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अनोखा मोड़

थाली में खाना परोसते हुए रीमा ने रोहन से कहा आज नीतू भाभी कह रही थी की उनके ऑफिस में एक
जॉब है अगर आप कहो तो में कल नीतू भाभी के साथ जाकर बात कर लूं ?

रीमा की बात सन ु कर रोहन ने आँखे निकालते हुए रीमा को दे खा और बोला उल्लू की पट्ठी
में तझ
ु े पहले भी कितनी बार समझा चक
ू ा हूँ कि में तझ
ु े अपने जीते जी नौकरी नहीं करने दं ग
ू ा फिर भी
तू आये दिन नौकरी का राग अलापती रहती है , भस
ू ा भरा है क्या तेरे दिमाग में ?

समझ में क्यों नहीं आ रहा तेरी की जो भी मजबूर औरत नौकरी करने के लिए एक बार घर से बाहर
निकलती है वो फिर रं डी बन कर ही वापिस आती है अब बोल तझ
ु े रं डी बन के जीना है या मेरी बीवी ?

ये बात रीमा भी जानती थी की रोहन की बात भी किसी हद तक सही है क्योकि हवस के भख


ू े भेडिये
अपनी हवस की आग मिटाने के लिए किसी मजबरू अबला की मजबरू ी का नाजायज़ फायदा उठाने से
नहीं चक
ू ते दे र सवेर उसको अपनी हवस का शिकार बना ही लेते है |

लेकिन रीमा भी अब हालात के हाथो मजबूर हो चुकी थी क्योकि जब से रोहन का एक्सीडेंट हुआ और
फिर रोहन की नौकरी चली गयी उस के बाद से घर के हालात दिन पर दिन बद से बदतर ही होते जा रहे
थे |

हालत ये थी की घर में अब जो राशन बचा था वो सिर्फ २-४ दिन का ही था और बनिए ने आगे और


उधार दे ने के लिए साफ़ मना कर दिया था क्योकि उसका हिसाब पिछले २ महीनों से नहीं हुआ था होता
भी कहा से घर में फूटी कौड़ी नहीं बची थी जो आखरी कंगन बेच कर रीमा पैसे लायी थी वो भी धीरे -२
सब ख़तम हो चुके थे .....

अब पिछले उधार के लिए बनिया रोज़ रीमा को तकाजा कर रहा था कुल मिलाकर रीमा के पास अब
नौकरी के सिवा और कोई चारा नहीं था

रीमा ने रोहन को फिर से दबी आवाज में कहा अगर आप इसी तरह अपनी जिद्द पर अड़े रहे तो २-४ दिन
में फाको की नौबत आ जाएगी दवाई तो आपकी वैसे भी कई दिनों से बंद है अगर आपको कुछ हो गया
तो ... रीमा ने अपनी बात को अधुरा ही छोड़ दिया

रीमा की बात सुन कर रोहन ने घूरते हुए रीमा की तरफ दे खा और बड़े ही तल्ख़ अंदाज़ में बोला सीधा
सीधा क्यों नहीं बोलती की तझ
ु े आज़ादी चाहिए गुल्छरे उड़ाने की और अपने यारो के साथ रं गरलिया
मनाने की ये सब तो तेरा एक बहाना है रही बात मेरी दवाई की तो तू कोनसा मुझ अपाहिज के साथ
खुश है में दवाई नहीं खाऊंगा तो तेरे लिए और अच्छा है
में जितना जल्दी मरूँगा तेरा रास्ता उतनी जल्दी साफ़ हो जायेगा |

रोहन की बाते सुन कर रीमा का चेहरा तमतमा उठा और उसकी आँखों में नमी आ गयी लेकिन वो मुंह
से कुछ नहीं बोली सिर्फ अपने निचले होंट को दांत से काट कर अपनी रुलाई को रोकने की कोशिश
करने लगी | रीमा के लिए ये सब अब कोई नयी बात नहीं थी
क्योकि पिछले कुछ महीनो से रोहन का रवेय्या ऐसा ही हो गया था | रीमा इस बात को अच्छे से जानती
थी की रोहन एक्सीडेंट के बाद से अन्दर ही अन्दर बुरी तरह से टूट चूका है और जिस हालात में अब
रोहन जी रहा है ..उसका जीना मरने के बराबर है |

इसलिए रीमा को रोहन पर गस्


ु से की बजाये ऐसे हालातो में तरस आ जाता था ...

रीमा चुपचाप जूठे बर्तन उठा कर जाने लगी तो रोहन ने फिर से कहा क्या हुआ मेरी बात का कोई जवाब
नहीं है क्या तेरे पास ?? बोलती क्यों नहीं हरामजादी चुप क्यों है ?

रीमा की आँखों से आंसू गिरने लगे और उसने रुं धे हुए गले से कहा आप ऐसा क्यों सोचते हो की में
आपसे प्यार नहीं करती आप मेरे लिए जैसे पहले थे आज भी मेरे लिए आप वैसे ही हो मेने तो आजतक
आपके सिवा किसी और को नजर उठा कर भी नहीं दे खा में तो दिन रात
भगवान से यही मांगती हूँ की मेरी उम्र भी आपको लग जाये |

और आप क्या सोचते हो की नौकरी में अपनी खुशी के लिए कर रही हूँ या मुझे नौकरी करने का शौंक है
एक बात बताइए जब तक आप काम करते थे तब मेने कभी आपसे कहा था की मुझे नौकरी करनी है
....में तो हमेशा से अपने घर में ही खुश रही हूँ ..

लेकिन अब जो हालात बन गए है उसमे आप ही बताओ की अगर में कोई काम नहीं करुँ गी तो घर कैसे
चलेगा आपकी दवाइया कहाँ से आएँगी ?

रीमा की बात सुन कर रोहन के मुंह से एक भी लफ्ज़ नहीं निकला क्योकि रीमा ने जो कहा था वो उतना
ही सच था जितना रात के बाद दिन रीमा बर्तन उठा कर रसोई में चली गयी और रोहन अपनी आँखे बंद
करके अपने अतीत को सोचने लगा.

रोहन और रीमा की शादी को अभी २ बरस ही हुए थे रोहन के पास अच्छी नौकरी थी और रीमा जैसी
सुन्दर सुशील बीवी ऐसी बीवी जिसको दे ख कर किसी को भी रोहन की किस्मत पर रश्क हो ......रीमा
को पा कर रोहन को अपनी जिन्दगी स्वर्ग लगती थी.
रोहन और रीमा अपनी जिन्दगी का हर लम्हा सुख से गुजार रहे थे और फिर पता नहीं किस मनहूस
घडी में रोहन ने स्पोर्ट्स बाइक खरीदी और वो बाइक ही रोहन की हं सती खेलती जिन्दगी को तबाह कर
गयी |
ऑफिस जाते वक़्त रोहन का ट्रक से इतना भारी एक्सीडेंट हुआ की उसमे रोहन की जान तो बच गयी
लेकिन उसकी दोनों टाँगे इस हादसे में चली गयी और फिर तो मानो मुसीबतों का कोई पहाड़ टूट पड़ा हो
रोहन और रीमा की जिन्दगी पर......सब खशि
ु या चली गयी और परे शानिया उन दोनों की हमसफ़र बन
के रह गयी एक्सीडेंट के बाद रोहन की नौकरी भी चली गयी और जो रुपया पैसा जमा पूंजी था वो भी
सब रोहन के इलाज़ में ख़तम हो गया.

जिस मकान में रहते थे उस मकान को रोहन ने बेंक से लोन लेकर खरीदा था नौकरी चली जाने से बैंक
की किस्ते टूट गयी और कुछ महीनो बाद बैंक ने मकान को अपने कब्जे में ले लिया और फिर रीमा
और रोहन को किराये के मकान में रहना पड़ा ये तो शक्र
ु मनाओ कि बिना एडवांस दिए उन्हें मकान
किराये पर मिल गया था नहीं तो सर छुपाने का ठिकाना भी नहीं था कोई ...इन वक़्त के मारो के पास
तो ये थी रोहन और रीमा की जिन्दगी जो पिछले कुछ महीनो से चल रही थी.

रोहन अभी अपने अतीत को कुरे द ही रहा था की उसके कानो में नीतू भाभी की खनकती हुई आवाज
पड़ी ,,,,

रीमा ओ रीमा कहाँ हो तम


ु ..

नीतू भाभी रोहन के पड़ोस में ही रहती थी उम्र यही कोई ३० वर्ष होगी , नीतू भाभी के तीखे नैन नक्श
और गदराया जिस्म उनको और ज्यादा आकर्षक बनाने में सहयोग कर रहा था,

नीतू भाभी ने रोहन के करीब आकर कहा क्या सोचा आपने भाई साहब ?

रोहन समझ ही नहीं पाया था की नीतू किस बारे में बात कर रही है इतने में रीमा भी आ गई और उसने
नीतू भाभी से कहा ....

रीमा ने कहा ... भाभी माफ़ कीजियेगा मेने आपको बेवजह परे शान किया लेकिन में फिलहाल कोई जॉब
नहीं कर सकती ये बात सुन कर नीतू भाभी ने चोंकते हुए कहा ..

लेकिन हुआ क्या तम


ु ने खुद ही तो कहा था की अगर कोई अच्छी जॉब मिल जायेगी तो कर लुंगी और
अब जब इतनी अच्छी जॉब तुम्हे घर बेठे बिठाये मिल रही है तो तुम उसे ठुकरा रही हो | मुझे तो कुछ
समझ नहीं आ रही तुम्हारी बात कहते हुए नीतू रीमा को दे खने लगी.

रीमा ने जब कोई जवाब नहीं दिया तो नीतू ने फिर से समझाते हुए कहा दे खो रीमा जल्दबाजी में कोई
निर्णय मत लो एक बार फिर से सोच लो ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता
इस बार रीमा ने रोहन की और दे खते हुए सपाट लहजे में नीतू से कहा.

भाभी मेने अच्छी तरह से सोच समझ कर ही फैसला लिया है में जॉब नहीं करुँ गी ,
रीमा का जवाब सुन कर नीतू ने अपने कंधे उचका कर कहा ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी मुझे क्या
कहकर नीतू वापिस जाने लगी और फिर जैसे ही नीतू दरवाजे के पास तक पहुंची तो रोहन ने नीतू को
आवाज दी और कहा .. नीतू भाभी सुनिए तो जरा..

नीतू ने पलट कर रोहन की और दे खा तो रोहन ने कहा भाभी रीमा कल आपके साथ ऑफिस जायेगी.
रोहन की बात सन
ु कर नीतू से ज्यादा रीमा हे रान हो गयी और वो आँखे फाड़- २ कर रोहन को ऐसे
दे खने लगी जैसे खल
ु ी आँख से सपना दे ख रही हो , रीमा को अपनी और ऐसे दे खता दे ख रोहन ने
मस्
ु कराते हुए कहा रीमा से कहा हाँ रीमा में अपनी ख़श
ु ी से कह रहा हूँ तम
ु कल नीतू भाभी के साथ जॉब
पर जा सकती हो…

इतने में नीतू भी वापिस लोट कर आ गयी थी नीतू ने मुस्कराते हुए रोहन को दे खा और बोली भाई
साहब इसको कहते है सही समय पर सही फैसला लेना अगर आज आप इस जॉब को ठुकरा दे ते तो कल
आपको ही इस बात का सबसे ज्यादा अफ़सोस होता, चलिए कोई बात नहीं जब जागो तब सवेरा..

फिर नीतू ने रीमा से कहा रीमा तम


ु कल सब
ु ह ९ बजे तक तैयार हो जाना हमे १० बजे तक ऑफिस
पहुंचना है और हां थोडा सही से तैयार होना क्योकि पहला दिन है और वैसे भी कहते है ने की फर्स्ट
इम्प्रैशन इस लास्ट इम्प्रैशन कहते हुए नीतू अर्थपूर्ण ढं ग से हं सने लगी और रीमा के गोरे गाल हया से
सुर्ख हो गये और वो इधर उधर दे खने लगी.

और फिर जब नीतू चली गयी तो उसके जाने के बाद रीमा है रान निगाहो से रोहन को दे खती हुई बोली
आप को अचानक क्या हो गया अभी कुछ दे र पहले तो आप नौकरी के नाम से ही लाल पीले हुए जा रहे
थे और अब आपने मुझे जॉब करने के लिए हाँ कर दी मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा आप कही मजाक
तो नहीं कर रहे मेरे साथ कहते हुए रीमा बड़े ही भोलेपन से रोहन को दे खने लगी.

रोहन ने मुस्करा कर रीमा को दे खा और कहा ; इतना बुरा भी नहीं हूँ में जितना तुम सोचती हो. रीमा
रोहन को दे खती ही रह गयी रोहन ने फिर से कहा - रीमा मुझे तुम पर पूरा यकीन है तुमने जो भी सोचा
है वो हम दोनों के लिए अच्छा ही सोचा है मुझे तुम्हारे फैसले से कोई आपत्ति नहीं है ,
रोहन की बात सुन कर रीमा थोड़ी सी भावुक हो उठी और उसने रोहन के गले लग कर कहा.. फिर आज
तक आप इतना उल्टा सीधा क्यों सोचते रहे ?

रोहन ने रीमा के गाल पर एक चम्


ु बन जड़ते हुए कहा, रीमा तमु इतनी सन्ु दर हो की तम्
ु हे दे ख कर
किसी का भी ईमान डोल सकता है और ऊपर से तमु हो भी मासमू तम्
ु हे इस जालिम ज़माने का दस्तरू
नही पता तम्
ु हारे भोलेपन का कोई नाजायज फायदा न उठा ले इसी बात का मझ
ु े अन्दर ही अन्दर डर
सताता रहता है की कही कुछ गलत न हो जाये..
रोहन की बात सुन कर रीमा अपनी आँखों को नाम होने से नहीं रोक पायी और उसकी आँख से आंसू
गिर कर रोहन के काँधे को भिगो गया,

रोहन ने रीमा को अपनी बाँहों में और कस लिया और बोला अब ये रोना बंद करो और जल्दी से चें ज
करके आओ याद है न आज कोनसा दिन है ?

रोहन की बात सुन कर रीमा ने अपना चेहरा रोहन की छाती पर रगड़ कर बड़ी मादक आवाज में कहा
कोन सा दिन है जी ?

रोहन ने रीमा की कमर पर अपने हाथ को फेरते हुए कहा आज सन्डे है मेरी जान यानि की मस्ती वाला
दिन ,

रीमा ने रोहन की छाती के बालो में अपनी उं गलिया फेरते हुए कहा जो हुकुम मेरी सरकार और फिर
रीमा चें ज करने के लिए चली गयी.

रीमा के जाने के बाद रोहन भी बिस्तर पर सीधा लेट गया और उसका हाथ उसके पायजामे में घस
ु गया
५ मिनट में रीमा चें ज करके आ गयी रीमा अब लाल रं ग की नाइटी में थी रीमा के गोरे जिस्म पर लाल
रं ग की नाइटी बड़ी प्यारी लग रही थी.

रोहन का हाथ पायजामे में दे ख कर रीमा अपने आप को हं सने से नहीं रोक पाई और उसने रोहन के पास
बैठते हुए कहा क्या बात है जानू बड़े बेसब्रे हो रहे हो मेरे आने तक का भी इंतज़ार नहीं हो रहा था क्या?

रोहन ने रीमा की बात सन


ु कर एक आह भरते हुए कहा क्या करू जानेमन तू चीज़ बड़ी है मस्त मस्त..

रोहन की बात सुन कर रीमा की आँखों में उत्तेजना भरने लगी और उसने रोहन के पायजामे का नाडा
खोल कर उसका पायजामा नीचे कर दिया और खुद भी पलंग पर आ गयी और फिर रीमा ने रोहन से
कहा ….
अब आप आराम से लेट जाइये में अपना काम शुरू करती हूँ रोहन ने रीमा को कामक
ु निगाहों से दे ख
कर कहा ऐसे नहीं डार्लिंग पहले अपने पुरे कपडे उतारो तब मजा आएगा
रोहन की बात सुन कर रीमा की आँखे उत्तेजना से भरने लगी और उसने अपनी नाइटी को अपने
जिस्म से उतार कर अलग कर दिया और अब नाइटी के नीचे रीमा का गोरा बदन काली ब्रा और काली
पें टी में क़यामत ढा रहा था,

रीमा ने एक मादक अंगड़ाई ले कर रोहन की और दे खा और बोली ......बस इतना काफी है ?


रोहन ने अपने लबो पर जीभ फेरते हुए कहा .. डार्लिंग ऐसे मजा नहीं आएगा प्लीज सब उतारो न ..

रीमा ने अपने हाथ को अपनी कमर पर ले जा कर अपनी ब्रा के हुक ख़ोल दिए और ब्रा को अपने जिस्म
से अलग कर दिया ब्रा अलग होते ही रीमा के गोरे गोरे कबूतर आजाद हो कर फडफडाने लगे रीमा के
फडफडाते कबत
ू रों को दे खकर रोहन की आँखे वासना से भरने लगी
और उसका हाथ अपने लिंग पर एक बार फिर से चलने लगा. रीमा के गोरे गोरे ३२ साइज़ के उभार
बिलकुल तने हुए थे और उसके गोरे उभारो पर ब्राउन कलर के निप्पल ऐसे चमक रहे थे जैसे दो सितारे
टं गे हो. अगर इस वक़्त रोहन का बस चलता तो वो लपक कर रीमा के दोनों कबत
ू रों को अपने हाथो में
भर लेता और उनका रसपान कर लेता और इस वक़्त
रोहन तो क्या दनि
ु या का कोई भी मर्द रीमा के जिस्म को दे ख कर पागल हुए बिना नहीं रह सकता था.
क्योकि रीमा का जिस्म था ही बिलकुल ऐसा जैसे संगेमरमर में तराशा हुआ हो बिलकुल बेदाग़ रीमा के
जिस्म पर एक भी रोंवा तक नहीं था पूरा जिस्म सांचे में ढला हुआ, उन्नत उभार पतली कमर और गोल
नाभि जिसको दे खकर ही जीभ से चाटने का ख्याल मन में आ जाये कुछ ऐसी बनावट थी रीमा के
जिस्म की और सबसे आकर्षक थे रीमा के नितम्ब कमर के अनुपात में कुछ बाहर को निकले हुए
बिलकुल सेब के आकार में कटाव दार नितम्ब,
अब रीमा सिर्फ पें टी में थी और रोहन रीमा के जिस्म को ऐसे घूर -२ कर दे ख रहा था जैसे कुत्ता हड्डी
को दे खता है और फिर रीमा ने अपनी पें टी के इलास्टिक में अपनी उं गलिया डाली और अपनी पें टी को
भी अपनी जांघो तक नीचे कर दिया काले काले लेकिन हलके बालो से रीमा की योनी ढं की हुई थी.

