You are on page 1of 15

नम कार दो त म समीर (23) हा ज़र ँ ,आपके सामने

अपनी आपबीती लेकर लखनऊ से. दो त ये घटना तब


क है जब म अपनी भाभी के साथ घूमने के लए शमला
गया था.

आप भी सोच रहे ह गे क अगर भाभी ने घूमने जाना ही


था तो भईया के साथ य नही गयी. सही सोच रहे ह
आप सब असल म आ कुछ ऐसा क भईया अपने काम
मब त त रहते ह तो उनके पास इतना व त नही
होता क भाभी को व त दे सक.

इस लए जब भाभी काफ यादा बोर हो गय , तो उ ह ने


भईया से बोल कर मेरे साथ घूमने जाने के लए मना
लया. फर या था भैया ने हम दन क टकट करा द
शमला के लए और हम चल पड़े.

अब आपका यादा व त न लेते ए सीधे शमला पर


आता ँ क वहां या या आ. कैसे भाभी ने मुझे पटा
कर अपनी यास भुझायी. बात बात म आपको अपनी
भाभी के बारे म बताना तो भूल ही गया. मेरी भाभी का
नाम परवीन है और उनका न ब त ही लाजवाब है.
म शत लगा सकता ँ क उ ह दे ख कर कोई भी खड़े
खड़े मुठ मार सकता है. हर जवान और बूढ़ा उनक गांड
म अपना लंड डालने के लए बेताब हो जाये. उनके
गदराए ए न का न शा 34डी डी 32 38 है. सोच
सकते ह कतनी म त गांड है उनक .

अब सीधे कहानी पर आता ँ..

हम शमला प ँचते प ँचते रात हो गई थी. हमने होटल म


कमरा पहले से ही बुक करवाया आ था तो द कत नह
ई. सीधे हम लोग होटल चले गये. हम लोगो ने एक ही
कमरा बुक करवाया था.

तो जब हम कमरे म प ँचे तो भाभी ने कहा क वह नहाने


के बाद खाना खाएंगी और नहाने क तैयारी करने लगी.

जब वह नहाने जाने लगी तो उनका बेटा रोने लगा जो क


सफ डेढ़ साल का था, जब भाभी ने उसको गोद म लया
तो बोली इसको तो बुखार हो गया है. उ ह ने मुझे उनके
बैग से उसक दवाई लेने को कहा. मने दवाई उनको दे द
उ ह ने छोटू को दवा द और ध पला कर सुला दया.
उसके बाद मुझसे बोल कर नहाने चली गयी. म भी ट वी
दे खने लगा और छोटू के पास ही लेट गया.

जब भाभी नहा कर नकली तो या माल लग रही थी


झीनी सी काले रंग क स क नाइट म उनको दे ख कर
मेरा लंड मेरी पट म ही खड़ा हो गया. जसे बड़ी मु कल
से छु पा कर म भाभी को खाना आडर करने के लए बोल
कर नहाने चला गया.

भाभी को ऐसे दे ख कर लंड तो पहले से ही खड़ा था


आज उनको दे ख कर अलग सी कामुकता सवार हो गयी
थी लंड शांत होने का नाम ही नही ले रहा था.

मने मुठ मारने क सोची और ना रयल का तेल लगा कर


लंड क मा लश क फर लंड मसलने लगा तभी मेरी
नज़र भाभी क उतारी ई ा पट पर पड़ी जो क साइड
म पड़ी थी.

मने उसे उठा कर सुंघा तो उसम से भाभी के रसीले यौवन


क महक आ रही थी लंड और ज़ोर मारने लगा. मने
भाभी क ा और पट म लंड फंसा कर मुठ मरी और
सारा माल भाभी क ा पट पर छोड़ दया.
फर नहा कर बहार आगया. हमने साथ म खाना खाया
ले कन जब भी भाभी कुछ लेट म नकलने के लए आगे
झुकती तो उनके ध दे ख कर लंड अंगड़ाइयां लेने
लगता.

