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यनू िट 1: योग, मािनिक निकार और परामर्श का पररचय

टॉनपक 1: योग की पररभाषा और मािनिक स्िास््य के निए इिकी प्रािंनगकता


योग भारत से उत्पन्न एक प्राचीन अभ्यास है जो शारीररक आसन, श्वास अभ्यास, ध्यान और विश्राम तकनीकों को जोड़ता है। शब्द "योग" संस्कृ त
शब्द "युज" से विया गया है, वजसका अर्थ है एकजुट होना या जुड़ना, शरीर, मन और आत्मा के वमिन का वजक्र करना।

योग ने हाि के िर्षों में व्यायाम और विश्राम के रूप में व्यापक िोकवप्रयता हावसि की है, िेवकन इसके कई मानवसक स्िास््य िाभ भी हैं। अध्ययनों
से पता चिा है वक वनयवमत योग अभ्यास तनाि, वचंता और अिसाद को कम करने और समग्र कल्याण में सुधार करने में मदद कर सकता है।

योग मानवसक स्िास््य को िाभ पहंचाने िािे मुख्य तरीकों में से एक है, ध्यान और सांस की जागरूकता पर ध्यान कें वित करना। सांसों के सार्
तािमेि विठाना और पि में मौजूद रहना सीखकर, वचवकत्सक अपनी भािनाओ ं को प्रिंवधत करना सीख सकते हैं और तनािपूणथ वस्र्वतयों में
अवधक प्रभािी ढगं से प्रवतवक्रया कर सकते हैं।

योग को तनाि हामोन कोवटथसोि के स्तर को कम करके और मवस्तष्क में सेरोटोवनन और डोपामाइन जैसे फीि-गुड रसायनों के स्तर को िढाकर
मनोदशा में सधु ार और विश्राम को िढािा देने के विए भी वदखाया गया है।

कुि वमिाकर, मानवसक स्िास््य और कल्याण में सुधार के विए योग एक शविशािी उपकरण हो सकता है, जो एक समग्र दृविकोण प्रदान करता
है जो स्िास््य के शारीररक और मानवसक दोनों पहिओ
ु ं को सिं ोवधत करता है।

मािनिक स्िास््य में योग की भूनमका


योग विवभन्न तरीकों से मानवसक स्िास््य को िढािा देने में महत्िपूणथ भूवमका वनभा सकता है। यहां कु छ ऐसे तरीके वदए गए हैं वजनसे योग मानवसक स्िास््य को
िाभ पहंचा सकता है:

तनाि कम करना: आसन, प्राणायाम और ध्यान जैसे योग अभ्यास पैरावसम्पेर्ेवटक तंविका तंि को सवक्रय करके तनाि के स्तर को कम करने के विए वदखाए गए
हैं, जो विश्राम को िढािा देता है और कोवटथसोि जैसे तनाि हामोन के उत्पादन को कम करता है।

मूड में सुधार: योग के वनयवमत अभ्यास से डोपामाइन, सेरोटोवनन और जीएिीए जैसे न्यूरोट्ांसमीटर के स्तर में िृवि देखी गई है, जो मूड में सुधार और अिसाद
और वचंता के िक्षणों को कम करने से जुड़े हैं।

माइडं फु िनेस िढाना: योग में ितथमान क्षण पर ध्यान कें वित करना और सांस पर ध्यान देना शावमि है, जो माइंडफु िनेस विकवसत करने में मदद करता है।
माइंडफु िनेस को अिसाद, वचंता और तनाि के िक्षणों को कम करने के विए वदखाया गया है।

आत्म-जागरूकता को िढािा देना: योग व्यवियों को अपने शरीर और अपने विचारों को ट्यून करने के विए प्रोत्सावहत करके आत्म-जागरूकता को िढािा देता
है। यह आत्म-जागरूकता व्यवियों को उनकी भािनाओ ं को अवधक प्रभािी ढंग से पहचानने और प्रिंवधत करने में मदद कर सकती है, वजससे मानवसक स्िास््य
में सुधार होता है।

ररिैक्सेशन िढाना: कु छ योगाभ्यास जैसे वक योग वनिा, रेस्टोरेवटि योग और सिासन गहरी ररिैक्सेशन और शांवत को िढािा देते हैं। ये अभ्यास वचंता और
अिसाद के िक्षणों को कम करने में प्रभािी पाए गए हैं।

कु ि वमिाकर, योग मानवसक स्िास््य के विए एक समग्र दृविकोण प्रदान करता है जो विश्राम को िढािा देने, तनाि कम करने, मूड में सुधार िाने और आत्म-
जागरूकता िढाने में फायदेमंद हो सकता है। योग को अपनी वदनचयाथ में शावमि करना मानवसक स्िास््य और कल्याण को िढािा देने के विए एक महत्िपूणथ
उपकरण हो सकता है।

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