनट के बाद महेश ने पूनम को बैड से उठा कर बाजू में पडे सोफ़े पर ले गया और खुद सोफ़े पर बैठ गया और पूनम से बोला
" चल आजा मेरी पूनम रानी बैठ जा अपने प्यारे लण्ड पर" पूनम भी मुस्कु रा कर अपनी गाण्ड हीलाती हुइ आई और महेश कर सामने
खडी हो गई. महेश का लण्ड 8"इन्च लम्बा और 1.5"इन्च मोटा होगा और एक दम टाइट खडा था. पूनम की चूत में जाने के
लिये. पूनम अपनी टान्गे फ़ै लते हुये चूत को लण्ड पर रख दिया और महेश ने नीचे से एक झटका मारा तो पूनम की चूत में उसका
आधा लण्ड चला गया. और अब पूनम भी उपर से उछल-उछल कर अपनी चूत चुदवा रही थी और महेश अपने हाथों से उसके बूब्स
और गाण्ड दबा रहा था. उन दोनो के मुन्ह से सिस्कियां निकल रही थी अहाअह्ह्ह्ह्ह् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्.

महेश पूरी तेजी से पूनम को चोद रहा था, अह्ह्ह्हहह्ह् पूनम बोले जा रही थी "और जोर से चोदो महेश आह्ह्ह्". उसकी आवाज
सुनकर महेश के अन्दर भी जोश आ रहा था और वो उसे तेजी से चोद रहा था. जब उसका पानी निकलने वाला था तो वो बोली
"और जोर से और अह्ह्ह्ह्ह्हाआह्" की आवाज कर साथ पानी छोड दिया. अब महेश का लण्ड उसकी चूत के रस से पूरी तरह भीग
चुका था और आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था. जब महेश का पानी छू टने वाला था तो उसने अपनी स्पीड बडा दि और अपना
लण्ड पूनम की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा और साथ ही उसके बूब्स दबाने लगा.
जैसे ही महेश का विर्य उसकी चूत में गिरा वो चिल्ला उठी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् कित्नाआआआआ गरम है तुम्हराआआआआ
विर्याआआआअ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् याआआह्ह्ह्ह्ह्ह्. और दोनो ने एक दूसरे को कस कर पकड लिया और महेश आखरी बुन्द निकलने
तक झटके मार रहा था. फ़िर जब महेश का सारा विर्य निकल गया तो उसने लण्ड चूत से निकाल लिया. लण्ड कर साथ चूत से ढेर
सारा पानी निकलने लगा था. पूनम वहीं सोफ़े पर बैठ गई और महेश का लण्ड हाथ में ले कर सहलाने लगी और बोली.

पूनम :- इतना मजा मुझे कभी नहीं मिल महेश आज तो मजा आ गया.

महेश :- मैं तो तुझे रोज़ इतने ही मज़े देना चाहता हूँ पर क्या करु तेरा भाई मेरे साथ ही रहता है.

पूनम :- तुम तो बहत सारे आसनो में चोदते हो महेश, तुम तो माहीर हो चोदने में.

महेश :- तू है ही इतनी चुदकड मेरी पूनम रानी की तेरी जवानी देख कर तो कोइ भी तुझे पूरी रात चोदता रहे.

पूनम :- महेश तुम प्लीस मुझे एक सारी रात अपने पास नहीं रख सकतें मैं तुमसे पूरी रात चुदवाना चाहती हूँ.

महेश :- मेरी रन्डी कु च्छ प्लान बनाते हैं किसी दिन. पर तेरे भाई का क्या करु?

पूनम :- छोडो उसको और कु च्छ सोच कर बाद में बताना की मैं भी पूरी रात घर से बाहर रुक सकु .

बाद में दोनो उठे और बाथ-रूम में चले गये. मेरा तो पानी वहीं निकल गया था. बाथ-रूम में जाते ही महेश ने अपना लण्ड साफ़ किया
और वहीं बने हुये पूल में पानी में उतर गया और पूनम अन्दर चली गइ वाशरूम में. मैं आप को बता दूँ की महेश के बाथ-रूम में एक
छोटा सा स्विमिंन्ग पू्ल बना हुआ है और बाथ-रूम काफ़ी बडा है. पर बाथ-रूम एक ही है दोनो कमरे में जो भी उसे इस्तेमाल करना
चाहे इस्तेमाल कर सकता है. महेश के फ़ार्म-हाउस पर 2 रूम्स, 1 हाल, 1 ही बाथ-रूम है जो दोनो रूम्स में अटैच है. महेश पूल
में बैठा था और नहा रहा था इतने में ही पूनम बाहर आ गई, वो नन्गी ही बाहर चली आई थी. और क्या लगती थी वो कमाल. उसका
बदन पूरी तरह भिगा था. शायद शावर ले कर आयि थी. बाहर आ कर उसने महेश को एक स्माइल दि और महेश ने उसको इशारा
करके पूल में आने कर लिये कहा और हाथ उपर किया.
पूनम भी उसका इशारा समझ कर पूल में उतर गई और महेश ने उसे अपने पास खीन्च लिया और अपनी गोदी में बिठा लिया और वो
दोनो एक दूसरे को किस्सिन्ग करने लगे. महेश उसके पीछे से हाथ डाल कर उसके बूब्स और निप्पल को दबाने लगा और पूछने लगा.

महेश :- पूनम तुम्हारे बूब्स इतने बडे कै से हो गये है?

पूनम :- क्या तुम्हें पसन्द नहीं मेरे बडे बूब्स?

महेश :- मुझे तो बहुत पसन्द है मेरी जान, मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था.

पूनम :- तुमने दबा-दबा कर बडे कर दिये है हाँ ह ह ह ह............ और हस्ने लगी.

महेश :- मैं तो बस 1 महीने से ही दबा रहा हूँ पहले कोन दबाता था इसको?

पूनम :- गुस्से से मैं कोइ ऐसी-वैसी लडकी नहीं हूँ, तुम क्या समझते हो मुझको एक रन्डी. कह कर उठने लगी.
महेश :- उसे वापिस खिन्चते हुए अरे मेरी पूनम रानी तू तो बुरा मान गइ, मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था.

पूनम फ़िर उसकी गोदी में बैठ गई और कु च्छ नहीं बोली, तो महेश ने उसे फ़िर से किस्सिन्ग करने लगा और गरम करने लगा थोडी
देर में ही पूनम फ़िर से नोर्मल हो गई. और महेश के लण्ड को सहलाने लगी तो महेश ने उसे बोला "लण्ड फ़िर से खडा हो गया है
मेरी जान अब की बार क्या इरादा है" पूनम बोली "इरादा तेरा क्या मेरे राजा" महेश बोला पूनम की गाण्ड पर हाथ फ़े र कर इसको
अबकी बार चोदता हूँ क्यों क्या कहती हो?". पूनम भी अब गरम हो गई थी, और बोल पडी "ये चूत भी तुम्हारी है और ये गाण्ड भी
तुम्हारी है मेरे यार जहाँ चाहो डालो पर मुझे ये लण्ड दे दो"

महेश ने अब पूनम को पूल की दिवार सि उलटा खडा कर दिया और खुद पीछे चल गया और एक तेल की बोतत्ल ले कर उसने तेल
अपने लण्ड पर लगाया और थोडा पूनम की गाण्ड पर लगाया. और एक झटके में लण्ड का टोपा पूनम की गाण्ड में चला गया तो
पूनम की थोडी सि चीख निकल गई और वो बोल पडी "आराम से महेश आराम से मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ मेरे राजा" महेश
थोडा रुका और फिर एक झटका मारा और फिर तीसरा झटका मारा और पूरा का पूरा लण्ड पूनम की गाण्ड में डाल दिया. थोडी दे
में वो उसकी गाण्ड को आराम से चोद रहा था और दोनो बडे मज़े से झूल रहे थे.