अब मेरा भाभी को दे खने का नज रया बदल सा गया था.


फर भी मेरे मन म कुछ करने क इ छा नही थी उनके
साथ. हमदोन ने खाना खाया और भाभी छोटू पास सोने
चली गयी थकान क वजह से और म ट वी दे खने के लए
काउच पर आ गया. भाभी और छोटू दोन सो गए.

जब म ट वी दे ख कर सोने आया तब दोन बेखबर सो रहे


थे. और भाभी सोते ऐ ग़ज़ब ढह रही थी. उनके शरीर
का एक एक उभर नखर रहा था नाईट ब ब क रौशनी
म, उनको इस हाल म दे ख लंड फर से खड़ा हो गया था
मेरा.

मने लोअर उतार कर अपनी नेकर पहनी और एक हलक


सी ट शट डाल कर लेट गया. अपने लंड को नेकर क
इला टक म एडज ट कया और सो गया जैसे तैस.े

अगले दन जब हम उठे तो भाभी मुझे दे ख दे ख कर


मु कुरा रही थी, मने पूछा तो उ ह ने कुछ नही कहा. फर
हम तैयार हो कर घूमने नकल गए.

अब सीधे घटना क तरफ चलते ह कहाँ गया कधर घुमा


हमलोग ने ये सब बात क बात है इन सब म न पड़ कर
मु े पर आता ँ. हम लोग रज घूमने न शॉ पग करने
नकले थे, हम लोग घूम ही रहे थे क मौसम खराब होने
लगा जानते ही ह पहाड पर बेव त मौसम बगड़ जाता
है.

वहाँ के कानदार ने हमे बताया क तेज़ बा रश होने


वाली है तो हम होटल वापस लौट जाये. हमे भी यही सही
लगा, जैसे ही हम पा कग क तरफ जा रह थे इतने म
बा रश शु हो गयी. छोटू को भीगने से बचने के च कर
म म और भाभी पूरी तरह से भीग गये जैसे तैसे पा कग
तक प ँचे हमलोग और ाइवर को होटल चलने को
बोला और होटल के लए नकल गए.

होटल प ँचते प ँचते भाभी को ठ ड लगनी शु हो गयी


थी कार म तो फर भी ठ क था. जब होटल प ँचे न
भाभी कपडे बदल कर आई तो उ ह ने अब लाल रंग क
अधपादश नाइट पहनी ई थी उनको दे ख कर मेरा हाल
ख़राब हो गया.
ले कन भाभी को अब ठ ड और यादा लगने लगी
कंबल से भी ठ ड काम नही हो रही थी उनक तब तक
म भी कपडे बदल कर आ गया. भाभी कंबल के अंदर ही
कांप रही थी

म ने एक कप चाय का आडर कया भाभी के लए और


उनसे बोला कुछ और होतो पहनले इसपर भाभी ने बोला
क जोभी कपडे ह उ ह पहन कर वह क फ़टबल नही रह
पाएंगी.

तो मने उनको ज़ोर नही दया उसके लए, मने पूछा तब


बताइये म या क ँ क आपको आराम मले ठ ड से.

उ ह ने कहा क आप मेरे क बल म आ जाइये न मुझे से


चपक के बै ठये. इससे आराम मल जायेगा, उनको बात
से मुझे थोड़ा अजीब लगा ले कन फर भी मने उनक
बात मानली और उनक तरफ से उनके क बल म घुस
गया.

अभी बैठा था ही क दरवाज़े क घंट बजी मने भाभी से


कहा क म आडर लेकर आता ँ. मने दरवाज़ा खोला तो
वेटर चाय लेकर आया था. चाय साइड टे बल पर रखने
को बोल कर वेटर को जाने के लए बोल दया. और
दरवाज़ा बंद कर लया फरसे अब म फर से भाभी क
तरफ जा कर क बल म घुस गया.

