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िबहार
सामा य ान
अनु म
ा थन
भूिमका
1. इितहास क ोत (Sources of History)
2. ाक-ऐितहािसक काल एवं ाचीन काल (Pre-Historical Age and Ancient Period)
3. म य काल (Medieval Period)
4. आधुिनक काल (Modern Period)
5. वतं ता आंदोलन (Freedom Movement)
6. पृथक िबहार आंदोलन (Bihar Separation Movement)
7. वा तुकला एवं िच कला (Architecture and Painting)
8. लोक-सं कित (Folk Culture)
9. मेले एवं योहार (Fairs and Festivals)
10. सािह य एवं सािह यकार (Literature and Writer)
11. िबहार क िवभूित (Personalities of Bihar)
12. िश ा, वा य एवं खेल-कद (Education, Health and Sports)
13. थित एवं उ ावच (Location and Relief)
14. अपवाह णाली (Drainage System)
15. जलवायु एवं िम ी (Soil and Climate)
16. वन एवं व य जीव-जंतु (Forest and Wild Life)
17. किष (Agriculture)
18. िसंचाई क साधन (Sources of Irrigation)
19. खिनज एवं उ ोग (Minerals and Industry)
20. आधारभूत संरचना (Infrastructure)
21. जनसं या एवं अिधवास (Population and Settlement)
22. पयटन एवं पयटन थल (Tourism and Tourist Places)
ा थन
ि य पाठको,
म अपने जीवन म अ ययन एवं अ यापन क दौरान ामीण एवं शहरी प रवेश क हजार युवा क संसग म
आया। युवा क संसग क म म मने पाया िक जब युवा बा यकाल म होते ह तो उनक चेहर पर ाकितक
मुसकराहट बनी रहती ह। शनैः-शनैः जब उ बढ़ती जाती ह तथा उनक चेहर पर मुसकराहट क जगह िशकन
अपना आिधप य जमा लेती ह, और एक समय ऐसा आता ह, जब युवा क कधे पर वयं क , प रवार क तथा
समाज क िज मेदारी आ जाती ह, ऐसे समय म उनक सामने रोजगार का अभाव होता ह। ऐसी दु ह थित म युवा
जीवन क चौराह पर अपने को िककत यिवमूढ़ पाते ह। वयं क अनुभूित एवं प रवेश क अनुभव ने मुझे े रत
िकया ह िक ऐसे युवा क जीवन म रोजगार पी िचराग जलाने क िलए म कोई य न क । इसी का ितफलन
ह तुत पु तक, िजसम हम लोग ने खयाल रखा ह िक िबहार से संबंिधत त य को इस कार प चाएँ, िजससे
ितयोिगता परी ा म पूछ जानेवाले न क कित एवं वृि का एक खाका आपक अवचेतन मन पर अंिकत हो
जाए।
य तो ितयोिगता पी यावसाियक बाजार म पु तक का अभाव नह ह, िकतु ामािणकता क कसौटी पर
माण क भूिमका म यह पु तक तुत ह। यिद आप इस पु तक क सभी त य का पूण मनोयोग से अ ययन कर
लगे तो मुझे िव ास ह िक आपक ि म पैनापन आएगा, जो आपक चेहर पर बा यकाल क ाकितक
मुसकराहट को वापस लौटाएगा। आ मिव ास से भरा युवा ही समथ भारत क पहचान हो, यही मेरी आकां ा ह।
इस ा थन क मा यम से म उन हजार अनाथ, असहाय, गरीब एवं बेरोजगारी से संघषरत युवा क ित
आभार य करता , िजनका िवपरीत प र थित म जूझने क साहस ने मुझे े रत िकया िक जुगनू क प म ही
सही, अपना सू म काश उन तक प चाऊ। इस पु तक क संकलन म िनदेशक मु ाजी का िन छल सहयोग
मुझे हर तर पर िमलता रहा। गरीब, अनाथ एवं िनःसहाय छा क उ थान क िलए ी मु ाजी क भगीरथ यास
को म साधुवाद देता और अंत म आप से कहना चा गा—
येय पाने को वयं पैर बढ़ाना होगा,
पथ क प थर को वयं दूर हटाना होगा।
ओ अमावस को बुरा कह क बहकानेवालो,
अपने ही मन का तुझे दीप जलाना होगा।
भाग मग भाग य िक
िजंदगी न िमलेगी दुबारा।
जय िहद! जय युवा!!
तुम सभी का
डॉ. एम. रहमान
इितहास, िजंदगी एवं परी ा िवशेष
भूिमका
गौरवशाली अतीत एवं रे णादायक परपरा से ओत- ोत िबहार क धरती को महा िवभूितय क ज म थली
एवं कम थली होने का गौरव ा ह। कित क सुंदरता एवं ऐितहािसक िवरासत क संपूणता को समेट ए िबहार
न कवल सं कित क उ व का सा ी रहा ह, ब क िव क थम गणतं क ज मभूिम भी ह। िबहार
ाचीनकाल से ही िव को शासन, शांित, स य एवं अिहसा का उपदेश देता रहा ह। बु , महावीर, आयभ ,
चाण य जैसे ाचीन मनीिषय से लेकर आधुिनक युग म लोकनायक जय काश एवं देशर न राज साद जैसी
महा िवभूितय क ज म थली तथा कम थली रहा ह। येक कालखंड म िबहार ने रा क िवकास म अ णी
भूिमका िनभाई तथा िव समुदाय को नई िदशा एवं नया संदेश िदया ह। िबहार ने अपनी बौ क एवं ाकितक
संपदा क कारण रा ीय एवं अंतरा ीय तर पर उप थित दज कराई ह। ाचीन नालंदा िव िव ालय को
अंतरा ीय नालंदा िव िव ालय क प म पुनज िवत करना इसका न य उदाहरण ह।
यह स य ह िक अतीत क सुनहर पल म जीनेवाला िबहार बाद क वष म रा ीय एवं अंतरा ीय तर पर िपछड़
गया एवं देश क अ य रा य क साथ कदम-से-कदम िमलाकर चलने म असमथ रहा, लेिकन िपछले दशक म
रा य ने पुनः कम क बल पर ती गित से िवकास करनेवाले रा य म अपना थान बना िलया।
हमारी ज मभूिम होने एवं िन छल लगाव होने क कारण िबहार पर पु तक िलखने क आकां ा एवं अिभलाषा
वष से रही थी। िबहार क बौ क संप ता, जल एवं िम ी जैसे संसाधन क उपल धता रा य को आिथक
ि से संप बनाने म स म ह। मने अपने य गत अनुभव से महसूस िकया िक िबहार पर अब तक िलखी गई
सभी पु तक ाकितक एवं सामािजक-सां कितक िविवधता को प रलि त करने म असमथ रही ह। िबहार पर
उपल ध पु तक, गाइड आिद ितयोगी परी ा क तैयारी कर रह ितभािगय को सरल, सुबोध, त या मक एवं
ानपरक जानकारी दान करने म उपयोगी िस नह ई ह और इस कारण किठन प र म क बाद भी ितयोगी
छा को असफलता हाथ लगती ह। हमार ारा िलखी पु तक क संदभ म यही कहा जा सकता ह, ‘यिदहा त
तद य य ेहा त न त िच ’ अथा जो इस पु तक म ह, वह अ य भी उपल ध हो सकता ह, लेिकन जो
इसम नह ह, वह कह नह िमलेगा। पु तक म इसी क पना को साकार करने का यास िकया गया ह।
‘न िह ानेन स शं पिव िमह िव ते।’...
—गीता
इस उ े य से सूचना क िव ेषणा मक अवधारणा को यान म रखते ए इसे पु तक का व प िदया गया
ह।
तुत पु तक को 45 अ याय म िवभािजत िकया गया ह। िविभ अ याय म िबहार का इितहास, कला एवं
लोक-सं कित, भौगोिलक, आिथक, राजनैितक एवं समकािलक थित का त यपरक एवं सारगिभत िव ेषण
तुत िकया गया ह।
िबहार क ऐितहािसक जानकारी को पु तक म 6 अ याय म समािहत िकया गया ह। कला एवं सं कित क
िविवध प एवं िबहार क िवभूितय तथा खेल-कद से संबंिधत भाग को 6 अ याय म विणत िकया गया ह। रा य
क भौगोिलक थित एवं आपदा से संबंिधत िववरण को 13 अ याय म विणत िकया गया ह। राज यव था,
अथ यव था एवं रा य क आिथक िवकास क नीितय को 12 अ याय म विणत िकया गया ह। इसक अित र
रा य क िवभाजन का भाव, िवशेष रा य का दजा, सुशासन एवं िवकास से संबंिधत संभावनाएँ, िबहार िदवस एवं
समसामियक से संबंिधत घटनाच को 7 अ याय म विणत िकया गया ह। इसक अित र सां यक उप थापन,
प रिश आिद िवषय से संबंिधत अ याय स मिलत ह।
इितहास अ ययन क ोत—पु तक म िबहार क इितहास को सामािजक-सां कितक ि कोण एवं िनरपे भाव
से विणत िकया गया ह। सं कितय क प रवतन एवं उसक मानव जीवन पर भाव का सू म िव ेषण तुत िकया
गया ह। पु तक म इितहास अ ययन क मूल आधार ऐितहािसक ोत एवं ऐितहािसक घटना क मब
िव ेषण को आधार बनाया गया ह।
ाक-ऐितहािसक काल एवं ाचीन काल— तुत अ याय म ाक-ऐितहािसक एवं ऐितहािसक िबहार क
सां कितक उदय तथा सामािजक-धािमक सुधार आंदोलन क साथ-साथ िबहार का राजनैितक इितहास, यथा—मगध
सा ा य, मौय र एवं गु कालीन िबहार का वणन िकया गया ह, जो पाठक को िबहार क ऐितहािसक िवरासत
को समझने म ानवधक ह।
म यकाल—इस अ याय म म यकाल को िविभ कालखंड म िवभािजत कर सू म िव ेषण िकया गया ह। पूव
म यकाल क साथ-साथ म यकालीन िद ी स तनत क शासक क िबहार पर भाव का वणन िकया गया ह।
म यकाल म पूर भारत क इितहास को शासिनक एवं आिथक ि कोण से सवािधक भािवत करनेवाले िबहार क
अफगान शासक शेरशाह का उदय एवं उसक नीितय का त या मक िव ेषण तुत िकया गया ह। िबहार म
मुगलकालीन शासन यव था एवं म यकालीन रह यवादी इ लािमक सूफ परपरा का िच ण िकया गया ह, िजसने
भारत क साथ-साथ िबहार म भी भाईचारवाली िहद-इ लामी सं कित को पु पत एवं प िवत होने का आधार
दान िकया।
आधुिनक काल—इस अ याय म देश क साथ-साथ रा य म क ीकत मुगल शासन क पतन क बाद े ीय
श य क उदय होने क कारण एवं भाव को विणत िकया गया ह, साथ ही यूरोपीय कपिनय का िबहार म
आगमन, उनक बीच रा य पर शासन थापना क िलए संघष—िजसम अं ेज क िवजय का िव ेषण िकया गया
ह—अं ेजी शासन क थापना क िव रा य म ए जन आंदोलन का भी सू म िव ेषण तुत िकया गया ह।
वतं ता आंदोलन—िबहार ारभ से ही ांितकारी िवचारधारा का पोषक या प धर रहा ह। 1857 ई. क
िव ोह क पूव भी अनेक जनजातीय एवं िकसान िव ोह हो चुक थे। वतं ता आंदोलन क म म ‘चंपारण
स या ह’, ‘िखलाफत आंदोलन’, ‘असहयोग आंदोलन’, ‘सिवनय अव ा आंदोलन’, ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म
िबहारवािसय ने अपना उ क योगदान िदया। चंपारण क भूिम से ही रा िपता महा मा गांधी ने स य एवं अिहसा
क योग का आंदोलन ारभ िकया था। ांितकारी रा वादी आंदोलन क साथ-साथ ‘आजाद िहद फौज’ म िबहारी
ांितका रय ने भी मह वपूण भूिमका िनभाई। वतं ता आंदोलन म मिहला, िकसान, समाजवादी िवचारधारा क
लोग क योगदान का िव ेषण भी इस अ याय म िकया गया ह, साथ ही ि िटशकाल क दौरान िबहार म िश ा क
िवकास से संबंिधत नीितय एवं सं था क िवकास का वणन िकया गया ह।
पृथक िबहार आंदोलन—इस अ याय म िबहार क वतमान राजनैितक व प क िलए चलाए गए आंदोलन को
चरणब प म विणत िकया गया ह। 1 अ ैल, 1912 को िबहार वतं ांत क प म गिठत आ। िबहार
ाचीन काल से ही वतं ता का प धर रहा ह। मगध, मौय से लेकर शेरशाह एवं अकबर तक िबहार अलग सूबे
क प म गिठत था, लेिकन ि िटश काल म िबहार को बंगाल एवं उड़ीसा क साथ स मिलत कर एक ांत बना
िदया गया, लेिकन पा ा य िश ा क कारण िबहार म भी बु जीिवय का उदय आ, िजससे वे अपने अिधकार
क ित सजग ए। उ ह ने यह महसूस िकया िक पृथक िबहार ांत क गठन क उपरांत ही िबहा रय क सामािजक,
आिथक एवं राजनैितक थित म बदलाव आ सकता ह। इन बु जीिवय म सव ी सि दानंद िस हा, महश
नारायण, दीपनारायण िसंह एवं गणेश शंकर िव ाथ आिद मुख थे।
वा तुकला एवं िच कला—इस अ याय म िबहार म ाचीन काल से लेकर आधुिनक काल तक पु पत एवं
प िवत वा तु एवं िच कला क िविभ शैिलय , यथा—मौयकला, पालकला, पटना कलम, मधुबनी िच कला,
मंजूषा शैली आिद का सू म िव ेषणा मक वणन तुत िकया गया ह।
लोक-सं कित—िबहार क सामािजक संरचना एवं सां कितक संि िवशेषता को समझने का यास िकया
गया ह। िकसी भी रा य या देश क पहचान उसक सां कितक िवरासत से होती ह। इसी से उसक अ मता और
वतं पहचान का प रचय िमलता ह। सं कितय क आंत रक सम वय को दिशत करनेवाले लोकगीत, लोकनृ य,
लोकना य और जनजातीय सं कित का बोधग य िव ेषण इस अ याय म िकया गया ह।
मुख मेले एवं पव- योहार—इस अ याय क अंतगत रा य क लोकजीवन को दिशत करनेवाले मुख मेले,
महो सव एवं पव- योहार का वणन िकया गया ह। रा य म देश का सबसे बड़ा सोनपुर पशु-मेला, छठ का पिव
योहार जैसे अनेक पव- योहार का िव ेषण िकया गया ह।
सािह य एवं सािह यकार—इस अ याय म िबहार क भाषा एवं सािह य, प का रता, सािह यकार आिद का
िव तृत अवलोकन तुत िकया गया ह। िबहार म अनेक भाषाएँ एवं बोिलयाँ बोली जाती ह, िजनम िहदी, उदू,
सं कत, मैिथली, भोजपुरी, अंिगका, व का और मागधी आिद मुख ह। िहदी िबहार म अिभ य का मु य
मा यम ह। िबहार म बोली जानेवाली िहदी भाषा म े ीय िविवधताएँ पाई जाती ह। रा य म सािह य लेखन एवं
प का रता का लंबा इितहास रहा ह। रा किव िदनकर, आंचिलक िवशेषता को दिशत करनेवाले आचाय
िशवपूजन सहाय एवं े ीय भाषा क महा किव िव ापित क ज मभूिम िबहार ही रहा ह।
िबहार क िवभूित—िबहार ने इितहास काल से ही समय-समय पर संपूण िव को येक े म मागदशन िदया
ह। यह भूिम ाचीन काल से ही िवभूितय से धनी रही ह। बु , महावीर, आयभ , चाण य जैसे ाचीन मनीिषय
से लेकर आधुिनक युग म लोकनायक जय काश एवं देशर न राज साद जैसे महा िवभूितय क ज म थली
तथा कम थली रहा ह। तुत अ याय म िबहार को िव मानस-पटल पर थान िदलानेवाली अमर िवभूितय का
िव ेषण िकया गया ह।
िश ा, वा य एवं खेल-कद—इस अ याय म रा य क मुख िश ण सं थान एवं मुख सं हालय का वणन
ह, जो पाठक क ि कोण से काफ मह वपूण एवं िचकर ह। वा य एवं खेल-कद मानव क सवागीण
िवकास क अिनवाय शत ह। रा य म वा य सेवा एवं खेल-कद से संबंिधत ि या-कलाप का िव ेषण
िकया गया ह। खेल-जग म रा य ने अ ितम, अ तीय, रा ीय एवं अंतरा ीय उपल धय को हािसल िकया ह।
थित एवं उ ावचता—इस अ याय म रा य क भौगोिलक िवशेषता , यथा—भौगोिलक सीमा , भौगोिलक
संरचना एवं उ ाव ता, भौगोिलक देश आिद का सू म एवं त यपरक िव ेषण तुत िकया गया ह। रा य का
यह सौभा य ह िक यहाँ क कित िजतनी मनोरम ह, जल एवं िम ी संसाधन म उतनी ही प रपूण ह। तुत
पु तक म वै ािनक प ित का योग करते ए मानिच , आँकड़ आिद का िव ेषण िकया गया ह।
अपवाह णाली—इस अ याय म निदय , गरम जलकड, जल पात, झील, आ भूिम े का िव ेषणा मक
िववरण तुत िकया गया ह। रा य म सदानीरा निदय का जाल ह, जो िहमालय पवत से िनकलकर िबहार क भूिम
को स चती एवं उपजाऊ बनाती ई वािहत होती ह। इन नदी णािलय का िबहार म मानव क िवकास म अमू य
योगदान रहा ह।
जलवायु एवं िम ी— तुत अ याय म िबहार क उ ण मानसूनी जलवायु, जो वैिव यपूण ह, क साथ-साथ वषा
का िवतरण, िम ी क िवशेषता एवं उनक कार का वणन िकया गया ह।
वन एवं व य जीव-जंतु—इस अ याय क अंतगत रा य क वन संसाधन एवं जैव िविवधता का िव तृत वणन
िकया गया ह। रा य म ाकितक वन पित एवं व य जीव-जंतु क कई जाितयाँ पाई जाती ह, िजनक संर ण
का समुिचत यास भी िकया जा रहा ह। रा य वन िवकास अिधकरण एवं व य जीव-जंतु एवं संर ण आिद
सं था क मा यम से वन एवं व य जीव-जंतु क संर ण का उ ेखनीय यास िकया जा रहा ह।
किष—इस अ याय म भूिम उपयोग ित प, किष गहनता, किष-संयोजन देश, किष देश, किष जलवायु देश,
मुख फसल , पशुपालन एवं म यपालन एवं भूिम सुधार का वणन िकया गया ह। किष िबहार क िवकास का
मुख आधार- तंभ ह। किष क िवकास क अभाव म रा य क िवकास क क पना भी नह क जा सकती ह।
िसंचाई साधन—इस अ याय म िसंचाई क मुख साधन , िविभ प रयोजना जैसे—कोसी प रयोजना, गंडक
प रयोजना, सोन प रयोजना आिद, किष क िवकास क िलए चलाई जा रही इ धनुष ांित एवं व रत िसंचाई लाभ
काय म तथा पूव े क िलए आई.सी.ए.आर. अनुसंधान प रसर, पटना का वणन िकया गया ह।
खिनज एवं उ ोग—इस अ याय म िबहार म उपल ध खिनज संपदा, उ ोग-धंधे, जैसे—किष आधा रत उ ोग,
वन आधा रत उ ोग, खिनज आधा रत उ ोग, खा सं करण उ ोग आिद का वणन िकया गया ह। उ ोग क
वा तिवक थित को जानने क िलए क गई छठी आिथक गणना, 2013, उ ोग क िवकास एवं सहायता क िलए
बनाए गए िविभ े ीय िवकास ािधकरण , उ ोग िम एवं औ ोिगक देश का िवशद वणन िकया गया ह।
आधारभूत संरचना—इस अ याय क अंतगत रा य म उपल ध आधारभूत संरचना , यथा—प रवहन, संचार-
यव था, ऊजा, का वणन िकया गया ह। ऊजा े क िवकास क िलए लागू िकए गए िबहार नवीन और
नवीकरणीय ऊजा ोत क संवधन नीित, 2011 का िव तृत वणन इस पु तक म िकया गया ह।
जनसं या एवं अिधवास—रा य क जनसं या, घन व एवं िवतरण का वणन इस अ याय म िकया गया ह। रा य
क जनसं या को िनयंि त करने क िलए बनाई गई जनसं या नीित को भी इस अ याय म स मिलत िकया गया ह।
रा य क मानव िवकास सूचकांक और ामीण एवं नगरीय अिधवास भी इस अ याय को सुशोिभत करते ह।
पयटन एवं पयटन थल—इस अ याय क अंतगत िविभ कार क पयटन थल क वणन िकए गए ह। िबहार
म पयटन को बढ़ावा देने क िलए बनाई गई पयटन नीित को भी इस अ याय म स मिलत िकया गया ह।
आपदा बंधन—इस अ याय म रा य क िविभ कार क आपदा , जैसे—बाढ़, सूखा, भूकप, च वात एवं
अ य आपदा का वणन िकया गया ह। रा य म आपदा को रोकने क िलए आपदा बंधन संबंिधत काय ,
अिधिनयम , ािधकरण को भी स मिलत िकया गया ह। िबहार रा य ने ‘िबहार आपदा जोिखम यूनीकरण रोड
मैप, 2015-30’ बनाया ह। इसका भी िवशद वणन िकया गया ह।
राज- यव था—इस अ याय म राजनैितक संरचना, यव था का वणन िकया गया ह। इसक अंतगत रा यपाल,
िवधानमंडल, मंि प रष , मु यमं ी, महािधव ा, लोकायु का वणन िकया गया ह। िबहार म गठन िकए गए
िविभ आयोग का भी उ ेख इस अ याय म िकया गया ह।
शासिनक यव था—रा य क शासिनक ढाँचे का वणन इस अ याय म िकया गया ह, जैसे— मंडलीय
शासन, िजला शासन, अनुमंडल शासन, खंड शासन आिद, साथ ही रा य क िविभ िजल क सामािजक,
िवशेष रा य क माँग का वणन िकया गया ह, साथ ही धानमं ी द िवशेष पैकज का भी वणन ह।
न सलवाद—िबहार म न सलवाद क थित, उसक कारण एवं भाव का वणन इस अ याय म िकया गया ह।
िवकास क संभावनाएँ—इस अ याय क अंतगत िबहार क वतमान थित एवं िवकास क संभावना को
दशाया गया ह। वतमान म आिथक िपछड़पन से िसत होने क बावजूद भिव य म िवकास क संभावनाएँ मौजूद ह,
इसको तािकक प से दिशत िकया गया ह।
सुशासन एवं सात िन य— याय क साथ िवकास क ि कोण को रखते ए सभी लोग , े और वग को
साथ लेने क िलए सुशासन क संक पना एवं इनको ा करने क िलए िवकिसत िबहार क ‘सात िन य ’ का
वणन इस इस अ याय म िकया गया ह।
िबहार िदवस—रा य सरकार क ारा िबहारी अ मता को जा एवं दिशत करने क िलए ‘िबहार िदवस’ का
आयोजन िकया जाता ह। इस आयोजन का वणन इस अ याय म िकया गया ह।
समसामियक —इस अ याय क अंतगत रा य से संबंिधत सामािजक, आिथक, राजनैितक एवं अ य घटना तथा
उपल धय क अ तन जानकारी तुत क गई ह।
सां यक उप थापन—इस अ याय म िबहार क सम जानकारी को आँकड़ एवं िच क मा यम से दिशत
िकया गया ह, जो ितयोगी छा एवं िबहार को जानने को इ छक पाठक क िलए अिधक उपयोगी ह। कोई भी
य , जो िबहार का अ य रा य क साथ तुलना मक अ ययन करना चाहता ह, क िलए यह अ याय अ यंत
उपयोगी िस होगा।
नावली सेट—इस अ याय क अंतगत छा को अपनी यो यता एवं ितभा को परखने क िलए िविभ कार
क न का सेट िदया गया ह, िजसक मा यम से वे अपना मू यांकन कर सकते ह, साथ ही परी ा क समय
अपने िवषय को न क मा यम से याद कर सकते ह।
प रिश —िबहार से संबंिधत िविभ कार क जानका रय का सं ह इस अ याय म िकया गया ह।
उपयु िवषय व तु से यह मािणत होता ह िक ‘िबहार सामा य ान’ िबहार म आयोिजत होनेवाली ितयोिगता
परी ा को ि म रखकर िलखी गई पु तक ह। इसे जान-बूझकर यापक बनाया गया ह, िजनसे ितयोगी
परी ा क िलए आपको अ छी कार से तैयार िकया जा सक। हमारा उ े य आपको इस कार से तैयार करना
ह, िजससे आप चाह ीिल स म बैठ रह ह या मस म या सा ा कार बोड क सामने ह , आपको कोई परशानी न
हो। इस उ े य को ा करने क िलए हमारा यास ह िक पु तक म िविवध प —सै ांितक, धारणा मक तथा
त या मक (अ तन) से संबंिधत उपल ध त य को एक थान पर एक िकया जाए। हमारा िव ास ह िक येक
त या मक तथा धारणा मक सम या क समाधान क िलए यह पु तक अंितम िव सनीय माण िस होगी।
म एक शासक और सरकार का अिभ अंग । हमारी तट थता हमारी पहचान ह। अतः मेरी िज मेदारी भी
अ यंत संवेदनशील ह। हमारा उ े य रा य एवं क सरकार पर दोषारोपण या ितकल िट पणी या आलोचना
करने का नह रहा ह। यिद कह कछ इस तरह क बात दिशत भी हो गई ह , तो वे मेरी नह , ब क संचार
मा यम और आम जनता क भावना क िन छल अिभ य मा ह। िफर भी यिद िकसी क भावना आहत
होती ह, तो म मा- ाथ ।
अंत म, इस पु तक क भाषा, शैली और रोचकता क संदभ म इतना अव य कहना चा गा िक यहाँ भाषा क
िवधा मक प का योग िकया गया ह। भाषा सरल, सुबोध एवं हणीय ह, जो छा और सामा य जन को अपनी
ओर आकिषत करने म स म होगी, ऐसा मेरा ढ िव ास ह।
1. इितहास क ोत
(Sources of History)
पुराता वक ोत
सािह यक ोत
िबहार का इितहास अ यंत ही समृ एवं वैभवशाली रहा ह। सं कितय और धम क अ ुत सम वय ने इस
भूिम को िव क इितहास म सवािधक मह वपूण थान िदया ह। ऐितहािसक घटना क संदभ म देखा जाए तो
िव भर म ए घटना म िकसी-न-िकसी प म िबहार से जुड़ रह ह। िबहार क पावन धरती पर ऐसे अनेक
महा मनीिषय , िव ान एवं राजा-महाराजा ने ज म िलया, िज ह ने न कवल िबहार का, ब क भारत का नाम
िव भर म िव यात कर िदया। स य, सदाचार और अिहसा का उपदेश देनेवाले भगवान महावीर वामी तथा
महा मा बु क ज म थली िबहार ही ह। चं गु मौय और अशोक महा जैसे िद वजयी राजा ने इस रा य
को सु ढता और समु ित दान क ।
िकसी भी काल एवं थान क इितहास का िनमाण ोत क आधार पर होता ह। िबहार क इितहास क अ ययन से
संबंिधत अनेक कार क ोत उपल ध ह। इनम पुराता वक एवं सािह यक, दोन कार क ोत उपल ध ह।
पुराता वक ोत
पूव ऐितहािसक युग क ोत मुंगेर, सारण, वैशाली, गया एवं पटना क िविभ थल से ा ए ह। इनम
सारण क िचराँद से नवपाषाणकालीन अ थ उपकरण, वैशाली क चेचर, गया क सोनपुर तथा पटना क मनेर से
ता तरयुगीन उपकरण एवं मृदभांड ा ए ह। पुराता वक ोत म िशलालेख, तंभलेख, ता प लेख,
मारक, भ नावशेष, िस आिद िबहार क िविभ थल से ा ए ह। अिभलेख ऐितहािसक जानकारी का
सबसे मह वपूण ोत ह। िबहार क अनेक भाग से अिभलेखीय सा य ा ए ह। इन अिभलेख म अशोक क
लौ रया अरराज, लौ रया नंदनगढ़ और रामपुरवा से ा तंभलेख, सासाराम क चंदनपीर पहाड़ी से ा लघु
िशलालेख तथा अशोक एवं उसक पौ दशरथ का बराबर एवं नागाजुन पहाड़ी से ा गुफालेख आिद मुख ह।
िबहार म पाए गए मौय अिभलेख क भाषा ाकत और िलिप ा ी ह। पटना से ा य ितमा पर दो अिभलेख
ह। वैशाली िजले क बसाढ़ से महादेवी भुदाया क भी दो अिभलेख ा ए ह।
बसाढ़ से ा एक मुहर, जो महादेवी धु्रव वािमनी क ह, इसम धु्रव वािमनी को चं गु तीय क
प नी तथा गोिवंद गु क माँ बताया गया ह।
गु काल क समय क ा अिभलेख सं कत भाषा क ह, िजसक िलिप ा ी ह। बसाढ़ से िम ी क दो मुहर
िमली ह, िजस पर लेख उ क ण ह। बसाढ़ से ा एक मुहर, जो महादेवी धु्रव वािमनी क ह, म धु्रव वािमनी
को चं गु तीय क प नी तथा गोिवंद गु क माँ बताया गया ह। बोधगया से ा एक अिभलेख म ीलंका
क एक िभ ु महामना तीय का वणन ह। इसम कहा गया ह िक महामना तीय ने बोधगया म व ासन क
समीप एक ासाद बनवाया था। नालंदा से ा गु कालीन मुहर से गु वंशावली का वणन ा आ ह। नवादा
क िनकट अफसढ़ गाँव से ा आिद यसेन क गु कालीन पाषाण अिभलेख म उ र गु कालीन वंश क
सं थापक क ण गु से लेकर आिद यसेन तक क इितहास क जानकारी िमलती ह। बाँका िजले क ब सी म थत
मंदार पहाड़ी से आिद यसेन का अिभलेख ा आ ह, िजसम तालाब खुदवाने और िव णु क ितमा थािपत
करने का वणन ह। आरा क पास देव-व णाक से जीवगु तीय का एक पाषाण अिभलेख िमला ह, िजसम
उ र गु शासक क वंशावली ह।
पूव म यकाल म पाल शासक क अिभलेख दि ण एवं म य िबहार क कई थान से ा ए ह, जो सं कत
भाषा म ह। धमपाल क बोधगया से ा पाषाण अिभलेख म कशव नामक य का उ ेख ह, िजसने बोधगया
म एक िशव मंिदर का िनमाण करवाया था। धमपाल क नालंदा ता प अिभलेख से प होता ह िक धमपाल ने
गया म एक गाँव दान म िदया था। नालंदा क ध सरावा से ा देवपाल क पाषाण अिभलेख म देवपाल ारा
नगरहारा, जो वतमान म अफगािन तान म ह, क वीरदेव को नालंदा िव िव ालय का अ य िनयु करने क
चचा ह। मिहपाल क नालंदा पाषाण लेख से पता चलता ह िक वालािद य ने नालंदा महािवहार को जला िदया था।
देवपाल क मुंगेर ता प अिभलेख आिद भी ाचीन िबहार क इितहास पर काश डालते ह।
अजातश ु ारा िनिमत राजगीर क िकलेबंद दीवार एवं बराबर क गुफा का अ ययन बुकानन और हिम टन
ारा िकया गया ह। कस रया तूप और अरराज तंभ क जानकारी होटगाँव ने पहली बार दी थी। बराबर क
पहाड़ी म अशोक एवं उसक पौ दशरथ क ारा िनिमत गुफा का वणन मेजर िक ो ने िकया ह तथा इसने ही
कक कार कहरार (पाटिलपु ) क टीले का उ खनन करवाया था। किनंघम, िज ह भारतीय पुरात व िव ान का
जनक कहते ह, ने 1861 ई. म िबहार क िविभ पुराता वक थल क पहचान क । किनंघम ने ही बोधगया म
थत बोिध मंिदर क बार म बताया एवं ेनाइट िनिमत रिलंग क खोज क । किनंघम ने राजगीर से 11 िकलोमीटर
क दूरी पर थत बड़गाँव क खोज क , जहाँ ाचीन नालंदा महािवहार थत ह। वहाँ से दो अिभलेख भी िमले ह,
िजन पर नालंदा का नाम उ क ण ह। नालंदा े से ही कमारगु एवं कदगु का िस पाषाण लेख िमला ह।
वतं ता क बाद 1949 ई. म पटना िव िव ालय म ाचीन भारतीय इितहास एवं पुरात व िवभाग क थापना
क गई, िजसक बाद िबहार क पुराता वक थल क खोज म गित आई। क. देव एवं डॉ. अ तेकर ने 1950 ई. म
वैशाली और 1951 ई. म क हरार का उ खनन करवाया था। 1962 ई. म रा य पुरात व िनदेशालय क थापना क
गई।
बौ कालीन जातक कथा म िन क को वण िस ा कहा गया ह, लेिकन िबहार क िकसी भी भाग
से अभी तक ाचीन वण िस ा नह ए ह। ऐसे िस उ र-प म भारत (वतमान पािक तान)
क त िशला से ा ए ह।
िस का अ ययन मु ाशा (Numismatics) कहलाता ह। िस इितहास क अ ययन क मह वपूण ोत ह।
िबहार म वैिदक काल से लेकर गु काल तक क िस ा ए ह। आरिभक िस को आहत िस ा कहा
गया ह। उ र-वैिदक काल म जब िबहार म आय का भाव बढ़ा, तब िवदेह, अंग और मगध े म िस का
चलन ारभ आ। ‘वृहदार यक उपिनष ’ क अनुसार, िवदेह क राजा जनक ने िन क (सुवण/शतनाम) िस
दान म िदए थे। बौ कालीन जातक कथा म िन क को वण िस ा कहा गया ह, लेिकन िबहार क िकसी भी
भाग से अभी तक ाचीन वण िस ा नह ए ह। ऐसे िस उ र-प म भारत (वतमान पािक तान) क
ाक-ऐितहािसक काल
आज से लगभग तीस हजार वष पूव पृ वी पर मेधावी मानव, िजसे होमो सेिपयंस कहा जाता ह, का आिवभाव
आ। आिद मानव क िनवास क सा य िबहार क कछ थान से लगभग एक लाख वष पूव क िमले ह। ये सा य
पुरापाषाण युग क ह। इनम प थर क उपकरण पाए गए ह। ऐसे अवशेष नालंदा और मुंगेर िजल म उ खनन से
ा ए ह। ाक-ऐितहािसक काल का ारिभक चरण पाषाण युग कहलाता ह। इस समय मानव ने प थर क
उपकरण क आधार पर अपनी सं कित का िनमाण िकया। प थर क उपकरण म िविवधता एवं िवशेषता म
प रवतन क आधार पर पाषाण युग को पुरापाषाण युग, म यपाषाण युग, नवपाषाण युग म िवभािजत िकया जाता ह।
िबहार म भी ाक-ऐेितहािसक काल क मानव सं कित क िविभ चरण क सा य अलग-अलग थान से ा
ए ह।
पुरापाषाण काल
ये उपकरण नालंदा क जेिठयन घाटी, गया क पेमार घाटी, मुंगेर क भीमबाँध और पैसरा, भागलपुर क
राजपोखर एवं भालीजोर तथा प मी चंपारण क वा मीिक नगर से ा ए ह।
िबहार क नालंदा, गया, मुंगेर और भागलपुर िजल म िन न, म य और उ पुरापाषाण काल क पाषाण उपकरण
ा ए ह। ये उपकरण नालंदा क जेिठयन घाटी, गया क पेमार घाटी, मुंगेर क भीमबाँध और पैसरा, भागलपुर
क राजपोखर एवं भालीजोर तथा प मी चंपारण क वा मीिक नगर से ा ए ह। इन थान से ा पाषाण
उपकरण आशुिलयन कार क ह। इन उपकरण म क हाड़ी, अ क, पर ( ुरणक), फलक, छिड़या, अ
चांि क, उ क णक, छरी तथा खुरचनी आिद मुख थे। इन उपकरण का योग जानवर का िशकार करने एवं
चमड़ा उतारने क िलए िकया जाता था। इस समय मानव क जीिवका का मुख ोत िशकार एवं मछली पकड़ना
तथा कद-मूल एकि त करना था। इस समय मानव घुम ड़ जीवन यतीत करता था तथा ाकितक आवास जैसे
पहाड़ी च ान एवं गुफा म रहता था। गया िजला क शेरघाटी म ागैितहािसक मानव क दो च ानी आवास क
अवशेष ा ए ह।
नवपाषाण काल
नवपाषाण काल को मनु य ारा किष काय ारभ िकए जाने क कारण मानव जीवन का थम ांित का काल
कहते ह। किष काय क कारण इस काल म थायी ब तय का िवकास शु आ। किष ारभ होने क कारण
मानव गुफा से िनकलकर मैदानी े म िनवास करने लगा। िबहार म नवपाषाण काल क मुख थल वैशाली
क चेचर ( ेतपुर) एवं कतुबपुर, सारण क िचराँद, पटना क मनेर, रोहतास क सेनुआर, गया क सोनपुर, ताराडीह
एवं कऊर म िमले ह। सारण क िचराँद से नवपाषाणकालीन अ थ उपकरण ा ए ह। िचराँद छपरा से 11
िकलोमीटर दि ण-पूव म गंगा नदी क तट पर थत ह। ऐसा माना जाता ह िक िचराँद का नामकरण चेरो शासक
क नाम पर आ ह। िचराँद का उ खनन 1962 ई. म आ। यहाँ से लगभग 2500-1345 ई.पू. क नवपाषाणकालीन
अ थ उपकरण क साथ-साथ काले िचि त मृ ांड भी ा ए ह। वैशाली क चेचर, जो हाजीपुर शहर से पूरब
म गंगा-गंडक घाटी म थत ह, से नवपाषाणकालीन अवशेष िमले ह। ताराडीह गया िजले म फ गु नदी क
प मी तट पर थत ह, जबिक सेनुआर रोहतास िजले म कदा नदी क तट पर थत ह। उपरो सभी थल नदी-
घािटय या नदी क तट पर पाए गए ह, िजससे ऐसा तीत होता ह िक नवपाषाण काल म किष क शु आत होने
क कारण मानव ने जल एवं उपजाऊ िम ी क सुिवधा क कारण इन े म अपनी ब तयाँ बसानी शु क ।
िचराँद का नामकरण चेरो शासक क नाम पर आ ह। िचराँद का उ खनन 1962 ई. म आ। यहाँ से
लगभग 2500-1345 ई.पू. क नवपाषाणकालीन अ थ उपकरण क साथ-साथ काले िचि त मृ ांड भी
ा ए ह।
पुरापाषाण काल से नवपाषाण काल आते-आते मानवीय सं कित म अनेक कार क प रवतन आए। नवपाषाण
काल म पहली बार किष ारभ होने क कारण थायी ब तय का िवकास आ। मानव क भौितक जीवन म
प रवतन ारभ आ, िजसक कारण ही बाद क समय म ता -पाषाण सं कित का िवकास आ।
ता पाषाण काल
मानव ने पहली बार धातु क प म ताँबे का योग करना ारभ िकया। ताँबे का योग प थर क साथ िकया
गया। इसिलए इस युग को ता -पाषाण युग कहा जाता ह। िबहार म ता -पाषाण सं कित क माण सोनपुर,
ताराडीह, मनेर, सेनुआर, िचराँद, चेचर तथा आ रयप से ा ए ह। ता -पाषाण सं कित म भी मनु य का जीवन
किष एवं आखेट पर ही आधा रत था। 1050 ई.पू. क आसपास गंगा घाटी म अतरजीखेड़ा (उ र- देश) से लोहा
िमलने का माण िमलता ह। लोह क आिव कार क कारण ता -पाषाण सं कित का थान लौह युग ने ले िलया।
लौह काल
लौह युग उ र-वैिदक युग का काल ह, िजसम मानवीय ब तय का िव तार गंगा घाटी म उ री िबहार तक हो
चुका था। इस समय लोह का योग मु य प से औजार िनमाण म िकया जाता था। लौह युग का दूसरा चरण, जो
उ री काले मृ ांड (N.B.P.) का काल कहलाता ह, म लोह का उपयोग किष काय म भी होने लगा। इस समय
गाँव धीर-धीर नगर म प रवितत होने लगे, िजससे पहली बार िबहार म नगरीकरण का सा य ा होता ह।
ऐितहािसक काल
लोह क योग म आने से मानव क सं कित म यापक प रवतन आया। नई भौितक सं कित का िवकास ारभ
आ। उ र-वैिदक काल (1000-600 ई.पू.) म वैिदक सं कित का िव तार पूव भारत म उ र िबहार तक आ।
‘शतपथ ा ण’ सबसे ाचीन एवं सबसे बड़ा ा ण ंथ ह िजसक रचियता या व य ह। इसम आय क
िव तार क चचा ह। ‘शतपथ ा ण’ क अनुसार आय ने सव थम उ र-प म भारत म वेश िकया। सर वती
नदी उनका क थी, िजसक तट पर बड़-बड़ य एवं कमकांड का आयोजन िकया जाता था। ‘शतपथ ा ण’ म
माधव िवदेह एवं गौतम रा गाण क कहानी ह, िजसक अनुसार माधव िवदेह ने ही आय सं कित का िव तार उ र
िबहार तक िकया था। उ र-वैिदक काल का म य चरण आते-आते आय का िव तार िबहार क मगध, अंग,
ब , िवदेह, अंगु र प, कौिशक े तक हो चुका था। राजा िवदेह माधव एवं उनका पुरोिहत गौतम रा गाण
सर वती नदी क तट से अ न को जलाते ए पूव भारत क ओर बढ़ तथा िबहार क िवदेह े म गंडक नदी तक
प चे। गंडक नदी म अ न बुझ गई, िजसक कारण गंडक को सदानीरा भी कहा जाता ह। इस तरह आय क
िमिथला िवदेह े म िव तार एवं बसने का माण ‘शतपथ ा ण’ से िमलता ह। उ र-वैिदक युग क अंितम
चरण म िवदेह क चचा उपिनषद क रचना क कारण ई ह। िवदेह क राजा जनक दाशिनक एवं िव ा थे,
िज ह ने उपिनषद क रचना करवाई थी। ‘वृहदार यक उपिनष ’ म िव ा या व य-गाग एवं या व य-
मै ेयी संवाद का वणन ह। िवदेह राजा जनक क दरबार म या व य एवं उनक प नी मै ेयी रहती थ ।
‘शतपथ ा ण’ सबसे ाचीन एवं सबसे बड़ा ा ण थ
ं , िजसक रचियता या व य ह, इसम आय
क िव तार क चचा ह। ‘शतपथ ा ण’ क अनुसार आय सव थम उ र-प म भारत म वेश
िकया।
गंगा घाटी म पूव क ओर आय क सार का एक मह वपूण कारण लौह तकनीक का िवकास था और इस
े म लौह उपकरण अिधक सं या म उपल ध ए थे। लोह क कारण किष े म भी िवकास आ, िजसक
कारण ाचीन िबहार म भी नगरीकरण ारभ आ।
ाचीन िबहार म सामािजक एवं धािमक सुधार आंदोलन
उ र-वैिदक काल म किष े म लोह क योग से उ पादन म वृ ई, िजसक कारण सामािजक एवं
आिथक जीवन म जिटलता आने लगी। किष े म िव तार होने से पशु क माँग बढ़ने लगी, जबिक उ र-
वैिदक काल म हो रह बड़-बड़ य म पशुबिल दी जाती थी।
ऋ वैिदक काल (1500-1000 ई.पू.) क अंितम चरण म अथा 1000 ई.पू. आते-आते सामािजक जीवन म कई
कार क करीितयाँ आने लग । ऋ वेद क दसव मंडल क पु ष सू म पहली बार वण- यव था का उ ेख
आ ह, जो उ र-वैिदक काल का अंत होते-होते अपने जिटल व प म आ गया। छठी सदी पूव तक छआछत
जैसे करीितयाँ कठोर प हण कर चुक थ । ऋ वैिदक काल म मिहला क थित अ छी थी, जो उ र-वैिदक
काल का अंितम चरण आते-आते दयनीय हो गई थी।
उ र-वैिदक काल क अंितम चरण म (छठी सदी ई.पू.) सामािजक जिटलता, कमकांड, छआछत, अ पृ यता
आिद क िवरोध म सामािजक एवं धािमक सुधार आंदोलन आ। इस आंदोलन क मुख कारण िन निलिखत थे—
1. वण- यव था क जिटलता एवं तनावपूण सामािजक जीवन।
2. धािमक जीवन से असंतोष।
3. नए धािमक िवचार का उदय।
4. नई अथ यव था का भाव।
इस समय वैिदक धम क िखलाफ अनेक ना तक एवं अनी रवादी सं दाय का उदय आ। कवल उ र भारत
म लगभग 62 सं दाय का उदय आ, िजनम बौ सं दाय एवं जैन सं दाय मुख ह। इन दोन सं दाय क
ज मभूिम एवं कमभूिम िबहार ही रहा ह।
बौ धम
29 वष क अव था म उ ह ने राि क समय गृह याग िकया, िजसे महािभिन मण कहते ह। िस ाथ ने
राि क समय अपने अ कथक और सारथी छदक क साथ गृह याग िकया था।
बौ धम क सं थापक गौतम बु का ज म किपलव तु (वतमान िपपरहवा) क लुंिबनी गाँव क आ कज म
आ था। गौतम बु किपलव तु क शा य कल क ि य राजा सुयोधन एवं कोलीय कल क कौशल क
राजकमारी महामाया देवी क संतान थे। बु क ज म क एक स ाह बाद माता महामाया देवी क मृ यु हो गई।
अतः उनका पालन-पोषण मौसी एवं सौतेली माँ जापित गौतमी क ारा िकया गया था। गौतम बु क बचपन
का नाम िस ाथ था। गौतम का अथ पालन-पोषण का िनयम होता ह तथा उनक गो का नाम भी गौतम था।
बु का ज म चीनी सािह य क अनुसार 563 ई.पू. म तथा मृ यु 80 वष क अव था म 483 ई.पू. म ई थी।
बु क ज म क समय कालदेवल नामक भिव यव ा ने राजा सुयोधन से कहा िक यह बालक सं यासी बनेगा।
अतः राजा ने उनक महल से बाहर िनकलने पर रोक लगा दी एवं सारी सुख-सुिवधाएँ महल क अंदर ही उपल ध
कराई। 16 वष क अव था म शा य गण क राजकमारी यशोधरा, िजसक अ य नाम िबंबा, गोपा, भ क छा आिद
भी ह, से िववाह आ। 29 वष क अव था म पु क ा ई, िजसका नाम गौतम बु ने रा ल रखा। बु
ने शहर मण क म म मशः चार िच —वृ य , रोगी, मृत और सं यासी को देखा। बौ सािह य
‘दीघिनकाय’ क अनुसार गौतम बु को चार िच एक ही या ा म िदखाई िदए, लेिकन अ य ोत क अनुसार
अलग-अलग या ा म िदखाई िदए थे। सं यासी को देखकर सांसा रक जीवन क ित गौतम बु का मोह भंग हो
गया और उ ह ने गृह थ जीवन यागने का िनणय िलया। 29 वष क अव था म उ ह ने राि क समय गृह- याग
िकया, िजसे महािभिन मण कहते ह। िस ाथ ने राि क समय अपने अ कथक और सारथी छदक क साथ
गृह- याग िकया था। बु का ज म, मृ यु और ान क ा वैशाख पूिणमा को ई थी, जबिक गृह याग क
घटना आषाढ़ पूिणमा क िदन ई थी। बु ने अनुिवन नामक थान पर अनोमा नदी क िकनार या (सं यास)
धारण िकया। बु को ान- ा क िलए सव थम दो ारिभक गु पहले वैशाली म अलारकलाम, जो सां य
दशन क िव ा थे तथा बाद म राजगृह म क रामपु िमले। इन दोन क िश ा से गौतम बु संतु नह
ए और गया क पास उ वेला (बोधगया) वन प चे। उ बेला वन म पाँच सािथय क साथ किठन तप या ारभ
रा य का नाम : वैशाली
शासक का नाम : ा ण
रा य का नाम : वेठ ीप
शासक का नाम : बुिल
रा य का नाम : अलकप
शासक का नाम : म
रा य का नाम : पावा
शासक का नाम : मो रय
रा य का नाम : िप पिलवन
शासक का नाम : कोिलय
रा य का नाम : रामगाम
गौतम बु क मुख िश य एवं बौ धम क अनुयायी
1. सा रपु
2. आनंद
3. मौ यायन
4. उपािल
5. सुनीत
6. अिन
7. अनाथ िपंडक
8. िबंिबसार
9. सेनिजत
10. अजातश ु
11. जीवक
12. महाक यप
बौ धमानुयायी मुख याँ
1. महा जापित गौतमी
2. यशोधरा
3. नंदा
4. खेमा या ेमा
5. आ पाली
6. िवशाखा
बौ धम क िस ांत
गौतम बु क उपदेश अ यंत सरल थे। उ ह ने सबसे पहले चार आय स य का ितपादन िकया—
1. दुःख,
2. दुःख समुदाय,
3. दुःख िनरोध,
4. दुःख िनरोधगािमनी ितपदा
गौतम बु ने दुःख िनरोधगािमनी अथा दुःख का नाश करने क िलए आ ांिगक माग या म यम माग का
ितपादन िकया। ये आ ांिगक माग ह—
1. स यक ि अथा स य और अस य क पहचान करना।
2. स यक संक प अथा इ छा और िहसारिहत संक प।
3. स यक वाक अथा स य और मृदुभाषी।
4. स यक कमात अथा स य काम करना।
5. स यक आजीव अथा सादा जीवन-यापन करना।
6. स यक यायाम अथा सही िदशा म िकया गया कम।
7. स यक मृित अथा कम क ित सजग रहना।
8. स यक समािध अथा एका िच होना।
बौ धम म आ ांिगक माग पर चलने क िलए एवं जीवन म नैितक आचरण करने क िलए दस शील बताए
गए ह। ये दस शील जीवन का नैितक आधार ह। इ ह िश ा पाद भी कहते ह। ये दस शील िन निलिखत ह—
1. अिहसा,
2. स य,
3. अ तेय (चोरी नह करना),
4. अप र ह (धन सं ह नह करना),
5. चय का पालन करना,
6. यिभचार नह करना,
7. म पान नह करना,
8. असमय भोजन नह करना,
9. नाच-गाना से बचना,
10. सुख द िब तर का याग करना।
स य, अिहसा, अ तेय, अप र ह और चय बौ धम म सभी क िलए अिनवाय था, जबिक शेष पाँच
बौ िभ ु क िलए अिनवाय थे।
बौ धम म दुःख क कारण को ती य समु पाद कहा गया ह। ती य समु पाद म 12 च ह, िजसे ादश
िनदान कहा गया ह, जो िन निलिखत ह—
1. अिव ा,
2. सं कार,
3. िव ान (चैत य),
4. नाम प,
5. षडायतन (पाँच इि य तथा मन का समूह),
6. पश,
7. वेदना,
8. तृ णा,
9. उपादान (सांसा रक िवषय से िलपट रहने क इ छा),
10. भव (शरीर धारण करने क इ छा),
11. जाित (शरीर धारण करना),
12. जरा-रण।
बौ धम अनी रवादी धम ह। पुनज म म िव ास करता ह, लेिकन आ मा को नह मानता ह। कमफल क
िस ांत को मानता ह अथा कम क अनुसार फल क ा होती ह। बौ धम म िनवाण क ा जीवन रहते
संभव ह, लेिकन महाप रिनवाण मृ यु क बाद ही संभव ह।
गौतम बु क बाद अशोक, किन क, हषव न एवं पाल शासक ने बौ धम को संर ण िदया, चार- सार
िकया। इस धम का कवल भारत म ही नह , ब क दि ण-पूव एिशया, ीलंका, चीन, ित बत, जापान, म य
एिशया आिद म सार आ। भारत म बौ धम क सफलता क मुख कारण िन निलिखत थे—
1. बौ धम का सरल एवं जनवादी होना।
2. लोकि य भाषा पाली का योग।
3. म यममाग धम।
4. राजक य संर ण ा होना, जैसे—िबंिबसार, अजातश ु, कालाशोक, अशोक आिद ने हीनयान शाखा को
संर ण िदया, जबिक किन क, हषव न, पाल शासक आिद ने महायान शाखा को संर ण िदया।
5. बौ िश ण सं थान का योगदान, जैसे—नालंदा, िव मिशला, ओदंतपुरी आिद बौ िश ण सं थान ने
बौ धम क िश ा क चार- सार म मह वपूण योगदान िदया।
6. उ ित पधा वाले सं दाय का अभाव।
7. बौ धम ने समानता एवं वतं ता क भावना पर बल िदया।
लेिकन तीसरी से चौथी सदी आते-आते बौ धम का पतन ारभ हो गया। बौ धम क पतन का सबसे मुख
कारण इस समय बौ मठ म फला आ ाचार एवं नैितक पतन था।
बौ धम क पतन क मुख कारण िन निलिखत थे—
1. बौ मठ म फला आ ाचार एवं नैितक पतन।
2. िवदेशी आ मण जैसे ब तयार िखलजी ारा नालंदा एवं िव मिशला िव िव ालय को जलाकर न कर
िदया गया।
3. रा या य का अभाव।
4. िहदू धम का पुन थान।
5. िहदू धम म सम वय एवं एक करण क श ।
बौ संगीित
लेखक : —
िववरण : इसक सं या 549 ह। इसम बु क पुनज म क कहानी ह।
बौ सािह य : िमिलंदप ह
लेखक : नागसेन
िववरण : बै यन शासक िमनांडर एवं बौ आचाय नागसेन का वा ालाप ह।
बौ सािह य : भाषा-पाली
लेखक : —
िववरण : —
बौ सािह य : िवशु मग
लेखक : बु घोष
िववरण : बौ धम का दाशिनक िनचोड़ ह।
बौ सािह य : िनदान काठा
लेखक : बु घोष
िववरण : यह पाली भाषा म गौतम बु क एकमा जीवनी ह।
बौ सािह य : अ कथाएँ
लेखक : —
िववरण : ि िपटक पर िलखा गया भा य।
बौ सािह य : अिभध मकोष
लेखक : वसुबंधु
िववरण : इससे काल गणना एवं साल गणना क जानकारी िमलती ह।
बौ सािह य : सुदभ पुंड रक
लेखक : वसुबंधु
िववरण : यह महायान बौ धम से संबंिधत ह। इसम भगवान बु को अिमताभ अथा वग म बैठनेवाला कहा
गया ह।
बौ सािह य : ा पारिमता
लेखक : नागाजुन
िववरण : इसम शू यवाद का िस ांत िदया गया ह।
बौ सािह य : अकतोमाया
लेखक : नागाजुन
िववरण : —
बौ सािह य : लिलत िव तार
लेखक : वसुिम
िववरण : इसे ‘लाइट ऑफ एिशया’ कहते ह।
बौ सािह य : िवभाषा सू
लेखक : वसुिम
िववरण : किन क क समय चतुथ बौ संगीित से संबंिधत रचना ह।
बौ सािह य : स दरानंद
लेखक : अ घोष
िववरण : इसम बु क सौतेले भाई स दरानंद क बौ धम हण करने का वणन ह।
बौ सािह य : बु चर
लेखक : अ घोष
िववरण : इसे बौ धम का महाका य कहते ह।
बौ सािह य : दीपवंश
लेखक : —
िववरण : ीलंका का बौ सािह य इितहास ह।
बौ सािह य : महावंश
लेखक : भदंत महानामा
िववरण : इसम अशोक को उ ैन क वायसराय एवं उसक ारा तृतीय बौ संगीित कराए जाने क जानकारी
जैन धम
थम तीथकर ऋषभदेव (आिदनाथ) थे, िज ह जैन धम का सं थापक कहा जाता ह। 24 तीथकर म
23व तीथकर पा नाथ एवं 24व तथा अंितम तीथकर महावीर क ऐितहािसकता मािणत ह।
जैन श द सं कत क िजन से बना ह, िजसका अथ िवजेता ह। िवजय ा करनेवाले य को जैन धम म
वीतराग कहा गया ह। जैन धम एक ाचीन धम ह, िजनक वतक को तीथकर कहा जाता ह। जैन धम म 24
तीथकर ए ह। थम तीथकर ऋषभदेव (आिदनाथ) थे, िज ह जैन धम का सं थापक कहा जाता ह। 24
तीथकर म 23व तीथकर पा नाथ एवं 24व तथा अंितम तीथकर महावीर क ऐितहािसकता मािणत ह। इनक
पहले क 22 तीथकर का ऐितहािसक िववरण उपल ध नह ह।
पा नाथ काशी क राजा अ सेन क पु थे। 30 वष क अव था म उ ह ने गृह- याग िकया था। 83 िदन क
तप या क बाद संवेत पवत पर ान क ा ई थी। उ ह ने वैिदक कमकांड और ब देववाद क आलोचना क ।
इनक अनुयायी िन थी कहलाते थे। िन थी का अथ ह—बंधन से मु होना। इनक मुख िश य कशी थे। इ ह ने
चार मूल िश ा द , जो िन निलिखत ह—
1. स य,
2. अिहसा,
3. अ तेय (चोरी नह करना),
4. अप र ह (धन जमा नह करना)।
24व तीथकर महावीर क माता-िपता पा नाथ क िश य थे। महावीर का ज म वैशाली क कड ाम म 540 ई.पू.
म आ था। इनका माता ि शला (िवदेहद ा) िल छवी क राजा चेटक क बहन थी। िपता िस ाथ ातृ कल क
ि य थे। महावीर का िववाह किडयन गो क यशोदा से आ था। उनक पु ी का नाम ि यदशना था, िजसका
िववाह जमाली क साथ आ था। महावीर क मृ यु 468 ई.पू. म 72 वष क अव था म पावापुरी म ई थी।
महावीर क बचपन का नाम व मान था। अपने िपता क मृ यु क बाद बड़ भाई नंदीव न क आ ा से 30 वष
क अव था म गृह- याग िकया था। गृह याग क 13 माह बाद उ ह ने व याग िदया। 12 वष क कठोर तप या
क बाद 42 वष क अव था म ऋजुपािलका नदी क तट पर जृंिभका ाम म शाल वृ क नीचे ान क ा ई।
ान- ा क बाद महावीर कव य कहलाए। कव य का अथ होता ह—सव ान ा करनेवाला। इनक
अनुयायी जैनी कहलाते ह तथा इनक मुख िश य इ भूित गौतम थे। ान- ा क बाद महावीर ने अपना थम
उपदेश राजगृह म िदया था। उनका थम िश य जमाली बना। इनक समकालीन शासक म िबंिबसार, अजातश ु,
उदयन, ोतसेन आिद इनक अनुयायी थे।
महावीर जैन क िश ा
जैन धम म ि र न का िस ांत िदया गया ह, िजसे तीन जौहर भी कहा जाता ह। ि र न क िस ांत म शािमल ह
—
1. स यक कम या यायाम,
2. स यक ान,
3. स यक िव ास।
इन तीन म सवािधक बल स यक कम पर िदया गया ह। जैन धम भी अनी रवादी धम ह। यह आ मा और
शासक : चं गु मौय
मुख काय : 12 अंग का संकलन तथा ेतांबर और िदगंबर दो सं दाय म िवभाजन
संगीित : तीय
वष : 512 ई.
थान : व भी
अ य : देवािध मा वण
शासक : —
मुख काय : जैन धम क िस ांत को अंितम प से िलिपब िकया गया।
जैन सािह य
जैन सािह य को आगम ंथ कहा जाता ह। इसक भाषा ाकत ह। कछ जैन सािह य क रचना मागधी एवं
अ मागधी भाषा म भी क गई ह। इसक अंतगत 12 अंग, 12 उपांग, 10 क ण, 6 छद सू , 4 मूल सू एवं
अनुयोग सू आते ह। जैन सािह य क अंतगत आनेवाले मु य सािह य िन न ह—
1. चौदह पूवास—यह िदगंबर जैन का एकमा सािह य ह।
2. बारह अंग—इसक रचना थूलभ ने क थी। इसक मुख अंग ह—
• अचरांग सू —इसक अंतगत जैन िभ ु क पालन से संबंिधत िनयम संकिलत ह।
• भगवती सू —इसम वग और नरक क अवधारणा का वणन ह एवं जैन तीथकर का जीवन च र भी ह।
भगवती सू म पहली बार 16 महाजनपद का वणन ह।
• उ रा यण सू —इसम इ भूित गौतम तथा कसी जापित क बीच संवाद का वणन ह। इससे ही जैनमत का िवकास आ ह।
3. क पसू —इसक रचना भ बा ने क थी। इसम 11 गणधर क चचा ह। गणधर वह ह, जो महावीर क
समक ह। जैन धम म गणधर का वही थान ह, जो बौध धम म आनंद का ह।
4. प रिशि पवण—इसक रचना हमचं ारा क गई ह। हमचं गुजरात म चालु य वंश क दरबार म
रहनेवाला िव ा था। 1200 ई. म हमचं भ बा क समक एवं भ बा क बाद जैन धम का सबसे बड़ा
िव ा था। प रिशि पवण जैन धम का लघु इितहास ह। इसक अनुसार चं गु मौय क दरबार म 12 वष का
अकाल पड़ा। चं गु मौय जैन धम का अनुयायी था। वह भ बा क साथ दि ण भारत क वणबेलगोला (मैसूर)
प चा, जहाँ अ यागने से उसक मृ यु हो गई।
चं गु मौय जैन धम का अनुयायी था। वह भ बा क साथ दि ण भारत क वणबेलगोला (मैसूर)
प चा, जहाँ अ यागने से उसक मृ यु हो गई।
5. अवसादगाओ—इसम जैन धम म शािमल होनेवाले 13 धनी यापा रय क कहानी ह।
जैन धम क िविभ सं दाय
1. ेतांबर—मगध सा ा य म अकाल क दौरान थूलभ अपने अनुयाियय क साथ मगध म ही क रह और
उ ह ने ेतव धारण करना ारभ कर िदया। ेतांबर जैिनय को यित, साधु तथा आचाय कहा जाता ह। ये
िनयम का पालन करने म उदार होते ह। ेतांबर अनुयायी भोजन को आव यक समझते ह तथा इनका मानना ह
िक महावीर वामी का िववाह आ था और उनक पु ी भी थी।
2. िदगंबर—चं गु मौय क शासन काल म मगध म भयंकर अकाल पड़ा। अकाल क कारण भ बा अपने
अनुयाियय क साथ दि ण भारत चले गए और ये व याग िदए। िदगंबर अनुयायी िनयम का कठोरता से पालन
करते ह। इनक िलए िदशा और आसमान ही इनका व ह (िदक + अंबर)। िदगंबर जैिनय को झु क, ऐ क
और िन थ कहा जाता था। िदगंबर मानते थे िक ान- ा क बाद भोजन आव यक नह ह। ये महावीर को
अिववािहत मानते थे।
कालांतर म ेतांबर और िदगंबर भी अनेक उप-सं दाय म िवभािजत हो गए—
1. ेतांबर क उप-सं दाय—पुजेरा या डरावासी एवं ढिढया या थानकवासी।
2. िदगंबर क उप-सं दाय—बीसापंथी, थेरापंथी तथा समैयापंथी या तारणपंथी।
पुजेरा मंिदरमाग तथा जैन तीथकर क पूजा करते ह, जबिक ढिढया या थानकवासी कवल िस ांत को मानते
ह। बीसपंथी तथा थेरापंथी जैन तीथकर क मूितय क पूजा करते ह, जबिक तारणपंथी मूितपूजक नह ह।
बौ एवं जैन सं दाय क अित र छठी सदी ई.पू. म थािपत होनेवाले अ य ना तक सं दाय िन निलिखत थे
—
1. अि यावादी सं दाय—इसक सं थापक पूरणक यप थे। इस सं दाय क अनुसार कम का कोई फल नह
होता ह।
2. आजीवक सं दाय—इसक सं थापक म खली गोसाल थे। यह धािमक लोग का एक समूह था। मौय
शासक िबंदुसार, अशोक एवं अशोक क पौ दशरथ ने आजीवक सं दाय को सर ण िदया था।
3. भौितकवादी सं दाय—इस सं दाय क सं थापक अिजत कशकबली थे। इसे लोकायत सं दाय भी कहते
ह। इसी ने चावाक दशन का िवकास िकया था। चावाक का अथ होता ह—सुंदर बोलनेवाले लोग का समूह।
चावाक दशन क अनुसार वेद क रचना झूठ, म ार एवं मांसाहारी लोग ारा क गई थी। यह ई र एवं
पुनज म म िव ास नह करता ह। धम, अथ, काम और मो म कवल अथ और काम को ही वीकार करता ह।
इस सं दाय का िस वा य ह—याव ीवे सुखं जीवे ऋणं क वा घृतं िपबेत। भ मी भूत य कतारौ
भ डधूतिनशाचराः॥ अथा मनु य जब तक जीिवत रह, तब तक सुखपूवक िजए, ऋण करक भी घी िपए अथा
सुख भोग क िलए जो भी उपाय करना पड़, कर।
4. अिन यवादी सं दाय—इसक सं थापक संजय वेठलीपु थे। इसक अनुसार िकसी न का िन त
उ र नह िदया जा सकता ह। यह संदेहवादी सं दाय ह।
िबहार का राजनैितक इितहास
भारत क राजनैितक इितहास का िनधारण सव थम पॉिजटर ारा करने का यास िकया गया ह। ऋ वैिदक
काल म जा आि त ‘जन’ श द का योग राजनीितक इकाई क प म िमलता ह। उ र-वैिदक काल म े -
आि त जनपद श द का योग होने लगा। 600 ई.पू. क आसपास कई जनपद क िमलने से महाजनपद का
िनमाण आ। बौ काल म 16 महाजनपद का िववरण िमलता ह। 16 महाजनपद क थम जानकारी बौ
सािह य ‘अंगु र िनकाय’ और जैन सािह य ‘भगवती सू ’ से िमलती ह। 16 महाजनपद िन न थे—
मांक : 1
महाजनपद : काशी
राजधानी : वाराणसी
वतमान थित : उ र देश
मांक : 2
महाजनपद : कोसल
राजधानी : अयो या एवं ाव ती
वतमान थित : उ र देश
मांक : 3
महाजनपद : अंग
राजधानी : चंपा
वतमान थित : िबहार
मांक : 4
महाजनपद : मगध
राजधानी : राजगृह या िग र ज
वतमान थित : िबहार
मांक : 5
महाजनपद : व
राजधानी : वैशाली
वतमान थित : िबहार
मांक : 6
महाजनपद : म
राजधानी : उ री म —कशीनगर
दि णी म —पावापुरी
वतमान थित : उ र देश एवं िबहार
मांक : 7
महाजनपद : चेिद
राजधानी : श मती
वतमान थित : पंजाब
मांक : 8
महाजनपद : व स
राजधानी : कौशांबी
वतमान थित : उ र देश
मांक : 9
महाजनपद : पु
राजधानी : इ थ
वतमान थित : ह रयाणा
मांक : 10
महाजनपद : पांचाल
राजधानी : उ री पांचाल-अिह छ
दि णी पांचाल-कािप य
वतमान थित : पंजाब
मांक : 11
महाजनपद : म य
राजधानी : िवराट नगर
वतमान थित : राज थान
मांक : 12
महाजनपद : शूरसेन
राजधानी : मथुरा
वतमान थित : प मी उ र देश
मांक : 13
महाजनपद : अ मक
राजधानी : पाटन/पोतन
वतमान थित : आं देश
मांक : 14
महाजनपद : अवंित
राजधानी : उ री अवंित—उ ैन
दि णी अवंित—मािह मती
वतमान थित : म य देश
मांक : 15
महाजनपद : गांधार
राजधानी : त िशला
वतमान थित : अफगािन तान
मांक : 16
महाजनपद : कबोज
राजधानी : हाटक
वतमान थित : अफगािन तान
व संघ को िल छवी संघ भी कहा जाता ह। वैशाली म गणतांि क यव था थी, इसिलए इसे िव
का थम गणतं भी कहा जाता ह। वैशाली का नामकरण राजा िवशाल क नाम पर आ था।
उपयु 16 महाजनपद म से 2 महाजनपद गांधार और कबोज अफगािन तान म थत थे, लेिकन गांधार
महाजनपद क राजधानी त िशला वतमान म पािक तान म ह। इन 16 महाजनपद म 3 महाजनपद मगध, अंग एवं
व िबहार म थत थे। अंग, िजसका उ ेख सव थम अथववेद म िमलता ह, क राजधानी वतमान भागलपुर
क िनकट चंपा म थी। पािणिनरिचत ‘अ ा यायी’ म अंग को वंग, किलंग तथा पुं आिद भी कहा गया ह। अंग
महाजनपद िबहार क पूव भाग से लेकर बंगाल क खाड़ी तक फला था। इस महाजनपद क अंतगत मानभूम,
वीरभूम, मुिशदाबाद और संथाल परगना क े भी स मिलत थे। महाभारत एवं पुराण क अनुसार राजा बिल क
छह पु म से एक अंग ने अंग महाजनपद क थापना क । इ ह ोत क अनुसार पृथुला क पु चंप क नाम
पर चंपा नगर क थापना ई, जो बाद म अंग क राजधानी बनी। अंग क शासक द ने जब मगध क शासक
िबंिबसार क िपता भि को परािजत िकया, तब िबंिबसार ने ोिधत होकर अंग पर आ मण कर िदया और
छोटानागपुर े क शासक नागराज क सहायता से द क ह या कर दी। अंग पर अिधकार करने क बाद
िबंिबसार ने एक ा ण शेणदंड को चंपा का जागीरदार िनयु िकया। इस तरह द अंग महाजनपद का
अंितम शासक था। मगध क शासक अजातश ु क समय अंग को पूरी तरह से मगध म िमला िलया गया। 16
महाजनपद म 5 महाजनपद अपनी भौगोिलक एवं आिथक थित क कारण श शाली होकर उभर। 5 महाजनपद
िन निलिखत शासक क अधीन श शाली होकर उभर थे—
1. हयक वंश क िबंिबसार क नेतृ व म मगध सा ा य।
2. इ वाक वंश क सेनिज क नेतृ व म कोसल।
3. पोरव वंश क उदयन क नेतृ व म व स।
4. ोतसेन क नेतृ व म अवंित।
5. आठ संघ का गणरा य व ।
व महाजनपद क थापना 725 ई. पू. क आसपास ई थी। यह आठ रा य का एक संघ था। इस संघ म
शािमल रा य िन निलिखत थे—िल छवी, िवदेह, ाि क, व , उ , भोग, कौरव एवं इ वाक। इसम िल छवी
क राजधानी वैशाली, िवदेह क िमिथला, ाि क क कड ाम तथा व का को ाग थी।
संपूण व संघ क राजधानी वैशाली थी। इन आठ रा य म िल छवी सवािधक िस रा य था। अतः व
संघ को िल छवी संघ भी कहा जाता ह। वैशाली म गणतांि क यव था थािपत थी, इसिलए इसे िव का थम
गणतं भी कहा जाता ह। वैशाली का नामकरण राजा िवशाल क नाम पर आ था।
मगध क शासक िबंिबसार ने िल छवी क राजा चेटक क पु ी चे ना क साथ िववाह िकया था, िजसक कारण
मगध और िल छवी संघ म िबंिबसार क समय िम ता थािपत ई, लेिकन िबंिबसार क पु अजातश ु क िव
व य ने म एवं कोसल क गणरा य क साथ िमलकर एक महासंघ का िनमाण िकया था, िजस महासंघ म
िल छवी क नौ गणरा य, म क नौ गणरा य तथा काशी एवं कोसल क 18 गणरा य शािमल ए थे। बौ
िव ान बुध घोष क अनुसार व य ने शासन यव था को चलाने क िलए एक संिवधान का िनमाण िकया था,
िजसक तहत राजा का चुनाव होता था। व संघ क शासन को चलाने क िलए 7707 राजा होते थे। राजा क
साथ-साथ उप-राजा, सेनापित एवं भंडागारी का भी चुनाव होता था। िल छवी संघ क सभा का आयोजन सं थागार
नामक भवन म होता था। िल छवी राजा क सभा सं था कहलाती थी, जो गणरा य क सव सभा थी।
सं था क अित र अ कल नामक एक सं था थी, िजसम व संघ क सभी आठ गणरा य का ितिनिध
होता था, जो याय महासिमित का काय करता था। ाम एवं नगर शासन क देख-रख क िलए गमगामीिण एवं
पूणगािमक क िनयु होती थी। गमगामीिण गाँव का मुिखया होता था, पूणगािमक औ ोिगक उ पादन इकाइय
का धान था। गौतम बु ने व य क गणतांि क यव था क बार म कहा था िक जब तक व संघ क लोग
अपने सात आव यक ध म का पालन करते रहगे, उ ह कोई परािजत नह कर सकता ह। व संघ क बैठक
क अ य ता गण मुख करता था तथा बैठक म गणपूित अिनवाय थी। गणपूित क सं या 20 िनधा रत थी। व
संघ म कोई भी िनणय मतदान क आधार पर िकया जाता था। मत-प येक सद य को िदया जाता था, जो
लकड़ी क बना होता था एवं अलग-अलग रग का होता था।
िबंिबसार, उदयन, ोतसेन और सेनिज , चार छठी शता दी ई.पू. क उ राध म ए। ये सभी बु एवं
महावीर क समकालीन थे। इन पाँच क बीच आपसी वच व क िलए संघष आ, िजसम अंततः मगध िवजयी
आ।
मगध सा ा य का उदय
मगध श द का थम उ ेख अथववेद म िमलता ह। मगध े वतमान िबहार का गंगा का दि णी भाग ह,
िजसम मूल प से पटना, गया, नालंदा, नवादा, औरगाबाद क े थत ह। मगध सा ा य का क िबंदु राजगृह
एवं पाटिलपु था। अपनी भौगोिलक थित एवं आिथक संसाधन क संप ता क कारण अ य महाजनपद पर
मगध े ता थािपत करने म सफल रहा।
मगध सा ा य क उ कष का कारण
1. भौगोिलक थित—मगध क राजधानी चार ओर से पहािड़य से िघरी था। अतः यह बा आ मण से
सुरि त था। मगध से गंगा और सोन नदी गुजरती थी, िजससे जल यातायात क सुिवधा थी। गंगा क दि णी घाटी
अिधक उपजाऊ थी, जो किष क िलए उ म थी।
2. खिनज पदाथ क उपल धता—मगध क दि णी भाग म लोहा, ताँबा तथा वन संसाधन चुर मा ा म पाए
जाते थे। लोह क उपल धता क कारण उ म हिथयार बनाने म सहायता िमली तथा किष उ पादकता म ती वृ
ई।
3. अ य गणरा य का पतन—मगध े म बौ एवं जैन धम का उदय आ, िजसका समथन इस े क
शासक ने िकया। बौ एवं जैन धम क समथन क कारण उस े क जनता ारा शासक को बड़ पैमाने पर
सहयोग दान िकया गया।
वृह थ वंश
य िप मगध का थम ऐितहािसक वंश हयक वंश ह, िजसक नेतृ व म मगध सा ा य का उदय आ, लेिकन
पौरािणक ोत क अनुसार मगध का थम वंश वृह थ वंश था। इस वंश का सं थापक वृह थ था। इसक िपता का
नाम चेिदराज वसु था। इसक राजधानी वसुमती या िग र ज या कशा पुर थी। इस वंश का सवािधक िस राजा
जरासंध आ। महाभारत म जरासंध एवं भीम क बीच म यु का वणन िमलता ह। एक मा यता क अनुसार
राजगृह क च ान म इस यु का पद-िच आज भी िदखाई देता ह। इसने काशी, कोसल, चेिद, मालवा,
िवदेह, अंग, किलंग, क मीर और गांधार क राजा को भी परािजत िकया। जरासंध क मृ यु क बाद उसका पु
सहदेव शासक बना। वृह थ वंश का अंितम शासक रपुंजय था, िजसक ह या उसक मं ी पुलक ने कर दी और
अपने पु को राजा बना िदया। बाद म एक दरबारी महीय ने पुलक और उसक पु को मारकर अपने पु िबंिबसार
को ग ी पर बैठाया।
जरासंध क मृ यु क बाद उसका पु सहदेव शासक बना। वृह थ वंश का अंितम शासक रपुंजय था,
िजसक ह या उसक मं ी पुलक ने कर दी और अपने पु को राजा बना िदया।
हयक वंश
मगध एवं िबहार श द का थम उ ेख अथववेद म आ ह। भारत का थम सा ा य मगध सा ा य को माना
जाता ह, िजसका सं थापक हयक वंश का िबंिबसार या ेिणक ह।
काशी को लेकर अजातश ु और सेनिज क बीच यु आ, िजसम सेनिज परािजत आ और
उसने भागकर ाव ती म शरण ली।
िबंिबसार (544-492 ई.पू.)—बौ ंथ महावंश क अनुसार हयक वंश का सं थापक िबंिबसार 15 वष क
आयु म ग ी पर बैठा तथा इसक नेतृ व म ही मगध सा ा य का िव तार आरभ आ। इसने अपनी राजधानी
राजगृह को बनाया तथा लगभग 52 वष तक शासन िकया। राजगृह का िनयोजन वा तुकार महागोिवंद ने िकया था।
िबंिबसार ने मगध क उ थान क िलए तीन कार क नीितयाँ अपनाई—
1. वैवािहक संबंध क नीित—इसने मगध सा ा य िव तार क िलए वैवािहक नीित क अंतगत कोसल क
राजा सेनिज क बहन कोशला देवी से िववाह करक दहज क प म काशी जैसे उपजाऊ े को ा िकया।
िबंिबसार ने अपने सा ा य क िव तार क िलए िल छवी राजकमारी चेल ा (चेतक क पु ी) क साथ तथा पंजाब
क राजकमारी ेमा क साथ िववाह िकया।
2. मै ी क नीित—िबंिबसार ने अपने सा ा य िव तार क िलए मै ी क नीित अपनाई। उसने अवंित शासक
ोतसेन क साथ मै ी संबंध थािपत िकया तथा उसक उपचार क िलए अपने राजवै जीवक को भेजा।
3. िवजय क नीित—िबंिबसार ने अंग को जीतकर अपने ऌपु अजातश ु को वहाँ का शासक िनयु िकया।
इितहास म िबंिबसार को ऐसा थम शासक माना जाता ह, िजसने थायी सेना रखी तथा पहली बार हाथी को अपनी
सेना म शािमल िकया। 493 ई.पू. म अजातश ु अपने िपता िबंिबसार क ह या कर मगध का शासक बना।
अजातश ु—493-461 ई.पू.
अजातश ु अपने िपता िबंिबसार क भाँित सा ा यवादी कित का शासक था। यह जैन धम का अनुयायी था।
इसका उपनाम किनक था। इसक शासन काल म तीन मह वपूण िव ोह ए, िजसक प रणाम अजातश ु क प म
रह।
कोसल क साथ संघष—िबंिबसार क मृ यु क बाद उसक प नी कोशल देवी क भी मृ यु दुःख क कारण हो
गई, िजससे सेनिज ने ोिधत होकर मगध को िदए गए काशी क अनेक गाँव पर पुनः अिधकार कर िलया।
काशी को लेकर अजातश ु और सेनिज क बीच यु आ, िजसम सेनिज परािजत आ और उसने भागकर
ाव ती म शरण ली। दूसरी बार यु म अजातश ु परािजत आ, लेिकन सेनिज क पु ी वािजरा क साथ
अजातश ु ने िववाह करक संघष को समा िकया। अजातश ु क शासन काल म ही कोसल को अंितम प से
मगध म िमला िलया गया।
व संघ क साथ संघष—कोसल िवजय क बाद अजातश ु ने अपने मं ी व कार क सहयोग से व संघ
म फट डाल दी। उसक बाद 16 वष य यु म इसने वैशाली को अपने रा य म िमला िलया। इस यु म
अजातश ु ने कटक-िशला एवं गदा-मूसल जैसे श का योग िकया। व से यु करने िलए गंगा, गंडक
और सोन निदय क संगम पर अजातश ु ने एक सैिनक छावनी का िनमाण िकया, जो बाद म पाटिलपु क नाम से
जानी गई। अवंित नरश ोत क ारा आ मण िकए जाने क आशंका को यान म रखकर अजातश ु ने राजगृह
म सुर ा दुग बनवाया, जो भारत म थाप य िनमाण का ाचीनतम उदाहरण ह।
म क साथ संघष—िल छिवय को परािजत करने क बाद अजातश ु ने म संघ पर आ मण कर उसे
अपने सा ा य म िमला िलया। वैवािहक संबंध क ारा अजातश ु ने व स को अपना िम बना िलया।
अजातश ु ने अपने शासन क दसव वष म गौतमबु क महाप रवाण क प ा उनक अवशेष पर राजगृह म
तूप का िनमाण करवाया। अजातश ु से वैशाली क नगरवधू आ पाली ेम करती थी। इसक शासन काल म ही
राजगृह क स पण गुफा म महाक यप क अ य ता म थम बौ संगीित का आयोजन िकया गया था।
अजातश ु का पु उदयन उसक ह या कर वयं मगध सा ा य का शासक बना।
उदयन (461-444 ई.पू.)
उदयन अपने िपता अजातश ु क शासन काल म चंपा का रा यपाल था। इसने अपने िपता अजातश ु क ह या
कर स ा हण िकया था। इसने गंगा और सोन नदी क संगम पर पाटिलपु नगर को बसाया तथा मगध क
राजधानी राजगृह से हटाकर पाटिलपु म थािपत क । उदयन जैन अनुयायी था। उसने पाटिलपु क म य म एक
जैन चै यगृह का िनमाण करवाया था। अवंित क राजा पोलक ने उदयन क ह या करा दी।
काशी क अमा य िशशुनाग ने हयक वंश क अंितम शासक नागदशक क ह या कर िशशुनाग वंश क थापना
क । नागदशक को पुराण म ‘दशक’ भी कहा गया ह।
िशशुनाग वंश (412-345 ई.पू.)
काशी का रा यपाल िशशुनाग 412 ई.पू. म मगध का राजा बना। इसने मगध क राजधानी पाटिलपु से वैशाली
थानांत रत िकया। िशशुनाग ने व स, अवंित, कौशांबी पर िवजय ा क । 394 ई.पू. म िशशुनाग क मृ यु क
प ा उसका पु कालाशोक (काकण) मगध क ग ी पर बैठा। इसने मगध क राजधानी पुनः पाटिलपु को
बनाया। िशशुनाग वंश का सव े शासक कालाशोक ही आ। इसक शासन काल म ही वैशाली म बौ धम क
‘ तीय संगीित’ का आयोजन 383 ई.पू. म आ। नंदीवधन िशशुनाग वंश का अंितम शासक था।
िसंहसेन भी था।
से यूकस ने मेगा थनीज नामक एक राजदूत चं गु मौय क दरबार म भेजा, िजसने ‘इिडका’ नामक
पु तका क रचना क ।
िबंदुसार क समय म त िशला म ए िव ोह को दबाने क िलए मालवा या उ ैन क शासक अशोक को भेजा
गया था। सी रया क शासक एंिटयोक थम ने डायमेकस नामक राजदूत तथा िम क शासक टॉ मी तीय
िफलाडलफस ने ‘डायनोिसयस’ नामक राजदूत िबंिबसार क दरबार म भेजा। िबंदुसार अपने िपता क भाँित शासन
का काय करता था, उसने अपने सा ा य को ांत म िवभािजत िकया तथा येक ांत म उपराजा क प म
कमार िनयु िकया। शासिनक काय क िलए उसने मंि प रष क थापना क तथा अनेक महामा य क
िनयु भी क । िबंदुसार ने 25 वष तक रा य िकया तथा 273 ई.पू. म उसक मृ यु हो गई।
अशोक (273-232 ई.पू.)
िबंदुसार का उ रािधकारी अशोक महा आ, जो 273 ई.पू. म मगध क ग ी पर आसीन आ। िसंहली
सािह य क अनुसार अशोक अपने 99 भाइय क ह या कर स ा बना, लेिकन इस िवषय म मतभेद ह। अशोक
का अपने भाइय क साथ संघष आ, जो 4 वष तक चला, य िक अशोक 273 ई.पू. म शासक िनयु आ
और 4 वष बाद 269 ई.पू. म उसका रा यािभषेक आ।
नेपाली सािह य क अनुसार शासक बनने से पूव अशोक त िशला का गवनर था, जबिक ीलंका सािह य क
अनुसार वह उ ैन का गवनर था। अशोक को ारभ म चंडाशोक या कामाशोक कहा गया ह। अशोक नाम का
उ ेख उसक चार अिभलेख —मा क , गुजरा, ने ूर और उडगोलम म िमलता ह। भा ू अिभलेख म उसे
‘ि यदश ’, जबिक मा क म ‘बु शा य’ कहा गया ह।
अशोक ने अपने जीवन म एकमा किलंग यु लड़ा, िजसक जानकारी 13व बृहत िशलालेख से िमलती ह।
यह यु शासन क 8व वष 261 ई.पू. म लड़ा गया। इस यु क िवभीिषका ने अशोक क दय को प रवितत
कर िदया। उसने यु नीित को छोड़कर ध म नीित को अपनाया एवं िव का थम शांित वतक बना। कौिट य
क अनुसार, किलंग यु का मु य कारण हािथय क े को ा करना था, जबिक लनी क अनुसार यापार-
वािण य क िलए समु ी तट ा करने क उ े य से किलंग यु लड़ा गया। क हण क ‘राजतरिगणी’ क
अनुसार, अशोक बौ धम हण करने से पहले क र शैव था। बौ धम म अशोक को दीि त करनेवाला
िव ा उपगु या मो गिलपु ित स था।
अशोक ने अपने सा ा य को 5 ांत म बाँटा था, जो िन न थे—
मांक : 1
ांत : उ रापथ
राजधानी : त िशला
मांक : 2
ांत : दि णापथ
राजधानी : वणिग र
मांक : 3
ांत : अवंित
राजधानी : उ ैन
मांक : 4
ांत : किलंग
राजधानी : तोसली
मांक : 5
ांत : ाची/पूव रा य
राजधानी : पाटिलपु
संपूण मौय रा य क राजधानी पाटिलपु म थत थी। अशोक ने क मीर म ीनगर एवं नेपाल म लिलतपाटन
नामक नगर क थापना क । दमन क जूनागढ़ अिभलेख क अनुसार, इस े म उजयंत पवत पर पु यगु
ारा चं गु मौय ने सुदशन झील का िनमाण कराया था, िजसक मर मत अशोक ने तुषा प ारा, दमन ने
सुिवशाख ारा तथा कदगु ने च पािलत ारा कराई थी। तुषा प अशोक क समय अवंित का गवनर था, जो
एक यूनानी था। अशोक क बाद मौय सा ा य कई भाग म बँट गया, जैसे—पूव भाग अथा िबहार, बंगाल,
उ र- देश आिद। इस े का शासक दशरथ बना, िजसने इनक राजधानी पाटिलपु को ही रखा। प मी भाग
म राज थान, गुजरात और प मी म य देश ांत थे, िजसका शासक अशोक का एक अ य पौ सं ित बना।
अशोक क बाद सं ित को मौय वंश का े शासक कहा जाता ह। राजतरिगणी क अनुसार क मीर े का
शासक जालौक बना। मौय वंश क अंितम शासक वृह थ क ह या185 ई.पू. म ा ण सेनापित पु यिम शुंग
ारा कर दी गई तथा शुंग वंश क थापना क गई।
अशोक का ध म
ध म श द सं कत भाषा क धम का ाकत पांतर ह। अशोक क िस उसक िवजय-या ा से नह , ब क
उसक ध म नीित क कारण ह। अशोक िव इितहास म जनता क नैितक उ थान क िलए िनरतर य न करने क
कारण महा ह। िजन िस ांत क आधार पर नैितक य न संभव ह, उ ह िस ांत को अशोक क अिभलेख म
‘ध म’ कहा गया ह।
अशोक क अनुसार, ध म साधुता ह, ब त से अ छ और क याणकारी काय करना ह, पापरिहत होना, दूसर क
साथ मधु यवहार करना, दान, दया, ािणय का वध न करना, माता-िपता और बड़ का आदर करना, संबंिधय ,
िम , दास एवं सेवक क साथ उ म यवहार करना आिद ह। इसक साथ ही अशोक क ध म म िनषेधा मक प
भी ह, जैसे—चंडता, िन ुरता, ोध, ई या आिद य क िवकास म बाधक ह, अतः येक य को इनसे
बचना चािहए। अशोक ने येक य को िन य आ म-परी ण पर बल देने को कहा। अशोक क अनुसार, मनु य
कवल अपने ारा िकए गए अ छ काय को ही देखता ह। यह कभी नह देखता ह िक उसने या पाप िकया?