रोहन की नजरे अब सिर्फ रीमा की योनी पर टिकी हुई थी फिर रीमा ने अपनी पें टी को भी अपनी टांग से
निकाल कर अलग कर दिया और अब रीमा पर्ण
ू रूप से निर्वस्त्र थी कपडे का एक रे शा भी रीमा के
जिस्म पर नहीं था , और फिर रीमा पलंग पर रोहन के पास चली आई रीमा जैसे ही रोहन के करीब आई
रोहन ने सबसे पहले रीमा के उभारो को अपने हाथ में पकड़ लिया और उनका मर्दन करने लगा रोहन के
स्पर्श से रीमा के परु े जिस्म में उत्तेजना की
लहरें दौड़ने लगी और फिर रोहन ने रीमा के उभार पर अपना मंह
ु लगा दिया और निप्पल को मंह
ु में
लेकर चस
ू ने लगा…
अब रीमा की आँखे मुंदने लगी और उसके मुंह से मीठी मीठी सिस्कारिया निकलने लगी रोहन का एक
हाथ रीमा के उभार पर था और दस
ु रे हाथ से वो रीमा के जिस्म का भूगोल नाप रहा था. रीमा मस्ती में
अपनी आँखे मँद
ू कर तेज़ तेज़ साँसे ले रही थी , रीमा के जिस्म से कुछ दे र खेलने के बाद रोहन ने रीमा
का हाथ पकड़ कर अपने लिंग पर रख दिया रोहन का लिंग अब अर्ध उत्तेजना की अवस्था में आ चूका
था बाकी का काम रीमा के नर्म मुलायम हाथो ने कर दिया रोहन का लिंग रीमा के हाथ में फुन्कारे
मारने लगा, रीमा ने अब रोहन को पलंग पर सीधा करके लेटा दिया और फिर रीमा ने रोहन के लबो पर
अपने लबो को चिपका दिया
और दोनों एक दज
ू े के लबो का रसपान करने लगे एक लम्बे चुम्बन के बाद रीमा ने अपने लबो को
रोहन के लबो से जुदा किया और फिर रीमा ने पलंग की दराज से एक तेल की शीशी निकाली और थोडा
सा तेल रोहन के लिंग पर डाल दिया और थोडा सा तेल अपने अपनी एक हथेली पर डाल लिया और
फिर अपनी दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ कर रीमा ने अपने दोनों हाथो को चिकना कर लिया और
फिर रीमा ने रोहन के खड़े हुए लिंग को अपने हाथ में थाम लिया और बड़े प्यार से होले-२ सहलाने लगी
रीमा के नर्म हाथो का स्पर्श पाकर
रोहन का लिंग जोर जोर से फुन्कारे मारने लगा था फिर रीमा ने रोहन के लिंग को अपने दोनों हाथो से
पकड़ लिया और तेज़ी से ऊपर नीचे करने लगी रीमा के नर्म मल
ु ायम हाथ तेल से और ज्यादा चिकने हो
गए थे और अब रीमा के हाथ रोहन के लिंग पर बड़ी तेज़ी से फिसल रहे थे और जैसे जैसे रीमा के हाथ
चल रहे थे वैसे वैसे रोहन के मह
ु से ऊऊऊउ सीईईइ सीईई की आवाज निकल रही थी ..

रोहन पूरी मस्ती में डूबा हुआ था, और फिर रीमा ने अपने एक हाथ से रोहन के अन्डकोशो को सहलाने
शुरू कर दिया और एक हाथ से उसके लिंग को ऊपर नीचे करने लगी
रोहन अपनी आँखों को मूंदे मस्ती में सीईईई सीईई आह आह करने लगा और फिर कुछ ही दे र में रोहन
के लिंग से वीर्य की एक पिचकारी निकली और उसके मुंह से एक जोर की सिसकी और फिर रोहन तेज़
तेज़ साँसे लेने लगा ,,

रीमा अभी तक रोहन के लिंग को ऊपर नीचे कर रही थी और अब उसके हाथ रोहन के वीर्य से लिसलिसे
हो चुके थे लेकिन रीमा इसकी परवाह न करते हुए अपने हाथ तेज़ी से चलाये जा रही थी और फिर जब
रोहन के लिंग से वीर्य की आखरी बँद
ू तक निकल गयी तो रीमा ने एक कपडा उठा कर रोहन के लिंग को
अच्छी तरह से पोंछ कर साफ़ किया और फिर उसी कपडे से अपने हाथ पोंछ कर कपडे को पलंग के
नीचे रख दिया,

अब तक रोहन भी अपनी आँखे खोल कर रीमा ने निर्वस्त्र जिस्म को निहार रहा था ये दे ख कर रीमा
रोहन से बोली सही से हो गया था की नहीं ?

रोहन ने बड़े ही प्यार से रीमा के उभार को दबाते हुए कहा .... हाँ डार्लिंग आज तो मजा आ गया.

फिर रीमा ने रोहन से कहा आप अब सो जाओ में बाथरूम हो कर आती हूँ, रीमा उठकर बाथरूम में चली
गयी और पेशाब करने के लिए बेठ गयी पेशाब का तो सिर्फ बहाना था रीमा अपने हाथ से अपनी योनी
को सहला रही थी और अपने मंह
ु से सीईईईइ सीईई कर रही थी
जब से रोहन का एक्सीडेंट हुआ था तब से रोहन रीमा से सम्भोग करने की इस्थिति में नहीं रहा था और
रीमा इसी तरह से रोहन की प्यास को बझ
ु ाती थी लेकिन रोहन की प्यास तो बझ
ु जाती थी और रीमा
प्यासी ही रह जाती थी पर फिर भी रीमा ने कभी अपनी जब
ु ान पर ये बात नहीं आने दी.

कुछ दे र तक अपनी योनी को सहलाने के बाद रीमा को थोडा सा पेशाब आया और फिर वो उठ कर अपने
हाथ मुंह धो कर वापिस आ गयी रीमा जब वापिस आई तो तब तक रोहन अर्ध निद्रा में हो चूका था ,
रीमा भी रोहन के बाजू में जाकर लेट गयी रोहन तो सो रहा था लेकिन रीमा की आँखों से नींद कोसो दरू
थी क्योकि रीमा आने वाली सुबह के बारे में सोच रही थी और फिर कब उसकी आँख लग गयी पता ही
नहीं चला..
*****

अगले दिन सुबह रीमा की आँख खुली तो सुबह के ८ बज चुके थे रीमा ने रोहन को दे खा तो वो अभी तक
सो रहा था रीमा जल्दी से उठी और बाथरूम में चली गयी रीमा ने जल्दी से नहा धो कर चाय बनाई और
चाय बना कर रोहन के पास ले गयी और रोहन को उठाया रोहन ने जैसे ही आँखे खोली तो रीमा को दे ख
कर उसके मुंह से निकला, अरे में तो भूल ही गया था की तुम्हे आज जॉब पर जाना है चलो अच्छा हुआ
जो तुम टाइम से उठ गयी चलो जल्दी से तैयार हो जाओ कही दे र न हो जाये.

रीमा ने रोहन को चाय दे ते हुए कहा कोई बात नहीं अभी तो दे र है जाने में आप चाय पी लो फिर में
आपके लिए नाश्ता बना दे ती हूँ रीमा की बात सन
ु कर रोहन ने कहा, तमु अपनी तय्यारी करो और मेरे
नाश्ते की चिंता छोडो में अपने लिए खद
ु बना लँ ग
ू ा रीमा ने रोहन की और दे खा और प्यार से कहा ...

रीमा ने रोहन को प्यार से दे खते हुए कहा आप मेरी चिंता मत कीजिये में ठीक टाइम पर तैयार हो
जाउं गी और फिर रीमा ने रोहन के लिए नाश्ता बना दिया और रोहन को नाश्ता दे ते हुए रीमा ने कहा
आप ढं ग से नाश्ता कर लीजिये क्योकि मेरा पता नहीं मुझे आने में कितनी दे र लगे , रीमा की बात सुन
कर रोहन भावक
ु होते हुए बोला तम
ु भी नाश्ता कर के जाना कही ऐसा न हो की पूरा दिन भूखी रहो.
रीमा ने मुस्कारते हुए कहा मेरा अभी मन नहीं है लेकिन आप चिंता नहीं करिए जब मेरा मन करे गा तो
में वही से कुछ खा लुंगी कहकर रीमा तैयार होने के लिए कमरे में चली गयी और रोहन नाश्ता करने
लगा.

कुछ दे र बाद जब रीमा तैयार हो कर कमरे से बाहर आई तो रोहन रीमा को दे खता ही रह गया क्योकि
आज कई महीनो बाद रीमा पूरी तरह से तैयार हुई थी. रीमा ने डार्क ग्रीन कलर की वो वाली साडी आज
पहनी हुई थी जो रोहन ने शादी की पहली साल गिरह पर रीमा को दिलवाई थी.

वैसे तो रीमा के गोरे चिट्टे रं ग पर सब कलर अच्छे लगते थे लेकिन इस साडी का तो जवाब ही नहीं था ये
साडी रीमा पर बड़ी फबती थी रीमा ने रोहन की और दे ख कर मुस्कराते हुए पुछा कैसी लग रही हूँ में ?

रोहन ने बड़े गर्व से रीमा को दे खते हुए कहा मेरी जान आज तो तम


ु बिलकुल परी लग रही हो , बस एक
काला टीका और लगा लो कही किसी की नजर न लग जाये,

रोहन के मुंह से अपनी ऐसी तारीफ सुन कर रीमा के गोरे गालो पर लाली छा गयी और वो एक बार फिर
से कमरे में चली गयी और जाकर आईने के सामने खुद को निहारने लगी और फिर अपने आप को
आईने में दे ख कर रीमा मंद मंद मुस्कराने लगी,

वैसे रोहन ने कुछ गलत नहीं कहा था रीमा वाकई में आज बला की खूबसूरत लग रही थी और इसकी
एक वजह ये भी थी की जब से रोहन का एक्सीडेंट हुआ था तब से रीमा ने अपने आप को कभी ऐसे
सजाया संवारा ही नहीं था,

अगर रीमा ने इस वक़्त अपनी मांग में सिन्दरू न भरा हुआ होता तो उसको दे ख कर कोई हरगिज नहीं
कह सकता था की वो शादी शुदा औरत है ,

क्योकि रीमा के जिस्म की बनावट आज भी ऐसी ही थी जैसे शादी से पहले वो थी शायद इसकी एक
वजह ये भी थी की रीमा ने अभी तक मातत्ृ व सख
ु का अनभ
ु व नहीं किया था,
रीमा अभी अपने आपको आईने में निहार ही रही थी की नीतू भाभी भी आ गयी और उन्होंने कमरे के
बाहर से ही रीमा को आवाज दी ..

उनकी आवाज सुन कर रीमा जल्दी से कमरे से बाहर आई और इस बार नीतू भाभी भी रीमा को दे ख कर
उसकी तारीफ किये बिना नहीं रह सकी, नीतू भाभी ने रीमा की तरफ दे खकर आँखे नचाते हुए कहा
..अरे वाह रीमा तू तो आज सच में ऐसी लग रही है जैसे कोई मॉडल हो.
नीतू के मुंह से अपनी तारीफ सुन कर रीमा और ज्यादा लजा गयी और वो इधर उधर दे खने लगी
लेकिन रोहन के चेहरे पर कुछ तनाव पैदा हो गया और उस ने नीतू से कहा भाभी में अपनी रीमा को
सिर्फ आपके भरोसे ही जॉब करने की इज़ाज़त दे रहा हूँ , प्लीज आप इसका पूरा ध्यान रखना रोहन की
बात सुन कर नीतू ने दिलासा दे ते हुए रोहन से कहा भाई साहब आप बिलकुल भी चिंता नहीं करिए रीमा
मेरी छोटी बहन की तरह है में इसका पूरा ध्यान रखूंगी , नीतू की बात सुन कर रोहन के चेहरे पर कुछ
तस्सली दिखाई दे ने लगी.

रोहन की बात सुन कर रीमा ने बड़े प्यार से रोहन को दे खा और बोली आप तो मेरी ऐसे फिक्र करते हो
जैसे में कोई बच्ची हु जो खो जाउं गी.

रोहन ने रीमा की और दे ख कर कहा .. मेने तुम्हे आज तक इस दनि


ु या की भीड़ से अलग रक्खा है और
आज जब तम
ू उसी भीड़ का हिस्सा बन ने जा रही हो तो मेरा ऐसा सोचना लाजमी है , रोहन की बात
सन
ु कर रीमा के मन में बहुत ज्यादा प्यार उमड़ आया और वो रोहन के पास जाकर उसका हाथ थाम
कर बोली अगर आपका मन नहीं मान रहा तो में नहीं जाती , रीमा की बात सन
ु कर रोहन मस्
ु कराता
हुआ रीमा के गाल थपथपा कर बोला
डार्लिंग मेने तो सिर्फ अपने मन की बात कही है और तम
ु बेवजह ही इतनी इमोशनल हो रही हो, चलो
चलो जल्दी से जाओ नहीं तो दे र हो जाएगी फिर बेस्ट ऑफ़ लक कहकर रोहन ने फिर रीमा को विदा
कर दिया और रीमा नीतू के साथ घर से बाहर निकल आई.

रीमा का दिल घर से बाहर निकलते ही तेज़ तेज़ धडकने लगा क्योकि उसको अभी तक इस बात का
यकीन नहीं हो रहा था कि वो जॉब के लिए जा रही है और फिर नीतू के साथ साथ रीमा बस स्टॉप तक
आ गयी बस आने में अभी कुछ दे र थी तो वो दोनों आपस में बतियाने लगी.
बातो ही बातो में नीतू ने रीमा से कहा .. दे ख रीमा में जानती हूँ की तू थोड़े शर्मीले स्वाभाव की है लेकिन
अब तुझे जब जॉब करनी है तो अपने में कुछ चें ज लाना होगा.

नीतू की बात सुन कर रीमा भोलेपन से नीतू को दे खते हुए बोली भाभी में कुछ समझी नहीं
नीतू ने मस्
ु कराते हुए कहा मेरे कहने का मतलब था की अपने अन्दर की झिजक को ख़तम कर दे और
थोड़ी सी बोल्ड बन जा.

रीमा शायद अभी भी नीतू की बात की गहराई को नहीं समझी थी और वो कंफ्यूज होने लगी लेकिन इस
से पहले की वो नीतू से कोई और सवाल करती बस आ गयी और नीतू ने रीमा से कहा चल जल्दी से
आजा कही बस निकल न जाये और रीमा के मन में उठने वाले सवाल उसके मन में ही रह गए और फिर
वो दोनों बस में चढ़ गयी, बस में भीड़ काफी थी इसलिए दोनों को खड़े ही रहना पड़ा.
नीतू के पीछे रीमा खड़ी थी जैसे ही बस थोड़ी सी आगे बड़ी ड्राईवर ने एक जोर की ब्रेक लगायी और रीमा
के पीछे जो खड़ा था वो झटके से रीमा के जिस्म के साथ चिपक गया लेकिन अगले कुछ पलो में जब
रीमा को जब इस बात का एहसास होने लगा कि पीछे वाला अभी तक उसके साथ गलत तरीके से
चिपक कर खड़ा है तो उसने पीछे गर्दन घुमा कर दे खा
पीछे एक लड़का खड़ा था जो दे खने से ही टपोरी किस्म का लग रहा था और ऐसे मनचले भीड़ का
फायदा न उठाये ऐसे तो कभी हो ही नहीं सकता.

रीमा ने थोडा सा गुस्सा दिखाते हुए उसको कहा जरा ठीक से खड़े होइए भैया, तो वो मनचला खिसियाते
हुए पीछे हो गया और बोला मैडम बस में तो ऐसे झटके लगते ही रहते है अगर आपको ऐसे झटको की
आदत नहीं है तो टे क्सी से आया जाया करो कहकर वो हं सने लगा और उसके साथ खड़े २-३ मनचले भी
उसकी हं सी में शरीक हो गए और रीमा ने झेंपते हुए अपना मुंह फिर से आगे कर लिया.

अगले स्टॉप पर कुछ सवारियाँ और बस में चडी तो वो मनचला इस बार फिर से भीड़ का फायदा उठाते
हुए रीमा के पीछे ऐसे सटकर खड़ा हो गया कि रीमा और उसके जिस्म के बीच से हवा भी न निकल सके
,लेकिन रीमा ने इस बार कुछ नहीं कहा क्योकि वो जान चक
ु ी थी की कहने से कोई फायदा हासिल नहीं
होगा उलटे मजाक बनेगा लेकिन रीमा की इस ख़ामोशी का उस मनचले ने कुछ और ही मतलब निकाल
लिया और उसने अपने हाथ से रीमा के नितम्बो को सहलाना शरू
ु कर दिया और जैसे ही रीमा को अपने
नितम्ब पर किसी के हाथ रें गने का एहसास हुआ तो रीमा ने पलट कर गस्
ु से से उस मनचले को दे खा
इस बार तो वो मनचला बड़ी ही गन्दी तरह से हँसता हुआ रीमा को घरू ने लगा. रीमा के लिए ऐसा
अनभ
ु व बिलकुल ही नया था वो घबरा गयी और उसने अपने आगे खड़ी नीतू से कहा भाभी प्लीज आप
मुझे अपने आगे आने दीजिये नीतू ने रीमा के चेहरे पर घबराहट और रीमा के पीछे खड़े टपोरियो को
दे खते ही अंदाज लगा लिया की क्या हुआ होगा…, लेकिन पता नहीं क्यों नीतू ने जान बुझ कर रीमा की
बात को अनसुना कर दिया और वो फिर से अपना मुंह आगे करके खड़ी हो गयी, अब बेचारी रीमा की
रही सही हिम्मत भी टूट गयी और वो चुपचाप रूवांसी हो कर खड़ी हो गयी और मन ही मन यही सोचने
लगी की जल्दी से उसका स्टॉप आ जाये और उसको इस नरक से मक्ति
ु मिल जाये लेकिन स्टॉप तो
अपने टाइम पर ही आना था और इधर वो मनचला अब तक अपने परु े कमीनेपन पर उतर चक
ू ा था
और अब वो जैसे ही बस की ब्रेक लगती अपने लिंग को रीमा के नितम्बो से रगड़ दे ता था रीमा को भी
अब अपने नितम्बो पर उस मनचले के लिंग की कठोरता का एहसास होने लगा था लेकिन वो बेचारी
कुछ कर भी तो नहीं सकती थी चप
ु चाप सब्र का घंट
ू पी कर खड़ी रही और वो मनचला रीमा के नितम्बो
पर अपने लिंग को रगड़ रगड़ कर रीमा के गद
ु ाज़ नितम्बो का परू ा सख
ु लेता रहा और फिर कुछ दे र बाद
तो उस मनचले ने हद ही कर दी उसने रीमा की जांघो को साडी के ऊपर से ही सहलाना शरू
ु कर दिया.
अब ये सब रीमा के लिए असहनीय होता जा रहा था रीमा ने गर्दन घुमा कर उस मनचले की और दे खा
और बड़े ही गुस्से में कहा ये क्या बदतमीजी है तुम्हारे घर में माँ बहन नहीं है क्या?

ये सुन कर वो मनचला गंदे तरीके से हँसता हुआ बोला माँ बहन तो है लेकिन बीवी नहीं है क्या करू ऐसे
ही काम चलाना पड़ता है .

ये सुन कर उस मनचले के पीछे खड़े और ३-४ कमीने किस्म के लोग भी मजा लेते हुए रीमा से पूछने
लगे क्या हुआ मैडम क्या किया है इसने ?

