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भारत सरकार

भारतीय अथर्�वस्था
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भारत सरकार
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नई �दल्ली
फरवरी, 2024
भारतीय अथर् वस्था
पर
श्वेत पतर्

भारत सरकार
िव मंतर्ालय

नई िदल्ली
फरवरी, 2024
भारतीय अथ यव था पर वेत प

एक संहावलोकन

वष 2014 म जब हमने सरकार बनाई, अथ यव था नाजु क ि थ त म थी; लोक व बु र


अव था म थी; अ य धक कु बंधन और व ीय अनु शासनह नता या थी, और ाचार का
बोलबाला था। अ य धक संकटमय ि थ त थी। अथ यव था को मक प से सु धारने और
शासन यव था को पटर पर लाने क िज मेदार वशाल थी। उस समय हमार सरकार
दयनीय अव था के संबंध म ेत प लाने से बचती रह । उससे एक नकारा मक धारणा
बनती और नवेशक स हत सभी का व ास डगमगा गया होता। उस समय क मांग लोग
को आशाि वत करना, घरे लू और वैि क, दोन तरह के नवेश को आक षत करना,
अ य धक आव यक सु धार के लए सहायता दान करना था। सरकार ‘रा - थम’ और न
क राजनै तक छ व को चमकाने म व ास करती थी। अब जब क हमने अथ यव था को
ि थर कर लया है और इसे सु धार और वकास क ि थ त म ला दया है, यह आव यक हो
गया है क हम यू पीए सरकार ारा वरासत के प म छोड़ी गई तीयमानतः अलं य
चु नौ तय का सावज नक े म सार कर। “वष 2014 से पू व क अव ध क येक चु नौती
पर हमारे आ थक बंधन और शासन ारा जीत हा सल क गई। इससे दे श सतत उ च
वकास के अटल माग पर आ गया है। यह हमार सह नी तय , यथाथपू ण मंशाओं और
उपयु नी तय के ज रए संभव हु आ है।”1

“ वेत प ” के उ दे य:

 थम, इसम संसद के माननीय सद य और भारत क जनता को इस सरकार के वष


2014 म स ा म आने पर वरासत म ा शासन क कृ त और सीमा, आ थक
और राजकोषीय संकट से अवगत कराने का यास कया गया है।
 तीय, यह संसद के माननीय सद य और जनता को अथ यव था म सु धार लाने,
इसे वतमान म और अमृत काल म लोग क वकास क आकां ाओं को पू रा करने म
सश और स म बनाने क उन नी तय और उपाय के बारे म अवगत कराता है जो
हमार सरकार ने अपनाए ह।

बजट भाषण, व वष 2025


1

1
 तृतीय, ऐसा करने म, यह राजनी तक लाभ के बजाय शासन के मामल म रा ीय
हत और राजकोषीय िज मेदार क सव चता पर एक यापक, अ धक सू चत बहस
उ प न करने क उ मीद करता है।
 चतु थ, "नई ेरणाओं, नई चेतना, नए संक प के साथ खुद को रा ीय वकास के लए
तब करना, य क दे श अपार संभावनाओं और अवसर को उपल ध कराता है।”2

ेत प म वष 2004 म चु नी गई डॉ. मनमोहन संह के नेत ृ व वाल सरकार के लए


वैकि पक प से "यू पीए सरकार" श द का उपयोग कया गया है, और वष 2014 म
चु नी गई ी नर मोद के नेत ृ व वाल एनडीए सरकार के लए "हमार सरकार" का
उपयोग कया गया।

भाग 1 म, यू पीए सरकार के कायकाल के दौरान भारत क वृहद आ थक ि थ त पर चचा


क गई है, जहां दोहरे अंक क मु ा फ त, उछाल के दौर के दौरान लापरवाह के साथ
अ य धक ऋण दे ने के बाद ण ब कं ग े , और उ च नी तगत अ नि तता ने भारत
के कारोबार वातावरण को भा वत कया और अपनी छ व और अपने भ व य के बारे म
लोग के व ास को ठे स पहु ंचाई जब क वाजपेयी जी के नेत ृ व वाल एनडीए सरकार
ारा वष 2004 म उ च वकास मता के साथ एक व थ और समु थानशील
अथ यव था स पी गई थी। इस भाग म व वष 2004-20143 के दौरान लोक व के
कु बंधन और अदूरद शता पर भी चचा क गई है। दौरान कई घोटाल हु ए िजनसे
राजकोष के लए भार राज व नु कसान हु आ और राजकोषीय और राज व घाटे नयं ण
से बाहर हो गए। वष 2014 म हमार सरकार को एक बहु त ह जीण ीण अथ यव था
वरासत म मल , िजसक नींव को आ म नभर द घका लक आ थक वकास को स म
करने के लए पु न नमाण करना पड़ा।

भाग 2 यू पीए सरकार के व भ न ाचार घोटाल का उ लेख करता है।

भाग 3 म यह दशाया गया है क कैसे हमने अथ यव था को बदल दया, दे श क छ व


का पु न नमाण कया और बेहतर भ व य के लए हमारे लोग क आशाओं और
आकां ाओं को फर से जागृत कया। अब रा अपने खु द पर व ास और आ म व ास
के साथ आगे बढ़ रहा है।

2
धानमं ी का वतं ता दवस भाषण, 15 अग त, 2023
3
व वष का अथ है अ ल
ै से शु होने वाला व ीय वष।

2
भाग 1: 2014 क अथ यव था - नु कसान क वरासत

वष 2004 म एक दु त अथ यव था से वष 2014 म सु त अथ यव था तक

1. यू पीए सरकार को एक व थ अथ यव था वरासत म मल , जो अ धक सु धार के


लए तैयार थी ले कन इसने इसे अपने दस वष म गैर- न पा दत बना दया। वष
2004 म, जब यू पीए सरकार ने अपना कायकाल शु कया, सौ य व आ थक
वातावरण के बीच अथ यव था 8 तशत (उ ोग और सेवा े क वृ दर 7
तशत से अ धक और व वष 2004 म 9 तशत से अ धक कृ ष े क वृ
दर के साथ) क दर से बढ़ रह थी। वष 2003-04 के आ थक सव ण म कहा गया
है क
"अथ यव था वकास, मु ा फ त और भु गतान संतु लन के संदभ म
लचीले मोड म तीत होती है, एक ऐसा संयोजन जो नरं तर यापक
आ थक ि थरता के साथ वकास ग त के समेकन के लए बड़ी गु ंजाइश
दान करता है।"4

2. वडंबना यह है क यू पीए नेत ृ व जो 1991 के सु धार का ेय लेने म शायद ह कभी


वफल रहता है, उसने 2004 म स ा म आने के बाद उसे छोड़ दया। एक श शाल
अथ यव था के प म उभरने के शखर पर खड़े होने के बावजू द यू पीए सरकार ने
पछल एनडीए सरकार ारा रखी गई मजबू त नींव पर नमाण करने के लए शायद
ह कुछ कया था। 2004 और 2008 के बीच के वष म, एनडीए सरकार के सु धार
के भाव और अनु कूल वैि क प रि थ तय के कारण अथ यव था तेजी से बढ़ ।
यू पीए सरकार ने उ च वकास दर का ेय लया ले कन इसे मजबू त करने के लए
कुछ नह ं कया। सरकार क बजट ि थ त को मजबू त करने और भ व य क वकास
संभावनाओं को बढ़ावा दे ने के लए बु नयाद ढांचे म नवेश करने के लए उ च
वकास के वष का लाभ उठाने म वफलता उजागर हु ई। जैसा क एक स
अथशा ी ने उपयु प से कहा,
"पहले पांच वष क उ च वृ और कम मु ा फ त मु य प से वष
2002-07 के वैि क आ थक उछाल और वष 2004 से पहले कए गए
यापक, उ पादकता बढ़ाने वाले आ थक सु धार के कारण थी। यू पीए

4
आ थक सव ण 2003-04, व मं ालय, भारत सरकार

3
सरकार क आ थक नी तयां शु म औसत दज क थीं और जैसे-जैसे
दशक बीतता गया, उनक ि थ त और खराब होती गई।”5

3. इससे भी बु र बात यह है क यू पीए सरकार ने 2008 के वैि वक व ीय संकट के


बाद कसी भी तरह से उ च आ थक वकास को बनाए रखने क अपनी खोज म,
यापक आ थक नींव को गंभीर प से कमजोर कर दया। आ थक पयवे क के
अनु सार, अथ यव था गहरे कु बंधन और उदासीनता के तहत जू झ रह थी।

"मू ल प से, यू पीए सरकार का दशक उ च वकास और नवेश के वष


के सु नहरे अवसर के बावजू द, भारत क द घका लक आ थक मता को
मजबू त करने के लए आ थक, सामािजक और शास नक सु धार करने
म वफल रहा"।6

4. ऐसा ह एक नींव िजसे यू पीए सरकार ने बु र तरह कमजोर कया था, वह मू य


ि थरता थी। वष 2009 और 2014 के बीच मु ा फ त बढ़ गई और इसका
खा मयाजा आम आदमी को भु गतना पड़ा। व वष 2009 और व वष 2014
के बीच छह वष के लए उ च राजकोषीय घाटे ने आम और गर ब प रवार पर
संकट का ढे र लगा दया। व वष 2010 से व वष 2014 तक क पांच साल
क अव ध म, औसत वा षक मु ा फ त दर दोहरे अंक म थी। व वष 2004
और व वष 2014 के बीच, अथ यव था म औसत वा षक मु ा फ त 8.2
तशत थी (चाट 1)।

5
शंकर आचाय: "यूपीए क आ थक वरासत - अ छ , बुर या बदसू रत?", बजनेस टडड, 25 फरवर
2014(https://www.business-standard.com/article/opinion/shankar-acharya-upa-s-economic-legacy-good-bad-or-ugly-
114022501240_1.html)
बजनेस टडड म पूव मु य आ थक सलाहकार, डॉ शंकर आचाय का लेख, 25 फरवर 2014
6

https://www.business-standard.com/article/opinion/shankar-acharya-upa-s-economic-legacy-good-
bad-or-ugly-114022501240_1.html

4
चाट 1 : यू पीए के वष म मु ाि फ त के झान

ोतः अंतरा ीय मु ा कोष

ब कं ग णाल म अशो य ऋण
5. यू पीए सरकार क सबसे बड़ी और अपयश वरासत ब कं ग संकट थी। जब वाजपेयी
जी के नेत ृ व वाल एनडीए सरकार ने कायभार संभाला, सावज नक े के बक म
सकल गैर- न पा दत आि तय (जीएनपीए) का अनु पात 16.0 तशत था और जब
उ ह ने पद छोड़ा था, यह 7.8 तशत था। सतंबर 2013 म, पु नःसंर चत ऋण
स हत यह अनु पात बड़े पैमाने पर सावज नक े के बक के वा णि यक ऋण
नणय म यू पीए सरकार ारा राजनी तक ह त ेप के कारण 12.3 तशत तक चढ़
गया था (चाट 2)। इससे भी बदतर बात यह थी, अशो य ऋण क उ च तशतता
का कम आंकलन कया गया था।
चाट 2: यू पीए के कायकाल के दौरान गैर- न पा दत आि तय म वृ ध

ोत: चाट 2.13, व ीय ि थरता रपोट, भारतीय रज़व बक, अंक सं या 8, दसंबर 2013

5
6. वष 2014 म ब कं ग संकट वशाल था और दांव पर लगी पू ण रा श बहु त बड़ी थी।

माच 2004 म सरकार े के बक ारा सकल अ म केवल 6.6 लाख करोड़ पये

था। माच 2012 म यह 39.0 लाख करोड़ पये था। इसके अलावा, सभी सम या

वाले ऋण ( ॉ लम लोन) को मा यता नह ं द गई थी। बहु त कुछ सामने आना बाक

था। माच 2014 म का शत े डट सु इस रपोट के मु ता बक, एक से कम याज

कवरे ज अनु पात वाल शीष 200 कंप नय पर बक का लगभग 8.6 लाख करोड़ पये

बकाया है। उन ऋण म से लगभग 44 तशत (3.8'' लाख करोड़ पये) को अभी

तक सम या आि तय के प म मा यता नह ं द गई थी। इससे ह जीएनपीए

अनु पात म 67 तशत क और वृ होती। 2018 म, एक संसद य पैनल को

ल खत जवाब म, भारतीय रजव बक के पू व गवनर ने कहा

"वष 2006-2008 क अव ध म बड़ी सं या म अशो य ऋण उ प न हु ए थे।"7

अ य धक बा य अर तता

7. एक ऐसे यु ग म जब पू ंजी वाह का बोलबाला है , बा य वा णि यक उधार (ईसीबी)

पर अ य धक नभरता के कारण भारत क बा य र तता बढ़ गई है। यू पीए सरकार

के कायकाल के दौरान, ईसीबी 21.1 तशत ( व वष 04 से व वष 14) क

च वृ वा षक वृ दर (सीएजीआर) से बढ़ा, जब क व वष 14 से व वष 23

तक नौ वष म, यह 4.5 तशत क वा षक दर से बढ़ा है। इस लए इसम कोई

आ य नह ं क 2013 म जब अमे रक डॉलर तेजी से बढ़ा तो हमार अथ यव था

कमजोर ि थ त म थी। यू पीए सरकार ने बा और वृहद आ थक ि थरता से समझौता

कया था औऱ मु ा 2013 म गर गई थी। 2011 और 2013 के बीच अमे रक डॉलर

के मु काबले अपने उ च से नचले तर तक भारतीय पया 36 तशत तक गर

गया (चाट 3)।

यह नोट ोफेसर रघु राम जी राजन ारा 6 सतंबर, 2018 को संसद ा कलन स म त के अ य , डॉ मु रल मनोहर
7

जोशी, सांसद के अनुरोध पर तैयार कया गया था

6
चाट 3: 2011 और 2013 के बीच भारतीय पये क लगातार गरावट

0.024
0.023
0.022
0.021
0.02
USD/INR

0.019
0.018
0.017
0.016
0.015
0.014
Jul-11

Sep-11

Jul-12
Nov-11

Sep-12

Jul-13
Nov-12

Sep-13

Nov-13
Jan-11
Mar-11

May-11

Jan-12
Mar-12

May-12

Jan-13
Mar-13

May-13
ट पणी: चाट त अमर क डालर भारतीय पये को दशाता है । ोतः एफआरईडी

वदे शी मु ा संकट और एफसीएनआर (बी) वंडो

8. अ नवासी भारतीय के लए स ध वदे शी मु ा अ नवासी (एफसीएनआर (बी)


डपॉ सट वंडो वा तव म मदद के लए एक कॉल थी जब वदे शी मु ा भंडार क बड़ी
कमी थी। यू पीए सरकार के कायकाल म वदे शी मु ा भंडार जु लाई 2011 के 294
ब लयन अमर क डॉलर से घटकर अग त 2013 म कर ब 256 ब लयन अमर क
डॉलर रह गया था। सतंबर 2013 के अंत तक, वदे शी मु ा भंडार 6 मह ने के
आयात के व पोषण के लए पया था, जो माच 2004 के अंत म 17 मह न से
नीचे आ गया था। वदे शी ऋण के मु काबले वदे शी मु ा भंडार का अनु पात व वष
2011 के 95.8 तशत से घटकर व वष 2014 म 68.8 तशत रह गया।
लगातार बगड़ती ि थ त से उबारने के लए, भारतीय रज़व बक (आरबीआई) को
अग त- सतंबर 2013 म उ च ी मयम पर अमर क डालर जमा रा शय आक षत
करने के लए एफसीएनआर (बी) के लए एक वशेष वंडो खोल ।

9. व- न मत उपरो त दुदशा का महंगा समाधान 1991 के पु नः चलने क पु नरावृ के


प म सामने आया जब भारत को भु गतान संतु लन संकट के दौरान सहायता के लए
अंतरा य मु ा कोष से संपक करना पड़ा था। हालां क, 1991 से एक सं द ध अंतर
यह है क एफसीएनआर (बी) (26.6 ब लयन अमर क डालर) के मा यम से
एनआरआई से जु टाई गई रा श 1991 के आईएमएफ बेलआउट (2.2 ब लयन

7
अमर क डालर) से 12 गु ना अ धक थी! इस उ च लागत वाले डॉलर के ऋण का
मोचन व वष 2016 म नवहन के लए पीछे छोड़ दया गया था, एक दे यता
िजसका अब हमार सरकार ारा बना कसी यवधान के भु गतान कया गया है।

लोक व का घोर कु बंधन

10. वष 2008 के वैि वक व ीय संकट – ि पल-ओवर भाव से नपटने के लए एक


राजकोषीय ो साहन पैकेज – के त यू पीए सरकार क त या उस सम या से
कह ं अ धक खराब थी िजसे उसने संबो धत करने क मांग क थी। यह व पोषण
और उसे बनाए रखने के लए क सरकार क मता से परे था। दलच प बात यह
है क ो साहन का उन प रणाम से कोई संबंध नह ं था जो इसे ा करना चाहते थे
य क हमार अथ यव था संकट से अनाव यक प से भा वत नह ं हुई थी।
जीएफसी के दौरान, भारत क वकास दर व वष 2009 म धीमी होकर 3.1
तशत रह गई, ले कन व वष 2010 म तेजी से 7.9 तशत तक सु धर गई
(ता लका 1)। जीएफसी के दौरान और बाद म वा त वक जीडीपी वृ पर आईएमएफ
डेटा का उपयोग करते हु ए एक ॉस-कं व े षण इस त य क पु करता है क
भारतीय अथ यव था पर भाव अ य वक सत और वकासशील अथ यव थाओं क
तु लना म अपे ाकृ त सी मत था। व ांत ो साहन को एक वष से आगे जार रखने
क कोई आव यकता नह ं थी।
ता लका 1: भारत जीएफसी वष 2008 वारा बु र तरह से भा वत नह ं हु आ था

