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मे रे मकान-मािलक की उम 45 साल व उनकी बीबी की उम 40 साल थी। उनके 2 बचे थे ..
एक लड़की और एक लड़का।
उनके बड़े भाई की तीन लड़िकयाँ और एक लड़का था। दो लड़िकय की शादी हो गई थी..
बड़ी लडकी 26 साल की थी िजसकी एक लड़की भी थी व छोटी 23 साल की थी.. िजसकी
शादी को तीन साल हो गए थे .. पर अब तक कोई बचा नहीं हुआ था।
उसके बाद 19 साल का भाई था व सबसे छोटी लड़की की उम 18 साल थी।
कहानी तीसरे भाई की बीवी से शु होती है । उसका नाम गीता था.. उसकी उम 30 साल..
रं ग गोरा था और वो कुछ छोटे कद की थी। उसकी अपने पित से कम ही बनती थी..
यिक उसका पित उम म उससे 10 साल बड़ा था। उनका एक बीमार बे टा भी था।
गीता ने अपने िजम को बहुत सं वार कर रखा था, वो दे खने म 25 साल की ही लगती थी,
उसके बदन म जबरदत कसाव था।
ू ा।
जब पहली बार म ने उसे दे खा.. तभी सोच िलया था िक इसे जर चोदँ ग
वै से भी पित से ना बनने के कारण उसे भी एक तगड़े लड की सत जरत थी।
म ने िकसी ना िकसी बहाने उसके घर जाना शु कर िदया। जदी ही हमारी अछी बनने
लगी। उसे दे खते ही मे रा लड खड़ा हो जाता था।
एक बार तो उसने मे रे लड को पै ट म तं बू बनाए हुए दे ख भी िलया था.. िजसे म ने जदी
ही छुपा िलया था।
वो हके से मु कुरा दी थी और अपने हठ काटने लगी थी। उसकी इस अदा से म समझ
गया िक ये माल पकने म अिधक समय नहीं ले गा।
धीरे -धीरे म ने उनसे मजाक करना शु िकया.. िजसका वह बु रा नहीं मानती थी। म कभी
मजाक म उनके नाजु क अं ग को छू ले ता.. तो वो मु कुरा दे ती।
म उससे उनकी पसनल बात पूछता तो वो उदास होकर उसे टाल जाती।
म उसे चोदना चाहता हँ .ू . यह बात शायद वो समझ चु की थी.. पर खु ल नहीं रही थी।
एक बार मु झे उसके िबतर के तिकए के नीचे उसकी काले रं ग की बा-पै टी रखी िमली।
िजसे म ने उससे नजर बचा कर अपने जे ब म रख ली व घर जाकर रात को उसे याद कर
पै टी से ही मु ठ्ठ मारी और सारा माल उसी म िगराया।
अगले िदन जब म उनके घर गया तो वो कुछ परे शान िदखी।
म ने कहा- या हुआ भाभी.. कुछ परे शान िदख रही हो.. कुछ गु म हो गया है या
भाभी- हाँ मे रे तिकए के नीचे से कुछ सामान गायब है .. जो मु झे अभी बहुत जरी चािहए
था।
म ने कहा- सामान का नाम बताओ.. म अभी ढूँढ कर दे सकता हँ ।ू
भाभी ने मे री तरफ मु कुराते हुए कहा- मे री बा-पै टी नहीं िमल रही है । मे रे पास दो ही
जोड़े थे .. अब मु झे नहाने जाना है । या कँ.. समझ ही नहीं आ रहा है ।
म ने शरारत से कहा- तो या हुआ.. िबना पहने ही बाकी के कपड़े पहन ले ना.. वै से आपकी
वो चीज मे रे पास है ।
भाभी गु सा होकर बोलीं- तु हारे पास तु म या करोगे उनका.. तु हारे काम की चीज नहीं
है वो..