अब बेचारी रीमा क्या बताती की उसके साथ क्या हुआ है , लेकिन पूरी बस में शोर मच गया और शोर
शराबे की आवाज सुन कर ड्राईवर ने बस को रोक दिया और ये सब माजरा दे ख कर नीतू ने रीमा को
अपने आगे खड़ा कर लिया और बस फिर से चल पड़ी और फिर ५ मिनट में
वो स्टॉप भी आ गया जहाँ उनको उतरना था,

बस से बाहर निकलकर रीमा की जान में जान आयी और उसने चैन की साँस लेते हुए अपने कानो को
हाथ लगाया ये दे ख कर नीतू ने कहा रीमा बिलकुल पगली है तू ये सब तो चलता ही है और अगर तू इन
सब बातो से घबरा गयी तो हो गया काम चल अब भूल जा इन सब बातो को और जल्दी से चल नहीं तो
ऑफिस पहुँचने में दे र हो जायेगी और फिर रीमा नीतू के साथ तेज़ तेज़ चलती हुई एक बड़ी सी बिल्डिंग
में घुस गयी और फिर वो दोनों लिफ्ट से अपने ऑफिस के फ्लोर पर पहुँच गए ऑफिस में जाकर नीतू
ने रीमा को रिसेप्शनिस्ट के पास बेठा दिया और कहा तू यही बेठ में बॉस से बात करके अभी आती हूँ
और नीतू चली गयी नीतू के जाने के बाद रीमा चुपचाप बेठी रही और सोचती रही की अब क्या होगा
रीमा अभी इसी कशमकश में ही थी की नीतू आ गयी और उसने रीमा को अपने साथ चलने के लिए
कहा.

रीमा नीतू के साथ-२ बॉस के केबिन में चली गयी बड़े ही शानदार केबिन में बड़ी सी मेज के पीछे एक
४०-४५ साल का अधेड़ आदमी अपने आगे लेपटोप खोले बेठा था जिसका नाम था नरे न ् कोहली.

सांवला रं ग और छोटे छोटे बालो वाला वो शख्स दे खने में बड़ा प्रभावशाली लग रहा था नीतू ने उसके
पास जाकर कहा सर ये है रीमा जिसके बारे में मेने आपको बताया था, नीतू की बात सुन कर कोहली ने
रीमा को सर से पैर तक दे खा उसके दे खने के अंदाज़ से रीमा कुछ घबरा सी गयी और उस ने दोनों हाथ
जोड़ कर कहा नमस्ते सर!

कोहली ने अपने सर को हलकी सी जुम्बिश दे कर रीमा की नमस्ते का जवाब दिया और फिर


बॉस ने नीतू से बेठने को कहा , नीतू के साथ साथ रीमा भी बॉस के सामने रखी कुर्सी पर बेठ गयी.

बॉस ने एहसान जताते हुए कहा, नीतू तम


ु तो जानती ही हो की इस जॉब के लिए अब तक कितने
कैं डिडेटस आ चक
ु े है लेकिन मेने सिर्फ तम्
ु हारी वजह से उन सबको मना कर दिया है ,
नीतू ने बड़ी कुटिल मस्
ु कान से बॉस को दे खते हुए कहा ... थेंक यु सर आपकी बड़ी मेहरबानी है जो
आपने मेरी बात रख ली.

बॉस और नीतू के बीच आँखों ही आँखों में जो इशारा हुआ वो तो रीमा नहीं दे ख पायी लेकिन बॉस की
बात सुन कर रीमा के मन में नीतू के लिए इज्ज़त और बड गयी और वो मन ही मन नीतू का एहसान
मान ने लगी.

फिर नीतू ने रीमा से कहा की वो बॉस को अपना रिज्यम


ू े दिखाए,

रीमा ने अपने बेग से निकाल कर अपनी रिज्यूमे वाली फाइल बॉस के आगे बड़े ही अदब से रख दी.

बॉस ने रीमा के रिज्यम


ू े को कुछ दे र तक दे खा और फिर बोला .. हम्म तम्
ु हे न ही कोई एक्सपीरिएंस है
और न ही कंप्यट
ू र की जानकारी ऐसे में तो तम्
ु हारे लिए बड़ा मश्कि
ु ल हो जायेगा इस जॉब को करना
कहते हुए कोहली अपना सर हिलाने लगा ये सुन कर रीमा का दिल बेठने लगा की अब क्या होगा रीमा
ने थोडा घबराते हुए नीतू की तरफ दे खा तो नीतू ने उसे चुप रहने का इशारा किया , और रीमा फिर से
चुपचाप बेठ गयी लेकिन तनाव अब रीमा के चेहरे पर साफ़ झलक रहा था.

बॉस ने फिर से कहा नीतू तुम तो जानती हो की हमारे ऑफिस में काम करने के लिए कंप्यूटर की
जानकारी कितनी जरूरी है सब काम ही कंप्यूटर पर होता है अब तम
ु ही बताओ में क्या करू ?

नीतू ने बॉस को मस्का लगाने वाले लहजे में कहा सर प्लीज जैसे भी हो आप रीमा को जॉब दे दीजिये ये
इस वक़्त बड़ी मजबूरी में है और ये जॉब इसके लिए बहुत मायने लगती है ,
रही बात कंप्यूटर की तो वो में गारं टी लेती हु, में रीमा को १ महीने में कंप्यूटर चलाना सिखा दं ग
ू ी. ..

नीतू की बात सुन कर रीमा ने भी बॉस से कहा .. जी सर में जल्दी ही कंप्यूटर सीख लुंगी
एक लम्बी सांस लेते हुए कोहली ने कहा .. ठीक है नीतू तम
ु कह रही हो तो में तुम्हारी बात मान लेता हु.
लेकिन जब तक रीमा कंप्यूटर नहीं सीख लेती और इसको थोडा एक्सपीरिएंस नहीं हो जाता तब तक में
इसको अपनी सेक्रेट्री की जॉब दे दे ता हु, मेरे साथ रहे गी तो ये जल्दी ही सब सीख जाएगी कहते हुए
कोहली ने नीतू की और दे खा नीतू ने भी कोहली के सरु में सरु मिलाते हुए कहा , जी सर ये बिलकुल
ठीक रहे गा और मेरी स्टार्टिंग भी तो आपकी सेक्रेट्री
हुई थी, से ही
और फिर आपके साथ इतना कुछ सीखने को मिला की आज में कहा से कहा पहुँच गयी कहते हुए नीतू
ने कोहली को होले से आँख मार दी और कोहली के चेहरे पर हलकी सी मस्
ु कराहट आ गयी और वो रीमा
से बोला दे खो रीमा अब तम
ु नीतू की सिफारिश पर यहाँ आई हो तो मझ
ु े तम
ु को जॉब तो दे नी ही पड़ेगी
लेकिन तम्
ु हे मझ
ु से एक प्रॉमिस करना होगा की तम
ु अपने काम को परू ी लगन और मेहनत से करोगी,
कहकर कोहली रीमा के चेहरे को गौर से दे खने लगा ...

सेक्रेट्री वाली बात सुन कर रीमा थोड़ी सी नर्वस तो जरूर हो गयी थी लेकिन साथ ही साथ उसको अब ये
भी लगने लगा था की जब उसके पास कोई और चारा नहीं है तो वो बोली .. सर में आपको विश्वास
दिलाती हूँ की में आपको शिकायत का कोई भी मौका नहीं दं ग ू ी
रीमा की बात सुन कर कोहली के चेहरे पर ऐसे भाव आ गए जैसे उसको यकीन हो गया हो की चिड़िया
अब जाल में फंस चुकी है ,

लोहा गरम दे ख कर नीतू ने भी चोट मार दी उसने रीमा को कांग्रेचुलेट करते हुए कहा ... अब ये बता
पार्टी कब दे रही है ...

रीमा ने मुस्कराते हुए कहा .. पार्टी आपसे बढकर है क्या आपका जब मन हो तब ले लेना ...
नीतू ने जब दे खा की रीमा खुश है तो उसने कहा ......चल रीमा अभी में अपनी टे बल पर जा रही हूँ लंच
टाइम में बात करें गे,

कहते हुए नीतू चली गयी और रीमा वही बॉस के केबिन में रुक गयी अब केबिन में रीमा और बॉस
अकेले थे कुछ दे र चुप्पी साधने के बाद बॉस ने रीमा से कहा .... रीमा वो सामने वाली अलमारी में कुछ
फाइल्स पड़ी है तुम ऐसा करो उन फाइल्स को सीरियल से लगा दो
बॉस का हुकुम सुन कर रीमा कुर्सी से उठी और बॉस की टे बल के सामने बनी लकड़ी की अलमारी के
पास चली गयी और अलमारी को खोल कर उसमे रखी फाइल्स को निकाल-२ कर सीरियल से लगाने
लगी अलमारी चँ ूकि कम हाईट की थी इसलिए रीमा के पेट तक ही आ रही थी और इस वजह से रीमा
को खड़े होकर अलमारी से फाइल्स निकलने में और रखने में परे शानी हो रही थी और वैसे भी रीमा ने
आज साड़ी पहनी हुई थी इसलिए उसको नीचे झक ु कर खड़े होने में बड़ा अजीब सा महसूस हो रहा था
हालाँकि रीमा ने अपनी साड़ी के आँचल से अपने जिस्म को इस तरह से लपेटा हुआ था की उसके
जिस्म का कोई भी हिस्सा नंगा नहीं दिख रहा था लेकिन फिर भी रीमा के जिस्म के उतार चडाव तो
महसूस हो ही रहे थे.
ये बात रीमा भी अच्छी तरह से जानती थी की इस पोजीशन में वो ज्यादा दे र तक खड़ी नहीं रह पाएगी
लेकिन करती भी तो क्या क्योकि बॉस ने जो काम दिया है वो काम को पूरा करना ही था कुछ दे र तक
इस पोजीशन में खड़े रहने से अब रीमा की कमर में दर्द होना शुरू हो गया और अब उसको मजबूर हो
कर पंजो के बल नीचे बेठना ही पड़ गया पंजो के बल नीचे बेठने से अब रीमा के नितम्ब थोड़े से और
उभारदार हो गए थे और बॉस के ठीक सामने भी हो गए.

अब बॉस का पूरा ध्यान रीमा के फैले हुए नितम्बो की तरफ हो गया और वो अपनी सीट पर बेठे बेठे
रीमा के उभरे हुए नितम्बो को निहारने लगा और अब रीमा जब भी हिलती
तो उसके नितम्बो में बड़ी मादक थिरकन होती थी और अब बॉस से भी रहा नहीं जा रहा था. अब वो
रीमा के नितम्बो को निहारता हुआ अपने लिंग को भी सहला रहा था, लेकिन बेचारी रीमा इन सब बातो
से अनजान अपने काम में मशगूल थी और फिर जैसे ही रीमा का काम ख़तम हुआ वो उठ कर खड़ी हो
गयी और जैसे ही रीमा उठ कर खड़ी हुई तो उसके नितम्बो की दरार में उसका पेटीकोट फंस गया जोकि
रीमा को महसूस होने लगा था लेकिन
वो बेचारी शरम के मारे बॉस के सामने अपनी साड़ी भी तो ठीक नहीं कर पा रही थी कुछ सोच कर रीमा
ने बॉस से कहा की सर मुझे टॉयलेट जाना है ये सुन कर बॉस ने कहा की जाओ केबिन वाले टॉयलेट में
ही चली जाओ तो रीमा बॉस के केबिन में ही अटे च्ड टॉयलेट में चली गयी रीमा ने टॉयलेट के अन्दर
जाते ही सबसे पहले अपनी साड़ी में हाथ घुसा कर अपने पेटीकोट को नितम्बो से निकला और फिर
अपनी साड़ी को उठा कर पेशाब करने बेठ गयी सुबह से ac में बेठे रहने की वजह से रीमा को इस वक़्त
बड़ी तेज पेशाब लग रहा था इसलिए बैठते ही शर्शु
ु रशुरशुर की आवाज से रीमा ने मूत्र विसर्जन करना
शरू
ु कर दिया और मत्र
ू त्याग करने के पश्चात रीमा ने अपनी योनी को पानी से धोया और फिर उठ कर
खड़ी हो गयी
और रीमा फिर वाशबेसिन में हाथ धोने लगी हाथ धोने के बाद रीमा ने आईने में अपने आप को निहारा
और फिर मस्
ु कराते हुए उसने अपनी जल् ु फों की लटो को अपने हाथ से सलु झाया और फिर बाहर आ
गयी बाहर आके रीमा ने दे खा की बॉस अपने लैपटॉप में कुछ काम कर रहा है . ये दे ख कर रीमा चप
ु चाप
फिर से बॉस के सामने वाली कुर्सी पर बेठ गयी.

बॉस ने एक बार नजर उठा कर रीमा को दे खा और फिर से अपने लेपटोप में नजरे
गडा कर दे खने लगा ,अब भला रीमा बेचारी क्या जानती थी की अभी अभी उसने जो कुछ भी टॉयलेट में
किया है वो उसके बॉस ने यही बेठे बेठे सब दे ख लिया है क्योकि केबिन से अटै च्ड टॉयलेट में CC टीवी
कैमरे लगे थे, और उन कैमरों की मदद से बॉस अपने लेपटोप पर सब कुछ दे ख लेता था और रिकॉर्डिंग
भी कर लेता था और इस वक़्त भी बॉस रीमा की रिकॉर्डिंग को बड़े गौर से दे ख रहा था ... और मन ही
मन रीमा के सुन्दर जिस्म को भोगने की कल्पना कर रहा था ..रीमा अपनी गर्दन झुकाए चुपचाप बेठी
थी.

कि तभी बॉस ने रीमा से कहा .... रीमा तम


ु कुछ थकी थकी सी लग रही हो ..क्या बात है ?

बॉस की बात सुन कर रीमा ने अपने चेहरे पर हलकी सी मुस्कान लाते हुए कहा .....
नहीं नहीं सर ऐसा तो कुछ नहीं है ,लेकिन खाली बेठने की वजह से मुझे थोड़ी सुस्ती जरूर छाने लगी
थी.

रीमा की बात सुन कर बॉस रीमा को कामुक निगाहों से दे ख कर मन में सोचने लगा कि
''थोडा सा इंतज़ार और कर ले मेरी रानी फिर तो तुझे पूरा दिन मेरे लिंग की सेवा करनी है ''

लेकिन वो अभी रीमा से यह बात कह नहीं सकता था इसलिए उसने अपने जज्बातों को छुपाते हुए रीमा
से कहा .....रीमा ......चाय पियोगी ?

रीमा ने भी सुबह से कुछ खाया पीया नहीं था इसलिए उसने भी इनकार नहीं किया..

फिर बॉस ने इण्टरकॉम पर चाय और स्नेक्स का आर्डर दे दिया और वो फिर से रीमा से बात करने
लगा..

बॉस ने रीमा से पुछा ... रीमा तुम्हारी शादी को कितना टाइम हो गया है ?

रीमा : सर २ साल हो गए है

बॉस : ओह्ह..... और इन २ ही सालो में तम


ु ने कितना दःु ख दे ख लिया, च च च
मुझे तो जब नीतू ने तुम्हारे बारे में बताया था तो सुन कर मुझे बहुत दःु ख हुआ था.

बॉस की हमदर्दी भरी बातो से रीमा भावक


ु हो गयी थी और उसके चेहरे से दःु ख झलकने लगा लेकिन वो
बॉस की बात का जवाब दे ती भी तो क्या दे ती इसलिए वो सर झक
ु ा कर चप
ु चाप बेठी रही ......

रीमा को कुछ न बोलता दे ख बॉस ने फिर से कहा.....

रीमा क्या तम्


ु हे ऐसा नहीं लगता की तम्
ु हारे साथ कुछ ज्यादा ही बरु ा हुआ है ?

रीमा ने इस बार एक गहरी साँस लेते हुए कहा: लगता तो है सर लेकिन किया भी क्या जा सकता है ,
किस्मत का लिखा कोई कैसे बदल सकता है ,,

बॉस :- ऐसा नहीं है रीमा इंसान अगर चाहे तो वो अपनी किस्मत बदल भी सकता है

रीमा ने हे रान निगाहों से बॉस को दे खा और कहा :- में समझी नहीं सर .....


बॉस :- दे खो रीमा मेरी बात का बुरा मत मान ना में जो कह रहा हूँ वो सिर्फ तुम्हारे भले के लिए ही कह
रहा हूँ ,

रीमा :- नहीं नहीं सर मझ


ु े आपकी किसी भी बात का कोई बरु ा नहीं लगेगा आप कहिये
बॉस: दे खो रीमा तुम अभी जवान हो और उसपर इतनी खूबसूरत भी हो और संयोग से अभी तुम्हारा
कोई बच्चा भी नहीं है मेरी राय में तुम्हे फ़ौरन दस
ू री शादी कर लेनी चाहिए, ताकि तुम्हारी जिन्दगी में
फिर से खुशिया लौट सके..... क्योकि इस वक़्त तम
ु जिन हालातो में जी रही हो उसमे सिर्फ दःु ख ही
दःु ख मिलेगा तुम्हे ,

बॉस की बात सन
ु कर रीमा का दिल बहुत दख
ु ी हुआ और उसकी आँखों में नमी आ गयी लेकिन उसने
अपने आप पर काबू पाते हुए कहा .....

सर ये आपने कैसे सोच भी कैसे लिया की में दख


ु ी हूँ ,में तो अपनी लाइफ से बहुत खश
ु हूँ और मुझे
अपने इन हालातो से भी कोई शिकायत नहीं है ,में अपने पति से अभी भी उतना ही प्यार करती हु
जितना कि पहले करती थी. और रही बात दस
ू री शादी की तो उसके लिए तो सोचना भी मेरे लिए पाप है ,

रीमा की बात सन
ु कर बॉस को कोई जवाब नहीं सझ
ु ा और इस से पहले की और कोई बात उसके मन में
आती चपरासी चाय ले कर आ गया और बॉस को चप
ु ही रहना पड़ा और फिर रीमा और बॉस चाय पीने
लगे.

चाय पीने के बाद बॉस ने रीमा से कहा रीमा तम


ु नीतू के पास चली जाओ और उसको मेरे पास भेज दो,
और जब तक नीतू वापिस न आ जाये तम
ु वही रहना. बॉस का आर्डर सुन कर रीमा नीतू को बल
ु ाने चली
गयी.

नीतू के पास जाकर रीमा ने नीतू को बॉस का फरमान सुना दिया और सुनते ही नीतू के अधरों पर एक
कुटिल मुस्कान दौड़ गयी और फिर रीमा नीतू की चेयर पर बेठ गयी और नीतू बॉस के केबिन में चली
आई नीतू को दे खते ही बॉस मुस्कारते हुए बोला आओ मेरी जान ..जल्दी से आ जाओ.

नीतू ने मुस्कराते हुए बॉस को दे खा और वो समझ गयी की बॉस का क्या मूड है उसने केबिन का डोर
अन्दर से लॉक किया और वो बड़ी अदा से इठलाती हुई बॉस के पास चली गयी और जैसे ही वो बॉस के
पास पहुंची बॉस ने उसका हाथ पकड़ कर उसको अपनी गोद में खींच लिया और अपनी गोद में बेठा कर
बॉस ने नीतू के गाल पर एक चुम्बन जड़ दिया .... और फिर बोला......... नीतू मेरी जान तूने तो कसम
से बड़ा मस्त माल फंसाया है मजा आ गया.
नीतू बॉस की गोद में बेठी अपने नितम्बो पर बॉस के खड़े लिंग की कठोरता को महसस
ू कर रही थी.
उसने जानबझ
ू कर अपने नितम्बो से बॉस के लिंग को रगड़ते हुए कहा अच्छा जी ऐसा क्या दे ख लिया
आपने जो आज ही आज में आप उसके इतने दीवाने बन गए हमे भी तो कुछ बताइए ....