पूनम बोल रही थी.. महेश डार्लिन्ग चोदो मुझे.. आआआआआअ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्. चोदो न.. अपना लौडा मेरे गाण्ड में डाले रहो.
फ़ाड दो मेरी गाण्ड को साले इतना तडपाता था, इतना मोटा लण्ड है तेरा म्म्म्म्म्म्म्म्म्म् म्माआआआआआ आआआआआआ.

पूनम को महेश का चोदना इतना अच्छा लग रहा था की जब महेश उसके अन्दर धक्के मारता था, तो वो अपनी गाण्ड उठा उठा कर
उसके धक्के का जवाब देने लग गई. महेश ने उसे कस कर अपनी बाहों में भर कर किस्स करने लगा, और साथ ही साथ उसकी चूत
में उन्गली डाले जा रहा था. धक्के मारते मारते उसने एक जोर का धक्का मारा और पूनम जमिन से उपर हो गई. बहुत सेक्सी सीन था
वो. ठप् थप् .थप्. थप् थप्.. थप्

माहौल पूरा चुदाइ से भरा था. महेश भी बोलने लगा, आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् कितना मजा आ रहा है गाण्ड चोदने में..
आआआआआअह्मस्त चुचि है तेरी और मस्त चूत भी. पूनम मज़े से चुदवा रही थी. आआआआआअह्. आआआआआअम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्..
पूनम अकड गई.. उसका पानी निकलने वाला था. पूनम ने महेश को जोर से पकड लिया और पानी छोड दिया. पूनम चिल्ला पडी,
महेश मैं गई.. और उसकी चूत से फ़ु व्हारा निकल गया. सारा का सारा पानी चूत से निकल पडा कु च्छ महेश के लण्ड पर था, और
महेश तो उसकी गाण्ड में और तेजी से झटके मार रहा था. और उसके धक्के और जोर और तेज होते जा रहे थे. पर कु च्छ टाइम में
ही उसका बदन भी अकडने लगा. और इस बार उसने लण्ड पूनम की गाण्ड से निकाल लिया और उसको नीचे जमिन पर बैठा दिया
और खुद लण्ड हीलाने लग गया और बोल रहा था "मेरी पूनम रानी कहाँ लेगी मेरे विर्य को बोलो जल्दी मेरी चुदकड रन्डी बोलो"
पूनम भी नीचे अपने बूब्स दबा कर बोल पडी " जहाँ देना हो दे दो कहीं भी ले लुन्गी इस विर्य को तो मैं" और महेश ने अपना सारा
पानी पूनम के बूब्स और पेट पर छोड दिया.

पूनम बहुत खुश थी अपनी चूत और गाण्ड को चुदवा कर. बाद में उन दोने ने नहा कर अपने अपने कपडे बदल लिये और कु च्छ
स्नैक्स और ड्रि न्कस लेने लगे और बाद में चलने की तैयारी करने लगे तो मैं भी होले से बाहर चल गया और अपनी बाइक से चला
गया. मैं घर चला गया और अपने रूम में क्मपियूटर चालू कर कर फ़िल्म देखने लगा. थोडी देर बाद पूनम घर पर आ गई तो मैं
अपने कमरे से निकलते ही उसे मिला और उसे पूछा.

अमित :- पूनम कहाँ गई थी, आज देर क्यों हो गई.

पूनम :- भैया आज एक्स्ट्रा क्लास थी, तो देर लग गई.

अमित :- (मैं मन में बोल पडा तेरी एक्स्ट्रा क्लास तो मैंने देख लि है) आज क्या कोलेज में पार्टी थी, क्या जो तु इतनी सज-सवर
कर गई थी.

पूनम :- हाँ भैया वो मेरी एक फ़्रै न्ड का बर्थ-डे था तो....


अमित :- वैसे तु लग बहुत खुब्सुरत रही है.....

पूनम :- थोडा शरमा कर थैन्कस भैया. मैं अपने रूम में जाती हूँ मैं बहुत थक गई हूँ न तो ओके .....

अमित :- मैं मन में ( हाँ थक तो जाएगी ही इतनी चुदाइ जो की है उछल-उछल कर) हाँ कोइ बात नहीं तु रूम में आराम कर, मैं
भी बाहर जा रहा हूँ महेश से मिलने. और फ़िर मैं बाहर चल गया और महेश को फ़ोन किया तो उसने कहा रात को मिलते हे मैं अभी
सोने जा रहा हूँ. तो मैंने बाद मैं शालू को फ़ोन किया और पूछा क्या वो फ़्री है तो उसने कहा हाँ तो मैंने उसे एक आइस-क्रीम पार्लर
में बुला लिया. थोडी देर में मैं और शालू दोनो आइस-क्रीम पार्लर पहुच गये.

शालू :- हाय अमित हाओ आर यू ?

मैं: हाय आइ एम फ़ाइन.

शालू :- क्यों आज क्या बात हे इतनी जल्दी मुझे क्यों मिलने बुलाया है?

मैं :- बताता हूँ मेरी जान थोडा बैठो तो सही. और हमने कु च्छ आइस-क्रीम मगंवाइ और बाद में मैंने शालू को आज जो भी हुआ
फ़ार्म हाउस पर वो बताया.

शालू :- सच में महेश भैया और तुम्हारी बहन ने चुदायी कि?

मैं :- हाँ यार सच में और मेरा दिमाग आज खराब हो गया है और महेश पर गुस्सा भी आया है.

शालू :- क्यों तुम मुझे चोद सकते हो और मेरा भाई तुम्हारी बहन को चोदे तो उसमें तुम्हें गुस्सा आ गया क्यों?

मैं :- थोडा सोचा और बाद में य़ार ये अचानक हो गया न इस लिये. मैं थोडा नर्वस हो गया हूँ.

शालू :- ओके छोडो वो दोनो भी खुश है न?

मैं :- हाँ वो तो है पूनम महेश के साथ है और किसी कर साथ होति तो थोडा टेन्शन होता लेकिन यह तो ठीक है. और हाँ शालू
अब हम को फ़ार्म-हाउस पर जाने में थोडी सावधानी रखनी पडेगी कहीं वहाँ हम चारो मिल न जाए.

शालू :- हाँ यार वैसे भी हमे कहीं जना मिलता है वहाँ हमे बस वहीं पार्लर के के बिन में करना पडता है.

मैं :- शालू तुम चाहो तो हम रोज फ़ार्म-हाउस पर जा कर मजे कर सकतें है.

शालू :- वो कै से.

मैं :- मैं महेश से बात करता हूँ के मैंने उसे और पूनम को वहाँ देख लिया है और बाद में अपनी भी बात कर लून्गा की मैं भी शालू
को प्यार करता हूँ.

शालू :- कहीं भैया बुरा न मान जाए और घर पर न बता दे.

मैं :- बुरा क्यों मानेगा अभी तो तुम बोल रही थी न की तुम उसकी बहन को चोदो और वो तुम्हारी बहन को चोदे तो हिसाब बराबर
न.

शालू :- हाँ वो तो है पर जो तुम्हें ठील लगे, तुम करना ठीक है अमित.


और हम वहाँ से चले गये और रात को 8 बजे मैंने महेश को फ़ोन करके उसे बुलाया, जहाँ पर हमे कोइ डिस्टर्ब करने वाला न हो.
ठीक 8 बजे मैं वहाँ पहुंच गया थोडी देर में महेश भी आ गया. पहले तो हमने इधर-उधर की बाते की बाद में सिगरेट पि और बाद में
मैंने उसे बात करना शुरु की..

अमित (मैं) :- आज सुबह कोलेज क्यों नहीं आया था.

महेश :- बाहर गया था एक दोस्त के साथ.