जीएफसी- भा वत वष जीएफसी- भा वत वष

उभरती अथ यव था 2008 2009 वक सत अथ यव था 2008 2009

ाजील 5.1 -0.1 कनाडा 1.0 -2.9

चीन 9.6 9.4 ांस 0.1 -2.8

भारत 3.9 8.5 जमनी 1.0 -5.7

इंडोने शया 7.4 4.7 इटल -1.0 -5.3

को रया 3.0 0.8 जापान -1.2 -5.7

मेि सको 0.9 -6.3 यूनाइटे ड कं गडम -0.2 -4.5

स 5.2 -7.8 यूनाइटे ड टे स 0.1 -2.6

ोतः आईएमएफ और एमओएसपीआई

8
यू पीए सरकार के व मं ी ने वष 2011 म अपने एक भाषण म इस बात को
वीकार कया था:
भारत, अ धकांश अ य अथ यव थाओं के वपर त, वक सत दु नया म 2008
क व ीय उथल-पु थल से गंभीर प से भा वत नह ं हु आ था.....8

11. यू पीए सरकार के तहत, सावज नक व को एक खतरनाक ि थ त म लाया गया था।


व वष 2009 से व वष 2014 के बीच लगातार छह वष के लए, सकल घरे लू
उ पाद (जीडीपी) के लए भारत के सकल राजकोषीय घाटे (जीएफडी) का अनु पात कम
से कम 4.5 तशत था। यह छह वष म से तीन वष म सकल घरे लू उ पाद के 4.5
तशत और 5 तशत के बीच था, एक म 5 तशत और 6 तशत के बीच और
दो वष म 6 तशत से अ धक था। राज व घाटा व वष 2008 म सकल घरे लू
उ पाद के 1.07 तशत से चार गु ना से अ धक बढ़कर व वष 2009 म 4.6
तशत हो गया। व वष 2010 म यह बढ़कर 5.3 तशत हो गई, व वष 2011
म थोड़ी गरावट के साथ 3.3 फ सद और व वष 2012 म फर बढ़कर 4.5
तशत हो गई।
12. बेलगाम राजकोषीय घाटे ने अथ यव था को राजकोषीय संकट क ओर ढकेल दया।
यह कोई आ य क बात नह ं थी क यू पीए सरकार ारा राजकोषीय समेकन9 के
लए ग ठत केलकर स म त ने व वष 2012-13 के दौरान व ीय ि थ त का
उपयु वणन कया। ासं गक उ रण न न ल खत हैः
"भारतीय अथ यव था वतमान म राजकोषीय संकट के कगार पर है, य द इस
ि थ त से उ प न गंभीर तकूल प रणाम को कुशल और समयब तर के से
टालना है तो राजकोषीय समेकन म तेजी लाने के उ े य से सु धारा मक उपाय
को एक अ नवाय आव यकता बना दया जाना है। चालू वष, 2012-13 क
वृ य के सावधानीपू वक व े षण से पता चलता है क य द त काल म याव ध
सु धारा मक कारवाई नह ं क जाती है तो राजकोषीय घाटा लगभग 61 तशत
हो सकता है जो सकल घरे लू उ पाद के 51 तशत के बजट अनु मान से कह ं
अ धक है। बेलगाम राजकोषीय घाटा, सावज नक ऋण के असंपोषणीय तर क
ओर ले जाता है , यापक आ थक असंतु लन के व भ न प का कारण बन
सकता है िजनके मा यम से घाटे को व पो षत कया जाता है।"
8
https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=77144
9
https://dea.gov.in/sites/default/files/Kelkar_Committee_Report.pdf

9
13. य द हम जो दे खते थे, वह अ धक चंतादायी था, जो हम नह ं दे ख सके, वह अ धक
सम याकार था। केलकर स म त का यह संकेत दे ना सह था क अंत न हत घाटा
बजट य घाटे से अ धक है। व वष 2013 से पहले भी ऐसा ह था। यू पीए सरकार
ारा तेल वपणन कंप नय , उवरक कंप नय और भारतीय खा नगम को जार
नकद सि सडी के बदले म व ीय वष 2006 से व वष 2010 तक पांच वष म
कुल 1.9 लाख करोड़ से अ धक क वशेष तभू तयां द ग । येक वष के लए
सि सडी बल म उनके समावेश ने राजकोषीय घाटे और राज व घाटे को बढ़ा दया
होगा जैसा क चाट 4 म दखाया गया है।

10
चाट 4: राजकोषीय और राज व घाटे : दे खा और अनदे खा

ोत: व भ न बजट द तावेज़, एमओएसपीआई (2011-12 क क मत पर बैक सीर ज)

14. अपने राजकोषीय कु बंधन के प रणाम व प, यू पीए सरकार का राजकोषीय घाटा अंत
म अपे ा से कह ं अ धक हो गया, और बाद म यह 2011-12 म अपने बजट क
तु लना म बाजार से 27 तशत अ धक उधार लेने लगी (चाट 5)। यह वैि क व ीय
संकट के तीन साल बाद हु आ जब सरकार को बजट य अनु मान से अ धक खच करने
के बजाय राजकोषीय प से समे कत होना चा हए था।

11
चाट 5: 2011-12 के राजकोषीय आंकड़ म भार वृ ध

घाटे का अ तरे क नवल बाजार उधा रय का अ तरे क

Budget Estimate Revised Estimate


7
5.9 436.4
6
4.6 343
per cent of GDP

5 4.4

in '000 crores
4 3.4
2.8
3
2 1.6

1
0
Fiscal Deficit Revenue deficit Primary deficit Budget Estimate Revised Estimate

ोत: व वष 2013 के लए क य बजट

15. राजकोषीय घाटे का बोझ अथ यव था के लए सहन करने हे तु वशाल हो गया।


इस लए, व ीय वष 2005 से 2014 म नी तगत वफलताओं के प रणाम व प
अ य धक अनु पादक सरकार उधार, अ भावी यय रणनी तय और राजकोष को होने
वाले राज व घाटे को समझने के लए गहराई म जाना मह वपू ण है।

क सरकार क बाजार उधा रय म भार वृ ध

16. वैि वक व ीय और आ थक संकट वारा पड़ने वाले भाव क त या दे ने के


बहाने (साथ ह यह तक दे ते हु ए क भारत संकट से भा वत नह ं था), यू पीए
सरकार ने अपने उधार का व तार कया और ब कुल भी अंकुश नह ं लगाया।
आरबीआई के अनु सार, "सरकार के शु बाजार उधार काय म ( दनां कत तभू तय )
का आकार आठ वष म लगभग 9.7 गु ना बढ़कर 2012-13 म 4.9 लयन हो
गया। इसके अलावा, सरकार ने 364- दवसीय े जर बल के मा यम से 1.16
10
लयन पये के अ त र त व पोषण का सहारा लया)"

10
ोत: भारतीय रज़व बक क वेबसाइट पर 4 माच, 2013 को जार मु ा और व पर आरबीआई रपोट,
2009-12 (पृ 47) का अ याय 3 ('भारत म राजकोषीय-मौ क सम वय: एक आकलन')।

12
दोषपू ण ाथ मकताएं और अवसंरचना एवं आि त सृजन क प ट उपे ा

17. यू पीए सरकार ने न केवल बाजार से अ य धक उधार लया, बि क उसने जु टाई गई


धनराशी का उपयोग अनु पादक प से कया। जब हम 2004-2014 के दौरान
सरकार ारा कए गए यय क मा ा, गु णव ा और समय का मू यांकन करते ह तो
यह पहलू प हो जाता है। पू ंजीगत यय, जो अवसंरना म सावज नक नवेश को
व पो षत करता है, को उन 10 वष म ाथ मकता से हटा दया गया था, िजससे
अथ यव था के लए द घका लक बाधाएं पैदा हु और इसक वकास मता से
समझौता हु आ। जैसा क चाट 6 म दशाया गया है, कुल यय के तशत के प म
पू ंजीगत यय ( याज भु गतान को छोड़कर) व वष 2004 म 31 तशत से घटकर
जो व वष 2014 म 16 तशत हो गया। यू पीए सरकार के कायकाल म
अथ यव था क आपू त बा धत रह । अ य धक घाटे से कुल मांग को लगातार बढ़ावा
दे ने के साथ, इसके प रणाम व प उ च मु ा फ त, उ च चालू खाता घाटा और एक
ओवरवै यू ड मु ा हु ई, जो सभी 2013 म चरमो कष पर पहु ं च गए जब भारतीय पया
ऐसी अ ववेकपू ण नी तय के बोझ के नीचे दब गया। सरकार यय को अ पका लक
लोकलु भावन उपाय क दशा म तैयार कया गया था।

चाट 6: ए कै पटल इि डफरस

Capital Expenditure as a per cent of total


expenditure (net of interest payments)
31%
28%

16%

2003-04 2013-14 2023-24


ोत: बजट द तावेज

18. अवसंरचना के सृजन क प ट उपे ा और संभारतं ीय बाधाओं क चु नौ तय से


औ यो गक और आ थक वकास लड़खड़ाया। यू पीए सरकार ने भ व य के लए
अवसंरचना नमाण के लए अपनी असफलता को वीकारा। एक जन हत या चका के
उ र म उ चतम यायालय म तु त कए गए एक शपथ-प म यू पीए सरकार ने

13
कहा है क रा ीय राजमाग के लगभग 40000 कलोमीटर म से 24000 कलोमीटर
रा ीय राजमाग को एनडीए शासन के दौरान 1997 से 2002 तक जोड़ा गया था।
उसके बाद, यू पीए के पछले दस वष म केवल लगभग 16,000 कलोमीटर रे ल माग
का व तार कया गया है।11

19. रजव बक क रपोट ने भी यू पीए सरकार वारा अ य धक राज व यय को इं गत


कया है। आरबीआई ारा 2009 म का शत वृहत आ थक और मौ क वकास
रपोट म उ लेख कया गया है क ‘वष 2008-09 क तीसर तमाह के दौरान
सरकार के अं तम उपभोग यय (जीएफसीई) म तेजी से वृ हु ई जो छठे वेतन
आयोग के भु गतान, कृ ष ऋण माफ पर यय, तेल और उवरक सि सडी और
तच य राजकोषीय उपाय 12 को प रल त करता है’। बहरहाल, यह उ लेखनीय है
क इस अव ध के दौरान बढ़े हु ए राज व यय व तार का एक बड़ा भाग (जीएफसी)
से पहले घो षत कया गया था। जीएफसी ने सं ग सरकार को राजनी तक लाभ के
लए कए गए अपने अ य धक राज व यय को समाज के लए कोई आ थक लाभ
दए बना छपाने का मौका दे दया।
20. खराब नी त नयोजन और न पादन के प रणाम व प यू पीए के वष के दौरान
सामािजक े क कई योजनाओं के लए बड़ी मा ा म धन खच नह ं कया गया,
िजसके प रणाम व प सरकार क योजनाओं क भावशीलता अपंग हो गई। 14
मु ख सामािजक और ामीण े के मं ालय 13 म, यू पीए सरकार (2004-14) क
अव ध के दौरान बजट य यय का कुल 94,060 करोड़ पये खच नह ं कया गया
था, जो उस अव ध के दौरान संचयी बजट अनु मान का 6.4 तशत था (चाट 7)।
इसके वपर त, एनडीए सरकार (2014-2024) के दौरान, बजट य यय का 37,064
करोड़ पये, जो संचयी बजट अनु मान का 1 तशत से भी कम है, को खच नह ं
कया गया था।

11
https://sansad.in/getFile/debatestextmk/16/II/2307(f).pdf?source=loksabhadocs
12
https://www.rbi.org.in/Scripts/PublicationsView.aspx?id=11345#ANN1
14 सामािजक और ामीण े के मं ालय म कृ ष और कसान क याण वभाग, कृ ष अनु सध
ं ान और श ा वभाग,
13

कूल श ा और सा रता वभाग, उ चतर श ा वभाग, वा य और प रवार क याण वभाग, वा य अनुसंधान वभाग,
अ पसं यक काय मं ालय, ामीण वकास वभाग, भू म संसाधन वभाग, सामािजक याय और अ धका रता वभाग,
द यांगजन सश करण वभाग, जनजातीय काय मं ालय, म हला और बाल वकास मं ालय, यु वा काय म और खेल मं ालय
शा मल ह।

14
चाट 7: 14 मु ख सामािजक और ामीण मं ालय म अ प यय (बजट य यय-
वा त वक यय)

ट पणी: अ प यय बजट य यय से वा त वक यय के अंतर को दशाता है। व वष 2024 के लए,


यह यय के संशो धत अनुमान और बजट अनुमान के बीच का अंतर है ; ब.अ. बजट अनुमान को दशाता है।
ोत: बजट द तावेज

21. यू पीए सरकार के दौरान भारतीय प रवार के लए वा य यय भी चंता का वषय


था। त य यह है क व वष 2014 म भारत के कुल वा य यय (ट एचई) म
आउट-ऑफ-पॉकेट यय (ओओपीई) का 64.2 तशत था ( व वष 2005 म ट एचई
के तशत के प म 69.4 तशत ओओपीई से थोड़ा सु धार के साथ) का अथ था
क वा य यय गर ब प रवार के लए गर बी का माग होने के अलावा, भारतीय
नाग रक क जेब को खाल करता रहा।
22. अनु पादनकार खच क सरकार क ाथ मकता का मतलब था क उ पादक नवेश के
बजाय उपभोग के लए मह वपू ण धन आवं टत कया गया था। उदाहरण के लए,
छठे क य वेतन आयोग क सफा रश , िज ह जीएफसी से पहले लागू कया गया
था, ने 18,060 करोड़ पये14 के अ त र बकाया भु गतान के साथ व वष 2009
के लए 7,975 करोड़ पये का नवल व ीय न हताथ इं गत कया। वष 2008 क
कृ ष ऋण माफ और ऋण राहत योजना (एडीड यू डी) क राजकोषीय लागत 52,000
करोड़ पये (सकल घरे लू उ पाद का 0.9 तशत)15 थी। व बक नी त शोध व कग

14
https://doe.gov.in/sites/default/files/6cpchighlights%281%29%281%29.pdf
15
https://rbi.org.in/scripts/BS_ViewBulletin.aspx?Id=17091

15
पेपर ारा ऋण माफ पहल के भाव का आकलन कया गया। अपे ाओं के वपर त,
पेपर को योजना के प रणाम व प बेहतर नवेश, खपत या बढ़ हु ई मजदूर का कोई
सबू त नह ं मलता है। इसके बजाय, अ ययन से पता चलता है क काय म के तहत
ब े खाते म डाले गए ऋण क पू र रा श के लए सरकार ारा तपू त ा कए
जाने के बाद, बक ने उ च डफ़ॉ ट िजल से कम डफ़ॉ ट दर वाले िजल को ऋण
का पु न: आवंटन कया। इसके अलावा, उ च- डफ़ॉ ट वाले िजल (यहां तक क े डट
यो य लोग ) म उधारकताओं ने राहत काय म के बाद बड़ी सं या म डफॉ ट करना
शु कर दया, जो भ व य16 म अ धक उदार े डट वतन या इसी तरह के
राजनी तक प से े रत े डट बाजार ह त ेप क याशा म कायनी तक डफ़ॉ ट
का संकेत दे ता है।
एक अथशा ी ने कहा,
“सरकार आ थक सम याओं से नपटने के लए डरपोक रवैया अपना रह है। इसका
यान भ व य के बारे म सोचने और वकास को बढ़ावा दे ने के लए नवेश को बढ़ावा
दे ने के बजाय वोट जीतने के लए लोकलु भावन नी तय पर अ धक रहा है, “वोट के
बदले सि सडी दे ने पर यान क त करने के बजाय सरकार को बड़ी अवसंरचना
प रयोजनाओं म नवेश बढ़ाने पर यान क त करना चा हए था।”17
23. द घका लक रा य वकास हे तु योजन क ऐसी कमी थी क र ा तैया रय के
मह वपू ण मु दे को भी नी तगत प ाघात से बा धत कया गया था। कमजोर नेत ृ व
तथा इरादे और काय क लगातार कमी के प रणाम व प र ा संबंधी तैयार कम हो
गई। वष 2012 तक, यु के लए तैयार उप कर और गोला-बा द क कमी हमार
सेनाओं के सम एक पु रानी सम या थी। हम लड़ाकू वमान क खर द क लंबी
या को भी याद कर सकते ह जो कभी कसी न कष पर नह ं पहु ंची। यहां तक
क भारतीय सेना के जवान को बुलेट ू फ जैकेट और नाइट वजन गॉग स दे ने का
फैसला भी वष 18 तक लटका रहा।

24. तट य िजल म औ यो गक वकास पर तबंध। समु , महासागर और तट य े


अपनी जैव व वधता और अपनी आ थक मता के कारण बहु त मह वपू ण ह। यू पीए

https://papers.ssrn.com/sol3/papers.cfm?abstract_id=2524163 ( व बक पॉ लसी रसच व कग पेपर सं, 7109)


16

अशोक दे साई, अथशा ी https://www.indiatoday.in/india/north/story/india-manmohan-singh-upa-scams-policy-paralysis-


17

gdp-growth-rate-economy-178631-2014-01-27
18
अ ल े 2018 म महाबल पुरम म डफे स ए सपो म धानमं ी का भाषण
https://pib.gov.in/ViewVideo.aspx?V_ID=51670&MinID=1325&VPRID=44195&Day=&Month=4&Year=2018

16
सरकार ने व नयम को घु मा- फरा दया िजससे 83 तट य िजल क आ थक वृ
और वकास को अ धकांशत तबंधा मक कृ त को रोक दया। इससे तट य े म
समु दाय और िजल के लए आ थक ग त व धय के व तार के लाभ को ा करना
बेहद मु ि कल हो गया। इस अ धसू चना ने इन िजल म पयटन े को भी कमजोर
बना दया। इसके अलावा, यू पीए सरकार ारा सीआरजेड मानदं ड क शु आत ने
तट य िजल म वकास प रयोजनाओं पर उनके नयं ण को भी कठोर कर दया, इस
कार आ थक वकास को बढ़ावा दे ने के लए उनके उपल ध वक प को रोक दया।
हमार सरकार ने पयावरणीय और वकासा मक ाथ मकताओं का संतु लत वचार
तु त कया है।