बॉस ने इस बार नीतू के उभारो को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलते हुए कहा हाँ मेरी जान जब से उसको
टॉयलेट में साड़ी उठा कर मूतते हुए दे खा है तब से उसकी चिकनी जांघे और मांसल नितम्ब मेरी आँखों
के आगे घूम रहे है , बड़ी चिकनी है साली मन तो कर रहा था की वही टॉयलेट में ही जाके रगड़ दँ ू ....
कहते हुए वो जोर जोर से नीतू के उभारो को मसलने लगा .....

नीतू भी पूरी छिनाल थी इसलिए वो बॉस की उत्तेजना को और ज्यादा भड़काने के लिए लगातार उसके
लिंग पर अपने नितम्बो को रगड़े जा रही थी और फिर उसने अपने नितम्बो से बॉस के लिंग को रगड़ते
हुए कहा इसका मतलब अभी तक आपने उसकी वो वाली चीज़ नहीं दे खी,

बॉस ने नीतू के ब्लाउज में अपना हाथ घस


ु ा कर उसकी निप्पल को मसला और बड़े अफ़सोस से बोला
नहीं यार वो नहीं दे ख पाया में क्योकि उसने साड़ी पहनी हुई थी अगर सलवार होती तो शायद दिख
जाती.

नीतू ने हँसते हुए कहा आप कहो तो कल उसको सलवार कमीज पहना कर ले आऊ.

बॉस ने नीतू की गरदन को अपनी जीभ से चाट कर कहा हम्म कल उसको सलवार पहन कर आने को
कहना ताकि में उसकी जवानी का परू ा मजा ले सकँू ... और फिर इन्ही बातो को करते करते और नीतू के
जिस्म से खेलते-२ बॉस अब तक उत्तेजना से पागल हो चक
ू ा था और उसने नीतू का ब्लाउज भी उतार
दिया था और अब वो नीतू के उभारो को मसलने के साथ चस
ू भी रहा था और नीतू को भी अब अपनी
योनी में गीलापन महसस
ू होने लगा था,
नीतू ने बॉस के मोटे और काले अधरों के आगे अपने गुलाबी मुलायम अधर कर दिए और बॉस ने नीतू
के गुलाबी अधरों पर अपने अधर रख दिए और अब वो नीतू के अधरों का रसपान कर रहा था और
उसके हाथ नीतू के दोनों उभारो का मर्दन करने में व्यस्त थे नीतू भी उत्तेजना से भरती जा रही थी....
और फिर जब बॉस ने नीतू के अधरों का जी भर के रसपान कर लिया तब उसने नीतू को अपनी गोद से
उठा कर खड़ा कर दिया और अपनी पें ट की चैन खोल कर अपने लिंग को बाहर निकाल लिया बॉस के
लम्बे और मोटे लिंग को दे ख कर नीतू की आँखों में भी वासना भरने लगी, बॉस कुर्सी पर बेठ कर अपने
लिंग को
लहरा रहा था और फिर नीतू ने बॉस के लिंग को अपने हाथ में पकड़ लिया.
वो नीचे बेठ कर अपने मुंह को बॉस के लिंग के पास ले गयी और फिर उसने लिंग को अपने मुंह में भर
लिया ......

नीतू अब बॉस के लिंग को अपने मंह


ु में भर कर जोर जोर से चस
ू रही थी और बॉस के हाथ नीतू के सर
पर थे और वो नीतू के सर को सहलाता हुआ अपनी आँखों को बंद करके शायद रीमा की कल्पना कर
रहा था ..... और फिर एक दम से बॉस के मंह
ु से थोड़ी तेज़ लेकिन दबी हुई आवाज निकली और बॉस का
वीर्य नीतू के मंह
ु ने ही निकल गया ....

नीतू ने बॉस के वीर्य की एक भी बूंद नीचे नहीं गिरने दी और पूरा का पूरा वीर्य पी गयी लेकिन वीर्य पीने
के बाद उसने बुरा सा मुंह बना कर बॉस को दे खा और बोली ... आप ने तो अपना काम निकाल लिया
और मुझे प्यासा ही छोड़ दिया ....
नीतू की बात सुन कर बॉस झेंपता हुआ बोला .... क्या करू रीमा को दे ख दे ख कर सुबह से ही लिंग कठोर
हो रहा था और अभी जब तम
ु चूस रही थी तो मुझे ऐसा लगा की जैसे रीमा ही मेरा लिंग चूस रही है और
में खुद को रोक नहीं पाया लेकिन तम
ु चिंता न करो शाम को तम
ु मेरे साथ घर चलना ....मेने एक
स्पेशल दवाई मंगवाई है वो खा कर तुम्हे खश
ु कर दं ग
ू ा ... रीमा ने अपनी गर्दन को झटक कर कहा
आज में आपके साथ कही नहीं जा सकती ....
बॉस ने हे रत से नीतू को दे खा और बोला क्यों क्या हुआ रवि (नीतू का पति) आज घर पर है क्या ?

नीतू ने कहा नहीं वो तो अभी ३-४ दिन बाद आएगा लेकिन मझ


ु े रीमा के साथ ही वापिस जाना होगा ....

बॉस ने कहा.... क्यों वो अकेली नहीं जा सकती क्या ?

नीतू ने फिर बॉस को रोहन की बात बताई और समझाया की अभी २-४ दिन में रीमा के साथ ही आउं गी
जाउं गी ताकि रोहन को मझ
ु पर भरोसा हो जाये .... नीतू की बात समझ कर बॉस ने कहा ठीक है लेकिन
तम
ु जल्दी ही रीमा को सेट कर लो नीतू ने अपने ब्लाउज को ठीक करते हुए कहा ... आप इतना
जल्दबाजी न करिए रीमा मजबरू बेशक है लेकिन शरीफ भी है
और उसका पति भी थोडा शक्की क़िस्म का है ऐसे में जल्दबाजी करना ठीक नहीं ........

बॉस ने नीतू की तरफ दे ख कर कहा ....... लेकिन तम


ु ने तो कहा था की वो नौकरी के बदले सब कुछ
करने को मान जाएगी नीतू ने बॉस को समझाते हुए कहा ... हाँ मेने कहा था और ऐसा होगा भी लेकिन
अभी थोडा सब्र रखिये जल्दी ही वो आपके बिस्तर को गर्म करे गी और आपको पूरा मजा दे गी .....

बॉस ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा .... ठीक है में इन्तजार कर लँ ग
ू ा लेकिन तुम जितना जल्दी हो
सके उसको मेरे बिस्तर तक लाने की कोशिश करो ....

नीतू ने अब तक अपने कपड़ो को ठीक कर लिया था और फिर वो केबिन से अटे च्ड टॉयलेट में चली
गयी वहां जाकर उसने अपने आपको आईने में दे ख कर अपने बालो को ठीक किया और फिर अपने बेग
से लिपस्टिक निकाल कर लगायी और फिर वो बाहर आकर बॉस से बोली अब में जा रही हूँ ...

फिर नीतू अपनी टे बल पर चली गयी रीमा नीतू की चेयर पर बेठी मजे से एक मैगजीन पड़ रही थी ...

नीतू को दे ख कर रीमा ने कहा .....

नीतू को आता दे ख कर रीमा मैगजीन छोड़ कर उठ कर खड़ी हो गयी और उसने नीतू की तरफ
सवालिया निगाहों से दे खते हुए पुछा '' क्या हुआ भाभी बॉस ने आपको मेरे बारे में कोई बात करने के
लिए बुलाया था ?

नीतू ने रीमा को दे ख कर मुस्कराते हुए कहा अरे नहीं पगली वो तो मेरे से किसी और काम के बारे में
बात कर रहे थे वैसे बॉस तेरे से बहुत खश ु है वो तेरी बड़ी तारीफ कर रहे थे''
ये बात सन ु कर रीमा की सांस तेज़ चलने लगी और वो थोडा सा झेंपते हुए बोली मेरी तारीफ,, लेकिन
मेरे तारीफ वो भला क्यों कर रहे थे .. में ने तो अभी तक ऐसा कुछ किया ही नहीं.,

नीतू ने रीमा के गाल पर अपना हाथ फेरते हुए कहा .. यही तो बात है मेरी जान तू नहीं समझेगी इस
बात को क्योकि ''हीरे की कदर सिर्फ जोहरी ही जानता है ''

नीतू की बात सन
ु का रीमा की समझ में कुछ नहीं आया लेकिन वो इस से पहले की कोई सवाल करती
नीतू ने बात ही बदल दी नीतू ने रीमा से कहा '' मझ
ु े पता है की तू आज लंच लेकर नहीं आई है इसलिए
तू मेरे साथ ही लंच में ही शेयर कर लेना,

रीमा ने थोडा सा सकुचाते हुए कहा रहने दीजिये भाभी वैसे भी मुझे भूख नहीं लगी है , में घर जा कर ही
खाना खा लुंगी नीतू ने आँखे तरे र कर रीमा को दे खा और बोली ज्यादा मत बोल नहीं तो रोहन से तेरी
शिकायत कर दं ग
ू ी की तू मेरी बात नहीं मानती, और फिर सोच ले क्या होगा .....

नीतू की बात सन
ु कर रीमा ने मस्
ु कराते हुए कहा अच्छा भाभी आप गस्
ु से न होइए में आ जाउं गी ,

फिर रीमा वापिस बॉस के केबिन में आ गयी ,

बॉस अपनी चेयर पर बेठा ऊँघ रहा था क्योकि नीतू ने उसका वीर्यपात करके उसको शिथिल कर दिया
था

रीमा जा कर फिर से अपनी चेयर पर चुपचाप बेठ गयी बॉस ने तिरछी निगाह से रीमा को दे खा और वो
फिर से अपनी कुर्सी पर अधलेटा सा हो गया, थोड़ी दे र बाद बॉस उठ कर खड़ा हुआ और उसने रीमा से
कहा .... में अब लंच के लिए जा रहा हूँ .. .....अगर तुम चाहो तो नीतू के पास जाकर बेठ सकती हो
कहकर वो अपनी कुर्सी से उठ कर खड़ा हो गया और फिर केबिन से बाहर निकल गया .

बॉस के जाने के कुछ दे र बाद रीमा भी अकेले बोर होने लगी और वो नीतू के पास चली गयी
नीतू कंप्यूटर पर कुछ काम कर रही थी ये दे ख कर रीमा नीतू के पास पड़ी कुर्सी पर बेठ गयी और फिर
जब नीतू का काम ख़तम हुआ तो उसने रीमा की और दे ख कर कहा
' क्या हुआ रीमा ... कोई काम है क्या ?

रीमा ने फिर नीतू को बताया की बॉस लंच के लिए गए है और वो कह कर रहे थे की अगर मेरा मन हो
तो में आपके पास आकर बेठ सकती हूँ, और फिर में भी वहाँ अकेली बेठी-२ बोर ही हो रही थी ,,इसलिए
में आपके पास आ गयी ये सुन कर नीतू के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान दौड़ने लगी वो समझ गयी
की लिंग चस
ु ाई के बाद बॉस का सारा जोश ठं डा पड़ गया होगा इसलिए तो वो रीमा जैसे मस्त माल को
अकेला छोड़ कर लंच के लिए निकल लिया....
लेकिन रीमा बेचारी इन सब बातो से अभी तक अनजान थी की नीतू और बॉस के बीच में क्या खिचड़ी
पक रही है और उसको भी यहाँ काम दिलवाने के पीछे नीतू का क्या मकसद है ,,
फिर नीतू ने रीमा से कहा चल यार अब हम लोग भी लंच करते है और फिर वो दोनों लंच करने लगी
खाने के दौरान नीतू ने रीमा से कहा '' तझ
ु े इतनी हे वी साड़ी में परे शानी नहीं हो रही क्या ?

रीमा ने उदास होते हुए कहा '' हो तो रही है लेकिन क्या करू मेरे पास ले दे कर अब २-४ साड़ी ही बची है
जिनको पहन कर में कही बाहर आ जा सकती हूँ, बाकि सब कपडे तो अब घर पहनने के लायक ही बचे
है .

नीतू ने अपने चेहरे पर अफ़सोस लाते हुए कहा में समझ सकती हूँ. चल तू चिंता न कर आज यहाँ से
जाने के बाद पहले मेरे घर चलना मेरे पास कुछ नयी ड्रेस रखी है , तू दे ख लेना अगर तेरे को उनमे से
कोई पसंद आये तो तू ले लेना, रीमा ने झिझकते हुए कहा लेकिन भाभी में आपकी ड्रेस ऐसे कैसे ले
सकती हूँ ऐसे तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा नीतू ने रीमा की और दे ख कर आँखे तरे र कर कहा ''में तेरे को
मुफ्त में नहीं दे रही हूँ जब तुझे यहाँ से तनख्वाह मिलेगी तब तू मुझे पैसे दे दे ना ....

अब बता इसमें तो कोई बरु ा नहीं लगेगा न तझ


ु े,

नीतू का इतना अपना पन दे ख कर रीमा की इसके आगे कुछ बोलने की हिम्मत ही नहीं हुई और उसने
हामी भर दी.

और फिर ऐसे ही बातो बातो में शाम के ५ कब बज गए ...पता ही नहीं चला और मजे की बात ये हुई की
बॉस भी अभी तक लंच से वापिस नहीं आया था, और फिर पता चला की बॉस ने ऑफिस में फ़ोन करके
न आने के लिए बता दिया है इसलिए छुट्टी के टाइम पर रीमा और नीतू ऑफिस से अपने घर के लिए
निकल पड़े.

इक्त्फाक से लोटते समय उनको जो बस मिली थी उस में भीड़ कम थी इसलिए रीमा और नीतू दोनों को
सीट भी मिल गयी.

रास्ते में रीमा ने नीतू से कहा भाभी एक बात है लेकिन मुझे कहते हुए शर्म आ रही है ...

नीतू ने रीमा को प्यार से दे खते हुए कहा ... तू न ये पागलो वाली बाते मत किया कर ...... बोल क्या बात
है ?

रीमा ने कहा'' भाभी वो मेरे को आप २०० रुपये उधार दे दीजिये में रा मन है की में रोहन के लिए मिठाई
ले कर जाऊ और उनका मुंह मीठा करवाऊं....लेकिन मेरे पास पैसे नहीं है कहते हुए रीमा की नजरे नीची
हो गयी .....
रीमा की बात सुन कर नीतू ने मुस्कराते हुए कहा ...बस उतनी सी बात के लिए सोच रही थी... और फिर
नीतू ने अपने बेग से ५०० का नोट निकाल कर रीमा के हाथ पर रखते हुए कहा... ये ले और चाहिए तो
मांग लेना शर्म मत करना में तो तझ
ु े अपनी छोटी बहिन समझती हूँ लेकिन अब तेरा पता नहीं कि तू
मेरे को क्या समझती हे ..

नीतू की बात सन
ु कर रीमा ने नीतू के हाथ पर अपना हाथ रखते हुआ कहा ... ''बस इतना समझ
लीजिये की आप मेरे लिए किसी फ़रिश्ते से कम नहीं हो '' और फिर ऐसे ही बातो बातो में उनका स्टॉप
भी आ गया और वो दोनों बस से उतर कर अपने घर की तरफ चल दी.
रास्ते में एक मिठाई की दक
ु ान से रीमा ने मिठाई ली और फिर वो नीतू के साथ उसके घर चली गयी
रीमा और नीतू के घर बिलकुल पास पास थे इसलिए रीमा को भी अपने घर जाने की कोई चिंता नहीं
थी. अपने रूम में ले जाकर नीतू ने रीमा को एक बड़ा सा पोलिबेग दे ते हुए कहा ले इसमें से दे ख ले जो
पसंद हो वो ले लेना, रीमा ने जब पाली बेग को खोला तो उसमे बहुत सारी लेगिग
ं और कुर्तिया थी और
सब एक से बड़कर एक .. रीमा दे खती ही रह गयी उसका मन तो कर रहा था की वो सब की सब ड्रेस ले
ले लेकिन उसको अपना बजट भी तो दे खना था. इसलिए उसने अपने लिए २ लेग्गिंग और २ कुर्तिया
पसंद करके निकाल ली और फिर जब उनके प्राइस टे ग पर रीमा की नजर गयी तो उसकी सारी खुशी
एक ही पल में उड़न छू हो गयी, और वो अब मन ही मन सोचने लगी थी की वो अब क्या करे ,, वो मन
ही मन सोचने लगी की नीतू से क्या कहे वो अब इस से पहले रीमा कुछ बोलती नीतू जोकि ये सब
नजारा बड़े गौर से दे ख रही थी उसने झट से रीमा की पसंद की हुई दोनों ड्रेस को एक पाली थिन में डाल
कर रीमा से कहा बस २ ही ड्रेस पसंद आई है तझ
ु े और कोई पसंद नहीं आई ?

रीमा का तो प्राइस टे ग दे खकर ही सारा जोश ठं डा पड़ गया था उसने थोड़ी उदास आवाज में कहा ....

भाभी अभी आप इनको भी अपने ही पास रख लीजिये में ये भी नहीं ले सकती रीमा की बात सुन कर
नीतू ने हे रान होते हुए कहा '' लेकिन हुआ क्या तू बता तो सही पहले रीमा ने कहा भाभी वो क्या है कि
यदि इन ड्रेसो के प्राइस टे ग अगर में पहले ही दे ख लेती तो में पसंद ही नहीं करती ....

नीतू खेली खायी औरत थी उसने अपनी चाल खेलते हुए जोर से एक ठहाका मारा और रीमा के सर पर
होले से चपत मार कर बोली ...

''तू सच में बड़ी भोली है अरे पगली जो टे ग तूने दे खे है उनपर ७०% का डिस्काउं ट भी है ''
कहते हुए नीतू फिर से हं सने लगी और नीतू की बात सुन कर रीमा हक्की बक्की रह गयी लेकिन इस
बात को सुनकर उसके चेहरे पर मुस्कान जरूर वापिस आ गयी थी ,

रीमा ने नीतू को दे खते हुए कहा भाभी आप सच कह रही हो न ?


नीतू ने इस बार मुंह बनाते हुए कहा ... तझ
ु े क्या लगता है में तेरे से झूठ बोलूंगी और अपना नुक्सान
करुँ गी ...

रीमा को अब नीतू की बात सच लगने लगी और उसने अपनी ड्रेस वाली पाली उठाई और फिर नीतू से
बोली अच्छा भाभी में अब चलती हूँ,

जैसे ही रीमा जाने लगी तो नीतू ने कहा ..... मेरा मुंह मीठा नहीं करवओगी क्या ?
नीतू की बात सुन कर रीमा को अपनी भूल का एहसास हुआ और उसने झेंपते हुए मिठाई का डिब्बा
नीतू के आगे कर दिया नीतू ने मुस्कराते हुए मिठाई का एक पीस ले लिए और रीमा को एक बार फिर से
मुबारकबाद दी और फिर रीमा नीतू के घर से निकल कर अपने की और चल दी .

जैसे ही रीमा घर पहुंची तो उसने दे खा .......

जैसे ही रीमा अपने घर में आई तो उसने दे खा की रोहन बड़ी बेचेनी से उसके आने का इंतज़ार कर रहा
था. रोहन के चेहरे पर ऐसी उदासी छाई हुई थी जैसे की उसका सब कुछ किसी ने लूट लिया हो ,,,और
फिर जैसे ही रोहन ने रीमा को दे खा तो दे खते ही रोहन की जैसे जान में जान आ गयी हो उसने अपनी
आँखे बंद करके दोनों हाथो को जोड़ कर
ऐसे ऊपर दे खा मानो वो भगवान ् को धन्यवाद् दे रहा हो.