भाभी अब मेरी तरफ सरक गयी हो मुझसे अपनी पीठ


लगाकर बैठ गयी और मुझसे मेरा हाथ इस तरह करने को
बोला क म उनको पीछे से झ पी डाल रहा ँ. ऐसा करने
से भाभी का म ख़न क तरह चकना बदन अब मेरी
बाँह म था.

उनके शरीर क मादक महक मुझे पागल करने लगी थी.


मन कर रहा था अभी उनको पीछे से जकड़ कर उनक
नाइट फाड़ डालू और उन पर टू ट पड़ी. इन सब खयालो
म मुझे यान ही नही रहा क भाभी मेरी बाँह म ह.

उ ह ने जब आवाज़ लगायी तब मुझे होश आया क म


कहाँ ँ. उ ह ने मुझसे पूछा या आ तो मने कहा कुछ
नही बस आपका सर ट वी न मेरे बच आ रहा है. मेरी
बात सुन कर वह हंसने लगी और बोली बस यही बात है
न?

मने भी कह दया हाँ भाभी , तब वह बोल मेरे कंधे पर


अपना चेहरा रखलो द कत नही होगी. मने वैसा ही
कया ले कन उनके मुलायम और कोमल गाल का पश
मुझे और यादा मदहोश करने लगा.

दे खते ही दे खते लंड लोअर म से ंकारे मारने लगा. और


भाभी के शरीर क गम और मादक महक ने आग म घी
डालने का काम कया, जससे लंड ने एक ज़ोर का
झटका मारा जो क भाभी कमर पर पूरा पूरा महसूस आ
होगा और भाभी को पता चला होगा ले कन भाभी ने ऐसे
दखाया जैसे कुछ आ ही न हो ले कन उनके चेहरे क
मु कराहट सब बताने के लए काफ थी. और मेरे लंड
का और बुरा हाल होने लगा अब तो न सही कर सकता
था और न ऐसे ही हाथ पर हाथ रखे बैठ सकता था.

तभी भाभी झटके से पीछे ई इस तरह से क मेरा लंड


उनक गांड क दरार पर ऐसे सेट हो जाये क न उनको
द कत हो और न मुझे. ऐसा करने के बाद भाभी ने
मुझसे कहा क या आ आपको भी ठं ड लगने लगी है
या?

उनके इस सवाल से म सकपका सा गया और ज द से


मुंह से य भाभी नकल गया.

भाभी ने कहा क आपको नीचे कंपकंपी आ रही है.


अब मेरे पास कोई जवाब नही था. तभी छोट रोने लगा
उसके ध पीने का टाइम होगया था. भाभी ने उसको ऐसे
ही ध पलाने के लए अपनी नाइट के ऊपर के बटन
खोले और मेरे सामने ही अपने चूचे नकल कर छोटू को
ध पलाने के लए गोद म ले लया.

कब छोटू ध पी कर सो गया तो भाभी ने मेरी तरफ दे ख


कर कहा या दे ख रहे ह जनाब, म फर रंगे हाथ
पकड़ाया था अब तो कोई बहाना भी नही था बचने का.
मने घबराहट म भाभी से पूछ लया इसम से ध कैसे
नकलता है?

भाभी मेरा सवाल सुन कर पहले तो चुपसी हो गई फर


उ ह ने कहा क दे खो ऐसे इतना बोल कर अपना चूचा
नकल कर उसक घुंडी दबा कर ध नकालने लगी.

म ये दे ख कर और पागल हो उठा और मुंह से नकल गया


म भी नकल कर दे खूं.

इतना सुनना था क भाभी ने मेरे हाथ अपने चूचे पर रख


दया और बोल बलकुल आपभी नकल कर दे खलो. म
पहले सफ घुंडी ही उंग लय म लेकर दबा रहा था भाभी
अब धीरे धीरे मचलने लगी थी मेरी बाँह म और मेरे अंदर
भी ह मत बढ़ने लगी थी.