अमित ( मैं ) :- तो मुझे भी ले गया होता तो मैं भी चलता तेरे साथ.

महेश :- तुझे मैं हर जगह नहीं ले जा सकता.

अमित ( मैं ) :- क्यों कोई गर्ल फ़्रै न्ड को ले कर गया था क्या?

महेश :- मैं बात टालता हुआ वो छोड न यार कु च्छ नइ बात कर.

अमित ( मैं ) :- अच्छा तो एक नयी बात, मेरी बहन पूनम किसी कर साथ चालू हो ऐसा मुझे शक है महेश.

महेश :- क्या बात कर रहा है ऐस नहीं हो सकता वो तो बहुत अच्छी लडकी दिखती है.

अमित ( मैं ) :- क्यों अच्छी लडकियां चालू नहीं होती?

महेश :- थोडा सोचने लगा और घबरा गया....

अमित ( मैं ) :- मैं जानता हूँ वो किस के साथ जाती है.

महेश :- कु च्छ बोला नहीं पा रहा था और बोला की यार अमित मुझे तुझे बता देना चाहीए था की मैं और पूनम एक-दूसरे से प्यार
करते है.

अमित ( मैं ) :- महेश मुझे भी तुझे कु च्छ बताना है की मैं और शालू भी............

महेश :- गुस्से में आ गया और बोला क्या क्या तु और शालू क्या????

अमित (मैं):- मैं और शालू भी एक दूसरे से प्यार करते है....

महेश गुस्से में आ गया और मुझसे झगडा करने लगा और गालियां देने लगा. मैंने उसे कहा की देख महेश मुझे भी पता है ये सब, तु
थोडा समझ कर काम ले तो दोनो का काम आसान हो जाएगा. वो थोडी देर सोचने लगा और बाद में मेरे पास आकर खडा हो गया.

मैंने उसे समझाया के देख महेश हम दोनो दोस्त हैं और ये तो अच्छी बात है की हमारी बहनें किसी और के पास नहीं है, बल्कि हमारे
ही पास है. मुझे कोइ प्रोब्लम नहीं है की तू पूनम के साथ कु च्छ भी करे पर तुझे भी तो मेरे और शालू के रिश्ते से कोइ प्रोब्लम नहीं
होनी चाहीए. थोडी देर बाद महेश बोला " ये सब कब से चल रहा है" मैंने बताया 2 महीनो से ही. और तेरा कब से चल रहा है.
तो उसने बताया की "1.5 महीने से ही"

महेश :- तुम शालू को कितनी बार बाहर ले गये हो?

अमित (मैं) :- तेरा मतलब एक बार तेरे फ़ार्म-हाउस पर और चार बार पार्लर के के बिन में. और तूने पूनम को?

महेश :- हम तो मेरे फ़ार्म-हाउस पर ही जाते है और 10-11 बार ही किया है.


अमित (मैं) :- हमे यार के बिन में बहुत ही कम जगह में एडजस्ट करना पडता है.

महेश :- कोई बात नहीं तु मेरा फ़ार्म-हाउस इस्तेमाल कर सकता है.

अमित (मैं) :- य़ार चल न एक दिन पूरा मेरा मतलब की पूरी रात का प्रोगराम बनाते है. क्या ख्याल है तेरा.

महेश :- हाँ ख्याल तो अच्छा है पर कै से बनाते हैं ये प्रोग्राम.

अमित (मैं) :- देख महेश मैंने शालू को तो तेरे बारे में बता दिया है और तु भी अब पूनम को मेरे और शालू कर बारे में बता दे.
ताकी उनको कोइ जिझक न रहे. और हाँ हम दोनो अपनी अपनी बहनो को ले कर एक दिन का पिकनिक का प्रोग्राम बना देते है
और घर पर हम साथ होगे तो घर वालो को भी कोइ आपति नहीं होगी.

महेश :- क्या तुने शालू को बता दिया.... छोड कोइ बात नहीं पर तेरा प्रोगराम अच्छा है हम कोलेज कर बाद शाम को पिकनिक
का टाइम 6 बजे घर पर कह देगे ताकी हमे शाम और पूरी रात मिल जाए. ठीक है न..

फ़िर हमने सब कु च्छ तय कर दिया और अगले दिन यानी कल का प्रोग्राम पक्का कर दिया और एक दूसरे ओके बाय कह कर अपने-
अपने घर चले गये. घर पहुंच कर मैंने देखा की पूनम किसी से फ़ोन पर बात कर रहे थे.. शायद महेश का ही फ़ोन था. मैंने भी
शालू को फ़ोन करके सब प्लान बता दिया. फ़ोन खत्म करके जैसे ही मैं कमरे से बाहर आया तो पूनम मिली और मुझे देख कर शरमा
गइ और कु च्छ बोली नहीं और चली गई...

अगले दिन शाम को मैंने घर वालो को बता दिया की मेरी पिकनिक है और फ़ै मली के मेम्बर्स भी आ सकते हैं तो मैं पूनम को अपने
साथ ले जाऊ अगर वो आना चाहे तो. माँ ने बोला मैं उसे पूछ लुन्गी बाद में. माँ ने पूनम को पूछा तो वो तैयार हो गई. और हम
शाम को घर से निकल गये. मैं शालू को लेने उसके घर कर पास चला गया और पूनम महेश का इन्तजार करने लगी थी. मैं आप
लोगो को बताना ही भुल गया की पूनम ने आज एक मस्त ड्रेस्स पहनी थी और वो उसमें बहुत सेक्सी लग रही थी. मैं शालू का
इन्तजार कर रहा था, की इतने में शालू वहाँ आ गई क्या कमाल लग रही थी. वो सफ़ै द टाप और नीली जीन्स में एक दम मस्त लग
रही थी. मैं शालू को ले कर फ़ार्म-हाउस पहुंच गया वहाँ महेश आ चुका था. मैंने उसकी गाडी देखी.

मैं प्लान के मुताबिक शालू को ले कर दूसरे कमरे में पहुंच गया. अन्दर जा कर मैंने महेश को फ़ोन किया और उसने बताया की वो और
पूनम कमरे में है मैंने भी उसे बताया की मैं और शालू भी आ गये हैं. करिब 6.30 बजे हम वहाँ पहुंचे थे, और महेश ने बताया की
8.00 बजे वो बाहर ड्राइन्ग रूम में मेरा इन्तजार करेगा, तब तक के लिये कोइ एक दूसरे को फ़ोन नहीं करेगा.

मैं:- शालू चलो प्लान तो कामयाब हो गया न. अपनी भी प्रोब्लम खत्म और उनको भी कोई टेन्शन नहीं.

शालू:- हाँ अमित मुझे वहाँ के बिन पार्लर में मजा नहीं आता था, पर क्या करु. हाँ पर अब ठीक हो गया.

मैं :- चलो तो फिर अपने रुम में. अपने हुस्न के जल्वे दिख दो मुझे मेरी जान.

शालू :- ले लो तुम्हें जो चाहीए?

ये सुन कर मैंने तो उसे खीन्च लिया और उसे किस्सिन्ग करना शुरु कर दिया. बाद में मैं उसके बूब्स टाप के उपर से ही दबाने लगा
और एक हाथ से उसकी पैन्ट का बटन और ज़िप खोल दिया. और उसकी जीन्स नीचे सरक गई. बाद में मैंने उसके टाप को भी
निकाल दिया और उसके जीन्स को भी शरिर से अलग कर दिया. अब शालू मेरे सामने सिर्फ़ सफ़ै द ब्रा और सफ़ै द पैन्टी में थी. य़े
देख कर मैं उस पर टू ट पडा. शालू की ब्रा के उपर से ही उसकी उसके बूब्स को दबाने और चूसने लगा, वो भी आहें भरने लगी
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ और जोर से दबाओ खा जाओ मेरे दूध को मैं पागलों की तरह दूध को चूस रहा था.
मैंने ब्रा को दूध के उपर से हटा दिया पर खोला नहीं, क्युन्कि मुझे लडकी कु च्छ कपडो में अच्छी लगती है. फिर मैंने उसकी चूत पर
हाथ लगाया तो वो गिली थी.