ये सब दे ख कर रीमा के चेहरे पर एक मस्


ु कान के साथ साथ आँखों में नमी भी आ गयी,
रीमा लगभग दौड़ती हुई रोहन के पास गयी और उसके गले लग गयी रोहन ने भी रीमा को अपनी बाहों
में भरकर रुं धे हुए गले से कहा ''अगर तुम्हे कुछ दे र और लग जाती आने में तो पता नहीं आज में रा क्या
होता''

रोहन की बात सुन कर रीमा भी भावक


ु हो गयी और उसने रुन्वासी आवाज में कहा
'' आप भी बिलकुल बच्चो की तरह हो ऐसे भी कोई करता है क्या? ''

रोहन ने रीमा के गाल पर ठहरे आंसू को चुमते हुए कहा ... ''क्या करू मेरी जान तुमसे दरू रहने की अब
आदत जो नहीं रही ''

रीमा ने रोहन से अलग होते हुए कहा ठीक है तो फिर में कल से काम पर नहीं जाउं गी ,, आपके पास ही
रहूंगी ये सुन कर रोहन ने कहा '' नहीं नहीं ऐसा मेने कब कहा है , मुझे तुम्हारे काम करने से कोई
शिकायत नहीं है रीमा ने रोहन की तरफ बड़े प्यार से दे खते हुए कहा
'''तो फिर ऐसे कैसे चलेगा में आपको इस तरह से दख ु ी होते हुए भी तो नहीं दे ख सकती
रोहन ने मासम
ू शक्ल बना कर रीमा की आँखों में दे खते हुए कहा ''मेरी जान तम
ु मेरी बातो को सीरियस
मत लिया करो में तम
ु से दरू होता हूँ तो मझ
ु े कुछ होने लगता है ''
कहते हुए रोहन ने रीमा को मुस्कराते हुए आँख मारी और बोला '' चलो इसी बात पर आज तो कुछ
मीठा हो जाये ''

रोहन की बात सुन कर रीमा ने मुस्कराते हुए मिठाई का डिब्बा अपने बेग से निकला और रोहन के आगे
कर दिया और बड़े प्यार से कहा ''ये बात तो में पहले से ही जानती थी इसलिए पहले ही ले कर आई हूँ ..
लेकिन रोहन ने मिठाई उठाने के लिए अपना हाथ आगे नहीं बढाया और बोला ऐसे नहीं चलेगा ''आज
तो में अपनी जान के हाथ से मुंह मीठा करूँगा ''

ये बात सन
ु कर रीमा ने मिठाई का एक पीस उठाया और रोहन के मंह
ु में डाल दिया और फिर रोहन को
बड़े प्यार से दे खती हुई बोली ''मझ
ु े पता है अब आपका चाय पीने का भी मन कर रहा है , है न बोलो
बोलो कहते हुए रीमा रोहन की और दे ख कर आँखे नचाने लगी
रोहन ने रीमा की और दे ख कर हे रान होते हुए कहा ''तम
ु मझ
ु े मेरे से भी ज्यादा जानती हो मेरी जान ''

रीमा ने मुस्कराते हुए रोहन की नाक को दबाते हुए कहा .... '' तेरे दिल की बात में जानू ,,,
फिर रीमा ने रोहन के गाल पर एक चुम्बन जड़ते हुए कहा .... में पहले हाथ मुंह धो लँ ू फिर आपके लिए
चाय बना कर लती हूँ , कहते हुए रीमा चली गयी और फिर जैसे ही रीमा हाथ मुंह धो कर चाय बनाने
रसोई में गयी तो उसने दे खा की दध
ू फटा हुआ था, ये दे ख कर रीमा ने सोचा की चलो बाहर ही दध
ू की
दक
ू ान है २ मिनट में ले आती हूँ उसने रोहन से कहा में अभी आई और वो दध
ू लेने बाहर चली गयी
लेकिन दध ू वाले के पास भी दध
ू ख़तम हो चूका था, रीमा मन मसोस कर वापिस अपने घर को आने
लगी तभी अचानक उसके दिमाग में आया की वो क्यों न नीतू भाभी के घर से एक कप दध
ू का मांग ले ,
ये विचार मन में आते ही वो नीतू के घर चली गयी रीमा ने नीतू के घर के बाहर लगी बेल को बजा दिया,
और दरवाजा खल
ु ने का इंतज़ार करने लगी २ मिनट बाद अन्दर से नीतू की आवाज आई ...... कोन है ?

रीमा ने कहा ...... में हूँ भाभी ..

रीमा की आवाज सुन कर नीतू ने दरवाजा खोल दिया ,, और बोली ..... आओ रीमा आओ
रीमा ने झेंपते हुए कहा .... भाभी वो आज पता नहीं कैसे दध
ू फट गया और बाहर से लेने गयी तो वहां
भी नहीं मिला इसलिए नीतू ने हँसते हुए कहा ... बस बस में समझ गयी और कुछ मत बोल बस आजा
अन्दर आजा मेरे से ले जा ,,

रीमा ने झिझकते हुए कहा भाभी बस एक कप ही चाहिए चाय बनानी है रोहन के लिए में यही खड़ी हूँ
आप ला दीजिये नीतू ने कहा...... लेकिन ऐसे मुझे अच्छा नहीं लगेगा की तू बाहर खड़ी रहे चल अन्दर
आजा कहते हुए नीतू अन्दर जाने के लिए पलटी तो रीमा भी नीतू के पीछे पीछे घर में दाखिल हो गयी
.....

रीमा को तो यही उम्मीद थी की नीतू घर में अकेली होगी इस लिए वो निसंकोच चली जा रही थी लेकिन
जैसे ही रीमा लॉबी तक आई तो उसके नथुनों में शराब की एक तेज़ गंध समां गयी.
इस से पहले की वो कुछ सोचती उसकी नजर सोफे पर बेठे एक लम्बे तगड़े अधेड़ आदमी पर पड़ी
उसको दे खते ही रीमा ठिठक गयी और उस आदमी ने रीमा को ऐसे घरू कर दे खना शरू
ु कर दिया मानो
वो रीमा को आँखों ही आँखों में खा जाना चाहता हो ... एक तो उसके दे खने का अंदाज़ इतना भद्दा था
और उसपर उसकी आँखे बिलकुल सर्ख
ु थी, ये सब दे खते ही रीमा की घिग्गी बांध गयी और एक बार को
तो उसके मन में आया की वो वहां से भाग जाये लेकिन अभी वो कुछ सोचती इस से पहले ही नीतू अपने
हाथ में दध
ू का एक गिलास ले कर आ गयी और उसने रीमा से कहा .... ये लो रीमा हो जायेगा काम
इतने से या और दँ ू
रीमा ने कांपते हाथो से दध
ू का गिलास नीतू से लिया और पलट के जैसे ही जाने लगी तो नीतू ने
आवाज दे कर रीमा को रोका और बोली .. रीमा उस आदमी को दे ख कर पहले से ही घबराई हुई थी उसने
नीतू की तरफ दे ख कर घबराते हुए कहा .... जी भाभी ?

नीतू ने कहा क्या हुआ रीमा तम ु कुछ घबराई हुई सी लग रही हो क्या हुआ ,,,
अब बेचारी रीमा क्या बोलती उसकी तो हालत तो वैसे ही उस आदमी को दे ख कर ख़राब हो रही थी
उसने बहाना बनाते हुए कहा की चाय बनने के लिए स्टोव पर रखी है ,
ये सुन कर नीतू ने मुस्कराते हुए कहा ... अच्छा ठीक है तो जा फिर .....

रीमा ने दध
ू का गिलास अपने हाथो में कस कर पकड़ा और नीतू को थैंक्यू बोल कर तेज़ कदमो से पलट
गयी लेकिन रीमा को एहसास होने लगा था की वो आदमी उसको जाते जाते भी बड़ी गन्दी निगाहों से
घूर कर दे ख रहा है इसलिए रीमा अपनी चाल को संयमित करके नीतू के घर से बहार निकल आई ,
बाहर आने के बाद रीमा ने एक गहरी सांस ली और वो अपने घर चली गयी.

रीमा अपने घर तो आ गयी लेकिन उसके दिमाग में अभी भी उस आदमी का चेहरा घम
ू रहा था और वो
मन ही मन सोच रही थी की आखिर वो कोन हो सकता है जो इस तरह से नीतू के घर में बेठा था , और
वहां से शराब की बदबू क्यों आ रही थी कोन पी रहा था वहां शराब...

ये सब सवाल रीमा के दिमाग में खलबली मचा रहे थे , और फिर रीमा ने जल्दी से रोहन को चाय बना
कर दी और रोहन से बोली आप चाय पीजिये में थोड़ी दे र आराम करुँ गी मेरे सर में दर्द हो रहा है ,

रोहन ने कहा हम्म ठीक है तम


ु थोडा रे स्ट कर लो सब
ु ह से उठी हुई हो आराम करने से अच्छा लगेगा,
और फिर रीमा अन्दर कमरे में चली गयी और अपनी आँखे
बंद करके लेट गयी , रीमा की आँखे तो बंद थी लेकिन उसका दिमाग बड़ी तेज़ चल रहा था वो मन ही
मन सोचने लगी….....
रीमा अपनी आँखों को बंद करके मन ही मन सोचने लगी की नीतू का उस आदमी से क्या रिश्ता हो
सकता है ?

कोन है वो आदमी जिसको अकेली होने के बावजूद नीतू ने अपने घर में इस तरह से पनाह दी हुई थी ?
उन दोनों के बीच में क्या हो सकता है ??

रीमा के दिमाग में इन्ही सब सवालो की गुत्थी अब और उलझती जा रही थी .....

उधर नीतू के घर में ..............

नीतू के घर पर जिस आदमी को रीमा ने दे खा था उसका नाम था अनिरुद्ध मलिक


लेकिन लोग उसको मलिक साहब कहकर ही बल
ु ाते थे, उम्र ५० की हो गयी थी लेकिन बन्दे का मिजाज
अभी तक रं गीन था, मतलब कहने का ये था की उसकी ठरक अभी तक ख़तम नहीं हुई थी और अपनी
इसी ठरक को मिटाने के लिए वो आये दिन मजबरू और हालात की मारी लडकियों को अपने जाल में
फंसाने के मंसब
ू े बनाता रहता था,

दौलत और रसूख दोनों की उसके पास ताकत थी इसलिए वो अपने नापाक इरादों में आसानी से
कामयाब भी हो जाता था और आज जब से उसने रीमा को दे खा था तब से वो रीमा के योवन का प्यासा
हो चूका था और वो रीमा के योवन का रसपान करने के लिए तड़पने लगा था .........

इस वक़्त भी वो नीतू से रीमा के बारे में ही छानबीन कर रहा था ....

मलिक .. कोन थी ये आइटम.... साली बड़ी मस्त लग रही थी , कहते हुए मलिक अपने लिंग को
सहलाने लगा.

ये सब दे ख कर नीतू ने मस्
ु कराते हुए कहा ... उसका नाम रीमा है ...... यही रहती है मेरे पड़ोस में ,

मलिक ने एक आह भरते हुए कहा .. रीमा ....साली का नाम भी उतना ही सेक्सी है जितनी वो खुद है
हाय क्या चीज़ है साली ऊपर से नीचे तक क़यामत है ,कहते हुए मालिक अपने लिंग को फिर से
सहलाने लगा - अच्छा ये बता करता क्या है इसका आदमी ? मालिक ने घूर कर नीतू को दे खते हुए पुछा
.....

मलिक का दिमाग इस वक़्त कहाँ चल रहा है ये बात नीतू भी अच्छी तरह से जानती थी इसलिए वो
मलिक के जज्बातों को और भड़काते हुई बोली ... कुछ नहीं करता बेचारा अपाहिज है ….

अरे छोडिये न आपको क्या लेना दे ना इस सब से कहते हुए नीतू ने शराब की बोतल मेज के नीचे से
निकाली और मलिक के लिए एक तगड़ा सा पेग बना दिया और उसको पेग दे ते हुए बड़ी अदा से बोली
मलिक साहब रवि कब तक आएगा ? वो तो बोल कर गया था की २-३ दिन में आ जायेगा लेकिन अब
तो उसको गए हुए पुरे १० दिन हो गए है ?
मलिक ने पेग से चुस्की मारते हुए कहा ... आ जायेगा २-४ दिन में तूने कोन सा उसका आचार डालना है
चल इधर आ नीतू समझ गयी की मलिक का क्या हुक्म है और उसको क्या करना है ....

वो जाकर मलिक के पैरो के पास बेठ गयी और उसने मलिक की पें ट की चैन खोलकर
उसके लिंग को बाहर निकाला और फिर उस के लिंग को अपनी जीभ से चाटना शरू
ु कर दिया कुछ दे र
चाटने के बाद नीतू ने मलिक के लिंग को मंह
ु में भर लिया और चस
ू ने लगी मलिक अपनी आँखों को बंद
करके चस
ु ाई का सख
ु लेने लगा लेकिन मलिक के दिमाग में शायद अभी भी रीमा का योवन घम
ू रहा था
....... इसलिए उसने नीतू से कहा .....
अभी तू इसको चस
ु ना बंद कर पहले मझ
ु े रीमा के बारे में कुछ बता उसकी परू ी स्टोरी बता मझ
ु े ....

मालिक की बात सुन कर नीतू ने मालिक के लिंग को अपने मुंह से निकाला और फिर वो मलिक को
रीमा के बारे में जितना जानती थी बताना शुरू कर दिया और साथ ही साथ वो मलिक का लिंग भी
अपने हाथ से सहलाये जा रही थी मलिक पुरे ध्यान से नीतू की एक एक बात को सुन रहा था और जब
नीतू को मलिक के हाव भाव से महसूस होने लगा की
मलिक अब रीमा के योवन को पाने के लिए कुछ भी कर सकता है तो उसने मलिक के अरमानो को घाव
दे ते हुए कहा ...

मलिक साहब एक बात तो में आपको बताना भूल ही गयी ....मेने आज ही रीमा को अपने ऑफिस में
काम पर लगवाया है ये सुन कर मलिक.,तीखे स्वर में बोला , बावली है तू जो ऐसे मस्त माल की बेकद्री
करवाने वहां ले गयी है इसको मेरे पास लाती
तो इसकी जिन्दगी बना दे ता में ...........रानी बना दे ता इसको .......

नीतू ने एक लम्बी सांस लेते हुए कहा .... हे राम आप को ऐसा क्यों लगता है की आप जिस लड़की पर
नजर डालोगे वो आपकी गोद में आकर बेठ ही जाएगी,
मलिक ने भी पेग ख़तम करके मेज पर रखा और बोला .......कोई शक है तझ
ु े ?... मेने आज तक जिस
लोंडिया पर भी नजर डाली है उसको अपने नीचे ले कर ही छोड़ा है ... तू बाकियों की छोड़ अपनी ही सोच
जरा तझ ु े मेने कैसे नीचे लिया था ....... याद है तझ
ु े या भल
ू गयी .................कहते हुए मलिक ने बड़ी
भद्दी हं सी हँसना शरू ु कर दिया ... और नीतू उसकी बात सन ु कर मानो अर्श से फर्श पर गिर गयी हो वो
एक दम शांत हो गयी और एक पल के लिए वो भी अपने अतीत को सोचने को मजबरू हो गयी थी ,
लेकिन अगले कुछ ही पलो में उसने खद
ु को संभल लिया और मलिक के खाली गिलास में फिर से पेग
बनाने लगी उसको कुछ न बोलता दे ख कर मलिक ने कहा ... क्या हुआ सांप संघ
ू गया क्या तझ
ु े?

नीतू ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा ...

मलिक साहब .....रीमा उस टाइप की औरत नहीं है जैसा आप सोच रहे हो वो मजबरू है लेकिन साथ ही
बहुत शरीफ भी है और जहाँ तक में उसको जानती हूँ वो बेहद पतिव्रता किस्म की औरत है क्योकि जिस
हाल में वो अपने अपाहिज पति के साथ रह रही है उन हालातो में रहना हरे क के बस की बात नहीं है इसी
से पता चलता है की वो अपने पति से कितना प्यार करती है ... और उसका पति उस से भी कहीं ज्यादा
खद्द
ु ार इंसान है ..वो भी रीमा से बेइंतहा प्यार करता है , वो तो रीमा के नौकरी करने के भी खिलाफ था
लेकिन ......

नीतू को बात पूरी न करता दे ख मलिक ने कहा ... लेकिन क्या ,,,,? आगे तो बोल…

नीतू ने कहा ... लेकिन उसके घर के हालात कुछ ऐसे हो चक


ु े है की उसको मजबरू ी में रीमा की जिद्द के
आगे झक
ु ना पड़ा और रीमा की बात माननी पड़ी, मलिक ने कहा .... ह्म्म्म इसका मतलब ये तो साफ़
ही है की उनको पैसे की जरूरत है ......

नीतू ने इस बार बुरा सा मुंह बना कर कहा ,,, जरुरत है लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं की वो सड़क
पर खड़ी हो कर अपनी नीलामी लगवा लेगी ... वो घरे लु औरत है कोई बाजारू धन्दे वाली नहीं है .

पैसे में बड़ी ताकत होती है मेरी जान और ये बात में तझ


ु े साबित करके दिखाऊंगा ,कहते हुए मलिक ने
अपने खाली गिलास की तरफ इशारा किया तो नीतू समझ गयी और उसने गिलास में फिर से शराब भर
दी और पानी डालते हुए बोली मेने ऐसा कब कहा की पैसे में ताकत नहीं होती अगर पैसे में ताकत न
होती तो आज आप रवि को बाहर भेज कर मेरे साथ यहाँ न होते कहते हुए नीतू ने मलिक को ऐसे दे खा
मानो वो शिकायत कर रही हो .... मलिक भी पहुंचा हुआ खिलाडी था ....
उसने नीतू के उभार को कस के मसलते हुए कहा ....तू जानती है न की मेरे पास लोंडियो की कोई कमी
नहीं है , अगर में चाहूँ तो लाइन लगा कर लोंडिये मेरे आगे अपनी-२ खोल कर खड़ी हो जाये लेकिन तेरे
से मझु े प्यार है इसलिए तो तेरे गांडू खसम को मफ्
ु त की तनख्वाह दे रहा हूँ , तझ
ु े अगर कोई ऐतराज है
तो बोल कल ही उसको छुटी दे दे ता हूँ ,,

मलिक की बात सुन कर नीतू अन्दर ही अन्दर सिहर उठी उसने पैंतरा बदलते हुए मलिक को कामक ु
निगाहों से दे खा और बोली में भी तो आपसे बहुत प्यार करती हूँ इसीलिए तो आपके बिना ज्यादा दिन
तक नहीं रह सकती फिर नीतू ने मलिक को और मस्का
हुए कहा लगाते
मलिक साहब रीमा भी एक न एक दिन लाइन पर आएगी लेकिन इस तरह से नहीं जैसे आप सोच रहे
हो मलिक पेग में सिप मारता हुआ बोला अच्छा तो फिर किस तरह आएगी जरा मुझे भी तो समझा ?

नीतू ने कहा आप बस कुछ दिन सब्र करिए में अपने हिसाब से जल्दी ही उसको लाइन पर ले आउं गी
.........

