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देश की आर्थिक र्िर्ियों के र्िर्धिरण में पूरी िरह से असफल कधांग्रेस

पधर्टी- िेहरू से लेकर मिमोहि र्सहां कध मर्हमध मांडि एक छलधवध


जवाहरलाल नेहरू जजन्हें 1946 में जिसी भी प्रदेश िाांग्रेस िमेटी ने अध्यक्ष पद िे योग्य
नहीं समझा और उनिो 12 में एि भी सजमजि िा समर्थन नहीं जमला, सभी प्रदेश िाग्रां ेस
िमेटी सरदार वल्लभ भाई पटेल िो अध्यक्ष और सत्ता हसिाांिरण िे बाद भारि िा प्रधान
मांत्री िे रूप में चाहिी र्ी। परन्िु गाांधीजी िे हठ िे िारण जवाहरलाल नेहरू िो अध्यक्ष
और अन्न्िोगत्वा सत्ता हसिाांिरण िे बाद भारि िा पहला प्रधान मांत्री बनाया गया।
जवाहरलाल नेहरू प्रारम्भ से ही समाजवादी अर्थव्यवसर्ा िे पक्षधर रहे, जजसे आगे
चलिर नेहरूजवयन मॉडल िे नाम से प्रचाररि जिया गया। अिां ि: यह मॉडल पणू थ रूप से
असफल जसद्ध हुआ और 1991 आिे-आिे देश जदवाजलया होने िी िगार पर खड़ा हो
गया।
मनमोहन जसहां जजन्हें िॉग्रेस इिो जससटम ने एि महान सधु ारि अर्थशास्त्री िे रूप में
जदखाया और जो 1971 से लेिर 2014 (मई) िि जवत्त जवभाग िे महत्वपणू थ पदों पर रहने
िे सार् भारि िे प्रधान मांत्री भी दस वर्षों िि रहे।
श्रीमिी इजां दरा गाधां ी िे शासन िाल में 1971 में आजर्थि सलाहिार. 1972-76 िि मख्ु य
आजर्थि सलाहिार, जिर ररज़वथ बैंि ऑफ इजां डया िे डायरे क्टर, जफर उप सभापजि -
प्लाजनगां िजमशन, जफर गवनथर - ररज़वथ बैंि ऑफ इजां डया। इसिे बाद नरजसम्हाराव िी
सरिार में जवत्त मत्रां ी और अिां में सोजनया गाधां ी िे शासनिाल में दो बार प्रधान मत्रां ी (जबना
चनु ाव जीिे, राज्य सभा िे सदसय िे रूप में) ।
मनमोहन जसांह नेहरूजवयन मॉडल िे समर्थि रहे हैं और यही िारण र्ा जि वे इजां दरा गाांधी
से लेिर सोजनया गाांधी (गाांधी पररवार) िे जप्रय बने रहे।
यह िहना िदाजप गलि नहीं होगा जि जवाहरलाल नेहरू से लेिर सोजनया गाधां ी (डॉ.
मनमोहन जसांह) िॉग्रेस सरिार िी आजर्थि जनजियों िे िारण देश में जविास िम और
गरीबी बेरोजगारी अजधि हुई। इस िर्न िी पजु ि जनम्नजलजखि त््यों से हो जािी है:
1. सन 1960 में भारि िी प्रजि व्यजि जी.डी.पी. दजु नया िे औसि िा 18% र्ी। इसिा
मिलब यह हुआ जि एि डालर िे सामने प्रजि व्यजि आय िे वल 18 सेंट्स र्ी।
सैद्धाांजिि रूप से जिसी भी अच्छे जविासशील देश िी प्रजिव्यजि आय आगामी वर्षों में
बढ़ना चाजहये, परन्िु आगामी िीस वर्षों में भारि िी प्रजि व्यजि जी.डी.पी. दजु नया िे
औसि िा 6% रह गयी, पररणाम सवरूप सन 1991 में देश आजर्थि रूप से जदवाजलया होने
िी जसर्जि में पहुचां गया।

