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चत

ू की प्यास
मैं अंकित राजावत हूँ। मैं देखने में बहुत ही सुन्दर हूँ और मेरा लंड का आकार 8″ है, जो कि किसी भी लड़की की प्यास बुझा
सकता है।

बात उस समय की है जब मैं 12 वीं की क्लास में था और मैं जालौन में रहता था, मैंने जालौन में एक कमरा किराये पर लिया था।

मैं कमरे में अके ला ही रहता था। मेरे मकान-मालिक की लड़की जाह्नवी 11 वीं में पढ़ती थी।
देखने में क्या लगती थी…! जीरो फिगर था उसका..! उसके दूध तो कयामत ढाते थे, मैं उसे कभी-कभी मैथ के कु छ सवाल बता
देता था, जाह्नवी पर लाईन भी मारता था।

वो भी कभी-कभी मुझे देख कर हँसती रहती, मैं तो बस मौके की तलाश करने लगा और एक दिन मौका मिल ही गया, जब जाह्नवी
के मम्मी पापा भैय्या-भाभी सभी शादी में 10 दिनों के लिए गाँव गए थे, जाह्नवी अपने पेपरों की वजह से नहीं जा पाई थी।

उस दिन रविवार था, जाह्नवी मुझसे मैथ के कु छ सवाल पूछने मेरे कमरे में आई, मैं उसे सवाल बताने लगा।

वो मुझसे बोली- अंकित तुम्हारी कोई गर्लफ्रे ण्ड है?

मैंने कहा- नहीं!

तो उसने कहा- आई लव यू!

मैं हैरान रह गया, क्योंकि जिस लड़की पर मैं मरता था, वो मुझे खुद ही ‘आई लव यू’ बोल रही थी।

मैं भी देर ना करते हुए उसके होंठ चूमने लगा और दस मिनट तक चूमता रहा, वो गर्म होने लगी थी।

मैं एक हाथ से उसके दूध दबा रहा था, तो दूसरे से उसके बालों में अपनी उँगलियाँ फिरा रहा था। मैंने भी उससे कहा- जाह्नवी, मेरे
साथ सेक्स करोगी?

वो बोली- आज रात में…!

और वो चली गई जाते-जाते बोली- खाना भी मैं बना लूँगी।

फिर मैं शाम को कोचिंग से पढ़ने के बाद सीधा जाह्नवी के घर पहुँचा और हम दोनों ने खाना खाया।

मैंने टीवी चालू किया और एक हॉट इंग्लिश मूवी लगा दी। वो गर्म होने लगी तो मैंने किस करना चालू कर दिया।

थोड़ी ही देर मैं मैंने उसके कपड़े उतारना चालू कर दिए। पहले उसका कु र्ता निकाला। उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी काले रंग की
ब्रा में वो क्या मस्त परी सी लग रही थी! मेरा लंड तो मेरी पैन्ट फाड़ने लगा था। जाह्नवी की मैंने सलवार भी उतार दी उसने पैन्टी
नहीं पहनी थी।

उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।

क्या मस्त चूत थी!

मैंने अपने भी कपड़े निकाल दिए। उसने मेरा लण्ड अपने हाथ में लिया और आगे-पीछे करने लगी, मैं उसके दूध चूसने लगा।

उसकी चूत में उंगली डाली, वो कसमसा उठी।


वो अभी तक चुदी नहीं थी, इसलिए उसे थोड़ा दर्द हो रहा था। मैं उसकी चूत में उंगली जोर-जोर से करने लगा, कु छ देर बाद वो
झड़ गई।

फिर उसने कहा- अंकित अब और ना तड़पाओ मुझे चोद दो! मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए उसकी टांगों को फै लाया और बीच में
पहुँच गया। उसने अपने आप टांगें और चौड़ीं कर दीं।

मैंने अपना लंड जाह्नवी की चूत पर रगड़ा वो कराह उठी फिर मैंने अपना लंड चूत की दरार में फं साया और एक धक्का मारा, अभी
सुपारा ही थोड़ा ही अन्दर गया कि जाह्नवी दर्द की वजह से चिल्ला पड़ी।

मैं थोड़ी देर रुका रहा, उसके दूध चूसता रहा।

कु छ पलों बाद जब उसका दर्द कु छ कम हुआ तो मैंने एक जोर का झटका मारा, जिससे जाह्नवी की आँखों से आँसू आ गए।

मैं फिर रुक गया।

उसकी चूत फट चुकी थी। जिससे खून बह रहा था। जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं जोर-जोर से झटके मारने लगा।

अब वो भी नीचे से चूतड़ उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी। इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी, अब मैं भी झड़ने वाला था। मैंने
अपनी गति बढ़ा दी और अपना लंड बाहर खींच कर उसकी छाती पर मुठ मारने लगा। मैंने एक तेज धार से अपना पानी उसके चूचों
पर छोड़ दिया।

अब मैं निढाल हो कर उसके बगल में लेट गया। फिर हम दोनों ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया, चूत से खून देख कर वो कु छ
सहमी जरूर पर उसे मालूम था कि सील टू टने के कारण उसकी चूत से खून निकला है।

वो मेरे गले से लिपट गई और फिर एक बार हम चुदाई के दरिया में गोते लगाने लगे।
इसी तरह मैंने उसे रात भर कई तरह से चोदा।

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