सावज नक संसाधन क बबाद ने अथ यव था को पीछे ढकेल दया

25. यू पीए सरकार के शासन का दशक (या इसका अभाव) नी तगत खा मय और घोटाल
जैसे क सावज नक संसाधन (कोयला और दूरसंचार पे म) क अपारदश नीलामी,
पू व यापी कराधान क आशंका, अि थर मांग ो साहन और गैर-ल त सि सडी और
प पात के उप म के साथ ब कं ग े ारा लापरवाह ऋण, आ द दे ना शा मल था।
नयं क एवं महालेखा पर क (सीएजी) के अनु मान के अनु सार, 122 दूरसंचार
लाइसस से जु ड़े 2जी पे म घोटाले ने सरकार खजाने से 1.76 लाख करोड़ पये
क कटौती क थी, सरकार खजाने म 1.86 लाख करोड़ पये का कोयला घोटाला
हु आ था, रा मंडल खेल घोटाला आ द ने राजनी तक अ नि तता के माहौल का संकेत
दया और नवेश के के प म भारत क छ व को खराब तर के से त बं बत
कया।19
26. कोयला घोटाले ने 2014 म दे श क अंतरा मा को झकझोर दया था। 2014 से पहले,
कोयला लॉक का आवंटन लॉक के आवंटन के लए पारदश या का पालन
कए बना मनमाने आधार पर कया गया था। कोयला े को त पधा और
पारद शता से बाहर रखा गया था और इस े म नवेश और मता का अभाव था।
इन कारवाइय क जांच एज सय ारा जांच क गई और 2014 म, भारत के
माननीय उ चतम यायालय ने 1993 से आवं टत 204 कोयला खदान / लॉक के
आवंटन को र कर दया।

19
इसके बारे म अ धक जानकार भाग 2 म तु त है।

17
27. यू पीए सरकार को जु लाई 2012 म हमारे इ तहास म सबसे बड़ी बजल कटौती के
लए हमेशा याद कया जाएगा, िजसम 62 करोड़ लोग अंधकार म चले गए और
रा य सु र ा खतरे म पड़ गई। दे श म अंधेरा छा गया था, जब क कोयला और गैस
जैसे धन क कमी के कारण 24,000 मेगावाट से अ धक क उ पादन मता बेकार
पड़ी थी। पू रा े नि यता और नी तगत प ाघात के दु च म पहु ंच गया, िजसम
एक छोर पर अ धशेष उ पादन मता और बड़े पैमाने पर अ यु नवेश थे, जब क
दूसरे छोर पर उपभो ा के लए बड़ी बजल कटौती हु ई थी। जब हमार सरकार
2014 म स ा म आई, तो कोयला आधा रत बजल संयं के दो- तहाई (क य
व ुत ा धकरण ारा ै क कए गए 100 कोयला संयं म से 66) के पास कोयले
का अ य प भंडार था, िजसका मतलब है क सात दन से भी कम का कोयला भंडार
था। यह अ नि तता सम बजल क कमी को बढ़ा रह थी। गांव म त दन
कर ब 12 घंटे बजल मलती थी। कसान को बहु त कम अव ध के लए मलती थी,
िजससे वे अपनी फसल क संचाई करने म स म नह ं होते थे। अंतर- े ीय
ांस मशन लाइन भी अ य धक अपया थीं।
28. यू पीए सरकार के अंतगत बजल क कमी को अंतररा ीय एज सय ारा भी बार-बार
इं गत कया गया था। अपनी व वकास रपोट 2008 म, बक ने नोट कया
"भारत क 55-60 तशत सं चत भू म भू जल ारा आपू त क जाती है, यू बवेल
पंप के लए बजल एक मह वपू ण इनपु ट है.... अ नय मत और सी मत आपू त और
वो टे ज म उतार-चढ़ाव के कारण सेवा क गु णव ा खराब है, िजसके प रणाम व प
पू वगामी संचाई और त त पं पंग उपकरण से फसल का नु कसान हो सकता है।”
व बक ने लोबल इकोनॉ मक ॉ पे स, जू न, 2012 म पु न नोट कया, "भारत
म वकास वशेष प से मौ क नी त को मजबू त करने , के हु ए सु धार, बजल क
कमी के कारण कमजोर था, िजसने राजकोषीय और मु ा फ त क चंताओं के साथ-
साथ नवेश ग त व ध म कटौती क ।”
29. भारत के दूरसंचार े ने 2जी घोटाले और नी तगत खा मय के कारण एक क मती
दशक गंवा दया। यू पीए के शासनकाल म, पे म के आवंटन क या म
पारद शता का अभाव था और 2008-09 तक के वष म इसका अ सर दु पयोग
कया गया, िजसके प रणाम व प "2 जी घोटाला" हु आ और सम याएं शु हु जो
अंततः इस े म संकट क ि थ त का कारण बनीं। वष 2010 के बाद के वष म
चालक को व तु तः बहु त कम या बहु त कम पे म आवं टत कया जा सका,

18
िजससे दूरसंचार उ ोग का वकास धीमा हो गया। व वष 2009 म जार कए गए
दूरसंचार लाइसस क आबंटन या म पारद शता क कमी के कारण माननीय
उ चतम यायालय ारा र कर दया गया था। इस अव ध म, उ चतम यायालय
के फैसले से सरकार के बाहर होने के बाद दूरसंचार े पर अ धकार हो गया। इन
सम याओं के प रणाम व प, कई ऑपरे टर अ यवहाय हो गए, िजससे यह े
सी मत त पधा क ि थ त म आ गया। इस अव ध म नी तगत अ नि तताओं
और कानू नी बाधाओं के कारण वदे शी नवेश का पलायन भी दे खा गया।

80:20 गो ड आयात- नयात योजना का िज ासु मामला

30. यू पीए सरकार वारा शु क गई 80:20 वण नयात-आयात योजना इस बात क


मसाल है क कैसे सरकार णा लय और याओं को तोड़-मरोड़ कर अवैध
आ थक लाभ हा सल करने के लए वशेष हत क पू त क गई। नजी फम और
कॉप रे ट सं थाओं को इस योजना के तहत लाभ ा करने के लए ववेकाधीन
आधार पर अनु म त द गई थी। वष 2014 के म य म त काल न सरकार ने चु नंदा
ी मयर े डंग हाउस (पीट एच) और टार े डंग हाउस (एसट एच) को सोने के
आयात क अनु म त द थी, जब क आदश आचार सं हता लागू थी और संसद य
चु नाव म डाले गए मत क गनती 16 मई 2014 को होनी थी। हमार सरकार ारा
वापस लेने से पहले इस कारवाई का अथ लाभा थय को नाजायज़ अ या शत लाभ
दे ना था।

नी तगत खा मयाँ और प रयोजना म वलंब:

31. यू पीए सरकार का कायकाल नणय आंकड़ के उदाहरण से भरा पड़ा था। कै बनेट
स चव ने 2013 म नोट कया था,
“सावज नक े के साथ-साथ नजी े म कई बड़ी प रयोजनाएं, वशेष प
से बु नयाद ढांचा और व नमाण े म, व भ न अनु मोदन/मंजू र ा
करने म दे र के कारण नवेश के लए क हु ई ह।”
इस अहसास के चलते 2013 म कै बनेट स चवालय म ोजे ट मॉ नट रंग ुप
(पीएमजी) का गठन हु आ, जो काफ दे र से हु आ। भारत म रा ीय चु नाव से दो
मह ने पहले, माच 2014 म का शत हु ए व कग पेपर म, दो आईएमएफ अथशाि य
ने दे श म नवेश के लए मंद के तीन कारण का पता लगायाः नी तगत अ नि तता,

19
20
प रयोजना अनु मोदन म दे र और वशेष प से खनन और व ु त े म क हु ई
आपू त और काया वयन। इन दोन े को नीला मय से त कर दया था और
इस लए या यक जांच के अधीन थे। माच, 2015 म ट न लेगाड त काल न बंध
नदे शक, आईएमएफ कह रहे थे। भारत को वैि क अथ यव था म एक उ जवल
थान बनाने के लए भारत सरकार क शंसा करते हु ए ए पछल सरकार से इसक
तु लना क "इनम से बहु त सार प रयोजनाएं अ नि तता और नौकरशाह क कावट
के कारण दे र हु ई"।21
32. यू पीए सरकार ने पछल सरकार वारा लाए गए सु धार का फायदा उठाया, ले कन
उनके वारा वादा कए गए मह वपू ण सु धार को पू रा करने म वफल रह ।
आईएमएफ ने वष 2012 म नोट कया क, “वतमान सरकार के गठबंधन िजनसे
काया वयन म ग त लाने क आशा थी, के सु धार क ग त से कई नवेशक नराश
हु ए ह और हाल ह म यह हाई ोफाइल कै डल और अ य धक स वल स यतावाद
22
के कारण अपे ाकृ त सु त सरकार नणयन मता के त चं तत हो गए ह।”
वशेष प से, यूपीए सरकार ने 1 अ ैल 2010 से माल और सेवा कर (जीएसट ) को
लागू करने का वादा कया था। दे श के कोने कोने म 26 दल का गठबंधन होने के
बावजू द सरकार जीएसट को 1 अ ैल, 2010 से लागू करने म वफल रह य क
यह व भ न रा य 23 क चंताओं पर भावी प से यान नह ं दे सक । इस
ग तरोध ने संरचना मक सु धार पर कसी भी ग त को बा धत कया, िजससे हमार
सरकार के स ा संभालने तक एक एक कृ त "एक रा , एक बाजार" णाल को ा
करने क आकां ा को एक अवा त वक ल य के प म छोड़ दया गया।
33. डिजटल सश करण के तीक भारत म आधार को भी यू पीए के हाथ नु कसान
उठाना पड़ा है। 2006 म यू पीए ारा आधार क शु आत क गई थी, वाजपेयी के
नेत ृ व वाल एनडीए सरकार ारा ता वत 'बहु उ ेशीय रा ीय काड' के वचार का
मू त वकास था, िजसे भारतीय नाग रक के रा ीय रिज टर के आधार पर जार कया

20
राहु ल आनंद और वोलो दमायर टु लन (2014): ‘इं डयास इंवे टमट लोडाउनः द हाई कॉ ट ऑफ इकोनॉ मक
पॉ लसी अनसट नट (https://www.imf.org/en/Blogs/Articles/2014/03/25/indias-investment-slowdown-the-
high-cost-of-economic-policy-uncertainty)
ट न लेगाडः ‘ सिजंग इं डया‘स मूमट’, 16 माच, 2015 (https://www.imf.org/en/Blogs/Articles/2015/03/16/seizing-
21

indias-moment)
22
भारत के अनु छे द IV परामश, 2012 अंतरा ीय मु ा कोष

23
https://www.indiabudget.gov.in/budget_archive/ub2007-08/bs/speecha.htm

20
जाना था। भारत के रिज ार जनरल ने एक रा ीय जनसं या रिज टर (एनपीआर)
काय म शु कया, जब क पू व योजना आयोग ने वश पहचान प रयोजना क
दे खरे ख क । यू पीए सरकार साझा उ े य क कोई भावना था पत नह ं कर सक , और
दायरे , उ े य और काया वयन िज मेदा रय म यापक अंतर-मं ालयी मतभेद थे। यह
केवल एनडीए क आधार क पु न: क पना थी िजसने आधार को स य कया, इसे
उ े यपू ण सश करण के एक उपकरण के प म बनाया जो बचौ लय क
उपयो गता को ख म कर दे ता है , गर ब को सीधे सि सडी क सु वधा दान करता है,
डु ि लकेट लाभा थय को छांटता है, और लेनदे न म ामा णकता लाता है। यू पीए
सरकार के तहत आधार क कहानी अ भावी नणय लेन,े उ े य क भावना और
नी तगत वफलता क कहानी है।24
34. यू पीए सरकार म र ा तैया रय से समझौता करते हु ए ाचार और र ा म घोटाल
के कारण नणय लेने क या ठप हो गई। सरकार ने तोपखाने और वमान-रोधी
तोप , लड़ाकू वमान , पनडु ि बय , नाइट फाइट गयर और कई उपकरण के उ नयन
के अ ध हण म दे र क ।
एक सु र ा व े षक ने 2010 म लखा था:
उ ह ने कहा, 'ह थयार क महंगाई दर सालाना 15 तशत है और पांच साल क दे र
का मतलब है क भारत को जो उसे करना चा हए था उससे दोगु ना भुगतान करना
पड़ा। और जब वह उपकरण सरकार-से-सरकार खर द और अ य एकल- व े ता
सं वदाओं के मा यम से ा कया जाता है, तो त पध बोल म लागत लगभग
25 तशत अ धक होती है। र ा मं ालय के 50,000 करोड़ पये के खर द बजट म
दे र से केवल आधे ह से को ह नु कसान पहु ं चता है, ले कन भारत ने 25,000 करोड़
पये के ह थयार, िजतना उसे भु गतान करना चा हए था, से 125 तशत अ धक
क मत पर खर द ह।”25
35. नयं क और महालेखा पर क क कई न पादन लेखापर ा ारा म का शत क
गई रपोट के अनु सार बड़ी सं या म वकास काय म और प रयोजनाओं को गलत
तर के से कायाि वत कया गया। उदाहरण के लए, (1) व छता अ भयान/ नमल
भारत अ भयान के तहत, घरे लू शौचालय का नमाण व वष 10 से व वष 14

24
यह भी दे ख https://indianexpress.com/article/political-pulse/aadhaar-journey-bjp-digital-india-9095394/
((5जनवर , 2024
25
अजय शु ला, बजनेस टे डड, 23 फरवर , 2010

21
के दौरान ल य का 44 से 52 तशत रहा। न मत शौचालय म से 33 तशत
नमाण क खराब गु णव ा, अधू र संरचना, रखरखाव क कमी आ द जैसे कारण से
खराब हो गये थे; (2) रे लवे क 442 चालू प रयोजनाओं म से केवल 156 (35
तशत) प रयोजनाओं के पू रा होने का ल य नधा रत कया गया था। प रयोजनाओं
के पू रा होने म दे र के प रणाम व प 1.07 लाख करोड़ पये क लागत बढ़ गई;
(3) कौशल वकास के लए 57 से 83 तशत भागीदार व वष 2011 से व वष
2014 के दौरान अपने ल य को पू रा करने म वफल रहे; (4) रे लवे बोड ने सु र ा
क से पु नवास के लए पहचान करने के बाद पु ल काय को वीकृ त करने म
औसतन 43 मह ने का समय लया और उसके बाद भी पु ल संबंधी काय को औसतन
41 मह ने क दे र से पू रा कया गया।

आ थक नाजु कता और नी तगत अ नि चतता ने नवेश के माहौल को अ हतकर बना दया


36. सावज नक ट पणीकार पर आ थक मामल क गंभीर ि थ त नह ं खोई थी। आ थक
पयवे क के अनु सार,
“लोग नयात, औ ो गक उ पादन, पया, शेयर बाजार सू चकांक, आ थक वृ
जैसे लगभग हर आ थक संकेतक ारा दज क गई गरावट को लेकर चं तत ह।
केवल मु ा फ त, यापार अंतर और राजकोषीय घाटा बढ़ता तीत होता है। इस
बात को लेकर भी चंता करने क वजह ह क सरकार चु नौती के लए तैयार है
या ि थ त को सह ढं ग से पढ़ रह है।” 26

37. जहां दु नया भर के नवेशक ने यापार करने म आसानी क मांग क , वह ं यू पीए


सरकार ने नी तगत अ नि चतता और परे शानी पैदा क । श ु तापू ण नी तगत वातावरण
ारा उ साहह न आ थक वातावरण को ब लत कया गया था। यू पीए सरकार क
नी त नि यता और गलत कदम ने मू यवान नजी नवेश को रोक दया, जो
अपने जो खम पर वकास और नौक रयां पैदा कर सकता था। एक जाने-माने
उ ोगप त ने इस ि थ त पर अफसोस जताते हु ए कहा, 'हो सकता है क धानमं ी
कायालय एक बात कह रहा हो और हो सकता है क कसी मं ी क राय भ न हो।

26
दा आ ब र टे ट- ट एन ननन- दनांक 19 मई, 2012, बजनेस टे डड

22
यादातर दे श म ऐसा नह ं होता है,"; " ट ल लांट के लए मंजू र पाने के लए
आपको सात या आठ साल का इंतजार नह ं करना पड़ेगा।"27

38. यू पीए सरकार के अंतगत नवेश के माहौल को हतो सा हत करने के कारण घरे लू
नवेशक वदे श चले गए। एक मु ख उ ोगप त ने तो यहां तक कहा क वह
इंडोने शया और ाजील जैसे दे श म नवेश करगे य क लगातार नी तगत बदलाव
उनक नवेश योजनाओं को भा वत कर रहे ह। उनक मायूसी और नराशा नजी
लाभ के लए सावज नक संसाधन पर क जा करने के कारण था।28
खोए हु ए अवसर
39. यू पीए सरकार का दशक एक खोया हु आ दशक था य क यह वाजपेयी सरकार ारा
छोड़ी गई मजबू त आधारभू त अथ यव था और सु धार क ग त को भु नाने म वफल
रह । कंपाउं डंग ोथ क मता का कभी उपयोग नह ं कया गया।
40. यह एक खोया हु आ दशक था य क यू पीए सरकार ौ ो गक के नेत ृ व वाले
नवाचार, द ता और वकास के अवसर का लाभ उठाने म वफल रह । वाजपेयी
सरकार ने दूरसंचार सु धार के लए आधार रे खा नधा रत क थी। ले कन िजस समय
दु नया 3जी के कर ब पहु ं च रह थी, यू पीए 2जी घोटाले म फंस गया था और बाद म
नीलामी को र करना पड़ा था। 2004 म 6 ब लयन डॉलर क पावर हाउस
बीएसएनएल यू पीए के दशक म घाटे म चल रह कंपनी बन गई थी। भारत आया तत
दूरसंचार उपकरण पर लगभग 100% नभर था।