य को देखना चािहए िक उसक मनोवेग, चंडता, िन ुरता, ोध एवं ई या उसे पाप क ओर न ले जाएँ एवं
उसका पथ न कर द।
ध म क उपयु िस ांत क पालन करने पर इस संबंध म कोई संदेह नह रह जाता िक यह एक सवसाधारण
धम ह, िजसक मूलभूत मा यताएँ सभी सं दाय म मा य ह। देश और काल क सीमा म बँधा नह ह, िकसी भी
पंथ या सं दाय का कोई िवरोध नह हो सकता ह।
दामन क जूनागढ़ अिभलेख क अनुसार इस े म उजयंत पवत पर पु यगु ारा चं गु मौय ने
सुदशन झील का िनमाण कराया था। िजसक मर मत अशोक ने तुषा प ारा, दामन ने सुिवशाख
ारा तथा कदगु ने च पािलत ारा कराई थी।
अशोक बौ धम का अनुयायी था। बौ धम क चार- सार का काय िकया, लेिकन अशोक का ध म बौ
धम नह ह तथा वह अपनी जनता को ध म क अनुसार काय करने को कहता ह। इसका ध म सवमा य ह,
सावभौम ह, सव े संबंध क थापना करता ह, बा आडबर का िवरोध करता ह तथा आंत रक शु ता पर
बल देता ह।
अशोक क रा यारोहण क समय उसे िवशाल सा ा य िमला। 261 ई.पू. म उसक सीमा म वृ (किलंग
िवजय) ई। अतः इतने बड़ सा ा य को सुरि त रखने क िलए इसक पास दो िवक प थे—
सै यश ारा अथा राज व म देव व का गुण भरक।
ध म क आधार पर।
रोिमला थापर क अनुसार, अशोक का ध म राजनीितक-सामािजक सम या को सुलझाने क िलए उसक
िदमाग क वैचा रक उपज थी। अशोक बौ धम क अिहसा नीित से भािवत आ। उसक समय म िविवधतापूण
समाज था, िजसम सामािजक-राजनीितक तथा धािमक असमानता थी। अतः अशोक इन पर पर िवरोधी त व को
आचरण और नैितकता क आधार पर एक समान मंच पर लाना चाहता था, िजससे िक िवरोध क वर दबे रह। यह
बात एक महा शासक ही सोच सकता ह, िजसे सभी प र थितय का ान हो। इस कार अशोक का ध म उसक
िदमाग का राजनीितक आिव कार हो सकता ह, िजसक पीछ सामािजक-राजनीितक सम या का सावधानीपूवक
समाधान करना ह।
अशोक क अिभलेख—अशोक क अिभलेख को तीन भाग म वग कत िकया जाता ह—
िशलालेख
तंभलेख तथा
गुहालेख
िशलालेख
अशोक चतुदश िशलालेख क नाम से िस ये िशलालेख 14 िविभ लेख का एक समूह ह, जो 8 िभ -
िभ थान से ा ए ह। ये िशलालेख िन निलिखत ह—
1. िगरनार (कािठयावाड़, गुजरात म जूनागढ़ क समीप) ( ा ी िलिप म)
2. धौली (पुरी, उड़ीसा) ( ा ी िलिप म)
3. जौगढ़ (गंजाम िजला, उड़ीसा) ( ा ी िलिप म)
थे।
3. दि णापथ—इसक राजधानी वणिग र थी। इसक अंतगत दि णी म य देश, महारा , गोआ, कनाटक
तथा आं देश स मिलत थे।
4. ाची—इसक राजधानी पाटिलपु था। इसक अंतगत िद ी, उ र देश, िबहार, नेपाल का तराई े तथा
बँ लादेश स मिलत थे।
5. किलंग—इसक राजधानी तोसाली थी। इसक अंतगत उड़ीसा े स मिलत था तथा सबसे छोटा रा य था।
शासन क सबसे छोटी इकाई ाम थी। मौय शासन क अंग को िन न प से दशाया जा सकता ह—
रा → ां त → मंडल (किम नरी) → जनपद → थािनक (800 गाँव) → ोणमुख (400 गाँव) →
खाचिटक (200 गाँव) → सं हण (100 गाँव) → ाम (सबसे छोटी ईकाई)।
ामीण े से ा राज व को ‘रा ’ कहा जाता था, जबिक नगर से ा राज व को ‘दुग’ कहा
जाता था। दोन कार क राज व समाह ा जमाकर सीधे क क पास भेजता था।
कौिट य क ‘अथशा ’ म उ तर क अिधका रय को तीथ कहा गया ह। अथशा म 18 तीथ (िवभाग) का
उ ेख िमलता ह, िजनक अ य को महामा य कहा जाता था। 18 तीथ म मु य तीथ िन निलिखत थे—
1. मं ी,
2. पुरोिहत,
3. सेनापित,
4. युवराज,
5. समाहता
5. समाहता—समाहता का काय राज व एकि त करना तथा िजले म कानून यव था देखना था। जनपद का
धान समाहता ही होता था, जो याियक काय को भी देखता था अथा इसम अ याियक श भी थी, लेिकन
मु य काय राज व संगृहीत करना था। इसक साथ ही समाहता आय- यय का योरा रखता था तथा वािषक बजट
तैयार करता था। ामीण े से ा राज व को ‘रा ’ कहा जाता था, जबिक नगर से ा राज व को ‘दुग’
कहा जाता था। दोन कार क राज व समाहता जमा कर सीधे क क पास भेजता था। राजक य वािम ववाली
भूिम को सीता कहा गया तथा सीता से ा आय को भी समाहता जमा करता था। समाहता िजले क पुिलस
अिधकारी, राजुक तथा नगर शासिनक अिधकारी नगर यावहा रक क बीच सम वय थािपत करता था। समाहता
मौयकालीन शासन का सबसे मुख अिधकारी था, िजसक िनयु सीधे राजा क ारा क जाती थी।
6. स धाता (कोषा य )—िजला समाहता राज व को क ीय समाहता क पास भेजता था तथा वह इस आय
को स धाता क पास जमा करता था।
कौिट य ने ‘अथशा ’ म 26 अ य क चचा क ह, िजसम मुख िन निलिखत ह—
1. सीता य —राजक य भूिम का अिधकारी।
2. प या य —कारखाना एवं यापार अधी क।
3. लोहा य —धातु िनयं क।
4. िविवता य —चरागाह अिधकारी।
5. पौतवा य —बाट एवं तराजू अिधकारी।
6. प दशक—िस ा िनरी क अिधकारी।
थापना क । ये शुंग क समान ही ा ण थे। वसुिम ने कल 9 वष तक शासन िकया तथा उसक बाद भूिमिम ,
नारायण और सुशमा ने शासन िकया। सुशमा इस वंश का आिखरी शासक था, िजसक ह या आं जातीय भृ य
िशमुक ारा कर दी गई। सुशमा क मृ यु क साथ ही क व राजवंश का अंत हो गया।
कषाण वंश
कषाण वंश क थापना कजुल काडिफसस ारा क गई थी, लेिकन इस वंश का सव े शासक किन क
था, जो 75 ई. म शासक बना था। किन क ने अपनी राजधानी किन कपुर (क मीर) अथवा पु षपुर म थािपत क
थी। किन क ने अपने सा ा य िव तार क म म मगध तक क े को जीत िलया था तथा िस बौध िव ा
अ घोष को पाटिलपु से अपनी राजधानी पु षपुर ले गया था। अ घोष ने ही किन क ारा आयोिजत चतुथ
बौ संगीित क अ य ता क थी। कषाणकलीन पुराता वक अवशेष िबहार क कई थान से ा ए ह।
किन क ने अपने सा ा य िव तार क म म मगध तक क े को जीत िलया था तथा िस बौध
िव ा अ घोष पाटिलपु से अपनी राजधानी पु षपुर ले गया था। अ घोष ने ही किन क ारा
आयोिजत चतुथ बौ संगीित क अ य ता क थी।
कषाण क पतन क बाद वैशाली क िल छिवय ने मगध पर शासन िकया, लेिकन इितहासकार इस मत से
सहमत नह ह। कछ इितहासकार का मानना ह िक कषाण वंश क पतन क बाद मगध े म शक-मु ड का
शासन थािपत था।
गु कालीन िबहार
मौय क समय मगध जो भारतीय इितहास का क िबंदु था, मौय क पतन क बाद मगध पर शुंग, क व जैसे
कमजोर ा ण वंश का शासन रहा। इस समय कषाण, शक आिद ने भी मगध पर आ मण िकया, शासन िकया,
लेिकन चौथी सदी क ारभ म गु वंश क थापना क साथ ही मगध ने अपनी याित पुनः अिजत कर ली।
ारिभक गु शासक ने पाटिलपु को ही अपनी राजधानी बनाया और भारतीय इितहास म मगध एवं पाटिलपु क
क ीय मह व को थािपत िकया।
गु वंश क सं थापक महाराजा ीगु थे, िज ह ने 240 ई. म गु वंश क थापना क । इनका पु घटो कच
था। घटो कच का पु चं गु थम था। गु वंश का वा तिवक सं थापक चं गु को ही माना जाता ह, िजसका
शासन काल 319-335 ई. तक था। 319 ई. म गु संव ारभ आ, िजसका संबंध व भी संव से ह। चं गु
थम ने पहली बार ‘महाराजािधराज’ क उपािध हण क ।
चं गु थम क बाद समु गु (335-375 ई.) शासक बना। समु गु क जानकारी, का मुख ोत याग
श त ह। समु गु को ‘भारत का नेपोिलयन’ भी कहा जाता ह। सव थम उसने गंगा-यमुना दोआब े क
शासक को परािजत कर अपने रा य म िमलाया। उसने पंजाब, असम, नेपाल, बंगाल, तिमलनाड क े आिद को
अपने रा य म स मिलत िकया। उसने शक और कषाण शासक को परािजत कर प मी एवं प मो र भारत
पर अिधकार थािपत िकया।
समु गु क उ रािधकारी चं गु तीय ने सौरा एवं मालवा को जीतकर गु सा ा य म िमलाया। इसक
शासन काल को भारत का ‘ वण युग’ कहा जाता ह। इसने 375-412 ई. तक शासन िकया। चं गु तीय क
उ रािधका रय को िवदेशी आ मण का सामना करना पड़ा। इसम ण का आ मण सबसे मह वपूण था। ण
शासक िमिहरकल ने पाटिलपु पर चढ़ाई कर नरिसंहगु बालािद य को परािजत िकया। छठी शता दी ई. क म य
तक मगध क े पर परवत गु वंश का िनयं ण था, जबिक पूव उ र देश और िबहार क कछ े पर
मौखरी वंश क स ा थािपत हो गई थी।
गु काल िव ा-कला और सां कितक जीवन म उ क उपल धय का युग माना जाता ह। राजनीितक शांित
और सु ढता, आिथक समृ और सां कितक िवकास क कारण इस काल को ाचीन भारतीय इितहास का वण
युग भी कहा जाता ह। इस काल क िव यात िव ान म वराहिमिहर, आयभ और गु क नाम मह वपूण
ह। गिणत, खगोलशा और दशन क े म इनक देन अिव मरणीय ह। गु काल म ही नालंदा महािवहार क
थापना ई। इसका सं थापक कमारगु था। कालांतर म यह िव ा का मुख क बना, जहाँ बड़ी सं या म
िवदेशी छा भी आते थे। चं गु तीय क शासन काल म चीनी या ी फािहयान भारत आया। वह िबहार क े
म आया और तीन साल तक पाटिलपु म रहा। कला क े म इस काल क मह वपूण उपल धय म बोधगया
का महाबोिध मंिदर और नालंदा महािवहार क अवशेष ह।
मगध क परवत गु शासक
छठी शता दी ई. म िबहार क कछ भाग म परवत गु शासक क शासन क जानकारी कछ अिभलेख म
िमलती ह, िजनक ा गया और शाहाबाद े म ई ह। इस वंश का सं थापक क णगु था। कमारगु तृतीय
ारा याग तक स ा िव तार करने और मौखरी शासक को परािजत करने क संबंध म जानकारी िमलती ह।
उसक उ रािधकारी दामोदरगु को मौखरी शासक ने परािजत कर मगध क अिधकांश भाग पर अिधकार कर
िलया। मगध े पर शशांक का आ मण आ, िजसने बौ क धािमक थल को बुरी तरह न िकया और
बोधगया म महाबोिध वृ को भी ित प चाई। देवगु ने शशांक से समझौता कर क ौज क मौखरी शासक
हवमन को परािजत िकया। इसक ितशोध म रा यवधन ने देवगु को परािजत कर उसका वध कर िदया। इस
कार गु सा ा य क पतन से हष क शासन काल क पहले तक िबहार का इितहास िनतांत संघष का सा ी रहा
ह।
सातव शता दी ई. क आरभ म जब हषवधन ने उ री भारत म सा ा य िव तार िकया तो िबहार का कछ भाग
उसक िनयं ण म था। हष क मृ यु क बाद िबहार म पुनः अराजकता फल गई। िबहार क िकसी थानीय शासक
अजुन ने चीनी याि य को ित प चाई, िजसक ितशोध म ित बत और नेपाल क राजा ने संयु प से
िबहार पर आ मण िकया। संभवतः कछ समय क िलए ित बत क सं भुता भी िबहार क कछ भाग म थािपत
हो गई। इसका अंत माधवगु क पु आिद य सेन ने िकया। उसका रा य मगध, उ र एवं पूव िबहार तक
िव तृत था। उसक मृ यु क कछ ही समय बाद इस वंश का पतन हो गया। इस वंश का अंितम शासक
जीिवतगु तीय था। 725 ई. क लगभग क ौज क शासक यशोवमन ने उसक ह या कर इस वंश का अंत
कर िदया। इस समय तक पाटिलपु का गौरव भी न हो चुका था। हषकालीन चीनी या ी युआन- ांग 635
ई. क समीप जब इस े म आया तो पाटिलपु का नगर व त हो चुका था।
ितिथ मावली
ाचीन काल
2300-1750 ई.पू.—हड़ पा स यता काल।
1500-1000 ई.पू.—ऋ वैिदक काल।
375-412 ई.—चं गु -II (िव मािद य) का शासन काल, सां कितक गित क कारण वणयुग।
405-411 ई.—चीनी या ी फािहयान का मणकाल।
414-455 ई.—कमारगु -I का शासन काल, नालंदा िवहार क थापना।
455-467 ई.— कदगु का शासन काल, ण का आ मण।
467-494 ई.—बु गु का शासन काल, गु सा ा य का पतन ारभ।
500 ई.—मगध े पर ण का आ मण।
495-510 ई.—भानुगु का शासन काल, गु सा ा य का अंत।
530 ई.—मगध क परवत गु शासक का उ कष।
606-641 ई.—थाने र एवं क ौज क शासक हषवधन ारा पूव भारत म सा ा य िव तार।
635 ई.—चीनी या ी युआन ांग का भारत आगमन।
673 ई.—चीनी या ी ई संग का भारत आगमन।
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3. म य काल
(Medieval Period)
पूव म य काल
म य काल
अफगान श का उदय
मुगलकालीन िबहार
िबहार म सूफ वाद
म य काल का ारभ हषवधन क मृ यु (647 ई.) क बाद से माना जाता ह। म यकालीन इितहास को अ ययन
क सुिवधा क ि कोण से दो वग म बाँटते ह—
पूव म य काल—आठव से बारहव सदी तक का काल।
म यकाल—बारहव से अठारहव सदी क ारभ तक का काल।
पूव म य काल
पूव म यकालीन िबहार म मूल प से पाल वंश, कणाट वंश तथा सेन वंश ने शासन िकया। इस समय तुक
आ मण का भी िबहार पर भाव पड़ा।
पाल वंश
उ र भारत म हषवधन क पतन और बंगाल े म शशांक क पतन क बाद िबहार-बंगाल े म एक
श शाली वंश क प म पाल वंश का उदय आ। पाल वंश का सं थापक गोपाल था, िजसने 750-770 ई. तक
शासन िकया। बंगाल क सामंत एवं आम जनता क ारा गोपाल को शासक चुना गया था। ित बती इितहासकार
तारानाथ क अनुसार गोपाल पुं वधन (बंगाल) बोगरा िजला क ि य कल का था। इसने िबहार म अपना शासन
शी ही िव तृत िकया। गोपाल क बाद धमपाल (770-810 ई.) शासक बना। इसने 8व शता दी क अंितम
चतुथाश म क ौज पर आ मण िकया तथा च यु को क ौज का शासक िनयु कर एक भ य दरबार का
आयोजन िकया और ‘उ रापथ वािम ’ क उपािध धारण क । गुजरात क किव सोढ़दश ने 11व सदी म अपनी
रचना ‘उदयसुंदरी’ म धमपाल को उ र का वामी कहा ह। धमपाल को ितहार शासक व सराज एवं रा कट
शासक धु्रव ने परािजत िकया।
पाल वंश का सं थापक गोपाल था, िजसने 750-770 ई. तक शासन िकया। बंगाल क सामंत एवं आम
जनता क ारा गोपाल को शासक चुना गया था।
धमपाल क बाद पाल वंश का सव े शासक देवपाल ग ी पर आसीन आ। इसक समय म पाल वंश अपने
चरमो कष पर था। उसने िव तारवादी नीित अपनाई तथा पूव र म ा योितषपुर, उ र म नेपाल और पूव सागर
तट तक उड़ीसा म अपनी स ा का िव तार िकया। उसने ितहार शासक नागभ तीय तथा कबोज क ण को
परािजत िकया। कछ इितहासकार क अनुसार उसने द न क रा य क साथ भी संघष िकया। उसक समय म
दि ण-पूव एिशया क साथ मै ीपूण संबंध रह। उसने जावा क शासक बलदेवपु क अनुरोध पर नालंदा म एक
िवहार क देखरख क िलए पाँच गाँव अनुदान म िदए। देवपाल बौ धम क यदाता क प म िस था।
अरब या ी सुलेमान ने रा कट एवं ितहार वंश क सभी शासक म देवपाल को सव े शासक माना ह।
देवपाल क मृ यु क बाद िमिहरभोज एवं मह पाल क शासन काल म ितहार ने पूव उ र देश और िबहार
क अिधकांश े पर अिधकार कर िलया। 11व शता दी म मिहपाल थम शासक बना, िजसे पाल वंश का
तीय सं थापक कहा जाता ह। मिहपाल ने सम त बंगाल और मगध क े पर अिधकार कर िलया, लेिकन
उसक उ रािधकारी कमजोर सािबत ए। इसक समय म राज चोल ने बंगाल पर आ मण िकया। कमजोर
उ रािधकारी होने क कारण बंगाल म कवत अिधक श शाली होते चले गए और सेन शासक ने उ री िबहार
और बंगाल क कछ े म अपना रा य थािपत कर िलया। पाल क श मगध क कछ भाग म िसमटकर रह
गई। रामपाल पाल वंश का अंितम शासक बना। सं याकर नंदी क रचना ‘रामच र ’ रामपाल से संबंिधत ह।
रामपाल क मृ यु क बाद गहड़वाल ने भी िबहार म शाहाबाद और गया तक अपने सा ा य का िव तार कर
िलया। सेन शासक —िवजय सेन और बंगाल सेन—ने भी अपनी स ा का िव तार करते ए गया क पूव तक
अपना िनयं ण थािपत कर िलया। इसी समय तुक क आ मण िबहार म 12व शता दी क अंत तक आरभ हो
गए थे। गहड़वाल वंश क शासक गोिवंदचं क मनेर ता प म ‘तु कदंड’ नामक कर क चचा िमलती ह। यह
कर इस े क िकसान से ा िकया जाता था और इससे तुक क आ मण रोकने क साधन ा िकए जाते
थे।
पाल शासक बौ धम क अनुयायी थे। उ ह ने शैि क सं था को य िदया। िव मिशला महािवहार क
थापना धमपाल ने क । उसी ने नालंदा महािवहार को 200 ाम दान व प िदए। ओदंतपुरी और जगदल
िव िव ालय भी पाल शासन काल म थािपत ए। ित बत से पाल क घिन संबंध थे। बौ िव ान म
शंतरि त और आितश दीपंकर इस काल म ित बत गए। ब तयार िखलजी क अिभयान क बाद नालंदा महािवहार
म िश ा ा क िलए बौ िभ ु धमा वामी ित बत से िबहार आया। दि ण-पूव एिशया क ीप से भी
यापा रक और मै ीपूण संबंध थािपत िकए गए। उस े क शैल वंशीय शासक ने देवपाल से नालंदा म एक
बौ मंिदर क िनमाण क अनुमित ा क । उस मंिदर क देखरख क िलए देवपाल ने आिथक अनुदान िदए।
पाल शासक ने मूितकला को भी िवशेष ो साहन िदया। गौतम बु तथा िहदू देवी-देवता क सुंदर ितमाएँ
चमक ले काले प थर से बनाई गई ह। कां य ितमा क िनमाण म पाल युग सव े था।
पाल क श मगध क कछ भाग म िसमटकर रह गई। रामपाल पाल वंश का अंितम शासक बना।
सं याकर नंदी क रचना ‘रामच र ’ रामपाल से संबंिधत ह।
सुलेमान ने पाल वंश को ‘ हला’ कहा ह। पाल वंश क सव े शासक देवपाल एवं धमपाल थे। िजस समय
पूव भारत म पाल वंश का शासन था, उसी समय प म भारत म गुजर ितहार वंश और दि ण भारत म रा कट
वंश का शासन थािपत था। हषव न क समय क ौज भारत म श का क बन चुका था। अतः क ौज पर
अिधकार करने क िलए पाल, ितहार और रा कट वंश क बीच संघष आ, िजसे ि प ीय संघष भी कहते ह।
यह संघष 5 चरण म आ था, िजसम पाल वंश क तरफ से सव थम धमपाल ने भाग िलया था। धमपाल का
संघष ितहार शासक व सराज एवं रा कट शासक धु्रव क साथ आ था, िजसम धु्रव िवजयी आ था। धमपाल
क बाद देवपाल, िव हपाल, नारायणपाल आिद ने ि प ीय संघष म भाग िलया। ि प ीय संघष म अंितम प से
गुजर ितहार वंश क िवजय ई, लेिकन इन तीन वंश म सवािधक िदन तक शासन करनेवाला वंश पाल वंश था।
इस समय िबहार एवं बंगाल े से गुजर ितहार शासक मह पाल का अिभलेख ा आ ह।
कणाट वंश
11व सदी क अंत म जब पाल शासक कमजोर हो चुक थे, तब उसी समय भारत पर तुक आ मण ारभ हो
चुका था। भारत पर तुक आ मण दो चरण म आ। थम चरण म महमूद गजनवी तथा तीय चरण म
मुह मद गोरी का आ मण आ। इस समय िबहार पर पाल शासक रामपाल का शासन था। रामपाल क समय ही
गंगा क उ री मैदान म ितर त े म कणाट वंश का उदय आ। इस वंश का सं थापक ना यदेव था। 11व
सदी म िमिथला क शासक ना यदेव का िसमराँव से ा पाषाण लेख से भी पता चलता ह िक उसने ही कणाट
वंश क थापना क थी। इस वंश क जानकारी दरभंगा िजले क भीत भगवानपुर से ा मालदेव क लेख से भी
िमलता ह।
ह रिसंहदेव एक महा समाज सुधारक क प म सि य रहा। उसी क समय ‘पंजी बंध’ का िवकास
आ। फल व प पंजीकार का एक नया वग संगिठत आ।
ना यदेव ने कणाट वंश क राजधानी िसमराँवगढ़ बनाई। कणाट शासक क शासन काल को ‘िमिथला का
वण युग’ भी कहा जाता ह। वैनवार वंश क शासन काल तक िमिथला म थरता रही और उसक गित ई।
ना यदेव क साथ सेन वंश क राजा का पर पर यु होता रहता था। कणाटवंशीय शासक नरिसंहदेव का
संघष बंगाल क सेन शासक क साथ होता रहा। इसी कारण नरिसंहदेव ारा तुक क साथ सहयोग िकया गया।
नरिसंहदेव का अिधकार ितर त और दरभंगा े पर फला आ था। कणाट शासक क साथ िद ी क सु तान
का संपक िनरतर बना रहता था। सामा यतः िद ी स तनत क ांतपित, जो िबहार एवं बंगाल क े म िनयु
थे, कणाट शासक से नजराना ा करते थे। इस े पर अिधकार गयासु ीन तुगलक क बंगाल अिभयान क
म म आ। उस समय ितर त का शासक ह रिसंहदेव था। तुक सेना क आ मण का वह सामना न कर सका
और नेपाल क तराई म पलायन कर गया। इस कार उ री एवं म य िबहार क े का आपस म िवलय हो
गया। कणाट वंश का अंितम शासक ह रिसंह था। 1378 ई. तक कणाट वंश का पूणतः अंत हो गया। ह रिसंहदेव
एक महा समाजसुधारक क प म सि य रहा। उसी क समय ‘पंजी बंध’ का िवकास आ। फल व प
पंजीकार का एक नया वग संगिठत आ। मृित और िनबंध संबंधी रचनाएँ भी इस काल म बड़ी सं या म िलखी
गई और मैिथली समाज का जो प वतमान काल तक बना आ ह, इसक िवशेषताएँ इसी काल म प रप
प धारण कर सक । िस मैिथली किव िव ापित दरभंगा नरश कित िसंह एवं िशव िसंह क दरबार म थे।
िव ापित का ज म दरभंगा िजले क बेनीप ी थाना े क िबसपी गाँव म आ था। िव ापित क िपता का नाम
गणपित ठाकर एवं माता का नाम हािसनी देवी था। इनका पु हरिपत तथा पु ी दुलही थी, िजसका वणन
िव ापित क रचना म आया ह। िव ापित को यह गाँव आ यदाता राजा िशविसंह क ओर से उपहार म ा
आ था। परपरा क अनुसार िव ापित का ज म 1350 ई. म आ था तथा इनक मृ यु 90 वष क अव था म
बािजतपुर गाँव म ई थी। इनक िचता पर एक िशव मंिदर का िनमाण करवाया गया था। िव ापित को िश ा देने
का काम ह रिम ने िकया था। गढ़ िबसपी म कमिद य ि पाठी नामक ा ण रहते थे, वे कणाट वंश क दरबार
म राजमं ी थे। कमािद य ि पाठी िव ापित क वंश क आिदपु ष िव णु शमा ठाकर क पौ थे। इस वंश क
अिधकांश य राजदरबार से जुड़ ए थे तथा िविभ पद पर कायरत थे। इसी वंश क वीर र ठाकर
ना यवंशीय शासक श ु िसंह एवं उनक पु ह रिसंहदेव क रा य मं ी थे। इ ह ने ‘छांदो य दशप ित’ नामक
पु तक क रचना क थी। इनक भाई धीर र ठाकर को महावाितक नैबंिधक क नाम से जाना जाता ह। धीर र
ठाकर क पु चंदे र ने ‘क यिचंतामिण’, ‘िववाद-र नाकर’ और ‘राजनीित-र नाकर’ आिद स र नाकर क
रचना क थी। चंदे र ह रिसंह क मं ी एवं महामह क सांिधिव हीक थे। िव ापित क िपता राजा गणे र क
सभापंिडत एवं राजमं ी थे, िज ह ने ‘गड भ ’ एवं ‘तरगिण’ नामक पु तक क रचना क थी।
िव ापित को अिभनव जयदेव क नाम से भी जाना जाता ह। इ ह ने क ित िसंह क नाम पर क ितलता
नामक ंथ क रचना क । वतमान समय म यह पु तक नेपाल क राज पु तकालय म सुरि त ह।
िव ापित को अिभनव जयदेव क नाम से भी जाना जाता ह। इ ह ने क ितिसंह क नाम पर ‘क ितलता’ नामक
ंथ क रचना क । वतमान समय म यह पु तक नेपाल क राज पु तकालय म सुरि त ह। इस ंथ क भाषा
सं कत, ाकत और मैिथली ह। इस िमि त भाषा को िव ापित ने अवह नाम िदया ह। िव ापित ने भूप र मा
नामक पोथी क रचना क । यह राजा देविसंह क अनुमित से उ ह ने िलखी थी। यह नैितक कहािनय का सं ह
ह, िजसका बृहत प ‘पु ष परी ा’ नामक रचना ह। 1830 ई. म इसका अं ेजी म अनुवाद राजा कालीक ण
बहादुर ने िकया था, िजसम लॉड िबशप टनर ने सहयोग िदया था। यह पु तक फोट िविलयम कॉलेज, कलक ा
क पा य म म भी स मिलत थी।
िव ापित ारा रिचत चौथी पु तक ‘क ितपताका’ ह, जो मैिथली भाषा म िलखी गई ेमकथा का सं ह ह।
उ ह ने सं कत भाषा म ‘िलखनावली’ क रचना क । इ ह ने ‘शैव-सव व-सार’ क रचना राजा िशविसंह क
मृ यु क बाद महारानी िव ासदेवी क देखदेख म क थी। इसम भविसंह से लेकर िव ासदेवी तक क शासन
काल का वणन ह। िव ापित ने ‘गंगा वा यावली’, ‘दान वा यावली’, ‘दुगाभ तरिगणी’, ‘िवभाग-सार’,
‘वषक य’, ‘गया-पतन’ आिद पु तक क रचना क थी। ‘गंगा वा यावली’ िव ासदेवी एवं ‘दान वा यावली’
नरिसंह देव क प नी धीरमित से संबंिधत ह। ‘िवभाग-सार’, ‘वषक य’ एवं ‘गया-पतन’ सं कत भाषा म िलखी
ई पु तक ह।
सेन वंश
पाल वंश क पतन क बाद सामंत सेन क नेतृ व म सेन वंश क थापना ई। सामंत सेन पाल क अधीन एक
सामंत था। हमंत सेन क समय सेन वंश पूरी तरह से वतं हो गया। िवजय सेन, व ाल सेन, ल मण सेन
आिद शासक ने िबहार एवं बंगाल े पर शासन िकया। िवजय सेन इस वंश का एक श शाली शासक था।
िवजय सेन क जानकारी देवपाड़ा (बंगाल) ता प लेख से भी िमलती ह। िवजय सेन ने कणाट वंश क शासक
ना यदेव को परािजत िकया था। वह शैव धम का अनुयायी था। उसने ‘दानसागर’ और ‘अ ुतसागर’ नामक दो
पु तक क रचना क थी। ल मण सेन इस वंश का अंितम शासक था। ‘गीतगोिवंद’ क लेखक जयदेव ल मण
सेन क दरबार म रहते थे। ल मण वै णव धम का अनुयायी था। सेन शासक ने अपनी राजधानी नािदया और
लखनौती म थािपत क थी। सेन शासक ने गया तक क े को जीत िलया था, िजसम गहड़वाल शासक
गोिवंदपाल से संघष करना पड़ा था।
िजस समय िबहार-बंगाल े म ल मण सेन का शासन था, उसी समय तुक मुह मद गोरी का सेनापित
ब तयार िखलजी का सै य अिभयान पूव भारत म िबहार-बंगाल तक चल रहा था। इसम ब यतार िखलजी ने
ल मण सेन को परािजत कर इस े को तुक क अधीन ला िदया था।
िबहार पर तुक आ मण
11व सदी क ारभ म भारत पर गजनी वंश क शासक महमूद गजनी क नेतृ व म तुक आ मण आ। तुक
आ मण क जानकारी िफरदौसी क रचना ‘शाहनामा’ से िमलती ह। ‘शाहनामा’ फारसी सािह य क थम सबसे
िस रचना ह। यािमनी वंश का महमूद गजनी, जो सुबु गीन का पु था, उसने ‘गाजी’ क उपािध धारण क ।
महमूद गजनी ने सव थम 1001 ई. म उ ांडपुर क िहदूशाही वंश क शासक जयपाल पर आ मण िकया था।
उसक बाद 1011-12 ई. म थाने र क च वामी मंिदर पर एवं 1021-22 ई. म पंजाब पर आ मण िकया।
पंजाब पर आ मण का मूल उ े य सैिनक क क थापना करना था। 1025-26 ई. म गुजरात क सोमनाथ
मंिदर पर आ मण िकया। गजनी का अंितम आ मण 1027 ई. म जाट शासक क िखलाफ था। गजनी क
आ मण का मु य उ े य धन लूटना था। इसिलए भारत एवं िबहार क राजनीितक इितहास पर इस आ मण का
िवशेष भाव नह पड़ा।
12व सदी क उ राध म भारत पर मुह मद गोरी का आ मण शु आ, िजसे तुक आ मण का तीय चरण
भी कहते ह। मुह मद गोरी का मूल नाम मोइजु ीन मुह मद िबन शाम था। इसने 1175 ई. से 1194 ई. तक भारत
पर कई बार आ मण िकया। इसक आ मण का मु य उ े य राजनीितक स ा क थापना करना था और इस
उ े य म वह पूरी तरह सफल रहा। इसक आ मण से पूव भारत म िबहार और बंगाल तक का े भािवत
आ। इसक सफल होने का कारण राजनीितक एकता का अभाव था। भारत क तरह ही इसक आ मण क समय
िबहार पर भी िवक ीकत श याँ भावी थ । िबहार भी संगिठत राजनीितक इकाई नह था। इस समय उ री िबहार
क अिधकांश िह स पर कणाट वंश का शासन था, जबिक अ य भाग म छोट-छोट रा य थािपत थे। इस समय
बंगाल क सेन वंश क शासक ने िबहार पर आ मण कर इसक थित अ यिधक दयनीय बना दी थी।
ब तयार िखलजी ने सबसे पहले िबहार म 1198 ई. म ओदंतपुरी (िबहारशरीफ) को जीता एवं वहाँ
थािपत िश ण सं थान नालंदा िव िव ालय को जलाकर न कर िदया।
भारत म मुह मद गोरी क तीन सेनापित िवजय अिभयान चला रह थे, िजसम एक सेनापित इ तयार-अल-दीन
मुह मद िबन ब तयार िखलजी पूव भारत म िबहार-बंगाल तक अपना अिभयान चला रहा था। ब तयार िखलजी
को गाजी इ तयार क नाम से भी जाना जाता ह। अतः िबहार म तुक स ा क थापना का ेय ब तयार िखलजी
को जाता ह। िजस समय ब तयार िखलजी ने िबहार-बंगाल े पर आ मण िकया, उस समय सेन वंश का
शासक ल मण सेन और पाल वंश का शासक इ ु न पाल ने उसका िवरोध िकया था। ब तयार िखलजी ने
सबसे पहले िबहार म 1198 ई. म ओदंतपुरी (िबहारशरीफ) को जीता एवं वहाँ थािपत िश ण सं थान नालंदा
िव िव ालय को जलाकर न कर िदया। इसक बाद 1203-04 ई. म ल मण सेन क राजधानी नािदया पर
आ मण िकया और उसे परािजत िकया। ब तयार िखलजी ने िबहार और बंगाल क े को जीतकर एक ांत क
प म संगिठत िकया तथा लखनौती को राजधानी क प म थािपत िकया। ब तयार िखलजी क ह या
अलीमदान िखलजी ारा 1206 ई. म कर दी गई। ब तयार िखलजी क बाद इस े म मुह मद गोरी का अ य
सेनापित कतुबु ीन ऐबक का शासन थािपत रहा।
1206 ई. म मुह मद गोरी क मृ यु होने क बाद कतुबु ीन ऐबक ने िद ी म वतं तुक स ा क थापना
बाद अफगान श का पुनः उ थान होने लगा। य िप 1532 ई. म दौरा क यु म मायूँ ने अफगान को
परािजत कर िदया और नूहािनय का पतन सुिन त कर िदया। नूहािनय क पतन क बाद अफगान श का
पुन थान शेरशाह क नेतृ व म आ।
सूर वंश
नूहािनय क पतन क बाद शेरशाह सूरी क नेतृ व म अफगान श का पुन थान आ। शेरशाह का मूल नाम
फरीद खान था। वह इ ािहम खान सूर का पौ एवं हसन खान सूर का पु था। इसका ज म िद ी क िनकट
पंजवाड़ा म 1486 ई. म आ था। दादा इ ािहम खान एवं िपता हसन खान पंजाब छोड़कर िबहार क सूबेदार
जमाल खान क सेवा म चले आए। जमाल खान ने हसन खान क सेवा-भ से स होकर उसे सासाराम,
वासपुर व टांडा परगने क जागीर स प दी। फरीद का बचपन सोन नदी क िकनार सासाराम म यतीत आ। फरीद
का बा यकाल सुखमय नह रहा। अपने िपता एवं अपनी सौतेली माँ क उपे ा क कारण वह जौनपुर चला गया।
15व सदी म जौनपुर इ लाम धम और सं कित का मुख क था। उसे ‘भारत का िसराज’ कहा जाता था। फरीद
ने बड़ीलगन क साथ अरबी और फारसी भाषा क अ छी जानकारी ा कर ली। जमाल खान उसक गुण से
भािवत होकर िपता हसन खान से समझौता कराने म सफल आ। हसन खान ने अपने पु फरीद खान को
सासाराम क जागीर 1497 ई. म स प दी। फरीद खान ऌने 1497 से 1518 ई. तक सासाराम क जागीर को बड़ी
यो यता क साथ सँभाला तथा शासन यव था को सु यव थत करने म सफल रहा। उसने िव ोही जम दार को
परािजत कर लोग को सुख-सुिवधाएँ दान करने का हर सभंव यास िकया। पुनः िपता हसन खान और सौतेली माँ
से मतभेद होने पर फरीद सासाराम से आगरा चला गया।
1520 ई. म हसन खान क मृ यु क प ा इ ािहम लोदी ने हसन खान क जागीर को वापस फरीद खान को
लौटा िदया। फरीद पुनः सासाराम लौट आया। उसक लौटते ही सासाराम क जागीर क बँटवार क िलए उसक
सौतेले भाइय क बीच संघष िछड़ गया, िजससे तंग आकर 1522 ई. म पुनः फरीद ने सासाराम छोड़कर दि ण
िबहार क शासक बहार खान क यहाँ शरण ली। एक बार वह अपने वामी बहार खान क साथ िशकार खेलने
जंगल गया था, जहाँ उसने एक ही वार म शेर को मार डाला। फरीद खान क वीरता देखकर बहार खान ने उसे
‘शेर खान’ क उपािध दान क । शेर खान क बढ़ते भाव को देखकर अफगान सरदार ने बहार खान क मा यम
से दि ण िबहार तथा पैतृक जागीर से िनकाल िदया। इसक बाद शेर खान आगरा प चा और बाबर से मुलाकात
क । बाबर ने शेर खान से भािवत होकर उसे अपनी सेना म नौकरी दान क । शेर खान क ईमानदारी को देखकर
बाबर ने उसक पैतृक जागीर सासाराम को वापस कर िदया। 1528 ई. म वह सासाराम चला आया और वहाँ बहार
खान क पु जलाल खान का िश क एवं संर क बना। बहार खान क मृ यु क प ा जलाल क माँ दुदु बीबी
उसक संरि का बनी। उसने शेर खान को अपना नायब िनयु िकया। नायब क प म शेर खान ने सेना म या
दोष को दूर िकया तथा शासन को सु ढ बनाने म मह वपूण योगदान िदया। दुदु बीबी क मृ यु क बाद शेर खान
वा तिवक प से िबहार का शासक बना।
शेर खान क भाव को देखते ए लोहानी सरदार ने जलाल खान को सेना सँभालने क िलए उकसाया। जलाल
खान ने बंगाल क सूबेदार नुसरत शाह से सहायता माँगी। नुसरत शाह जलाल क सहायता क िलए िबहार प चा,
लेिकन उसे शेर खान क हाथ परािजत होना पड़ा। इस िव ोह क बाद जलाल खान तथा लोहानी सरदार सभी नुसरत
शाह क साथ बंगाल थान कर गए। इस कार शेर खान वा तिवक प से िबहार का शासक बन गया। उसने
‘हजरत-ए-आला’ क पदवी धारण क ।
1530 ई. म शेर खान ने चुनार क पूव सूबेदार ताज खान क िवधवा लाड़ म का से िववाह िकया, िजसक
कारण उसक आिथक एवं सै य श काफ बढ़ गई। शेर खान ने चुनार क र ा क िलए अपने पु कतुब खान
को तैनात िकया। बाबर क मृ यु क प ा 1530 ई. म मायूँ िद ी का शासक बना। उसने चुनारगढ़ पर
आ मण क िलए एक िवशाल सेना भेजी। शेर खान ने राजनीितक दूरदिशता का प रचय देते ए अपने पु कतुब
खान को आ मसमपण करने को कहा। कतुब खान क आ मसमपण क प ा मायूँ ने आसान शत पर शेर खान
से संिध कर ली और वापस चला गया। इस कार शेर खान चुनारगढ़ को बचाने म सफल आ।
बंगाल क नए शासक महमूद शाह और जलाल खान ने एक बार पुनः शेर खान पर आ मण करने क योजना
बनाई। शेर खान और महमूद शाह क सेना क साथ सूरजगढ़ म 1534 ई. म भीषण यु आ, िजसम शेर खान
िवजयी आ। इस िवजय अिभयान क बाद शेर खान ने भली-भाँित यह समझ िलया िक भारत म अफगान शासन
पुन थािपत हो सकता ह। अतः उसने िविभ थान पर अफगान िसपािहय क भत करना ारभ कर िदया।
शेर खान पीछा करता आ चौसा प चा और अचानक मायूँ क सेना पर टट पड़ा। मायूँ और उसक
सेना घबराकर इधर-उधर भागने लगी। मायूँ अपनी जान बचाने क उ े य से गंगा नदी म कद पड़ा।
िनजाम नामक एक िभ ती ने मायूँ क जान बचाई।
बंगाल क शासक महमूद शाह ने अपनी पराजय का बदला लेने क उ े य से िचनसुरा क पुतगािलय से
िमलकर शेर खान पर आ मण कर िदया, लेिकन वह दो यु तेिलयागढ़ी और सीकरी गली म परािजत आ।
महमूद शाह ने मायूँ से सहायता माँगी। मायूँ उस समय गुजरात क बहादुर शाह क साथ संघष कर रहा था। उसने
महमूद शाह क आ ह पर बंगाल क ओर थान िकया तथा चुनार को छह महीने तक घेर रहा। इस अविध म शेर
खान ने बंगाल सिहत रोहतासगढ़ पर भी िवजय ा कर ली।
मायूँ क साथ संघष
शेर खान क बढ़ती श को देखकर मायूँ ने बंगाल पर आ मण करने का िन य िकया। आ मण क
आशंका को देखते ए शेर खान अपना खजाना गौड़ से रोहतासगढ़ ले गया। उसने मायूँ को बंगाल म िबना िकसी
िवरोध क वेश करने िदया और वह िबहार लौट आया। मायूँ ने गौड़ पर िवजय ा क तथा लगभग 8 महीने
तक गौड़ म ही पड़ा रहा। इस बीच शेर खान ने जौनपुर, बनारस, क ौज आिद थान को अपने अिधकार म कर
िलया।
चौसा का यु (26 जून, 1539)
गौड़ िवजय क बाद लगभग आठ महीने मायूँ क सेना गौड़ म ही रही। गौड़ से आगरा थान क दौरान ब सर
क पास चौसा म छावनी डाली। शेर खान पीछा करता आ चौसा प चा और अचानक मायूँ क सेना पर टट
पड़ा। मायूँ और उसक सेना घबराकर इधर-उधर भागने लगी। मायूँ अपनी जान बचाने क उ े य से गंगा नदी
म कद पड़ा। िनजाम नामक एक िभ ती ने मायूँ क जान बचाई। चौसा िवजय क बाद जहाँ एक ओर शेर खान
उ सािहत आ, वह दूसरी ओर मुगल सेना क श और ित ा पर ितकल असर पड़ा।
क ौज का यु (17 मई, 1540)
चौसा यु म पराजय क बाद मायूँ िकसी कार अपनी जान बचाकर आगरा प चा। उसने शेर खान पर पुनः
आ मण करने क योजना बनाई तथा साहस क साथ शेर खान क िव यु क िलए क ौज चल पड़ा। मायूँ
िदया और सौभा य मेरा िम रहा तो एक िदन म मुगल को िहदु तान से खदेड़ दूँगा।’
शेरशाह का शासन
शेरशाह म यकाल क महा शासन बंधक म से एक था। शासन का पहला अनुभव उसे िपता क जागीर देखते
ए ा आ था। इसक बाद उसने जलाल खान क संर क क प म और मुगल क संपक म आकर भी
शासन का अनुभव ा िकया। वह ितिदन सोलह घंट काम करता था और सै य संगठन, सै य भत , याय और
लगान जैसे सभी काय वयं सँभालता था। शासन बंधन और सैिनक ित ा क ि से शेरशाह अफगान म
े और अकबर से भी अिधक रचना मक बु वाला और रा िनमाता था। शेरशाह को अकबर का अ दूत
कहा जाता ह। शेरशाह शासन सुधार क िलए म यकालीन इितहास म सबसे िस शासक था। इितहासकार का
मानना ह िक अगर शेरशाह क आक मक मृ यु न ई होती तो मुगल का पुन थान भारत म नह होता। शेरशाह
क अनुसार रा य का कत य मा पुिलस शासन ही नह अिपतु लोक-क याण भी ह। उसने अलाउ ीन िखलजी
क आधार पर सैिनक सुधार, मुह मद िबन तुगलक क आधार पर लगान एवं मालगुजारी क यव था, िफरोजशाह
तुगलक क आधार पर सावजिनक काय, क मीर क सु तान जैनुलआबदीन क आधार पर धािमक नीित लागू िकया।
शेरशाह ने शासन को क ीय एवं ांतीय यव था क प म लागू िकया।
शेरशाह को अकबर का अ दूत कहा जाता ह। शेरशाह शासन सुधार क िलए म यकालीन इितहास म
सबसे िस शासक था।
क ीय शासन
क क सारी श शेरशाह क हाथ म थी, लेिकन उसने इस श का योग जािहत क काय म िकया।
उसने क ीय शासन क सभी िवभाग का संगठन िकया। शेरशाह का राज व िस ांत तुक और अफगान का
िमला-जुला व प था। उसक शासन म भी मं ी तथा उ ािधकारी थे, लेिकन मुगल क िवपरीत मंि य को
उसने ब त अिधक अिधकार नह िदया था। वे वयं िनणय न लेकर िसफ आ ा का पालन करते थे। शासन
यव था क िलए स तनत काल क अनु प ही उसने अनेक िवभाग का िनमाण िकया, जो िन न ह—
दीवान-ए-वजारत—यह लगान एवं अथ यव था से संबंिधत िवभाग था, िजसका धान वजीर कहलाता था।
उसका काम िव मं ी और धानमं ी का था तथा वह दूसर मंि य पर िनगरानी भी रखता था। आय- यय का
लेखा-जोखा दीवान-ए-वजारत क अधीन था।
दीवान-ए-आ रज—यह सै य यव था का धान होता था। फौज क भत , बंधन तथा सेना क अनुशासन क
िलए उ रदायी था।
दीवान-ए-रसालत—इस िवभाग को दीवान-ए-मोहतिसब भी कहा जाता था। इसक अधीन िवदेश मं ालय होता
था, जो िवदेशी मामल क देख-रख करता था।
दीवान-ए-इशा—यह राजक य आदेश एवं प ाचार िवभाग था। सूबेदार तथा दूसर थानीय अिधका रय क
साथ प - यवहार भी इसी िवभाग ारा होता था।
दीवान-ए-काजी—यह यायालय िवभाग था, िजसका मुख काजी कहलाता था। यह िवभाग सूबेदार क
िव अपील भी सुनता था।
दीवान-ए-बरीद—यह खुिफया िवभाग था, िजसक अंतगत गु चर होते थे। ये गु चर सभी कार क सूचनाएँ
राजा तक प चाते थे। डाक का बंध भी इसी िवभाग क अधीन था।
म ितपूित का ावधान था। शेरशाह िकसान को भूिम िवकास या भूिम को उवर बनाने क िलए आसान िक त पर
ऋण भी देता था। ाकितक कोप क कारण फसल क न होने पर शेरशाह ने लगान माफ कर िदया था। लगान
क अलावा उसने ‘जरीबाना’ (सव ण शु क) और ‘मुहािसलाना’ (कर सं ह शु क) भी लगाया था। शेरशाह क
लगान यव था बाद म अकबर क ‘दहसाला’ और अं ेज क ‘रयतबाड़ी’ यव था का आधार बनी। कानूनगो ने
कहा ह िक यिद शेरशाह 10 या 20 वष तक और जीिवत रहता तो वह जम दारी था को पूणतः समा कर देता।
म यकाल म िफरोजशाह तुगलक क बाद शेरशाह ने िकसान क िहत का अिधक यान रखा। उसने सेना
को िकसान क खड़ी फसल बरबाद न करने या तंग न करने का आदेश िदया। िकसान क फसल
बरबादी क थित म ितपूित का ावधान था।
याय और गु चर यव था
शेरशाह वयं सबसे बड़ा यायाधीश था। वह येक बुधवार क शाम को याय क िलए दरबार म बैठता था।
लगान संबंधी मुकदम का िनणय परगन म मुंिसफ और सरकार (िजला) म मुंिसफ-ए-मुंिसफान करता था।
सैिनक मामले संबंधी मुकदम क सुनवाई काजी क ारा क जाती थी, जबिक फौजदारी मामल क सुनवाई
िशकदार-ए-िशकदाराँ ारा क जाती। फौजदारी कानून कठोर था और सभी पर समान प से लागू होता था।
सभी कार क दंड िदए जाते थे, जैसे—कद, कोड़ा से पीटना, अंग भंग करना, जुमाना इ यािद। शेरशाह
यायि य शासक था तथा उसका कहना था िक ‘ याय करना धािमक काम म सव े ह।’
शेरशाह का गु चर एवं सूचना िवभाग अ यंत उ त था। मुख नगर , बाजार और सराय म ‘हरकारा’ िनयु
िकया गया था। येक समय दो घोड़ गु चर काय क उ े य से रखे जाते थे। शेरशाह अपने गु चर और
संदेशवाहक क सहायता से राजक य शासन पर िनयं ण रखता था। ‘दारोगा-ए-डाक चौक ’ डाक एवं गु चर
िवभाग का मुख अिधकारी था।
मु ा यव था
शेरशाह ने मु ा यव था णाली म अनेक सुधार िकए। उसने पुराने िघसे ए िस का चलन बंद कर िदया
और मु य प से चाँदी का ‘ पया’ (178 ेन) एवं ताँबे का ‘दाम’ (380 ेन) जारी िकया। सभी िस म
अ छी धातु का योग िकया गया। िस पर शेरशाह क टकसाल का नाम अरबी-फारसी एवं देवनागरी िलिप म
िलखा गया था। इसक समय म 23 टकसाल थ । शेरशाह थम शासक था, िजसने शु चाँदी का पया चलाया।
इसक चाँदी क पए 1835 ई. तक चलन म रह। चाँदी का एक पया 64 ताँबे क दाम क बराबर होता था।
शेरशाह ारा जारी सोने क िस का नाम अशफ था, िजसम 167 ेन सोना होता था। िस चौकोर और
गोलाकार होते थे। सु ी होने क नाते उसने अपने िस म इ लाम क पहले चार खलीफा क नाम अंिकत
कराए।
यापार एवं यवसाय
शेरशाह ने यापार एवं यवसाय को िवकिसत करने क िलए अनेक काय िकए। उसने अपने अिधका रय को
यापा रय क साथ उिचत यवहार करने का आदेश िदया। अनेक आबकारी कर को समा कर िदया गया। उसने
कवल दो थान पर आबकारी कर लगाने का आदेश िदया। थम पूव बंगाल क सुनार गाँव क सीमा पर अथवा
पंजाब म रोहतासगढ़ क सीमा पर अथवा अ य सीमांत देश क िन त सीमा पर, जहाँ िब क व तुएँ
पहले आकर उतरती थ तथा दूसरा उन थान पर लगाए जहाँ िब क व तुएँ िबकती थ । त कर यापार पर कड़ी
िनगरानी रखी जाती थी। व तु का बाजार म मू य एक समान बनाए रखने का यास िकया जाता था।
शेरशाह क िनमाण काय
थाप य क े म शेरशाह ने अनेक मह वपूण काय िकए। उसने सासाराम म रोहतासगढ़ िकले का िनमाण
करवाया। मायूँ ारा िनिमत दीनपनाह नगर को तोड़कर िद ी म पुराना िकला का िनमाण करवाया, िजसक
अंदर 1542 ई. म िकला-ए-कहना म जद का िनमाण करवाया। यह म जद भारतीय और इ लामी कला का
िमला-जुला उदाहरण ह। शेरशाह ने 1541 ई. म पाटिलपु को पटना क नाम से पुनः थािपत िकया। शेरशाह का
सव े िनमाण काय सासाराम म बनवाया गया शेरशाह का मकबरा ह, जो एक झील क बीच म िनिमत ह।
कानूनगो ने इस िवषय म िलखा ह िक ‘यह बाहर से मु लम और अंदर से िहदू थाप य कला का उदाहरण ह।’
किनंघम ने इस मकबर को ताजमहल से भी सुंदर कहा ह। उसने क ौज शहर को व त कर उसे नया प िदया।
शेरशाह का सव े िनमाण काय सासाराम म बनवाया गया शेरशाह का मकबरा ह, जो एक झील क
बीच म िनिमत ह। कानूनगो ने इस िवषय म िलखा ह िक ‘यह बाहर से मु लम और अंदर से िहदू
थाप य कला का उदाहरण ह।’
जन-क याण काय
शेरशाह क जन-क याणकारी काय म सड़क क िनमाण, सराय, कएँ, सड़क क िकनार छायादार वृ , डाक
यव था आिद मुख ह। उसने अपने सा ा य म चार बड़ी सड़क का िनमाण करवाया। सबसे बड़ी और मुख
सड़क पूव म सोनार गाँव (बंगाल) से प म म अटक (िसंध) तक जानेवाली सड़क-ए-आजम ( ड क रोड)
का िनमाण कराया। इसे वतमान म शेरशाह सूरी पथ भी कहा जाता ह। दूसरी सड़क आगरा से बुरहानपुर तक,
तीसरी आगरा से जोधपुर-िचतौड़ तक तथा चौथी सड़क लाहौर से मु तान तक िनमाण करवाया। शेरशाह ने डाक
यव था को सु ढ बनाने क िलए घोड़ क यव था क ।
शेरशाह बड़ा उदार कित का य था। उसने अनेक धमाथ सं थाएँ थािपत क । िनधन को मु त भोजन देने
क यव था क । अनाथ शरणािथय क िलए आवास का बंध िकया। िनःशु क आवास और िनःशु क िश ा का
भी बंध िकया।
मुगलकालीन िबहार
भारत म मुगल राजवंश क थापना का ेय तैमूरलंग तथा चंगेज खान क वंशज जही ीन मुह मद बाबर को
जाता ह। यह 1526 ई. म पानीपत क थम यु म िद ी क शासक इ ाहीम लोदी को परािजत कर भारत क
बड़ भू-भाग का शासक बना। िबहार म सु तान मुह मद शाह नूहानी एवं फारमूली कबील क सरदार ने चुनौती
दी। अपने सैिनक अिभयान क दौरान बाबर ने अ ैल, 1529 म िबहार क ब सर नामक थान पर फारमूली सरदार
को आ मसमपण करने पर िववश िकया तथा मुश द इराक को बंगाल का दीवान िनयु िकया। 27 अ ैल, 1529
को उसने मुनेर सरदार को परािजत िकया। बाबर क सेना म शेरशाह ने भी काय िकया था। 30 िदसंबर, 1530 को
बाबर क मृ यु क प ा उसका पु मायूँ शासक बना। शेरशाह ने मायूँ क स ा को चुनौती दी तथा उसे चौसा
क िनकट 26 जून, 1539 को बुरी तरह परािजत िकया। कमनाशा नदी पार कर मायूँ ने िकसी तरह अपनी जान
बचाई। शेरशाह ने पुनः 1540 ई. म क ौज क यु म मायूँ को परािजत िकया। शेरशाह ारा थािपत सूर वंश
फ खिसयर क उ रािधकारी शुजाउ ीन एवं सरफराज खान ने 1740 ई. तक शासन िकया। िबहार े क
शासन को सुचा प से चलाने क िलए एक नायब नािजम क पद का सृजन िकया गया तथा पहला नािजम
अलीवद खान बना। 1740 ई. म अलीवद खान ने सरफराज खान क ह या कर वयं को बंगाल का नवाब
घोिषत िकया तथा 1756 ई. तक शासन िकया। उसने िबहार म सुचा प से शासन चलाने क िलए जैनु ीन
हबत को िबहार का नायब नािजम िनयु िकया। अलीवद खान को ारभ से ही मराठ एवं अफगान क आ मण
का सामना करना पड़ा। 1743 ई. म पुनः पूना क मराठा पेशवा बालाजी राव ने िबहार पर आ मण िकया तथा वह
मुंगेर होता आ भागलपुर प चा। अफगान ने 1748 ई. म मु तफा खान क नेतृ व म हबत जंग क ह या कर दी।
अलीवद खान ने उसे पटना क यु म परािजत िकया। 1751 ई. म अलीवद खान ने मराठ को फतुहा क समीप
यु म परािजत िकया, लेिकन उड़ीसा क अिधकांश े म मराठ का अिधकार बना रहा। अलीवद खान क
मृ यु क प ा िसराजुदौला 1756 ई. म उसका उ रािधकारी बना।
मुगलकालीन िबहार क शासन यव था
मुगलकाल म िबहार क शासन यव था अनेक तर पर िवभािजत थी। ारभ क वष म मु य प से 1526 से
1540 ई. तक शासन क पुराने ढाँचे को ही लागू रखा गया। बाबर ने 1529 ई. म घाघरा यु म िबहार क
अफगान को परािजत िकया था। उसने कई बार िबहार का दौरा िकया, लेिकन यहाँ क शासिनक ढाँचे म कोई
प रवतन नह िकया। 1540 ई. म शेरशाह ने िबहार पर अपना अिधकार थािपत िकया और यहाँ एक नई
शासिनक यव था लागू क । उसने आधुिनक िबहार क उ री िह से को बंगाल से अलग पूण प दान िकया।
उसने अपने शासन को कई तर पर बाँटा, िजसका अनुसरण बाद म स ा अकबर ने भी िकया।
ब शी यु िवभाग का धान एवं फौजदार ांतीय सेना का सेनापित होता था। कोतवाल पुिलस िवभाग
का मुख होता था। मीरबहर का मु य काय बंदरगाह पर कर वसूलना, सीमा शु क वसूलना एवं
नौका पर लगे कर वसूलना था।
अकबर ने िबहार को सूबा या ांत क प म गिठत िकया और यह परपरा औरगजेब क शासन काल तक जारी
रही। ‘आईन-ए-अकबरी’ क अनुसार िबहार ांत (सूबा) सात सरकार (िजला) म बँटा आ था। ये सरकार थे—
ितर त, हाजीपुर, सारण, चंपारण, मुंगेर, िबहार तथा रोहतास। सरकार को 199 परगन म िवभािजत िकया गया था,
िजसम िमिथला मुख था। बेितया एवं हथुआ उ री िबहार क सरकार क अधीन थे। दि ण िबहार म मुंगेर, िबहार
तथा रोहतास मुख सरकार (िजला) थे। पटना एवं गया िबहार सरकार क अंतगत े थे। सरकार को जम दार क
अधीन रखा गया। औरगजेब क शासन काल म िबहार म सरकार क सं या 8 थी और परगन क सं या 245
थी। िबहार को मुगल ने काफ मह वपूण सूबे का दजा दान िकया था। यहाँ कतुबु ीन कोकल, सुलेमान
िशकोह, आजम, अजीमु शान, मानिसंह, सैफ खान, मीर जुमला एवं दाऊद खान को सूबेदार िनयु िकया गया
था। सूबेदार क सहायता क िलए दीवान को िनयु िकया गया था, जो सूबेदार को सूबे का शासन चलाने म
मदद करता था। दीवान का मु य काय राज व उगाही करना था। सदर धािमक िवभाग का धान होता था, जबिक
काजी यायाधीश होता था। ब शी यु िवभाग का धान एवं फौजदार ांतीय सेना का सेनापित होता था।
कोतवाल पुिलस िवभाग का मुख होता था। मीरबहर का मु य काय बंदरगाह पर कर वसूलना, सीमा शु क
वसूलना एवं नौका पर लगे कर वसूलना था। वकई नदी सूचना को जमा करनेवाला अिधकारी था।
सरकार (िजला) क तर पर शासन को सुचा प से संचािलत करने क िलए अनेक अिधकारी होते थे।
फौजदार सरकार का मुख शासिनक अिधकारी था एवं सूबेदार का मुख सहायक होता था। फौजदार को
राज व, पुिलस एवं सैिनक अिधकार ा थे। इसक तुलना वतमान म िजला मिज ट से क जा सकती ह।
अमलागुजार राज व उगाही करनेवाला अिधकारी होता था। येक सरकार म कौदी या कादी होता था, जो
धमशा का ाता होता था। कौदी क सहायता क िलए मुिऌ तय क िनयु क जाती थी। वह फौजदारी
मुकदम क सुनवाई भी करता था। इसक सहायता क िलए मीर आिदल होते थे। कोतवाल शहरी अिधकारी क प
म नगर म शांित यव था बनाए रखने का काय करता था।
येक सरकार क अंतगत अनेक परगने होते थे। अकबर क समय िबहार म परगन क सं या लगभग 200 तथा
औरगजेब क समय लगभग 246 थी। शासन क सबसे छोटी इकाई परगना था। परगने म िशकदार मुख
शासिनक अिधकारी होता था। राज व से संबंिधत शासन का दािय व आिमल क ऊपर होता था। कारकन का
काय परगने का लेखा-जोखा तैयार करना एवं राज व को सरकारी खजाने तक प चाना था। फोतदार थानीय रा य
कोष का अिधकारी था। चौधरी राज व वसूल करनेवाला अिधकारी था, जबिक कानूनगो राज व संबंधी द तावेज
को सुरि त रखता था।
शेरशाह ारा थािपत िन प एवं यायि य शासन यव था को मुगल शासक ने जारी रखा। वायसराय दाऊद
खान क एक अिधकारी जफर खान ारा कई थान , जैसे—खाजेकलाँ, सदरगली, भागलपुर, राजमहल आिद
थान , पर इस तरह क यायालय थािपत िकए गए।
मुगलकालीन िबहार सूबे का थानीय शासन काफ सु ढ था। परगन क नीचे कई गाँव आते थे। इन गाँव क
शासन म मुगल स ा क ारा कोई ह त ेप नह िकया जाता था। मुिखया गाँव का धान अिधकारी था। ामीण
तर पर सभी कार क िववाद का िनपटारा गाँव का मुिखया ही करता था। पंचायत यायालय का काय करती थी।
िबहार सूबे क आय मु यतः भूिम, राज व, यापार, टकसाल, तोहफ, एकािधकार, नमक, खान, जिजया,
जकात, ख स आिद से होती थी। इसक अित र बाजार कर से भी राज व क ा होती थी। भूिम को खालसा,
जागीर एवं सयुरगल म बाँटा गया था। उ ह राय या राजा क हाथ म बने रहने िदया गया। भूिम राज व क वसूली
िशकदार करता था। उसक मदद क िलए नवीिसंदा एवं मुक म होते थे। अकबर क शासन काल म टोडरमल ने
िबहार क भूिम क नाप क और भूिम राज व लगभग 25 लाख पए तय िकया। यापा रय पर लगाए जानेवाले
कर म मु य कर वुजुहत, जीहत, सैरजीहत आिद थे। फ आत जम दार ारा वसूला गया कर था। इसक
अित र इखराजात, अबाब, बुबात आिद मुख कर थे। वे यालय से भी कर वसूले जाते थे।
सैिनक शासन क ि से िबहार ांत म िवशेष यान िदया गया। सेना म पहलवान क थित मह वपूण थी।
इसम उ री िबहार क महशी और क ीय िबहार क ब सर क लोग मुख थे। सेना तीन कार क होती थी। थम
उ ािधका रय ारा गिठत सेना थी। उ ह मनसब क आधार पर बाँटा गया था। दूसरी ांतीय सेना थी, िजसम
जम दार क मुख भूिमका थी। सूबेदार को आव यकता पड़ने पर ांतीय सेना सहायता करती थी। सेना का तीसरा
तर थानीय तर पर गिठत घुड़सवार सैिनक था।
इस कार कहा जा सकता ह िक मुगल शासक ने िबहार सूबे म एक सु यव थत शासन णाली क थापना
क । उ ह ने अपने ांतीय अिधका रय को िनदश िदया िक िबना िकसी भेदभाव क वे जनता का क याण कर। िविध
यव था बनाए रखना और लोग क साथ याय करना उनक शासन क मु य िवशेषता थी। दीवानी एवं फौजदारी
मामल म अपरािधय को कठोर दंड देने क यव था थी।
म यकालीन िबहार क सामािजक थित
म यकाल म िबहार कई धािमक सं दाय और जाितय म िवभािजत था। िहदू समाज मु य प से चार वण एवं
अनेक जाितय , यथा— ा ण, ि य, वै य तथा शू म बँटा आ था। ा ण को सव थान ा था।
इसक बाद समाज म ि य का थान था। वै य पूव क भाँित आिथक एवं यापा रक गितिविधय म संल न थे।
शू क थित म कोई िवशेष प रवतन नह आ था। वे पहले क ही तरह किष उ पादन एवं शारी रक म से
जुड़ ए थे।
गया का िव णुपद मंिदर वै णव सं दाय का मह वपूण धािमक थल ह। कहा जाता ह िक चैत य को
गया म वै णव संत ई रपुरी क ारा वै णव धम म दीि त िकया गया।
म यकालीन िबहार म िवशेष प से ा, िव णु और महश ि मूित क प म पूजे जाते थे। िमिथला म श
क पूजा िवशेष प से क जाती थी। यहाँ क बड़ संत एवं उपासक म देवािद य मंडन िम , गंगेश उपा याय एवं
अ य तांि क क चचा िमलती ह। वै णव धम का िबहार क लोग क ऊपर लंबे समय से भाव रहा ह। गया का
िव णुपद मंिदर वै णव सं दाय का मह वपूण धािमक थल ह। कहा जाता ह िक चैत य को गया म वै णव संत
ई रपुरी क ारा वै णव धम म दीि त िकया गया। चैत य देव क वै णव अनुयायी बड़ी सं या म िबहार क थे।
उनक मुख िश य रघुपित उपा याय का ज म ितर त म आ था। चैत य क अ य िश य िव णुपुरी मैिथल ा ण
थे।
िबहार म शैव धम भी ब त लोकि य रहा ह। यहाँ शैव धम से संबंिधत मु य धािमक क वै नाथ धाम, वैकटपुर
(पटना), बोधगया मठ (गया), बािजदपुर (सम तीपुर) आिद ह। उ र िबहार म शैव धम क अनुयायी सवािधक
सं या म थे। सोनपुर का ह रहरनाथ मंिदर िव णु और िशव क संयु पूजा का िवशाल नमूना ह।
11व सदी म िबहार म मुगल मुसलमान क आगमन से यहाँ क सामािजक संरचना म अनेक प रवतन ए।
ारभ म िहदु ने इ लाम का भरपूर िवरोध िकया, लेिकन यह िवरोध धीर-धीर समझौते म बदल गया और अनेक
तर पर दोन धम का आदान- दान आ। फारसी और अरबी श द का योग यहाँ क लोग ने यायालय म
करना शु िकया। यह वृि 18व सदी तक बनी रही। िहदू और मुसलमान संत ने समान प से राम और क ण
क शंसा म भ पूण गीत गाए। म यकाल म िबहार सूफ संत का मह वपूण क रहा। सूिफय क दशन और
शंकराचाय क दशन म काफ समानता पाई गई।
म यकाल म िमिथला क सामािजक संरचना म कलीनवाद का उ व एक मह वपूण घटना थी। इसने समाज
को गितशील ि कोण दान करने क बजाय िढ़वादी एवं कठोर ि कोण दान िकया। िमिथला क समाज
को कलीनवाद क तज पर पुनगिठत करने का ेय वहाँ क राजा ह रिसंहदेव को िदया जाता ह, जो िमिथला क
कणाट वंश क अंितम शासक थे। िमिथला म बड़ पैमाने पर वंशावली तैयार कराई गई और पंजी यव था को
सं थागत प िदया गया। पंजी बंध क तहत र क पिव ता िववाह का आधार बनी और समाज म अपनी भुता
को बनाए रखने का साधन बनी। समाज एकजुट होने क बजाय कई वग म खंिडत हो गया। ा ण और ि य
म भी कई गो का ज म आ। योितरी र ने ‘वण र नाकर’ म राजपूत जाितय क एक सूची दान क , िजसम
परमार, चौहान, कछवाहा, चंदेल, गहलौल, गांदभ आिद जाितयाँ मुख ह। मिलक मुह मद जायसी ने भी 36
राजपूत जाितय क िवषय क जानकारी ली। िन न जाित क लोग ने भी राजनीितक स ा हािसल कर अपने को
ि य घोिषत िकया। एक बार शासक बन जाने क बाद इन लोग ने अपनी वंशाविलयाँ तैयार करवाकर और अपने
को चं और सूय से जोड़ा।
सती था का चलन समाज क ऊची जाितय म ही था। इस प ित को अकबर क समय म कानून
सुहरावद , िफरदौसी, न शबंदी आिद मुख थे। िबहार म सबसे अिधक िच ती और सुहरावद सं दाय क सूफ
संत ने सम वत सं कित क िवकास म अपना योगदान िदया। इन सं दाय म सबसे अिधक लोकि य सं दाय
िफरदौसी रहा ह।
सूफ संत ने जीवन क यावहा रकता पर जोर िदया और सरलता एवं सादगी को मानव जीवन का सबसे महा
आभूषण बताया। उ ह ने िहदू धम क शंसा क और कहा िक भारत म इ लाम और िहदू धम क सम वय क
आधार पर ही स यक समाज क थापना क जा सकती ह। एक रवाद म उनक आ था थी और ई र को वे
अपने ेमी क प म देखते थे। घृणा एवं नफरत क थान पर उ ह ने आपस म ा एवं स मान को थािपत
करने पर बल िदया।
िबहार म िफरदौसी सं दाय क संत म सबसे मुख थान मखदूम शफ ीन यािहया मनेरी को ा ह। इनका
ज म 1263 ई. म आ था। इनक िपता का नाम मखदूम यािहया मनेरी था। आज भी इनक दरगाह मनेर म बड़ी
दरगाह क नाम से मौजूद ह। उ ह ने दुिनया क लोग क स ा को वीकार करने क बजाय ई र क स ा को
वीकार करने और उससे ेम करने पर बल िदया। इनक मृ यु
1381 ई. म ई। िबहार म िफरदौिसय ने िहदू-मु लम एकता पर बल िदया। उ ह ने धािमक प रवतन का समथन
नह िकया। िफर भी उनक िवचार से भािवत होकर िहदु ने इ लाम धम को वीकार िकया।
िबहार म िफरदौसी सं दाय क संत म सबसे मुख थान मखदूम शफ ीन यािहया मनेरी को ा ह।
इनका ज म 1263 ई. म आ था। इनक िपता का नाम मखदूम यािहया मनेरी था। आज भी इनक
दरगाह मनेर म बड़ी दरगाह क नाम से मौजूद ह।
मखदूम शफ ीन क िपता मखदूम यािहया मनेरी का मकबरा बारी दरगाह क नाम से जाना जाता ह। िफरदौसी
िसलिसले क अ य मुख संत अहमद िचरमपोश क दरगाह िबहारशरीफ क नजदीक अंबई म थत ह। वे
अ या मक गु शेख अलाउ ीन िचरमपोश (भागलपुर) क िश य थे।
िबहार क मुख सुहरावद िसलिसले क दो मुख उपशाखाएँ थ — थम िफरदौिसया एवं तीय स ा रया
िसलिसला। स ा रया सं दाय क शु आत अ दु ाह स ार ने िबहार म क । िबहार ांत म कादरी एवं न शबंदी
सं दाय का भी बड़ पैमाने पर चार- सार आ। सूफ िसलिसले का काद रया सं दाय िबहार म अपे ाकत बाद म
आया। अली शेर इस सं दाय क िबहार म पहले संत थे। उ ह औरगाबाद क कटबा म दफनाया गया था। कादरी
िसलिसले क सबसे िति त एवं भावी संत मखदूमशाह मुह मद मु ाम थे। उनका ज म िबहारशरीफ क िनकट
पचना गाँव म आ था। उ ह ने पटना िसटी क िमतन घाट मुह े म मीर तक म जद का िनमाण कराया।
न शबंदी सं दाय क मुख सूफ संत साहकाले का मकबरा पटना क प म दरवाजे म थत ह। औरगजेब
न शबंदी सं दाय क मुख संत िबहारशरीफ िनवासी मु ा मोहन का िश य था। िच ती सं दाय क मुख संत
शेख फतह एवं शेख बरहान िफरोजशाह तुगलक क शासन काल म िबहार आए।
इस कार िबहार म िविभ िसलिसले क सूफ संत ने धािमक सिह णुता, सामािजक स ाव, जनसेवा और
शांितपूण सह-अ त व का उपदेश िदया। धमाधता, भेदभाव, ऊच-नीच, घृणा आिद क उ ह ने िनंदा क ।
म यकालीन िबहार म िश ा
म यकालीन िबहार म परपरागत ढग से िश ा दान क जाती थी। टोला, पाठशाला एवं मंिदर म िहदु क
िश ा क आ करते थे। िश क अपने घर पर भी छा को पढ़ाते थे। िश क क ारा याकरण, धमशा ,
िबहारशरीफ क ही हजरत मुह मद िसब तानी का मकबरा, मिलक बयाँ का मकबरा तथा पटना म थत सांगी
म जद मुख ह। िबहार म 15व शता दी म वा तुकला क े म बंगाल शैली का भाव रहा। शक शासन क
अंतगत बंगाल शैली का िवकास अिधक आ। इस शैली क मुख इमारत मुंगेर थत शाह नफ का मकबरा ह।
सूर शैली या अफगान शैली का सव े नमूना सासाराम थत शेरशाह का मकबरा ह। 1545 ई. म िनिमत यह
मकबरा अ कोणीय मकबर क ंखला म अंितम माना जाता ह। यह मकबरा िहदू और मु लम थाप य क
स म ण का एक महा तथा सुंदर नमूना ह। पस ाउन एवं किनंघम ने शेरशाह क मकबर क भू र-भू र शंसा
क ह। शेरशाह ारा िबहार क रोहतास म िकले का िनमाण करवाया गया था। यह िकला कमूर पवत ेणी पर
डहरी से 40 िकलोमीटर दि ण म थत ह। रोहतासगढ़ िकले क अंदर गणेश मंिदर, हाथी दरवाजा, हिगंग हाउस,
हिथया पोल, आईना महल, ह श खान का मकबरा, जामी म जद, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम आिद थत
ह।
पूव मुगल कला शैली क अंतगत अकबर एवं जहाँगीर क शासन म बनी िबहार क इमारत आती ह।
अकबरकालीन बने दो थाप य क नमूने रोहतासगढ़ क इवास खान क म जद एवं साक सु तान का मकबरा
मुख ह। जहाँगीर क काल म बनी इमारत म मनेर थत मकदूम शाह दौलत का मकबरा मुख ह, िजसे छोटी
दरगाह भी कहा जाता ह। इसका िनमाण 1617 ई. म लाल प थर से आ। इस काल क एक अ य मह वपूण
संरचना फलवारीशरीफ क सांगी म जद ह। उ र मुगल कला शैली क अंतगत भागलपुर क नजदीक चंपानगर
म अव थत मकदूम साहब का मकबरा मुख ह। इस शैली क अ य संरचना म हाजीपुर क जामी म जद,
भागलपुर क मीर सािहब का टोला म जद, पटना क शेरशाह म जद, पटना क मदरसा घाट क मदरसा
म जद, मुन ौला का मकबरा इ यािद मुख ह।
िद ी स तनत क शाही शैली का सुंदर नमूना 1353 ई. म िनिमत िबहारशरीफ क मिलक इ ािहम का
मकबरा ह। इस शैली क अ य इमारत म िबहारशरीफ क ही हजरत मुह मद िसब तानी का मकबरा,
मिलकबयाँ का मकबरा तथा पटना म थत सांगी म जद मुख ह।
म यकालीन िबहार म कला मक िहदू मंिदर क िनमाण भी अनेक थल पर िकए गए। पटना क समीप वैकठपुर
का िशवमंिदर, िजसक िलए राजा मानिसंह ने आिथक सहायता दान क थी, अपने अलंकत गभगृह, दीवार पर
बने लघुिच इ यािद क िलए िस ह। रोहतासगढ़ म ह र ं मंिदर का िनमाण राजा मानिसंह ने ही करवाया था।
इस काल का एक मुख मंिदर गणेश मंिदर भी ह।
यूरोपीय यापा रय क आगमन से यूरोपीय थाप य शैली का भाव भी िबहार पर पड़ा। हॉलड शैली से भािवत
पटना समाहरणालय एवं पटना कॉलेज क भवन ह। राजभवन, मु य सिचवालय, उ यायालय आिद क इमारत
पर यूरोपीय शैली का भाव प देखा जा सकता ह।
ितिथ मावली
पूव म यकाल
750-1175 ई.—पाल वंश का शासन काल।
750-770 ई.—पाल वंश क सं थापक, गोपाल का शासन काल, ओदंतपुरी िवहार क थापना।
770-810 ई.—धमपाल का शासन काल, िव मिशला िवहार क थापना।
4. आधुिनक काल
(Modern Period)
यूरोपीय कपिनय का आगमन
अं ेजी शासन क थापना
अं ेजी शासन क िव जन आंदोलन
यूरोपीय कपिनय का आगमन
िबहार म यूरोपीय यापारी कपिनय का आगमन 17व सदी म ारभ आ। उस समय िबहार अंतरा ीय यापार
का एक मह वपूण क था। िबहार क े म सव थम पुतगाली आए, िज ह ने अपना यापा रक क गली म
थािपत िकया था। वे गली से ही नाव क मा यम से पटना आया करते थे। वे अपने साथ मसाले, चीनीिम ी क
बरतन आिद लाते थे और वापसी म सूती व एवं अ य कार क व ले जाते थे।
17व शता दी क म य तक डच ने िबहार क कई थान पर शोर का गोदाम थािपत िकया था। सव थम डच
ने पटना कॉलेज क उ री इमारत म 1632 ई. म डच फ टरी क थापना क । इनक अिभ िच सूती व , चीनी,
शोरा, अफ म आिद से संबंिधत यापार म थी। 1662 ई. म बंगाल म डच मामल क धान निथयास वैगडन ब क
ने मुगल स ा औरगजेब से यापार से संबंिधत एक फरमान बंगाल, िबहार और उड़ीसा क िलए ा िकया था।
डच या ी वरिन 21 िदसंबर, 1665 को पटना प चा। उसक बाद उसने छपरा से या ा क । छपरा म उस समय
शोर का शु ीकरण िकया जाता था। शोर पर अिधकार क िलए ांसीसी, ई ट इिडया कपनी एवं डच कपिनय क
बीच हमेशा तनाव उ प होते रहते थे। 1848 ई. म िव ोही अफगान सरदार शमशेर खान ने पटना पर आ मण
िकया तथा फतुहा थत डच फ टरी को लूटा। लासी क यु म अं ेज क सफलता ने डच क थित को और
दयनीय बना िदया। 1758 ई. म अं ेजी ई ट इिडया कपनी ने िबहार म शोर क यापार पर एकािधकार ा कर
िलया। नवंबर, 1759 म वेदरा क िनणायक यु म डच अं ेज क हाथ परािजत ए और उनका अ त व लगभग
समा हो गया। वे िकसी तरह से अपने िचनकसा कािसम बाजार एवं पटना क माल गोदाम को सुरि त रखने म
सफल हो पाए।
सव थम डच ने पटना कॉलेज क उ री इमारत म 1632 ई. म डच फ टरी क थापना क । इनक
अिभ िच सूती व , चीनी, शोरा, अफ म आिद से संबंिधत यापार म थी।
1780-81 ई. क बीच यूरोप म ि टन एवं हॉलड क बीच यु िछड़ जाने क कारण िबहार म भी दोन कपिनय
क बीच संबंध तनावपूण हो गए। 10 जुलाई, 1781 को पटना िमिलिशया क कमांिडग ऑिफसर मेजर हाड ने
पटना डच मालगोदाम को ज त कर िलया। छपरा एवं िसंिधया क डच फ ट रय को भी अपने क जे म ले िलया
गया। 5 अग त, 1781 को पैि क िह ले ने डच फ टरी क कमान मै सवेल से हण क । 8 अ ूबर, 1784 को
डच कपनी को गोदाम िफर से वापस दे िदया गया। पुनः 1795 ई. म को-डच यु क कारण भारत म डच
िठकान को अं ेजी सरकार क अधीन कर िदया गया, लेिकन 1817 ई. म डच माल गोदाम को पुनः वापस कर
िदया गया। अंततः 1824-25 ई. म डच यापा रक क को अंितम प से अं ेजी ई ट इिडया कपनी म स मिलत
कर िलया गया।
िबहार म ांसीसी कपिनय का आगमन
अं ेज ने माच, 1757 म चं नगर पर क जा कर िलया। कािसम बाजार म ांसीसी कपनी क मुख एम.
ज यालॉ को बंगाल छोड़ने पर िववश होना पड़ा। ज यालॉ 2 मई, 1757 को भागलपुर प चा और 3 जून
को पटना आया।
भारत म ांसीसी ई ट इिडया कपनी क थापना कोइस मािटन क नेतृ व म 1664 ई. म क गई। मािटन ने
1674 ई. म पांिडचेरी क थापना क तथा शी ही उसने माही, कराइकल एवं दूसरी जगह पर ांसीसी यापा रक
क क थापना क । कछ वष क उपरांत ांसीिसय ने बंगाल म वेश िकया एवं चं नगर क थापना क ।
इसक त काल बाद 1734 ई. म उ ह ने पटना म माल गोदाम क थापना क । ांसीसी कपनी क मु य िदलच पी
िबहार म शोरा ा करना था। अपने भु व एवं यापार क उ े य से अं ेजी ई ट इिडया कपनी एवं ांसीसी
ई ट इिडया कपनी क बीच तनाव क थित बनी रहती थी। अं ेज ने माच, 1757 म चं नगर पर क जा कर
िलया। कािसम बाजार म ांसीसी कपनी क मुख एम. ज यालॉ को बंगाल छोड़ने पर िववश होना पड़ा। ज यालॉ
2 मई, 1757 को भागलपुर प चा और 3 जून को पटना आया। पटना म िबहार क िड टी गवनर राजा राम नारायण
ने उसका वागत िकया तथा बैरक क िनमाण क िलए जगह दान क । लासी क यु म िवजयी होने क बाद
अं ेज ई ट इिडया कपनी क त कालीन िबहार क जनरल आयरकट ने ज यालॉ को पटना से िन कािसत कर
ांसीसी माल गोदाम पर क जा कर िलया। 1761 ई. म पांिडचेरी भी ांसीिसय क हाथ से िनकल गया। 1763
ई. म ड रफ क संिध क तहत ांसीसी कपनी को अपने खोए ए े वापस िमले। 1793 ई. म लॉड कानवािलस
क समय भारत म ांसीिसय क यापा रक गितिविध िसमटकर पांिडचेरी तक रह गई। धीर-धीर 1814 ई. तक
िबहार एवं भारत से ांसीसी गितिविधयाँ लु ाय हो गई।
िबहार म डिनस कपनी का आगमन
भारत म आनेवाली यूरोपीय कपिनय म डनमाक का नाम सबसे अंत म िलया जाता ह। ायः 1774-75 ई. म
पटना म डनमाक क कपनी क फ टरी क थापना ई। मई, 1775 म पटना क डिनस फ टरी क मुख जॉज
वनर ने िबहार म यापार क िलए ई ट इिडया कपनी क गवनर जनरल एवं उनक प रष से फरमान क माँग क ।
डिनस कपनी भी मु य प से शोर का यापार करती थी।
1801 ई. म ेट ि टन एवं डनमाक क बीच यु आरभ आ, िजसक प रणाम व प भारत म भी दोन
कपिनय क बीच तनाव उ प ए। पटना क डिनस फ टरी एवं सेरामपुर क कोठी को अं ेज ने ज त कर
िलया। 1802 ई. म आिमयाँ क संिध ई और भारत म डनमाक क वािम व वाले े को वापस कर िदया गया।
1845 ई. तक िबहार क सार डिनस माल गोदाम एवं िठकाने अं ेज क अधीन हो गए।
अं ेजी ई ट इिडया कपनी का आगमन
िबहार म अं ेजी ई ट इिडया कपनी क थायी माल गोदाम क थापना को लेकर िव ान म मतभेद ह।
अिधकतर इितहासकार का मानना ह िक ई ट इिडया कपनी क थायी माल गोदाम क थापना 1691 ई. म पटना
क गुलजार बाग म क गई थी। कपनी क िच अमवत किलको व एवं क े रशम से संबंिधत यापार म थी।
इसक अित र वे शोरा तथा अफ म को भी यापार का अिभ अंग मानते थे। पटना क समीप लखबार म
किलको व बड़ पैमाने पर तैयार िकए जाते थे।
1664 ई. म जॉब चारनाक को पटना क अं ेजी फ टरी का मुख िनयु िकया गया, जो 1680-81 तक इस
पद पर बना रहा। िबहार क सूबेदार साइ ता खान ारा 1680 ई. म अं ेज क कपनी क यापार पर 3.5 ितशत
कर लगा िदए जाने क कारण जॉब चारनाक ने 1686 ई. म गली शहर को लूट िलया। प रणाम व प साइ ता
खान ने बंगाल एवं िबहार म अं ेज क सम त संपि को ज त करने का आदेश िदया, लेिकन 1690 ई. म एक
समझौते क तहत अं ेज को पुनः यापार करने क वतं ता दान क । मुगल बादशाह औरगजेब क मृ यु क
साथ ही अं ेज क यापा रक गितिविधय म कावट आई। फ खिसयर क शासन काल म 1713 ई. म पटना
फ टरी को बंद कर िदया गया, लेिकन उसने पुनः 1717 ई. म अं ेज को िबहार एवं बंगाल म यापार करने क
वतं ता दान कर दी। अतः पटना फ टरी को अंगे्रज ने 1718 ई. म पुनः खोल िदया। नवाब अलीवद खान क
दबाव क कारण पटना फ टरी 1750 ई. म पुनः बंद कर दी गई, लेिकन हॉलवेल ने यास करक 1755 ई. म
पटना फ टरी को पुनः शु कर िदया। 1757 ई. म लासी यु एवं 1764 ई. क ब सर यु क फल व प
िबहार ि िटश आिधप य म पूण प से आ गया। ब सर यु क प ा लॉड ाइव तथा मुगल स ा शाह
आलम तीय क बीच 12 अग त, 1765 को इलाहाबाद म एक संिध ई, िजसक ारा कपनी को िबहार,
बंगाल एवं उड़ीसा क दीवानी ा ई।
अं ेजी शासन क थापना
ारभ से ही िबहार यापा रक गितिविधय का क रहा ह। म यकाल म भी िबहार यापार का मुख क था।
यहाँ एडवड टरी, रा फ िफ ज, पीटर मुंडी, वर आिद यापा रय ने िबहार का दौरा कर यापा रक गितिविधय
का िव तृत वणन िकया। बंगाल क नवाब मुिशद कली खान एवं अलीवद खान क शासन काल म िवदेशी
यापा रक कपिनय ने मु य प से िबहार म यापा रक गितिविधय म अपने आपको लगाए रखा और उनक
राजनीितक मह वाकां ाएँ दबी रह । 16 अ ूबर, 1756 को मिनहारी क यु म िसराजु ौला ारा शौकतजंग
परािजत आ। िसराजु ौला को अंगे्रज क ओर से यु का खतरा था। अं ेजी ई ट इिडया कपनी क
अिधका रय ने कलक ा म फोट िविलयम क िकलेबंदी ारभ क । इससे िसराजु ौला और अं ेज क बीच तनाव
उ प हो गया, िजसक प रणाम व प 23 जून, 1757 को लासी का यु आ, िजसम अं ेज िवजयी ए।
उ ह ने मीर जाफर को बंगाल का नवाब बनाया तथा उसक पु मीरन को बंगाल का उप-नवाब बनाया गया,
लेिकन िबहार क वा तिवक स ा राजा रामनारायण क हाथ म आ गई। 1760 ई. म मीर कािसम अं ेज क
सहायता से बंगाल का नवाब बना, लेिकन अं ेज से उसका संबंध अिधक िदन तक मधुर नह रह सका। मीर
कािसम ने 1761 ई. म अपनी राजधानी मुिशदाबाद से हटाकर मुंगेर थानांत रत कर ली। मुंगेर क र ा क िलए
उसने दुग का िनमाण िकया। िबहार क नवाब दीवान रामनारायण से भी उसक संबंध अ छ नह थे। उसे
अनुशासनहीनता क आरोप म मीर कािसम ने बंदी बनाना चाहा, लेिकन रामनारायण अं ेज से जा िमला। मीर
कािसम ने कपनी क गवनर विसटाट को प िलखकर, उसे लौटाने क माँग क । विसटाट ने रामनारायण को उसक
हवाले कर िदया और उसने रामनारायण क ह या करवा दी।
मीर कािसम ने 1761 ई. म अपनी राजधानी मुिशदाबाद से हटाकर मुंगेर थानांत रत कर ली। मुंगेर क
र ा क िलए उसने दुग का िनमाण िकया।
मीर कािसम ने कपनी क कमचा रय ारा ‘द क’ क दु पयोग पर रोक लगा दी, िजससे अं ेजी ई ट इिडया
कपनी मीर कािसम से हो गई। मीर कािसम ने अं ेज क समथक सेठ हीराचंद एवं उसक भाई व पचंद को
मुंगेर म नजरबंद कर िदया। पटना क अं ेज एजट एिलस को नगर पर आ मण करने का आदेश िदया गया।
एिलस ने 24 जून, 1763 को पटना पर अिधकार कर लूटपाट क एवं अनेक िनद ष लोग क ह या करवा दी।
िववश होकर मीर कािसम ने अं ेज एजट एिलस क िव सैिनक कारवाई ारभ क । एिलस को बंदी बनाकर
मुंगेर ले आया। पटना म मीर कािसम ने अं ेज अिधका रय का क लेआम िकया और यह घटना ‘पटना ह याकांड’
क नाम से िस ई। इस ह याकांड क उपरांत मीर कािसम और अं ेज क बीच यु अव यंभावी हो गया। 2
िसतंबर, 1763 को िबहार क राजमहल क उदवानाला क यु म मीर कािसम अं ेज क हाथ परािजत आ। मीर
कािसम अं ेज क हाथ नह आया और 4 िदसंबर, 1763 को कमनाशा नदी पार कर अवध रा य क सीमा म
वेश कर गया।
ब सर क पराजय ने जहाँ मीर कािसम क भा य का सूया त कर िदया, वह िबहार पर अं ेज का
पूण प से अिधकार हो गया। मुगल स ा ने त काल प र थित को यान म रखकर 1765 म िबहार,
बंगाल और उड़ीसा क दीवानी अंगे्रज को दान कर दी।
अं ेज ने मीरजाफर को पुनः बंगाल का नवाब घोिषत िकया। अं ेज ने पटना क कनलगंज और मा फगंज
क मंिडय पर अिधकार कर िलया। पूिणया क लकड़मंडी पर भी अं ेज ने अिधकार कर िलया और नवाब को
वहाँ से होनेवाली 50 हजार पए वािषक आय से वंिचत कर िदया। पटना क पराजय क बाद मीर कािसम अवध
क नवाब ब शुजाउ ौला एवं मुगल स ा शाह आलम तीय क साथ िमलकर अं ेज क िखलाफ यु क
तैयारी करने लगा। मीर कािसम ने अवध क नवाब ब शुजाउ ौला एवं मुगल स ा शाह आलम तीय क
संयु सेना क साथ पटना क ओर थान िकया। अं ेजी सेना का धान कानक घबरा गया। कलक ा
काउिसल ने ह टर मुनरो को सेनापित िनयु िकया। मुनरो जुलाई, 1764 म पटना प चा तथा रोहतास क
िकलेदार सा मल को लोभन देकर अपने प म कर िलया। मुनरो सोन नदी पार कर ब सर प चा, जहाँ 22
अ ूबर, 1764 को भारत क तीन मुख ताकत क साथ उसका यु आ, िजसका प रणाम अं ेज क प म
रहा। ब सर क पराजय ने जहाँ मीर कािसम क भा य का सूया त कर िदया, वह िबहार पर अं ेज का पूण प
से अिधकार हो गया। मुगल स ा ने त काल प र थित को यान म रखकर 1765 म िबहार, बंगाल और
उड़ीसा क दीवानी अंगे्रज को दान कर दी।
अं ेजी शासन क िव जन आंदोलन
जब कपनी ने स 1767 म इस े म पदापण िकया, तभी यहाँ असंतोष या हो गया था। जनजातीय शैली
वैसे भी किठन थी और िफर ऊपर से ाकितक अकाल एवं आपदा ने इनक सामने बड़ भीषण संकट पैदा कर
िदए। आिथक किठनाइय और अ क अभाव ने इन जनजाितय को तोड़कर रख िदया। उस पर भी मुगल , मराठ
एवं थानीय जमीदार ने इनका दमन व शोषण करक इ ह िव ोही बना िदया।
शासक य तर पर जनजातीय लोग क िहत एवं अिधकार का हनन तथा दमन िकया जा रहा था। इसक साथ
इन लोग को अपनी स यता एवं सं कित पर भी खतरा मँडराता िदखाई दे रहा था। इस कार क सभी कारण ने
जनजातीय िव ोह को ज म िदया।
इन जनजातीय लोग को अपनी सं कित, अिधकार एवं वतं ता म िकसी का भी ह त ेप पसंद नह था। अं ेज
क साथ आई उनक दु ह सं कित ही भारतीय को पसंद नह थी, तो िफर जनजातीय लोग इसे कसे सहन करते!
अं ेज क आने से जनजातीय लोग को अपनी पहचान व वतं ता खतर म पड़ती िदखाई देने लगी थी। 17व
शता दी क अंत म जनजातीय िव ोह शु हो गए थे, जबिक अं ेज यहाँ कवल दो दशक पहले ही आए थे। इन
जनजातीय िव ोह म अं ेज क प पातपूण नीित का भी हाथ था। अं ेज िकसी एक क िहतैषी बनकर अ य
सबको शोषण क भ ी म झ क देते थे। राजा, जम दार, अिधकारी सभी जनजातीय जा क िलए यमदूत िस हो
गए थे। इन िव ोह क पीछ इन लोग का वािभमान प झलकता था। अं ेजी शासन म कल 13 जनजातीय
िव ोह ए, िजनम से मु य िव ोह का वणन इस कार ह—
तमाड़ िव ोह
स 1771 म अं ेज ने छोटानागपुर पर अपना अिधकार जमा िलया था और यहाँ क राजा एवं जम दार को
कपनी का संर ण िमल चुका था, िजससे इन लोग को जा क शोषण क छट िमल गई थी। जम दार ने िकसान
क जमीन हड़पनी शु कर दी थ । इस शोषण नीित ने उराँव जनजाित क लोग म िव ोह क आग भड़का दी। इस
जनजाित ने स 1789 म अपने िव ोही तेवर िदखाने शु कर िदए और जम दार पर टट पड़ी। स 1794 तक इन
िव ोिहय ने जम दार को इतना भयभीत कर िदया िक उ ह ने अं ेज सरकार से अपनी र ा करने क गुहार लगाई।
अं ेज ने प र थित को भाँपा और पूरी श से िव ोह को कचल िदया। इससे कई यव था का सू पात
आ और कछ समय तक शांित बनी रही। जब दुबारा इनक जमीन को हड़पा जाने लगा तो यह िव ोह यापक हो
गया।
चेरो िव ोह
यह आंदोलन स 1800 म चेरो िकसान ने अपने राजा क िव शु िकया। यह िव ोह तब अं ेज क
प पातपूण नीित क िवरोध म आ, जब कपनी ने कटनीित से जयनाथ िसंह को अपद थ कर िदया और उसक
थान पर गोपाल राय को राजा बना िदया। कछ समय बाद गोपाल राय कछ िव ोही चेरो सरदार क साथ िमल
गया, िजससे अं ेज हो गए। अं ेज ने गोपाल राय को बंदी बनाकर पटना जेल म डाल िदया। इसक बाद
अं ेज ने चूड़ामन को वहाँ का राजा बना िदया। चूड़ामन राय कोई भी काय अं ेज क सलाह से ही करता था और
इससे जनजातीय िहत भािवत होते थे। इससे लोग म असंतोष या हो गया और चेरो सरदार भूषण िसंह क
नेतृ व म खुला िव ोह शु हो गया। चूड़ामन राय ने अं ेज से मदद क गुहार लगाई और इस िव ोही दल पर टट
पड़ा। कनल ज स ने इस िव ोह को कचलने क हरसंभव यास िकए, लेिकन उसे अपेि त सफलता नह िमली।
दो वष तक चेरो िव ोही अं ेज और चूड़ामन राय को छकाते रह। अंततः भूषण िसंह को िगर तार कर िलया गया।
स 1802 म इस िव ोही चेरो नेता को फाँसी दे दी गई और इसक बाद यह िव ोह भी धीर-धीर समा हो गया।
‘हो’ िव ोह
यह िव ोह स 1821-22 छोटानागपुर क ‘हो’ लोग ने िसंहभूम क राजा जग ाथ िसंह क िव िकया।
जग ाथ िसंह क ित ‘हो’ लोग तट थ थे और इनका िकसी से भी कोई झगड़ा नह था। नागवंश क राजा ने इन
पर एक-दो बार आ मण िकया था, लेिकन िसंहभूम क राजा क साथ इनक मै ीपूण संबंध थे। जब बाद म
म शासक य प रवतन क आव यकता बताई। रगुलेशन-XIII क अंतगत जंगल महाल िजले को थिगत कर
इसक दीवानी अदालत बंद कर दी गई। नई गठन नीित लागू ई, िजसम शेरगढ़, िव णुपुर और सोनपहाड़ी को
व मान म शािमल कर िलया गया तथा शेष भाग को िमलाकर मानभूम को िजला बना िदया गया। इस िजले म
झालदा, धनबाद, सुपुर, रायपुर, अंिबका नगर, बड़ाभूम और यामसुंदरपुर सिहत कई मु य े को शािमल िकया
गया। इसका ता कािलक मु यालय मानबाजार बनाया गया, िजसे स 1838 म बदलकर पु िलया ले जाया गया।
इस कार ‘भूिमज िव ोह’ भी शासिनक यव था क सुधार का एक कारण बना। अं ेज अिधकारी जान गए थे
िक आिदवासी लोग को याय- यव था क पारदिशता न िमलना और उनका िकसी भी कार का उ पीड़न रोज नए
िव ोह को ज म देनेवाले कारण थे। शासिनक यव था को गवनर क अधीन करक इस िदशा म साथक कदम
उठाया गया था।
संथाल िव ोह
वीरभूम, ढालभूम, िसंहभूम, मानभूम और बाकड़ा क जम दार ारा सताए गए संथाल 1790 ई. से ही संथाल
परगना े , िजसे दािमन-ए-कोह कहा जाता था, म आकर बसने लगे। इ ह संथाल ारा िकया गया यह िव ोह
झारखंड क इितहास म सबसे अिधक चिचत आ, य िक इसने कपनी और उसक समिथत जम दार , सेवक और
अिधका रय को ब त बड़ी सं या म जनहािन प चाई थी। इस कार िव ोह क कारण म कषक उ पीड़न मुख
था। संथाल जनजाित भी किष और वन पर िनभर थी, लेिकन जम दारी था ने इ ह इनक ही भूिम से बेदखल
करना शु कर िदया था। अं ेज समिथत जम दार पूरी तरह से संथाल का शोषण कर रह थे और साथ ही कपनी ने
किष कर को इतना अिधक कर िदया था िक संथाल लोग इसे चुकाने म अ म थे। इसक अित र बाहरी लोग
क आवागमन ने इन संथाल को अपनी ही भूिम पर िसमटने को िववश और िनधन कर िदया था। संथाल जीवन-
िनवाह क िलए सा कार व जम दार क शोषणच म फस रह थे। ये लोग ऊची याज दर पर ऋण देते थे और
िफर वसूली क नाम पर मानिसक एवं शारी रक शोषण भी करते थे। याय- यव था भी इ ह संप एवं समृ
शोषक का साथ देती थी। इस उ पीड़न जाल से बाहर िनकलने का माग संथाल क सामने न होने से ये लोग
आ मह या कर रह थे।
स 1832 म ही जब कोल िव ोह को दबाने क यास चल रह थे, उसी दौरान गंगानारायण ने अपने
िव ोही गुट क साथ िव ोह का िबगुल बजा िदया। इस िव ोह को अं ेज ने ‘भूिमज िव ोह’ क सं ा
दी।
ऐसी िवकट थित म तो साधारण लोग ई र क अवतार क ही कामना करते ह। ई र भी ऐसे लोग क पुकार
अनसुनी नह करता, तभी तो संथाल क ऐसे घोर उ पीड़न का िवरोध करते िस ू-का नामक दो जवान सामने
आए। इन दोन ने िदन-रात एक करक संथाल म िव ोह का साहस भरा और उ ह एकजुट होने क िलए ो सािहत
िकया।
स 1855 म हजार संथाल ने भोगनाडीह क चु ू माँझी क चार पु िस ू, का , चाँद तथा भैरव क
नेतृ व म एक सभा क , िजसम उ ह ने अपने उ पीड़क क िव लामबंद लड़ाई लड़ने क शपथ ली।
स 1855 म हजार संथाल ने भोगनाडीह क चु ू माँझी क चार पु िस ू, का , चाँद तथा भैरव क नेतृ व
म एक सभा क , िजसम उ ह ने अपने उ पीड़क क िव लामबंद लड़ाई लड़ने क शपथ ली। िस ू-का ने
लोग म एक नई ऊजा व उ साह भर िदया। उ ह ने एकजुट होकर अपनी भूिम से दीक को चले जाने क
चेतावनी दी। इन दीक म अं ेज और उनक समिथत कमचारी, अिधकारी तथा जम दार आिद थे। सरकारी आ ा
न मानने, दािमन े म अपनी सरकार थािपत करने और लगान न देने क घोषणा क गई। इसी बीच दरोगा
महशलाल द क ह या कर दी गई। चेतावनी देने क दो िदन बाद संथाल ने अपने शोषक को चुन-चुनकर मारना
शु कर िदया। अंबर क जम दार क हवेली जला दी गई। महशपुर राजमहल पर िव ोिहय ने क जा करने का
यास िकया। अिधकारी और जम दार इनक मु य िनशाने पर थे, िफर जो बाहरी यापारी थे, उनक मकान एवं
दुकान को तोड़ िदया गया। यह खुला सश िव ोह था, जो कहलगाँव से राजमहल तक फल गया। यह िव ोह
1856 म वीरभूम, बाँकड़ा और हजारीबाग म भी फल गया। यह देख कपनी िचंितत हो गई और बातचीत क ारा
संथाल को समझाने का यास िकया जाने लगा, लेिकन धैय क सीमा पार करक उपजा संथाल का आ ोश कछ
भी सुनने को तैयार नह था। संथाल तो अपनी भूिम से अं ेज और उनक समथक को भगाने या समा करने क
शपथ ले चुक थे। अं ेज क कायालय को भ म िकया जाने लगा। जहाँ भी कोई अं ेज िदखाई देता, उसे वह ढर
कर िदया जाता। संथाल सा ा कालबन गए थे। दुदात होकर उ ह ने अं ेज मिहला और ब को भी मार
डाला।
संथाल क हगामे से अं ेजी शासन म हड़कप मच गया। कपनी ने सेना को खुली छट देकर इस िव ोह को
दबाने का आदेश िदया। अं ेज ने भी संथाल क ित ब त बबरता िदखाई और उनक गाँव-क-गाँव जला िदए।
अं ेजी सेना संथाल क नेता क धरपकड़ म िदन-रात एक करने लगी और इसम उसे सफलता भी िमली।
अिधकांश िव ोही नेता या तो मार गए थे या िफर बंदी बना िलये गए थे। चाँद और भैरव गोिलय क िशकार हो
वीरगित को ा ए। िस ू और का पकड़ गए, उ ह बरहट म फाँसी दे दी गई। इस िव ोह को िफर भी कछ
सफलता अव य िमली थी, य िक संथाल ने अपने े से अिधकांश अं ेज और उनक समथक को या तो मार
िदया था या भगा िदया था। जो शेष बचे भी थे, वे भी ब त समय तक आतंक क साए म जीते रह। इस िव ोह क
जनक िस ू-का वतमान झारखंड क लोग क िलए पूजनीय हो गए और आज भी उ ह झारखंड क जननायक
क प म याद िकया जाता ह। िस ू-का क गाथाएँ आज भी झारखंड क लोग क िलए ओज एवं श क
ेरणा ोत ह।
जनवरी 1856 ई. तक संथाल परगना े म संथाल िव ोह दबा िदया गया, लेिकन सरकार ने संथाल क वीरता
और शौय को वीकार िकया। सरकार को शासिनक प रवतन क अिनवायता वीकार करनी पड़ी।
इस संथाल िव ोह क प रणाम व प 30 नवंबर, 1856 ई. को िविधव संथाल परगना िजला क थापना क
गई और एशली एडन को थम िजलाधीश बनाया गया।
सरदारी आंदोलन
1850 ई. और उसक बाद इस े म अनेक आिदवािसय ारा ईसाई धम अपना लेने से भूिम क सम या और
बदतर हो गई। ईसाई धम क यापक चार- सार क िव जनजातीय सुधारवादी आंदोलन चले। इ ह म सरदारी
आंदोलन स 1859 से 1881 क म य चला। इसका उ ेख एस.सी. राय ने अपनी पु तक ‘द मुंडाज’ म िकया
ह। वा तव म यह भूिम क िलए लड़ाई थी। इसका मूल उ े य जम दार को बाहर िनकालना, बेगारी था को
समा करना और भूिम पर लगाए गए ितबंध का िवरोध करना था। सामा यतः यह आंदोलन तीन चरण म पूण
आ।
खरवार आंदोलन
खरवार आंदोलन, िजसका नेतृ व भागीरथ माँझी ने िकया था, का उ े य ाचीन मू य और जनजातीय
परपरा को पुनः थािपत करना था। इस आंदोलन का भाव े संथाल परगना था। इसक साथ ही वे भूिम
संबंधी सम या म सुधार क अलावा सामिजक कम म शु क वतक भी थे। इसीिलए मिदरा आिद का इसम
िवरोध िकया गया। आंदोलन क ित पूण समपणवाले सफाहोर कहलाए और उदासीन लोग ‘बाबिजया’ कहलाए।
बेमन पूजक को मेलबरागर कहा गया।
िबरसा मुंडा आंदोलन
यह आंदोलन िबहार क जनजातीय े म सबसे अिधक संगिठत और यापक माना जाता रहा ह। इस आंदोलन
क नायक िबरसा मुंडा को भगवान क अवतार प म मा यता िमली ह। मुंडा जनजाित भी अ य जनजाितय क
तरह किष और वन पर िनभर होकर अपनी परपरा -मा यता को सहज रही थी। यह जनजाित छोटानागपुर े
क मुख जनजाितय म से एक थी और इसक लोग कभी िववाद क सुिखयाँ नह बने थे। शांितपूण जीवन यतीत
करनेवाले मुंडा लोग भी उ पीड़न और अं ेजी लूटमार से बगावत पर उतर। इनक िव ोह का एक मु य कारण
इनक सं कित पर अ य सं कितय क परछाई का भी पड़ना था। कछ आपसी मतभेद, जो हर जाित-जनजाित म
पाए जाते ह, मुंडा लोग म भी रहते थे। इनका मेल-जोल िहदु से भी था और इसी कारण कछ मुंडा िहदू
परपरा का अनुसरण भी करने लगे थे। मतभेद क कारण कछ मुंडा ईसाई िमशन रय क ओर भी चले गए, जैसा
िक छोटानागपुर म जम दार और राजा का शोषण-च चल रहा था, तो ये लोग भी उसक चपेट म आ गए थे।
इनक जमीन को हड़पा जा रहा था और इन पर कर का बोझ भी बढ़ता जा रहा था। फलतः ऋण का जाल भी
इनको अपने िशकजे म जकड़ रहा था। याय- यव था तो बस नाममा क िलए रह गई थी और सबसे बड़ा झटका
तो मुंडा को तब लगा, जब न तो िहदू िम ने और न ही ईसाई िमशन रय ने उनक कोई सहायता क , िजनक
कहने पर ये लोग अपने पारप रक िनयम से भी दूर हो गए थे।
िबरसा मुंडा ने स 1895 तक लगभग छह हजार मुंडा को एकि त कर िदया। यह अब तक का सबसे
बड़ा दल था। भले ही यह िमथक था, लेिकन िबरसा को भगवान का अवतार ही माना जाने लगा।
मुंडा लोग इन सब बात से पूरी तरह हतो सािहत हो चुक थे और अपने अ त व क र ा क िलए िचंतातुर थे।
ऐसे समय म िबरसा मुंडा नामक नौजवान मुंडा जनजाित क उ थान का बीड़ा उठाकर आगे आया। उसका यह
कहना था िक वह ई र क आ ा और श लेकर मुंडा को उनक अिधकार और बाहरी श य से उ ह
आजाद कराने क िलए अवतार क प म आया ह। इस युवक क वाणी म ओज था और इसम त कालीन यव था
पर चोट करने क मता भी थी। ज दी ही कछ मुंडा युवक भािवत होकर उससे जुड़ गए। वह धािमक आ यान
क मा यम से लोग म नवचेतना जा करता। इसी कारण वह छोटानागपुर े म देवदूत क तरह माना जाने
लगा। उसक िवचार म लगभग सभी िवषय पर मनन करने क मता थी। वह सभाएँ आयोिजत कर लोग को
करीितय से दूर रहने क िलए कहता, जीवन म िनभरता को थान देने क बात कहता और साथ ही अपनी संगठन
श का ान करने क बात कहता। उसक िम मंडल ने भी शी ही उसे लोग क बीच ई रीय श क प म
थािपत कर िदया।
िबरसा मुंडा ने स 1895 तक लगभग छह हजार मुंडा को एकि त कर िदया। यह अब तक का सबसे बड़ा
दल था। भले ही यह िमथक था, लेिकन िबरसा को भगवान का अवतार ही माना जाने लगा। उसने लोग को अपने
उ े य से अवगत कराया, िज ह ने मुंडा जनजाित को नए ओज से भर िदया। उसक मुख उ े य इस कार थे
—
अं ेज सरकार का पूरी तरह दमन कर देना।
छोटानागपुर सिहत सभी अ य े से ‘दीक ’ को भगा देना।
वतं मुंडा रा य क थापना करना।
िबरसा मुंडा ने इन उ े य क ा क िलए िहसा मक होने से भी गुरज न करने का संदेश िदया। उसने सभी
मुंडा को साहस क साथ इस धमयु म कदने का आ ान िकया और योजना बनाकर सा कार , जम दार ,
िमशन रय तथा दीक आिद पर हमला कर िदया। हमला तो जोरदार था, लेिकन शासन- यव था ने इसे उतना
सफल नह होने िदया, िजतना सफल होने क िबरसा ने आशा क थी। उसे राँची म कपनी सेना ारा िगर तार कर
िलया गया, लेिकन कछ िदन बाद उसे मु भी िमल गई और वह िफर से अपने दल म आ िमला।
अं ेज ने भूिम अिधकार संबंधी नए िनयम बनाए और का तकारी अिधिनयम क अंतगत पहली बार
‘मुंडारी खूँटकारी यव था’ को लागू िकया गया।
इस बार िबरसा मुंडा ने अपनी योजना को भली-भाँित सु ढ प िदया और 25 िदसंबर, 1897 को, जब ि समस
का िदन था तथा ईसाई लोग इस िदन ज न मनानेवाले थे, हमले क िलए चुना। इस हमले म अिधक-से-अिधक
ईसाइय को मौत क घाट उतारने का संक प िलया गया। िन त िदन मुंडा िव ोिहय ने चार ओर हाहाकर मचा
िदया और ज न म डबे ईसाइय तथा उन मुंडा को मार िदया गया, जो ईसाई धम अपना चुक थे। यह एक बड़ा
नरसंहार था, िजसने ि िटश शासन को झकझोरकर रख िदया। थानीय पुिलस बल भी इस मुंडा िव ोह का िशकार
आ। चार ओर ािह- ािह मच गई, तब कपनी ने राँची से सेना भेजी और िनदयतापूवक इस िव ोह को दबाया
गया। िबरसा मुंडा और उसक साथी गया मुंडा को िगरऌ तार कर जेल भेज िदया गया।
जेल म रहते ए कछ असा य बीमा रय और समुिचत उपचार क अभाव म िबरसा मुंडा क मृ यु हो गई। वह
कपनी क िलए यह िव ोह एक सबक सरीखा सािबत आ। उसने अपनी नीितय म बदलाव िकया। अं ेज ने भूिम
अिधकार संबंधी नए िनयम बनाए और का तकारी अिधिनयम क अंतगत पहली बार ‘मुंडारी खूँटकारी यव था’ को
लागू िकया गया। शासिनक सुिवधा को और भी बेहतर बनाया गया। आिदवािसय क िदल से शासन क ित
घृणा को समा करने का यास िकया गया। स 1908 म गुमला अनुमंडल बनाया गया, जबिक खूँटी को स
1905 म ही अनुमंडल बना िदया गया था। यह शासन व आिदवािसय क बीच िव ास बहाल करने क यास
थे।
िबरसा आंदोलन सही मायन म एक सफल आंदोलन कहा जाता ह। इसने जनजाितय म आ मस मान, अिधकार
क र ा, धािमकता क र ा जा करने क साथ ही इ ह िढ़य -अंधिव ास से दूर रहने क ेरणा भी दी। इसी
आंदोलन ने अं ेज सरकार को जनजाितय क ित संवेदनशील रहने को िववश िकया। िबरसा मुंडा ने अपने अ प
जीवन म लोग को जा कर िदया था और आज भी उसे भगवान िबरसा मुंडा क प म याद िकया जाता ह।
टाना भगत आंदोलन
यह आंदोलन िबरसा आंदोलन से ही जनमा था। यह भी एक ब आयामी आंदोलन था, य िक इसक नायक भी
अपनी सामािजक अ मता, धािमक परपरा और मानवीय अिधकार क मु को लेकर आगे आए थे। यह आंदोलन
स 1914 म शु आ। टाना भगत कोई य नह , ब क उराँव जनजाित क एक शाखा थी, िजसने कडख
धम अपनाया था। इन लोग क थित अ यंत दयनीय थी और इनसे अिधकांशतः मवाले काय ही कराए जाते थे।
सुबह से शाम तक भवन, सड़क आिद क िनमाण काय क िलए ये लोग ईट, प थर ढोते रहते और मजदूरी क नाम
पर इ ह कछ िवशेष नह िमलता था। एक कार से इ ह ख र क भाँित योग िकया जाता था। इस आंदोलन क
नायक क नाम पर ‘जतरा भगत’ नामक नौजवान को मा यता िमली थी, जो अलौिकक िस य म रत रहता था।
जन ुित क आधार पर इसी जतरा भगत को ‘धमश’ नामक उराँव देवता ने दशन िदए थे और उसे कछ िनदश देकर
इस आंदोलन को शु करने क आ ा दी थी।
जतरा भगत ने ‘धमश’ देवता का आदेश पाकर भूत- ेत क साधना का काय छोड़ िदया और िनरािमष हो गया।
उसने लोग को अंधिव ास म आ था रखने से मना िकया और आचरण म सा वकता लाने का संदेश िदया, साथ
ही उसने बेगार या कम मजदूरी पर काम करनेवाल को ऐसा काम न करने का आदेश िदया। लोग म ज दी ही वह
ब त लोकि य हो गया और लोग उसक येक बात को आ मसा करने लगे। इससे अं ेज घबरा गए और
उ ह ने जतरा भगत को िगर तार कर िलया। इससे उराँव लोग म रोष फल गया। अं ेज इस आंदोलन से संबंिधत
सभी लोग को िगर तार करने म जुट गए। प रणाम यह आ िक िहसा भड़क उठी और एक सामािजक जनजागरण
या हो गया। अं ेज ने बड़ी रता से इस आंदोलन को दबा िदया, िफर भी यह आंदोलन सामािजक चेतना
जगाने म सफल रहा।
इस कार अं ेज सरकार क िव ए जनजातीय िव ोह ने कछ हद तक िबहार क दबे-कचले लोग को
उनक अिधकार िदलाने म मह वपूण भूिमका िनभाई। इन आंदोलन म आ ामकता, बबरता, आ ोश, श
संगठन और नीितगत कारण जैसे वे सभी त व मौजूद थे, जो िव ोह को ज म देते ह। िबहार क त कालीन थित
दयनीय थी और िवडबना यह थी िक ाकितक प से संप इस े का शोषण और दोहन करने प चे बाहरी
लोग ने यहाँ क मूल जनजाितय को लगभग बेदखल ही कर िदया था। िश ा से दूर और सुिवधा से वंिचत यह
जनजातीय समाज शांितपूवक अपना जीवन िनवाह कर रहा था। उनक अपने पव , रीितय और अपने सामािजक
ताने-बाने म ही उनक िलए सभी खुिशयाँ थ । लगभग 300 वष अ थरता, अराजकता, शोषण, दमन, अपमान और
िनधनता क साए म रहकर भी इन जनजाितय ने अपने अ त व को बचाए रखा तो यह उनक िजजीिवषा ही ह।
इतने पर भी िबहार क लोग ने देश क ित अपने कत य का िनवाह िकया। इन लोग ने भारत क वतं ता सं ाम
म अतुलनीय योगदान िदया, िजसे िव मृत नह िकया जा सकता।
नोिनया िव ोह
यह िव ोह 1770 से 1800 ई. क बीच िबहार क शोरा उ पादक े हाजीपुर, ितर त, सारण और पूिणया म
आ था। इस काल म िबहार शोरा उ पादन का मुख क था। शोरा का उ पादन बा द बनाने क िलए िकया जाता
था। शोरा उ पादन करने का काय मु य प से नोिनया जाित ारा िकया जाता था। ि िटश कपनी और नोिनय क
बीच आसामी म य थ का काय करते थे, जो नोिनया लोग से क ा शोरा लेकर कारखान को देते थे। आसािमय
को ि िटश कपिनय ारा शोर क एक-चौथाई रकम अि म क प म िमलती थी। क मी शोरा क िलए 2 से 4
पए ित मन और क ा शोरा 1 से 4 आना ित मन आसामी कपनी से लेते थे तथा नोिनया लोग को 12, 14 या
5 आना ित मन देते थे, जबिक अ य यापारी जो कपनी से संबंिधत नह थे, वे नोिनया लोग को 3 पए ित मन
शोरा देते थे। अतः कपनी ारा नोिनया लोग का अ यिधक शोषण हो रहा था, इसिलए गु प से वे लोग
यापा रय को शोरा बेचने लगे। इसक जानकारी जब ि िटश सरकार को ई, तब उसने नोिनया लोग पर
रतापूवक कारवाई क ।
भारत म इस आंदोलन का नेतृ वकता उ र देश क सैयद अहमद बरलवी थे। इनका ज म 1776 ई. म
उ र देश क रायबरली म आ था।
वहाबी आंदोलन
अं ेजी शासन क िव भारतीय जन आंदोलन म वहाबी आंदोलन का भी मह वपूण थान ह। इस आंदोलन क
वतक अरब क अ दुल वहाब थे। इ ह ने मु लम समाज म या करीितय को दूर करने क उ े य से इस
आंदोलन को आरभ िकया। भारत म इस आंदोलन का नेतृ वकता उ र देश क सैयद अहमद बरलवी थे। इनका
ज म 1776 ई. म उ र देश क रायबरली म आ था। इ ह ने भारत म मु लम सा ा य क पतन क िलए ि िटश
शासन को िज मेवार माना तथा अं ेज क ारा अिधकत भारत को ‘दार-उल-हरब’ कहा और उसको समा
करक ‘दार-उल-इ लाम’ को थािपत करने क शपथ ली। इ ह ने प मो र सीमांत क कबीलाई अफगान क
सहायता से िसतना म एक वतं रा य का गठन िकया।
1821 ई. म अहमद बरलवी ने पटना का दौरा िकया, जहाँ िवलायत अली, इनायत अली, मुह मद सैन, फरहत
सैन आिद लोग उसक संपक म आए तथा पटना को वहाबी आंदोलन क मु य क क प म थािपत िकया।
ारभ म वहाबी आंदोलन एक धािमक आंदोलन था, िजसने बाद म आिथक एवं राजनीितक प धारण कर िलया।
यह आंदोलन अं ेजी शासन क िखलाफ भारतीय वाधीनता सं ाम और िनलह साहब , जम दार एवं सा कार क
बीच वग संघष क प म प रवितत हो गया। पंजाब म मुसलमान , कषक ने िसख जम दार क िखलाफ िव ोह
िकया। सैयद अहमद से े रत होकर तीतू मीर ने धनी िहदू और मु लम जम दार क िखलाफ आंदोलन चलाया।
1853 ई. म अं ेजी सेना वहािबय क दमन क िलए िसतना गई, जहाँ उ ह पराजय झेलनी पड़ी। 1858 ई. म
पुनः अं ेजी सेना को िसतना भेजा गया, िजसने वहािबय को परािजत कर वहाँ से भगा िदया। पटना म वहाबी
आंदोलन का नेतृ व िवलायत अली एवं इनायत अली ने िकया। इनायत अली ने दि ण भारत म हदराबाद को तथा
िवलायत अली ने उ र-प म म िसतना को अपना क बनाया था।
1844 ई. म िवलायत अली अपने 80 अनुयाियय क साथ अफगािन तान जा रह थे, लेिकन लाहौर म इ ह िगर तार
कर पटना भेज िदया गया। 1851-52 ई. म ये उ री-प मी सीमा ांत (वतमान पािक तान) गए, जहाँ ि िटश
सैिनक से लड़ते ए इनक मृ यु हो गई।
1857 ई. क िव ोह म वहाबी आंदोलन से जुड़ लोग ने बढ़-चढ़कर िह सा िलया। िवलायत अली एवं इनायत
अली क मृ यु क प ा वहाबी आंदोलन का नेतृ व मकसूद मौलवी अ दु ा ने िकया। उसने 1861 ई. म
मलका को अपना गढ़ बनाया। 1864 ई. म नेिवल चबरिलन ने वहािबय क नेता अहमदु ा को हराकर पोट लेयर
जेल भेज िदया। वहाबी आंदोलन क अ य नेता , जैसे—मुबारक अली, इ ाहीम मंडल, मुह मद इ माइल, आिमर
खान आिद को िगर तार कर कठोर आजीवन कारावास क सजा क गई। 1868-69 आते-आते वहाबी आंदोलन
क ऊजा लगभग समा हो गई और आंदोलन िशिथल पड़ गया।
इस कार कहा जा सकता ह िक वहाबी आंदोलन का उदय धािमक आंदोलन क प म आ, लेिकन यह आगे
चलकर एक राजनीितक आंदोलन बन गया। यह भारत से िवदेशी शासन को उखाड़ फकने एवं देश को वाधीन
बनाने क िलए भारतीय का िव ोह था। व तुतः यह सा ा यवाद क िखलाफ लड़ी जानेवाली लड़ाई थी।
लोटा िव ोह
1857 ई. क िव ोह क पूव ही 1856 ई. म मुज फरपुर म अं ेज क ित लोग का गु सा बढ़ रहा था। अं ेजी
शोषण एवं अ याचार क कारण लोग क मन म असंतोष बढ़ता जा रहा था। इसी समय मुज फरपुर क जेल म बंद
किदय ने िव ोह कर िदया, िजसे लोटा िव ोह कहा जाता ह। इस समय किदय को जेल क अंदर पीतल का लोटा
िदया जाता था, लेिकन सरकार ने अचानक िनणय िलया और पीतल क थान पर िम ी का लोटा देना ारभ
िकया। अतः किदय ने इसका िवरोध करना शु कर िदया। िव ोह क जेल क बाहर भी फलने क आशंका को
देखकर पुनः किदय को पीतल का लोटा देना शु कर िदया गया।
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5. वतं ता आंदोलन
(Freedom Movement)
1857 ई. का िव ोह
चंपारण स या ह
िखलाफत आंदोलन
असहयोग आंदोलन
सिवनय अव ा आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन
आजाद िहद फौज म ांितका रय क भूिमका
ांितकारी रा वादी िवचारधारा
वतं ता आंदोलन म मिहला क भूिमका
िकसान आंदोलन
समाजवादी आंदोलन
ि िटश काल म िश ा का िवकास
1857 ई. का िव ोह
अं ेज क स ा को भारत म सबसे सश जन आंदोलन का सामना 1857 ई. म करना पड़ा। रा ीय भावना क
जागरण क पूव ि िटश िवरोधी आंदोलन क ंखला म 1857 ई. का आंदोलन सबसे मह वपूण था। इस िव ोह म
िबहार ने काफ मह वपूण योगदान िदया। िबहार म यह आंदोलन 12 जून, 1857 को देवघर िजले क रोिहणी
(वतमान म झारखंड) नामक गाँव से ारभ आ। 32व रिजमट म कायरत तीन सैिनक ने ले टनट नामन ले ली
एवं सहायक साजट डॉ. ांट क ह या कर दी। मेरज मैप मैकडोना ड ने बड़ी कठोरता क साथ िव ोह को दबाया
एवं 16 जून, 1857 ई. को तीन िव ोही सैिनक को फाँसी पर लटका िदया गया। 32व रिजमट क कायालय को
रोिहणी से हटाकर भागलपुर थानांत रत कर िदया गया।
3 जुलाई, 1857 को पटना िसटी म अं ेज क िव संघष ारभ आ। इसका नेतृ व गुरह ा मुह ा क
पु तक िव ता पीर अली क ारा िकया गया। पीर अली क नेतृ व म लगभग 200 िव ोही मुगल स ा बहादुर
शाह का झंडा िलये पटना क सड़क पर िनकल पड़, िजनका मुकाबला अं ेज अिधकारी लायल एवं उसक
सैिनक क साथ आ। पीर अली ने लायल को गोिलय से भून डाला। इसक प ा पीर अली सिहत लगभग 16
िव ोिहय को िगर तार कर फाँसी पर लटका िदया गया। इसक सूचना िमलते ही दानापुर क तीन बटािलयन म
िव ोह आरभ हो गया।
बाबू कवर िसंह क सहयोिगय म उनक भाई अमर िसंह, भतीजा रथभंजन िसंह, िनशान िसंह, ह रिकशुन
िसंह, जयक ण िसंह तथा शाहाबाद क चार जम दार नरहनन िसंह, जोहन िसंह, ठाकर दयाल िसंह एवं
िवशे र िसंह मुख थे।
1857 ई. का िव ोह पटना क अलावा सारण, ितर त, आरा, शाहाबाद आिद े म तेजी से फल गया।
शाहाबाद िजले क जगदीशपुर टट क वीर राजपूत जम दार बाबू कवर िसंह क नेतृ व म िव ोह ारभ आ। बाबू
कवर िसंह क सहयोिगय म उनक भाई अमर िसंह, भतीजा रथभंजन िसंह, िनशान िसंह, ह रिकशुन िसंह, जयक ण
िसंह तथा शाहाबाद क चार जम दार नरहनन िसंह, जोहन िसंह, ठाकर दयाल िसंह एवं िवशे र िसंह मुख थे। वीर
कवर िसंह ने करीब 10 हजार सैिनक क साथ आरा क ओर थान िकया, िजसम दानापुर छावनी से िव ोह कर
आए सैिनक भी स मिलत हो गए। दानापुर क करीब 500 यूरोपीय और िसख सैिनक को क टन डनबर क नेतृ व
म आरा भेजा गया, लेिकन 29-30 जुलाई को उ ह परािजत होना पड़ा। बंगाल आिटलरी क मेजर िवनसट आयर ने
2 अग त को बीवीगंज पर आ मण िकया और अं ेज सैिनक को छड़ाने म सफल आ। 12 अग त को उसने
जगदीशपुर पर क जा कर िलया। कवर िसंह ने नाना साहब से िमलकर 26 माच, 1858 को आजमगढ़ म अं ेज
को हराया तथा 23 अ ैल, 1858 को क टन ली ांट क नेतृ व म आई ि िटश सेना को बुरी तरह परािजत िकया।
कवर िसंह वयं इस यु म घायल ए और दो िदन प ा उनक मृ यु हो गई। इस संघष को अमर िसंह ने आगे
बढ़ाया तथा शाहाबाद े पर िनयं ण कायम करने म सफल रह।
1857 ई. का िव ोह मुज फरपुर और गया े म भी यापक प से सा रत आ। मुज फरपुर से यूरोपीय
लोग ने पलायन करना शु िकया। वहाँ का िव ोह ‘लोटा िव ोह’ क नाम से िव यात आ, िजसे बाद म दबा
िदया गया। गया म िव ोही सैिनक ने जेल पर हमला कर अनेक िव ोिहय को मु कर िदया। नामदार खान क
नेतृ व म राजगीर परगना म िव ोह आ। इस इलाक म मामा िसंह, हदर अली खान, गुलाम अली खान, ननक
िसंह, फतह िसंह आिद ने िव ोह का नेतृ व िकया। 1857 ई. का िव ोह लगभग पूर रा य म फल गया था। य िप
मुंगेर का े इस िव ोह से अछता था।
महारानी िव टो रया ारा मादान क घोषणा क बाद इस े म िव ोिहय ने अपने हिथयार डाल िदए। 1859
ई. तक ि िटश स ा क बहाली न कवल िबहार, ब क सार देश म हो चुक थी, लेिकन 1857 ई. क इस
महासं ाम ने सार देश म एक नई जन-चेतना को ज म िदया।
कां ेस क थापना
कां ेस क थापना 28 िदसंबर, 1885 को बंबई क गोकलदास सं कत िव ालय म सेवािनवृ अं ेज िसिवल
सेवक ए.ओ. ूम ारा क गई थी, िजसक थम अ य ड लू.सी. बनज थे। इस अिधवेशन म 72 ितिनिधय
ने भाग िलया था, लेिकन िबहार का कोई ितिनिध शािमल नह था। कां ेस क 1886 ई. क कलकता क दूसर
अिधवेशन म िबहार क 31 ितिनिधय ने भाग िलया था, िजनम मौलवी सैयद शफ ीन, िवशे र िसंह, गु साद
सेन, गजाधर साद, मौलवी अहसान, जयनारायण वाजपेयी, बलदेव राय, गोिवंद चरण, पूणदु नारायण िस हा,
कलदीप सहाय, ई री साद, तेज नारायण िसंह, परमे र नारायण, शाह रजा सैन, शेख बा रश अली, िकशोरी
लाल हलधर आिद मुख थे। कां ेस का तीसरा अिधवेशन 1887 ई. म म ास म आयोिजत िकया गया था, उसम
िबहार क मा 2 ितिनिध शािल ाम िसंह एवं गु साद सेन ने िह सा िलया था। िबहार म कां ेस का थम
अिधवेशन 1912 ई. म पटना क बाँक पुर म आयोिजत िकया गया था। यह कां ेस का 27वाँ अिधवेशन था,
िजसक अ य ता रघुनाथ नरिसंह मधोलकर ारा क गई थी। इस अिधवेशन क महासिचव सि दानंद िस हा थे
तथा मौलाना मजह ल हक वागत सिमित क अ य थे। मौलाना मज ल हक 1915 ई. म बंबई म आयोिजत
कां ेस अिधवेशन म शािमल ए थे।
1916 ई. का 31वाँ कां ेस अिधवेशन लखनऊ म आयोिजत िकया गया था, िजसम िबहार क ितिनिध क प
म राजकमार शु स मिलत ए। उ ह ने गांधीजी से चंपारण आने का अनुरोध िकया था। चंपारण म नील क
खेती करने क िलए िकसान को बा य िकया जाता था, िजससे िकसान का शोषण हो रहा था, अतः 1916 क
कां ेस अिधवेशन म िबहार से संबंिधत 2 ताव पा रत िकए गए—
1. पटना यूिनविसटी िबल,
2. चंपारण क नील िकसान एवं उनक रयत क संबंध क जाँच से संबंिधत।
1922 ई. म कां ेस का 37वाँ अिधवेशन िबहार क गया म आयोिजत िकया गया, िजसक अ य देशबंधु
िचतरजन दास थे। इस अिधवेशन म यह िनणय िलया गया िक िवधाियका का बिह कार िकया जाएगा। िचतरजन
दास इस िवधेयक क प म नह थे।
1940 ई. म रामगढ़ (वतमान झारखंड) म भारतीय रा ीय कां ेस का 53वाँ अिधवेशन आ, िजसक अ य
मौलाना अबुल कलाम आजाद थे। रामगढ़ अिधवेशन म कां ेस क अं ेज क ित समझौतावादी नीित क िवरोध म
िबहार क िकसान नेता वामी सहजानंद सर वती एवं सुभाषचं बोस ने एक सभा का आयोजन िकया था।
होम ल आंदोलन
बाल गंगाधर ितलक एवं एनी बेसट क नेतृ व म 1916 ई. म पूर देश म ‘होम ल आंदोलन’ क शु आत क
गई, िजसका भाव िबहार म भी यापक प से देखा गया। पटना क बाँक पुर म 16 िदसंबर, 1916 को आयोिजत
एक सभा म होम ल लीग क थापना क गई। इसक अ य मौलाना मजह ल हक तथा उपा य खान बहादुर
सफराज सैन एवं राय बहादुर पूणदु नारायण िस हा को बनाया गया। सिचव क प म वै नाथ नारायण िसंह एवं
चं वंशी सहाय को िनयु िकया गया। पहली सभा म होम ल क सद य रहनेवाल म राज साद, मुह मद
आजम अली, एस.ए. समी, शंभूनारायण, ह रनारायण साद, ए.सेन, बी.बसु, परमे र लाल तथा ीक ण िस हा
थे। 18 अ ैल, 1918 को एनी बेसट पटना आई, िज ह पूणदु नारायण िस हा क िभखना पहाड़ी थत आवास पर
रखा गया। चंपारण िजले को छोड़कर िबहार म सव होम ल का चार आ। एनी बेसट ने दो बार वयं िबहार
क या ा क तथा आंदोलन को ती करने म मह वपूण योगदान िदया।
चंपारण स या ह
1765 ई. म मुगल शासक शाह आलम तीय ने िबहार और बंगाल क दीवानी का अिधकार ई ट इिडया
कपनी को स प िदया था। इस समय िबहार का चंपारण े नील क खेती क िलए िस था। इस समय चंपारण
बेितया रा य का िह सा था और यहाँ नील क 36 अं ेज ठकदार और 23 नील यापारी रह रह थे। इस े म नील
क खेती दो कार से होती थी—
1. जीरात,
2. असामीवार।
जीरात कोठीवाल क क जेवाली जमीन होती थी, िजसम िकसान अपने हल-बैल क सहायता से नील बोते थे,
लेिकन मजदूरी ब त कम िमलती थी। असामीवार म कोठीवाले रयत क ारा नील क खेती कराने क यव था
कराते थे। 1867 ई. से पूव तक रयत को 1 बीघा म 5 क ा पर नील क खेती करना अिनवाय बना िदया गया
था, लेिकन 1867 ई. म यह िनयम बना िदया गया िक येक बीघे म 3 क ा पर नील क खेती करना अिनवाय
ह। अतः इसे तीनकिठया णाली भी कहा गया। ‘तीनकिठया’ णाली ही चंपारण क िकसान क शोषण का मु य
कारण थी। िकसान को 1867 ई. क पहले तक 6.50 पए ित एकड़ नील क खेती क िलए िमलता था, िजसे
गोरले रपोट क आधार पर 1909 ई. से बढ़ाकर 13.50 पया कर िदया गया था।
पटना क बाँक पुर म 16 िदसंबर, 1916 को आयोिजत एक सभा म होम ल लीग क थापना क गई।
इसक अ य मौलाना मजह ल हक तथा उपा य खान बहादुर सफराज सैन एवं राय बहादुर पूणदु
नारायण िस हा को बनाया गया।
य िप चंपारण आंदोलन से पहले भी नील कषक ने शोषण क िखलाफ आवाज उठाई थी। 1860 ई. म बंगाल
क नील उ पादक ने ह र ं मुखज क नेतृ व म आंदोलन िकया था। 1866 से 1888 क बीच िबहार क दरभंगा
और चंपारण क नील उ पादक ने िव ोह िकया था। 1889-90 म बंगाल क जैसोर े क नील उ पादक ने
शोषण क िखलाफ िव ोह िकया था।
1860 ई. म बंगाल क नील उ पादक ने ह र ं मुखज क नेतृ व म आंदोलन िकया था। 1866 से
1888 क बीच िबहार क दरभंगा और चंपारण क नील उ पादक ने िव ोह िकया था।
चंपारण े म नील क खेती से िकसान क शोषण से संबंिधत आवेदन सरकार को िदया जा चुका था। 14
अग त, 1907 को कोठी क रयत ने एक आवेदन चंपारण क कले टर क पास भी िदया था, िजस पर कोई
कारवाई नह ई। अतः रयत ने कोठी क िलए नील बोना बंद कर िदया। इस कारण से 1908 ई. से कोठी ने
िकसान से पानी क िलए 3 पए ित बीघा रकम वसूलना ारभ कर िदया, िजसे ‘पैन खच’ कहा जाता ह। पैन
खच क अित र भी कई कार क कर िकसान पर लगा िदए गए, िजससे उनक थित अ यंत दयनीय हो गई।
इस समय लगाए गए अित र कर िन निलिखत थे—
1. पैन खच—यह नहर का पानी, जो िसंचाई क िलए िदया जाता था, क बदले िलया जानेवाला कर था, जो
ित बीघा 3 पया िलया जाता था।
2. सलामी—यह भी ित बीघा 3 पया क दर से वसूला जाता था, िजसे तीनकिठया या लगान भी कहा जाता
था।
3. बाँध बेहरी—यह ित 1 पया मालगुजारी पर 1 आना क दर से िलया जानेवाला कर था, जो पैन खच क
तरह िसंचाई क िलए िलया जाता था।
4. बेठमाफ —यह कषक से हल क बदले 3 पए सालाना िलया जानेवाला कर था।
5. बपही-पुतही—यह एक तरह का उ रािधकार कर था, जो रयत क मर जाने क बाद जायदाद ह तांतरण क
िलए उसक वा रस से िलया जाता था।
6. मड़वन—यह लड़क क शादी क समय कोठी वाले ारा 1 पए क दर से िलया जाता था।
7. सगौड़ा—यह िकसी िवधवा क सगाई क बदले 5 पए क दर से वसूल िकया जाता था।
8. को आवन—तेल अथवा ईख क पेराई क िलए को रखनेवाल से 1 पए क दर से वसूल िकया जाता
था।
9. चु हयावन—इस े म ह दी का उ पादन अिधक मा ा म होता था। अतः ह दी को उबालने क िलए रखे
जानेवाले चू ह पर ित चू हा 1 पया क दर से कर िलया जाता था।
10. बाटछपी—यह कर दूध और तेल बेचनेवाले दुकानदार से ितवष 1 पया क दर से िलया जाता था।
11. बेचाई—अनाज बेचनेवाले दुकानदार से 1 पए क दर से वािषक वसूला जानेवाला कर था।
12. हिथयाही—कोठीवाले हाथी खरीदने क िलए िकसान से कर वसूलते थे, िजसे हिथयाही कर कहा जाता
था।
13. हावही—यह कर रयत को कोठीवाल क बीमारी क खच क िलए देना पड़ता था।
14. आमदी सलामी—कोई अिधकारी अथवा सरकारी य जब िकसी गाँव म जाता था, तब रयत को ित
य 1 पए क दर से सलामी कर देना पड़ता था।
15. सरीदावन—यह कर मालगुजारी क रसीद क साथ 1 आना ित रसीद क दर से वसूला जाता था।
इसक अित र भी अनेक कार क कर आरोिपत िकए गए थे, जैसे—िसंगारहाट कर। यह कर उस थित म
वसूला जाता था, जब कोई ी हो जाती थी और िकसी दूसर पु ष क साथ रहती थी, तब उस पु ष से सजा
क प म यह वसूला जाता था।
इस तरह चंपारण े म अनेक कार क कर देने एवं नील क खेती करने से कषक का अ यिधक शोषण हो
रहा था, उनक थित दयनीय बनी ई थी। तीनकिठया णाली क अंतगत पुिलस एवं अिधकारी भी िकसान का
अ यिधक शोषण कर रह थे। वे नील यापा रय क मदद करते थे। इस अ याचार से तंग आकर िकसान ने अनेक
बार आंदोलन िकया, लेिकन उ ह दबा िदया गया।
1907-08 म िनलह क अ याचार क िखलाफ िकसान ारा एक गु संगठन थािपत िकया गया। महश
नारायण ने िबहारी नामक समाचार-प क मा यम से सरकार का यान इस ओर आकिषत िकया, लेिकन इसका
कोई लाभ नह आ। अंततः िबहार क कषक नेता राजकमार शु ने इस सम या को कां ेस एवं गांधीजी क
सम उठाने का काय शु िकया। राजकमार शु कानपुर म ‘ ताप’ समाचार-प क संपादक गणेश शंकर
िव ाथ से जाकर िमले और कषक शोषण क बार म बताया। 4 जनवरी, 1915 को गणेश शंकर िव ाथ ने
‘ ताप’ म ‘चंपारण म अँधेरा’ नामक लेख का काशन िकया। गणेश शंकर िव ाथ क सलाह पर ही राजकमार
शु गांधीजी से िमलने साबरमती आ म प चे, लेिकन उनक मुलाकात वहाँ गांधीजी से नह हो सक ।
िदसंबर, 1916 म लखनऊ क कां ेस अिधवेशन म िबहार क ितिनिध क प म ज िकशोर साद, ह रवंश
सहाय, गोरख साद, रामदयाल साद सा , पीर मुह मद मुिनश और पं. राजकमार शु ने भाग िलया। राजकमार
शु ने चंपारण क िकसान क सम या जानने क िलए गांधीजी से चंपारण आने का अनुरोध िकया। राजकमार
शु का ज म प मी चंपारण क चनपिटया बाजार क पास थत सतब रया नामक गाँव म आ था, लेिकन
उनका जीवन बेलवा कोठी क अंतगत मुरली भरहवा म यतीत आ। मुरली भरहवा कोठी म उनक जमीन थी और
वहाँ का नीलवर ए.सी. ए मन था, जो िनदयी एवं र था।
लखनऊ अिधवेशन म चंपारण से संबंिधत ताव को पास िकया गया और गांधीजी ने भी चंपारण आने क
राजकमार शु क िनमं ण को वीकार िकया। गांधीजी ने अपनी आ मकथा म िलखा ह, ‘राजकमार शु िबहार
क हजार लोग पर से नील क कलंक को धो देने क िलए कतसंक प थे।’ गांधीजी ने कलक ा जाने क म म 9
अ ैल, 1917 को राजकमार शु क साथ पटना क िलए थान िकया था। गांधीजी ने इस समय राजकमार शु
क संबंध म कहा, ‘अनपढ़ िन यमान िकसान ने मुझे जीत िलया।’ गांधीजी सबसे पहले मुज फरपुर प चे, जहाँ
आचाय जे.बी. कपलानी गांधीजी को अपने घर पर ले गए। 11 अ ैल, 1917 को गांधीजी ने मुज फरपुर म िबहार
लटस एसोिसएशन क मं ी जे.एम. िव सन से मुलाकात क , लेिकन उसने गांधीजी को मदद करने से मना कर
िदया। पुनः गांधीजी ने ितर त िडवीजन क किम नर एल.एफ. मौशड से मुलाकात क ।
4 जनवरी, 1915 को गणेश शंकर िव ाथ ने ‘ ताप’ म ‘चंपारण म अँधेरा’ नामक लेख का काशन
िकया। गणेश शंकर िव ाथ क सलाह पर ही राजकमार शु गांधीजी से िमलने साबरमती आ म
प चे, लेिकन उनक मुलाकात वहाँ गांधीजी से नह हो सक ।
जे.एम. िव सन एवं चंपारण क िजला मिज ट ने गांधीजी क मुज फरपुर से चंपारण जाने पर रोक लगा दी,
लेिकन गांधीजी रामनवमी साद क साथ 15 अ ैल, 1917 को चंपारण (मोितहारी) प चे, जहाँ मोितहारी क मुख
अिधव ा गौरव साद गांधीजी को अपने घर लेकर गए। गांधीजी ने चंपारण म सबसे पहले 16 अ ैल को जसौली
प ी का दौरा िकया। इस समय वहाँ धारा-144 लागू थी। अतः गांधीजी को धारा-144 क उ ंघन का दोषी करार
देते ए अिभयोग चलाया गया। गांधीजी को 100 पए जमानत देने क िलए कहा गया, लेिकन उ ह ने देने से मना
कर िदया। गांधीजी का मुचलका वयं मिज टरट ने भरा और उ ह रहा कर िदया। उसक बाद गांधीजी बेितया
प चे। उनक साथ जिकशोर साद भी थे। गांधीजी किड़या कोठी होते ए राजकमार शु क साथ बेलवा कोठी
प चे। इस म म गांधीजी क लोकि यता बढ़ती जा रही थी, लोग क भीड़ भी बढ़ती जा रही थी। अतः सरकार
ने आंदोलन क वर को नीचा करने क िलए 10 जून, 1917 को एक जाँच कमेटी िनयु क , िजसम महा मा गांधी
को भी सद य बनाया गया। 4 अ ूबर, 1917 को जाँच कमेटी ने अपनी रपोट दी तथा सरकार ने रपोट का
अ ययन करने क बाद 18 अ ूबर, 1917 को कािशत कर िदया। इसी रपोट क आधार पर 4 माच, 1918 को
चंपारण अिधिनयम का िनमाण िकया गया, िजस अिधिनयम क ारा तीनकिठया णाली का अंत कर िदया गया,
रयत क लगान घटा िदए गए, अ य कर को अवैध घोिषत कर िदया गया।
इस तरह िनलह ारा चंपारण क िकसान पर िकए जा रह यापक अ याचार का अंत आ, िजसम गांधीजी क
साथ-साथ सबसे बड़ी भूिमका राजकमार शु ने िनभाई। राजकमार शु ारभ से लेकर अंत तक इस आंदोलन
म लड़ते रह एवं 20 मई, 1929 को मोितहारी म उनक मृ यु हो गई। इस तरह गांधीजी ारा भारत म चलाया गया
थम स य एवं अिहसा का स या ह सफल आ।
िखलाफत आंदोलन
थम िव यु क दौरान तुक ने िम रा क िव ‘िखलाफत आंदोलन’ िकया था। यु म िम रा
क िवजय ई और उ ह ने तुक सा ा य को आपस म बाँट िलया। िम रा ने तुक क खलीफा का अपमान भी
िकया, जो उस समय इ लाम जग का धािमक नेता माना जाता था। िम रा , िवशेषकर ि िटश सरकार, ारा
क गई कारवाई से भारतीय मुसलमान भी आहत थे। अतः उ ह ने िवरोध व प ‘िखलाफत आंदोलन’ छड़ा।
गांधीजी क अ य ता म िद ी म अिखल भारतीय िखलाफत स मेलन 24 नवंबर, 1919 को आयोिजत आ,
िजसम सरकार क साथ असहयोग का ताव पा रत आ। शांित उ सव म भाग लेने क सवाल पर िवचार करने हतु
पटना क अंजुमन इ लािमया हॉल म 30 नवंबर, 1919 को एक सभा ई। इस सभा म हसन इमाम ने अ य पद
क िलए मौलाना शाह रसीदुल हक का नाम तुत िकया तथा राज साद ने उसका अनुमोदन िकया। मौलाना
अबुल कलाम आजाद क नेतृ व म भी राँची म एक ऐसा ही ताव पास िकया गया, िजसम अं ेज क साथ
असहयोग क बात क गई। 19 माच, 1920 को मुसलमान ने पूर िबहार म हड़ताल क । मुंगेर, भागलपुर,
मुज फरपुर, आरा एवं डालटनगंज म इसका यापक असर देखा गया। अ ैल म ‘िखलाफत आंदोलन’ क शीष
नेता मौलाना शौकत अली का पटना म आगमन आ। उनक सभाएँ िबहार क अनेक थल पर आयोिजत क गई।
‘िखलाफत आंदोलन’ क समथक म मौलाना मजह ल हक, ज िकशोर साद, राज साद, मुह मद सफ ,
मौलाना नू ल हसन, धरनीधर साद आिद मुख थे।
देश म कवल गुजरात एवं िबहार ही दो ऐसे ांत थे, िजनक ांतीय स मेलन ने कलक ा अिधवेशन क
पूव ही असहयोग का आ ान िकया था।
असहयोग आंदोलन
मुसलमान ने तुक क खलीफा क साथ अं ेज क ारा िकए गए दु यवहार क बदले ‘िखलाफत आंदोलन’
चलाने का फसला िकया। गांधीजी क नेतृ व म कां ेस ने भी अपना असंतोष य करने हतु ‘असहयोग आंदोलन’
चलाने का फसला िकया। 18-29 अग त, 1920 को िबहार ांतीय स मेलन का बारहवाँ अिधवेशन भागलपुर म
राज साद क अ य ता म संप आ। असहयोग संबंधी ताव दरभंगा क बाबू धरनीधर ने तुत िकया और
मुंगेर क शाह मुह मद जुबैर, पटना क गुलाम इमाम और मोितहारी क बाबू गोरख साद ने इसका अनुमोदन िकया।
ताव को भारी ब मत से वीकित दान क गई तथा पूर देश म ‘असहयोग आंदोलन’ चलाने का िनणय िलया
गया। देश म कवल गुजरात एवं िबहार ही दो ऐसे ांत थे, िजनक ांतीय स मेलन ने कलक ा अिधवेशन क पूव
ही असहयोग का आ ान िकया था। इस स मेलन म गांधीजी ारा सुझाए गए असहयोग काय म को ि या वत
करने हतु यावहा रक योजना तैयार क गई तथा एक सिमित का गठन िकया गया, िजसक सद य राज साद,
मजह ल हक तथा शाह मुह मद जुबैर थे।
िसतंबर, 1920 ई. लाला लाजपत राय क अ य ता म आयोिजत कलक ा क िवशेष अिधवेशन म गांधीजी क
असहयोग काय म को वीकार िकया गया तथा नागपुर म कां ेस क वािषक अिधवेशन म ‘असहयोग आंदोलन’
को पूण वीकित दान क गई। इसक अंतगत ऌप रषद क चुनाव का बिह कार भी िकया गया। प रणाम व प
मजह ल हक, राज साद, ज िकशोर साद, गोरख साद, धरनीधर साद तथा मुह मद सफ ने प रष क
उ मीदवारी से नाम वापस ले िलया। अनु ह नारायण िसंह, जनंदन साद, मथुरा साद, दीपनारायण िसंह,
ीक ण िसंह इ यािद ने अपनी वकालत छोड़ दी। छपरा क अवैतिनक दंडािधकारी मह साद ने अपने पद से
याग-प दे िदया। उ र िबहार क ‘िकसान आंदोलन’ क नेता वामी िव ानंद ने सरकारी नीितय क आलोचना
क । पटना लॉ कॉलेज क छा सैयद मुह मद शेर और िबहार नेशनल कॉलेज क छा अ दुल बारी एवं मुह मद
साक ने कॉलेज छोड़ िदया तथा बाद म अ दुल बारी उ पंथी नेता मािणत ए। िदसंबर, 1920 म अपनी
अ पकािलक िबहार या ा क म म गांधीजी क भाव व प 1921 ई. म रा ीय कल खोले गए। 5 जनवरी,
1921 को गांधीजी क इ छानुसार िबहार रा ीय महािव ालय क थापना क गई। 6 फरवरी, 1921 को जब
गांधीजी िबहार आए तो उ ह ने रा ीय महािव ालय एवं िबहार िव ापीठ का औपचा रक उ ाटन िकया। िबहार
िव ापीठ क कलपित एवं ितकलपित क पद पर मशः मजह ल हक और ज िकशोर साद तथा रा ीय
महािव ालय क ाचाय क पद पर राज साद आसीन ए। जुलाई, 1922 तक मुंगेर म ही कवल 6 रा ीय
िव ालय खोले गए। बाल गंगाधर ितलक क देहांत पर ितलक वराज कोश क थापना क गई। इसक िलए िबहार
ादेिशक कां ेस कमेटी ने एक ितलक वराज कोश सिमित का गठन िकया, िजसक संयोजक ीक ण बाबू बनाए
गए। 1921 ई. क अंत तक भारत का ांितकारी आंदोलन ऊचे िशखर पर प च चुका था। भारतीय जनता क साथ-
साथ िबहार म भी आंदोलन का यापक असर देखा जा रहा था। ऐसे म आंदोलन को दबाने क उ े य से ि िटश
सा ा यवािदय ने वयं युवराज ि ंस ऑफ वे स को भारत भेजा। 22 िदसंबर, 1921 को जब ि ंस ऑफ वे स
पटना आए, तब पूर शहर म हड़ताल रही। िबहार छा स मेलन ने अपने 16व अिधवेशन म हजारीबाग म सरला
देवी क अ य ता म ि ंस ऑफ वे स क बिह कार का िनणय िलया गया। िवरोध क इस कारवाई म िबहार क
अनेक नेता िगर तार ए तथा उन पर कठोर अ याचार िकया गया। इसका वणन मजह ल हक ने अपने प ‘द
मदर लड’ म िकया ह।
5 फरवरी, 1922 को उ र देश क देव रया म चौरी-चौरा नामक थान पर आंदोलनकारी िकसान ने थाने पर
हमला कर कई पुिलसकिमय को आग क हवाले कर िदया। महा मा गांधी को इस घटना ने त ध कर िदया और
उ ह ने ‘असहयोग आंदोलन’ को त काल वापस ले िलया। इस कार भारत सिहत िबहार म भी ‘असहयोग
आंदोलन’ कमजोर पड़ गया।
सिवनय अव ा आंदोलन
साइमन कमीशन क असफलता, ि िटश सा ा यवािदय का बढ़ता अ याचार, देशभर म बढ़ते सां दाियक दंगे,
रा वादी ांितका रय का आंदोलन जैसे अनेक कारण ने ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ को ज म देने म मह वपूण
भूिमका िनभाई। गांधीजी ारा वायसराय इरिवन क सम 11 सू ी ताव पेश िकया गया, िजनम मु य थे—संपूण
मिदरा िनषेध, भूिम लगान आधा हो, नमक कर का उ मूलन, िविनमय क दर म कमी कर एक िशिलंग चार पश
कर दी जाए, सेना संबंधी यय म 50 ितशत क कटौती, िवदेशी व क आयात पर रोक, वेतन म कटौती,
राजनीितक बंदी क रहाई, आ मर ा क िलए हिथयार रखने का लाइसस आिद। लॉड इरिवन ने गांधीजी क इन
माँग पर कोई यान नह िदया, िजसक कारण गांधीजी ने ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ ारभ करने का िन य
िकया।
5 जनवरी, 1921 को गांधीजी क इ छानुसार िबहार रा ीय महािव ालय क थापना क गई। 6
फरवरी, 1921 को जब गांधीजी िबहार आए तो उ ह ने रा ीय महािव ालय एवं िबहार िव ापीठ का
औपचा रक उ ाटन िकया।
12 माच, 1930 को गांधीजी ने 78 अनुयाियय क साथ साबरमती आ म से दांडी-या ा ारभ क । 24 िदन क
बाद लगभग 200 मील क ऌपैदल या ा कर 6 अ ैल, 1930 को दांडी प चकर गांधीजी ने नमक बनाकर नमक
कानून का उ ंघन िकया। दांडी माच म गांधीजी क साथ िबहार क िग रवरधारी चौधरी उफ ‘कारो बाबू’ ने भाग
िलया। शी ही यह आंदोलन िबहार क लगभग सभी े म आग क तरह फल गया। इस आंदोलन का नेतृ व
पटना म जग नारायण लाल, दरभंगा म स य नारायण िस हा एवं चतुरानन दास, मुंगेर म ीक ण िसंह और नंद
कमार िसंह, सारण म िगरीश ितवारी, चंि का िसंह, भरत िम एवं ी नारायण साद िसंह तथा मुज फरपुर म
रामदयालू िसंह, कनकधारी साद ठाकर, रामनंदन िसंह जैसे लोग ने िकया।
दांडी माच म गांधीजी क साथ िबहार क िग रवरधारी चौधरी उफ ‘कारो बाबू’ ने भाग िलया। शी ही
यह आंदोलन िबहार क लगभग सभी े म आग क तरह फल गया।
‘सिवनय अव ा आंदोलन’ शहरी े से ामीण े क ओर तेजी से बढ़ा और ामीण ने भी इस आंदोलन म
बढ़-चढ़कर भाग िलया। िवदेशी व का दहन, शराब क दुकान पर धरना तथा अ य रचना मक काय इस
आंदोलन क मु य काय म थे। मिहला ने भी इस आंदोलन म बढ़-चढ़कर भाग िलया। छोटानागपुर क ताना
भगत ने ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ म अिहसा मक प से बड़ पैमाने पर सरकार का िवरोध दशन िकया। छा
ने सरकारी कल छोड़ िदए, सरकारी नौकरी से अनेक लोग ने याग-प दे िदया, वक ल ने अपनी वकालत
छोड़ दी तथा अनेक लोग ने सरकारी उपािधय का याग कर आंदोलन का जहाँ एक ओर समथन िकया, वह
दूसरी ओर सरकार क ित अपना िवरोध दशन िकया। आंदोलन का अं ेजी शासन ने कठोरता क साथ दमन
िकया। िबहार म लगभग 13 हजार आंदोलनका रय क िगरऌ तारी ई तथा उन पर अनेक अ याचार िकए गए।
1930 ई. म इस आंदोलन क दौरान बढ़ही शहर पर आंदोलनका रय ने अपना अिधकार कर िलया था।
4 मई, 1930 को गांधीजी िगर तार िकए गए तथा िबहार म ीक ण िसंह सिहत अ य मुख नेता को
िगर तार िकया गया। राज साद एवं अ दुलबारी को गंभीर चोट आई। 9 मई, 1930 को िबहार क कां ेस कमेटी
ने अनु ह नारायण िसंह क अ य ता म ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ को वीकार िकया। इस आंदोलन क दौरान
िबहार म ‘चौक दारी कर बंदी आंदोलन’ काफ लोकि य आ। ‘नमक आंदोलन’ म पटना क ‘नखासिपंड
आंदोलन’ ने मह वपूण भूिमका िनभाई। 16 अ ैल 1930 को नमक कानून भंग करने क िलए पटना क नखासिपंड
नामक थान को चुना गया तथा ‘नखासिपंड चलो’ का नारा िदया गया। पटना नगर कां ेस कमेटी क सिचव और
अंिबका कांत िसंह क नेतृ व म कां ेस कायालय स या िहय का जुलूस नखासिपंड क ओर रखाना आ। यह
आंदोलन 16 अ ैल से 21 अ ैल, 1930 तक चला। इस समय एक और जुलूस रामवृ बेनीपुरी क नेतृ व म
नखासिपंड क ओर जा रहा था। पटना क अलग-अलग थान पर दशनका रय को रोका जा रहा था एवं उ ह
बंदी बनाया जा रहा था। कई थान पर आंदोलनका रय पर लाठी चलाई गई, िजसम ो. अ दुल बारी घायल हो
गए। बेनीपुरीजी, रामनाथ और अंिबका कांत िसंह को िगर तार कर छह-छह महीने क सजा दी गई। इसक िवरोध
म हसन इमाम क अ य ता म पटना क भवर-पोखर मैदान म एक सभा का आयोजन िकया गया, िजसका
आयोजन राज साद, अली इमाम और सि दानंद िस हा ारा िकया गया था।
चौक दार कर बंदी आंदोलन (1930 ई.) सबसे पहले मुंगेर, भागलपुर, सीवान आिद िजल म शु आ। इन
िजल म लोग ने चौक दारी कर देना बंद कर िदया और चौक दार को याग-प देने क िलए बा य िकया। यह
आंदोलन दरभगा, पटना, शाहाबाद, चंपारण, मुंगेर, पूिणया आिद े म भी फल गया, जहाँ लोग ने चौक दारी
कर देना बंद कर िदया था। 31 मई, 1930 को चौक दारी कर क िवरोध म भागलपुर क िबहपुर गाँव म वयंसेवक
का िनयिमत िश ण िशिवर ारभ आ, िजसे अवैध घोिषत कर िदया गया और पुिलस ारा कां ेस आ म पर
क जा कर िलया था गया। डॉ. राज साद और अ दुल बारी ने इसक िवरोध म िबहपुर म एक िवशाल रली का
आयोजन िकया, िजस पर पुिलस ने लाठी बरसाई। राज साद और अ दुल बारी को पुिलस लाठी चाज म गंभीर
चोट आई। 30 जून, 1930 को कां ेस को अवैध सं था घोिषत कर िदया गया तथा 5 जुलाई, 1930 को राज
साद को िगर तार कर िलया गया। िबहपुर थाने क लगभग 130 चौक दार ने इस घटना क िवरोध म याग-प दे
िदया था।
9 मई, 1930 को िबहार देश कां ेस कमेटी ने िवदेशी व और शराब क दुकान क आगे धरना देने का
ताव पा रत िकया था। इस ताव से े रत होकर छपरा जेल क किदय ने िवदेशी व को पहनने से इनकार
कर िदया और वदेशी व क माँग क । वदेशी व नह िमलने पर इन किदय ने कई िदन तक नंगे रहने का
िन य िकया, िजसे नंगी हड़ताल (1930 ई.) क नाम से जाना जाता ह। किदय क इस आचरण क आगे िववश
होकर जेल शासन को वदेशी व उपल ध कराने पड़।
12 माच, 1931 म पटना म राज साद क अ य ता म एक सभा ई, िजसम राजनीितक किदय को त काल
रहा करने क माँग क गई। 23 माच, 1931 को भगत िसंह एवं उनक सािथय को फाँसी िदए जाने क कारण
पटना सिहत पूर रा य म यापक िवरोध दशन िकया गया। 26 माच को पटना म पूण हड़ताल रही। 28 िदसंबर,
1931 को महा मा गांधी गोलमेज स मेलन से िनराश होकर भारत लौट और पुनः आंदोलन को तेज करने का
आ ान िकया। 4 जनवरी, 1932 को राज साद, ज िकशोर साद, क ण व भ सहाय, जग नारायण दास,
मथुरा साद, जापित िम जैसे नेता को िगर तार कर िलया गया। 7 जनवरी को ीक ण िसंह, नामधारी िसंह,
तेज वी साद एवं राम साद गु को तथा 9 जनवरी को िनरापण मुखज को िगर तार कर िलया गया। 26
जनवरी को पूर ांत म ‘ वाधीनता िदवस’ मनाया गया।
1932 ई. को ि िटश धानमं ी मैक डोना ड ने भारत क िहदू समाज म फट डालने क उ े य से सां दाियक
पंचाट क घोषणा क , िजसका महा मा गांधी ने िवरोध िकया तथा आमरण अनशन शु िकया। भीमराव अंबेडकर
एवं महा मा गांधी क बीच इस िवषय पर पूना समझौता आ और सां दाियक पंचाट को वापस ले िलया गया।
ह रजन क उ थान क िलए गांधीजी ने ‘ह रजन सेवक संघ’ क थापना क , िजसक अनेक शाखाएँ िबहार म भी
खोली गई। िबहार क जगजीवन राम एवं जगलाल चौधरी जैसे नेता ने ह रजन सेवक संघ म मह वपूण भूिमका
िनभाई। ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ 1933 ई. क म य आते-आते भावहीन होने लगा और उसको वापस लेने पर
िवचार िकया जाने लगा। तदनुसार 18 मई, 1933 को िबहार म कां ेस ने अपना आंदोलन थिगत कर िदया।
िवनोबा भावे थम य गत स या ही बने। िबहार म इस आंदोलन का काफ अ छा भाव पड़ा। 27
नवंबर, 1940 को िबहार म ीक ण िसंह थम स या ही बने।
य गत स या ह
1940 ई. म िबहार क रामगढ़ नामक थान पर भारतीय रा ीय कां ेस का 53वाँ अिधवेशन मौलाना अबुल
कलाम आजाद क अ य ता म संप आ। इस अिधवेशन म महा मा गांधी ने य गत स या ह का नारा िदया।
िवनोबा भावे थम य गत स या ही बने। िबहार म इस आंदोलन का काफ अ छा भाव पड़ा। 27 नवंबर,
1940 को िबहार म ीक ण िसंह थम स या ही बने। इस स या ह म छोटानागपुर क ताना भगत ने भी बढ़-
चढ़कर िह सा िलया। 27 नवंबर को ही ीक ण िसंह को िगर तार कर िलया गया, िजसक िबहार म ती
िति या ई। दूसर स या ही अनु ह नारायण बने, िज ह पटना िसटी म भाषण देते समय िगर तार िकया गया।
गया म गौरशंकर िसंह ने तथा िसलाव म यामनारायण िसंह ने स या ह का नेतृ व िकया। गया म कछ मिहलाएँ भी
स या ह क आरोप म िगर तार ई, िजनम ि यंवदा देवी, जगतरानी देवी, जानक देवी आिद मुख थ ।
भारत छोड़ो आंदोलन
1939 ई. म िविभ ांत म 28 माह तक सरकार चलाने क बाद कां ेस ने इ तीफा दे िदया था। इसक साथ ही
अं ेज क िव एक बड़ आंदोलन क भूिमका तैयार हो चुक थी। य िप 1940 ई. म य गत स या ह ारा
अपनी माँग को पूरा करवाने क कोिशश क गई थी, लेिकन इसम असफलता हाथ लगी थी। अमे रका तथा अ य
िम रा क ारा ि टन पर यह दबाव डाला गया िक वह तीय िव यु म भारतीय का िव ास ज द से
ज द हािसल कर। 22 माच, 1942 को यु काल म उ प प र थितय को शांत करने क िलए किबनेट िमिन टर
सर टड फोड ि स क नेतृ व म एक िमशन ि टन से भारत आया था, िजसे ‘ि स िमशन’ कहा जाता ह। ि स
ने भारतीय नेता को आ ासन िदया िक यु समा क बाद भारत को औपिनवेिशक रा य का दजा दे िदया
ई. म पटना क राममोहन राय सेिमनरी म 11व क ा म अ ययनरत थे। शहीद उमाकांत साद िस हा, जो रमणजी
क नाम से भी जाने जाते ह, का ज म 4 अपै्रल, 1923 को सारण िजले क नर पुर गाँव म आ था। 1942 ई. म ये
पटना क राम मोहन राय सेिमनरी म 11व क िश ा हण कर रह थे। शहीद सतीश साद झा का ज म भागलपुर
िजले क खड़हरा गाँव म आ था। इनक िपता का नाम जगदीश साद झा और माता का नाम ीमती ि पुरा देवी
था। ये पटना थत पटना कॉलेिजएट कल म िश ा हण कर रह थे। शहीद जगपित कमार का ज म 1923 ई. म
औरगाबाद िजले क ओबरा थाना क खराटी गाँव म आ था। इनक िपता का नाम सुखराज बहादुर और माता का
नाम देवरानी कवर था। शहीद जगपित कमार पटना क. बी.एन. कॉलेिजएट कल म अ ययन कर रह थे।
शहीद देवीपद चौधरी का ज म 16 अग त, 1928 को जमालपुर क िसलहट गाँव म आ था। इनक चाचा
राकश चं चौधरी, जयशंकर चौधरी और योग चं चौधरी वतं ता सेनानी थे। इनक प रवार क एक अ य सद य
कालीपद चौधरी को थाने म आग लगाने क जुम म 2 वष क सजा दी गई थी। देवीपद चौधरी पटना क िमलर हाई
कल क छा थे। वतमान म पटना िमलर हाई कल का नाम इ ह क नाम पर देवीपद चौधरी हाई कल ह।
देवीपद चौधरी और उनक िपता क ऊपर िलखी गई पु तक ‘देशसेवक िपता और शहीद पु ’ ह। शहीद राज िसंह
का ज म 5 िदसंबर, 1924 को सारण िजले क सोनपुर थाना क बनवारीचक गाँव म आ था। इनक िपता का नाम
िशवनारायण िसंह तथा माता का नाम ीमती जीरादेवी था। ये पटना थत िमलर हाई कल क छा थे। ये सदाकत
आ म म रहनेवाले नथुनी शमा ारा वतं ता संबंधी कहािनयाँ सुनते रहते थे, िजसक कारण इनक जीवन पर देश
क वतं ता क छाप पड़ने लगी। शहीद रामगोिवंद िसंह का ज म 1925 ई. म पटना िजले क दशरथा गाँव म आ
था। इनक िपता का नाम देवक नंदन िसंह और माता का नाम ीमती राम कवर देवी था। ये पटना िजला थत
पुनपुन हाई कल क छा थे। इस कल म वतं ता काल म महा मा गांधी और अ दुल ग फार खाँ जैसे नेता
आए थे, िजनक दशन का भाव इनक जीवन पर पड़ा था।
अं ेज ारा क गई इस कायरतापूण कारवाई से संपूण िबहार और अिधक आंदोिलत हो उठा। 12 ताव
पा रत कर सरकारी ित ान को पूण प से ठप करने का आ ान िकया गया। अनेक थान पर लोग िहसक हो
गए तथा ि िटश सेना क अिधका रय को मार भगाया। 13 अग त को गया म ी जग ाथ िम , ी कलाश राम
एवं ी मुई भी पुिलस क गोली क िशकार ए। 16 अग त, 1942 को ब सर िजला क डमराव म आंदोलन क
म म किपल मुिन, रामदास िव कमा, गोपाल कहार, सुखारी कहार, साधुशरण अहीर एवं बाले र दूबे क
पुिलस क गोली लगने से मृ यु हो गई।
11 अग त को शहीद होनेवाले थम आंदोलनकारी रामानंद िसंह पटना िजला क धन आ थाना थत
शहादत नगर ाम क िनवासी थे।
इस आंदोलन म सीवान िजला क महाराजगंज थाना पर झंडा फहराने क म म फलेना साद ीवा तव क
गोली लगने से मृ यु हो गई। फलेना साद क प नी तारा रानी ने थाना भवन पर झंडा फहरा िदया, िजसक बाद
उ ह िगर तार कर िलया गया। फलेना साद ीवा तव का ज म सीवान िजले क पचलखी गाँव म 1914 ई. म
आ था। 1933 ई. से अपनी प नी तारा देवी क साथ महा मा गांधी क वधा आ म म जाकर रहने लगे थे। वे
1936 ई. म उ िश ा ा करने क िलए लखनऊ चले गए, जहाँ सरकार क शोषणवादी नीितय क िखलाफ
जन-जागरण करने लगे, िजसक कारण फलेना साद एवं उनक प नी को जेल जाना पड़ा। जेल से छटने क बाद
अग त, 1942 क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म महाराजगंज म 16 अग त को वंसा मक कमेटी गिठत क गई थी,
िजसने एक बड़ जुलूस का आयोजन िकया था। जुलूस सरकारी िच क तोड़फोड़ करते ए थाने पर झंडा
फहराने क िलए प चा, िजसम फलेना साद क पुिलस क गोली लगने से मृ यु हो गई। इस घटना का वणन
उनक प नी तारा देवी ने ‘उनक याद’ शीषक पु तक म िकया ह। ी मह र साद 15 अग त, 1942 को सारण
िजले क सोनापुर रलवे टशन क पास गोली लगने से शहीद हो गए।
सीतामढ़ी क चैनपुर गाँव क ी जु बा सहनी ने 15 अग त, 1942 को आंदोलनका रय क साथ मीनापुर थाने पर
हमला कर िदया तथा थानेदार बॉलर को भीड़ ने िजंदा जला िदया। इस घटना क बाद जु बा सहनी को बॉलर क
ह या क जुम म िगर तार कर िलया गया और मुजऌ फरपुर म बनवारी लाल क साथ उ ह फाँसी दे दी गई।
जु बा सहनी का ज म 1906 ई. म चैनपुर गाँव म आ था। इनक िपता का नाम पाचू सहनी था। ारभ म
िभखनपुर चीनी िमल म मजदूरी का काम करते थे। चीनी िमल म अं ेज सुपरवाइजर से इनक झड़प हो गई।
अतः सुपरवाइजर को पीटने का आरोप लगाकर इनक िखलाफ वारट जारी िकया गया। इ ह ने महा मा गांधी
ारा चलाए गए ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ म बढ़-चढ़कर िह सा िलया। 1932, 1934 और 1942 म इ ह
जेल जाना पड़ा था। इ ह ने गाँव-गाँव घूमकर ‘नमक स या ह आंदोलन’, शराब क दुकान पर धरना, चौक दारी
ट स का िवरोध िवदेशी कपड़ का बिह कार संबंधी अिभयान चलाया। 1932 ई. म मुज फरपुर म शराब क
दुकान पर धरना देने क समय पुिलस ने इनपर लािठय से हार िकया। उसी समय जब पं. जवाहरलाल नेह
मुज फरपुर आए, तब उ ह ने कहा था िक जु बा भाई, इस लड़ाई म आप अकले नह ह, आपक साथ हम सभी
ह, सारा भारत आपक साथ ह। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म जब इनक िखलाफ वारट जारी िकया गया, तब इ ह ने
56 सािथय क ाण-र ा क िलए आ मसमपण कर िदया था। 38 वष क उ म 11 माच, 1944 को इ ह
फाँसी दे दी गई।
जु बा सहनी का ज म 1906 ई. म चैनपुर गाँव म आ था। इनक िपता का नाम पाचू सहनी था। ारभ म
िभखनपुर चीनी िमल म मजदूरी का काम करते थे।
13 अग त को मुंगेर म ‘आजाद िहदु तान’ नाम का एक लघु समाचार-प कािशत िकया गया, िजसम
सरकारी दमन का िवरोध िकया गया था। इसक जवाब म सरकार क तरफ से भी 26 अग त, 1942 से ‘मुंगेर
यूज’ नामक अखबार िनकाला जाने लगा, िजसम सरकार अपनी उपल धय को चा रत करने लगी।
इस आंदोलन क दौरान हाजीपुर म ी अमीर राय क पु क गोली लगने से मृ यु हो गई। 14 अग त, 1942 को
मधुबनी म सरकारी इमारत पर रा ीय वज फहराने क म म ी अकलू सा , गणेशी ठाकर और नथुनी शाह
शहीद हो गए। पूिणया म 27 अग त, 1942 को समाहरणालय पर झंडा फहराने का नेतृ व योग नारायण िसंह,
परमे र दास, शेख इसाहाक, मोती मंडल, सुखदेव भगत, कताई सा कर रह थे। इस म म ये सभी पुिलस क
गोली लगने से शहीद हो गए। इसी िदन किटहार म एक जुलूस ने थाने का घेराव िकया और रिज ी ऑिफस को
जला िदया गया। इस घटना से आ ोिशत होकर सरकार ने भीड़ पर गोली चलवा दी, िजसम धु्रव कमार कड,
रामाशीष िसंह, िबहारी शाह, रामाधार िसंह, कलानंद मंडल, दामोदर िसंह और मुंशी शाह क मृ यु हो गई। 29
अग त, 1942 को सहरसा म आंदोलनका रय पर गोली चलने से छह युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
इन आंदोलनका रय का नेतृ व काले र मंडल कर रह थे। सहरसा क न रयार गाँव क कदारनाथ ितवारी एवं
एकाढ़ गाँव क धीरो राय क मृ यु पुिलस क िपटाई क कारण भागलपुर जेल म ई थी।
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म िबहार क समाजवािदय —जय काश नारायण, राममनोहर लोिहया, अ णा आसफ
अली, अ युत पटवधन, शािल ाम िसंह, सूरज नारायण िसंह, सीताराम िसंह, गुलाबी सोनार, योग शु ा,
रामानंदन िम , गंगाशरण िसंह तथा अ य लोग ने मह वपूण भूिमका िनभाई। 1942 ई. म ही जय काश नारायण
को िगर तार कर हजारीबाग जेल म डाल िदया था। 1942 ई. म ही 8 नवंबर को दीपावली क रात म जय काश
नारायण, योग शु , सूय नारायण िसंह, गुलाली साद, शािल ाम िसंह और रामानंद िम जेल क दीवार
लाँघकर भाग िनकले। इन लोग क साथ िस सािह यकार रामवृ बेनीपुरी भी हजारीबाग स ल जेल म कद
थे, िज ह ने जेल से भागने म इन लोग क मदद क । जय काश नारायण अपने सभी सािथय क साथ सबसे
पहले गया प चे। गया प चने क म म ततरा गाँव क लोग ने इन लोग को मदद प चाई। गया क मानपुर होते
ए राजगीर क ओरल गाँव प चे। राजगीर से बनारस प चे। बनारस से अपने कछ सािथय क साथ नेपाल क
तराई म शरण ली। नेपाल म ही उ ह ने ‘आजाद द ते’ का िनमाण िकया तथा भूिमगत होकर आंदोलन का नेतृ व
िकया। आजाद द ते ने छापामार यु क णाली अपनाई। आजाद द ता म युवक को श का िश ण िदया
जाता था तथा सरकारी इमारत , संचार एवं रल प रवहन क साधन क तोड़-फोड़ एवं ि िटश सरकार क
िखलाफ आंदोलन क िलए भेजा जाता था। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ क मुख नेता क िगर तार हो जाने क
कारण अपने अंितम चरण म यह आंदोलन समाजवािदय क हाथ म आ गया था, िजसक कारण इस आंदोलन म
कषक एवं मजदूर वग क भागीदारी बढ़ी। 1943 ई. क अंत तक िबहार म हजार िगर ता रयाँ ई।
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म िबहार क िसयाराम दल ने मह वपूण भूिमका िनभाई थी। इस सेना का गठन भागलपुर
िजले क ितलकपुर िनवासी िसयाराम िसंह ारा िकया गया था। इस दल क मुख सद य पाथसारथी (खगिड़या
यायामशाला म अनुदेशक), िन यानंद िसंह (सेना क नौकरी से याग-प िदया था) तथा िबंदे री िसंह
(िनशानेबाज) थे। दीना और भुवने र ठाकर अ -श जुटाने का काम िकया करते थे। िसयाराम दल एक गु
श संगठन था, जो नौजवान को अ -श चलाने का िश ण देता था तथा िजसका उ े य गाँव क जनता
को संगिठत कर ाम वराज क थापना करना था। िसयाराम दल ने छापामार द ता तैयार कर छापामार णाली
को अपनाया तथा दो वष तक आंदोलन को चलाया। इस दल क मुख िसयाराम िसंह ने उ री-पूव िबहार क
अनेक िजल का दौरा िकया। जय काश नारायण क सलाह से 12 िदसंबर, 1942 को नेपाल म चतुरानन िसंह क
घर पर एक बैठक आयोिजत क , िजसक अ य ता िशव-शंकर साद मंडल ने क थी। 5 िदसंबर 1942 को
िसयाराम दल ने भागलपुर क िबहपुर म सभा का आयोजन कर शांित ि गेड एवं सैिनक ि गेड का गठन िकया।
इस तरह ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ अं ेजी नीितय क िखलाफ भारतीय जनता क जना ोश का प रणाम था। यह
आंदोलन एक तरह से ‘ वतं ता आंदोलन’ क समा का प रचायक भी था, य िक इसक बाद वतं ता- ा
क िलए स ा ह तातंरण क िलए वाता का दौर चला।
आजाद िहद फौज म ांितका रय क भूिमका
तीय िव यु क समय 15 फरवरी, 1942 तक जापान का िसंगापुर पर अिधकार हो चुका था। िम रा
क थित यु म खराब हो रही थी। ब त सार भारतीय को बंदी बना िलया गया था। इन भारतीय बंदी सैिनक
का स मेलन रासिबहारी बोस ने टो यो म 28 माच, 1942 को बुलाया, िजसम इिडयन नेशनल आम (INA) क
गठन का फसला िलया गया। 23 जून, 1942 को रासिबहारी बोस क अ य ता म बकॉक म भारतीय एकता लीग
का गठन िकया गया तथा सुभाषचं बोस को जमनी से जापान बुलाने का िनणय िलया गया। क टन मोहन िसंह ने
सबसे पहले INA क गठन का िवचार िदया तथा उ ह इसका कमांडर िनयु िकया गया। 4 जुलाई, 1943 को
िसंगापुर म सुभाषचं बोस ने इसका नेतृ व सँभाला।
क टन मोहन िसंह ने सबसे पहले INA क गठन का िवचार िदया तथा उ ह इसका कमांडर िनयु
िकया गया।
िसंगापुर म 21 अ ूबर, 1943 को सुभाषचं बोस ने ोिवजनल गवनमट ऑफ आजाद िहद नामक ांतीय
सरकार का गठन िकया तथा वह से रिडयो सारण िकया। इस ांतीय सरकार क मंि मंडल म िबहार क आनंद
मोहन सहाय जनरल से टरी थे। आनंद मोहन सहाय का ज म भागलपुर क जम दार प रवार म 10 िदसंबर, 1898
ई. को आ था। इनक िपता का नाम लालमोहन सहाय था। भागलपुर से मैि क एवं आई.एस-सी. क परी ा
उ ीण करने क बाद इ ह ने पटना मेिडकल कॉलेज म दािखला िलया, लेिकन उस समय देश म चल रह
‘असहयोग आंदोलन’ क भाव म आकर 1921 ई. म अपनी पढ़ाई छोड़ दी। त प ा इ ह ने 1922 तक डॉ.