मैं तो पैन्टी से ही चूत का अनुभव कर दिवाना हो गया, उसकी पैन्टी के उपर से ही चूत को चूमने लगा था. बाद मैं मैंने उसकी पैन्टी
खोल दि और उसकी चूत का रस पीने लगा, उसे चाटने लगा और वो चिल्लाने लगी, वो पागल हो रही थी
आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मैं मर जाउन्गी इइइइइइइ आआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आज चोद दो मुझे
लडकी से रन्डी बना दो. मैं लगभग 15 मिनट तक उसकी चूत चुस कर बाद में अपनी पैन्ट उतारी और अपना लण्ड उसके हाथ में
दे दिया और शालू उसे बडे प्यार से सहलाने लगी और थोडी देर में उसने मेरे लण्ड को अपने मुन्ह में ले लिया और चूसने लगी. और
मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. हम 69 पोज में थे.

15 मिनट के बाद मैंने शालू को बैड पर लिटा दिया और उसके पैर फ़ै ला कर लण्ड उसकी चूत पर रख दिया और एक झटके में
थोडा अन्दर कर दिया.

फ़िर मैं थोडा नीचे आ गया और उसका एक ब्रेस्ट मुन्ह में ले लिया और निप्पल चूसने लगा. दूसरे हाथ में दूसरा ब्रेस्ट था, जो मैं
जोर जोर से दबा रहा था और वो सिस्कियां ले रही थी आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्..... उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़् ... आह्ह्म्म्म्म्म्... थोडी देर तक शालू के
बूब्स को चुसते रहने कर बाद मैंने फ़िर एक हाथ से अपने लण्ड को पकड कर शालू की चूत पर रगडने लगा. शालू अपने लिप्स को
अपने दान्तो से दबाये हुए थी और सिस्कियां ले रही थी. मैंने अपने लण्ड को पकडते हुए एक धक्का दिया, शालू थोडी पीछे की तरफ़
हो गई. मैंने एक और झटका दिया शालू थोडा और पीछे हो गई. और शालू के मुन्ह से चीख निकल पडी, मैं थोडा रुक गया और
शालू के गालो को पकड लिया और धीरे धीरे किस्स करने लगा. जब मैंने नीचे की तरफ़ देखा तो मेरा पूरा लण्ड शालू की चूत में
समा गया था.

शालू के बूब्स आगे पीछे हील रहे थे, और वो आआआ ओफ़्फ़्फ़्फ़ औह्ह्ह्ह् माँआ माँ स्स्स्सीए नाआआ माँअ कर रही थी मैंने अपना
एक हाथ नीचे की तरफ़ ले जाते हुए शालू की चूत के उपर वाले हीस्से को रगडा और शालू को धीरे धीरे चोद रहा था, वो बुरि तरह
से सिस्कियां ले रही थी. पुरे रूम में शालू की सिस्कियां और बैड कर हीलने की आवाज आ रही थी. शालू बोली की आह्ह्ह् चोद दो
मुझे फ़ाड दो मेरी चूत को! और ज्यादा पूरा का पूरा दो मुझे! आअह्ह्ह् अऊह्ह् यीए! मैंने अपनी स्पीड बडा दि थोडी देर में ही वो
झड गई. मैं अभी नहीं झडा था, तो मैंने अपनी स्पीड पर स्टोर्क चालू रखे. मैं उसे जोर से चोदने लगा, मैं अपने एन्ड पर पहुन्चने
वाला था, काफ़ी झटकों के बाद मेरा विर्य निकला और मैंने सारा का सारा शालू की चूत में भर दिया.

थोडी देर हम युही पडे रहे और मैं उठा और टाइम देखा तो 7.50 बजे थे. तो मैं बाथ-रूम में जा कर वापिस आया और नाइट
ड्रेस पहन लिया था और शालू को बता कर बाहर जा रहा था " शालू हाँ एक बात और बाथ-रूम एक ही है, फ़ार्म-हाउस के दोनो
कमरे मैं, तो तुम्हे जब जाना होगा तो जरा ध्यान रखना कहीं कोइ अन्दर न हो महेश के रूम मैं भी है इस बाथ-रुम का दरवाजा"

शालू :- तुम जाओ मैं थोडी देर बाद आराम करके बाहर आ जाउन्गी ठीक है ओके .

मैं बाहर आ गया और एक सिगरेट जला ली और महेश का इन्तजार करने लगा करीब 5 मिनट के बाद महेश आ गया और बोला
"ला एक सिगरेट मुझे भी दे " तेरी बहन ने थका दिया है मुझे. मैंने भी कहा की "हाँ यार शालू ने भी थका दिया मुझे. साली
लडकियां नहीं थकतीं चाहे कितना भी चोदो उनको."

य़े सुन कर महेश बोला "तू देख आज मैं पूनम को रात भर में थका दून्गा" और हाँ मैंने पूनम को दो-तीन नाइटी दी है, तो तु शालू
को बोला देना की उसे जो पसन्द आये ले ले और नाइटी पहन कर ही वापिस ड्राइन्ग रूम में आये.

महेश :- तू उसे बोल कर आ और हाँ दरवाजा उपर से बन्द कर देना ताकी वो बाहर न आ पाये.
मैं :- ठीक है मैं अभी आता हूँ.

महेश :- आ गया बोल दिया न सब कु च्छ समझा दिया न.

मैं :- थोडी देर बाद हमने TV देखा. तो मैंने महेश को कहा की CCT कै मरा है इधर, तो उसमें रिकोर्ड नहीं होता न.

महेश :- नहीं सिर्फ़ दिखाइ देता है. अबे तू देख तो नहीं रहा था न?

मैं :- नहीं नहीं य़ार. पर पिछली बार जब तू और पूनम आये थे यहाँ तब मैंने सब देखा था.

महेश :- झुठ मत बोल चल जा जा .....

मैं :- सच में देखा था पूनम को तूने ही य़ेल्लो रन्ग कि..............

महेश :- अरे लोडे अपनी बहन को देख लिया तूने.

मैं :- हाँ उसमें क्या बात है चलता है यार... तुझे कोई प्रोब्लम होगा तो नहीं मैं अभी मेरी शालू को कै मरा में देखु तो?

महेश :- मुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं है पर मैं कहाँ जाउ यार.....

मैं :- जाना कहाँ है ये तु भी यहीं बैठ मुझे कोइ प्रोब्लम नहीं है. य़े कह कर मैंने TV पर मेरे रुम का कै मरा ओन कर दिया. शालू
सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में थी और आराम से बैड पर लेटी हुइ थी.

महेश :- मेरे रूम का भी चालू कर मैं भी तो देखु यार पूनम क्या कर रही है.

मैंने उसके कमरे का भी चालू कर दिया, पूनम भी ब्रा और पैन्टी में थी और कु च्छ कर रही थी, की अचानक वो बाथ-रूम में चली
गई और शालू भी उठ कर बाथ-रूम में जाने लगी. तभी महेश बोला" य़ार जल्दी बाथ-रुम का कै मरा ओन कर देखे तो सही वो दोनो
क्या करतीं है" मैंने बाथ-रूम का कै मरा ओन कर दिया.

दे खा कि शालू बाथ-रुम में आते ही पूनम को देख कर शरमा गइ और वो भी शालू को देख कर शरमा गई. बाद में उन दोनो को
एहसास हुआ की उन दोनो को सब पता है. शालू पूनम से बोली

शालू :- पूनम शरमाओ मत, मुझे सब पता है मुझे भी तुम्हें देख कर पहले ऐसा लगा था.