नेत ृ व का अभाव
41. यू पीए सरकार म बार-बार नेत ृ व का संकट खड़ा हो गया था। यह सरकार ारा जार
कए गए अ यादे श को शमनाक ढं ग से सावज नक प से फाड़े जाने के मामले म
पू र तरह से जनता के सामने आया।

सं ेप म, यू पीए सरकार के तहत, अथ यव था ने अपना रा ता खो दया था

27
ी रतन टाटा ने फाइन शयल टाइ स को सा ा कार म, फ टपो ट म उि ल खत
thttps://www.firstpost.com/business/tata-bye-bye-even-ratan-tata-has-given-up-on-this-govt-549194.html
माच 2013 म ी कुमार मंगलम बरला ने लू मबग को दए एक सा ा कार म, " ब लयनेयर हू शु ड इं डया डू
28

यू-टन ऑन मोद ओवरहाल", 12 नवंबर 2014 (https://www.bloomberg.com/news/articles/2014-11-


11/billionaire-who-shunned-india-does-u-turn-as-modi-boosts-economy

23
42. वष 2012-13 के आ थक सव ण म नोट कया गया है क “जब क भारत क
हा लया मंद आं शक प से बाहर कारण म न हत है, इसम घरे लू कारण भी
मह वपू ण है। व ीय-संकट के बाद ो साहन के कारण वष 2009-10 और 2010-11
म मजबू त वृ हु ई। तथा प, आपू त प क बाधाओं से जु ड़ी खपत म वृ के
कारण मु ा फ त म वृ हु ई। मौ क नी त स त कर द गई भले ह वकास के
लए बाहर बाधाएँ बढ़ गई। प रणामी मंद , वशेषकर वष 2012-13 म, सभी जगह
रह है और अथ यव था का कोई भी े इससे अ भा वत नह ं रहा है।” 29
वष
2013 म आ थक पा रि थ तक तं को कमजोर बना दे ने वाले संकट और लगातार
नी तगत वफलताओं से नपटने म अदूरद शता को गंभीरतापू वक वीकार करने से
भारतीय ारा अनु भू त आ म व ास क कमी और नराशा क गहराई संतु लत ढं ग से
न पत होती है।

43. यू पीए सरकार के आ थक और राजकोषीय अ यव था ने अंततः अपने कायकाल के


अंत तक भारत क वकास मता को खोखला कर दया था। आईएमएफ ने वष
2013 म नोट कया:
" वकास मंद (भारत म) राजकोषीय समेकन और मौ क स ती ारा प क
जा सकती है। यह हम मता क कमी के साथ छोड़ दे ता है ... जैसे-जैसे नई
सड़क , कारखान , बंदरगाह और ऊजा म नवेश घटा है, भारतीय अथ यव था
क ग त सीमा भी कम हो गई है.... जैसा क आप जानते ह, प रयोजनाओं का
अनु मोदन बहु त क ठन हो गया है। यह शायद बड़ी प रयोजनाओं से संबं धत
घोटाल , बढ़ते ज टल और अ त यापी नयम , सभी प रयोजनाओं क गहन
जांच के कारण है। नौकरशाह क मंजू र म दे र के कारण सड़क नमाण,
बजल संयं नमाण और यहां तक क नए कारखाने क मंजू र भी भा वत
हो रह है। दूसरे श द म, सु धार या क क ठनाइय का अथ यव था पर
नकारा मक भाव पड़ने लगा है।”30

आ थक सव ण 2012-13, व मं ालय, भारत सरकार


29

30
ी नाओयूक श होरा, डीएमडी आईएमएफ (मई 2013) “वैि क आ थक कोढ़ और इसका भारत से
न हताथ

24
44. आ थक कु बंधन ने वकास मता को दबा दया और भारत एक "नाजु क"
अथ यव था बन गया। व वष 2012-13 म सकल मू य व धत (जीवीए) वृ दर
5.4 तशत थी िजसम औ ो गक े क वृ दर 3.3 तशत रह और कृ ष े
म 1.5 तशत क वृ दज क गई, जब क सेवा े ने 8.3 तशत क वृ
हा सल क । वष 2013 तक, मॉगन टे नल ने भारत को ' ै जाइल फाइव' क ल ग म
रखा था - एक समू ह िजसम कमजोर यापक आ थक मू ल स ांत के साथ उभरती
अथ यव थाएं शा मल थीं। इनम अ य बात के साथ-साथ न न वकास, उ च
मु ा फ त, उ च बा घाटा और सरकार व क बगड़ी हु ई ि थ त शा मल ह।
वा त वकता यह है क अथ यव था केवल वष 2004 म 12 वीं सबसे बड़ी से वष
2014 म 10 वीं सबसे बड़ी होने से वष 2005 और वष 2012 के बीच अनु भव क
गई उ च वकास क अ पका लक, गु णा मक प से ह न और अि थर कृ त को
उजागर करती है।

45. अंततः यू पीए सरकार ने 2014 म जो वसीयत क थी, वह संरचना मक प से


कमजोर अथ यव था और नराशाजनक माहौल क एक अवांछनीय वरासत थी।

25
भाग-2: यापक टाचार

46. यहाँ व भ न सरकार ग त व धय जैसे खर द, ाकृ तक संसाधन के आवंटन और


नयामक अनु मोदन म यापक ाचार शा मल था। रा क सु र ा के लए मह वपू ण
खर द भी ाचार से मु नह ं थी। घोटाल और ाचार के मामल ने लोग के
व ास को हला दया था। कुछ हाई- ोफाइल मामल क वतमान ि थत
न न ल खत हैः-
 कोयला लॉक आवंटन: इस व ीय घोटाले म सरकार ारा नजी कंप नय को
कैि टव उपयोग के लए कोयला लॉक के आवंटन म अ नय मतताएं और
ाचार शा मल था, िजससे सरकार खजाने को 1.86 लाख करोड़ पये का
अनु मा नत नु कसान हु आ, जैसा क सीएजी31 ारा अनु मान लगाया गया था। यह
2012 म सामने आया। सु ीम कोट ने ऐसे 204 आवंटन 32 को र कर दया।
47 मामल म यायालय म अं तम रपोट दायर कर द गई ह और 10 मामल
म अ वेषण कया जा रहा है। 14 मामल म आरो पय को नचल अदालत ने
दोषी ठहराया है। शेष मामल पर मु कदमा चल रहा है।
 रा मंडल खेल: यह आयोजन खेल से संबं धत व भ न प रयोजनाओं क योजना
और न पादन म यापक ाचार, कु बंधन और व ीय अ नय मतताओं से
भा वत हु आ था। 8 मामल म आरोप-प दायर कए गए थे िजन पर द ल क
अदालत म मु कदमा चल रहा है।

 2जी टे ल कॉम: इससे सरकार को 1.76 लाख करोड़ पये के संभा वत राज व का
नु कसान हु आ। जैसा क सीएजी ारा अनु मान लगाया गया है (3जी पे म के
33
लए भुगतान क गई दर पर) । ाचार के मामले अपील य अदालत म ह।

 शारदा चटफंड: यह एक प जी क म थी िजसम य गत उपयोग के लए धन


का डायवजन कया गया था, और नवेशक को उ च लाभ के वादे के साथ
लु भाया गया था। यह घोटाला वष 2013 म सामने आया जब समू ह बखर गया,
िजससे लाख नवेशक व ीय संकट म पड़ गए।

31
https://cag.gov.in/uploads/download_audit_report/2016/Chapter_1_of_eAuction_of_Coal_Mines_Complian
ce_Audit.pdf
32
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1989632#:~:text=It%20was%20informed%20that%20before,
CMSP%20Act%20in%20March%202015.
33
https://cag.gov.in/en/audit-report/details/2314 (पीडीएफ का पृ 8)

26
 आईएनए स मी डया मामला: यह मामला धन शोधन और एक मी डया कंपनी
म नवेश के लए वदे शी नवेश मंजू र म अ नय मतताओं से जु ड़ा था। यह
मामला वचाराधीन है।

 एयरसेल-मैि सस: इस मामले म एक दूरसंचार कंपनी म वदे शी नवेश को मंजू र


दे ने म अ नय मतता और र त लेने के आरोप ह। मामले क सुनवाई चल रह
है।

 एं स-दे वास डील: भारतीय अंत र अनु संधान संगठन (इसरो) क वा णि यक


शाखा एं स कॉरपोरे शन और दे वास म ट मी डया ाइवेट ल मटे ड के बीच एक
उप ह सौदे म अ नय मतताएं और ाचार, दुलभ एस-बड पे म के आवंटन म
अ नय मतताएं और दे वास म ट मी डया को गलत तर के से लाभ पहु ँचाना इस
मामले के मुख त व ह। सव च यायालय ने धोखाधड़ी के न कष क पु क
है। आपरा धक मामले के लए आरोप प दायर कया गया है।

 नौकर के लए भू म: इस मामले म रे लवे के व भ न जोन म ु प ‘डी’ म


त थापन क नयु के बदले भू म या संप ह तांतरण के प म आ थक
लाभ ा करना शा मल है। इसक जांच चल रह है।

 पंचकूला और गु ड़गांव म ाइम लड का आवंटन/ रल ज: ये अनेक मामले ह जो


नजी ब डर क मल भगत से मु ख भू म को अ ध हण से मु करने और
औ ो गक भू म को नजद क सहयो गय को आबं टत करने से संबं धत ह। जांच
के बाद, वचारण यायालय म आरोप-प दायर कए गए ह।

 ज मू-क मीर केट एसो सएशन: यह मामला 'फज ' बक खाते खोलकर लगभग
44 करोड़ पये क हे राफेर से जु ड़ा है। जांच के बाद आरोप प दा खल कर दया
गया है।

 ए ेयर डील: यह मामला ाजील क एयरो पेस कंपनी ए ेयर से ाचार,


र तखोर और पाप से जु ड़ा है। जांच के बाद, आरोप प दायर कया गया और
मामला वचारण यायालय म लं बत है।

 पलाटस बे सक े नर एयर ा ट: यह मामला वष 2009 म भारतीय वायु सेना के

27
लए 75 पलाटस बे सक े नर वमान क खर द म ाचार से जु ड़ा है।

 हॉक वमान खर द: यह मामला मैसस रॉ स रॉयस पीएलसी, यू के से हॉक वमान


क अध ा म वष 2003 से वष 2012 क अव ध के दौरान र ा मं ालय के
अ ात अ धका रय को र त दे ने से संबं धत है। मामले क जांच क जा रह है।

 आदश हाउ संग सोसायट घोटाला: यह मामला एक र ा भू म प रयोजना म


अपाटमट के आवंटन म अ नय मतताओं से जु ड़ा था। यह पर णाधीन है।

 अग ता वे टलड हे ल कॉ टर घोटाला: हे ल कॉ टर क खर द म र त द गई थी।

28
भाग-3: संकट, नराशा और प ाघात क ि थ त से अथ यव था का बचाव

47. जब हमार सरकार ने कायभार संभाला, अथ यव था नराधार थी, आ थक नी त म


कई 'गलत मोड़ ' से उ प न गहरे संकट के संकेत दखा रह थी। भारत के नी त
नयोजक और दे श क ाथ मकताओं के बीच इतना अ धक अलगाव था क िजसम
दे श फंस गया था, च का दे ने वाल आ थक और राजकोषीय गड़बड़ी को पलटने और
अपनी ग तशीलता और आशावाद को बहाल करने के लए जनता ने वष 2014 के
आम चु नाव म रा ीय जनतां क गठबंधन (एनडीए) को बागडोर संभालने के लए
भार जनादे श दया।
48. वष 2014 म जैसे ह हमार सरकार ने कायभार संभाला, हमने णा लय और
याओं म सु धार और कायाक प करने क त काल आव यकता को पहचाना, ता क
भारत को वकास के पथ पर आगे बढ़ने म मदद मल सके और साथ ह इसक वृहद
आ थक नींव को भी मजबू त कया जा सके। पू ववत दशक म अ म नी त डजाइन
और काया वयन तं पर नभरता क वशेषता थी, िजसके प रणाम व प एक ि थर
अथ यव था थी। हमने नी त नमाण क या म नाग रक को शा मल करते हु ए
और इसके भावी काया वयन को सु नि त करने के साथ-साथ कायपा लका ारा
पारदश और व छ शासन का एक तमान अपनाया है।
49. डिजटल ां त का नेत ृ व करने से लेकर खु ले म शौच के उ मू लन तक, और वदे शी
ट क का उपयोग करके पू र पा आबाद का सफलतापू वक ट काकरण करने से लेकर
नयात म पया त व वधता लाने तक, भारत ने हमारे नए शासन तमान के तहत
उ लेखनीय मील के प थर हा सल कए ह। हमने कानू न के सरल करण और
यु करण के मा यम से अ मताओं क वरासत को दूर कया है, एक व ास-
आधा रत और उ रदायी वतरण णाल को अपनाया है, हर े क मता को
उजागर करने के लए यापार करने म सहजता से सु धार कया है, मजबू त सहकार
संघवाद के मा यम से नाग रक और रा य के साथ साझेदार पर क त समावेशी
और सश योजना डजाइन क है। वगत मे टु कड़ म कए जाने वाल वतरण सेवा
के वपर त, हमने सभी यो य लाभा थय के लए संत ृ कवरे ज हा सल कया है।
हमने क याणकार फोकस को हकदार -आधा रत सहायता से य य को औपचा रक
े म एक कृ त करके सश बनाने के लए थानांत रत कर दया।

29
50. हमने वां छत वकास प रणाम को ा करने और रा नमाण के लए करदाताओं के
धन का भावी उपयोग करने के लए सरकार खच को तकसंगत और ाथ मकता
दे ने हे तु एक यय सु धार आयोग का गठन कया।
51. हमने काले धन का पता लगाने और इसको हतो सा हत करने के लए उपाय करना
जार रखा है।

52. समानांतर म, हमने अथ यव था और यापार े क ि थ त को मजबू त कया है।


यापक सु धार या क नींव हमार सरकार के शु आती वष म रखी गई थी।
आईएमएफ क रपोट IV रपोट (2015) म उ लेख कया गया है क “भारत के
नकट अव ध के वकास के कोण म सु धार हु आ है और जो खम से नपटने म
हम अब अ धक स म है, िजसम राजनी तक नि तता म वृ , कई नी तगत
कारवाइय , यापार व ास म सु धार, व तु के आयात क कम क मत और जो खम
को कम करने म मदद मल है।” "दो साल बाद 2017 के अनु छे द क IV रपोट म,
आईएमएफ ने भारत के बारे म अपने आशावाद को और उ नत कया, िजसम कहा
गया क “ मु ख सु धार के काया वयन, आपू त-प क बाधाओं को कम करने और
उ चत राजकोषीय और मौ क नी तय के कारण म यम अव ध क वकास
संभावनाओं म सु धार हु आ है जो यापक आ थक ि थरता को बढ़ाते ह"।

53. सु धार या क शु आत ने हमार सरकार के शु आती वष म नवेशक के माहौल


म सु धार और अथ यव था के लए अनु कूल ि टकोण बनाकर सकारा मक प रणाम
दे ना शु कर दया। उ ोगप त, जो पहले अ य दे श म नवेश करना पसंद करते थे,
उ ह ने भारत म नवेश करने के लए एक नई भावना द शत क । भारत नवेश
करने के लए अपने दे श क सू ची म शीष पर वापस आ गया था।34 पछले एक
दशक म भारत क आ थक मता म यह भरोसा मजबू त हु आ है। घरे लू और वदे शी
दोन नवेशक भारत क वकास मता के बारे म उ च आशावाद द शत करते ह,
अथ यव था के व तार के प म चु र अवसर क उ मीद करते ह।

34
" ब लयनेर हू श ड इं डया डज़ यू-टन ऑन मोद ओवरहाल ", 12 नवंबर 2014
(https://www.bloomberg.com/news/articles/2014-11-11/billionaire-who-shunned-india-does-u-turn-as-modi-boosts-
economy)

30
54. प के इस खंड म व तार से चचा क गई है क कैसे हमार सरकार ने यू पीए
सरकार ारा नी तगत ठहराव, प ाघात और कु शासन से अथ यव था को बचाया,
उबारा और कायाक प कया और इसे ग तशीलता और वकास और लोग म आशा
और व ास को जगाया।

पछले दस वष म यापक आ थक ि थ त: कमज़ोर से उभरकर मजबू त होना


एक दशक म ‘ ै जाइल फाइव’ से ‘टॉप फाइव’ तक
55. वष 2014 म हमार सरकार के स ा संभालने के बाद से भारतीय अथ यव था म कई
संरचना मक सु धार हु ए ह िज ह ने अथ यव था के यापक आ थक मू ल स धांत को
मजबू त कया है। सरकार क आ थक नी त पछले दशक क त क भरपाई करने
और व ीय े को पटर पर लाकर भारत क वकास मता को बहाल करने,
यापार के लए ि थ तय को आसान बनाकर आ थक ग त व ध को सु वधाजनक
बनाने और भारत क कनेि ट वट को बढ़ाने के लए भौ तक और डिजटल बु नयाद
ढांचे को बड़े पैमाने पर बढ़ाने और इस कार, इसके व नमाण े क
त पधा मकता को बढ़ाने के लए तब है। अपनी नी तय के मागदशन के लए
इस के साथ, सरकार ने यापार के अनु कूल वातावरण बनाने, जीवन क सु गमता
म सु धार और शासन णा लय और याओं को मजबू त करके अथ यव था क
मता को बहाल करने और बढ़ाने के लए व वध आ थक सु धार कए ह। इससे
भारत म नी तगत अ नि तता काफ कम हु ई, जो यू पीए सरकार के दौरान चरम पर
थी।