म भी बे फ के साथ उनके चूचे क घुंडी से खेल रहा


था तभी मने मेरा सरा हाथ भी उनके सरे चूचे पर रख
दया और उसे अपने पंजो म लेकर मसलने लगा भाभी
अब आह भरने लगी थी मचलने लगी थी मेरी बाँह म
अब घूम घूम कर मेरे गाल को चूमने चाटने लगी थी.
मुझसे भी नही रहा गया मने भी अपने ह ठ उठा कर
उनके ह ठ पर रख दया और उनके नीचे वाले लब को
नोच नोच कर पीने चूमने लगा.

भाभी अब सातव आसमान पर थी. मेरा पूरा साथ दे रही


थी. मने भी भाभी क नाइट एक ही बार म ऊपर से
उतार द अब भाभी सफ पट म थी. पागल क तरह
बेतहाशा एक सरे के ह ठो का रसपान कये जा रह थे.

भाभी इतनी उ े जत हो चुक थी क अपनी जीभ मेरे


मुंह म डाल कर मेरी जीभ खाने का यास कर रही थ .
ऐसे ही चूमते चाटते म भाभी के चूचे मसल रहा था. मेरा
यान तब चु बन से हटा जब भाभी के गम ध क एक
धार मेरे मुंह पर पड़ी.
उनके गम ध क धार ने पूरा वाद ही बदल दया उनके
होठ और जीभ का थोड़ी दे र पहले जो मुझे शहद जैसा
मीठा लग रहा था अब अमृत म बदल गया.

ले कन कुछ ही दे र म वह वाद मुँह से चला गया. अब म


बेचैन था उसी वाद का बारा आंनद लेने के लए, तभी
मेरे दमाग म आया य न म ध क धार मुँह म मार कर
फर से उनके होठ का रसपान क ँ .

मने ज द से उनके चूचे को अपने मुँह क तरफ घुमाया


और ज़ोर से घुंडी को दबा दया जससे उनके चूचे से एक
ध क धार मेरे मुंह म आ गयी. उसे मुंह म लेकर म फर
से भाभी को होठ पर टू ट पड़ा.

मेरी इस हरकत से भाभी और कामुक हो उठ और मेरा


भर पूर साथ दे ने लग अपने मुंह को और खोल कर
अपनी जीभ मेरी जीभ से लड़ाने लग और खाने क
को शश करने लग .

अब ये सब मेरे लंड का पारा और यादा बढ़ा रहा था.


जो क भाभी को भी चुभने लगा था अब, भाभी ने चु बन
थोड़ा अलग ई और मुझे सीधे होने को बोला.
जब म सही आ तो उ ह ने छोटू को सरे तरफ बेड पर
सुला दया. और अब हम दोन एक सरे से चपके ए थे
हमारे ह ठ एक सरे से लगे थे.

ऐसे ही थोड़ी और दे र चु बन के बाद हम अलग ए. एक


सरे को दे ख कर हम मु कुरा रहे थे. एक अलग सी
ख़ुशी हमारे चेहरे पर नज़र आ रही थी. तभी भाभी ने
कहा क सफ कस ही कर लेते हो या और कुछ भी
आता है?

भाभी क ये बात सुन कर मुझे हंसी आ गयी और म


भाभी के ऊपर आ गया. अब भाभी मेरे नीचे लेट थी.
मेरा लंड भाभी ना भ पर रगड़ रहा था और मेरे ट े उनक
चुत के ऊपर थे.

म अब भी नेकर और ट शट म था. अब म भाभी के दाएं


चूचे को अपने मुंह म भरने क को शश कर रहा था और
ज़ोर ज़ोर से अपने होठ से दबा रहा था. मेरी जीभ उनक
घुंडी के चारो तरफ घूम रही थी.