पूनम :- हाँ तुम सच कह रही हो शरमाना क्या. वैसे तुम हो बहुत सेक्सी, मेरे भैया की तो ऐश है तेरे साथ.

शालू :- थैन्कस पर तु भी बहुत पटाका लगती हो, मेरे भैया को भी मजे करवाती होगी लगता है..

पूनम :- हाँ मजे तो करवाती हूँ और खुद भी करतीं हूँ तेरे भाई का लण्ड 8 इन्च लम्बा और 1.5 इन्च मोटा है तो मुझे भी मजे
मिलते है. महेश मुझे बहुत प्यार देता है और खूब चोदता भी है.

शालू :- तेरे भैया का लण्ड भी 9 इन्च लम्बा और 1 इन्च मोटा है और मुझे खूब अच्छे से चोदता है वो.

यह सुन कर हम दोनो बहुत खुश हो गये की हमारी रानियां हमसे खुश तो है. और हम एक-दूसरे को देख कर मुस्कु रा उठे. और देख
रहे थे क्या करतीं हैं वो दोनो, आगे उन्होने अपने अपने कपडे उतारे और बिलकु ल नन्गी हो गइ. और पूल में चली गइ महेश बोला "
य़ार शालू के बूब्स थोडे छोटे है पर उसकी चूत बहुत चिकनी लगती है. और वो पूनम से थोडी गोरी भी है. पूनम से थोडी पतली भी
है. मुझे एसी लडकियां चोदने में बहुत मजा आता है."

मैं :- " क्या तुने कितनी लडकियों को चोदा है महेश"


महेश :- " सिर्फ़ पूनम को ही चोदा है और कोई पटी ही नहीं. मुझे शालू जैसी किसी लडकी को चोदना है अमित" तूने कितनी
लडकियों को चोदा है?

मैं:- " सिर्फ़ शालू को ही मुझे भी पूनम जैसी किसी बडे-बडे बूब्स वाली और बडी-बडी गाण्ड वाली और हाँ मुझे यार थोडी काली
लडकियां पसन्द है क्यों की वो थोडी सेक्सी लगती है मुझे, गोरी सी और हाँ जाघें मोटी होनी चाहीए पूनम की जैसे."

महेश :- कमाल है य़ार दोनो को एक-दूसरे की पसन्द है पर क्या करें. बहने है वर्ना आज ही चोद डालते क्या कहता है.....

मैं :- हाँ यार तु सच कहता है बहने नहीं होती, तो मैं पूनम को आज ही चोद डालता. और तुझसे शालू को भी चुदवा देता.

इतने में हि कै मरा में यानि T V में से पूनम कि आवाज आयी कि शालू आजा मेरे पास मैं तुझे थोडा रगड कर साफ़ कर देति हूँ.
और शालू पूनम के पास पूल में चली आयि और दोनो एक-दूसरे के जिस्म से खेलने लगे. अचानक पूनम चीखी
ऊऊऊऊऊईइइइइइइइइइइ आआआआअ क्या कर रही हो शालू. शालू ने शायद पूनम कि चूत में उन्गली डाल दी थी और उन्गली
हिला रही थी. शालू ने पूनम को पूछा कि

शालू :- पूनम क्या मेरे भैया का हि लण्ड लिया है या फ़िर..... किसी और ने भी तुम्हारी सवारी कि है... सच सच बताना......

पूनम :- हाँ किया है.... पर किसी को बताना नहीं.

यह सुन कर महेश भडका और बोला "साली रन्डी मुझे बोल रही थी कि तुम्हारा ही एक का लण्ड लिया है आज तक किसी से नहीं
चुदी और अभी बताती है कि चुदी है किसी और से साली रन्डी" मैं महेश को गाली तो मत दे य़ार.

पूनम :- शालू तूने भी एक ही लण्ड कि सवारी कि है या फ़िर किसी और लण्ड का स्वाद चखा है?

शालू :- चखा है पूनम. हमारे कोलेज में 2 लडकों से चुदी हूँ. पर कु च्छ मजा नहीं आता उन दोनो का लण्ड तेरे भैया जितना
लम्बा नहीं है और वो जल्दी झड जाते थे दोनो तो मैं अब उनसे नहीं चुदवाती पर कभी कभी कोई लण्ड न मिले तो उन दोनो में से
किसी को बुला लेती हूँ.

यह सुन कर मैं भी भडक गया और बोला "रन्डी बहुत शरिफ़ बनती है चुदते समय तो बहुत नखरे दिेखाती है साली किसी से नहीं
चुदी मैं "सच में तू सही बोला हाँ साली दोनो कि दोनो बिलकु ल रन्डियां है य़ार.

शालू :- पूनम तू कितनो के लण्डो से चुदी है?

पूनम :- एक लडका है कोलेज में उससे चुदी थी पहली बार पर उसमें कु च्छ दम नहीं है तेरे हाल जैस है समझी कि नहीं. हाँ हमारी
कालोनी में और एक लडका है रोहित उससे चुदती हूँ वो काफ़ी अच्छा चोदता है और उसका लण्ड भी 10" इन्च लम्बा और
2"इन्च मोटा है चूत कि अन्दर तक जाता है और ठोकर मारता है अन्दर तक.

बडा अच्छा चोदता है रोहित, मैं तो अभी भी कइ बार रोहित से चुदवाती हूँ. और एक उसके दोस्त विजय से भी चुदी हूँ पर वो भी
ठीक-ठाक है.

शालू :- मुझे भी कोई नया लण्ड दिलवा दे ना प्लीससीईईई.......

पूनम :- हाँ हाँ क्यों नहीं फ़िर डिसाइड करेगे ठीक है.
महेश :- साली दोनो रन्डियां कितने लण्डो से चुदी है और हम उन दोनो को शरिफ़ समझ रहे थे, सालियों को आज दोनो को ऐसे
चोदेगे कि चूत फ़ाड देगे क्यों?

मैं:- हाँ सच में मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरी बहन उस रोहित से चुदी है और विजय से भी चुदी है. और एक का तो नाम
भी भूल गइ है चुद कर. साली कु तिया.

वो दोनो अब नहा कर अपने अपने कमरे में चली गइ थी और हमने कै मरा बन्द कर दिया था और महेश मुझसे बोला "साले हम य़हां
लडकियां ढू न्ड रहे हैं चोदने के लिये और य़े दोनो किसी और लौडो से चुद रही है क्यों न अमित हम अपनी बहनो को ही बदल कर
चुदायी करते है क्या ख्याल है तेरा.

मैं:- ख्याल तो अच्छा है तेरा, मुझे भी अपनी पसन्द कि पूनम जैसी लडकी चोदने को मिल जाएगी और तुझे भी शालू जैसी तेरी
पसन्द कि लडकी चोदने को मिल जायेगी. पर क्या वो मानेगी क्या अपने भाईयों से चुदवाने को.

महेश :- हम ट्राई तो कर सकते है न मान गइ तो लाटरी लग जाएगी और नहीं मानी तो अपनी अपनी को चोद कर काम चला
लेगें . मैं कु छ प्लान सोचता हूँ कि कै से दोनो चूतो को अपने लण्ड पर बैठाया जाए.

मैं:- सोच कु च्छ अच्छा प्लान मेरा तो लण्ड खडा हो गया पूनम का नाम सोच कर ही...

महेश :- साले हरामी हाँ ह ह ह ऐसे मेरा भी खडा हो गया है शालू को चोदने के विचार से हि..... ह ह ह ह.........

थोडी ही देर में दोनो कमरों में जातें हैं और दोनो ने कमरों का दरवाजा खोल दिया और वापिस जा कर अलग अलग सोफ़े पर बैठ
गये.....