राज साद क िनजी सिचव क प म काय िकया।
1922 ई. क गया कां ेस अिधवेशन क दौरान इनक मुलाकात सुभाषचं बोस से ई। गया कां ेस अिधवेशन क
अ य िचतरजन दास क इस समय सुभाषचं बोस िनजी सिचव थे। नेताजी से मुलाकात क बाद 1922-25 ई.
तक आनंद मोहन सहाय जापान म रह। इस अविध म ये ांितकारी रासिबहारी बोस और राजा मह ताप क
संपक म आए। रासिबहारी बोस िद ी म वायसराय पर बम फककर जापान चले गए थे। राजा मह ताप ने
थम िव यु क समय अफगािन तान म ांतीय सरकार का गठन िकया था, िजसक कारण ि िटश सरकार ने
उ ह पूर प रवार क साथ िगर तार कर िलया था, लेिकन वे कद से भागकर जापान प च गए थे। जापान म इस
समय आनंद मोहन सहाय ने नागासाक गुलाम नाग रक का एक स मेलन आयोिजत िकया, िजसम सभी गुलाम
देश क युवा को आंदोलन क िलए संगिठत करने का िनणय िलया गया तथा इस काय को करने क िज मेदारी
आनंद मोहन को स पी गई। आनंद मोहन सहाय कई देश से होते ए यापारी क वेश म 1925 ई. म भारत प चे
तथा गांधीजी, पं. नेह , िचतरजन दास, राज साद, मौलाना आजाद और सुभाषचं बोस से संपक साधा तथा
अपनी योजना से अवगत करवाया। 1926 ई. म इनका िववाह िचतरजन दास क भानजी सती देवी से आ। 1927
ई. म पुनः जापान प चकर ‘वायस ऑफ इिडया’ नामक समाचार-प कािशत िकया, िजसम भारत क लोग क
थित को उजागर करने का काय जापान म िकया। इस समाचार क ित अं ेजी और जापानी, दोन भाषा म
कािशत क जाती थी। इसी समय जापान म आनंद मोहन सहाय ने इिडपडस लीग क थापना क , जापान म
कां ेस क शाखा थािपत क तथा कोबे म भारतीय क िलए एक गे ट हाउस थािपत िकया। इस समय सुभाषचं
बोस कलक ा म नजरबंद थे तथा उनसे िमलना मु कल था। अतः गोपनीय ढग से सूचना प चाने म इनका
सहयोग नरगा (नाथनगर, भागलपुर) िनवासी मुबारक और मुतजा नामक दो भाइय ने िकया, जो जहाज म खलासी
का काम करते थे। 1939 ई. म जब आनंद मोहन सहाय जापान म थे, तभी तीय िव यु ारभ हो चुका था।
वे िव यु क दौरान ही नजरबंदी से भागकर अफगािन तान क रा ते जमनी प च चुक थे। जापान म आजाद
िहद फौज का गठन रासिबहारी बोस ारा िकया गया था, िजसक थम कमांडर क टन मोहन िसंह थे, लेिकन
आनंद मोहन सहाय क दबाव म सुभाषचं बोस को जमनी से जापान बुलाकर आजाद िहद फौज का नेतृ व स पा
गया।
नेताजी से मुलाकात क बाद 1922-1925 ई. तक आनंद मोहन सहाय जापान म रह। इस अविध म ये
ांितकारी रासिबहारी बोस और राजा मह ताप क संपक म आए।
1943 ई. तक ‘आजाद िहद फौज’ ने भारत क अंडमान और िनकोबार ीप पर क जा कर िलया था और
आनंद मोहन सहाय एवं सुभाषचं बोस ने िमलकर 30 िदसंबर, 1943 को इस ीप पर झंडा लहराकर आजादी
मनाई। इस समय आजाद िहद फौज का मु यालय रगून बन चुका था। यु म धीर-धीर जापान क थित कमजोर
होने लगी, रगून को अं ेजी सेना घेर चुक थी, िजससे लड़ने क िलए कनल चटज , दो त मुह मद खान तथा
आनंद मोहन सहाय क नेतृ व म एक टीम का गठन िकया गया था। आनंद मोहन सहाय यु काल म ही चीन होते
ए िवयतनाम प चे, जहाँ क मुख नेता हो-ची-िम ह से मुलाकात क । तीय िव यु क समा क बाद
िवयतनाम क साईगोन म इ ह िगर तार कर िलया गया। माच 1946 आजाद िहद फौज क अ य अिधका रय , िजन
पर िद ी क लाल िकला म मुकदमा चलाया गया था, क साथ इ ह भी रहा कर िदया गया। वतं ता क बाद
इनक प नी सती देवी ने नाथ नगर म बािलका िव ालय क थापना क तथा इ ह ने भागलपुर म सुंदरवती मिहला
महािव ालय थािपत िकया। 1950 ई. क बाद आनंद मोहन सहाय ने भारतीय िवदेश सेवा म थाईलड, मॉरीशस
आिद देश म राजदूत क प म काम िकया। 13 फरवरी, 1991 को इनका देहांत हो गया।
ांितकारी रा वादी िवचारधारा
वतं ता आंदोलन क इितहास म 1858 से 1885 ई. क बीच का काल भारत म रा ीयता क िवकास का काल
ह। 1885 ई. म भारतीय रा ीय कां ेस क थापना ई। उसक बाद से 1905 ई. तक रा ीय आंदोलन म
उदारवादी िवचारधारा का भाव रहा। ारिभक रा वादी आंदोलन ने युवावग को भािवत करने म सफलता
नह ा क , िजससे युवावग म आ ोश उ प हो रहा था। इसी म म 1905 ई. म लॉड कजन ारा बंगाल
िवभाजन क घोषणा कर दी गई। िजससे युवावग आ ोिशत हो गया और रा वादी ांितका रय का एक वग
रा ीय आंदोलन म उभरकर सामने आया। इस ांितकारी रा वाद से िबहार भी अछता न था। िबहार म ांितकारी
आंदोलन को ारभ करने का ेय डॉ. ान नाथ िम , बाबाजी ठाकर दास, कदारनाथ बनज , खुदीराम बोस,
फ चाक आिद को ह। ान नाथ िम का ज म 1870 ई. म आ था। इ ह ने डॉ टरी क पढ़ाई कलकता
िव िव ालय से पूरी क थी। बाद म इ ह वामी ानंद क नाम से जाना जाने लगा। बाबाजी ठाकर दासजी का
ज म गया म आ था। इ ह ने 1906-07 ई. म पटना म रामक ण सोसाइटी क थापना क थी। इ ह ने ‘द मदर
लड’ नामक समाचार-प का संपादन शु िकया था।
िबहार क मुज फरपुर म 30 अ ैल, 1908 को एक ांितकारी घटना घटी, िजसम खुदीराम बोस एवं फ
चाक ने िकसफोड नामक िजला जज क ह या का यास िकया। इन दोन ने िकसफोड क िफटन-कार पर बम
फका, लेिकन दुभा य से उस वाहन म बैठ बै र टर ि ं ले कनेडी क प नी तथा बेटी क मृ यु हो गई। जज िक स
फोड ‘ वदेशी आंदोलन’ क समय कलक ा का ेिसडसी मिज टरट था। उसने कई ांितका रय को सजा दी थी।
‘ वदेशी आंदोलन’ क समय िव लववादी दल क सद य ारा िलये गए राज ोहा मक लेख क कारण इसने दल
क सद य को कठोर दंड िदया था। अतः ांितका रय ने उसे मारने क योजना बनाई थी। इस योजना क सूचना
िमलने पर सरकार ने िक स फोड का थानांतरण कलक ा से मुज फरपुर म िजला जज बनाकर कर िदया था।
िव लववादी दल क सद य खुदीराम बोस एवं फ चं चाक ने उसक ह या करने क िलए मुज फरपुर म
उसक ब घी पर बम फका था।
इस घटना क बाद फ चं चाक ने आ मह या कर ली थी, जबिक खुदीराम बोस को सम तीपुर क पुसा
बैनी म िगर तार कर िलया गया था तथा 11 अग त, 1908 को उ ह फाँसी दे दी गई। खुदीराम बोस क ओर से ी
कालीदास बोस ने मुकदमा लड़ा था। खुदीराम बोस रा ीय आंदोलन म सबसे कम उ म फाँसी क सजा पानेवाले
ांितकारी थे। इनका ज म 3 िदसंबर, 1889 को बंगाल क िमदनापुर िजले म आ था। 1913 ई. म महत भगवान
दास क ह या नानकशाह मंिदर, िनभेज, शाहाबाद म कर दी गई। महतदास ने भी ांितकारी आंदोलन म भूिमका
िनभाई थी।
‘बंग-भंग आंदोलन’ क िवरोध म कलकता एवं ढाका म ांितका रय ारा अनुशीलन सिमित का गठन िकया
गया था। इस सिमित ारा ांितका रय को िश ण िदया जाता था। अनुशीलन सिमित का भाव िबहार े म
भी फल चुका था। िबहार क भागलपुर म रवती नाग, फिणभूषण भ ाचाय, निलनी बागची आिद ने अनुशीलन
सिमित क मुख नेता —सच सा याल, रासिबहारी बोस आिद क साथ िमलकर ांितकारी गितिविधय को
फलाया।
िबहार म ांितकारी आंदोलन को ारभ करने का ेय डॉ. ान नाथ िम , बाबाजी ठाकर दास,
कदारनाथ बनज , खुदीराम बोस, फ चाक आिद को ह।
िबहार म ांितकारी आंदोलन क इितहास म सं यासी बैकठ शु एवं योग शु का योगदान अिव मरणीय
ह। बैकठ शु का ज म वैशाली क जलालपुर गाँव म आ था। इ ह ने योग शु क साथ िमलकर हाजीपुर क
आसपास क े म ांितकारी गितिविधय को चलाने का काम िकया। ‘असहयोग आंदोलन’ म शािमल होने क
कारण बैकठ शु को छह माह क सजा सुनाई गई थी। लाहौर ष यं कस म सरकारी गवाह बननेवाले फाण
घोष को ांितका रय ने मारने का िज मा बैकठ शु को स पा था, िजसक उ ह ने बेितया म जाकर ह या कर दी।
हाजीपुर आने क म म बैकठ शु को पुिलस ने िगर तार कर मोितहारी जेल म रखा था। उ ह फाँसी क सजा
सुनाई गई और फाँसी क िलए गया स ल जेल म भेज िदया गया था, जहाँ 14 अ ैल, 1934 को उ ह फाँसी दे दी
गई। फाँसी से पूव गया म बैकठ शु क मुलाकात पं. जवाहरलाल नेह और राज साद से ई थी।
योग शु का ज म वैशाली क जलालपुर गाँव म 1898 म आ था। इनक िपता का नाम ी न क
शु था। इनक मुलाकात 1917 ई. म जे.बी. कपलानी एवं ो. मलकानी से ई, जो उस समय
मुज फरपुर क जी.बी.बी. कॉलेज क ोफसर थे।
योग शु का ज म वैशाली क जलालपुर गाँव म 1898 म आ था। इनक िपता का नाम ी न क शु था।
इनक मुलाकात 1917 ई. म जे.बी. कपलानी एवं ो. मलकानी से ई, जो उस समय मुज फरपुर क जी.बी.बी.
कॉलेज क ोफसर थे। िबहार अनुशीलन सिमित क फाण नाथ सा याल एवं स यदेव प र ाजक क संपक म
आने क बाद योग शु ांितकारी गितिविधय म और सि य हो गए। 1921 ई. म जब िपंरस ऑफ वे स क
भारत आगमन पर िवरोध दशन हो रहा था, उसम ी योग शु को िगर तार िकया गया था। सरदार भगत िसंह,
चं शेखर आजाद और राज लािहड़ी से मुलाकात होने क बाद ी योग शु ‘िहदु तान सोशिल ट रप लक
आम ’ क मुख सद य बने। 3 जुलाई, 1929 को मौलािनया राजनैितक डकती कस म ी योग शु क
िखलाफ िगर तारी का वारट िनकाला गया था। िहदु तान सोशिल ट रप लक आम ने जब लाहौर स ल जेल से
सरदार भगत िसंह को छड़ाने क योजना बनाई थी, उसम योग शु भी शािमल थे। 11 जून, 1930 को पुिलस ने
सारण िजले क मलखाचक गाँव से ी योग शु को िगर तार कर िलया एवं 22 वष क स म कारावास क
सजा सुनाई गई। िजस म म इ ह भागलपुर, हजारीबाग, कलकता और अंडमान क जेल म रखा गया। 1933 म
अंडमान जेल म इ ह ने भूख हड़ताल क । 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म इ ह पुनः िगर तार कर िलया
गया एवं हजारीबाग जेल म रखा गया, जहाँ जय काश नारायण, रामनंदन िम एवं सूरज नारायण िसंह भी कद थे।
हजारीबाग जेल से ये सभी भागने म सफल ए थे। ये 1948 ई. म जा समाजवादी दल क उ मीदवार क प म 5
वष क िलए िवधान प रष क सद य चुने गए थे। 19 नवंबर 1966 को इनक मृ यु हो गई।
1924 ई. क बाद से िबहार म ांितकारी गितिविधयाँ बढ़ गई थ । मोितहारी म 1928 ई. म िबहारी छा स मेलन
का आयोजन िकया गया था, िजसम ोफसर ान साहा क नेतृ व म िबहार युवक संघ क थापना क गई थी।
1929 ई. म पटना म भगत िसंह और बटक र द क िच और एक इ तेहार क हजार ितयाँ बाँटी गई थ ,
िजसक लेखक ान साहा थे। ान साहा को सरकार ने अितवादी िवचारधारा का ांितकारी घोिषत कर िदया था।
िबहार क ांितकारी नेता बटक र द ‘िहदु तान सोशिल ट रप लक आम ’ क सि य सद य थे। इनका
ज म कानपुर म 1910 ई. म आ था, लेिकन इनक कमभूिम िबहार रहा ह। अपने जीवन क ारिभक िदन म
सिचन सा याल और सुरश भ ाचाय जैसे ांितका रय से संपक म आने क कारण इनक अंदर भी ांित क
ाला उ प होने लगी। सिचन सा याल और सुरश भ ाचाय ने ही उस समय क सबसे बड़ ांितकारी नेता भगत
िसंह और चं शेखर आजाद से इनक मुलाकात करवाई। 1917 ई. क सी ांित से े रत होकर इस समय
भारतीय ांितका रय ारा ‘िहदु तान रप लकन आम ’ का गठन िकया गया था। इसक सद य क प म इ ह ने
भगत िसंह क साथ िमलकर 8 अ ैल, 1929 को िद ी िवधानसभा क क ीय हॉल पर बम फका। िजस समय इन
दोन ने बम फका, उस समय िवधानसभा म दो काले कानून को पा रत िकया जा रहा था। इस घटना क बाद इन
दोन को िगर तार कर िलया गया। दोन पर लाला लाजपत राय पर लाठी बरसानेवाले पुिलस अिधकारी सडस क
ह या का भी कस चलाया गया। भगत िसंह को फाँसी क सजा दी गई तथा बटक र द को अंडमान जेल
(कालापानी) म कद कर िदया गया। ये अंडमान जेल से 1938 ई. म रहा ए। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो
आंदोलन’ म पुनः इ ह बंदी बना िलया गया। इनक मृ यु वतं ता क बाद 20 जुलाई, 1965 को नई िद ी क
अिखल भारतीय आयुिव ान सं थान म ई।
िबहार म ांितकारी रा वादी आंदोलन क इितहास म गया ष यं का मुख थान ह। इस ष यं का संबंध
ांितकारी नेता कशव साद िस हा से ह। कशव साद का ज म 7 जून, 1906 को इजीिनयर अयो या साद क
घर आ था। कशव साद ने ारिभक िश ा गया क िजला कल से ा क । पुनः पटना थत बी.एड. कॉलेज
म िश ा हण करने लगे। ये मा 12 वष क अव था म 1918 म कां ेस क वािषक अिधवेशन कलक ा म
शािमल होने क िलए प च गए। रा ते म उनक मुलाकात मोतीलाल नेह से ई। इ ह 1928 ई. म पहली बार रा
िवरोधी गितिविधय क आधार पर िगर तार कर िलया गया तथा एक वष क अंदर तीन बार िगर तार ए। 1924 ई.
म कानपुर म थािपत िहदु तान रप लक एसोिसएशन से भािवत होकर कशव साद िस हा ने 1929 ई. म गया
क टी. मॉडल कल म युवक संघ क थापना क , िजसका संबंध सोशिल ट रप लक एसोिसएशन से था।
इसका उ े य फडरल रप लक ऑफ यूनाइटड ट स ऑफ इिडया क थापना करना था। इस उ े य क पूित
क िलए कशव साद ने गया क योनी पहाड़ और रामिशला पहाड़ पर आ नेया का िनमाण काय ारभ
िकया तथा धन जुटाने क िलए सरकारी खजान क लूट करने लगे। 1930 ई. म इपी रयल मेल को लूटने क
योजना, पामरगंज रलवे टशन पर डाकघर क कश को लूटने क योजना, डालटनगंज म रल-डकती योजना,
1932 ई. म गया म मेरिडथ और उनक सहयोगी क ह या क योजना आिद गया ष यं कांड क मुख
गितिविधयाँ थ । इन लोग क आतंक से भयभीत होकर गया जेल क सुप रटडट मेजर बोक ने जो जेल म बंद
ांितकारी महथ भगवान दास पर अ याचार कर रहा था, अ ैल, 1931 म आ मह या कर ली। इस समय
ांितकारी गितिविधय का क टकारी राज क पहसी कोठी, िजसे ‘सात आना राज’ कोठी भी कहा जाता था, बना
आ था। इस कोठी म ांितका रय क मदद बागे री शमा नामक य कर रहा था। 3 अग त, 1931 को
पहसी कोठी पर पुिलस ने छापा मारा, जहाँ से कारतूस, आ नेया आिद बरामद िकए गए। बंगाल क ांितकारी
नेता भात च वत क िगर तार होने पर उनक पास से ा द तावेज क आधार पर पुिलस ने इस कोठी पर 16
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ क समय 9 अग त, 1942 ई. को बंबई म आयोिजत कां ेस क स मेलन म भाग िलया था।
इ ह 8 जनवरी, 1943 को िद ी म िगर तार कर जेल भेज िदया गया तथा 3 अ ैल, 1946 को जेल से रहा ए।
ये वतं ता क बाद भी समाजवादी एवं मजदूर आंदोलन से जुड़ ए थे एवं ‘िहदू मजदूर सभा’ क थापना क थी।
ये 1952 ई. म डहरी ओन-सोन से िबहार िवधानसभा क सद य चुने गए थे। 1952 से 1962 ई. तक िबहार
िवधानसभा म िवप क नेता क प म काय िकया तथा 1962 से 1968 तक िबहार िवधान प रष क सद य रह।
1967 ई. म म, योजना और उ ोग मं ी क प म काय िकया तथा 7 अ ैल, 1989 को इनका देहांत हो गया।
वतं ता आंदोलन म मिहला क भूिमका
‘रा ीय आंदोलन’ म िबहार क न कवल छा , युवा वग, मजदूर, िकसान आिद ने योगदान िदया, ब क िबहार
क मिहला ने भी बढ़-चढ़कर िह सा िलया। ‘चंपारण स या ह’ क बाद मिहला क िह सेदारी रा ीय
आंदोलन म िनरतर बढ़ती चली गई। 1919 ई. तक क तूरबा गांधी एवं उनक अनुयायी ीमती सरला देवी, भावती
देवी, राजवंशी देवी, रािधका देवी आिद क नेतृ व म ‘मिहला आंदोलन’ एक संगठन का प ले चुका था।
‘असहयोग आंदोलन’ क समय 1921 ई. म सरला देवी क नेतृ व म सैकड़ िव ािथय ने सरकारी कल एवं
कॉलेज का बिह कार कर िदया था। उसी वष ीमती सािव ी देवी ने ि ंस ऑफ वे स क भारत आगमन क िवरोध
म सभा आयोिजत क थी। ‘असहयोग आंदोलन’ क दौरान िबहार क मिहला ने चरखा सिमित का गठन िकया।
चरखा सिमित क िनमाण म मुख भूिमका पटना क ीमती सी.सी. दास और ीमती उिमला देवी क थी। 1921
ई. म जब महा मा गांधी िबहार क दौर पर थे, तब उ ह ने देशबंधु मारक कोष क िलए धन सं ह करने का काय
शु िकया था। इस काय म उनका सवािधक सहयोग लोकनायक जय काश नारायण क प नी ीमती भावती
देवी ने िकया था।
‘सिवनय अव ा आंदोलन’ क समय भी िबहार क मिहला ने ‘नमक कानून’ भंग करने म मह वपूण भूिमका
िनभाई। इस म म ीमती शैलबाला राय ने संथाल परगना े म सैकड़ मिहला को नमक बनाने क िलए
े रत िकया। शाहाबाद िजले क ी रामबहादुर क प नी ने सासाराम थाने म जाकर ‘नमक कानून’ का िवरोध
िकया। हजारीबाग म आंदोलन क दौरान िजला कां ेस कमेटी क अ य ा ीमती सर वती देवी एवं ीमती साधना
देवी को िगर तार कर छह महीने क सजा सुनाई गई। जुलाई, 1930 म ीमती मीरा देवी को स या ह करने क
म म िगर तार कर िलया गया था। पटना म मिहला स या िहय ने िवदेशी व क दुकान पर धरना काय म का
आयोजन िकया। इस काय म का संचालन मिहला संगठन ारा िकया गया, िजसक ने ी ीमती हसन इमाम एवं
ीमती िवं यवािसनी देवी थ । िवदेशी व क बिह कार क िलए ीमती हसन इमाम उनक पु ी समी, ीमती
सी.सी. दास एवं उनक पु ी गौरी दास ने बढ़-चढ़कर िह सा िलया। इन लोग ने 3 अलग-अलग थान पर दशन
िकया। इन आंदोलनकारी मिहला से ही भािवत होकर मुंगेर क ीमती शाह मुह मद जुबैर भी आंदोलन म कद
पड़ । राम व प देवी ने ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ म गाँव म घूम-घूमकर आंदोलन म भाग लेने क िलए कई
मिहला को े रत िकया। उ ह 1931 ई. म िगर तार कर भागलपुर क स ल जेल म कद कर िदया गया था। इ ह
गांधी-इरिवन समझौते क बाद जेल से रहा कर िदया गया। चं ावती देवी, जो गया क रहनेवाली थ , ने ‘चौक दारी
कर’ क िवरोध म आंदोलन िकया। इसक कारण इ ह िगर तार कर िलया गया था।
23 माच, 1931 को जब भगत िसंह को फाँसी दी गई, तब उसक िवरोध म 30 माच, 1931 को आरा म कसुम
कमारी देवी ने एक िवशाल सभा का आयोजन िकया था तथा मंच से आ ान िकया, ‘‘नौजवानो, तुम पीछ य
हो, िब मल, भगत िसंह, खुदी राम क तरह अपने को कबान करने क िलए आगे य नह बढ़ते, भगत िसंह क
िकसान आंदोलन
भारतीय रा ीय आंदोलन म जहाँ एक ओर रा वािदय एवं ांितका रय ने मह वपूण भूिमका िनभाई, वह दूसरी
ओर देश क िकसान ने भी बढ़-चढ़कर िह सा िलया। ि िटश सा ा यवादी शोषणकारी नीित से सवािधक भािवत
लोग म िकसान ही थे। ि िटश िवभाजनकारी नीितय क कारण िबहार म िकसान क पंचमुखी वग करण क थित
थी। अं ेजी ई ट इिडया कपनी तथा उसक बाद ि िटश शासन ने अिधक से अिधक राज व क उगाही हतु यहाँ
क िकसान का अनेक तर पर शोषण िकया। जम दार , गुमा त , सा कार-महाजन आिद ने भी कषक का भरपूर
दोहन िकया। िकसान क संगिठत शोषण क िलए 1793 ई. म ि िटश कपनी क लॉड कानवािलस ारा िबहार,
बंगाल, उड़ीसा और बनारस े म थायी बंदोब त णाली लागू क गई, जो मूलतः जम दारी था थी। इस था
क तहत भू-राज व का 89 ितशत िह सा कपनी को और 11 ितशत िह सा जम दार को िमलता था। ारभ से ही
िकसान ने अपने शोषण एवं उ पीड़न का िवरोध िकया, लेिकन उनक आवाज को दबा िदया गया।
‘भारतीय रा ीय आंदोलन’ म िबहार क कषक ने भी मह वपूण भूिमका अदा क । 19व सदी क उतरा म
बड़ पैमाने पर बंगाल से िनलह बागान मािलक ने िबहार म आकर िकसान को अपना िशकार बनाया। उनक
िखलाफ िकसान ने 1866-67 ई. म पंडौल नामक थान पर िव ोह िकया। 1883-84 ई. म दरभंगा क राजा क
िखलाफ कषक ने एक बड़ा आंदोलन ारभ िकया। िबहार म कषक आंदोलन क वा तिवक शु आत ‘चंपारण
स या ह’ से मानी जाती ह। 1917 ई. म महा मा गांधी क नेतृ व म ‘चंपारण आंदोलन’ चलाया गया तथा लंबे
समय से चली आ रही तीनकिठया प ित का अंत िकया गया। ‘चंपारण आंदोलन’ से उ सािहत होकर वामी
िव ानंद ने मधुबनी िजले म ‘िकसान आंदोलन’ का नेतृ व िकया। 1922-23 ई. म मुंगेर म शाह मुह मद जुबैर एवं
ीक ण िसंह क ारा िकसान सभा का गठन िकया गया। िबहार म कषक आंदोलन क सबसे मुख य व
वामी सहजानंद सर वती थे। उनका ज म 1889 ई. म उ र देश क गाजीपुर िजले क देवा ाम नामक गाँव म
आ था, लेिकन उ ह ने िबहार क िकसान क सम या क ित अपने को समिपत कर िदया। उनक बचपन का
नाम नवरग राय था। इ ह ने 1906 ई. म प नी क मृ यु क बाद सं यास हण कर िलया। ये 1892 ई. म िबहार म
थािपत भूिमहार ा ण महासभा क सि य सद य बन गए और संगठन क मा यम से िकसान मजदूर नेता क प
म काय करना शु िकया। इ ह ने 1915 ई. म काशी से ‘भूिमहार ा ण’ नामक मािसक-प िनकालना शु
िकया, िजसम ा ण क जाितगत भावना का िवरोध िकया। उ ह ने ‘भूिमहार ा ण प रचय’ नामक एक पु तक
क रचना क , िजसका नाम बाद म ‘ िष वंश िब तर’ कर िदया। इसक अित र उ ह ने ‘ ा ण क थित’,
‘झूठा भय और िम या अिभमान’ क रचना क । इ ह ने कमकांड एवं योितषशा से संबंिधत ‘कमकलाप’ नाम
पु तक क भी रचना क थी।
इ ह ने िदसंबर 1920 ई. म गांधीजी से भािवत होकर पटना म उनसे मुलाकात क एवं कां ेस म शािमल होने
का िनणय िलया। इ ह ने पटना क पास िबहटा म थत सीताराम आ म को राजनीितक संघष का क बनाया। वे
1924 ई. म अहमदाबाद म आयोिजत कां ेस क अिधवेशन म शािमल ए तथा वापस लौटकर ब सर े म
कां ेस सद यता अिभयान चलाया। इन गितिविधय क साथ ही साथ वे िकसान क िलए संगठन बनाना चाहते थे,
इसक िलए िबहटा म ‘प मी पटना िकसान सभा’ नामक सं था का गठन 4 माच, 1928 को िकया, जो ‘िकसान
आंदोलन’ क इितहास म मील का प थर सािबत आ। मुज फरपुर क राम दयालु िसंह एवं यमुना काय क साथ
िमलकर िबहार ांतीय िकसान सभा क गठन का िनणय िलया और सोनपुर मेले क अवसर पर 1929 ई. म इसका
गठन िकया। इसक अ य वामी सहजानंद सर वती एवं सिचव ीक ण िसंह को िनयु िकया गया। इस सभा म
यह भी िनणय िलया गया िक राजनीितक मामल म ‘िकसान सभा’ कां ेस क नीितय का िवरोध नह करगी। 1929
ई. म िबहार म सरदार ब भ भाई पटल का आगमन होने से एवं 1930 ई. म गांधीजी ारा ‘सिवनय अव ा
आंदोलन’ शु करने से िकसान आंदोलन म और ती ता आ गई। ‘नमक आंदोलन’ म पटना िजला थत िव म
आ म म नमक कानून तोड़ने क अपराध म वामी सहजानंद सर वती को िगर तार कर छह माह क सजा सुनाई
गई। इ ह पहले बाँक पुर जेल म और पुनः हजारीबाग स ल जेल म रखा गया। ये िसतंबर 1930 ई. म रहा होने क
बाद िबहटा क आ म म रहने लगे और िकसान आंदोलन को सि य करने का काम िकया।
इस समय िव यापी मंदी का असर िकसान आंदोलन पर भी पड़ रहा था, िजसका लाभ उठाकर जम दार ने
अपने िहत क र ा क िलए ‘यूनाइटड पॉिलिटकल पाट ’ का गठन िकया, िजसक अ य दरभंगा क महाराजा एवं
सिचव िशवशंकर झा थे। इस पाट क थापना का उ े य िकसान आंदोलन से अपने आपको सुरि त रखना था।
18 जून, 1933 को ांतीय िकसान सभा क कायका रणी सिमित म िकसान क सम या को जानने क िलए एक
सिमित का गठन िकया, िजसक सद य यमुना काय , चंद नंदन शमा, युगल िकशोर िसंह, ब ी नारायण िसंह,
यदुनंदन शमा तथा वामी सहजानंद सर वती थे। इस सिमित ने गया े क िकसान क सम या को संगृहीत
िकया, िजसे ‘गया क िकसान क क ण कहानी’ नाम से सहजानंद सर वती ने पु तक का प िदया। 1934 ई. म
पु षो म दास टडन ने सहजानंद सर वती को सुझाव िदया िक रा ीय तर पर िकसान सभा का गठन िकया जाए।
अंततः 1936 ई. म लखनऊ म अिखल भारतीय िकसान सभा क थापना वामीजी क सभापित व म आ, िजसक
थम अ य वामी सहजानंद सर वती बने तथा महासिचव क पद पर एन.जी. रगा क िनयु क गई।
अंततः 1936 ई. म लखनऊ म अिखल भारतीय िकसान सभा क थापना वामीजी क सभापित व म
आ, िजसक थम अ य वामी सहजानंद सर वती बने तथा महासिचव क पद पर एन.जी. रगा क
िनयु क गई।
1937 ई. क चुनाव क बाद िकसान सभा का कां ेस से मोह भंग होने लगा और य िक कां ेस जम दार से
गठबंधन करने लगी थी। उनका मानना था िक कां ेस पूँजीपितय , जम दार एवं महाजन क र क सं था बनती जा
रही ह। अंततः वामी सहजानंद सर वती ने कां ेस क िखलाफ स या ह आंदोलन शु कर िदया, िजसक कारण
इ ह कां ेस से बाहर कर िदया गया। 1940 ई. म इ ह िगर तार कर हजारीबाग जेल भेज िदया गया। इस काल म
इ ह ने ‘िद अदर साइड ऑफ िद िश ड’ तथा ‘रट रीड शन इन िबहार—हाऊ इट व स’ नामक पु तक क रचना
क । इ ह ने नारा िदया ‘डडा हमार पास ह लगान कसे लोगे’। 6 िदसंबर, 1948 को उ ह ने कां ेस क सद यता से
इ तीफा दे िदया था। 26 जून, 1950 ई. को इनका देहांत हो गया।
िबहार म िकसान आंदोलन से जुड़ एक मुख य व शीलभ याजी थे। इनका ज म पटना िजले क
ब तयारपुर म 22 माच, 1906 को आ था। इनक िपता का नाम पं. िशवटहल याजी एवं माता का नाम रशमी
देवी था। ये ‘िकसान सभा’ क सि य सद य म से एक थे तथा 1941 ई. म इसक मं ी भी रह थे। अिखल
भारतीय िकसान सभा क इकाई का गठन वामी सहजानंद ारा सभी िजल म िकया गया था। पटना िजला
िकसान सभा का नेतृ व शीलभ याजी को स पा गया था।
िबहार म िकसान आंदोलन से जुड़ एक मुख य व शीलभ याजी थे। इनका ज म पटना िजले क
ब तयारपुर म 22 माच, 1906 को आ था।
शीलभ याजी ने भगत िसंह, चं शेखर आजाद, योग शु जैसे ांितकारी नेता एवं आचाय नर देव,
जय काश नारायण एवं अ युत पटव न समाजवादी नेता आिद क साथ रहकर काम िकया। जब 1928 ई. म
कलकता म कां ेस क वािषक अिधवेशन म िबहार क ितिनिध क प म प चे, तब इनका संपक सुभाष चं बोस
से आ। 1930 ई. म ‘असहयोग आंदोलन’ क म म पटना म िगर तार ए तथा बाँक पुर स ल जेल म 8 महीने
तक कद रह। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ क समय इन पर फॉवड लॉक क नीितय का यापक भाव
पड़ा और इनक िवचार म ांितकारी प रवतन आया। इ ह ने 1942 ई. म बंबई म आयोिजत अिखल भारतीय
कां ेस कमेटी क बैठक म भाग िलया था। सुभाष चं बोस से संपक थािपत कर इ ह ने ‘आजाद िहद फौज’ क
गठन म उनका सहयोग िकया। बंबई म नेताजी सुभाष चं बोस से संपक थािपत करने क अपराध म सं यासी क
वेश म िगर तार कर इनपर िद ी क लाल िकले म 1944 ई. म मुकदमा चलाया गया। शीलभ याजी 1930 ई. से
1947 तक साढ़ सात साल िविभ जेल म कद रह तथा ढाई वष अ ातवास म िबताए। 28 जनवरी, 1966 को
इनक मृ यु हो गई।
जय काश नारायण एवं आचाय नर देव क नेतृ व म 1934 ई. म युवा गितशील लोग क ारा कां ेस क
अंदर ही कां ेस समाजवादी पाट का गठन िकया गया। इसक नेता ने वामी सहजानंद सर वती ारा चलाए जा
रह कषक आंदोलन को भरपूर समथन िदया। 1837 ई. क चुनाव म कांगे्रस को भारी सफलता ा ई। इससे
उ सािहत होकर अ दुल बारी एवं रामवृ बेनीपुरी जैसे नेता ने नई सरकार क सम जम दारी उ मूलन का
ताव रखा, लेिकन इस िदशा म कोई िवशेष गित नह ई। वतं ता क बाद 1952 ई. म संवैधािनक प से
जम दारी को समा िकया जा सका, िफर भी भूिम पर सामािजक प से ऊची जाित क िहदु का ही िनयं ण
थािपत था। वामी सहजानंद क नेतृ व म करीब 50 हजार िकसान ने िवधानसभा का घेराव कर धानमं ी
ीक ण िसंह एवं कां ेस अ य राज साद क िव नारबाजी क गई। म य िबहार म कायानंद शमा क नेतृ व
म बड़िहया नामक थान पर ‘बका त आंदोलन’ चलाया गया। यह आंदोलन शोिषत तथा पीिड़त िकसान ारा
जम दार से बका त भूिम क प म प रवितत अपनी रयत भूिम वापस लेने का यास था।
ारभ म कषक आंदोलन पटना, शाहाबाद, मुंगेर, सारण, मुज फरपुर, दरभंगा आिद िजल म ारभ आ, जो
बाद म संपूण िबहार म फल गया। कां ेस ने जम दार क ित समझौतावादी नीित अपनाई। ीक ण िसंह एवं राज
साद जैसे नेता ने िकसान से अपना आंदोलन वापस लेने का आ ह िकया, लेिकन िकसान आंदोलन जारी रहा।
यदुनंदन शमा ने गया म, रामानंदन िम ने दरभंगा म, रा ल सांक यायन ने छपरा म, यमुना काय ने सारण म
िकसान आंदोलन को नेतृ व दान िकया। तीय िव यु क समय वामी सहजानंद सर वती मा सवादी
िवचारधारा क ओर आकिषत होने लगे और वग संघष क आधार पर िकसान आंदोलन को ले जाने का िनणय
िकया। इसक कारण जय काश नारायण ने ‘रड िकसान सभा’ का गठन िकया। समाजवािदय से अलग होने क
कारण िकसान आंदोलन कमजोर होने लगा।
इस कार कहा जा सकता ह िक 1930 क प ा िबहार म कई मह वपूण कषक आंदोलन ने ज म िलया तथा
भारतीय वतं ता सं ाम को मजबूती दान क । कषक आंदोलन क कारण ही वतं ता ा क प ा रा य
सरकार ारा भूिम सुधार संबंधी अनेक कानून बनाए गए।
मजदूर आंदोलन
थम िव यु क समा क बाद देश क अिधकतर कल-कारखान एवं उ ोग से बड़ पैमाने पर िमक
क छटनी क जाने लगी तथा उनक काय-दशा, थित और भी िचंताजनक होने लगी थी। िमक क आिथक
िहत क र ा क िलए िमक तथा अ य बु जीिवय ारा देश म 19व सदी क उ रा म म आंदोलन क
लगा िदया गया। इसी कानून क अंतगत िबहार सरकार ने भारतीय लेबर पाट क सिचव िशिशर राय एवं संगठन
सिमित क सद य स य च वत को तथा बंगाल लेबर पाट क अ य रहमान खान को िबहार आने से मना कर
िदया गया।
1942 ई. क ‘अग त ांित’ क फल व प झ रया तथा कतरास म हड़ताल ई और जमशेदपुर म हजार
मजदूर क सभा ई।
1942 ई. क ‘अग त ांित’ क फल व प झ रया तथा कतरास म हड़ताल ई और जमशेदपुर म हजार
मजदूर क सभा ई। इस दौरान किटहार पटसन िमल म भी हड़ताल रही। 13 अग त, 1942 को लगभग 10 हजार
मजदूर क एक भीड़ ने किटहार क रिज ी ऑिफस पर आ मण कर लूट िलया। 10 जून, 1944 को िबहार टरड
यूिनयन कां ेस क एक बैठक िग रडीह म ई, िजसम 40 रा य ितिनिधय सिहत लगभग 300 लोग ने भाग
िलया। 16 जनवरी, 1947 क AITUC क क ीय कमेटी क बैठक ई, िजसम मजदूर क सम या क समाधान
हतु 18 माच, 1947 को पूर भारत म ‘माँग िदवस’ मनाने का िनणय िलया गया। इस िनणय क अनुसार बाँक पुर म
सी.पी.आई. ारा 18 माच, 1947 को आम सभा का आयोजन ान िवकास मै ा क अ य ता म िकया गया।
िबहार टरड यूिनयन कां ेस क सहायक सिचव हबीबुरहमान ने छा नेता कामता िसंह एवं ज िकशोर साद क
साथ िमलकर परड मैदान म 25 माच, 1947 को आम सभा क तथा पुिलसकिमय को भी हड़ताल पर जाने क
सलाह दी। 26 माच, 1947 क जुलूस म ‘खून का बदला खून से लगे’, ‘बंदूक का जवाब बंदूक से दगे’ जैसे नार
लगाए गए। इसी कार 12 अ ैल, 1947 को AITUC से संब यूिनयन ने हड़ताल क घोषणा क तथा ‘लाल
झंड क जय, इस बार शासन हम करगे’, ‘मजदूर रा य कायम हो’ जैसे नार िमक ारा लगाए गए। 17-20
जून, 1947 तक सी.पी.आई. क नेतृ व म पटना म िविभ मजदूर संगठन का स मेलन िकया गया। इस स मेलन
म ान िवकास मै ा तथा जग ाथ सरकार ारा कोयला एवं रल उ ोग से जुड़ िमक को संबोिधत िकया गया।
सी.पी.आई. क दो पाट सद य ी कदार दास एवं िनहाल िसंह को जमशेदपुर म िनषेधा ा तोड़ने एवं िटन लेट
उ ोग तथा िट को म हड़ताल करवाने क कारण िगर तार िकया गया।
इस कार कहा जा सकता ह िक िबहार म िमक आंदोलन ने उदारवादी व प से ारभ होकर एक सश
राजनीितक व प धारण िकया।
समाजवादी आंदोलन
कां ेस ारा ‘असहयोग आंदोलन’ को अचानक थिगत करने तथा ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ क असफलता
ने देश क युवा म हताशा भर दी थी। वे ‘रा ीय आंदोलन’ को लेकर िवचिलत होते िदखाई दे रह थे। उ ह यह
अनुभव हो रहा था िक कां ेस दि णपंथी सामंत क इशार पर काय कर रही ह। कां ेस पूण प से गैर- गितशील
एवं िढ़वादी हो गई ह। कां ेस म प र थितय क अनु प प रवतन लाना समय क माँग हो गई थी। कां ेस को
गितशील बनाने क िलए देश क युवा क साथ िबहार क युवा भी याकल थे। दूसरी ओर 1917 ई. क स क
बो शेिवक ांित ने युवा को समाजवाद क पथ पर अ सर होने क िलए ेरणा ोत का काय िकया था। इस
तरह ांितकारी समाजवािदय एवं अंतरा ीय समाजवादी आंदोलन ने िबहार म समाजवादी िवचारधारा को सा रत
करने का काय िकया।
देश क वतं ता आंदोलन को गित देने क उ े य से सव थम िबहार क युवा ने 1931 ई. म ‘िबहार
सोशिल ट पाट ’ क थापना क । इसक सं थापक म मुख थे—गंगा शरण िस हा, रामवृ बेनीपुरी, रामानंद िम
इ यािद। इसक बाद 1934 ई. म पटना क अंजुमन इ लािमया हॉल म औपचा रक प से भारतीय कां ेस
समाजवादी पाट क गठन क घोषणा क गई। इसका अ य आचाय नर देव तथा सिचव जय काश नारायण को
बनाया गया। जय काश नारायण का ज म 11 अ ूबर, 1902 को िबहार क सारण िजले क िसताबिदयारा नामक
गाँव म आ था। इ ह जे.पी. तथा ‘लोकनायक’ क नाम से भी जाना जाता ह। इनक िपता का नाम हसुल दयाल
ीवा तव और माता का नाम फलरानी देवी था। ारिभक िश ा पटना कॉलेिजएट कल, पटना से हण क थी।
1920 ई. म इनका िववाह भावती देवी क साथ आ था। भावती देवी कई वष तक क तूरबा गांधी क साथ
गांधी आ म म रही थ । जय काश नारायण ने पहले पटना कॉलेज म नामांकन कराया, लेिकन रा ीय आंदोलन से
भािवत होकर कॉलेज छोड़कर िबहार िव ापीठ म 1922 ई. तक पढ़ाई क । 1922 ई. म अमे रका उ िश ा
हण करने क िलए चले गए, जहाँ बकले िव िव ालय म अ ययन िकया। 1929 ई. म अमे रका से भारत लौट।
इस समय भारत म रा ीय आंदोलन तेज हो चुका था तथा जय काश नारायण जवाहरलाल नेह और महा मा
गांधी क भी संपक म भी आ चुक थे। ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ क दौरान िसतंबर, 1932 म म ास म िगर तार
कर नािसक जेल म कद कर िदया, जहाँ अ युत पटव न, अशोक मेहता, एम.आर. मासानी, एम.एच. दंतेवाला,
सी.क. नारायण वामी जैसे समाजवादी सोचवाले नेता क संपक म आए तथा इ ह लोग से भािवत होकर
‘कां ेस सोशिल ट पाट ’ क थापना क ।
1934 ई. म जब भारतीय रा ीय कां ेस ने चुनाव म भाग लेने का िनणय िलया, तब जय काश नारायण ने
कां ेस सोशिल ट पाट क ओर से िवरोध िकया। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म इ ह िगर तार करक 9
माह क सजा दी गई तथा हजारीबाग जेल म कद कर िदया गया। आंदोलन क दौरान ही योग शु एवं अ य
सहयोिगय क साथ जेल से भाग गए तथा नेपाल े म भूिमगत होकर आंदोलन चलाया। इस समय इ ह ने
‘आजाद िहद द ता’ का गठन िकया था।
वतं ता क बाद भी रा िनमाण म मह वपूण भूिमका िनभाई। 1957 ई. म राजनीित से सं यास ले िलया था,
लेिकन पुनः कांगे्रस क नीितय क िवरोध म एवं आपातकाल क दौरान राजनीित म सि य हो गए। 1965 ई. म
समाज-सेवा क े म ‘मै सेसे पुर कार’ से एवं 1998 ई. म मरणोपरांत ‘भारतर न’ से स मािनत िकया गया।
इ ह ने 1975 म देश म लागू िकए गए आपातकाल क िवरोध म आंदोलन िकया तथा ‘संपूण ांित’ का नारा िदया।
8 अ ूबर, 1979 ई. को पटना म इनक मृ यु हो गई।
1934 ई. म जब भारतीय रा ीय कां ेस ने चुनाव म भाग लेने का िनणय िलया, तब जय काश
नारायण ने कां ेस सोशिल ट पाट क ओर से िवरोध िकया।
भारतीय कांगे्रस समाजवादी पाट क िवकास म अ य लोग ने भी मह वपूण योगदान िदए, िजसम मुख
गंगाशरण िस हा, रामवृ बेनीपुरी, अ दुल बारी, रामानंदन िम , योग शु , अवधे र साद िस हा,
अंिबकाकांत, फलन साद वमा आिद थे। भारतीय कां ेस समाजवादी पाट ने जहाँ एक ओर कां ेस को ि िटश
शासन िवरोधी बनाने म सहायता क , वह उसने िमक और िकसान म राजनीितक चेतना जा करने का काय
िकया। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ क दौरान ‘कां ेस समाजवादी पाट ’ क नेता ने अभूतपूव रा ीयता
का प रचय िदया। उ ह ने भूिमगत होकर आंदोलन को नेतृ व दान िकया। उ ह िगर तार कर जेल म शारी रक एवं
मानिसक उ पीड़न िकया गया, लेिकन वे िवचिलत नह ए। समाजवािदय का रा ीय आंदोलन म अभूतपूव
योगदान रहा।
सा यवादी आंदोलन
िबहार म सा यवादी आंदोलन का भी अ य आंदोलन क तरह अपना िवशेष मह व ह। इस आंदोलन ने िबहार म
मु य प से कषक एवं िमक म राजनीितक जाग कता पैदा करने म मह वपूण भूिमका िनभाई। 1917 ई. क
बो शेिवक ांित िव सिहत िबहार क लोग म भी जागृित लाने म सफल रही। िबहार म सा यवादी िवचार का
सव थम सावजिनक प से चार- सार 1921 ई. म झ रया क कोयला मजदूर क िलए िसंगार वे ू चे यार ने
िकया। उ ह ने अपने संबोधन म सा यवादी िवचारधारा से िमक को अवगत कराया। 1922 ई. म कांगे्रस क गया
अिधवेशन म सा यवादी नेता एम.एन. राय ने अपने िवचार य िकए। वे िबहार क मजदूर , कषक तथा युवा
को आकिषत करने म सफल ए।
1925 ई. म एम.एन. राय ारा भारतीय कां ेस पाट क थापना कानपुर म क गई, लेिकन इसका भाव
िबहार क युवा पर भी पड़ा। वे सा यवादी िवचारधारा से े रत होकर इस आंदोलन क अिभ अंग बने। 1930
ई. म अिनल मै ा, सुनील मुखज , रतन राय, िव नाथ माथुर जैसे सा यवादी युवा को आतंकवादी गितिविधय
क आरोप म िगर तार िकया गया। जेल से िनकलने क बाद इ ह ने 20 अ ूबर, 1932 को मुंगेर म भारतीय
क युिन ट पाट , िबहार शाखा क थापना क । पाट क सं थापक म सुनील मुखज , रा ल सांक यायन, ान
िवकास मै ा, िवनोद िबहारी मुखज , अिनल मै ा आिद मुख थे। इस आंदोलन म मु य भूिमका िनभानेवाले अ य
ांितकारी नेता म अली अशरफ, क णचं चौधरी, चं शेखर िसंह, गंगाधर दास, राजकमार पुरवे, िव नाथ
लाल, िकशोरी न िसंह, तेज नारायण झा, मुह मद सफ , जग ाथ सरकार आिद थे।
कायानंद शमा एवं रा ल सांक यायन क नेतृ व म िबहार म ‘बका त आंदोलन’ चलाया गया, जो सीमांत
िकसान क भूिम वापसी से संबंिधत था।
कायानंद शमा एवं रा ल सांक यायन क नेतृ व म िबहार म ‘बका त आंदोलन’ चलाया गया, जो सीमांत
िकसान क भूिम वापसी से संबंिधत था। कदार दास, चतुरानन िम , फण नाथ द , तेजा िसंह, मंगल िसंह जैसे
युवा ने िबहार क कषक एवं मजदूर क बीच अनेक कार क संरचना मक काय िकए तथा अनेक सा यवादी
िमक संगठन क थापना क । ि िटश शासन ने सा यवादी पाट को उसक ांितकारी गितिविधय क कारण
ितबंिधत कर िदया। फल व प सा यवादी नेता भूिमगत होकर आंदोलन को नेतृ व दान करते रह। तीय
िव यु क दौरान सा यवािदय ने नाजी शासन को परा त करने क उ े य से ि िटश शासन को सहयोग
िकया। अतः भारत म जन आंदोलन को भावी बनाने म तथा िकसान एवं मजदूर को अिधकार क िलए संघष हतु
े रत करने म सा यवािदय ने मह वपूण भूिमका िनभाई।
ि िटश काल म िश ा का िवकास
आधुिनक िश ा
ाचीन काल से ही िबहार िश ा का मह वपूण क रहा ह। िबहार थत नालंदा िव िव ालय देश ही नह ,
िव क मुख िश ण क म माना जाता था। देश म वा तिवक प से पा ा य िश ा का आरभ 1835 ई. से
माना जाता ह। देश क साथ ही िबहार म भी पा ा य िश ा का आरभ माना जाता ह। लॉड मैकाले योजना क तहत
पा ा य िश ा क िवकास पर जोर िदया गया, साथ ही यह घोषणा क गई िक अं ेजी िश ा दान करनेवाले
िश ण सं थान को िव ीय सुिवधा उपल ध कराई जाएगी। अंगे्रजी िश ा को बढ़ावा देने क िलए अनेक
बु जीिवय ने समथन िकया। िटकारी क महाराजा िम िजत िसंह, हथुआ क महाराजा छ धारी शाही, दरभंगा
महाराजा िसंह आिद ने अं ेजी िश ा को लोकि य बनाने क िलए उदारतापूवक आिथक सहायता दान क ।
भारत क गवनर जनरल लॉड िविलयम बिटक ने पा ा य िश ा को बढ़ावा देने क िलए अनेक सरकारी यास
िकए। 1835 ई. म अं ेजी िश ा क िलए पूिणया म, 1838 म िबहारशरीफ तथा 1840 म भागलपुर म ऐसे ही
िव ालय क थापना क गई। इसक बाद पटना, आरा, छपरा, मुज फरपुर, मुंगेर, देवघर, हजारीबाग आिद जगह
पर एक-एक िजला कल क थापना क गई। भागलपुर म सैिनक क ब क िलए िश ा हतु भागलपुर िहल
कल क थापना क गई। 1847 ई. म पटना म संत जोसेफ कल तथा 1856 ई. म संत माइकल कल क
थापना क गई।
ारभ म पा ा य िश ा को लेकर िबहार क िनवािसय म अनेक कार क ाितयाँ थ , िजसक कारण इसका
लाभ कवल बंगािलय ने उठाया। 1861 ई. म बंगाल क िश ा िनदेशक, ड यू.एस. एटिकसन ने िबहार क
शैि क िपछड़पन क समी ा क और कहा िक िबहा रय ने अ ानता एवं िढ़वादी ि कोण क कारण आधुिनक
िश ा से अपने को दूर रखा, िजससे वे सरकारी सेवा म भत से वंिचत रह गए।
1866 ई. म िबहार म बंगािलय ने एक आधुिनक बािलका िव ालय क थापना क । यायाधीश िगरीशचं घोष
ने पटना कॉलेज क ाचाय मैिकडल क सहयोग से पटना म एक बािलका िव ालय क थापना क । राजमहल,
भागलपुर तथा दरभंगा म मिहला िव ालय खोले गए। 1887 ई. म भागलपुर म तेजनारायण जुबली कॉलेज क
थापना क गई। 1889 ई. म क ह रया क जम दार िवशे र िसंह ने पटना म बी.एन. कॉलेज तथा 1897 ई. म
राजा कमले री साद अं ेजी उ िव ालय एवं िव टो रया जुबली कल को िमलाकर मुंगेर म डी.जे. कॉलेज
क थापना क । 1899 ई. म हजारीबाग म कोलंबस कॉलेज क थापना ई।
1909 ई. म सैयद नवाब रजवी ने बी.एन.आर. िश क टरिनंग कॉलेज, गुलजारबाग, पटना क थापना क तथा
इसी वष पटना लॉ कॉलेज क थापना क गई। 1 अ ूबर, 1917 को पटना िव िव ालय क थापना से िबहार
म उ िश ा का माग श त आ। जे.जी. जेिव ंस को पटना िव िव ालय का थम कलपित बनाया गया। राम
बहादुर इदल िसंह ने 1920 ई. म नालंदा कॉलेज क थापना िबहारशरीफ म क । वतं महािव ालय क प म
1927 ई. म पटना साइस कॉलेज क थापना क गई। 1938-39 म चं धारी िमिथला कॉलेज, दरभंगा तथा राज
कॉलेज, छपरा क थापना से िबहार म आधुिनक िश ा क चार- सार म मह वपूण सहायता िमली। पा ा य
िश ा को गित दान करने क उ े य से 1938 ई. म बेिसक एजुकशन बोड क थापना क गई।
िनःसंदेह आधुिनक िश ा का चार- सार रा य क सभी माँग म धीर-धीर संभव आ। इससे लोग म
सामािजक, राजनीितक चेतना का ज म आ और पृथक िबहार रा य क िनमाण म आंदोलन का सू पात आ।
तकनीक िश ा
िबहार म आधुिनक तकनीक िश ा का चार- सार ब त बाद म आ। कछ तकनीक िश ण सं थान को
छोड़कर अिधकतर सं थान क थापना पृथक िबहार ांत गठन अथा 1912 ई. क बाद ही ई। िबहार म उ
िश ा क शु आत 1863 ई. म थािपत पटना महािव ालय क थापना से मानी जाती ह। सम तीपुर क पूसा म
1902 ई. म पशु जनन तथा डयरी फॉम क थापना क गई। लॉड कजन ने 1904 ई. म किष अनुसंधानशाला क
थापना क , जो 1919 ई. से इपी रयल ए ीक चर रसच इ टी यूट क नाम से जानी गई। िबहार ांत क गठन क
कछ वष बाद 1917 ई. म पटना िव िव ालय तथा 1925 ई. म ि ंस ऑफ वे स मेिडकल कॉलेज क थापना
क गई। ि ंस ऑफ वे स मेिडकल कॉलेज बाद म पटना मेिडकल कॉलेज क नाम से िस आ।
सैयद इमदाद अली क ारा 1972 ई. म मुज फरपुर म ‘िबहार साइिटिफक सोसाइटी’ क थापना क गई। यह
सं था इजीिनय रग क अ ययन हतु काफ सहायक िस ई। इजीिनय रग क पढ़ाई से संबंिधत 1874 ई. म पटना
म एक ‘सव िव ालय’ क थापना क गई, जो आगे चलकर ‘ कल ऑफ इजीिनय रग’ क नाम से जाना गया।
कल ऑफ इजीिनय रग कालांतर म िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग क नाम से िस आ। वष 2004 म
िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग को भारत सरकार ने ‘नेशनल इ टी यूट ऑफ ट ॉलोजी’ (NIT) का दजा दान
िकया।
इजीिनय रग क पढ़ाई से संबंिधत 1874 ई. म पटना म एक ‘सव िव ालय’ क थापना क गई, जो
आगे चलकर ‘ कल ऑफ इजीिनय रग’ क नाम से जाना गया। कल ऑफ इजीिनय रग कालांतर म
िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग क नाम से िस आ।
वष 1921 म िबहार िवधानप रष ने एक ताव पा रत कर आयुविदक िश ा णाली ारभ क । इसक
फल व प 1926 ई. म पटना म गवनमट आयुविदक कल खोला गया। िबहार म कला को ो सािहत करने क
उ े य से 1939 ई. म पटना म ‘गवनमट कल ऑफ आट ऐंड ा स’ क थापना क गई। िबहार म िव ान
क पढ़ाई को बढ़ावा देने क उ े य से पटना कॉलेज से पृथक कर पटना साइस कॉलेज क थापना 1927 ई. म
क गई। िबहार क गवनर सर हनरी िमलर ारा 1927 ई. म िबहार वेरनरी कल क थापना पटना म क गई, जो
1947 ई. म कॉलेज क प म प रवितत आ। 1940 क दशक म दरभंगा मेिडकल कल क थापना क गई, जो
बाद म दरभंगा मेिडकल कॉलेज ऑफ हॉ पटल क प म िव यात आ।
वतं ता- ा क बाद क एवं रा य सरकार ारा अनेक तकनीक सं था क थापना क गई। वष 2006
म इजीिनय रग क िश ा हतु बी.आई.टी. ए सटशन क शाखा पटना म थािपत क गई। बंधन सं थान क प म
वष 2008 म पटना म चं गु बंधन सं थान तथा वष 2015 म भारतीय बंधन सं थान क थापना क गई।
इजीिनय रग एवं मेिडकल कॉलेज क थापना िबहार म अनेक थान पर क गई। वष 2008 म पटना म
आई.आई.टी. क थापना क गई। इसी कार वष 2008 म दरभंगा, नालंदा एवं गया म इजीिनय रग कॉलेज खोले
गए। वा य सुिवधा को यान म रखकर रा य सरकार ने वष 2009 म बेितया म तथा वष 2010 म मधेपुरा म
मेिडकल कॉलेज क थापना क । क सरकार ारा वष 2012 म पटना म ए स क थापना क गई।
वतमान समय म िबहार म किष को उ ोग का दजा दान िकया जा चुका ह तथा इसक िवकास हतु अनेक
अनुसंधान क क थापना क गई ह। भारतीय किष अनुसंधान प रष का पूव े ीय कायालय पटना म थािपत
िकया गया ह। िबहार क मुज फरपुर म किष अनुसंधान क अव थत ह। म ा अनुसंधान क क थापना
बेगूसराय म क गई ह। किष को बढ़ावा देने क उ े य से पटना म जल बंधन अनुसंधान क क थापना क
गई ह।
इस कार कहा जा सकता ह िक ि िटश काल से आरभ आधुिनक तकनीक िश ा का िवकास वतमान समय म
भी जारी ह।
ितिथ मावली
आधुिनक काल
1857 ई. (12 जून)—रोिहणी (देवघर) म िसपािहय का िव ोह।
1857 ई. (3 जुलाई)—पटना म पीर अली क नेतृ व म जनता का िव ोह।
सि दानंद िस हा, महश नारायण तथा अ य नेता ने िबहार म पूण वाय शासी थानीय सरकार क गठन क
माँग क । भाषा क आधार पर नए ांत क गठन ने जोर पकड़ा। व तुतः भाषा क आधार पर अलग ांत क गठन
का यह भारत म पहला आंदोलन था।
उ ीसव सदी का अंितम दशक आते-आते बंगाल रा वािदय तथा ांितका रय क शरण थली बन गया था।
ि िटश शासन क िलए यह घोर िचंता का िवषय था। वह ांितका रय को कमजोर करने क उ े य से अितशी
बंगाल का िवभाजन करना चाहते थे। सि दानंद िस हा एवं महश नारायण ने अनुकल प र थित को यान म
रखकर ले. गवनर चा स इिलयट तथा एले जडर मैकजी को पृथक िबहार क िनमाण हतु मार-प स पा, लेिकन
इस पर कोई िवशेष यान नह िदया गया।
सि दानंद िस हा एवं महश नारायण ने अनुकल प र थित को यान म रखकर ले. गवनर चा स
इिलयट तथा एले जडर मैकजी को पृथक िबहार क िनमाण हतु मार-प स पा, लेिकन इस पर कोई
िवशेष यान नह िदया गया।
1903 ई. म भारत क गवनर जनरल ने यह प िकया िक शासिनक सुिवधा क िलए बंगाल का िवभाजन
आव यक ह। लाड कजन ने िविलयम वाड क योजना को मूत प देने क िलए बंगाल क चटगाँव मंडल एवं
ढाका तथा मैमनिसंह दो िजल को आसाम म िमलाने क बात को वीकार िकया। इसक फल व प गृह िवभाग क
सिचव हरबट रजले ने 3 िदसंबर, 1903 को बंगाल िवभाजन क योजना क घोषणा क । इसक िति या
देश यापी ई। पृथक िबहार आंदोलन क मुख नेता ने भी बंगाल िवभाजन का िवरोध िकया। वे बंगाल से अलग
िबहार ांत क प धर थे, न िक बंगाल िवभाजन क। सि दानंद िस हा एवं महश नारायण ने अपनी पु तक
‘पािटशन ऑफ बंगाल—सेपरशन ऑफ िबहार’ म भी इस बात का उ ेख िकया ह।
राज साद कलक ा क ‘िबहारी ब’ क सिचव थे। वे िबहारी छा का एक स मेलन आयोिजत करना
चाहते थे। इसक िलए उ ह ने पटना आकर सि दानंद िस हा एवं महश नारायण जैसे नेता से मुलाकात क और
िवचार-िवमश िकया। फलतः 1906 ई. म थम िबहारी छा स मेलन पटना कॉलेज म डॉ. शफ ीन क
सभापित व म आयोिजत िकया गया। यह स मेलन िन त प से छा एवं अ य िबहारी बु जीिवय को एक
मंच पर लाने म सफल आ।
‘िबहारी टाइ स’ नामक महश नारायण क पि का जुलाई, 1906 ई. से ‘िबहारी’ नाम से कािशत होने लगी तथा
यह पुनः नए कलेवर क साथ िबहार क लोग क िहत से संबंिधत मु क साथ कािशत होने लगी। 1907 ई. म
महश नारायण क मृ यु क प ा सि दानंद िस हा, देव नारायण, मजह ल हक, अली इमाम, हसन इमाम,
मुह मद फख ीन आिद लोग ने पृथक िबहार आंदोलन को आगे बढ़ाया। 1908 ई. म इन नेता क यास से
अली इमाम क अ य ता म पटना म ‘िबहार ादेिशक स मेलन’ का आयोजन आ। इस स मेलन म मुह मद
फख ीन ने िबहार को अलग करने का ताव रखा, िजसे सवस मित से पा रत िकया गया।
आंदोलन क बढ़ते भाव क कारण शफ ीन को 1907 ई. म कलक ा हाईकोट क बच म शािमल िकया गया
तथा 1908 ई. म अली इमाम टिडग क िसल क पद पर बहाल िकए गए। 1910 ई. म सि दानंद िस हा बंगाल
िवधान प रष क ओर से क ीय िवधान प रष क सद य चुने गए। उ ह क यास से अली इमाम गवनर जनरल
क कायका रणी प रसर क िविध सद य बनाए गए, िजससे पृथक िबहार आंदोलन को और अिधक बल िमला।
सर अली इमाम ने गवनर जनरल को इस बात को समझाने का यास िकया िक बंगाल िवभाजन यावहा रक
नह ह। अतः उसे त काल वापस िलया जाना चािहए। इसक थान पर िबहार एवं उड़ीसा को बंगाल ांत से
अलग कर उसे वतं ांत का दजा देना यावहा रक होगा। गवनर जनरल को उनक बात तकसंगत लगी।
1911 ई. म इ लड क स ा जॉज पंचम क भारत आगमन पर िद ी म शाही दरबार का आयोजन िकया गया।
इस अवसर पर गवनर जनरल लॉड हािडग ने बंगाल िवभाजन को र कर बंगाल से अलग िबहार एवं उड़ीसा
दो नए ांत बनाए जाने क घोषणा क ।
इस कार 1 अ ैल, 1912 को िबहार एवं उड़ीसा ांत का िविधव उ ाटन आ। पटना िबहार ांत क
राजधानी बना तथा सर चा स बेली को इस नए ांत का थम ले टनट गवनर िनयु िकया गया। उसक
कायकारी प रष म ई.ए. गेट, ई.वी. लेिवंग तथा दरभंगा क महाराजा रामे र िसंह को सद य बनाया गया।
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ह। येक तंभ का भार 50 टन और अिधकतम लंबाई 50 फ ट ह। ये सभी तंभ अपने आपम पूण वतं ह एवं
खुले आसमान क नीचे खड़ ह। इन सभी तंभ पर ऐसी चमकदार पॉिलश ह िक आज भी लोग को इनक धातु
िनिमत होने का म कराता ह। तंभ का म य भाग चुनार क लाल प थर ारा िनिमत िकया गया ह। तंभ क
शीष पर फलक क ऊपर िविभ पशु आकितयाँ (हस, िसंह, हाथी, बैल आिद) िमलती ह। इन तंभ म सारनाथ
का िसंह शीष तंभ सव म ह, िजसे भारत का राजक य िच घोिषत िकया गया। यह िसंह शीष तंभ सात फ ट
ऊचा ह। इस पर चार भ य िसंह पीठ से पीठ सटाए खड़ ह। ये िसंह च वत स ा अशोक क श क तीक
ह।
(ख) तूप—ये तूप ईट अथवा तर क बने ठोस गुंबद होते थे। इनका िनमाण बौ और जैन धम क लोग
िकसी पिव थान पर मारक व प करते थे। स ा अशोक वयं बड़-बड़ तूप का महा िनमाता था। परपरा
अनुसार उसने 84 हजार तूप का िनमाण कराया था, िजसम वतमान समय म काफ कम सं या म बचे ह। साँची
क महा तूप का िनमाण स ा अशोक ने ही कराया था। इसक अित र त िशला थत धमरािजका तूप का
िनमाण भी अशोक ने ही कराया था।
(ग) पाषाण वेिदका—मौयकालीन तूप िवहार वेिदका से िघर ए होते ए होते थे। इनम से कछ क
भ नावशेष िमले ह। बोधगया एवं सारनाथ से अशोककालीन वेिदका क अवशेष ा ए ह। पाटिलपु क
खुदाई म तीन वेिदका क टकड़ ा ए ह, जो चमक ली पॉिलश क कारण मौयकालीन माने जाते ह।
(घ) गुहा िवहार—स ा अशोक और उसक पौ दशरथ ने िभ ु क रहने क िलए गुफा क प म
िवहार बनवाए थे। इन सुंदर गुफा का एक समूह गया से 16 मील उ र बराबर एवं नागाजुनी पहाड़ी म ा
आ ह। यहाँ ा गुफा म सुदामा गुफा, कण चौपड़, िव झोपड़ी गुफा िस ह। सुदामा गुफा का दूसरा
नाम य ोध गुहा ह, जो अशोक क रा यारोहण क बारहव वष म िनिमत ई थी। दशरथ क समय िनिमत लोमेश
ऋिष क गुफा भी काफ िस ह। नागाजुनी समूह म ा गोिपका गुफा मह वपूण ह, िजसे दशरथ ने अपने
अिभषेक वष म बनवाया था। इ ह मौयकालीन गुफा का अनुकरण कर कालांतर म प मी भारत म अनेक
चै यगृह का िनमाण िकया गया था।
लोककला एवं मूितकला
मौयकाल म राजक य दरबार से बाहर जनसाधारण क ारा कला का अ ुत िवकास आ, िजसे लोककला
कहा गया ह। मूितकला क े नमूने इसी लोककला क माण ह। य -यि णी ितमाएँ लोककला का मुख
आधार थ । इन सभी ितमा पर चमकदार पॉिलश क गई थी। पटना क दीदारगंज से ा चामरगृिहणी मूित
िमली ह, िजसे ीर न या य ी का नाम िदया गया ह। बुलंदी बाग से एक नारी मूित ा ई ह, जो खड़ी एवं
आकित से लंबी ह तथा गितमान ह। पटना म एक जैन तीथकर क मूित भी ा ई ह। परखम गाँव से ा य
क मूित एवं बेसनगर से ा यि णी क मूित मौयकालीन लोक-मूितकला क े माण ह। इसक अित र
सारनाथ, मथुरा, ह तनापुर, बसाढ़, कौसांबी, क हरार आिद अनेक थान से िविभ पशु-पि य तथा नर-ना रय
क मृण मूितयाँ काफ सं या म िमली ह।
य -यि णी ितमाएँ लोककला का मुख आधार थ । इन सभी ितमा पर चमकदार पॉिलश क गई
थी। पटना क दीदारगंज से ा चामरगृिहणी मूित िमली ह, िजसे ीर न या य ी का नाम िदया गया
ह।
मौयकालीन कला िविवध आयाम म प रपूण थी तथा अपनी क पनाश , िश प, वै ािनक िविध एवं
रचनाशीलता म भी काफ समृ थी।
मौयो र कला
शुंग और कषाण काल म कला िवकिसत होती रही, लेिकन मौयकालीन कला मकता इस काल क नमून से
कट नह होती। गु काल म वा तुकला का िवकास पुनः यादा पैमाने पर आ एवं इसको सारनाथ क े म
िवकिसत और मथुरा कला से भािवत शैली से ेरणा ा ई। इसक नमूने रोहतास, भोजपुर, नालंदा, राजगीर,
गया, वैशाली, सु तानगंज, पटना आिद थान से ा ए। गु कला मथुरा शैली से भािवत थी एवं इसम िहदू
धम का भाव बौ धम क तुलना म अिधक झलकता ह। भागलपुर क सु तानगंज से ा 7.5 फ ट उची बु
क ता मूित गु काल म िनिमत क गई ारभ क रचना म एक े रचना ह। इस मूित म पारदशक व ह,
जो शरीर से िचपक ए ह। वतमान म एक मूित इ लड क विनघम सं हालय म सुरि त ह। इसक अलावा अनेक
गु कालीन मृ मयी मूितयाँ िमली ह, जो ब त ही सुंदर ह। गु कालीन नारी स दय क सहज अिभ य इन मूितय
से होती ह। साँचे क योग से बौ एवं पौरािणक देवी-देवता क मूितयाँ भी इस काल म िनिमत क जाती थ ।
कां य ितमा क िनमाण क शैली का जनक धीमन और उसक पु िबठपाल को माना जाता ह।
पालकालीन मूितकला क शैली को म यकालीन मूितकला क ‘पूव शैली’ क नाम से िस ा ह।
पालकला
िबहार और बंगाल क े म पाल शासक एवं त कालीन संत क ारा पालकला का िवकास 8व से 12व
सदी क म य िकया गया। पाल युग म प थर, काँसे एवं अ धातु क मूितय क िनमाण क एक उ त शैली का
िवकास आ, िजसे पालकला का नाम िदया गया ह। काँसे क ितमा क िनमाण क पाल शैली क िवकास म
धीमन और उसक पु िबठपाल का मह वपूण योगदान रहा ह। ये दोन नालंदा क िनवासी थे। ये दोन नव शता दी
ई. क महा पाल शासक धमपाल और देवपाल क समकालीन थे।
पालकला क िविभ प िन निलिखत ह—
थाप य कला
थाप य कला क े म पाल काल म अनेक महािवहार, तूप, चै य, मंिदर एवं दुग का िनमाण आ। इस
काल क थाप य कला पर धम का प भाव िदखता ह। िविभ महािवहार म ओदंतपुरी, नालंदा, िव मिशला
एवं सोमापुर िवहार क थापना का ेय पाल शासक धमपाल एवं देवपाल को जाता ह। ओदंतपुरी बौ िवहार,
जो भारत का दूसरा ाचीन बौ िवहार ह, क थापना पाल शासक गोपाल थम ने क थी। यह िश ा क एक
मुख क क प म उभरा। नालंदा म िविभ युग म बने मंिदर, तूप और िवहार आिद म पाल शासक का
मुख योगदान रहा ह। इस काल म एक िन त योजना क तहत बौ िभ ु क िलए आवास का िनमाण
कराया गया। िव मिशला महािवहार क अवशेष इस काल क थाप य कला क िविश ता को प करते ह।
यहाँ ईट क बने ए एक मंिदर और तूप क अवशेष िमले ह। इसक अित र कहलगाँव का गुफा मंिदर, गया
थत िव णुपद मंिदर का अधमंडप, सूरजगढ़ा, इडपै, जयमंगलगढ़ इ यािद पालकला क लंत एवं य
उदाहरण ह। इस काल क थाप य कला पर बौ धम एवं वै णव धम का भाव प ह।
मूितकला
पाल युग म मूित िनमाण कला का अ यिधक िवकास आ। इस काल म प थर, काँसे एवं अ धातु क ितमाएँ
िनिमत होने लग । कां य ितमा क िनमाण क शैली का जनक धीमन और उसक पु िबठपाल को माना जाता
ह। पालकालीन मूितकला क शैली को म यकालीन मूितकला क ‘पूव शैली’ क नाम से िस ा ह। इस
काल क कां य ितमाएँ साँचे म ढली होती थ , िजसक नमूने नालंदा तथा किकहार (गया क िनकट) आिद थान
से ा ए ह। नालंदा से ा नमूने राजा देवपाल क समय क ह, जबिक किकहार से ा नमूने परवत काल
क ह। इस काल क अिधकांश मूितयाँ बौ धम से भािवत ह। बु क सवािधक ितमाएँ िमली ह। इस काल
म िहदू धम क देवी-देवता क मूित का भी िनमाण आ ह, िजसम िव णु, बलराम, सूय और गणेश क मूितयाँ
ह।
इस काल क तर ितमाएँ भी िमली ह, जो कला मक सुंदरता का उदाहरण तुत करती ह। ये मूितयाँ काले
बेसा ट प थर क बनी ई ह। ये प थर संथाल परगना एवं मुंगेर क पहािड़य से ा िकए गए ह गे। इन मूितय म
कवल शरीर क सामनेवाले भाग को िदखाया गया ह। इन मूितय म अलंकार क धानता ह। इन मूितय क सुंदरता
कलाकार क िश पगत प रप ता को दशाती ह। इन मूितय म मु यतः देवी-देवता का िच ण िकया गया ह।
मृ ांड कला
पालकला म मृ ांड क सुंदर एवं कला मक प का िवकास आ ह। इस कला का िवकास मु यतः सजावट
क िलए आ ह। इस कला म मूितयाँ दीवार पर बनाई जाती ह। इस कला म मु यतः धािमक और सामा य जीवन
क य िदखते ह। कला मक सुंदरता का उ क उदाहरण एक त ती ह, िजस पर एक ी को बैठी ई मु ा म
िदखाया गया ह। उसने दािहना पैर बाएँ पैर पर रखा आ ह और शरीर झुका आ ह। एक हाथ म आईना िलये ए
वह अपने प को िनहार रही ह तथा दूसर हाथ क उगिलय से अपनी माँग म िसंदूर भर रही ह। चेहर क सुंदरता
और भोलापन उसक शारी रक स दय का सफल िच ण ह। इसक शरीर को आभूषण से ढककर उसक सुंदरता
को और आकषक बनाया गया ह।
पटना कलम
मुगल सा ा य क पतन क काल म शाही दरबार म कलाकार को य न िमलने क कारण इनका पलायन
अ य े म होने लगा था। औरगजेब ारा राज-दरबार से कला क िव थापन क बाद िविभ कलाकार ने
े ीय नवाब क यहाँ आ य िलया। इस कारण िच कला िविभ े ीय प म िवकिसत ई। इ ह म से एक
पटना कलम या पटना शैली भी ह। इस शैली का िवकास 18व सदी क म य से लेकर 20व सदी क आरभ तक
आ। कछ िव ा इसे कपनी काल म िवकिसत होने क आधार पर ‘कपनी शैली’ भी कहते ह।
पटना कलम का अ त व 18व शता दी क उ रा से लेकर 20व शता दी क ारभ तक रहा ह। इस शैली
क कलाकार क पूवज का इितहास अ प ह, य िक इसका कोई ामािणक अिभलेख उपल ध नह ह। पटना
अजायबघर क पूव अ य एवं कला ेमी ी पी.सी. मानुक एवं िम टर िम डड आचर एवं पटना शैली क
िच कारी क अंितम उ रािधकारी ो. ई री साद वमा ारा दी गई सूचनाएँ को ही त य मान िलया गया ह।
पटना कलम म खिनज, रासायिनक और वान पितक रग का योग आ ह। हाथीदाँत और अबरक पर
बने िच म रग क पहले बकरी क दूध का लेप भी लगाया जाता था।
पटना कल ऑफ पिटग या पटना कलम मुिशदाबाद म िवकिसत होना एवं इसक ारिभक कलाकार का िद ी
कलम म िशि त होना, पटना कलम म िकसी मूलभूत प रवतन नह होने का कारण ह। हालाँिक इसक िवकास म
कछ थानीय िविश ता का समावेश ज र ह। पटना कलम क िच कारी कागज, अबरक और हाथीदाँत पर
क जाती थी। पटना सं हालय क सं ह म सभी कार क िच का समावेश िकया गया ह। दरअसल यह शैली
बाजारो मुख शैली थी। खरीदार ने िजन िवषय पर िच माँगे, उस पर िच बनाए गए। मुगल शैली और दूसरी
शैली से ा अ य शैिलय से िभ यह शैली जनकला का उदाहरण बन सक । िविभ रोजगार से जुड़ िभ ती,
चोबदार, दरबान, धोबी, नौकरानी, बढ़ई, लोहार, सोनार, कघी-चूड़ी बनानेवाला, जरदोन, जुलाहा जैसे च र पटना
कलम म यादातर िदखते ह। पटना कलम म खिनज, रासायिनक और वान पितक रग का योग आ ह।
हाथीदाँत और अबरक पर बने िच म रग क पहले बकरी क दूध का लेप भी लगाया जाता था। पटना कलम क
िच कार िगलहरी, सूअर आिद क बाल से बने श का इ तेमाल करते थे। वे अपने ारा तैयार हडमेड कागज,
िजसे वे लेप लगाकर तैयार करते थे, का इ तेमाल करते थे।
इस शैली पर मुगलशाही शैली और ि िटश कला का गहरा भाव पड़ा ह। इसक अित र इसम थानीय
िविश ताएँ भी प रलि त होती ह। मुगल त व, यूरोपीय त व एवं थानीय भारतीय त व क स म ण क कारण
इस शैली क अपनी अलग िवशेषताएँ ह। पटना कलम क मु य िवशेषताएँ िन निलिखत ह—
लघु िच
पटना कलम क िच लघु िच क ेणी म आते ह, िज ह अिधकतर कागज एवं कह -कह हाथीदाँत पर बनाया
गया ह। इस शैली क िच का मु य िवषय जन साधारण क सामा य जीवन का िच ांकन ह। इस शैली क िच म
मुगल िच क भ यता का अभाव ह। इस शैली क िच म सामा य प से लकड़ी काटता आ बढ़ई, पालक
उठाए ए कहार, मछली बेचती ई औरत, खेत जोतता आ िकसान, ए ा वाला, रगरज, लोहार, सुनार एवं
साधु-सं यासी को िचि त िकया गया ह। इस शैली क कछ िच चमड़ा, धातु तथा शीशे पर भी उकर गए ह। इस
शैली क िच म चटख रग का योग नग य होता ह।
इस शैली क िच म सामा य प से लकड़ी काटता आ बढ़ई, पालक उठाए ए कहार, मछली बेचती
ई औरत, खेत जोतता आ िकसान, ए ा वाला, रगरज, लोहार, सुनार एवं साधु-सं यासी को िचि त
िकया गया ह।
सामा य जन-जीवन का िच ांकन
इस शैली क िच म त कालीन िबहार क सामा य जन-जीवन का िच ांकन आ ह। इस शैली क िच क
ारा परपरागत भारतीय िच शैली को अिभ य िकया गया ह। इस शैली क िच म िमक वग (कली,
नौकरानी, िभ ती, कहार, कसाई आिद), द तकारी वग (बढ़ई, सोनार, रगरज, लोहार आिद), आवागमन क साधन
(बैलगाड़ी, पालक , ए ा, हाथी, घोड़ा आिद), बाजार क य (िमठाई क दुकान, मछली क दुकान, ताड़ी क
दुकान, गाँजे क दुकान आिद) का िच ांकन मुखता से आ ह। इस शैली क िच म मदरसा, पाठशाला, दाह-
सं कार, योहार एवं साधु-संत का भी िच ांकन आ ह।
बारीक एवं अलंकरण क िवशेषता
इस शैली क िच कार को बारीक एवं अलंकरण म िस ता हािसल थी। इस शैली क िच म िचिड़य का
इन िच क सव मुख िवशेषता ह।
इस िच कला म ाकितक रग का योग िकया जाता ह, लेिकन वतमान समय म यावसाियक ि से कि म
रग का भी योग होने लगा ह। इस कला म उपयोग िकए जानेवाले रग वन पितय से ा िकए जाते ह। हरा,
पीला, कस रया, नारगी आिद रग मु यतया उपयोग िकए जाते ह। सेम क प े से हरा, कसुम क फल से लाल,
पलास क फल से नारगी, नील से नीला एवं काजल से काला रग ा िकया जाता ह। इस कला म पीला रग
धरती, उजला रग पानी, लाल रग आग, काला रग वायु एवं नीला रग आकाश क िलए यु होता ह।
मुख क —इस कला क मुख क मधुबनी, लह रयासराय, भवानीपुर, िसमरी, राँची आिद ह।
मुख कलाकार—इस कला क मुख कलाकार ‘प ी’ सीया देवी, कौश या देवी, गंगा देवी, महासुंदरी
देवी, जगदंबा देवी, भगवती देवी, मैना देवी, लाल बाबा एवं शिशकला देवी ह। इस कला क दशनी िवदेश म भी
आयोिजत क जा रही ह। शिशकला देवी क िच क दशनी जापान म लगाई जा चुक ह। िमिथला कला को
अंतरा ीय याित िदलाने म एक मुख जापानी य हासेगावा का नाम उ ेखनीय ह। जापान क तोकामांची
शहर म हासेगावा क सहयोग से िमिथला सं हालय बनाया गया ह। इस सं हालय म िमिथला कला क दुलभ िच
को संकिलत िकया गया ह। िस जमन शोधकता ऐ रक मथ ने भी इस िच कला पर शोध-काय िकया ह।
वतमान समय म इस शैली क िच कला को यापारो मुख एवं रोजगारपरक बनाने का यास िकया जा रहा ह।
इसक िलए पुरानी शैली म नवीनता को समावेिशत िकया जा रहा ह। िबहार सरकार क ारा िमिथला लोक-
िच कला क संर ण, संवधन एवं िवकास हतु िमिथला िच कला सं थान, सौराठ (मधुबनी) क थापना क गई
ह।
मंजूषा शैली
अंग जनपद अथा पुराने भागलपुर मंडल क िसंह न म सिदय से मनाए जानेवाले एक लोक- योहार को
िब ला पूजा, िबसहरी पूजा या मनसा पूजा क नाम से जाना जाता ह। इस पूजा म कागज, सनई और शोला से
िनिमत मंिदर क आकित उपयोग म लाई जाती ह। इसे ही मंजूषा कहा जाता ह। आंचिलक भाषा म इसे मंजोसा
कहते ह।
मंजूषा िच कला जाितगत सोपान क सबसे िनचली सीढ़ी पर खड़ समाज क देन ह। यह कला आय एवं
अनाय क सिदय क संघष एवं सम वय से पनपी लोक-सं कित का प रणाम मानी जाती ह। इसम दबे-कचले लोग
अपने समाज क अ त व एवं अ मता क िलए अपने देवी-देवता क ेरक छिवयाँ गढ़ते नजर आते ह।
हरा, पीला, कस रया, नारगी आिद रग मु यतया उपयोग िकए जाते ह। सेम क प े से हरा, कसुम क
फल से लाल, पलास क फल से नारगी, नील से नीला एवं काजल से काला रग ा िकया जाता ह।
वतमान म भागलपुर म योहार क व पूजन म जो मंजूषा यु होती ह, उस पर आकषक िच बनाए जाते
ह। लोक-िव ास क अनुसार मनसा यानी िशव क पाँच मानस पुि याँ—मैना, भवानी, देवी, प ा और जया ह।
इनको िबसहरी कहा जाता ह। लोककथा क अनुसार पाँच िबसहरी बहन अपनी इ छा लेकर िशव क पास गई।
िशव ने कहा िक यिद पृ वी पर अ यतम िशवभ चाँदो उ ह पूजा दे देगा तो मृ युलोक म उसक पूजा होने लगेगी,
पर चाँदो ने इन नाग क या को अपमािनत कर िदया। तब ोिधत बहन ने उनक 6 पु को नाव सिहत डबो
िदया। देवी िबसहरी क माया से चाँदो क सातव पु बाला लख का िववाह उ ैनी क बासु सौदागर क बेटी
िब ला से आ। इससे पहले ही िबसहरी ने िब ला क िकसी भूल पर किपत होकर उसे सुहागरात म ही िवधवा
होने का ाप दे िदया था। कथा क अनुसार िब ला को सुहागरात क िलए पित क साथ िव कमा ारा बनाए गए
लोह-बाँस क घर म कड़ पहर म रखा गया, िकतु बाला को िबसहरी क कोपभाजन से कोई नह रोक पाया। पित
क मृ यु से दुःखी होकर िब ला ने ण िकया िक वह इ ाऌपुरी जाकर अपने पित क ाण को लौटा लाएगी।
इसक िलए िव कमा लोहार ने एक खास कार क मंजूषा बनाई। लहसन माली ने इसे रग से सजाया। अपार
क होने क बावजूद वह बाला को जीिवत पाने म सफल ई। िफर उसने चाँदो को िववश कर िदया िक वह
मनसा िबसहरी को पूजा दे। आिखरकार िबसहरी क पूजा मृ युलोक म चिलत ई।
मंजूषा िच कला म इस कथा क पा को अनेक तीक िच , रखािच क मा यम से िदखाया जाता
ह। कित ेम का िच ण इस कला को िविश ता दान करता ह। कथा का मु य पा चाँदो सौदागर
हमेशा चाँद क साथ िचि त िकया जाता ह।
मंजूषा िच कला म इस कथा क पा को अनेक तीक िच , रखािच क मा यम से िदखाया जाता ह।
कित ेम का िच ण इस कला को िविश ता दान करता ह। कथा का मु य पा चाँदो सौदागर हमेशा चाँद क
साथ िचि त िकया जाता ह। इसम मानव आकित अं ेजी क ए स आकार क होती ह अथा दायाँ पैर एवं बायाँ
हाथ और उसी तरह बायाँ पैर और दायाँ हाथ अलग-अलग एक रिखक होते ह। मुखाकित एक आयामी और
कपाल कानिवहीन होते ह। आँख उस अनुपात म बड़ी होती ह। पु ष आकितय म मूँछ और िशखा अव य होती ह।
य क उरोज क उभार को दशाने क िलए व रखा का योग िकया जाता ह। पु ष क गदन मोटी और य
क अपे ाकत पतली होती ह। िच म साँप को रगरखा और िबंदु से अंिकत िकया जाता ह। लोक-कलाकार
यािमतीय-बोध को छोड़कर भाव-बोध पर यादा यान देते ह। इस कला क िच म ी ायः पित क साथ
िचि त होती ह। य क जूड़ बँधे रहते ह। कथा क मु य पा िबसहरी, जो बाद म देवी क प म पूिजत और
िति त ई, हमेशा साँप क साथ िचि त क जाती ह।
इन कला को आधुिनक िबहार म िजंदा रखने का ेय च वती देवी एवं उनक पुरख को जाता ह। गरीबी और
अभाव क बावजूद इनक अथक प र म से यह कला वष से जीिवत ह। िच कार शेखर ने इस कला पर मंजूषा
िश प नाम से लाइड िफ म बनाकर लोग का यान इस ओर ख चा। मंजूषा िच कला म आज भी असीम
संभावनाएँ िव मान ह।
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8. लोक-सं कित
(Folk Culture)
लोकगीत
लोकनृ य
लोकना य
जनजातीय सं कित
लोकगीत
िबहार क सां कितक प रवेश म लोकगीत का थान ब त मह वऌपूण ह। भारत म े ीयता क आधार पर
लोकगीत क अपनी अलग ही पहचान ह। येक रा य म लोकगीत क अपनी परपरा रही ह। इन लोकगीत म
पव- योहार, शादी-िववाह, ज म, मुंडन, जनेऊ आिद अवसर पर गाए जानेवाले गीत होते ह। इन गीत म माधुयता
और भावुकता का समावेश होता ह। यहाँ भाषायी लोकगीत म िविवधता होते ए भी संवेदनशीलता का अ ुत रस
ह, जो छद क आधार पर तो नह , लेिकन लय क आधार पर कणि य होता ह। अंिगका लोकगीत ाकितक स दय
का मनभावन वणन करते ह तो मगही लोकगीत पा रवा रक संबंध क आपसी यवहार; ेम ेष, िवनोद आिद का
वणन करते ह। इनम िवरहयु भी कछ गीत गाए जाते ह। िबहार म भोजपुरी गीत ने जो थान बनाया ह, वह
संभवतः अ य लोकगीत क िलए संभव भी नह ह। वतमान समय म भोजपुरी लोकगीत ने रा ीय तर पर अपनी
पहचान बना ली ह। िबहार क लोकगीत सं कित को िन न वग म बाँटा गया ह—
सं कार गीत
येक सं कार क दो व प-शा ीय एवं लौिकक देखने को िमलते ह। सं कार गीत का संबंध लौिकक
अनु ान से ह। ये गीत सभी जाितय -जनजाितय म मनु य क ज म से लेकर मरण तक सभी मुख अवसर पर
गाए जाते ह। ज म, मुंडन, िववाह, गौना, रागमन जैसे अवसर पर गाए जानेवाले ये गीत उ ास और हष से
भर होते ह। ज म क समय सोहर, मुंडन क समय खेलौना और िववाह क समय िवदाई आिद गीत यहाँ क समाज
म सहज ही चिलत ह। िबहार म मगही े क अंतगत कछ मु लम सं कारवाले गीत गाए जाते ह।
िबहार म पु ज मो सव क अवसर पर ‘सोहर’ गाए जाते ह। इन गीत म पु ज म संबंधी उ ास बधाई क भाव
शािमल रहते ह। भोजपुर और मगध े म इस अवसर पर पँविड़या नाच होता ह। पँविड़या लोग ब े क ज म क
बधाई गीत क ारा देते ह और बधावा माँगते ह। िबहार एवं पूव उ र देश म गाए जानेवाले सोहर एक िवशेष
राग, लय एवं छद से आब रहते ह, िजसे सोहरछद क नाम से जाना जाता ह। तुलसीदास क ारा सोहरछद क
रचना पूवकाल म क गई ह। सोहर लोकगीत म तुक एवं िपंगल शा क िनयम का अभाव रहता ह। इन गीत क
जाित म खेलौना गीत गाने का चलन ह। सोहर से खेलौना गीता म िसफ इतना अंतर रहता ह िक सोहर पु उ पि
छहमासा गीत भी िबहार म गाए जाते ह। चौमास म आषाढ़ से आ न एवं सावन से काितक तक इन गीत का
चलन रहता ह।
पवगीत
िबहार म अनेक पव एवं योहार मनाए जाते ह। दीपावली, छठ, तीज, नागपंचमी, गोधन, िन रा, मधु ावणी,
रामनवमी, क णा मी आिद सभी योहार पर रा य म उ ास छाया रहता ह और ी-पु ष इन अवसर पर पव
गीत गाते ह। छठ पव म सूय क व प, ऌपूजा क सामि य , पूजा का किठन िविध-िवधान, वं या एवं कोढ़ी क
दुदशा क कारण सूय क उपासना का वणन छठ पव क लोकगीत म समािहत रहता ह। छठ क समा क बाद
काितक माह क शु प म िमिथलांचल े म ी धान ना यगीत ‘सामा-चकवा’ िवशेष प से गाए जाते ह।
इन गीत का आयोजन िमिथला क अित र मोितहारी जैसे कछ भोजपुरी-भाषी े म भी होता ह।
जाित संबंधी गीत
भारत क सामािजक यव था म हर वग एवं जाितय का िवशेष मह व ह। गाँव म रहनेवाले येक जाितय क
लोकदेव ह, िजनक वीरतापूण गाथा से यु लोकगीत जातीय गीत क ेणी म आते ह। येक जाित का
अलग-अलग गीत ह, जो अलग-अलग िविश ता से यु ह। अहीर, दुसाध, चमार, कहार, धोबी और लुहार
सबक अपने-अपने गीत होते ह। अहीर ारा गाए जानेवाले गीत को िबरहा गीत क नाम से जाना जाता ह। इसक
साथ ही ‘लो रक ’ भी इसी जाित का गीत ह।
पेशागीत
िकसी भी काय क संपादन क समय जो गीत गाए जाते ह, वे म गीत, यवसाय गीत या ि या गीत क कोिट म
आते ह। िबहार म च चलाकर आटा पीसने क समय य क ारा ‘लगनी’ गाई जाती ह। इस गीत को
जँतसार भी कहा जाता ह। ामीण ना रय म खोदा या गोदना पड़ाने का चलन ह। खोदा पाड़नेवाली ी गोदना
गोदने क साथ गीत भी गाती ह, िजसे ‘खोदा पाड़ने क गीत’ कहते ह। खेत म धान रोपते समय कषक मजदूर
ारा गाया जानेवाला गीत ‘च चर’ कहलाता ह। कह -कह इसका नाम ‘रोपनी’ गीत भी ह।
बाल ड़ा गीत
बाल-जीवन से संब गीत को बाल गीत या िशशु गीत कहते ह। वह गीत, जो मनोरजन क योजन से ह,
ड़ा गीत ह, जैसे—अटकन-मटकन, चोरा-मु , अ ा-प ा, कब ी गीत। सुलानेवाले िशशु गीत म लोरी
तथा ब क उबटन लगाने क गीत ‘अपटोनी गीत’ ह। इसक अलावा कछ गीत य ारा तब गाए जाते ह,
जब समूह म उनक ब े खेल रह होते ह, इन गीत म ‘ओका-बोका तीन तड़ोका’ पहाड़ी आिद गीत गाए जाते ह।
भजन या ुित गीत
देवी-देवता क आराधना से संब गीत भजन या ुित गीत क ेणी म आते ह। इन गीत का धािमक एवं
आ या मक मह व क साथ-साथ मांगिलक मह व भी ह। इनम ई र क सगुण एवं िनगुण दोन प का वणन
िमलता ह। सगुण गीत म गोसाउिन गीत, नचारी, महशवाणी, क तन, िव णुपद, पराती, साझ, गंगा क गीत, शीतला
क गीत, देवी क गीत मुख ह। िनगुण गीत का अलग से कोई गीत कोिट िनधा रत नह ह, लेिकन कछ लोक-
भजन क अंदर िनगुण उपमान को िनदिशत िकया जाता ह।
गाथा गीत
ये गीत भारतीय जनमानस क वीरता से सहज लगाव क कारण गाए जानेवाले गीत ह। बुंदेलखंड म िजस कार
से आ हा गाया जाता ह, उसी कार िबहार म वीर रस क गाथा को गीतब करने क परपरा रही ह। यह
लोककथा क वीर नायक क मृित म ओज, जोश और आ ामक भावभंिगमा से गाए जानेवाले गीत ह। कथा
क अनुसार इनम क ण, वा स य और ंगार रस का भी समावेश होता ह, जो ोता को मं मु ध कर देता ह।
खेत म धान रोपते समय कषक मजदूर ारा गाए जानेवाला गीत ‘च चर’ कहलाता ह। कह -कह
इसका नाम रोपनी गीत भी ह।
िबहार म इन गाथागीत क कछ शीषक भी ह, जो अिधकांश गाथा क नायक क नाम से संबंिधत ह—
नयका बंजारा—इस गाथा का नायक शोमयिनक नामक वै य-पु ह, जो अपनी प नी से अपार ेम करता ह।
अप रहाय कारण से पित को अपनी प नी से दूर होना पड़ता ह और िवयोग क घोर पीड़ा नायक-नाियका को द ध
करती ह। इसी कथा को आधार बनाकर गवैए ेम और िवयोग को बड़ मािमक ढग से तुत करते ह। यह कथा
समूचे िबहार म कथा को मािमक प देते ए गाई जाती ह। े ीय परपरा क अनुसार इसम थान और नायक का
प रवतन होता ह।
मीरायन—इस गाथा का घटना थल नुनजागढ़ नाम क रयासत ह। इस रयासत पर िडहरी नगर का हरफल
आ मण करता ह और इस यु म वह अपने पु सिहत मारा जाता ह। हरफल क प नी उस समय गभवती होती
ह, िजसे ‘मीरा’ नाम का पु होता ह। यही मीरा अपूव वीरता का प रचय देते ए युवा होकर नुनजागढ़ को जीतकर
अपने वंश का व न पूरा करता ह और उसका गौरव बढ़ाता ह। यह कथा अ यंत लोकि य ह, िजसे समूचे िबहार
म गाया जाता ह। कह -कह इसे ‘नुनजागढ़ क लड़ाई’ क शीषक से भी गाया जाता ह।
राजा ह रचन—यह गाथा जग म स य क पयाय बने और धम क वजवाहक रह अयो या नरश राजा
ह र ं से संबंिधत ह। िबहार म इस कथा क ादुभाव होने का मु य कारण यह ह िक राजा ह र ं का पु
रोहतास यहाँ क रोहतासगढ़ का राजा रहा ह। य िप इस गाथा को िबहार म राजा मोर वज क घटना से जोड़ िदया
गया ह, िजसने अपने पु को आर से चीर िदया था, िफर भी इसक मािमकता और संवेदनशीलता अ ु ण ह।
इसक गवैए सं या म कई होते ह, जो िविभ पा क अनुसार अपना गीत गाते ह। इस गीत क गानेवाल को
‘नेटआ’ कहते ह। इन गीत म ऐसी मािमकता उ प कर दी जाती ह िक ोता-समाज क आँख म आँसू आ जाते
ह। राजा ह र ं क यह गाथा अपने मािमक व संदेशपूण ढग से समाज म एक अनोखी भावना को जा करती
ह। इस गाथा क िवशेषता यह ह िक इसे सुननेवाल म य क सं या अिधक होती ह।
लो रकायन—यह एक वृहद गीत-गाथा ह, िजसे लो रक मिनयार क नाम से भी जाना जाता ह। इसम वीर रस
क धानता होती ह व इसे सार िबहार म गाया जाता ह। इसक गायक म ायः अहीर जाित क लोग ही होते ह। इस
कथा का नायक लो रत भी अहीर जाित से ही था। यह गाथा िबहार म भाषा यापी ह, िजसे मैिथली, मागधी और
भोजपुरी म भी गाया जाता ह। इसम कथा क नायक क जीवन-संघष का वणन ह। लो रक क प रवार से संबंिधत
इस कथा म जीवन और संबंध क उतार-चढ़ाव को बड़ी सहज और ओजपूण अिभ य म गाया जाता ह।
दीना भदरी—यह िबहार क सबसे िनधन और िवभीिषकापूण जीवन जीनेवाली मुसहर जाित क दो भाइय दीना
और भदरी क क ण गाथा ह। घोर अभाव और िवपि य म जीनेवाले इन दोन भाइय ने अपने वीरतापूवक काय
से किठनाइय का सामना िकया ह। जोिगयानगर िनवासी इन दोन भाइय क गाथा को पूर िबहार म गाया जाता ह।
नूनाचार—यह िमिथला े म पाई जानेवाली गीत-गाथा ह, िजसका नायक राजा करनू ह। राजा करनू अपने
मामा क किटल ष यं का िशकार होकर घोर िवपि म पड़ जाता ह, लेिकन वह अपनी वीरता और साहस से
मामा क ष यं का पदाफाश करक अपने वैभव को ा करता ह। कथा क आरभ म नायक क दयनीय दशा
का मािमक वणन ह, तो अंत म उसक वीरता का ओजपूण गायन भी ह।
छतरी चौहान—यह गाथा मगही े म गाई जाती ह और ऐसा तीत होता ह मानो मैिथली क नूनाचार इसी से
े रत होकर प रवितत प म गाई गई ह। इस गाथा म भी नायक छतरी चौहान अपने मामा से उसक अ याचार का
बदला लेता ह। संभवतः उपरो दोन गाथाएँ क ण-कस से िवकिसत ई ह। छतरी चौहान गाथा म वीर रस क
धानता ह।
धुधली-घटमा—यह गाथा उपरो गाथा का फलाव तीत होती ह। नायक धुधली और उसका मामा घटमा
उसक पा ह, लेिकन इसम मामा क सं या सात ह। नायक धुधली क िपता क ह या मामा ारा कर दी
जाती ह, िजसका ितशोध धुधली बड़ी वीरता से लेता ह। यह गाथा चंपारण और दरभंगा म िभ -िभ शीषक से
गाई जाती ह।
िवजयमल—यह रोचक गाथा धुनधुिनया क राजा धुरमल िसंह क बेट िवजयमल क ह। नाबािलग िवजयमल
का िववाह बावनगढ़ क राजकमारी से तय कर िदया िदया जाता ह। राजा धुरमल िसंह बरात लेकर बावनगढ़ जाते
ह, जहाँ िकसी बात पर लड़ाई िछड़ जाती ह। िवजयमल तो वहाँ से िकसी तरह से बचकर िनकल जाता ह, लेिकन
राजा धुरमल िसंह और अनेक प रजन बंदी बना िलये जाते ह। समय बीतता ह और िवजयमल युवा होता ह। वह
बावनगढ़ पर आ मण कर देता ह और अद य वीरता का प रचय देते ए अपने बंदी िपता तथा प रजन को भी
मु कराकर अपनी प नी को भी साथ ले आता ह। यह गाथा समूचे िबहार म वीर रस क साथ गाई जाती ह।
सहलेस—यह लोककथा ेम रस और वीर रस दोन म डबी ह, िजसम नाियका क साहस और वीरता का वणन
ह। इसका नायक सहलेस नाम का एक नौजवान होता ह, जो दौना नामक एक सुंदर मािलन क या से ब त ेम
करता ह और मािलन क या भी उससे ब त ेम करती ह। कथा म ि कोण आ जाता ह, जब एक अ य युवक दौना
से िववाह करना चाहता ह, लेिकन सहलेस अवरोध बन जाता ह, तब वह युवक सहलेस को चोरी क झूठ आरोप म
फसाकर कारागार िभजवा देता ह। इसक बाद दौना िकसी यु और साहस से अपने ेमी सहलेस को िनद ष
िस करक उसको मु कराती ह, यही इस कथा क रोचकता ह। ेम क िवजय का इस गाथा म भाव-िवभोर
वणन ह।
िहरनी-िबरनी—यह गाथा पोसन िसंह नामक एक य क ह, िजसक च र और प नी- ेम का सार समाज
म नाम ह। उसक च र को िगराने का यास िहरनी-िबरनी नामक दो नटनी बहन करती ह, लेिकन पोसन िसंह
अपने च र पर अिडग रहता ह। तब दोन बहन उसक पौ ष को ललकारती ह और पोसन िसंह अपनी श का
दशन करक उन बहन को परािजत कर देता ह। अतः दोन बहन उसक दासी बन जाती ह। च र , मयादा और
साहस का गुणगान करती यह गीत-गाथा समूचे िबहार म ब त िस ह।
कवर जभार—यह नाथपंथी शैली से भािवत गाथा ह, िजसम क ण रस और वीर रस क धानता ह। िबहार
म इसे ‘सोरठी जभार’ भी कहा जाता ह। यह कथा एक युवराज क साहस क गाथा ह, जो अपने अिधकार को
पाने क िलए अपने सामंती श ु से यु पूण यु करता ह और अंत म िवजयी होता ह। यह गाथा िबहार क
सीमांत देश म भी गाई जाती ह।
राजा िव मािद य—यह गाथा नृ य-गाथा ह, जो पखावज वा यं ारा गाई जाती ह। नतक इस पर नृ य
करते ह। यह गाथा किडलपुर क राजा िव मािद य से जुड़ी ह, िजसम वा स य, क ण और वीर रस का अ छा
िम ण ह।
अमर िसंह ब रया—यह वीर गाथा वीर रस से ओत- ोत ह, िजसका नायक अमर िसंह ब रया नामक वीर एवं
साहसी यो ा ह। यह ितर त का िनवासी ह। ितर त का राजा अपने अ याचार से जा को ब त सताता ह। जा
क दयनीय दशा देखकर ब रया िव ोह कर देता ह और राजा से िभड़ जाता ह। ब रया देवी कमला का परम
उपासक ह, जो देवी क कपा से राजा को हराकर जा क क दूर करता ह।
िविश गीत
इसम पीिड़या क गीत, पानी माँगने क गीत, झूमर-झूले क गीत, िबरहा, जोगा, साँपरानी आिद गीत गाए जाते ह।
िबहार क सं कित म लोकगायन क समृ परपरा ह। िविवध गीत म िझंिझया क गीत, झरनी क गीत, नारी
वतं ता का गीत, समाज-सुधार क गीत आिद आते ह। भोजपुर अंचल क पूव गीत, झूमर, िवदेिशया, बढोिहया,
मेल का गीत एवं िमिथलांचल का ितर ित, बटगमनी, नचारी, महशवाणी, संदेश गीत, मं गीत, आंदोलन गीत इस
ेणी क गीत ह।
महाकिव मैिथल कोिकल िव ापित का युग लोकगीत का वणयुग कहा जाता ह। इसक अिधकांश गीत
ऐितहािसक परपरा एवं लोक- यवहार क कारण लोकगीत क ेणी म आ गए ह।
महाकिव मैिथल कोिकल िव ापित का युग लोकगीत को वणयुग कहा जाता ह। इसक अिधकांश गीत
ऐितहािसक परपरा एवं लोक- यवहार क कारण लोकगीत क ेणी म आ गए ह। इसका चार िमिथला क घर-घर
म ह। भोजपुरी-भाषी े छपरा क िभखारी ठाकर ने लोक-गीतकार तथा गायक क प म पया याित अिजत
क । िबहार देश क मुख उ ेखनीय गायक म भरत िसंह भारती, िव णु साद िस हा, शारदा िस हा, डॉ. शंकर
साद, नंदिकशोर साद, शंभू राम, मोतीलाल मंजुल, िवं यवािसनी देवी, लिलता झा, रणुका सहाय, किवता चौधरी,
ेल कजूर, उमाकांत कमल, अिजत कमार, अकला और कमुद अलबेला आिद लोकि य ह।
इन लोकगीत क तुित म थानीय वा यं म हारमोिनयम, ढोलक, खड़ताल, मँजीरा, बाँसुरी, नाल, घड़ा,
खँजरी, िसतार, मृदंग और सारगी आिद मुख ह। े ीय वा यं और गीत क अनुसार ढोल, ढोलक, ढोलक ,
तबला, नगाड़ा, मँजीरा, शहनाई, डफली, डम , डगडगी तथा शंख आिद वा यं का योग िकया जाता ह।
भजन, क तन और धािमक गीत म झाल, करताल एवं शंख का योग िकया जाता ह। रा य म लोकगीत म
लोकनृ य का भी समावेश होता ह, िजसम नृ य, गीत और वा - वर क ि वेणी से दशक का दय फ त हो
उठता ह। इसक अलावा रा य म लोकगीत क साथ लोकना य क भी बड़ी समृ परपरा ह।
लोकनृ य
लोकनृ य का िबहार म ब त मह व ह। यहाँ सभी मुख अवसर , जैसे—सं कार, पव और मनोरजन इ यािद पर
लोकनृ य का िवहगम य नजर आता ह। नृ य से आपसी सौहाद और एकता का भाव जा होता ह। िबहार म
ी-पु ष सभी िमलकर इस अवसर म सहभागी बनते ह। रा य क मुख लोकनृ य म िन निलिखत नृ य
उ ेखनीय ह—
करमा नृ य
यह रा य क आिदवासी जनजाितय म मु य प से चिलत ह। इसे देखने क िलए गैर-आिदवािसय क भी
भीड़ इक ी हो जाती ह। फसल क कटाई और बुआई क साथ ‘करम देवता’ को स करने क िलए गीत को
नृ य सिहत गाया जाता ह। यह ी-पु ष का सामूिहक नृ य होता ह। ी-पु ष एक-दूसर क कमर म हाथ
डालकर लयब तरीक से नृ य करते ह। इसका मु य ोत झारखंड ह।
छउ नृ य
यह मु य प से पु ष नतक ारा िकया जानेवाला नृ य ह, जो यु से संबंिधत ह। इसम दो ेिणयाँ होती ह।
इसम नतक अपनी भाव-भंिगमा , ओज वी वर और पैर क लयब धीमी-ती िथरकन से वीर रस का भाव
दिशत करता ह। दूसरी ेणी म कालीभंग को रखा जाता ह, िजसम गं ार रस क धानता होती ह। यह नृ य
िबहार और झारखंड दोन ही े म लोकि य ह।
िझंिझया नृ य
यह ायः दुगापूजा क अवसर पर िकया जानेवाला नृ य ह, िजसे य ारा सामूिहक प से िकया जाता ह।
इसम याँ गोल घेर म खड़ी होकर एक-दूसर का हाथ पकड़कर नृ य करती ह। मु य नतक अपने िसर पर एक
घड़ा रखती ह, िजसक ढ न पर एक दीपक जल रहा होता ह। यहाँ राजा िच सेन और उनक रानी क कथा पर
आधा रत रिचत गीत गाए जाते ह। इसम नतिकय क पैर क लयब ता और िथरकन एक आकषक य उ प
करती ह।
िव ापत नृ य
इस नृ य म िमिथला क िस किव िव ापित क पद को गाते ए नतक ारा सामूिहक नृ य िकया जाता ह।
यह िबहार म िमिथला और पूिणया म अिधक चिलत ह।
कठघोड़वा नृ य
यह िबहार का अ यंत रोचक लोकनृ य ह, जो झारखंड म भी समान प से िस ह। इस नृ य म नतक अपनी
पीठ से बाँस क खपि य से बना घोड़ क आकार का ढाँचा बाँध लेता ह, जो रग-िबरगे व से सजा होता ह।
वा यं बजानेवाले लय क साथ वा बजाते ह और उसी लय म कठघोड़वा नतक नृ य करता ह। नृ य करनेवाले
व उसक सािथय को उिचत पा र िमक भी िमलता ह।
धोिबया नृ य
यह िबहार क धोबी समाज का जाितगत नृ य ह, जो िक उनक ारा अपने मांगिलक अवसर पर िकया जाता ह।
इसका सबसे अिधक चलन भोजपुर िजले म ह। इसम नतक ंगार रस से भर ए गीत वा यं क ताल पर गाते
ह और आकषक नृ य करते ह।
पविड़या नृ य
यह िविच नृ य ह, जो िकया तो पु ष क ारा जाता ह, लेिकन वे होते ी क वेशभूषा म ह। य क
घाघरा-चोली पहनकर और ंगार करक हाथ म ढोल-झाँझ, मँजीर लेकर पु ष नतक सोहर और खेलौना गीत गाते
ए आकषक नृ य करते ह। यह नृ य ब क होने क अवसर पर िकया जाता ह।
जोगीड़ा नृ य
यह ामीण े म होली क पव पर िकया जानेवाला नृ य ह। इसम ामीण युवक-युवितयाँ एक-दूसर को रग-
गोराइत
िबहार क गया और भोजपुर िजल म िनवास करनेवाली यह जनजाित ोटोऑ लाइड समूह क ह। इनक
सामािजक जीवन म प रवार को सबसे छोटी इकाई माना जाता ह। ये एकल प रवार प ित को अपनाते ह। इनका
िववाह वजातीय, परतु िभ गो म होता ह। इनका मु य यवसाय किष एवं मजदूरी ह।
चेरो
मु य प से झारखंड क पलामू म िनवास करनेवाली जनजाित चेरो क कछ लोग िबहार क गया, रोहतास,
भोजपुर और मुंगेर िजल म पाए जाते ह। अिड़यल, िनभ क और वतं ता ेमी चेरो वयं को ि य और
चौहानवंशीय राजपूत मानते ह। कछ लोग तो अपने उपनाम क प म चं वंशीय भी िलखने लगे ह। इनक धािमक
वृि िहदु से भािवत ह।
कोरा
िबहार रा य म जमुई, किटहार और मुंगेर िजल क कछ िह स म कोरा जनजाित िनवास करती ह। इनक भाषा
मुंडारी ह। यह लोग सदानी और िहदी भी बोल लेते ह। इस जनजाित क लोग एकांत िनवास क िलए पहाड़ अथवा
मैदान म अपने घर बना लेते ह। इनका सामा य यवसाय किष ह, परतु ये लोग वन-उ पाद और मजदूरी पर
अिधक आि त ह।
कोरवा
यह जनजाित अब भारत म ही कम रह गई ह। िबहार म इस अनुसूिचत जनजाित क कछ लोग रोहतास, पूिणया,
मुंगेर और किटहार िजले म िनवास करते ह। इनक सामािजक यव था म एकल प रवार और वजातीय िववाह क
परपरा ह। ये लोग अ थायी और थानांत रत किष तथा िशकार से आजीिवका चलाते ह।
मुंडा
िबहार क ब सर और रोहतास िजले म मुंडा जनजाित क लोग िनवास करते ह। इनक भाषा मुंडारी ह, िकतु अब
यह सदानी भी बोलने लगे ह। ये भी थानांत रत किष पर िनभर ह। िसंगब गा को यह अपना सव देवता मानते ह,
जो पृ वी से संबंिधत ह।
इस कार िबहार क सामािजक जीवन म िमि त सामािजक संरचना िदखाई देती ह। ये जनजाितयाँ आिथक प
से अ यंत िपछड़ी ई ह। इन लोग तक िश ा एवं वा य क सभी सुिवधाएँ अभी तक नह प च पाई ह। अब
आव यकता इस बात क ह िक इ ह भी िवकास क मु यधारा से जोड़कर जनजातीय सं कित को संर ण दान
िकया जाए।
आिदवासी जनजाितयाँ वा तव म िबहार क सां कितक प र य का अिभ अंग ह। इनका सािह य और कला से
