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गोदनामा या दतक ग्रहण प्रारूप
गोदनामा या दतक ग्रहण प्रारूप
यह दतक / गोद विलेख पत्र आज ददन ांक .........को उभय पक्षक रों के मध्य ननम्न रूपेण सांप ददत ककय गय –
श्री ........................पत्र
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कक प्रथम पक्ष के विि ह हुए करीब..........स ल हो चुके है और प्रथम पक्ष के कोई जीवित पुत्र अथि पुत्री नहीां
है और अब प्रथम पक्ष के कोई सांत न होने की उम्मीद भी नहीां है। इसललये प्रथम पदक्ष अपने मक न को खुल
रखने, अपने न म एिां िांश को आगे बढ ने एिां अपनी ज यद द को सुच रू रूप से दे खभ ल व्यिस्थ करने एिां
ज यद द क सही उपयोग हेतु एक पुत्र को दत्तक लेन च हत है ।
कक द्वितीय पक्ष के च र पुत्र है तथ द्वितीय पक्ष के इन च र पुत्रों में से द्वितीय पक्ष क तीसर पुत्र वि.
..........को प्रथम पक्ष गोद लेन च हत है और द्वितीय पक्ष भी अपने तीसरे पुत्र चच. ...............को दत्तक दे ने
को सहमत है।
1. प्रथम पक्ष के कोई जीवित पुत्र नहीां है और प्रथम पक्ष द्वितीय पक्ष के तीसरे पुत्र ....... को गोद लेन
च हते हैं जजसे द्वितीय पक्ष ने स्िीक र ककय है।
2. कक प्रथम पक्ष की पजनन श्रीमनत ...... ने भी द्वितीय पक्ष के तीसरे पुत्र ...... को गोद लेने की अपनी
सहमनत प्रथम पक्ष को दे दी है।
3. कक द्वितीय पक्ष की पजनन श्रीमनत दे िी ने भी अपने तीसरे पुत्र रमेश को प्रथम पक्ष को गोद दे ने में
अपनी सहमनत प्रद न कर दी है।
4. यह कक ...................... को गोद लेने क स र क यषक्रम एक सम रोह के रूप में स म जजक रीनत
ररि ज के अनुस र पक्षक र न के दोस्तों, लमत्रो, ररश्तेद रों, सांबांचियों तथ अन्य व्यजततयों की उपजस्थनत
में प्रथम पक्ष के मक न पर ददन ांक ...... को सम्पन्न ककय ज चक
ु है।
5. कक दत्तक क यषक्रम के सम रोह के समय स म जजक रीनत ररि ज के अनुस र दोस्तों, लमत्रों, सांबचियों,
ररश्तेद रों, पड़ौलसयों में लमठ ईय ाँ ब ांटी गयी और द्वितीय पक्ष ने अपने तीसरे पुत्र ......... को प्रथम
पक्ष की गोद में सबके स मने रख । इस प्रक र तम म दत्तक की क यषि ही सम्पन्न की गयी।
7. कक आज से .......... को िे तम म हक, हकूक एिां अचिक र प्र प्त होंगे जो मेरे ज यन्द पुत्र को होते
8. कक द्वितीय पक्ष क आज से............पर कोई अचिक र नहीां होग और ........ ही मेरी तम म चल-
अचल सम्पवत्त क ि ररस, उत्तर चिक री म न ज येग । रमेश क द्वितीय पक्ष की चल-अचल सम्पवत्त
पर कोई अचिक र नहीां होग ।