*****

थोडी ही देर में शालू बाहर आ गई उसने एक मस्त नेट कि लाल रन्ग कि नाइटी घुटनो से नीची पैरो तक कि पहन कर आ गइ थी.
उसकी उपर नाइटी में गला खुला हुआ था. एक लाल गुलाब चिपका हुआ था बीच में दोनो बूब्स के . नाइटी एक दम से पतली थी तो
उसकी फ़िगर दिखाइ दे रही थी. शालू बाहर आते ही थोडा शरमा रही थी क्यों कि उसका भाई था उस रुम में. मैंने उसकी थोडी
शरम कम करने लिये उसे खडा हो कर आगे बड़ कर लेने गया और उसका एक हाथ पकड कर मेरे सोफ़े पर ले आया और बैठा
दिया. वो अभी भी सर झुकाए बैठी थी. इतने में पूनम रुम से बाहर आयी क्या माल लग रही थी. मैं तो शालू को छोड कर उसकी
और घूरने लगा था.

पूनम ने एक नाइटी पहन रखी थी, घुटनो से थोडी उपर, उसके पैर साफ़ दिखाइ दे रहे थे. और हो नाइटी सिन्गल पीस की थी
शालू कि नाइटी थी शायद वो ड्रार में होगी. पूनम कि नाइटी का रन्ग य़ेल्लो था और गला एक दम से खुला हुआ था. मेरा तो लण्ड
खडा हो गया था. महेश ने उसे अपने पास बिठा लिया और अब शालू भी थोडा कम शरमा रही थी क्युकि पूनम भी आ गई थी न इस
वजह से. थोडी देर बाद महेश ने पूनम को पूछा कि क्या खाएगी वो, तो पूनम ने बताया कि कु छ भी जो उसे पसन्द हो वो. महेश ने
पूछा कि बीयर में कम्पनी दोगी क्या, तो पूनम ने शरमा के अपना सर हाँ में हिला दिया. मैंने भी शालू से पूछ लिया तो उसने भी
पूनम की तरह कह दिया और सर हाँ में हिला दिया. फ़िर हम दोनो उठे और फ़्रिज से दो बोत्तल बीयर और कु च्छ सनैक्स और 4
गिलास ले कर आये. और बोत्तल महेश ने पूनम को दे दी और सनैक्स मैंने शालू को दे दी.
शालू सनैक्स निकालने लगी तो उसके खुले गले वाली नाइटी से उसके छोटे-छोटे बूब्स के उभार दिख गये और महेश उसे बडे प्यार
से देखे जा रहा था. इतने में पूनम ने बोत्तल खोली और गिलास को भरने लगी तो मुझे उसकी छोटी नाइटी से उसकी जाघें दिखने
लगी. मेरा तो लण्ड खडा हो गया. फ़िर सबने एक-एक गिलास उठा कर चीयर्स किया और बीयर पीने लगे. सब पर थोडा थोडा नशा
छाने लगा था और सब अपने अपने नशे में थे. महेश ने मुझे ईशारा किया कि मैं स्टार्ट कर दूँ और वो भी स्टार्ट कर देगा बाद में. मैं
उसका इशारा समझ गया और थोडी देर में मैंने शालू को अपनी तरफ़ खीन्च लिया उसने भी बीयर खत्म कर दी थी पर पूनम अभी
भी पी रही थी, तो मैंने शालू को किस्सिन्ग करना चालू कर दिया तो वो मुझसे दूर हो रही थी, शायद शरमा रही थी, महेश से. मैंने
उसके कानो में कहा "शर्मओ मत मेरी जान आज हम सब साथ ही है तो तुम शरमाओ मत और हमारा साथ दो मेरी रानी."

वो मुझसे बोली "भैया है य़हाँ, मैं नहीं" मैंने उसको कहा "तेरे भैया यहाँ बैठ कर तमाशा देखने नहीं आये है" इतने में ही महेश
ने पूनम को अपनी गोदी में बिठा लिया और उसको किस्सिन्ग करना स्टार्ट कर दिया. शालू ने भी अब ये देख कर मुझसे किस्सिन्ग
करना स्टार्ट कर दिया था.

थोडी देर किस्सिन्ग करने के बाद मैंने शालू को उठाया अपनी गोद में उसको ले के महेश के कमरे में जाने लगा. तभी प्लान कि
मुताबिक लाइट ओफ़्फ़ हो गई और महेश ने मुझे कहा के जब तक लाइट नहीं आती तब तक हम चारो एक ही कमरे में रहतें है.
ताकी किसी को कोइ प्रोब्लम हो तो एक दूसरे कि मदद कर सके . मैं शालू को महेश के कमरे में ले गया और वहाँ जाकर बैड पर एक
साइड पटक दिया. महेश भी अब तक पूनम को ले कर रूम में आ गया था, और पूनम को दूसरी साइड पर लिटा कर उस पर चड
गया और किस्सिन्ग करने लग गया था. मैं भी शालू को किस्सिन्ग कर रहा था और उसके बूब्स दबा रहा था. और वो दोनो बडबडाने
लगी थी कि, अह्ह्ह्ह्ह् उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् गयिइइइइइइइ अह्ह्ह्ह्ह्ह् श्ह्ह्ह्ह्.......अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्..... अह्ह्ह्ह्ह्
बेइमाआअ दोनो कि आवज़े रूम में गुन्ज रही थी और अचानक लाइट ओन हो गई पर कमरे में महेश ने जानभूज कर नाइट लम्प हि
ओन कर रखा था तो उसकी धुन्धली रोशनी में थोडी सी झलक एक-दूसरे कि दिखाइ दे रही थी.

दोनो एक साथ बोला पडी" चलो अपने कमरे में" और फ़िर कु च्छ नहीं बोली पर दोनो को हसी आई सो इस का मोका देख मैंने
शालू को कहा आज यहाँ साथ में ही मजे करते हैं तुम्हें कोई प्रोब्लम हो नहीं है न. तो उसने थोडा सोचा और फिर बोली कि "अगर
पूनम को कोई प्रोब्लम नहीं है तो मुझे भी कोइ प्रोब्लम नहीं होगा". य़े सुन कर महेश ने पूनम को पूछा "तुमने सुना जानेमन". पूनम
ने जवाब दिया कि "शालू कोइ आपति नहीं है तो मुझे क्यों होगी". य़े सुन कर हम ने दोनो को फ़िर से दबोच लिया और टूट पडे
उन पर. मैं उठा और कमरे कि लाइट जला दी और कहा कि अन्धेरे में मजे नहीं आयेन्गे उतने. सब ने मेरा साथ दिया और वापिस
सब एक दूसरे को लिपट गये. महेश ने पूनम कि नाइटी को थोडा उपर उठा कर उसके जाघें सहलाना शुरू कर दिया था. मैंने भी
शालू कर बूब्स आधे नन्गे कर दिये थे और उसे उपर से ही चूस रहा था.

पूनम के और शालू के हाथ एक-दूसरे से टकरा गये और दोनो ने एक-दूसरे का हाथ पकड लिया और आपस में स्माइल पास की. ये
देख हमे और खुशी होने लगी कि हमारा प्लान कामयाब होता चला जाता था. मैंने शालू कि नाइटी निकाल दी और खुद भी अन्डर-
वीयर मैं आ गया. शालू अब थोडी शरमा रही थी. उधर् महेश ने भी पूनम कि नाइटी निकाल फेकी और खुद भी अन्डर-वीयर में
आ गया. पूनम ने एक बहुत हि सेक्सी ब्रा और पैन्टी लाइट ग्रीन रन्ग कि पहनी हुई थी. और शालू ने लाइट ब्लू रन्ग कि ब्रा और
पैन्टी पहनी थी. महेश तो शालू को देखता ही रह गया. और मैं पूनम को देख रहा था. पूनम ने मुझे उसे घूरते हुये देखा और मैंने
उसकी अन्खो में देखा तो उसने एक सेक्सी स्माइल दी मुझे. महेश और शालू भी एक दूसरे को देख कर मुस्कु रा रहे थे. फ़िर मैंने
शालू के बूब्स उसकी ब्रा कर उपर से ही चूसना शुरू कर दिया और महेश ने पूनम को एक जोर दार लिप्प किस्स कर दी। पूनम कि
आखें यही देख रही थी कि मैं शालू के बूब्स कै से चूसता हूँ. और शालू भी देख रही थी कि महेश कै से पूनम को लिप्प किस्स कर
रहा है.

