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हिबैनामा
हिबैनामा
स्टाम्प शुल्क माय ड्यूटी : - ........... /- रुपये का ई – स्टाम्प सर्त्फि काते नंबर .... द्वारा अदा किया गया है |
.........................................................................
हम की श्री .......................................................( पेन नम्बर : ................................. ) ( आधार नम्बर :
- ........................................................................... ) पुत्र स्व. श्री
................................................ निवासी ........................................................................ –
प्रथम पक्ष (दानदाता) ||
व
जो की एक आवासीय प्लाट संख्या : स्थित ....................................... कु ल रकबा ......... के व्यक्तिगत स्वामी , काबिज़
मालिक व पूर्णतया विक्रय अधिकारी हैं | प्रथम पक्ष ने उक्त प्लाट को बजरिये बैनामा दिनांक ................... बही नम्बर ......
जिल्द ...... के सफे .... / ....... में नम्बर ...... पर दिनांक ...............ई. को कार्यालय उपनिबंधक तृत्तीय मेरठ हुई इकरारी
................... से खरीद किया था | प्रथम पक्ष का यह प्लाट आक की तिथि तक प्रत्येक प्रकार के भार आदि से मुक्त तथा रहित
है तथा कोई वैधानिक त्रुटी अथवा दोष प्रथम पक्ष के अधिकारों में बाधक नहीं है | प्रथम पक्ष की हार्दिक इच्छा है की वह अपने
जीवन काल में ही उक्त प्लाट का अपने सामान ही द्वित्तीय पक्ष का स्वामी बना दें , क्योंकि प्रथम पक्ष को अपनी पुत्री श्रीमती
................................................................ पत्नी श्री ................................................ निवासी
........................................................................ से हार्दिक स्नेह है अतः इस अत्यधिक स्नेह के कारण ही वे
उक्त प्लाट को उनके नाम हिबै कर रहे हैं | पथम पक्ष अपने उक्त प्लाट को अपनी स्वयं की इच्छानुसार , स्थिर बुद्धि व विवेक तथा
स्वस्थ इन्द्रियों की दशा में बिला दबाव व बहकाव किसी के बिला कोई प्रतिफल प्राप्त किये , अपनी पुत्री श्रीमती
................................................................ पत्नी श्री ................................................ निवासी
: .............................................................. , द्वित्तीय पक्ष को हिबै कर रहे हैं और आज के बाद प्रथम पक्ष का
कोई स्वामित्त्व अधिकार उक्त प्लाट से शेष नहीं रहा है और ना ही आइन्दा होगा | कब्ज़ा मालिकाना एवं भौतिक दानग्रहीता द्वित्तीय
पक्ष को प्रदान कर दिया है और द्वित्तीय पक्ष दानग्रहीता ने उसे स्वीकार कर लिया है | अब उक्त प्लाट से सम्बन्द्धित समस्त अधिकार
दानग्रहीता द्वित्तीय पक्ष को प्राप्त होंगे व रहेंगे | द्वित्तीय पक्ष को अधिकार होगा की वह उक्त प्लाट से सम्बन्द्धित सभी सरकारी,
अर्धसरकारी व गैर सरकारी विभाग , नगर निगम व बिजली विभाग आदि में अपना नाम स्वामी के रूप में अंकित करा ले , जिसमें
प्रथम पक्ष दान दाता को कोई आपत्ति नहीं होगी | अगर इस सम्बन्द्ध में द्वित्तीय पक्ष दानग्रहीता को प्रथम पक्ष दान दाता के किसी
प्रार्थना पत्र या शपथ पत्र पर हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी तो प्रथम पक्ष दान दाता उन प्रार्थना पत्र व शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने
के पाबन्द रहेंगे | यदि आज से पूर्व का कोई कर/सरकारी-गैर सरकारी देयता शेष होगा तो उसके चुकता करने का भार प्रथम पख
दान दाता का होगा और आज की तिथि से सभी प्रकार की दयता का भुगतान स्वयं द्वित्तीय पक्ष दानग्रहीता किया करेंगे | अगर अब
या आइन्दा प्रथम पक्ष दानदाता का कोई एनी वारिस व कोई सगा – सम्बन्धी इस दान पत्र के खिलाफ किसी प्रकार की कोई दावेदारी
करता है तो वह कतई नाजायज़ समझी जाएगी | यह कि उक्त दान पत्र द्वारा दानग्रहिता को उक्त प्लाट को किसी अन्य व्यक्ति /
सन्स्थान अथवा ट्रस्ट को बैनामा , इकरारनामा, हिबैनामा आदि करने का पूर्ण व अबाधित अधिकार होगा तथा द्वित्तीय पक्ष दानग्रहीता
को उक्त प्लाट को किसी बैंक / सन्स्था आदि में बंधक रखने का व उक्त प्लाट पर ऋण लेने का अधिकार भी होगा तथा जो भी
अधिकार प्रथम पक्ष को उक्त प्लाट के बैनामे द्वारा प्राप्त थे अब वह सभी अधिकार द्वित्तीय पक्ष दानग्रहीता को प्राप्त होंगे | यह की
दानदाता का उक्त संपत्ति में कोई हिस्सा शेष नहीं रह गया है | दानदाता ने अपना सम्पूर्ण हिस्सा उक्त संपत्ति में द्वित्तीय पक्ष
दानग्रहीता को हिबै कर दिया है | अतः यह दानपत्र / हिबैनामा लख दिया एवं निम्न सक्शिगन के सम्मुख निष्पादित कर दिया है
ताकि प्रमाणित एवं उपयोगी हो | इति ||
पूरब :-
पश्चिम :-
उत्तर :-
दक्षिण :-
गवाह :-
गवाह : -
दिनांक ...../ .... / २०२१ ई. मसविदा श्री sanjay कु मार गुप्ता, आलेखक, मेरठ ||