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YOGA

Yoga is derived from Sanskrit word Yuj= to unite.

Patanjali sutras dated back 300AD

Yoga aims at union of empirical self and transcendental self.

Chitta, Vritti, Nirodha i.e mind, fluctuations, cease.

It is the one of the oldest tradition of Self-verification.

The goal is to seek harmony between Spirit/mind and Body.

• It have both the approaches

1. Positive - Self realization

2. Negative - dealing with the issues

It follows the SAMKHYA philosophy


History of Yoga
योग का इितहास हजार- वष0 से लापता है और यह ूाचीन भारत क; संःकृ ित और आ@याABमक Dवकास मE गहराई से
िनGहत है । योग क; Dवकास क; ूGबया कई चरण- के मा@यम से दे खी जा सकती है :
1.पवू व $ े&दक काल: योग क; उBपDN क; DविशP उBपDN क; जानकारQ नहQं होती है , लेGकन उसके ूाचीन अवलोकन- के
अनुसार, इं डस वैली सUयता (लगभग 3300–1300 ईसा पूव)W मE @यान और आ@याABमक ूतीकता से संबंिधत अUयास- क;
अAःतBव क; संभावना है । ये ूारं िभक अUयास वे आधार रखते हZ Aजनसे बाद मE योग के [प मE समDपWत Gकया गया।
2.वै&दक काल (1500–500 ईसा पव ू )$ : वेद- मE योग से संबंिधत अनुशंसाएँ हZ , AजनमE @यान, ःवा@याय, और आBम-िनयंऽण
जैसे अवधारणाएँ शािमल हZ । "योग" श_द ःवयं ऋaवेद मE उbलेAखत होता है , Aजससे योग क; ूाचीनता ूितDcत होती है ।
3.उप5नषद8 काल (800–500 ईसा पव ू )$ : उपिनषद- मE वाःतDवकता, आBमा, और ॄe क; परfपरा िमलती है । इस काल मE
आBमा और ॄe के बीच के संबंध क; खोज क; गई थी।
4.पव ू -$ शा<=ीय योग (500 ईसा पव ू –$ 200 ईसा): इस दौरान, Dविभiन Dवचारधाराओं ने उस आधार क; नींव रखी Aजससे बाद
मE kलािसकल योग बना। भगवद गीता ने कमWयोग, भDlयोग, और mानयोग क; अवधारणाएँ ूःतुत क;।
5.BलाCसकल योग (200 ईसा पव ू –$ 400 ईसा): kलािसकल योग काल मE पतंजिल ऋDष nारा योग सूऽ का संDवदान Gकया
गया, जो योग क; दशWन और अUयास- क; मूल आधारभूत Dववरण करता है ।
6.पो<ट-BलाCसकल काल (400–1500 ईसा): इस दौरान, Dविभiन Dवचारधाराएँ Dवकिसत हुo जो योग क; Dविभiन Gदशाओं
को संवाGदत करती हZ । तंऽ योग, भDl योग, और mान योग इनमE से कुछ हZ ।
7.मॉडन$ काल (19वीं सद8–वत$मान): 19वीं और 20वीं सदQ मE योग को पAqमी दिु नया मE ूसाrरत करने के िलए योग
गुsओं का महBवपूणW योगदान था। ःवामी Dववेकानंद ने 1893 मE िशकागो के Dवt धमW महासभा मE योग का ूःतावना
Gकया था। 20वीं सदQ मE बी.के.एस. अuयEगार, पNािभ जोियस, और ःवामी िसवानंद जैसे ूमुख vयDlय- ने अपने िशwा
और उपाय- के मा@यम से योग का Dवtvयापी ूसार Gकया।
आज, योग कई [प- मE Dवtभर मE अUयास Gकया जाता है , पारं पrरक अUयास- से लेकर आधुिनक [प- तक। यह शारQrरक,
मानिसक, और आ@याABमक कbयाण के िलए एक Dवशाल तxव है ।
योग का दश(न (Philosophy of Yoga)
योग का दश(न (Philosophy of Yoga) *व*वध आ.या/0मक, नैितक और 7यायािमक िस9ांत; का एक ूकार का जादग
ू र है । यह ूाचीन भारत
मE उ0पHन हुआ था और मुKय Lप से "योग सूऽ" मE Oदखाई गई यह बात है । योग का दश(न कई घटक; मE बाँटा जा सकता है :

1.यम और &नयम: ये नैितक माग(दश(न और िस9ांत हV जो योिगक जीवन के आधार के Lप मE काय( करते हV । यम नैितक िनयम; कW सूची
है , जैसे Oक अOहं सा (अOहं सा), स0य (स0य) और अपYरमह (अपYरमह)। िनयम *वचारणाएँ हV जैसे Oक शौच (शौच), संतोष (संतोष) और
तपःया (तपःया)।

2.आसन: शार_Yरक आसन; का अ`यास योग का Oहःसा है , /जसे आसन कहते हV । ये आसन सामाHयत: लचीलापन और श*b के लाभ के
साथ-साथ आ0मा कW मानिसकता को .यान मE लाने के िलए Oकये जाते हV ।