गहरा संबंध रहा ह। अब जनजातीय लोग िबहार म पूणतः थानीय हो गए ह। पहाड़ , जंगल और िविच रीित-
रवाज एवं परपरा से आब इनका जीवन कित क साथ इनक अनुभव का एक लंबा और गौरवशाली
इितहास समेट ए ह। इनम कला और संगीत म वतं ता और आनंद का भाव समाया रहता ह।
आिदवासी कला
आिदवािसय क कला उनक स मन से कित क सुंदर और सजीव िच ण क अनुभव का प रणाम ह। इ ह
भले ही आधुिनक िवकास को देखकर आ य होता हो, परतु इ ह अपनी सरलता और तरलता म जो आनंद िमलता
ह, वह अकथनीय ह। इनक कला क दशन इनक घर म योहार , पव एवं सं कार आिद क अवसर पर बनाए
जानेवाली िवशेष कलाकितय से होते ह। इनक घर पर रग से बने सुंदर पेड़-पौधे, पु प और अ य ाकितक
आकितयाँ तथा िम ी से बने इनक घरलू बरतन आिद पर उकरी गई अ पनाएँ अ ुत होती ह।
आिदवासी य क द ता ऐसी होती ह िक यािमतीय रखािच म सामानांतर रखा को सटीक ढग से
ख चना आ यचिकत कर देता ह। अिधकांश गृहस ा क काय कआरी क या ारा िकए जाते ह। निदय से
िमली सीिपय और कौिड़य से यह आिदवासी याँ जो कठहार बनाती ह, वे दशनीय और कला का उ क
नमूना होते ह।
आिदवासी गीत-संगीत
आिदवासी गीत-संगीत म ाकितक उ ास का वणन होता ह। इनक अिधकांश गीत नृ य पर आधा रत होते ह।
पि य क राग-कलरव, नदी का कल-कल वाह, फल क चटक ले रग और झरन का कणि य मुधर वाह
इनक ेरणा ोत बन जाते ह। येक मौसम म गाए जानेवाले गीत का इनक पास चुर भंडार होता ह।
ऐसी मा यता ह िक ह रहरनाथ मंिदर का िनमाण भगवान राम ने सीता वयंवर क िलए जाते समय अपने
हाथ से िकया था। इसक मर मत राजा मानिसंह ने कराई थी। मुगलकाल म राजा रामनारायण ने इस
मंिदर को एक यापक प िदया।
इन आिदवािसय क अपने ारिभक वा यं होते ह, िजनम मृदंग, झाँझ, नगाड़ा, डम , डफली आिद
स मिलत ह। अपनी पारप रक शैली म इनक लय और ताल भले ही समझ म न आए, लेिकन भाव पूणतया जीवंत
हो जाता ह। जदुर, मगे, करमा, अडदी, गेमा आिद गीत िविभ अवसर पर चुरता से गाए जाते ह।
िववाह क शुभ अवसर पर अडदी का नृ य-गीत मधुर उ ास क बहार से सरोबार कर देता ह। बसंत का जदुर
मौसम क वागत म, हरो गीत धान क रोपने क समय आिदवासी जनजाितय क गीत-संगीत क समृ ता िदखाते
ह।
आिदवासी सािह य
लोककथा , लोको य और परपरागत पीिढ़य क इितहास से संबंिधत आिदवासी सािह य जीवन क सभी
दशा का अनूठा वणन करता ह। इनक कथा म रह य, रोमांच, उ ास, ई र क ित कत ता और तं
कथा क च र पर अगाध ा एवं िव ास जैसे भाव शािमल ह। यह उनक सहजता और सरलता ह िक इ ह
पेड़, प थर, खेत-खिलहान आिद सभी म देवता का वास होने का िव ास ह, जो उनक र ा करते ह।
आधुिनक समाज इसे भले ही अंधिव ास कह, परतु यह आ था इनक जीवन का अिभ अंग ह। इनक सािह य
म इस आ था को बल देते रहने का यास िकया गया ह। आिदवासी सािह य क पहिलयाँ शोध का िवषय ह।
बाल-सािह य से इन लोग म आरभ से बालक को जीवन क सभी अनुभव का ान कराने क परपरा रही ह।
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सोनपुर मेले म अनेक कार क सां कितक गितिविधयाँ भी चलती रहती ह। मेले म साधु का भी जमघट लगा
रहता ह। समय-समय पर इनका मागदशन भी समाज को िमलता रहता ह।
वैशाली का मेला
जैन धम क 24व तीथकर भगवान महावीर क ज म थली वैशाली म चै मास क योदशी ितिथ को यह मेला
आयोिजत होता ह। इस मेले म देश भर क जैन अनुयायी स मिलत होते ह। जैन आचाय यहाँ ब िस ांत संगो ी
और िचंतन समारोह आयोिजत करते ह। मेले म जैन धम से संबंिधत सािह य, िच व मूितय क साथ-साथ अ य
व तुएँ भी िमलती ह।
ावणी मेला
िबहार क भागलपुर िजले क सु तानगंज से लेकर देवघर (झारखंड) तक 105 िकमी. लंबे े म ावणी मेले
का आयोजन होता ह। ावण और भा पद म िशवभ सु तानगंज से जल लेकर पैदल ही देवघर प चते ह।
देवघर का िस रावणे र वै नाथ योितिलग ादश योितिलग म से एक ह। इसे कामना िलंग भी कहा जाता
ह। लोग इ ह वै नाथधाम या बाबाधाम क नाम से भी जानते ह। साल भर तीथया ी देश क कोने-कोने से यहाँ
प चते ह।
िपतृप मेला
गया म यह मेला शारदीय नवरा से एक पखवाड़ पूव लगता ह। िपतृप म िहदू अपने पूवज को मरण कर
उनका ा करते ह। ऐसी मा यता ह िक िदवंगत आ मा को तभी शांित िमलती ह, जब उसका िपंडदान गया म
करा िदया जाता ह। वैसे तो गया म साल भर िपंडदान होता ह, परतु िपतृप म िकए गए िपंडदान का िवशेष मह व
ह।
बाबा े रनाथ का मेला
ब सर िजले क पुर नामक गाँव म िशवराि व वैशाख महीने क बदी एकादशी क िदन इस मेले का
आयोजन िकया जाता ह। वष म दो बार लगनेवाला यह मेला भी बड़ा पशु मेला ह। इस मेले म देश भर से गाय,
बैल, भस, घोड़, ऊट आिद य-िव य हतु आते ह। इसम कई सां कितक काय म का भी आयोजन िकया जाता
ह। बाबा े र क मंिदर म ालु जलािभषेक करते ह। धािमक, सां कितक और यापा रक ि वेणी का यह
मेला देश भर म िस ह।
मलमास मेला
मकर सं ांित से एक माह पूव (14 िदसंबर से 14 जनवरी) तक िहदू समाज कोई मांगिलक काय नह करता ह।
मकर सं ांित क िदन इस दूिषत मास का अंत होता ह। इस अवसर पर राजगीर म एक भ य मेला लगता ह। ऐसी
मा यता ह िक इस िदन से सूय मकर रािश म वेश करते ह। मकर सं ांित क िदन न र शरीर का याग
करनेवाल को पुनज म नह लेना पड़ता ह। मकर सं ांित क िदन राजगीर क गरम कड म ान कर आबालवृ
नवजीवन ा करते ह।
बेितया मेला
येक वष दशहर पर यह मेला बेितया म आयोिजत िकया जाता ह। लगभग 15-20 िदन तक आयोिजत इस पशु
पु तक मेला
सटर फॉर रीडरिशप डवलपमट (सी.आर.डी.) क ओर से आयोिजत पटना पु तक मेला येक वष ायः
नवंबर माह क थम स ाह म आयोिजत िकया जाता ह। यह ितवष 1985 ई. से लगातार पटना म आयोिजत होता
रहा ह। 15 िदवसीय मेले म देशभर क मुख काशक अपनी पु तक को दिशत करते ह। रा य क पु तक- ेमी
यहाँ आकर लाभा वत होते ह।
भागलपुर का पापहरणी मेला
मकर सं ांित क िदन मंदार पवत क तलहटी म थत पापहरणी तालाब का अ यंत धािमक मह व ह। यहाँ लोग
मकर सं ांित क िदन ान करते ह। लोकमा यता ह िक इस तालाब म ान करने से क रोग से मु िमलती
ह। जगह-जगह जल रही आग का लु फ उठाते ह। उसक बाद भगवान मधुसूदन क पूजा-अचना करते ह। दही-
चूड़ा और ितल क ल िवशेष प से खाए जाते ह।
इन मेल क अित र िबहार म िसंह र का मेला, बाँसी मेला, हरदी मेला, काली पूजा मेला एवं सहोदरा क
मेले भी आयोिजत िकए जाते ह।
महो सव
इसक साथ िबहार म महो सव का आयोजन सरकारी एवं िनजी तर पर िकया जाता ह, िजनम िन न ह—
राजगीर महो सव
राजगीर महो सव 28 िदसंबर, 2014 से 13 जनवरी, 2015 तक पूरी भ यता क साथ मनाया गया ह। इस
महो सव का थम बार आयोजन 1986 ई. म िकया गया था। कितपय कारण से 1989 से 1994 तक इस
महो सव का आयोजन नह हो सका, पर 1995 से इसे पुनः ारभ िकया गया। ऐितहािसक अजातश ु िकला मैदान
म आयोिजत होनेवाला यह महो सव ऐितहािसकता, ाचीनता, परपरा एवं आधुिनकता क सम वय का तीक बन
गया ह।
िव मिशला महो सव
िश ा जग म ाचीन काल से अपनी वै क पहचान रखनेवाले िव मिशला िव िव ालय क ऐितहािसक,
सां कितक और पयटक य मह व को देखते ए िबहार सरकार ने वष 2007 म तीन िदवसीय िव मिशला महो सव
(28-29 तथा 30 जनवरी) का आयोजन शु िकया। इस महो सव का आयोजन पयटन िवभाग तथा िजला शासन
भागलपुर क संयु त वावधान म िकया जाता ह।
धमपाल (786 से 820 ई.) ारा थािपत िव मिशला िव िव ालय नालंदा िव िव ालय क भाँित िव
तरीय था। यह िव िव ालय िव का दूसरा आवासीय िव िव ालय था। ित बती ंथ म इसे
ीम मशीलदेव महािवहार क नाम से जाना जाता ह। 1203 ई. म ब तयार िखलजी ने इस िव िव ालय को
िकले क म म व त कर िदया था।
मंदार महो सव
भागलपुर क सीमा से जुड़ा बाँका िजला मंदार पहाड़ होने क वजह काफ िस ह। इसी क समीप मंदार
महो सव का आयोजन होता ह। मकर सं ांित पर लगनेवाला यह िबहार का मह वपूण मेला ह और यह वही े
ह, जहाँ मधु-कटभ रा स का संहार कर भगवान िव णु मधुसूदन कहलाए। पुराण क अनुसार यह लड़ाई लगभग
10 हजार साल तक चली थी। दूसरी तरफ महाभारत म विणत ह िक समु मंथन म देव और दानव क पराजय
क तीक क प म ही हर साल मकर सं ांित क अवसर पर यह मेला लगता ह। िविदत ह िक समु मंथन क
दर यान मंदार को मिथनी बनाया गया था। मंदार पवत पर चढ़ने क िलए प थर क सीिढ़याँ तराशकर बनाई गई
ह। मंदार पवत पर चढ़ने क साथ ही सीताकड िमलता ह। प ी िचतु टड का कहना ह िक संथाली गीत म भी
मंदार क मिहमा का वणन ह। वह मंदार म जैन धम क 12व तीथकर वासुपू य ने कव य ा िकया था। आज
यहाँ िवशाल पैमाने पर मकर सं ांित क िदन से पाँच िदवसीय मंदार महो सव का आयोजन होता ह।
चंपारण महो सव
चंपारण िजला ाचीन काल से ही ऐितहािसक मह व रखता ह। यहाँ रामायण काल म महिष वा मीिक क आ म
होने का माण िमलता ह, तो स ा अशोक का लाट (िशलालेख) आज भी अपनी समृ का बयान करता ह।
यहाँ आज भी बौ धम क अनुयायी देश-िवदेश से आते ह। भगवान बु कशीनगर जाते समय यहाँ कस रया म
ठहर थे। महा मा गांधी ने अपना पहला राजनीितक स या ह 1917 ई. म नील कषक क सम या को लेकर
चंपारण म ारभ िकया था। चंपारण क मह व को देखते ए येक वष तीन िदवसीय चंपारण महो सव का
शुभारभ होता ह। यह महो सव कस रया ब ा िसंह कॉलेज क बगल म येक वष आयोिजत होता ह। इस अवसर
पर चंपारण क सं कित, कला, परपरा तथा ऐितहािसक गाथा का आयोजन िकया जाता ह।
वाणावर महो सव
पयटन क मानिच पर जहानाबाद िजले का गौरवशाली अतीत रहा ह। िजला मु यालय से लगभग 25
िकलोमीटर दि ण-पूव म थत वाणावर, िजसे इितहास म बराबर क नाम से भी जाना जाता ह, म येक वष दो
िदवसीय महो सव का आयोजन िकया जाता ह। वाणावर पहाड़ी समूह म मुख प से वाणावर एवं नागाजुनी
पहािड़याँ स मिलत ह। वैसे तो इस पहाड़ी समूह म मूित िश प, िभि िच एवं लिलत कला क आकषक नमूने
िमलते ह, पर इस पहाड़ी समूह का सव मुख आकषण यहाँ क गुफाएँ ह। महो सव क मा यम से ऐितहािसक एवं
पुराता वक धरोहर को िस िमली ह। िस लोमस ऋिष गुफा म उ क ण एक अिभलेख म इस पहाड़ी को
गोरखािग र भी कहा गया ह।
तपोवन महो सव
यह महो सव मकर सं ांित (14 जनवरी) क अवसर पर आयोिजत िकया जाता ह, जो तीन िदवसीय होता ह,
साथ ही तीन साल पर आयोिजत होनेवाला मलमास मेला भी यहाँ आयोिजत होता ह, जो लगातार एक माह तक
चलता ह। कहा जाता ह िक धम, कामना और मो , तीन क संगम- थली तपोवन ह। यह थल राजगीर से
लगभग 18 िकलोमीटर क दूरी पर टटा गाँव क पास ह। मनोरम पहािड़य से आ छािदत तपोवन अंतरा ीय क
ह।
तपोवन क मह ा और ाचीनता का बुकानन, सु िस वै ािनक जगदीश चं बोस, चीनी या ी फािहयान एवं
ेनसांग ने िव तार से वणन िकया ह। महाकिव भास ने अपनी िस पु तक ‘ व नवासवद ’ म तपोवन का
रोचक वणन िकया ह। तीथ थल तपोभूिम तपोवन म िबंिबसार काल म क यप ऋिष का आ म था। तपोवन म
बु क पु रा ल ने भी तप साधना क थी। तपोवन क इसी मह व को लेकर 14 जनवरी, 2015 को मकर
दीपावली
काितक मास क अमाव या को मनाया जानेवाला यह योहार काश और समृ का तीक ह। ऐसा माना
जाता ह िक इस िदन भगवान राम लंका-िवजय क प ा अयो या लौट थे और इसी स ता म लोग ने यह
उ सव मनाना शु िकया था। िबहार म यह योहार धूमधाम से बड़ हष ास क साथ मनाया जाता ह। इसक कछ
िदन पहले से ही इसक तैया रयाँ आरभ हो जाती ह। घर , कायालय आिद क साफ-सफाई करक पुताई क जाती
ह और नई-नई तसवीर से सजाया जाता ह। इस अवसर पर ल मी और गणेश क तसवीर को सजाया जाता ह।
इस अवसर पर ल मी और गणेश क तसवीर अिधक खरीदी जाती ह। इन िदन बाजार म बड़ी चहल-पहल होती
ह। िम ी क दीये, मोमब ी और आितशबाजी आिद क जमकर खरीदारी क जाती ह। शाम होते ही िम ी क दीये
व मोमबि याँ जला दी जाती ह। रात को घर म गणेश व ल मी का पूजन होता ह। उ ास से भर इस योहार क
छटा देखते ही बनती ह।
गोवधन पूजा
दीपावली क अगले िदन अ कट पूजा या गोवधन पूजा होती ह। मंिदर म अ कट से पूड़ी व स जी बनाई जाती
ह, िफर इसे साद क प म िवत रत िकया जाता ह। इस पव को गोधन भी कहा जाता ह और इस िदन पशुधन का
िवशेष यान रखा जाता ह। इस िदन सभी पशु को नहलाया जाता ह और उनक पूजा क जाती ह। उनक चार
क नाद को साफ िकया जाता ह और पुरानी र सय को बदला जाता ह। गोधन अथा बैल का इस िदन िवशेष
मह व रहता ह।
भैयादूज
यह गोवधन पूजा क अगले िदन लड़िकय और मिहला ारा मनाया जानेवाला भावनापूण योहार ह। इस िदन
वे अपने भाइय को बजड़ी (चने या मूँग क पाँच दाने) और िमठाई िखलाती ह तथा िफर भाई उ ह नेग व प कछ-
न-कछ भट अव य ही देते ह। इस अवसर पर बहन ारा अपने भाइय क िलए सफल एवं दीघायु जीवन यतीत
करने क कामना क जाती ह।
िच गु पूजा
यह काय थ समाज का िस योहार ह, िजसे ‘दवात पूजा’ क नाम से भी जाना जाता ह। भैयादूज क अगले
िदन िच गु क पूजा क जाती ह। लोग म इस िदन अपनी कलम, दवात और लेखन साम ी क पूजा करने क
परपरा ह।
अ य नवमी
यह िमिथलांचल े म मनाया जानेवाला धािमक पव ह, जो काितक सुदी नवमी को मनाया जाता ह। इस िदन
गाँव क मिहलाएँ आँवले क पेड़ क नीचे भोजन बनाती ह। इसक बाद प रवार क सभी सद य वहाँ एक होकर
आँवले क वृ क पूजा करते ह। िफर सभी लोग िमल-जुलकर भोजन करते ह। ऐसा माना जाता ह िक इस िदन
आँवले क वृ म भगवान का वास होता ह।
इ पूजा
भा पद माह क शु प एकादशी से क ण प पंचमी तक मनाया जानेवाला यह योहार िबहार क मु य पव
म से एक ह। इन नौ िदन म भगवान इ क मूित क थापना करक उसक पूजा क जाती ह। िफर अंितम िदन
उसका िवसजन नदी या तालाब म कर िदया जाता ह। ऐसी मा यता ह िक इस िदन इस पूजा से स होकर
भगवान इ वषा करते ह और अ छी फसल देकर अपने भ को समृ करते ह।
कोजगरा
यह िमिथला क ा ण समुदाय का जाितगत योहार ह। इस िदन ल मी और गणेश का िविधव पूजन िकया
जाता ह। नविववािहत जोड़ क िलए इस योहार का िवशेष मह व ह। पित ारा अपने दांप य जीवन क खुशहाली
क िलए इस िदन पूरी ा से मं ो ारण क साथ पूजा क जाती ह।
चौथचं
िमिथलांचल का यह पव भा पद मास क शु प चतुथ को मनाया जाता ह। यह मिहला- धान योहार ह।
इस िदन मिहलाएँ उपवास रखती ह। घर म वािद पकवान बनाने क परपरा ह। शाम क समय घर म पूजा-
आरती क जाती ह और धािमक गीत व भजन गाए जाते ह। इसक बाद घर क सभी सद य हाथ म फल, दही,
मलाई आिद लेकर चं दशन करते ह। इस पव क मु य पकवान म खजूर, जो मैदा से बना होता ह; िपड़िकया, जो
सूजी और दही का अ ुत वािद िम ण ह तथा साम य क अनुसार फल व मेवे खाने क परपरा ह।
वट सािव ी
यह िमिथला े का आंचिलक पव ह, जो ये मास क अमाव या को मिहला ारा मनाया जाता ह। यह
करवा चौथ और मधु ावणी त का ही एक प ह, िजसम मिहलाएँ उपवास रखकर वटवृ क पूजा-अचना
करती ह। ये मिहलाएँ समूह म नृ य और गायन भी करती ह। इनक गीत म वटवृ देवता से उनक पितय क िलए
अपने समान ही दीघायु क कामना क जाती ह। वट सािव ी क बार म यह पौरािणक मा यता ह िक सती सािव ी
को इसी वटवृ क नीचे आकर यमराज से तीन वर ा ए थे। मिहलाएँ इस वटवृ क पूजा करती ह, उसे
हाथ क पंखे से हवा करती ह और गीत गाते ए उसक चार ओर प र मा करती ह।
तीज
यह मिहला- धान योहार भा पद माह क शु प तृतीया को सुहािगन मिहला ारा मनाया जाता ह। यह
भी पित क दीघायु क कामना रखनेवाला योहार ह, िजसम मिहलाएँ िदन भर उपवास रखती ह और शाम को
थम तार क दशन करने क बाद पित क चरण पश करक उनक लंबी आयु क ई र से कामना करते ए त
का उ ापन करती ह।
बु जयंती
भगवान बु क ज मो सव पर मनाया जानेवाला यह पव भी बौ म हष ास से मनाया जाता ह। बौ धम
क दोन ही शाखा क अनुयायी इस िदन उ ास से इस पव को मनाते ह। वैशाख माह क पूिणमा क अवसर पर
इस पव म आ था और ा का अनूठा भाव देखने को िमलता ह। सार िबहार म बौ लोग ारा धम-संदेश
और मानवीय आदश क सार क िलए सभाएँ आयोिजत क जाती ह।
महावीर जयंती
जैन धम म इस पव को भगवान महावीर क ज मो सव क प म मनाया जाता ह। चैत माह क सुदी योदशी
मौजूद ह। गु का बाग प रसर म तेगबहादुर ने नीम क िजस दातुन को गाड़ा था, वह िवशाल वृ बन गई। आज
भी नीम क उस पेड़ क डाल मौजूद ह। देश-िवदेश से मुराद लेकर आनेवाले ालु इसक छाल और धूल
साद व प ले जाते ह। गु जी का कड़ा, िजस इमली क पेड़ क नीचे गु जी बैठ थे, उसक डाल, वरदान िदया
आ कआँ, साधु का कमंडल, आसन आिद सुरि त ह।
मुहरम
यह इ लाम धम का मुख योहार ह, जो इ लामी पंचांग क पहले महीने का नाम भी ह। इस महीने क 10व
तारीख को हजरत सैन क शहादत क उपल य म इस योहार को मनाया जाता ह। िशया सं दाय म शोकदशन का
भ य और धािमक जुलूस िनकाला जाता ह। िशया सं दाय म गरीब लोग को भोजन भी कराया जाता ह।
बकरीद
यह भी इ लाम धम का मुख योहार ह, िजसे ‘ईद-उल-अजहा’ क नाम से भी जाना जाता ह। यह इ लामी
पंचांग क अंितम माह म मनाया जानेवाला पव ह। यह पैगंबर इ ाहीम क शहादत िदवस क प म मनाया जाता ह।
इस अवसर पर पशुबिल देने क था ह। मुसलमान क पिव हजया ा का समापन भी इस समय होता ह। यह
योहार भारतीय सं कित को मजबूत करनेवाले योहार म से एक ह।
ईद
यह मु लम समाज का सबसे मुख योहार ह। यह पूर माह तक चलनेवाला पव ह। इसम धािमक ा और
शुिचता का अ ुत सम वय देखने को िमलता ह। इस महीने म, जो िक रमजान का होता ह, सभी मु लम रोजा
रखते ह। पाँच व नमाज का िनयम ह। जैसे ही रमजान का महीना समा होता ह, ईद का पव बड़ी धूमधाम से
मनाया जाता ह। इसे ‘ईद-उल-िफतर’ भी कहते ह। ईद क िदन ब त चहल-पहल रहती ह। जगह-जगह मेले
आयोिजत होते ह। नए व से स त ब े व बड़-बूढ़ एक-दूसर क गले िमलते ह। इस पिव िदन सेवई खाने व
िखलाने का िवशेष मह व होता ह।
ि समस
यह ईसाई धम का सबसे भ य और मह वपूण पव ह, जो िक येक वष 25 िदसंबर को बड़ी धूमधाम से मनाया
जाता ह। भु ईसा मसीह क ज मिदवस क मृित म मनाया जानेवाला यह योहार िबहार म भी बड़ हष ास से
मनाया जाता ह। इस िदन चच म सभी ाथना करने क िलए जाते ह और परमे र से संसार म सुख-शांित क
कामना करते ह। इस अवसर पर लोग सांता ॉज का वेश धारण कर ब को उपहार बाँटते ह।
नागपंचमी
यह िमिथला और अंग देश म मनाया जानेवाला मुख योहार ह, िजसम नाग क पूजा क जाती ह। वण माह
क सुदी पंचमी को मनाया जानेवाला यह योहार कह -कह ‘िवषहरा’ क नाम से भी जाना जाता ह। इस िदन
नागदेवता को दूध िपलाया जाता ह और मिहलाएँ घर क आँगन से ार तक नागदेवता का तीक िच बनाती ह।
छठपूजा
यह इस रा य क उन मुख योहार म से ह, िजसक अवसर पर सुदूर कायरत रा यवासी भी घर लौट आते ह।
यह भ , ा और उ ास का अनूठा पव ह। इस िदन से एक िदन पहले ही त का आरभ हो जाता ह, िजसे
‘खरना’ कहते ह। यह त 36 घंट का किठन िनजल त होता ह। इसम अ त होते सूय को नदी या तालाब म खड़
होकर एक टोकरी म अ य क व तुएँ रखकर अ य िदया जाता ह। इस टोकरी को लेकर लोग िभ ा माँगने क
परपरा का भी िनवाह करते ह। सूय दय क समय भी यही ि या दोहराई जाती ह। इस पव क भ यता देखते ही
बनती ह। इसक बड़ी िवशेषता यह ह िक इसम अमीर-गरीब और ऊच-नीच का कोई भेद नह रह जाता।
क णा मी
भा पद मास क क ण प अ मी को क णज म मृित क प म यह योहार सार देश क साथ िबहार म भी
बड़ हष ास से मनाया जाता ह। भगवान क ण म आ था रखनेवाले लोग िदन भर उपवास रखते ह और रात को
चं दशन करक अघ देकर पारण करते ह। इस िदन मंिदर म बड़ी चहल-पहल रहती ह। रात को लोग ‘सामा-
चकवा’ ना य क तुित भी करते ह।
र ाबंधन
ावण मास क पूिणमा को यह योहार सार भारत म बड़ी धूमधाम से मनाया जाता ह। भाई-बहन क ेम क
तीक का यह योहार बड़ी ेम-भावना से भरा होता ह। बहन अपने भाई क कलाई पर राखी बाँधकर उनसे र ा
का वचन लेती ह। इस िदन अिधकांश बहन अपने भाई क घर जाती ह।
जीितया
आ न मास क क णप ीय अ मी को यह त पु वती माता ारा अपने पु क दीघायु क िलए रखा
जाता ह। कह -कह यह त ‘अंगूठन’ िविध से भी रखा जाता ह। इसम मिहलाएँ राि क अंितम हर म घर क
भीतरी ार पर बैठकर अपने ब क साथ चूड़ा-दही खाती ह।
िबहार रा य म इनक अित र भी अनेक े ीय योहार ह। इनम ‘सामा-चकवा’ भाई-बहन क ेम पर आधा रत
ह तो ‘जूड़-सीतल’ म लोग बासी खाना और िखचड़ी खाते ह। िफर िम ी-पानी घोलकर एक-दूसर पर फकते ह।
‘महालया’ योहार िपतृप म 15 िदन तक मनाया जानेवाला योहार ह, िजसम गया िजले म िवशाल मेला लगता
ह। दूर-दूर से पूवज क आ मा क शांित क िलए लोग यहाँ आते ह। अनंत चतुदशी को लोग भगवान िव णु क
पूजा करक उनक कपा पाने क आकां ा म अपनी बाँह पर एक डोरा बाँधते ह, िजसे ‘अनंत डोरा’ कहा जाता ह।
इस तरह पता चलता ह िक िबहार क लोकसं कित म योहार का बड़ा मह व ह।
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कचह रय म आ। कथी व तुतः िबहार क पटना और भागलपुर मंडल क ामीण े क िलिप थी। कथी
िलिप क चलन से ही नागरी का चलन बढ़ा, य िक जनता क भाषा िहदी थी।
ख गिवलास ेस िबहार क पहली ेस थी, िजसने कथी म पु तक छापी। अदालत म िहदी क चलन म इस
ेस का सवािधक यावहा रक योगदान था। िबहार म सव थम 1860 ई. म ‘रा भाषा आंदोलन’ ारभ आ। इस
आंदोलन का नारा था— कल म िहदी का थान हो, कचह रय म िहदी का वेश हो। इस आंदोलन क
फल व प िबहार क कल म 1870 ई. म िहदी का वेश आ। उन िदन संयु ांत क िश ा िवभाग म राजा
िशव साद का भाव था। उनक ारा िलिखत िहदी क पा य-पु तक िहदी देश क ायः सभी कल म
चलन म आई। उनक िस कितय म ‘िव ांकर’, ‘आलिसय को कोड़ा’, ‘भूगोल-ह तामलक’, ‘वीरिसंह-
वृ ांत’ मुख थे। ख गिवलास ेस ने िहदी म पा य-पु तक तैयार करने म भरपूर सहयोग िकया। इस ेस क
सं थापक बाबू रामदीन िसंह ने ‘िहदी गिणत-ब ीसी’ क रचना क । िहदी म वतं एवं मौिलक पा य-पु तक क
िनमाण म ख गिवलास ेस को भूदेव मुखोपा याय, जॉज ि यसन, मुंशी राधालाल माथुर, मुंशी राम काश लाल,
मथुरा नाथ िस हा का भरपूर सहयोग िमला। ारिभक क ा क िलए चंडी साद िसंह ने ‘वण-िवनोद’ क रचना
क । रामदीन िसंह ने िहदी सािह य ( थम भाग) का संकलन िकया।
रामदीन िसंह क सािह य-साधना से भािवत होकर भारतदु ह र ं का 1884 ई. क माच क थम स ाह म
पटना आने का उ ेख िमलता ह। भारतदुजी क एक-दो पु तक को छोड़कर शेष पु तक का मु ण एवं काशन
उ र देश क अ य ेस से िकया जा चुका था। बाद म ख गिवलास ेस से इनक कितय का पूणमु ण कराया
जाने लगा। इनम से ‘स य ह र ं नाटक’ िबहार क कल म ब त िदन तक पा य म म था। उनक कल 129
ंथ का काशन ‘ ंथावली’ क प म िकया गया। 1904 ई. म बाबू िशवनंदन सहाय ने ‘सिच ह र ं ’ नामक
500 पृ क पु तक िलखी। इसी समय बाबू राधाक ण दास क पु तक ‘ह र ं क जीवनी’ कािशत ई।
ख गिवलास ेस म 1870 से 1872 ई. क आसपास बंिकमचं क दुगश नंिदनी (बँगला उप यास) का िहदी
पांतरण ‘किव वचन सुधा’ म कािशत ई। बाद म इनक मुख उप यास —‘राज िसंह’, ‘राधारानी’, ‘इिदरा’,
‘युगलांगुरीय’, ‘कपालकडला’, ‘क णकांत का दान-प ’, चं शेखर देवी चौधरानी एवं रजनी का िहदी अनुवाद
कािशत आ। इसक अित र सूयपुरा क राजा राजे री साद िसंह, दरभंगा क पं. भुवने री िम , मुज फरपुर
क अयो या साद ख ी तथा देव क राजा जग ाथ साद िसंह िककर आिद उस समय क महा सािह य िवभूित
रह।
ख गिवलास ेस िबहार क पहली ेस थी, िजसने कथी म पु तक छापी। अदालत म िहदी क चलन म
इस ेस का सवािधक यावहा रक योगदान था। िबहार म सव थम 1860 ई. म रा भाषा आंदोलन
ारभ आ।
िहदी सािह य क वणयुग का ारभ 19व शता दी का ारभ माना जाता ह। िबहार क मुख सािह यकार—पं.
रामावतार शमा, पं. चं शेखर शा ी, राम लोचन शरण, डॉ. काशी साद जायसवाल आिद अपनी कितय से िबहार
म ही नह , ब क पूर देश म लोकि य ए। आरिभक उप यास लेखक म राजा रािधका रमण साद िसंह, आचाय
िशवपूजन सहाय, अवध नारायण मुख ए। मुख किवय म रामधारी िसंह िदनकर, आर.सी. साद िसंह, गोपाल
िसंह नेपाली, रामगोपाल , पं. रामदयाल पांडय, कले टर िसंह कसरी शािमल थे। इस काल क नाटक ,
उप यास , िनबंध , प म मुखतः रा ीय चेतना का समावेश रहा। वतं ता- ा क बाद िहदी सािह य
आधुिनक भारत क नविनमाण को लेकर मुखर प से अिभ य रहा। इस काय म डॉ. राज साद, ब ीनाथ
वमा, पं. छिव नाथ पांडय, मथुरा साद दीि त का योगदान मुख रहा। आधुिनक समय म निलन िवलोचन शमा,
कसरी कमार, डॉ. कमार िवमल, आलोक ध वा, डॉ. वचनदेव कमार, डॉ. कमार िवमल आिद सािह यकार िबहार
म िहदी क िवकास म मह वपूण योगदान दे रह ह। इसक अलावा िहदी सािह य स मेलन, रा भाषा प रष एवं
िबहार िहदी ंथ अकादमी का िहदी क िवकास म मह वपूण योगदान ह।
उदू
िबहार म म यकाल म मु लम क वेश क साथ यहाँ क भाषा पर उदू का य भाव पड़ा ह। उदू भाषा
म िबहार क इितहास पर थम ंथ ‘न शे पायदार’ अली मुह मद शाह अजीमाबादी क ारा िलखा गया। डॉ.
अजीमउ ीन अहमद ने अं ेजी किवता शैली सॉनेट का उदू भाषा म सव थम योग िकया था। ‘गुल-ए-नगमा’
इनक किवता का संकलन ह। िबहार म गितशील उदू िवचारधारा क मु य चारक क प म सुहल
अजीमाबादी को जाना जाता ह, जबिक उदू सािह य म शोध को वै ािनक आधार दान करने म काजी अ दुल
वदीद को ेय ा ह।
भोजपुरी क िवकास म पूव म धरती दास एवं द रया दास ने मह वपूण भूिमकाएँ िनभाई थ । वतमान
समय म मह िम ा, िभखारी ठाकर बाबू रघुवीर नाथ जैसे सािह यकार क कारण भोजपुरी को नई
पहचान िमली ह।
िबहार म उदू क िवकास का सबसे मह वपूण समय 19व शता दी का उ राध रहा ह। गािलब, मोिमन और
जॉक जैसे िस उदू शायर क ारा उदू क िवकास म मह वपूण योगदान िमला। अली मुह मद शाह क गजल
का सं ह ‘मैखाना-ए-इ हाम’, अिजमो ीन अहमद क किवता का सं ह ‘गुले-नगमा’ ब त िस ई।
जीमल मजाहरी क किवता म दशन का भाव प िदखता ह। ो. कलीमु ीन अहमद उदू सािह य म
आलोचक क ेणी म थम पं म आते ह। काजी अ दुल वदीद उदू म शोध क वै ािनक आधार को ेय
देनेवाले रह ह। िव यात किव कलीम आिजज को उदू शायरी को नए प म सजाने क िलए ‘प ी’ स मान से
स मािनत िकया गया ह। अ दुल शमद क उप यास ‘दो गज जमीन’ को ‘सािह य अकादमी पुर कार’ ा आ
ह। इसक अलावा कहानीकार म रजवान अहमद, शौकत हयात, सफ जावेद, किवय म जिहर िस ीक , सु तान
अ तर, ग लेखक म लु फर रहमान, बहाव अशफ आिद सािह यकार का उदू सािह य क िवकास म महा
योगदान रहा ह। रा य म 1984 ई. म उदू को तीय राजभाषा का दजा िमला। िबहार सरकार ने भी उदू अकादमी
का गठन कर उदू क िवकास म अपना मह वपूण योगदान िदया ह।
भोजपुरी
िबहार क ाचीन िजले भोजपुर क आधार पर भोजपुरी श द का िनमाण आ। पूववत आरा िजले क ब सर
सब-िडवीजन (जो अब अलग िजला ह) म भोजपुर नाम क एक बड़ परगने को म य देश क उ ैन से आए
भोजवंशी परमार राजा ने बसाया था। इ ह ने इस राजधानी का नाम अपने पूवज राजा भोज क नाम पर भोजपुर
रखा और इसक आसपास बोली जानेवाली भाषा भोजपुरी कहलाई। यह एक आय प रवार क भाषा ह।
इस भाषा का इितहास सातव सदी से शु होता ह। यह मु यतः प मी िबहार, पूव उ र देश तथा उ री
झारखंड क े म बोली जाती ह। भोजपुरी अपनी श दावली क िलए मु यतः सं कत एवं िहदी पर िनभर ह।
इसक कछ श द उदू से भी िलये गए ह। इस े क लोग क ारा पूव म िव क अलग-अलग जगह म
रोजगार हतु जाने क कारण तथा वहाँ बस जाने क कारण, वहाँ पर भोजपुरी का अ छा सार आ ह। वतमान म
सूरीनाम, गुयाना, ि िनदाद और टोबैगो, िफजी, मॉरीशस आिद देश म भोजपुरी बोलचाल क मुख भाषा ह। 2001
क जनगणना क अनुसार भारत म लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते ह।
िबहार म आरा, छपरा और चंपारण म मु यतः भोजपुरी बोली जाती ह। भोजपुरी क िवकास म पूव म धरती
दास एवं द रया दास ने मह वपूण भूिमकाएँ िनभाई थ । वतमान समय म मह िम ा, िभखारी ठाकर, बाबू रघुवीर
नाथ जैसे सािह यकार क कारण भोजपुरी को नई पहचान िमली ह।
मैिथली
मैिथली नेपाल क उपरा ीय भाषा ह। यह मु यतः भारत म उ री िबहार एवं नेपाल क तराई क इलाक म
बोली जाती ह। पहले इसे िमिथला र या कथी िलिप म िलखा जाता था, जो बँगला एवं असिमया िलिपय से िमलती
थी, परतु वतमान म यह देवनागरी िलिप म िलखी जाने लगी। यह एक आय प रवार क भाषा ह।
मैिथली का थम माण रामायण से िमलता ह। पूव म िमिथला नरश राजा जनक क राजभाषा मैिथली थी। 700
ई. क आसपास इसम रचनाएँ क जाने लग । दसव शता दी क आसपास योित र ठाकर ने मैिथली म
‘वणर नाकर’ क रचना क । िव ापित मैिथली क सवािधक चिचत किव ह। वतमान म भारत म लगभग 7-8
करोड़ लोग मैिथली बोलते ह। 22 िदसंबर, 2003 को भारत सरकार ारा मैिथली को भारतीय संिवधान क
आठव अनुसूची म शािमल िकया गया ह। भारत क सािह य अकादमी ारा मैिथली को सािह यक भाषा का दजा
1965 से ही हािसल ह।
िबहार म मु य प से दरभंगा, मुज फरपुर, पूिणया, कोसी, भागलपुर मंडल म मैिथली बोली जाती ह।
िव ापित क बाद गोिवंद दास, चंदा झा, मनबोध, पं. सीताराम झा, जीवनाथ झा आिद मैिथली क मुख सािह यकार
माने जाते ह।
मगही
मगही श द का िवकास मागधी से आ ह। ाचीन काल म मगध सा ा य क भाषा मगही थी। मगही िबहार म
मु यतः पटना, गया, जहानाबाद, औरगाबाद िजले म बोली जाती ह। इस बोली क शैली का जनक सुरश दूबे को
कहा जाता ह। आधुिनक समय म लोकभाषा एवं लोकसािह य से संबंिधत अ ययन क प रणाम व प मगही क
ाचीन परपरागत लोकगीत , लोककथा , लोकना य , मुहावर आिद का सं ह ब त ती ता से िकया जा रहा ह।
मगही म सवािधक चिचत सािह यकार क प म योगे र िसंह का नाम आता ह। िस महाका य म ह रनाथ
िम का ‘लिलत रामायण’, ‘लिलत भागवत’, राम साद िसंह का ‘लोहा मरद’, योगे र साद िसंह ‘योगेश’ का
‘गौतम’, योगेश पाठक का ‘जरासंध’ शािमल ह। मगही उप यास म जयनाथपित का ‘सुिनता’, ‘फलबहादुर’,
‘गदहनीत’, राज साद चौधेय का ‘िवसेसरा’, च धर शमा का ‘हाय र उ िदन’, ‘साक य’, बाबूलाल मधुकर
का ‘रमितया’, रामनंदन का ‘आदमी आउ देवता’ आिद मुख ह। छोटनारायण शमा का ‘मगही क दो फल’,
कशव साद वमा का ‘सोना क सीता’ मगही क िस एकांक सं ह ह। गोपाल रावत िपपाशा क ‘आधी रात क
बाद’, रघुवीर साद समदश क ‘भ मासुर’, बाबूराम िसंह क ‘लमगोड़ा’ गंधारी क ‘सराप’ आिद िस मगही
नाटक ह।
अंिगका
िबहार म मु यतः भागलपुर एवं मुंगेर िजले म बोली जानेवाली लोकभाषा अंिगका ह। यह मैिथली क ही एक
उपबोली ह। इसे भागलपुरी क नाम से भी जाना जाता ह। ाचीन अंग देश म बोली जाने क कारण यह भाषा
अंिगका कहलाई। इसे देवनागरी िलिप म िलखा जाता ह। डॉ. तेज नारायण कशवाहा ने अंिगका बोली का इितहास
िलखकर इस भाषा को लोकि य बनाने म अपना ब मू य योगदान िदया ह। यह एक आय प रवार क भाषा ह।
िबहार म सबसे पहले शाह कबी ीन अहमद ने 1850 ई. म सहसाराम म ि ंिटग ेस क थापना क ।
इस ेस का नाम ‘मुताहकोबरा’ था।
प का रता
भारत म मु ण कला का आगमन 18व सदी क अंितम दशक म हो चुका था। अ र ेस क थापना क साथ
अखबारनबीसी का ार खुल चुका था। 1850 ई. क पहले देश क मुख नगर म ेस क थापना हो चुक थी,
िकतु तब तक िबहार इस े म ब त िपछड़ा था। िबहार म सबसे पहले शाह कबी ीन अहमद ने 1850 ई. म
सहसाराम म ि ंिटग ेस क थापना क । इस ेस का नाम ‘मुताहकोबरा’ था। उस ेस से उदू क िकताब
कािशत होती थ । अखबार जग क िलए िबहार म थम यास िविलयम टलर क नाम जाता ह, िज ह ने िश ा
म सुधार लाने क उ े य से 3 िसतंबर, 1856 को उदू सा ािहक ‘अखबार-ए-िबहार’ कािशत कराया। इस िदशा
म दूसरा यास िव ालय उपिनरी क मुंशी सूरजमल और पटना नॉमल कल क अधी क राय सोहनाल ने 1860
ई. म ‘अखबार-अिखयार’ नामक अखबार कािशत कराया। इ ह क ारा 1869 ई. म ‘च म-ए-इ म’ नामक
अखबार का काशन कराया गया।
िबहार म िहदी प का रता क उ ावक पं. मदनमोहन भ थे। उ ह ने स 1872 ई. म कलक ा से
िहदी सा ािहक ‘िबहार बंधु’ का काशन आरभ िकया। इसका मु ण कलक ा क ीपूरन काश ेस
से होता था। इस पि का का काशन 1874 ई. से पटना से होने लगा।
िबहार म िहदी प का रता क उ ावक पं. मदनमोहन भ थे। उ ह ने स 1872 ई. म कलक ा से िहदी
सा ािहक ‘िबहार बंधु’ का काशन आरभ िकया। इसका मु ण कलक ा क ीपूरन काश ेस से होता था। इस
पि का का काशन 1874 ई. से पटना से होने लगा। पटना म काशन आरभ होने पर पं. कशवराम भ का
‘िहदी- याकरण’, ‘िव ा क न व’ एवं दो नाटक ‘स ाद संबल’ और ‘शमशाद शौसन’ कािशत ए। इसक बाद
िबहार म िहदी प का रता क े म दूसरा महा यास खड़गिवलास ेस क थापना थी। यह ेस रामदीन िसंह,
रामच र िसंह एवं साहब साद िसंह क संयु यास से 1880 ई. म थािपत ई। भारतदु क सम त कितय का
संकलन ‘भारतदु गंरथावली’ का काशन 6 खंड म इसी ेस से आ।
थम अं ेजी समाचार-प ‘द िबहार हरा ड’ का काशन 1875 ई. म गु साद सेन क ारा िकया गया।
1881 ई. म इिडयन ॉिनकल का संपादन पटना म शु आ। इसक बाद पटना से ‘िबहार टाइ स’ का संपादन
डॉ. सि दानंद िस हा, महश नारायण, नंदिकशोर लाल तथा ीक ण सहाय क ारा 1894 ई. म शु िकया
गया। इसी समय मह र साद ारा ‘द िबहारी’ का काशन शु िकया गया। 1912 से 1927 ई. तक ‘द
िबहारी’ दैिनक समाचार-प क प म कािशत होता रहा। ‘द सच लाइट’ का काशन 1918 ई. म सैयद हदर
सैन क ारा शु िकया गया। 1985 ई. म इसे बंद कर इसक जगह ‘िहदु तान टाइ स’ क पटना सं करण क
शु आत क गई। िबहार क थम मु यमं ी यूनुस क ारा 1914 से 1944 ई. तक ‘पटना टाइ स’ का काशन
िकया जाता रहा। ‘द इिडयन नेशन’ का काशन दरभंगा क महाराजा कामे र िसंह क ारा शु िकया गया।
‘टाइ स ऑफ इिडया’ क पटना सं करण का काशन मई 1986 से शु आ। ‘द इिडयन नेशन’ क िहदी
थापना वष : 1960
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : आ मकथा
थापना वष : 1970
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : आज
थापना वष : 1979
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : बेगूसराय टाइ स
थापना वष : 1981
काशन थल : बेगूसराय
समाचार-प का नाम : पाटिलपु टाइ स
थापना वष : 1985
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : नवभारत टाइ स
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : िहदु तान
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : अमृत वषा
थापना वष : 1987
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : मौय िबहार (सं या)
थापना वष : 1988
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : सं या हरी
थापना वष : 1992
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : दैिनक जागरण
थापना वष : 2000
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : दैिनक भा कर
थापना वष : 2013
काशन थल : पटना
अं ेजी दैिनक
समाचार-प का नाम : सचलाइट
थापना वष : 1918
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : िहदु तान टाइ स
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : टाइ स ऑफ इिडया
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : इिडयन नेशन
थापना वष : —
काशन थल : पटना
िहदी पि काएँ
पि का का नाम : बालक (मािसक)
थापना वष : 1926
काशन थल : पटना
पि का का नाम : ि य पि का (मािसक)
थापना वष : 1881
काशन थल : पटना
पि का का नाम : ल मी (मािसक)
थापना वष : 1903
काशन थल : पटना
पि का का नाम : युवक (मािसक)
थापना वष : 1926
काशन थल : पटना
पि का का नाम : भूखे (मािसक)
थापना वष : 1933
काशन थल : पटना
पि का का नाम : आरती (मािसक)
थापना वष : 1940
काशन थल : पटना
पि का का नाम : पा रजात (मािसक)
थापना वष : 1946
काशन थल : पटना
पि का का नाम : यो ा (मािसक)
थापना वष : 1948
काशन थल : पटना
पि का का नाम : अवंितका (मािसक)
थापना वष : 1952
काशन थल : पटना
पि का का नाम : पाटल (मािसक)
थापना वष : 1952
काशन थल : पटना
पि का का नाम : जनमत (मािसक)
थापना वष : 1981
काशन थल : पटना
पि का का नाम : िश ा डाइजे ट
थापना वष : 1984
काशन थल : पटना
पि का का नाम : अवकाश पाि क
थापना वष : 1979
काशन थल : पटना
मुख सािह यकार
सदल िम
िहदी क पहले ग कार, िजनक ग शैली आगे चलकर िहदी म वीकत ई, िबहार क इस महा सािह यकार
का ज म अनुमानतः 1767-1768 ई. म आरा िजले म आ था। इनक रचना म ‘नािसकतोपा यान’ या
‘चं ावती’, ‘रामच र ’, ‘फल ह क िबछाने’, ‘सोनम क थंभ’, ‘च िदिस’, ‘बरते थे’, ‘बाजने लगा’, ‘काँदती ह’,
‘गाँछ ’, आिद मुख ह। सदल िम क ारिभक खड़ी बोली ग लेखक म िवशेष मह व रखती ह। इनक मृ यु
1847 ई. म हो गई।
अिनल कमार मुखज
14 जनवरी, 1916 को बँगलादेश म ज म लेनेवाले अिनल कमार मुखज ने िबहार म देशी रगमंच को
िथएटर मूवमट क प म खड़ा करने का असाधारण यास िकया।
14 जनवरी, 1916 को बँगलादेश म ज म लेनेवाले अिनल कमार मुखज ने िबहार म देशी रगमंच को िथएटर
मूवमट क प म खड़ा करने का असाधारण यास िकया। 16 िदसंबर, 1961 को पहली बार (पालक ) क मंचन
क बाद उनक या ा अबाध गित से आगे बढ़ते चली गई। इसी वष उ ह ने िबहार आट िथएटर क थापना क , जो
बाद क वष म यूने को क जा ना य सं थान क क क प म प रवितत आ। बाद म उ ह ने भारत छोड़ो
आंदोलन म बढ़-चढ़कर भाग िलया। उनका िलखा आ नाटक ‘िव लवी’ ब त लोकि य आ। 1970 ई. म
उ ह ने िबहार ना य कला िश णालय क थापना क । उ ह ने 70 से अिधक नाटक क रचना क । उनक
िस नाटक म ‘िव लवी’, ‘पालक ’, ‘कठघर म कद एक और इितहास’, ‘ ायल ऑफ शेख मुजीबुररहमान’,
‘कठपुतली’, ‘अकला’, ‘कांचन रग’, ‘िचंिदय को झालर’, ‘डथ ऑफ से समेन’, ‘गोर क इतजार म’ आिद
मुख ह। उनका िनधन 28 जून, 1991 को पटना म आ।
अनूप लाल मंडल
लगभग दो दजन उप यास क रचियता अनूप लाल मंडल को िबहार का ेमचंद कहा जाता ह। उनक िस
रचना म ‘अिभयान का पथ’, ‘आवार क दुिनया’, ‘उ र पांडिलिप’, ‘उ र पु ष’, ‘क और प रिध’,
‘ योितमयी’, ‘ ाला’, ‘तूफान और ितनक’, ‘दद क त वीर’, ‘दस बीघा जमीन’, ‘िनवािसता’, ‘र और रग’,
‘बुझने न पाए’, ‘मीमांसा’, ‘ परखा’, ‘वे अभागे’, ‘समाज क वेदी पर’, ‘सिवता’, ‘साक ’ आिद मुख ह।
ाथिमक िव ालय क एक िश क क प म अपना क रयर शु करनेवाले इस महा सािह यकार का ज म
िसतंबर, 1896 म पूिणया िजले क समेली म आ था। इनक ारा िलखा आ सं मरण ‘गरीबी क िदन’ इनक
अपने जीवन क संघष को य करता ह। ‘मीमांसा’ नामक उप यास क आधार पर ‘ब रानी’ िफ म का िनमाण
आ। उनक दो कहािनयाँ ‘मन क गाँठ’ और ‘एक ाण अनेक उ ास’ िस ह। उनका िनधन 22 िसतंबर,
1982 को पैि क गाँव समेली म आ।
अ ण कमल
‘सािह य अकादमी पुर कार’, ‘भारत भूषण अ वाल पुर कार’, ‘सोिवयत भूिम नेह पुर कार’, ‘ ीकांत वमा
मृित पुर कार’, ‘शमशेर स मान’ एवं ‘नागाजुन पुर कार’ से स मािनत िबहार क इस महा रचनाकार का ज म
रोहतास िजले क नासरीगंज म 15 फरवरी, 1954 को आ। इनक किवता सं ह म ‘अपनी कवल धार’, ‘सबूत’,
‘नए इलाक म’, ‘पुतली म संसार’, ‘म वो शंख महाशंख’ आिद मुख ह। इनक ारा िलखी गई अ य रचना म
‘किवता और समय’, ‘गोलमौज’ (आलोचना), ‘कथोपकथन’ (सा ा कार) ब त िस आ।
आरसी साद िसंह
िबहार क महानतम सािह यक िवभूितय म एक कित, जोश और रा ीय सां कितक चेतना से ओत- ोत खर
किव आरसी साद िसंह का ज म सम तीपुर िजले क रोसड़ा खंड थत ऐरोत गाँव म 1911 ई. म आ था।
इनका पूरा नाम रामचं साद िसंह था। 16 वष क उ म इनक एक किवता ‘आम का पेड़’, ‘बालक’ नामक
पि का म छपी थी, िजससे इनको काफ ेरणा िमली। इनक एक किवता ‘जीवन का झरना’ िहदी सािह य म ब त
िस ई। 1938 म इनका एक का य सं ह ‘कलापी’ कािशत आ, िजसम 1930 से 1938 ई. क बीच िलखी
ई इनक सारी किवताएँ शािमल ह। रामचं शु ने ‘िहदी सािह य का इितहास’ म इस का य सं ह का उ ेख
िकया ह। 1942 ई. म इनका का य सं ह ‘आरसी’, दो कहानी सं ह ‘पंचप व’ एवं ‘खोटा िस ा’ कािशत
ए। 1948 से 1951 ई. तक इ ह ने कोशी कॉलेज खगिड़या म िहदी ा यापक क प म काम िकया। मैिथली
सािह य क िलए इ ह ‘सािह य अकादमी पुर कार’ से स मािनत िकया गया। इनक सािह य म उ र-छायावाद क
साथ-साथ योगवाद क झलक िमलती ह। 1996 ई. म ये अपनी अमू य रचना को इस संसार म एक
ेरणा ोत क प म छोड़कर दुिनया से चल बसे।
काशी साद जायसवाल
1924 ई. म अपनी एक रचना ‘िहदू पॉिलटी’ से भारतीय इितहास म ांित पैदा करनेवाले ी काशी साद
जायसवालजी का ज म मूलतः झालदा (प. बंगाल) म 27 नवंबर, 1881 को आ, लेिकन इनक कमभूिम पटना
थी। 1930 ई. म इनक एक और मह वपूण पु तक ‘िह टरी ऑफ इिडया’ कािशत ई। इस पु तक म इ ह ने
पुराण, सािह य, अिभलेख और िस क आधार पर कषाण क अंत एवं गु सा ा य क उदय क बीच नाग और
वाकाटक सा ा य होने क पुि क । बाद क िदन म 1916 ई. म पटना उ यायालय क थापना क बाद
इ ह ने वकालत क पेशे को अपना िलया। ये पुरािलिप एवं ाचीन मु ा क अ छ ाता थे। 1915 ई. म थािपत
िबहार एवं उड़ीसा रसच सोसाइटी क सं थापक म इनका एक नाम ह। पटना सं हालय क वतमान व प क
परखा इ ह ने ही तैयार क थी। 1917 ई. म इ ह ने पटना से ‘पाटिलपु ’ का संपादन िकया। 1934 एवं 1936 ई.
म ये भारतीय मु ा सिमित क दो बार सभापित चुने गए। वे पहले भारतीय थे, िज ह मौय िस क िवषय पर लंदन
क रॉयल एिशयािटक सोसाइटी म या यान क िलए बुलाया गया था।
कमार िवमल
िहदी सािह य म किव, आलोचक, सािह य-िचंतक क प म िस डॉ. कमार िवमल का ज म 12 अ ूबर,
1931 को भागलपुर िजले क कालूचक म आ। इनका यादातर समय डी.जे. कॉलेज, मुंगेर, हर साद दास जैन
कॉलेज, आरा एवं पटना िव िव ालय म अ यापन क काय म यतीत आ। वे यारह वष तक िबहार लोक सेवा
आयोग से जुड़ रह। बाद म नालंदा िव िव ालय क कलपित क प म काम िकया। 1949 ई. म उनक किवता
सं ह ‘अंगार’ कािशत ई। उनक किवता सं ह म ‘ये संपुट सीपी क’ (1972), ‘ए अनंत अनुभव अमृत’
(1975), ‘सजना क वर’ (1986), ‘युग मानव बापू’ (1987), ‘एक रा ह—एक देश ह’ (1988), ‘किवताएँ
कमार िवमल क ’ (1994) और ‘सागर माथा’ (2002) मह वपूण ह। इनक आलोचना ंथ म ‘अ नारी र
िदनकर’, ‘महादेवी वमा : एक मू यांकन’, ‘सािह य िववेक’, ‘का यानुशीलन : आधुिनक-अ याधुिनक’,
‘छायावाद का स दयशा ीय अ ययन’, ‘मू य और मीमांसा’, ‘आधुिनक िहदी का य’, ‘िचंतन, मनन और
िववेचन’, ‘आलोचना अनुशीलन’, ‘महादेवी का का य सौ व’, ‘तीन िशखर कितयाँ’ मुख ह। इनका िनधन 26
नवंबर, 2011 को आ।
कदारनाथ िम भात
िबहार िहदी जग क रा ीय तर क यश वी महाकिव कदारनाथ िम भातजी का ज म 11 िसतंबर, 1907 को
आरा म आ था। 1933 ई. म ये हजारीबाग थत पुिलस िनंग कॉलेज म या याता िनयु ए। इनक मुख
का य सं ह म ‘त गृह’, ‘ककई’, ‘कण’, ‘ वीर’, ‘सगात’, ‘ भास क ण’, ‘ऋतंबरा’ आिद शािमल ह।
ऋतंबरा मूलतः मानवता क मिहमा का महाका य ह। इसक अलावा इ ह ने ‘स यं िशवं सुंदर ’ एवं ‘पिहए क
धुरी’ नामक दो ग सं ह क मा यम से अपने आपको एक कशल िनबंधकार क प म थािपत िकया। उ र
देश सरकार ने इ ह दो का य सं ह ‘बैठो मेर पास’ और ‘सेतुबंध’ क िलए पुर कत िकया, जबिक िबहार
रा भाषा प रष म इ ह ‘िबहारी ंथ लेखाकार पुर कार’ एवं ‘वयोवृ सािह यकार स मान’ से नवाजा गया।
इ ह ने सा ािहक पि का ‘महावीर’ का संपादन भी िकया। इनका िनधन 2 अ ैल, 1984 को पटना म आ।
गोपाल िसंह नेपाली
भारतीय वतं ता सं ाम क दौरान अपने रा ीय गीत से सामा य जनमानस को ‘ वतं ता आंदोलन’ म बढ़-
चढ़कर भाग लेने को े रत करनेवाले महा किव गोपाल िसंह नेपाली जी का ज म 11 अग त, 1911 को बेितया
म आ था। मा 16 वष क अव था से ही इ ह ने का य रचना ारभ कर दी। ‘रािगनी’, ‘प ी’, ‘उमंग’,
‘नीिलमा’, ‘पंचमी’ एवं ‘नवीन’ इनक ारभ क कछ अ ितम रचनाएँ ह। चीनी आ मण क समय इनक ारा
िलखी गई ‘िहमालय ने पुकारा’ एक लोकि य रचना ह। अिखल भारतीय िहदी स मेलन (1931) कलकता म
इनक मुलाकात िशवपूजन सहाय, रामधारी िसंह िदनकर, रामवृ बेनीपुरी, बनारसी दास चतुवदी जैसे महानुभाव से
ई। 17 अ ैल, 1963 को भागलपुर म इनक वाणी सदा क िलए मौन हो गई।
चतुभुज
उ ीस ऐितहािसक एवं सात पौरािणक नाटक क रचियता डॉ. चतुभुज का ज म 15 जनवरी, 1928 को
िबहारशरीफ म आ। 21 वष क उ म इ ह ने अपना पहला नाटक ‘मेघनाथ’ िलखा। इसी वष इनका एक और
नाटक ‘िसराजु ौला’ कािशत आ। इनक अ य नाटक म ‘पाटिलपु का राजकमार’, ‘किलंग िवजय’, ‘भगवान
बु ’, ‘मीर कािसम’, ‘िसकदर पोरस’, ‘मु ारा स’, ‘िशवाजी’, ‘बहादुरशाह’, ‘कसबध’, ‘झाँसी क रानी’,
‘भी म ित ा’, ‘नूरजहाँ’, ‘कण’, ‘वीर अिभम यु’, ‘अरावली का शेर’, ‘ ीक ण’, ‘कवर िसंह’, ‘पीरअली’,
‘रावण’, ‘मोच पर’, ‘बाबू िवरची लाल’, ‘नदी का पानी’ एवं ‘टीपू सुलतान’ शािमल ह। ‘समु का प ी’ तथा
‘राजदशन’ इनक दो िस ऐितहािसक उप यास ह। ‘मीर कािसम’ नाटक क िलए इ ह उ र देश सरकार ारा
पुर कार िदया गया। ‘भगवान बु ’ एवं ‘किलंग िवजय’ नाटक क िलए बौ देश से इ ह श त प िमले।
इसक अलावा तीन समािजक नाटक, एक हा य यं य नाटक, दो एकाक सं ह, दो कहानी सं ह, दो जीविनयाँ
और एक लेख सं ह एक साथ ‘चतुभुज र नावली’ क नाम से कािशत ए। इनका िनधन 2009 ई. म पटना म हो
गया।
जानक ब भ शा ी
स य, शील एवं स दय क महा किव आचाय जानक ब भ शा ी का ज म 25 जनवरी, 1916 को गया
िजले क मैगरा ाम म आ। उनक पहली किवता प-अ प 1939 ई. म कािशत ई। िहदी किवता म िनराला
क परपरा को आगे बढ़ाते ए उ ह ने अपनी लेखनी से भारतीय सं कित क चेतना एवं स दय क खूबसूरत
या या क । इनक मुख रचना म ‘कानन’, ‘अपणा’, ‘लीला कमल’, ‘बसंती’ (सभी कहानी सं ह), ‘एक
िकरण सौ झाँइयाँ’, ‘दो ितनक का घ सला’, ‘अ घोष’, ‘कािलदास’, ‘चाण य’ (सभी उप यास), ‘ मृित क
वातायन’, ‘हस बलाका’, ‘कम े क े ’, ‘नील मोिहत’, ‘रोजनामचा’, ‘िनराला क प ’, ‘एक असािह यक
क डायरी’ (सभी सं मरण), ‘चलंितका’ (लघु कथा सं ह), ‘सुने कौन नगमा’ (गजल सं ह), ‘अजंता क ओर’
(या ा-वृ ांत), ‘िहदी सािह य को िनराला क देन’, ‘मन क बात’, ‘मानस-िचंतन’, ‘सािह य दशन’, ‘ ा य
सािह य’, ‘ यी’ (सभी िनबंध सं ह), ‘काफली’ (सं कत का य सं ह) शािमल ह। 7 अ ैल, 2011 को इनका
िनधन हो गया।
देवक नंदन ख ी
िबहार क महा सािह यकार देवक नंदन ख ी का ज म 18 जून, 1861 को मुज फरपुर िजले क पूसा म आ
था। ‘चं कांता’, ‘नर मोिहनी’, ‘कसुम कमारी’, ‘चं कांता संतित’, ‘भूतनाथ’, ‘वीर वीर’, ‘गु गोदान’,
‘काजल क कोठरी’ आिद उनक ारा रिचत मुख उप यास ह। इनक ारा रिचत ‘चं कांता संतित’ एक
अनुपम, रोचक उप यास ह, िजसक बार म कहा जाता ह िक उसे पढ़ने क िलए ब त सार लोग ने िहदी सीखी थी।
बाद क िदन म इ ह ने बनारस म लहरी ेस क थापना क । इनका िनधन 1913 ई. म आ।
देव नाथ शमा
पटना एवं दरभंगा िव िव ालय क कलपित पद क वष तक शोभा बढ़ानेवाले िहदी सािह य क इस िव ा
का ज म 7 जुलाई, 1981 को गोपालगंज िजले क कतपुरा गाँव म आ। िबहार वतं अकादमी, िबहार िहदी गंरथ
अकादमी, िबहार, अंतर िव िव ालय बोड, िव िव ालय अनुदान आयोग, उ र देश क िहदी सिमित, िबहार
रा भाषा प रष और भारतीय िहदी प रष जैसी सं था से जुड़कर इ ह ने िहदी क सेवा क । इनक िस
रचना म ‘रा भाषा िहदी : सम याएँ और समाधान’ (संदभ ंथ), ‘सािह य क िनबंधावली’, ‘ जभाषा क
िवभूितयाँ’, ‘छायावाद और गितवाद’, ‘िहदी सािह य का वृहद इितहास’, ‘भ काल’, ‘अमर भारती’, ‘उप यास
का िश प’, ‘ रच स क आलोचना िस ांत’ आिद शािमल ह। इनका िनधन 17 जनवरी, 1991 को पटना म आ।
निलन िवलोचन शमा
महा कहानीकार, संपादक, आलोचक एवं किव ी निलन िवलोचन शमा का ज म 18 फरवरी, 1916 को
पटना िसटी भ घाट मुह े म आ। 1942 ई. म जैन कॉलेज आरा म सं कत िवभाग म सं कत क या याता
बने। िसतंबर, 1946 म इनक िनयु पटना कॉलेज क िहदी िवभाग म या याता क प म ई। इनक िस
कहािनय म ‘िवष क दाँत’, ‘ये बीमार लोग’, ‘पहली घंटी’, ‘बरसाने क राधा’, ‘एक चाबुक पीछ’ आिद मुख
ह। इसक अलावा ‘पीिढ़याँ’, ‘दुकान क रौनक’, ‘िब कट और पापड़’, ‘लाल कोठी’, ‘मुखिबर’, ‘पड़ोस क
कोयल’ आिद इनक अ य मुख कहािनयाँ ह। अपनी कित से ये िबहार क ही नह , ब क सम त देश क गौरव
पु ष बन गए।
नागाजुन
वंत भारत क ितिनिध किव एवं आधुिनक किवता को जनवादी वर देनेवाले इस महा सािह यकार का ज म
1911 ई. म दरभंगा िजले क तरौनी ाम म आ। ये वभाव से गितशील, घुम ड़, फ ड़ थे। परपरा से
िव ोह, सामािजक, राजनीितक यव था से िव ोह इनक किवता को ब आयामी बनाता ह। इ ह ने िहदी क
अलावा मैिथली म भी रचनाएँ क । ये मैिथली म ‘या ी’ क नाम से िलखते थे। इनक मैिथली किवता का सं ह
‘प हीन न न गाछ’ को ‘सािह य अकादमी पुर कार’ से स मािनत िकया गया। िहदी सािह य म इनक मुख
कितय म ‘युगधारा’, ‘सतरगे पंख वाली’, ‘ यासी पथराई आँख’, ‘तालाब क मछिलयाँ’, ‘चंदना’, ‘िखचड़ी’,
‘िव लव देखा हमने’, ‘तुमने कहा था’, ‘पुरानी जूितय का कोरस’, ‘हजार-हजार बाह वाली’, ‘पका ह यह
कटहल’, ‘अपने खेत म’, ‘म िमिलटरी का बूढ़ा घोड़ा’ (किवता सं ह), ‘भ मासुर और भूिमजा’ (खंडका य),
‘रितनाथ क चाची’, ‘बाबा बटसर नाथ’, ‘दुःखमोचन’, ‘बलचनमा’, ‘व ण क बेट’, ‘नई पौध’ (उप यास)
तथा 1947 ई. म याग िव िव ालय से िहदी म एम.ए. क उपािध ा क । 1950 ई. म उ ह ने राँची थत संत
जेिवयर कॉलेज म िहदी िवभाग म या याता क प म िश ण काय ारभ िकया। उनक पहली रचना ‘अं ेजी-
िहदी कोश’ 1968 ई. म आई। उनक िस कितय म ‘रामकथा : उ पि और िवकास’, ‘नील प ी’ ( च से
अनुवाद), ‘बाइिबल’ ( यूट टामट का िहदी म अनुवाद), ‘मानस कौमुदी’, ‘ े रत च र ’, ‘पाठ-सं ह’ आिद
शािमल ह। 17 अग त, 1982 को अिखल भारतीय आयुिव ान सं थान (ए स) म इलाज क दौरान िनधन हो गया।
िभखारी ठाकर
सामािजक चेतना क लोकि य किव, गायक और नाटककार िभखारी ठाकर का ज म 1887 ई. म सारण िजले
क कतुबपुर गाँव म आ था। िबना औपचा रक िश ा हण िकए इ ह ने बेिमसाल सािह य क रचना क । इनक
नाटक ‘बेटी िबयोग’, ‘राधे- याम बहार’, ‘िवदेिशया’, ‘भाई-िवरोध’, ‘गंगा- ान’, ‘िवधवा-िवलाप’, ‘बेटी-
बेचवा’, ‘ननद-भौजाई’, ‘किलयुग ेम’, ‘गबर-िघचोर’, ‘पु -वधू’ समाज को नैितकता का पाठ बयाँ करता ह।
उनक का य म ंगार, क णा, भ और हा य का मनोरम िम ण ह। इ ह ‘भोजपुरी का शे सिपयर’ भी कहा
जाता ह।
मधुकर िसंह
2 जनवरी, 1934 को प म बंगाल क िमदनापुर म ज मे मधुकर िसंह क कमभूिम भोजपुर रही। जीवन यापन
क िलए आरा थत ह र साद जैन कल म ढाई-तीन दशक तक अ यापक का काय िकया। उनक मुख
कितय म ‘बाजत अनहद ढोल’, ‘माई’, ‘सीता-राम नम कार’, ‘उ रगाथा’, ‘अजुन िजंदा ह’, ‘जंगली सूअर’,
‘सोनभ क राधा’, ‘ ेमचं ’, ‘मै सम गोक ’, ‘लोककिव िभखारी ठाकर’ आिद मुख ह। उनका कहानी सं ह
‘भाई का ज म’, ‘अ नु कापर’, ‘पहला पाठ’, ‘पूरा स ाटा’, ‘माइकल जै सन क टोपी’ आिद ह। इ ह िबहार
सरकार ारा ‘सव कथाकार स मान’, ‘फणी र नाथ रणु स मान’ एवं ‘नई धारा रचना स मान’ िदया गया।
मोहन लाल महतो ‘िवयोगी’
िबहार क इस कालजयी रचनाकार का ज म 1 नवंबर, 1899 को गया म आ। इनक अमरकितय म
‘आयावत’, ‘िनमाण’, ‘एक तारा’, ‘िनमा य और क पना’ (सभी महाका य) मुख ह। रा ीय भावना से ओत-
ोत महाका य ‘आयावत’ िमता रा छद म िलखा गया। इनका पहला उप यास ‘भाई-बहन’, 1932 ई. म कािशत
आ। ये काटिन ट भी थे। इनक िस काटन ‘माधुरी’, ‘मनोरमा’, ‘सर वती’, ‘सुधा’ म कािशत होते रहते थे।
1952 से 1962 ई. तक ये िबहार िवधान प रष क मनोनीत सद य रह। इनका िनधन 7 फरवरी, 1990 को आ।
रघुवीर नारायण
िस भोजपुरी का य ‘बटोिहया’ क रचियता रघुवीर नारायण का ज म सारण िजले क दिहयावाँ म 30
अ ूबर, 1884 को आ था। 1905 ई. म इ ह ने एक अं ेजी का य ‘ए टल ऑफ िबहार’ क रचना क ।
‘बटोिहया’ क अलावा उ ह एक अ य गीत ‘भारत भवानी’ से भी िस िमली। इनक अ य का य कितय म
‘रघुवीर प पु प’, ‘रघुवीर रस रग’, ‘िनकज कला’ और ‘रघुवीर रस गंगा’ शािमल ह। जनवरी 1955 ई. म छपरा
म इनका िनधन हो गया।
राजा रािधका रमण साद िसंह
सुिव यात कथाकार राजा रािधका रमण साद िसंह का ज म भोजपुर िजले म 10 िसतंबर, 1890 को आ।
इनक िस कितय म ‘राम-रहीम’, ‘पूरब और प म’, ‘चुंबन और चाँटा’, ‘सूरदास’, ‘सं कार’, ‘पु ष और
नारी’, ‘अपनी-अपनी नजर’, ‘माया िमली न राम’, ‘मॉडन और सुंदर कौन’ (उप यास) शािमल ह। इनक
कहािनय म ‘द र नारायण’, ‘देव और दानव’, ‘हवेली और झ पड़ी’, ‘टटा तारा’, ‘कसुमांजिल’ िस ह।
1950 ई. म पटना से इ ह ने ‘नई धारा’ पि का का काशन शु कराया। 24 माच, 1971 ई. को इनका िनधन हो
गया।
रामजी िम मनोहर
इस महा सािह यकार का ज म 1927 ई. म पटना म आ। इ ह ने 1945 ई. म पटना से कािशत ‘आयावत’
क संवाददाता क प म प कार जीवन क शु आत क । इनक मुख रचना म ‘दा तान-ए-पाटिलपु ’, ‘िबहार
म िहदी प का रता का िवकास’, ‘गु गोिवंद िसंह एवं उनक पावन अ ’ तथा ‘गु नानक’ शािमल ह। 29
अ ूबर, 1998 को पटना क राज नगर म इनका िनधन हो गया।
रामधारी िसंह िदनकर
छायावादी किवता क दौर म एक मु का य-लोक का िनमाण करनेवाले रा किव रामधारी िसंह िदनकर का
ज म 11 िसतंबर, 1908 को बेगूसराय िजले क िसम रया ाम म आ था। उनक किवता म किवता को समाज
म जन-जन तक प चाने क मता कट-कटकर भरी ई थी। इनक पहली पु तक ‘ माण-प ’ इनक हाई कल
पास करने क बाद ही कािशत हो गई थी। वे मुज फरपुर क िबहार िव िव ालय क ातको र िहदी िवभाग क
िवभागा य रह थे। इनक अमर कितय म ‘र मरथी’, ‘उवशी’, ‘क े ’, ‘सं कित क चार अ याय’, ‘रणुका’,
‘इदुगीत’, ‘ कार’, ‘सामधेनी’, ‘नीलकसुम’, ‘सीपी और शंख’, ‘परशुराम क ित ा’ एवं ‘हार को ह रनाम’
मुख ह। िदनकरजी क किवता म रा ेम एवं ंगार दोन का अनुपम संयोग था। एक तरफ उनक रचना
‘क े ’ ह तो दूसरी तरफ ‘उवशी’। वे यिद क जगह अगर, ात क थान पर मालूम श द का उपयोग करना
पसंद करते थे। वे तीन बार रा यसभा क सद य रह। इनका िनधन 2 अ ैल, 1972 को हो गया।
रामवृ बेनीपुरी
‘कलम क िसपाही’ रामवृ बेनीपुरी का ज म 1899 ई. म मुज फरपुर िजले क बेनीपुर गाँव म आ था। ये
1930 से 1945 ई. क बीच वतं ता सं ाम म 12 बार जेल गए। इ ह ने िस नाटक ‘अंबपाली’ का लेखन
हजारीबाग स ल जेल म िकया। उनक िस रचना म ‘गे और गुलाब’, ‘माटी क मूरत’, ‘पितत क देश
म’, ‘लालतारा’, ‘िचंता क फल’, ‘कदी क प नी’, ‘आंबपाली’, ‘सीता क माँ’, ‘संघिम ा’, ‘अमर योित’,
‘तथागत’, ‘िसंघल-िवजय’, ‘शकतला’, ‘रामरा य’, ‘ने दान’, ‘गाँव क देवता’, ‘नया समाज’, ‘िवजेता’ आिद
मुख ह। एक संपादक क प म उ ह ने ‘त ण भारत’, ‘युवक’, ‘िकसान िम ’, ‘बालक’, ‘लोक सं ह’,
‘कमवीर’, ‘योगी’, ‘जनता’, ‘िहमालय’, ‘नई धारा’, ‘चु ू-मु ू’ आिद सा ािहक, मािसक तथा अंशकािलक
पि का का सफल संपादन िकया। 1957 ई. म वे िबहार िवधानसभा क िलए चुने गए।
रामशोिभत साद िसंह
एक अ छ उप यासकार, नाटककार, कहानीकार एवं किव होने क साथ-साथ रामशोिभत साद िसंह व तुतः
एक पु तकालय िव ानी क प म िव यात थे। इनका ज म 10 जनवरी, 1936 को सारण िजले क अिखलपुर गाँव
‘सा ािहक िहदु तान’, ‘नै सी’, ‘मूढ़ीवाला’, ‘ न क आईने म’ भी इनक ारा िलखी गई मुख रचनाएँ ह। 19
िसतंबर, 2013 को िबहार क यह महा सािह यकार हमार बीच नह रह ।
र म भा
वग य महाकिव सुिम ानंदन पंत क मानस-पु ी ीमती सर वती साद क सुपु ी र म भा का ज म िबहार
क सीतामढ़ी िजले म 13 फरवरी, 1958 को आ। ‘श द का र ता’, ‘अनु रत’, ‘अनमोल संचयन’, ‘अनुगूँज’
आिद इनक ारा िलखी गई ब मू य रचनाएँ ह। इसक अलावा ‘एथस का स याथ ’, ‘राधा-मीरा और ेम’, ‘किव
पंत क साथ कछ दूर’ आिद इनक ारा िलिखत मुख लेख ह।
गंगा नाथ झा
िहदी, अं ेजी और मैिथली भाषा म दाशिनक िवषय पर उ म रचनाएँ िलखनेवाले इस यात लेखक का ज म
1872 ई. िबहार म आ। पूवमीमांसा क भाकर मत पर शोध- बंध िलखकर इलाहाबाद िव िव ालय म इ ह ने
सं कत का अ यापन काय करना ारभ िकया। इसक बाद ये बनारस सं कत कॉलेज क धानाचाय बने। 1923 ई.
म इ ह इलाहाबाद िव िव ालय का उपकलपित बनाया गया। सं कत म ‘िव ान िभ ु का योगसार सं ह’, ‘बेला
महा य ’, ‘भ क ोिलनी’, ‘भावबोिधनी’, ‘ भाकर दीप’, ‘िहदी म याय काश’, ‘वैशेिषक दपण’, ‘किव
रह य’, ‘मैिथली म वेदांत दीिपका’, ‘अं ेजी म पूवमीमांसा ऑफ जैिमनी’, ‘िफलोसॉिफकल िडिस लन’,
‘शंकराचाय ऐंड िहज वक फॉर द अपिल ट ऑफ द क ी’ आिद इनक मुख रचनाएँ ह। 17 नवंबर, 1941 को
इनका देहांत हो गया।
ह रमोहन झा
इनका ज म वैशाली िजले क बािजतपुर गाँव म 1908 ई. म आ। धािमक ढकोसल क िखलाफ इ ह ने अपनी
लेखनी से कड़ा हार िकया ह। उनक रचना म ‘क यादान’, ‘ रागमन’, ‘ ण य देवता’, ‘रगशाला’,
‘बाबाक सं कार’, ‘चचरी एकादशी’, ‘ख र का काक तरग’ और ‘जीवन-या ा’ मुख ह। इनक रचनाएँ िहदी
एवं मैिथली दोन भाषा म मुखता से आई। 1984 ई. म इनक मृ यु हो गई।
जगदीशचं माथुर
िबहार म िहदी रगमंच को ब आयामी आकार देनेवाले इस सां कितक य व का ज म 16 जुलाई, 1917 को
उ र देश क शाहजहाँपुर म आ था। इनक पूणकािलक नाटक म ‘कोणाक’, ‘शारदीया’, ‘पहला राजा’, ‘दशरथ
नंदन और रघुकल रीत’, ‘भोर का तारा’, ‘ओ मेर सपने एवं मेर िश ’ जैसी रचनाएँ शािमल ह। इसक अलावा
इ ह ने आकाशवाणी क महािनदेशक क प म काय करते ए िविवध भारती क िविभ काय म को नई गित दी।
सािह य एवं सािह यकार
.:1
सािह यकार : बाणभ
िस रचनाएँ : कादंबरी, हषच रत
.:2
सािह यकार : िव णु शमा
िस रचनाएँ : पंचतं
.:3
सािह यकार : कौिट य
िस रचनाएँ : अथशा
.:4
सािह यकार : अ घोष
िस रचनाएँ : महायान ो पाद सं ह, बु च रत, व सूची
.:5
सािह यकार : आयभ
िस रचनाएँ : आयभ ीय
.:6
सािह यकार : वा यायन
िस रचनाएँ : कामसू
.:7
सािह यकार : मंडन िम
िस रचनाएँ : भाव िववेक, िविध िववेक
.:8
सािह यकार : िव ापित
िस रचनाएँ : पदावली, क ितलता, क ितपताका, गौ-र ा िवजय, भू-प र मा
.:9
सािह यकार : मु ा दाऊद
िस रचनाएँ : चंदायन
. : 10
सािह यकार : योित र ठाकर
िस रचनाएँ : वणर नाकार, दशनर नाकर
. : 11
सािह यकार : फणी र नाथ रणु
िस रचनाएँ : मैला आँचल, जुलूस, पलट बाबू रोड, दीघतपा
. : 12
सािह यकार : रामधारी िसंह िदनकर
िस रचनाएँ : ाणभंग, उवशी, रणुका, ं गीत, कार, रसवंती, च वाल, धूप-छाँव, क े
. : 13
सािह यकार : बाबा नागाजुन
िस रचनाएँ : बाबा बट रनाथ, हजार-हजार बाँह वाली, पारो, कभीपाक, तुमने कहा था
. : 14
सािह यकार : देवक नंदन ख ी
िस रचनाएँ : चं कांता संतित, भूतनाथ, काजर क कोठरी, नौलखा हार
. : 15
सािह यकार : रा ल सांक यायन
िस रचनाएँ : बु चया, िवनयिपटक, ध मपद, दशन-िद दशन
. : 16
सािह यकार : शाह अजीमाबादी
िस रचनाएँ : न शेपायदार
. : 17
सािह यकार : डॉ. राज साद
िस रचनाएँ : इिडया िडवाइडड, चंपारण म स या ह, बापू क कदम म
. : 18
सािह यकार : कदारनाथ िम ‘ भात’
िस रचनाएँ : ाला, ककयी, ऋतु वंश
. : 19
सािह यकार : िशवसागर िम
िस रचनाएँ : दूब जनम छाई
. : 20
सािह यकार : रामवृ बेनीपुरी
िस रचनाएँ : आ पाली, माटी क मूरत, िचंता क फल, संघिम ा
. : 21
सािह यकार : वाच पित िम
िस रचनाएँ : भा य भामित, िस क टीकाकार
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आर.पी. शमा
पटना िव िव ालय क टी.पी.एस. कॉलेज म दशनशा क या याता क प म काय ारभ करनेवाले
आर.पी. शमा ने िबहार क िश ा जग क िलए कई नवीनतम सं थान क न व रखी। इ ह ने पटना म नया टोला म
आर.पी.एस. कॉलेज, कदमकआँ म आर.पी.एस. मिहला महािव ालय, बेली रोड म आर.पी.एस. रिजडिशयल
कल, रघुनाथ बािलका उ िव ालय एवं रका देवी बािलका उ िव ालय क थापना क । इ ह ने ‘कालजयी
हनुमान’, ‘अंतया ा’, ‘जीवन का उ कष’, ‘अ ययन और िचंतन’, ‘िश ा, सम या और समाधान’ आिद पु तक
क रचना भी क ।
कपूरी ठाकर
िबहार क राजनीित क चाण य एवं वतं ता सं ाम क अमर सेनानी जननायक कपूरी ठाकर स े अथ म
गरीब क मसीहा थे। 1952 म वे पहली बार िवधायक बने। 1967 ई. म इ ह मंि मंडल म उप-मु यमं ी एवं िव
एवं िश ा िवभाग का मं ी बनाया गया। 22 िदसंबर, 1970 को ये पहली बार मु यमं ी बनाए गए। छह महीने बाद
ही उ ह पद छोड़ना पड़ा। 24 जून, 1977 को इ ह ने मु यमं ी पद क पुनः शपथ ली। 21 अ ैल, 1978 को
इ ह ने मु यमं ी पद से याग-प दे िदया। इनका पूरा जीवन सामािजक याय, मानवािधकार, धमिनरपे ता जैसे
मू य को समेट ए बीता।
िकशोर कणाल
िकशोर कणाल 1972 ई. म भारतीय पुिलस सेवा क िलए चयिनत ए। 30 अ ूबर, 1983 को इ ह ने महावीर
मंिदर का जीण ार काय ारभ कराया। मंिदर क रखरखाव क िलए एक ट बनाया। आज क समय म महावीर
मंिदर ट क ारा महावीर आरो य सं थान, महावीर कसर सं थान, महावीर ने ालय एवं महावीर वा स य
सं थान का सफल संचालन िकया जा रहा ह। इस ट क ारा दुिनया क सबसे बड़ और िवशाल मंिदर का
िनमाण पूव चंपारण िजले म िकया जा रहा ह। िपछले 8 वष म सूबे क अनेक मंिदर एवं मठ को अवैध क जे से
मु कराकर उनका जीण ार िकया।
क ित आजाद
ि कट क े म िबहार क सफल िखलाड़ी क प म क ित आजाद को जाना जाता ह। 1983 ई. क िव कप
क दौरान भारतीय टीम का सद य रहते ए इ ह ने सेमीफाइनल म अपनी बेहतरीन गदबाजी से इ लड पर भारत क
जीत म मह वपूण भूिमका िनभाई। िबहार क पूव मु यमं ी भागवत झा क पु क ित आजाद आज राजनीित म
सि य ह।
क.बी. सहाय
िबहार क तीसर मु यमं ी क प म योगदान देनेवाले ीक ण ब भ सहाय ने भारत क वतं ता सं ाम म
िबहार क ओर से मह वपूण भूिमका िनभाई। अं ेजी िवषय म िबहार-उड़ीसा म थम थान पाने क कारण उनका
चयन आई.सी.एस. क िलए आसानी से हो गया, परतु गांधीजी क आ ान पर उ ह ने वतं ता आंदोलन म शािमल
होने क िलए आई.सी.एस. का पद ठकरा िदया। 1963 से 1967 ई. तक वे रा य क मु यमं ी बने रह। उ ह िबहार
म भूिम-सुधार का जनक माना जाता ह। 1947 ई. म िवधानसभा म ये जम दारी था उ मूलन क िलए िवधेयक
लाए। इ ह क यास से िबहार भूिम सुधार अिधिनयम लागू िकया गया।
खुदा ब श खाँ
िबहार म ऑ रएंटल प लक लाइ ेरी क थापना करने का ेय खुदा ब श खाँ को जाता ह। इनक महा
यास को देखते ए आज यह लाइ ेरी खुदा ब श लाइ ेरी क नाम से जानी जाती ह। यह लाइ ेरी पटना नगर का
गौरव ह और इस शहर क पहचान ह। अभी भी इस पु तकालय म ब त ाचीन समय क पांडिलिप सुरि त रखी
गई ह।
िच गु
िहदी िफ म जग म संगीत िनदशक क प म मश र िच गु ीवा तव ने लगभग तीन दजन िफ म म
संगीत िनदशन िकया। इनक िफ मी जीवन क शु आत 1957 ई. क िहट िफ म ‘भाभी’ से ई। इसक बाद ‘बड़ा
आदमी’, ‘अ लम-च लम’, ‘जबक’, ‘गंगा मइया तोह िपयरी चढ़इबो’, ‘म चुप र गी’ और ‘म शादी करने चला’
आिद िफ म म इनका संगीत ब त मश र आ।
जगजीवन राम
िबहार म दिलत को स मान िदलाने हतु आजीवन यासरत रहनेवाले एवं वतं ता सं ाम म िबहार क तरफ से
सि य भागीदारी िनभानेवाले बाबू जगजीवन राम का ज म 5 अ ैल, 1908 को शाहाबाद िजला क चंदवा गाँव म
आ। 1929 ई. म इ ह ने कलक ा म अिखल भारतीय रिवदास सं थान क थापना क । 1937 ई. म इ ह ने
खेितहर मजदूर सभा क थापना क । 2 िसतंबर, 1946 को क ीय अंत रम मंि मंडल म इ ह ने म मं ी क प
म शपथ ली। 1977 ई. म आपातकाल क घोषणा क समय इ ह ने कां ेस से अपने को दूर कर िलया। नई सरकार
म इ ह उप धानमं ी का पद िदया गया। जीवन क अंितम समय म ये एक बार िफर कांगे्रस म शािमल हो गए।
जगलाल चौधरी
जगलाल चौधरी आजादी क लड़ाई म अ णी यो ा थे। डॉ. होते ए इ ह ने वतं ता क लड़ाई म अपने
आपको पूरी तरह से आ मसा कर िलया। 1932 ई. म ये ‘नमक स या ह’ म शािमल ए। 1937 ई. म ये िबहार
क वा य मं ी बनाए गए। मं ी पद सँभालते ही म िनषेध लागू करने का यास िकया। 1938 ई. म शराबबंदी
िवधेयक पा रत कराया। 1946 ई. म कां ेस मंि मंडल म वा य मं ी बनाया गया। 1951 ई. म राजनीितक
बंिदय को छोड़ने क िनणय से मतभेद होने क कारण इ ह ने मं ी पद याग िदया।
जय काश नारायण
िबहार समेत सम त उ र भारत म राजनीित को नई िदशा देनेवाले िबहार क इस महा िवभूित का ज म सारण
िजले क िसताब िदयारा गाँव म 11 अ ूबर, 1902 को आ। िकशोराव था से ही पहले मा सवादी िवचारधारा और
िफर समाजवाद क तरफ उ मुख हो गए। 1930 ई. म कां ेस क सद यता हण क और इ ह मजदूर-िकसान
िवभाग क िज मेदारी स पी गई। 1932 ई. म कां ेस कायकारी महामं ी बने। आजादी क बाद िवनोबा भावे क साथ
िमलकर ‘भूदान आंदोलन’ से जुड़ और अपना जीवन सव दय क िलए लगा िदया। 1965 ई. म इ ह ‘मैगसेसे’
पुर कार ा आ। 1974 ई. म छा आंदोलन का नेतृ व वीकार करते ए संपूण ांित क घोषणा क । 1975
ई. म आपातकाल क घोषणा क बाद इ ह िगर तार कर िलया गया। इनक जीवनी पर आधा रत पु तक ‘जय
काश’ रामवृ बेनीपुरी ारा कािशत ई। 1999 ई. म इ ह ‘भारतर न’ से नवाजा गया। इ ह ‘जेपी’ एवं
‘लोकनायक’ क नाम से भी जाना जाता ह। 8 अ ूबर, 1979 को देश ने इस महा ांितकारी को सदा क िलए
खो िदया।
दशरथ माँझी
22 वष क लंबे यास से 360 फ ट ऊचाईवाली पहाड़ी को काटकर 30 फ ट चौड़ी, 350 फ ट लंबी सड़क
का िनमाण करनेवाली िबहार क इस महा िवभूित ने अपने बुलंद हौसल से घर, प रवार, िजले, रा य और देश
का नाम पूरी दुिनया म रोशन कर िदया। उनक इस कदम से गाँववाल क शहर से दूरी 50 िकमी. से घटकर िसफ
8 िकमी. रह गई। उनक जीवनी पर आधा रत एक िफ म ‘माँझी द माउटनमैन’, 2015 ई. म िनदशक कतन मेहता
ारा बनाई गई, िजसम नवाजु ीन िस ीक ने दशरथ माँझी का च र िनभाया।
दुखन राम
दुखन राम पेशे से महा ने िचिक सक थे। 1944 ई. म इ ह िचिक सा महािव ालय म ने िवभाग का
िवभागा य बनाया गया। 1945 ई. म इ ह ‘राय साहब’ क उपािध से स मािनत िकया गया। 1953 से 56 ई. क
बीच पटना िचिक सा महािव ालय क ाचाय पद को सुशोिधत िकया। भारत क थम रा पित डॉ. राज साद
एवं पंचम रा पित फख ीन अली अहमद क वे अवैतिनक ने िचिक सक रह। 1962 ई. म उ ह ‘प
िवभूषण’ क उपािध से स मािनत िकया गया। 1988 ई. म इ ह ‘िबहार र न’ क उपािध से िवभूिषत िकया गया।
पवन कमार
14 िसतंबर, 1978 को ज मे पवन कमार आज देश क लोकि य काटिन ट ह। िपछले 22 वष क क रयर म
उनक 15 हजार से यादा काटन प -पि का म कािशत ए। ‘नवभारत टाइ स’ से िनयिमत काटन काशन
कराने से उ ह ब त कामयाबी हािसल ई। उ ह िमलनवाले स मान म ‘शंकर दयाल िसंह स मान’, ‘कलाकित
स मान’, ‘कला ी स मान’, ‘रोटरी अवाड’, ‘सुलभ इटरनेशनल अवाड’ एवं ‘बे ट काटिन ट ऑफ िबहार
अवाड’ शािमल ह।
काश झा
भारतीय िफ म जग म जाने-माने िनदशक क प म काश झा िव यात ह। उनक मह वपूण िफ म म
‘गंगाजल’, ‘अपहरण’, ‘राजनीित’, ‘आर ण’, ‘िहप-िहप र’, ‘दामुल’, ‘कथा माधोपुर क ’, ‘प रणित’, ‘सोनल’
आिद मुख ह। इसक अलावा इ ह ने दूरदशन क मह वपूण धारावािहक ‘मुंगेरी लाल क हसीन सपने’ एवं ‘िव ोह’
का भी िनदशन िकया।
बटक र द
साइमन कमीशन का िवरोध करनेवाले महा वतं ता सेनानी लाला लाजपत राय क मौत क िज मेदार पुिलस
सहायक अधी क जे.पी. सांडस क ह या क िलए स ल एसबली म बम फकने क िलए भगत िसंह क साथ
बटक र द को िनयु िकया गया। 8 अ ैल, 1929 को इन दोन ने स ल एसबली म बम फका। इसक बाद
भारतीय वतं ता सं ाम म लंबे समय तक वे सि य रह। इ ह कई बार जेल क सजा सुनाई गई। इसम स ल
एसबली बम कांड म आजीवन कालापानी क सजा भी शािमल ह।
बाबू कवर िसंह
बाबू वीर कवर िसंह का ज म 23 अ ैल, 1777 को भोजपुर िजले क जगदीशपुर गाँव म आ था। 49 वष क
िबहार क पहले दिलत मु यमं ी ी भोला पासवान शा ी को सादगी, िन ा क कारण राजनीित का संत कहा
जाता था। 22 माच, 1968 से 29 जून, 1968 तक, 22 जून, 1969 से 4 जुलाई, 1969 तक एवं 2 जून, 1971
से 9 जनवरी, 1972 तक वे िबहार क मु यमं ी पद पर रह। वे एक महा वतं ता सेनानी थे। वतं ता सं ाम
क दौरान उ ह ने पूिणया से ‘रा संदेश’ नामक एक िहदी सा ािहक का संपादन िकया।
मनोज ितवारी
िबहार क एक ितभा-संप गायक, िफ म अिभनेता, टी.वी. एंकर एवं संगीत िनदशक क प म याित ा
कर मनोज ितवारी ने ब त कम उ म िबहार का नाम रोशन िकया। इनक पहली िफ म भोजपुरी म ‘ससुरा बड़ा
पैसावाला’ था। वतमान म ये िद ी से लोकसभा सद य ह।
मनोज वाजपेयी
भारतीय िफ म जग म ‘राजनीित’, ‘एल.ओ.सी’. ‘कारिगल’, ‘रोड’, ‘िपंजर’, ‘स या’, ‘शूल’ और ‘आर ण’
जैसी सफलतम िफ म क नायक मनोज वाजपेयी िबहार क उभरते ए कलाकार ह। सव थम इ ह रा ीय तर पर
पहचान दूरदशन क धारावािहक ‘ वािभमान’ से िमली। इसक अलावा ‘ ोह काल’, ‘बिडट ीन’, ‘द तक’,
‘जुबैदा’ आिद कला- धान िफ म म भी इ ह ने अपनी ितभा िदखाई।
महश नारायण
पृथक िबहार ांत आंदोलन को ारभ करने का ेय सि दानंद िस हा क साथ महश नारायण को जाता ह।
1906 ई. म इ ह ने सि दानंद िस हा क साथ िमलकर ‘पाट शन ऑफ बंगाल’ और ‘सेपरशन ऑफ िबहार’ नामक
पु तक िलखी। ये अपनी पि का ‘द िबहार टाइ स’ क मा यम से भी िबहार पृथ रण क िलए लेख िलखते रहते
थे।
राज साद
भारत क थम रा पित देशर न डॉ. राज साद का ज म 3 िदसंबर, 1884 को सीवान िजले क जीरादेई नामक
गाँव म आ था। कलक ा िव िव ालय से थम ेणी म थम आनेवाले वे पहले िबहारी थे। कलक ा क िसटी
कॉलेज एवं जी.वी.वी. कॉलेज, मुज फरपुर म उ ह ने अ यापन का काय भी िकया। 1910 ई. म गोपाल क ण
गोखले से िमलकर वे देशसेवा क ओर उ मुख ए। 1916 ई. म पटना हाईकोट क थापना क बाद वहाँ से
वकालत शु क । 1917 ई. म गांधीजी क साथ सि य प से ‘चंपारण स या ह’ म भाग िलया। देश क वंत ता
सं ाम म कई बार जेल गए। 1934 ई. म कां ेस क 48व अिधवेशन म इ ह कां ेस अ य बनाया गया। इनक
अ य ता म ही संिवधान सभा क ारा भारत का संिवधान बनाया गया। 26 जनवरी, 1950, 10 मई, 1952, 13
मई, 1957 को इ ह ने 3 बार रा पित क प म शपथ हण क । 1962 ई. म इ ह ‘भारतर न’ क उपािध दी गई।
28 फरवरी, 1963 को इनका िनधन हो गया।
रामचतुर मिलक
िबहार म शा ीय संगीत क ुपद-गायन को एक नई ऊचाई तक ले जाने म रामचतुर मिलक का मह वपूण
थान ह। ुपद क साथ खयाल, ठमरी, ट पा और िव ापित क पद भी वे बड़ी खूबसूरती से गाते थे। िबहार
रा य संगीत अकादमी ने 1953 ई. म उ ह ‘फलोिशप’ दान क । 1970 ई. म उ ह ‘प ी’ िमली। म य देश
टडी ऑफ िबहा रयन रलेशन ट अदर टट ऑफ इिडया’ वा यूम-II आिद पु तक इनक ारा रिचत अमू य
धरोहर ह। डॉ. साद क कछ अ य लोकि य पु तक म ‘इिडयाज रल ॉ ल स’, ‘ले स ऑन माइ ो
इकोनॉिमक योरी’, ‘ ॉ ल स ऑफ इकोनॉिमक डवलपमट इन द थड व ड’, ‘ट ोलॉिजक ाइस अंडर
डवलपमटल लािनंग’ आिद मुख ह।
शारदा िस हा
िबहार क सं कित, सं कार और परपरा क ितमूित शारदा िस हा को िम ी से जुड़ लोक-कलाकार क प म
माना जाता ह। उनक ारा शादी- याह, गौना, छठ आिद क िलए गाए गए लोकगीत िबहार क िवशेष अवसर पर
ज र सुनने को िमलते ह। इसक अलावा उ ह ने कछ भोजपुरी तथा िहदी िफ म म भी गाना गाकर लोग का मन
जीत िलया ह।
शेखर सुमन
हा य- यं य से भरपूर पटकथा म शत ितशत अपनी ितभा िदखानेवाले शेखर सुमन िबहार क मुख कलाकार
म से एक ह। टलीिवजन पर उनक ारा ‘देख भाई देख’, ‘ रपोटर’, ‘एक घंट क ि ल’, ‘टी.वी. टॉक शो’,
‘मूवस ऐंड शेखस’, ‘पोल-खोल’ आिद उनक ारा अिभनीत मुख धारावािहक ह।
ीकांत ठाकर िव ा अलंकार
पं. ीकांत ठाकर िव ा अलंकार भारत क िहदी प का रता े म एक जाना-पहचाना नाम ह। 1926 ई. म
इ ह ने राज साद क सलाह पर िहदी सा ािहक ‘महावीर’ क सहायक संपादक क प म प का रता क
शु आत क । बाद म इ ह ने कलक ा एवं बंबई से कािशत ‘िव िम ’ म संपादन का काय िकया। 1947 ई. म
पटना से कािशत ‘ दीप’ का संपादन शु िकया, िफर वे ‘आयावत’ से जुड़।
ीक ण िसंह
आधुिनक िबहार क िनमाता ीक ण िसंह का ज म 21 अ ूबर, 1887 को नवादा िजले क िहसुआ खंड थत
खनवा गाँव म आ था। 1916 ई. क लखनऊ कां ेस अिधवेशन म इ ह ने सि य प से भाग िलया। ितलक क
नेतृ व म चलाए जा रह ‘होम ल आंदोलन’ म उ ह ने बढ़-चढ़कर भाग िलया। ‘चंपारण स या ह’ म इ ह ने
िकसान क ओर से मुकदमे क पैरवी क । 1929 ई. म सोनपुर मेले म वामी सहजानंद सर वती क साथ िमलकर
इ ह ने िकसान सभा का गठन िकया। 1937 ई. म िबहार चुनाव क बाद इनक नेतृ व म मंि मंडल का गठन आ।
1939 ई. म तीय िव यु म ि टन ारा भारत को शािमल करने क िवरोध म इ ह ने इ तीफा दे िदया। 1946
ई. म ये िफर से मु यमं ी बनाए गए। तब से लेकर जीवन क अंितम ण तक वे मु यमं ी पद पर बने रह। 31
जनवरी, 1961 को इनका िनधन हो गया।
संजय उपा याय
देश क मुख रगकिमय , ना य िश क म पटना क संजय उपा याय का नाम आता ह। उनक ारा िनदिशत
नाटक ‘बकरी’ एवं ‘िवदेिशया’ ब त िस ए। ीराम सटर, नई िद ी का िनदेशक बननेवाले वह पहले
िबहारी थे। उनक चिचत नाटक म ‘जसमा ओड़न’, ‘नल-दयमंती’, ‘खिड़या का घेरा’, ‘ तम-सोहराब’, ‘ ी
पेनी ओपेरा’, ‘मालिवका निम ’, ‘माटी गाड़ी’, ‘कहाँ गए मेर उ ना’, ‘दा तान-ए-ह बा’ आिद मुख ह।
सि दानंद िस हा
बंगाल से िबहार को पृथक कराने म मह वपूण भूिमका िनभानेवाले सि दानंद िस हा का ज म 10 नवंबर, 1871
को आरा म आ था। उ ह ने अपनी बै र टरी क पढ़ाई लंदन से क । उसक बाद वे ि िटश कमेटी ऑफ द इिडयन
नेशनल कां ेस क सि य सद य बन गए। 1909 ई. म भागलपुर म िबहार ांतीय स मेलन का दूसरा अिधवेशन
उनक अ य ता म संप आ, िजसम पृथक िबहार ांत क गठन पर जोर िदया गया। 1924 ई. म उ ह ने अपनी
प नी क याद म ीमती रािधका िस हा इ टी यूट एवं सि दानंद िस हा लाइ ेरी क थापना क । 1936 ई. म उ ह
पटना िव िव ालय का थम गैर-सरकारी वाइस चांसलर िनयु िकया गया।
सर गणेश द
सर गणेश द का ज म 1868 ई. म नालंदा िजले म आ था। 1904 ई. म उ ह ने कलक ा उ यायालय क
थापना क बाद वहाँ से वकालत ारभ क । 1921 ई. म वे िबहार उड़ीसा िवधानप रष क िलए िनवािचत ए।
1923 ई. म मं ी चुने गए। उ ह ने मं ी पद पर रहते ए अपने वेतन का अिधकांश भाग लोक-क याण म दान म दे
िदया। उनक आय का अिधकांश िह सा गरीब और यो य छा क छा वृि म खच होता रहा। उ ह ने पटना
िव िव ालय क िवकास क िलए 4 लाख पए िदए। वतमान म भी उनक योगदान से बने ए कई िश ण सं थान
िबहार म कायरत ह।
िसयाराम ितवारी
िसयाराम ितवारी धु्रपद गायन क सु िस कलाकार थे। ुपद धमार क ताल क ह, अंश, मा , ुत, लघु,
लुत, काक आिद क महा ानी थे। वे संगीत नाटक अकादमी क सलाहकार सिमित क र न सद य, याग संगीत
सिमित क सद य, आकाशवाणी िद ी और पटना क ऑिडशन बोड क आजीवन सद य रह। 1955 ई. म उ ह
रा पित ारा ‘ वणपदक’ दान िकया गया। 1971 ई. म इ ह ‘प ी’ से स मािनत िकया गया। 1998 ई. म
इ ह म य देश सरकार ारा ‘तानसेन पुर कार’ से स मािनत िकया गया।
सी.पी. ठाकर
िबहार म कालाजार से मु क िलए सफल इलाज ढढ़नेवाले सी.पी. ठाकर िबहार क जाने-माने राजनेता एवं
सु िस िचिक सक ह। उनक इस सफलता पर उ ह ‘प ी’ से स मािनत िकया गया। उनक ारा िलखी गई
िस पु तक म ‘डायनेिम स ऑफ डवलपमट’, ‘व ड टरड ऑगनाइजेशन’, ‘िगिलंपसेज ऑफ इिडयन
ट ोलॉजी’, ‘ट ट बुक ऑफ मेिडिसन’, ‘इिडया अंडर अटल िबहारी वाजपेयी’ आिद ह। 1999 से 2004 ई.
तक उ ह ने क म मं ी पद को भी सँभाला।
जगदेव साद
जगदेव साद का ज म 2 फरवरी, 1922 को िबहार क अरवल िजला अंतगत कथा खंड क करहारी गाँव म
आ था। सोशिल ट पाट क नेता उप नाथ वमा क संपक म आकर ये पाट क पि का ‘जनता’ क संपादन से
जुड़ गए। इ ह ने 1955 ई. म हदराबाद से कािशत सा ािहक अं ेजी प ‘िसिटजन’ एवं िहदी सा ािहक ‘उदय’
का संपादन ारभ िकया। 1957 ई. म इ ह ने सासाराम लोकसभा े से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा,
लेिकन इ ह सफलता नह िमली। 1962 ई. म ये कथा िवधानसभा े से चुनाव जीत गए। 1968 ई. म इ ह िबहार
का िसंचाई एवं िबजली मं ी बनाया गया। जनता क माँग पर 8 िसतंबर, 1970 को ये पुनः िसंचाई एवं िबजली मं ी
बने। 1974 ई. म ‘जे.पी. आंदोलन’ म इ ह ने बढ़-चढ़कर भाग िलया। अपने किठन म-बल एवं कला-कौशल से
इ ह ने सदैव समाजवाद को ऊचाई दान करने का काय िकया। इनक मृ यु 5 िसतंबर, 1974 को कथा खंड
प रसर म हो गई।
लिलत नारायण िम
लिलत नारायण िम का ज म 2 फरवरी, 1923 को सहरसा िजला थत बसाउ-प ी म आ था। ये थम,
तीय एवं पाँचव लोकसभा क िलए चुने गए; साथ ही साथ दो बार रा यसभा क िलए चुने गए। क सरकार म
इ ह ने योजना, म एवं िश ण, गृह, िव , र ा उ पादन, िवदेश यापार तथा रल िवभाग क मं ी क प म देश
क सेवा क । यापार मं ी क प म भारत-नेपाल क संबंध को एक नई ऊचाई तक ले जाने का काम इ ह ने
िकया। इस दौरान नेपाल क साथ बाढ़ िनयं ण एवं कोसी योजना म प मी नहर िनमाण हतु भारत-नेपाल समझौता
िकया गया। अशोक पेपर िमल एवं िमिथला िव िव ालय क थापना, िमिथला िच कला को दुिनया क सम
लाने, उ री िबहार क सीमांचल इलाक म रलवे का जाल िबछाने का इनका काय अिव मरणीय ह। रल मं ी रहते
ए िबहार क सम तीपुर म बड़ी रलवे लाइन क उ ाटन क म म 2 जनवरी, 1975 को ए बम िव फोट म
घायल हो जाने क कारण इनक मृ यु 3 जनवरी, 1975 को हो गई।
पीर अली
1857 ई. क वाधीनता सं ाम म िबहार क तरफ से ितिनिध व करनेवाले वतं ता सेनािनय म एक मुख नाम
पीर अली का आता ह। 1828 से 1888 ई. तक चलनेवाले इस आंदोलन का मु य क पटना शहर था। पटना क
िवलायत अली एवं इनायत अली इस आंदोलन क मुख नायक थे। 1857 ई. म इस आंदोलन का नेतृ व पीर अली
ने िकया था। बाद म अंगे्रज क ारा बाँक पुर मैदान म एक पेड़ पर लटकाकर इ ह सरआम फाँसी दे दी गई।
पं. रामानंद ितवारी
3 अ ैल, 1946 को समूचे िबहार क तर पर िसपािहय क एक संगठन ‘िबहार पुिलस मस एसोिसएशन’ क
थापना करनेवाले पं. रामानंद ितवारी वाधीनता सं ाम म िबहार क तरफ से ितिनिध व करनेवाले एक मुख
सेनानी थे। िसपािहय ारा सरकार का िवरोध करनेवाल का अगुआ मानकर अं ेजी सरकार इनक जान क
दु मन बन गई। कदमकआँ म इन पर फाय रग क गई, जो कदमकआँ गोलीकांड क नाम से िस ह। 29 माच,
1947 को इनक गांधीजी क साथ लगभग 18 घंट तक क बातचीत िबहार क मुख घटना म से एक ह। खर
वतं ता सेनानी, समाजसेवी तथा जायज माँग को लेकर हमेशा आंदोलन करनेवाले पं. रामानंद ितवारी क याद म
रा य सरकार ितवष 25 माच को उनक जयंती क अवसर पर गांधी मैदान म उ र-प म कोने पर थत ितमा
थल पर राजक य समारोह आयोिजत करती ह।
सूरज नारायण िसंह
सूरज नारायण िसंह का ज म 17 मई, 1906 को दरभंगा क नरपित नगर ाम म आ था। मा 22 वष क उ
म ये िहदु तान सोशिल ट रप लकन पाट क सि य सद य बन गए। 1938 ई. म वामी सहजानंद सर वती क
नेतृ व म संचािलत ‘बका त आंदोलन’ म सि य योगदान देने क कारण इ ह 27 माह क सजा ई। इस दौरान
हजारीबाग जेल म इ ह ने 20 िदन का अनशन िकया। देवली कप म जे.पी. क साथ 33 िदन का अनशन गांधीजी क
ह त ेप पर टटा। 1942 ई. म दीपावली क अमावस रात (8 नवंबर) म 9:30 बजे रात म जय काश नारायण,
योग शु , गुलाबचं गु ा, रामनंदन िम और शािल ाम िसंह क साथ सूरज नारायण िसंह को स ल जेल क
दीवार फाँदने म मा 6 िमनट लगे थे। 1962 ई. म मधुबनी पूव िवधानसभा े से ये पहली बार िवधायक चुने
गए। 1969 ई. म मई िदवस समारोह म भारत क ितिनिध क प म इ ह ने मा को क या ा क । बँगलादेश मु
संघष क िसलिसले म इ ह ने 1971 एवं 1972 ई. म बँगलादेश क या ा क । 15 अ ैल, 1973 को मजदूर क
िहत क िलए आवाज उठाते ए राँची पुिलस क हाथ बुरी तरह घायल होने पर 21 अ ैल, 1973 को ये शहीद हो
गए।
मंडन भारती
मंडन िम िमिथला क िस दाशिनक एवं कमा रल भ क िश य एवं अनुयायी थे। उनक प नी मंडन
भारती थी। परम िवदुषी भारती शंकराचाय और अपने पित मंडन िम क बीच ए शा ाथ क अ य ता कर
िनणाियका बनी थ और शंकराचाय से वयं शा ाथ कर उ ह परािजत भी िकया था। यह घटना 620-710 ई.पू. क
बीच क मानी जाती ह।
कमा रल भ
आचाय कमा रल भ क गणना िमिथला क महा पंिडत और ािनय म होती ह। इनका काल छठी से नौव
सदी क बीच माना जाता ह। इ ह ने याय, मीमांसा, कम एवं ान से संबंिधत अनेक सू का ितपादन िकया।
इनक ारा धम एवं दशन पर िदए गए िवचार आज भी ासंिगक ह।
उदयनाचाय
उदयनाचाय का ज म िमिथला े क दरभंगा िजले क क रजन गाँव म आ था। ये याय दशन एवं वैशेिषक
दशन क ाचीन परपरा क े एवं अंितम ितिनिध िव ा थे। ितभा एवं िव ा क धनी उदयनाचाय से िश ा
पाने क िलए दूर-दूर से िश ाथ आते थे। इनक ारा रिचत सात ंथ ‘ याय प रिश ’, ‘िकरणबली’,
‘ता पयप रशु ’, ‘आ मत व िववेक’, ‘ यायकसुमांजिल’, ‘ल णावली’ तथा ‘कसुमांजिलका रका’ तीन टीका क
प म एवं चार िनबंध क प म िलखे गए ह।
आयभ
गु काल क िस गिणत , खगोलशा ी एवं दशमलव तथा शू य क आिव कारक आयभ का ज म पटना
िजले म 476 ई. म माना जाता ह। इनको ाकत, अप ंश एवं सं कत भाषा क साथ-साथ वेद , उपिनषद एवं
दाशिनक ंथ का िव ा माना जाता ह। इ ह ने अपने ंथ ‘आयभ ीयम’ म सूय क थर होने और गोलाकार
पृ वी को उसक चार ओर च र लगाने क बात कही ह। सूय हण एवं चं हण क वै ािनक कारण म हण
रा ारा सूय अथवा चं मा क सने से नह , ब क पृ वी व चं मा क पड़नेवाली छाया क कारण होता ह,
इसका ान दुिनया को आयभ से ही िमला। ाचीन सािह यक ोत से इनक नालंदा िव िव ालय क कलपित
रहने क भी जानकारी िमलती ह। वर एवं यंजन क सहायता से बड़ी-बड़ी सं या को सं ेप म िलखने क
िविध इनक ारा ितपािदत क गई। उदाहरण क िलए 432,00,00 को िलखने क िलए उ ह ने र यु ट श द का
योग िकया था। उ ह ने पाई (p) का मान लगभग 3.1416 बताया। पृ वी क संरचना िम ी, जल, अ न एवं
वायु से होने क बात इनक ारा दुिनया को बताई गई। डी.ई. मथ जैसे गिणत क अनुसार आयभ क मृ यु
74 वष क आयु म 550 ई. म ई थी।
पािणिन
याकरण क यात िव ा पािणिन का ज म पािक तान म शालातुला म िसंधु नदी क तट पर 520 ई.पू. को
माना जाता ह। इनक िस रचना ‘अ ा यायी’ से इ ह भाषा जग म याकरण क पुरोधा होने क ित ा
िमली। ‘अ ा यायी’ आठ िवभाग म िवभािजत ह। सं ा, ि या, वर, यंजन, वा य क संरचना, संयु सं ा
आिद क िवषय म इसम बताया गया ह। इसक अलावा श द म यय क लगने से नए श द क रचना जैसे वष से
वािषक, िजसम इक यय लगा ह, क जानकारी भी सव थम दुिनया को इनक ारा िमली। ‘अ ा यायी’ से
मौयकालीन शासन यव था क भी जानकारी िमलती ह।
या व य
महिष या व य िवदेह राजा जनक क समकालीन थे। रामायण, महाभारत एवं अनेक पुराण म उनक संबंध म
िव तार से ामािणक वणन िमलता ह। इ ह ने बा कल मुिन से ऋ वेद, जैिमनी ऋिष से सामवेद, वैशंपायन ऋिष से
यजुवद तथा आ िण ऋिष से अथववेद का अ ययन िकया। इनक िस िश य म एक नाम क व ऋिष का
आता ह, िज ह ने गु क सा य म शु यजुवद पर क वसंगीता एवं क वशाखा का ितपादन िकया।
गु गोिवंद िसंह
गु गोिवंद िसंह िसख पंथ क दसव तथा अंितम गु थे। इनका ज म 22 िदसंबर, 1662 को िबहार क पटना
सािहब म आ था। इ ह ने देश, धम एवं वतं ता क र ा क िलए िसख को संगिठत करक सैिनक प रवेश म
ढाला। िसख क िलए ‘पंच करार’—कश, कघा, कड़ा, कपाण और क छा को इ ह ने अिनवाय कर िदया। उ ह ने
अपने धम, अपनी ज मभूिम एवं वयं क र ा अपने ारा करने का संक प कराया। उनक िदया नारा ‘स ी
अकाल’ आज भी ासंिगक ह। उनक ारा खालसा पंथ क शु आत क गई। इ ह ने अपने बाद िसख सं दाय म
गु परपरा को ख म कर िदया और इसक जगह पर ‘ ंथ सािहब’ को ही िसख का गु मानने क बात कही। 7
अ ूबर, 1908 को इनका देहांत हो गया।
महश नारायण
िबहार क िनमाण म प कार क प म महश नारायण का योगदान अिव मरणीय ह। इनका ज म 1859 ई. म
आ था। इ ह ने अपना क रयर प का रता से शु िकया। ये ‘िबहार िबहा रय क िलए’ क माँग को रा ीय मु ा
बनाकर ‘िबहार टाइ स’ नामक पि का से जुड़, िफर उसका संपादन िकया। बंगाल से िबहार को अलग करने क
माँग को लेकर िस पु तक ‘बंगाल का िवभाजन’ या ‘िबहार का पृथ करण’ इनक एवं सि दानंद िस हा क
ारा संयु प से िलखी गई। 1907 ई. म ब त ही कम उ म इनक मृ यु हो गई।
नंदिकशोर लाल
गया क टकारी क लाल नंदिकशोर लाल का ज म 1866 ई. म आ था। नंदिकशोर लाल टकारी राज क बंधन
क साथ 1894 ई. म ‘िबहार टाइ स’ पि का क धान चारक बने। िबहार को अलग रा य का दजा िमलने क
बाद 1915 ई. म बाँक पुर म िबहार ांतीय कां ेस क स मेलन क अ य ता इ ह ने क थी। इनक मृ यु 1918 ई.