पता नही मुझे या आ क मुझे उनके चूचे क घुंडी को


अपने मुंह के अंदर क तरफ खीचने क सूझी जीभ और
तले के बीच म दबा कर ऐसा करते ही उनके चूचे से एक
ध क धार मेरे हलक तक गयी और मुझे परम आनंद
का एहसास आ.

अब तो म ऐसे ही उनके चूचे पर टू ट पड़ा. जब क उनके


बाएं चूचे को हथेली म लेकर मसल रहा था. मेरे ल ड क
रगड़ से वह और यादा मचल रही थी.

जैसे मेरे तन मदन करने से हो रही उतेजना को मेरे लंड


क रगड़ जैसे 10 गुना बढ़ा रही हो. जब उनका दायां
चूचा खाली हो गया तो म सरे पर टू ट पड़ा. भाभी
पागल क तरफ मेरे बाल और पीठ सहला रही थी.

कुछ दे र ऐसे ही उनका सरा चूचा चूस के खाली करने के


बाद अब म धीरे धीरे उनके शरीर के हर ह से को पागल
क तरह चूमने लगा. भाभी भी अब मचलती जा रही थी
जैसे जैसे म नीचे सरक् रहा था.

भाभी इतनी उते जत हो गयी क अब उ ह ने अपने से


अपना हाथ मेरे ल ड पर रख दया. और नेकर के ऊपर
से ही मासलने लग . फर धीरे से उ ह ने अपना हाथ मेरी
नेकर म डाल दया इला टक सरका कर लंड अब उनके
मुलायम हाथ म था. जो क इ या धक गम हो चूका था
अब तक उनके हाथ म आते ही ंकारे मारने लगा.
अब म उनक ना भ तक आ गया था चूमते चूमते. मने
उतेजना वश अपनी जीभ उनक ना भ म डाल द और
उसे घुमाने लगा. भाभी कामुकता म आ गयी और ज़ोर
ज़ोर से मेरे ल ड को हाथ म लए भ चने लग . म अब
और नीचे आ गया और उनक पट को नीचे सरका कर
पैरो से अलग कर दया.

अब भाभी मदर जात नंगी पड़ी थी. अब मने अपने लंड


को आज़ाद कर दया अपने नेकर क कैद से. भाभी के
दोन पैर को फैला कर उनक चुत पर टू ट पड़ा. और
उनके चुत के दाने को जीभ से कभी सहलाता कभी
रगड़ता कभी होठ म भर के ख चता कभी द त लगा
दे ता.

मेरी इन हरकत से भाभी क चूत पूरी क पूरी प नया


गयी थी. और भर भर कर पानी छोड़ रही थी. म मज़े
लेलेकर उनक चुत साफ़ करने लगा चाट चाट, उनक
चुत का पानी मुझे मं मु ध कर रहा था.

भाभी भी अपने चरम पर बढ़ने लगी थी. उ ह ने मुझे


अपनी चुत क तरफ ख च कर चुत पर दबा दया और
बाल को मु म भर कर नोचने लगी.
म समझ गया क झड़ने वाली है वह जैसे ही मने जीभ
उनक चुत म घुसेड़ी उ ह ने मेरे मुंह पर अपना पानी छोड़
दया और झड़ गय . मने उनक चुत साफ क और
उनको चु बन करने के लए उनके पास गया और उनको
उनक चुत का पानी अपने चेहरे पर लगा आ उनको
चखाया और फर से चु बन मगन हो गया.

join us on telegram @hindi_sex_story


दो त आगे क कहानी जाने के लए अलगे भाग का
इंतज़ार कर. मुझे ईमेल पर अपना फ ड बैक दे और
बताएं आपको कहानी कैसी लगी. भाभी क चुदाई अलगे
भाग म, कमट ज़ र क रयेगा कहानी कैसी लगी?

You might also like