3.*ाणायाम: ूाणायाम मE cास कW िनगरानी और िनयंऽण शािमल है । cास को जीवन श*b माना जाता है , और ूाणायाम ूै/dटसेस के
मा.यम से योिगय; का शर_र और मानिसक ःवाःeय सुधारने का उfे ँय होता है ।

4.*-याहार: ू0याहार बाh *व/iिjय; और ूासंिगक उkेजनाओं से इ/Hिय; कW वापसी होती है । यह .यान के िलए तैयार_ का एक ूकार
होता है , जो योगीय; को अपना .यान अंतमुख
( ी Oदशा मE करने कW अनुमित दे ता है ।

5.धारणा: धारणा मानिसक एकामता या .यान का है । इसमE मन को एक ह_ *बंदु पर कEOित करने कW ूिशiा कW जाती है , अdसर मंऽ;,
oँय;, या अHय तकनीक; का उपयोग करके।

6.0यान: .यान को मेOडटे शन कहा जाता है , एक आवँयक मानिसक एकामता और जागLकता कW /ःथित। इस /ःथित मE, मन .यान के
*वषय मE डू ब जाता है , /जससे आंतYरक शांित और अंतo( *q कW गहर_ अनुभिू त होती है ।

7.समा1ध: समािध को अdसर योग का अंितम लआय माना जाता है । यह एक ऐसी आ.या/0मक *वलीनता कW /ःथित है , /जसमE योगी
Oद7य के साथ एकता या िमलान कW अनुभिू त करता है , अहं कार और 7य*bगत पहचान कW सीमाओं को पार करके।
Ashtanga Yoga and Three Disciplnes
o Ethico-Religious - code of conduct.
o Yama
o Niyama
o Psycho-vital - body functioning
o Asan
o Pranayam
o Psycho-Spiritual - over all functioning
o Pratyahara
o Dharna
o Dhyan
o Samadhi
आPांग योग एक ूमुख योग ूथा है जो @यान और आBम-साwाBकार क; ूािy को उzे ँय बनाती है । यह योग पथ के
अPांग Gहःस- का उपायन करता है AजसमE यम, िनयम, आसन, ूाणायाम, ूBयाहार, धारणा, @यान, और समािध शािमल
होते हZ ।
आPांग योग के अPांग Gहःसे िनfनिलAखत होते हZ :
1.यम (Moral Restraints): यम नैितक िनयम- का समूह होता है जो vयDl क; आचार-vयवहार मE िशwा करते हZ । ये
नैितकता, अGहं सा (अiयाय से परे रहना), सBय, अःतेय (चोरQ नहQं करना), और अपrरमह (मानव मE लोभ नहQं करना)
शािमल होते हZ ।
2.5नयम (Ethical Observances): िनयम आBम-िनयंऽण के ूकार होते हZ जो vयDl क; आचार-vयवहार मE समपWण और
सादगी को ूोBसाGहत करते हZ । इनमE शौच (शुD}), संतोष (संतोष), तपःया (तप), ःवा@याय (ःवयं के ूित अ@ययन), और
ईtर ूAणधान (ईtर मE समपWण) शािमल होते हZ ।
3.आसन (Physical Postures): आसन शरQर क; लचीलापन और शDl को Dवकिसत करने के िलए Gकए जाने वाले शारQrरक
अUयास होते हZ । यह शारQर, मन, और आBमा क; Dऽकरण (तीन- तxव- क; समiवियत vयDl) क; Aःथरता बढ़ाते हZ जो
@यान क; Gदशा मE महBवपूणW होती है ।
4.Nाणायाम (Breath Control): ूाणायाम शरQर के ूाण (वायु शDl) का िनयंऽण करने के उzे ँय से Gकए जाने वाले अUयास
होते हZ । यह tास क; गित को िनयंDऽत करके मानिसक शांित और आBम-साwाBकार क; Gदशा मE सहायक होते हZ ।
5.NPयाहार (Withdrawal of Senses): ूBयाहार मानिसक Gदशा क; Gदशा मE एक ूGबया होती है AजसमE इAiिय- क; बाहरQ
ूेरणाओं से DवमुDl ूाy क; जाती है ।
6.धारणा (Concentration): धारणा मानिसक एकामता क; Aःथित है AजसमE मन को एक DविशP Dवचार या वःतु पर कEGित
Gकया जाता है ।
7.Tयान (Meditation): @यान मानिसक एकामता क; गहराई मE जाकर एक DविशP Dवचार या Dवषय को समझने और अनुभव
करने क; Aःथित है ।
8.समाUध (Union): समािध आBमा क; परम Aःथित है , AजसमE vयDl अपने आBमा का आGदम ःथान पहचानता है और
सfपूणत W ा क; अनुभव करता है ।
ये आठ अंग आPांग योग के मु‚य Gहःसे होते हZ Aजनका अUयास करके योगी आBमा क; साwाBकार ूाy करते हZ ।

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