म ई।
परमे र लाल
नंदिकशोर लाल क छोट भाई परमे र लाल का ज म 1874 ई. म आ था। वकालत क िश ा हण करने क
दौरान इनका संपक दादा भाई नौरोजी से आ। उनक साथ इ ह ने पूर लंदन का दौरा िकया। लंदन इिडयन सोसाइटी
क अ य रहते ए दादा भाई नौरोजी ने इ ह उसका उपा य बनाया। भारत वापसी क प ा कां ेस क साथ
िमलकर इ ह ने भारतीय जनमानस क बीच रा ीयता क चार म अपनी मह वपूण भागीदारी दी। इ ह ने िबहारी छा
स मेलन क भी अ य ता क । इनक मृ यु 1919 ई. म हो गई।
क ण सहाय
क ण सहाय का ज म पटना िजले क सोरमपुर गाँव म 1866 ई. म आ था। ारिभक िश ा पटना कॉलेिजएट
कल म ई। वकालत करने क बाद 1919 ई. म इ ह ने पटना क किम नर सर आडले अल को पटना लॉ कॉलेज
क थापना म भरपूर सहयोग िकया। वकालत क साथ-साथ िबहार क पृथ करण म इ ह ने डॉ. सि दानंद
िस हा क साथ कधे से कधा िमलाकर काम िकया। िबहार क पृथ करण क बाद ये 1913 ई. म िबहारो कल
लेिज लेिटव काउिसल क सद य िनवािचत ए। 1919-21 क बीच इ ह ले टनट गवनर क शासक य प रष
का सद य मनोनीत िकया गया। 1921 ई. म इनक अक मा मृ यु हो गई।
मौलाना मजह ल हक
मजह ल हक का ज म 22 िदसंबर, 1866 को पटना िजला क मनेर थाने क बाहपुरा नामक गाँव म आ था।
1888 ई. म इ लड जाकर वकालत क िश ा हण क । वहाँ पर उ ह ने ‘अंजुमन ए इ लािमया’ का गठन िकया।
1891 ई. म वदेश वापस आने क बाद 1893 ई. म वे अवध क मुंिसफ क पद पर चुन िलये गए। 1896 ई. म
इस पद को यागकर वे छपरा नगरपािलका क उपा य चुने गए। 1906 ई. म उ ह ने हसन इमाम क मदद से
ऑल इिडया मु लम लीग नामक पाट क थापना क । माल िमंटो सुधार क तहत 1910 ई. म वे मुसलमान क
िलए आरि त सीट पर क ीय िवधान प रष क सद य चुने गए। 1916 ई. क लखनऊ अिधवेशन म कां ेस और
मु लम लीग क बीच क गठबंधन होने म इनका मह वपूण योगदान रहा। 1917 ई. क महा मा गांधी क ‘चंपारण
स या ह’ म इ ह ने अपना मुख योगदान िदया। उ ह ने िबहार िव ापीठ एवं सदाकत आ म क थापना क ।
इनक मृ यु 1930 ई. म हो गई।
कलावती देवी
‘प ी’ कलावती देवी का ज म अर रया िजले क रानीगंज म 1922 ई. म आ था। अ यंत गरीबी म कड़ी
मेहनत क बदौलत इ ह ने 1968 ई. म रानीगंज म एक बािलका म य िव ालय बनवाया। मिहला को िशि त
बनाने क िलए लोग को जाग क िकया। लड़िकय को कल भेजने क िलए तैयार िकया। कलावती देवी को 3
अ ैल, 1976 को ‘प ी’ का स मान िमला। ‘प ी’ िमलने क बाद 54 वष क उ म वे खुद सा र ई।
इनका िनधन 23 नवंबर, 1988 को हो गया।
नंदलाल बोस
महा मा गांधी ने एक बार कहा था, ‘‘वे सृजना मक कलाकार ह और म नह । भगवान ने मुझे कला का
िववेक िदया ह, िकतु इसे पाियत करने क िलए साधन नह िदए ह, उनको दोन का वरदान ा ह।’’ गांधीजी
का यह व य भारतीय कला क महानायक नंदलाल बोस क िलए था। इनका ज म हवेली खड़गपुर म 3 िदसंबर,
1882 को आ था। जवाहरलाल नेह क इ छा से उ ह भारतीय संिवधान क मूल ित को अलंकत करने का
सुअवसर िमला। उ ह ने यह िविश काय िव प, गौरी, यमुना, पे मल, कपाल िसंह और कला भवन क अ य
छा क सहायता से संपािदत िकया। जीवन क अंितम वष म इ ह ‘डॉ टस ऑफ लेटस,’ ‘द एकदमी ऑफ
फाइन आ स िस वर जुबली मेडल’, ‘देशीको म’, ‘प िवभूषण’, ‘दादा भाई नौरोजी मेमो रयल ाइज’ ा
ए। 16 अ ैल, 1966 को इनक मृ यु हो गई।
ल मीनारायण िसंह
िबहार क सहरसा िजलांतगत पँचगिछया गाँव क यात संगीतकार ल मीनारायण िसंह वयं म एक संगीत
सं थान थे। इनका ज म 1882 ई. म वहाँ क जम दार ि य त नारायण िसंह क यहाँ आ था। इनक िपतामह
नारायण िसंह िमिथलांचल क महा संत ल मीनाथ गोसाई क समकालीन थे। 1928 ई. क लखनऊ संगीत समारोह
म उनको िनणायक मंडल क एकमा सद य क प म आमंि त िकया गया था। इस अवसर पर उ ह ‘संगीत-
मातड’ तथा ‘संगीतिष’ क उपािध से िवभूिषत िकया गया।
अमरनाथ झा
अं ेजी भाषा और सािह य क आिधका रक िव ा डॉ. झा िहदी, मैिथली, सं कत, बँगला तथा उदू भाषा
सािह य क भी ाता थे। इनका ज म 25 फरवरी, 1897 को मधुबनी िजले क स रबस पाही गाँव म आ था।
इलाहाबाद िव िव ालय म वे बी.ए. और एम.ए. क टॉपर रह। बाद म वे वह पर यूटर क पद पर काय करने
लगे। वे मा 37 वष क आयु म कला संकाय क अ य तथा 41 वष क आयु म कलपित बनाए गए। 1953 ई.
म िबहार लोक सेवा आयोग का अ य बनाया गया। उ ह ने लगभग 2 दजन पु तक का संपादन िकया। िहदी म
‘िवचारधारा’, अं ेजी म ‘ओकजनल एडरसेज’ एवं ‘शे सपी रयन कॉमेडी’ उनक चिचत पु तक ह। उ ह नाग रक
‘अलंकरण प िवभूषण’ से स मािनत िकया गया। 1 जनवरी, 1995 को उनका अवसान हो गया।
आनंदी साद बादल
आनंदी साद बादल का ज म 1939 ई. म पूिणया िजले क ीपुर गाँव म आ था। ारभ से ही इनक िच
ना य अिभनय क साथ-साथ य तैयार करने एवं मेकअप करने म थी। इ ह ने अपने गाँव म िहदी ना य कला
प रष क थापना क । 1959 ई. म लिलत कला क पढ़ाई पूण करने क बाद रा य खादी बोड म इ ह ने
कलाकार क पद पर अपनी सेवा देनी शु क । 1968 ई. तक जलरग, पो टर रग, मा यम एवं ट ा आिद
पारप रक िच शैली म सजना क । नारी जीवन क िविभ प को अपने िच फलक पर इ ह ने मुखता से थान
िदया ह। ‘शांित ेम’, ‘बेटी िवदाई’, ‘ ित ा’, ‘चूरी हा रन’, ‘ कित क या’, ‘भोलापन’ आिद भाव इनक कला म
अकसर शािमल रहते थे। इनक िच म ‘तीन प चार आँख’ काफ लोकि य ई।
पं. इ िकशोर िम ‘म क’
बेितया घराने क िस संगीतकार पंिडत िम का ज म 1 जनवरी, 1956 को बेितया क बाजू छपरा गाँव म
आ था। बेितया घराने क गायन शैली को भारतीय ुपद परपरा म उ थान िदलाने म इनक किठन रयाज एवं
रचना मक ितभा का िवशेष योगदान ह। ुपद गाियक क े म उ ेखनीय योगदान क िलए इ ह ‘ वामी
ह रदास स मान’ (बंबई), ‘चंपारण िवभूित’ (मोितहारी), ‘कला सं कित स मान’ लखनऊ, ‘पं. च र म क
पुर कार’ (िबहार सरकार) से स मािनत िकया गया।
ई र चं गु ा
िबहार का नाम चा ुष कला क े म अंतरा ीय तर पर रोशन करनेवाले महा मूितकार ई र चं गु ा का
ज म 1 जून, 1947 को मधुबनी म आ था। धािमक आ यान, आ था से भरपूर टराकोटा मा यम क इनक
मूितिश प ‘सीता क खोज’ को उ र देश लिलत कलाका रणी ने 1965 ई. म पुर कार िदया। 1967 ई. म इिडयन
एकडिमक ऑफ आट अमृतसर एवं 1969 ई. म भारतीय लिलत कला अकादमी, नई िद ी ने पुर कत िकया।
1974 ई. म इनक ितभा को स मान देते ए ि िटश क िसल ने इ ह कॉमनवे थ कॉलरिशप दान क । िमिथला
जनपद क भावपूण लोक-गाथा क पा को टराकोटा मा यम से िचि त करने क कारण पूरी दुिनया म इ ह
िस िमली।
ई री साद वमा
पटना कलम िच शैली क कशल िच कार ई री साद वमा का ज म 1861 ई. म पटना िसटी म आ था।
इनक मुख रचना म हाथीदाँत पर बनाई गई मुखाकित मुख रहती थी। एक से दो इच क गोल हाथीदाँत पर
बनाई गई ये मुखाकित अंगे्रजी मिहला को िवशेष पसंद थी। ये मूलतः पटना कलम शैली क िच कार थे एवं
िस क, हाथी दाँत तथा कागज क िच ांकन करने म िस ह त थे।
कमकम
महा अिभने ी कमकम का ज म 1940 ई. म शेखपुरा िजला म आ था। िफ म म अपना भिव य बनाने
जेबु सा 1952 ई. म बंबई गई एवं िफ म नगरी म अपने नए नाम कमकम क साथ िस हो गई। इनक पहली
िफ म सोहराब मोदी िनदिशत ‘िमजा गािलब’ थी। इस िफ म म दिशत इनक नृ य ने इनको दूसरी िफ म
‘आरपार’ क मुख गीत म नृ य करने का मौका िदया, िजससे इनक पहचान बननी शु हो गई। इनक सवािधक
उ ेखनीय िफ म ‘िम. ऐंड िमसेज 55’, ‘कागज क फल’, ‘ यासा’, ‘आँख’, ‘गीत’, ‘मदर इिडया’ आिद रह ।
1973 ई. म इनक अंितम िफ म ‘जलते बदन’ दिशत ई।
उप महारथी
‘प ी’ उप महारथी का ज म 1908 ई. म उड़ीसा रा य क पुरी िजले म आ था। 1931 ई. म लिलत कला
म थम ेणी िड लोमा ा कर वे िबहार आए। 1956 ई. म िबहार सरकार ने इ ह सहायक िनदेशक, उ ोग क
पद पर रखा। इस दौरान इनक एक पु तक वेणुिश प कािशत ई। लोकिच शैली और ह तिश प को उ ह ने
एक नई िदशा दान क । जनजातीय कला और लोककला क उ थान म उनक योगदान क िलए भारत सरकार ने
1970 ई. म ‘प ी’ से िवभूिषत िकया। 11 फरवरी, 1981 को इनक मृ यु हो गई।
कमुद शमा
कमुद शमा का ज म 1926 ई. म पटना म आ था। पटना कलम और राजा रिव वमा क िच क अनुकित से
इनक कला या ा ारभ होती ह। इनक पहली िच दशनी 1966 ई. म ीधरानी आट गैलरी, नई िद ी म लगाई
गई। इसक बाद इनक िच दशिनय का दशन िद ी एवं बंबई म हर दो-तीन वष पर िकया जाता रहा। ये
र नावली िव ा मंिदर क ाचाया थ । बाल रगमंच, रिडयो नाटक लेखन, बाल नाटक का िनदशन इ ह ने िकया।
क ण कमार क यप
ारा ‘कला िवभूित स मान’, भारत सरकार क ारा 2008 ई. म ‘गु स मान’ तथा 2011 ई. म ‘प ी’
स मान से स मािनत िकया गया।
भावती देवी
लोकनायक जय काश नारायण क अधािगनी क प म सुप रिचत भावती देवी अपने वतं सश य व
से भी धनी ह। शादी क बाद जय काश नारायण क उ िश ा हतु अमे रका जाने क दौरान ये गांधीजी क सा य
म साबरमती आ म आ गई। वतं ता आंदोलन म अिश ा, बाल िववाह एवं परदा था का िवरोध कर नारी समाज
को जा करने का काम इ ह ने क तूरबा गांधी क साथ रहकर िकया। दहज क िखलाफ सि य भागीदारी िनभाते
ए उ ह ने 600 से अिधक शािदयाँ बगैर दहज क करवाई। कसर का रोग होने क कारण उनका देहावसान 15
अ ैल, 1973 को हो गया।
यशोदा देवी
िमिथला लोकिच शैली क यात कलाकार ीमती यशोदा देवी का ज म 2 जनवरी, 1944 को मधुबनी िजले
म आ था। इ ह 1982-83 म ‘रा य पुर कार’, 1983 ई. म ‘िच गु स मान’ तथा 1987 ई. म ‘िव ापित
पुर कार’ िमला। ये िबहार रा य लिलत कला अकादमी क सद य भी रह । िबहार िश ा प रयोजना ारा
आयोिजत मधुबनी पिटग, मिहला िश ण िशिवर म इ ह ने िशि का का काय िकया। 3 नवंबर, 2007 को बीमारी
क अव था म इनक मौत हो गई।
योग िम
डॉ. योग िम िबहार क पावन भूिम वैशाली म ज म लेकर भारतीय इितहास लेखन म रा य क पहचान
बढ़ानेवाले एक अिव मरणीय इितहासकार ह। डॉ. िम पटना िव िव ालय क असाधारण छा , अ तीय
िश क और िविश िवभागा य रह। उनक ारा लगभग 30 पु तक, 50 शोध-प , 27 जीविनयाँ, लगभग 100
रिडयो वाताएँ एवं िविभ प -पि का म लगभग 60 इितहास-िवषयक लेख कािशत िकए गए ह। उनक
मह वपूण पु तक म ‘अशोक’, ‘द िहदूशाहीज ऑफ अफगािन तान ऐंड पंजाब’, ‘यूिनविसटी ऑफ ओदंतपुरी’,
‘िह टरी ऑफ िवदेह’, ‘वैशाली ऐंड इ स रमस’, ‘ ेतपुर क खोज’ आिद मुख ह।
रामशरण शमा
िबहार क इस महा इितहासकार का ज म 26 नवंबर, 1919 को बेगूसराय िजले क बरौनी लैग म आ था।
1958 ई. म ये पटना िव िव ालय म इितहास िवभाग क अ य बने। 1973 ई. म िद ी िव िव ालय म
इितहास क ोफसर और िवभागा य बने। इनक िस रचना म ‘शू का ाचीन इितहास’, ‘िव इितहास
क भूिमका’, ‘ ारिभक भारत का प रचय’, ‘भारत क ाचीन नगर का पतन’, ‘ ाचीन भारत म राजनीितक िवचार
एवं सं थाएँ’, ‘भारतीय सामंतवाद’ आिद मुख ह। इनका इितहास लेखन पुराकथा, पुरात व, नृत व िव ान,
राजनीित िव ान एवं अथशा क अ ुत संयोग से समािहत रहता था। 20 अग त, 2011 को इनका िनधन हो
गया।
डॉ. विश नारायण िसंह
डॉ. विश नारायण िसंह का ज म भोजपुर िजले क बसंतपुर गाँव म आ था। 1962 ई. म इ ह ने नेतरहाट
आवासीय िव ालय से िश ा हण कर मैि क क परी ा म पूर िबहार म थम थान ा िकया। पटना साइस
कॉलेज म पढ़ने क म म वहाँ क ाचाय पी. नग क ारा इनक ितभा को देखते ए 1964 ई. म इनक िलए
एक िवशेष परी ा आयोिजत करवाई गई। इ ह मा 2 वष म गिणत म ातक क िड ी दान क गई। उन िदन
यूिनविसटी ऑफ किलफोिनया क िस गिणत ो. जॉन एल. कली क पटना आने क म म इनक मुलाकात
उनसे ई। इनसे भािवत होकर ो. कली इ ह अमे रका ले गए। 1969 ई. म उ ह ने वहाँ पर पी-एच.डी. ा
क । उनका यह शोध पैसेिफक जनल ऑफ मैथेमेिट स क वॉ यूम 52, सं या 2, वष 1974 म संकिलत ह। इ ह ने
‘अपोलो अिभयान’ क दौरान नासा क िलए भी काम िकया, बाद म भारत आकर उ ह ने इिडयन टिट टकल
इ टी यूट, कलक ा, आई.आई.टी. कानपुर तथा टाटा इ टी यूट ऑफ फडामटल रसच, बंबई क िलए काम
िकया। बाद म ये मनोरोग से िसत हो गए।
िव नाथ साद शाहाबादी
िव नाथ साद शाहाबादी का ज म आरा िजले म 24 जनवरी, 1912 को आ था। 1962 ई. म पहली ेत-
याम भोजपुरी िफ म ‘गंगा मइया तोह िपयरी चढ़इबो’ क िनमाण से उ ह भोजपुरी िसनेमा क जनक क प म
जाना जाता ह। उनक मह वपूण िफ म म ‘सोलहो िसंगार कर दु हिनया’ (भोजपुरी), ‘ ठा न करो’, ‘गंगाधाम’,
‘गीतगंगा’, ‘ससुराल’, ‘तुलसी और घर जमाई’ (सभी िहदी) शािमल ह। 13 जुलाई, 2000 को इनक मृ यु हो गई।
िव बंधु
िव बंधु का ज म 23 नवंबर, 1930 को दानापुर म आ था। उ ह ने िबहार सिहत भारत क संपूण ांत क
लोकनृ य , लोकसं कित, लोकगाथा एवं लोकपरपरा का गहन अ ययन िकया। वे कछ समय तक भारतीय
जन ना य संघ (इ टा), पटना क मु य नतक क प म सि य रह। इ टा क अंतगत उ ह ने भोजपुरी स यता का
िवकास िवषय क 17 गीत पर लोकनृ य का िनदशन िकया। इनक ारा सृिजत नृ य नािटका म ‘मेघ म हार’,
‘अगहन क भोर’, ‘िहरण-िहरणी’, ‘ये भारत क गाँव’, ‘सामा-चकवा’ आिद मुख ह।
शाह अजीमाबादी
उदू शायरी म िबहार क नाम रोशन करनेवाले शाह अजीमाबादी का ज म 1846 ई. म पटना म आ था। उ ह ने
8 वष क उ से ही शायरी करनी शु कर दी थी। उनक शायरी को उदू क कालजयी शायरी क फह र त म
रखा जाता ह। ये गजल लेखन क अलावा उदू क एक खास िवधा मरिसया िनगारी म भी सि य रह। इनक मृ यु
1927 ई. म हो गई।
शोभना नारायण
‘संगीत नाटक एकडमी अवाड’, ‘प ी’, ‘इिदरा ि यदिशनी अवाड’, ‘राजीव मृित पुर कार’ सिहत कई
पुर कार से स मािनत शोभना नारायण िबहार क ितभाशाली कलाकार म से एक ह। 1968 से 1974 ई. क
दौरान उ ह ने िद ी िव िव ालय से भौितकशा से ातक तथा पो ट गे्रजुएशन क िड ी ा क । उसक
बाद वे िसिवल सिवस म आ गई। नृ य क शैली पर उ ह ने दजन िकताब िलख । वे बेहद सफल शासक,
िव यात कथक डांसर, एक आदश प नी एवं एक ेहमयी माँ क प म दुिनया क सामने सदा तुत रही ह।
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िलए औजार योजना क शु आत क गई ह, िजसम 2500 पए ित बािलका देने का ावधान िकया गया ह।
सीमावत 31 खंड म बािलका िश ा को बढ़ावा देने क िलए ान योित यावसाियक िश ण काय म ारभ
िकया गया ह। मु यमं ी बािलका पोशाक योजना क अंतगत क ा 6 से 8 तक क छा ा को 700 पए तथा
क ा 3 से 5 तक क छा -छा ा को 500 पए ितवष क दर से उपल ध कराया जा रहा ह। मु यमं ी
बािलका एवं बालक साइिकल योजना क अंतगत क ा 9 म अ ययनरत ब को ित िव ाथ 2500 पए क
रािश उपल ध कराई जा रही ह।
हर साल 11 नवंबर को भारत क थम िश ामं ी व. मौलाना अबुल कलाम आजाद क ज मिदन पर िबहार म
िश ा िदवस मनाया जाता ह। नेतरहाट िव ालय क तज पर िसमुलतला (जमुई िजला) म एक आवासीय िव ालय
क थापना क गई ह। चाण य रा ीय िविध िव िव ालय एवं अिखल भारतीय तकनीक िश ा प रष ारा
चं गु बंध सं थान क थापना क गई ह। रा य क सम त इजीिनय रग कॉलेज को आयभ ान
िव िव ालय से जोड़ा गया ह। क सरकार क ारा पटना म आई.आई.टी., ए स क थापना क गई ह।
औपचा रक िश ा क िव तार एवं िवकास हतु 1991 ई. म िबहार िश ा प रयोजना प रष क थापना क गई
ह, इसम यूिनसेफ, क सरकार एवं रा य सरकार मशः 3:2:1 क अनुपात म धन उपल ध कराते ह। रा य म
सेकडरी कल का परी ा संचालन िबहार िव ालय परी ा सिमित तथा इटर तरीय कॉलेज एवं कल क िलए
िबहार इटरमीिडएट िश ा प रष कर रहा ह।
िबहार म सा रता दर को बढ़ाने क िलए वतं ता क पूव से ही यास िकए जा रह ह। सव थम मौलाना
मजह ल हक ने मु त एवं अिनवाय ाथिमक िश ा क वकालत क । 1937 ई. म ीक ण िसंह क नेतृ व म बनी
कां ेस सरकार ारा िनर रता उ मूलन काय म ारभ िकया गया। सा रता दर को बढ़ाने क िलए क सरकार
ारा 2 अ ूबर, 1978 से ौढ़ िश ा काय म (NAEP) ारभ िकया गया, िजसका मु य उ े य 15-35 आयु
वग क य य को सा र बनाना था। िबहार म भी इस काय म को 1978 से ही लागू िकया गया। इस काय म
का उ े य भी ौढ़ िश ा को बढ़ावा देना ह। रा य म 1988 ई. से क क सहयोग से सा रता िमशन ारभ िकया
गया। सव थम इस काय म का ारभ मुज फरपुर से िकया गया था। वतमान समय म यह रा य क सभी िजल म
लागू ह। रा ीय सा रता िमशन (National Literacy Mission) क अंतगत ि तरीय काय म चलाया गया ह,
िजसम कल सा रता अिभयान (TLC), सा रता प ा काय म (PLP) तथा िनरतर िश ा काय म (CEP)
शािमल ह। कल सा रता अिभयान का ारभ 1991 ई. म मधेपुरा से िकया गया था। रा ीय सा रता िमशन क
तज पर ही रा य सरकार ारा मु यमं ी सा रता काय म (MSK) ारभ िकया गया ह, िजसका मु य उ े य
सा र ब को तकनीक िश ण देकर उनम कौशल िवकास करना ह।
िव ालय म मीना मंच का गठन बािलका सश ीकरण क िलए िकया गया ह। मु यमं ी िबहार दशन
योजना क मदद से म य िव ालय क ब को िबहार घूमने का मौका िमल रहा ह।
रा य म कली िश ा को बढ़ावा देने क िलए दूर थ िश ा काय म का िव तार िकया जा रहा ह। इसी उ े य
को पूरा करने क िलए रा य सरकार ने फरवरी, 2011 म िबहार मु िव ालयी एवं िश ण परी ा बोड (BBOSS)
का गठन िकया ह। इसक ारा वैसे छा -छा ाएँ, जो सामािजक-आिथक ि कोण से िपछड़ ह और िव ालय म
नामांकन कराने म असमथ ह, क िलए 12व क ा तक क दूर थ िश ा क मा यम से िश ा उपल ध कराए जा
रह ह। इस बोड क तहत कौशल िवकास से संबंिधत अनेक पा य म चलाए जा रह ह।
येक य तक िश ा क प च हो, इसक िलए 2002 ई. म क सरकार ारा संिवधान म 86वाँ संशोधन
कर िश ा को मौिलक अिधकार म शािमल िकया गया ह। यह अिधकार संिवधान क अनु छद-21 (A) म शािमल
िकया गया ह, िजसक अनुसार रा य को 6 से 14 साल तक क सभी ब को िनःशु क तथा अिनवाय िश ा
उपल ध करानी होगी। अनु छद-45 म जोड़ा गया ह िक रा य को तब तक सभी ब क शु आती देखभाल और
िश ा क यव था करने क िलए यास करना होगा, जब तक वह 6 साल क आयु का नह हो जाता ह। मौिलक
अिधकार म िश ा को शािमल करने क साथ-साथ मौिलक कत य म भी संशोधन करते ए अनु छद-51 (A) म
जोड़ा गया ह िक 6 साल से 14 साल तक क आयु क ब े क माता-िपता या अिभभावक अथवा संर क को
अपने ब े को िश ा िदलाने क िलए अवसर उपल ध कराने का ावधान ह। रा य म सा रता दर म कमी का
एक मुख कारण छीजन दर (Drop out rate) का अिधक होना ह। रा ीय तर पर क ा 1 से 8 क बीच सकल
नामांकन दर (Gross Enrolment Ratio—GER) िबहार म सबसे कम ह। नामांकन दर कम होने क साथ-साथ
छीजन दर भी रा य म अिधक ह। ाथिमक िव ालय म यह 51 ितशत ह, जबिक अिखल भारतीय तर पर मा
29 ितशत ह। छीजन दर कम होने का मुख कारण िव ालय म आधारभूत संरचना क कमी रही ह। य िप
िपछले कछ वष म भौितक सुिवधा , जैसे—भवन िनमाण, बच-ड क आिद क उपल धता पर िवशेष बल िदया
गया ह। दूसरा कारण, ाथिमक िव ालय म शैि क काय क अित र अ य काय क भी अिधकता रहती ह।
येक य तक िश ा क प च हो, इसक िलए 2002 ई. म क सरकार ारा संिवधान म 86वाँ
संशोधन कर िश ा को मौिलक अिधकार म शािमल िकया गया ह। यह अिधकार संिवधान क
अनु छद-21 (A) म शािमल िकया गया ह,
8 िसतंबर, 2009 को क सरकार ारा सा र भारत अिभयान ारभ िकया गया ह। यह मूलतः रा ीय सा रता
िमशन का प रवितत प ह। इस योजना क तहत क सरकार कल यय का 75 ितशत एवं रा य सरकार 25
ितशत यय करती ह। इस योजना का मूल उ े य 15 वष क ऊपर क िनर र को सा र बनाना एवं मिहला
क सा रता को बढ़ाना ह। वतमान समय म सा र भारत अिभयान (MHRD) म सा रता दर बढ़ाने क साथ-साथ
िविधक सा रता, िडिजटल सा रता तथा िव ीय सा रता आिद को भी जोड़ा गया ह। यह देश क 410 िजल म
चलाया जा रहा ह, जहाँ मिहला क सा रता दर 50 ितशत से कम ह। इस अिभयान क तहत 16 वष से
अिधक आयु वग क लोग को सा र बनाया जाता ह। इसक अंतगत अ र ान क साथ-साथ िश ा का अिधकार,
भू्रण ह या रोकने संबंधी कानून, दहज िवरोधी कानून, घरलू िहसा क िखलाफ कानून आिद क भी जानकारी दी
जाती ह। चुनाव आयोग क सहयोग से मतािधकार संबंधी जानका रयाँ दान क जा रही ह। 25 जनवरी, 2011 से
ितवष मतदान िदवस मनाया जाता ह। मतदान िदवस का आधार वा य ‘Proud to be a voter — Ready to Vote’
ह। इस अिभयान क तहत िडिजटल सा रता को बढ़ावा देने क िलए सावजिनक े क कपिनय क सहयोग से
1000 मॉडल क थािपत िकए जा रह ह, िजनम 50 घंट का क यूटर िश ण िदया जा रहा ह। िव ीय सा रता
को भी सा र भारत अिभयान का अंग बनाया गया ह। इसक िलए टट बक ऑफ इिडया क सहयोग से एक
पा य म का िनमाण िकया गया ह, िजसम बिकग, बीमा, पशन योजना आिद से संबंिधत जानका रयाँ दान क
जाती ह। िबहार म सा र भारत अिभयान क शु आत 2010 ई. से भोजपुर, खगिड़या और बेगूसराय िजले से क
गई थी। 2011 ई. म इसे पूर रा य म लागू कर िदया गया ह।
मिहला सा रता को बढ़ाने क िलए िसतंबर, 2009 से ही अ र आँचल योजना ारभ क गई ह। इसक अंतगत
वय क िश ा क क थापना क गई ह। रा य संपोिषत महादिलत, अ पसं यक एवं अित िपछड़ा वग अ र
आँचल योजना सामािजक, शैि क एवं आिथक उ यन क िलए चलाया जा रहा एक िवशेष अिभयान ह। इस
योजना क तहत महादिलत, िपछड़ा वग एवं अ पसं यक ब तय म उ थान क एवं तालीमी मरकज क थापना
क गई ह। इनम टोला सेवक िनयु िकए गए ह।
इन यास क बावजूद ारभ से 2011 ई. क जनगणना तक िबहार देश का सबसे कम सा रता दरवाला रा य
ह।
िव िव ालय
. सं. : 1
िव िव ालय का नाम : पटना िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1917 ई.
. सं. : 2
िव िव ालय का नाम : बी.आर. अंबेडकर िबहार िव िव ालय, मुज फरपुर
थापना वष : 1952 ई.
. सं. : 3
िव िव ालय का नाम : ितलकामाँझी िव िव ालय, भागलपुर
थापना वष : 1960 ई.
. सं. : 4
िव िव ालय का नाम : क.एस.डी.एस. सं कत िव िव ालय, दरभंगा
थापना वष : 1961 ई.
. सं. : 5
िव िव ालय का नाम : मगध िव िव ालय, बोधगया
थापना वष : 1962 ई.
. सं. : 6
िव िव ालय का नाम : राज किष िव िव ालय, पूसा, सम तीपुर
थापना वष : 1970 ई.
. सं. : 7
िव िव ालय का नाम : लिलत नारायण िमिथला िव िव ालय, दरभंगा
थापना वष : 1972 ई.
. सं. : 8
िव िव ालय का नाम : नालंदा खुला िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1987 ई.
. सं. : 9
िव िव ालय का नाम : वीर कवर िसंह िव िव ालय, आरा
थापना वष : 1990 ई.
. सं. : 10
िव िव ालय का नाम : भूप नारायण मंडल िव िव ालय, मधेपुरा
थापना वष : 1990 ई.
. सं. : 11
िव िव ालय का नाम : जय काश नारायण िव िव ालय, छपरा
थापना वष : 1990 ई.
. सं. : 12
िव िव ालय का नाम : मौलाना मज ल हक अरबी-फारसी िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1998 ई.
. सं. : 13
िव िव ालय का नाम : िबहार किष िव िव ालय, सबौर
थापना वष : 2004 ई.
. सं. : 14
िव िव ालय का नाम : क ीय िबहार िव िव ालय, गया
थापना वष : 2005 ई.
. सं. : 15
िव िव ालय का नाम : चाण य रा ीय िविध िव िव ालय, पटना
थापना वष : 2007 ई.
. सं. : 16
िव िव ालय का नाम : आयभ तकनीक िव िव ालय, पटना
थापना वष : 2009 ई.
. सं. : 17
िव िव ालय का नाम : नालंदा अंतरा ीय िव िव ालय, नालंदा
थापना वष : 2009 ई.
इसक अलावा िबहार म दो डी ड िव िव ालय िबहार योगा भारती, मुंगेर, नव नालंदा महािवहार, नालंदा भी
थत ह। नए थािपत िव िव ालय, जो अभी िनमाणाधीन ह, म िबहार क ीय िव िव ालय, मोितहारी, अलीगढ़
मु लम िव िव ालय क शाखा, िकशनगंज शािमल ह।
मेिडकल कॉलेज
.सं. : 1
मेिडकल कॉलेज का नाम : पटना मेिडकल कॉलेज, पटना
थापना वष : 1925 ई.
.सं. : 2
मेिडकल कॉलेज का नाम : मेिडकल कॉलेज, दरभंगा
थापना वष : 1947 ई.
.सं. : 3
मेिडकल कॉलेज का नाम : ए.एन. मगध मेिडकल कॉलेज, गया
थापना वष : 1969 ई.
.सं. : 4
मेिडकल कॉलेज का नाम : नालंदा मेिडकल कॉलेज, पटना
थापना वष : 1969 ई.
.सं. : 5
मेिडकल कॉलेज का नाम : एस.क. मेिडकल कॉलेज, मुज फरपुर
थापना वष : 1971 ई.
.सं. : 6
मेिडकल कॉलेज का नाम : जवाहरलाल नेह मेिडकल कॉलेज, भागलपुर
थापना वष : 1971 ई.
.सं. : 7
मेिडकल कॉलेज का नाम : इिदरा गांधी आयुवद सं थान, पटना
थापना वष : 1983 ई.
.सं. : 8
मेिडकल कॉलेज का नाम : जननायक कपूरी ठाकर मेिडकल कॉलेज, मधेपुरा
थापना वष : 2000 ई.
.सं. : 9
मेिडकल कॉलेज का नाम : राजक य िचिक सा महािव ालय, बेितया
थापना वष : 2009 ई.
.सं. : 10
मेिडकल कॉलेज का नाम : अिखल भारतीय िचिक सा िव ान सं थान, पटना
थापना वष : 2012 ई.
इसक अलावा िबहार म दो िनजी मेिडकल कॉलेज माता गुजरी मेमो रयल मेिडकल कॉलेज, िकशनगंज ( थापना
वष 2003 ई.), किटहार मेिडकल कॉलेज, किटहार ( थापना वष 2001 ई.), बु ा डटल कॉलेज, ककड़बाग,
पटना थत ह। िबहार म डटल कॉलेज म पटना डटल कॉलेज, पटना ( थापना वष 1974 ई.) तथा दरभंगा डटल
कॉलेज, दरभंगा ( थापना वष 1990 ई.) शािमल ह। पशु िचिक सा कॉलेज म फक टी ऑफ वेरनरी साइस एवं
एिनमल हसब ी सम तीपुर तथा वेरनरी कॉलेज, पटना शािमल ह। तािवत मेिडकल कॉलेज म राज साद
मेिडकल कॉलेज, सारण का िनमाण जारी ह।
मिहला सा रता को बढ़ाने क िलए िसतंबर, 2009 ई. से ही अ र आँचल योजना ारभ क गई ह।
इसक अंतगत वय क िश ा क क थापना क गई ह।
िबहार म आयुविदक कॉलेज म यत नारायण अ ांग आयुविदक कॉलेज, भागलपुर, राजक य अयो या
िशवकमारी आयुविदक कॉलेज, बेगूसराय, राजक य ित बती-यूनानी िचिक सा महािव ालय, कदमकआँ, पटना,
आयुविदक कॉलेज, मधुबनी, महारानी रामे री आयुविदक कॉलेज, दरभंगा, व मान महावीर आयुिव ान
सं थान, पावापुरी, आयुविदक कॉलेज, मोितहारी, राजक य आयुविदक िचिक सा महािव ालय, कदमकआँ, पटना
शािमल ह।
इजीिनय रग कॉलेज
.सं. : 1
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : फक टी ऑफ ए ीक चर इजीिनय रग, पूसा
थापना वष : 1905 ई.
.सं. : 2
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 2008 ई.
.सं. : 3
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबड़ला इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 2006 ई.
.सं. : 4
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : मुज फरपुर इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, मुज फरपुर
थापना वष : 1954 ई.
.सं. : 5
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : भागलपुर कॉलेज ऑफ इजीिनय रग, सबौर, भागलपुर
थापना वष : 1960 ई.
.सं. : 6
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : लोकनायक जय काश नारायण इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, छपरा
थापना वष : 2012 ई.
.सं. : 7
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग, पटना िजसे 2004 ई. म नेशनल इ टी यूट
ऑफ ट ोलॉजी, पटना का दजा िमला
थापना वष : 1886 ई.
.सं. : 8
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबहार इ टी यूट ऑफ िस क ऐंड ट सटाइल, नाथ नगर, भागलपुर
थापना वष : 1994 ई.
.सं. : 9
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : संजय गांधी इ टी यूट ऑफ डयरी साइस ऐंड ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 1982 ई.
.सं. : 10
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : दरभंगा इजीिनय रग कॉलेज, दरभंगा
थापना वष : 2008 ई.
.सं. : 11
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : नालंदा इजीिनय रग कॉलेज, नालंदा
थापना वष : 2008 ई.
.सं. : 12
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : गया इजीिनय रग कॉलेज, गया
थापना वष : 2008 ई.
इसक अलावा िबहार म कछ िनजी इजीिनय रग कॉलेज भी ह, िजनम मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ इजीिनय रग
ऐंड ट ोलॉजी, पटना, आर.पी. शमा इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना, वीमेन इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी,
दरभंगा, िमिलया इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पूिणया शािमल ह।
बंधन सं थान
.सं. : 1
सं थान का नाम : एल.एन. िम ा कॉलेज ऑफ िबजनेस मैनेजमट, मुज फरपुर
थापना वष : 1973 ई.
.सं. : 2
सं थान का नाम : लिलत नारायण िम ा इ टी यूट ऑफ इकोनॉिमक डवलपमट ऐंड सोशल चज, पटना
थापना वष : 1973 ई.
.सं. : 3
सं थान का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ िबजनेस मैनेजमट, पटना
थापना वष : 1980 ई.
.सं. : 4
सं थान का नाम : चं गु बंध सं थान, पटना
थापना वष : 2008 ई.
.सं. : 5
सं थान का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ मैनेजमट, गया
थापना वष : 2015 ई.
िविध महािव ालय
.सं. : 1
सं थान का नाम : टी.एन.बी. कॉलेज
थान : भागलपुर
.सं. : 2
सं थान का नाम : एस.क.जे. लॉ कॉलेज
थान : मुज फरपुर
.सं. : 3
सं थान का नाम : ए.एम. कॉलेज
थान : गया
.सं. : 4
सं थान का नाम : महाराजा लॉ कॉलेज
थान : आरा
.सं. : 5
सं थान का नाम : पटना लॉ कॉलेज
थान : पटना
.सं. : 6
सं थान का नाम : िवदेह लॉ कॉलेज
थान : मधुबनी
.सं. : 7
सं थान का नाम : लॉ कॉलेज
थान : सम तीपुर
.सं. : 8
सं थान का नाम : िशवानंद मंडल कॉलेज
थान : मधेपुरा
.सं. : 9
सं थान का नाम : एम.एस. कॉलेज
थान : मोितहारी
किष महािव ालय एवं अनुसंधान क
.सं. : 1
सं थान का नाम : ितर त कॉलेज ऑफ ए ीक चर
थान : मुज फरपुर
.सं. : 2
सं थान का नाम : क ीय आलू अनुसंधान क
थान : पटना
.सं. : 3
सं थान का नाम : भारतीय किष अनुसंधान प रष (पूव े ीय मु यालय)
थान : पटना
.सं. : 4
थान : भागलपुर
.सं. : 3
सं थान का नाम : नव नालंदा महािवहार
थान : नालंदा
.सं. : 4
सं थान का नाम : टी.वी. िडमॉ शन ऐंड टरिनंग सटर
थान : पटना
.सं. : 5
सं थान का नाम : राज मेमो रयल रसच इ टी यूट
थान : कदमकआँ, पटना
.सं. : 6
सं थान का नाम : िबहार शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 7
सं थान का नाम : क.पी. जायसवाल शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 8
सं थान का नाम : डॉ. ए.एन. िस हा शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 9
सं थान का नाम : िच एवं मूितकला िव ालय
थान : पटना
.सं. : 10
सं थान का नाम : ए.एन. िस हा समाज अ ययन सं थान
थान : पटना
.सं. : 11
सं थान का नाम : मदरसा इ लािमक शमशुल दा
थान : पटना
.सं. : 12
सं थान का नाम : लिलत नारायण िम इ टी यूट ऑफ इकोनॉिमक ुप ऐंड सोशल चज
थान : पटना
.सं. : 13
सं थान का नाम : म दार िव ापीठ
थान : भागलपुर
.सं. : 14
सं थान का नाम : मूक-बिधर िव ालय
थान : पटना
.सं. : 15
सं थान का नाम : सं कत िव ापीठ
थान : पटना
.सं. : 16
सं थान का नाम : ने हीन छा िव ालय
थान : भागलपुर
.सं. : 17
सं थान का नाम : पटना ने हीन िव ालय
थान : कदमकआँ, पटना
.सं. : 18
सं थान का नाम : जेिवयर फायर से ट अकादमी, एसकपुरी
थान : पटना
.सं. : 19
सं थान का नाम : बािलका िव ापीठ
थान : लखीसराय
.सं. : 20
सं थान का नाम : भारतीय नृ यकला मंिदर
थान : पटना
.सं. : 21
सं थान का नाम : दरभंगा रसच इ टी यूट
थान : दरभंगा
.सं. : 22
सं थान का नाम : किष अनुसंधान क
थान : मीठापुर, पटना
.सं. : 23
सं थान का नाम : राजक य संयु खा एवं औषिध योगशाला
थान : पटना
.सं. : 24
सं थान का नाम : फल अनुसंधान सं थान
थान : सबौर
.सं. : 25
सं थान का नाम : स ल यूल रसच इ टी यूट
थान : पटना
.सं. : 26
सं थान का नाम : भारतीय नृ यकला मंिदर
थान : पटना
मुख पु तकालय
.सं. : 1
सं थान का नाम : ीनंदन पु तकालय, छपरा
थापना वष : 1935 ई.
.सं. : 2
सं थान का नाम : मंडलीय पु तकालय, सहरसा
थापना वष : 1954 ई.
.सं. : 3
सं थान का नाम : भगवान पु तकालय, भागलपुर
थापना वष : 1913 ई.
.सं. : 4
सं थान का नाम : खुदाब श लाइ ेरी (द पटना ओ रएंटल प लक लाइ ेरी), पटना
थापना वष : 1891 ई.
.सं. : 5
सं थान का नाम : प लक लाइ ेरी, पूिणया
थापना वष : 1952 ई.
.सं. : 6
सं थान का नाम : ल मी र प लक लाइ ेरी, दरभंगा
थापना वष : 1919 ई.
.सं. : 7
सं थान का नाम : मंडलीय पु तकालय, गया
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 8
.सं. : 1
सं थान का नाम : िबहार उदू अकादमी, पटना
थापना वष : 1975 ई.
.सं. : 2
सं थान का नाम : कला भवन, पूिणया
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 3
सं थान का नाम : ाकत जैनशा शोध सं थान, वैशाली
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 4
सं थान का नाम : अरिबक ऐंड पिशयन रसच इ टी यूट, पटना
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 5
सं थान का नाम : िमिथला सं कत िव ापीठ, दरभंगा
थापना वष : 1951 ई.
.सं. : 6
सं थान का नाम : काशी साद जायसवाल रसच इ टी यूट, पटना
थापना वष : 1950 ई.
.सं. : 7
सं थान का नाम : िबहार रा भाषा प रष , पटना
थापना वष : 1950 ई.
.सं. : 8
सं थान का नाम : मैिथली सािह य प रष
थापना वष : 1939 ई.
.सं. : 9
सं थान का नाम : िबहार िहदी सािह य स मेलन, पटना
थापना वष : 1919 ई.
.सं. : 10
सं थान का नाम : िबहार रसच सोसाइटी, पटना
थापना वष : 1915 ई.
.सं. : 11
सं थान का नाम : रसच इ टी यूट ऑफ ाकत जेनेलॉजी ऐंड एिह शा, वैशाली
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 12
सं थान का नाम : संजय गांधी डयरी ट ोलॉजी सं थान, पटना
थापना वष : 1980 ई.
इसक अलावा रा य म राजक य पॉिलट क, बरौनी, भागलपुर, मढौरा (सारण), दरभंगा, गया, गोपालगंज,
मुज फरपुर, पटना, पूिणया, सहरसा थत ह। राजक य मिहला पॉिलट क, पटना म तथा यू गवनमट
पॉिलट क, पाटिलपु कॉलोनी, पटना म थत ह। रा य म
आई.टी.आई. दीघा (पटना), भागलपुर, नवादा, मुज फरपुर, सारण, मोितहारी, दरभंगा, सुपौल, किटहार, हाजीपुर,
गया, डहरीओनसोन, ब सर, सीतामढ़ी, हथुआ, बेितया, घोघरडीहा, वीरपुर, बेगूसराय, फारिबसगंज म थत ह,
जबिक मिहला आई.टी.आई. सीवान, आरा, दरभंगा, दीघा (पटना), मुज फरपुर, मोितहारी म थत ह।
मुख सं हालय
सं हालय मा सां कितक धरोहर क भंडार नह होते ह, ब क मानिसक पुनिनमाण का काय भी करते ह। ये
एक ऐसे जीवंत क ह, जहाँ से सां कितक मागदशन ा कर, उनका स ा अथ समझकर अपने नए जीवन म
सदुपयोग िकया जा सकता ह। भारत म सं हालय क शु आत 1814 ई. म इिडया यूिजयम, कलक ा क थापना
क साथ ई। िबहार म सं हालय का बीजारोपण 1855 ई. म गया क िड ट स ल प लक लाइ ेरी क
थापना क साथ आ, िजसका उ े य सां कितक धरोहर क संर ण का था। िबहार क मुख सं हालय िन न ह
—
पटना सं हालय
पटना सं हालय क िविधव थापना 1917 ई. म पटना उ यायालय क उ र भाग म क गई। बाबू शरदचं
राय इसक थम सं हालया य िनयु ए। यहाँ पर पुराकाल से आधुिनक काल तक क अवशेष एवं
कलाकितयाँ संगृहीत ह। तर, मृि का, धातु ितमा क साथ ागैितहािसक सामि याँ और मृ ांड, ाचीन
काल से लेकर आधुिनकतम िस , िच कला तथा अ य कला मक सामि य का अकत भंडार यहाँ पर ह।
चं धारी सं हालय
मधुबनी क एक जम दार ी चं धारी िसंह क य गत ब मू य पुरावशेष क सं ह को लेकर िबहार सरकार ने
दरभंगा म 1957 ई. म एक सं हालय क थापना क , िजसका नाम चं धारी सं हालय रखा गया। इस सं हालय
म लगभग 6 हजार पुरावशेष एवं कला सामि याँ ह, िजनम मृ मूित, िस , पिटग क साथ-साथ धातु, का ,
िम ी, हाथीदाँत क व तुएँ, िविभ कार क मनक, पांडिलिपयाँ, ाचीन श ा , फन चर, ब मू य प थर,
सुवण साम ी, आभूषण, व , वा आिद मुख ह।
गया सं हालय
गया सं हालय क थापना गया िनवासी ी बलदेव साद क य गत सं ह को लेकर 1952 ई. म क गई,
िजसका अिध हण 14 फरवरी, 1970 ई. म पुरात व एवं सं हालय िनदेशालय, िबहार ारा िकया गया। इस
सं हालय म लगभग 500 पुरावशेष एवं कला सामि य का मह वपूण सं ह ह। पालकालीन पुरावशेष अ तीय
ह। पालकालीन तर एवं कां य मूितयाँ तथा अ य कला सामि य क सं ह क कारण गया सं हालय लोकि य
ह।
नारद सं हालय, नवादा
1974 ई. म नवादा क िजलाधीश ी एन.पी. िसंह क स यास से नारद सं हालय क थापना ई। उसी वष
15 अग त को पुरात व एवं सं हालय िनदेशालय, िबहार क ारा इसका अिध हण कर िलया गया। यहाँ पर
पालकालीन तर िश प एवं 18-19व सदी क पांडिलिपयाँ संगृहीत ह।
बाबू कवर िसंह सं हालय, जगदीशपुर
1972 ई. म िबहार सरकार ारा बाबू कवर िसंह क मृित म उ ह क घर म एक सं हालय क थापना क
गई। यहाँ पर कछ िच , द तावेज तथा ला टर से िनिमत मूित संगृहीत ह। ितवष 23 अ ैल को इस सं हालय म
िवजयो सव राजक य समारोह क प म मनाया जाता ह।
भागलपुर सं हालय
1976 ई. म िबहार सरकार ने भागलपुर े क सां कितक संपदा को देखते ए भागलपुर म एक ब ेशीय
सं हालय क थापना क । इस सं हालय म तर िश प, मृ मूितय का सं ह ह।
महाराज ल मी र िसंह सं हालय, दरभंगा
दरभंगा राजदरबार ने िबहार सरकार को लगभग 1600 कला व तु का उपहार देकर महाराजा ल मी र िसंह
क नाम पर सं हालय खोलने का अनुरोध िकया। मई, 1989 म िबहार सरकार ारा इस सं हालय क थापना क
गई। यहाँ पर छोटी-बड़ी साम ी क अित र हाथीदाँत क दुलभ साम ी स मिलत ह।
रामचं शाही सं हालय, मुज फरपुर
मुज फरपुर क ी िवजय कमार शाही क लगभग 16000 पुरावशेष एवं कला साम ी का सं ह कर रा य
सरकार ने 1979 ई. म इनक िपता क नाम पर रामचं शाही सं हालय क थापना क । यहाँ पर कई तरह दुलभ
कला साम ी का सं ह ह।
बेगूसराय सं हालय
1981 ई. म जी.डी. कॉलेज क धानाचाय डॉ. ए. कमार एवं डॉ. पीयूष गु ा क यास से बेगूसराय म एक
सं हालय क थापना क गई। पालकालीन िश प क सं ह क िलए इस सं हालय को जाना जाता ह।
िमिथला लिलत सं हालय, सौराठ (मधुबनी)
िव िव यात मधुबनी िच एवं पांडिलिपय का सं ह करते ए 1981 ई. म इस सं हालय क थापना क
गई। इस सं हालय क थापना का उ े य िमिथला िच कला एवं िमिथला सं कित को िव िव यात करना ह।
इसक अलावा िबहार म छपरा सं हालय, दीप नारायण िसंह सं हालय, वैशाली, गांधी मृित सं हालय,
िभितहरवा, जननायक कपूरी ठाकर सं हालय भी मुख ह। रा य सरकार क ारा थािपत सं हालय क
अित र िबहार म क सरकार क सं हालय भी थत ह। 1917 ई. म आिकयोलॉिजकल यूिजयम, नालंदा क
थापना उ खनन से ा साम ी क संर ण को रखकर क गई। वष 1956 ई. म बोधगया आिकयोलॉिजकल
यूिजयम का िनमाण आ। इन सरकारी सं हालय क अलावा कछ गैर-सरकारी सं हालय िबहार म ह, िज ह
रा य सरकार ारा संर ण ा ह। इनम गांधी सं हालय, पटना, राज मृित सं हालय, सदाकत आ म, पटना,
वामी सहजानंद सर वती सं हालय, जहानाबाद, नागाजुन सं हालय, जहानाबाद मुख ह। िनजी सं हालय म
पटना िसटी का िकला हाउस, पटना का फोक आट यूिजयम, आरा क जैन िस ांत भवन क आट गैलरी आिद
मुख ह।
वा य
वा य मानव िवकास का मुख घटक ह। अतः यह सरकार क ाथिमकता का े ह। आधारभूत वा य
सेवा क िलए इसका ामीण तर पर िवक ीकरण, अ छ वा य संबंधी आधारभूत सुिवधा, औषिध एवं उपकरण,
कशल एवं िशि त िचिक साकम , देखरख एवं रखरखाव पर यान देने क ज रत ह। वा य सेवा क अंतगत
िचिक सा-संबंधी ज रत क साथ-साथ व छ पेयजल, पोषणयु भोजन भी गुणव ापूण जीवन क िलए
आव यक ह। वा य सेवा णाली को दो बड़ वग म बाँटते ह—रोधा मक एवं उपचारा मक। रोधा मक सेवा म
व छ वातावरण, पोषक भोजन, व छता, शौचालय सुिवधा तथा शु पेयजल को शािमल करते ह, जबिक
उपचारा मक सेवा म सभी कार क िचिक सा संबंधी सुिवधा को शािमल करते ह।
िबहार म वा य सुिवधा क े म हाल क वष म अ छी गित ई ह। जीवन याशा म, िवशेषकर
मिहला क जीवन याशा म, सुधार आया ह। नीचे क तािलका म 2006-10 ई. क बीच म एवं 2010-2014
क बीच म जीवन याशा म ई वृ को िबहार एवं भारत क थित को तुलना मक प से दिशत िकया जा
रहा ह।
िबहार एवं भारत क जीवन याशा
ओपीवी, डीपीटी, पटा तथा िमज स आिद को शािमल िकया गया ह। 2016-17 म िमज स क टीकाकरण म िबहार
ने 96 ितशत ल य को ा िकया ह।
2015-16 म रा य म सवािधक रोिगय क सं या साँस से संबंिधत बीमा रय (13.5 लाख), अ ात ोत का
बुखार (10.3 लाख), डाय रया (5.1 लाख), पेिचश (2.8 लाख), आँत का बुखार (2.6 लाख) थी। रा य सरकार
क ारा मु यमं ी कालाजार रलीफ फड क तहत येक रोगी को 6600 पए वा य सुधार हतु िदए जाने का
ावधान ह। 2015-16 म कालाजार रोिगय क सं या म 29 ितशत क कमी देखी गई ह। रा ीय डी-वािमग
ोगाम क तहत 3 करोड़ 46 लाख 1-19 वष क ब को अ मडाजोल टबलेट दान िकया गया। रा ीय शहरी
वा य िमशन क तहत 73 शहरी (PHC) शु िकया गया ह। िबल ऐंड िमिलंडा गे स फाउडशन एवं रा य क
सरकार क बीच 5 वष (2017-21) क िलए रा य म वा य, पोषण, व छता, आई.सी.डी.एस., किष एवं
ामीण िवकास क े म इकरारनामा िकया गया ह। तपोव न ाकितक िचिक सा क , भागलपुर को नेचुरोपैथी
क क प म िवकिसत िकया गया ह। सरकार क सात िन य क अंतगत अवसर बढ़, आगे पढ़ को यान म
रखकर जनरल निसग ऐंड िमडवाइफरी (GNM) सं थान रा य क 23 िजल म अगले पाँच वष म शु करने का
ल य ह। पी.पी.पी. मोड पर लोबल ह थ ाइवेट िलिमटड (मेदांता, गुड़गाँव) क ारा जय भा अ पताल, पटना
क प रसर म जय भा मेदांता सुपर पेशिलटी हॉ पटल क थापना क गई ह।
एक कत बाल िवकास योजना (Integrated Child Development
Scheme)
रा य म इस योजना क शु आत 2 अ ूबर, 1972 को 3 खंड से क गई। 2011 क जनगणना क अनुसार
0-6 वष क ब क सं या 1.91 करोड़, रा य क कल जनसं या का 18.3 ितशत ह। इस सेवा म पोषण,
टीकाकरण, वा य जाँच, रफरल सेवा, 3-6 वष क उ समूह क ब क ी- कली िश ा एवं वा य िश ा
पर बल िदया जाता ह। वतमान म िबहार क 38 िजल म कल 544 (ICDS) काय म चल रह ह। इन 544 क
क अंतगत रा य म कल 91.6 हजार आँगनबाड़ी क काम कर रह ह।
ितशत मिहलाएँ कम शारी रक भार सूचकांक (BMI) तथा 60.3 ितशत एनीिमया से त ह। गभवती और
तनपान करानेवाली मिहला क िलए इिदरा गांधी मातृ व सहयोग योजना अ ूबर, 2010 म पूणतया क
ायोिजत योजना क प म शु क गई। वतमान म यह योजना िबहार क दो िजल —सहरसा एवं वैशाली म चल
रही ह। इस योजना क अंतगत लाभुक को 6000 पए ित दो िक त म बक खाता क मा यम से उपल ध कराया
जाता ह।
पीने क पानी क आपूित एवं व छता
िबहार म वा य क खराब थित का मु य कारण ह बुिनयादी सुिवधा जैसे पीने क पानी क व छता क
कमी। 2011 क जनगणना क अनुसार रा य म कवल 4.4 ितशत घर म नल कने शन का उपयोग िकया जाता
ह तथा 89.6 ितशत प रवार हडपंप/ यूबवेल/बोरवेल पानी पर िनभर करते ह। रा य म कल 76.9 ितशत
प रवार, शहरी े म 31.1 ितशत तथा ामीण े म 82.4 ितशत प रवार क पास घर म शौचालय का
अभाव ह। भारत सरकार क ारा 2 अ ूबर, 2014 को इस सम या से िनजात हतु व छ भारत िमशन ( ामीण)
एवं व छ भारत िमशन (शहरी) योजना शु क गई ह, िजसक अनुसार वष 2019 तक सभी घर म शौचालय
िनमाण का ल य रखा गया ह। िबहार सरकार क ारा अपने सात िन य म हर घर, नल का जल तथा शौचालय
िनमाण, घर का स मान, दो मुख ल य िनधा रत िकए गए ह। रा य सरकार क ारा व छ पानी हतु चार
योजनाएँ ह, िजनम से तीन ामीण े क िलए तथा एक शहरी े म शु क गई ह। व छता काय म क
तहत ामीण े म लोिहया व छ िबहार अिभयान तथा शहरी े म शौचालय िनमाण योजना क शु आत क
गई। क सरकार क ारा शु क गई रा ीय ामीण पेयजल आपूित काय म (NRDWP) क तहत 2022 ई.
तक देश क सभी घर म 70 लीटर जल ित प रवार ितिदन उपल ध कराने क योजना ह।
खेल-कद
1961 ई. म िबहार म खेल-कद क िवकास क िलए िबहार रा य खेल प रष का गठन िकया गया। बाद म
भारतीय खेल ािधकरण क तज पर िबहार रा य खेल ािधकरण का गठन 31 जुलाई, 1986 को िकया गया।
रा य म ि कट, कब ी, फटबॉल, लांग टिनस, हॉक यादातर खेला जाता ह। ि कट रणजी ॉफ क साथ
िबहार म लोकि य ई। िबहार म फटबॉल क शु आत 1897 ई. म इ लश शी ड से ई। यह शी ड पटना
एथलेिटक एसोिसएशन से संबंध रखती ह। इसक अलावा िचका, सुई-धागा दौड़, आइस-पाइस, गु ी-डडा,
लँगड़ी, डगा-पानी, बोरा-दौड़ा आिद यहाँ क े ीय खेल ह।
खेल टिडयम
.सं. : 1
खेल टिडयम : राज टिडयम
थान : छपरा
.सं. : 2
खेल टिडयम : सिचवालय इडोर टिडयम
थान : पटना
.सं. : 3
खेल टिडयम : संजय गांधी िमनी टिडयम
थान : पटना
.सं. : 4
खेल टिडयम : हाजीपुर टिडयम
थान : हाजीपुर
.सं. : 5
खेल टिडयम : खुदीराम बोस टिडयम
थान : मुज फरपुर
.सं. : 6
खेल टिडयम : सु यम टिडयम
थान : गया
.सं. : 7
खेल टिडयम : वीर कवर िसंह पुिलस टिडयम
थान : आरा
.सं. : 8
खेल टिडयम : मोइनुल हक टिडयम
थान : पटना
.सं. : 9
खेल टिडयम : जगजीवन राम टिडयम
थान : खगौल
.सं. : 10
खेल टिडयम : इिदरा गांधी टिडयम
थान : पूिणया
.सं. : 11
खेल टिडयम : िमिथलेश टिडयम
थान : पटना
.सं. : 12
खेल टिडयम : रलवे टिडयम
थान : हाजीपुर
.सं. : 13
खेल टिडयम : डाक-तार मनोरजन एवं इडोर टिडयम
थान : पटना
खेल ॉफ
.सं. : 1
खेल : हॉक
संबंिधत ॉफ : कज स कप, जयपाल िसंह कप
.सं. : 2
खेल : फटबॉल
संबंिधत ॉफ : मोईनुल हक ॉफ , गवनर गो ड कप, रिव नेहा ॉफ , अनु ह नारायण शी ड, रिव मेहता ॉफ ,
रप लक शी ड, ेिसडट कप
.सं. : 3
खेल : ि कट
संबंिधत ॉफ : हमंत ॉफ , रधीर वमा शी ड
मुख िखलाड़ी
.सं. : 1
खेल : ि कट
संबंिधत िखलाड़ी : सबा करीम, क ित आजाद, ितलक राज, सु त बनज , रमेश स सेना, शेखर िस हा, ह र
िकडवानी, कशव साद, अिवनाश, राकश शु ा, दलजीत िसंह, बलदेव गोसाई, रधीर िसंह
.सं. : 2
खेल : फटबॉल
संबंिधत िखलाड़ी : बदरी साद, पी.क. बनज , िवधानचं िम , अवधेश कमार िस हा, सुबोध काजीवाल,
श ु न राय, िवजय कमार, चं शेखर आजाद, मेवालाल, याम सुंदर, रिव रजन, ललन दुबे, रामे र लाल, अ दुल
समद, अ दुल लतीफ, चंदेशर साद
.सं. : 3
खेल : हॉक
संबंिधत िखलाड़ी : एल.क. िमंज, जे स करकटा, हलेन सोया, यासमनी सांगा, गोपाल मगरा, जयपाल िसंह, रािश
दुलारी, अमला गुिड़या, अमृत लकड़ा, पु पा टोपनो, सुवार सांगा, अनमोल काइड, एस. डगडग, सुशीला टोपनो,
ि यंका कमारी, िव ासी
.सं. : 4
खेल : िनशानेबाजी
संबंिधत िखलाड़ी : जगरनाथ िम , जगरनाथ िसंह, क.क. झा, णव िस हा, शेखर भगत, एस.क. राय चौधरी
.सं. : 5
खेल : शतरज
संबंिधत िखलाड़ी : अंजना झा, योग साद ीवा तव, बी.क. ीवा तव, बा गीज कोसी, िवशाल शरीण,
प पुरमाणी, िद यदु ब आ, संजीव कमार, दोलन चंपा बोस
.सं. : 6
खेल : टिनस
संबंिधत िखलाड़ी : िदनेश मोहन, चं भूषण, बीमुड, नीशेसेन, सुर कमार, खोसू, सेन, शै य कमार उपा याय
.सं. : 7
खेल : बैडिमंटन
संबंिधत िखलाड़ी : अली अकबर, सरोिजनी, कावेरी घोष, िचतरजन िस हा, बागु चटज , राज कमार िम , मोहन
आ जा
.सं. : 8
खेल : बेस बॉल
संबंिधत िखलाड़ी : सुनील िसंह, अजय ितवारी, सुधांशु शेखर, मतापाल, एहसान अहमद
.सं. : 9
खेल : ताइ ांडो
संबंिधत िखलाड़ी : स यजीत शा , शािलनी ीवा तव
.सं. : 10
खेल : िबिलय स
संबंिधत िखलाड़ी : कमार आधानंद िस हा, कमार तारानंद िस हा, कमार यामानंद िस हा
.सं. : 11
खेल : करम
संबंिधत िखलाड़ी : र म कमारी, रजन काश
.सं. : 12
खेल : कराट
संबंिधत िखलाड़ी : नंदी साद, िपंक ीवा तव
.सं. : 13
खेल : एथलेिट स
संबंिधत िखलाड़ी : सरोज लकड़ा, जगराज िसंह, सिम ा सवैया, िशवनाथ िसंह,जमील अंसारी, पु पा ए ा,
अरिवंद प ा, ओमपाल िसंह, अजमेर िसंह, इकबाल िसंह, बलिवं िसंह, बहादुर िसंह, मस क न, अिमताभ
राय, िशवनाथ िसंह
.सं. : 14
खेल : सॉ टबॉल
संबंिधत िखलाड़ी : ाची शमा
.सं. : 15
खेल : तीरदाजी
ािधकरण क ल य
1. क सरकार एवं रा य सरकार क नीित क आलोक म रा य म खेल क िवकास, सार एवं चार क िलए
योजनाएँ तैयार करना और उनका काया वयन करना।
2. समय-समय पर भारत सरकार, रा य सरकार, भारतीय खेल ािधकरण तथा अ य िनकाय ारा खेल-कद क
तरो यन एवं खेल क सार, चार तथा िवकास क िनिम स पी गई योजना को जारी रखना और उनका
काया वयन करना।
3. नई सं था क थापना करना तथा नई एवं पूव से चल रही सं था को चलाना, बंध करना और संचालन
करना।
4. रा य म खेल-कद क िवकास संबंधी मामल म रा य सरकार को परामश देना।
5. रा य सरकार तथा रा य तरीय िविभ खेल सं था क बीच मा यम क प म काय करना।
6. खेल ितयोिगता, िश ण िशिवर , दशनी मैच तथा अ य खेल गितिविधय का आयोजन, ायोजन तथा
यव था वयं करना तथा ऐसे काय क िलए अ य सं था को सुिवधाएँ एवं आिथक सहायता उपल ध कराना।
7. रा य क ामीण े म खेल गितिविधय क चार- सार क िलए यव था करना, आिथक सहायता देना तथा
ितयोिगता का आयोजन करना।
8. िविभ खेल म उ तर क ा क िलए िश ण, िश ण एवं सुिवधा क यव था करना।
9. रा य म खेल अव थापना (Sports Infrastructure), खेल सुिवधा , सहायक भवन , खेल मैदान , टिडयम,
वीिमंग पूल आिद क िलए योजना बनाना, उनका िवकास करना, िनमाण करना, अिध हण करना, बंध करना,
रखरखाव करना तथा उनका योग करना एवं अ य सरकारी तथा गैर-सरकारी सं था ारा अनु प उ े य
क ा क िलए सुिवधाएँ एवं आिथक सहायता उपल ध करना।
10. मोइनुल हक टिडयम, राज नगर, पटना का िनयं ण, िवकास एवं देखरख करना।
11. रा य सरकार ारा खेल-कद क सार एवं खेल-कद क उ यन क िलए चलाई जा रही या तािवत
योजना क शासन का भार स पे जाने पर उनका काया वयन करना।
12. खेल क िवकास क िलए रा य म सुिवधाजनक थान म खेल क क थापना करना।
13. अंतरा ीय/रा ीय तथा रा य तरीय टनामट क आयोजन तथा संचालन क िलए आयोजक को तकनीक तथा
अ य सहायता देना एवं खेल उप कर, खेल सुिवधाएँ तथा िवशेष ारा मागदशन उपल ध कराना।
14. िखलािड़य , खेल पदािधका रय और ऐसे ही अ य य य क क याण क िलए कदम उठाना और सि य
अथवा सेवािनवृ िखलािड़य तथा अिधका रय (िजसम िश क भी शािमल ह) क िलए िहतकारी योजना बनाना
और उनका काया वयन कराना।
15. खेल-कद म िविश ितभा का दशन करनेवाले िखलािड़य को स मािनत करना, आिथक सहायता तथा
अ य सुिवधाएँ उपल ध कराना।
16. खेल और इससे संबंिधत िवषय पर संगो ी/स मेलन इ यािद आयोिजत करना।
17. चल और अचल प रसंपि य क खरीद अथवा वािम व ा करना अथवा प पर या िकराए पर लेना और
ऐसी िकसी भी चल-अचल प रसंपि को बेचना, िगरवी रखना, ह तांतरण करना अथवा अ य िनपटारा करना, परतु
ऐसी अचल प रसंपि य क बार म येक कारवाई करने क पूव रा य सरकार क अनुमित ा करना आव यक
होगा।
18. ऐसी सभी कारवाई और काय करना, िजसे ािधकरण उपयु ल य अथवा इनम से िकसी एक क ा
तथा िव तार क िलए आव यक समझे।
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संरचना
िबहार म संरचना मक ि कोण से ी-कि यन क प से लेकर चतुथ क प तक क च ान पाई जाती ह। ी-
कि यन क प क च ान धारवाड़ संरचना और िवं यन संरचना क प म िबहार क दि णी पठारी भाग म पाई
जाती ह। दि णी पठारी भाग क ाचीनतम च ान बृहद पिजया महा ीप क दि णी भाग ग डवाना लड का अंग
ह। उ री पवतीय देश का िनमाण पवत िनमाणकारी अंितम भू-संचलन अ पाइन म आ ह। भौगिभक ि कोण
से यह समय म यजीव क प (मेसोजोइक) का काल ह। म यवत गंगा का मैदान चतुथ महाक प ( ली टोसीन) म
िनिमत आ ह। इसका िनमाण आज भी जारी ह तथा रा य क सवािधक े फल पर इसी नवीन संरचना का
िव तार ह। इस कार िबहार क उ ावच पर संरचना का यापक भाव ि गोचर होता ह।
भूगभ य संरचना क आधार पर िबहार म चार कार क च ान पाई जाती ह—
1. धारवाड़ च ान,
2. िवं यन च ान,
3. टिशयरी च ान,
4. ाटरनरी च ान।
धारवाड़ च ान
ी-कि यन युगीन धारवाड़ च ान िबहार क दि ण-पूव भाग म मुंगेर िजला क खड़गपुर पहाड़ी, जमुई,
िबहारशरीफ, नवादा, राजगीर, बोधगया आिद े म पाई जाती ह। इन े म पाई जानेवाली पहािड़याँ छोटानागपुर
पठार का ही अंग ह। िहमालय पवत क िनमाण क समय मेसोजोइक काल म इस पर दबाव श का भाव पड़ा,
िजससे कई धँसान (भंरश) घािटय का िनमाण आ। कालांतर म जलोढ़ क िन ेपण से ये पहािड़याँ मु य पठार से
अलग हो गई। धारवाड़ च ानी म म लेट, ाटजाइट और िफलाइट आिद च ान पाई जाती ह। ये मूलतः
आ नेय कार क च ान ह, जो लंबे समय से अ यिधक दाब एवं ताप क भाव क कारण पांत रत हो गई ह।
इन च ान म अ क का िन ेप पाया जाता ह।
ी-कि यन युगीन धारवाड़ च ान िबहार क दि ण-पूव भाग म मुंगेर िजला क खड़गपुर पहाड़ी,
जमुई, िबहारशरीफ, नवादा, राजगीर, बोधगया आिद े म पाई जाती ह।
िवं यन च ान
िवं यन च ान का िनमाण ी-कि यन युग म आ ह। यह च ान िबहार क दि ण-प मी भाग म पाई जाती
ह। इसका िव तार सोन नदी क उ र म रोहतास और कमूर िजले म ह। सोन घाटी म इन च ान क ऊपर जलोढ़
का िन ेप पाया जाता ह। इसम कमूर म और िसमरी म क च ान पाई जाती ह। इन च ान म पायराइट
खिनज पाया जाता ह, िजससे गंधक िनकलता ह। जीवा मयु इन च ान म चूना-प थर, डोलोमाइट, बलुआ-
प थर और ाटजाइट च ान पाई जाती ह। ये च ान लगभग ैितज अव था म ह। च ान म जीवा म क
अिधकता यह मािणत करती ह िक यह अतीत म समु ी िन ेप का े रहा ह। औरगाबाद िजले क नवीनगर े
म ालामुखी संरचना क भी माण पाए जाते ह।
इस मैदान म जलोढ़ क गहराई 100 मीटर से 900 मीटर तथा अिधकतम गहराई 6000 मीटर तक ह।
सवािधक गहर जलोढ़ का िन ेप पटना क आसपास पाया जाता ह।
टिशयरी च ान
टिशयरी च ान िहमालय क दि णी ेणी िशवािलक ेणी म पाई जाती ह। इसक िनमाण का संबंध मेसोजोइक
क प क मायोसीन और लायोसीन भूगिभक काल से ह, जो िहमालय पवत क िनमाण क तीय और तृतीय
उ थान से संबंिधत ह। इस ेणी म बालू प थर तथा बो डर े च ान पाई जाती ह। िनचले भाग म कांगलोमरट
च ान क धानता ह। टिथस सागर क अवसाद से िनिमत होने क कारण इसम पे ोिलयम एवं ाकितक गैस
संिचत ह।
ाटरनरी च ान
ाटरनरी च ान गंगा क मैदानी े म परतदार च ान क प म पाई जाती ह, िजसका िनमाण काय आज भी
जारी ह। गंगा का मैदान टिथस सागर का अवशेष ह, िजसका िनमाण गंगा और उसक सहायक निदय ारा
तथा िजसका शीष भाग िबहार को नेपाल से अलग करता ह। ि वेणी नहर से िभखना ठोरी दरा तक फली इस ेणी
क लंबाई 70 िकलोमीटर ह। निदय क ती बहाव क कारण इस ेणी म अनेक दर का िनमाण आ ह, िजसम
सोमे र दरा, िभखना ठोरी दरा, मरवात दरा आिद मुख ह। ये दर िबहार और नेपाल क बीच यातायात का माग
दान करते ह। सोमे र ेणी म ही िबहार क सव चोटी सोमे र िकला थत ह, िजसक ऊचाई 880 मीटर
ह।
तराई देश
तराई देश गंगा मैदान क उ री भाग म एवं िशवािलक ेणी क समानांतर दि णी भाग म पाया जाता ह। तराई
देश रा य क उ र-प म तथा उ र-पूव सीमा पर पाया जाता ह। इस देश म अिधक वषा (150 सटीमीटर से
200 सटीमीटर तक) होने क कारण घने वन एवं दलदली े का िवकास आ ह। उ री-पूव तराई देश पूिणया,
अर रया और िकशनगंज िजले म फला आ ह। यह िबहार का सवािधक वषा हण करनेवाला े ह।
2. गंगा का मैदान
गंगा क मैदान का े फल 90650 वग िकलोमीटर ह, जो िबहार क कल े फल का 96.27 ितशत ह। यह
मैदान उ र म िशवािलक ेणी से लेकर दि ण म छोटानागपुर पठार तक फला आ ह। भौगिभक ि से यह
मैदान अ गभीर (Foredeep) ह। इस मैदान क औसत ऊचाई समु तल से 75 से 120 मीटर तक ह। मैदान का
िनधारण 150 मीटर क समो रखा ारा होता ह। समो रखा (Contour line) वह रखा ह, जो समु तल से
समान ऊचाईवाले थान को िमलाकर ख ची जाती ह। इस मैदान का ढाल प म से पूरब क ओर ह। यह ढाल
अ यंत मंद (5-6 सटीमीटर ित िकलोमीटर) ह। यह मैदान प म म अिधक चौड़ा ह, जबिक पूरब क ओर
इसक चौड़ाई कम होती जाती ह।
ये दर िबहार और नेपाल क बीच यातायात का माग दान करते ह। सोमे र ेणी म ही िबहार क
सव चोटी सोमे र िकला थत ह, िजसक ऊचाई 880 मीटर ह।
िबहार का मैदान गंगा नदी ारा दो भाग म िवभािजत ह—
(i) उ री गंगा का मैदान,
(ii) दि णी गंगा का मैदान।
उ री गंगा का मैदान
उ री गंगा क मैदान का े फल 56,980 वग िकलोमीटर ह। इस मैदान का िनमाण गंगा और उसक उ री
सहायक निदय —घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा आिद क ारा जमा िकए गए अवसाद से आ ह।
इस मैदान का ढाल उ र-प म से दि ण-पूरब क ओर ह। यह मैदान निदय ारा कई दोआब े म बँटा
आ ह। दो निदय क बीच थत भू-भाग को दोआब े कहा जाता ह। इसम घाघरा-गंडक दोआब, कोसी-गंडक
दोआब, कोसी-महानंदा दोआब मुख ह। उ री गंगा क मैदान का िव तार प मी चंपारण, पूव चंपारण, सीवान,
गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण, मुज फरपुर, दरभंगा, पूिणया, सहरसा और भागलपुर िजले म ह। इस मैदान
म निदय ारा प र य एवं िवसपाकार गोखुर झील एवं चौर का िनमाण आ ह। िनमाण ि या क कारण उ री
गंगा मैदान म े ीय िभ ताएँ पाई जाती ह। इस े ीय िभ ता क आधार पर उ री गंगा क मैदान को कई उप-
िवभाग म बाँटा गया ह—
दो निदय क बीच थत भू-भाग को दोआब े कहा जाता ह। इसम घाघरा-गंडक दोआब, कोसी-
गंडक दोआब, कोसी-महानंदा दोआब मुख ह।
(i) उप-तराई े (भाबर े ),
(ii) बाँगर,
(iii) खादर,
(iv) चौर (मन)।
उप-तराई े (भाबर े )
उप-तराई या भाबर े तराई देश क दि ण म प म से पूरब क ओर फला आ ह। यह उ री िबहार क 7
िजल प मी चंपारण, पूव चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अर रया और िकशनगंज म 10 िकलोमीटर चौड़ी
संक ण प ी क प म फला आ ह। इसम ककड़-बालू का िन ेप पाया जाता ह।
बाँगर
बाँगर े पुराना जलोढ़ िन ेप का े ह, जहाँ बाढ़ का पानी ितवष नह प च पाता ह। यह े भाबर े
क दि ण म फला आ ह। इसका िव तार मु यतः िबहार क उ री-प मी मैदानी भाग म पाया जाता ह।
खादर
खादर े नवीन जलोढ़ का िन ेप े ह, जहाँ ितवष बाढ़ का पानी फल जाता ह। ितवष बाढ़ आने से नई
िम ी का िन ेप होता रहता ह, िजससे िम ी क उवरता कायम रहती ह। खादर े का िव तार उ री एवं उ री-
पूव मैदान म प म म गंडक नदी से लेकर पूरब म कोसी नदी तक ह।
चौर (मन)
उ री गंगा क मैदान म ाकितक प से जलम न िन न भू-भाग पाया जाता ह, िजसे चौर या मन कहा जाता ह।
चौर का मुख उदाहरण प मी चंपारण का लखनी चौर, पूव चंपारण का बहादुरपुर एवं सुंदरपुर चौर आिद ह।
चौर अथवा मन मूलतः गोखुर झील ह, िजसका िनमाण निदय क माग प रवतन होने से आ ह। ये मीठ एवं
गहर जल क मुख ोत ह। मुख मन क उदाहरण पूव चंपारण का टट रया मन, माधोपुर मन, प मी चंपारण
का िपपरा मन, िसमरी मन, सरया मन आिद ह।
दि णी गंगा का मैदान
दि णी गंगा क मैदान का िव तार दि ण क सीमांत पठारी देश और गंगा नदी क म य ह। इस मैदान का कल
े फल 33,670 वग िकलोमीटर ह। मैदान का ढाल दि ण से उ र क ओर ह। इस मैदान का िनमाण पठारी
देश से होकर बहनेवाली निदय क िन ेप से आ ह। दि णी मैदान क चौड़ाई प म से पूरब क ओर घटती
जाती ह। पूव भाग म चौड़ाई कम होने का कारण गंगा नदी ारा ाकितक कगार (बाँध) का िनमाण िकया जाना
ह। पटना महानगर ाकितक कगार पर बसा आ नगर ह। ाकितक कगार (बाँध) क ऊचाई आसपास क भू-भाग
से अिधक होने क कारण दि णी िबहार क अिधकांश निदयाँ गंगा नदी म सीधे न िमलकर उसक समानांतर
वािहत होती ह। इस कार क वाह णाली ‘पीनेट वाह णाली’ कहलाती ह। इन निदय म पुनपुन, िकऊल,
फ गु आिद ह। फ गु नदी गंगा म िमलने से पहले ही टाल े म समा हो जाती ह। ये निदयाँ पठारी े से
संरचना एवं उ ावच क िभ ता क आधार पर िबहार को तीन मुख भौितक िवभाग िशवािलक पवतीय देश,
गंगा का मैदान एवं छोटानागपुर सीमांत पठारी देश म िवभ िकया गया ह। ाकितक िविवधता, उ ावच म
असमानता, भूिम क िवषमता, िम ी एवं वन पित क िविवधता िबहार क िव तृत े ीय अ ययन का आधार ह।
िकसी िव तृत े क संपूण जानकारी को सम पता क आधार पर ा कर भौगोिलक देश का िनधारण िकया
जाता ह। इस िदशा म अनेक िव ान ने िबहार को अनेक भौगोिलक देश म बाँटने का यास िकया ह।
भौगोिलक देश वह देश होता ह, जहाँ जलवायु, िम ी, वन पित, भूिम उपयोग ित प, श य ा प, अिधवास
क कार आिद भौितक एवं सामािजक-सां कितक त व म एक पता पाई जाती ह। ाकितक एवं सामािजक-
सां कितक त व क समानता क आधार पर ो. इनायत अहमद एवं ो. राम वेश िसंह ने िबहार को 10
भौगोिलक देश म बाँटा ह—
कमूर पठार क सतह अपरिदत एवं ऊबड़-खाबड़ ह। इस पठारी े क औसत ऊचाई 300-450 मीटर
क बीच ह। इस पठार का सबसे ऊचा भाग रोहतासगढ़ ह, िजसक ऊचाई 495 मीटर ह।
1. तराई देश,
2. घाघरा-गंडक दोआब,
3. गंडक-कोसी दोआब,
4. कोसी-महानंदा दोआब,
5. कमनाशा-सोन दोआब,
6. सोन-िकऊल दोआब,
7. पूरब-म य िबहार का मैदान,
8. गंगा िदयारा े ,
9. कमूर पठार,
10. अ क देश।
तराई देश
यह देश गंगा क उ री मैदान म उ री-प मी एवं उ री-पूव भाग म थत ह। उ र-प म म िशवािलक
क सोमे र ेणी और रामनगर दून क पहािड़य पर 140 सटीमीटर से अिधक वािषक वषा क कारण भूिम किष
यो य नह ह। परपरागत तरीक क साथ-साथ नई तकनीक क ारा किष क जाती ह। उ री-पूव तराई देश
पूिणया, अर रया और िकशनगंज म ह। यह देश िबहार म सबसे अिधक वषावाला े ह। यहाँ 200 सटीमीटर
तक वािषक वषा होती ह। किष क िलए यहाँ अ छी भूिम ह, िजसम धान, जूट एवं ग े क अ छी पैदावार होती
ह। अिधक वषा क कारण यह देश दलदली एवं घने जंगल का े ह। इस देश म ऊबड़-खाबड़ भूिम क
कारण क ण ब तयाँ अिधक पाई जाती ह।
उ री-पूव तराई देश पूिणया, अर रया और िकशनगंज म ह। यह देश िबहार म सबसे अिधक
वषावाला े ह। यहाँ 200 सटीमीटर तक वािषक वषा होती ह।
घाघरा-गंडक दोआब
यह देश 120 सटीमीटर वािषक वषावाला मैदानी े ह। सारण, सीवान और गोपालगंज िजले म िव तृत यह
देश चौरस जलोढ़ मैदान ह। यहाँ धान, म ा, गे , ग ा, ितलहन और दलहन आिद फसल का उ पादन होता
ह। किष क ि से समृ इस देश म किष से जुड़ उ ोग भी ह। ग े का उ पादन अिधक होने से इस देश म
चीनी उ ोग का अिधक िवकास आ ह। चीनी उ ोग का मुख क गोपालगंज, छपरा, सीवान, मीरगंज, महरौरा
आिद ह।
गंडक-कोसी दोआब
इस देश म पूव चंपारण, प मी चंपारण, सीतामढ़ी, िशवहर, दरभंगा, मुज फरपुर, वैशाली, मधुबनी,
बेगूसराय आिद िजले ह। इस देश म उ ोग क अिधकता ह। चीनी उ ोग और फल सं करण उ ोग यहाँ क
मुख उ ोग ह। दरभंगा—आम, मुज फरपुर—लीची और हाजीपुर—कला क बागबानी क िलए िस ह। इस
देश क मु य फसल धान, म ा, ग ा, गे , जौ, दलहन, ितलहन आिद ह। ग ा, तंबाक और लाल िमच यहाँ
क मुख नगदी फसल ह। चीनी उ ोग क क चनपिटया, सुगौली, सम तीपुर, मोितहारी, बगहा आिद ह। बरौनी
इस देश का सबसे िस औ ोिगक नगर ह। यहाँ उवरक कारखाना, तेलशोधक कारखाना और ताप िव ुत क
थत ह। बरौनी एवं मुज फरपुर म दु ध उ ोग का िवकास आ ह।
कोसी-महानंदा दोआब
इस देश म पूिणया, अर रया, िकशनगंज, मधेपुरा, खगिड़या और सहरसा िजले आते ह। यह देश बाढ़ भािवत
े होने क कारण किष, उ ोग और प रवहन आिद क ि से िपछड़ा े ह। यहाँ अ यिधक वषा होती ह,
िजससे कोसी और उसक सहायक निदयाँ ितवष बाढ़ क िवभीिषका लाती ह। य िप यहाँ किष क जाती ह,
लेिकन बाढ़ क संभावना क कारण खेती का भिव य िन त नह होता। सरकार ने कोसी प रयोजना ारा बाढ़
क थित को िनयंि त कराने क यास िकए ह।
कमनाशा-सोन दोआब
इस देश म भोजपुर, रोहतास, कमूर और ब सर िजले आते ह। यह जलवायिवक ि से कम वषावाला े
ह, लेिकन सोन नदी पर बैराज बनाकर यव थत नहर णाली का िवकास िकया गया ह। इस देश म नहर ारा
िसंचाई क अ छी यव था ह। यहाँ अिधकांश ामीण जनसं या ह, जो किष पर आधा रत ह। धान यहाँ क मुख
फसल ह। अ य फसल म गे , दलहन, ितलहन तथा आलू मुख ह। इस देश म किष-आधा रत उ ोग क
अपार संभावनाएँ ह। इस देश म सवािधक िवकास चावल िमल का आ ह।
सोन-िकऊल दोआब
दि ण िबहार क मैदान म थत यह दोआब देश िन न वषा का े ह, जहाँ अ सर सूखे क थित उ प
होती ह। पटना, जहानाबाद, गया, नालंदा, औरगाबाद, अरवल, लखीसराय और नवादा िजले इस देश म आते ह।
अरवल और औरगाबाद म पूव सोन नहर णाली क ारा िसंचाई क यव था ह। धान, गे , चना, मसूर, खेसारी
आिद यहाँ क मुख फसल ह। इस देश म िबहारशरीफ और ओबरा म रशमी व उ ोग, गया क मानपुर म
हथकरघा उ ोग और गलीचा उ ोग का िवकास आ ह। औरगाबाद म सीमट उ ोग एवं खा तेल उ ोग थािपत
िकया गया ह।
पूरब-म य िबहार का मैदान
7. पुनपुन-सकरी,
गंगा नदी
गंगा नदी िबहार क म य भाग म प म से पूरब क ओर वािहत होती ह। भारत क सबसे लंबी नदी गंगा क
कल लंबाई 2500 िकलोमीटर ह, िजसम िबहार म 445 िकलोमीटर वािहत होती ह। इस नदी का िबहार म वाह
े 15165 वग िकलोमीटर ह। इसका उ म थल उ राखंड क कदारनाथ चोटी क उ र म थत गंगो री
िहमनद का गोमुख ह। यह नदी उ र देश से िबहार क ब सर िजला म चौसा क पास वेश करती ह। इस े म
गंगा, गंडक, सरयू (घाघरा) और कमनाशा नदी िबहार और उ र देश क सीमा रखा का िनधारण करती ह। इसम
उ र िदशा से (बाएँ तट पर) घाघरा, गंडक, बागमती, बलान, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा और कमला नदी
आकर िमलती ह, जबिक दि ण िदशा से (दाएँ तट पर) सोन, कमनाशा, पुनपुन, िकऊल आिद निदयाँ आकर
िमलती ह। मुख निदय म सव थम िबहार े म गंगा म सोन नदी दानापुर से 10 िकलोमीटर प म म मनेर क
पास आकर िमलती ह। गंगा नदी िबहार एवं झारखंड क साहबगंज िजले क साथ सीमा रखा बनाते ए बंगाल म
वेश करती ह। गंगा अपने या ा म म ब सर, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, सम तीपुर, बेगूसराय, खगिड़या,
मुंगेर, भागलपुर, किटहार आिद िजल म वािहत होती ह।
घाघरा (सरयू नदी)
मु य प से उ र देश म वािहत होनेवाली घाघरा नदी का उ म थल नेपाल म ना या ह। इसक लंबाई
िबहार म 83 िकलोमीटर ह। यह िबहार और उ र देश क सीमा का िनधारण करती ह। यह नदी सारण िजले म
छपरा क समीप गंगा म िमल जाती ह। इसे ऊपरी भाग म लखनदेई और करनाली क नाम से भी जाना जाता ह।
भारत क सबसे लंबी नदी गंगा क कल लंबाई 2500 िकलोमीटर ह, िजसम िबहार म 445 िकलोमीटर
वािहत होती ह। इस नदी का िबहार म वाह े 15165 वग िकलोमीटर ह।
गंडक
गंडक नदी सात धारा क िमलने से बनी ह। स गंडक , कालीगंडक, नारायणी, शािल ामी, सदानीरा आिद
कई नाम से जानी जानेवाली गंडक नदी क उ पि नेपाल क अ पूणा ेणी क मानंगमोट और कतांग (नेपाल एवं
ित बत क सीमा) क म य से ई ह। इसक िबहार म कल लंबाई 630 िकलोमीटर ह। गंडक नेपाल म अ पूणा
ेणी को काटकर गाज का िनमाण करती ह। यह नदी भैसालोटन (प मी चंपारण) क पास िबहार म वेश करती
ह। प मी चंपारण िजले क वा मीिक नगर म बैराज का िनमाण िकया गया ह। यह नदी सारण और मुज फरपुर
क सीमा िनधा रत करते ए सोनपुर और हाजीपुर क म य से गुजरती ई पटना क सामने गंगा म िमल जाती ह।
इसी संगम पर िव िस ह रहर े का मेला (सोनपुर पशु मेला) येक वष आयोिजत होता ह। इस नदी को
नेपाल म गंडक नारायणी या गंडक नाम से जाना जाता ह।
बूढ़ी गंडक
यह नदी गंडक क समानांतर उसक पूव भाग म वािहत होती ह। बूढ़ी गंडक नदी उ री िबहार क मैदान को 2
भाग म बाँटती ह। िहमालय से िनकलकर उ र िबहार म वािहत होनेवाली उ र िबहार क सबसे लंबी नदी ह।
इसक उ पि सोमे र ेणी क िवशंभरपुर क पास चउतरवा चौर से ई ह। यह उ र िबहार क सबसे तेज
जलधारावाली नदी ह, िजसका बहाव उ र-प म से दि ण-पूव क ओर ह। यह गंडक नदी क प र य धारा
ह, जो मु य नदी क प म म िखसक जाने से वािहत ई ह। बूढ़ी गंडक क तट पर मुज फरपुर, सम तीपुर,
खगिड़या आिद नगर थत ह। बूढ़ी गंडक क अ य सहायक निदय म डडा, पंडई, मसान, कोहरा, बालोर,
िसकटा, ितऊर, ितलावे, धनउती, अंजानकोट आिद ह।
कोसी नदी माग प रवतन क िलए िस ह तथा िपछले 200 वष म 150 िकलोमीटर पूरब से प म
क ओर थानांत रत ई ह। कोसी नदी करसैला क पास गंगा म िमलने से पूव ड टा का िनमाण करती
ह।
बागमती
बूढ़ी गंडक क मुख सहायक नदी बागमती नदी ह। बागमती क उ पि नेपाल म महाभारत ेणी से ई ह। यह
नदी दरभंगा, मुज फरपुर और मधुबनी िजले म वािहत होती ह। बागमती क मुख सहायक निदय म लाल
वकया, मुरगी, लखनदेई, अधबारा, िसपरीधार, कोला और छोटी बागमती आिद ह।
कमला
यह नदी नेपाल क महाभारत ेणी से िनकलकर तराई े से भािवत होती ई िबहार म जयनगर (मधुबनी
िजला) म वेश करती ह। िमिथला े म इसे गंगा क समान पिव माना जाता ह। इसक मुख सहायक निदयाँ—
सोनी, ढोरी और भूतही बलान आिद ह। बलान नदी इसम पीपराघाट क िनकट िमलती ह। कमला नदी िबहार म
120 िकलोमीटर वािहत होती ई कई धारा म िवभ हो जाती ह। इनम से अनेक का नाम कमला ही ह।
इसक एक मुख धारा कोसी से िमलती ह, जबिक एक धारा खगिड़या िजले म बागमती नदी म िमलती ह।
कोसी
कोसी नेपाल म गोसाई थान (स कौिशक ) से िनकलती ह। अतः कोसी का मूल नाम भी कौिशक ह। कोसी
नदी सात धारा क िमलने से बनी ह। इन धारा का नाम इ ावती, सनकोसी, ता कोसी, िल छकोसी, दूधकोसी,
अ णकोसी और तामूरकोसी ह। ि वेणी क पास ये सभी धाराएँ िमलकर कोसी कहलाती ह। कोसी नदी बाढ़ क
िवभीिषका क कारण ‘िबहार का शोक’ कहलाती ह। यह नदी सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूिणया आिद िजल म
वािहत होती ह। कोसी नदी माग प रवतन क िलए िस ह तथा िपछले 200 वष म 150 िकलोमीटर पूरब से
प म क ओर थानांत रत ई ह। कोसी नदी करसैला क पास गंगा म िमलने से पूव ड टा का िनमाण करती ह।
महानंदा
यह उ री िबहार क मैदान म वािहत होनेवाली पूरब क नदी ह। कई थान पर िबहार और बंगाल क साथ
सीमा रखा का िनधारण करती ह। िहमालय से िनकलकर िबहार क पूिणया और किटहार िजले म वािहत होती ई
गंगा म िमल जाती ह।
पठारी देश क निदय म मुख नदी सोन, पुनपुन, फ गु, कमनाशा, उ री कोयल, अजय, हरोहर, चंदन,
बढआ आिद ह।
सोन
िहर यवाह तथा सोनभ क नाम से िस सोन नदी दि ण िबहार क सबसे मुख नदी ह। इसका उ म
थल म य देश म अमरकटक (म य देश) क िनकट ह। सोन क उ म क िनकट से ही नमदा एवं महानदी भी
िनकलती ह, िजससे अरीय वाह णाली का िनमाण होता ह। यह नदी भंरश घाटी से वािहत होती ह। यह नदी
म य देश, उ र देश तथा झारखंड म वािहत होते ए िबहार क रोहतास िजले म वेश करती ह। यह दि ण
िबहार म वािहत होनेवाली गंगा क सबसे लंबी सहायक नदी ह। सोन क कल लंबाई 784 िकलोमीटर ह, िजसम
202 िकलोमीटर िबहार म वािहत होती ह। सोन नदी क मुख सहायक नदी गोपद, रहद, क हर एवं उ री
कोयल ह। सोन नदी पर दि ण-प म िबहार क सबसे मुख िसंचाई योजना िनिमत ह। इस नदी पर थम बाँध
1873-74 म डहरी म बनाया गया था। बाद म इस नदी पर इ पुरी बराज का िनमाण 1968 ई. म िकया गया। आरा
क पास कोईलवर म 1440 मीटर लंबा रल-सह-सड़क पुल 1862 ई. म सोन नदी पर िनिमत िकया गया, जो
वतमान म अ दुल बारी पुल क नाम से िस ह। यह भारत का सबसे लंबा रल पुल ह। 1900 ई. म इस नदी पर
डहरी क पास नेह रल पुल का िनमाण िकया गया ह।
फ गु
यह नदी छोटानागपुर क पठार से कई धारा क प म िनकलती ह। इसक मु य धारा िनरजना कहलाती ह।
बोधगया क पास इसम मोहाने नामक नदी िमलती ह। मोहाने क िमलने क बाद ही इसे फ गु नदी क नाम से जाना
जाता ह। ये सभी निदयाँ मौसमी नदी ह। िनरजना नदी क तट पर ही गौतम बु को ान क ा ई थी। गया म
इस नदी क तट पर िपतृ प का मेला लगता ह, िजसम अपने पूवज का िपंडदान िकया जाता ह। यह नदी
अंतःसिलला या लीलाजन क नाम से भी जानी जाती ह। जहानाबाद िजले म बराबर पहाड़ी क पास यह नदी दो
शाखा म बँट जाती ह। आगे चलकर फ गु नदी अनेक शाखा —भूतही, कर आ, लोकायन, मह वाइन आिद
म िवभ हो जाती ह।
पुनपुन
पुनपुन नदी एक मौसमी नदी ह, जो क कट और बमागधी क नाम से भी जानी जाती ह। यह नदी झारखंड क
पलामू िजले क चौरहा पहाड़ी े से िनकलती ह। यह नदी िबहार क औरगाबाद, अरवल तथा पटना िजले म गंगा
क समानांतर वािहत होती ई फतुहा क पास गंगा नदी म िमल जाती ह। दरधा, यमुना, मादर, िबलारो, रामरखा,
आ ी, धोबा और मोरहर पुनपुन क मुख सहायक निदयाँ ह।
अजय
अजय नदी जमुई िजले क दि ण म 5 िकलोमीटर दूर बटबाड़ से िनकलती ह। यह नदी िबहार से झारखंड म
देवघर िजले म वेश करती ह। इसे अजयावती या अजमती नाम से भी जाना जाता ह। यह नदी पूरब एवं दि ण
िदशा क ओर वािहत होते ए बंगाल म वेश कर गंगा नदी म िमल जाती ह।
िनरजना नदी क तट पर ही गौतम बु को ान क ा ई थी। गया म इस नदी क तट पर िपतृ प
का मेला लगता ह, िजसम अपने पूवज का िपंडदान िकया जाता ह। यह नदी अंतःसिलला या लीलाजन
क नाम से भी जानी जाती ह।
सकरी
सकरी नदी का उ म थल झारखंड म छोटानागपुर पठार का उ री भाग (हजारीबाग पठार) ह। यह नदी िबहार
क गया, पटना, नवादा और मुंगेर िजले म वािहत होती ई गंगा नदी म िमल जाती ह। इस नदी को सुमागधी क
नाम से भी जाना जाता ह।
कमनाशा
कमनाशा का अथ होता ह—कम का नाश करनेवाला। यह नदी िवं याचल क पहािड़य म सारोदाग (कमूर) से
िनकलकर चौसा क पास गंगा नदी म िमल जाती ह। िहदू धािमक मा यता क अनुसार इस नदी को अपिव या
अशुभ माना जाता ह।
चानन नदी
इस नदी को पंचाने भी कहा जाता ह। इसका मूल नाम पंचानन ह, जो अपभंरिशत होकर चानन कहलाने लगा।
यह नदी पाँच धारा क िमलने से िवकिसत ई ह, इसिलए इसे पंचानन कहा जाता ह। इस नदी क मुख धाराएँ
—पैमार, ितलैया, धरांजे, महाने आिद छोटानागपुर पठार से िनकलती ह। ये सारी धाराएँ राजगीर क पहाड़ी क
अवरोध क कारण नालंदा िजला क िग रयक क पास एक होकर आगे वािहत होती ह।
यूल नदी
इसक उ पि हजारीबाग क पठार से ई ह। यह िबहार म जमुई िजला क सतपहाड़ी क पास वेश करती ह।
इसक मुख सहायक निदयाँ बनर, अंजन, हरोहर (हलाहल) आिद ह। लखीसराय िजला क सूयगढ़ा क पास गंगा
नदी म िमल जाती ह।
िबहार क निदय क लंबाई तथा जल हण े तािलका
नदी : गंगा
कल लंबाई (िकमी.) : 2510
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 445
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 15,165
नदी : गंडक
कल लंबाई (िकमी.) : 630
नाम : भीमबाँध
थान : मुंगेर
नाम : ंगारऋिषकड
थान : मुंगेर
नाम : भरारीकड
थान : मुंगेर
नाम : पंचतरकड
थान : मुंगेर
नाम : अ नकड
थान : गया
जल पात
जल पात वैसी भौगोिलक थित को कहते ह, जहाँ नदी पवतीय अथवा पठारी े म ती ढाल क सहार नीचे
उतरती ह। जहाँ कठोर और मुलायम च ान ैितज अव था म रहती ह, वहाँ मुलायम च ान का तेजी से अपरदन
होता ह, जबिक कठोर च ान यथाव रहती ह। उपयु प र थित म जल तेजी से ऊपर से नीचे िगरने लगता ह।
िबहार म जल पात मूलतः सीमांत पठारी े म रोहतास, कमूर, गया, नवादा आिद िजल म पाया जाता ह।
िबहार का सबसे िस जल पात ककोलत जल पात ककोलत पहाड़ी (नवादा) म थत ह। यह नवादा से 16
िकलोमीटर दि ण म थत ह। इसक ऊचाई 47 मीटर (160 फ ट) ह, लेिकन मु य पात क ऊचाई 24 मीटर
(80 फ ट) ह। कोडरमा पठार से उतरनेवाली सात धारा क िमलने से ककोलत जल पात बना ह।
सूखलदरी जल पात का िनमाण कनहर नदी ारा आ ह। यह िबहार और उ र देश क सीमा पर थत ह।
ताराचंडी पहाड़ी, रोहतास म काव नदी पर धुआँकड जल पात थत ह। दुगावती जल पात (खादर कोह) रोहतास
िजले क छानपापर नामक थान पर थत ह। इसक ऊचाई 90 मीटर (300 फ ट) ह। अ य जल पात म भोजपुर
िजले म फलव रया नदी पर िजआरखुंड जल पात मुख ह।
िबहार क मुख जल पात क थित
जल पात का नाम : ककोलत
नदी : कोडरमा पठार से उतरनेवाली धारा
थान/िजला : ककोलत (नवादा)
जल पात का नाम : सुखलदरी
नदी : कनहर
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : धुआँकड (30 मीटर)
नदी : काव, धोबा
थान/िजला : ताराचंडी (रोहतास)
जल पात का नाम : दुगावती (खादर कोह) (80 मीटर)
नदी : दुगावती
थान/िजला : छानपापर (रोहतास)
जल पात का नाम : िजआरखुंड
नदी : फलव रया
थान/िजला : िजआरखुंड (भोजपुर)
जल पात का नाम : तमासीन
नदी : महाने
थान/िजला : -
जल पात का नाम : खुआरी दाह (180 मीटर)
नदी : असाने
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : रािकम कड
नदी : गायघाट
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : ओखारीन कड(90 मीटर)
नदी : गोपथ
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : सुआरा (120 मीटर)
नदी : पूव सुआरा
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : देवदारी (58 मीटर)
नदी : कमनाशा
थान/िजला : रोहतास पठार (रोहतास)
जल पात का नाम : तेलहरकड (80 मीटर)
नदी : प म सुआरा
थान/िजला : रोहतास पठार (रोहतास)
झील
िबहार क मैदानी भाग म अनेक ाकितक झील पाई जाती ह। उ री िबहार क मैदान म िन न ढाल क कारण
नदी का वेग अ यंत मंद हो जाता ह। इस कारण नदी अपने साथ बहाकर लाए गए अवसाद को ढोने म असमथ
होने लगती ह। फल व प िवसपाकार वाह का िनमाण होने लगता ह। िवसपाकार वाह एवं निदय क ारा माग
प रवतन क कारण गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा आिद निदय ारा गोखुर झील का िनमाण आ ह।
उ री िबहार क मैदान म पाई जानेवाली मु य झील म काँवर झील या कवार ताल, कशे र थान झील, घोघा
झील (घोघा चाप), िसमरी-ब तयारपुर झील, उदयपुर झील आिद मुख ह। झीलनुमा जलम न े को उ र
िबहार म ताल, चौर, मन आिद नाम से भी जाना जाता ह। ये जलम न े आ भूिम (Wetland) कहलाते ह।
मुख झील िन निलिखत ह—
काँवर झील
काँवर झील बेगूसराय क मंझौल गाँव म थत ह। इस झील का े फल 16 वग िकलोमीटर ह। यह एिशया क
सबसे बड़ी गोखुर झील ह, िजसका िनमाण गंडक नदी क िवसपण से आ ह। इस झील म िविश कार क
वन पित पाई जाती ह, िजसम हाइ ा ले रिसलाटा, पोटोमोगटन, वे सने रया, ले लरा स, िनंफसा, िमंफोलो स,
सरपस वेट वे रया आिद मुख ह। इस झील म जाड़ क िदन (नवंबर से जनवरी) म साइबे रयाई े क वासी
प ी आते ह। इस झील क पास शोध-काय क िलए बड बिडग टशन Bird Banding Station क थापना क गई
ह। मुख प ी वै ािनक सलीम अली क अनुसार लगभग 60 जातीय प ी म य एिशया से जाड़ क िदन म यहाँ
आते ह। उनक अनुसार लगभग 106 जाित क प ी यहाँ िनवास करते ह। झील क े फल म लगातार कमी आ
रही ह, जो िचंता का िवषय ह। भारी मा ा म अवसादीकरण तथा यू ोिफकशन अथा ए गी एवं पौधे क मा ा म
वृ होने से जल तर म कमी आ रही ह। ो. अशोक घोष क अनुसार 1980 ई. तक यह झील वासी प ी का
बृहद जनन े था, िजसम अब लगातार कमी आ रही ह।
कशे र थान झील
यह झील दरभंगा क कशे र म थत ह। इस झील का े फल 20 वग िकलोमीटर से 100 वग िकलोमीटर
तक बढ़ता-घटता रहता ह। वषा काल म झील का अ यिधक िव तार हो जाता ह। वषा काल म कमला, करह आिद
निदय क जल- तर म वृ होने से इस झील म जलापूित होती ह। यह झील मछली उ पादन का मुख क ह।
यहाँ भी वासी प ी पेिलकन डालमिटया तथा साइबे रयन न जाड़ क मौसम म वास करते ह। 1972 ई. म इस
झील को प ी अभयार य घोिषत िकया गया ह।
घोघा झील
यह झील किटहार िजले क मिनहारी म ह। इसका े फल लगभग 5 वग िकलोमीटर ह। इस झील क आसपास
कई छोटी-छोटी झील थत ह। झील म जल का ोत मानसूनी वषा क साथ-साथ महानंदा नदी का जल भी ह।
िसमरी-ब तयारपुर झील
सहरसा िजले क िसमरी-ब तयारपुर म थत इस झील का िनमाण कई छोटी-छोटी झील क िमलने से आ ह।
इसम जमुिनया, सरिदया, कमीबी, गोबरा आिद मुख झील ह।
आ भूिम े (Wetlands)
वह भूिम, जहाँ पानी का तल ायः जमीन क सतह पर या जमीन क सतह क पास ह या जहाँ भूिम का भाग
उथले पानी क ारा ढका रहता ह, आ भूिम कहलाता ह। आ भूिम से संबंिधत अंतरा ीय रामसर (ईरान)
स मेलन, जो 1971 ई. म आयोिजत आ था, क अनुसार आ भूिम वह े ह, जो दलदल, दलदली भूप ी,
वन पित पदाथ से ढक भूिम ाकितक या कि म, थायी या अ थायी होती ह। थर या बहते ए, मीठ, खार या
नमक क पानी क े और समु ी पानी क वे े , जो ार म छह मीटर पानी म डब जाते ह अथा पानी से
संतृ भूभाग को आ भूिम कहते ह। इस कार क भूिम या तो साल भर आ रहती ह या मौसम िवशेष म।
उ री िबहार क मैदान म आ भूिम मूल प से मीठ जल क ोत क प म झील, मन, चौर, िदयर आिद क प
म पाई जाती ह। भारत म रा ीय आ भूिम संर ण काय म (NWCP) क तहत 115 आ भूिम (Wetland)
िच त क गई ह। इस काय म क तहत 115 म तीन आ भूिम े िबहार म संरि त िकए गए ह—
1. काँवर, बेगूसराय,
2. बा रला, वैशाली,
3. कशे र थान, दरभंगा।
िबहार रा य िसंचाई आयोग 1971 म रा य क तीन लाख ह टयर से भी अिधक भूिम को आ िन न भूिम क
प म िच त िकया गया ह। आ भूिम पयावरण एवं जैव िविवधता क साथ-साथ आिथक एवं संसाधना मक
मह व भी रखती ह, जैसे—म य पालन, मखाना एवं िसंघाड़ा का उ पादन होता ह। बाढ़ िनयं ण म भी िन नभूिम
चौर, मन, िदयर, झील आिद उपयोगी ह, य िक बाढ़ क समय निदय का अित र जल इनम संगृहीत होता ह।
िबहार क कल आ िन नभूिम का 21 ितशत िनजी वािम व म तथा 79 ितशत सरकारी वािम व म ह।
िबहार रा य म लगभग सम त आ भूिम े ाकितक वन े क बाहर अव थत ह। घनी आबादी क कारण
ऐसे े क िविभ व प पर मानवीय उपयोग का सघनतम दबाव बना रहता ह। इन प र थितय म आ भूिम क
संर ण एवं बंधन हतु सभी संब िवभाग से िविभ अवयव पर ठोस एवं कारगर कारवाई सुिन त करने क
िलए क सरकार क ारा आ भूिम (संर ण एवं बंधन) िनयमावली, 2010 को अव िमत करते ए आ भूिम
(संर ण एवं बंधन) िनयमावली, 2016 को लागू िकया गया ह। िबहार रा य आ भूिम िवकास ािधकरण का
पुनगठन िकया गया ह, िजसक सद य का कायकाल तीन वष का होगा।
रा य आ भूिम ािधकरण क श याँ िन नव ह गी एवं इसक ारा िन नांिकत काय का संपादन िकया
जाएगा—
1. रा य क आ भूिमय क संर ण एवं सतत िवकास हतु नीित िनधारण तथा इस योजनाथ रा य सरकार को
परामश देना।
2. रा य क आ भूिमय क पहचान एवं उ ह अंतरा ीय मह व क आ भूिम (रा ीय जलीय प रतं संर ण
काय म क अंतगत) िच त करने हतु अनुशंसा करना।
3. आ भूिम (संर ण एवं बंधन) िनयम , 2010 अथवा इन िनयम को ित थािपत करनेवाले आ भूिम संबंधी
िनयम क अंतगत ािधकार को िनिद काय का संपादन करना।
4. रा य सरकार ारा िविनिद मापदंड क अनुसरण म िविभ िवभाग क अिधका रता क भीतर
आ भूिमय क पहचान और वग करण संबंधी ेिषत द तावेज क समी ा कर अनुशंसा करना।
5. आ भूिमय क सीमा एवं जल हण े क ब प ीय अिधकार संबंधी िववाद का हल।
6. आ भूिमय क संर ण एवं सतत बंधन हतु अ य रा य, रा ीय और अंतरा ीय सं था से सहयोग।
िबहार क मुख जल िनम न (आ ) भूिम (Wetland) (झील/चौर/मन/गोखुर
झील)
जल िनम न (आ ) भूिम : काँवर झील
थित : मँझौल
िजला : बेगूसराय
जल िनम न (आ ) भूिम : कशे र थान झील
थित : कशे र थान
िजला : दरभंगा
जल िनम न (आ ) भूिम : घोघा चाप झील
थित : मिनहारी
िजला : किटहार
जल िनम न (आ ) भूिम : िसमरी-ब तयारपुर झील
थित : िसमरी-ब तयारपुर
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : उदयपुर झील
थित : उदयपुर
िजला : प मी चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : भुसारा मन
थित : भुसारा
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : पुरा मन
थित : मुज फरपुर
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : कस रया चौर (खेतर)
थित : मोितहारी
िजला : पूव चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : चैता चौर
थित : िपपरी पकरी
िजला : प मी चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : मानसी चौर
थित : फिलया खार
िजला : खगिड़या
जल िनम न (आ ) भूिम : भरथुआ चौर
थित : भरथुआ
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : भ वा चौर
थित : बलुआ बाजार
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : बोरा चौर
थित : खरकता ताल
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : परबा मुरली चौर
थित : कमार गेज
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : मुरादपुर चौर
थित : मुरादपुर
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : ह रया चौर
थित : अक लपुर
िजला : सारण
जल िनम न (आ ) भूिम : राघोपुर
थित : माजीपुर, मैनािलया, पैितया
िजला : वैशाली
q
शीत ऋतु
शीत ऋतु का ारभ नवंबर क ारभ से होता ह। इस ऋतु क मुख िवशेषता—आसमान साफ एवं ठडी वायु
मंद गित से थल से समु क ओर वािहत होने लगती ह अथा ित च वातीय थित उ प होती ह। इस ऋतु
म औसत तापमान 16 िड ी सटी ेड रहता ह, जबिक जनवरी महीने म यूनतम तापमान 4-10 िड ी सटी ेड रहता
ह। इस ऋतु म जनवरी सबसे ठडा महीना होता ह। पछआ िव ोभ से ह क वषा होती ह। जनवरी म ठड बढ़ने से
पाला पड़ने लगता ह, िजससे फसल , िवशेषकर आलू, को हािन प चती ह। जनवरी म तापमान अ यंत कम हो
जाने से शीतलहर चलने लगती ह।
वषा का िवतरण
िबहार म वषा का िवतरण असमान ह। असमान होने का मु य कारण उ ावच म िभ ता एवं समु से बढ़ती
दूरी ह। िबहार म औसत वािषक वषा 100.9 सटीमीटर (1009 िमलीमीटर) होती ह। सवािधक वषा िकशनगंज म
180 सटीमीटर तक होती ह। उ री िबहार क मैदान म 100 सटीमीटर से 200 सटीमीटर तक वषा होती ह। उ री
मैदान म पूरब से प म क ओर वषा क मा ा कम होती जाती ह। पूव र िबहार एवं तराई देश म वषा क
मा ा 200 सटीमीटर से अिधक होती ह।
दि ण िबहार क मैदान म उ र िबहार क तुलना म वषा कम होती ह। दि णी िबहार क नवादा, गया,
औरगाबाद, रोहतास एवं कमूर िजले कम वषा हण करनेवाले िजले ह।
िबहार म औसत वािषक वषा 100.9 सटीमीटर (1009 िमलीमीटर) होती ह। सवािधक वषा िकशनगंज
म 180 सटीमीटर तक होती ह।
ी मकालीन मानसूनी वषा क अित र जाड़ म भी िबहार म वषा होती ह। जनवरी-फरवरी म मैदानी े म
पछआ िव ोभ क कारण वषा होती ह, जो रबी फसल क िलए लाभदायक ह। यह वषा शीतो ण च वात से होती
ह, िजसक उ पि भूम यसागर म होती ह। च वातीय वायु आगे बढ़कर फारस क खाड़ी म नमी हण करती ह
तथा उ री-प मी भारत म वेश कर वषा कराती ह, िजसका भाव िबहार तक पड़ता ह।
िजलावार वािषक िववरण (वषा िमलीमीटर म)
मांक : 1
िजला : पटना
2015 : 534.5
2016 (अ ूबर तक) : 919.2
मांक : 2
िजला : नालंदा
2015 : 671.9
शेखपुरा एवं बाँका िजले क शु क पठारी े म पाए जाते ह। इस वन क मुख वृ शीशम, म आ, खैर, पलाश,
आसन, आँवला, अमलतास, आबनूस आिद ह।
िबहार म वन क सुर ा को यान म रखते ए इसे तीन वग म बाँटा गया ह—
सुरि त वन (Reserve Forest),
आरि त वन (Protected Forest),
अवग कत वन (Unclassified Forest)।
सुरि त वन वह वन ह, िजसम पशु को चराने तथा लकड़ी काटने क अनुमित नह होती ह। इ ह सरकारी
संर ण म रखा जाता ह। आरि त वन वैसे वन को कहते ह, िजसम पशु को चराने एवं सीिमत मा ा म लकड़ी
काटने एवं चुनने क अनुमित सरकार ारा दी जाती ह। अवग कत वन म पशु को चराने तथा लकड़ी काटने क
िलए सरकार ारा कोई ितबंध नह लगाया जाता ह, लेिकन इसक िलए शु क िलया जाता ह।
सुर ा क ि से वन का कार
वन का कार : आरि त वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 693
वन का कार : संरि त वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 5,779
वन का कार : अवग कत वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 452
वन का कार : कल
े फल (वग िकलोमीटर म) : 6845
िबहार म पाए जानेवाले कल वन का, टट फॉर ट रपोट, 2015 क अनुसार, 3.89 ितशत खुले वन, 3.59
ितशत सामा य वन, 0.26 ितशत अितसघन वन तथा 0.12 ितशत झाड़ीदार वन पाया जाता ह।
िबहार म िजलावार वन क े फल एवं ितशत को नीचे क तािलका म िदया
गया ह—
िजला : अर रया
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,830
कल वन े फल (वग िकमी.) : 157
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 5.55
िजला : औरगाबाद
वन संपदा
वन से ा होनेवाले उ पाद को वन संपदा कहते ह। िबहार रा य म वन क अनेक कार क मुख एवं गौण
उ पाद ा होते ह। रा य म वन उ पाद क एक ीकरण एवं िवपणन का काय िबहार रा य वन िवकास िनगम
ारा िकया जाता ह।
मु य उ पाद
वन से ा होनेवाले मु य उ पाद म कवल लकिड़य को शािमल िकया जाता ह। िबहार म पाए जानेवाले
मुख वन उ पाद िन निलिखत ह—
शाल—यह मु यतः पहाड़ी ढाल एवं तराई े म पाया जाता ह। यह क मती लकड़ी ह, जो कठोर एवं
िटकाऊहोती ह। इसका उपयोग मकान, फश, फन चर, रल क िड बे एवं पट रय क िनमाण आिद म िकया जाता
ह। शाल क बीज का उपयोग तेल िनकालने म भी िकया जाता ह।
शीशम—यह वृ मु यतः िबहार क दि णी-पूव िह से म पाया जाता ह। इसक लकड़ी िचकनी और धारदार
होती ह। फन चर उ ोग म इसका सवािधक उपयोग िकया जाता ह।
सेमल—सेमल क लकड़ी ह क , मुलायम और सफद होती ह। इसका सवािधक उपयोग पैिकग क िलए पेटी
बनाने म तथा िखलौना िनमाण म िकया जाता ह। सेमल वृ उ री िबहार क तराई े म पाया जाता ह। इसक ई
का उपयोग घरलू एवं िचिक सा े म िकया जाता ह।
तून—तून क वृ िबहार क पहाड़ी ढाल पर पाए जाते ह। इसक लकड़ी मजबूत होने क कारण फन चर, घरलू
सामान, िखलौना उ ोग आिद म उपयोग म लाई जाती ह।
इसक अलावा आम, पीपल, नीम, बरगद, कटहल, बाँस आिद भी मह वपूण वृ ह। आम क वृ सवािधक
उ री िबहार क दरभंगा, भागलपुर आिद िजल म पाए जाते ह। आम क वृ से फल क साथ-साथ घरलू उपयोग
क िलए लकड़ी क ा होती ह। पीपल एवं नीम क उ पाद का उपयोग दवा िनमाण म िकया जाता ह।
गौण उ पाद
िबहार म पाए जानेवाले गौण उ पाद िन निलिखत ह—
1. तसर/मलवरी/रशम—तसर का उ पादन मु य प से भागलपुर िजले म होता ह। भागलपुर िजले म अजुन
िनधा रत क गई ह।
किष वािनक योजना क तहत आगामी 5 वष म कल 360.9 लाख पॉऌपलर पौध का रोपण िकया जाएगा।
मु यमं ी िनजी पौधशाला (अ य जाितय क िलए) योजना
वन क बाहर वृ आवरण को बढ़ाने क उ े य से बड़ पैमाने पर वृ ारोपण क आव यकता ह। रा य म किष
वािनक क िलए बड़ पैमाने पर पौध क ज रत होगी, िजसक िलए पौध क आपूित िनजी पौधशाला से भी करने
का ावधान िकया गया ह। कषक को पौधशाला थापना क िलए आव यक सहयोग िदया जाता ह। इसम अलग-
अलग जाितय क पौधे तैयार होते ह।
इस योजना का उ े य अिधक-से-अिधक वृ ारोपण क िलए उ गुणव ा क पौधे तैयार करना और ामीण
को रोजगार क अवसर उपल ध कराना ह।
वृ सर ण योजना
ाकितक वन क बाहर अव थत पथ तट, नहर तट तथा बाँध क तटबंध इ यािद पर रोिपत वृ क ामीण
क सहभािगता से सुर ा सुिन त करने हतु वृ संर ण योजना लागू िकए जाने का िनणय सरकार ारा िलया
गया ह। इस योजना क अंतगत वृ ारोपण थल से िनकट क ामीण म से गरीबी रखा क नीचे क प रवार को 20
वृ क इकाई बनाकर आवंिटत करने का िनणय िलया गया ह।
ामीण े म अिधसूिचत वन भूिम क अित र पथ तट, नद तट, नदी तटबंध सिहत सरकारी भूिम पर वष
2005-06 एवं उसक बाद िकए गए सभी वृ ारोपण पर यह योजना लागू ह।
पयावरण एवं वन िवभाग क पहल पर भारतीय वािनक अनुसंधान एवं िश ा प रष (ICFRE)
ारा हल ानी, पंतनगर एवं झाँसी म िनःशु क िश ण िदया जाता ह।
सामा यतः 20 वृ क एक इकाई वृ पाल (चयिनत लाभुक ) को 30 वष क अविध क िलए दी जाएगी,
लेिकन िनधा रत सं या क इ छक यो य आवेदन क नह रहने पर एक से अिधक (अिधकतम 4) इकाई को
आवंिटत िकया जाएगा।
30 वष क अविध क समा पर वृ क िवदोहन क प ा उपल ध ा का (लकड़ी) पर वृ पाल का
पूण अिधकार होगा। इसक पूव वृ क फल-फल, टहनी, चारा इ यािद का उपभोग करने का पूण अिधकार होगा
तािक वृ क ित न हो। समय पर िवदोहन क प ा उसी भूिम पर वृ पाल ारा पुनः वृ ारोपण िकया जाएगा
तथा सामा य प र थित म उसी लाभुक को अगले 30 वष क िलए भी इकाई का आवंटन िकया जाएगा।
मु यमं ी छा वृ ारोपण योजना
िव ालय म पयावरण संर ण काय म को लोकि य बनाने क उ े य से रा य म अव थत सभी मा यता ा
सरकारी एवं गैर-सरकारी िव ालय म क ा 6 म अ ययनरत छा -छा ाएँ इस योजना म शािमल िकए जाते ह।
मृदा एवं जल संर ण योजना
रा य म मृदा एवं जल संर ण क काय िकए जा रह ह। इस योजना क तहत िविभ संरचनाएँ बनाकर पहाड़
पर मृदा का रण होने से बचाव तथा पहाड़ क ढाल पर जल का संचयन िकया जाता ह। इस योजना म नालंदा,
मुंगेर, गया, बेितया, बाँका, जमुई, कमूर, औरगाबाद एवं रोहतास वन मंडल को शािमल िकया गया ह।
ह रयाली िमशन क तहत रा य म वािनक शोध, जैसे—बीज सं हण, उपचार, अ छ वृ क पहचान, िटसू
क चर लैब क थापना, डम शन लॉट िनमाण, मृदा जाँच, िविभ ए ो ाइमेिटक े क िलए उपयु वृ
जाित का चयन, जलवायु प रवतन को देखते ए िवभागीय काय म एवं वािनक करण काय क चिलत
ि या म प रवतन आिद िवषय पर शोध-काय िकए जाने क योजना ह। इसक िलए रा य सरकार ारा
आई.सी.एफ.आर.ई. क साथ अनुबंध कर किष वािनक क जाितय , जैसे—पॉऌपलर, शीशम, सैिल स, मेिलया,
यूकिल टस इ यािद क ऊपर शोध काय िकया जा रहा ह।
पयावरण एवं वन िवभाग क पहल पर भारतीय वािनक अनुसंधान एवं िश ा प रष (ICFRE) ारा ह ानी,
पंतनगर एवं झाँसी म िनःशु क िश ण िदया जाता ह। िकसान को पौधशाला एवं किष वािनक क अंतगत लगाए
जानेवाले िविभ जाितय क पौध का मानक से संबंिधत िश ण िदया जाता ह।
हर प रसर, हरा प रसर योजना
इस योजना म रा य क सभी िजल क िविभ कार क प रसर, जैसे— कल, कॉलेज, धािमक सं थान ,
कायालय , ब , सिमितय एवं अ य सरकारी एवं गैर-सरकारी प रसर को शािमल िकया गया ह। एक सं था या
प रसर को यूनतम 50, अिधकतम 1000 पौधे िनःशु क उपल ध कराए जाते ह। िवत रत या रोिपत पौध पर
चयिनत सं था का ही संपूण अिधकार होता ह।
रा य वन िवकास अिभकरण
रा ीय वन नीित, 1988 क अनुसार पयावरण संतुलन, मृदा अपरदन, बाढ़ िनयं ण क िलए रा य म वन का
िव तार करना ह। ामीण लोग ारा िविभ आव यकता क पूित करने क कारण वन े म हो रह स को
बचाने तथा वन संसाधन क वृ करने क योजना ह। वन िवकास एवं िनयोजन क उ े य से भारत सरकार
ारा अपनी िनिध से सभी योजना का काया वयन संयु वन बंधन क अंतगत ाम वन बंधन एवं सुर ा
सिमित ारा िकया जाएगा। सरकार ारा रा य क ाकितक वन का आम लोग क सहभािगता से संयु वन
बंधन यव था ारा वािनक िवकास, सुर ा एवं संवधन का िनणय िलया गया ह। इसक िलए सोसाइटी
रिज शन ऐ ट क तहत रा य म 10 वन वािनक िवकास अिभकरण का गठन िकया गया ह। वन िवकास
अिभकरण ारा ाम तरीय संयु वन बंधन सिमितय एवं इको संरि त े क िलए िवकास सिमितय का
रिज शन िकया गया ह। वतमान म रा य वन िवकास अिभकरण क तहत िन निलिखत काय म एवं योजना
को ि या वत िकया जा रहा ह—
1. रा ीय वनीकरण योजना (National Afforestation Programme—NAP) इस योजना क तहत
पयावरण वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय, भारत सरकार क रा ीय वनीकरण एवं पा र थितक िवकास बोड
ारा शत ितशत धन उपल ध कराया जाता ह।
2. ीन इिडया िमशन (NAP)—इस योजना म रा य क चार चयिनत े क िवकास क िलए ब आयामी
Perspective Plan तैयार िकया गया ह। ये चार े ह—
अघौरा, कमूर,
धरहरा, मुंगेर,
बाँका, बाँका,
इमामगंज, गया।
3. तसर खा वृ ारोपण काय म—िबहार सरकार क उ ोग िवभाग ारा मु यमं ी तसर िवकास
प रयोजना क तहत तसर खा वृ ारोपण काय म संचािलत िकया जा रहा ह। इस योजना क तहत आगामी 5 वष
म 5100 लाख पए क खच से 8030 ह टयर वन े म तसर खा पौधे का वृ ारोपण िकया जाना ह।
िबहार सरकार क पयावरण एवं वन िवभाग क चार- सार एवं जनसंपक भाग ारा ितवष 11 मह वपूण
वन िदवस क आयोजन का िनणय िलया गया ह। ये वन िदवस िन निलिखत ह—
.:1
ितिथ : 9 अग त
.:8
मह वपूण िदवस : िव ओजोन िदवस
ितिथ : 16 िसतंबर
.:9
मह वपूण िदवस : व य ाणी स ाह
ितिथ : 02-09 अ ूबर
. : 10
मह वपूण िदवस : िव पशु क याण िदवस
ितिथ : 4 अ ूबर
. : 11
मह वपूण िदवस : डॉ फन िदवस
ितिथ : 5 अ ूबर
व य जीव-जंतु एवं संर ण
भारत म व य जीवन संर ण क योजना का ि या वयन एवं िनदशन करनेवाला शीष सं थान भारतीय व य
जीवन बोड ह। इसक अ य धानमं ी होते ह। व य जीवन (सुर ा) अिधिनयम, 1972 ज मू और क मीर को
छोड़कर देश क अ य िह स म लागू ह। इस अिधिनयम म व य जीवन क संर ण एवं िवलु होती जा रही
जाितय क संर ण क िलए िदशा-िनदश िदए गए ह। इसक ारा दुलभ और ख म होती जा रही जाितय क
यापार पर रोक लगा दी गई ह।
वतमान समय म िबहार म एक रा ीय उ ान एवं 12 व य जीव अभयार य ह। रा य का एकमा
रा ीय उ ान वा मीिक नेशनल पाक, प मी चंपारण म थत ह, िजसक थापना 1989 ई. म क
गई थी।
वतमान समय म िबहार म एक रा ीय उ ान एवं 12 व य जीव अभयार य ह। रा य का एकमा रा ीय उ ान
वा मीिक नेशनल पाक, प मी चंपारण म थत ह, िजसक थापना 1989 ई. म क गई थी। इस उ ान म बाघ,
काला भालू, गडा, जंगली क ा, जंगली भस, तदुआ, िहरण आिद संरि त ह। गौतम बु व य जीव अभयार य
गया म थत ह। यहाँ चीता, साँभर, तदुआ, िहरण, चीतल आिद पाए जाते ह। िव मिशला गांगेय डॉ फन
अभयार य म डॉ फन क सं या लगभग 240 से 500 क बीच ह। भीमबाँध व य जीव अभयार य म तदुआ,
भालू, साँभर, जंगली सूअर, भेिड़या, बंदर, लंगूर, नीलगाय आिद संरि त ह।
िविभ अभयार य
रा य सरकार ने व य जीव, जल प ी एवं पयावरण को संरि त करने क िलए 13 पयावरणीय संवेदनशील े
(Eco Sensitive Zone) िनधा रत िकए ह। पयावरणीय संवेदनशील े क तहत व य ाणी अभयार य क सीमा से
2 िकलोमीटर तक का वन े शािमल िकया गया ह। ये पयावरणीय संवेदनशील े िन निलिखत ह—
1. नागी बाँध प ी अभयार य, जमुई,
2. नकटी बाँध प ी अभयार य, जमुई,
3. वा मीिक व य जीव अभयार य, प मी चंपारण,
4. वा मीिक रा ीय उ ान, प मी चंपारण,
5. वा मीिक टाइगर रजव, प मी चंपारण,
6. कशे र थान प ी अभयार य, दरभंगा,
7. गौतम बु व य जीव अभयार य, गया,
8. भीमबाँध व य जीव अभयार य, मुंगेर,
9. िव मिशला गांगेय डॉ फन आ यणी, भागलपुर,
10. उदयपुर व य जीव अभयार य, प मी चंपारण,
11. पंत व य जीव अभयार य, राजगीर, नालंदा,
12. बरला झील प ी आ यणी, वैशाली,
13. कमूर व य ाणी आ यणी, कमूर एवं रोहतास।
रा य क व य ािणय क संर ण क िलए कई अ य काय म चलाए गए ह। िबहार म ाकितक वन का कल
े फल 6845 वग िकलोमीटर ह, िजसम व य ािणय क संर ण एवं संवधन हतु कल 3561 वग िकमी. क
ाकितक वन, 01 या आर य, 01 गांगेय डॉ फन आ यणी, 05 व य ाणी आ यणी एवं 05 प ी आ यणी
क प म अिधघोिषत ह। इनम से तीन आ यिणयाँ मशः काँवर झील प ी आ यणी (काँवर ताल),
कशे र थान प ी आ यणी एवं सलीम अली जु बा साहनी बरला झील प ी आ यणी (बरला ताल) मुख
वेटलड क प म िच त िकए गए ह।
वा मीिक या प रयोजना क िवकास हतु टाइगर कजवशन लान तैयार िकया गया ह, िजसे भारत सरकार ने भी
वीकित दान क ह। कमूर व य ाणी आ यणी क िवकास क िलए Integrated Development of Wildlife
Habitat योजना क तहत वष 2014-15 म 110 लाख पए वीकत िकए गए ह। इसक अंतगत व य ाणी बंधन
से संबंिधत ि याकलाप क साथ-साथ इको-िवकास क तहत अधौरा क दूर थ पठारी े म ामीण क पशु
संसाधन क उ पादकता उ यन क एक Pilot Scheme ारभ क जा रही ह।
राजगीर म एक Zoo Safari थािपत करने क योजना ह, िजसका अनुमोदन रा ीय व य ाणी प रष ारा
िकया जा चुका ह। भीमबाँध व य ाणी आ यणी, मुंगेर क बंधन योजना का अंितम ा प िव व य जीव
(WWF) ारा तैयार िकया गया ह, िजसको वीकित क िलए भारत सरकार क पास भेजा गया ह। कशे र थान
प ी आ यणी तथा बरला झील प ी आ यणी क बंधन योजना बनाने का काय भारतीय व य जीव सं थान,
देहरादून ारा िकया गया ह। पंत आ यणी, राजगीर क बंधन योजना तैयार करने का काय TERI ारा िकया
जा रहा ह। काँवर झील प ी आ यणी, बेगूसराय क अंतगत घोिषत े म िनजी वािम व क भूिम भी स मिलत
ह। गंगा डॉ फन रसच सटर क िलए पटना म 1916 लाख क रािश दी गई ह, िजसम 30 ितशत भारत सरकार
17. किष
(Agriculture)
भूिम उपयोग ित प
किष गहनता
किष संयोजन देश
किष देश
किष जलवायु देश
मुख फसल
पशुपालन एवं म यपालन
भूिम सुधार
िबहार किष- धान रा य ह, जहाँ 86 ितशत जनसं या किष पर िनभर ह। समतल उपजाऊ मैदान, जलोढ़ दोमट
िम ी, चुर मा ा म उपल ध जल संसाधन एवं मानव संसाधन क ब लता ने किष े को रा य अथ यव था
का मह वपूण े बना िदया ह। खिनज संसाधन क कमी होने से आधारभूत उ ोग क िवकास क संभावना
सीिमत ह। इसक कारण भी किष े का मह व बढ़ जाता ह। भारत क कल खा ा उ पादन का 6.6 ितशत
उ पादन िबहार करता ह। रा य क कल सकल घरलू उ पादन का 22.9 ितशत िह सा किष े से ा होता ह।
िबहार म कल कायकारी जनसं या का 77 ितशत किष काय म संल न ह। 2014-15 म किष एवं पशुपालन े
क िवकास दर 6.02 ितशत रहा ह।
भूिम उपयोग ित प
िबहार क अथ यव था का मूल आधार किष ह। िबहारवािसय क जीवन-शैली किष से जुड़ी ई ह, इसिलए
रा य म भूिम उपयोग ित प का िवशेष मह व ह। भूिम बंधन भूिम संसाधन क समुिचत उपयोग क िलए
अिनवाय त व ह। िबहार सूखा एवं बाढ़ जैसी ाकितक आपदा से ितवष त रहनेवाला रा य ह। िबहार म
जनसं या दबाव अिधक ह, अतः भूिम संसाधन क सही उपयोग से किष उ पादन म वृ कर जनसं या का
उिचत भरण-पोषण िकया जा सकता ह। उिचत भूिम बंधन ारा ही बाढ़ एवं सूखे पर िनयं ण क साथ-साथ
बंजर भूिम का िवकास भी संभव ह।
िबहार का अिधकांश भाग मैदानी ह, िजस पर जनसं या का अ यिधक दबाव ह। किष े म परपरागत
साधन का योग होता रहा ह। इस कारण िबहार म जीवन िनवाह किष का िवकास आ ह।
िबहार म भूिम उपयोग ित प क िवकास पर कई कारक का भाव पड़ा ह, जो िन निलिखत ह—
(i) उ ावच,
(ii) जलवायु,
(iii) वषा,
(iv) मानवीय ि या-कलाप।
िबहार का अिधकांश भाग मैदानी ह, िजस पर जनसं या का अ यिधक दबाव ह। किष े म परपरागत साधन
का योग होता रहा ह। इस कारण िबहार म जीवन िनवाह किष का िवकास आ ह। उ र िबहार क मैदान म वषा
क मा ा अिधक होने एवं गंगा, गंडक, कोसी जैसी अनेक सदावाही निदय क ारा जलोढ़ मैदान का िनमाण आ
ह, िजसक कारण देश क अ य रा य क तुलना म िबहार म किष क अंतगत भूिम का े फल अिधक ह।
जनसं या क दबाव क कारण िवकास काय, जैसे—रल, सड़क, उ ोग तथा अिधवासीय े का िव तार आ ह।
अिधक जनसं या क खा ा आव यकता को पूरी करने क िलए भी वन को काटकर किष भूिम का िव तार
िकया गया ह। इन कारण से वन क कटाई ती गित से ई ह। वन क अंतगत भूिम क मा ा सीिमत ह। िबहार
क कल े फल क मा 7.21 ितशत पर वन का िव तार पाया जाता ह।
दि ण िबहार, िवशेषकर सीमांत पठारी े म पठारी, पहाड़ी, ऊबड़-खाबड़ भूिम क कारण किष भूिम का
िव तार कम आ ह। इन े म वन एवं चरागाह भूिम अिधक ह। वषा क मा ा कम होने से दि णी भाग ,
िवशेषकर औरगाबाद, गया, नवादा िजले म बंजर भूिम अिधक ह। दि ण-प म िबहार म सोन नहर िसंचाई
योजना क िव तार होने से किष भूिम क अंतगत े फल म वृ ई ह।
भूिम उपयोग ित प (2013-14)
.:1
नाम : वा मीिक नेशनल पाक
िजला : प मी चंपारण
कार : रा ीय पाक
े फल (वग िक.मी.) : 335.65
थापना : 1989
संरि त : बाघ, काला भालू, गडा, जंगली क ा, जंगली भस, तदुआ, िहरण
.:2
नाम : बरला, सलीम अली, जु बा साहनी व य जीव अभयार य
िजला : वैशाली
कार : व य जीव अभयार य
वग : सकल फसल े
े फल (लाख ह टयर म) : 78.82
.:2
वग : एक बार से अिधक बोया गया े
े फल (लाख ह टयर म) : 21.7
सवािधक फसल गहनतावाले िजले सहरसा, िशवहर तथा अर रया ह, जबिक सबसे कम फसल गहनतावाले
िजले शेखपुरा, अरवल और मुंगेर ह।
किष फसल ित प
िबहार म किष फसल ित प क अ ययन से प होता ह िक यहाँ खा ा फसल क ब लता ह। िबहार क
किष जीवन िनवाह किष ह। रा य क कल किष े फल क 90 ितशत भाग पर खा ा फसल का उ पादन होता
ह। हाल क वष म खा ा फसल क े फल म कमी आई ह। दलहन उ पादन क े फल म भी िगरावट आई
ह, िजससे दाल क उ पादन म कमी आई ह। दलहन उ पादन क े फल म कमी का मु य कारण िसंचाई सुिवधा
म िव तार होने से अनाज उ पादन क े फल म एवं नकदी फसल क े फल म वृ ई ह। िबहार क किष
फसल ित प को िन न तािलका म िदखाया गया ह—
रा य क कल किष े फल क 90 ितशत भाग पर खा ा फसल का उ पादन होता ह। हाल क वष
म खा ा फसल क े फल म कमी आई ह।
फसलवार े फल का ितशत
ह। इस े म खादर, बलुई दोमट और जलोढ़ िम ी पाई जाती ह। ये िम याँ अ लीय कित क ह। इस देश
क 70 ितशत भूिम पर किष काय िकया जाता ह। इस देश क 42 ितशत भूिम िसंिचत भूिम ह।
उ र-पूव जलोढ़ मैदान का े
इस े क अंतगत 8 िजले शािमल िकए गए ह। यह किष जलवायु े बाढ़ से िसत े ह। इस े म
वािषक वषा क मा ा 1200-1700 िमलीमीटर ह। इस े क जलवायु शु क उ णा ह। इस े क लगभग 60
ितशत भूिम पर किष काय होता ह। इस े क 44 ितशत भूिम िसंिचत ह।
दि ण िबहार क जलोढ़ मैदान का े
इस े क अंतगत रा य क स रह िजले शािमल िकए जाते ह। इस े म वािषक वषा क मा ा 990-1300
िमलीमीटर ह। इस े म िसंचाई सुिवधा का सवािधक िवकास आ ह। इस े क 75 ितशत भूिम िसंिचत भूिम
ह। यह े सोन नहर िसंचाई े क अंतगत आता ह। इस े को दो िह से म बाँटा जाता ह, जो पहला—
दि ण-पूव जलोढ़ मैदान तथा दूसरा—दि ण-प मी जलोढ़ मैदान ह। नीचे क तािलका म उप-किष जलवायु
देश तथा उससे संबंिधत िवशेषता को दशाया गया ह—
िबहार क उप-किष जलवायु े क मह वपूण भौगोिलक िवशेषता
मुख फसल
समतल उपजाऊ जलोढ़ मैदान पया जल संसाधन एवं किष क अनुकल जलवायिवक दशा क कारण िबहार
भोजपुर, कमूर आिद ह। धान क मुख िक म भात, साकत, सीता, कनक, आई.आर.36, वणा सब-1 आिद
िबहार म उगाई जाती ह। धान म लगनेवाले मुख क ट तना छदक, मधुआ क ट, साँढ़ा क ट, बभनी क ट आिद ह।
सवािधक उ पादन करनेवाला िजला रोहतास ह। 2015-16 म उ पादन क आधार पर पहले तीन िजले रोहतास,
औरगाबाद और बाँका ह, जबिक उ पादकता क आधार पर थम तीन िजले लखीसराय, शेखपुरा और रोहतास ह।
गे
िबहार क दूसरी मुख खा ा फसल ह। िबहार म शीतकालीन गे का उ पादन होता ह। िबहार म शीतकाल
शु क होता ह, अतः इसक िलए िसंचाई क आव यकता पड़ती ह। गे क िलए उपयु भौगोिलक दशाएँ इस
कार ह—
जलोढ़ दोमट िम ी,
तापमान 140 सटी ेड से 180 सटी ेड,
वषा 50 सटीमीटर से 100 सटीमीटर।
गे रबी फसल ह, जो नवंबर-िदसंबर से बोई जाती ह और माच-अ ैल म काटी जाती ह। गे का उ पादन
करनेवाले मुख िजले रोहतास, भभुआ, गया, दरभंगा, भोजपुर, सीवान, सारण, औरगाबाद आिद ह। सवािधक गे
उ पादन करनेवाला िजला रोहतास ह। 2015-16 म गे उ पादन म थम तीन िजले रोहतास, सीतामढ़ी और ब सर
ह जबिक उ पादकता क आधार पर थम तीन िजले पूिणया, सीतामढ़ी और भागलपुर ह। िबहार क कल किष भूिम
क 29 ितशत भाग पर गे क खेती क जाती ह। यह िबहार क लगभग 22 लाख ह टयर े पर बोया जाता ह।
गे उ पादन म िबहार का थान देश म सातवाँ ह। गे क मुख िक म सी. 306, क. 9107, पी.बी.ड यू. 343,
एच.डी. 2824 आिद िबहार म बोई जाती ह। गे म लगनेवाले मुख क ट एवं रोग दीमक (Odontotermes
Obesus) मा (लाही), भूरा हरदा, पीला हरदा, झुलसा रोग, किलका रोग, अकड़ी रोग आिद ह।
म ा क साथ कई े म िमि त किष क जाती ह, िजसम रबी क मौसम म म ा क साथ आलू या मूली या
मटर तथा खरीफ क मौसम म म ा क साथ उड़द या लोिबया या अरहर क खेती क जाती ह। वतमान समय म
‘ ािलटी ोटीन म ा’ क बीज श मान तैयार िकया गया ह। ािलटी ोटीन म ा म उ मा ा म लाइिसन
और ी टोफन होता ह। म ा म लगनेवाला क ट एवं रोग कजरा क ट, धड़ छदक, भु ा िछ क, प लांछन
(झुलसा), हरदा ( नेज) आिद ह।
जौ
जौ रबी फसल ह, जो मु य प से अिसंिचत े म बोया जाता ह। जौ क खेती कम वषा तथा उ ण जलवायु
क े म क जाती ह। मुख उ पादक िजले प मी चंपारण, भभुआ, औरगाबाद, मुज फरपुर, मुंगेर, भोजपुर,
सारण, दरभंगा, पूिणया, गया आिद ह। जौ क खेती िमि त फसल क प म गे , चना, सरस आिद क साथ क
जाती ह। जौ क मुख िक म र ना, क.125, आजाद, योित आिद ह।
पटना सबसे अिधक उ पादन करनेवाला िजला ह। अ य दलहनी फसल क तरह चना अपनी जड़ म
बननेवाली गाँठ म रहनेवाले बै टी रया क ारा नाइ ोजन का थरीकरण कर िम ी क उवरा श
को बढ़ाता ह।
म आ (रागी)
यह शु क जलवायु क फसल ह। म आ (रागी), ार और बाजरा क तरह मोट अनाज क ेणी म आता ह।
कोसी क बाढ़ भािवत े म यह फसल बलुई िम ी म उगाई जाती ह। रागी क उ पादन म िबहार भारत म थम
थान पर ह। सबसे बड़ा उ पादक िजला दरभंगा ह। इसक अित र सुपौल, सारण, सहरसा, सीवान, मधेपुरा और
गोपालगंज िजले म उ पादन िकया जाता ह।
खा ा फसल (दलहन)
िबहार म उगाई जानेवाली मुख दलहनी फसल चना, अरहर, खेसारी, मसूर, मूँग, उड़द आिद ह।
चना
चना िबहार क मुख दलहनी रबी फसल ह। इसक िलए कवाल एवं जलोढ़ िम ी उपयु होती ह। चने का
उ पादन पटना, औरगाबाद, नालंदा, भोजपुर, गया, लखीसराय, भागलपुर, रोहतास, जहानाबाद आिद िजल म
िकया जाता ह। पटना सबसे अिधक उ पादन करनेवाला िजला ह। अ य दलहनी फसल क तरह चना अपनी जड़
म बननेवाली गाँठ म रहनेवाले बै टी रया क ारा नाइ ोजन का थरीकरण कर िम ी क उवरा श को
बढ़ाता ह। चने क मुख िक म राज चना, पूसा 256, आर.ए.यू. 52, बी.आर. 72 आिद ह। रा य म चने क
साथ राई, सरस , तीसी क िमि त किष भी क जाती ह। चने म लगनेवाला मुख क ट एवं रोग फली छदक क ट,
कजरा क ट, सेमीलूपर, उखड़ा रोग, टमिफिलयम लाइट आिद ह।
अरहर
अरहर को, िजसे िबहार म तुअर भी कहा जाता ह, यह खरीफ फसल क साथ बोई जाती ह, लेिकन रबी फसल
क साथ काटी जाती ह। यह िबहार क मुख दलहन फसल ह। इसका सवािधक उ पादन करनेवाला िजला मशः
गया, औरगाबाद और भभुआ ह। अरहर क अंतगत सवािधक े फलवाला िजला मशः भभुआ, गया और पूव
जूट
जूट का उ पादन अिधक वषा, अिधक ताप एवं उपजाऊ जलोढ़ िम ी वाले े म िकया जाता ह। इसक खेती
उ री-पूव बाढ़ क मैदान म क जाती ह। इसे काटने क बाद जल क नीचे कछ समय तक दबाकर रखा जाता ह।
उसक बाद तने से छाल उतार िदया जाता ह, जो बाद म रशे का प हण कर लेता ह। िबहार म पूिणया एवं
किटहार सबसे बड़ उ पादक िजले ह। इसक अित र सहरसा, मुज फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, िकशनगंज आिद
िजल म उ पादन िकया जाता ह। जूट का उपयोग पैिकग उ ोग, कपड़ा, टाट, र सी आिद क िनमाण म िकया
जाता ह। िबहार, प म बंगाल क बाद भारत का दूसरा जूट उ पादक रा य ह।
तंबाक
देश म िबहार तंबाक उ पादन करनेवाला छठा बड़ा रा य ह। रा य म तंबाक का उ पादन मु य प से गंडक
नदी क घाटी म िकया जाता ह। मुख उ पादक िजले वैशाली, सीतामढ़ी, बेगूसराय, पूिणया और सम तीपुर ह।
पूिणया म विजिनया िक म का तंबाक भी उपजाया जाता ह।
िमच
यह रा य क मुख नकदी फसल ह, जो अगहनी फसल क ेणी म आती ह। य िप यह सभी मौसम म उगाई
जाती ह। इसक उ पादन क िलए जलोढ़ िम ी सबसे उपयु िम ी ह। मुख उ पादक े दरभंगा, सम तीपुर,
वैशाली आिद ह।
चाय
चाय का उ पादन उ र-पूव िबहार म िकशनगंज एवं पूिणया म िकया जाता ह। इस े म सवािधक वषा होने
एवं ढलवाँ भूिम होने क कारण चाय उ पादन क िलए उपयु भौगोिलक थित ह।
मे ता
यह रशेदार फसल भी जूट क भाँित ह। िबहार क मैदानी भाग म इस फसल का उ पादन िकया जाता ह। इसक
खेती क िलए अिधक वषावाले े उपयु ह। उपजाऊभूिम म पैदा होनेवाली यह फसल पूिणया, सहरसा, पटना
और दरभंगा आिद िजल म उ पािदत क जाती ह।
किष नवाचार
िबहार म िपछले कछ दशक म संरचना मक सुिवधा , जैसे—िसंचाई सुिवधा, उ त बीज, रासायिनक उवरक
का अिधक योग, किष यं ीकरण आिद क कारण फसल का िवसरण आ ह एवं उ पादन म िविवधता आई ह।
2015-16 म रा य म 51.95 लाख टन रासायिनक उवरक का योग आ। उ त बीज, खा एवं पानी को ह रत
ांित तकनीक कहा जाता ह। नीचे क तािलका म रा य म उवरक उपयोग को दिशत िकया गया ह।
उवरक खपत वष 2015-16 (हजार टन म)
उवरक का कार—यू रया
खरीफ—954.2
रबी—1403.9
कल—2358.1
उवरक का कार—डी.ए.पी.