मलिक भी अब तक शराब पी कर और लिंग को नीतू से सहलवा कर उत्तेजना से भर उठा था उसने


नीतू के उभार को कस कर दबाते हुए कहा चल अब बहुत दे र हो गयी हल्का होने दे मझ
ु े .....

नीतू मलिक का इशारा समझ गयी और वो उठ कर बेडरूम की और चल दी और उसके पीछे पीछे


मालिक भी बेडरूम में चला गया और अन्दर जाते ही वो नीतू पर ऐसे झपट पड़ा जैसे कोई कुत्ता हड्डी
पर झपटता है ............

इधर............

विचारो के समुन्दर में गोते लगाते हुए कब रीमा की आँख लग गयी उसको पता ही नहीं चला और वो
गहरी नींद के आगोश में चली गयी .....
\
रीमा को जब बहुत दे र हो गयी तो रोहन भी व्हील चेयर पर बेठ कर अन्दर रीमा के पास चला गया
रोहन ने दे खा की रीमा गहरी नींद में थी और वो पसीने पसीने हो रही थी ,उसके चेहरे के भाव दे ख कर
रोहन समझ गया की वो कोई डरावना सपना दे ख रही है , रोहन ने बड़े प्यार से रीमा के माथे पर अपना
हाथ फेरा और प्यार से कहा .... क्या
हुआ मेरी जान .....
रोहन के हाथ का स्पर्श पाते ही मानो रीमा के जिस्म में कोई करं ट लगा हो उसके पुरे शरीर ने एक
झुरझुरी ली और फिर रीमा ने बड़ी हडबडाहट में अपनी आँखों को खोल कर इधर उधर दे खा ...ये तो
अच्छा हुआ की रीमा को आँखे खोलते ही रोहन का चेहरा दिखाई दे गया नहीं तो शायद वो जोर से
चीखने ही वाली थी.
रोहन के चेहरे को दे ख कर रीमा की चीख निकलते -२ रुक गयी और उसने चैन की साँस ली और फिर
रीमा ने अपनी आँखों को फिर से कुछ पल के लिए बंद कर लिया और अपनी तेज़ तेज़ चलती सांसो को
नियंत्रित करने लगी,
रोहन भी रीमा की हालत दे ख कर सब समझ गया था की उसने कोई दस्
ु वप्न दे खा है इसलिए उसने
रीमा के माथे को बड़े ही प्यार से सहलाते हुए कहा ...... क्या हुआ मेरी जान को लगता है कोई बुरा
सपना दे ख रही थी ......है न.

रीमा ने रोहन की बात सन


ु कर अपनी गर्दन को हिलाते हुए बड़ी मासमि
ू यत से कहा हम्म और वो रोहन
के सीने से लग गयी रोहन ने भी रीमा को अपनी बाँहों में भींच लिया और उसके गाल पर चम्
ु बन जड़ते
हुए कहा ..... चलो अब सब भल ू जाओ ...... ऐसे सपने कभी सच नहीं होते चलो उठ कर अपने हाथ मंह

धो लो तम्
ु हे अच्छा लगेगा ...

रोहन की बात सुन कर रीमा उठी और उसने हाथ मुंह धो कर अपने आप को फ्रेश किया और फिर वो
खाना बनाने में लग गयी खाना बना कर दोनों ने खाया और फिर वो दोनों सो गए ........

*****
अगले दिन सुबह रीमा की नींद खुली तो उसने दे खा की रोहन अभी सो रहा है .... वो जल्दी से उठी और
नहाने चली गयी और रोहन के उठने से पहले ही वो नहा धो कर तैयार हो गयी और आज रीमा ने वही
लेगिग
ं और कुर्ती पहनी थी को कल उसने नीतू से ली थी , पिंक कलर की डिजायनर कुर्ती के साथ सफ़ेद
लेगिग
ं में रीमा आज बहुत खब
ु सरू त लग रही थी
उसके जिस्म के उतार चडाव लेगिग
ं और कुर्ती में साफ़ नजर आ रहे थे ,बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी
इस वक्त रीमा और रीमा ने जब अपने आप को आईने में दे खा तो वो खद
ु को दे ख कर मस्
ु कराने लगी
शायद वो मन ही मन खद
ु पर इतरा रही थी, फिर रीमा ने रोहन के लिए चाय बनाई और रोहन को
उठाया रोहन ने उठते ही जब रीमा को दे खा तो उसने हे रान होते हुए रीमा से कहा ......

रीमा तुम्हारे पास ये ड्रेस कहाँ से आई मेने पहले तो कभी नहीं दे खी ये सुन कर रीमा ने रोहन की आँखों
में आँखे डालते हुए कहा बताती हूँ लेकिन पहले आप ये बताइए की में कैसी लग रही हूँ ?

रोहन ने रीमा की तारीफ करते हुए कहा ... बहुत सुन्दर लग रही हो ...

फिर रीमा ने खुश होते हुए रोहन को सब बताया की कैसे उसको नीतू से ये ड्रेस इतने सस्ते रे ट में मिल
गयी है और इसके पैसे भी बाद में दे ने है ,

ये सुनकर रोहन को तस्सल्ली हुई और उसने कहा नीतू भाभी सच में हमारी हमदर्द है , और फिर वो
दोनों चाय पीने लगे चाय के बाद रीमा ने नाश्ता बनाया और दोनों ने साथ में ही नाश्ता किया जैसे ही
नाश्ता ख़तम हुआ नीतू भी आ गयी और रीमा को दे ख कर नीतू की आँखे फटी की फटी रह गयी और वो
भी रीमा की तारीफ किये बिना नहीं रह सकी ....और फिर रीमा ने रोहन से विदा ली और वो नीतू के
साथ ऑफिस जाने के लिए घर से निकल पड़ी , रीमा को कल बस में जो सबक मिला था वो भूली नहीं
थी इसलिए उस ने आज समझदारी से काम लेते हुए पहले से ही बस में नीतू को अपने पीछे खड़ा कर
लिया था इसलिए आज वो बड़े ही सुकून से अपने ऑफिस के स्टॉप तक जा पहुंची और स्टॉप से वो
दोनों अपने ऑफिस में पहुँच गयी ..

ऑफिस पहुँचने के बाद रीमा सीधा बोस के केबिन में चली गयी और नीतू अपनी टे बल पर चली गयी
रीमा ने केबिन में जाने के बाद दे खा की बॉस अभी तक आया नहीं है इसलिए वो बॉस के टे बल पर बिखरे
पेपर्स को समेटने लगी और सारे बिखरे हुए पेपर्स को समेट कर उसने पेपर वेट के नीचे रख दिया और
वो अपनी चेयर पर बेठ कर बॉस के आने का इंतज़ार करने लगी और फिर कुछ दे र बाद जैसे ही बॉस
केबिन में दाखिल हुआ तो रीमा अपनी चेयर से उठ कर खड़ी हो गयी और उसने बॉस को दोनों हाथ जोड़
कर नमस्ते की .... बॉस ने रीमा को ऊपर से नीचे तक दे खा और ..
ु ं ग... वैरी....
बॉस ने रीमा को ऊपर से नीचे तक दे खा और बड़ी स्टाइल में बोला...... रीमा...... यू आर लकि
गॉर्जियस ,

बॉस के मुंह से अपनी तारीफ सुन कर रीमा को बहुत अच्छा लगा ... उसने बॉस की और मुस्कराते हुए
दे खा और कहा थैंक यू सर लेकिन अगले ही पल उसको एहसास होने लगा की काले चश्मे के पीछे छुपी
बॉस की दोनों आँखे उसके जोबन के उभारो को अपलक निहारने
में व्यस्त है और दे खने का अंदाज़ भी ऐसा की मानो वो आँखों ही आँखों में रीमा के जोबन का रसपान
कर रहा हो.

ये बात रीमा भी अच्छे से जानती थी की उसने जो कुर्ती पहनी हुई है वो डीप नैक है और उसमे से उसके
उरोजो के बीच की खाई साफ़ चमक रही है , अपनी स्थिति का आभास होते ही रीमा शर्म से पानी पानी
होने लगी और उसकी निगाहे नीची हो गयी और वो अपनी नजरो को झुकाए मन ही मन भगवान से
प्रार्थना करने लगी की बॉस जल्दी से जाकर अपनी कुर्सी पर बेठ जाये और उसको निजात मिल जाये
शायद रीमा की प्रार्थना सफल हो गयी और बॉस अपनी कुर्सी पर जाके बेठ गया और रीमा ने चैन की
साँस ली.

बॉस के बेठने के बाद रीमा भी बॉस के सामने अपनी कुर्सी पर बेठ गयी और मन ही मन अभी जो बीती
उस के बारे में सोचने लगी लेकिन आज बॉस ने जिस बेहूदा तरीके से रीमा को दे खा था वो रीमा के मन
में अन्दर ही अन्दर एक अनजाना सा भय पैदा कर रहा था
रीमा ने मन ही मन फैसला लिया की चाहे कुछ भी हो वो इस बारे में नीतू से बात जरूर करे गी.

कुछ दे र तक शांति रहने के बाद बॉस ने रीमा की और मुखातिब होते हुए कहा ...

क्या हुआ रीमा तम


ु बड़ी चुपचाप बेठी हो कोई प्रॉब्लम है क्या ?

अब रीमा बेचारी बॉस को भला क्या बताती की इस वक़्त उसके मन में क्या चल रहा है लेकिन फिर भी
रीमा ने अपने मनोभाव पर काबू पाते हुए कहा ... नहीं नहीं सर कोई भी प्रॉब्लम नहीं है .... आई ऍम
फ़ाईन.

बॉस ने इस बार होले से मुस्कराते हुए रीमा को दे खा और बोला ...

रीमा तुम पर इस टाइप की ड्रेस बहुत अच्छी लगती है तुम ऐसी ही ड्रेस पहना करो .......
बॉस के लफ्जो में छुपी उसकी मंशा समझ कर रीमा एक बार फिर से शर्म से पानी पानी हो गयी और
उससे कोई जवाब नहीं दिया गया रीमा के मन में इस वक़्त क्या चल रहा है ये बात बॉस भी अच्छे से
जानता था इसलिए वो रीमा को सेडयस
ु करने के लिए जान बझ
ू कर
ऐसी बाते कर रहा था ...उसने फिर से कहा ..
रीमा तम
ु चाहो तो किसी दिन मेरे साथ शोपिंग करने चल सकती हो, में जिस माल से शोपिंग करता हूँ
वहां एक से बड़कर एक लेटेस्ट फैशन की ड्रेसेस होती है ... तम
ु दे खोगी तो बस दे खती ही रह जाओगी ...

बॉस की बात का रीमा के पास कोई जवाब नहीं था इसलिए वो चुप रही ये दे ख कर बॉस ने अपना एक
और तीर चलाया और बोला तुम पैसो की बिलकुल भी चिंता नहीं करो पूरी शोपिंग मेरी तरफ से होगी
और साथ में फाइव स्टार में लंच बॉस की बात सुन कर रीमा को मन ही मन गुस्सा तो बहुत आया
क्योकि वो भी कोई बच्ची तो थी नहीं जो ऐसी बातो का मतलब न समझती हो लेकिन फिर भी रीमा ने
अपने चहरे पर कृतिम मस्
ु कान लाते हुए कहा ....
थेंक्स सर...... अभी हाल फिलहाल मेरा शोपिंग का कोई इरादा नहीं है .

रीमा का जवाब सुन कर बॉस मन ही मन कलप गया शायद उसको इस बात की रत्ती भर भी उम्मीद
नहीं थी की रीमा ऐसे लुभावने ऑफर को ठुकरा दे गी , क्योकि वो भी खेला खाया था और ये बात वो
अच्छे से जानता था की शोपिंग हर औरत की कमजोरी होती है और जिन हालतों में रीमा है उसके लिए
तो ये सब एक हसीन सपने के जैसा था ....

बॉस ने अपने कंधो को उचका कर कहा ... ऍस यू विश ... फिर भी सोच लेना
रीमा ने कोई जवाब नहीं दिया ....और फिर बॉस अपने लेपटोप में उलझ गया और रीमा चप
ु चाप अपनी
कुर्सी पर बेठी रही कुछ दे र बाद बॉस ने रीमा से कहा ....

रीमा तुमने कल जो फाइल्स उधर अलमारी में लगायी थी उसमे सिन्हा एंड कंपनी की एक फाइल है वो
निकाल कर लाओ.

बॉस का आर्डर सुन कर रीमा अपनी कुर्सी से उठी और लकड़ी की अलमारी को खोल कर उसमे से फाइल
ढूंडने लगी और बॉस जैसे इसी मौके का इंतज़ार कर रहा था वो रीमा की टाइट लेगिग
ं में क़ैद उसके
उभारदार नितम्बो को निहारने लगा चँ कि
ू रीमा की कुर्ती ज्यादा लम्बी नहीं थी इसलिए रीमा जब थोडा
सा झक
ु कर अलमारी में फाइल ढूंड रही थी तब उसके उभारदार नितम्ब और सुडोल जांघो को शेप
बिलकुल साफ़-२ दिख रही थी रीमा की सुडोल जांघे और उभारदार नितम्बो के दर्शन पा कर बॉस धन्य
हो रहा था और वो उत्तेजित हो कर बार बार अपने लिंग को सहलाने लगा था ,

और उधर रीमा ने पूरी अलमारी को छान मारा लेकिन जो फाइल बॉस ने मांगी थी वो उसको नहीं मिल
रही थी , मिलती तो तब जब वो फाइल वहां होती और ये बात तो बॉस भी जानता था की इस नाम की
कोई फाइल उस अलमारी में है ही नहीं वो तो ये सब रीमा की जांघे और नितम्बो को निहारने के लिए
कर रहा था.
रीमा को जब फाइल नहीं मिली तो उसने बॉस की और बड़ी मायस
ू ी से दे खते हुए कहा
''सर वो फाइल तो यहाँ नहीं दिख रही है ''

शायद बॉस का मन इतने दर्शन करके नहीं भरा था उसने तल्ख़ आवाज में कहा
ठीक से दे खो वहीँ होगी अभी कल ही तो तम
ु ने सब फाइल्स लगायी है ,,पता नहीं कैसे काम करती हो ...

बॉस की बात सन
ु कर रीमा थोड़ी नर्वस हो गयी और वो सब कुछ भल
ू कर फिर से फाइल ढूंडने में लग
गयी ....
हडबडाहट में रीमा ये भी भूल गयी की उसकी कुर्ती शोर्ट है और बॉस बड़े मजे से उसकी जांघो और
नितम्बो का दीदार कर रहा है फाइल न वहां थी न मिलनी थी आखिर थक हार कर कुछ दे र बाद रीमा ने
बॉस से डरते -२ कहा .... ....सॉरी सर वो फाइल मुझे नहीं मिल रही.....

इतनी दे र में बॉस भी रीमा के नितम्बो और जांघो का परू ी तस्सली से मआ


ु यना कर चक
ू ा था उसने कहा
.... चलो रहने दो जब नहीं मिल रही तो जाने दो कही और रखी होगी शायद ....
बॉस की बात सन
ु कर रीमा की सांस में साँस आई लेकिन वो फाइल ढूंडने की टें शन में इतनी घबरा गयी
थी की उसका हलक सख
ू ने लगा था.

उसने जल्दी से पानी पिया और रुमाल से अपनी गालो और माथे पर आये पसीने को पोंछने लगी. रीमा
की ऐसी हालात को दे ख कर बॉस मन ही मन खुश हो रहा था क्योकि रीमा का घबराया हुआ चेहरा
उसको और ज्यादा उत्तेजना दे रहा था बॉस ने कुछ दे र तक रीमा से कुछ नहीं कहा फिर वो बोला ...तुम
इतनी टें शन क्यों ले रही हो.......... कोई बात नहीं फाइल कही भागी नहीं जा रही .... मिल जाएगी.

बॉस के लफ्ज़ सन
ु कर रीमा को थोड़ी तस्सली मिली लेकिन वो मन ही मन सोचने लगी की आखिर
फाइल गयी कहाँ होगी ?

रीमा अभी सोच ही रही थी की बॉस ने लेमन जस


ू का आर्डर दे दिया और कुछ ही दे र में चपरासी २
गिलास लेमन जस
ू ले कर आ गया बॉस ने एक गिलास उठा कर रीमा को दे ते हुए कहा लो .... इसे पी लो
रिलैक्स मिलेगा रीमा को भी शायद इस वक़्त इसकी जरूरत महसूस हो रही थी उसने झट से गिलास
पकड़ा और गटागट पूरा जूस पी गयी.

रीमा की स्पीड दे ख कर बॉस ने मुस्कराते हुए अपना गिलास भी रीमा को दे ते हुए कहा ...
लगता है तुम्हे अच्छा लग रहा है , ऐसा करो ये वाला भी तम
ु ही पी लो.
बॉस की बात सुन कर रीमा को अपनी गलती का एहसास हुआ की उसने कितनी जल्दी में लेमन जस ू
गटक लिया है वो शरमाते हुए बोली नो सर थेंक्स बस और नहीं............. ये आपके लिए है ........ आप
पीजिये.

बॉस ने फिर से रीमा को जोर दे ते हुए कहा ... मेरे से ज्यादा तुम्हे इसकी जरूरत लग रही है लो तम
ु पियो
बॉस की जिद्द के आगे रीमा को झक
ु ना पड़ा और उसने दस
ू रा गिलास भी उठा लिया और इस बार वो
होले -२ जस
ू को सिप करके पीने लगी. बेचारी रीमा ये नहीं जानती थी की बॉस उसको जबरदस्ती जस

क्यों पिला रहा है और उधर बॉस मन ही मन खश
ु हो रहा था
और फिर रीमा ने जस
ू का दस
ू रा गिलास भी ख़तम करके टे बल पर रख दिया,
अब बॉस को इंतज़ार था की रीमा ने २ गिलास लेमन जस
ू पिया है वो रीमा अपने पेट में कब तक रखती
है ...और फिर कुछ दे र बाद वही हुआ जिसका बॉस को इंतज़ार था रीमा ने बॉस को टॉयलेट जाने का
इशारा किया और वो केबिन में अटे च्ड टॉयलेट में चली गयी
और फिर जैसे ही रीमा टॉयलेट में गयी बॉस अपने लेपटोप की स्क्रीन पर नजरे गाड कर बेठ गया
..रीमा ने टॉयलेट में जाकर अन्दर से चटकनी बंद की और वो जल्दी से कमोड की तरफ चली गयी.

२ गिलास जस
ू और एक गिलास पानी रीमा के मूत्र के प्रेशर को और ज्यादा बड़ा रहा था, इसलिए उसने
जल्दी से अपनी लेगिग
ं को नीचे खिसकाया लेगिग
ं के नीचे पिंक कलर की पें टी में रीमा के गोरे गोरे
उभारदार नितम्ब दिखाई दे ने लगे और फिर उसने अपनी पें टी को भी खिसका कर अपनी जांघो तक
कर लिया और फिर कमोड पर बेठ गयी.