महेश ने पूनम को पूछा कि "पूनम क्या तुम आज कु च्छ नया मजा करना चाहती हो क्या".

पूनम :- हाँ मजा आये तो कु च्छ नया करेगे पर तुम्हारी बात मैं समझी नहीं महेश. अभी तो मुझे मजा आ ही रहा हे शालू के साथ
एक ही बिस्तर पर तुमसे सेक्स करने में. हाँ अगर और कोई ज्यादा मजा दे सकते हो तुम" य़े सुन कर मैंने अपना एक हाथ पूनम
की जाघों पर रख दिया और उसे सहलाने लगा पूनम ने इसका विरोध नहीं किया और मुझे स्माइल दे दी. य़े देख कर महेश ने
भी अपना एक हाथ शालू के पेट पर रख दिया और सहलाने लगा. य़े देख शालू ने भी महेश को एक स्माइल दे दी. यह देख कर
हमको लगा कर हमारी बहने हमसे चुदवा लेंगी और फ़िर महेश ने अपनी अधूरी बात को आगे बडा दिया.

महेश :- पूनम तुम्हें कै सा लण्ड पसन्द है बताओ तो जरा.

पूनम :- ज्यादा लम्बा न हो चलेगा पर. तगडा होना चाहिए. ताकी मैं मेरी चूत में उस लण्ड को पूरा महसूस कर सकु .

महेश :- शालू तुम्हें कै सा लण्ड चाहिए बोलो......

मैं:- बोलो बोलो शालू बताओ न अब शरमाना कै सा.

शालू :- धीरे से लम्बा होना चाहिये.......

मैंने शालू से पूछ शालू क्या तुम्हें लम्बा लण्ड चाहिए इसी वक्त और इसी बिस्तर पर?????
शालू कु च्छ नहीं बोली और पूनम कि और देख रही थी तभी महेश बोला - पूनम तुम्हें भी तगडा मोटा लण्ड मिल सकता है
इसी वक्त और इसी बिस्तर पर यदि तुम्हें कोइ एतराज़ ना हो तो ?????

दोनो कु छ बोल नहीं पा रही थी अचानक शालू ने धीरे से बोला. अगर पूनम मोटा और तगडा लण्ड लेना चाहे तो मुझे भी कोई
परेशानी नहीं है......

यह सुन कर पूनम भी बोल उठी कि शालू अगर लम्बे लण्ड से मजे करेगी मैं भी मोटा लण्ड ले लग
ूं ी इसी बिस्तर पर."

यह सुन कर हम दोनो ने अपनी अपनी चड्डी उतार दी और लण्ड तो पहले से ही तने हुये थे. हमारे तने हुये लण्ड देख कर उन
दोनो कि आंखे फ़टी कि फ़टी रह गई. दोनो समझ गयी कि महे श का लंड जो कि मेरे लंड से लम्बा
पर थोड़ा पतला था शालू की चाहत थी.

तभी महेश बोला चल अमित पूनम को अपना तगडा और मोटा लण्ड दे दे आज. बेचारी कब से तडप रही हैं मोटे लण्ड के
लिये. बुझा दे आज उसकी प्यास.
मैं ने भी जोड़ दिया शालू आज महे श का लम्बा लंड ले के अपनी प्यास बुझा और अपनी तमन्ना
पूरी कर ले.

य़े कह कर हम दोनो बैड से नीचे उतरे और अपनी अपनी साइड बदल रहे थे और पूनम और शालू भी मन ही मन खुश हो रही थी
और एक दूसरे के हाथ पकड रखे थे.

पूनम मुझे देख मुस्कु् रा उठी और मेरे मोटे लण्ड को पकड के चूम लिया. मैंने उसे उठा के उसके गाल पर एक चूमा दिया
और उसके लिप्स को चूम लिया. वो थर थरा उठी मानो कोई करन्ट लगा हो उसे. फ़िर मैंने उसे एक लिप्प किस कि. उधर महेश ने
भी शालू को किस्स करना स्टार्ट कर दिया था.

मैने पूनम से पूछा क्या तुम्हे ऐतराज तो नही कि मैं तुम्हारी चूत में अपना मोटा और तगडा लण्ड पेल दं .ू तुम
खुश तो हो न मेरी जान.

महे श ने भी पछ
ू ा शालू तुम भी लम्बे लण्ड से चुदवाना चाहती हो न. मेरा लंड अमित के लंड से लम्बा है पर
तुम पर कोई जोर जबर्दस्ती नहीं है...... बोलो.... क्या तुम मझ
ु से चुदवाना पसंद करोगी.

पूनम :- मुझे आज मोटा लण्ड चाहिए हो चाहे किसी का भी हो. मैं अपनी चूत में डलवा लुन्गी. और हाँ मैं तो बहुत खुश हूँ कि
मेरी चूत आज अपने ही भैया से चुदवाने जा रही है.

शालू :- आज मुझे कोई भी चोदे मुझे कोई फ़र्क नहीं पडता अमित हो या महेश मुझे तो बस अपनी इस चूत में लण्ड चाहिए.
अगर वो लम्बा है तो सोने पे सह
ु ागा. और भाई अगर आज तुम मझ
ु े चोदोगे तो मुझे घर मे
ही लंड मिल जाया करे गा. और पन
ू म अमित का बोनस भी क्यों भैया मैं ठीक कह रही हूँ
ना.

यह सुन कर हमारे तो लण्ड फ़ु ले नहीं समाये. मैंने पूनम को अपनी बाहो में भर लिया और उसकी चूत पर मेरा लण्ड आ गया था.
मुझे उसकी चूत कि गर्मी साफ़ महसूस हो रही थी. मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और मेरे सामने उसके बडे-बडे बूब्स बिलकु ल नंगे
झूल रहे थे. मैंने उसे चूम लिया और उसे चूसने लगा. महेश ने भी शालू कि ब्रा को खोल दिया था और उसके बूब्स चूस रहा था
और उसकी पैन्टी में एक हाथ से उसकी चूत को सहला रहा था, थोडी देर में महेश ने शालू कर बूब्स छोड कर उसकी पैन्टी के पास
चला गया और उसके उपर से ही उसे चूमने लगा और धीरे धीरे पैन्टी को नीचे सरका दिया. शालू कि चूत पर थोडे थोडे बाल थे
मानो 4-5 दिन पहले हि शेव की हो. महेश तो उसकी गोरी चूत देख कर दिवाना बन गया और उसकी चूत को चाटने लगा और
चूमने लगा उसकी चूत को.

मैं भी अब पूनम के पेट पर था और उस के पेट को चूम रहा था और थोडा नीचे उतरा पर मैंने पहले उसकी जाघों को चूमा और
वो तो सिस्कियां लेने लगी थी आआआआअ....... ऎऎऎऎईईईईए....,,,,,,......,,,, ऊऊऊऊऊऊऊईइइइइइइइ........
म्म्म्म्म्माआ आआअ,,,,,,,,,,,,, कर रही थी. मैंने उसकी हरे रन्ग कि पैन्टी को नीचे सरका दिया और उसकी टान्ग को फ़ै लाते
हुए उसकी चूत को चाटता रहा... अब हम चारो एक ही बिस्तर पर पूरे नंगे थे और एक दूसरे में खो गये थे. महेश ने अब शालू
को सीधा लिटा कर उसकी चूत पर लण्ड रगडना चालु किया था और शालू भी अपनी चुन्चीयां रगड रही थी अपने हाथो से.