खरीफ—186.4
रबी—356.4
कल—542.8
उवरक का कार—एस.एस.पी.
खरीफ—47.6
रबी—26.2
कल—73.7
उवरक का कार—एम.ओ.पी.
खरीफ—48.3
रबी—105.5
कल—153.7
उवरक का कार—अमोिनयम स फट
खरीफ—2.6
रबी—15.8
कल—18.4
उवरक का कार—कॉ ले स
खरीफ—150.3
रबी—201.6
कल—351.8
उवरक का कार—एन (N)
खरीफ—499.8
रबी—749.9
कल—1249.8
मांक—2
फल—अम द
2014-15—370
2015-16—370
मांक—3
फल—कला
2014-15—1527
2015-16—1535
मांक—4
फल—लीची
2014-15—198
2015-16—198
मांक—5
फल—अन ास
2014-15—116
2015-16—116
मांक—6
फल—पपीता
2014-15—43
2015-16—53
मांक—7
फल—आँवला
2014-15—15
2015-16—13
ोत : िबहार सरकार आिथक सव ण, 2016-17
स जी उ पादन
स जी क उ पादन म भारत म िबहार का थान थम ह। निदय ारा िनिमत जलोढ़ मैदान स जी उ पादन क
िलए अनुकल ह। वष 2015-16 म िबहार म कल स जी का उ पादन 142.84 लाख टन आ था। स जय म
आलू, याज, टमाटर, गोभी, बगन आिद मुख स जी ह।
आलू क खेती रबी मौसम म शरद ऋतु म क जाती ह। यह अ ूबर से लेकर िदसंबर तक बोया जाता ह।
िबहार म आलू क मुख िक म राज आलू-3, कफरी योित, कफरी बादशाह, कफरी पोखराज, कफरी सतलज,
कफरी बहार आिद बोई जाती ह। आलू रा य क मुख स जी फसल ह। दोमट, बलुई िम ी इसक िलए उपयु
ह। सवािधक उ पादन करनेवाला िजला नालंदा ह। दूसर और तीसर थान पर पटना और सारण ह। याज क
उ पादन म नालंदा, पटना और किटहार अ णी िजले ह। गोभी का उ पादन वैशाली, मुज फरपुर, नालंदा,
सम तीपुर आिद िजल म िकया जाता ह। नीचे क तािलका म 2015-16 म िबहार म उ पािदत मुख स जय क
उ पादन को दशाया गया ह—
िबहार म स जी उ पादन (हजार टन म)
मांक :1
स जी :आलू
2014-15 :6345.55
2015-16 :6345.52
मांक :2
स जी : याज
2014-15 :1247.31
2015-16 :1247.34
मांक :3
स जी :टमाटर
2014-15 :1046.44
2015-16 :1001.01
मांक :4
स जी :गोभी
2014-15 :1003.55
2015-16 :1003.9
मांक :5
स जी :बंदगोभी
2014-15 :695.33
2015-16 :719.81
मांक :6
स जी :बगन
2014-15 :1141.57
2015-16 :1138.05
ोत : िबहार सरकार, आिथक सव ण 2015-16
पशु : बकरा-बकरी
2007 : 10167
2012 : 12154
पशु : सूअर
2007 : 632
2012 : 650
पशु : घोड़ा-घोड़ी
2007 : 51
2012 : 49
पशु : अ य
2007 : 0
2012 : 55
पशु : कल पशुधन
2007 : 30167
2012 : 32939
पशु : कल पॉ टो प ी
2007 : 11420
2012 : 12748
ोत : पशुपालन िवभाग, िबहार सरकार
दूध उ पादन क िलए अनुकल प र थितयाँ उपल ध ह, जैसे—पशुपालन क अनुकल जलवायु, जल, पया मा ा
म चारा आिद। चार क प म म ा, ार, बाजरा, िजनोरा, बरसेम घास आिद का उपयोग िकया जाता ह।
जनसं या अिधक होने क कारण दूध एवं उससे िनिमत उ पाद क माँग भी अिधक ह। िबहार म दूध उ पादन को
बढ़ाने क िलए 1983 ई. म िबहार रा य सहकारी दु ध उ पादक महासंघ (कांफड) क थापना क गई। यह रा य
म ऑपरशन लड ( ेत ांित) काय म का ि या वयन करनेवाला अिभकरण ह। दु ध सहकारी सिमितय क
थापना क िलए कांफड ने ि तरीय ित प अपनाया ह, िजसक तीन तर िन न ह—
पशुपालन े का सबसे मुख उ पाद दूध ह। दूध का उ पादन 2015-16 म 82.88 लाख टन आ।
रा य म दूध उ पादन क िलए अनुकल प र थितयाँ उपल ध ह, जैसे—पशुपालन क अनुकल जलवायु,
जल, पया मा ा म चारा आिद।
1. ाम तर पर दु ध उ पादक क सहयोग सिमितयाँ।
2. िजला तर पर दु ध संघ।
3. रा य तर पर दु ध महासंघ।
कांफड गुजरात थत आनंद डयरी क ित प पर िबहार म भी दु ध उ पाद को सुधा डयरी क नाम से बाजार म
िवपणन करती ह।
2015-16 ई. म 19.5 हजार दु ध उ पादन सहयोग सिमितयाँ संगिठत ह, िजसम 14016 कायरत तथा 6042
पंजीकत ह। रा य म 6 दु ध उ पादक संघ और 3 दु ध प रयोजना कायरत ह, िजसम से 1 राँची दु धशाला
प रयोजना झारखंड म थत ह। रा य क दु ध संघ एवं दु ध प रयोजना को नीचे क तािलका म दशाया गया ह—
रा य म दु ध उ पादन सहयोग सिमितयाँ एवं दैिनक दूध सं हण (2015-16)
संघ/प रयोजना : वैशाली पाटिलपु दु ध संघ, पटना
सहयोग सिमितय क सं या (कायशील) : 2490
दैिनक दूध सं हण (हजार िकलो ाम म) : 307.73
संघ/प रयोजना : देशर न डॉ. राज साद दु ध संघ, बरौनी
सहयोग सिमितय क सं या (कायशील) : 1970
दैिनक दूध सं हण (हजार िकलो ाम म) : 457.52
संघ/प रयोजना : िमिथला दु ध संघ, सम तीपुर
सहयोग सिमितय क सं या (कायशील) : 1841
दैिनक दूध सं हण (हजार िकलो ाम म) : 353.67
संघ/प रयोजना : ितर त दु ध संघ, मुज फरपुर
सहयोग सिमितय क सं या (कायशील) : 1904
बकरी का पालन िबहार म अर रया, पूव चंपारण, भागलपुर, किटहार, पूिणया, िकशनगंज, बाँका, गोपालगंज आिद
म मु य प से िकया जाता ह। भेड़ मांस क साथ-साथ ऊन उ पादन का भी मुख ोत ह। भेड़ पालन िबहार म
मु य प से पठारी े म िकया जाता ह। रा य म भेड़ क सवािधक सं या कमूर, औरगाबाद, भोजपुर, सुपौल,
गया, जहानाबाद, प मी चंपारण, मुंगेर, नालंदा आिद िजल म ह। मुग पालन म भारत म िबहार का थान दूसरा
ह। मुग पालन मु य प से िबहार क उ री-पूव िह स म मुज फरपुर, िकशनगंज, पूिणया, अर रया, किटहार,
सारण, गया म िकया जाता ह।
िबहार म म य उ पादन
िबहार म जल क अंतगत कल े फल 273.3 हजार ह टयर ह। रा य क कल े फल का 3.9 ितशत भाग
जल े क अंतगत ह। अतः रा य म म य उ पादन क अपार संभावनाएँ ह। 2015-16 म 5.07 लाख टन
मछली का उ पादन आ, जो अभी तक का सवािधक ह। रा य म मछली उ पादन म दरभंगा, मधुबनी, सम तीपुर
और पूव चंपारण मुख िजले ह। म य बीज क उ पादन म दरभंगा और मुज फरपुर सबसे आगे ह। रा य म
129.37 लाख पए क यय से पटना क मीठापुर म म य अनुसंधान क क थापना का ताव ह। फतुहा क
सोना म म य बीज फाम क थापना क जा रही ह, िजस पर 99.68 लाख पए खच आएगा। म य पालक
क सुर ा क िलए 2011-12 म सावजिनक े क उप म ओ रएंटल इ योरस कपनी ारा बीमा योजना शु
क गई ह। इस योजना क तहत 3200 पए ित ह टयर क िक त तय क गई ह, िजसक आधी रकम लाभाथ
ारा तथा आधी रकम रा य सरकार ारा दी जाएगी। नीचे क तािलका म मछली एवं म य बीज उ पादन
करनेवाले िजल को दशाया गया ह—
मछली और म य बीज का उ पादन करनेवाला मुख िजला (2014-15)
.—1
िजला—दरभंगा
मछली उ पादन (हजार टन)—6542.5
.—1
िजला—मधुबनी
म य बीज उ पादन (लाख)—42.3
.—2
िजला—मुज फरपुर
मछली उ पादन (हजार टन)—530
.—2
िजला—दरभंगा
म य बीज उ पादन (लाख)—38.67
.—3
िजला—नालंदा
मछली उ पादन (हजार टन)—290
.—3
िजला—किटहार
म य बीज उ पादन (लाख)—36.96
.—4
िजला—भागलपुर
मछली उ पादन (हजार टन)—207.9
.—4
िजला—पूव चंपारण
म य बीज उ पादन (लाख)—36.88
िबहार म पशुधन और म य उ पादन
दूध (लाख टन)
2014-15—77.8
2015-16—82.88
अंड (करोड़)
2014-15—98.5
2015-16—100.2
ऊन (लाख िकलो ाम)
2014-15—2.78
2015-16—2.4
मांस (लाख टन)
2014-15—2.94
2015-16—3.02
मछली (लाख टन)
2014-15—4.79
2015-16—5.07
ोत : पुशपालन िवभाग, िबहार सरकार
पशुपालन े को ो सािहत करने क िलए रा य सरकार ने अनेक कदम उठाए ह, जैसे—पशु क िचिक सा,
बिधयाकरण, कि म गभाधान, टीकाकरण, चार क बीज आिद का मु त िवतरण आिद अनेक योजनाएँ चलाई गई
ह। 2010-11 से रा य म आधुिनक ौ ोिगक , दवा तथा उपकरण से यु एंबुलस क सुिवधा भी उपल ध
कराई जा रही ह। 2010-11 म इस कार क एंबुलस क सं या 20 थी, जो 2011-12 म बढ़कर 50 हो गई ह।
रा य सरकार ने पटना, मुंगेर, भागलपुर, सहरसा, पूिणया, मुज फरपुर, दरभंगा, छपरा और बाँका म कि म
गभाधान हतु तरल नाइ ोजन क िलए भंडार गृह थािपत िकया ह। रा य म मांस उ पादन को व छ एवं साफ-
सुथरा बनाने क िलए येक िजले म एक-एक करोड़ पए क लागत से आधुिनक वधशाला का िनमाण िकया जा
रहा ह, लेिकन मशीनीकरण एवं आधुिनक सुिवधाएँ, जैसे—कि म गभाधान क , शीतभंडार गृह आिद माँग क
तुलना म काफ कम ह, िजसक कारण उ पादकता कम ह। पशुपालन संबंधी सेवाएँ, जो रा य म िवकिसत क गई
ह, उसे नीचे क तािलका म दिशत िकया गया ह—
िबहार म पशुपालन संबंधी सेवाएँ (लाख म)
वष : 2012-13
पशु क िचिक सा : 28.24
टीकाकरण : 198.78
कि म गभाधान : 24.63
वष : 2013-14
पशु क िचिक सा : 25.12
टीकाकरण : 147.57
कि म गभाधान : 24.14
वष : 2014-15
पशु क िचिक सा : 32.99
टीकाकरण : 19.96
कि म गभाधान : 26.24
वष : 2015-16
पशु क िचिक सा : 33.89
टीकाकरण : 163.31
कि म गभाधान : 26.34
ोत : पुशपालन िवभाग, िबहार सरकार
भूिम सुधार
भूिम सुधार किष िवकास का मुख कारक ह। भूिम सुधार काय म क सफलता पर ही किष क अ य आगत
(Input), जैसे—िसंचाई, उवरक, क टनाशक, मशीनीकरण आिद क योग क सफलता िनभर करती ह। िबहार
भूिम सुधार अिधिनयम बनानेवाला देश का थम रा य ह। रा य म भूिम िवतरण म असमानता िबहार क किष क
मु य सम या ह। िबहार क 80 ितशत से अिधक जोत इकाइयाँ 1 ह टयर से कम क ह। रा य क अिधकांश
कषक सीमांत कषक क ेणी म या भूिमहीन िमक क प ह। िबहार म भूिम सुधार काय म का इितहास काफ
पुराना ह। लॉड कानवािलस ने 1793 ई. म िबहार-बंगाल े म थायी बंदोब त क तहत जम दारी यव था लागू
क । कानवािलस ारा लागू यव था म अ थायी भूिम बंधन और कछ भूिम पर पूणतः सरकारी िनयं ण थािपत
िकया गया, िजसे खासमहल भी कहा जाता था। 1938 ई. म िबहार म किष आयकर कानून लागू िकया गया।
वतं ता क बाद िबहार म भूिम िवतरण क असमानता को दूर करने क िलए कई अिधिनयम एवं कानून बनाए गए
ह, िजसम िन निलिखत मुख ह—
भूिम सुधार अिधिनयम, 1950, िजसम जम दारी उ मूलन एवं िबचौिलए क समा संबंधी कानून बनाया गया।
1953 ई. म िबहार क सम त भूिम पर सरकारी वािम व थािपत िकया गया।
बटाईदारी अिधिनयम, 1957 लागू िकया गया। इसे रयासत का तकारी अिधिनयम भी कहा जाता ह, िजसम 1
एकड़ से कम वािम व वाले िकसान को बटाईदारीवाली भूिम पर थायी बटाईदारी अिधकार देने का कानून बनाया
गया।
1961 म भूिम हदबंदी अिधिनयम लागू िकया गया, िजसम भूिम क अिधकतम सीमा िनधा रत क गई। इस
अिधिनयम क अंतगत एक य क पास अिधकतम नहर िसंिचत भूिम का 20 एकड़ या अिसंिचत भूिम का 60
एकड़ तक जमीन रखने क यव था क गई। इस अिधिनयम म 1973, 1976 एवं 1982 ई. म संशोधन िकया
गया।
1986 ई. म का तकारी अिधिनयम लागू िकया गया ह।
इन कानून क सही ि या वयन नह होने क कारण आज भी भूिम िवतरण म असमानता कायम ह, िजससे किष
उ पादन पर िवपरीत असर पड़ा ह। 2006 ई. म रा य सरकार ारा भूिम सुधार आयोग का गठन डी. बं ोपा याय
क अ य ता म िकया गया, िजसका काय भूिम क सीमा िनधा रत करना तथा ामीण े म बंदोब ती यव था
को लागू करने पर िवचार-िवमश करना था। इस आयोग ने 2006-07 म भूदान से संबंिधत अपना ितवेदन सरकार
को स पा। रा य म भूिम रकॉड का अ तन न होना भी एक बड़ी सम या ह, य िप भू रकॉड को िडिजटलाइजेशन
करने का पायलट ोजे ट मुज फरपुर िजले क मुसहरी सिकल म ारभ िकया गया ह। नेशनल इफॉमशन सटर
(NIC) क सहयोग से सभी िजल म भूिम रकॉड को क यूटरीकत िकया जा रहा ह।
िबहार क भूिम सुधार काय पर 1885 ई. क िबहार का तकारी अिधिनयम क बटाईदारी यव था का भी भाव
पड़ा ह। 1885 ई. म यह यव था क गई थी िक अगर कोई बटाईदार िकसी जमीन को 12 साल से लगातार जोत
रहा ह, तब उस जमीन पर बटाईदार का अिधभोगािधकार होगा। 1970 ई. म िबहार सरकार ारा बटाईदार कानून
म संशोधन िकया गया, िजसक अनुसार कोई बटाईदार का उस जमीन पर कोई हक नह होगा, िजसका भू वामी 5
एकड़ िसंिचत या 10 एकड़ अिसंिचत जमीन का अिधभोगािधकार रखता हो या भू वामी अंधा, कोढ़ी, लकवा त,
पागल, िवधवा या सैिनक म से कोई एक हो।
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57.4 ितशत ह। इसम भी कल सृिजत मता 67.46 लाख ह टयर म से मा 57.63 लाख ह टयर का ही
उपयोग िकया जा रहा ह, जो कल अनुमािनत िसंचाई मता का मा 49.0 ितशत ह। नीचे क तािलका म िबहार
क कल िसंचाई मता, सृिजत मता एवं यु मता को दशाया गया ह—
िसंचाई मता, सृिजत मता एवं यु मता ( े फल लाख ह टयर म)
िसंचाई मता का कार : बृहद एवं म यम िसंचाई
कल अनुमािनत मता : 53.53
सृिजत मता (2007-15) : 29.25
उपयोग म लाई गई मता : 19.42
िसंचाई मता का कार : लघु िसंचाई
कल अनुमािनत मता : 64.01
सृिजत मता (2007-15) : 38.21
उपयोग म लाई गई मता : 38.21
िसंचाई मता का कार : कल
कल अनुमािनत मता : 117.54
सृिजत मता (2007-15) : 67.46
उपयोग म लाई गई मता : 57.63
ोत : लघु जल संसाधन िवभाग और जल संसाधन िवभाग, िबहार सरकार
रा य सरकार ने 2017-22 क अविध क दौरान 59.51 लाख ह टयर अित र िसंचाई मता सृिजत करने क
योजना बनाई ह। रा य म लघु िसंचाई क अनुमािनत मता लगभग 64.01 लाख ह टयर ह, िजसम 15.44 लाख
ह टयर भूतल िसंचाई मता और 48.57 लाख ह टयर भूजल िसंचाई मता ह। िबहार म लघु िसंचाई ोत से
िसंिचत े को नीचे क तािलका म दशाया गया ह—
( े फल ह टयर म)
ोत : भूतल नहर
2012-13 : 36315
2013-14 : 26086
2014-15 : 9310
आिद िजल म िसंचाई होती ह। इस नहर से सवािधक लाभ ा करनेवाला िजला प मी चंपारण ह।
प मी ि वेणी नहर क कल लंबाई 200 िकलोमीटर ह, िजसका नेपाल म 19 िकलोमीटर, उ र देश म 112
िकलोमीटर तथा िबहार म 69 िकलोमीटर भाग ह। इस नहर को सारण नहर भी कहते ह, य िक इससे िसंिचत िजले
सारण मंडल क गोपालगंज, सारण, सीवान ह। इस नहर णाली से 4.84 लाख ह टयर क िसंचाई होती ह।
गंडक प रयोजना क अंतगत दो और नहर पूव नेपाल नहर और प मी नेपाल नहर ह, दोन नहर नेपाल म
थत ह। प म नेपाल नहर पर ही नेपाल म सूरजपुरा म जल िव ुत क थािपत ह, जबिक पूव नहर पर
वा मीिक नगर म जल िव ुत क थािपत ह। इन दोन जल िव ुत क क उ पादन मता 15-15 मेगावाट ह।
सोन प रयोजना
िबहार क थम बृहद िसंचाई प रयोजना सोन प रयोजना का िनमाण 1874 ई. म डहरी क पास बा न नामक
थान पर बाँध बनाकर िकया गया था। इस बाँध क लंबाई 3801 मीटर तथा ऊचाई 2.44 मीटर ह। यह िसंचाई
प रयोजना िबहार क सबसे सूखा त े दि णी-प मी िबहार को िसंिचत करने क िलए बनाई गई थी, िजसका
लाभ भी ा आ ह। वतमान समय म यह े िबहार का अ भंडार बन चुका ह। 1968 ई. म इ पुरी म
14010 मीटर लंबे एक बैराज का िनमाण िकया गया ह। डहरी क पास से सोन नदी से दो नहर िनकाली गई ह—
1. पूव सोन नहर,
2. प मी सोन नहर।
पूव सोन नहर िजसक कल लंबाई 130 िकलोमीटर ह, यह बा न से िनकलकर पटना तक जाती ह। इस नहर
से लगभग 2.5 लाख ह टयर भूिम पर िसंचाई होती ह। इस नहर ारा औरगाबाद, गया, जहानाबाद, अरवल और
पटना िजले म िसंचाई होती ह।
प मी सोन नहर डहरी क पास से िनकलती ह। इस नहर से रोहतास, कमूर, ब सर, भोजपुर आिद िजल म
िसंचाई होती ह। प मी नहर ारा लगभग 3 लाख ह टयर से अिधक भूिम क िसंचाई क जाती ह। सोन नहर
णाली पर 2 जल िव ुत क थािपत िकए गए ह—
1. डहरी जल िव ुत क —6.6 मेगावाट,
2. बा न जल िव ुत क —3.3 मेगावाट।
6000-8000 यूसेक पानी क ज रत होती ह, जबिक 3000-4000 यूसेक पानी ही उ र देश ारा सोन नदी
म छोड़ा जाता ह। उ र देश ारा सोन क सहायक रहद नदी पर बाँध बनाए जाने से यह सम या उ प ई।
उ र देश िबहार क साथ तय समझौते क तहत ही उ र देश 5000 यूसेक जल वाह ितिदन छोड़गा, िजसक
आधार पर िबहार म 1967 ई. म डहरी क पास सोन नदी पर इ पुरी बैराज का िनमाण िकया गया तथा दो नहर का
िनमाण आ, लेिकन 1975 ई. क बाद से सोन क जल वाह म कमी आने लगी और िबहार म िसंचाई क
सम या उ प होने लगी। म य देश म भी सोन नदी पर शहडोल िजले म जल िव ुत उ पादन क िलए बाँध
बनाने का ताव रखा गया।
इस सम या क समाधान हतु 1973 ई. म म य देश िबहार और उ र देश क बीच सोन नदी से
संबंिधत जल बँटवारा समझौता िकया गया। बाणसागर जलाशय का िनमाण म य देश क शहडोल
िजले म सोन नदी पर बाँध बनाकर िकया गया ह।
अतः इस सम या क समाधान हतु 1973 ई. म म य देश िबहार और उ र देश क बीच सोन नदी से संबंिधत
जल बँटवारा समझौता िकया गया। बाणसागर जलाशय का िनमाण म य देश क शहडोल िजले म सोन नदी पर
बाँध बनाकर िकया गया ह। इसका नामाकरण सं कत क िस िव ा बाणभ क नाम पर आ ह। इस बाँध
का िनमाण काय 1978 ई. म ारभ आ तथा 2006 ई. म पूरा आ। इस समझौते क अनुसार सोन और उसक
सहायक निदय का कल वािषक जल वाह 14250 लाख एकड़ फ ट संभािवत ह, िजसम िबहार को 7750 लाख
एकड़ फ ट, उ र देश को 1250 लाख एकड़ फ ट और म य देश को 5250 लाख एकड़ फ ट आवंिटत िकया
गया। िबहार क 7750 लाख एकड़ फ ट जल से 50 लाख एकड़ फ ट जल सोन नहर क िलए सुरि त रखा गया।
समझौते म यह भी ावधान था िक यिद सोन क े म कम जल उपल धता होगी तो तीन रा य क िह से म जो
कटौती होगी, उससे सोन नहर क िलए सुरि त 50 लाख एकड़ फ ट जल आवंटन भािवत नह होगा। बाणसागर
जलाशय क मता 40 लाख एकड़ फ ट क ह, िजससे म य देश, िबहार और उ र देश को 2:1:1 क
अनुपात म जल आवंिटत िकया जाएगा तथा इसक िनमाण क लागत भी इसी अनुपात म बाँटी गई थी। िबहार म
इस प रयोजना से 940 वग िकलोमीटर े फल पर िसंचाई होती ह। इस प रयोजना क तहत 425 मेगावाट िबजली
का उ पादन होता ह, िजसका उपयोग म य देश करता ह।
इसक अित र उ र देश क िह से म सोन नदी क सहायक नदी कनहर से 250 लाख एकड़ फ ट जल देने
का ावधान था। बाण सागर समझौते क बावजूद िबहार को जल आपूित पया मा ा म नह हो रही ह। उ र देश
एवं म य देश िबहार क िह से क पानी को रोककर अपनी पनिबजली प रयोजना को जल उपल ध कराते ह।
1980 ई. म इस सम या से िनबटने क िलए सोन नदी आयोग का गठन आ था, पर आपसी मतभेद एवं क क
उदासीनता क कारण 1987 ई. म इसे भंग कर िदया गया।
ब ेशीय प रयोजना क अित र कछ अ य नहर का भी िवकास िकया गया ह, िजसम िन निलिखत मुख ह
—
1. ढाका नहर—पूव चंपारण ।
2. तेउर नहर—पूव चंपारण म तेउर नदी पर।
3. कमला नहर—कमला नदी पर, दरभंगा-मधुबनी िजले म।
4. सकरी नहर—सकरी नदी पर, गया एवं मुंगेर िजले म।
5. यमुना नहर—यमुना नदी क बाई ओर, जहानाबाद िजले म।
नलकप
नलकप िसंचाई का ारभ िबहार क मैदानी भाग म 1930 ई. म आ। इसका सवािधक िवकास अर रया, गया,
सम तीपुर, बेगूसराय, िकशनगंज, िशवहर, नालंदा, जहानाबाद आिद िजल म आ ह। नलकप ारा सवािधक
िसंचाई अर रया म क जाती ह। नलकप ारा सबसे कम िसंचाई रोहतास िजले म क जाती ह, िजसका मूल कारण
इस े म नहरी िसंचाई का िवकास होना ह।
रा य सरकार ारा िबहार शता दी िनजी नलकप योजना नामक एक स सडी आधा रत योजना शु क गई ह।
इस योजना क अंतगत दो कार क नलकप लगाए जा रह ह—
1. िछछले नलकप (70 मीटर गहर),
2. म यम गहराईवाले नलकप (70-100 मीटर गहर)।
िछछले नलकप क िलए अिधकतम 15000 पए और गहर नलकप क िलए 35000 पए िदए जा रह ह। िनजी
नलकप को ो सािहत करने क िलए दो योजनाएँ—िमिलयन शैलो यूबवेल ो ाम और िबहार भूजल िसंचाई
योजना (िबगिवस) ारभ क गई ह।
िबहार म िसंचाई क अ य ोत म कएँ, तालाब, पोखर, आहर, पइन, चौर आिद ह। तालाब ारा िसंचाई का
काय मु य प से सीवान, भागलपुर, सहरसा, मुज फरपुर एवं गया िजल म िकया ह, जबिक आहर और पइन
जैसे िसंचाई ोत का सवािधक योग पटना, मुंगेर, दरभंगा और भोजपुर िजल म िकया जाता ह। रा य म िसंचाई
मता का सवािधक योग 80 ितशत धान एवं गे क किष क िलए िकया जाता ह।
इसक अित र अनेक िसंचाई प रयोजनाएँ भी ह, िजसम दुगावती जलाशय योजना, ऊपरी िकऊल जलाशय
प रयोजना, बागमती प रयोजना, बरनाल जलाशय प रयोजना मुख ह। दुगावती जलाशय योजना कमूर एवं रोहतास
िजल क िसंचाई योजना ह। दुगावती नदी कमूर क पहाड़ी से िनकलकर कमनाशा नदी म िमलती ह। ऊपरी
िकऊल जलाशय प रयोजना िकऊल नदी पर टहरी गाँव म बाँध बनाकर िनिमत क गई ह। इससे लखीसराय एवं
मुंगेर म िसंचाई होती ह। बागमती प रयोजना क अंतगत सीतामढ़ी क डाँग क पास रामनगर म बाँध बनाकर नहर
िनकाली गई ह। बरनाल जलाशय योजना जमुई िजले क बरनाल नदी पर िनिमत ह।
िसंचाई क उ े य से अनेक बाँध का िनमाण िकया गया ह। इन बाँध म चंदन जलाशय बाँध चंदन नदी पर,
भागलपुर म 1972 ई. तथा बढआ जलाशय बाँध बढआ नदी पर, भागलपुर म 1965 ई. म थािपत िकया गया ह।
िबहार क मुख िसंचाई प रयोजनाएँ
िबहार म जल संसाधन क ब लता क बावजूद सूखे क थित उ प होती रहती ह। अतः जल संसाधन क
अनुकलतम उपयोग हतु निदय क अंतसबंधन पर बल िदया जा रहा ह। मुख नदी अंतसबंधन योजना को नीचे क
तािलका म दिशत िकया गया ह—
िबहार म नदी अंतसबंधन योजना
निदय का नाम : बूढ़ी गंडक-नून-वाया-गंगा
लाभ ा करनेवाले िजले : सम तीपुर, बेगूसराय, खगिड़या
वष : 2015-16
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 995
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 5957
िव ुत क अनुमािनत उपल धता (मेगावाट म) : 5314
वष : 2016-17
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 1476
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 6750
िव ुत क अनुमािनत उपल धता (मेगावाट म) : 8032
वष : 2017-18
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 1855
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 7597
िव ुत क अनुमािनत उपल धता (मेगावाट म) : 8935
वष : 2018-19
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 2191
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 8385
िव ुत क अनुमािनत उपल धता (मेगावाट म) : 9314
वष : 2019-20
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 2637
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 9181
िव ुत क अनुमािनत उपल धता (मेगावाट म) : 9314
वष : 2020-21
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 3190
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 9982
रा य म मु यतः रोहतास िजले क ऊपरी िवं य शैल समूह म यह खिनज पाया जाता ह। रोहतास क अमझोर म
109 वग िकलोमीटर े म लौह पायराइट पाया जाता ह। मंदा, क रयारी और कर रया म लगभग 40 करोड़ टन
का पायराइट का िन ेप ह। यह खिनज गंधक का ोत ह। इसका उपयोग सुपर फा फट, स फर एिसड, रयोन,
पे ोिलयम शोधन, ठोस रबड़ व चीनी बनाने म िकया जाता ह। क सरकार क ारा पायराइट फॉ फट ऐंड
किमक स िलिमटड (पी.पी.सी.एल.), एक सावजिनक उप म क थापना अमझोर म क गई ह।
चीनीिम ी
गे्रनाइट क फ सपार खिनज क य होने से चीनीिम ी का िनमाण होता ह। इस िम ी म पोटाश और सोडा
का अभाव होने क कारण यह अ न ितरोधक होती ह। इसका उपयोग सेरिमक आइटम, तापसह भ याँ, व
उ ोग, उवरक उ ोग, औषिध, पट, क टनाशक व सीमट उ ोग आिद म िकया जाता ह। यह रा य क भागलपुर,
वैशाली एवं मुंगेर िजले म पाया जाता ह।
अ नसह िम ी
अवसादी शैल से उ प इस कार क िम ी उ ताप को सहनेवाली होती ह। इसका उपयोग उ ताप क
भ य , बॉयलर, अ नसह उपकरण क िनमाण म िकया जाता ह। यह रा य म मुंगेर, भागलपुर और पूिणया िजले
म अिधकांशतः पाया जाता ह।
चूना प थर
यह िवं य शैल म भारी जमाव क प म िमलता ह। ब पयोगी खिनज सीमट और लौह इ पात का मुख क ा
माल ह। चीनी उ ोग म इसक आव यकता चीनी क शु ीकरण म होती ह। रा य म उ म ेणी का चूना प थर
रोहतास क पहािड़य , कमूर क पठार एवं मुंगेर से ा होता ह। इस ेणी क चूना प थर से सीमट का िनमाण
होता ह। म यम व िन न ेणी का चूना प थर इ पात उ ोग, चीनी उ ोग व भवन िनमाण साम ी म योग िकया
जाता ह। रा य म इसक सवािधक खान रोहतास क रामडीहरा, बौिलया और बंजारी आिद े म ह।
ए बे टस
मै नीिशयम, िसिलका एवं जल क संयोग से इस रशेदार खिनज का िनमाण होता ह। काइसोलाइट और एंफ बोल
इसक मुख िक म ह। िव ु का ितरोधक एवं उ ताप सहन मता होने क कारण इसका योग अ न एवं
िव ु क संपक म आनेवाले उपकरण क िनमाण म िकया जाता ह। रल क िड ब , जहाज , बॉयलर आिद म
इसका योग िकया जाता ह। अ नशमन काय म इसी से बने कपड़ यु िकए जाते ह। रा य क मुंगेर िजले म
इसक खान पाई जाती ह।
शोरा
सोिडयम नाइ ट और पोटिशयम क प म पाया जानेवाला यह खिनज रा य म ितवष 20000 टन उ पािदत
िकया जाता ह। इसका योग िव फोटक िनमाण, काँच उ ोग और इ पात को लचीला बनाने क िलए िकया जाता
ह। रा य म मुज फरपुर, सारण, दरभंगा, गया एवं मुंगेर िजल म यह खिनज पाया जाता ह।
मोनोजाइट
पैगमेटाइट िशला से ा होनेवाला यह खिनज थो रयम, यूरिनयम, सी रयम और टटलम का िम ण ह। रा य
खिनज : चीनीिम ी
थान : मुंगेर, भागलपुर
खिनज : ेनाइट, ए बे टस
थान : मुंगेर
खिनज : डोलोमाइट
थान : रोहतास
खिनज : लेट, िसिलका
थान : मुंगेर
खिनज : यूरिनयम
थान : गया, नवादा
खिनज : शोरा
थान : सारण, गोपालगंज, सीवान, वैशाली, मुज फरपुर
खिनज : सोना
थान : मुंगेर
खिनज : फायर े
थान : भागलपुर
खिनज : बेरीिलयल
थान : नवादा
खिनज : पे ोिलयम
थान : प मी चंपारण, सहरसा, पूिणया, िकशनगंज
उ ोग-धंधे
एक ऐसा म, िजसम क े पदाथ क व प को बदलकर अिधक उपयोगी बना िदया जाता ह, उ ोग
कहलाता ह। उ ोग अथ यव था का तीयक े कहलाता ह। िबहार म िवभाजन क बाद औ ोिगक िवकास
क गित ब त धीमी रही ह। इसका सबसे बड़ा कारण खिनज संसाधन का अभाव ह। उ ोग क थापना क िलए
आव यक दशाएँ क ा माल, कशल म, पूँजी, तकनीक, प रवहन साधन, बाजार आिद ह। इन कारक क िबहार
म कमी ह। यहाँ औ ोिगक आधारभूत संरचना का अभाव ह। क े माल एवं श संसाधन क कमी क कारण
तथा किष यो य मैदानी े फल क अिधकता क कारण िबहार मूलतः किष आधा रत अथ यव था वाला रा य ह।
िबहार म किष क अनुकल भौगोिलक प र थितयाँ उपल ध ह, लेिकन औ ोिगक संरचना क अभाव म किष-
आधा रत उ ोग का भी िवकास नह हो पाया ह।
िबहार म किष-आधा रत संसाधन क आधार पर चावल िमल, चीनी उ ोग, फड ोसेिसंग उ ोग, दाल िमल
उ ोग, जूट एवं उस पर आधा रत उ ोग तथा वन-आधा रत उ ोग सीिमत मा ा म थािपत ए ह, परतु इसक
िवकास क असीम संभावना ह। िबहार क दि णी पठारी भाग म सीिमत मा ा म खिनज संसाधन, जैसे—चूना
प थर, बलुआ प थर, ऌपायराइट आिद क उपल धता ह, िजसक आधार पर सीमट उ ोग िवकिसत आ ह।
िबहार इस कार औ ोिगक िवकास क ि कोण से असंतुलन क अव था म ह। औ ोिगक िमक क ि से
अिखल भारतीय तर पर िबहार का िह सा मा 5.2 ितशत ह। 2015-16 म रा य क सकल घरलू उ पाद
(GSDP) म तीयक े का योगदान मा 19 ितशत ह, जबिक रा ीय तर पर 30 ितशत से अिधक ह। यह
देश क कई रा य क तुलना म ब त कम ह।
नीचे क तािलका म िबहार क GSDP म तीयक े क योगदान को अ य रा य क साथ तुलना मक ि
से िदखाया गया ह—
रा य : आं देश
2014-15 : 26.5
2015-16 : 26.6
रा य : ओिडशा
2014-15 : 29.6
2015-16 : 41.4
रा य : िबहार
2014-15 : 17.9
2015-16 : 19
रा य : तिमलनाड
2014-15 : 34.9
2015-16 : 34.7
रा य : गुजरात
2014-15 : 45
2015-16 : 45
रा य : उ र देश
2014-15 : 28.1
2015-16 : 27.7
रा य : झारखंड
2014-15 : 44.6
2015-16 : 43.7
रा य : कनाटक
2014-15 : 28.1
2015-16 : 28
रा य : म य देश
2014-15 : 27
2015-16 : 26.9
रा य : भारत
2014-15 : 31.2
2015-16 : 31.3
ोत : वािषक सव, उ ोग
िबहार न कवल औ ोिगक ि से िपछड़ा रा य ह, ब क औ ोिगक िवकास क िवतरण म भी े ीय
असमानता पाई जाती ह। औ ोिगक इकाइय का िवतरण सभी िजल म समान प से नह ह। बड़ और म यम
आकार क औ ोिगक इकाइयाँ सवािधक पटना म थत ह जबिक कोसी मंडल म एक भी औ ोिगक इकाई
थािपत नह ह। वतमान म रा य क 38 म से 10 िजले ऐसे ह, जहाँ एक भी औ ोिगक इकाई थािपत नह ह।
नीचे क तािलका म मंडलवार बड़ और म यम औ ोिगक इकाइय को दशाया गया ह—
मंडल का नाम : पटना
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 38.2
मंडल का नाम : ितर त
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 21.6
मंडल का नाम : मगध
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 7.9
मंडल का नाम : दरभंगा
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 7.3
मंडल का नाम : मुंगेर
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 6.9
मंडल का नाम : पूिणया
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 6.9
मंडल का नाम : सारण
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 5.4
मंडल का नाम : भागलपुर
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 3.9
मंडल का नाम : कोसी
बड़ी एवं म यम औ ोिगक इकाई ( ितशत म) : 0
िबहार क औ ोिगक इकाइय को आकार क आधार पर बृहत, म यम एवं लघु वग म बाँट सकते ह—
बड़ उ ोग
रा य िवभाजन क बाद अिधकांश बड़ उ ोग झारखंड म चले गए तथा िबहार म औ ोिगक आधारभूत संरचना
क कमी क कारण नई औ ोिगक इकाइय क थापना भी ब त धीमी गित से ई ह। िबहार क बड़ उ ोग, जैसे
—सीमट, चीनी, जूट आिद सम या से िसत ह।
लघु, छोट एवं म यम उ ोग
वतमान िबहार म लघु एवं कटीर उ ोग क िवकास क अिधक संभावना ह। बड़ उ ोग पूँजी- धान होते ह तथा
रोजगार क कम अवसर उपल ध कराते ह, जबिक लघु एवं कटीर उ ोग म- धान होते ह। कम पूँजी म रोजगार
क अिधक अवसर उपल ध कराते ह। छोट उ ोग को िवकिसत करने क उ े य से ही िजला उ ोग क क
थापना क गई ह।
आगे क तािलका म िबहार एवं दूसर रा य म थािपत कारखान क सं या तथा उनम उपल ध कराए गए
रोजगार को तुलना मक प से दिशत िकया गया ह।
रा य म कारखान एवं किमय क सं या वष 2013-14
रा य : आं देश
संचािलत कारखान क सं या : 12941
िनयोिजत किमय क सं या : 522057
रा य : िबहार
संचािलत कारखान क सं या : 3132
िनयोिजत किमय क सं या : 113594
रा य : छ ीसगढ़
संचािलत कारखान क सं या : 2271
िनयोिजत किमय क सं या : 166236
रा य : गुजरात
संचािलत कारखान क सं या : 18069
िनयोिजत किमय क सं या : 1372669
रा य : ह रयाणा
संचािलत कारखान क सं या : 5293
िनयोिजत किमय क सं या : 612419
रा य : झारखंड
संचािलत कारखान क सं या : 2347
िनयोिजत किमय क सं या : 187877
रा य : कनाटक
संचािलत कारखान क सं या : 10062
िनयोिजत किमय क सं या : 927392
रा य : करल
संचािलत कारखान क सं या : 6143
िनयोिजत किमय क सं या : 351662
रा य : म य देश
संचािलत कारखान क सं या : 3437
िनयोिजत किमय क सं या : 322833
रा य : महारा
संचािलत कारखान क सं या : 23369
िनयोिजत किमय क सं या : 1886025
रा य : ओिडशा
संचािलत कारखान क सं या : 2399
िनयोिजत किमय क सं या : 260771
रा य : पंजाब
संचािलत कारखान क सं या : 10394
िनयोिजत किमय क सं या : 602818
रा य : राज थान
संचािलत कारखान क सं या : 7874
िनयोिजत किमय क सं या : 470078
रा य : तिमलनाड
संचािलत कारखान क सं या : 28597
िनयोिजत किमय क सं या : 2046553
रा य : उ र देश
संचािलत कारखान क सं या : 12382
िनयोिजत किमय क सं या : 912206
रा य : प म बंगाल
संचािलत कारखान क सं या : 7895
िनयोिजत किमय क सं या : 645738
रा य : भारत
संचािलत कारखान क सं या : 185690
िनयोिजत किमय क सं या : 13538114
ोत : वािषक सव ण, उ ोग
किष-आधा रत उ ोग
िबहार म किष-आधा रत मुख उ ोग म चीनी उ ोग, चावल िमल उ ोग, व उ ोग, फड ोसेिसंग उ ोग,
दाल िमल उ ोग, जूट एवं उस पर आधा रत उ ोग ह।
चीनी उ ोग
चीनी उ ोग िबहार का सबसे मुख उ ोग रहा ह। यह अशु क े माल पर आधा रत अथा वजन स उ ोग
ह। िबहार म 100 टन ग े से लगभग 10 टन चीनी का उ पादन होता ह। चीनी उ ोग का क ा माल ग ा िबहार
म उ री-प मी भाग एवं उ री गंगा क मैदान म अिधक मा ा म उगाया जाता ह। उ री िबहार क मैदानी े म
उपजाऊ जलोढ़ मैदान, िसंचाई क सुिवधा एवं अनुकल जलवायु ग ा उ पादन क िलए आदश भौगोिलक थित
पैदा करती ह। रा य म लगभग 3 लाख ह टयर े फल पर ग े क खेती होती ह, जो कल किष े फल का 6
ितशत ह। िबहार म 2014-15 म 29 चीनी िमल ह, िजसम 19 िमल बंद ह। ये सभी िमल िनजी े म ह। 2015-
16 म 515 लाख टन ईख क पेराई ई और 50 लाख टन चीनी का उ पादन आ। िबहार रा य चीनी िनगम क
अंतगत दो चीनी िमल ह िज ह 2011 ई. म HPCL को लीज क आधार पर िदया गया ह।
िबहार म थम चीनी िमल क थापना डच कपनी ारा 1841 ई. म करने का यास िकया गया था, लेिकन
असफल रहा। अतः थम सफल चीनी िमल क थापना 1903 ई. म मढ़ौरा (सारण) म ई थी। चीनी उ ोग क
मुख क मढ़ौरा, चनपिटया, सुगौली, सकरी, िबहटा, गेरौल, मोतीपुर, वारसलीगंज आिद ह। वतं ता क समय
1947 ई. म िबहार का देश म चीनी उ पादन म तीय थान था। िबहार भारत का 22.7 ितशत चीनी उ पादन
करता था, जो वतमान म घटकर मा 2 ितशत हो गया ह। वतं ता क समय देश म कल 66 चीनी िमल
इकाइयाँ थ , िजसम 33 िबहार म थ , जबिक वतमान म देश म 386 चीनी िमल इकाई ह, िजसम िबहार म मा
29 ह। इसम भी अिधकांश बीमार अव था म ह। 1974 ई. म बीमार चीनी उ ोग क इकाइय क िवकास क
िलए िबहार रा य चीनी िनगम क थापना सरकारी कपनी क प म क गई थी। 1976 ई. म 7 बीमार चीनी
िमल का रा ीयकरण िकया गया, िजसम बनमंखी, गोरौल, रयाम, वारसलीगंज, सम तीपुर एवं गुरा थ । पुनः
1977 ई. म लोहट तथा सकरी, 1979 ई. म यू सीवान तथा 1980 ई. म मोतीपुर चीनी िमल का रा ीयकरण
िकया गया।
िबहार म चीनी उ ोग का भौगोिलक िवतरण
उ री-प मी िबहार
यह कोसी नदी क प म म थत उ री गंगा का मैदान ह, िजसम प मी चंपारण, सीवान, सारण,
गोपालगंज, वैशाली, दरभंगा, सम तीपुर िजले स मिलत ह। इस े म चीनी िमल क 21 इकाइयाँ थािपत ह।
दि णी-प मी िबहार
इसम रोहतास, भोजपुर, गया, नवादा व पटना िजले शािमल ह। इनम चीनी िमल क 8 इकाइयाँ थािपत ह।
िबहार म चीनी िमल थािपत होने क मुख कारक िन निलिखत ह—
उ ण आ जलवायु, जो ग ा किष क िलए अनुकल ह।
100 सटीमीटर से अिधक वषा एवं नहर व नलकप से िसंचाई क सुिवधा।
बाढ़ से नवीकत उपजाऊजलोढ़ मैदान का िनमाण।
रा य म ग ा का एकमा मुख नकदी फसल होना।
िव तृत बाजार एवं सघन म क उपल धता।
सड़क एवं रलमाग ारा देश क अ य भाग से जुड़ा होना।
िबहार क चीनी उ ोग क मुख सम याएँ
िबहार, जो वतं ता क समय देश का दूसरा बड़ा चीनी उ पादक रा य था, वतमान समय म मा 3 लाख टन
उ पादन कर रहा ह। अिधकांश चीनी िमल इकाइयाँ णाव था म ह। िबहार क चीनी उ ोग क मुख सम याएँ
िन निलिखत ह—
अिधकांश इकाइयाँ पुरानी ह िजनक कल-पुज िघस गए ह, िजससे लागत ऊची होती ह और िन न गुणव ा का
चीनी उ पादन होता ह। अतः माँग कम होती ह, िजसक कारण लाभ और बचत कम होती ह।
पूँजी क कमी ह। िबहार म िन न बचत दर, िन न पूँजी िनमाण दर एवं ऊचे याज दर आिद क कारण पूँजी क
सम या उ प होती ह। आधारभूत संरचना, जैसे—िबजली, सड़क, रल वैगन संचार आिद क कमी ह।
िन न गुणव ा वाले ग े का उ पादन, िजससे चीनी क ा कम होती ह।
ितकल सरकारी नीितयाँ, जैसे—चीनी िवपणन पर ैत मू य णाली लागू ह, िजसक कारण 1967 ई. से चीनी
िमल को 30-60 ितशत चीनी सरकार को िन न मू य पर सावजिनक िवतरण णाली म देनी पड़ती ह।
ग े का उ यूनतम समथन मू य होने क कारण चीनी िमल इकाइय को घाटा हो रहा ह।
चीनी क ा ( ितशत म) : 10
ोत : ग ा िवभाग, िबहार सरकार
कपड़ा उ ोग
िबहार म कपड़ा उ ोग क अंतगत मु य प से हथकरघा, िस क और जूट मुख उ ोग ह। रा य म सूती व
का िवकास ब त कम आ ह, िजसका कारण सूती व उ ोग क क े माल कपास का उ पादन नह होना ह।
िबहार म मु य प से हथकरघा े का िवकास आ ह। हथकरघा े म 1.32 लाख से अिधक बुनकर काय
कर रह ह। रा य म 1089 ाथिमक बुनकर सहयोग सिमितयाँ कायरत ह, िजसक अंतगत 15 हजार हथकरघा
कायरत ह। रा य म 2 िवपणन संगठन शीष संगठन क प म कायरत ह—
1. िबहार हथकरघा सहकारी संघ,
2. िबहार रा य ऊन एवं भेड़ संघ।
इसक अंतगत छह े ीय हथकरघा संघ नालंदा, सीतामढ़ी, सीवान, मधुबनी, पूिणया और भागलपुर म थत ह।
आई.एल. ऐंड एफ.एस. ारा रा य म िकए गए सव ण क अनुसार 54 ितशत बुनकर क पास अपने हथकरघे
थे और 46 ितशत क पास भाड़ पर िलये गए हथकरघे थे। लगभग 62 ितशत बुनकर क आय का मुख ोत
बुनाई से ा आय ह। रा य म हथकरघा बुनकर को िश ण देने और उनम मता वृ करने क िलए सरकार
ारा 8 सं थान थािपत िकए गए ह। ये सं थान चाकद (गया), अमरपुर (बाँका), ओबरा (औरगाबाद), पटना
शहर (पटना), बरान (भागलपुर), काको (जहानाबाद), झ गानगर (नालंदा) और पूिणया शहर (पूिणया) म थत
ह। वतमान समय म हथकरघा उ ोग अनेक कार क सम या से जूझ रहा ह, जैसे—
क े माल क कमी।
नई तकनीक ारा िश ण का अभाव।
मू य िनधारण का तािकक नह होना।
ऋण सुिवधा का उपल ध नह होना।
िवपणन क सम या।
सरकार ारा हथकरघा उ ोग को बढ़ावा देने क िलए कई यास िकए गए ह। मु यमं ी समेिकत हथकरघा
िवकास योजना नामक एक योजना 2012-13 म आरभ क गई ह। इस योजना क तहत नए करघे खरीदने क िलए
बुनकर को 15,000 पए, माल खरीदने क िलए 5,000 पए तथा वक शेड बनाने क िलए 40,000 पए ित
बुनकर उपल ध कराए जाते ह।
रा य म भागलपुर, गया और बाँका िजल म 14,000 पावरलूम कायरत ह। इन पावरलूम इकाइय से टपल
चादर और सजावटी कपड़ आिद का उ पादन होता ह। भारत सरकार क व मं ालय ारा भागलपुर क
नाथनगर म एक िश ण क थािपत िकया गया ह, िजसम ितवष 120 पावरलूम बुनकर को िश ण िदया
जाता ह।
िबहार म हथकरघा क संक णवाले िजले
िजला : भागलपुर
उ पादन : सजावटी कपड़, टपल चादर, िनयात यो य रशमी और सूती कपड़
िजला : बाँका
उ पादन : तसर रशम, िनयात यो य रशमी कपड़
िजला : गया
उ पादन : रशमी और सूती कपड़
िजला : नालंदा
उ पादन : सजावटी पद, िब तर क खोल, आंत रक स ा सामि याँ और सजावटी कपड़
िजला : नवादा
उ पादन : तसर रशम और मिहला क पोशाक क सामान
िजला : दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी
उ पादन : सूती कपड़ क महीन थान, धोती, कपड़
िजला : औरगाबाद, रोहतास
उ पादन : ऊनी कबल, ऊनी कालीन और सािड़याँ
िजला : भभुआ
उ पादन : ऊनी कालीन, बनारसी सािड़याँ
िजला : पटना, सीवान
उ पादन : सूती कपड़, सजावटी कपड़
िजला : पूिणया, किटहार
उ पादन : जूट क थैले, जूट िमि त सामि याँ, आंत रक स ा सामि याँ
ोत : उ ोग िवभाग, िबहार सरकार
रशम उ ोग
िबहार म रशम उ पादन का मुख े भागलपुर और उसक आसपास का े ह। रा य म भागलपुर िस क
व उ पादन का मह वपूण क ह। िबहार म व िवकास क िलए 11 मलबरी, 6 तसर एवं 1 क टर क क
थापना क गई ह। पूर रा य म रशम उ ोग को ो सािहत करने क िलए 4 ादेिशक कायालय भागलपुर,
मुज फरपुर, गया और दरभंगा िजल म थािपत िकए गए ह। भागलपुर म िबहार िस क एवं व इ टी यूट
थािपत िकया जा रहा ह। 2012-13 ई. म रा य सरकार ने ामीण े म रशम उ पादन म वृ एवं रोजगार म
वृ क िलए मु यमं ी तसर िवकास योजना आरभ क ह। इस योजना क अंतगत बाँका, मुंगेर, नवादा, कमूर,
जमुई और गया म तथा उ री िबहार क जल जमाव वाले े म अजुन और आसन क पेड़ लगाने क योजना ह।
अजुन और तसर क पेड़ रशम क ड़ापालन क िलए उपयु होते ह। इसक िलए सरकार ने बारहव पंचवष य
योजना म 170.90 करोड़ पए का ावधान िकया ह। मु यमं ी तसर िवकास योजना क अंतगत िन निलिखत
काय म शािमल ह—
10,200 ह टयर म तसर क ट क पालन हतु पौधारोपण, रशम िम क नेतृ व म 408 वयं सहायता समूह का
गठन।
रशम धागा उ पादन क िलए 55 वयं सहायता समूह का गठन।
कॉकन बक क थापना।
2016-17 तक क िलए मु यमं ी कोसी मलबरी योजना ारभ क गई ह, िजसम सहरसा, सुपौल, मधेपुरा,
अर रया, िकशनगंज, किटहार और पूिणया िजले म मलबरी िवकास क िलए 118.04 करोड़ पए का ावधान
िकया गया ह। इस योजना क तहत उ पािदत धाग का ांड नाम ‘कोिशक ’ रखा गया ह।
िबहार म रशम उ पादन (2015-16)
रशम का कार : मलबरी
वृ ारोपण (ह टयर म) : 136
कल काकन उ पादन : 202.56 (टन)
क ा रशम (टन म) : 22.55
रशम का कार : तसर
वृ ारोपण (ह टयर म) : 2325
कल काकन उ पादन : 466.00 (लाख)
क ा रशम (टन म) : 42
रशम का कार : अंडी
वृ ारोपण (ह टयर म) : 161
कल काकन उ पादन : 9.50 (टन)
क ा रशम (टन म) : 7.6
ोत : उ ोग िवभाग, रशम उ पादन, िबहार सरकार
रशम उ पादन को बढ़ावा देने एवं िश ण हतु िबहार रशम एवं व सं थान क थापना 1922 ई. म नाथनगर,
भागलपुर म क गई थी। इस सं थान म क यूटर-आधा रत िडजाइन (CAD) क एक इकाई थािपत क जा रही ह।
िकशनगंज और भागलपुर म मलबरी रीिलंग क थािपत ह, िजनम मलबरी रशम क रीिलंग और कताई का
िश ण िदया जाता ह।
वतमान म रा य म जूट क तीन उ ोग कायरत ह। ये कारखाने किटहार, पूिणया तथा दरभंगा म थािपत
ह।
सूती व
िबहार म कपड़ का उ पादन और िनयात ाचीन काल से होता रहा ह, लेिकन इसका व प िवकि त एवं
असंगिठत रहा ह। संगिठत े म डमराव एवं फलवारीशरीफ म दो कारखाने थािपत थे, लेिकन वतमान समय म
बंद ह। 1970 ई. म िबहार रा य ट सटाइल िनगम क थापना क गई थी, िजसका उ े य िनजी इकाइय का
रा ीयकरण करना था। िबहार म सूती व उ ोग हथकरघा उ ोग क प म मु य प से थािपत ह। भागलपुर
और गया सूती कपड़ क उ पादन का मुख क ह। गया शहर का मानपुर सूती व उ ोग का मुख क ह जहाँ
लगभग 1000 पावरलूम थािपत ह। यहाँ चादर, गमछा, धोती, साड़ी आिद का उ पादन होता ह।
जूट उ ोग
जूट िबहार का मुख किष-आधा रत उ ोग ह, जो रशेदार फसल पटसन पर आधा रत ह। जूट का उ पादन
िबहार क पूव र िजल —पूिणया, किटहार, िकशनगंज, अर रया आिद म होता ह। वतं ता क समय िबहार म
किटहार, सम तीपुर और पूिणया म जूट फ टरी थािपत थी, लेिकन देश िवभाजन क बाद जूट उ पादक अिधकांश
े बँगलादेश म चले जाने क कारण तथा कारखान क आधुिनक करण एवं पूंजी क अभाव क कारण जूट उ ोग
णाव था म चला गया। कि म रश क माँग बढ़ने से भी जूट उ ोग क थित दयनीय हो गई, लेिकन वतमान
समय म जूट एवं उससे िनिमत व तु क माँग बढ़ने क कारण इस उ ोग क िवकास पर बल िदया जा रहा ह।
वतमान म रा य म जूट क तीन उ ोग कायरत ह। ये कारखाने किटहार, पूिणया तथा दरभंगा म थािपत ह।
वतमान समय म जूट उ ोग को बढ़ावा देने क िलए सावजिनक एवं िनजी साझेदारी क तहत पूिणया क मरगा म
जूट पाक क थापना क जा रही ह।
खिनज आधा रत उ ोग
सीमट उ ोग
िबहार क दि णी-प मी भाग म कमूर क पहाड़ी े म चूना प थर क उपल धता क कारण सीमट उ ोग क
िवकास क असीम संभावना ह। क े माल क उपल धता क कारण ही रोहतास क बंजारी एवं डालिमया नगर म
सीमट उ ोग क थापना क गई ह। बंजारी म 1937 ई. म क याणपुर सीमट िलिमटड (KC) क थापना क गई
थी। औरगाबाद म ीसीमट क थापना क गई ह। वतमान समय म डालिमया नगर कारखाना बंद ह। डालिमया
नगर कारखाना बंद होने का मूल कारण िव ीय एवं बंधक य सम या ह। भभुआ म इको सीमट क थापना क
गई ह। क े माल क उपल धता क बाद भी इस े म सीमट उ ोग का िवकास नह होने का कारण ऊजा क
कमी ह।
वतं ता क समय 1947 ई. म िबहार का देश म चीनी उ पादन म तीय थान था। िबहार भारत का
22.7 ितशत चीनी उ पादन करता था, जो वतमान म घटकर मा 2 ितशत हो गया ह।
शर उ ोग
दि णी िबहार का पहाड़ी-पठारी सीमांत े ेनाइट, नीस, िस ट आिद च ान म धनी ह। इस पर आधा रत
कमूर, रोहतास, औरगाबाद, गया, नवादा, जमुई, मुंगेर आिद िजल म शर उ ोग (प थर काटने का उ ोग) बृहत
पैमाने पर िवकिसत आ ह।
रासायिनक उ ोग
िबहार म खिनज पदाथ क कमी क बावजूद बरौनी एक खिनज-आधा रत औ ोिगक संकल क प म
िवकिसत आ ह। बरौनी म तेल शोधक कारखाना, ताप ऊजा संयं , उवरक कारखाना एवं उस पर आधा रत कई
छोट-छोट औ ोिगक क िवकिसत ए ह। बरौनी तेल शोधक कारखाने क थापना सोिवयत संघ एवं रोमािनया क
सहयोग से जुलाई, 1964 म क गई थी। इस कारखाने क थापना लागत 49.4 करोड़ पए थी। इस कारखाने क
ारिभक उ पादन मता 1 िमिलयन मीि क टन ितवष थी जो 1969 ई. म बढ़कर 3 िमिलयन मीि क टन ितवष
हो गई थी। यहाँ असम, नाइजी रया, इराक एवं मलेिशया से क ा तेल आता ह। बरौनी ह दया एवं पारा ीप
बंदरगाह से तेल पाइपलाइन ारा जुड़ा आ ह। बरौनी ताप िव ुत क क थापना 1962 ई. म क गई थी,
िजसक उ पादन मता 320 मेगावाट ह। बरौनी म नाइ ोजन उवरक-आधा रत िहदु तान फिटलाइजर इड ीज का
कारखाना थािपत ह। यहाँ क े माल क प म नाफ था एवं िज सम का उपयोग कर अमोिनयम स फट तथा
सुपर फॉ फट का उ पादन िकया जाता ह। रोहतास िजले क अमझोर नामक थान पर पायराइ स-आधा रत
पायराइ स फॉ फट ऐंड किमकल िलिमटड (PPCL) का कारखाना थािपत ह। इस कारखाने म पायराइट से गंधक
एवं फॉ फट उवरक का िनमाण िकया जाता ह। िबहार इनसे टसाइड िलिमटड क थापना 27 फरवरी, 1982 को
रा य सरकार क सावजिनक उप म क प म पूिणया म क गई थी। इस कपनी ारा आधारभूत रसायन का
उ पादन िकया जाता था, जो वतमान म णाव था म ह।
जमालपुर लोकोमोिटव वकशॉप क थापना 8 फरवरी, 1862 ई. को क गई थी। यह भारत का थम
पूण सुिवधा आधा रत वकशॉप था, जो ई ट इिडयन रलवे कपनी क अधीन थािपत िकया गया था।
रल कारखाना
िबहार म मोकामा (पटना) एवं जमालपुर (मुंगेर) म पहले से रलवे से संबंिधत उ ोग थािपत ह। मोकामा म
भारत वैगन ऐंड इजीिनय रग कपनी िलिमटड तथा जमालपुर म रलवे वकशॉप थािपत ह। भारत वैगन एवं
इजीिनय रग कपनी िलिमटड (BWEL) भारत सरकार का सावजिनक उप म ह। यह ISO 9001:2008 मािणत
कपनी ह। 2008 ई. तक यह उप म भारी उ ोग एवं सावजिनक िवभाग क अंतगत था। 13 अग त, 2008 से इस
पर रल मं ालय का िनयं ण ह। भारत वैगन एवं इजीिनय रग कपनी िलिमटड क थापना िदसंबर, 1978 म दो
बीमार िनजी कपनी आथर बटलर कपनी िलिमटड, मुज फरपुर तथा ि टािनया इजीिनय रग कपनी िलिमटड,
मोकामा को िमलाकर िकया गया ह। 1983-84 ई. म मुज फरपुर क बेला थत एल.पी.जी. िसलडर का िनमाण
करनेवाली कपनी को इसम िमला िदया गया। 1986 ई. से भारी उ ोग िवभाग क तहत कायरत भारत भारी उ ोग
िनगम िलिमटड, कलक ा ारा स सडी दी जाती ह। मुज फरपुर और मोकामा म थािपत इसक इकाई ारा
रल वैगन का िनमाण िकया जाता ह।
जमालपुर लोकोमोिटव वकशॉप क थापना 8 फरवरी, 1862 को क गई थी। यह भारत का थम पूण सुिवधा
आधा रत वकशॉप था, जो ई ट इिडयन रलवे कपनी क अधीन थािपत िकया गया था।
मुंगेर म तंबाक-आधा रत ITC का िसगरट कारखाना थािपत ह। मुंगेर म भारत क सबसे पुरानी
टोबैको िविनमाण इकाई क थापना 1905 ई. म राज इटर ाइजेज ारा क गई थी, िजसका बाद म
एवं गया क उ री भाग म पाई जानेवाली मुख वन पित ह। इसक लकड़ी मजबूत होती ह। अतः इस पर लकड़ी-
आधा रत लघु एवं कटीर उ ोग का िवकास आ ह। बाँस को गरीब क लकड़ी कहा जाता ह।
रा य म कागज उ ोग का मुख क ा माल बाँस एवं सबई घास उपल ध ह। अतः इस पर आधा रत कछ
कारखान का िवकास रा य म आ ह। रा य क दि णी-प मी भाग म कमूर पहाड़ी े म वन क अिधकता
क कारण रोहतास क डालिमया नगर म कागज उ ोग क थापना िनजी े म क गई थी, लेिकन वतमान समय
म िव ीय एवं बंधन क सम या क कारण बंद ह। इसक अित र कागज का कारखाना ठाकर पेपर िमल,
सम तीपुर म एवं अशोक पेपर िमल, दरभंगा म थािपत िकया गया।
कागज क इन कारखान को िबहार वन िवकास िनगम ारा क े माल क आपूित क जाती थी, लेिकन समय
पर क ा माल न िमलने, िमक- बंधन सम या, िव ीय सम या, मशीन क आधुिनक करण क सम या आिद क
कारण ये कारखाने वतमान समय म बंद ह। िशवािलक पवतीय े म खैर वृ क अिधकता क कारण क था का
उ पादन िकया जाता ह। क था-आधा रत औ ोिगक इकाई बेितया एवं गया म थािपत ह।
खा सं करण उ ोग
िबहार किष-आधा रत अथ यव था वाला रा य ह। अतः खा सं करण उ ोग क रा य म िवकास क असीम
संभावना ह। वष 2015-16 म रा य म 399 खा सं करण उ ोग थािपत थे, िजसम से 266 उ ोग (66.7
ितशत) चालू अव था म थे। खा सं करण उ ोग मु य प से चावल, गे , म ा, दु ध उ पाद, खा तेल,
मखाना एवं फल-आधा रत ह। इन इकाइय म 45000 लोग को रोजगार ा हो रहा ह।
नीचे क तािलका म रा य क खा सं करण उ ोग को दिशत िकया गया ह—
िबहार म खा सं करण उ ोग क िववरणी (वष 2015-16)
रा य म 17.7 लाख आिथक इकाइयाँ थािपत ह, जो 2005 क पाँचव आिथक गणना क तुलना म 39.4 ितशत
वृ दर को दशाती ह। नीचे क तािलका म 2005 एवं 2013 क आिथक गणना को तुलना मक ि से तुत
िकया गया ह।
उ ोग िम
उ ोग िम क थापना 2004 ई. म सोसाइटी ए ट, 1860 क अंतगत क गई ह। यह पहले से थािपत दो
सोसाइटी—औ ोिगक डाटा बक तथा िसंगल िवंडो िस टम का िवलय कर थािपत क गई ह। औ ोिगक डाटा
बक क थापना 1986 ई. म उ ोग से संबंिधत आँकड़ एवं सूचना को उपल ध कराने क िलए क गई थी।
िसंगल िवंडो िस टम क थापना भी 1986 ई. म उ ोग िवभाग क कोषांग क प म क गई थी, िजसका मु य
काय औ ोिगक े म िनवेशक क सम या को दूर करना था। औ ोिगक डॉ यूमटशन तथा औ ोिगक
िवकास एवं ो साहन गितिविधय से संबंिधत ि या क िलए उपयु दोन सोसाइटी को िमलाकर उ ोग िम
का गठन िकया गया ह।
उ ोग िम क गठन का मुख उ े य इस कार ह—
उ िमय को उ ोग थािपत करने हतु सभी कार क सुिवधाएँ िसंगल िवंडो िस टम क तहत दान करना।
बड़, म यम तथा लघु आकार क उ ोग क िलए ोजे ट तैयार करने म सहायता करना।
उ ोग क थापना क िलए िबयाडा क मा यम से जमीन उपल ध कराना तथा िविभ िवभाग क बीच, जैसे—
िबहार रा य िव ु बोड, िबहार रा य दूषण िनयं ण बोड, क ीय उ पाद एवं िब कर िवभाग आिद से संबंिधत
सम या को दूर करना।
उ मी, परामश , योजनाकार आिद को औ ोिगक सूचना एवं आँकड़ा उपल ध कराना।
उ िमय को आधारभूत संरचना, जैसे—ऊजा, जल, भूिम, शेड, प रवहन एवं संचार क सुिवधाएँ तथा उ पाद
को बाजार तक प चाने क सुिवधाएँ उपल ध कराना।
िबहार औ ोिगक े िवकास ािधकरण (BIADA)
िबहार म औ ोिगक करण को बढ़ावा देने क िलए िबहार औ ोिगक े िवकास ािधकरण (BIADA) क
थापना िबहार औ ोिगक े िवकास अिधिनयम, 1974 क सांिविधक ावधान क अंतगत क गई ह। इस
ािधकरण क गठन का मूल उ े य िन न ह—
औ ोिगक े क अंतगत उ ोग क िलए आधारभूत संरचना, जैसे—सड़क, पानी, ऊजा आिद क यव था
करना।
रा य म लागू औ ोिगक नीितय क अनु प उ िमय को उ ोग क थापना हतु सहायता एवं ो साहन देना।
रा य म उ ोग क थापना हतु िनवेशक क िलए अनुकल वातावरण का िनमाण करना तथा औ ोिगक नीित से
संबंिधत ावधान क जानकारी देना।
िबयाडा का धान कायालय पटना म थत ह, जबिक 4 े ीय कायालय िन निलिखत शहर म कायरत ह—
1. पटना,
2. भागलपुर,
3. मुज फरपुर एवं
4. दरभंगा।
रा य म झारखंड िवभाजन से पहले छह औ ोिगक े िवकास ािधकरण आिद यपुर, बोकारो, राँची, पटना,
दरभंगा एवं मुज फरपुर म थािपत थे। िबहार क औ ोिगक किम नर कचहरी, पटना म कायरत ह। िबयाडा क
अधीन चार े ीय कायालय क अंतगत 50 औ ोिगक े (IA)—औ ोिगक ए टट (IE), बृहद औ ोिगक
उ ोग : सूती व
थान : भागलपुर, गया, औरगाबाद, डमराँव, ब सर, फतुहा, फलवारीशरीफ, सीवान, मुंगेर
उ पाद : लुंगी, चादर, गमछा
उ ोग : कालीन
थान : ओबरा, दाउदनगर
उ पाद : कालीन
उ ोग : रशमी व
थान : भागलपुर, गया, वैशाली
उ पाद : रशमी व
उ ोग : ऊनी व
थान : हाजीपुर
उ पाद : ऊनी व
उ ोग : तंबाक
थान : मुंगेर
उ पाद : िसगरट
उ ोग : बीड़ी
थान : िबहारशरीफ, ब सर, मुंगेर, मुज फरपुर, दरभंगा, पूिणया
उ पाद : बीड़ी
उ ोग : कागज
थान : डालिमया नगर, सम तीपुर, बगहा, बेगूसराय, पटना
उ पाद : कागज
उ ोग : सीमट
थान : बंजारी, जपला, डालिमयानगर, क याणपुर, िबहटा
उ पाद : सीमट
उ ोग : इजीिनय रग
थान : मुज फरपुर, मोकामा, जमालपुर
उ पाद : रलवे वैगन
उ ोग : उवरक
थान : बरौनी, अमझोर
उ पाद : उवरक
उ ोग : तेलशोधन कारखाना
थान : बरौनी
उ पाद : पे ोल एवं संबंिधत उ पाद
उ ोग : क टनाशक
थान : पूिणया
उ पाद : क टनाशक
उ ोग : ला टक
थान : हाजीपुर
उ पाद : पॉली ला ट
उ ोग : रासायिनक
थान : बरौनी, फतुहा
उ पाद : किमक स
उ ोग : बतन
थान : सीवान, िबहटा
उ पाद : बतन
उ ोग : िदयासलाई
थान : किटहार
उ पाद : िदयासलाई
उ ोग : कबल
थान : गया, पूिणया, औरगाबाद, मुंगेर
उ पाद : कबल
उ ोग : बंदूक
थान : मुंगेर
उ पाद : बंदूक
उ ोग : शीशा
थान : पटना
उ पाद : शीशा
उ ोग : लाईवुड
थान : हाजीपुर
उ पाद : लाईवुड
उ ोग : चमड़ा
थान : मोकामा, दीघा, गया
उ पाद : चमड़ा
उ ोग : खा सं करण
थान : हाजीपुर, उदयिकशुनगंज, बेगूसराय, शीतलपुर
उ पाद : सं क रत एवं िड बाबंद खा पदाथ
िबहार म क सरकार ारा िनयंि त सावजिनक उप म
थान : बरौनी
उ ोग का नाम : फिटलाइजर कॉरपोरशन ऑफ इिडया िलिमटड
थान : बरौनी
उ ोग का नाम : इिडयन ऑयल कॉरपोरशन िलिमटड
थान : मोकामा
इसका िव तार गंगा क दि णी मैदान क पूव भाग म लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर आिद िजल म ह। मुंगेर म
बंदूक एवं िसगरट उ ोग, जमालपुर म रलवे वकशॉप, भागलपुर एवं नाथनगर म रशम उ ोग का िवकास आ ह।
दि ण-प म िबहार मैदान का औ ोिगक देश
इस औ ोिगक देश का िवकास गंगा क दि णी मैदान क प मी भाग म पटना, ब सर, भोजपुर आिद िजल
म आ ह। मोकामा म चमड़ा उ ोग, रल िड बा तथा लघु लौह इकाई, िबहटा म चीनी उ ोग, दीघा (पटना) म
चमड़ा उ ोग, फलवारीशरीफ (पटना) म व उ ोग तथा ब सर म व उ ोग का िवकास आ ह।
बरौनी औ ोिगक देश
यह िबहार का सबसे समृ औ ोिगक देश ह, जहाँ कई आधुिनक उ ोग थािपत ह। बरौनी म तेल शोधक
कारखाना, रासायिनक खाद तथा ताप ऊजा िनकाय थािपत ह। तेल शोधक कारखाने को क ा माल असम क तेल
े से ा होता ह। ह दया बंदरगाह एवं असम क तेल े से पाइपलाइन ारा क ा तेल आता ह।
तेलशोधक कारखाना क उप-उ पाद नेऌ था पर आधा रत रासायिनक उवरक का कारखाना थािपत ह। इसक
अित र बरौनी म पे ोकिमक स एवं डयरी उ ोग थािपत ह।
उ री-प मी गंगा मैदान का चीनी औ ोिगक देश
यह देश किष आधा रत चीनी उ ोग का मुख े ह। इस े म ग ा उ पादन क िलए अनुकल भौगोिलक
प र थितयाँ उपल ध ह। पूव चंपारण, प मी चंपारण, सीवान, गोपालगंज, सारण आिद िजल म अनेक चीनी
िमल थािपत ह, िजसम मु य क मढ़ौरा, चनपिटया, महाराजगंज, गोपालगंज, पच खी, हथुआ आिद ह।
इसक अित र तराई े म चावल िमल का िवकास आ ह। चावल िमल का मुख क नरकिटयागंज,
र सौल, बरगिनया, सीतामढ़ी, जयनगर, झंझारपुर, जोगबनी, फारिबसगंज आिद ह।
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रा ीय राजमाग सं या : 28 A
िबहार से गुजरनेवाले थान : पीपराकोठी-सगौली-र सौल
िबहार म कल लंबाई : 68
कल लंबाई : 68
.सं. : 5
रा ीय राजमाग सं या : 28 B
िबहार से गुजरनेवाले थान : छपरा-बेितया-बगहा
िबहार म कल लंबाई : 121
कल लंबाई : 121
.सं. : 6
रा ीय राजमाग सं या : 30
िबहार से गुजरनेवाले थान : मोहिनया-आरा-पटना-ब तयारपुर
िबहार म कल लंबाई : 230
कल लंबाई : 230
.सं. : 7
रा ीय राजमाग सं या : 30 A
िबहार से गुजरनेवाले थान : फतुहा-चंडी-बाढ़
िबहार म कल लंबाई : 65
कल लंबाई : 65
.सं. : 8
रा ीय राजमाग सं या : 31
िबहार से गुजरनेवाले थान : नवादा-िबहारशरीफ-मोकामा-बरौनी-बेगूसराय-खगिड़या-पूिणया-िकशनगंज
िबहार म कल लंबाई : 393
कल लंबाई : 1125
.सं. : 9
रा ीय राजमाग सं या : 57
िबहार से गुजरनेवाले थान : मुज फरपुर-दरभंगा-फारिबसगंज-अर रया
िबहार म कल लंबाई : 310
कल लंबाई : 310
.सं. : 10
रा ीय राजमाग सं या : 57A
िबहार से गुजरनेवाले थान : फारिबसगंज-जोगबनी
िबहार म कल लंबाई : 15
कल लंबाई : 15
.सं. : 11
रा ीय राजमाग सं या : 77
िबहार से गुजरनेवाले थान : हाजीपुर-मुज फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा
िबहार म कल लंबाई : 142
कल लंबाई : 142
.सं. : 12
रा ीय राजमाग सं या : 80
िबहार से गुजरनेवाले थान : मोकामा-मुंगेर-भागलपुर
िबहार म कल लंबाई : 200
कल लंबाई : 310
.सं. : 13
रा ीय राजमाग सं या : 81
िबहार से गुजरनेवाले थान : किटहार-कोढ़ा
िबहार म कल लंबाई : 45
कल लंबाई : 100
.सं. : 14
रा ीय राजमाग सं या : 82
िबहार से गुजरनेवाले थान : गया-िबहारशरीफ-मोकामा
िबहार म कल लंबाई : 130
कल लंबाई : 130
.सं. : 15
रा ीय राजमाग सं या : 83
.सं. : 20
रा ीय राजमाग सं या : 102
िबहार से गुजरनेवाले थान : छपरा-रवाघाट-मुज फरपुर
िबहार म कल लंबाई : 80
कल लंबाई : 80
.सं. : 21
रा ीय राजमाग सं या : 103
िबहार से गुजरनेवाले थान : हाजीपुर-ज दाहा-मुसरीघरारी
िबहार म कल लंबाई : 55
कल लंबाई : 55
.सं. : 22
रा ीय राजमाग सं या : 104
िबहार से गुजरनेवाले थान : जयनगर-िशवहर-सीतामढ़ी-सुरसंड
िबहार म कल लंबाई : 160
कल लंबाई : 160
.सं. : 23
रा ीय राजमाग सं या : 105
िबहार से गुजरनेवाले थान : दरभंगा- सी-जयनगर
िबहार म कल लंबाई : 66
कल लंबाई : 66
.सं. : 24
रा ीय राजमाग सं या : 106
िबहार से गुजरनेवाले थान : वीरपुर-मधेपुरा-िकशनगंज
लंबाई (िकलोमीटर म) : 88
रा य उ पथ सं या : 74
प रयोजना : हाजीपुर-कस रया-अरराज
लंबाई (िकलोमीटर म) : 87.06
रा य उ पथ सं या : 75
प रयोजना : दरभंगा-कमतौल-मधुवापुर
लंबाई (िकलोमीटर म) : 46.75
रा य उ पथ सं या : 76
प रयोजना : अर रया-सुपौल-भपिटयाही
लंबाई (िकलोमीटर म) : 121
रा य उ पथ सं या : 77
प रयोजना : करसैला-रानीगंज-फारिबसगंज
लंबाई (िकलोमीटर म) : 102.93
रा य उ पथ सं या : ……..