रीमा अपनी आँखों को मंद


ू कर कमोड शीट पर बेठी थी और उसके चेहरे के भाव से ऐसा लग रहा था
जैसे उसको मत्र
ू विसर्जन करने में अति आनंद की प्राप्ति मिल रही हो और ये सब द्रश्य बाहर बेठा
खस
ू ट बॉस भी बड़े मजे से दे ख रहा था,

चँ ूकि आज रीमा ने लेगिग


ं पहनी थी इसलिए बुड़ाऊ को रीमा की जांघे और नितम्बो के खुले दर्शन हो
रहे थे. इसलिए उसकी उत्तेजना चरम सीमा पर थी उसके बस में होता तो अभी टॉयलेट में जाकर रीमा
को अपनी बाँहों में जकड लेता लेकिन ये काम अभी संभव नहीं था इसलिए वो अपने लिंग को पें ट से
बाहर निकाल कर हिलाने में व्यस्त था,

मूत्र विसर्जन के बाद रीमा ने कमोड के बाजु में लगे टिशु पेपर के रोल से टिशु पेपर लिया और अपनी
योनी को पोंछने लगी और फिर वो उठ कर खड़ी हो गयी, उठने के बाद रीमा ने अपनी पें टी और लेगिग

को ऊपर किया और फिर वो वाश बेसिन में अपने हाथो को धोने लगी, हाथ धोते समय रीमा वाश
बेसिन के ऊपर लगे आईने में खुद को निहारने से नहीं रोक पायी और वो अपने आपको आईने में
निहारती हुई मंद मंद मुस्कराने लगी.
अचानक रीमा को आईने में एक गोल डिबिया जैसी चीज़ का प्रतिबिम्ब दिखाई दिया जो आईने के
सामने वाली दीवार पर लगी थी पहली नजर में दे खने पर वो चीज़ स्मोक डिटे क्टर जैसी दिख रही थी
और फिर जैसे मानो रीमा के मन में कोई ख्याल आया हो
उसने पलट कर उस डिबिया की तरफ जरा गौर से दे खा....और जैसे ही रीमा ने गौर से दे खा तो उसको
उस डिबिया के ठीक सेंटर में केमरे के लेंस जैसी कोई चीज़ दिखाई दे ने लगी और ये दे खते ही रीमा का
माथा ठनकने लगा उसने अपनी नजर पुरे टॉयलेट में घुमाई
तो उसको ऐसी ही ३ डिबिया और दिखाई दी, रीमा ने सब डिबियो के पास जाकर दे खा तो सबमे उसको
वैसे ही लेंस दिखाई दिए और फिर तो जैसे रीमा की समझ में सब कुछ आने लगा था , उसको समझते
हुए जरा भी दे र नहीं लगी की वो डिबिया में लगे लेंस और कुछ नहीं. बल्कि CC टीवी केमरे है , और अभी
उसने जो कुछ भी टॉयलेट में किया है वो सब उन केमरो ने क़ैद कर लिया होगा पूरा माजरा समझ में
आते ही रीमा के पैरो के नीचे से जमीन निकल गयी,

उसने तो ख्वाब में भी कभी ऐसा नहीं सोचा था की उसके साथ कोई ऐसी घटिया हरकत हो सकती है ,
ये सब सोचते सोचते रीमा का गोरा मुखड़ा क्रोध से लाल भभूका होने लगा और उसकी आँखे सुर्ख होती
चली गयी,

रीमा ने जल्दी से टॉयलेट का दरवाजा खोला और जैसे ही वो बाहर आई तो उसने दे खा की बॉस अपनी
कुर्सी पर बेठा झल
ू रहा है रीमा की जैसे ही बॉस से निगाहे मिली बॉस ने बड़े ही कामक
ु अंदाज़ से रीमा
को दे खा ये दे खते ही रीमा समझ गयी की उसको भी इस बात का पता चल चक
ू ा है की वो केमरो के बारे
में जान चक
ु ी है इसलिए अब इस बारे में कोई भी बात करना बेकार है इसलिए उसने हिकारत भरी
निगाहों से बॉस को दे खा और पैर पटकती हुई सीधा बॉस के केबिन से बहार निकल गयी और सीधी
नीतू के पास चली गयी ,,,, रीमा की बदहवास सरू त दे खते ही नीतू ने हे रान होते हुए कहा ....

क्या बात है रीमा बड़ी परे शान लग रही है ...?

रीमा ने अपने जज्बातों पर काबू पाते हुए बड़े ही सपाट लहजे में नीतू से कहा ......भाभी मझ
ु े अभी घर
जाना है आप मेरे साथ चलिए रीमा की ये बात सन ु कर नीतू भी एक पल के लिए घबरा गयी.

उसके दिमाग में खतरे की घंटी बजने लगी और वो समझ गयी की बॉस ने रीमा के साथ कोई गलत
हरकत कर दी है लेकिन फिर भी उसने रीमा की तरफ दे खते हुए कहा ....., लेकिन हुआ क्या कुछ बता
तो सही पहले ?
और बस फिर क्या था नीतू की बात सुनते ही रीमा की आँखों से जार जार आंसू बहने लगे,
रीमा को इस तरह से रोता हुआ दे ख कर नीतू उसको अपने कंधे से लगा कर दिलासा दे ने लगी और फिर
रीमा ने अपने आंसू पोंछते हुए कहा,

जल्दी चलिए भाभी मुझे घर जाना है प्लीज आप मेरे साथ चलिए मौके की नजाकत को दे खते हुए नीतू
ने कहा ठीक है चलती हूँ लेकिन एक मिनट रुक पहले में बॉस को ये फाइल दे आऊ
फाइल का तो केवल बहाना था दरअसल नीतू बॉस से पुरे मामले की जानकारी लेना चाहती थी इसलिए
वो एक फाइल उठा कर बॉस के केबिन में चली गयी ,
नीतू को दे खते ही बॉस बोला ... क्या हुआ रीमा तुम्हारे पास गयी है ? क्या कहा है उसने तुम्हे ?

नीतू ने बॉस की तरफ दे खते हुए कहा उसने तो मुझे कुछ नहीं कहा लेकिन आपकी बात सुन कर लग
रहा है की जरूर कुछ न कुछ हुआ है ..

बॉस ने अपनी खींसे निपोरते हुए कहा कसम से मेने कुछ भी नहीं किया लेकिन पता नहीं कैसे उसको
टॉयलेट में लगे केमरो के बारे में पता चल गया है इसलिए वो बोखला गयी है ,
बॉस की बात सुन कर नीतू ने अपने चेहरे पर बनावटी गुस्सा लाते हुए कहा
नीतू ने अपने चेहरे पर बनावटी गुस्सा लाते हुए बॉस की तरफ दे खा और बोली
नहीं मानी न आपने मेरी बात..... उड़ा दी न जाल में आई हुई चिड़िया और ये सब आपकी अपनी वजह
से हुआ है ,

बॉस ने बुरा सा मुंह बनाते हुए नीतू को दे खा जरूर लेकिन बोला कुछ नहीं ....

बॉस को कुछ न बोलता दे ख कर नीतू ने फिर से कहा ...

मेने आपको कितना समझाया था की आप सब्र रखिये में उसको अपने हिसाब से लाइन पर ले आउं गी.
लेकिन आपसे तो जरा सा भी सब्र नहीं हुआ खैर छोडिये इन सब बातो को अब क्या फायदा ...

अब तो आप सिर्फ ये दआ
ु कीजिये की रीमा इस बात को अपने तक ही रखे अगर उसने कही किसी और
के आगे अपना मंह
ु खोल दिया तो आपकी इमेज कितनी ख़राब हो सकती है ....

अपनी बात पूरी करके नीतू बॉस को गौर से दे खने लगी और नीतू की बात सुन कर बॉस का मुंह ऐसे बन
गया जैसे उसकी माँ मर गयी हो और वो बड़े ही उदास लहजे में बोला ...
ये बात तो मेने सोची ही नहीं थी .....................अब क्या होगा ?
नीतू ने बॉस की चुटकी लेते हुए कहा ... होगा क्या सबको पता चल जायेगा की आपने क्या किया है ..

नीतू की बात सन
ु कर बॉस के माथे पर पसीना आ गया और उसने रुमाल से पसीना पोंछते हुए कहा ..

वैसे तुम्हे क्या लगता है वो किसी से इस बारे में कुछ कहे गी ? तुम्हे कुछ कहा है क्या उसने?
नीतू बड़ी छिनाल टाइप औरत थी उसने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए कहा ......

मेरी राय में तो आप उसको थोड़े बहुत पैसे दे कर उसका मंह


ु बंद कर दो ,,,

नीतू की बात सुन कर जैसे बॉस को उम्मीद की कोई किरण दिखाई दी हो उसने नीतू से कहा ....

हम्म ये ठीक रहे गा तम


ु ऐसा करो उस से बात कर लो और जो मांगे उसको दे दो लेकिन मामला रफा
दफा कर दो ...

कहते हुए बॉस ने अपने पर्स से १० नोट हज़ार के निकाल कर नीतू को दे दिए और नीतू ने बड़ी शराफत
से वो नोट अपने ब्लाउज में ठूंस लिए और बोली ,,,, में उस से बात करती हूँ अगर इतने में मान गयी तो
ठीक है …

बॉस ने हडबडाते हुए कहा .... तम


ु चिंता मत करो अगर वो और मुंह फाड़े तो में उसको और दे दं ग ू ा
लेकिन ये बात लीक नहीं होनी चाहिए, नीतू ने कहा रीमा बाहर मेरा इंतज़ार कर रही है .....अब में चलती
हूँ ...
नीतू बॉस के केबिन से बाहर निकल आई ......

बॉस के केबिन से निकल कर नीतू बाहर आ गयी और जैसे ही वो रीमा के पास पहुंची उसने अपने चेहरे
के भाव ऐसे बना लिया जैसे वो बहुत दख
ु ी हो ........

आते ही नीतू ने कहा .. चल रीमा चले ...

नीतू की बात सुन कर रीमा कुछ बोली नहीं और वो चुपचाप नीतू के साथ ऑफिस से बाहर निकल आई ,

ऑफिस से बाहर निकलकर दोनों बस स्टॉप की और चल दी ,

पुरे रास्ते नीतू ने रीमा से कोई बात नहीं की लेकिन बस स्टॉप पर पहुँचते ही नीतू ने अपना मुंह खोला
....
पता नहीं समझता क्या है वो बड् ु ढा अपने आप को पैसे वाला है तो क्या हुआ कुछ भी कर सकता है क्या
,

नीतू के अलफ़ाज़ सुन कर रीमा है रान होते हुए नीतू को दे खने लगी और बोली ...

क्या हुआ भाभी किसका ज़िक्र कर रही है आप ?

नीतू गौर से रीमा को दे खने लगी और कुछ पल चुप रहने के बाद नीतू ने फिर से कहा
छोड़ रीमा जाने दे तूने तो मुझे कुछ बताया नहीं था की क्या हुआ है , लेकिन में तुझे दे खते ही समझ
गयी थी की कुछ न कुछ हुआ जरूर है और मेने पूरी बात का पता निकाल भी लिया और जब मुझे बात
पता चली तो मेरे पुरे तन बदन में आग लग गयी
मेरे से रहा नहीं गया और फिर मेने उस बुड्ढे का वो हाल कर दिया जो पुलिस किसी चोर का करती है ....

ये तो उसकी किस्मत अच्छी कह लो जो उसने मेरे आगे गिडगिडा कर माफ़ी मांग ली नहीं तो आज में
उसकी वो दर्ग
ु त करती की किसी को जिन्दगी भर मुंह दिखाने के लायक नहीं रहता ,

अब रीमा से रहा नहीं जा रहा था ........उसने बड़े ही भोलेपन से नीतू से पुछा ....

भाभी मुझे भी तो बताइए न आपकी क्या बात हुई बॉस से ?

अब तक नीतू को भी पूरा यकीन हो चूका था की रीमा उसकी हर बात को सच समझ रही है इसलिए
उसने रीमा को एक मनघडंत कहानी बढ़िया सा मिर्च मसाला लगा कर सुना दी और वो कहानी सुन ने
के बाद रीमा के चेहरे से लग रहा था की उस को पूरा यकीन हो गया है
की नीतू जो कह रही है वो सोलह आने सच है , अब नीतू ने अपनी आखरी चोट लगाते हुए कहा ....
में तो सोच रही हूँ की हमे पलि
ु स स्टे शन चल कर रिपोर्ट करनी चाहिए , कहते हुए नीतू रीमा को गौर से
दे खने लगी

पुलिस का नाम सुनते ही रीमा घबरा गयी और उसने घबराते हुए नीतू से कहा
नहीं नहीं भाभी मझ
ु े कही नहीं जाना और प्लीज आप भी किसी से इस बारे में कोई बात न करिए इस
बात को यहीं ख़तम कर दीजिये.

में नहीं चाहती की इनको इस बात की जरा सी भी भनक लगे क्योकि अगर इनको कुछ पता चला तो
बहुत दख
ु ी होंगे ,
और जो नीतू चाहती थी वही रीमा ने अपनी जुबान से कह दिया था अब नीतू ने रीमा के आगे एक नया
पैंतरा खेला उसने कहा हम्म रीमा बात तो तेरी सही है अगर हमने इस बात का ज़िक्र किसी से किया तो
बदनामी सिर्फ हमारी ही होगी, और इतने में बस भी आ गयी और वो दोनों बस में बेठ गयी और अपने
घर की और चल दी ...

रास्ते भर नीतू और रीमा इसी बारे में बात करती रही, और फिर उनके घर का स्टॉप आ गया और दोनों
बस से उतर कर अपने घर की तरफ चल दी , रास्ते में रीमा ने नीतू से थोडा झिझकते हुए कहा, भाभी
मुझे इस बात की चिंता हो रही है की में अब आपके पैसे कैसे दे पाऊँगी ....

रीमा की बात सुन कर नीतू ने रीमा को बड़े प्यार से दे खा और बोली तू क्यों ऐसी बेकार की बाते सोचती
है .. अरे पगली तू तो मेरी छोटी बहिन जैसी है ...अगर आज के बाद ऐसी बात करी तो में तेरे से बोलग
ूं ी
नहीं ....

नीतू का कितना अपना पन दे ख कर रीमा से कुछ कहा नहीं गया .. उसने नम आँखों से नीतू को दे खा
और बोली आप सच में बड़ी अच्छी हो भाभी, अब बेचारी रीमा क्या जानती थी की वो जिसको दे वी
समझ रही है वो कितनी बड़ी कमीनी है और इन्ही बातो में रीमा का घर भी आ गया और नीतू ने रीमा
के गाल को थपथपा कर कहा अच्छा में अब चलती हूँ शाम को मिलेंगे.. और नीतू चली गयी रीमा जैसे
ही घर पहुंची रोहन उसको दे ख कर हे रान हो गया उसने कहा ..

अरे तुम आज इतनी जल्दी कैसे आ गयी सब ठीक तो है न ?

रीमा ने अपने आप को पहले ही इस स्थिति के लिए तैयार किया हुआ था उसने रोहन की और दे खकर
मुस्कराते हुए कहा ..

जी सब कुछ ठीक है बस मेरी तबियत थोड़ी सी ठीक नहीं लग रही थी इसलिए में जल्दी छुट्टी ले कर
आगयी रीमा की बात सन ु कर रोहन को शायद परू ा यकीन नहीं हुआ था उसने रीमा को कुरे दते हुआ
कहा लेकिन तम्
ु हारी तबियत को क्या हुआ सब
ु ह तो बिलकुल ठीक थी फिर अचानक ऐसा क्या हुआ जो
तुम्हे छुट्टी लेनी पड़ गयी रीमा ने रोहन की आँखों में दे खते हुए कहा .... आप तो जानते ही है की मुझे
AC में रहने की आदत नहीं है
और हमारा ऑफिस फुल्ली AC है तो इसलिए मझ
ु े एडजस्ट करने में थोड़ी सी प्रॉब्लम हो रही है .

रोहन ने रीमा का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा ... सच कह रही हो न यही बात है या कुछ और है जो मेरे
से छुपा रही हो ?
रीमा ने रोहन की आँखों में अपनी आँखों को डाल कर कहा .. में भला आपसे झूठ क्यों बोलूंगी और फिर
रोहन को चुप होना पड़ा क्योकि रीमा जिस आत्मविश्वास से रोहन से बात कर रही थी वो रोहन को इस
बात का एहसास करवा रहा था की रीमा की हर बात में सच्चाई है , और फिर रोहन ने रीमा से कहा
जाओ तुम रे स्ट कर लो ......

और रीमा रूम में चली गयी रीमा ने अपने कपडे बदले और वो पलंग पर लेट गयी,
रीमा की आँखे जरूर मुंदी हुई थी लेकिन उसके दिमाग में खलबली मची हुई थी एक तरफ तो वो अपने
साथ हुई इस जलील हरकत से दख
ु ी थी और दस
ू री तरफ वो इस बात को सोच-२ कर परे शान हो रही थी
की अब कल क्या होगा? सुबह जब वो ऑफिस नहीं जाएगी तो रोहन से क्या कहे गी .... कोन सा बहाना
बनाएगी क्या होगा ?

और उधर नीतू ने अपने घर जाकर ....

नीतू अपने घर में पहुँचते ही सीधा अपने कमरे में चली गयी और पलंग पर जाकर लेट गयी
फिर जैसे उसको कुछ ध्यान आया हो उसने अपने ब्लाउज में हाथ डाल दिया और जब उसका
हाथ ब्लाउज से बाहर आया तो उसके हाथ में हज़ार हज़ार के नोट थे नोटों की हालत दे खते ही नीतू
समझ गयी की नोट उसके ब्लाउज में पसीने से भीग चुके हैं,
ये दे ख कर वो जोर जोर से खिलखिलाकर हं सने लगी ....

कुछ दे र तक ऐसे ही हं सने के बाद नीतू पलंग से उठी और फिर उसने उन नोटों को अपनी अलमारी में
रख दिया और फिर वो अपने जिस्म से कपड़ो को एक एक करके उतारने लगी और जब वो बिलकुल
नग्न अवस्था में हो गयी तो वो कमरे में लगे आदमकद शीशे के आगे जा कर खड़ी हो गयी और अपने
आप को निहारने लगी नीतू आईने के आगे पोजीशन बदल बदल कर अपने जिस्म को ऐसे निहार रही
थी मानो वो अपने आप से सवाल कर रही हो की वो किसी से कम तो नहीं है कुछ दे र तक खद
ु को ऐसे
ही निहारने के बाद नीतू आईने के
आगे से हट गयी और फिर वो नग्न अवस्था में ही बाथरूम में चली गयी और नहाने लगी ....

नहाने के बाद नीतू फिर से कमरे में आ गयी और उसने अपने जिस्म पर ढे र सारा डियो स्प्रे किया और
फिर अलमारी से एक झीनी सी नाईटी निकाल कर पहन ली , और फिर से पलंग पर लेट गयी और कुछ
सोचने लगी सोचते सोचते उसके चेहरे पर मुस्कराहट बड़ने लगी और फिर उसने मोबाइल उठा लिए
और बॉस को फ़ोन मिला दिया बॉस ने जैसे ही नीतू का नाम अपने मोबाइल की स्क्रीन पर दे खा उसने
जल्दी से फ़ोन रिसीव किया और बोला हे ल्लो .... हाँ नीतू बोलो क्या हुआ ? वो मानी की नहीं ?

नीतू .... जी सर मेने उसको समझा बुझा कर मना ही लिया .....


बॉस ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा .... चलो ये भी अच्छा हुआ जो वो मान गयी नहीं तो पता नहीं क्या
होता ...

नीतू ... सर मान तो वो गयी है लेकिन उसकी भी एक शर्त है बॉस ने थोडा झल्लाते हुए कहा ...... अब
कोन सी शर्त है उसकी ?

