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Abdullah

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मोंटफोर्ट हिंदी डिबेट

हम इस धरती पर रहने वाले ,


बोलो क्या-क्या करते हैं,
सब कुछ करते बर्बाद यहां,
और घमंड में रहते हैंI
बोलो बिना प्रकृति के,
क्या यहां पर तम्
ु हारा है ,
जो तमु करते उपयोग यहां पे,
क्या उस पर अधिकार हमारा है I

दशकों से मानव प्रगति के नाम पर प्रकृति से खेल रहा है , बिना यह सोचे ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है , इसको नष्ट
करना अर्थात खद ु के पैर पर कुल्हाड़ी मारना है I मैं मोहम्मद अब्दल्
ु ला अहमद XYZ , आज का मेरा विषय है : क्या
मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन को उलट दिया जा सकता है ? मेरा कहना है , नहीं I मेरे मित्र ने अपनी बात को
रखा तो सही परं तु मैं उनसे असहमत हूं I क्योंकि, जिह्वा से निकली बात, डाली से टूटा फल और बादलों से झरा
जल पनु ः पहली वाली स्थिति में नहीं लाया जा सकता है ।

पथ्ृ वी की जलवायु हमेशा गर्म और ठं डी होती रही है I जलवायु परिवर्तन स्वाभाविक है , लेकिन अभत ू पर्व
ू दर से
जलवायु परिवर्तन असामान्य है I जलवायु परिवर्तन के भयानक परिणाम हम दनि ु या भर में दे ख सकते हैं ; चीन में
बाढ़ ;इथियोपिया में सख ू ा; हाइटी में भकू ं प; तर्की
ु , यनू ान और अल्जीरिया में जं
ग लों में लग रही आगI जलवायु
परिवर्तन का एक बड़ा कारण बढ़ती मानव जनसंख्या है I मानव जनसंख्या अभत ू पर्व
ू दर से बढ़ रही है , संयक्
ु त राष्ट्र
का अनम ु ान है कि 2050 तक, धरती की जनसंख्या 10 अरब हो जाएगीI जनसंख्या नियंत्रण के बिना मानव
निर्मित जलवायु परिवर्तन को उलटना मश्कि ु ल है Iआंकड़े और रुझान दिखाते हैं कि जलवायु परिवर्तन को उलट नहीं
किया जा सकता है I उदाहरण के लिए, जैसे-जैसे विकासशील दे शों में औद्योगिकरण बढ़ता जा रहा है , गैर
नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग बढ़ रहा है I गैर-नवीकरणीय ईंधन दनि ु या के लगभग 80% ऊर्जा की आपर्ति ू
करते हैंI गैर नवीकरणीय ईंधन का अंतिम उत्पाद कार्बन डाइऑक्साइड होता है , जो एक ग्रीनहाउस गैस है I
आधनि ु क औद्योगीकरण और पज ंू ीवाद के कारण हम यह कह सकते हैं, कि हम प्रदष ू ण की सीमाओं को पार करते
रहें गेI हम जलवायु परिवर्तन को धीमा करने में सक्षम हो सकते हैं, लेकिन उसे उलट ना विरोधाभासी है I भले ही हम
पेड़ों को काटना रोक दें , गैर नवीकरणीय संसाधनों का इस्तेमाल कम कर दें ,तब भी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को
परू ी तरह से रोकने के लिए 1000 साल का समय लगेगाI अब हमें यह तय करना है , कि हम हमारी आने वाली पीढ़ी
को एक सरु क्षित धरती दे पाएंगे या नहीं?

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