म ने कहा- भाभी आप बु रा ना मानो तो एक बात कहँ .ू . जब से आपको दे खा है म अपने पर
कटोल नहीं कर पा रहा हँ .ू . उस पर कल रात म ने आपके नाम की मु ठ मारी थी.. आप मु झे
बहुत अछी लगती हो।
भाभी ने हँ सते हुए कहा- अरे ऐसा य करते हो.. तु हारी गल-ैड नहीं है या.. उससे
अपना काम चलाओ.. मे री पै टी य खराब करते हो
म ने कहा- नहीं है .. भाभी म आप को ही अपनी गल-ैड बनाना चाहता हँ .ू . बनोगी या
भाभी- ठीक है .. पहले मे री बा और पै टी वापस करो।
म ने उह दो जोड़ी नई बा और पै टी खरीद कर दे दी। िजसे दे खकर वो बहुत खु श हुई।
म हमे शा उसी समय जाता था.. जब उसका पित घर पर नहीं होता था।
म ने बाहर से ही कहा- भाभी आपकी पीठ पर साबु न लगा दँ ू या.. आप कहो तो पूरा नहला
ही दे ता हँ ।ू
भाभी- ठीक है .. एक िमनट को।
उहने फटाफट बा और पै टी पहनी और दरवाजा खोल कर मे री तरफ पीठ करके खड़ी हो
ग। म फटाफट अपने सारे कपड़े खोल कर बाथम म घु स गया। िजसका उह पता नहीं
था िक म उनके पीछे नं गा खड़ा हँ ।ू
म साबु न ले कर उनकी गदन व पीठ पर लगाने के बहाने सहलाने लगा, उह मजा आ रहा
था। म ने जै से ही हाथ नीचे लगाना चाहा.. वो मना करने लगी।
म ने झटके उह अपनी तरफ घु माया और उह िकस करने लगा। पहले तो वो मु झे नं गा
दे खकर घबरा गई.. िफर मे रा खड़ा लड दे खा.. तो दे खती ही रह गई।
बस मे रा काम हो गया था।
अब म कहाँ मानने वाला था, चु बन के साथ-साथ उनके दोन मम को लगातार दबाने
लगा, वो गम होने लगी.. पर बार-बार कह रही थी- ना ना मत करो..
म ने अपना एक हाथ उनकी चूत के ऊपर िफराना शु कर िदया.. तो वह और गरम हो गई
व अजीब सी आवाज िनकालने लगी।
िफर वह मे रा साथ दे ने लगी व मु झे भी चूमने लगी, म पै टी के अदर हाथ डालकर उनकी
चूत सहलाने लगा।
उनकी चूत पानी छोड़ने लगी थी, म ने चूत म उं गली करनी शु कर दी, उह मजा आने
लगा.. वो जोर-जोर से आवाज िनकालने लगी।
वो बोली- लीज राज.. अब मत करो.. म पागल हो जाऊँगी।
म ने उनकी एक ना सु नी व लगातार धके लगाने लगा। उनके पूरे शरीर पर साबु न लगे होने
के कारण पूरा कमरा ‘फच.. फच..’ की आवाज से गूजने लगा।
वो लगातार िचलाए जा रही थी और पूरा मजा भी ले रही थी। थोड़ी ही दे र म उसका दद
कम होने लगा और वो नीचे से चूत उछालने लगी, उसे चु दने म बड़ा मजा आ रहा था, वो
चु दते समय बहुत आवाज िनकाल रही थी.. इसिलए मजा दुगुना आ रहा था।
कुछ दे र के तूफान के बाद दोन एक साथ ही अपने चरम पर पहुँच गए और म ने अपने माल
से उसकी चूत भर दी।
म ने कहा- कैसा लगा भाभी.. आपको मजा आया या नहीं
भाभी- बहुत मजा आया.. मु झे पता था िक तु म मु झे चोदना चाहते हो.. इसीिलए बार-बार
मे रे घर के चकर लगा रहे हो। मु झे भी एक घर का ही लड चािहए था.. बाहर चु दने म
मे री बदनामी हो सकती थी। अब तु म मु झे रोज चोदना.. म कब से यासी थी। म तु हारे
अगले िदन म ने मकान-मािलक के बड़े भाई.. जो मे रे वाले मकान म ही रहता था.. को बता
िदया िक मे रे एक दोत की तिबयत खराब है .. इसिलए मु झे कुछ िदन रात को उसी के घर
म ही रहना पड़े गा।
अब तो रात होते ही म उनके घर चले जाता और पूरी रात उह जमकर चोदता। एक महीने
के अदर ही वो े न ट हो गई। इस बीच उहने एक-दो बार अपने पित से भी चु दवाया..
तािक उसे शक ना हो।
आपको कहानी कैसी लगी, अपनी राय मे ल कर जर बताइएगा। आप इसी आईडी पर
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