नीतू .... सर ऐसी कोई ख़ास शर्त नहीं है वो तो सिर्फ अपनी टॉयलेट वाली रिकॉर्डिंग मांग रही है और वैसे
भी वो तो आपके लिए बेकार है उसको दे दीजिये .......

बॉस ....... हम्म ठीक है कल तम


ु ऑफिस आओगी तो में तम्
ु हे दे दं ग
ू ा .......

नीतू ............ ठीक है सर में उसको कह दे ती हूँ की कल मिल जाएगी ............. ओके बाय
और फिर बॉस से बात करने के बाद नीतू सो गयी ..............

---------------------------------

उधर..........................

नींद रीमा को भी आ गयी थी शाम के करीब ७ बजे रोहन ने रीमा को उठाया और बोला
अब कैसा लग रहा है मेरी जान ? अब कैसी तबियत है ?

रीमा ने जम्हाई लेते हुए रोहन की तरफ दे खा और बोली .... अब अच्छा लग रहा है ,
और फिर जब रीमा ने घडी में टाइम दे खा तो वो जल्दी से हडबडा कर उठी और बोली
अरे ७ बज गए ............आपने मझ
ु े पहले क्यों नहीं उठाया ...

रोहन ने मुस्कराते हुए रीमा से कहा ........ में ने सोचा की तम


ु जितना रे स्ट करोगी उतना ही तुम्हारे लिए
अच्छा है

रीमा ने भी मस्
ु कराते हुए रोहन की और दे खा और बोली में आपके लिए चाय बना कर लाती हूँ ... और
रीमा बिस्तर से उठ कर चाय बनाने के लिए चली गयी ...

फिर रीमा चाय बना कर ले आई और दोनों ने चाय पी चाय पीने के बाद रोहन ने कहा
रीमा मुझे तुमसे एक जरूरी बात करनी है .....
ये सुनते ही रीमा का दिल तेज़ तेज़ धडकने लगा वो मन ही मन सोचने लगी की ऐसी कोनसी बात हो
सकती है जो रोहन उस से कहना चाहता है ....

रीमा को गुमसम ु दे खकर रोहन ने कहा क्या हुआ किस सोच में पड़ गयी तुम
रीमा ने नर्वस होते हुए कहा नहीं नहीं में तो कुछ भी नहीं सोच रही .... आप कहिये न क्या बात है ..

रोहन ने कहा ..... आज पड़ोस वाले शर्मा जी आये थे और वो कह रहे थे की में उनके बेटे को पड़ा दिया
करू और में भी सोच रहा हूँ की में पूरा दिन घर पर खाली बेठा बोर होता रहता हूँ तो क्यों न में उनके बेटे
को टियश
ु न पढाना शरू
ु कर दँ ू , और हो सकता है आगे चल कर और भी बच्चे टियश
ु न के लिए मिल
जाये ...

इस से मेरा मन भी लगा रहे गा और ४ पैसे भी आयेंगे बोलो तुम्हारी क्या राय है इस बारे में ?
रोहन की बात सुन कर रीमा की जान में जान पड़ गयी .. उसने कहा आपका आईडिया बुरा नहीं है ..

रोहन और रीमा अभी इस बारे में बात कर ही रहे थे की नीतू आ गयी ......और उसको दे खते ही दोनों चप

हो गए नीतू भी परू ी घाघ थी उसने चट
ु की लेते हुए कहा लगता है कोई ख़ास बात चल रही है मियां बीवी
में ?

कही में गलत टाइम पर तो नहीं आ गयी कहते हुए नीतू रीमा को दे खने लगी .........

रीमा ने झेंपते हुए कहा नहीं नहीं भाभी हम तो बस ऐसे ही .....

रीमा की बात सुन कर नीतू हं सने लगी और रीमा मन ही मन डरने लगी की कही नीतू के मुंह से कोई
ऐसी वैसी बात न निकल जाये जो रोहन के मन में शक पैदा कर दे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.........
नीतू ने रोहन से कहा .....

भाई साहब अगर आपको कोई ऐतराज न हो तो में रीमा को अपने साथ मार्कि ट ले जाऊ बस अभी थोड़ी
दे र में हम वापिस आ जायेंगे, रोहन ने रीमा की तरफ सवालिया निगाहों से दे खा और फिर नीतू से बोला
.... हाँ हाँ भाभी जी आप रीमा को अपने साथ ले जाइये लेकिन माफ़ कीजिये क्या में जान सकता हूँ की
इस वक़्त आपको ऐसा कोन सा काम पड़ गया जो मार्कि ट जाना पड़ रहा है .

नीतू ने अपनी नजरो को दस


ू री तरफ करते हुए थोडा सा शरमाते हुए कहा
हाँ भाई साहब कोई जरूरी काम है इसलिए तो कह रही हूँ .......

नीतू के कहने का ढं ग कुछ ऐसा था की फिर रोहन को भी चुप होना पड़ा .....
फिर नीतू रीमा को अपने साथ लेकर घर से बाहर निकल आई बाहर आते ही रीमा ने नीतू से कहा भाभी
प्लीज मझ
ु े तो बता दीजिये की आप मार्कि ट में किस काम से जा रही है ,,,

नीतू ने मुस्कराते हुए कहा ... कोन जा रहा है मार्कि ट .........

रीमा ने हे रान होते हुए कहा लेकिन अभी आपने ही तो कहा था की मार्कि ट जाना है तो फिर
नीतू ने हँसते हुए कहा हाँ वो मेने झठ
ू कहा था अगर ऐसा नहीं करती तो रोहन कई सवाल करता ...

मुझे तेरे साथ अकेले में कुछ बात करनी थी इसलिए मुझे मजबूरन ऐसा करना पड़ा .......
चल अब दे र मत कर जल्दी से मेरे घर चलते है वहां आराम से बेठ कर बात करते है ...
रीमा हिचकिचाते हुए नीतू के साथ उसके घर की और चल दी लेकिन उसके मन में कई सवाल पैदा होने
लगे और विचारो की कशमकश में कब नीतू का घर आ गया रीमा को पता ही नहीं चला ....

नीतू ने लॉक खोलते हुए रीमा से कहा ......... आजा रीमा अन्दर आजा ...

और रीमा नीतू के घर में दाखिल हो गयी ,अन्दर जाने के बाद नीतू ने रीमा को सोफे पर बेठने के लिए
कहा और वो खुद किचन में चली गयी और जब वो वापिस आई तो उसके हाथ में एक ट्रे थी जिसमे
कोल्ड ड्रिंक के २ गिलास थे नीतू के आते ही रीमा बोली .. भाभी प्लीज ् अब तो बताइए न क्या बात है ...

नीतू ने रीमा को कोल्ड ड्रिंक का गिलास दे ते हुए कहा बता रही हूँ इतनी उतावली क्यों हो रही है ले पहले
कोल्ड ड्रिंक पी रीमा ने अपने हाथ में गिलास तो पकड़ लिया लेकिन जब तक उसको बात न पता चले
उसके हलक से पानी की एक बूंद भी नहीं उतरने वाली थी इसलिए वो गिलास हाथ में पकड़ कर बेठी
रही और नीतू के बोलने का इंतज़ार करने लगी
नीतू भी अपना गिलास ले कर रीमा के पास ही बेठ गयी और उसने अपने गिलास से सिप करते हुए
कहा ....

रीमा तेरे लिए एक अच्छी खबर है .....

ये सुन कर रीमा नीतू के मुंह को ताकने लगी....उसकी समझ में कुछ नहीं आया था ...
नीतू ने कहा .... मेरी एक आंटी है जो की एक स्कूल में प्रिंसिपल है आज दोपहर को मेरी उनसे बात हुई
थी तो मेने उनसे बातो ही बातो में जॉब के लिए पुछा था और इकत्फाक की बात ये हुई की वहां वेकेंसी है
इसलिए मेने तम
ु से इस बात का ज़िक्र करना जरूरी समझा अब अगर तम
ु कहो तो में उनसे आगे बात
करू , कहतेहुए नीतू रीमा को गौर से दे खने लगी
नीतू की बात सुन कर रीमा सोच में पड़ गयी और उसने कुछ सोचते हुए कहा ....
लेकिन भाभी मेरे पास टीचिंग का तो जरा सा भी एक्सपीरियंस नहीं है ...
नीतू ने मुस्कराते हुए रीमा को दे खा और बोली .... तू इसकी टें शन मत ले मेने बताया न की वहां की
प्रिंसिपल मेरी आंटी है इसलिए तुझे पूरी हे ल्प मिलेगी .... बस तू ये बता की में उनसे जॉब की बात करू
या नहीं ?

नीतू की बात सुन कर रीमा कुछ सोचने लगी और फिर उसने कहा ...

भाभी जॉब तो मझ
ु े अब करनी ही है अगर आपको सही लगता है तो आप बात कर लीजिये
रीमा की बात सन
ु कर नीतू की आँखों में चमक पैदा हो गयी , बेचारी रीमा भला क्या जानती थी की वो
जिसको अपनी हमदर्द समझे बेठी है वो कितनी कमीनी औरत है ,,,, नीतू ने कहा
ठीक है फिर कल तू ऑफिस टाइम पर ही तैयार रहना पहले में तेरे साथ आंटी के पास चलंग
ू ी फिर
ऑफिस जाउं गी और फिर नीतू .. रीमा को छोड़ने उसके साथ उसके घर तक गयी
रोहन ने नीतू के जाते ही रीमा से पछ
ु ा .... क्या काम था भाभी को मार्कि ट में ?

रीमा ने पहले ही सोच लिया था की रोहन को क्या बहाना बनाना है उसने कहा
वो क्या है की भाभी ने अपने लिए अंडरगारमें ट लेने थे ..

अंडरगारमें ट की बात सन
ु ते ही रोहन ने रीमा को छे ड़ते हुए कहा .... तम
ु भी कुछ लायी हो ?
रीमा ने शरमाते हुए कहा ... नहीं जी ....... मेरे को अभी जरूरत नहीं है मेरे पास है ...
में खाना बनाने जा रही हूँ कहते हुए रीमा किचन में चली गयी और रोहन मुस्कराने लगा  और फिर
अगले दिन सुबह रीमा ऑफिस टाइम पर ही तैयार हो गयी और तैयार होने के बाद
उसने जल्दी से रोहन के लिये चाय नाश्ता भी बना दिया रोहन ने चाय पीते हुए रीमा से कहा .....

अगर आज भी तबियत ठीक नहीं लग रही हो तो बेशक मत जाओ ...

रीमा ने मुस्कराते हुए रोहन को दे खा और बोली ....

आप मेरी फिक्र न करिए आज में जल्दी घर नहीं आउं गी

रोहन मुस्कराते हुए रीमा को दे खने लगा ,

तभी नीतू की आवाज ने रीमा और रोहन दोनों को चोंका दिया क्योकि आज नीतू ने घर के बाहर से ही
रीमा को आवाज दी थी , रीमा ने रोहन को मुस्कराते
हुए दे खा
रोहन ने भी स्माइल दे ते हुए रीमा को विदा किया ...और फिर वो घर से निकल कर बाहर आ गयी ,
बाहर नीतू खड़ी थी उसने रीमा को दे खते ही कहा चल जल्दी से चल और फिर वो दोनों अपनी गली से
बाहर निकल कर सड़क तक आ गयी , सड़क पर आते ही नीतू ने एक ऑटो को रोका और इस से पहले
की रीमा कुछ पूछती नीतू ने उसे ऑटो में बेठने को कहा
रीमा चप
ु चाप ऑटो में बेठ गयी और फिर नीतू उसके साथ वाली सीट पर बेठ गयी ...
बैठते ही नीतू ने ऑटो वाले को जिस जगह जाना था वहां का पता बताया ....
ऑटो वाले ने ऑटो स्टार्ट किया और नीतू ने उसको जो पता बताया था वो उस पते की और चल पड़ा ,

१५ मिनट तक सडको पर दौड़ने के बाद ऑटो वाला एक जगह रुक गया


नीतू जानती थी की उसकी मंजिल आ गयी है इसलिए उसने ऑटो से उतर कर ऑटो वाले को पैसे दिए
और रीमा को साथ ले कर सड़क की दस
ू री तरफ बनी एक पुरानी सी ईमारत की तरफ चल दी ,

वो ईमारत बाहर से दे खने में एक परु ानी हवेली जैसी लग रही थी ,लेकिन ईमारत में दाखिल होते ही
रीमा को स्कूल जैसा माहोल दिखाई दे ने लगा और फिर नीतू के साथ चलती हुई वो प्रिंसिपल के कमरे
के बाहर तक आ गयी ...

प्रिंसिपल के कमरे के बाहर स्टूल पर बेठे चपरासी को नीतू ने कहा ...

हमे मेडम से मिलना है ...

चपरासी ने कहा ...... मेडम आप अपना नाम बता दीजिये में बड़ी मेडम से पूछ कर आता हूँ
नीतू ने उसको अपना नाम बता दिया और फिर वो चपरासी प्रिंसिपल के कमरे में चला गया और जब वो
वापिस आया तो उसने कहा मेडम आप अन्दर जा सकती है ..
और फिर रीमा और नीतू प्रिंसिपल के कमरे में दाखिल हो गयी ,

तकरीबन ४० साल की उम्र की गें हुए रं ग और तीखे नैन नक्श वाली औरत सफ़ेद रं ग की साड़ी में बड़ी सी
रिवाल्विंग चेयर पर विराज मान थी ,

आँखों पर गोल्डन फ्रेम वाला चश्मा उसकी शख्सियत को और ज्यादा प्रभावशाली बना रहा था
उसके आगे बड़ी सी मेज पर एक नेम प्लेट रखी थी जिसपर पीतल के अक्षरो में लिखा था ,
साधना गुप्ता ....जो की उसका नाम था ....

कमरे में दाखिल होते ही नीतू ने बड़े अदब से अपने दोनों हाथो को जोड़ कर उसको नमस्ते की नीतू की
दे खा दे खी रीमा ने भी साधना को हाथ जोड़ कर नमस्ते की,
साधना ने मुस्कारते हुए दोनों की तरफ दे खा और अपनी गर्दन को जुम्बिश दे ते हुए दोनों को
नमस्ते का जवाब दिया और फिर उसने उन दोनों को बेठने को कहा.
नीतू और रीमा साधना के सामने पड़ी कुर्सियों पर बेठ गए कुछ दे र तक नीतू से इधर उधर की बाते
करने के बाद साधना ने रीमा की और रूबरू होते हुए कहा ... यू आर रीमा हम्म
रीमा ने थोडा घबराते हुए कहा जी मेडम मेरा ही नाम रीमा है

साधना ने रीमा को गौर से दे खा और बोली मझ


ु े नीतू ने तम्
ु हारे बारे में सब कुछ बता दिया है इसलिए
तुम किसी बात की चिंता मत करो ,में सब संभाल लुंगी , बस जैसे जैसे में कहूँ वैसे वैसे करती जाना
ठीक है

रीमा ने कहा जी ठीक है और फिर उसने रीमा से एक फॉर्म भरवाया और बोली ...
दे खो रीमा अभी १ महीने तक तुम्हारी जॉब टे म्परे री रहे गी और सेलरी होगी ३५०० और फिर जब तम

परमानेंट हो जाओगी तो तुम्हारी सेलरी ५००० हो जाएगी , तुम्हे सुबह ८ बजे तक यहाँ आना होगा और
यहाँ की टीचर्स के लिए जो यूनिफार्म कंपलसरी है तम
ु भी वही पहन कर आओगी , ठीक है ..

रीमा ने अपनी गरदन को हिलाते हुए कहा जी मेडम ठीक है ...लेकिन वो यनि ू फार्म ...
साधना ने रीमा की भावनाओ को समझते हुए कहा ...वो यनि
ू फार्म तम्
ु हे यही से मिलेगी में अभी
दिलवाती हूँ

कहते हुए उसने अपनी मेज पर रखी बेल बजाई तो चपरासी अन्दर आ गया ,
साधना ने चपरासी से कहा .... इनको स्टोर में ले जाओ और दीप्ति मेडम से कहना की इनको यूनिफार्म
दे दे फिर साधना ने रीमा से कहा तुम इसके साथ स्टोर में चली जाओ और वहां से अपनी यूनिफार्म ले
लो ...

रीमा उठ कर चपरासी के साथ स्टोर की तरफ चल दी और नीतू वही साधना के पास बेठी रही ...

चपरासी प्रिंसिपल के कमरे से निकल कर स्टोर की और चल दिया और रीमा उसके पीछे पीछे चल दी.

स्टोर रूम प्रिंसिपल के रूम से ज्यादा दरू नहीं था , वहां जाकर चपरासी ने स्टोर कीपर दीप्ति से कहा.
इनको बड़ी मेडम ने भेजा है टीचर वाली यूनिफार्म के लिए और इतना कहकर वो चला गया .

चपरासी के जाने के बाद दीप्ति ने रीमा को गौर से दे खा और बड़े ही अर्थपूर्ण ढं ग से मुस्कराती हुई बोली
...

क्या नाम है तुम्हारा ?


रीमा ने उसकी और मुस्कराते हुए दे खा और बोली .....जी रीमा फिर दीप्ति ने स्टोर से निकाल कर २
नीले रं ग की साड़ी और २ पेटीकोट रीमा को दे ते हुए कहा ...

ये लो ......बस अब ब्लाउज तुम्हे अपने पास से अरें ज करने होंगे ,

रीमा ने कहा ... जी कोई बात ....मेरे पास पहले से ही इस कलर का ब्लाउज है ...
और रीमा दीप्ति से यूनिफार्म ले कर वापिस प्रिंसिपल के कमरे की और चल दी ...

जैसे ही रीमा प्रिंसिपल के कमरे के अन्दर पहुंची तो शायद उसी के बारे में ही जिक्र चल रहा था क्योकि
रीमा के आते ही वो दोनों सकपका कर चुप हो गयी और नीतू ने रीमा को दे खते ही बात बदल दी वो
बोली ...

मिल गयी यूनिफार्म ?

रीमा ने अपने हाथ में पोली की और इशारा करते हुए कहा हम्म मिल गयी ..

फिर नीतू ने साधना से कहा ...ठीक है आंटी फिर ये कल से आ जाएगी और फिर वो दोनों साधना से
विदा ले कर

उसके कमरे से बाहर आ गयी ,

बाहर सड़क पर आने के बाद नीतू ने रीमा से कहा तू अब यहाँ से वापिस अपने घर चली जा और में
ऑफिस के लिए निकलती हूँ , नीतू की बात सुन कर रीमा ने कुछ सोचते हुए कहा ...
भाभी लेकिन में अभी घर चली गयी तो रोहन को क्या कहूँगी ...

रीमा की बात सन ु कर नीतू ने अपने पर्स से १०० के ५ नोट निकाले और रीमा को दे ते हुए कहा ये ले
पहले ये पैसे अपने पास रख ....

रीमा ने झिझकते हुए कहा लेकिन भाभी आप ये पैसे मुझे क्यों दे रही हो ?

नीतू ने मस्
ु कराते हुए कहा अरे रख तो सही पहले फिर बताती हूँ ...

रीमा ने वो पैसे अपने बैग में रख लिए और नीतू को दे खने लगी ....

नीतू ने कहा ...... तझ


ु े अभी घर नहीं जाना इसलिए तू शाम तक मार्कि ट में घम
ू फिर कुछ खा पी और
सिनेमा दे ख .. परू ा दिन मस्ती कर और .शाम को घर चली जाना ....

नीतू की बात सुन कर रीमा घबराती हुई बोली ....

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