प रयोजना : योग
लंबाई (िकलोमीटर म) : 824.22
ोत : पथ िनमाण िवभाग, िबहार सरकार
रा य म सड़क िवकास क िलए चलाई जा रही योजना म वामपंथी अितवाद भािवत े पथ िवकास
योजना क अंतगत उ वाद भािवत िजल —अरवल, औरगाबाद, गया, जमुई और जहानाबाद म 41 सड़क
प रयोजना का िनमाण िकया जा रहा ह, िजनक कल लंबाई 674.3 िकलोमीटर ह, िजसम 71.8 िकलोमीटर
रा ीय उ पथ, 68.1 िकलोमीटर रा य उ पथ और 534.4 िकलोमीटर मु य िजला पथ ह।
रा य म आिथक वृ दर को बढ़ाने क िलए सड़क नेटवक िव तार क आव यकता पर बल िदया गया ह।
इसक िलए पथ ि 2020 तैयार िकया गया ह। पथ ि 2020 क मु य उ े य ह—
पटना से सबसे दूर थ िजल क बीच 5 घंट म प चने क िलए पथ संपक सुिन त करना।
सभी रा य उ पथ को दो लेनवाली सड़क म बदलना।
एक लेनवाले मु य िजला पथ को म यवत लेनवाले पथ म बदलना।
सँकर, पुराने और पाइल पुल क जगह चौड़ आर.सी.सी. पुल का िनमाण करना।
रा ीय उ पथ क साथ सभी रा य उ पथ का संपक सुिन त करना।
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 43
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.08
रा य का नाम : तिमलनाड
लंबाई (िकलोमीटर म) : 3943
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 30
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.06
रा य का नाम : कनाटक
लंबाई (िकलोमीटर म) : 3090
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 16
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
रा य का नाम : छ ीसगढ़
लंबाई (िकलोमीटर म) : 1187
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 9
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
रा य का नाम : ह रयाणा
लंबाई (िकलोमीटर म) : 1553
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 35
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.06
रा य का नाम : झारखंड
लंबाई (िकलोमीटर म) : 2040
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 26
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.06
रा य का नाम : करल
लंबाई (िकलोमीटर म) : 1050
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 27
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.03
रा य का नाम : महारा
लंबाई (िकलोमीटर म) : 5602
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 18
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
रा य का नाम : प म बंगाल
लंबाई (िकलोमीटर म) : 4000
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 45
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.04
रा य का नाम : भारत
लंबाई (िकलोमीटर म) : 64600
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 20
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
ोत : अिधसंरचना सां यक , 2014 भारत सरकार
पूर भारत को शासिनक ि कोण से 16 रलवे जोन म बाँटा गया ह। िबहार म एक मा रलवे जोन म य-पूव
रलवे का मु यालय हाजीपुर म थत ह। इस जोन का गठन 2002 ई. म िकया गया था। इसक अित र िबहार म
चार रल मंडल ह।
िबहार म थत रल मंडल िन निलिखत ह—
सोनपुर मंडल, म य-पूव रलवे, हाजीपुर,
दानापुर मंडल म य-पूव रलवे, हाजीपुर,
सम तीपुर मंडल म य-पूव रलवे, हाजीपुर,
किटहार मंडल, उ र-पूव सीमांत रलवे, गौहाटी।
इसक अित र पूव र रलवे कलकता क मालदा िडवीजन क अंतगत िबहार का भागलपुर, जमालपुर का े
आता ह। उ री-पूव रलवे गोरखपुर क अंतगत वाराणसी रल मंडल म िबहार का छपरा, सीवान, गोपालगंज आिद
े स मिलत ह।
सोनपुर रल मंडल का गठन 5 नवंबर, 1951 को पूव-म य रलवे क अधीन आ था। 8 िसतंबर, 1996 से यह
पूव-म य रलवे, हाजीपुर क अधीन कायरत ह। इसक अंतगत मुज फरपुर, हाजीपुर, बरौनी, खगिड़या आिद मुख
रलवे टशन आते ह। दानापुर रलवे मंडल का गठन 1925 ई. म आ था। यह 1952 से 2002 ई. तक पूव रलवे
कलक ा क अधीन था। 1952 ई. क पहले यह ई ट इिडयन रलवे कपनी क िनयं ण म था। 1 अ ूबर, 2002 क
बाद यह पूव-म य रलवे हाजीपुर क अधीन कायरत ह। दानापुर मंडल क अंतगत पटना, ब सर, आरा, मोकामा,
जमुई, यूल, झाझा आिद मुख रलवे टशन स मिलत ह। सम तीपुर मंडल का गठन 1969 ई. म आ था। यह
पूव-म य रलवे क अंतगत ह, इसक अंतगत मुख रलवे टशन दरभंगा, सम तीपुर, सगौली, बापू धाम मोितहारी,
मधुबनी, नरकिटयागंज, सीतामढ़ी, सहरसा आिद ह। किटहार िडवीजन का गठन 15 जनवरी, 1958 को आ था।
यह उ र-पूव सीमांत रलवे क िनयं ण म ह। इसक अंतगत मुख रलवे टशन यू जलपाईगुड़ी (प. बंगाल)
जोगबनी, किटहार, िकशनगंज, पूिणया आिद थत ह।
िबहार से गुजरनेवाला कलक ा-मुगलसराय रलमाग, िजसका िनमाण 1860-62 ई. म आ था, पटना होते ए
जाता ह। यह िबहार क थम रल लाइन ह। िबहार क रलवे लाइन चार जोन म थत ह—
1. म य-पूव रलवे, हाजीपुर।
2. उ र-पूव सीमांत रलवे, गौहाटी।
3. पूव र रलवे, कलक ा।
4. उ री-पूव रलवे, गोरखपुर।
उ र-पूव सीमांत रलवे म पूिणया े , पूव र रलवे क अंतगत भागलपुर का े , उ री-पूव रलवे क अंतगत
छपरा े थत ह, जबिक िबहार क अिधकांश रल लाइन क लंबाई म य-पूव रलवे, हाजीपुर क अंतगत आती
ह।
वायु प रवहन
देश क अ य रा य क तुलना म िबहार म वायु प रवहन का िवकास कम आ ह, िजसका कारण आिथक
िपछड़ापन, उ ोगीकरण एवं नगरीकरण का कम िवकास होना ह। य िप रा य म पटना, गया म रा ीय तर का
हवाई अ ा थािपत ह। बोधगया म अंतरा ीय हवाई अ का िनमाण िकया गया ह। बोधगया से ीलंका एवं
बकॉक क िलए हवाई सुिवधा उपल ध ह। रा य क राजधानी पटना से काठमांड, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद,
लखनऊ, राँची तथा िद ी क िलए िवमान सेवा उपल ध ह। पटना म िनिमत हवाई अ का नाम जय काश
नारायण हवाई अ ा ह। मुज फरपुर, जोगबनी, र सौल, भागलपुर और िबहटा म भी हवाई अ ा िनिमत िकया
गया ह। िबहार म वायुमाग सेवा उपल ध करानेवाली मुख सेवाएँ जेट एयरवेज, इिडगो, इिडयन एयरलाइ स आिद
ह। 2014-15 म िबहार से 11054 वायुयान का आवागमन आ, जबिक याि य क सं या 12 लाख थी। इस
अविध म माल ढलाई 5198 टन ई।
2016 ई. म पटना से िविभ शहर क िलए 20 जोड़ी हवाई उड़ान क आवाजाही ई, िजसे माच, 2017 से
बढ़ाकर 32 िकया जाएगा। इनम इिडगो, जेट एयरवेज, एयर एिशया और एयर इिडया क लाइट शािमल ह।
वतमान म सवािधक लाइट इिडगो क ह। एयर एिशया मलेिशया क िवमानन कपनी ह। िबहार म थत मुख
हवाई अ िन निलिखत ह—
.सं. : 1
नाम : जय काश नारायण अंतरा ीय हवाई अ ा
थान : पटना
कार : अंतरा ीय
.सं. : 2
नाम : गया अंतरा ीय हवाई अ ा
थान : गया
कार : अंतरा ीय
.सं. : 3
नाम : भागलपुर हवाई अ ा
थान : भागलपुर
कार : घरलू
.सं. : 4
नाम : दरभंगा हवाई अ ा
थान : दरभंगा
कार : र ा
.सं. : 5
नाम : जोगबनी हवाई अ ा
थान : जोगबनी
कार : घरलू
.सं. : 6
नाम : चूनापुर हवाई अ ा
थान : पूिणया
कार : र ा
जल प रवहन
जल प रवहन यातायात का सबसे स ता एवं दूषणमु प रवहन साधन ह। यह भारी व तु क प रवहन क
िलए सबसे उपयु साधन ह। िबहार म जल प रवहन क िलए गंगा, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोसी,
सोन आिद निदयाँ उपल ध ह। गंगा नदी पर रा ीय जलमाग सं या-1, जो इलाहाबाद से ह दया तक ह, िबहार से
होकर गुजरता ह। इसक थापना अ ूबर, 1986 म ई थी। लंबाई 1620 िकलोमीटर ह तथा इस पर एक थायी
टिमनल पटना म भी थािपत ह, जबिक लोिटग टिमनल भागलपुर म ह। गंगा नदी पर पटना क गायघाट म े ीय
कायालय थािपत ह। भारतीय अंतरदेशीय जलमाग प रवहन क थापना 27 अ ूबर, 1986 ई. को क गई थी,
िजसका मु यालय नोएडा (उ र देश) म ह। यह जलमाग एवं भूतल प रवहन मं ालय, भारत सरकार क अंतगत
काय करता ह। इसका े ीय कायालय पटना, कोलकाता, गुवाहाटी और कोि म थत ह।
कोसी, गंडक और सोन निदय से िनकाली गई नहर को नौकाग य बनाया गया ह। ब सर नहर तथा आरा नहर
भी नौकाग य ह। िबहार म घाघरा म 100 िकलोमीटर, कोसी म 200 िकलोमीटर, गंडक म 240 िकलोमीटर तथा
सोन म 195 िकलोमीटर म नौकायन का काय िकया जाता ह।
र ु माग
िबहार म र ु माग का िनमाण कवल राजगीर म िकया गया ह। यह बौ पयटन थल ह, जहाँ शांित तूप पर
जाने क िलए इसका िनमाण िकया गया ह।
संचार यव था
रा य म संचार क मुख साधन दूरसंचार एवं डाक णाली ह। भारत दूरसंचार क े म चीन क बाद िव का
दूसरा बड़ा देश बन गया ह। िबहार म 2014-15 म टलीफोन कने शन क सं या 661.69 लाख हो गई ह। िबहार
म लगभग 96 ितशत टलीफोन कने शन िनजी े क कपिनय ारा संचािलत ह। िबहार म संचार क े म
अनेक कपिनयाँ मोबाइल सेवा उपल ध करा रही ह, िजसम बी.एस.एन.एल., टलीनॉर, रलायंस िजओ, एयरटल
भारती, रलायंस, वोडाफोन, टाटा इिडकॉम, आइिडया, एयरसेल इ यािद ह। इन कपिनय म िदसंबर, 2016 तक
सवािधक उपभो ा एयटल क 3,01,02,995 ह। इसक बाद आइिडया क 1 करोड़ 20 लाख तथा टलीनॉर क 1
करोड़ 1 लाख उपभो ा ह। िदसंबर, 2016 तक िबहार म 8,22,56,864 उपभो ा मोबाइल सेवा जुड़ ह। िबहार
म ित 100 य पर टलीफोन क सं या अथा दूरभाष घन व 2015 ई. म 51.17 ह, लेिकन इस घन व म
शहरी और ामीण े म काफ असमानता ह। शहरी दूरभाष घन व म िबहार देश म आं देश, कनाटक, करल
और उड़ीसा क बाद 5व थान पर ह।
डाक णाली
डाक संचार णाली भारत क सबसे सश संचार णाली ह। भारत म िव का सबसे बड़ा डाक नेटवक ह।
भारत म डाकघर क कल सं या—1.55 लाख ह, िजसम 89.6 ितशत (1.39 लाख) डाकघर ामीण े म
थत ह। 2014 ई. तक िबहार प र े (Circle) म 9064 डाकघर मौजूद थे, िजसम 8591 (95 ितशत) ामीण
े म और 473 (5 ितशत) शहरी े म थत था। य िप रा ीय तर पर ामीण े म डाकघर क सं या
क मामले म िबहार पीछ ह, य िक देश क 6.2 ितशत ामीण डाकघर िबहार म ह, जबिक 11.1 ितशत ामीण
जनसं या िबहार म रहती ह। नवंबर, 2015 तक िबहार क 31 मु य डाकघर और 99 उप-डाकघर म कोर बिकग
णाली शु क गई ह।
ऊजा
अथ यव था क िवकास क िलए ऊजा े का िवकिसत होना अित आव यक ह। िबहार म आिथक िवकास म
तेजी लाने, रोजगार बढ़ाने, गरीबी दूर करने और अथ यव था का िवकास ती करने म ऊजा े अभी तक बाधक
बना रहा ह। िबहार म िबजली क उपल धता को उसक माँग क प रपे्र य म समझा जा सकता ह। िबहार म
िबजली क खपत ित य 2014-15 म 203 िकलोवाट घंटा ह। रा य सरकार ने 2018-19 तक सभी ामीण
और शहरी प रवार को िबजली का कने शन एवं 24 घंटा िबजली उपल ध कराने क िलए एक ि प तैयार
िकया ह, िजसम िव ुत े क सभी घटक उ पादन, संचरण और िवतरण को शािमल िकया गया ह। िबहार म
अबाध िबजली आपूित और उपभो ा क िशकायत क िनवारण क िलए एक ‘24 × 7 यूल कॉल सटर’ क
थापना क गई ह।
िबहार म ित 100 य पर टलीफोन क सं या अथा दूरभाष घन व 2015 ई. म 51.17 ह, लेिकन
इस घन व म शहरी और ामीण े म काफ असमानता ह।
दीनदयाल उपा याय ाम योित योजना क सरकार ारा िदसंबर, 2014 ई. म शु क गई ह। इस
योजना म पूव से चल रही राजीव गांधी ामीण िव ुतीकरण योजना को समािहत कर िदया गया ह।
िबहार म 2015 तक िबजली क उपल ध मता 3704.63 मेगावाट थी। सरकार ने 2018-19 तक 6521.30
मेगावाट अित र मता बढ़ाने क िलए काय-योजना तैयार क ह, िजसम ऊजा क सभी ोत क िवकास पर बल
िदया गया ह। 2018-19 तक अित र सृिजत मता म से 312 मेगावाट अपारप रक ऊजा ोत से और 6209.30
मेगावाट पारप रक ोत से उ प िकया जाएगा। इस तरह 2018-19 तक िबहार म िबजली उ पादन क कल
मता 10226 मेगावाट होगी, िजसम 9828 मेगावाट पारप रक ोत से और 398 मेगावाट अपारप रक ोत से
उपल ध होगी। 2018-19 तक अित र उ पादन मता िवकिसत होने क बावजूद रा य म अिधकतम माँग म जो
2015-16 म 15.02 ितशत ह, 2018-19 म 7.76 ितशत क कमी बनी रहगी।
िव ुत े म िबहार का सं थागत ढाँचा
िबहार म िव ुत उ पादन, संचरण, िवतरण और अ य गितिविधय क बंधन क िलए अ ैल, 1958 म िबहार
रा य िव ुत बोड का गठन िव ुत (आपूित)अिधिनयम, 1948 क अनु छद-5 क तहत िकया गया था। िव ुत
यव था म सुधार लाने क िलए नई िबहार रा य िव ुत सुधार अंतरण योजना, 2012 क तहत नवंबर, 2012 म
िबहार रा य िव ुत बोड को कोड 5 कपिनय म बाँट िदया गया ह, जो िन न ह—
1. िबहार रा य िव ुत (हो डग) कपनी िलिमटड (BSPHCL),
2. िबहार रा य िव ुत उ पादन कपनी िलिमटड (BSPGCL),
3. िबहार रा य िव ुत संचरण कपनी िलिमटड (BSPTCL),
4. दि ण िबहार िव ुत िवतरण कपनी िलिमटड (NBPDCL),
5. उ र िबहार िव ुत िवतरण कपनी िलिमटड (SBPDCL)।
BSPHCL को अ य चार कपिनय क शेयर का दािय व स पा गया ह तथा इसे पूववत िबहार रा य िव ुत बोड
क प रसंपि य का वािम व िदया गया ह। यह मु यतः एक िनवेश कपनी क प म काय करती ह। यह अ य
कपिनय क गितिविधय का सम वय और िववाद का िनपटारा करने का काय करती ह।
BSPGCL कपनी िव ुत उ पादन म लगी सहायक कपिनय क बीच सम वय का काय करती ह। सम वय एवं
सुझाव क भूिमका म उ पादन क क िनमाण, संचालन और रखरखाव तथा संबंिधत सुिवधा से संबंिधत सार
मामले शािमल होते ह।
ोत : कल
उ पादन ( ितशत म) : 100
उ पादन (मेगावाट म) : 3704.63
िबहार म सावजिनक एवं िनजी दोन े म िव ुत उ पादन िकया जाता ह। रा य म क एवं रा य दोन क
िव ुत उ पादन इकाइय से िव ुत उपल ध होती ह, िजसे नीचे क तािलका म दशाया गया ह—
िव ुत उ पादन मता, माच, 2015
वािम व या िनजी े : रा य
ताप िव ुत (कोयला) (मेगावाट) : 220
जल िव ुत (मेगावाट) : 55
नवीकरणीय (मेगावाट) : 0
वािम व या िनजी े : क
ताप िव ुत (कोयला) (मेगावाट) : 2414.1
जल िव ुत (मेगावाट) : 469.53
नवीकरणीय (मेगावाट) : 0
जल िव ुत (मेगावाट) : ……
नवीकरणीय (मेगावाट) :
थापना वष : 1996
चरण : तीय
यूिनट : 5
नवीकरणीय ऊजा क प म होता ह। अतः ताप िव ुत उ पादन क अनुपात को कम करने एवं नवीकरणीय ऊजा
उ पादन को बढ़ाने क िलए िबहार सरकार ने ेडा (BREDA) का गठन िकया ह, जो रा य म िबजली उ पादन क
िलए गैर-परपरागत ोत का िवकास एवं उपयोग करने क िलए उ रदायी ह।
िबहार रा य जल िव ुत िनगम िलिमटड
िबहार म जल संसाधन क अिधकता होने क बावजूद जल िव ुत उ पादन का िवकास ब त कम आ ह। कल
िव ुत उ पादन का 2015 ई. म 14.12 ितशत जल िव ुत क प म आ। अतः जल िव ुत प रयोजना क
िव तार क िलए िबहार रा य जल िव ुत िनगम िलिमटड क थापना क गई। वतमान समय म रा य म 13 लघु
जल िव ुत प रयोजनाएँ कायरत ह, िजनक कल उ पादन मता 54.3 मेगावाट ह।
िबहार नवीन और नवीकरणीय ऊजा ोत क संवधन नीित, 2011
ऊजा क िनरतर बढ़ती आव यकता एवं पारप रक ऊजा क सीिमत ोत को यान म रखते ए गैर-पारप रक
एवं नवीकरणीय ऊजा ोत का िवकास अिनवाय हो गया ह। गैर-पारप रक एवं नवीकरणीय ऊजा ोत से िव ुत
उ पादन क संवधन हतु िबहार सरकार ारा ‘गैर-पारप रक ऊजा ोत क िवकास म िव ुत उ पादन एवं आपूित
म िनजी े क भागीदारी हतु मागदशक िस ांत-2003’ लागू िकया गया था, जो 2008 तक भावी था। उसक
बाद िबहार म नवीकरणीय ऊजा ोत क असीम संभावना को देखते ए एक नई नवीन और नवीकरणीय ऊजा क
िविभ ोत से िव ुत उ पादन क संवधन हतु नीित का िनमाण िकया गया ह। यह नीित ‘िबहार नवीन और
नवीकरणीय ऊजा ोत क संवधन नीित, 2011’ क नाम से लागू क गई ह, जो 5 वष क िलए अथा 2016
तक क िलए भावी ह।
काय े
यह नीित बायोमास एवं बायोगैस-आधा रत प रयोजना-सह-प रयोजना , लघु, सू म एवं पनिबजली
प रयोजना , िजनक उ पादन मता 25 मेगावाट तक ह, पवन ऊजा प रयोजना, सौर ऊजा प रयोजना, नगरीय
ठोस अपिश -आधा रत प रयोजना क साथ-साथ नवीकरणीय ऊजा ोत क सभी े क संवधन हतु लागू ह।
यह नीित िकसी भी उ ोग, सं था, िनजी अिभकरण, फम कपनी, पंचायत, शहरी थानीय िनकाय या अ य पंजीकत
सं थाएँ जो नवीकरणीय ऊजा संयं लगाने एवं िव ुत उ पादन क िलए यासरत ह, उन पर भी लागू होगी।
भूिम
इस नीित क तहत प रयोजना इकाई अपने तर पर िनजी भूिम को सीधे भू वािमय से य कर सकगी।
औ ोिगक े म सरकारी भूिम उपल ध होने पर सरकार प पर भूिम उपल ध करा सकगी। इस नीित म किष
यो य भूिम को गैर-किष काय क िलए भी अनुमित दी गई ह।
प रयोजना का काया वयन
नवीन और नवीकरणीय ऊजा प रयोजना क काया वयन क िलए िदए गए आवेदन क मू यांकन एवं उसक
अनुशंसा क िलए िबहार र यूएबल इनज डवलेपमट एजसी (BREDA) नोडल एजसी ह। सू म, लघु अथवा छोटी
पनिबजली प रयोजना क संदभ म नोडल एजसी का काम िबहार टट हाइ ो इले क कॉरपोरशन (BHPC) को
स पा गया ह। प रयोजना इकाई ारा उ पािदत नवीन और नवीकरणीय ऊजा क कल िह से क 25 ितशत क
आपूित िबहार रा य िव ु बोड तथा िवतरण को तािवत करगा, लेिकन इस ताव को वीकार करने क िलए
िबहार रा य िव ुत बोड तथा िवतरण बा य नह ह।
िजस प रयोजना इकाई ारा उ पािदत िबजली म से िबहार रा य िव ुत बोड अथवा लाइससधारी को कम-से-
कम 50 ितशत, यूनतम 2 मेगावाट िबजली देने का ताव देती ह, उसे िबहार रा य िव ुत बोड ारा िनकटतम
ि ड तक उ पािदत िव ुत को ले जाने (Evacuation) क िलए मीट रग एवं सुर ा उपकरण सिहत संचरण णाली
प रयोजना क पूँजीगत लागत क यय का खच िदया जाएगा। यह यय रािश बोड को सरकार पुनः वापस कर
देगी। उ पािदत िबजली का कम-से-कम 50 ितशत अथवा यूनतम 2 मेगावाट िबहार रा य िव ुत बोड को नह
देने पर पूरा खच प रयोजना इकाई को वहन करना होगा।
प रयोजना इकाई अपने उपयोग क बाद बची ई उ पािदत िव ुत को अगर यह 1 मेगावाट से अिधक ह, तब
िबहार रा य िव ुत बोड ि ड को बेच सकती ह।
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अिधकार रिज ार जनरल क अधीन होता ह। 2011 क जनगणना कअनुसार िबहार क दशक य वृ दर 25.07
ितशत रही ह। नीचे क तािलका म 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार एवं अ य रा य क तुलना मक थित
को दशाया गया ह—
.—1
रा य—उ र देश
जनसं या—199812341
रक—1
.—2
रा य—महारा
जनसं या—112374333
रक—2
.—3
रा य—िबहार
जनसं या—104099452
रक—3
.—4
रा य—प. बंगाल
जनसं या—91276115
रक—4
.—5
रा य—आं देश
जनसं या—84580777
रक—5
.—6
रा य—म य देश
जनसं या—72626809
रक—6
.—7
रा य—तिमलनाड
जनसं या—72147030
रक—7
.—8
रा य—राज थान
जनसं या—68548437
रक—8
.—9
रा य—कनाटक
जनसं या—61095297
रक—9
.—10
रा य—गुजरात
जनसं या—60439692
रक—10
.—11
रा य—ओिडशा
जनसं या—41974218
रक—11
.—12
रा य—करल
जनसं या—33406061
रक—12
.—13
रा य—झारखंड
जनसं या—32988134
रक—13
.—14
रा य—असम
जनसं या—31205576
रक—14
.—15
रा य—पंजाब
जनसं या—27743338
रक—15
.—16
रा य—छ ीसगढ़
जनसं या—25545198
रक—16
.—17
रा य—ह रयाणा
जनसं या—23351462
रक—17
.—18
रा य—नागालड
जनसं या—1978502
रक—24
.—25
रा य—गोवा
जनसं या—1458545
रक—25
.—26
रा य—अ णाचल देश
जनसं या—1383727
रक—26
.—27
रा य—िमजोरम
जनसं या—1097206
रक—27
.—28
रा य—िस म
जनसं या—610577
रक—28
ोत : जनगणना, 2011
िबहार म जनसं या वृ क वृि बदलती रही ह। 1901 से 1921 ई. क बीच जनसं या वृ अ यंत धीमी
गित से ई ह। 1911 से 1921 ई. क दशक म महामा रय एवं अकाल क भाव क कारण जनसं या वृ दर
ऋणा मक (-0.97 ितशत) थी। 1921 एवं 1951 ई. क बीच जनसं या वृ दर म वृ ई, िजसक कारण
ज म दर क तुलना म मृ यु दर पर िनयं ण थािपत होने लगा। 1941 से 1951 ई. क बीच वृ दर 10.58
ितशत थी। 1951 ई. क बाद से जनसं या वृ दर म तेजी से वृ ई ह तथा 1991 से 2001 ई. क बीच
वृ दर सबसे ती (28.62 ितशत) रही ह। इस वृ का मु य कारण वा य सेवा म सुधार होने से मृ यु
िबहार क वृ दर—20.91
भारत क वृ दर—24.8
वष—1971-1981
िबहार क वृ दर—24.16
भारत क वृ दर—24.66
वष—1981-1991
िबहार क वृ दर—23.38
भारत क वृ दर—23.87
वष—1991-2001
िबहार क वृ दर—28.62
भारत क वृ दर—21.54
वष—2001-2011
िबहार क वृ दर—25.07
भारत क वृ दर—17.7
ोत : जनगणना, 2011
िबहार म जनसं या वृ दर क वृि िविभ दशक म अलग-अलग रही ह। रा य क अंदर भी िविभ
कारण से वृ दर म े ीय असमानता पाई जाती ह। कछ िजल म वृ दर ती रही ह तो कछ िजल म कम
रही ह। 1901 से 2011 ई. क बीच उ र-पूव िबहार क अर रया, िकशनगंज, पूिणया, किटहार आिद िजल म
वृ दर 7.46 थी, जबिक नालंदा, पटना आिद िजल म ऋणा मक थी। 1911 से 1921 क दशक म जब पूर देश
म ऋणा मक वृ दर दज क गई, िबहार क कई िजल , जैसे—अर रया, िकशनगंज, पूिणया एवं किटहार म
6.78 ितशत क दर से जनसं या वृ ई थी, जबिक भागलपुर एवं बाँका िजल म वृ दर -6.70 ितशत
ई। मुंगेर, खगिड़या एवं लखीसराय जैसे िजल म वृ दर 4.91 ितशत थी। वतं ता क बाद 1951 से 1961
ई. क दशक म िबहार क औसत वृ दर 19.79 ितशत थी, िजसम सवािधक वृ दर सुपौल क 50.53
ितशत, अर रया क 45.01 ितशत थी। इन े म वृ दर ती होने क कारण वा य सेवा म सुधार,
कोसी े म बाढ़ पर िनयं ण एवं बँगलादेशी शरणाथ का आकर बसना था। 1991 से 2001 क दशक म रा य
म सवािधक ती गित 28.62 ितशत क दर से जनसं या वृ ई। इस दशक म सवािधक वृ दर िशवहर म
36.61 ितशत तथा पूिणया म 35.40 ितशत ई, जबिक सबसे कम वृ दर शेखपुरा म 18.94 ितशत एवं
नालंदा म 18.75 ितशत क वृ ई।
2001 से 2011 क दशक म िबहार म औसत दशक य जनसं या वृ दर 25.07 ितशत ह। सवािधक वृ
दर वाला िजला मधेपुरा ह, जहाँ 30.65 ितशत क दर से वृ ई ह, जबिक सबसे कम वृ दर वाले िजले
गोपालगंज क वृ दर 18.83 ितशत ह। नीचे क तािलका म रा य क 2001 से 2011 क दशक म सवािधक
एवं सबसे कम दशक य वृ वाले िजल को दशाया गया ह—
2001-11 क दशक य वृ दर वाले िजले
(दशक य वृ दर ितशत म)
िजला—मधेपुरा
सवािधक वृ दर—30.65
िजला—गोपालगंज
यूनतम वृ दर—18.83
िजला—िकशनगंज
सवािधक वृ दर—30.44
िजला—दरभंगा
यूनतम वृ दर—19
िजला—अर रया
सवािधक वृ दर—30
िजला—अरवल
यूनतम वृ दर—19.01
िजला—खगिड़या
सवािधक वृ दर—29.46
िजला—मुंगेर
यूनतम वृ दर—19.45
िजला—पूव चंपारण
सवािधक वृ दर—28.89
िजला—रोहतास
यूनतम वृ दर—20.22
दशाया गया ह—
अिधक एवं कम जन घन व वाले िजले
िजला—िशवहर
अिधकतम जन घन व—1880
िजला—कमूर
यूनतम जन घन व—488
िजला—पटना
अिधकतम जन घन व—1803
िजला—जमुई
यूनतम जन घन व—567
िजला—दरभंगा
अिधकतम जन घन व—1721
िजला—बाँका
यूनतम जन घन व—672
िजला—वैशाली
अिधकतम जन घन व—1717
िजला—प मी चंपारण
यूनतम जन घन व—750
िजला—बेगूसराय
अिधकतम जन घन व—1540
िजला—औरगाबाद
यूनतम जन घन व—760
ोत : जनगणना, 2011
िलंगानुपात
सा रता
भारत सरकार क जनगणना िवभाग क अनुसार 7 वष से अिधक आयु वग का य , जो िकसी एक भाषा को
पढ़ना, िलखना और समझना जानता हो, को सा र कहते ह। 1971 क जनगणना तक सात वष क थान पर चार
वष िनधा रत थे। 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार क सा रता दर 63.82 ितशत ह, जबिक रा ीय औसत
74.04 ितशत ह। िबहार म पु ष सा रता दर 73.39 ितशत तथा मिहला सा रता दर 53.33 ितशत ह। िबहार
म सवािधक सा रता दर वाला िजला रोहतास (75.59 ितशत) ह, जबिक सबसे कम सा रता दर पूिणयाँ म
52.49 ितशत ह। रा य म ामीण सा रता दर 61.83 ितशत एवं नगरीय सा रता दर 78.75 ितशत ह। नीचे
क तािलका म अिधक सा रता एवं कम सा रता वाले िजल को दशाया गया ह—
अिधक एवं कम सा रता वाले िजले
िजला : रोहतास
अिधक सा रता : 75.59
िजला : पूिणया
कम सा रता : 52.49
िजला : मुंगेर
अिधक सा रता : 73.3
िजला : सीतामढ़ी
कम सा रता : 53.53
िजला : भोजपुर
अिधक सा रता : 72.79
िजला : किटहार
कम सा रता : 53.56
िजला : औरगाबाद
अिधक सा रता : 72.77
िजला : मधेपुरा
कम सा रता : 53.78
िजला : पटना
अिधक सा रता : 72.47
िजला : सहरसा
कम सा रता : 54.57
ोत : जनगणना, 2011
िजला—भागलपुर
नगरीय—19.97
िजला—िशवहर
ामीण—95.72
िजला—बेगूसराय
नगरीय—19.19
िजला—सुपौल
ामीण—95.26
िजला—शेखपुरा
नगरीय—17.14
ोत : जनगणना, 2011
रा य म जनगणना िवभाग क प रभाषा क अनुसार 2001 क जनगणना क अनुसार 271 शहर थे। जनगणना
शहर को जनगणना िवभाग ने जनसं या क आधार पर छह वग म िवभािजत िकया ह। जनगणना शहर को नीचे क
तािलका म दिशत िकया गया ह—
शहर का कार— थम वग
जनसं या—1 लाख से अिधक
सं या—20
कल शहरी जनसं या का ितशत—52.62
शहर का कार— तीय वग
जनसं या—50000-99999
सं या—17
कल शहरी जनसं या का ितशत—17.58
शहर का कार—तृतीय वग
जनसं या—20000-49999
सं या—79
आयु संरचना
िबहार म 0 से 14 वष क आयु वग क ब क सं या का ितशत 13.24 ह। 2011 क जनगणना क अनुसार
6 वष से कम उ क ब क सं या 17.90 ितशत ह, जो रा ीय औसत 13.12 ितशत से अिधक ह। 0 से 6
वष क आयु वग क जनसं या म बालक का िह सा 17.74 ितशत एवं बािलका का िह सा 18.07 ितशत
ह। 0 से 6 वष क आयु वग म 2001 म िलंगानुपात 942 था, जो 2011 म घटकर 935 हो गया ह। इस वग ेणी
म सवािधक िलंगानुपात 971 िकशनगंज म, जबिक सबसे कम िलंगानुपात 904 वैशाली म ह। 0 से 6 आयु वग म
सवािधक जनसं या वाले िजले खगिड़या (21.33 ितशत), िकशनगंज और अर रया ह। इस आयु वग म बालक
क सवािधक सं या खगिड़या िजले म 20.63 ितशत तथा सबसे कम जनसं या पटना िजले म 15.63 ितशत ह।
बािलका क सवािधक सं या सुपौल िजले म 23.4 ितशत, जबिक सबसे कम जनसं या पटना िजले म 15.75
ितशत ह।
0 से 6 वष क आयु वग म ामीण जनसं या का ितशत 18.55, जबिक नगरीय जनसं या का ितशत 14.35
ितशत ह। इस आयु वग म सवािधक ामीण जनसं या वाला िजला खगिड़या ह, जबिक सवािधक नगरीय
जनसं या वाला िजला िशवहर ह।
अनुसूिचत जाित एवं जनजाित क जनसं या
िबहार म अनुसूिचत जाित क सं या 14.56 ितशत ह। सवािधक अनुसूिचत जाित क जनसं या वाला िजला
गया (29.6 ितशत) ह, जबिक सबसे कम जनसं या िकशनगंज म 6.6 ितशत ह। अनुसूिचत जनजाित म
िलंगानुपात 923 ह तथा सा रता दर 28.5 ितशत ह। अनुसूिचत जाित म सवािधक िलंगानुपात वाला िजला
सीवान, जबिक यूनतम िलंगानुपात वाला िजला भागलपुर ह। सा रता क ि से मुंगेर म सा रता दर सवािधक
42.6 ितशत ह, जबिक सबसे कम िशवहर म 16.9 ितशत ह।
2011 क जनगणना क अनुसार िबहार म अनुसूिचत जनजाित क जनसं या 0.9 ितशत ह। सवािधक
अनुसूिचत जनजाित वाला िजला किटहार 5.9 ितशत ह। जमुई म 4.8 ितशत, बाँका म 4.7 ितशत, पूिणया म
4.4 ितशत जनजाितयाँ िनवास करती ह। िशवहर, दरभंगा, खगिड़या, शेखपुरा एवं नालंदा िजले म अनुसूिचत
जनजाित नह पाई जाती ह। अनुसूिचत जनजाितय का िलंगानुपात रा य म 929 ह तथा सा रता दर 28.2 ितशत
ह। सवािधक िलंगानुपात वाला िजला गोपालगंज (1063) ह तथा सबसे कम िलंगानुपात वाला िजला पटना (726)
ह। सवािधक सा रता दर बेगूसराय म 78.6 ितशत ह, जबिक सबसे कम सा रता दर लखीसराय म 12.9
ितशत ह।
धािमक संरचना
िबहार म अनेक धािमक समूह पाए जाते ह, िजनम िहदू, मु लम, ईसाई, िसख, जैन और बौ मुख ह। िबहार
क कल जनसं या का 83.2 ितशत िहदू, 16.5 ितशत मु लम, 0.1 ितशत ईसाई जनसं या पाई जाती ह।
जनसं या संबंधी सम या एवं समाधान
2011 क जनगणना क अनुसार िबहार क कल जनसं या 104099452 ह, जो देश क कल जनसं या का
8.58 ितशत ह। जनसं या घन व 1106 ह, जो देश म सवािधक ह। वािषक वृ दर 2.57 ितशत और
दशक य वृ दर 25.07 ितशत ह। जनसं या म ती वृ दर का कारण मृ यु दर पर वा य सुिवधा एवं
खा ा उ पादन म वृ क कारण िनयं ण थािपत होना ह, जबिक ज म दर पर िनयं ण थािपत नह हो सका
ह। ज म दर और मृ यु दर म अंतर क कारण वृ दर ती ह। ती वृ दर एवं बढ़ती जनसं या क कारण
अनेक कार क सम याएँ उ प ई ह, जैसे—
भोजन क सम या,
कपोषण क सम या,
गरीबी एवं बेरोजगारी क सम या,
पयावरणीय पतन क सम या,
िन न जीवन तर,
ित य िन न आय,
िन न उ पादकता।
जनसं या नीित
भारत क साथ-साथ िबहार क िलए भी जनसं या वृ एक गंभीर सम या ह। जनसं या को िनयंि त करने क
िलए अनेक आयोग का गठन, काय म एवं नीितय को लागू िकया गया ह। 1948 ई. म प रवार िनयोजन
काय म को लागू िकया गया ह। 1978 ई. म रा ीय जनसं या आयोग का गठन िकया गया। 1984 ई. म
वािमनाथन सिमित का गठन िकया गया। उपरो नीितय एवं काय म ारा जनसं या को िनयंि त करने का
यास िकया गया। 1999 ई. म रा ीय जनसं या नीित क घोषणा क गई। इस नीित म िन निलिखत उ े य
िनधा रत िकए गए ह—
2045 ई. तक जनसं या को थरता दान करना ह।
वा य एवं प रवार क याण काय म क गुणव ा म सुधार लाना ह।
जनसं या िनयं ण संबंधी काय म म मिहला क अिधक से अिधक भागीदारी सुिन त करना ह।
रा ीय जनसं या नीित क आलोक म िबहार म जनसं या को िनयंि त करने क िलए अनेक काय िकए जा रह
ह, जैसे—2045 ई. तक जनसं या को थर करने क िलए कल जनन दर (TFR) को 2.1 क तर पर करना ह।
प रवार िनयोजन काय म उपाय , जैसे—बं याकरण, गभिनरोधक साधन क आपूित एवं उनका चार, आिथक
सहायता, ामीण वा य सेवा को अिधक भावशाली बनाना आिद पर िवशेष बल िदया गया ह।
जनसं या संबंधी मुख सूचकांक
संकतक—जनसं या
िबहार 2001—82,998,509
2011—10,40,99,452
भारत 2011—1,21,05,69,573
संकतक—पु ष
िबहार 2002—43,243,795
2011—5,42,71,857
भारत 2012—62,31,21,843
संकतक—मिहला
िबहार 2003—39,754,714
2011—4,98,21,295
भारत 2013—58,74,47,730
संकतक— ामीण
िबहार 2004—74,316,709
2011—9,23,41,436
भारत 2014—83,34,63,448
संकतक—नगरीय
िबहार 2005—8,681,800
2011—1,17,58,016
भारत 2015—37,71,06,125
संकतक—घन व
िबहार 2006—881
2011—1102
भारत 2016—382
संकतक—सा रता
िबहार 2007—47
2011—61.8
भारत 2017—74.04
संकतक—पु ष सा रता
िबहार 2008—59.68
2011—71.2
भारत 2018—82.14
संकतक—मिहला सा रता
िबहार 2009—33.12
2011—51.5
भारत 2019—65.46
संकतक—िलंगानुपात
िबहार 2010—919
2011—916
भारत 2020—940
संकतक—जनसं या (0-6 वष)
िबहार 2011—16,806,063
2011—1,91,33,964
भारत 2021—16,44,78,150
संकतक—िलंगानुपात (0-6 वष)
िबहार 2012—942
2011—933
भारत 2022—914
ोत : जनगणना िवभाग, भारत सरकार
0.5361 ह। इस कार िबहार मानव िवकास क ि कोण से काफ िनचले तर पर ह। मानव िवकास सूचकांक
का िन न तर होने क मुख कारण अिश ा, गरीबी, खराब वा य सुिवधा, कपोषण आिद ह।
िबहार क िजलावार जनसं या संबंधी िवशेषताएँ
िजला : प मी चंपारण
जनसं या : 3922780
पु ष : 2057669
मिहला : 1865111
ामीण : 3528781
नगरीय : 393999
घन व : 750
िलंगानुपात : 906
सा रता : 58.06
0-6 वष क जनसं या : 753429
िजला : पूव चंपारण
जनसं या : 5082868
पु ष : 2674037
मिहला : 2408831
ामीण : 4683820
नगरीय : 399048
घन व : 1281
िलंगानुपात : 901
सा रता : 58.26
0-6 वष क जनसं या : 993569
िजला : िशवहर
जनसं या : 656916
पु ष : 347614
मिहला : 309302
ामीण : 628821
नगरीय : 38095
घन व : 1882
िलंगानुपात : 890
सा रता : 56
0-6 वष क जनसं या : 124919
िजला : सीतामढ़ी
जनसं या : 3419622
पु ष : 1800441
मिहला : 1619181
ामीण : 3228904
नगरीय : 190718
घन व : 1491
िलंगानुपात : 899
सा रता : 53.53
0-6 वष क जनसं या : 643851
िजला : मधुबनी
जनसं या : 4476044
पु ष : 2324984
मिहला : 2151060
ामीण : 4311466
नगरीय : 164578
घन व : 1279
िलंगानुपात : 925
सा रता : 60.9
0-6 वष क जनसं या : 779360
िजला : सुपौल
जनसं या : 2228397
पु ष : 1157815
मिहला : 1070582
ामीण : 2122869
नगरीय : 105528
घन व : 898
िलंगानुपात : 925
सा रता : 59.65
0-6 वष क जनसं या : 424411
िजला : अर रया
जनसं या : 2806200
पु ष : 1460878
मिहला : 1345322
ामीण : 2637656
नगरीय : 168544
घन व : 992
िलंगानुपात : 921
सा रता : 55.1
0-6 वष क जनसं या : 564131
िजला : िकशनगंज
जनसं या : 1690948
पु ष : 868845
मिहला : 222103
ामीण : 1527249
नगरीय : 163699
घन व : 898
िलंगानुपात : 946
सा रता : 57.04
0-6 वष क जनसं या : 341943
िजला : पूिणया
जनसं या : 3273127
पु ष : 1695829
मिहला : 1577298
ामीण : 2932527
नगरीय : 340600
घन व : 1014
िलंगानुपात : 930
सा रता : 52.49
पु ष : 995502
मिहला : 901600
ामीण : 1741927
नगरीय : 155175
घन व : 1125
िलंगानुपात : 906
सा रता : 54.57
0-6 वष क जनसं या : 377504
िजला : दरभंगा
जनसं या : 3921971
पु ष : 2053043
मिहला : 1868928
ामीण : 3541846
नगरीय : 3180125
घन व : 1721
िलंगानुपात : 910
सा रता : 58.26
0-6 वष क जनसं या : 700942
िजला : मुज फरपुर
जनसं या : 4778610
पु ष : 2517500
मिहला : 2261110
ामीण : 4308714
नगरीय : 469896
घन व : 1506
िलंगानुपात : 898
सा रता : 65.68
0-6 वष क जनसं या : 817709
िजला : गोपालगंज
जनसं या : 2558037
पु ष : 1269677
मिहला : 1288360
ामीण : 2396270
नगरीय : 161767
घन व : 1298
िलंगानुपात : 1015
सा रता : 67.04
0-6 वष क जनसं या : 437031
िजला : सीवान
जनसं या : 3318176
पु ष : 1672121
मिहला : 1646055
ामीण : 3135865
नगरीय : 182311
घन व : 1495
िलंगानुपात : 984
सा रता : 71.59
0-6 वष क जनसं या : 532868
िजला : सारण
जनसं या : 3943098
पु ष : 2023476
मिहला : 1919622
ामीण : 3591053
नगरीय : 352045
घन व : 1493
िलंगानुपात : 949
सा रता : 68.57
0-6 वष क जनसं या : 657316
िजला : वैशाली
जनसं या : 3495249
पु ष : 1847058
मिहला : 1648191
ामीण : 3262715
नगरीय : 232534
घन व : 1717
िलंगानुपात : 892
सा रता : 68.56
0-6 वष क जनसं या : 591634
िजला : सम तीपुर
जनसं या : 4254762
पु ष : 2228432
मिहला : 2026350
ामीण : 4107725
नगरीय : 147057
घन व : 1465
िलंगानुपात : 909
सा रता : 63.81
0-6 वष क जनसं या : 784203
िजला : बेगूसराय
जनसं या : 2954367
पु ष : 1560203
मिहला : 1394164
ामीण : 2387311
नगरीय : 567056
घन व : 1540
िलंगानुपात : 894
सा रता : 66.23
0-6 वष क जनसं या : 532382
िजला : खगिड़या
जनसं या : 1657599
पु ष : 880065
मिहला : 777534
ामीण : 1570470
नगरीय : 87129
घन व : 1115
िलंगानुपात : 883
सा रता : 60.87
0-6 वष क जनसं या : 347028
िजला : भागलपुर
जनसं या : 3032226
पु ष : 1614014
मिहला : 1418212
ामीण : 243226
नगरीय : 600100
घन व : 1180
िलंगानुपात : 879
सा रता : 64.96
0-6 वष क जनसं या : 532307
िजला : बाँका
जनसं या : 2029339
पु ष : 1064307
मिहला : 965032
ामीण : 1957988
नगरीय : 73135
घन व : 672
िलंगानुपात : 907
सा रता : 60.12
0-6 वष क जनसं या : 362548
िजला : मुंगेर
जनसं या : 1359054
पु ष : 723280
मिहला : 635774
ामीण : 974425
नगरीय : 384629
घन व : 959
िलंगानुपात : 879
सा रता : 73.3
0-6 वष क जनसं या : 221026
िजला : लखीसराय
जनसं या : 1000717
पु ष : 526651
मिहला : 474066
ामीण : 8577751
नगरीय : 142966
घन व : 815
िलंगानुपात : 900
सा रता : 64.95
0-6 वष क जनसं या : 182234
िजला : शेखपुरा
जनसं या : 634927
पु ष : 329593
मिहला : 305334
ामीण : 526132
नगरीय : 108795
घन व : 922
िलंगानुपात : 926
सा रता : 65.96
0-6 वष क जनसं या : 118228
िजला : नालंदा
जनसं या : 2872523
पु ष : 1495577
मिहला : 1376946
ामीण : 2415034
नगरीय : 457489
घन व : 1220
िलंगानुपात : 921
सा रता : 66.41
0-6 वष क जनसं या : 501046
िजला : पटना
जनसं या : 5772804
पु ष : 3051117
मिहला : 2721687
ामीण : 3262711
नगरीय : 2510093
घन व : 803
िलंगानुपात : 892
सा रता : 72.47
0-6 वष क जनसं या : 905708
िजला : भोजपुर
जनसं या : 2720155
पु ष : 1431722
मिहला : 1288433
ामीण : 2331450
नगरीय : 388705
घन व : 1136
िलंगानुपात : 900
सा रता : 72.79
0-6 वष क जनसं या : 440847
िजला : ब सर
जनसं या : 1707643
पु ष : 888356
मिहला : 819287
ामीण : 1543476
नगरीय : 164167
घन व : 1003
िलंगानुपात : 922
सा रता : 71.77
0-6 वष क जनसं या : 286969
िजला : कमूर
जनसं या : 1626900
पु ष : 847784
मिहला : 779116
ामीण : 1561538
नगरीय : 65362
घन व : 488
िलंगानुपात : 919
सा रता : 71.01
0-6 वष क जनसं या : 291785
िजला : रोहतास
जनसं या : 2962593
पु ष : 1547856
मिहला : 1414737
ामीण : 2535085
नगरीय : 427508
घन व : 763
िलंगानुपात : 914
सा रता : 75.59
पु ष : 1145123
मिहला : 1071530
ामीण : 2001120
नगरीय : 215533
घन व : 889
िलंगानुपात : 921
सा रता : 61.63
0-6 वष क जनसं या : 367231
िजला : जमुई
जनसं या : 1756078
पु ष : 914368
मिहला : 841710
ामीण : 1611431
नगरीय : 144647
घन व : 567
िलंगानुपात : 921
सा रता : 62.16
0-6 वष क जनसं या : 313455
िजला : जहानाबाद
जनसं या : 1124176
पु ष : 586202
मिहला : 537974
ामीण : 989816
नगरीय : 134360
घन व : 1206
िलंगानुपात : 918
सा रता : 68.27
0-6 वष क जनसं या : 193946
िजला : अरवल
जनसं या : 699563
पु ष : 362945
मिहला : 336618
ामीण : 648094
नगरीय : 51469
घन व : 1099
िलंगानुपात : 927
सा रता : 69.54
0-6 वष क जनसं या : 123684
िजला : िबहार
जनसं या : 103804637
पु ष : 54271857
मिहला : 49821295
ामीण : 92075028
नगरीय : 11729609
घन व : 1106
िलंगानुपात : 916
सा रता : 63.82
0-6 वष क जनसं या :
ोत : जनगणना िवभाग, भारत सरकार
ामीण एवं नगरीय अिधवास
मानव ब तय का इितहास ा ालीन नवपाषाण युग से ारभ होता ह, जब किष काय क ारभ होने से मानव
जीवन म थािय व आया। िबहार म नवपाषाणकालीन ब तय का माण सारण िजला क िचरांद से ा आ ह।
िबहार का अिधकांश भू-भाग गंगा घाटी क उपजाऊ मैदान म थत ह, िजसक कारण किष-आधा रत अथ यव था
का िवकास आ ह। किष- धान े होने क कारण ामीण जनसं या क धानता पाई जाती ह। िबहार क कल
जनसं या 10,40,99,452 ह। वष 2011 क जनगणना क अनुसार इस जनसं या का 88.70 ितशत लोग गाँव म
रहते ह। िबहार क कल े फल 94,163 वग िकलोमीटर े म 92,358.40 वग िकलोमीटर े फल म ामीण
ब तयाँ फली ह। शेष भाग 1804.60 वग िकलोमीटर म नगरीय ब तयाँ पाई जाती ह।
मानव ब ती का िवकास आिथक ि या-कलाप तथा मानव क बसाव क आधार पर िनभर करता ह। इन आधार
पर दो कार क ब तय का िवकास आ ह—
1. ामीण ब तयाँ (Rural Settlement),
2. नगरीय ब तयाँ (Urban Settlement)।
भारत क जनगणना िवभाग क अनुसार ामीण एवं नगरीय ब तय को िन न आधार पर िवभािजत िकया गया ह
—
(i) जनसं या—5000 से कम जनसं या वाली ब ती को ामीण ब ती तथा 5000 से अिधक जनसं या वाली
ब ती को नगरीय ब ती कहा जाता ह।
(ii) कायकारी जनसं या—कायकारी जनसं या का 75 ितशत किष काय म संल न जनसं या वाली ब ती
ामीण ब ती कहलाती ह, जबिक 75 ितशत से अिधक कायकारी जनसं या गैर-किष काय म संल न रहने पर
नगरीय ब ती कही जाती ह। 14 वष से ऊपर और 60 वष तक क जनसं या को कायकारी जनसं या कहा जाता
ह। 14 वष से कम एवं 60 वष से अिधक आयु वग क जनसं या को आि त जनसं या कहते ह।
(iii) घन व—400 य ितवग िकलोमीटर से अिधक िनवास करनेवाली मानवीय ब ती को नगरीय ब ती
कहते ह, जबिक 400 य ित वग िकलोमीटर से कम िनवास करनेवाली मानवीय ब ती को ामीण ब ती कहा
जाता ह।
य िप ब त सारी ऐसी ामीण ब तयाँ ह, िजनक जनसं या 10 हजार से अिधक ह, जबिक अनेक ब तय क
जनसं या 5 हजार से कम ह, िफर भी नगरीय ब ती ह, िजसका आधार कायकारी जनसं या का ितशत ह।
मानवीय अिधवास क उ म एवं िवकास पर सवािधक भाव ाकितक एवं मानवीय कारक का पड़ता ह।
भौगोिलक कारक म अनुकल जलवायु, समतल एवं उपजाऊभूिम, चरागाह, पेयजल क सुिवधा, यातायात क
सुिवधा आिद मुख कारक ह।
ब त सारी ऐसी ामीण ब तयाँ ह, िजनक जनसं या 10 हजार से अिधक ह, जबिक अनेक ब तय
क जनसं या 5 हजार से कम ह, िफर भी नगरीय ब ती ह, िजसका आधार कायकारी जनसं या का
ितशत ह।
मानवीय कारक म सामािजक संगठन , परपरा , मा यता , रीित- रवाज आिद का मानवीय अिधवास क
िवकास, िव तार एवं व प िनमाण पर भाव पड़ता ह। वतमान समय म आिथक ि या-कलाप म िविवधता क
कारण भी िवशेषीकत ामीण एवं नगरीय ब तय का िवकास आ ह।
ामीण ब तयाँ
िबहार किष काय क धानता वाला रा य ह, िजसक कारण ामीण ब ती एवं ामीण जनसं या क अिधकता
पाई जाती ह। ामीण ब तय म सघन और िवरल दो कार क ब तयाँ िवकिसत ई ह।
सघन ामीण ब तय क िवकास को भािवत करनेवाले कारक
ाकितक कारक
िबहार म सघन ब तय क िवकास पर थलाकितक िवतरण का सवािधक भाव पड़ा ह। इस कार क
ब तयाँ जलोढ़ िम ीयु समतल मैदान म पाई जाती ह। बाढ़ भािवत मैदानी े म ऊचे तटबंध पर बाढ़
सुर ा क कारण सघन ब ती का िवकास आ ह।
आिथक कारक
आिथक कारक म भूिम क उ पादन मता, यातायात क सुिवधा, किष प ित, जम दारी था आिद मुख ह।
िजन े म धान का उ पादन अिधक होता ह, वैसे े म सघन ब ती का िवकास आ ह।
सामािजक एवं राजनैितक कारक
सामािजक कारक म जाित यव था, जाितगत भावना, धािमक िव ास एवं सामािजक परपरा ब ती िवकास को
भािवत करती ह।
िवरल ब तय को भािवत करनेवाले मुख कारक
ाकितक कारक
ाकितक कारक म िवषम थलाकितक िवतरण ह, िजसक कारण बसाव थान क िलए उपयु भूिम का
अभाव होता ह, किष यो य भूिम क कमी होती ह।
आिथक कारक
आिथक कारक म चकबंदी, भू-हदबंदी, किष का आधुिनक करण आिद क कारण िबखरी ई क ण ब ती का
िवकास आ ह।
सामािजक एवं राजनैितक कारक
िबहार जैसे रा य म िढ़गत सामािजक एवं धािमक िव ास क बलता क कारण िबखरी ई ब तय का
िवकास आ ह। जाित यव था क बल वृि क कारण जाितगत टोल क प म खंिडत ब तय का िवकास
आ ह।
ामीण ब तय का िवतरण ा प
िबखरी ब तय म घर अलग-अलग एवं दूर-दूर बने होते ह। इस कार क ब तयाँ सीिमत किष यो य भू-भाग
वाले एवं ऊबड़-खाबड़ भू-भाग वाले े म पाई जाती ह। गंगा नदी क िदयारा े म इस कार क ब ती का
िवकास आ ह।
रखीय िवरल ब ती (Liner Dispersed Settlement)
रखीय िबखरी ब तय का िवकास िवषम पठारी एवं जंगली े म पगडिडय क िकनार आ ह।
नगरीय अिधवास
िबहार म नगरीकरण का माण उ र-वैिदक काल एवं महाजनपद काल से िमलना ारभ होता ह, जब
पाटिलपु , अंग, राजगृह आिद नगर का िवकास आ था। अजातश ु क पु उदयन ने गंगा क तट पर पाटिलपु
क थापना क । िबहार म िविभ निदय —गंगा, फ गु, सरयू, सोन, गंडक आिद क िकनार पाटिलपु , गया,
भागलपुर, ब सर आिद नगर का िवकास ाचीन काल से ही ारभ हो चुका था। म यकाल म िवशेषकर अफगान
शासन काल म नगरीकरण को अिधक भावी बनाया गया। शेरशाह ने पटना क थापना क । बाद म मुगल शासक
औरगजेब ने पटना म अजीमाबाद नामक नया शहर थािपत िकया। ि िटश काल म िनयोिजत नगर का िवकास
िकया गया, जैसे प मी पटना को शासिनक ि कोण से िनयोिजत िकया गया।
शेरशाह ने पटना क थापना क । बाद म मुगल शासक औरगजेब ने पटना म अजीमाबाद नामक नया
शहर थािपत िकया।
2011 क जनगणना क अनुसार िबहार क मा 11.30 ितशत जनसं या नगर म िनवास करती ह। नगरीकरण
का तर कम होने का मुख कारण अिधकांश भू-भाग का मैदानी होना ह, िजसक कारण अिधकांश जनसं या किष
पर आि त ह। िबहार म नगरीकरण का तर कम होने का अ य कारण िश ा का तर िन न होना, गरीबी,
बेरोजगारी क तर उ होना और खिनज संसाधन क कमी ह। खिनज क कमी होने से औ ोिगक करण क दर
काफ कम आिद ह, जबिक औ ोिगक करण नगरीकरण को गित दान करता ह। 1901 ई. म िबहार म मा 4.70
ितशत नगरीय जनसं या थी, जो 2011 म बढ़कर 11.30 ितशत हो गई ह। िविभ दशक म नगरीय जनसं या
क वृ को नीचे क तािलका म दशाया गया ह—
िबहार म नगरीकरण क वृि (1901-2011)
वष—1901
ितशत म—4.7
दशक य वृ दर—-
वष—1911
ितशत म—4.72
दशक य वृ दर—1.74
वष—1921
ितशत म—4.6
दशक य वृ दर—8.17
वष—1931
ितशत म—4.8
दशक य वृ दर—22
वष—1941
ितशत म—5.4
दशक य वृ दर—33.66
वष—1951
ितशत म—6.8
दशक य वृ दर—38.14
वष—1961
ितशत म—8.4
दशक य वृ दर—49.03
वष—1971
ितशत म—10
दशक य वृ दर—43.44
वष—1981
ितशत म—12.72
दशक य वृ दर—53.63
वष—1991
ितशत म—13.17
दशक य वृ दर—30.69
वष—2001
ितशत म—10.47
दशक य वृ दर—22.49
वष—2011
ितशत म—11.3
दशक य वृ दर—35.11
ोत : जनगणना िवभाग, भारत सरकार
1921 ई. तक िबहार म नगरीय वृ दर मा 8.17 ितशत ित दशक रही ह, जो ब त कम थी। कम होने का
कारण 1911-21 क बीच आनेवाले अकाल और महामारी थी। 1921 क बाद वृ दर काफ ती हो गई।
1921-31 क दशक म 22 ितशत थी। वतं ता क बाद 1951-61 क बीच वृ दर 49.03 ितशत तक प च
गई। सबसे तेज वृ दर 1971-81 क बीच रही ह, जो 53.63 ितशत थी। 1981 म िबहार क नगरीय जनसं या
का अनुपात 12.72 था जबिक ामीण नगरीय जनसं या म नगरीय जनसं या का अनुपात सवािधक 1991 क
जनगणना म था, जो 13.17 ितशत था। 1991 क बाद इस अनुपात म िगरावट आई ह तथा 2011 क जनगणना
म नगरीय जनसं या 11.30 ितशत ह। 2001 से 2011 क दशक म नगरीय जनसं या म वृ दर 35.11
ितशत रही ह। रा य म सवािधक नगरीय जनसं या म वृ बेगूसराय िजले म 426.89 ितशत क ई ह। इस
ती वृ का कारण इस िजले म अनेक औ ोिगक क क थापना होना ह। बेगूसराय क बाद पूव चंपारण म
58.93 ितशत, कमूर म 56.46 ितशत और नवादा म 55.68 ितशत नगरीय जनसं या म वृ िपछले दशक
म ई ह।
2011 क जनगणना क अनुसार सवािधक नगरीय जनसं या वाला िजला पटना ह तथा सबसे बड़ा नगर पटना ही
ह। रा य क बड़ नगर एवं उनक जनसं या को नीचे क तािलका म दिशत िकया गया ह—
जनगणना 2011 क अनुसार बड़ नगर
रक—1
नगर—पटना
जनसं या—2046652
रक—2
नगर—गया
जनसं या—470839
रक—3
नगर—भागलपुर
जनसं या—410210
रक—4
नगर—मुज फरपुर
जनसं या—393724
रक—5
नगर—पूिणया
जनसं या—310817
रक—6
नगर—दरभंगा
जनसं या—306089
रक—7
नगर—िबहारशरीफ
जनसं या—296889
रक—8
नगर—आरा
जनसं या—261099
रक—9
नगर—बेगूसराय
जनसं या—251136
रक—10
नगर—किटहार
जनसं या—240565
ोत : जनगणना, 2011
.:1
नाम : पटना
जनसं या (2001) : 1432209
वाड : 72
.:2
नाम : मुज फरपुर
जनसं या (2001) : 305525
वाड : 49
.:3
नाम : िबहारशरीफ
जनसं या (2001) : 232071
वाड : 46
.:4
नाम : आरा
जनसं या (2001) : 203380
वाड : 45
.:5
नाम : गया
जनसं या (2001) : 389192
वाड : 53
.:6
नाम : भागलपुर
जनसं या (2001) : 340767
वाड : 51
.:7
नाम : दरभंगा
जनसं या (2001) : 267348
वाड : 48
.:8
नाम : बेगूसराय
जनसं या (2001) : 93741
वाड : 36
.:9
नाम : मुंगेर
जनसं या (2001) : 188050
वाड : 45
. : 10
नाम : पूिणया
जनसं या (2001) : 171687
वाड : 43
: . : 11
नाम : किटहार
जनसं या (2001) : 190873
वाड : 60
: . : 12
नाम : छपरा
एयर ट सी एवं हलीकॉ टर सेवा, िवशेष पयटन टरन, नौका आिद। आवासन े म होटल, मोटल, रसोट गे ट
हाउस आिद े ह।
इस तरह िबहार म पयटन क असीम संभावनाएँ ह। ज रत कवल रा ीय एवं अंतरा ीय तर क सुिवधाएँ
िवकिसत करने क ह। ामीण ट र म को भी बढ़ावा देने क ज रत ह। वतमान समय म भारत पयटन क
ि कोण से देश म 10 मुख रा य म 7व थान पर ह। अतः ज रत ह िक पयटन क को अिधक आकषक,
सुग य, सुरि त बनाया जाए।
राजगीर तथा मुंगेर क स फरयु जल गरम जल क झरन को ए ाथेरपी आधा रत क याण पयटन क
प म िवकिसत िकया जा सकता ह।
वष 2015 ई. म रा य म 28.95 लाख पयटक आए, िजसम 923 हजार पयटक िवदेशी थे। वष 2011 से 2015
ई. क बीच िबहार म आनेवाले पयटक क सं या म लगभग 50 ितशत क वृ ई ह। नीचे क तािलका म
िबहार क आनेवाले घरलू एवं िवदेशी पयटक क सं या को दिशत िकया गया ह—
िबहार आनेवाले पयटक क सं या वष 2015
(हजार म)
वष : 2011
घरलू : 18396
िवदेशी : 972
कल : 19368
वष : 2012
घरलू : 21446
िवदेशी : 1097
कल : 22543
वष : 2013
घरलू : 21588
िवदेशी : 765
कल : 22353
वष : 2014
घरलू : 22544
िवदेशी : 829
कल : 23373
वष : 2015
घरलू : 28029
िवदेशी : 923
कल : 28952
ोत : पयटन िवभाग, िबहार सरकार
सरकार का यास
ाचीन मह व क थल नालंदा महािवहार को यूने को क िव िवरासत सूची म शािमल िकया गया ह। कई
सं हालय का िनमाण रा य क पुराता वक मह व क चीज को दिशत करने क िलए िकया जा रहा ह। मुंगेर
सं हालय म आम य य क िलए चार दशकदीघा को खोला गया ह। भागलपुर म एक नए सं हालय का िनमाण
िकया जा रहा ह, जबिक पटना क सं हालय म तीन नई दीघा को दशक क िलए खोला गया ह। रा य सरकार ने
सं हालय पाक क अवधारणा क तहत जननायक कपूरी ठाकर मृित सं हालय पटना म तथा बोधगया थत
पुराता वक थल ताराडीह म पाक बनाने क योजना बनाई ह। इसी तरह नालंदा क राजगीर म िफ म उ ोग को
ो सािहत करने क िलए िफ म िसटी क थापना क ि या को आगे बढ़ाया जा रहा ह। पटना म बु मृित
पाक का िनमाण िकया गया ह तथा वैशाली म बु मृित तूप-सह-स यक दशन सं हालय क थापना क
वीकित दान क ह। इसक िलए 152.37 करोड़ पए वीकत िकए गए ह। रा य म लगभग 15 थल को
पुराता वक मह व क थल क प म िच त िकया गया ह, िजसम िन न थल शािमल ह—
थल : जमालु ीन चक
िजले का नाम : पटना
थल : अ धाना
िजले का नाम : नालंदा
थल : एकसारा
िजले का नाम : नालंदा
थल : प तान नवटोली
िजले का नाम : मधुबनी
थल : लो रकडीह
िबहारशरीफ
िबहारशरीफ वतमान समय म नालंदा िजले का मु यालय ह। यहाँ मखदूम साहब का दरगाह थत ह, जहाँ
ितवष उस (मेला) लगता ह। िबहारशरीफ म मिलक इ ाहीम बयाँ का मकबरा भी थत ह।
राजगीर (राजगृह)
राजगीर नालंदा िजले म थत ऐितहािसक थल ह। यह पाँच पहािड़य क बीच थत ह। मगध सा ा य क
हयक वंश क राजधानी क प म िबंिबसार एवं अजातश ु ने इसे थािपत िकया था। राजगृह से ही भारत क सबसे
ाचीन थाप य कला का माण िमलता ह। महा मा बु क मृ यु क बाद राजगृह क स पण गुफा म थम
बौ संगीित का आयोजन िकया गया था। राजगृह क र निग र पहाड़ी पर ही जापान सरकार ारा िव का
सबसे ऊचा िव शांित तूप का िनमाण करवाया गया ह। शांित तूप पर प चने क िलए र ु माग का िनमाण
िकया गया ह। राजगृह म जीिवका मण, सोन भंडार, आ वन, वेनुवन, मिनआर मठ, मखदूम साहब का जरा
एवं गरम जल क अनेक कड थत ह। वेनुवन को िबंिबसार ने महा मा बु को उपहार म िदया था। रा य पयटन
िवभाग ारा ितवष राजगीर महो सव का आयोजन िकया जाता ह।
मखदूम कड, राजगीर
राजगीर म मखदूम कड मुसलमान का अ यंत पिव धािमक थल ह। यहाँ संत मखदूम शाह शेख शफदीन का
िनवास थान ह। यहाँ गरम जल का कड ह, जो ाकितक झरने से बना ह। यहाँ क मखदूम कड म ान करने
और खुदा क इबादत करने देश-िवदेश से मुसलमान आते ह।
िव शांित तूप, राजगीर
स 1969 ई. म भारत और जापान क सहयोग से बु क िश ा क सार क िलए राजगीर म र नािग र
पवत िशखर पर भ य एवं िवशाल िव शांित तूप का िनमाण कराया गया ह। इस तूप क वािषको सव पर देश-
िवदेश से बौ ालु बडी सं या म आते ह और भगवान बु क िश ा को हण करते ह।
कड ाम वैशाली
भगवान महावीर का यह ज म थान जैन धमावलंिबय क पिव थान क प म जाना जाता ह। यह पिव थान
पटना से उ र लगभग 54 िकलामीटर दूर वैशाली िजले म थत ह।
पावापुरी, नालंदा
भगवान महावीर ने इसी थान पर 468 ई. पूव म िनवाण ा िकया था। महावीर क िनवाण थल पर एक
तालाब का िनमाण िकया गया ह, जो कमल क आकार का ह, िजसक बीच म जैन मारक बना आ ह। यह जल
मंिदर क नाम से िस ह। इसका ाचीन नाम अपपुरी था। यह थान पटना से लगभग 92 िकमी. नालंदा िजले
म थत ह।
गया
धािमक पयटन थल म गया का थान अ यंत मह वपूण ह। यहाँ िपतृप म भ य और िवशाल मेला लगता ह,
िजसम देश-िवदेश क िहदू तीथया ी अपने िपतर का तपण करने आते ह। ऌफ गु नदी क िकनार बसे इस यात
क हरार म थत ह। क हरार से मौयकालीन राज ासाद क अवशेष िमले ह। इस राज ासाद का िनमाण उ र देश
क चुनार े से मँगाए गए लाल बलुआ प थर से आ था। इसम लकड़ी क 80 खंभे बने ए थे। क हरार से 3
िकलोमीटर प म म मौयकाल म िनिमत अगमकआँ ह, िजसक बार म कहा जाता ह िक अशोक ने शासक बनने
से पूव अपने 99 भाइय क ह या कर उ ह कएँ म डाल िदया था। इसी थान पर शीतला देवी का मंिदर ह। पटना
थत धवलपुरा म शेरशाह ारा िनिमत म जद, शैफ खान ारा िनिमत म जद और मदरसे क अवशेष ा ए
ह। पटना िसटी म पादरी क हवेली थत ह। यह रोमन कथोिलक कला का माण ह, िजसका िनमाण 1751 ई. म
कपुिचन फादस ारा करवाया गया था।
अशोक राजपथ पर खुदाब श लाइ ेरी थत ह। यह राजपूत और मुगलकालीन थाप य कला का उदाहरण ह।
पु तकालय म मु य भवन क अित र एक कजन वाचनालय ह। इस पु तकालय क थापना 1891 ई. म
खुदाब श ारा क गई थी। अशोक राजपथ पर ही प थर क म जद थत ह, िजसका िनमाण 1621 ई. म
जहाँगीर क पु परवेज शाह ारा करवाया गया था। यहाँ अरबी, फारसी, उदू एवं अ य भाषा से संबंिधत
पांडिलिप, पु तक, म यकालीन िच कला एवं करानशरीफ क ित सुरि त ह। पटना म ही सिचवालय प रसर म
शहीद मारक थत ह, िजसम 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म शहीद ए 7 ांितका रय का मारक बना
आ ह। पटना सं हालय क थापना 1917 ई. म क गई। यह मुगल एवं राजपूत थाप य कला का उदाहरण ह।
इसम िस यि णी क मूित एवं अनेक पालकालीन अ धातु क मूितयाँ संगृहीत ह।
पटना क ऐितहािसक गांधी मैदान क पास गोलघर थत ह, िजसका िनमाण अ भंडार क प म वारन ह ट ज
क समय म 1786 ई. म क टन जॉन गा टन ारा करवाया गया था। यह गोलघर 125 मीटर क प रिध म 29
मीटर ऊचा बना आ ह। पटना म थत अ य दशनीय थल म गांधी मैदान म िनिमत महा मा गांधी क 40 फ ट
क कां य क ितमा, संजय गांधी उ ान, पीर अली पाक, पटनदेवी मंिदर, क ी दरगाह, काली मंिदर, बु मृित
पाक, इको पाक, तारामंडल, ीक ण िव ान क , छ ूबाग कोठी, कारिगल चौक, कमलदह आिद मुख ह।
अशोक राजपथ पर गंगा क तट पर थत पटना कॉलेज क थापना 1853 ई. म क गई थी। इस भवन का
िनमाण डच ई ट इिडया कपनी ारा गोदाम क प म िकया गया था। यह िबहार का ाचीनतम और भारत का
5वाँ सबसे पुराना कॉलेज ह।
पटना िजले म पटना से 30 िकलोमीटर क दूरी पर थत मनेर िफरदौसी सूफ िसलिसला से संबंिधत थल ह।
यहाँ सूफ संत पीर हजरत शफ ीन शाह मखदूम यािहया मनेरी क दरगाह थत ह। इनका मकबरा बड़ी दरगाह
क नाम से िस ह। इनक मकबर क िनकट ही शाह दौलत का भी मकबरा िनिमत ह, जो छोटी दरगाह क नाम
से जाना जाता ह। शाह दौलत यािहया मनेरी क िश य थे।
पटना म रामभ हनुमान क दो ाचीन मंिदर ह। पटना जं शन से सट एक ाचीन मंिदर का पुनिनमाण दशक
पूव आ ह। यहाँ हजार हनुमान भ ितिदन पूजा-अचना करने आते ह। दूसरा मंिदर पटना सािहब रलवे टशन
क नजदीक बेगमपुर क ‘जला’ े म थत ह। यह मंिदर 16व शता दी म िनिमत आ ह, िजसे ‘ज े का
महावीर मंिदर’ क नाम से िस िमली। शीतला माता मंिदर, गुलजारबाग टशन क पास ाचीन कआँ क पीछ
थत ह। नवरा क िदन म यहाँ पर हजार क सं या म ालु शीतला माँ क पूजा-अचना करने आते ह।
पटना क ऐितहािसक गांधी मैदान क पास गोलघर थत ह, िजसका िनमाण अ भंडार क प म वारन
ह ट ज क समय म 1786 ई. म क टन जॉन गा टन ारा करवाया गया था।
चैत य महा भु मंिदर पटना िसटी म गायघाट े म थत ह। यह मंिदर लगभग 400 वष पुराना ह। यहाँ पर
भ पूजा करने क साथ-साथ दुलभ सािह यक ंथ, कितयाँ, पांडिलिपयाँ एवं असं य ऐितहािसक मह व क िच
से प रिचत होते ह। पटना िसटी म अशोक राजपथ से सटा म छरह ा गली म माँ दुगा का एक ाचीन मंिदर
अ पूणा मंिदर क नाम से िस ह।
काली थान मंिदर माता काली को समिपत ह, जो चौक े क मंगल तालाब क िनकट पटना म थत ह। यह
मंिदर अ यंत ाचीन ह।
बड़ी पटनदेवी मंिदर, पटना
51 श पीठ म से एक माँ दुगा का िस मंिदर पटना िसटी म महाराजगंज े म थत ह। यहाँ पर साल
भर ालु अपने ा सुमन अिपत करने क िलए आते रहते ह।
छोटी पटनदेवी मंिदर, पटना
माता भगवती दुगा को समिपत यह मंिदर पटना िसटी का अ यंत ाचीन मंिदर ह। यहाँ बड़ी सं या म
ालुजन पूजा-अचना करते ह।
िशव मंिदर, बैकठपुर
भगवान िशव को समिपत यह ाचीन मंिदर बैकठपुर (पटना) म गंगा तट पर थत ह। इस मंिदर का िनमाण
राजा मान िसंह ारा कराया गया था। िशवराि क िदन यहाँ िवशाल मेला आयोिजत होता ह।
िबड़ला मंिदर, पटना
भारत क िति त राजबलदेव दास जी िबड़ला ारा िनमाण िकया आ यह मंिदर पटना क गांधी मैदान से
लगभग एक िकलोमीटर दूरी पर स जीबाग े म थत ह। इसका िनमाण 1942 ई. म िकया गया।
प थर क म जद, पटना
पटना क सु तानगंज े म इस म जद का िनमाण मुगल स ा जहाँगीर क पु शहजादा परवेज ने कराया था।
इसे ‘संगी म जद’ भी कहा जाता ह। मुगल वा तुकला का यह एक उ क नमूना ह। पटना म ही हाजीगंज े म
शेरशाह सूरी क शासन काल म बनी एक म जद ह, िजसम हजरत मुह मद शहशाह सूफ क क ह।
उमानाथ का मंिदर
पटना िजले क बाढ़ म थत भगवान िशव का आठ सौ साल पुराना एक िस मंिदर ह, जो उमानाथ क नाम
से िस ह।
खानकाह, फलवारीशरीफ
13व शता दी म हजरत मखदूमशाह ारा थािपत यह थान इ लाम धम का एक मह वपूण क रहा ह।
यहाँ पैगंबर मुह मद क याद म उस शरीफ रबीउल-अ वल क महीने म मनाया जाता ह, िजसका आयोजन तीन
िदन तक होता ह। देश-िवदेश से इ लाम धम क अनुयायी यहाँ आते ह और पैगंबर मुह मद क पिव बाल का
दशन करते ह।
इमामबाड़ा, पटना िसटी
बुलंदीबाग क िनकट िनिमत इमामबाड़ा मु लम धमानुयाियय का पिव थल ह। इसक अलावा गुनसर झील क
पास शाह अरजानी का भ य मकबरा भी ह।
त त ी हरिमंदर सािहब, पटना
त त ी हरिमंदर सािहब, पटना शहर म थत िसख आ था से जुड़ा एक ऐितहािसक दशनीय थल ह। यह
िसख क दसव गु गोिवंद िसंह का ज म थल ह। गु गोिवंद िसंह का ज म 26 िदसंबर, 1666 को आ था। यहाँ
गु गोिवंद िसंहजी से संबंिधत बचपन का पगुरा, लोह क चार तीर, तलवार, पादुका एवं अनेक व तुएँ सुरि त रखी
गई ह। यह थान िसख धमावलंिबय क िलए आ था का क ह। गु गोिवंद िसंह क ज मिदवस पर ितवष पटना
सािहब म काश पव मनाया जाता ह।
गु ारा गायघाट, पटना
यह थान पटना जं शन से 8 िकलोमीटर क दूरी पर थत ह। गायघाट क आलमगंज मुह े म थत यह
िसख का िस तीथ ह। इस थान पर स 1509 ई. म गु नानकजी ठहर थे। स 1666 ई. म िसख क गु
तेगबहादुर भी प रवार सिहत यहाँ ठहर थे।
गु ारा हाँ ी सािहब, दानापुर
दानापुर म थत यह गु ारा भ यता और धािमकता का अ ुत संगम ह। गु गोिवंद िसंह पटना से पंजाब जाने
क दौरान यहाँ पर कछ समय क िलए ठहर थे।
गु का बाग, पटना
यह पटना क हरिमंदर सािहब से 3 िकलोमीटर दूर पूव िदशा म पटना-फतुहा माग पर थत ह। यहाँ गु
तेगबहादुर बंगाल से लौटते समय अपने पु गोिवंद िसंह से िमले थे।
गु ारा गोिवंद घाट, पटना िसटी
इस थान का संबंध गु गोिवंद िसंहजी से रहा ह। यह हरिमंदर सािहब से लगभग 200 मीटर हटकर गंगा नदी क
िकनार थत ह।
कमलदह, पटना
यहाँ जैन धम का ाचीन और िस मंिदर ह, जो गुलजारबाग रलवे टशन क िनकट कमलदह नामक थान
पर थत ह, जहाँ जैन धमावलंिबय क भीड़ देखते ही बनती ह।
सट जोसेफ चच, बाँक पुर
यह चच अपनी उ क कलाकितय क िलए िस ह, जो बाँक पुर, पटना म थत ह। ि समस क अवसर
पर यहाँ इसाई धमावलंिबय क भीड़ का उ साह देखते ही बनता ह।
भागलपुर
िबहार क िस क नगरी क नाम से िस भागलपुर तसर रशम क िलए िस ह। ाचीन िव मिशला
िव िव ालय भागलपुर िजले म ही थत था, िजसका पुनिनमाण करवाया जा रहा ह। ाचीन अंग महाजनपद क
राजधानी भागलपुर म ही थी। यहाँ गंगा नदी क िकनार सु तानगंज म अजगैबीनाथ का मंिदर थत ह।
मंदारिग र, भागलपुर
माता भगवती दुगा क ितमा ेनाइट च ान से िनिमत ह, जो मंदारिग र, भागलपुर म थत ह। यह मंिदर
लगभग 800 फ ट क ऊचाई पर थत ह। इस पवत का पौरािणक मह व ह तथा ऐसी मा यता ह िक समु मंथन
क समय मंदारिग र पवत का इ तेमाल िकया गया था।
अजगैबीनाथ का मंिदर
भगवान िशव का यह ाचीन मंिदर सु तानगंज म गंगा नदी क तट पर थत ह। सावन माह म बड़ी सं या म
लोग यहाँ पूजा-अचना करने आते ह।
चंपा
ाचीन अंग महाजनपद क राजधानी चंपा बु कालीन 6 बड़ नगर म शािमल थी। इसका िनमाण महागोिवंद ने
करवाया था। इस नगर का नाम चंपा पृथुला क पु चंप क नाम पर पड़ा ह। महाजातक कथा क अनुसार
महा मा बु कई बार चंपा आए थे। चीनी या ी फािहयान तथा ेनसांग ने भी चंपा क या ा क थी।
मुंगेर
गंगा नदी क तट पर थत मुंगेर ाचीन समय म अंग महाजनपद का क था। आधुिनक युग क ारभ म बंगाल
क नवाब मीर कािसम ने राजधानी क प म इसे िवकिसत िकया था।
िबहार योगा भारती, गंगा दशन िव योगपीठ प रसर मुंगेर म थत ह। यह थान पहले कण चौरा क
नाम से जाना जाता था। यहाँ गु कल णाली पर आधा रत योग क िश ा दान क जाती ह।
िबहार योगा भारती, गंगा दशन िव योगपीठ प रसर मुंगेर म थत ह। यह थान पहले कण चौरा क नाम से
जाना जाता था। यहाँ गु कल णाली पर आधा रत योग क िश ा दान क जाती ह। इस तरह क योग सं था क
थापना सव थम वामी िशवानंद सर वती ने ऋिषकश योगा वेदांता फॉर ट अकादमी क नाम से क थी। इ ह से
े रत होकर 1963 ई. म मुंगेर म वामी स यानंद सर वती ने िबहार कल ऑफ योगा क थापना क । बाद म
1994 ई. म िनरजनानंद सर वती ने िबहार योगा भारती क थापना गंगादशन िव योगपीठ क प रसर म क ।
चंिडका देवी मंिदर, मुंगेर
मुंगेर िजले म गंगा तट पर थत माँ चंिडका देवी का मंिदर एक िस श पीठ ह। इस थल पर माँ सती क
दाई आँख िगरी थी। यहाँ मु य मंिदर म सोने क गढ़ी आँख थािपत ह।
ंग ऋिष
रामायणकालीन ंग मुिन क नाम पर थत मुंगेर िजले से 32 िकलोमीटर दि ण-प म म थत पहाड़ ह, जहाँ
िशवराि क िदन मेला लगता ह। ि िटश गवनर ाइव क िखलाफ 1766 ई. म अं ेज सैिनक ने इसी े म
िव ोह िकया था, िजसे ेत िव ोह (White Mutiny) कहते ह।
भुलनी धाम, रोहतास
यह मंिदर रोहतास िजले क िव मगंज क िनकट भुलनी नामक गाँव म थत ह। यह माता पावती क ाचीन
मंिदर क िनकट ह, जहाँ ितवष अ ैल एवं अ ूबर माह म बड़ा भ य तथा िवशाल मेला लगता ह।
गु धाम, रोहतास
रोहतास म थत इस मंिदर म ाकितक प से बना आ एक िशविलंग ह, िजसक पूजा गु े र नाथ क प
म क जाती ह। बसंत पंचमी और िशवराि क िदन यहाँ िवशाल एवं भ य मेले का आयोजन िकया जाता ह।
माँ ताराचंडी
सासाराम से 6 िकलोमीटर क दूरी पर कमूर पहाड़ी क गुफा म ताराचंडी माँ का मंिदर ह। यह भी माँ दुगा क
51 श पीठ म से एक ह।
सासाराम
सासाराम िस अफगान शासक शेरशाह सूरी एवं उसक िपता हसन खान सूरी क मकबर क िलए िस ह।
यह मकबरा एक तालाब क म य अ कोणीय शैली (अफगान शैली) का सव े उदाहरण ह।
मुंड री मंिदर, कमूर
कमूर िजले म भभुआ क समीप भगवान खंड म एक पहाड़ी पर माता मुंड री देवी का अित ाचीन मंिदर ह।
इस मंिदर म भगवान िशव क पूजा-अचना क जाती ह।
िग रजा थान, मधुबनी
यह ाचीन मंिदर मधुबनी िजले म फलुहर नामक थान पर थत ह। यहाँ कवारी क याएँ माता पावती से अ छा
वर माँगने क िलए पूजा करने आती ह।
सोमनाथ मंिदर
मधुबनी िजले म थत इस मंिदर म हर वष एक बड़ा मेला लगता ह। यहाँ पर मैिथल ा ण क िववाह संबंधी
काय होते ह।
िछ म तका मंिदर, उ ैठ
मधुबनी िजले म उ ठै नामक थान पर माँ दुगा का िस एवं ाचीन मंिदर ह। इस मंिदर म महाकिव
कािलदास माँ काली क पूजा-अचना करते थे।
राम-जानक मंिदर, सीतामढ़ी
पुरानी कथा क अनुसार िबहार क इसी धरती पर िमिथला नरश जनक को ऋिष-मुिनय ने हले ी य कर
अपने हाथ से हल चलाने का परामश िदया। हल चलाने पर हल क िसराउर से फट ए घड़ से एक बािलका पी
रनक ा ई। हल क िसराउर से उ प होने क कारण बािलका का नाम सीता पड़ा। भूिम पु ी सीता क नाम
पर सीतामढ़ी िजले का नामकरण आ। कालांतर म यहाँ पर राम-जानक का भ य मंिदर थािपत िकया गया। आज
यह मंिदर सैकड़ राम भ क आ था का मुख क ह।
अिहरौली मंिदर, ब सर
ब सर िजले म िजला मु यालय से 5 िकलोमीटर उ र-पूव यह मंिदर थत ह। इसका नामकरण गौतम ऋिष क
प नी अह या पर िकया गया ह। यहाँ ितवष मकर-सं ांित क िदन िखचड़ी मेले का आयोजन िकया जाता ह।
ब सर
ब सर िबहार और उ र देश क सीमा पर थत ह। यह े कई ऐितहािसक यु का थल रहा ह। यहाँ से
पाषाणकाल क उपकरण िमले ह। ब सर िजले म ही थत चौसा क िनकट 1539 ई. म यु म शेरशाह ने मायूँ
को परािजत िकया था। 1764 ई. म मीर कािसम और ई ट इिडया कपनी क बीच ब सर का यु आ था।
उ तारा मंिदर, सहरसा
सहरसा शहर से 16 िकलोमीटर दूर प म म मिहषी नामक थान पर ाचीन उ तारा मंिदर थत ह। ऐसा माना
जाता ह िक इसी थान पर 8व शता दी म आिदशंकराचाय ने कांड िव ा मंडन िम को शा ाथ म परािजत
िकया था। इसक बाद मंडन िम क दूसरी प नी भारती देवी ने शंकराचाय को परा त िकया। इसी थान पर
िस तारा पीठ ह, जहाँ सती का वाम ने िगरा था।
किपले र थान
सुपौल िजला म कोसी नदी क एक शाखा खेरदहरा क िकनार ब आरी एवं जगतपुर गाँव क बीच यह एक
टीला पर थत थान ह, जहाँ िशव मंिदर थत ह।
िसंह र थान, मधेपुरा
ऐसी मा यता ह िक यह िशव मंिदर ंगी ऋिष ारा थािपत िकया गया था, जो मधेपुरा से 8 िकलोमीटर उ र
िदशा म थत ह। यह करीब दो सौ वष पुराना मंिदर ह।
अरराज का िशव मंिदर, मोितहारी
भगवान िशव को समिपत यह ाचीन मंिदर मोितहारी िजला मु यालय क दि ण-प मी भाग म थत ह। यहाँ
सावन माह म बड़ी सं या म ालु भगवान क दशन क िलए आते ह।
कस रया
कस रया पूव चंपारण म थत ह। यहाँ से खुदाई म भगवान बु का तूप िमला ह। कस रया म थािपत बौ
तूप क ऊचाई 1042 फ ट ह। इसे राजा बेन का देवरा भी कहा जाता ह। इस थल क या ा चीनी या ी फािहयान
ने क थी।
रामपुरवा
प मी चंपारण म थत रामपुरवा से अशोककालीन तंभ लेख िमला ह, िजसक शीष पर िसंह और वृष क
आकितयाँ बनी ई ह। इस थान क खोज सव थम ाइल ने 1899 ई. म क थी।
थावे, गोपालगंज
थावे नामक गाँव क िनकट एक ाचीन मंिदर ह, जो माता दुगा को समिपत ह। इसक एक िस पीठ क प म
भी मा यता ा ह। चै माह म यहाँ बड़ा मेला लगता ह, िजसम लोग बड़ी सं या म भाग लेते ह।
िजला : पटना
.:2
सुरि त मारक : अगमकआँ
ाम/ थल : गुलजारबाग
िजला : पटना
.:3
सुरि त मारक : बेगू हजाम क म जद
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
.:4
सुरि त मारक : जैन मंिदर
ाम/ थल : कमलदह, गुलजारबाग
िजला : पटना
.:5
सुरि त मारक : दो खी ितमा
ाम/ थल : ककड़बाग
िजला : पटना
.:6
सुरि त मारक : छोटी पटनदेवी
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
.:7
सुरि त मारक : शेरगढ़ िकला
ाम/ थल : स जी बाजार, सासाराम
िजला : रोहतास
.:8
सुरि त मारक : अलावल खाँ का मकबरा
ाम/ थल : सासाराम
िजला : रोहतास
.:9
सुरि त मारक : सूय मंिदर
ाम/ थल : महवारा, मिहषी
िजला : सहरसा
. : 10
सुरि त मारक : कटरा गढ़
ाम/ थल : मुज फरपुर
िजला : मुज फरपुर
. : 11
सुरि त मारक : नेपाली मंिदर
ाम/ थल : हाजीपुर
िजला : वैशाली
. : 12
सुरि त मारक : खेरी (पुराता वक थल)
ाम/ थल : शाहकड
िजला : भागलपुर
. : 13
सुरि त मारक : जलालगढ़ िकला
ाम/ थल : कसबा
िजला : पूिणया
. : 14
सुरि त मारक : आरा हाउस
ाम/ थल : आरा
िजला : भोजपुर
. : 15
सुरि त मारक : चौसागढ़
ाम/ थल : नरवतपुर
िजला : ब सर
. : 16
सुरि त मारक : दाऊद खाँ का िकला
ाम/ थल : दाऊदनगर
िजला : औरगाबाद
. : 17
सुरि त मारक : रामिशला पवत
ाम/ थल : गया नगर
िजला : गया
. : 18
सुरि त मारक : िव णुपद मंिदर
ाम/ थल : गया नगर
िजला : गया
. : 19
सुरि त मारक : ेतिशला पवत
ाम/ थल : बहादुर िवगहा
िजला : गया
. : 20
सुरि त मारक : योिन पहाड़ी
ाम/ थल : गया
िजला : गया
. : 21
सुरि त मारक : हजारीमल पुरानी धमशाला
ाम/ थल : बेितया
िजला : बेितया
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जलवायु प रवतन से भी ह।
िबहार म अनेक कार क आपदाएँ पाई जाती ह। ये आपदाएँ ाकितक और मानवजिनत दोन कार क ह।
िबहार म िविभ कार क आपदा का मुख कारण भौगोिलक, भू-आकित एवं मानवीय ि या-कलाप ह।
संपूण िबहार िकसी न िकसी आपदा से िसत ह। भूकप क भाव क ि कोण से संपूण रा य भािवत ह। 70
ितशत से अिधक े बाढ़ भािवत ह, जबिक 30 ितशत से अिधक भूभाग सूखा भािवत ह। आग क सम या
और च वात का भी भाव रा य क कई िह स पर पड़ता ह। िबहार म मुख ाकितक आपदा म िन निलिखत
शािमल ह—
बाढ़,
सूखा,
भूकप,
च वात।
बाढ़
अपनी भौगोिलक थित क कारण िबहार देश क सवािधक बाढ़ भािवत रा य म एक ह। उ र िबहार क संपूण
े तथा दि ण िबहार का आंिशक े बाढ़ भािवत े ह। नदी का जल जब खतर क िनशान से ऊपर होता ह
या कि म कारण से एक बड़ा भू- े जल लािवत हो जाता ह तो उसे बाढ़ क थित कहते ह। िबहार एक ऐसा
रा य ह, जहाँ बाढ़ और सूखे क सम या एक ही समय आती ह। उ र िबहार क एक भाग म बाढ़ आती ह तो
दि ण िबहार म सूखा रहता ह। गंडक और बूढ़ी गंडक क बीच क े म मानसूनी अिन तता क कारण सूखे
क थित रहती ह। रा ीय बाढ़ आयोग (1986) क अनुसार िबहार म 65.5 लाख ह टयर े (रा य क कल
भौगोिलक े फल का 37 ितशत और अिवभािजत िबहार क 46 िजले म से 39 िजले) बाढ़ भािवत थे। किष
मं ालय, भारत सरकार क 1986 ई. क रपोट क अनुसार रा य का 20 लाख ह टयर े सूखा त था, जो
रा य क े फल का करीब 12 ितशत ह। रा ीय बाढ़ आयोग (National Flood Commission) 2006 क
अनुसार भारत म 400 िमिलयन ह टयर भूिम बाढ़ भािवत ह, िजसम 16.5 ितशत े िबहार का ह। िबहार
सरकार जल ितवेदन (1993-94) क अनुसार उ र िबहार का 76 ितशत े बाढ़ भािवत ह, िजसका 25
ितशत भाग कवल कोसी नदी ारा भािवत ह। वष 2013 ई. म रा य म बाढ़ से 20 िजले क 126 खंड
भािवत ए, िजससे 69 लाख आबादी भािवत ई। इस कार िबहार का करीब 50 ितशत भौगोिलक े बाढ़
और सूखे क सम या से भािवत होता ह। वतमान समय म रा य क 38 म से 28 िजले बाढ़ भािवत ह। इन 28
िजल म 15 िजले अित बाढ़ िसत े म आते ह, जबिक 13 िजले सामा य भािवत िजल क ेणी म शािमल ह।
नीचे क तािलका म िबहार सरकार क आपदा बंधन िवभाग क अनुसार रा य क बाढ़ भािवत िजल को दशाया
गया ह—
रा ीय बाढ़ आयोग (National Flood Commission) 2006 क अनुसार भारत म 400
िमिलयन ह टयर भूिम बाढ़ भािवत ह, िजसम 16.5 ितशत े
िबहार का ह।
बाढ़ भािवत िजले
गया था। िबहार सरकार क आपदा बंधन िवभाग क अनुसार रा य क 38 िजल म से 13 िजले सूखा भािवत ह,
िजसम 5 िजले अितसूखा भािवत, 3 िजले सूखा भािवत और 5 िजले आंिशक प से सूखा भािवत ह। रा य क
सूखा भािवत िजल को नीचे क तािलका म दशाया गया ह—
सूखे से िनपटने क िलए लघु िसंचाई प रयोजना का िवकास ती गित से िकया जा रहा ह। इसक अंतगत 2000
ह टयर से कम िसंचाई मतावाली योजनाएँ आती ह। 1967 ई. क सूखे क बाद िबहार ने अनेक लघु
प रयोजना को िवकिसत िकया ह। इन प रयोजना क िवकास क िलए 1967 ई. म ही िबहार सरकार ने लघु
िसंचाई िवभाग बनाया ह।
1987 ई. म रा ीय जल नीित बनाई गई ह, िजसक अनुसार खड़ी फसल को बचाने क िलए रलवे लाइन या
सड़क क िकनार क ग या तालाब क पानी का योग िकया जा सकता ह। एिनकट (छोट बाँध) क िस ट को
हटाया गया ह। कोसी े म बाँस बो रग और डीजल पंप सेट को ाथिमकता दी गई ह। आई.आर.डी.पी. योजना
क अंतगत बो रग और डीजल पंप सेट खरीदने क िलए कषक को सहायता दी जाती ह।
क सरकार क सहयोग से सूखा भािवत े िवकास काय म 1973 ई. से चलाया जा रहा ह। इसका मूल
उ े य जल का संर ण, वन का िवकास और पशुपालन का िवकास ह। यह ो ाम िबहार क कई िजल म
चलाया जा रहा ह।
िव बक ारा संपोिषत पठारी े िवकास काय म चलाया जा रहा ह। इसम भी िसंचाई साधन का िवकास,
वािनक और पशुपालन को बढ़ावा िदया जाता ह।
वतमान म वषा-आधा रत किष क अंतगत जल बंधन काय म भी चलाए जा रह ह। इसम नए बीज का योग,
वािनक , सूखा ितरोधी फसल का िवकास तथा िछड़काव एवं ि प िसंचाई को ाथिमकता दी गई ह। जल बंधन
काय म क अंतगत े ीय जल उपल धता क अनु प ही फसल उपजाई जाती ह। इससे मौसमी सूखे क बावजूद
किष संबंधी सूखे क संभावना म कमी आती ह, जैसे— धान क असफल होने पर म ा क किष। सूखा भािवत
े िवकास काय म और वाटर सेट बंध काय म क अंतगत गैर-सरकारी संगठन क भी सहायता ली जाती ह।
इस काय म म 25 ितशत रािश इन गैर-सरकारी संगठन क मा यम से यय क जाती ह।
रा य क िविभ े म बाढ़ और सूखा जैसी ाकितक आपदा से बचाने क िलए जल बंधन क े म
अनेक कदम उठाए गए ह—
1. कोसी नदी क पूव और प मी तटबंध का सु ढीकरण का काम िकया जा रहा ह। िबहार म कोसी बाढ़
मु प रयोजना (कोसी-I) क तहत संजय धार, हया धार और बोचहा धार का सु ढीकरण िकया गया ह। िबहार म
कोसी बेिसन िवकास प रयोजना (कोसी-II) क अंतगत 8 िकलोमीटर लंबी सड़क का िनमाण िकया गया ह।
2. बागमती बाढ़ बंधन क दूसर चरण म 57 िकलोमीटर लंबे नए तटबंध का िनमाण िकया जा चुका ह।
3. बागमती बंधन योजना क तहत 105 िकलोमीटर और 50 िकलोमीटर लंबे दो खंड को और ऊचा और
सु ढ िकया गया ह।
4. सूखे क सम या को दूर करने क िलए 8 िसंचाई योजना को पूरा िकया गया ह। ये योजनाएँ बछराजा
वीयर योजना, कचनामा वीयर योजना, नवागढ़ योजना, स मत बीघा वीयर योजना, सेसंबा वीयर योजना, इसरवे
चेक डम, भेटौरा डम और कदहर वीयर योजना ह।
भूकप
भूकप क ि कोण से संपूण िबहार भूकप भािवत े क ेणी म आता ह। िबहार क थित दो भू- लेट-
भारतीय लेट और चीनी लेट क बीच होने क कारण भौगिभक हलचल क संभावना बनी रहती ह। िबहार सरकार
क आपदा बंधन िवभाग क अनुसार रा य का 15.2 ितशत िह सा जोन-V म, 63.7 ितशत जोन-IV म तथा 21
ितशत िह सा जोन-III क अंतगत आता ह।
.सं. : 4
वष : 5 िदसंबर, 2015
भािवत े : िबहार नेपाल
च वात
मु यतः उ ण किटबंधीय च वात से िबहार का उ री-पूव भाग एवं दि णी-प मी भाग का कछ िह सा
भािवत होता ह। भािवत िजल म पूिणया तथा िकशनगंज मुख िजले ह। उ ण किटबंधीय च वात क उ पि
मई-जून तथा अ ूबर-नवंबर क महीने म बंगाल क खाड़ी म तूफान क प म होती ह। अ ूबर-नवंबर म िबहार
क मुख खरीफ फसल धान क तैयार होने का समय होता ह। अतः च वात का इस समय सवािधक भाव धान
क फसल पर पड़ता ह तथा हजार एकड़ क फसल न हो जाती ह, िजसक कारण आपदा क थित उ प हो
जाती ह। उ र-पूव िबहार म मई, 2016 म आए च वात से भारी जान-माल का नुकसान आ। इस च वात से
रा य क 18 िजले भािवत ए, िजसम मधुबनी, िकशनगंज, सीतामढ़ी, पूिणया, दरभंगा, भागलपुर सवािधक
भािवत ए। रा य म इस च वात से 42 लोग क मौत ई, जबिक 100 से यादा लोग घायल ए। च वात से
बचाव क िलए रा य सरकार ारा 12235.03 लाख पए क रािश आवंिटत क गई ह।
अ य आपदाएँ
अ य आपदा म ओलावृि , व पात, शीतलहर एवं मानवजिनत दुघटनाएँ शािमल ह। िदसंबर एवं जनवरी
माह म रा य म शीतलहर का कोप रहता ह, िजससे ठड क कारण ितवष अनेक य य क मृ यु हो जाती ह
तथा रबी फसल को भी काफ नुकसान प चता ह। िबहार म पव- योहार एवं मेल क समय भारी भीड़ होने से
अकसर भगदड़ एवं नाव दुघटना क कारण जान-माल को ित प चती ह, जैसे—िबहार म 3 अ ूबर, 2016 को
दरभंगा क िबरौल म कमला नदी म नाव क पलटने से 4 मिहला क मौत हो गई, जबिक 8 लोग गंभीर प से
घायल हो गए। इसी तरह पटना क छ ू घाट पर जनवरी, 2017 म मकर सं ांित क अवसर पर गंगा ान क
समय गंगा नदी म नाव पलटने से 25 लोग क मृ यु हो गई।
आपदा बंधन संबंिधत काय
आपदा बंधन क अंतगत योजना िनमाण, संचालन, सम वय और काया वयन संबंधी उपाय क सतत और
एक कत ि या को शािमल िकया जाता ह, जो इस कार ह—
(i) िकसी आपदा क खतर अथवा संभावना क रोकथाम करना।
(ii) िकसी आपदा क जोिखम अथवा इसक ती ता अथवा प रणाम का यूनीकरण करना।
(iii) अनुसंधान और ान बंधन सिहत मता िनमाण करना।
(iv) िकसी आपदा से िनपटने क तैयारी करना।
(v) िकसी खतरनाक आपदा क थित अथवा आपदा आने पर व रत कारवाई करना।
(vi) िकसी आपदा क ती ता अथवा इसक भाव का आकलन करना।
(vii) फसे ए लोग को िनकालना, बचाव और राहत दान करना।
(viii) पुनवास और पुनिनमाण काय करना
आपदा बंधन क सतत ि या म छह त व शािमल िकए गए ह। इसक अंतगत आपदा पूव चरण म रोकथाम
क तैयारी करना तथा आपदा क बाद क चरण म कारवाई, पुनवास, पुनिनमाण और सामा य थित को बहाल
करना ह।
आपदा बंधन क तीन मुख अव थाएँ ह—
आपदा पूव अव था।
आपदा क समय क अव था।
आपदा-उपरांत अव था।
आपदा पूव अव था म आपदा क तैयारी, आपदा िनवारण, आपदा िनरोध को शािमल करते ह। आपदा क
तैयारी म िन न बात को शािमल िकया जाता ह—
आपदा तैयारी का तर एवं कित,
आपदा शोध,
आपदा पुवानुमान,
आपदा चेतावनी तं ,
आपदा िश ा।
आपदा क समय यु तर पर बचाव काय करना, आपदा त े से लोग को सुरि त थान एवं राहत कप
म प चाना एवं भोजन, जल, दवाई क समुिचत आपूित करना आिद शािमल ह।
आपदा उपरांत अव था म राहत काय, पुनवास, आपदा पुनिनमाण एवं सामा य जीवन बहाली को शािमल करते
ह। राहत काय म िन न बात को शािमल िकया जाता ह—
सामािजक िति या,
राहत काय म सहभािगता,
राहत सा गी,
राहत काय का ि या वयन।
रा ीय आपदा बंधन अिधिनयम, 2005
रा ीय आपदा बंधन अिधिनयम, 2005, 9 जनवरी, 2006 को रा पित क वीकित ा ई। इस अिधिनयम
म 11 अ याय और 79 धारा ह। भारत सरकार ने आपदा बंधन से संबंिधत इस अिधिनयम को 23 िदसंबर, 2005
को लागू िकया ह। रा ीय आपदा बंधन अिधिनयम क अंतगत एक सं थागत ढाँचा िवकिसत िकया गया ह।
इसक तहत (1) रा ीय आपदा बंधन ािधकरण (NDMA), (2) रा य आपदा बंधन ािधकरण (SDMA),
(3) िजला आपदा बंधन ािधकरण (DDMA) का गठन िकया गया ह।
मानवज य आपदा से िनपटने क िलए, िवशेषकर रासायिनक, जैिवक, और नािभक य िविकरण आपात थितय
क संबंध म िदशा-िनदश तैयार करने, िश ण और तैयारी गितिविधय को सुगम बनाने क िलए भी उ रदायी ह।
आपदा बंधन अिधिनयम, 2005 क धारा-14 (1) क आलोक म िबहार रा य आपदा बंधन
ािधकरण (BSDMA) का गठन िकया गया ह, िजसक अ य मु यमं ी होते ह।
रा ीय कायकारी सिमित
रा ीय आपदा बंधन अिधिनयम, 2005 क धारा-8 म रा ीय कायका रणी सिमित का गठन िकया गया ह।
रा ीय कायका रणी सिमित क अ य क ीय गृह सिचव होते ह। यह भारत सरकार क सिचव तर क अिधका रय
ारा गिठत होता ह।
रा य आपदा बंधन ािधकरण
आपदा बंधन अिधिनयम, 2005 क धारा-14 (1) क आलोक म िबहार रा य आपदा बंधन ािधकरण
(BSDMA) का गठन िकया गया ह, िजसक अ य मु यमं ी होते ह। इस ािधकरण का काय रा य आपदा हतु
नीित िनमाण करना, रा य योजना को वीकित दान करना आिद ह। िबहार रा य आपदा बंधन ािधकरण
(BSDMA) NDMA ारा िनधा रत िदशा-िनदश क अनुसार काय करता ह, रा य योजना क िविभ िवभाग क
बीच काया वयन का सम वय करता ह।
रा य कायका रणी सिमित
रा ीय कायका रणी सिमित क तरह ही रा य कायका रणी सिमित का गठन िकया जाता ह। िबहार म आपदा
बंधन अिधिनयम, 2005 क धारा-22 (2)(g) क अधीन बाढ़ आपदा बंधन काय म क सम वयन एवं िनदशन
हतु मु य सिचव क अ य ता म रा य कायका रणी सिमित का गठन िकया गया ह। आपदा बंधन िवभाग बाढ़
आपदा बंधन िवभाग का नोडल िवभाग होता ह तथा आपदा बंधन िवभाग का सिचव या धान सिचव रा य तर
पर रा य कायका रणी सिमित क िनदश क ि या वयन क िलए उ रदायी होता ह।
िजला आपदा बंधन ािधकरण
आपदा बंधन अिधिनयम, 2005 क धारा-30(2)(xvi) क अधीन िजला आपदा बंधन ािधकरण क गठन का
ावधान ह। िजला आपदा बंधन ािधकरण क अ य िजला पदािधकारी होते ह। िजला आपदा बंधन ािधकरण
बाढ़ आपदा क िलए िविभ िवभाग क साथ सम वय थािपत करता ह। आपदा बंधन का िनदश एवं िनयं ण
िजला पदािधकारी क हाथ म होता, जो सरकार क नीितय क मागदशन एवं िदशा-िनदश क आलोक म कारवाई
करता ह। इस तरह िजला पदािधकारी घटना कमांडर क प म काय करता ह। अनुमंडल एवं खंड तर पर भी
घटना कमांड टीम का गठन िकया गया ह, जो अपने काय े म आपदा बंधन क िलए उ रदायी होता ह।
थानीय आपदा बंधन
आपदा बंधन क थानीय ािधकरण म पंचायती राज सं था , नगरपािलका , िजला और कटोनमट बोड
तथा नगर योजना ािधकरण को शािमल िकया जाता ह, जो आपदा क समय नाग रक सेवा एवं अ य सेवा
को संचािलत और िनयंि त करते ह। ये थानीय िनकाय आपदा से िनपटने क िलए अपने अिधका रय , कमचा रय
और थानीय लोग क बीच मता िनमाण करने का काय सुिन त करते ह, साथ ही रा ीय आपदा बंधन
ािधकरण, रा य आपदा बंधन ािधकरण तथा िजला आपदा बंधन ािधकरण क साथ िमलकर आपदा बंधन
योजना को तैयार करते ह।
रा य आपदा बंधन लान
आपदा बंधन अिधिनयम, 2005 क धारा-23(1) क तहत रा य आपदा बंधन योजना (State Disaster
Management Plan) का वणन ह। आपदा बंधन योजना का दािय व रा य कायका रणी सिमित का होता ह।
िबहार सरकार ने 2005 क अिधिनयम क तहत 2014 ई. म SDMP का गठन िकया ह।
रा य आपदा बंधन योजना (SDMP) क दो भाग ह—
िडजा टर र क मैनेजमट,
िडजा टर ाइिसस मैनेजमट।
िडजा टर र क मैनेजमट क अंतगत आपदा रोकथाम, यूनीकरण एवं तैयारी को शािमल िकया जाता ह।
िडजा टर ाइिसस मैनेजमट क अंतगत र पॉ स एवं रलीफ, पुनिनमाण एवं पुन थापन तथा Built Back Better
को शािमल िकया जाता ह।
िबहार आपदा जोिखम यूनीकरण रोडमैप, 2015-30
िबहार सरकार ने आपदा से होनेवाले जोिखम को कम करने क िलए रोडमैप, 2015-30 तैयार िकया ह। 14-18
माच, 2015 को जापान क सडई शहर म तृतीय िव आपदा जोिखम यूनीकरण स मेलन आयोिजत िकया गया था
िजसम 190 देश ने भाग िलया था। इस स मेलन म 2015 से 2030 ई. तक आपदा जोिखम यूनीकरण हतु चार
ाथिमकताएँ एवं सात ल य िनधा रत िकए गए थे—
ाथिमकताएँ—
आपदा जोिखम क समझ िवकिसत करना,
आपदा जोिखम क बंधन हतु सं थान का सु ढीकरण,
आपदा जोिखम यूनीकरण म िनवेश,
भावी र पॉ स क िलए पूव तैया रय को ो साहन तथा पूव से बेहतर पुनवासन, पुन थापन एवं पुनिनमाण।
रोडमैप 2015-30 म िनधा रत सात ल य िन निलिखत ह—
1. वष 2030 तक वै क आपदा मृ यु दर म लगातार कमी लाना।
2. वष 2030 तक आपदा से भािवत य य क सं या म कमी लाना।
3. वै क सम घरलू उ पादन क तुलना म आपदा से होनेवाली आिथक ित को वष 2030 तक कम
करना।
4. आधारभूत संरचना एवं सुिवधा क ित को कम करना तथा उनम लचीलेपन का िवकास करना।
5. रा ीय एवं थानीय आपदा यूनीकरण रणनीित से यु देश क सं या म वृ ।
6. िवकिसत देश को आपदा यूनीकरण क काय म म पया एवं सतत सहायता हतु अंतरा ीय सहयोग को
बढ़ावा देना।
7. पूव चेतावनी तं , आपदा जोिखम सूचना एवं जोिखम मू यांकन क उपल धता तथा उन तक आम लोग
क प च बढ़ाना।
6. रोड मैप 2015-30 म आपदा बंधन िवभाग म Roadmap Implementation Support Unit (RISU) क
थापना का उ ेख िकया गया ह। आपदा बंधन िवभाग क मं ी क अ य ता म रा य टा क फोस गिठत करने
का ताव ह। रोड मैप 2015-2030 को 15 वष क िलए लागू िकया जाएगा।
एक भावशाली आपदा बंधन सरकार क िज मेवारी होती ह। िबहार सरकार ारा 2013-14 से 2015-16
तक क अविध म बाढ़ एवं च वात से िनपटने क िलए दी गई रािश को नीचे क तािलका म दिशत िकया गया ह
—
Programmes : Relief & Rescue Instruments
2013-14 : 761
2014-15 : 1397.8
2015-16 : 0
Programmes : Supply of Dry Food
2013-14 : 29357
2014-15 : 12200.3
2015-16 : 6115.3
Programmes : Cash Dole Assistance
2013-14 : 18792.9
2014-15 : 9945.3
2015-16 : 5266.8
Programmes : Clothes & Utensils Distribution
2013-14 : 109.1
2014-15 : 334
2015-16 : 7615.5
Programmes : Supply of Drinking Water
2013-14 : 41.8
2014-15 : -
2015-16 : 24.1
Programmes : Repair of Road & Bridges
2013-14 : 280.2
2014-15 : -
2015-16 : 14.5
Programmes : Evacuation Operation
2013-14 : 3712.8
2014-15 : 1830.3
2015-16 : 1660.6
Programmes : Repair of Public Buildings
2013-14 : 103.1
2014-15 : 471.3
2015-16 : 4441.7
Programmes : Agriculture Inputs
2013-14 : 12116.2
2014-15 : 3981.6
2015-16 : 100670.8
Programmes : Repair of Boats
2013-14 : 713.5
2014-15 : 633
2015-16 : 541.4
Programmes : Repair of Embankments and Irrigation System
2013-14 : -
2014-15 : 500
2015-16 : 1416.2
Programmes : Human Medicines
2013-14 : -
2014-15 : -
2015-16 : 0
Programmes : Assistance for Flood Accidents
2013-14 : 349.6
2014-15 : 363.4
2015-16 : 287.4
24. राज यव था
(Political System)
राजनैितक यव था
रा यपाल
रा य िवधानमंडल
रा य मंि प रष एवं मु यमं ी
महािधव ा
लोकायु
मुख आयोग
राजनैितक यव था
िबहार एवं उड़ीसा नाम से नए रा य का अ युदय 22 माच, 1912 क उ ोषणा क साथ आ। भारत सरकार
अिधिनयम 1919 क ावधान क शु आत िबहार म 29 अ ूबर, 1920 से ई एवं िबहार क थम गवनर क प
म स य साद िस हा ने पद हण िकया। भारत सरकार अिधिनयम 1935 क अंतगत क म ैध शासन एवं ांत
म ांतीय वाय ता लागू करने का फसला आ। 1 अ ैल, 1936 को िबहार एवं उड़ीसा नाम से दो पृथक रा य
बनाए गए। 1935 क अिधिनयम से िबहार म िवधानसभा एवं िवधानप रष क िलए मशः 152 तथा 30 सीट क
यव था क गई। इस अिधिनयम क अंतगत िबहार म थम िवधानसभा क िलए चुनाव 1937 ई. म आ।
िवधानसभा क 152 सीट म 70 सामा य नाग रक , 18 अनुसूिचत जाितय , 7 अनुसूिचत जनजाितय , 39 मुिसलम ,
4 मिहला , 2 ऐं लो इिडयन समुदाय, 2 यूरोपीय समुदाय तथा 13 िविश े , जैसे— यवसाय, उ ोग,
भू वािमय , िव िव ालय िश क तथा भारतीय मूल क ईसाइय क िलए सुरि त थे। इस चुनाव म कां ेस ने 98
सीट एवं मु लम लीग ने 20 सीट ा क । ीक ण िसंह कां ेस क नेता चुने गए। कां ेस क क ीय नेतृ व क
आदेश पर सरकार क राजनीितक वाय ता क माँग ीक ण िसंह ने त कालीन गवनर से क । गवनर क
नकारा मक रवैए से ु ध होकर ी िसंह ने मंि मंडल बनाने से मना कर िदया। इस बीच िबहार म एक कायकारी
सरकार इिडपडट पाट क मो. यूनुस क नेतृ व म माच, 1937 म बनाई गई, लेिकन मो. यूनुस का मंि मंडल न ही
िवधानसभा क कोई बैठक बुला सका, न ही सद य क शपथ क ितिथ तय कर सका। इसी दौरान कां ेस क ीय
नेतृ व एवं गवनर जनरल क बीच बनी सहमित क बाद 20 जुलाई, 1937 को िबहार म ीक ण िसंह क नेतृ व म
पहली बार कां ेस क सरकार गिठत ई। डॉ. सि दानंद िस हा िबहार िवधानसभा क ोटम पीकर िनयु ए।
23 जुलाई, 1937 को ी रामदयालु िसंह को अ य तथा ो. ी अ दुल बारी को उपा य चुना गया। तीय
िव यु म िबना सहमित क भारत को शािमल करने क फसले क िवरोध म 31 अ ूबर, 1939 को त कालीन
कां ेस सरकार ने इ तीफा दे िदया एवं रा य क िवधानसभा भंग कर दी गई।
1946 ई. म पुनः चुनाव आ एवं अ ैल, 1946 म ीक ण िसंह ने मु यमं ी का पद भार हण िकया। इस
िवधानसभा से भारत क संिवधान सभा क िलए कल 39 सद य िनवािचत ए। इनम डॉ. सरोिजनी नायड, डॉ.