56. सु धार के प रणाम व प लगभग एक दशक म भारत ' ै जाइल फाइव' क ल ग से


'टॉप फाइव' क ल ग म बदल गया य क चुनौतीपू ण वैि वक वातावरण के बीच
अथ यव था कह ं अ धक समु थानशील अवतार म बदल गई थी (ता लका 3)। बाहर
उ प क अभू तपू व बाधाओं (जैसे महामार, भू-राजनी तक गड़बड़ी, आ द) के बावजू द
पछले दस वष म भारतीय अथ यव था का उदय इसक जीडीपी र कं ग के ेपव
म कट होता है। वष 2014 म 10वीं सबसे बड़ी अथ यव था होने के बाद, भारत ने
वष 2023 म पांचवीं सबसे बड़ी अथ यव था बनने के लए कई द गज को पीछे
छोड़ दया है (ले कन वष 2020 म महामार के लए, हम कम से कम दो साल पहले
5वीं सबसे बड़ी अथ यव था बन गए ह गे) और आईएमएफ अनु मान के अनु सार वष
2027 तक तीसर सबसे बड़ी अथ यव था बनने क उ मीद है।

31
ता लका 1: वष 2012-13 और वष 2021-22 म भारत के यापक आ थक मू ल स धांत
क ि थत

वृहद आ थक आधार घटना 1 घटना 2


(2012-13) (2021-22)
जीडीपी के तशत के प म चालू खाता शेष -4.8 -1.2
वष दर वष वा त वक जीडीपी वृ ( तशत) 5.5 9.1
जीडीपी के तशत के प म वदे शी मु ा भंडार 16.0 20.1
वष दर वष हे डलाइन मु ा फ त 9.9 5.5
व नमय दर मू य ास (आईएनआर/यू एसडी) (वष 6.3 3.1
दर वष)
ोतः एमओएसपीआई
भारतीय ब कं ग णाल : सु त हालात से सु ढ़ करण तक

57. पछले दस वष म, सरकार ने ि थर व ीय े को पु नज वत कया है और


अथ यव था के भीतर ऋण पा रि थ तक तं को दु त कया है , िजससे मह वपू ण
सु धार हु ए ह। दवाला और धन शोधन अ मता सं हता (आईबीसी) के काया वयन
और ब कं ग े के तु लन प को मजबू त करने के लए आरबीआई और सरकार ारा
लागू कए गए उपाय (जैसे आि त गु णव ा समी ा, शी सु धारा मक कारवाई ढांचा,
बक का वलय और पु नपू जीकरण) सतंबर 2023 म सकल अ म के अनु पात म
3.2 तशत के बहु-वष य नचले तर पर सकल गैर- न पा दत आि तय के अनु पात
म गरावट आई। सावज नक े के बक क बहाल लाभ दता तब क तु लना म अब
बचाव, वसू ल और कायाक प क अपनी कहानी कहती है (ता लका 4)।

32
ता लका 4: सावज नक े के बक के मु ख अनुपात (आंकड़े तशत म)

वष 2013-14 वष 2022-23

नवल याज मािजन


2.45 2.72
(एनआईएम)

आि तय पर रटन
0.50 0.79
(आरओए)

इि वट पर रटन (आरओई) 8.48 12.35

ोत: आरबीआई

अथ यव था क उ पादक मता को बढ़ाने के लए नी तयां


58. हमार सरकार के "नेशन फ ट" के ि टकोण ने भारत के बु नयाद ढांचे और
लॉिजि ट स इको स टम क गु णव ा को बदल दया है, जो दे श के लए नवेश
आक षत करने और वैि वक मू य ख ृं लाओं म अपनी उपि थ त का व तार करने के
लए मह वपू ण होगा। याज भु गतान को छोड़कर क सरकार ारा कुल खच म
पू ंजीगत यय का ह सा व वष 24 (संशो धत अनु मान) म बढ़कर 28 तशत हो
गया, जो व वष 14 म 16 तशत था। इसके अलावा, ग तश का उपयोग करके
"संपण
ू सरकार" के कोण और ग त के मा यम से नगरानी के कारण पू ंजी का
उपयोग कैसे कया गया िजसके इसक द ता म सु धार हु आ।
59. उदाहरण के लए, जब हमार सरकार ने व वष 2015 म कायभार संभाला, तो
रा ीय राजमाग नमाण क ग त 12 कमी/ दन थी। व वष 202335म नमाण क
ग त 2.3 गु ना से अ धक बढ़कर 28 कमी/ दन हो गई। जब क यू पीए सरकार ने
अपने 10 वष के शासन म लगभग 16,000 कलोमीटर रा ीय राजमाग बनाए थे,
हमार सरकार ने अपने लगभग 10 साल के शासन म इससे कम से कम तीन गु ना
बेहतर काम कया है। व वष 2015 से व वष 2023 तक, रा ीय राजमाग क
लंबाई 0.98 लाख कलोमीटर से बढ़कर 1.45 लाख कलोमीटर हो गई है, मु ख
बंदरगाह पर काग यातायात 581 म लयन टन से बढ़कर 784 म लयन टन हो
गया है। व ु तीकृ त रे ल माग 22,224 क.मी. ( व वष 2015) से बढ़कर 50,394
क.मी. ( व वष 2022) हो गया है। भारत के वमानन उ ोग म पछले एक दशक

35
https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1985811

33
म मह वपू ण वृ और प रवतन हु आ है। व वष 2015 से व वष 2023 तक
हवाई अ ड क सं या दोगु नी हो गई है (चाट 8)।
चाट 7: एनडीए के तहत भौ तक बु नयाद ढांचे म सु धार

144634 148

97991
50394 74
720
581.3 25
22224 16

FY15 FY22 FY15 FY22 FY15 FY22 FY15 FY22 FY15 FY22
National highways Cargo traffic at Electrified rail route Aircraft movement Number of Airports
(Km) major ports (Mn (km) (Mn tonnes)
tonnes)

ोत: सड़क, प रवहन और राजमाग मं ालय, भारतीय बंदरगाह संघ, रे ल मं ालय और नागर वमानन मं ालय
एवं फरवर , 2024 का बजट भाषण

60. इसके अलावा, र ा े के लए मह वपू ण उपकरण क खर द, जो रा य सु र ा


के लए सव प र है को यू पीए सरकार वारा ाथ मकता नह ं द गई थी। हमार
सरकार वारा इस पर जोर दया गया है। रा ीय र ा पर उतना यान दया गया है
िजतना वह हकदार है। लड़ाकू वमान क खर द और पनडु ि बय का वदे शी वकास
इसके दो उदाहरण ह। इसके अलावा, रॉकेट लांचर (आरएल) के लए थमल इमेिजंग
(ट आई), नाइट साइ स फॉर द रॉकेट लॉ चर (आरएल)36 और लॉ ग रज डु अल बड
इं ारे ड इमेिजंग सच एंड ै क स टम (आईआरएसट ) जैसे उपकरण क तेजी से
खर द के लए र ा खर द याओं को सु यवि थत करने के लए कई उपाय कए
गए ह। इससे र ा पू ंजीगत अ ध ा म अ य धक वलंब को रोका गया है।
61. हमार सरकार ' कृ त' और ' ग त' के बीच संतु लन क स ची भावना को समझती है
जो 2011 के नयम म पू र तरह से लु थी। एनडीए सरकार ने भारत के समु तट
के साथ संवेदनशील पा रि थ तक े के संर ण और जलवायु-अनु कूलन तट य
िजल के नमाण को ाथ मकता द है। ये ऐसी ाथ मकताएं ह िज ह एनडीए सरकार
ने सु धार के मा यम से हा सल करने का यास कया है। यह सु नि त करने के
लए क तट य िजले जलवायु प रवतन से उ प न जो खम को दूर करने के लए

36
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1533669

34
सु सि जत ह, एनडीए सरकार ने यह सु नि त करने के लए खुद को तब कया
है क ये िजले इन िजल म समु दाय के आ थक वकास और सश करण के
मा यम से आव यक संसाधन जु टाने म स म ह। इस कार तट य व नयमन े
(सीआरजेड) 2019 पेश कया गया था। यू पीए सरकार ारा लगाए गए अ त र
नयं ण को तकसंगत बनाया गया, यह सु नि त करते हु ए क तट य िजल को
नणय लेने का अ धकार है जो उनके समुदाय को लाभाि वत करगे। सु धार से इन
तट य िजल म पयटन उ ोग को बढ़ावा मलेगा, िजससे अ थायी और साथ ह
अ धक टकाऊ पयटन सु वधाओं जैसे क होटल और रसॉट के नमाण क अनु म त
मलेगी, जो पहले यू पीए सरकार ारा "नो डेवलपमट जोन (एनडीजेड)" के प म
तबं धत थे। पा रि थ तक य प से संवेदनशील े के संर ण और सु र ा पर
समान प से जोर दया जाता है।

नवेशक क भावनाओं को पु नः वतन करना

62. हमार सरकार ारा कए गए सु धार उपाय ने अथ यव था क म यम अव ध क


नवेश संभावनाओं को काफ बढ़ा दया है। घरे लू और वदे शी दोन नवेशक भारत क
वकास मता के बारे म उ च आशावाद य करते ह, भारतीय अथ यव था के
व तार के प म आकषक अवसर क उ मीद करते ह। जेपी मॉगन के सरकार
बॉ ड इंडे स-इमिजग माक स (जीबीआई-ईएम) म भारत को शा मल करने क घोषणा
अहम घटना है, जो वैि क अथ यव था म भारत के बढ़ते मह व को रे खां कत करती
है। इससे न केवल भारत को अ धक धन जु टाने म मदद मलेगी, बि क सरकार
तभू तय के लए नवेशक आधार भी बढ़े गा और भारत को दे श क बढ़ती उधार
ज रत को पू रा करने म मदद मलेगी। इसके अलावा, “भारत के इि वट बाजार म
नवेश चाहने वाले नवेशक को पू रा करने के लए वशेष फंड तैयार कए जा रहे ह,
जैसे क गो डमैन सै स इं डया इि वट पोटफो लयो37। भारत अब कसी ेणी म
होना चा हए और इसे स नवेशक और फंड मैनेजर माक मो बयस के हा लया
बयान से समझा जा सकता है िज ह ने ट पणी क थी क “भारत अपने आकषण

37
https://www.gsam.com/content/dam/gsam/pdfs/international/en/fund-literature/monthly-fund-
update/mfu_indiaeq_ocssek_en.pdf?sa=n&rd=n

35
और महान पु र कार के वाद से नवेशक को चु टक म अपनी ओर आक षत कर रहा
है। म भी इसक वशाल वकास मता से मो हत हू ँ”38 ।

सश त और भावी सं वतरण के मा यम से लोक क याण

63. क याण के मा यम से सशि तकरण हमार सरकार का येय रहा है। हमने बु नयाद
सु वधाओं तक सावभौ मक पहु ंच को थ
ा मकता दे ते हु ए "सबका साथ, सबका
वकास" क वचारधारा को अपनाया और इस वचारधारा को साकार करने म एक
भागीदार , मशन-मोड ि टकोण अपनाया। पछले दशक म, सामािजक क याण का
यान " मता नमाण के बना हकदार " पर यान क त करने से अ धक
द घका लक-उ मु ख, कुशल और सश प से प रपू ण हो गया है। ' कसी को पीछे न
छोड़ने' क मान सकता के साथ, हमार सरकार ने सामािजक े क योजनाओं क
संत ृ को आगे बढ़ाया है , यह सु नि त करते हु ए क सामािजक े क योजनाओं
को यो य लाभा थय के लए ल त कया जाए और नकल /अयो य व य को हटा
दया जाए। इस तरह का कोण न केवल आने वाले दशक के लए सामािजक
अवसंरचना का नमाण करता है बि क य य को जीवन तर के माग पर आगे
बढ़ने और उ च वकास के साथ अवसर का उपयोग करने म स म बनाता है।
64. हमार सरकार ने ौ यो गक आधा रत ल यीकरण और नगरानी तं लागू करके
यू पीए सरकार से त चु नौ तय का समाधान कया है। सरकार ने तकनीक को
सामािजक सश करण के साधन और जैम नट जैसे क जनधन, आधार और
मोबाइल क संभावना को अनलॉक के प म उपयोग कया था। इस सरकार ने
ल केज के मु को बहु त गंभीरता से लया है, और य लाभ अंतरण (डीबीट ) के
मा यम से एलपीजी सि सडी को अंत रत करने क जैम-पहल योजना क थम ेणी
से ल केज म 24 तशत कमी आई है। ‘’अ तंम छोर तक पहु ंच’’ के आदश से इस
सरकार क यह तब ता है क आधार क उपयो गता ने डीबीट के तहत 1,167
करोड़ लाभा थय को 34 लाख करोड़ पये से अ धक क सु वधा दान क है। मु ख
योजनाओं म उपयोगकता के अनु कूल डैशबोड और बंधन सू चना णाल (एमआईएस)
क सव यापकता ने वा त वक- समय नगरानी के मा यम से पारद शता और
जबावदे ह को बढ़ाया है। उदाहरण के लए, एमजीएनआरईजीएस, पीएम-आवास

38
https://x.com/MarkMobiusReal/status/1742392958467670143?s=20

36
योजना आ द के तहत आि तय क िजयो-टै गंग ने बग- टकट काय म के
काया वयन म वा त वक समय ( रयल टाइम) म नगरानी और पारद शता को स म
कया है। हमार सरकार ने प रव तत और प ट प त से इससे पू वगामी से अ धक
बेहतर काय म सं वतरण के ै क रकोड क पराका ा ा त क है , जैसा क ता लका
5 म दशाया गया है।

ता लका-5 समान उ दे य स हत मु य काय म के प रणाम क तु लना


यू पीए सरकार एनडीए सरकार
योजना अव ध प रणाम अव ध प रणाम
39
कफायती आवास- 2003-14 2.1 करोड़ 2016-2024 2.6 करोड़40
ामीण

शौचालय का 2011- 1.8 करोड़ शौचालय न मत41 2014-2024 11.5 करोड़ घरे लू
नमाण 2014 शौचालय का नमाण42

असंग ठत े के 2011- 36.4 लाख लाभाथ 43 2015-2023 6.1 करोड़ लाभाथ 44


मक के लए 2014
कफायती पशन

यूनतम शू य 2005- 10.3 करोड़ खाते45 2014-2024 51.6 करोड़ खाते46


राशी वाले बक 2012
खाते
ामीण 2005- 2.15 करोड़ आवास47 2017-2022 2.86 करोड़ आवास
व ु तीकरण 2014 व ु तीकृ त48

39
https://164.100.158.235/question/annex/241/Au1406.pdf ,
https://loksabhadocs.nic.in/Refinput/New_Reference_Notes/English/RuralHousingIndiraAwasYojana.pdf
40
https://dashboard.rural.nic.in/dashboardnew/pmayg.aspx
अतारां कत सं. 237, दनांक 2.12.2015 को उ राथ, रा य सभा
41

42
https://sbm.gov.in/sbmgdashboard/statesdashboard.aspx
अतारां कत सं. 2657, दनांक 14.03.2016 को उ राथ, लोक सभा
43

पशन न ध व नयामक और वकास ा धकरण


44

45
https://pib.gov.in/newsite/erelcontent.aspx?relid=84130
46
https://pmjdy.gov.in/account
लोक सभा अतारां कत सं. 4448, दनांक 20.02.2014
47

48
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1907728n

37
कफायती दवाइयां 2008- 164 जन औष ध भंडार खोले 2014-2023 10,000 भंडार खोले
2014 गए िजनम से 87 काया मक49 गए50

ऑि टकल फाइबर 2011- 6577 कमी ऑि टकल फाइबर 2015-2023 6.8 लाख कमी
नेटवक 2014 लगाया गया51 ऑि टकल फाइबर
52
लगाया गया
गर ब के लए 2010- 53 िजल म 9.9 लाख 2017-2023 पू रे भारत म 3.59
53 54
मातृ व लाभ 2013 लाभाथ करोड़ लाभाथ

65. काया वयन क भौ तक और डिजटल द ता के अलावा, इस सरकार ने " व छ


भारत", "बेट बचाओ बेट पढ़ाओ" और योजनाओं और काय म के स य संचार के
मा यम से यवहार प रवतन और सामािजक पू ंजी का भी उपयोग कया। द नदयाल
अं योदय योजना-रा ीय ामीण आजी वका मशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के मा यम
से म हलाओं के समू ह क ग तशीलता का सु उपयोग कया गया है और काय म को
ामीण प रवार क 9.9 करोड़ म हलाओं को कवर करते हु ए 89.8 लाख
एसएचजी55म काफ हद तक बढ़ाया गया है। "बक स खय " और "लखप त द द " का
उ व समु दाय म काय म नवाचार और वा म व नमाण का एक प रणाम है।
66. हमार सरकार ने सामािजक सु र ा का दायरा बढ़ाने के साथ-साथ डल वर
इं ा चर को भी नया प दया है। उदाहरण के लए, 'वन नेशन वन राशन काड'
के मा यम से रा य म राशन काड क नबाध पोट ब लट का व तार अब दे श56
भर म पू र एनएफएसए आबाद तक हो गया है, और असंग ठत मक के रा ीय
डेटाबेस 'ई- म पोटल' का नमाण वासी मक के क याण के लए पथ- दशक
सु धार ह। लगभग 22 करोड़ लाभा थय के साथ पथ- दशक आयु मान भारत
काय म क ग त को डिजटल वा य आईडी 'आभा' और ई-संजीवनी के मा यम
से टे ल मे ड सन के मा यम से और अ धक तकनीक -स म बनाया जा रहा है।

तारां कत सं. 32, दनांक 08.07.2014 को उ राथ, लोक सभा


49

50
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1988675#:~:text=The%20Prime%20Minister%20virtually%20launched,th
e%20people%20of%20the%20country.
अतारां कत सं. 1770, दनांक 03.12.2014 को उ राथ, लोक सभा
51