महेश बोला :- " शालू तैयार हो न मेरा लण्ड अपनी गर्म चूत में लेने कर लिये".

शालू बोली :- हाँ डाल दो भैया मेरी चूत बिलकु ल तैयार है".

महेश ने फिर अपन लण्ड शालू कि कु लबुलाती हुइ चूत में लगाया और एक ही धक्के के साथ अपना लण्ड शालू कि चूत के अन्दर
घुस्सा दिया. तेजी से चोदने लगा. मैंने भी पूनम कि चूत पर लण्ड रक्खा और बोला " पूनम मेरी रानी डाल दूँ न तेरी चूत में
मेरा लण्ड".

पूनम :- "हाँ भैया जल्दी डालो न अब रहा नहीं जाता"

और फ़िर मैंने एक झटका मारा तो आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया. फ़िर दूसरे झटके में पूरा लण्ड उसकी चूत में अन्दर कर
दिया. पूनम ने भी अपनी कमर उचका कर मेरा पूरा का पूरा लण्ड अपनी चूत में डलवा लिया. जितनी तेज़ी से में अपना लण्ड पूनम
कि चूत में घुसेडता था उतनी हि तेज़ी से पूनम भी अपनी कमर उछाल कर के मेरा लण्ड अपनी चूत में ले रही थी. पूनम एक नया
लण्ड अपनि चूत में डलवा कर बहुत खुश थी और खूब मज़े से मेरा लण्ड अपनी चूत में पिलवा रही थी. मैं भी पूनम कि मोटी-मोटी
चुन्चेओं को अपने दोनो हाथो से मसलते हुए उसे चोद रहा था.

मैं बार बार महेश के लम्बे लण्ड को शालू कि चूत में जाता हुआ देख रहा था. कमरे में सिर्फ़ हमारी चुदाइ कि आवाज़े गुन्ज रही थी.
शालू अपनी चूत में महेश का लण्ड पिलवाते हुए हर धक्के के साथ ऒह्ह्! ऒह्ह्! आह्ह्! आह्ह्! कर रही थी और बोल रही थी,
"है महेश भैया क्या मस्त चोद रहे हो, और जोर जोर से चोदो मुझे, क्या लण्ड है तुम्हारा भैया". "मेरी चूत लग रहा है आज फ़ट
ही जायेगी. तुम रुकना मत, मुझे आज खूब चोदो. चोद चोद कर मेरी चूत का भोसडा बन दो".

महेश भी शालू कि छोटी-छोटी चून्ची दबाते हुए अपनी कमर उठा-उठा कर जोर-जोर से शालू को चोद रहा था और बोला रहा था
"है मेरी चुदकड रानी बहना, आज तक तुने अमित का लण्ड लिया है, आज तुझे मैं अपने लण्ड से चोद- चोद कर तेरी चूत का
बैन्ड-बजा दुन्गा. आज तेरी चूत कि खैर नहीं." "शालू तू अब से तू मेरे लण्ड कि दिवानी हो जायेगी, तेरी चूत जब भी लण्ड
मांगेगी मेरा लण्ड हाज़िर होगा मेरी शालू".

इधर मैं भी पूनम को चोदते चोदते हुए बोल रहा था, ""है मेरी पूनम, तुम इतने दिन क्यो नहीं मुझसे चुदी. आज तेरी चूत देख मैं
कै से चोदता हूँ. अब तेरी चूत मेरे लण्ड के लिये है. आज के बाद मेरी चुदकड बहना मुझसे खूब चउदना. ले ले मेरे लण्ड
मेरी पूनम रानी ले मेरे लण्ड कि ठोकर खा अपनी चूत कर अन्दर. मजा आ गया कि नहीं तुझे मुझसे चुदवा कर मेरी जान, बोला न
बोला, कु छ तो बोल.........

पूनम :- हाँ मेरे राजा भैया बहुत मजा आ रहा है तुमसे चुदवाने में. बहुत मस्त चोदते हो तुम अपनी बहन को, मुझे पहले पता होता
तो मैं कब कि तुमसे चुदवा लेती, आआऐइइइइइइ क्या लण्ड है तुम्हारा. बहुत आनन्द देते हो तुम मेरी चूत को
आआऐइइइइइइइइइइइइइइ और जोर-जोर से चोदो न भैया.. आअह्ह्ह्ह्ह् आआअह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊऊइइइइइइइ आआआआआ
ऒऒऒऒऒह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् क्या लण्ड ःऐइइइइइइइइइ.फु रे कमरे मैं भस् ःअमरि आअवजे घुन्ज् रही थी ठप्-ठप्- ठप्-ठप्-ठप्.
आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्-आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्- ऊऊऊइइइइइइइइइइ-ऊऊऊऊइइइइइइइइइ. सब मधहोश थे अपनी अपनी चुदायी में.
मैंने पूनम को चोदना बन्द कर दिया और अपना लण्ड उसकी चूत से निकाल कर कर उसे बैड पर से उठने कर लिये बोला. जैसे ही
पूनम बैड पर से उठी तो मैं पूनम कि जगह पर लेट गया और उसे अपने उपर खीन्च लिया और उसको मेरे उपर चड़ा कर चोदने
कर लिये बोला. पूनम तो बहुत स्मार्ट थी तो उसने अपनी टन्गे फ़ै लयि और मेरे उपर चली आई. और मैंने उसकी कमर के दोनो
तरफ़ अपने हाथो को रख दिया. तो उसने मेरे लण्ड को अपने हाथो से पकड करके उसके सुपाडे पर एक चुम्मा दिया और मेरे उपर
आ गयी और अपने हाथो से लण्ड पकड कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया.. मैंने भी नीचे से पूनम कि दोनो चुन्चेओं को अपने
हाथो से पकड कर उसको दबाते हुए नीचे से अपनी कमर उठा कर कर अपना लण्ड उसकी चूत कर अन्दर डाल दिया.

मैंने पूनम के नीचे से अपना लण्ड को उसकी चूत में डालते हुए देखा कि महेश ने भी शालू कि चूत मारने का आसन बदल दिया है.
और वो अब शालू को घोडी बनने के लिये कह रहा है. उसके बाद महेश ने शालू के छोटे- छोटे चुन्चेओ को पकदा और उसे पीछे से
चोदना शुरु कर दिया. शालू भी घोडी बन कर महेश के धक्को का जवाब देने लगी थी. और बडबाने लगी थी आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् महेश
भैया आआआआ चोदो मुझे आआऊऊऊऊऊऊऊइइइइइइइइइइइइइइइइ आआआआआ और जोर शीईईईईऊऊऊइइ
इइइइइइइइइइइइइइइ............ कर रही थी.

थोडी ही देर में मैं झदने वाला था तो मैंने पूनम को कस कर पकड लिया और उसको जोरदार धक्को के विर्य उसकी चूत में भर गया.
पूनम कि चूत ने भी अपना पानी छोड दिया था. और वो मेरे सीने पर गिर गयी. महेश ने भी झडते समय शालू को अपने से चिपका
लिया और अपना लण्ड जड तक उसकी चूत में घुसा कर अपना पूरा का पूरा माल शालू कि चूत कि गहराई में छोड दिया. शालू कि
चूत ने भी अपना पानी निकाल दिया. अपनी इस चुदायी से हम सब लोग थोडा थक चुके थे तो थोडी देर य़ुही बैड पर लेटे रहे.
और अपनी-अपनी बहनो के नन्गे जिस्म को सहलाते रहे.

You might also like