19991

1971 से डॉ. मनमोहन जसहां लगािार जिसी न जिसी रूप से िॉांग्रेस सरिार में आजर्थि
सलाहिार रहे। उनिे योगदान मल्ू याि
ां न िरना िजठन नहीं है।
1991 में नरजसम्हा राव िी सरिार िे सामने अभिू पवू थ आजर्थि सांिट खड़ा हो गया,
पररणाम सवरूप सरिार िो वल्डथ बैंि और आई.एम.एफ. िे सामने हार् फै लाना पड़ा।
इन ससां र्ानों ने सरिार िे सामने अनेि शिें रखी मख्ु यि: आजर्थि सधु ार, खल ु ा बाजार,
उद्योग जनजि में सधु ार, श्रम िाननू ों में सधु ार आजद-आजद। जववशिा वश सरिार िो सभी
शिें माननी पड़ी एवां दसिावेज़ों ित्िाजलन जवत्तमांत्री डॉ. मनमोहन जसांह ने हसिाक्षर जिये।
उस समय महान िाटूथजनसट श्री आर.िे . लक्ष्मण ने एि िाटूथन में सारी पोल खोल दी र्ी,
जैसा उपर जदखाया गया है जि नरजसम्हा राव और मनमोहन जसहां िे हार् मोड़ जदये गये दोनों
आइ,एम. एफ. िे ऑजफस से बहार आ रहे बेल आउट पैिेज पर हिाक्षर िरने िे बाद और
नरजसम्हा राव मनमोहन जसांह से िह रहे जि िोई अगर हार्ों िे जवर्षय में पछ
ू े िो िहना जि
हमने सवयां ही अपने हार् िो मरोड़ जलए हैं ।
पररणाम सवरूप देश ने धीरे -धीरे आजर्थि मदां ी से बहार आने लगा एवां जी.डी.पी. बढ़ने
लगी। इससे यह सपि हो जािा देश में अगर आजर्थि िा सधु ारों िा श्रेय अगर जिसी िो
जािा है िो वह वल्डथ बैंि और आई.एम.एफ. िो न जि िॉांग्रेस इिो जससटम िे द्वारा
प्रचाररि डॉ. मनमोहन जसांह िो। यह सपि है जि अगर डॉ. मनमोहन जसांह सचमचु महान
अर्थशास्त्री होिे िब 1971 से 1991 िे देश िी आजर्थि जसर्जि में बेहिरीन सधु ार आ
चाजहये र्ा, जबजि हुआ इसिा उलट । यह एि बाि और सपि होिी िी नेहरूजवयन
मॉडल देश िो आजर्थि जविास िे पर् में लाने में पणू थ िरह से असफल रहा ।
1960 से 1991 िे बीच देश िो जो आजर्थि नि ु सान हुआ, उसिी भरपाई होने िीस वर्षथ
लग गये । 2021 में प्रजि व्यजि जी.डी.पी. दजु नया िे औसि िा 18% पर आयी और
जवर्षेश रूप 2014 िे बाद एन.डी.ए. सरिार िी आजर्थि एवां अन्य जनजियों िे पररणाम
सवरूप देश आजर्थि प्रगजि िे पर् पर है और जवश्व िी पाचां वी बड़ी आजर्थि शजि है।
2. नेहरूजवयन मॉडल िी असफलिा िा एि और उदाहरण : सब सहारन अफ्रीिी देशों
िी प्रजि व्यजि जी.डी.पी. 1960 से 2013 िि भारि से ज्यादा र्ी, जबजि सब सहारन
अफ्रीिी देश जवश्व िे सबसे गरीब देशों में जगने जािे हैं। 2014 में एन.डी.ए. सरिार िे आने
बाद जसर्जि में बदलाव आया है ।

2014

3. 1975 में देश में इजां दरा गाांधी िे द्वारा आपाििाल लगाने िा मख्ु य िारण इजां दरा गाांधी
और उनिे मख्ु य आजर्थि सलाहिार डॉ. मनमोहनजसांह िी आजर्थि जनजियों िी
असफलिा र्ी जजसिे पररणाम सवरूप 1974 में महगाई दर 29% िि पहुचां गयी िर्ा
जविास दर मात्र 1% । चनु ाव होने िी जसर्जि में िॉन्ग्रेस िी हार िय र्ी अि: आपाििाल
र्ोप जदया गया । आपाििाल लगने से महगाई दर पर िाबू िो हुआ परांिु 1976 िी
शरू
ु आि में महगाई दर जगर िर -8% हो गयी (जडफ्लेशन) यह आजर्थि गजिजवजधयों िे
ठप्प होने िा सांिेि होिा है।

उपरोि वजणथि ि्यों यह प्रमाजणि होिा है जि िॉग्रेस सरिारें नेहरू से लेिर सोजनया गाधां ी
(डॉ. मनमोहन जसांह) िि आजर्थि मोचे परू ी िरह जवफल रही है। परांिु िाांग्रेस िे प्रोपोगेंडा
इिो जससटम िी प्रशांसा िरनी पड़ेगी जि िै से देशवाजसयों िो समझा िर रखा जि
जवाहरलाल नेहरू बहुि महान और दरू दृिा र्े, इजां दरा गाांधी जििनी सहाजसि र्ी जो परू
िायथिाल में गरीबी हटाओ िो नारा देिी रही पर देश गरीब ही बना रहा, राजीव गाधां ी ने
देश िो आधजु नििा िी ओर ले गये, नरजसम्हा राव ने डॉ. मनमोहनजसांह िे सार्
उदारीिरण जिया और आजर्थि मागथ प्रशसि जिया और प्रधान मांत्री मनमोहन िे समय
सबिो ज्ञाि हो गया र्ा जि भारि जवश्व िी पाांच सबसे िमजोर अर्थव्यवसर्ा बन चि ु ी र्ी
(2012-13) ।
िधत्पयि यह है र्क िेहरू -गधांर्ी और मिमोहिर्सहां कध मर्हमधमडां ि मधत्र एक छलधवध
है।

र्वभोर दत्त झध

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