52
https://usof.gov.in/en/usof-dashboard
53
https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=101140
54
https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1998748
55
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1985466
56
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1990696

38
वा म व के मा यम से डिजटल भू म रकॉड पर जोर ामीण भू म बंधन और
य गत आ थक सश करण म संरचना मक सु धार है।
67. यू पीए सरकार के काय म वतरण म काफ सु धार करने के अलावा, हमार सरकार ने
भारत क वकास मता को उभारने के लए कई नी तगत नवाचार भी कए। टाट-
अप इं डया, टड-अप इं डया, मु ा योजना के मा यम से सुलभ ऋण के बड़े पैमाने
पर ावधान, एसएचजी क अपि क लंग और पीएम- व न ध के मा यम से सड़क
व े ताओं को ऋण के मा यम से उ मशीलता पर जोर, समाज के सभी वग से
नौकर नमाताओं को सश बनाने पर हमार सरकार के फोकस को दशाता है। दे श
क जनसांि यक और यवसाय ोफाइल को दे खते हु ए एक और वचारशील नी त
असंग ठत े के मक के लए स ती सामािजक सु र ा योजनाओं क पहु ंच है।
हमार सरकार ने म हलाओं, यु वाओं, द यांगजन , वशेष प से कमजोर जनजातीय
समू ह , द तकार और खला ड़य स हत भारत क व वध आबाद के हर वग क
ज रत को पू रा करने के लए क याणकार योजनाओं को अनु कूल बनाया है।
68. पीएम- कसान स मान न ध ने कसान को सश बनाया और उधारकता-ऋणदाता
संबंध को नु कसान पहु ंचाए बना उनक आय म सु धार कया। यू पीए क एडीड यू डी
ने कसान को अदा कये जाने ऋण म अटकले पैदा क । इसके वपर त हमार
कसान स मान न ध ने कसान के ऋण चु काने क मता को और मजबू त कया
है। कसान क याण के त हमारे और यू पीए के कोण म यह एक मह वपू ण
अंतर है। क याण संबंधी वतरण कुशल, भावी और सश है।

प रवार के लए उ च नवाह- यय क ती ता को हटाना

69. वष 2014 म यू पीए सरकार से ा त उ च मु ा फ त क थायी चु नौती से नपटने


के लए, हमार सरकार ने जवाबदे ह राजकोषीय और मौ क नी तय के काया वयन
वारा कायनी तक प से सम याओं के मूल कारण का पता लगाया था। थम,
राजकोषीय सु धार से सरकार के यय के नणय को सी मत कया गया है। वष 2016
म, सरकार ने ल त मु ा फ त को 2 तशत से 6 तशत बड के अंदर रखने के
लए आरबीआई को अ धदे श दया था। व त वष 2014 और व त वष 2023 के
बीच औसत वा षक मु ा फ त व त वष 2004 और व त वष 2014 के बीच 8.2
तशत क औसत मु ा फ त से 5.0 तशत कम हो गई थी (चाट 9)। य द भू-
राजनै तक घटना म िजनके कारण वैि वक व तु क मत म उ लेखनीय प से वृ

39
हु ई थी, िजससे गत 10 वष म औसत मु ा फ त समान प से और कम रह होती।
फर भी सरकार ने मु ा फ त को व वध आपू त खात और मु य खा व तुओं के
बफर के सु ढ़ करण के मा यम से नयं त कया है।
चाट-9 यू पीए सरकार क तु लना म हमार सरकार के दौरान औसत हे डलाइन मु ा फ त

ोतः अंतरा ीय मु ा कोष

वदे शी े भे यता को नयं त कया

70. हमार सरकार वारा यू पीए सरकार से ा त उ च वदे शी े भे यता को नयं ण


करने के लए अनु कूल यास कए गये ह। सरकार ारा दोन व नमाण के साथ-साथ
वदे शी यापार अ तर ारा शु कए गए यापक उपाय के मा यम से एक
पा रि थ तक तं सृिजत कया है। प रणाम व प, जब वैि वक यापा रक नयात म
लगभग 31 तशत वृ हु ई, तब भारत का यापा रक नयात कैले डर वष (सीवाई)
2014 से सीवाई 2022 तक उससे अ धक लगभग 41 तशत बढ़ गया है। इसके
अ त र त, जब वैि वक सेवा नयात 36 तशत तक बढ़ा, उसी समय भारत का
सेवा यापार 97 तशत तक बढ़ गया है। इसने जीडीपी के औसत चालू खाता घाटा
जो क व त वष 05 और व त वष 14 के बीच जीडीपी के औसत 2.3 तशत था,
क तु लना म मह वपू ण प से 1.1 तशत तक कम करने म योगदान दया
(चाट 10)।

40
चाट 10 : जीडीपी के तशत के प ि थर चालू खाता घाटा

ोतः आरबीआई

71. हमार सरकार ारा बहाल अथ यव था के मजबू त बु नयाद स ांत के कारण, पये
ने स-यू े न संघष और मु ख क य बक ारा वष 2021-22 के टे पर ट म जैसे
वैि क उतार-चढ़ाव के दौरान लचीलापन द शत कया। आरबीआई57 के वष 2022 के
एक रसच पेपर से पता चलता है क वष 2021 म फेड क टे प रंग के लए भारत
क त या वष 2013 क तु लना म वष 2021 म भारत क मजबू त बाहर ि थ त
के कारण व नमय दर पर कम गंभीर थी. वष 2013 म फेडरल रजव क घोषणा के
चार मह ने के भीतर ह डॉलर के मु काबले पये म 14.9 तशत क गरावट आई
थी। इसके वपर त, टे पर 2 घोषणा के बाद चार मह न के भीतर 2021 म पये म
0.7 तशत क मामू ल गरावट आई। (चाट 11)

57
https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_ViewBulletin.aspx?Id=21140

41
चाट 11: टे प रंग के पहले चार मह न म पये का
मू य ास
% आईएनआर/अमर क डालर बदल 14.9%

0.7%

Taper-1 (2013) Taper-2 (2021)

72. हमार सरकार ने ना केवल चालू खाता को ववेकपूण ढं ग से बं धत कया बि क


आसान और सु वधापू ण व तपोषण के मा यम से अ धक ि थर वदे शी य नवेश
(एफडीआई) को सु नि चत कया है। सरकार ारा भारतीय उ ोग क
तयो गता मकता के संवधन के लए तकनीक और व तीय संसाधन म एफडीआई
उदार करण उपाय कये गए ह। इसम वचा लत माग के अंतगत लगभग सभी े
के लए, कुछ रणनी तक प से मह वपू ण को छोड़कर, 100 तशत एफडीआई
खोलना शा मल है। व त वष 2005 और व त वष 2014 के बीच जु टाया गया
305.3 ब लयन अमेर क डॉलर के सकल एफडीआई के वपर त, हमार सरकार ने
व त वष 2015 और व त वष 2023 के बीच 9 वष म इस रा श का लगभग
दुगना (596.5 ब लयन अमेर क डॉलर) सं ह कया है (चाट 12)।

42
चाट 10: सकल एफडीआई म झान

90
80
70
60
USD Billion

50
40
30
20
10
0
FY 2005

FY 2006

FY 2007

FY 2008

FY 2009

FY 2010

FY 2011

FY 2012

FY 2013

FY 2014

FY 2015

FY 2016

FY 2017

FY 2018

FY 2019

FY 2020

FY 2021

FY 2022

FY 2023
ोतः आरबीआई
ट पणीः सकल एफडीआई अंतवाह सकल अंतवाह (पुन नवेश अजन स हत) है

73. प रणाम व प, भारत का बा य े माच, 2014 म 303 ब लयन अमर क डॉलर


(आयात के 7.8 मह न के बराबर)58 से जनवर 2024 म 617 ब लयन अमर क
डॉलर (आयात के 10.6 मह ने)59 तक वृ ध वदे शी मु ा ारे त न ध (फॉरे स
रज़व) के साथ, अ धक सु र त है। भारत ने एक ल बा सफर तय कया है और
व वष 2022 म बढ़ती फेड दर के खतरे को तब आसानी से कम कर सका जब
वैि क फ तकार दबाव म दु नया म मौ क स ती क जा रह थी। पछले दो वष
म भारतीय पया अमर क डॉलर के सामने व श प से ि थर है।

लोक व ः दयनीय ि थ त से मजबू त ि थ त तक क या ा

74. जब हमार सरकार स ा म आयी, लोक व अ छ अव था म नह ं था। लोक व


को अ छ अव था म लाने के लए, हमार सरकार ने भारत क राजकोषीय णाल
को बदलने के लए संव धत कर और यय प रतं म बहु त अ धक बदलाव कए ह।
काफ समय से लि बत एक रा एक बाजार के लए जीएसट जैसे सु धार क
शु आत क गई है। हमार सरकार ने को वड-19 महामार के संकटकाल के दौरान

58
https://rbi.org.in/Scripts/PublicationsView.aspx?id=15769
59
https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Bulletin/PDFs/RBIBULLETINJANUARY2024EC59F69FFEA5447B9A75C33E7CA8
CB26.PDF

43
अनु क पापू ण सहायता दान क और पू ववत ऑफ-बजट दे नदा रय को उ चत बजट
खात म शा मल करके लोक व म पारद शता था पत क ।

75. पछल प रपाट से हटकर, सीमा से नीचे ( बलो-द -लाइन) व पोषण का अब पारदश
प से खु लासा कया जा रहा है। अब तक, इस सरकार ने 2014 से पहले सि सडी
के नकद भु गतान के बदले तेल वपणन कंप नय , उवरक कंप नय और भारतीय खा
नगम को जार क गई वशेष तभू तय के लए मू लधन और याज के पु नभु गतान
क दशा म पछले दस वष म लगभग 1.93 लाख करोड़ पये खच कए ह। 2025-
27 के दौरान यह सरकार शेष बकाया दे यताओं और उस पर याज के लए आगे
1.02 लाख करोड़ पये खच करे गी।

यू पीए और एनडीए क सरकार म सरकार उधारः तु लना मक अ ययन

76. क सरकार के बाजार उधार, जो यू पीए के कायकाल के दौरान अभू तपू व दर पर बढ़े
थे, को हमार सरकार वारा नयं त कया गया था। क सरकार का नवल बाजार
उधार (जी-सेक), जो यू पीए शासन के दौरान 4.4 गु ना बढ़ गया था, जब क सद म
एक बार आने वाल वैि क महामार ारा आव यक उ च यय आव यकताओं के
बावजू द हमार सरकार के तहत 2.6 गु ना बढ़ गया।(चाट 11)

चाट 13: क सरकार के नवल बाजार उधार (जी-सेक) म वृ ध

ोतः बजट द तावेज़ और के सरकार के व ीय लेखा; व वष 2024 के आंकड़ संशो धत अनु मान ह।

सावज नक यय क गु णव ता म यापक प रवतन

77. हमार सरकार वारा यय क गु णव ता म कये गये सु धार हमार राजकोषीय नी त


क आधार शला है। पछले दशक म हमार सरकार ने पू ंजीगत यय को बढाने को
सव च ाथ मकता द है ता क नवेश च को ग त दान क जा सके और आ थक

44
मंद तथा ल बे समय से चल आ रह जड़ता को ख म कया जा सके। चाट 14
दशाता है क राज व यय के सीएजीआर म हमार सरकार के कायकाल म यू पीए
सरकार क तु लना म कमी आई है। वैकि पक प से, हमार सरकार के कायकाल म
पू ंजीगत यय म बहु त अ धक औसतन च वृ म बढ़ोतर हु ई है।
चाट 14: पछले दशक के दौरान यय क गु णव ा म सु धार

CAGR of Revenue CAGR of Capital Expenditure


Expenditure 17.6%

14.2%

9.9%

5.6%

FY04-FY14 FY14-FY24 FY04-FY14 FY14-FY24

ोतः आरबीआई

78. आंकड़ के हसाब से दे ख तो बजट य पू ंजीगत यय म अथ यव था को नु कसान


पहु ँचाए बना व वष 2014 से व वष 2024 (संशो धत अनु मान) तक पांच गु ना
से अ धक क वृ ध हु ई है (चाट 15 बी)। कुल यय म पू ंजीगत यय का ह सा, जो
व वष 2010 से व वष 2014 के दौरान औसतन 12 तशत था, व वष
2015 से व वष 2024 (संशो धत अनुमान) के दौरान बढ़कर औसतन 14.5
तशत हो गया और वशेष प से पछले पांच वष म औसतन 15.8 तशत हो
गया (चाट 15ए)। प रणाम व प, 2014 से पहले के चरण के दौरान दे खे गए यय
क गु णव ा म गरावट अब भावी प से सु धार हु आ है। लोग क क याणकार
ज रत को पू रा करने के लए राज व यय को फर से ाथ मकता द गई, वशेष
प से संकट के समय म और ौ ो गक क मदद से बेहतर ल यीकरण के मा यम
से इसे और अ धक भावी बनाया गया। इससे हमार सरकार को दु नया के सबसे
बड़े नःशु क भोजन काय म को लागू करने म मदद मल , और को वड-19 संकट
के दौरान समाज के कमजोर वग को अ य य लाभ अंतरण कए गए।

45
चाट 15: वष 2015 से 2024 के दौरान पू ंजीगत यय पर जोर
(क) (ख)

Capex to Total Expenditure Ratio Capital expenditure ₹ lakh crore

15.8

14.5
More than 5
fold
increase
12.0 9.5

Avg of Avg of Avg of


FY 2009-10 FY 2014-15 FY 2019-20 1.9
to FY 2013-14 to FY 2023- to FY 2023-
24RE 24RE 2013-14 2023-24RE

(ग)
2003-04 2013-14 2023-24सं.अ.

12%
23% 21%

79%
77%
88%

ोतः बजट द तावेज़

यू पीए सरकार वारा च य राजकोषीय नी त का उपयोग बनाम एनडीए सरकार वारा त


च य राजकोषीय नी त का उपयोग

79. उ च वकास अव ध ( ो-साइि लकल) के दौरान बजट बढ़ाने के यू पीए सरकार के


ि टकोण के वपर त, मौजू दा सरकार ने कसी भी अ या शत घटना से नपटने के
लए पया त राजकोषीय अवसर उ प न करने के लए सकल घरे लू उ पाद क वृ ध
के चरम च के दौरान बजट आकार को नयं त करने क एक ववेकपू ण
राजकोषीय नी त का पालन कया है (काउं टर साइि लकल) (चाट-16)। इस लए, जब
को वड-19 का भारत पर भाव पड़ा, सरकार क त या लड़खड़ाते हु ए नह ं दे खी
गई। इसने, बना कसी दे र के, एक अ छ तरह से तैयार क गई राजकोषीय

46
ो साहन योजना लागू क जो संकट त े और हर य तक पहु ँची है। बजट
का आकार व वष व वष 2019 म जीडीपी के 12.2 तशत से बढ़कर व वष
2021 म जीडीपी के 17.7 तशत हो गया है। व वष 2021 म पया राजकोषीय
ो साहन के बावजू द, राजकोषीय ि थ त नयं ण से बाहर नह ं गई य क ो साहन
नरं तर (ओपन-एंडेड) होने क बजाय दूरदश और अंशां कत था। अ धक मह वपू ण
बात यह है क, जैसे ह ो साहन क आव यकता कम हु ई, हमार सरकार राजकोषीय
अंतराल के पु नःउ ार करने के काय पर लग गई। जैसा क आ थक वकास व वष
2022 से भावशाल प से त ेप हु आ है, सरकार ने सकल राजकोषीय, राज व
और ाथ मक घाटे को लगातार कम कया है। यह कोण राजकोषीय ववेक और
पारद शता ारा च त कया गया है। यह वष 2008-09 म जीएफसी के तीन वष
बाद वष 2012 म लगातार बढ़ती राजकोषीय और राज व घाटे क ि थ त के ब कुल
वपर त था।
चाट 16: यू पीए कायकाल के दौरान ो-साइि लकल राजकोषीय नी त बनाम एनडीए कायकाल
के दौरान काउं टर-साइि लकल राजकोषीय नी त
यू पीए और एनडीए क सरकार के दौरान कुल यय का सीएजीआर
Expansion of budgets during Creating fiscal space
high GDP growth
GDP Growth boom Crisis years
High Budget Growth Budget expansion
Low GDP Growth phase
Low Budget Growth

14.2%
13.4%
12.0% High GDP Growth
Restrained Growth

8.2%

From FY 2004-05 From FY 2009-10 From FY 2014-15 From FY 2019-20


to FY 2008-09 to FY 2013-14 to FY 2018-19 to FY 2023-24RE

ट पणी: संकट के वष को वड-19 महामार और कई भू-राजनी तक संघष को कवर करते ह िज ह ने सकल


घरे लू उ पाद क वृ को भा वत कया।
ोतः बजट द तावेज़

47
पछले दशक म सु धार कृ त कर पा रि थ तक तं के साथ सु ढ़ राज व वृ ध
80. जीएसट यव था क शु आत अ त-आव यक संरचना मक सु धार था। माल एवं सेवा
कर (जीएसट ) क शु आत से पहले , रा य लेवी, 440 से अ धक कर दर , उ पाद
शु क और इन दर को शा सत करने वाल कई एज सय क अनु पालन
आव यकताओं का अथ था क भारत का आंत रक यापार न तो वतं था और न
ह एकजु ट था। सु धार के काया वयन ने 29 रा य और 7 संघ रा य े को
एकजु ट कया, जो अपनी व भ न कर संरचनाओं के कारण, अपने आप म आ थक
े थे।
81. नई कर संरचना क वशेषता राजनी तक सवस म त नमाण और जीएसट प रषद
क सामू हक सं भु ता है, दोन सहकार प रसंघवाद के मुख उदाहरण ह। रा य के
राज व हत क र ा के लए, जीएसट के ारं भक वष के दौरान, हमार सरकार ने
जीएसट राज व म 14% क यू नतम वृ से कसी भी राज व म कमी के लए 5
वष (2017 – 2022) के लए रा य के लए मु आवजे क गारं ट द । जीएसट सु धार
से कई मोच पर लाभ हु आ है। भारत के रा य को एक बाजार म एक कृ त करके नई
कर संरचना, यवसाय म पैमाने को ो सा हत कर रह है।
82. पछले दशक के दौरान यापक कर सु धार वारा क गई भावी णा लय ने राज व
सं ह और अनु पालन को बेहतर कया है।
 व वष 2015 से व वष 2024 तक संशो धत अनु मान के लए औसतन कर-
जीडीपी अनु पात लगभग 10.9 तशत है, जो 2004-14 के दौरान दस वष के 10.5
तशत के औसत से अ धक है। यह कम कर दर और को वड-19 महामार के दौरान
दान क गई यापक राहत के बावजू द संभव हु आ है।

