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बहुत कुछ होना है डार्लिंग
बहुत कुछ होना है डार्लिंग
हाय ! मेरा नाम राज है , मैं अपनी कहानी लिखने जा रहा हूँ। वैसे मैं आगरा से हूँ। मेरा कद ५'८.३" है , दिखने
में भी ठीक हूँ। एक दिन मैं नेट पर संवाद कर रहा था तो मुझे एक लड़की मिली जिसका नाम था श्रुति (बदला
हुआ नाम), हम दोनों रोज बात किया करते थे। करीब एक साल बात करी हम दोनों ने !
शाम तक वो मान गई। ऐसे करते करते काफ़ी समय निकल गया और वो मुझ पर विश्वास करने लगी। तब
एक दिन मैंने उसे सेक्स के लिए कहा।
वो गर्म होती जा रही थी। तब मैंने उसकी जींस और फिर टॉप उतार दिया। माँ कसम, क्या कयामत लग रही
थी ! अगर मुर्दा उसे दे ख ले तो फिर से जिन्दा हो जाये ! चुम्मा-चाटी के बाद मैंने उसकी चूत पर चूसना शुरू
किया।
मैं कहाँ मानने वाला था ! मैंने उसकी चूत में लण्ड को रखा और थोड़ा अंदर किया। वो बोली- बस रुको यहीं पर
!
मैं थोड़ा सा रुका लेकिन माना नहीं और एक दम झटके से लण्ड घुसा दिया।
मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए और तब मैं बहुत धीरे -धीरे कर रहा था जिससे उसे और दर्द ना हो !
मैं तेज तेज करने लगा। करीब २५ मिनट में दो बार झड़ गई। कुछ दे र के बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया
और कुछ दे र तक ऐसे ही गिरे पड़े रहे ।
लेकिन मुझे कहाँ मानना था। मैंने सीधे उसकी गांड की बारी लगा दी। सिर्फ ३ झटकों में मेरा पूरा अन्दर चला
गया।
वो बोली- राआआआआआआज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज !
और मैं रुक गया। कुछ दे र बाद जब उसका दर्द बंद हुआ तो बोली- तेज तेज करो !
मैं करता गया, करता गया और इस बार मैं ४५ मिनट तक चोदता रहा। हम दोनों एकदम पसीने में नहा गये
थे। ४५ मिनट बाद मेरा पूरा पानी उसकी गांड में था और मैं वैसे ही उसके ऊपर गिर गया और हमारी आंख
लग गई। दो घण्टे बाद हम दोनों उठे और नहाये, एक दस
ू रे को किस किया और होटल में जाकर डिनर किया।