 गणनाएं यह दशाती ह क जीएसट ने दसंबर, 2017 से माच, 2023 तक प रवार


के लए त माह लगभग 45,000 करोड़ पये बचाने म सहायता क । उसी समय
म, जीएसट का मा सक औसत राज व व वष 2018 म 90,000 करोड़ पये से
बढ़कर व वष 2024 म 1.7 लाख करोड़ पये हो गया है (चाट 17)।

48
चाट 17: औसतन मा सक सकल जीएसट सं ह
1.8 1.7
1.5
1.5
₹ Lakh Crore

1.2
1.2
1.0 1.0
0.9
0.9
0.9

0.6
FY18 FY19 FY20 FY21 FY22 FY23 FY24

ोत: राज व वभाग

वकास हे तु रा य के साथ संसाधन साझा करना


83. इस बात को वीकार करते हु ए क रा य वकास म समान प से भागीदार ह,
हमार सरकार ने सहकार प रसंघवाद का पालन करते हु ए, 14व एवं 15व व
आयोग क सफा रश को वीकार कया। पछले दशक म, के य कर का लगभग
41-42 तशत रा य के साथ बाँटा गया है। यह पू व के 30-32 तशत के अंत रत
ह से म मह वपू ण वृ है। इसके प रणाम व प, रा य को अंत रत संसाधन का
ह सा पू व से लगभग 3.8 गु ना अ धक है (चाट 18)। रा य को अंत रत संसाधन म
पू ण वृ जीडीपी के लगभग 1 तशत के समान है।

49
चाट 18: दोन यव थाओं के बीच रा य को कए गए अंतरण क तु लना

(क) कर अंतरण और एफसी अनु दान के (ख) कर अंतरण और एफसी अनु दान के
मा यम से रा य को 3.8 गुना अ धक मा यम से रा य को जीडीपी के 1 तशत
संसाधन वाइंट के अ त र त संसाधन

लाख करोड़ पये म कु ल रा श जीडीपी के तशत के प म एफसी


संसाधान
84.3
4.24

22.1 3.36

2004-05 to 2013-14 2014-15 to 2023- Avg 2004-05 to Avg 2014-15 to


24RE 2013-14 2023-24RE

ोतः बजट द तावेज़

84. इसके अलावा, प रव तत प रि थ तय के समय म के ने रा य का भरपू र सहयोग


कया है। रा य म यथासमय न धय क आव यकता को वीकार करते हु ए, हमने
रा य को ये भु गतान पहले ह कर दए थे। जीएसट तपू त उपकर, अ त र
उधार और पूँजीगत यय हे तु द घाव धक याज-मु ऋण ने रा य के अनु सार
वकास और क याणकार आव यकताओं के लए यय हे तु उनके संसाधन को बढ़ा
दया है।

जन क याण हे तु जन संसाधन सु नि चत करना


कोयले क लाइस संग म अंधकार से काश क ओर
85. कोयला े म अस मता कम करने और त पधा एवं पारद शता बढ़ाने के लए,
पछले दस वष म हमार सरकार वारा कई सु धार कए गए। स ा म आने के बाद,
हमार सरकार ने दे श के कोयला संसाधन और ऊजा संर ा का पारदश आवंटन
सु नि त करने हे तु व रत प से कोयला खान वशेष ावधान (सीएमएसपी)
अ ध नयम, 2015 लागू कया। व भ न अ य उपाय म अब तक क पहल कोयला
लॉक नीलामी, वा णि यक कोयला खनन, कोयला लंकेज का यु करण, कोयले क

50
ई-नीलामी हे तु एकल वंडो आ द शा मल ह। कोयला े म सु धार करने के लए
हमार सरकार के नरं तर यास के प रणाम व प, व वष 2023 म कोयला
उ पादन 893.19 एमट के रकाड तर पर पहु ँ च गया, जो भारत के इ तहास म
सबसे अ धक है। व वष 2023 म कोयले के उ पादन का तर व वष 2014 के
565.77 एमट कोयला उ पादन क तुलना म कर ब 57.8 तशत क वृ दशाता
है। व वष 2009 से व वष 2014 तक कोयले के उ पादन का सीएजीआर 2.8
तशत था, य द यह नरं तर बना रहता तो व वष 2023 म कोयले का उ पादन
725.39 एमट होता।
86. हमार सरकार ने दे श के बजल े म सम या उ प न करने वाले कई मु का
समाधान कया है, इस कार इसे बजल क कमी से बजल क पया ता म
बदल दया है। दे श ऐसी ि थ त जब दो- तहाई कोयला-आधा रत व ु त संयं के
पास अ यलप कोयला भंडार थे(2014), से वष 2015 म उभरकर उस ि थ त म पहु ँच
गया जब दे श म ऐसा एक भी व ु त संयं नह ं िजसके सम अ यलप कोयले भंडार
का तर था। बजल क कमी के मह वपू ण मु े को अ ल
ै 2014 से 196558
मेगावाट उ पादन मता जोड़कर संबो धत कया गया है, और भारत ने "एक-रा ,
एक ड - एक आवृ " का ल य भी ा कया है। प रणाम व प, ऊजा
आव यकता और आपू त क गई ऊजा के बीच का अंतर 2013-14 म 4.2% से
घटकर 2023-24 म 0.3% हो गया है।60 धानमं ी के "सहज बजल हर घर" के
कोण के अनु प, हर गांव और घर को व ु तीकृ त कया गया है। ामीण े म
बजल क उपल धता 2015 म 12 घंटे से बढ़कर 20.6 घंटे हो गई है और शहर
े म यह बढ़कर 23.8 घंटे हो गई है। जहां सभी को नरं तर बजल दान करने
के लए बजल े म सु धार कया गया है, वह ं पीएम कुसु म योजना अ नदाता को
स म बना रह है- हमारे कसान ऊजादाता-ऊजा दाता भी बन गए ह, िजससे 2.46
लाख से अ धक कसान लाभाि वत हो रहे ह।61

60
https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2003172
61
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1944762

51
दूरसंचार े म बेहतर शासन क शु आत

87. वष 2014 से, हमार सरकार ने दूरसंचार बाजार म ि थ त को सु धारने और े म


नी तगत प टता के अभाव के कारण हु ई असफलताओं को भावी प से संचा लत
करने के लए कई कदम उठाए। इससे पे म नीलामी यापार और साझेदार क
प तय म पारद शता आई िजससे पे म का इ तम उपयोग स म हो पाया। वष
2022 म 5जी नीलामी के संचालन ने, सबसे उ चतम नीलामी मू य पर, सबसे
उ चतम मा ा, यानी 52 गगाहा स के आवंटन के ारा, दूरसंचार सेवा दाताओं
(ट एसपी) के लए संपू ण पे म उपल धता बढ़ा द । साथ ह , ट एसपी को बेहतर
नकद वाह ने उनको 5जी ौ ो गक म पू ंजीगत नवेश करने के लए स म
बनाया, िजससे दे श म 5जी नेटवक का शुभारं भ हु आ, िजसे व के सबसे तेज 5जी
क शु आत के प म वीकार कया जाता है। सभी उपाय का भाव सभी दूरसंचार
सेवा दाताओं के संचयी सकल राज व म द शत होता है, जो पहले ह 3 लाख
करोड़ पये पार कर चु का है।

52
न कष

88. यू पीए सरकार अपने दम पर आ थक कायकलाप को सु वधाजनक बनान म बु र तरह

से वफल रह । बजाय इसके यू पीए सरकार ने बाधाएं उ प न क िजससे अथ यव था

अव हो गई। वह वाजपेयी जी के नेत ृ व वाल एनडीए सरकार ारा कए गए

सु धार के अनु गामी भाव क या त और सौ य वैि क ि थ तय का आनंद लेती

रह और प रणाम व प संक ण राजनी तक काय के लए द घका लक आ थक

प रणाम पर वचार कए बना प रणामी ती आ थक वृ का दोहन करती रह ।

इसका प रणाम अशो य ऋण का भार, उ च राजकोषीय घाटा िजसका अ धकतम

ह सा अ कट था, उ च चालू खाता घाटा, पांच वष के लए दो-अंक क मु ा फ त

रह िजससे कई भारतीय क जमापू ंजी पर भाव पड़ा और वष 2013 म “ े जाइल

फाइव” के लब क सद यता मल । वह न केवल अथ यव था म ग तशीलता दान

करने म वफल रहे बि क उ ह ने अथ यव था को इस कार वं चत कया क हमारे

उ ोगप तय ने रकाड पर यह कथन दया क वह भारत क बजाय वदे श म नवेश

करना बेहतर समझगे। नवेशक को दूर करना आसान है परं तु उ ह दोबारा वा पस

लाना क ठन है। यू पीए सरकार ने इस बात का भी दशन कया क अथ यव था को

त पहु ँचाना उसे बढ़ावा दे ने से यादा आसान है। उ ह एक मजबू त अथ यव था

मल , और उ ह ने ीण अथ यव था हम स प द । हमने इसक जीवंतता का

पु न ार कया है। न न ल खत बॉ स उस अंतर को दशाता है जो हम पछले दस

वष म कर सकते थे अब हम अगले प चीस वष म इसे बढ़ाने क आशा रखते ह।

53
• 2014 म जब एनडीए सरकार ने स ा संभाल थी, अथ यव था खराब ि थ त म ह नह ं थी वरन
संकट त थी। हमने एक दशक के लए कु बं धत अथ यव था को ठ क करने और इसके मूल ढांच
को मजबूत ि थ त म बहाल करने क बहु त सी चु नौ तय का सामना कया।

• तब, हम 'कमजोर पांच' अथ यव थाओं म से थे; अब, हम 'शीष पांच' अथ यव थाओं म शा मल ह, जो हर


साल वैि क वकास म तीसरा सवा धक योगदान दे ते ह।

• तब दु नया का भारत क आ थक मता और ग तशीलता से भरोसा उठ गया था; अब, हमार आ थक


ि थरता और वकास क संभावनाओं के साथ, हम दूसर म आशा का संचार कर रहे ह। हम अनुल नक
1 म दो मु ख अंतररा ीय संगठन क धारणाओं का एक च साझा करते ह।

• फर, हमारे पास 12- दवसीय रा मंडल खेल का घोटाला-भरा था; अब, हमने 2023 म एक बहु त बड़े और
साल भर चलने वाले जी20 ेसीडसी क सफलतापूवक मेजबानी क , िजसम वैि क सम याओं का
वीकाय समाधान दान करते हु ए, साम ी, सवस म त और लॉिजि टक के मामले म भारत अपने सव े
प म द शत हु आ।

• फर, 2जी घोटाला सामने आया; अब, हमारे पास सबसे कम दर के साथ 4जी के तहत आबाद का
यापक कवरे ज है और 2023 म दु नया का सबसे तेज़ 5जी रोलआउट है।

• फर, कोलगेट घोटाला सामने आया; अब, हमने अथ यव था और सावज नक व को बढ़ावा दे ने के लए


ाकृ तक संसाधन का उपयोग करने के लए पारदश और व तु न नीलामी के लए स टम बनाया है।

• फर हमने कुछ चु नंदा लोग के लए सोने के आयात का लाइसस दान कया; अब, हमने आयात के
लए एक पारदश तं के साथ जीआईएफट आईएफएससी म एक सराफा (बु लयन) ए सचज था पत
कया है।

• तब, हमारे पास अथ यव था ' वन बैलस शीट क सम या' का सामना कर रह थी; अब, हमने
अथ यव था को कंप नय के साथ-साथ ब कं ग े के लए ' वन बैलस शीट लाभ' म बदल दया है,
िजसम नवेश और ऋण बढ़ाने और रोजगार पैदा करने क पया मता है।

• तब मु ा फ त दो अंक म पहु ंच गई थी; अब, मु ा फ त को 5 तशत से थोड़ा अ धक तक नीचे


लाया गया है।

• फर, हमारे सामने वदे शी मु ा संकट था; अब हमारे पास 620 अरब डॉलर से अ धक का रकॉड वदे शी
मु ा भंडार है।

• फर, हमारे पास 'नी तगत-खा मयां' (पॉ लसी पैरा ल सस) थी; बु नयाद ढांचा ाथ मकता नह ं थी; अब,
अ धक नवेश और उ पादकता के लए अ णी ' नवेश, वकास, रोजगार और उ मता, और बचत' के सुधार
च के प हय म तेजी लाई गई है।

• फर, हमारे पास वकास काय म का छटपुट कवरे ज था; अब, हमारे पास ज रतमंद के लए
सु नयोिजत, ल त और समावेशी सहायता और उनक आकां ाओं को पूरा करने के लए सभी के
सश करण के साथ सभी के लए बु नयाद आव यकताएं दान करने के लए 'संत ृ कवरे ज '
(सै युरेशन कवरे ज) है।

• कु ल मलाकर, हमार सरकार के दस वष म हा सल क गई ग त ने यूपीए सरकार के पछले दस


वष क णता और ग तह नता को दूर कया है। वष 2024 म, आ म व ास और योजन ारा वष
2014 के संशय और सु ती को त था पत कया गया है। चय नत सामािजक-आ थक संकेतक क एक
सू ची अनुबध
ं 2 म तु त क गई है।

54
89. हमार सरकार ने राजनी तक और नी तगत ि थरता से सश होकर, अ धक आ थक
बेहतर के लए कठोर नणय लेने क आव यकता को पहचाना। अथ यव था म
ग तशीलता को पु नः बहाल करना, हमारे मन म सकारा मकता लाना और हमार
उपलि धय म गौरव लाना एक ऐसा ल य था िजसे हम ा करने क िज मेदार द
गई थी। हमने इस त य को मानते हु ए इस चु नौती को वीकार कया क लोक
जीवन लोग का दल जीतने एवं उनके मन और मि त क म जगह बनाने, तथा
उनम उनके तथा उनके ब च के भ व य के त व ास भरने के बारे म है। व रत
उपाय के जाल म वशीभू त होने के बजाय, हमने कठोर सु धार कए ता क आ थक
न पादन आने वाले दशक तक संपो षत रहे । हमार सरकार ने, अपनी पू ववत
अदूरदश सरकार से भ न, सु ढ़ महासंरचना के नमाण के साथ अथ यव था क
नींव म नवेश कया। पछले दस वष को यान म रखते हु ए, हम वन ता और
संतु के साथ कह सकते ह क हमने पछल सरकार ारा तु त क गई चु नौ तय
का सामना सफलतापू वक कया है। इसके बावजू द, हम अपनी सफलताओं पर कगे
नह ं। हम कने से पहले अभी और आगे जाना है और कई चु नौ तय का सामना
करना है।

90. अमृतकाल अभी केवल ारं भ हु आ है और हमारा ल य “2047 तक भारत को उ नत


रा ” बनाना है। यह हमारा कत य काल है।

55
अनुलग्नक 1

भारत के प्र�त आईएमएफ और �वश्व ब�क क� अवधारणा का प्रकट�करण

क्रम
2014 से पव
ू र् 2014 के पश्चात
संख्या
संरचनात्मक सुधार
सश्र
ु ी �क्रस्टा�लना जॉज�वा, एमडी
आईएमएफ (अक्टूबर 2022)
आईएमएफ/�वश्व ब�क क� वा�षर्क बैठक
2022 के दौरान:
2012 भारत का अनुच्छे द IV परामशर्
भारत इस अन्यथा अंधेरे ���तज पर एक
कई �नवेशक� को वतर्मान सरकार के
उज्ज्वल स्थान कहलाने का हकदार है
गठबंधन, िजससे कायार्न्वयन म� ग�त
क्य��क यह इन क�ठन िस्थ�तय� के
लाने क� आशा क� गई थी, के सुधार क�
दौरान भी ग�तशील व�ृ द्ध वाल�
1. ग�त से �नराशा हुई है और वे हाल ह� म� ,
अथर्व्यवस्था रह� है । ले�कन सबसे
हाई-प्रोफाइल शासन घोटाल� और
महत्वपण
ू र् बात यह है �क, यह �वकास
नाग�रक स�क्रयता म� वद्
ृ �ध के बाद
संरचनात्मक सुधार� द्वारा रे खां�कत
धीमी सरकार� �नणर्य लेने के बारे म�
�कया गया है , उनम� से �डिजटल आईडी
�चं�तत हो गए ह�।
से भारत म� �डिजटल�करण म�
उल्लेखनीय सफलता से �डिजटल पहुंच के
आधार पर सभी सेवाएं और सहायता
उपलब्ध कराना शा�मल है ।
चालू खाता घाटा और मद्र
ु ास्फ��त
"भारत: चय�नत मुद्दे , 2014" पर
आईएमएफ का लेख:
“2021 भारत का अनुच्छे द IV परामशर्”:
... �ेत्रीय बचत-�नवेश शेष के संदभर् म�
भारत के चालू खाता घाटे म� अभूतपूवर्
2. वद्
ृ �ध। �नरं तर उच्च मुद्रास्फ��त
से �नवल अंतवार्ह और चालू खाते म� सुधार
वास्त�वक �रटनर् म� कमी आई है, िजससे
ने �वदे शी मुद्रा भंडार म� वद्
ृ �ध करने म�
सोने के आयात म� वद् ृ �ध हुई है और
सहायता क�।
घरे लू �व�ीय बचत म� उल्लेखनीय
�गरावट आई है ।

56
ग्लोबल इकोनो�मक प्रोस्पैक्ट, जन
ू 2012: ग्लोबल इकोनो�मक प्रोस्पैक्ट, जन
ू 2015:
मैनेिजंग ग्रोथ इन ए वोलाटाइल वल्डर्: है �वंग �फसकल स्पेस एंड यूिजंग इट:

घरे लू दबाव दे श� म� �वशेष रूप से तीव्र चालू खाता घाटा और बढ़� हुई
प्रतीत होता है ... भारत जहां मद्र
ु ास्फ��त मद्र
ु ास्फ��त- दोन� लगातार अर��तताओं-
3. अ�धक है और राजकोषीय और चालू म� काफ� कमी आई है। मध्यम अव�ध
खाता घाटा बढ़ा हुआ है । म� , �वकास दर के लगातार 7 प्र�तशत तक
बढ़ने क� संभावना है क्य��क सुधार� से
उत्पादकता लाभ प्रा� होना शरू
ु हो गया
है ।
व्यापार संबंधी �वश्वास

"भारत: चय�नत मद्


ु दे , 2014" पर 2022 भारत का अनच्
ु छे द IV परामशर्:
आईएमएफ का दस्तावेज: काप�रे ट और �व�ीय �ेत्र तल
ु न पत्र� म� सुधार

�व�ीय सुदृढ़ता के चार सामान्य रूप से आया है। �व�ीय �ेत्र क� नी�तय� ने
उपयोग �कए जाने वाले सूचक� के आधार महामार� के दौरान कॉप�रे ट �ेत्र को

पर, भारत के कॉप�रे ट �ेत्र क� अर��ताएं महत्वपूणर् सहायता प्रदान क� है । उदार


वैिश्वक �व�ीय संकट के �नचले स्तर क� मौ�द्रक नी�त और उधारदाताओं एवं

ु ना से अ�धक पाई जाती ह�, और 2000 उधारकतार्ओं


तल को ल��त करने वाल�

के दशक क� शुरुआत से अपने उच्चतम �व�नयामक सहजता ने �व�ीय �ेत्र क�


4.
स्तर पर ह�। छठा अध्याय भारत म� हाल सहायता करने और क्रे�डट संकट से

ह� म� �नवेशीय मंद� के कारण� के कारक� �नकालने म� महत्वपूणर् भू�मका �नभाई।


क� जांच करता है । प�रणाम यह दशार्ते ह� गैर-ब��कंग �व�ीय कंप�नय� (एनबीएफसी)
�क मानक वह
ृ द-आ�थर्क (मैक्रो- क� तल
ु न पत्र म� भी सुधार हुआ है । ये

फाइन��शयल) प�रवतर्नशील कारक� के घटनाक्रम काफ� हद तक कॉप�रे ट �ेत्र के


अलावा, बढ़� हुई अ�नि�तता और �बगड़ते सुधार को दशार्ते ह� ...
व्यापार संबंधी �व�ास ने महत्वपूणर्
भ�ू मका �नभाई है ।
भारत के �नवेश म� मंद�
राहुल आनंद, वोलोद�मीर टयू�लन (25 माचर्, आईएमएफ अनुच्छे द IV 2018, भारत:
2014) द्वारा द हाई कोस्ट ऑफ इकोनो�मक
पो�लसी अनसट� �नट� :
मुद्रास्फ��त-ल��त मौ�द्रक नी�त रूपरे खा,

57
अवसंरचना और कॉरपोरे ट �नवेश म� माल और सेवा कर (जीएसट�), �दवाला
�गरावट भारत क� मौजूदा �वकास मंद� म� और शोधन अ�मता सं�हता (आईबीसी)
5. सबसे बड़ा योगदानकतार् रह� है । �पछले क� शुरूआत और �वदे शी �नवेश प्रवाह के
दशक के दौरान भारत क� �नवेश क� उदार�करण ने अथर्व्यवस्था को बेहतर

ृ �ध औसतन 12 प्र�तशत से अ�धक थी, �कया है । सुधार� ने अथर्व्यवस्था को


वद्
जो �पछले दो वष� म� घटकर एक �वदे शी �नवेशक� के �लए सुलभ बनाने म�
प्र�तशत से भी कम रह गई। ... अ�धक से मदद क� है । �नदे शक� ने इस बात का
अ�धक �नवेश प�रयोजनाओं म� �वलंब हो स्वागत �कया �क पूंजी प्रवाह प्रबंधन
रहा है और स्थ�गत कर �दया जा रहा है , ढांचा अ�धक उदार�करण क� �दशा म�
जब�क नई प�रयोजनाओं क� पाइपलाइन आगे बढ़ रहा है , �वशेष रूप से �वदे शी
क� िस्थ�त म� असाधारण रूप से कमी प्रत्य� �नवेश के �ेत्र म� …. �नदे शक� ने
आई है । �नम्न�ल�खत प्रमुख कारक बड़े अवसंरचना संबधी �नवेश के माध्यम
मौजूदा �नवेश मंद� के संभा�वत से अथर्व्यवस्था के आपू�तर् प� को
योगदानकतार्ओं के रूप म� स्प� �दखाई मजबत
ू करने म� महत्वपण
ू र् प्रग�त को
दे ते ह�: स्वीकार �कया।
i बढ़ती नी�तगत अ�नि�तता।
ii. प�रयोजना अनुमोदन और कायार्न्वयन
म� �वलंब।
iii.आप�ू तर् क� अड़चन�:

पूंजीगत प्रवाह म� कमी

2012 भारत का अनुच्छे द IV परामशर्: 2022 भारत का अनुच्छे द IV परामशर्:


2011 म� आं�शक रूप से भारत के चालू �व� वषर् 2021/22 म� �वदे शी िस्थ�त मख्
ु य
खाता घाटे के कारण, प्रमुख ए�शयाई तौर पर मध्यम अव�ध के बु�नयाद�

6. मुद्राओं म� रुपये म� सबसे अ�धक �सद्धांत� और वांछनीय नी�त द्वारा


मूल्यह्रास हुआ। वैि�क �वकास से अंत�नर्�हत थी। चालू खाता अ�धशेष और
संबं�धत �चंताओं ने �नवेशक� क� मंशाओं बड़े पंज
ू ीगत अंतवार्ह ने आरबीआई को
को ठे स पहुंचाई है और उन्नत महामार� के दौरान अपने अंतरार्�ीय

58
अथर्व्यवस्थाओं के ब�क� के ऋण� म� कमी भंडार को पुनः पू�तर् करने म� मदद क�।
(�डल�वरे िजंग) ने �वदे शी �व� क� लागत ... पूंजीगत अंतवार्ह ने �नवल अंतरार्�ीय
बढ़ा द� है । �नवेश क� िस्थ�त म� सुधार करने म�
मदद क�।
�वदे शी �ेत्र
इं�डया डेवलपम�ट अपडेट, अप्रैल, 2013:
ग्लोबल इकोनो�मक प्रोस्पैक्ट, जून 2012:
डाईवज��सस एंड �रस्कस:
अपे�ाकृत कमजोर भुगतान शेष
(बीओपी) िस्थ�त के साथ, रुपये ने �व� ... अक्टूबर 2014 से फरवर� 2016 म� 'मेक
वषर् 2013 के दौरान मूल्य म� �गरावट इन इं�डया' अ�भयान क� शुरुआत से
7.
जार� रह� और जन
ू म� एक सवर्का�लक भारत म� एफडीआई 37 प्र�तशत बढ़ गया
�नचले स्तर पर पहुंच गया, जो अगस्त है , िजसम� कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और
तक उसी स्तर पर बना रहा ऑटोमो�टव �ेत्र� ने इस �नवेश का बड़ा
�हस्सा आकृ� �कया है ।

59
अनुलग्नक-2

क्र. सं. प�रवत� इकाई स्रोत तब अब �टप्पणी

वह
ृ द अथर्व्यवस्था

प्र�तशत तबः �व� वषर् 2004 - �व� वषर् 2014 के बीच

1 मद्र
ु ािस्फ�त आईएमएफ 8.2 5.0 मुद्रास्फ��त का सीएजीआर

अबः �व� वषर् 2014 - �व� वषर् 2023 के बीच


मुद्रास्फ��त का सीएजीआर

पीपीपी डॉलर, तब- �व� वषर् 2005 से �व� वषर् 2014 के बीच
2 प्र�त व्य�� सकल घरे लू उत्पाद मुद्रास्फ��त �व� ब�क 3,889 6,016 औसत प्र�त व्य�� जीडीपी
(पीपीपी) समायोिजत अब- �व� वषर् 2015 से �व� वषर् 2023 के बीच
औसत प्र�त व्य�� जीडीपी
60

तब- �व� वषर् 2014 के �लए जीडीपी के प्र�तशत

3 पंज
ू ीगत व्यय जीडीपी का �व� मंत्रालय 1.7 3.2 के रूप म� कैपेक्स,

प्र�तशत अब- �व� वषर् 2024 (सं.अ.) के �लए जीडीपी के


प्र�तशत के रूप म� कैपेक्स

अमे�रक� तब- �व� वषर् 2014 के �लए �नयार्त,


4 इलेक्ट्रॉ�नक्स �नयार्त डॉलर, वा�णज्य मंत्रालय 7.6 22.7 अब- �व� वषर् 2024 के �लए �नयार्त
�ब�लयन

अमे�रक� तबः �व� वषर् 2005 से �व� वषर् 2014 के बीच

5 �वदे शी प्रत्य� �नवेश डॉलर, आरबीआई 305 596.5 सकल एफडीआई का योग
�ब�लयन अबः �व� वषर् 2015 और नवंबर, 2023 के बीच
सकल एफडीआई का योग
6 बहुआयामी गर�बी जनसंख्या यूएनडीपी, नी�त 29.2 11.3 तब- 2013-14 के अंत म�
का प्र�तशत आयोग अब- 2023 के अंत तक (अनुमा�नत)

7 अप्रत्य� कर दर प्र�तशत राजस्व �वभाग 15 12.2 तब- औसत जीएसट� से पव


ू र् अप्रत्य� कर दर, अब-
माचर् 2023 क� तक औसत जीएसट� दर

तब- 2014 तक
8 स्टाटर् अप- क� संख्या कंप�नय� क� डीपीआईआईट� 350 1,17,257 अब- 31 �दसंबर 2023 तक
संख्या

अब- 2011 म� र��कं ग, अब- 2021 म� र��कं ग (�पछले


9 हावडर् इकॉना�मक कॉम्प्लेिक्सट� र��कं ग हावर्डर् य�ू नव�सर्ट� 52 42 दशक म� भारतीय अथर्व्यवस्था अ�धक प�रष्कृत हुई
इंडक्
े स है । कम संख्या उच्च र��कं ग का प्र�त�न�धत्व करती
61

है ।)

क्र.सं . प�रवत� इकाई स्रोत तब अब �टप्पणी

भौ�तक और �डिजटल
अवसंरचना

शहर� क� आवासन और
10 मेट्रो रे ल वाले शहर 5 20 तब- 2014 के अंत म� ,
संख्या शहर� कायर्
अब- 2023 के अंत म�
मंत्रालय
तब �व� वषर् -2005 और �व� वषर् 2014 के बीच
11 रा�ीय राजमागर् क� लंबाई का �नमार्ण हजार �कमी सड़क प�रवहन और 25.7 54.9 �न�मर्त राजमागर्;
राजमागर् मंत्रालय अब- �व� वषर् 2015 से �व� वषर् 2024 (नवंबर) के
बीच �न�मर्त राजमागर्

�कमी/ �दन
12 राजमागर् �नमार्ण क� ग�त सड़क प�रवहन और 12 28.3 तब - 2013-14 म� ग�त;
राजमागर् मंत्रालय अब -2022-23 म� ग�त

तब �व� वषर् -2005 और �व� वषर् 2014 के बीच


13 प�रणामी रे ल दघ
ु ट
र् नाएं दघ
ु ट
र् नाओं क� रे ल मंत्रालय 233 34 दघ
ु ट
र् नाओं क� औसत संख्या

औसत संख्या अब - �व� वषर् 2015 और �व� वषर् 2023 के बीच


दघ
ु ट
र् नाओं क� औसत संख्या

तब -2014 तक �वद्युतीकृत बड़ी लाइन नेटवकर्


62

14 �वद्युतीकृत रे ल नेटवकर् हजार �कमी रे ल मंत्रालय 21.8 60.8 अब- नवंबर2023 , तक �वद्युतीकृत बड़ी लाइन नेटवकर्

15 हवाई अड्ड� क� संख्या संख्या नाग�रक �वमानन 74 149 तब - 2014 के अंत म� ;


मंत्रालय अब – फरवर�2024 , के अंत तक

16 औसत टोल प्लाजा प्रती�ा समय समय पी.आई.बी. 12.2 �मनट 47 सेकंड तब - 2014 म� ;

अब - 2023 म�

क�द्र�य �वद्युत
17 कुल स्था�पत ऊजार् �मता गीगा वाट 249 429 तब - माचर् 2014 तक;
प्रा�धकरण
अब – �दसंबर 2023 तक
स्था�पत अ�य ऊजार् �मता क�द्र�य �वद्युत
18 गीगा वाट 76 181 तब – माचर्, 2014 तक;
प्रा�धकरण
अब – �दसंबर, 2023 तक

क्र. सं. प�रवत� इकाई स्रोत तब अब �टप्पणी

तब- वषर् 2012 के सच


ू कांक म� भारत क� र��कं ग,
19 लॉिजिस्टक प्रदशर्न सूचकांक र��कं ग �व� ब�क 54 38 अब- वषर् 2023 के सूचकांक म� भारत क� र��कं ग।
कम संख्या उच्च र��कं ग को दशार्ती है ।

लोग� क�
संख्या, तब- 2013-14 के अंत तक,
20 मोबाइल ब्रॉडब�ड सब्सक्राइबर ट�आरएआई 6 90
करोड़ अब- नवंबर 2023 के अंत तक
63

तबः माचर् 2014 के अंत तक


21 मा�सक डेटा उपयोग जीबी ट�आरएआई 0.06 18.39
अबः जून, 2023 के अंत तक
तबः 2014 म� प्र�त जीबी डेटा क� रुपए म� लागत,
रुपये अबः 2023 म� प्र�त जीबी डेटा क� रुपए म� लागत
22 वायरलेस डेटा टै �रफ संचार मंत्रालय 269 10.1
प्र�त
जीबी
सुर��त भ�वष्य और जीवन यापन म� सुगमता

कॉलेज� स्वास्थ्य और
23 मे�डकल कॉलेज 387 706 तब - 2014 तक;
क� संख्या प�रवार कल्याण
अब- 2 फरवर�, 2024 तक
मंत्रालय
तब - 2014 तक;
सीट� क� स्वास्थ्य और
24 �च�कत्सा �श�ा म� सीट� 51,348 1,08,940
अब- 2 फरवर�, 2024 तक
संख्या प�रवार कल्याण
मंत्रालय

तब- 2013-14 तक,


25 �व��वद्यालय� क� संख्या मात्रा �श�ा मंत्रालय 676 1168
अब- 2021-22

तबः 2015 म� भारत क� र��कं ग

26 वैि�क नवाचार सूचकांक र��कं ग डब्ल्यूआईपीओ 81 40 अबः 2023 म� भारत क� र��कं ग

(कम संख्या उच्च र��कं ग दशार्ती है )

ट्रे डमाकर् क� तब – �व� वषर् 2005 और �व� वषर् 2014 के बीच


64

27 पंजीकृत ट्रे डमाकर् संख्या (लाख) सीजीपीडीट�एम का 8.8 17.9 पंजीकृत ट्रे डमाकर्;
कायार्लय
अब– �व� वषर् 2015 और �व� वषर् 2022 के बीच
पंजीकृत ट्रे डमाकर्

क्र.सं . प�रवत� इकाई स्रोत यूपीए एनडीए


�टप्पणी

पेट्रो�लयम एवं
तब - अप्रैल 2014 तक;
28 एलपीजी कनेक्शन क� संख्या प्राकृ�तक गैस मंत्रालय 14.5 31.4
करोड़ अब– अगस्त 2023 तक

पेट्रो�लयम एवं
तब - अप्रैल 2014 तक;
29 पीएनजी कनेक्शन क� संख्या प्राकृ�तक गैस मंत्रालय 22.3 119
लाख अब– अक्टूबर 2023 तक
तब - 2014 तक;
30 �वद्युतीकरण क� िस्थ�त �व� ब�क 85.1 100
प्र�तशत अब– 2023 तक

तब- 2014 म� उपलब्ध �बजल� के घंट� क� औसत


31 �बजल� क� औसत उपलब्धता �वद्युत मंत्रालय 12 20.6
घंटे संख्या
(ग्रामीण)
अब- 2023 म� उपलब्ध �बजल� के घंट� क� औसत
संख्या

32 नल के पानी के कनेक्शन क� संख्या जल श�� मंत्रालय 3.2 13.8


करोड़ तब – अगस्त, 2019 तक
(ग्रामीण)
अब – �दसंबर, 2023 तक

33 डीबीट� लाभा�थर्य� क� कुल संख्या डीबीट� वेबसाइट 10.8 166


65

करोड़ तब- �व� वषर् 2014 तक

अब- �व� वषर् 2023 तक


�व�भन्न योजनाओं के तहत वं�चत
34 प�रवार� को अंत�रत रा�श (कुल डीबीट� वेबसाइट 7,367 7,16,396
करोड़ रुपये तब- �व� वषर् 2014 के �लए अंतरण,
नकद और वस्तु)
अब- �व� वषर् 2023 के �लए अंतरण
शहर� स्थानीय �नकाय� द्वारा अप�श� आवासन और शहर�
तब - 2014 तक
35 प्रसंस्करण कायर् मंत्रालय 18 76
कुल उत्पा�दत अब- 6 फरवर�, 2024 तक
अप�श� का
प्र�तशत

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