सि दानंद िस हा, डॉ. राज साद, ी जगजीवन राम एवं ी तजझुल सैन मुख थे। वतं भारत क संिवधान
क अनुसार िबहार का पहला आम चुनाव 1952 ई. म संप आ, इस समय िवधानसभा क कल सद य क
सं या 331 (330 िनवािचत एवं 1 मनोनीत) िनधा रत क गई। वतं भारत क थम आम चुनाव क बाद ीक ण
िसंह ने रा य क मु यमं ी का पदभार सँभाला।
15 नवंबर, 2000 को िबहार का िवभाजन आ। िबहार क कल 56 िजल म से 18 िजल को िमलाकर एक नए
रा य झारखंड का गठन िकया गया। िवभाजन क बाद रा य म कल 38 िजले रह गए। अिवभािजत िबहार म
लोकसभा सद य क कल सं या 54, रा यसभा क सद य क कल सं या 22, िवधानसभा क सद य क कल
सं या 324 एवं िवधानप रष क सद य क कल सं या 96 थी। झारखंड क गठन क बाद िबहार म लोकसभा म
सद य क कल सं या 40, रा यसभा क सद य क कल सं या 16, िबहार िवधानसभा क कल सद य क
सं या 243 एवं िबहार िवधानप रष क कल सद य क सं या 75 ह।
रा यपाल
िबहार क रा य सरकार 3 इकाइय म बँटी ह—कायपािलका, िवधाियका एवं यायपािलका। रा यपाल रा य का
संवैधािनक धान तथा कायपािलका का धान होता ह। रा यपाल क अिधकार का वणन संिवधान क अनु छद
153 से 162 तक म िकया गया ह। रा य का सम त शासन रा यपाल क नाम से ही चलाया जाता ह। उसे कछ
िवशेषािधकार ा ह, िफर भी वह मंि प रष क राय से काय करता ह। भारत म सामा यतः एक रा य क िलए
एक रा यपाल क यव था ह, लेिकन भारतीय संिवधान क अनु छद 153 का 1956 म िकया गया संशोधन िकसी
एक य को दो या दो से यादा रा य क रा यपाल क प म िनयु करने का रा पित को अिधकार देता ह।
डॉ. सि दानंद िस हा िबहार िवधानसभा क ोटम पीकर िनयु ए। 23 जुलाई, 1937 ई. को ी
रामदयालु िसंह को अ य तथा ोफसर ी अ दुल बारी को उपा य चुना गया।
यो यताएँ
भारत क संिवधान क अनु छद 157 क अंतगत रा यपाल क पद क िलए यो यताएँ िनधा रत ह, जो इस कार ह
—
1. वह भारत का नाग रक हो।
2. उसक उ कम-से-कम 35 वष हो।
3. वह रा य सरकार या क सरकार या दोन क अधीन िकसी सावजिनक उप म म लाभ क पद पर न हो।
4. वह भारतीय संस या िकसी भी रा य क िवधानमंडल का सद य न हो। अगर िकसी ऐसे य , जो भारतीय
संस या िकसी भी रा य क िवधानमंडल का सद य हो, को रा पित िकसी रा य क रा यपाल पद पर िनयु
करते ह , तो उ ह अपनी िनयु क तुरत बाद अपनी सद यता से याग-प देना ज री होता ह।
रा यपाल क िनयु
रा यपाल क िनयु धानमं ी क िसफा रश पर रा पित ारा 5 वष क िलए क जाती ह, परतु भारतीय
संिवधान क अनु छद 156 क अनुसार रा यपाल का कायकाल रा पित क सादपयत होता ह। रा यपाल का
वेतन रा य क संिचत िनिध से िदया जाता ह। उसे िनःशु क आवास, भ े और अ य सुिवधाएँ भी िमलती ह।
अनु छद 158 क अनुसार रा यपाल क वेतन, अिधकार एवं सुिवधा को उसक पदाविध तक कम नह करने
का ावधान ह।
रा यपाल क िनयु धानमं ी क िसफा रश पर रा पित ारा 5 वष क िलए क जाती ह, परतु
भारतीय संिवधान क अनु छद 156 क अनुसार रा यपाल का कायकाल रा पित क सादपयत होता ह।
रा यपाल क अिधकार
भारतीय संिवधान क िविभ अनु छद क तहत रा यपाल को कायपािलका, वैधािनक, िव ीय, याियक
अिधकार दान िकए गए ह। िवशेष प र थितय म िववेकािधकार भी ा ह।
(क) कायपािलका संबंधी अिधकार
रा यपाल ारा रा य क मु यमं ी क िनयु क जाती ह और मु यमं ी क सलाह से मंि प रष क अ य
सद य क भी िनयु रा यपाल करते ह।
उ यायालय क यायाधीश क िनयु क समय रा पित रा य क रा यपाल से सलाह लेते ह।
िवधानसभा क एक मनोनीत सद य का मनोनयन रा यपाल ही करते ह।
िवधानप रष क कल सद य क सं या का 1/6 सद य क िनयु रा यपाल करते ह। उनक िनयु कला,
सािह य, िव ान और सामािजक सेवा से जुड़ ए लोग म से क जाती ह।
रा यपाल क ारा रा य क महािधव ा और रा य लोक सेवा आयोग क सद य क िनयु क जाती ह।
(ख) वैधािनक अिधकार
रा य िवधानमंडल का स बुलाने, स ावसान करने और िवधानसभा को िवघिटत करने का अिधकार रा यपाल
को ह, लेिकन िवधानमंडल क दो लगातार अिधवेशन म पहले अिधवेशन क अंितम ितिथ एवं दूसर अिधवेशन क
पहली ितिथ क बीच 6 महीने से अिधक का अंतराल नह होना चािहए।
रा यपाल िवधानमंडल का वािषक िव ितवेदन तुत करते ह।
रा यपाल को धन िवधेयक और अनुदान माँग क िसफा रश करने का अिधकार ह।
िवधानमंडल म संदेश भेजने एवं अिभभाषण करने का अिधकार भी रा यपाल को ह।
िवधानमंडल ारा पा रत िवधेयक, अिधिनयम को रा यपाल क ह ता र क बाद ही भावी िकया जा सकता
ह।
संिवधान क अनु छद 213 से रा यपाल को अ यादेश जारी करने का अिधकार ा ह और उसक इस
अिधकार क योग को िकसी भी यायालय म चुनौती नह दी जा सकती ह। इस कार का जारी िकया गया
अ यादेश कवल 6 माह तक भावी रहता ह। 6 माह क अविध पूण होने क पहले अगर रा य िवधानसभा का स
ारभ हो जाए तो अ यादेश को 6 माह क अविध क समापन क पूव िवधानसभा से अनुमोिदत िकया जाना
आव यक ह।
रा य लोक सेवा आयोग और महालेखा परी क अपनी वािषक रपोट रा यपाल क पास भेजते ह और रा यपाल
िवधानप रष का काय
िव ीय काय
रा य क िव मामल क वा तिवक श याँ िवधानसभा क पास होती ह। कोई भी धन िवधेयक को पहले
िवधानसभा म पेश िकया जाता ह। िवधानसभा म पास होने क बाद धन िवधेयक को िवधानप रष म पेश िकया
जाता ह। िवधानप रष इस िवधेयक को 14 िदन तक रोक सकती ह। यिद 14 िदन क अविध तक िवधानप रष
संबंिधत िवधेयक पर कोई कारवाई न कर या कोई संशोधन क िसफा रश कर तो संबंिधत िवधानसभा को यह
अिधकार ह िक उस संशोधन को माने या न माने एवं िवधेयक दोन सदन से पा रत समझा जाता ह।
िवधायी काय
िवधानप रष म साधारण िवधेयक को पेश िकया जा सकता ह, लेिकन िवधेयक को रा यपाल क पास भेजे जाने
से पहले आव यक ह िक उसे िवधानसभा ारा पा रत िकया जाए। अगर कोई िवधेयक िवधानसभा ारा पा रत
िकया जा चुका हो, परतु िवधानप रष म उस पर कोई गितरोध हो तो िवधानप रष उस िवधेयक को नामंजूर कर
सकती ह, बदल सकती ह या तीन महीने तक रोककर रख सकती ह। इसक बाद यिद िवधानसभा इस िवधेयक को
िवधानप रष क िकए गए संशोधन क साथ या उसक िबना अगर पा रत कर देती ह तो िवधेयक दुबारा
िवधानप रष क पास भेजा जाता ह। इस बार यिद िवधानप रष िवधेयक को पुनः मंजूरी न दे या यादा से यादा
एक महीने तक रोककर रखे, तब भी यह िवधेयक दोन सदन से पा रत समझा जाएगा।
संवैधािनक अिधकार
भारत क संिवधान क िकसी संशोधन म िवधानप रष िवधानसभा क साथ िमलकर भाग लेती ह अगर वह
संशोधन िवधेयक संबंिधत रा य क पास वीकित क िलए भेजा जाता हो। रा य का मंि मंडल कवल िवधानसभा
क ित उ रदायी होता ह। िवधानप रष मंि मंडल को अिव ास ताव ारा नह हटा सकती ह।
िवधानप रष क सभापित एवं उप-सभापित
िवधानप रष क सभापित एवं उप-सभापित का चुनाव संबंिधत िवधानप रष क सद य ारा िकया जाता ह।
सभापित या उप-सभापित को सद य क ारा कम-से-कम 14 िदन पूव सूचना देकर ताव लाकर ब मत क
ारा हटाया जा सकता ह। इनका वेतन रा य क संिचत िनिध से िदया जाता ह।
िवधानसभा
भारतीय संिवधान क अनु छद 170 से संबंिधत रा य म एक िवधानसभा क होने का ावधान ह, िजसक सद य
का िनवाचन रा य क ादेिशक िनवाचन े से य मतािधकार ारा िकया जाता ह। इसक अनुसार िकसी भी
रा य क िवधानसभा म सद य क कल सं या अिधकतम 500 एवं यूनतम 60 होनी चािहए, लेिकन भारत म
िस म (32), गोवा (40), अ णाचल देश (40), िमजोरम (40) िवधानसभा सद य वाले रा य ह, जो इसक
अपवाद ह। रा य क िवधानसभा िनवाचन े का िनधारण प रसीमन आयोग क ारा िकया जाता ह। िबहार म
झारखंड बनने से पूव िवधानसभा सद य क सं या 324 िनधा रत थी, जो िबहार िवभाजन क बाद 243 रह गई।
इसम 242 सद य का िनवाचन वय क मतािधकार क आधार पर तथा 1 सद य का मनोनयन रा यपाल ारा
एं लो इिडयन समुदाय क ितिनिध क प म िकया जाता ह।
िवधानसभा का कायकाल 5 वष का होता ह, परतु रा य म आपात थित लागू होने पर संस क ारा इसक
अविध छह माह तक बढ़ाई जा सकती ह। एक बार म इसका कायकाल अिधकतम एक वष तक बढ़ाया जा सकता
ह। यह ावधान भारतीय संिवधान क अनु छद 172 (1) म विणत ह। िकसी दल का ब मत नह होने पर या
सरकार क ब मत खो देने क थित म रा यपाल क ारा िवधानसभा का कायकाल पहले भी ख म िकया जा
सकता ह। रा यपाल क ारा िवधानसभा का अिधवेशन बुलाया जाता ह, परतु िवधानसभा क दो अिधवेशन क
बीच म यादा से यादा छह महीने का अंतर होना चािहए। िबहार िवधानसभा क कल 243 सीट म 38 सीट
अनुसूिचत जाित क िलए तथा 2 सीट अनुसूिचत जनजाित क िलए आरि त ह।
िबहार म झारखंड बनने से पूव िवधानसभा सद य क सं या 324 िनधा रत थी, जो िबहार िवभाजन क
बाद 243 रह गई। इसम 242 सद य का िनवाचन वय क मतािधकार क आधार पर तथा 1 सद य का
मनोनयन रा यपाल ारा एं लो इिडयन समुदाय क ितिनिध क प म िकया जाता ह।
िवधानसभा सद य बनने क यो यताएँ
1. वह भारत का नाग रक हो एवं कम-से-कम 25 वष क उ का हो।
2. वह भारत सरकार या िकसी रा य सरकार क अधीन लाभ क पद पर न हो।
3. वह िदवािलया या पागल न हो।
िवधानसभा अ य एवं उपा य
भारतीय संिवधान क अनु छद 178 क अनुसार येक रा य क िवधानसभा क िलए एक अ य एवं एक
उपा य का पद िनधा रत ह। इनका चुनाव संबंिधत िवधानसभा क सद य क ारा िकया जाता ह। लोकसभा
अ य क भाँित िवधानसभा अ य िवधानसभा क कायवाही चलाने का अिधकारी होता ह। िवधानसभा अ य
क अनुप थित म िवधानसभा उपा य सदन क कारवाई क अ य ता करते ह। िवधानसभा अ य एवं
उपा य को कम-से-कम 14 िदन क पूव सूचना से िवधानसभा म लाए गए अिव ास ताव ारा पद से
हटाया जा सकता ह।
िवधानसभा अ य क अिधकार
1. वह रा यपाल का संदेश िवधानसभा को तथा िवधानसभा का िनणय रा यपाल को देता ह।
2. िकसी िवधेयक म अगर प और िवप का मत बराबर न हो तो अ य मत िवभाजन म भाग नह लेता ह,
लेिकन मत बराबर होने क थित म िवधानसभा अ य िवधेयक क िलए िनणायक मत देता ह।
3. कोई िवधेयक दोन सदन म पास हो जाने क बाद िवधानसभा अ य उस िवधेयक पर अपने ह ता र करता
ह।
4. िवधानसभा अ य िकसी भी दल क ित िन प होता ह।
िवधानसभा सद य का अिधकार
संिवधान क अनु छद 194 क अनुसार िकसी िवधानसभा सद य (िवधायक) को सदन म अपनी बात अ य क
पूव अनुमित से रखने का अिधकार ह। सदन म िवधायक ारा िदए गए िकसी व य क िव िकसी भी
यायालय म कोई वाद नह चलाया जा सकता। िवधायक को सदन क अिधवेशन क आरभ होने क 40 िदन पहले
और अिधवेशन क समा क 40 िदन बाद तक दीवानी मुकदम क िलए िगर तार नह िकया जा सकता ह।
मंि प रष का गठन
भारत क संिवधान क अनु छद 164 क अनुसार मंि प रष क धान ‘मु यमं ी’ क िनयु रा यपाल करते
ह। रा य क िवधानसभा म ब मत वाले दल या गठबंधन क नेता को मु यमं ी बनाने का ावधान ह, परतु अगर
िवधानसभा म िकसी दल या गठबंधन को प ब मत नह िमला हो तो रा यपाल विववेक से मु यमं ी क
िनयु करते ह। यिद ब मतवाला दल िकसी ऐसे य को नेता चुनता ह, जो िवधायक नह ह, तो ऐसे य
को मु यमं ी बनने क बाद अगले छह माह क अंदर रा य िवधानमंडल क िकसी सदन क सद यता हण करना
अिनवाय होता ह। मंि प रष क शेष सद य क िनयु रा यपाल मु यमं ी क सलाह पर करते ह। अगर
मंि प रष का कोई सद य मं ी बनने क समय रा य िवधानमंडल क िकसी सदन का सद य नह हो तो उसे भी
अगले छह माह क अंदर िवधानमंडल क िकसी भी सदन क सद यता पाना मं ी बने रहने क िलए अिनवाय ह।
संिवधान संशोधन अिधिनयम (91वाँ) 2003 से रा य म मंि य क कल सं या (मु यमं ी सिहत) िवधानसभा
सद य क कल सं या क 15 ितशत से यादा नह होगी, िकतु इसक यूनतम सं या 12 होगी। मंि प रष
सामूिहक प से रा य क िवधानसभा क ित और य गत प से रा यपाल क ित उतरदायी होती ह। मंि य
का मािसक वेतन एवं भ ा समय-समय पर िवधानमंडल ारा िनधा रत िकया जाता ह। सभी मं ी पद हण करने
से पूव रा यपाल क स मुख पद एवं गोपनीयता क शपथ लेते ह।
संिवधान संशोधन अिधिनयम (91वाँ) 2003 से रा य म मंि य क कल सं या (मु यमं ी सिहत)
िवधानसभा सद य क कल सं या क 15 ितशत से यादा नह होगी, िकतु इसक यूनतम सं या 12
होगी।
मंि प रष का काय
रा य मंि प रष संघ क मंि प रष क तरह िविभ कार क शासिनक, िवधायी एवं िव ीय काय का
संपादन करती ह। रा य मंि प रष रा य शासन का क एवं िवधानमंडल क पथ दशक ह। मंि प रष
कायपािलका एवं यव थािपका क बीच कड़ी का काम करती ह। िवधानसभा क येक अिधवेशन क ारभ म
उसक यव था से संबंिधत सभी काय म मंि प रष क ारा तैयार िकए जाते ह। िवधेयक क िवधानसभा म
तुित क संदभ म कोई भी िनणय इसी क ारा िकया जाता ह। िवधानमंडल क सद य होने क कारण मंि प रष
क सभी सद य िवधानमंडल क बैठक म भाग लेते ह। िवधानमंडल क स क दौरान िवधायक ारा पूछ गए
न का उ र संबंिधत िवभाग क मं ी को देना पड़ता ह। िवधानसभा म बजट तुत करने से पहले मंि प रष
बजट को वीकत करती ह। िविभ मद म यय क जानेवाली रािश का िनधारण, रा य क जनता पर िकसी भी
कार क कर का आरोपण, थानीय सं था को दी जानेवाली अनुदान क रािश का िनधारण आिद मंि प रष क
मह वपूण काय ह। रा य क िवधानमंडल ारा बनाए गए िकसी कानून को रा य म लागू करना रा य मंि प रष
क िज मेवारी ह। रा य क सभी मह वपूण िनयु याँ रा यपाल मंि मंडल क परामश से करता ह।
कायकाल
संिवधान क अनु छद 164 (1) क अनुसार मंि प रष का कायकाल 5 वष का होता ह। सभी सद य रा यपाल
क सादपयत अपने पद पर बने रहते ह। मंि प रष से िकसी मं ी को उसक पद से हटाने हतु रा यपाल को
मु यमं ी क सलाह से काम करना होता ह। सामा यतः िवधानसभा म सरकार को जब तक ब मत ा रहता ह,
मंि मंडल बना रहता ह। यिद मु यमं ी अपने पद से याग-प देते ह तो मंि प रष वतः िवघिटत हो जाती ह।
रा य म संवैधािनक मशीनरी फल हो जाने पर, देश पर बा आ मण होने क थित म क ारा अनु छद 356
का योग करक रा य मंि प रष का अंत िकया जा सकता ह। िवधानसभा का कायकाल समा होते ही रा य
मंि प रष का कायकाल भी वतः समा हो जाता ह।
रा य मंि प रष का गठन मु यमं ी क सलाह से रा यपाल क ारा िकया जाता ह। मंि प रष म
किबनेट मं ी, वतं भार का रा यमं ी एवं रा यमं ी िनधारण मु यमं ी क ारा िकया जाता ह।
मु यमं ी क काय
रा य क मंि प रष का धान मु यमं ी होता ह। रा य शासन पूरी तरह से मु यमं ी क िनयं ण म रहता ह।
रा य मंि प रष का गठन मु यमं ी क सलाह से रा यपाल क ारा िकया जाता ह। मंि प रष म किबनेट मं ी,
वतं भार का रा यमं ी एवं रा यमं ी का िनधारण मु यमं ी क ारा िकया जाता ह। मंि य क बीच िवभाग
का िवभाजन मु यमं ी क सलाह से रा यपाल करते ह। समय-समय पर मंि प रष का पुनगठन मु यमं ी क
सलाह से िकया जा सकता ह। रा यपाल एवं मंि प रष क बीच मु यमं ी एक कड़ी का काय करते ह।
मंि प रष क िनणय क सूचना रा यपाल को एवं रा यपाल क कोई सलाह मंि प रष को मु यमं ी क ारा
दी जाती ह। रा य िवधानमंडल का नेता मु यमं ी को माना जाता ह।
महािधव ा
येक रा य का एक महािधव ा होता ह, जो भारत क महा यायवादी क समान रा य का अिधकारी होता ह
(अनु छद 165)। रा य म महािधव ा रा य का िविध अिधकारी होता ह। उनक िनयु रा यपाल करते ह।
महािधव ा पद पर िनयु होने क िलए उ यायालय क यायाधीश क पद क यो यता क समान ही यो यता
िनधा रत ह, परतु उनक उ संबंधी यो यता का कोई िन त ावधान नह ह। महािधव ा क पदाविध रा यपाल
क इ छा पर िनभर करती ह। रा य सरकार को िविध संबंधी िवषय पर सलाह देना, िविधक कित क कत य को
करना, जो रा यपाल ारा िदए गए ह , संिवधान या अ य अिधिनयम ारा द कोई िविधक काय का िनवहन
करना, महािधव ा का मुख काय ह। रा य क िवधानमंडल या उसक िकसी सिमित, िजसम उसका नाम सद य
क प म हो, म भाग लेने या अपनी बात रखने का अिधकार महािधव ा को ह, िकतु वह िवधानमंडल क िकसी
भी कायवाही म मतदान का अिधकारी नह ह।
लोकायु
लोकायु भारत म रा य ारा गिठत ाचाररोधी एक सं था ह। इसका गठन किडनेिवयन देश म चिलत
ब समैन (Ombudsman) क तज पर िकया गया था। िबहार म सव थम लोकायु यायमूित ीधर वासुदेवा
सोहनी बने, िजनका कायकाल 28 मई, 1971 ई. से 27 मई, 1978 तक रहा। अभी तक िबहार म कल सात
लोकायु ए ह। भारत क रा पित क ारा लोकपाल एवं लोकायु िवधेयक, 2013 पर 1 जनवरी, 2014 को
ह ता र िकए गए, िजसक अनुसार लोकायु क िन न मुख काय ह—
1. कशासन क वजह से याय एवं परशानी से संबंिधत नाग रक क िशकायत क जाँच करना।
2. सरकारी कमचारी क िखलाफ पद का दु पयोग, ाचार या ईमानदारी म कमी क आरोप क जाँच करना।
िशकायत एवं ाचार उ मूलन क संबंध म इस कार क अित र काय क जानकारी रा यपाल क ारा
िनिद अिधसूचना से दी जा सकती ह।
रा य मिहला आयोग
रा य म मिहला क अिधकार क संर ण एवं उनक क याण एवं रा य सरकार क सम त काय म क
िनगरानी हतु रा य मिहला आयोग का गठन िकया गया ह। मिहला अिधकार हतु ानवधन कराने क िलए िजला
तर पर िविभ तरीक क कायशाला का आयोजन आयोग करता ह। रा य मिहला आयोग म एक अ य क
अित र सात गैर-सरकारी मिहला का मनोनयन उनक यो यता क अनुसार रा य सरकार क ारा िकया जाता
ह। सात सद य म एक अनुसूिचत जाित, एक अनुसूिचत जनजाित, एक अ पसं यक समुदाय, एक िपछड़ी जाित,
एक िविध एवं िवधान का अनुभव रखनेवाली, एक िकसी वयंसेवी सं था का अनुभव रखनेवाली एवं एक समाज
क याण क े म अनुभवी मिहला का मनोनयन िकए जाने का ावधान ह। रा य मिहला आयोग का कायकाल
रा य सरकार क ारा िनधा रत या अिधकतम 3 वष का होता ह। इसक मुख काय िन न ह—
1. िव मान िविधय क अधीन मिहला क िलए सुर ा से संबंिधत सभी त य का अ वेषण एवं जाँच करना।
2. मिहला क सुर ा क िलए आयोग क काम-काज का एक वािषक ितवेदन रा य सरकार क पास पेश
करना।
3. रा य म मिहला क थित म सुधार हतु सुर ा क द तापूण काया वयन हतु ितवेदन म अनुशंसा करना।
4. रा य म मिहला क िव हो रह अ याचार और मिहला से संबंिधत िविधय क उ ंघन क सभी
मामल को समुिचत ािधका रय क सम लाना।
5. मिहला को अिधकार से वंिचत करने एवं उनक संर ण, समानता तथा िवकास क उ े य को ा करने
हतु उपबंध करने क िलए अिधिनयिमत क गई िविधय क ि या वयन िवषय पर िशकायत क जाँच करना या
व ेरणा से यान देना।
िबहार लोक सेवा आयोग
भारत संघ क िलए संघीय लोक सेवा आयोग एवं रा य क िलए रा य लोक सेवा आयोग क गठन करने का
ावधान संिवधान क अनु छद 315 म िकया गया ह। िबहार लोक सेवा आयोग 1 अ ैल, 1949 को अपने काय प
म आया। इसक सद य का कायकाल 6 वष या अिधकतम 62 वष क उ (जो पहले हो) होता ह। आयोग क
अ य एवं सद य क िनयु मंि प रष क सलाह पर रा यपाल क ारा क जाती ह। िबहार लोक सेवा
आयोग क थम अ य राजधारी िस हा थे।
िबहार कमचारी चयन आयोग
िबहार रा य क अिधिनयम सं या-7/2002 क ारा वेतनमान 6500 से 10500 (पंचम वेतन आयोग) क नीचे
क वग 3 क अराजपि त पद पर िनयु क िलए िबहार कमचारी चयन आयोग का गठन िकया गया ह। इसक
गठन क साथ ही िव ालय सेवा बोड का इसम िवलय कर िदया गया। इसम अ य एवं दो सद य का पद सृिजत
ह। भारतीय शासिनक सेवा क सिचव तरीय अिधकारी अ य क प म तथा वग-1 क िविभ पदािधका रय
का सद य क प म रा य सरकार मनोनयन करती ह।
q
25. शासिनक यव था
(Administrative System)
मंडलीय शासन
िजला शासन
अनुमंडल शासन
खंड शासन
िजल क िववरणी
िबहार रा य का 1912 ई. म उदय होने क बाद रा य म शासन क वतं यव था थािपत क गई। 1936 म
उड़ीसा तथा 2000 म झारखंड िवभाजन क प ा वतमान िबहार क शासिनक परखा नए प म सामने आई
ह। वतमान म िबहार सिचवालय म कल 44 िवभाग ह। इन सभी िवभाग का काय रा यपाल ारा संपािदत होता
ह। मं ी अपने िवभाग का धान होता ह। वह अपनी सहायता क िलए एक सरकारी और एक गैर-सरकारी सिचव
रख सकता ह। उसक अ य सहायक म िनजी सहायक एवं टकक आिद होते ह। सिचव क अित र उसक
सहायक म िवशेष सिचव, अित र सिचव, संयु सिचव, उप-सिचव, अपर सिचव एवं िनबंधक होते ह।
िवभाग म पद वृ िव िवभाग क सहमित से होती ह।
इन सभी िवभाग क काय क अ ययन एवं िनरी ण आिद क िलए रा य म मु यमं ी क सहायता क िलए
सिचवालय होता ह। सामा यतः मु यमं ी सिचवालय म भारतीय शासिनक सेवा क व र पदािधकारी को मुख
बनाया जाता ह, िजसक अधीन थ सहायक उप सिचव, अपर सिचव एवं अ य सिचव होते ह। सिचवालय क मु य
सिचव को लोक सेवा का अ य कहा जाता ह। वह सभी िवभाग क बीच सहयोग और सम वय सुिन त
करने का क िबंदु होता ह। मंि प रष का मु य सलाहकार होने क नाते मु य सिचव सरकारी तं का धान कहा
जाता ह। यही मु य सिचव अ य िवभाग क सिचव क संलेख सूिचयाँ मु यमं ी को पेश करता ह और जनसंपक
अिधकारी क मुख भूिमका म क व अ य रा य क सरकार क साथ अपने रा य क सरकार क वाता का सेतु
बनता ह।
मु यमं ी और मंि प रष को सिचवीय सहायता देना, रा यपाल और मु यमं ी से वांिछत सूचना को ा
कर अिधकत प से अ सा रत करना, िवभागीय नीितय क ताव और ि या वयन म परामश देना, अ यंत
आव यक अ यादेश का ा प तैयार करना, रा यपाल क संदेश और अिभभाषण को तैयार करना, िवभागीय
मंि य क ताव पर िनणय संबंधी कारवाई करना, िव िवभाग क परामश से िवभागीय बजट तैयार करना, िव
संकट क समय आनेवाले सुझाव एवं समाधान पर परामश देना, वेतन, िनयु और पदो ित क िनयम बनाना,
थानांतरण एवं पद थापन आिद क बार म कारवाई करना, िवभागीय ि या-कलाप क वािषक रपोट बनाना आिद
सिचवालय का मु य काय ह। इसक अलावा सरकारी राज व वसूली को सुिन त करना, िवभागीय काय क
सुचा ि या वयन क िलए नीित व अनुदेश बनाना, िश ण क िलए पदािधका रय का चयन और िश ण नीित
तय करना, आव यकतानुसार िविभ आयोग का गठन करना, क व रा य ारा िवभाग को दी जानेवाली रािश
का सामियक एवं समुिचत उपयोग सुिन त करना भी सिचवालय का मु य काय ह।
िबहार म वतमान (2016) म कल 38 िजले ह। िजले म शासन का मुख िजलािधकारी होता ह। इसे
िविभ पद प म अपना कायभार सँभालना होता ह।
रा य का शासन चलाने क िलए शासिनक यव था को पाँच तर पर वग कत िकया गया ह, जो रा य म
सरकारी नीितय , िनयम और काय म का ि या वयन करता ह। पाँच तर पर वग कत शासिनक यव था म
मंडलीय शासन, िजला शासन, अनुमंडल शासन, खंड तरीय शासन एवं ाम पंचायत तरीय शासन
स मिलत ह।
मंडलीय शासन
रा य म नौ मंडल ह, िजनक मुख मंडलीय आयु होते ह। ये आयु भारतीय शासिनक सेवा क वरीय
और अनुभवी अिधकारी होते ह। आयु क काय म िजलािधका रय क िविध-िवकास काय म पयवे क क
भूिमका और यायालय क काय आिद होते ह। आयु क सहायक अपर िजला दंडािधकारी तर क सिचव क
अलावा एक उप-िनदेशक (खा ), उप-िनदेशक (पंचायती राज) और अपर िजला दंडािधकारी ( लाइग ॉड)
क प म होते ह।
िजला शासन
िबहार म वतमान (2016) म कल 38 िजले ह। िजले म शासन का मुख िजलािधकारी होता ह। इसे िविभ
पद प म अपना कायभार सँभालना होता ह।
भू-राज व वसूली, कनाल एवं अ य शु क क वसूली, िविभ राजक य ऋण क वसूली, रा ीय िवपदा
का मू यांकन और उनम सहायता काय, टांप ऐ ट का भावी ि या वयन, सामा य एवं िवशेष भूिम अजन का
काय, जम दारी बॉ स का भुगतान, भू-अिभलेख का समुिचत रखरखाव, भूिम पंजीकरण का काय, सां यक
संबंधी रकॉड रखना कले टर क प म िजलािधकारी का मुख काय ह।
रा य सरकार क आदेश का ि या वयन करना, िजला कोषागार का बंध करना, शासिनक पदािधका रय को
िश ण देना, च र माण-प एवं नाग रकता संबंधी माण-प िनगत करना, अनुसूिचत जाित, जनजाित, िपछड़
वग , सैिनक और भूिमहीन क िलए भूिम-बंदोब त संबंधी काय करना, िजला समाहरणालय म दंडािधका रय क
ितिनयु करना, कमचा रय एवं पदािधका रय क पशन संबंधी मामल का िन पादन करना, िजला तरीय
सिमितय क अ य ता और िनयिमत बैठक का आयोजन करना, क अथवा रा य क मंि य क िजले म आगमन
पर सुर ा बंध करना, िजला तर क सभी अिधका रय पर बजट िनयं ण रखना, रा पित, धानमं ी, उपरा पित
क िजला मण दौर पर सुर ा बंध करना िजलािधकारी क प म मुख काय ह। सामा य नाग रक क िशकायत
सुनकर आव यक कारवाई करना, िजले म िश ा क गुणव ा बनाए रखने क िलए िश ा पदािधका रय का
पयवे ण करना, िजले म मूलभूत सुिवधा का आपूित संबंधी पयवे ण करना, अनुमंडल/ खंड/ ा य तर क
पदािधका रय पर िनयं ण, पयवे ण और उ ह अवकाश देने संबंधी काय करना आिद भी िजलािधकारी क अ य
मुख काय ह।
पव, योहार और िवशेष य क सुर ा म दंडािधकारी क तैनाती करना, अनुसूिचत जाित, जनजाित, िपछड़
वग को माण-प देना, अशांित, िहसा और दंग क थित म सेना का भािवत े म लैग माच कराना,
िबगड़ती याय- यव था क िनयं ण क िलए आव यक कदम उठाना, क यू लगाना आिद, अधीन थ कायपालक
दंडािधका रय क ितिनयु करना, जेल का औचक अथवा पूव िनरी ण करना, बंिदय को यवहार क आधार
पर ेणी देना अथवा पेरोल पर छोड़ना, अपराध क वािषक रपोट रा य सरकार को स पना, िजला अंतगत सभी
थान का वािषक िनरी ण करना, आपदा, दुघटना, उ वादी गितिविधय म पीिड़त को मुआवजा देना, िजला तर
क िविभ चुनाव को शांितपूवक संप कराना, िजले म मनोरजन सं था से मनोरजन कर लागू करक वसूलना,
िजले क मतदाता सूची को अ तन कराना, संसदीय/िवधानसभा े का पुनस मन कराना, जनगणना संबंधी काय
पूण कराना आिद िजलािधकारी का दंडािधकारी क प म मुख काय ह।
पुिलस िवभाग क पुिलस अधी क से, वन िवभाग क वन पदािधकारी से, िश ा िवभाग क िजला िश ा
पदािधकारी से, सहकारी िवभाग क सहायक िनबंधक से, किष िवभाग क िजला किष पदािधकारी से, खनन िवभाग
क सहायक खनन पदािधकारी से, िचिक सा िवभाग क िसिवल सजन से, िनबंधन िवभाग क सहायक िनबंधक से,
उ ोग िवभाग क िजला उ ोग पदािधकारी से, उ पाद िवभाग क अधी क से, आपूित िवभाग क िजला आपूित
पदािधकारी से सम वयन करना िजलािधकारी का मुख दािय व ह।
इस कार िजलािधकारी िजले का मुख होता ह, जो अपनी पूण मता और अिधकार क साथ िजले क
नाग रक और रा य सरकार क बीच सुिवधा-सेतु का काय करता ह।
अनुमंडल शासन
िबहार म वतमान (2016) म 102 अनुमंडल ह। िजला शासन क बाद े ीय शासन म अनुमंडल शासन
आता ह, िजसका मुख अनुमंडल पदािधकारी (एस.डी.एम.) होता ह। यह पद भारतीय शासिनक सेवा क
पदािधकारी अथवा रा य शासिनक सेवा क पदािधकारी को स पा जाता ह। िबहार क अनुमंडल शासन म दोन
कार क पदािधकारी ह। ये पदािधकारी भी अपने े म िजलािधकारी क भाँित ही कई भूिमका का िनवाह करते
ह। राज व, िविध और याय संबंधी काय म इनक मुख भूिमका होती ह। इसक साथ ही ये िवकास संबंधी
योजना का पयवे ण और ि या वयन करने का काय भी करते ह।
िबहार म वतमान (2016) म 102 अनुमंडल ह। िजला शासन क बाद े ीय शासन म अनुमंडल
शासन आता ह, िजसका मुख अनुमंडल पदािधकारी (एस.डी.एम.) होता ह।
ये पदािधकारी किष और भूिम संबंधी राज व वसूलने और अंचलािधका रय क आदेश क िव अपील सुनने
का काय करते ह। अपने अधीन थ ितिनयु य का काय करते ह। े म कानून- यव था बनाए रखने हतु
पुिलस पर िनयं ण और आदेश जारी करते ह। े म श आवेदन पर अनुशंसा क साथ श का वािषक
िनरी ण भी करते ह, साथ ही े म आनेवाले िजला/रा य/क क िवशेष य य क सुर ा का बंध करते ह।
खंड शासन
िबहार म वतमान (2016) म 534 खंड ह। िजला शासन क दूसरी सीढ़ी खंड शासन ह, िजसम
अंचलािधकारी, खंड िवकास अिधकारी, खंड किष पदािधकारी, पशुपालन पदािधकारी, खंड आपूित
पदािधकारी, खंड क याण पदािधकारी आिद पदनािमत पदािधकारी स मिलत होते ह। इनम अंचलािधकारी और
िजला : 2. सीवान
अनुमंडल : 1. सीवान सदर, 2. महाराजगंज
मंडल : 3. सारण (छपरा)
िजला : 3. गोपालगंज
अनुमंडल : 1. गोपालगंज सदर, 2. हथुआ
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 1. मुज फरपुर
अनुमंडल : 1. मुज फरपुर पूव, 2. मुज फरपुर प म
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 2. सीतामढ़ी
अनुमंडल : 1. सीतामढ़ी सदर, 2. पुपरी, 3. बेलसंड
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 3. िशवहर
अनुमंडल : 1. िशवहर सदर
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 4. प. चंपारण (बेितया)
अनुमंडल : 1. बेितया, 2. बगहा, 3. नरकिटयागंज
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 5. पू. चंपारण
अनुमंडल : 1. मोितहारी सदर, 2. अरराज, 3. चिकया, 4. पकड़ीदयाल, 5. र सौल, 6. िसकहरना
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 6. वैशाली
अनुमंडल : 1. हाजीपुर, 2. म आ, 3. महनार
मंडल : 5. दरभंगा
िजला : 1. दरभंगा
अनुमंडल : 1. दरभंगा सदर, 2. बेनीपुर, 3. िबरौल
मंडल : 5. दरभंगा
िजला : 2. मधुबनी
अनुमंडल : 1. मधुबनी सदर, 2. जयनगर, 3. बेनीप ी, 4. झंझारपुर, 5. फलपरास
मंडल : 5. दरभंगा
िजला : 3. सम तीपुर
अनुमंडल : 1. सम तीपुर सदर, 2. दलिसंहसराय, 3. पटोरी 4. रोसड़ा
मंडल : 6. कोसी (सहरसा)
िजला : 1. सहरसा
अनुमंडल : 1. सहरसा, 2. िसमरी ब तयारपुर
मंडल : 6. कोसी (सहरसा)
िजला : 2. सुपौल
अनुमंडल : 1. वीरपुर, 2. िनमल , 3. सुपौल, 4. ि वेणीगंज
मंडल : 6. कोसी (सहरसा)
िजला : 3. मधेपुरा
अनुमंडल : 1. मधेपुरा, 2. उदािकशुनगंज
मंडल : 7. पूिणया
िजला : 1. पूिणया
अनुमंडल : 1. पूिणया सदर, 2. बनमनखी, 3. वायसी, 4. धमदाहा
मंडल : 7. पूिणया
िजला : 2. अर रया
अनुमंडल : 1. अर रया सदर, 2. फारिबसगंज
मंडल : 7. पूिणया
िजला : 3. िकशनगंज
अनुमंडल : 1. िकशनगंज
मंडल : 7. पूिणया
िजला : 4. किटहार
अनुमंडल : 1. किटहार सदर, 2. बारसोई, 3. मिनहारी
मंडल : 8. भागलपुर
िजला : 1. भागलपुर
अनुमंडल : 1. भागलपुर सदर, 2. कहलगाँव, 3. नवगिछया
मंडल : 8. भागलपुर
िजला : 2. बाँका
अनुमंडल : 1. बाँका सदर
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 1. मुंगेर
अनुमंडल : 1. मुंगेर, 2. हवेली खड़गपुर, 3. तारापुर
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 2. लखीसराय
अनुमंडल : 1. लखीसराय
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 3. जमुई
अनुमंडल : 1. जमुई
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 4. खगिड़या
अनुमंडल : 1. खगिड़या, 2. गोगरी
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 5. शेखपुरा
अनुमंडल : 1. शेखपुरा
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 6. बेगूसराय
अनुमंडल : 1. बेगूसराय, 2. तेघड़ा, 3. बिलया 4. मँझौली 5. बखड़ी
िजल क िववरणी
इस कार रा य म कल िमलाकर 9 मंडल एवं 38 िजले ह। इनका वणन िन न कार ह—
पटना
पटना रा य क राजधानी ह, िजसक जनंस या 57,72,804 ह और इसका े फल 3,202 वग िकलोमीटर ह।
इस िजले क सीमावत िजल म वैशाली, सम तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, नालंदा, जहानाबाद ह। पटना मंडल
का मु यालय भी पटना म ही ह। बाढ़, दानापुर, मसौढ़ी, पालीगंज, पटना िसटी एवं पटना सदर इसक अनुमंडल ह।
इस िजले म कल पु ष जनसं या 30,51,117 एवं मिहला जनसं या 27,21,687 िनवास करती ह। िजले का
जनसं या घन व 1,803 य ितवग िकलोमीटर ह। यहाँ का िलंगानुपात 892 मिहलाएँ ित हजार पु ष ह। िजले
क सा रता दर 72.47 ितशत ह, िजसम पु ष सा रता दर 80.23 ितशत एवं मिहला सा रता दर 63.72
ितशत ह। इस िजले म खंड क कल सं या 22 ह। यहाँ पर चीनी उ ोग, जूता उ ोग एवं िब कट उ ोग का
िवकास मुखता से आ ह। िजले क मुख फसल म धान, गे , चना, मसूर, सरस , मटर, आलू, याज व
स जयाँ ह।
नालंदा
नालंदा िजला पटना मंडल का एक मुख िजला ह, िजसका मु यालय िबहार शरीफ म ह। इस िजले का गठन
1972 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 2,367 वग िकलोमीटर ह। पटना, जहानाबाद, गया और
नवादा इसक सीमावत िजले ह। इस िजले म खंड क कल सं या 19 ह। िजले क कल जनसं या 28,72,523
ह, िजसम पु ष क जनसं या 14,95,577 एवं मिहला क जनसं या 13,76,946 ह। इस िजले का जनसं या
घन व 1,220 य ित वग िकलोमीटर ह। यहाँ का लिगक अनुपात 921/1000 ह। िजले क कल सा रता दर
66.41 ितशत ह, िजसम पु ष क सा रता दर 77.71 ितशत ह और मिहला क सा रता दर 54.76 ितशत
ह। इस िजले म फ गु और मोहनी नदी बहती ह। किष उ पादन म धान, आलू, याज आिद मुख ह। उ ोग म
हथकरघा उ ोग मुख ह।
रोहतास
पटना मंडल म थत इस िजले का े फल 3851 वग िकलोमीटर ह। इसका मु यालय सासाराम ह। इस
िजले का गठन 1972 ई. म िकया गया। इस िजले क सीमावत िजल म ब सर, भोजपुर, अरवल, कमूर,
औरगाबाद ह। इस िजले क तीन अनुमंडल सासाराम, िव मगंज और डहरी ह। इसका िजला मु यालय सासाराम
ह। यहाँ पर 19 खंड ह। इस िजले क कल आबादी 29,62,593 ह। इसम 15,47,856 पु ष और 14,14,737
जहानाबाद
मगध मंडल क इस िजले का गठन 1986 ई. म िकया गया ह। यहाँ का कल े फल 931 वग िकलोमीटर
एवं जनसं या 11,24,176 ह। कल जनसं या घन व 1206 ह। यहाँ का मिहला-पु ष िलंगानुपात 918 मिहला ित
1000 पु ष ह। इस िजले क सा रता दर 68.27 ितशत ह, जबिक पु ष सा रता दर 77.60 एवं मिहला सा रता
दर 55.01 ितशत ह। पटना, नालंदा, रोहतास एवं भोजपुर इस िजले क पड़ोसी िजले ह। धान, गे , दलहन,
ितलहन, ग ा, म ा यहाँ क मुख फसल ह। फ गु, दरधा, यमुिनया निदयाँ इस िजले से वािहत होती ह।
अरवल
अरवल िजले का गठन 1999 ई. म आ। इस िजले का े फल 638 वग िकलोमीटर एवं जनसं या 6,99,563
ह। यहाँ का जनसं या घन व 1099 ह। इस िजले का िलंगानुपात 927 ह। पु ष सा रता दर 79.06 ितशत,
मिहला सा रता दर 54.86 ितशत ह। जहानाबाद, गया, नवादा, पटना िजले इसक सीमावत िजले ह। इस िजले म
खंड क कल सं या 5 ह। धान, गे , दलहन, ितलहन, म ा यहाँ क मुख फसल ह। फ गु नदी इस िजले से
होकर वािहत होती ह।
नवादा
नवादा िजले का े फल 2494 वग िकलोमीटर एवं इसक कल जनसं या 22,16,653 ह। इसम पु ष
जनसं या 11,45,123 एवं मिहला जनसं या 10,71,530 ह। यहाँ का जनसं या घन व 889 ह। यहाँ का
िलंगानुपात 921 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह। इस िजले क कल सा रता दर 61.63 ितशत, िजसम पु ष
सा रता दर 69.98 ितशत एवं मिहला सा रता दर 48.86 ितशत ह। गया, नालंदा, शेखपुरा एवं जमुई इसक
सीमावत िजले ह। इस िजले म सकरी नदी वािहत होती ह। धान, गे , आलू, मसूर यहाँ क मुख फसल ह।
बीड़ी उ ोग यहाँ का मुख उ ोग ह।
औरगाबाद
औरगाबाद िजले का गठन मगध मंडल म 1973 ई. म िकया गया। यहाँ का कल े फल 3305 वग
िकलोमीटर तथा कल जनसं या 25,11,243 ह, िजसम पु ष क जनसं या 13,10,867 एवं मिहला क
जनसं या 12,00,376 ह। यहाँ का जनंस या घन व 760 ह। इस िजले का िलंगानुपात 916 ह। यहाँ क सा रता
दर 72.77 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 80.11 ितशत एवं मिहला सा रता दर 59.71 ितशत ह। गया,
जहानाबाद, अरवल एवं रोहतास यहाँ क सीमावत िजले ह। इस िजले म कल 11 खंड ह। धान, गे , मसूर यहाँ
क मुख फसल ह। कारपेट एवं लकट उ ोग यहाँ का मुख उ ोग ह। इस िजले से ओरगा और मोरहर निदयाँ
बहती ह।
सारण (छपरा)
सारण िजला को छपरा क नाम से भी जाना जाता ह। सारण मंडल का मु यालय इसी िजले म ह। इस िजले का
कल े फल 2641 वग िकलोमीटर एवं जनसं या 39,43,098 ह। इस िजले क कल पु ष जनसं या
20,23,476 एवं कल मिहला जनसं या 19,19,622 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1493 ह। इस िजले का
िलंगानुपात 949 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह। यहाँ क सा रता दर 68.57 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर
77.03 ितशत एवं मिहला सा रता दर 54.42 ितशत ह। मुज फरपुर, वैशाली, पटना, भोजपुर, सीवान,
गोपालगंज एवं पूव चंपारण िजले क सीमा सारण िजले क सीमा से लगती ह। इस िजले क खंड क कल
सं या 20 ह। धान, गे , ग ा यहाँ क मुख फसल ह। गंगा, घाघरा एवं गंडक इस िजले से होकर वािहत
होनेवाली निदयाँ ह।
सीवान
1972 ई. म गिठत सारण मंडल क इस िजले का कल े फल 2219 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या
33,18,176 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1495 ह। यहाँ का िलंगानुपात 984 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह। सारण
एवं गोपालगंज इस िजले क सीमावत िजले ह। इस िजले म कल खंड क सं या 19 ह। यहाँ क कल सा रता
दर 71.59 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 80.23 ितशत एवं मिहला सा रता दर 58.66 ितशत ह। चीनी
िमल, पीतल एवं हथकरघा उ ोग यहाँ क मुख उ ोग ह। दाहा एवं झरही यहाँ क दो मुख निदयाँ ह। धान, गे
एवं ग ा इस िजले क मुख फसल ह।
गोपालगंज
सारण मंडल म गोपालगंज िजले का गठन 1973 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 2033 वग
िकलोमीटर तथा जनसं या 25,58,037 ह। यहाँ पर कल पु ष जनसं या 12,69,677 एवं मिहला जनसं या
12,88,307 ह। इस िजले का लिगक अनुपात 1015 मिहला ित 1000 पु ष ह। यहाँ का जनसं या घन व 1298
ह। सीवान, सारण, पूव चंपारण एवं प. चंपारण इस िजले क पड़ोसी िजले ह। गोपालगंज िजले म कल 14 खंड
ह। धान, गे , म ा यहाँ क मुख फसल ह। खा , तेल िमल एवं चीनी िमल यहाँ क मुख उ ोग ह। यहाँ क
कल सा रता दर 67.04 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 76.51 ितशत एवं मिहला सा रता दर 54.81
ितशत ह।
मुज फरपुर
मुज फरपुर िजले का गठन 1875 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 3172 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 47,78,610 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1506 एवं िलंगानुपात 898 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
सीतामढ़ी, दरभंगा, सम तीपुर, वैशाली, सारण एवं पूव चंपारण इसक सीमावत िजले ह। यहाँ पर खंड क कल
सं या 16 ह। धान, गे , म ा, लीची, आम यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले क सा रता दर 65.68
ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 71.28 ितशत तथा मिहला सा रता दर 54.67 ितशत ह। चीनी िमल, थमल
पावर टशन, दवा उ ोग, वैगन फ टरी क उ ोग-धंधे इस िजले म अव थत ह। बागमती, बूढ़ी गंडक इस िजले
से भािवत होनेवाली मुख निदयाँ ह।
सीतामढ़ी
सीता क ज म थली सीतामढ़ी धािमक ि से िबहार म ा और आ था का मुख थान रखनेवाला एक
िजला ह। यहाँ का कल े फल 2294 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 34,19,622 ह। यहाँ का जनसं या
घन व 1491 एवं िलंगानुपात 899 मिहलाएँ ित 1,000 पु ष ह। िशवहर, पू. चंपारण, मुज फरपुर, दरभंगा,
मधुबनी इसक सीमावत िजले ह। धान, गे , ितलहन, ईख और तंबाक यहाँ क मुख फसल ह। इस िजले क
सा रता दर 52.04 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 53.53 ितशत एवं मिहला सा रता दर 42.41 ितशत ह।
चीनी िमल एवं चावल एवं तेल िमल, िड टलरी लांट क उ ोग इस िजले म अव थत ह।
िशवहर
िशवहर िजले का गठन 1994 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 443 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 6,56,916 ह। यहाँ का जनसं या का घन व 1880 ह। यहाँ का िलंगानुपात 890 मिहलाएँ ित 1000
पु ष ह। सीतामढ़ी, मुज फरपुर एवं पूव चंपारण इसक सीमावत िजले ह। यहाँ पर खंड क कल सं या 5 ह।
धान, गे , ग ा यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले क सा रता दर 56.00 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता
दर 61.31 ितशत तथा मिहला सा रता दर 45.26 ितशत ह।
प मी चंपारण
िबहार का सवािधक े फल वाला िजला प मी चंपारण का कल े फल 5228 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 39,22,780 ह। इस िजले का िजला मु यालय बेितया ह। यहाँ का जनसं या घन व 753 ह। गोपालगंज
एवं पूव चंपारण इसक सीमावत िजले ह। धान, गे , ग ा यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर
गंडक नदी वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 58.06 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 65.59 ितशत
तथा मिहला सा रता दर 44.69 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 906 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
पूव चंपारण
पूव चंपारण का कल े फल 3968 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 50,82,868 ह। यहाँ का जनसं या
घन व 1281 ह। गोपालगंज, प मी चंपारण, सारण, मुज फरपुर, िशवहर एवं सीतामढ़ी इसक सीमावत िजले ह।
धान, जूट, ग ा यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर गंडक एवं िशकरहना नदी वािहत होती ह।
यहाँ पर चीनी िमल एवं बटन उ ोग क कारखाने थत ह। इस िजले क सा रता दर 58.26 ितशत ह, िजनम
पु ष सा रता दर 65.34 ितशत तथा मिहला सा रता दर 45.12 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 901
मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
वैशाली
वैशाली िजले का गठन 1972 ई. म िकया गया। इसका मु यालय हाजीपुर ह। वैशाली का कल े फल 2036
वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 34,95,249 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1717 ह। पटना, सम तीपुर, सारण
एवं मुज फरपुर इसक सीमावत िजले ह। इस िजले म खंड क कल सं या 16 ह। धान, म ा, मसूर, गे ,
कला यहाँ क मु य किष फसले ह। इस िजले से होकर गंगा और गंडक नदी वािहत होती ह। यहाँ पर चीनी
िमल, गुल एवं जदा उ ोग क कारखाने थत ह। इस िजले क सा रता दर 68.56 ितशत ह, िजनम पु ष
सा रता दर 75.41 ितशत तथा मिहला सा रता दर 56.73 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 892 मिहलाएँ
ित 1000 पु ष ह।
दरभंगा
दरभगा िजले का गठन 1875 ई. म िकया गया। इसका मु यालय दरभंगा ह। इस िजले का कल े फल 2279
वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 39,21,971 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1721 ह। सीतामढ़ी, सम तीपुर,
खगिड़या, सहरसा, मधुबनी एवं मुज फरपुर इसक सीमावत िजले ह। इस िजले म खंड क कल सं या 18 ह।
धान, मखाना यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर कमला और बलान नदी वािहत होती ह। यहाँ पर
चीनी िमल, कागज िमल, हथकरघा उ ोग, जूट एवं बीड़ी उ ोग क कारखाने थत ह। इस िजले क सा रता दर
58.26 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 66.83 ितशत तथा मिहला सा रता दर 45.24 ितशत ह। इस िजले
का िलंगानुपात 910 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
मधुबनी
मधुबनी का कल े फल 3501 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 44,76,044 ह। यहाँ का जनसं या घन व
1279 ह। सीतामढ़ी, दरभंगा, सहरसा एवं सुपौल इसक सीमावत िजले ह। धान एवं मखाना यहाँ क मु य किष
फसल ह। इस िजले से कमला, भूतही और बलान निदयाँ वािहत होती ह। यहाँ पर चीनी िमल, खादी उ ोग, सूत
करघा उ ोग, िमिथला पिटग क कारखाने थत ह। इस िजले क सा रता दर 60.90 ितशत ह, िजसम पु ष
सा रता दर 70.14 ितशत तथा मिहला सा रता दर 46.16 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 925 मिहलाएँ
ित 1000 पु ष ह।
सम तीपुर
सम तीपुर का कल े फल 2904 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 42,54,762 ह। यहाँ का जनसं या
घन व 1465 ह। पटना, वैशाली, मुज फरपुर, दरभंगा, खगिड़या एवं बेगूसराय इसक सीमावत िजले ह। धान,
म ा, िमच एवं तंबाक यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से बूढ़ी गंडक, कोसी और बलान नदी वािहत
होती ह। यहाँ पर चीनी िमल, कागज उ ोग, जूट, सूत करघा उ ोग एवं िमिथला पिटग क कारखाने थत ह। इस
िजले क सा रता दर 63.81 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 71.25 ितशत तथा मिहला सा रता दर 51.51
ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 909 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
सहरसा
सहरसा िजले का गठन 1954 ई. म िकया गया। कोसी मंडल का मु यालय सहरसा िजले म थत ह। इस
िजले का कल े फल 1896 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 18,97,102 ह। यहाँ का जनसं या घन व
1125 ह। मधेपुरा, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा एवं खगिड़या इसक सीमावत िजले ह। धान, म ा, जूट एवं मखाना
यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से कोसी नदी वािहत होती ह। यहाँ पर जूट एवं बीड़ी क कारखाने थत
ह। इस िजले क सा रता दर 54.57 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 63.56 ितशत तथा मिहला सा रता दर
41.68 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 906 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
सुपौल
सुपौल िजले का गठन 1991 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 2425 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 22,28,397 ह। यहाँ का जनसं या घन व 898 ह। मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा एवं अर रया इसक
सीमावत िजले ह। धान, म ा, गे एवं कला यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर कोसी नदी
वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 59.65 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 69.62 ितशत तथा
मिहला सा रता दर 44.74 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 925 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
मधेपुरा
सुपौल िजले का गठन 1981 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1788 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 19,94,618 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1116 ह। सहरसा, सुपौल, पूिणया, मधेपुरा एवं अर रया इसक
सीमावत िजले ह। धान एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से कोसी और कोरनी निदयाँ वािहत
होती ह। इस िजले क सा रता दर 53.76 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 61.77 ितशत तथा मिहला
सा रता दर 41.74 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 914 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
पूिणया
इस िजले का कल े फल 3229 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 32,73,127 ह। यहाँ का जनसं या
घन व 1014 ह। भागलपुर, किटहार, िकशनगंज, सुपौल, मधेपुरा एवं अर रया इसक सीमावत िजले ह। धान, गे
एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ जूट उ ोग का कारखाना अव थत ह। इस िजले से कोसी और
महानंदा निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 52.49 ितशत ह, िजसम पु ष सा रता दर 59.6
ितशत तथा मिहला सा रता दर 42.34 ितशत ह। इस िजले म खंड क सं या 6 ह। इस िजले का िलंगानुपात
920 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
अर रया
अर रया िजले का गठन 1990 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 2830 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 28,06,200 ह। यहाँ का जनसं या घन व 992 ह। पूिणया, िकशनगंज, सुपौल एवं मधेपुरा इसक
सीमावत िजले ह। धान, म ा एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ जूट उ ोग का कारखाना अव थत ह।
इस िजले से होकर कोसी, सुलरा, काली और कोली निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 55.10
ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 62.30 ितशत तथा मिहला सा रता दर 43.93 ितशत ह। इस िजले म
खंड क सं या 9 ह। इस िजले का िलंगानुपात 921 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
िकशनगंज
िकशनगंज िजले का गठन 1990 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1884 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 16,90,948 ह। यहाँ का जनसं या का घन व 898 ह। पूिणया, अर रया एवं किटहार इसक सीमावत
िजले ह। धान, गे , म ा एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ जूट उ ोग का कारखाना अव थत ह। इस
िजले से होकर महानंदा नदी वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 57.04 ितशत ह, िजसम पु ष सा रता
दर 63.66 ितशत तथा मिहला सा रता दर 46.76 ितशत ह। इस िजले म खंड क सं या 7 ह। इस िजले का
िलंगानुपात 946 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
किटहार
किटहार िजले का गठन 1973 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 3,057 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 30,16,149 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1004 ह। िकशनगंज, पूिणया एवं भागलपुर इसक सीमावत
िजले ह। धान एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ कागज िमल एवं जूट उ ोग का कारखाना अव थत ह।
इस िजले से होकर गंगा और महानंदा निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 53.56 ितशत ह, िजसम
पु ष सा रता दर 59.36 ितशत तथा मिहला सा रता दर 44.39 ितशत ह। इस िजले म खंड क सं या 16
ह। इस िजले का िलंगानुपात 916 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
भागलपुर
खगिड़या
खगिड़या िजले का गठन 1980 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1,486 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 16,57,599 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1115 ह। सम तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर, मधेपुरा,
सहरसा एवं दरभंगा इसक सीमावत िजले ह। धान, गे , म ा, जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से
गंगा, कोसी, गंडक एवं बागमती निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 60.87 ितशत ह, िजनम पु ष
सा रता दर 65.25 ितशत तथा मिहला सा रता दर 49.56 ितशत ह। इस िजले म खंड क सं या 07 ह। इस
िजले का िलंगानुपात 883 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
शेखपुरा
शेखपुरा िजले का गठन 1994 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 689 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 6,34,927 ह। यहाँ का जनसं या घन व 922 ह। लखीसराय, जमुई, नालंदा एवं नवादा इसक सीमावत
िजले ह। धान, गे , मसूर यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले क सा रता दर 65.96 ितशत ह, िजनम पु ष
सा रता दर 73.56 ितशत तथा मिहला सा रता दर 53.40 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 926 मिहलाएँ
ित 1000 पु ष ह।
बेगूसराय
बेगूसराय िजले का गठन 1972 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1,918 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 29,54,367 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1540 ह। पटना, सम तीपुर, खगिड़या, मुंगेर एवं लखीसराय
इसक सीमावत िजले ह। गे , म ा, िमच, अरहर, मसूर यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले म तेलशोधक,
ताप िव ुत, खाद का कारखाना अव थत ह। इस िजले से गंगा, गंडक निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क
सा रता दर 66.23 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 71.58 ितशत तथा मिहला सा रता दर 55.21 ितशत
ह। इस िजले म खंड क सं या 18 ह। इस िजले का िलंगानुपात 894 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
q
26. यायपािलका
(Judiciary)
उ यायालय का े ािधकार
अधीन थ यायालय
भारत क संिवधान क अनु छद 214 से येक रा य म एक उ यायालय क यव था क गई ह, परतु दो या
दो से अिधक रा य क िलए एक ही उ यायालय, या एक बड़ी जनसं यावाले िकसी रा य क िलए एक से
यादा उ यायालय क यव था करना भारतीय संस का िवशेषािधकार ह। रा य म यायापािलका क शीष पर
उ यायालय ह। इसक नीचे िजला एवं सेशन यायाधीश का यायालय, नगर िसिवल और सेशन यायालय,
मु य याियक मिज ट, मु य महानगर मिज ट, मुंिसफ और अ य मिज ट आते ह। रा य का उ यायालय
एक मु य यायाधीश एवं अ य यायाधीश से िमलकर बनता ह, िजनक िनयु रा पित क ारा समय-समय
पर क जाती ह। देश म यायाधीश क कल सं या क आधार पर सबसे यादा यायाधीश क सं या वाला
इलाहाबाद उ यायालय ( वीकत पद 160) ह। िबहार म उ यायालय म इस समय यायाधीश क सं या
मु य यायाधीश सिहत 30 ह। इसक थापना 3 फरवरी, 1916 को पटना म क गई।
यो यताएँ
उ यायालय म यायाधीश क िनयु क िलए िन निलिखत यो यताएँ िनधा रत क गई ह—
1. वह भारत का नाग रक हो।
2. कम-से-कम दस वष तक भारत म याियक पद पर रह चुका हो।
3. िकसी रा य क उ यायालय म या एक से अिधक रा य क उ यायालय म कम-से-कम दस वष तक
अिधव ा क प म सेवा दे चुका हो।
उ यायालय क यायाधीश 62 वष क उ तक अपने पद पर बने रहते ह। वयं ारा याग-प देने या
संस क दोन सदन म कदाचार अथवा असमथता क आरोप पर महािभयोग लाकर एवं उसे दोन सदन म अलग-
अलग उप थत सद य क दो-ितहाई ब मत से और कल सद य क ब मत से पा रत करने पर या रा पित ारा
िकसी अ य रा य क उ यायालय म थानांतरण िकए जाने पर या सव यायालय म यायाधीश क प म
िनयु होने पर उ यायालय क यायाधीश का पद र हो सकता ह। उ यायालय क यायाधीश क वेतन
तथा भ े रा य क संिचत िनिध से िदए जाते ह। इ ह रा यपाल क सम पद एवं गोपनीयता क शपथ लेनी पड़ती
ह।
उ यायालय का े ािधकार
अधीन थ यायालय क संबंध म िविभ उपबंध संिवधान क अनु छद 233 से 236 तक उ िखत ह।
यायालय क दूसर ेणी क यायालय मुंिसफ यायाधीश या दीवानी यायाधीश क नाम से जाने जाते ह, िजनक
थापना िजला तर पर क जाती ह। िजला यायाधीश क िनयु रा य क रा यपाल संबंिधत उ यायालय क
परामश से करते ह। िजला यायाधीश क िनयु क िलए संबंिधत य को क या रा य क याियक सेवा म
होना या कम-से-कम सात वष का अिधव ा का अनुभव रखना अिनवाय ह।
मु य यायाधीश क सूची
.-1
मु य यायाधीश : यायमूित डिवड ऐजरा रयूबेन
कब से : 01.06.1052
कब तक : 02.09.1953
.-2
मु य यायाधीश : यायमूित सर सैयद जाफर इमाम
कब से : 03.09.1953
कब तक : 10.01.1955
.-3
मु य यायाधीश : यायमूित सुधांशु कमार दास
कब से : 10.01.1955
कब तक : 30.04.1956
.-4
मु य यायाधीश : यायमूित िव ानाथीयर रामा वामी
कब से : 30.04.1956
कब तक : 04.01.1965
.-5
मु य यायाधीश : यायमूित रामा वामी ल मी नरिसंहन
कब से : 04.01.1965
कब तक : 02.08.1968
.-6
मु य यायाधीश : यायमूित सतीश चं िम
कब से : 09.11.1968
कब तक : 05.09.1970
.-7
मु य यायाधीश : यायमूित उ ल नारायण िस हा
कब से : 05.09.1970
कब तक : 29.09.1972
.-8
मु य यायाधीश : यायमूित नंदलाल ऊटवािलया
कब से : 29.09.1972
कब तक : 03.10.1974
.-9
मु य यायाधीश : यायमूित याम नंदन साद िसंह
कब से : 03.10.1974
कब तक : 01.05.1976
. - 10
मु य यायाधीश : यायमूित क ण व भ नारायण िसंह
कब से : 19.07.1976
कब तक : 12.03.1983
. - 11
मु य यायाधीश : यायमूित सुरजीत िसंह संधावािलया
कब से : 29.11.1983
कब तक : 27.07.1987
. - 12
मु य यायाधीश : यायमूित भगवती साद झा
कब से : 02.01.1988
कब तक : 01.05.1988
. - 13
मु य यायाधीश : यायमूित दीपक कमार सेन
कब से : 01.05.1988
कब तक : 01.05.1989
. - 14
मु य यायाधीश : यायमूित सुशील कमार झा
कब से : 19.10.1989
कब तक : 23.10.1989
. - 15
मु य यायाधीश : यायमूित गंगाधर गणेश सोनी
कब से : 24.10.1989
कब तक : 17.12.1990
. - 16
मु य यायाधीश : यायमूित िवमल चं साद
कब से : 18.03.1991
कब तक : 21.10.1994
. - 17
मु य यायाधीश : यायमूित क ण वामी सुंदर प रपूणन
कब से : 24.10.1994
कब तक : 11.06.1994
. - 18
मु य यायाधीश : यायमूित क. वकट वामी
कब से : 19.09.1994
कब तक : 06.03.1995
. - 19
मु य यायाधीश : यायमूित गोिवंद व भ पटनायक
कब से : 19.05.1995
कब तक : 11.09.1995
. - 20
मु य यायाधीश : यायमूित देव ताप बाधवा
कब से : 29.09.1995
कब तक : 21.03.1997
. - 21
मु य यायाधीश : यायमूित बृजमोहन लाल
कब से : 09.07.1997
कब तक : 06.10.1999
. - 22
मु य यायाधीश : यायमूित रिव व प धवन
कब से : 25.01.2000
कब तक : 22.07.2004
. - 23
मु य यायाधीश : यायमूित जे.एन. भ
कब से : 18.07.2005
कब तक : 16.10.2007
. - 24
मु य यायाधीश : यायमूित राजेश वािलया
कब से : 05.01.2008
कब तक : 30.03.2008
. - 25
मु य यायाधीश : यायमूित राज मल लोढ़ा
कब से : 13.05.2008
कब तक : िदसंबर, 2008
. - 26
मु य यायाधीश : यायमूित जे.वी. कोशी
कब से : माच, 2009
कब तक : 13.05.2009
. - 27
मु य यायाधीश : यायमूित फ कमार िम ा
कब से : 12.08.2009
कब तक : 17.09.2009
. - 28
मु य यायाधीश : यायमूित दीपक कमार िम ा
कब से : 23.12.2009
कब तक : 24.05.2010
. - 29
मु य यायाधीश : यायमूित रखा एम. दोिशत
कब से : 21.06.2010
कब तक : 12.12.2014
. - 30
मु य यायाधीश : यायमूित िलंगाला नरिस हा र ी
कब से : 02.01.2015
कब तक : 01.08.2015
. - 31
मु य यायाधीश : यायमूित इकबाल अहमद अंसारी
कब से : 03.08.2015
कब तक : 29.10.2016
. - 32
मु य यायाधीश : यायमूित हमंत गु ा
कब से : 29.10.2016
कब तक : ------
q
िवधानमंडल एवं पंचायत क बीच श का िवभाजन उसी कार िकया गया ह जैसे संिवधान क सातव अनुसूची
म संघ और रा य िवधानमंडल क बीच ह। रा य िविध ारा िकसी पंचायत को कर, शु क, पथकर आिद का
उद हण करने, उनका सं ह करने और उ ह िविनयोिजत करने क िलए ािधकत कर सकता ह। रा य सरकार
ारा संगृहीत कर, शु क आिद भी पंचायत को िदए जा सकते ह। रा य क संिचत िनिध म से पंचायत को
सहायता अनुदान भी िदया जा सकता ह।
रा य सरकार येक पाँच वष बाद पंचायत क िव ीय थित का िनरी ण करने क िलए एक िव आयोग का
गठन करती ह, जो पंचायत िव आयोग क नाम से जाना जाता ह। रा य क ारा उ ृहीत कर का रा य एवं
पंचायत क बीच िवतरण, कौन से कर शु क, पथकर आिद पंचायत को समुिनदेिशत िकए जाएँगे, का िनधारण,
पंचायत क िलए सहायता अनुदान, पंचायत क िव ीय थित सुधारने क िलए कोई िनदश से संबंिधत सुझाव
पंचायत िव आयोग रा य सरकार को देता ह।
पंचायत सिमित
संिवधान क 11व अनुसूची म रा य िवधानमंडल एवं पंचायत क बीच श का िवभाजन उसी कार
िकया गया ह जैसे संिवधान क सातव अनुसूची म संघ और रा य िवधानमंडल क बीच ह।
पंचायत सिमित खंड तर पर थानीय वशासन क इकाई ह। इसक चार मुख अंग पंचायत सिमित, मुख
एवं उप मुख, थायी सिमित तथा खंड िवकास पदािधकारी होते ह। पंचायत सिमित क सद य का चुनाव
पंचायत चुनाव क दौरान ही िकया जाता ह। येक पाँच हजार क आबादी पर पंचायत सिमित क एक सद य
का िनवाचन िकया जाता ह। इसक अलावा उस खंड क ाम पंचायत क मुिखया, वह खंड िजस िवधानसभा
े म ह, उसक िवधायक, िजस लोकसभा े म ह, उसक सांसद भी पंचायत सिमित क सद य होते ह।
सिमित म भी अबादी क अनुपात म अनुसूिचत जाित, जनजाित तथा िपछड़ी जाित क िलए आर ण क यव था
ह। इसक अलावा येक ेणी का 50 ितशत उसी ेणी क मिहला क िलए भी आरि त होता ह। चुने ए
सद य अपने म एक मुख तथा उप- मुख का िनवाचन पाँच वष क िलए करते ह। येक खंड म रा य
सरकार रा य लोक सेवा आयोग क अनुशंसा पर एक खंड िवकास पदािधकारी क िनयु करती ह। वह
पंचायत सिमित का कायपालक पदािधकारी तथा सिचव होता ह। पंचायत सिमित क अंतगत िविभ िवषय पर
तीन सिमितय क गठन क यव था ह। वतमान म कल पंचायत सिमितय क सं या 534 ह।
पंचायत सिमित को रा य सरकार या थानीय ािधकार या िजला प रष से ा अनुदान, सरकार क पूवानुमित
से िलया गया ऋण या सिमित क ारा एकि त पथ कर या िविभ कार क कर से आय ा होती ह। सभी
ाम पंचायत क वािषक योजना पर िवचार तथा उसे िजला प रष म तुत करना, सिमित का वािषक बजट
बनाना, सरकार या िजला प रष क ारा िदए गए काय का िन पादन, ाकितक आपदा क समय राहत का
काय करना आिद पंचायत सिमित क मु य काय ह।
िजला प रष
पंचायती राज णाली क िजले म सव सं था िजला प रष होती ह। इसक अंतगत िजले क सभी पंचायत
सिमितयाँ आती ह। िजला प रष क चार मुख अंग होते ह—िजला प रष , अ य और उपा य , थायी
सिमितयाँ तथा िजला िवकास पदािधकारी। िजला प रष म िजले क सभी पंचायत सिमितय क मुख, संबंिधत
रहती ह।
येक नगरपािलका को उस नगर े क जनसं या क आधार पर वाड म िवभािजत िकया जाता ह। नगर
िनगम क िलए 10 लाख से ऊपर जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम वाड पाषद क सं या 75 एवं यूनतम
67, 5 लाख से ऊपर तथा 10 लाख से नीचे जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम 67 एवं यूनतम 57, 2 लाख
से 5 लाख तक जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम 57 एवं यूनतम 45 पाषद का िनधारण िकया गया ह।
नगर प रष क िलए 1.5 लाख से ऊपर तथा 2 लाख से नीचे जनसं या वाले नगर क िलए वाड पाषद क सं या
45 एवं यूनतम 42, 1 लाख से ऊपर 1.5 लाख से नीचे जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम 42 एवं यूनतम
37, 40 हजार से ऊपर और 1 लाख से नीचे जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम 37 एवं यूनतम 25 वाड
पाषद का िनधारण िकया गया ह। नगर पंचायत े क िलए अिधकतम 25 एवं यूनतम 10 वाड पाषद का
ावधान ह।
नगरपािलका क वाड पाषद बनने क िलए िन न यो यताएँ िनधा रत ह—
कोई भी य , जो भारत का नाग रक हो।
यूनतम 21 वष क उ का हो।
रा य िवधानसभा क िनवाचन क िलए यो य हो।
नगरपािलका क कर का बकाया उस पर न हो।
दो या दो से कम संतान ह ।
वतमान म कल नगर िनगम क सं या 12 ह, िजसम भागलपुर, दरभंगा, गया, नालंदा, मुंगेर, किटहार,
भोजपुर, बेगूसराय, मुज फरपुर, पटना, पूिणया एवं छपरा नगर िनगम शािमल ह।
वतमान म कल नगर िनगम क सं या 12 ह, िजसम भागलपुर, दरभंगा, गया, नालंदा, मुंगेर, किटहार, भोजपुर,
बेगूसराय, मुज फरपुर, पटना, पूिणया एवं छपरा नगर िनगम शािमल ह। नगर िनगम, थायी सिमित, महापौर एवं
उप-महापौर तथा नगर आयु , नगर िनगम क चार अंग ह। रा य म रा य िनवाचन आयोग ने िबहार नगर पािलका
अिधिनयम 2007 क धारा 29 क ावधान क तहत दजन भर नगर िनगम क अ य पद म आर ण तय कर
इसक अिधसूचना जारी कर दी ह। इसक अनुसार मिहला क िलए 5 पद आरि त िकए गए ह। इनम पटना,
आरा, िबहारशरीफ, भागलपुर (िपछड़ा वग) तथा दरभंगा नगर िनगम शािमल ह। वह 5 नगर िनगम —मुंगेर,
बेगूसराय, पूिणया, किटहार एवं छपरा म मु य पाषद पद को अनारि त रखा गया ह। मुज फरपुर नगर िनगम को
िपछड़ा वग तथा गया नगर िनगम को अनुसूिचत जाित क िलए आरि त िकया गया ह। महापौर एवं उप-महापौर
तथा सात अ य पाषद को िमलाकर नगर िनगम क कोई थायी सिमित बनती ह। नगर आयु महापौर क धान
सिचव का काय करते ह। नगर आयु भारतीय शासिनक सेवा या िबहार शासिनक सेवा क कोई अिधकारी
बनते ह। इसक अलावा नगर िनगम म नगर िव एवं लेखा िनयं क, महालेखाकार क वरीय लेखा या िबहार िव
सेवा या िबहार लेखा सेवा से कोई अिधकारी, नगर आंत रक अंक क; मु य नगर अिभयंता, मु य नगर वा य
पदािधकारी, नगर वा तुिव , नगर िविध पदािधकारी, नगर सिचव, तीन अपर नगर आयु आिद पदािधकारी काम
करते ह। पटना नगर िनगम क थापना 1952 ई. म ई थी। वतमान म पटना नगर िनगम म वाड क सं या 67
ह।
वतमान म िबहार क कल नगर प रषद क सं या 42 तथा कल नगर पंचायत क सं या 86 ह। नगर िनगम क
पाषद होने क िलए सभी यो यताएँ नगर प रष एवं नगर पंचायत क पाषद क िलए भी ज री ह। नगर प रष ,
थायी सिमित, नगर सभापित एवं नगर कायपालक पदािधकारी, नगर प रष क अंग ह। नगर पंचायत, थायी
सिमित, नगर अ य एवं नगर कायपालक पदािधकारी नगर पंचायत क िविभ अंग ह। नगर सभापित, नगर उप-
सभापित एवं पाँच पाषद को िमलाकर थायी सिमित का गठन िकया जाता ह। नगर अ य , नगर उपा य और
तीन अ य पाषद को िमलाकर नगर पंचायत म एक थायी सिमित का गठन िकया जाता ह।
नगर िनगम, नगर प रष एवं नगर पंचायत क चुनाव क बाद होनेवाली पहली बैठक म पाषद क ारा अपने म
से मु य पाषद एवं उप-मु य पाषद का चुनाव िकया जाता ह। मु य पाषद अपने पद से मंडलीय आयु क
नािमत आवेदन क ज रए याग-प दे सकता ह। पाषद क कल सं या क कम-से-कम एक-ितहाई सद य क
िलिखत अनुरोध पर पाषद क पूण सं या क ब मत से मु य पाषद एवं उप-मु य पाषद को पद से हटाया जा
सकता ह। नगर कायपालक पदािधकारी, नगर िव पदािधकारी, नगर अिभयंता, नगर वा य पदािधकारी, नगर
सिचव, नगरपािलका आंत रक अंक क आिद नगर प रष एवं नगर पंचायत क पदािधकारी होते ह। नगर िनगम क
मु य पाषद को महापौर तथा उप-मु य पाषद को उप-महापौर क नाम से जाना जाता ह। नगर प रष क मु य
पाषद को नगर सभापित एवं उप-मु य पाषद को नगर उप-सभापित क नाम से जाना जाता ह। नगर पंचायत क
मु य पाषद को नगर अ य एवं उप-मु य पाषद को नगर उपा य क नाम से जाना जाता ह। नगर कायपालक
पदािधकारी नगर सभापित तथा नगर अ य क मु य सिचव का काय करते ह।
नगर म जल आपूित, जल िनकासी, ठोस अपिश , गंदी ब ती उ यन, सड़क , फटपाथ , पुल आिद का
िनमाण एवं संर ण, वृ ारोपण, प रवहन णाली, बाजार, पयावरण को दूषण मु करने का उपाय करना
आिद नगरपािलका क मुख काय ह। इसक अलावा रा य सरकार या क सरकार क ारा िच त काय भी
नगर पािलका क काय-सूची म रहते ह।
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33.7 ितशत हो गया। गरीबी क गणना क अगले च म इसम और कमी होने क संभावना ह। रा य सरकार
अपना यान सात िन य क मा यम से िबहार क िवकास पर कि त कर रही ह। युवा का िवकास, मिहला
का सश ीकरण, सभी को िबजली, पानी, सड़क, शौचालय तथा उ तर क तकनीक िश ा; ये सरकार क
िन य ह।
वतमान समय म िबहार क अथ यव था का अवलोकन करने पर िन निलिखत आिथक संकतक ा होते ह—
जनसां यक
(Demographic Profile)
िकसी भी े क जनसां यक य आँकड़ उस े क वतमान दशा और िदशा का वणन करते ह। यह वणन
उसक वतमान और भिव य क आशा और अपे ा को ज म देता ह। वष 2011 क जनगणना क अनुसार
िबहार क जनसं या 10.41 करोड़ ह, जो पूर देश क जनसं या का 8.6 ितशत ह। िबहार क जनसं या संबंधी
आँकड़ को देखने पर यह बात प होती ह िक देश क तुलना म िबहार क जनंस या से संबंधी आँकड़ काफ
िभ ह। िबहार म 2001 से 2011 क बीच जनसं या क दशक य वृ दर 25.1 ितशत थी, जबिक संपूण देश
क दशक य वृ दर 17.6 ितशत थी।
इस जनसं या वृ को देखकर यह कहा जा सकता ह िक िबहार जनसां यक सं मण क दौर से गुजर रहा
ह। यह जनसां यक सं मण देश क अ य रा य म पहले ही ा कर िलया गया ह। जनसं या घन व देश क
अ य रा य क जनसं या घन व क तुलना म काफ अिधक ह। जहाँ िबहार का जनसं या घन व 1106 य
ितवग िकलोमीटर ह, वह भारत का जनसं या घन व मा 382 य ितवग िकलोमीटर ह। यह जनसं या
घन व का अिधक होना इस बात को कट करता ह िक िबहार पर जनसं या का ऐसा बृहत दबाव ह, जो िवकास
एवं क याण पर बृहत मा ा म भाव डालता ह। िबहार म शहरीकरण क दर मा 11.3 ितशत ह, जो देश क
औसत 31.2 ितशत क तुलना म काफ कम ह। इससे भी यादा िचंता क बात यह ह िक 2001 से 2011 क
बीच िबहार म शहरीकरण क तर म वृ मा 0.8 ितशत ई, जबिक इसी समय म पूर देश म शहरीकरण क
वृ दर 3.4 ितशत थी।
भारत और िबहार क जनसां यक िववरणी 2001 और 2011 क
जनसां यक सूचक - जनसं या (करोड़)
िबहार : 2001 - 8.29
िबहार : 2011 - 10.41
भारत : 2001 - 102.87
भारत : 2011 - 121.06
जनसां यक सूचक - िलंगानुपात (मिहला ित हजार पु ष)
िबहार म सकल घरलू रा य उ पाद 2011-12 क थर क मत पर 2015-16 म 3.27 लाख करोड़ ह तथा ित
य आय 29,190 पए ह। रा य सकल घरलू उ पाद वतमान क मत पर 2015-16 म 4.14 लाख करोड़ ह,
जबिक ित य आय 36,964 पए ह। िपछले दशक म िबहार क आय म िनरतर थर क मत पर वृ ई
ह, जो 2004-05 से 2014-15 क बीच म 10.1 ितशत और 2011 से 2015-16 क बीच रा य सकल घरलू
उ पाद म 7.6 ितशत क ह।
िविभ रा य क बीच ित य शु रा य घरलू उ पाद क तुलना थर
क मत 2011-12 क आधार पर
2015-16 : 10
.-6
े : व तु पर स सडी
2011-12 : 4.7
2015-16 : 6.3
.-7
े : सकल घरलू रा य उ पाद
2011-12 : 100
2015-16 : 100
ोत : िबहार आिथक सव ण, 2016-17
िबहार म े ीय िवषमता
2019-20 : ल य - 1.88
.-2
मद : सकल घरलू उ पाद क ितशत क प म कल राजकोषीय घाटा
2013-14 : 2.43
2014-15 : 2.78
2015-16 : 2.48
2016-17 : बजट अनुमान - 2.87
2017-18 : ल य - 2.87
2018-19 : ल य - 3
2019-20 : ल य - 3
.-3
मद : सकल घरलू उ पाद क ितशत क प म कल कर राज व
2013-14 : 15.94
2014-15 : 14.35
2015-16 : 15.26
2016-17 : बजट अनुमान - 15.76
2017-18 : ल य - 15.4
2018-19 : ल य - 15.24
2019-20 : ल य - 15.09
.-4
मद : सकल घरलू उ पाद क ितशत क प म लोक ऋण
2013-14 : 18.7
2014-15 : 18.54
2015-16 : 18.23
2016-17 : बजट अनुमान - 18.97
2017-18 : ल य - 19.78
2018-19 : ल य - 20.03
2019-20 : ल य - 20.25
ोत : िबहार बजट, 2017-18
भारत सरकार ारा व तु एवं सेवा कर अिधिनयम, 2017-18 से लागू िकया जा रहा ह। रा य सरकार का भी
िनणय ह िक जी.एस.टी. अिधिनयम को रा य म लागू िकया जाए। आगामी वष क िलए िबहार सरकार ने अपनी
राजकोषीय नीित म कछ नीितगत िस ांत को अपनाया ह, जो िन न ह—
1. यय नीित— थापना एवं ितब यय एवं अनु पादक यय म कमी करना, वािषक योजना यय म वृ
करना, क ीय े क योजना क अंतगत िविभ प रयोजना क िलए क सरकार से अिधक-से-अिधक रािश
ा कर उ प रयोजना का ि या वयन िकया जाना।
2. प रणाम बजट—सरकार ारा िव ीय ावधान क मा यम से मह वपूण भौितक प रणाम दशानेवाली
िववरणी ‘प रणाम बजट’ क पहल वष 2006-07 म क गई थी। इसी म म वष 2017-18 क िलए भी प रणाम
बजट तुत िकया गया।
3. जडर बजट—मिहला क उ थान क ित सरकार वचनब ह। जडर बजट क अंतगत मिहला को
लाभा वत करनेवाली मुख योजना को स मिलत िकया जाता ह, तािक इनका उिचत वग करण तथा बेहतर
ल य का िनधारण हो सक। जडर बजट वष 2008-09 से तुत िकया जा रहा ह।
4. बाल क याण बजट—रा य क जनसं या म 18 वष से कम उ क ब क सं या का अनुपात
मह वपूण ह एवं रा य सरकार उनक क याण और िवकास क िलए वचनब ह। बाल क याण बजट क अंतगत
ब क क याण क योजना पर यय क जानेवाली रािश का योरा अंिकत िकया जाता ह। बाल क याण
बजट वष 2013-14 से तुत िकया जा रहा ह। 2017-18 हतु भी बाल क याण बजट िवधानमंडल म तुत
िकया गया।
5. उपल ध ितवेदन—िव ीय वष 2006-07 से उपल ध ितवेदन तुत करने क प रपाटी शु क गई
ह। उपल ध ितवेदन एक ऐसा मा यम ह, िजससे यय क उपरांत समी ा ारा यय क उपयोिगता, सरकार क
िव ीय यवहार म पारदिशता एवं उ रदािय व को सुिन त िकया जा सकता ह। येक वष िव ीय वष क
समा क उपरांत संबंिधत वष का उपल ध ितवेदन तैयार कर जून-जुलाई माह म होनेवाले िवधानमंडल क स
म तुत िकया जाता ह।
6. ऋण एवं आक मक दािय व—वष 2004-05 से रा य म िनरतर राज व आिध य क थित बनी ई ह।
पूँजीिनवेश हतु ऋण पर िनभरता कम करते ए भी पूँजीगत यय म वृ क जा सकती ह। आंत रक ऋण एवं
क सरकार क ऋण क वापसी क िलए िव आयोग क अनुशंसा क आलोक म िन ेप िनिध का गठन िकया
गया ह। 31 माच, 2016 तक इस िन ेप िनिध म 3457.64 करोड़ पए क रािश जमा हो गई ह।
q
29. गरीबी
(Poverty)
गरीबी क धारणा
िबहार म गरीबी
गरीबी क धारणा
िबहार एक िपछड़ा रा य ह, इसिलए गरीबी रा य क एक मुख सम या ह। गरीबी मूलतः वचन (deprivation)
से संबंिधत ह। रा य क जनसं या का बड़ा भाग गरीब ह, य िक वे जीवन िनवाह क आव यकता —भोजन
तथा कपड़ क पूित नह कर पा रह ह। रा य म गरीबी क अवधारणा को दो कार से देख सकते ह— (क)
परपरागत या आधारभूत आव यकता ि कोण तथा (ख) ब आयामीय ि कोण (Multidimensional
apporach)। ब आयामीय ि कोण म गरीबी िनधा रत करनेवाले अिधक चर को लेते ह। इस ब आयामीय
ि कोण क अनुसार दो कार क ि कोण ह— (i) तदुलकर कमेटी ि कोण; (ii) मानव िवकास सूचकांक
(HDR) 2010 म ितपािदत ब आयामीय गरीबी िनदशांक (MPI)।
सापेि क गरीबी को मापने क िलए दो िविधयाँ ह—लारज व िविध तथा िगनी गुणांक। 1905 ई. म
मै स ओ लारज ने लारज व िविध का ितपादन िकया, जबिक िगनी गुणांक को 1912 म इटिलयन
सां यक िव कोरडो िगनी ने ितपािदत िकया ह।
िबहार क गरीबी को दो प म देखा जा सकता ह—सापे गरीबी (Relative Poverty) तथा िनरपे गरीबी
(Absolute Poverty)। सापे गरीबी यह प करती ह िक िविभ आय वग क बीच िकतनी िवषमता ह। इसक
अंतगत जनसं या क िविभ आय वग क बीच आय संबंधी अनुमान िलये जाते ह तथा जनसं या क िनचले 5
ितशत तथा 10 ितशत आय समूह क तुलना ऊपरी 5 से 10 ितशत आय सूमह से क जाती ह। इससे ा
प रणाम सापेि क गरीबी को कट करता ह। सापेि क गरीबी को मापने क िलए दो िविधयाँ ह—लारज व िविध
तथा िगनी गुणांक। 1905 ई. म मै स ओ लारज ने लारज व िविध का ितपादन िकया, जबिक िगनी गुणांक को
1912 म इटिलयन सां यक िव कोरडो िगनी ने ितपािदत िकया ह। सापे गरीबी क अवधारणा रा य म चिलत
आय िवषमता को कट करती ह। लारज व िजतना ही िनरपे समता रखा क पास होगा, आय क िवषमता
उतनी ही कम होगी। िनरपे समता रखा मानक रखा ह। िगनी गुणांक आय क िवतरण क िवषमता क माप क
सबसे चिलत िविध ह, जो आय क येक यु म क बीच आय अंतर (income difference) क माप करती ह। यह
वा तिवक लारज व तथा िनरपे समता रखा क बीच का े फल तथा िनरपे समता रखा क नीचे क संपूण
े क बीच अनुपात दिशत करता ह। रा य म िनरपे गरीबी का मापन भी िकया जाता ह। िनधनता क माप क
िलए िनरपे ितमान का सव थम योग F.A.O. (Food Agriculture Organization) क थम महािनदेशक आर.
वायड ने 1945 ई. म िकया। इसक अंतगत एक िन त मापदंड क आधार पर तय करते ह िक िकतने लोग इस
मापदंड क नीचे ह। मापदंड क नीचे क लोग को गरीब कहा जाता ह। इस िविध को हड काउट िविध (Head
count method) या िसर गणना िविध कहा जाता ह। इसम उन िसर को िगना जाता ह, जो गरीबी रखा से नीचे ह।
िनधनता रखा को प रभािषत करने म हम सामा तया दो बात देखते ह—
(i) िकसी य क िलए पोषाहार क यूनतम तर का िनधारण, तथा
(ii) यूनतम पोषाहार क लागत का िनधारण, जो वा तव म िकया जानेवाला आव यक यूनतम उपभोग यय
होगा एवं िजससे कम यय करनेवाला य गरीब कहलाता ह।
भारत म गरीबी रखा क िनधारण तथा गरीबी क अनुपात क संबंध म योजना आयोग क माप तथा ि कोण को
ही वीकार करते ह। िबहार म हर दूसरा आदमी गरीबी रखा क नीचे ह। दो-ितहाई से अिधक जनसं या को व छ
पौि क आहार तथा व छ पेयजल उपल ध नह ह। जो गरीबी रखा से ऊपर भी ह, उनक ऊपर हमेशा यह खतरा
मँडराता रहता ह िक यिद ाकितक आपदा या अ य िवकट प र थितयाँ उ प ई तो वे भी गरीबी रखा क नीचे
जा सकते ह। 1990 ई. क उपरांत किष क यापार शत म सुधार, किष िवकास दर म वृ तथा किष व तु क
मू य म वृ होने से किष क यावसाियक लाभदायकता तो ज र बढ़ी, परतु साथ ही साथ कमजोर वग क
उपभोग तर म िगरावट क थित भी देखी गई ह।
िबहार म गरीबी का भाव सभी े म देखा जा सकता ह, चाह वह ित य सकल घरलू उ पाद हो या ित
य उपभोग क अव था हो। सामािजक े म अ प वजन क नवजात ब े, िशशु मृ यु दर, सा रता, िलंगभेद
आधा रत िवतरण रा य म गंभीर आिथक असमानता तथा गरीबी क दशा क ओर इशारा करते ह। बढ़ती ई
जनसं या, िन न आिथक िवकास दर, िन न रोजगार क अवसर तथा िन न रा य सकल घरलू उ पाद, िन न उ पाद
क अवसर तथा िन न तर क ाकितक संसाधन ने रा य म गरीबी क रखा को बढ़ाया ह। िबहार म 1983-84 ई.
म 62.5 ितशत लोग गरीबी रखा क नीचे थे। 25 वष क िवकास क बाद भी 2004-05 म रा य क 41.4 ितशत
लोग गरीबी रखा क नीचे ह, जबिक रा ीय औसत 27.5 ितशत का ह।
भारत म िनधनता रखा क िनधारण का पहला आिधका रक यास योजना आयोग ारा जुलाई 1962 म िकया
गया। योजना आयोग ने गरीबी रखा क िनधारण तथा जीवन िनवाह क यूनतम तर क संबंध म एक कायदल का
गठन िकया। पाँचव योजना क दौरान 1977 म योजना आयोग ने यूनतम आव यकता तथा भावपूण माँग क
पूवानुमान क िलए एक कायदल गिठत िकया। इस कायदल ारा गरीबी िनदशांक तैयार िकया गया। इस
कायदल ने 1958 क भारतीय िचिक सा शोध प रष क यूनतम पोषाहार आव यकता रपोट क आधार पर
ामीण े क िलए ित य ितिदन 2435 कलोरी (लगभग 2400) या 20 पया ितमाह आय तथा शहरी
े क िलए 2095 कलोरी (लगभग 2100 कलोरी) या 25 पया ितमाह आय क सं तुित क । कायदल का
यह यूनतम कलोरी ि कोण जनसं या क आयु संरचना, लिगक संरचना, म काय का वभाव तथा इिडयन
क िसल ऑफ मेिडकल रसच क सं तुित पर आधा रत ह। गरीबी क माप क इस णाली को भोजन ऊजा
णाली (Food Entry Method) कहते ह।
सातव िव आयोग ने िव ता रत गरीबी रखा (Augmented Poverty Line) क धारणा ितपािदत क , िजसम
उ ह ने ित य मािसक िनजी यय तथा िश ा शासन आिद पर मािसक सावजिनक यय को एक साथ जोड़
िदया। योजना आयोग ने देश म िनधनता क माप क िलए 1989 म ो. डी.टी. लकड़ावाला क अ य ता म एक
िवशेष दल का गठन िकया। 9व पंचवष य योजना म िनधनता क माप क िलए सिमित क सुझाव को आधार
माना गया। इस िवशेष दल क अनुसार येक रा य म मू य तर क आधार पर अलग-अलग िनधनता रखा का
िनधारण िकया गया ह। सिमित क अनुसार, ‘‘ येक रा य म िनधनता रखा िभ -िभ होगी। इस कार इसक
अनुसार इस समय 35 गरीबी रखाएँ ह, जो शु म 28 थ ।’’ इस िवशेष दल ने येक रा य म ामीण व
शहरी िनधनता क िलए अलग-अलग मू य सूचकांक क बात क , जो इस कार ह—
(क ) ामीण े म िनधनता रखा—इसक िलए लकड़ावाला िवशेष दल ने किष िमक क िलए
उपभो ा मू य सूचकांक (CPI for Agricuture workers) का सुझाव िदया ह।
(ख) शहरी े म िनधनता रखा—लकड़ावाला सिमित ने औ ोिगक िमक क उपभो ा मू य सूचकांक
(CPI for Industrial workers) और शहरी िभ कमचा रय क िलए उपभो ा मू य सूचकांक का सुझाव िदया
ह।
गरीबी क ब आयामीय ि कोण म िविभ चर को िलया जाता ह, जो न कवल जीवन क अ त व को
भािवत करते ह या जो कवल जीवन िनवाह क आव यकता क संतुि से होते ह। इनम उन चर को भी
लेते ह, जो जीवन क गुणव ा (Quality of life) को भािवत करते ह। ‘सुरश तदुलकर’ कमेटी क अनुसार,
गरीबी रखा का िनधारण उपभोग म लाए जा रह खा ा क अलावा 6 बुिनयादी आव यकता —िश ा,
वा य, बुिनयादी संरचना, व छ वातावरण तथा मिहला क काम तथा लाभ तक प च क आधार पर होगा।
इसक आधार पर क सरकार ने यह िनणय िलया ह िक अब गरीबी का िनधारण आधारभूत आव यकता क
वंचन (deprivation) क आधार पर होगा।
गरीबी रखा िभ रा य म क मत म अंतर क कारण अलग-अलग होती ह। योजना आयोग ारा गिठत
तदुलकर सिमित क अवधारणा पर आधा रत गरीबी रखा का िनधारण िबहार तथा अिखल भारतीय तर पर वष
2004 तथा 2011-12 म िकया गया ह। तदुलकर सिमित ने ामीण े क िलए 816 पए ित य तथा
शहरी े क िलए 1 हजार पए ित य ित माह िनधा रत िकया। इस कार यिद 5 य य का प रवार
माना जाए तो ामीण े क िलए उपभोग यय 4080 पए ित माह ित प रवार तथा शहरी े क िलए 5
हजार पए ित माह ित प रवार िनधा रत होगा। योजना आयोग ारा सी. रगराजन क अ य ता म एक
िवशेष सिमित गिठत क गई, िजसने जुलाई, 2013 म एक अनुमान तुत िकया, जो एन.एस.एस. क 68व
च से ा पा रवा रक उपयोग यय सव 2011-12 क आँकड़ पर आधा रत ह। इसक अनुसार नई गरीबी
रखा शहरी े म 33.33 पया तथा ामीण े म 27.20 पया ित य ितिदन मशः से य होगी।
अिखल भारतीय तर पर अनुमोिदत गरीबी 21.82 ितशत ह। इसम ामीण े म 25.70 ितशत तथा शहरी
े म 13.70 ितशत ह, जबिक 2004-05 म अिखल भारतीय तर पर 37.2 ितशत थी।
िबहार म गरीबी
सतत तथा समावेशी िवकास ा करने क िलए अथ यव था क वाहक को चािहए िक गरीबी क दु च पर
काबू पाया जाए। िबहार और भारत क िलए तदुलकर सिमित ारा िकए गए अनुमान क आधार पर वष 2004-05
म िबहार म 54.4 ितशत संयु गरीबी थी, िजसक तहत ामीण े म 55.7 ितशत तथा शहरी े म 43.7
ितशत गरीबी थी। वह भारत म ामीण गरीबी 42 ितशत तथा शहरी गरीबी 25.5 ितशत थी और भारत म
संयु गरीबी 37.2 ितशत थी। 2004-05 म िबहार म गरीबी भारत क अपे ा काफ अिधक ह। िबहार म 2011-
12 का गरीबी अनुपात ामीण प रवार क िलए 34.1 ितशत और शहरी े क िलए 31.2 ितशत ह, िजसम
सम गरीबी अनुपात 33.7 ितशत ह। 2004-05 और 2011-12 क बीच िबहार म गरीबी अनुपात म 20.7
ितशत क कमी ई, जबिक संपूण भारत क तर पर 15.3 ितशत क कमी ई ह। िबहार और भारत, दोन म
शहरी गरीबी क अपे ा ामीण गरीबी म तेजी से कमी ई ह, परतु जहाँ ामीण गरीबी म िबहार म 21.6 ितशत
क िगरावट दज क गई, वह शहरी े म 12.5 ितशत क िगरावट दज क गई।
अिखल भारतीय तथा िबहार म गरीबी अनुपात म अंतर
िबहार और भारत, दोन म शहरी गरीबी क अपे ा ामीण गरीबी म तेजी से कमी ई ह। हालाँिक देश क
जनसं या म िबहार का 8.6 ितशत िह सा ह, लेिकन गरीबी से त आबादी म इसका िह सा काफ अिधक
13.3 ितशत ह। योजना आयोग ारा गिठत तदुलकर सिमित क आधार पर िबहार सरकार ने गरीबी रखा क
गणना क , इसक अनुसार ामीण े क िलए ित य ितमाह 778 पए तथा शहरी े क िलए 923 पए
ित य ितमाह िनधा रत िकया गया। इस कार 5 य य क प रवार क िलए ामीण े म उपभोग यय
ित प रवार 3890 पए तथा शहरी े क िलए 4615 पए ित माह िनधा रत िकया गया ह।
अिखल भारतीय तथा िबहार म गरीबी रखा
चौथाई ह। शहरी े क मामले म थित और भी िनराशाजनक ह। िबहार क शहरी गरीबी संपूण भारत क औसत
से दुगुना से भी अिधक ह।
शहरी गरीबी ब आयामी होती ह, जो वंचना और जोिखम क स मिलत प से संबंिधत होती ह। य - य
दुिनया उ रो र और शहरीकत होती जा रही ह, गरीबी भी शहरी च र लेती जा रही ह। शहरी गरीबी शहरी गरीब
क िलए पानी, व छता आ य और जीिवका जैसी बुिनयादी सुिवधा क उपल धता म कमी क प म य
होती ह। दूसर यह उ रो र प होता जा रहा ह िक यह वंचना वा य, िश ा, समािजक सुर ा और
सश ीकरण से भी संबंिधत ह।
िबहार ने िवकास दर क ती और गरीब क ारा य करने क मता क मामले म भावी गित क ह। कल
गणना अनुपात (Head Count Ratio) क मा यम से मापी जानीवाली सम गरीबी म 2004-05 क 54.4 ितशत से
घटकर 2011-12 म 33.7 ितशत रह गई। गरीब क सं या भी इस अविध म 4.02 करोड़ से घटकर 3.77
करोड़ रह गई ह। अभी भी शहरी े म गरीबी ऊचे तर पर ह और यह रा य क िवकास नीित क िलए िचंता क
बात ह। सकल रा य घरलू उ पाद म वृ क बावजूद तथा ाथिमक े क घटक को शािमल करक भी शहरी
गरीब क सं या का लगातार बढ़ना जारी ह और कल आबादी म उनका िह सा 2004-05 क 5.3 ितशत से
बढ़कर 2011-12 म 7.1 ितशत हो गया।
गरीबी का सबसे यापक प रणाम मिलनब ती क प म िदखाई देता ह। मिलनब ती बसावट सामािजक
बिह करण क सवािधक गंभीर आयाम को कट करती ह। वष 2011 क जनगनणा क अनुसार िबहार म
मिलनब ती क आबादी 12.4 लाख ह, जो िबहार क कल शहरी आबादी का 10.5 ितशत ह। वष 2001 और
2011 क बीच िबहार क मिलनब ती जनसं या दूनी से भी बढ़कर 2001 क 5.2 लाख से 2011 म 12.4 लाख
हो गई ह। जनगणना क रपोट क अनुसार मिलनब तयाँ आमतौर पर बड़ शहर तक सीिमत शहरी प रघटना ह,
जबिक िबहार म सवािधक मिलनब ती आबादी क बड़ी सं या 20 हजार से 1 लाख क बीच आबादीवाले शहर म
ह। िबहार म मिलन ब तय क उप थितवाले शहर क सं या म 2001 से 2011 क बीच काफ वृ ई ह।
अ य रा य क तुलना म िबहार क मिलनब तय क थित काफ दयनीय एवं बुरी ह।
सिमित क अनुसार, ‘‘ येक रा य म िनधनता रखा िभ -िभ होगी। इस कार इसक अनुसार इस
समय 35 गरीबी रखाएँ ह, जो शु म 28 थ ।’’
िबहार क औसत ित य आय तथा यहाँ क गरीब क अनुपात से ही िबहार क बदतर हालत का तथा
सम या क गंभीरता का पूरा आकलन नह हो सकता ह। सही आकलन क िलए रा य को दूसर आयाम म भी
देखना पड़गा। पहला-गरीबी रखा से नीचे रहनेवाल क िसफ सं या और अनुपात दूसर ांत से अिधक ही नह ह,
ब क इनक सं या िबहार म लगातार बढ़ती ही जा रही ह। गरीबी रखा से नीचे रहनेवाल क सं या 60 और 70
क दशक म अ य रा य म जहाँ कम ई ह, िबहार म इसक अनुपात म कोई अंतर नह आया। बादवाले दशक म
िबहार म गरीब क सं या म भारी वृ ई ह।
कल गणना अनुपात (Head Count Ratio) क मा यम से मापी जानीवाली सम गरीबी म 2004-
05 क 54.4 ितशत से घटकर 2011-12 म 33.7 ितशत रह गई।
दूसरा िबहार क गरीबी मूलतः ामीण ह। शहर क गरीबी ामीण गरीबी का ही िव तृत प ह। िबहार क
ामीण े म लगभग 60 ितशत जनसं या गरीबी रखा से नीचे जीवन बसर कर रही ह। वग य ि कोण से
देखने पर भूिमहीन क 50 ितशत आबादी ामीण े म रहती ह। किष क काय करनेवाले मजदूर का 77
ितशत और भू-मािलक का 42 ितशत गरीबी रखा क नीचे जीवन बसर करता ह। यह अिखल भारतीय आँकड़
क तुलना म अिधक ह। यिद िबहार क गरीबी का जातीय दायर म िव ेषण कर तो अनुसूिचत जाित क 79
ितशत और जनजाित क 73 ितशत जनसं या गरीबी रखा से नीचे ह। िबहार क बढ़ती गरीबी का सामािजक
जीवन पर सवािधक भाव पड़ा ह।
मुख रा य म गरीबी रखा क नीचे थत प रवार क सं या और ितशत
(2011-12)
30. बेरोजगारी
(Unemployment)
बेरोजगारी क कार
बेरोजगारी का आधार
िकसी भी अथ यव था म चाह वह िवकिसत हो या िवकासशील, रोजगार क सम या एक मूलभूत आिथक
सम या ह। बेरोजगारी या रोजगार क कमी का व प इन अथ य था म अलग-अलग होता ह। बेरोजगारी श द
का उ ेख होते ही जॉन मेनाड क स नामक अथशा ी का उ ेख आव यक हो जाता ह। उ ह ने 1930 क
िव मंदी म गंभीर बेरोजगारी से त िवकिसत अथ यव था को बाहर िनकलने क िलए अपने िस ांत का
ितपादन िकया था। क स ने 1936 म कािशत अपनी पु तक ‘जेनरल योरी ऑफ ए पलायमट इटर ट ऐंड मनी’
म रोजगार िस ांत का ितपादन िकया। िवकिसत देश म पाई जानेवाली बेरोजगारी क सम या माँगज य होती ह,
परतु िवकासशील देश जैसे भारत म पाई जानेवाली बेरोजगारी क सम या पूितज य होती ह। बेरोजगारी क सम या
से ता पय यह ह िक रोजगार क अभाव म कोई य , जो बाजार म चिलत मजदूरी पर काय करने क िलए तैयार
ह, लेिकन रोजगार नह िमल पाता ह। वे सभी लोग जो काम चाहते ह, उ ह यिद चालू बराबर मजदूरी पर काम
िमल जाए तो अथ यव था पूण रोजगार क थित म होगी। 8 घंट ितिदन काम क साथ 273 िदन को हम टडड
वष (Standerd Year) कहते ह। इस धारणा का योग सबसे पहले छठी योजना म रोजगार नापने क िलए िकया
गया। इस धारणा क अनुसार यिद कोई य ितिदन 8 घंट काय क साथ 273 िदन तक रोजगार म ह, तो उसे
हम पूण रोजगार म कहगे।
बेरोजगारी क कार
िवकिसत देश म दो कार क बेरोजगारी पाई जाती ह—
च य बेरोजगारी
ऐसी बेरोजगारी, जो सम माँग म कमी तथा िन य उ पादन मता क कारण हो और माँग म वृ क साथ
समा हो जाए, इसे हम च य बेरोजगारी कहते ह।
घषणजिनत बेरोजगारी
िकसी य क एक रोजगार से दूसर रोजगार म जाने क थित म अगर दोन रोजगार क बीच बेरोजगारी क
थित रहती ह, तो ऐसी अ थायी वभाववाली बेरोजगारी को घषणजिनत बेरोजगारी कहा जाता ह।
िवकासशील तथा अ पिवकिसत देश म बेरोजगारी संरचना मक (Structural) होती ह। यह सम माँग क कमी
क कारण नह होती ह। इन देश म पाई जानेवाली बेरोजगारी को हम दो प म बाँट सकते ह।
शहरी बेरोजगारी दो कार क ह—
समय क आधार पर
यिद कोई य िकसी वष म इ तम पूण रोजगारीय घंट या िदन से कम काय करता ह।
आय क आधार पर
यिद कोई य यूनतम तर से कम आय ा करता ह।
इ छकता क आधार पर
यिद कोई य वतमान काय से अिधक काय करने क िलए इ छक ह।
िन पादन क आधार पर (Perfomance Criterion)
यिद िकसी िमक को काय से बाहर करने पर भी कल उ पादन पर भाव नह पड़ तो उसे िन पादन
क आधार पर बेरोजगारी कहते ह।
योजना आयोग ने भगवती आयोग का गठन 1973 म िकया, िजसने बेरोजगारी क माप क िलए 3
धारणा का ितपादन िकया, जो िन न ह—
(i) सामा य थित (Usual Status)—सामा य थित क अनुसार यिद िकसी य को 183 िदन तक काय
नह िमलता ह तो उसे सामा य थित बेरोजगारी कहगे। सामा य बेरोजगारी दर को ‘ ॉिनक बेरोजगारी’ दर कहते
ह।
(ii) चालू सा ािहक थित (Current Weekly Status)—चालू सा ािहक थित बेरोजगारी से ता पय ह
िक िकसी य को समी ा िदन क ठीक पूव क स ाह या 7 िदन म िकसी य क काय थित दिशत
करना, यिद िकसी ने समी ा स ाह म 1 घंटा भी काय नह िकया हो तो उसे चालू सा ािहक थित क बेरोजगारी
कहगे।
(iii) चालू दैिनक थित (Current Daily Status)—यह िकसी य क समी ा िदन क पूव क 7 िदन म
येक िदन क काय थित दिशत करता ह। यिद कोई य एक िदन म 1 घंटा से कम काय करता ह तो उसे
चालू दैिनक थित बेरोजगारी कहगे। यिद उसने 1 घंट से अिधक पर 4 घंट से कम काय िकया तो उसे आधे िदन
का कायरत मानगे।
जहाँ सामा य थित बेरोजगारी दर तथा सा ािहक थित बेरोजगारी दर, य दर (Personal rate) ह, वह
चालू दैिनक टटस समय दर दिशत करता ह। 11व पंचवष य योजना म चालू दैिनक थित को ही देश म
रोजगार तथा बेरोजगारी क अनुमान क िलए योग म लाया गया ह।
भारत म बेरोजगारी क कमी कभी भी आिथक नीितय क क म नह आई ह। आिथक िनयोजन क ारभ से ही
बेरोजगारी क सम या िव मान थी, परतु थम चार पंचवष य योजना म रोजगार को िवकास क ल य क प म
नह रखा गया और यह माना गया िक आिथक वृ क साथ रोजगार वतः सृिजत हो जाएगा। 1956 ई. म
बेरोजगार क सं या 50 लाख थी, जो 1973-74 ई. म बढ़कर 1 करोड़ हो गई। बेरोजगारी क सम या ने एक
िवकराल प हण कर िलया, िजसक प रणाम व प पाँचव योजना म रोजगारपरक कायनीित को वीकार िकया
गया। इस सम या क समाधान क िलए छठी योजना म IRDP, NREP, TRYSEM, RLEGP जैसे अनेक काय म
चलाए गए। छठी योजना क बाद सभी योजना म ‘गरीबी तथा रोजगार’ को िवशेष मह व िदया गया। यारहव
योजना म 2006 ई. को िन त रोजगार क ा क िलए महा मा गांधी रा ीय ामीण गारटी ऐ ट लागू िकया
गया।
भारत म बेरोजगारी क कमी कभी भी आिथक नीितय क क म नह आई ह। आिथक िनयोजन क
ारभ से ही बेरोजगारी क सम या िव मान थी, परतु थम चार पंचवष य योजना म रोजगार को
िवकास क ल य क प म नह रखा गया।
11व पंचवष य योजना म बेरोजगारी को दूर करने क िलए म- धान िविनमाण एवं सेवा े क रोजगार क
उ संभा यता वाले े क प म पहचान क गई तथा कौशल िवकास पर रोजगार सृजन म बाधक होने क
कारण, िवशेष बल िदया गया। 12व पंचवष य योजना म यह उ मीद क गई िक योजनाविध म 50 िमिलयन
अित र रोजगार सृजन िकया जाएगा, जो कौशल िवकास पर आधा रत होगा। इन सब यास क बावजूद िचंता
का कारण यह ह िक रोजगार क वािषक िवकास दर 1999-2000 से 2004-05 क अविध क 2.8 ितशत क
मुकाबले वष 2004-05 से 2011-12 क अविध म 0.5 ितशत रह गई ह।
भारत म बेरोजगारी क दर ( ितशत) म
सामा य थित (US) 1999-2000 : 2.2
2004-05 : 2.3
2009-10 : 2
2011-12 : 2.2
चालू दैिनक थित (CDS) 1999-2000 : 7.3
2004-05 : 8.2
2009-10 : 6.6
2011-12 : 5.6
बाद म रोजगार क ा को एक कानूनी अिधकार का दजा देने क िलए महा मा गांधी रा ीय ामीण
गारटी ऐ ट लागू िकया गया।
संगिठत े , स मिलत प से सावजिनक एवं िनजी े म रोजगार म वृ 2010-11 म 1.0 ितशत क
वृ क तुलना म 2011-12 म 2.0 ितशत क वृ ई। िनजी े क िलए वािषक वृ दर 2010 से 2011
म 5.6 ितशत क तुलना म 2011-12 म 0.4 ितशत क मामूली वृ दज क गई। संगिठत े म रोजगार म
मिहला का िह सा तीन वष क िलए 20 ितशत था। सां यक और काय म काया वयन मं ालय ने तदनु प
टाइप यूज सव क िलए गितिविधय का रा ीय वग करण (NCATUS) का परी ण करने क िलए वष 2013 म
िबहार और गुजरात म ायोिगक टाइम यूज सव (TUS) करवाया ह। सभी रा य म ायोिगक टाइम यूज सव
करवाए जाने का िनणय इस योग क िन कष क आधार पर िलया जाएगा। रोजगार क ि से मिहला-पु ष
कि त नीितयाँ तैयार करने क िलए तथा मिहला एवं पु ष क काय को प ता से दशाने क िलए टाइम यूज
सव एक मह वपूण सां यक य साधन ह।
2015-16 : 470220
2016-17 अ ूबर तक : 557337
मद - ामीण संगठन क सं या
2011-12 : 3476
2012-13 : 5069
2013-14 : 7452
2014-15 : 14363
2015-16 : 31229
2016-17 अ ूबर तक : 32431
मद - बक क साथ ऋण-संपिकत वयं सहायता समूह क सं या
2011-12 : 25621
2012-13 : 55624
2013-14 : 64812
2014-15 : 121181
2015-16 : 221261
2016-17 अ ूबर तक : 303078
मद - बक ऋण (करोड़ .)
2011-12 : 123
2012-13 : 278
2013-14 : 379
2014-15 : 659
2015-16 : 1300
2016-17 अ ूबर तक : 2113
आने क और ामीण अथ यव था पर इसका ब गुणक भाव होने क आशा ह। जीिवका संबंधी सुर ा और
सामािजक संर ा पर अपने भाव क कारण मनरगा समावेशी िवकास का एक सश मा यम बन गया ह।
िबहार म मनरगा का दशन
वष - जारी जॉब काड क सं या (लाख)
2011-12 : 133.82
2012-13 : 133.49
2013-14 : 131.87
2014-15 : 131.22
2015-16 : 131.6
वष - रोजगार पानेवाले प रवार क सं या (लाख/ ितशत)
2011-12 : 26.8
2012-13 : 24.66
2013-14 : 20.59
2014-15 : 10.36
2015-16 : 15.1
वष -
2011-12 : -20.1
2012-13 : -18.5
2013-14 : -15.6
2014-15 : -7.9
2015-16 : -11.5
वष - 100 िदन रोजगार पानेवाले प रवार क सं या
2011-12 : 1.38
2012-13 : 1.57
2013-14 : 1.23
2014-15 : 0.31
2015-16 : 0.6
वष -
2011-12 : -5.1
2012-13 : -6.3
2013-14 : -6
2014-15 : -3
2015-16 : -4
वष - रोजगार सृजन (लाख य -िदवस)
2011-12 : 866.38
2012-13 : 965.41
2013-14 : 862.21
2014-15 : 352.73
2015-16 : 683.7
वष - कल सृिजत रोजगार म मिहला का ितशत िह सा
2011-12 : 28.2
2012-13 : 29.9
2013-14 : 35
2014-15 : 37.3
2015-16 : 40.8
वष - ित प रवार औसत रोजगार ( य -िदवस)
2011-12 : 32.3
2012-13 : 39.2
2013-14 : 41.9
2014-15 : 34.1
2015-16 : 45.2
वष - पूर ए काय क सं या
2011-12 : 54589
2012-13 : 64846
2013-14 : 104832
2014-15 : 114425
2015-16 : 196647
वष - धनरािश का उपयोग ( ितशत)
2011-12 : 65
2012-13 : 82.9
2013-14 : 81.8
2014-15 : 74.4
2015-16 : 99.9
वष - खुले खात क सं या (लाख)
2011-12 : 107.55
2012-13 : 110.7
2013-14 : 110.98
2014-15 : 49.3
2015-16 : 34.2
ोत : ामीण िवकास िवभाग, िबहार सरकार
िबहार म जॉब काड क सं या क बात कर तो इसम 2011-12 से 2015-16 क बीच क अविध म काफ
िव ीय वष 2015-16 म सूखा अवरोधन पर िवशेष बल िदया गया। कल मनरगा काय का 53.4 ितशत सूखा
अवरोध पर िकया गया। उसक बाद ामीण संपक पथ क िनमाण पर खच िकया गया। कल यय का 24.4 ितशत
Development Programme, IHSDP)—यह काय म उन शहर म लागू िकया जाएगा, जहाँ शहरी गरीब क
िलए बुिनयादी सेवा काय म (BSUP) संचािलत नह ह। इस पर 7 वष म 23184 करोड़ पया आवंिटत ह।
जवाहरलाल नेह नेशनल अरबन रनुअल िमशन (JNNURN) ने देश क शहरी े म अव थापना िवकास म
अ तीय योगदान िदया ह।
अटल पुन ीवन एवं नगर पांतरण िमशन (अमृत)
यह योजना जवाहरलाल नेह नेशनल अरबन रनुअल िमशन (JNNURM) को समा कर 29 अ ैल, 2016
को शु क गई। यह योजना शहरी े म जलापूित, सीवेज सुिवधा तथा बंध, सावजिनक यातायात सुिवधा तथा
जनोपयोगी उपयोिगता क सृजन से संबंिधत ह। इस योजना क तहत कम-से-कम 1 लाख जनसं या वाले िबहार
क 25 नगर थानीय िनकाय जलापूित, मल-जल िनकासी, वषा जल िनकासी, पाक और ह रत े क नगर
िवकास तथा नगर प रवहन क िलए रािश ा करने क पा ह। ये नगर थानीय िनकाय ह—पटना, गया,
भागलपुर, मुज फरपुर, दरभंगा, पूिणया, आरा, बेगूसराय, किटहार, मुंगेर, छपरा, दानापुर, सहरसा, हाजीपुर,
सासाराम, डहरी, सीवान, बेितया, मोितहारी, बगहा, िकशनगंज, जमालपुर, जहानाबाद, ब सर और औरगाबाद। 10
लाख तक क जनसं या वाले इन िनकाय क िलए क सरकार और रा य सरकार क ारा िव पोषण 50:50 क
अनुपात म और पटना क िलए 30:70 क अनुपात म होगा। इस काय म क िलए क सरकार ने 2015-16 म
6642.00 लाख पए उपल ध कराए ह। क सरकार को समिपत करने क िलए काय-योजना का रा य तर पर
उ तरीय सिमित ारा अनुमोिदत होना अित आव यक ह।
माट िसटी िमशन
माट िसटी िमशन क शु आत वष 2015 म क गई। इस िमशन क तहत भारत म अगले 5 वष म 100 माट
शहर का िवकास करना ह। इस काय म क िलए हर शहर को हर वष 100 करोड़ पया िमलेगा और रा य
सरकार इस मकसद से मैिचंग अनुदान देगी। इन 100 शहर का चुनाव िवशेष प से तैयार िकए गए ित पधा
सूचकांक क मा यम से िकया जाएगा। पहले चरण क ित पधा क अंत म िबहार से िबहारशरीफ, भागलपुर और
मुज फरपुर 100 शहर क सूची म थान बनाने म सफल रह और उनम से येक को माट िसटी काय योजना
तैयार करने क िलए 2 करोड़ पए ा ए ह। माट िसटी क सफलता क िलए वांिछत काय गित पर ह।
ित पधा क दूसर चरण म 100 माट िसटी योजनाएँ िव पोषण क िलए पा बनगी, िजनम से 20 शहर को
2015-16 क िलए चुना गया ह। माट िसटी शहर म बु म ापूण समाधान और नगर योजना संबंधी ह त ेप क
ज रए जीवन क सम गुणव ा म सुधार लाने क मकसद से योजना तैयार क गई ह।
व छ भारत िमशन
पहले चरण क ित पधा क अंत म िबहार से िबहारशरीफ, भागलपुर और मुज फरपुर 100 शहर क
सूची म थान बनाने म सफल रह और उनम से येक को माट िसटी काय योजना तैयार करने क िलए
2 करोड़ पए ा ए ह।
क सरकार क ारा 2 अ ूबर, 2014 को महा मा गांधी क ज मिदन पर व छ भारत अिभयान क शु आत
क गई। इस योजना क शु आत येक य तक शौचालय, ठोस और तरल कचरा िनपटान णािलय सिहत
व छता सुिवधा क प च का माग श त करने, ाम व छता और सुरि त तथा पया पेयजल आपूित करने
क िलए क गई ह। पेयजल और व छता मं ालय ारा इस काय म को लागू िकया गया। इस योजना का मु य
उ े य महा मा गांधी क 150व ज मिदन 2019 तक संपूण भारत को व छ बनाया जाना ह। क सरकार क यह
लैगिशप योजना ह।
िबहार म इस योजना क तहत िन निलिखत काय करने का ल य ह—
1. खुले म शौच क समा क िलए य गत शौचालय का िनमाण—इस योजना का उ े य िबहार
म 2015-16 म 141 शहरी थानीय िनकाय क 1.27 शहरी प रवार तक प चने का ल य ह। इस योजना क
मा यम से हर प रवार को कल 12,000 पया अनुदान क प म उपल ध कराया जाएगा, िजसम क सरकार
4,000 पया तथा रा य सरकार 8,000 पया उपल ध कराएगी। क सरकार ने अभी तक िबहार क िलए 37.72
करोड़ पए उपल ध कराए ह। पूववत समेिकत िन न लागत व छता काय म क बची ई 22.49 करोड़ पया
क रकम को इस योजना म ह तानांत रत िकया जाएगा।
2. ठोस अपिश बंधन संबंधी चलन म सुधार—रा य सरकार ारा वष 2015-16 म ठोस अपिश
बंधन संबंधी चलन म सुधार क िलए 117.39 करोड़ पए आवंिटत िकया गया ह। इस धनरािश से घर-घर से
कड़ा इक ा करने, ठोस अपिश बंधन क उपकरण खरीदने, लडिफल साइट क िलए जमीन खरीदने/िवकिसत
करने, कपो ट/ अपिश से ऊजा िनमाण क संयं क थापना, नािलय क सफाई और सावजिनक थल क
सफाई क िलए आव यक जनश क िनयु क जाएगी।
3. सामुदाियक शौचालय का िनमाण—रा य सरकार यह मानती ह िक व छता को बनाए रखने क िलए
सामुदाियक शौचालय का होना आव यक ह। िबहार म 141 शहरी थानीय िनकाय म 6881 इकाइय क िनमाण
का ल य ह। इन पर अनुमािनत 5.30 लाख पया ित इकाई यय करने का िनणय ह, िजसम 40 ितशत क
सरकार का अंशदान होगा। रा य सरकार ित इकाई 70,667 पए का अनुदान देगी और शेष यय लाभाथ क
ारा िकया जाएगा।
क सरकार का यह काय म गंगा नदी क िकनार बसे शहर क िलए लि त ह, िजसका ल य नदी क
सफाई और पुनज वन ह। इस योजना म िबहार क 32 शहर को िच त िकया गया ह।
4. सावजिनक शौचालय का िनमाण— व छता को बनाए रखने क िलए आव यक ह िक सावजिनक
शौचालय का िनमाण िकया जाए। हर शहर म रोज काम करने क िलए आनेवाले लोग सिहत लगभग 5 ितशत
अ थर जनसं या होती ह। इस जनसं या क व छता संबंधी आव यकता पूरी करने क िलए िबहार म हर 600
अ थर जनसं या पर एक सावजिनक शौचालय िनमाण तािवत ह। इस काय म क िलए क ांश और रा यांश
क मामले म कोई मानक नह ह। इसक िलए नगर थानीय िनकाय म से सावजिनक-िनजी साझेदारी क संभावना
तलाशने क आशा क गई ह। रा य सरकार का अनुमान ह िक हर इकाई क िनमाण पर 14 लाख पए यय ह गे।
ताव ह िक तीन दीवार पर िव ापन क अिधकार और उपयोग शु क क सं हण क भी वीकित होगी। नगर
थानीय िनकाय को इस काय क िलए मु त भूिम उपल ध कराई जाएगी।
नमािम गंगे योजना
क सरकार ने 7 जुलाई, 2016 को लैगिशप योजना क तहत नमािम गंगे योजना क शु आत क ह। इस
योजना क तहत क सरकार गंगा नदी को सम तौर पर संरि त और व छ करने क िलए अगले 5 साल म 20
हजार करोड़ पया यय करगी। 1985 से चल रही गंगा क याण योजना समा करक उससे चार गुनी अिधक
ताव िकया ह।
राजीव आवास योजना
राजीव आवास योजना लम डवलपस तथा शहरी गरीब से संबंिधत ह। इस योजना क शु आत 1 अ ैल,
2011 से क गई थी। यह ‘संपूण शहर सभी लम’ (Whole City All Slum) मूल मं पर आधा रत ह। इस योजना
म दो बात मह वपूण ह। थम लम िनवािसय को का तकारी अिधकार दान करना तथा तीय शहरी गरीब को
ऋण मुहया कराने क िलए िडट मोगज फड का सृजन। िबहार म इस योजना क तहत सभी 38 िजला मु यालय
को चुना गया ह और 27 शहर म 29 िव तृत प रयोजना रपोट तैयार क जा चुक ह। इन मिलन ब ती मु नगर
काय योजना को रा य तर पर वीकित दान क गई ह। क ीय वीकित एवं अनु वण सिमित ने पटना,
दरभंगा, किटहार और पूिणया क िलए िविभ चरण म ि या वयन क िलए 7 िव तृत प रयोजना ितवेदन को
वीकित दान कर दी ह।
िबहार म राजीव आवास योजना क तहत गित
िलए कल 91.6 हजार आँगनबाड़ी क थािपत िकए गए ह। इस योजना पर बजट ावधान म िनरतर वृ हो रही
ह और 2010-11 क 880.24 करोड़ पया से 2014-15 म 2238.31 करोड़ पया हो गया, जो 24.3 ितशत क
वािषक वृ य करता ह।
वष 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार म 0-6 वष क 1.91 करोड़ ब े ह, जो कल आबादी का
18.3 ितशत ह।
सव िश ा अिभयान
सव िश ा अिभयान को भारत सरकार ने 2001 म लागू िकया। यह अिभयान गरीबी तथा िश ा क बीच पाए
जानेवाले उ सहसंबंध या गरीबी िनवारण म अिश ा को सबसे मुख अवरोधक त व क प म लेने क कारण
तथा साथ ही िश ा को बल अ गामी तथा प गामी किड़य को ि म रखते ए शु िकया गया था। इस
योजना का मुख उ े य 6-14 वष क आयु क ब को 8व तक संतोषजनक, गुणव ापूण िनःशु क िश ा
दान करना ह। मु त एवं अिनवाय िश ा बाल अिधकार अिधिनयम, 2009 को ारिभक िश ा क गुणव ा और
उपल धता बढ़ाने क िलए लागू िकया गया। सव िश ा अिभयान िश ा अिधकार अिधिनयम को ि या वत करने
क िलए िनयत क गई योजना ह। यह क सरकार का लैगिशप काय म ह।
इस योजना का उ े य ितकल प र थितय से त समूह क ब को िनयिमत प से कल जाने
और अपनी पोषण संबंधी थित म सुधार लाने क िलए ो सािहत करना ह।
संिवधान क 86व संशोधन क अनुसार मु त एवं अिनवाय िश ा 6-14 वष उ समूह क ब का मूल अिधकार
ह। सव िश ा अिभयान क ढाँचे को 2014-15 म संशोिधत िकया गया, इसक तहत वंिचत तबक क ब क िनजी
िव ालय म यूनतम 25 ितशत नामांकन क िलए यय क ितपूित को शािमल िकया गया ह। इस काय म क
तहत कली िश ा क सुिवधा से रिहत वास थल म नए िव ालय खोलने और अित र वग क , शौचालय ,
पेयजल और िव ालय सुधार अनुदान क ज रए िव ालय क िव मान अिधसंरचना क सु ढीकरण का यास
िकया जा रहा ह। िश क क अपया सं यावाले िव ालय म अित र िश क उपल ध कराना, सघन िश ण,
िश ण-अिधगम सामि य का िवकास और संकल खंड तथा िजला तर पर अकादिमक समथन ढाँचे क
सु ढीकरण क ज रए वतमान िश क क मता का भी उ यन िकया जाता ह।
िबहार म 6-14 वष उ वाले 2.6 करोड़ ब क िलए सव िश ा अिभयान का संचालन िबहार िश ा प रयोजना
प रष क मा यम से िकया जा रहा ह। 2011 क जनगणना क अनुसार ामीण मिहला सा रता का तर रा ीय
औसत 46.1 ितशत से कम और लिगक अंतराल रा ीय औसत 21.6 ितशत से अिधक ह। क तूरबा गांधी
बािलका िव ालय अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित, अ य िपछड़ा वग और अ पसं यक समुदाय क
लड़िकय क िलए उ ाथिमक तर पर आवासीय िव ालय क थापना हतु संचािलत एक अ य योजना ह। इस
योजना को अ ैल 2007 से सव िश ा अिभयान म िमला िदया गया। वष 2014-15 म िबहार िश ा प रयोजना हतु
वीकत 7,044.83 करोड़ पए क कल बजट म से 47.9 ितशत का यय िकया गया, जो िपछले वष से 20
ितशत कम ह।
म या भोजन योजना
िव ालय क िलए म या भोजन योजना 15 अग त, 1995 से शु क गई ह। यह योजना यू ीशनल सपोट ट
प कार क याण िनिध योजना को क सरकार ारा 2000-01 म लागू िकया गया। इसक अंतगत यूटी क
दौरान प कार क मृ यु होने पर उनक आि त को अथवा गंभीर चोट क कारण िवकलांग होने पर कायरत प कार
को सहायता दान क जाती ह, साथ ही समाचार-प कमचारी सेवाशत और िविवध ावधान अिधिनयम, 1955 क
अंतगत वह प कार, जो े म कत य क दौरान दुघटना का िशकार होता ह, क आि त को अनुदान िदया जाता
ह।
अ पूणा योजना ( ेत राशनकाड)
अ पूणा योजना क शु आत िबहार रा य म 1 अ ैल, 2001 से ई। यह योजना शत ितशत क - ायोिजत
योजना ह। इस योजना क अंतगत रा य म वृ पशन ा करने क पा ता रखते ह, परतु उ ह पशन ा नह हो
रही ह तो ऐसे वृ को ितमाह 6 िकलो गे तथा 4 िकलो चावल मु त उपल ध कराया जाता ह। रा य म
वतमान म 1,42,518 अना य वृ को ितमाह 6 िकलो गे एवं 4 िकलो चावल मु त आपूित क जा रही ह।
दीनदयाल उपा याय ामीण योित योजना, 2015
धानमं ी ी नर मोदी ने 25 जुलाई, 2015 को पटना म दीनदयाल उपा याय ामीण योित योजना का
शुभारभ िकया। इस योजना क तहत क सरकार का ल य देश क सभी प रवार को वष 2022 तक अबािधत
िबजली आपूित सुिन त करना ह। इस योजना क तहत 76 हजार करोड़ पए क प रयोजनाएँ ह, िजसम क
सरकार 63 हजार करोड़ पए क स सडी देगी। िबहार क िलए इस योजना म 8 हजार करोड़ पए का
अनुदान िदया गया ह।
रा य- ायोिजत योजनाएँ
िबहार टडट िडट काड योजना
िबहार सरकार ारा िवकिसत िबहार क िलए अपने सात िन य क अंतगत थम िन य ‘आिथक
हल युवा को बल’ क तहत इस योजना क शु आत 2 अ ूबर, 2016 को क गई।
िबहार सरकार ारा िवकिसत िबहार क िलए अपने सात िन य क अंतगत थम िन य ‘आिथक हल
युवा को बल’ क तहत इस योजना क शु आत 2 अ ूबर, 2016 को क गई। िबहार टडट िडट काड
योजना क तहत रा य क बारहव पास िव ाथ , जो उ िश ा या यावसाियक िश ा या तकनीक पा य म ,
जैसे—बी.ए./बी.एससी./इजीिनय रग/एम.बी.बी.एस./ बंधन/िविध आिद म वेश लेना चाहते ह, को सहायता
उपल ध कराई जाती ह। पा य म म वेश लेना चाहते ह, उ ह रा य सरकार क ारा बक से याज सिहत
िडफॉ ट क रािश क शत ितशत गारटी दान क जाएगी। इस योजना म िव ािथय क िश ण सं थान क फ स
क साथ-साथ हॉ टल क फ स, हॉ टल नह िमलने क थित म उनक रहने, जीवन-यापन एवं पा य-साम ी का
भी यय वहन िकया जाएगा। इस योजना क तहत पाँच लाख िव ािथय को िश ा ऋण उपल ध कराने का
सांकितक ल य रखा गया ह। इस योजना क कारण आिथक प से अ म िव ािथय को लाभ ा होगा, साथ ही
इससे उ िश ा म नामांकन दर क ितशत म भी सुधार होगा।
मु यमं ी िन य वयं सहायता भ ा योजना
िबहार क युवा पीढ़ी को आ मिनभर बनाने, िश ा, कौशल िवकास एवं रोजगार क अवसर उपल ध कराने एवं
क िलए गैर-सरकारी सं था ‘मेधा’ काय कर रही ह। िजला तरीय िनंग कमेटी ‘मेधा’ सं था ारा िकए गए
िभखा रय क सव ण क जाँच पर आगे क कारवाई करती ह। इस कमेटी क सद य गैर-सरकारी सं था क
ितिनिध, िनःश य तथा िजला मिज टरट होते ह।
िनःश एवं िभ ु क पुनवास क िलए 3 टप मॉडल िनधा रत िकया गया ह—सुझाव एवं पुनवास, कौशल
िवकास तथा वरोजगार।
िभ ावृि करनेवाले य य एवं अ यंत गरीब तथा िनःश य य क िचिक सक य सुिवधा हतु पटना म
एक अ पताल को नोडल अ पताल क प म िच त िकया गया ह, जहाँ इनका समुिचत इलाज िकया जाता ह।
इस कार क सुिवधाएँ रा य क अ य िजल म भी संचािलत करने क योजना ह।
बाल-िववाह िनषेध योजना
बाल-िववाह क रोकथाम क िलए रा य सरकार ारा बाल-िववाह िनषेध योजना ारभ क गई ह। इस योजना
का मु य उ े य बाल िववाह को रोकना, िकशोर-िकशो रय को शैि क, शारी रक, मानिसक तथा सवागीण
िवकास क अवसर दान करना ह। बाल-िववाह रोकथाम अिधिनयम, 2006 िकसी भी ऐसे िववाह को कानूनी
िववाह क प म मा यता नह देता, जो िववाह क कानूनी आयु से पूव िकया गया हो। िववाह क कानूनी आयु
लड़िकय क िलए 18 वष तथा लड़क क िलए 21 वष िनधा रत ह। रा य सरकार ारा बाल िववाह क रोकथाम
क िलए अनेक जाग कता काय म संचािलत िकए जा रह ह, िजसम िबहार मिहला िवकास िनगम का योगदान
काफ मह वपूण ह।
कबीर अं येि अनुदान योजना
कबीर अं येि अनुदान योजना रा य सरकार ारा वष 2007 म ारभ क गई। इस योजना क अंतगत
बी.पी.एल. प रवार क िकसी भी आयु वग क य क मृ यु क उपरांत उसक आि त प रवार को अं येि ि या
क िलए 1500 पए अनुदान क प म दान िकया जाता ह। ामीण े म मृतक का आि त मुिखया क पास
तथा शहरी े म वाड किम नर क पास आवेदन करता ह। इसक उपरांत उ ह नकद क प म 1500 पए क
सहायता रािश दान क जाती ह।
मु यमं ी ाम सड़क योजना
मु यमं ी ाम सड़क योजना िबहार सरकार क एक मह वाकां ी योजना ह। इसका उ े य वष 2001 क
जनगणना क आधार पर 500-999 जनसं या आबादी वाले सभी संपकिवहीन गाँव तथा टोल को चरणब प
से बारहमासी सड़क से जोड़ना ह। योजना का काया वयन ामीण काय िवभाग क संबंिधत काय मंडल ारा ई-
िनिवदा क मा यम से िकया जाएगा। रा य बजट से ामीण काय िवभाग को रािश उपल ध कराई जाएगी। ामीण
काय िवभाग इस रािश को अनुदान क प म पूव म गिठत ामीण पथ िवकास एजसी को उपल ध कराएगा, जो
ामीण काय िवभाग क काय मंडल क मा यम से योजना का काया वयन करगा। ाथिमकता क आधार पर
थान का चयन िकया जाएगा। इस योजना क अंतगत मा एकल सड़क संपक यव था रहगी। अगर पूव म
सड़क बनी हो तो नई सड़क का िनमाण इस योजना क अंतगत नह िकया जाएगा। इस योजना क तहत िनिमत
होनेवाले पथ क वािषक रखरखाव हतु ा य अिभयं ण संगठन को अित र धनरािश उपल ध कराई जाती ह।
मु यमं ी सेतु िनमाण योजना
िबहार म मु यमं ी सेतु िनमाण योजना रा य क सभी पथ म पड़नेवाले पुल क बीच नए पुल का िनमाण क
िलए चलाई गई ह। इसक अंतगत पुराने एवं ित त पुल का ित थापन, पतले पुल का चौड़ीकरण, िनिमत पुल
क सु ढीकरण करना तथा ऐसे पथ पर जो अिधसूिचत नह ह, परतु ाम पंचायत क संपकता क िलए पुल का
िनमाण आव यक ह, वहाँ िकया जाएगा। इस योजना क अंतगत 10 लाख पए से 10 करोड़ तक क लागत क
पुल-पुिलया का िनमाण एवं जीणा ार िकया जाएगा। योजना क संचालन सिमित म माननीय मु यमं ी क ारा
नािमत मं ी अ य , िजला प रष क अ य सद य और िजला पदािधकारी सिचव होते ह। इस योजना क अंतगत
ावधािनत रािश का 33 ितशत या 25 लाख पए से कम वाली योजना का िनमाण िजला तर पर िजला
अिधकारी क मा यम से काया वयन और शेष 67 ितशत अथा 25 लाख पए से ऊपर क रािश क योजना का
ि या वयन िबहार रा य पुल िनमाण िनगम क ारा कराया जाता ह। योजना का चयन येक िजले म पथ
िनमाण िवभाग, ाम अिभयं ण संगठन क ारा अपने पथ पर जहाँ पुल िदए जा सकगे, उसक सूची संबंिधत
िजला पदािधकारी को उपल ध कराई जाती ह। इसक अलावा ामीण पथ तथा पंचायत क संपकता हतु आव यक
पुल एवं पुिलया क सूची खंड िवकास पदािधकारी क मा यम से एकि त क जाएगी। जो पुल एवं पुिलया िकसी
नहर, नाला पर नह बनाए जाने ह तो उसका िनमाण एन.आई.ई.पी. (NIEP) अथवा ामीण िवकास िवशेष मंडल
क ारा कराया जाएगा। सभी िनमाण काय चयिनत एजसी क ारा िनिवदा क मा यम से तथा 10 करोड़ तक क
प रयोजना क तकनीक एवं शासिनक वीकित अधी ण अिभयंता एवं मंडलीय आयु ारा दी जाएगी।
मु यमं ी े िवकास योजना
इस काय म क अंतगत ित िवधानसभा िनवाचन े वार और िवधान प रष क िनवाचन े वार ित
वष 1 करोड़ पया का आवंटन देय होगा।
मु यमं ी े िवकास योजना का ारभ रा य सरकार ारा वष 2011-12 म िकया गया। इस योजना का
संचालन योजना एवं िवकास िवभाग, िबहार सरकार को स पा गया। इस योजना का मु य उ े य रा य क सभी
िजल क शहरी एवं ामीण े म संतुिलत े ीय िवकास लाने क िलए आधारभूत संरचना का िवकास करना
ह। इस योजना क िलए प रयोजना का चयन िजला तर पर गिठत चयन सिमित क मा यम से िकया जाएगा,
िजसक अ य िजले क भारी मं ी ह गे। इस सिमित क सद य िजले क सभी सद य ह गे तथा इसम रा य
सरकार ारा मनोनीत अिधकतम 3 गैर-सरकारी सद य ह गे। िजला पदािधकारी सिचव और िजला योजना
पदािधकारी संयोजक ह गे। इस सिमित क आमंि त सद य—उप-िवकास आयु , िजला काय म पदािधकारी,
संबंिधत मंडल क े ीय योजना पदािधकारी, थानीय े क कायपालक अिभयंता तथा िजला पंचायत राज
पदािधकारी ह गे। इस सिमित क बैठक म िकसी भी सद य क अनुप थित या र ता क कारण बैठक क
कारवाई म बाधा नह होगी। इस योजना क मा यम से िन निलिखत काय िकया जाएगा—
(i) भवनहीन पंचायत भवन का िनमाण।
(ii) भवनहीन आँगनबाड़ी क का िनमाण।
(iii) गोदाम का िनमाण।
(iv) गली एवं नाली का िनमाण।
(v) सामुदाियक भवन एवं सावजिनक तालाब म घाट का िनमाण।
(vi) हाट एवं मेला थान का िवकास।
मु यमं ी िनजी पौधशाला योजना क शु आत िबहार सरकार ारा 2013 ई. म क गई। इसे ह रयाली िमशन
भी कहा जाता ह। इस योजना का संचालन पयावरण एवं वन िवभाग ारा िकया जाता ह। योजना का उ े य
उ िमय एवं कषक क मा यम से पौधशाला थापना कर अलग-अलग जाितय क उ गुणव ा क बृहत मा ा
म पौधे तैयार करना ह, िजससे वृ ारोपण क ल य को पूरा िकया जा सक। इस योजना से िकसान तथा उ िमय
को आय क साथ-साथ रोजगार का भी अवसर उ प होगा। इसक अंतगत सागवान, सेमल, ग हार, महोगनी,
अमलतास, म आ, नीम, शीशम, बाँस इ यािद वृ का रोपण िकया जाएगा। इस योजना का लाभ ा करने क
िलए आवेदक क अपने नाम से जमीन होनी चािहए।
ग ा िवकास काय म
ग ा िवकास काय म क शु आत वष 2012-13 म िबहार सरकार ारा क गई। किष रोड मैप क ारा
ग ा िवकास क िलए परखा तैयार क गई। ग े क खेती करनेवाले िकसान को इस काय म क तहत िविभ
कार क सुिवधाएँ दी जाती ह। बीज को अनुदािनत दर पर उपल ध कराया जाता ह, जो िकसान ग ा का
मािणत बीज उ पादन करते ह, उ ह 50 . ित ंटल ो साहन अनुदान चीनी िमल ारा उऌपल ध कराया
जाता ह। बीज उ पादन करनेवाले चीनी िमल को 15,000 पए ित ह टयर क दर से ो साहन रािश दी जाती ह,
परतु इसक िलए आव यक ह िक बीज का िनबंधन, िबहार रा य बीज माणन एजसी क ारा िकया गया हो।
ग ा अनुसंधान क लखनऊ क ारा जनन बीज उ पादन करने पर 25000 . ित ह टयर क दर से ो साहन
रािश दी जाएगी। इसक अलावा बुआई हतु िश ण, हाव टर क उपल धता सुिन त करना इ यािद क सुिवधा
दान क जाएगी।
िमशन इ धनुष
िमशन इ धनुष क शु आत िबहार रा य क सबसे िपछड़ 20 िजल म 7 अ ैल, 2015 को ारभ क गई। इस
योजना क अंतगत हर महीने क 7 तारीख को घर क पास िवशेष कप क ज रए, ब को 7 बीमा रय से बचाव
क िलए सात टीक लगाए जाते ह।
यु योजना
यु योजना िबहार सरकार क ारा 23 अ ैल, 2011 को ारभ क गई। इस योजना क अंतगत सभी गभवती
मिहलाएँ सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी सं था म िनःशु क गभपात संबंधी सेवाएँ ले सकती ह। यह योजना
िबहार रा य वा य सिमित क ारा चलाई जा रही ह।
जय भा जननी िशशु आरो य ए स ेस योजना
इस योजना क शु आत िबहार सरकार क ारा 1 मई, 2012 को क गई। इसका संचालन करने क िज मेदारी
नई िद ी क सं था ‘जैस टिडया ऑन हील’ को दी गई। इस वातानुकिलत ए स ेस से गभवती मिहला ,
ब , व र नाग रक एवं सड़क दुघटना म घायल य य को िनःशु क वा य सेवा प चाना ह। इसका टॉल
नं.-102 ह।
परव रश योजना
परव रश योजना क शु आत िबहार सरकार क ारा वष 2014 ई. म क गई। इस योजना का उ े य अनाथ
िवभाग िबहार सरकार करती ह। इस योजना का उ े य िबहार म िनवास करनेवाले अनुसूिचत जाित एवं अनुसूिचत
जनजाित क ातक उ ीण छा को, िजनक प रवार क वािषक आय दो लाख पचास हजार पए से कम ह, कट
एवं अ य ितयोिगता परी ा का िनःशु क िदवाकालीन िश ण देना ह। इन छा को 75 ितशत क उप थित क
आधार पर 1000 पए ितमाह छा वृि दी जाती ह। इसक िलए 100 अनुसूिचत जाित एवं 20 अनुसूिचत
जनजाित क छा का चयन िकया जाता ह।
मु यमं ी महादिलत रोजगार योजना
इस योजना क शु आत रा य सरकार क ारा 2012-13 म क गई। रा य क करीब 22 लाख महादिलत
प रवार को मनरगा क तहत य प से लाभ प चाना इस योजना का मु य उ े य ह। इस योजना क अंतगत
महादिलत प रवार क िलए एक खास कप लगाकर जॉब काड बनाया जा रहा ह। इसक बाद काम माँगनेवाले को
15 िदन क अंदर मनरगा क तहत रोजगार उपल ध कराया जा रहा ह। इसक तहत काम करनेवाले लोग को
भुगतान भी तुरत कर िदया जा रहा ह।
मु यमं ी महादिलत पोशाक योजना
इस योजना क शु आत िव ीय वष 2009-10 म सरकारी िव ालय म अ ययनरत वग-1 से 5 तक क सभी
महादिलत छा -छा ा क िलए क गई। इस योजना क तहत 500 पए पोशाक, जूता इ यािद य हतु नकद
रािश क प म उपल ध कराई जाती ह। इसका िवतरण पंचायत तरीय िशिवर लगाकर जन ितिनिधय क
उप थित म छा -छा ा को िकया जाता ह।
दशरथ माँझी कौशल िवकास योजना
दशरथ माँझी कौशल िवकास योजना क शु आत िबहार महादिलत िवकास िमशन क ारा क गई। इस योजना
का उ े य महादिलत युवक एवं युवितय को िनःशु क यावसाियक िश ण देना ह। इस योजना क शु आत
जून, 2013 म क गई। इसक अंतगत िविभ कोस एवं टरड का िश ण िदया जाता ह, जैसे—क यूटर
एकाउिटग टली, मोबाइल रपेय रग, क यूटर हाडवेयर ऐंड नेटविकग, निसग, िस यू रटी गाड इ यािद।
मु यमं ी मश योजना
इस योजना क शु आत िव ीय वष 2008-09 म िबहार रा य सरकार क ारा क गई। इसका उ े य
अ पसं यक, कामगार य को िवशेष िश ण िनःशु क प से उपल ध कराना ह। िश ण ा कामगार
को कम-से-कम 50 हजार पए का ऋण साधारण याज दर पर उपल ध कराया जाता ह। िबहार रा य
अ पसं यक िव ीय िनगम क मा यम से यह िश ण स ल इ टी यूट ऑफ ला टक इजीिनय रग ट ोलॉजी
हाजीपुर और रमंड पटना म िदया जा रहा ह।
िबहार गृह थल योजना
िबहार गृह थल योजना क शु आत िबहार सरकार क ारा वष 2010-11 म क गई। इस योजना क अंतगत
िपछड़, अित िपछड़, एस.टी., एस.सी. जाित वग क भूिमहीन प रवार को 3 िडसिमल भूिम खरीदने क िलए येक
प रवार को 20000 पए िदए जाते ह।
िबहार िकरासन तेल कपन योजना
िबहार म िकरािसन तेल कपन योजना क शु आत जून, 2008 म पूण प से क गई। रा य म िकरासन तेल क
कालाबाजारी एवं गरीब को िकरािसन तेल नह िमलने क िशकायत हमेशा ा होती ह। इस योजना क अधीन
ामीण े क सभी ेणी क प रवार को ितमाह 2.75 लीटर क दर से एवं शहरी े क सभी ेणी क प रवार
को ितमाह 2.25 लीटर क दर से एक वष हतु नीले रग क 12 कपन िनगत िकए जाते ह। राशन कपन क तरह
ही उपभो ा ारा राशन काड एवं कपन दुकानदार को देने पर िनधा रत दर एवं मा ा म िकरािसन तेल क आपूित
क जा रही ह।
आओ िबहार योजना
इस योजना क अधीन ामीण े क सभी ेणी क प रवार को ितमाह 2.75 लीटर क दर से एवं
शहरी े क सभी ेणी क प रवार को ितमाह 2.25 लीटर क दर से एक वष हतु नीले रग क 12
कपन िनगत िकए जाते ह।
यह योजना रा य क िनवािसय क िलए शु क गई ह। यिद कोई य अथवा य य का समूह 2 एकड़
या उससे अिधक भूिम का वामी ह तथा अपनी जमीन उ ोग अथवा सं थान हतु बेचना चाहते ह, तो वे अपने
िजले क िजलािधकारी क यहाँ संबंिधत जमीन क योर क साथ सूचीब करा सकते ह। इसक िलए भूधारी को
अपनी जमीन का िव य मू य बताना होगा। िव य मू य का िनधारण भूधारी अपने विववेक से करगे तथा इस
संबंध म उ ह Undertaking देनी होगी िक िनबंधन ितिथ से लेकर एक िनधा रत अविध तक क िलए यह िव य दर
मा य होगी। रा य क नई औ ोिगक इकाइय एवं तकनीक सं थान म िनवेश को बढ़ावा देने क उ े य से तथा
भू-अजन एवं सरकारी जमीन उपल ध कराने म हो रही सम या को यान रखते ए रा य सरकार ने यह योजना
बनाई ह, िजसे ‘आओ िबहार’ नाम िदया गया ह।
िजला शासन ारा जमीन क िम कयत तथा िववाद मु होने क जाँच कर अंितम प से सूचीब िकया
जाएगा। थम चरण म इसक सूचना िबयाडा को भेजी जाएगी तथा िबयाडा ारा इसे वेबसाइट पर अपलोड िकया
जाएगा। सूचना अपलोड करने क प ा रा य सरकार िव ापन क मा यम से सभी संभािवत िनवेशक को सूिचत
करगी िक रा य क िविभ जगह म पंजीकत एवं िववादमु भूिम िव य हतु उपल ध ह। यिद वे िनवेश करने
क इ छक ह, तो संबंिधत भूधारी से िववादमु भूिम य कर सकते ह। यिद वे पंजीकत जमीन पर िनवेश करते
ह, तो औ ोिगक नीित क आलोक म उ ह टांप यूटी एवं िनबंधन शु क म 100 ितशत क िनधा रत छट िमलेगी
एवं नीित म जो अ य लाभ ह, वे भी िमलगे।
इस कार सरकार क भूिमका संपक सू क होगी, तािक िनवेशक को जमीन य करने म किठनाई न हो,
साथ ही भूधारी को अपनी इ छानुसार िव य मू य भी िमले। इस योजना म अपनी भागीदारी दज कर रा य क
िवकास म लोग अपना योगदान दे सकते ह।
जन िवतरण णाली हतु साम य योजना
साम य योजना क शु आत जन िवतरण णाली क काय करनेवाले िव ता को आिथक सहायता देने क
िलए क गई ह, िजससे वे आिथक प से साम यवान हो सक। वतमान म जनिवतरण णाली िव ता को 2-3
माह क खा ा क अि म रािश जमा करनी पड़ती ह। यिद उठाव क थित अिधकतम हो, िफर भी कम-से-कम
दो माह क आवंिटत खा ा क िव अि म रािश जमा करना आव यक हो जाता ह। ब त सार जनिवतरण
णाली िव ता आिथक प से काफ कमजोर ह। उनक आिथक कमजोरी क कारण कई सम याएँ उ प होती
ह, जैसे—रािश जमा करने क िलए उनक ारा अिधक याज पर रािश ली जाती ह, िजसक कारण उनक
वा तिवक लाभ का स होता ह। रािश क अभाव म उनक ारा खा ा क िव रािश जमा करने म किठनाई
होती ह, िजससे शत ितशत रािश जमा नह क जाती ह। रािश क अभाव म ऐसे जनिवतरण णाली दुकानदार,
दलाल तथा िबचौिलय क चंगुल म फस जाते ह। इन सभी प र थितय म या तो खा ा का उठाव कम हो जाता
ह या कालाबाजारी करने क वृि बढ़ जाती ह। इन सारी प र थितय म उपभो ा लाभ से वंिचत हो जाते ह।
इसी सम या को दूर करने क िलए िबहार ामीण बक से वा ा क गई एवं सम वय थािपत कर सभी िव ता
को कम-से-कम त काल आिथक मदद क प म 50 हजार पए का कश िडट िदलवाया गया। म य िबहार
ामीण बक ारा अिभयान चलाकर कल 532 जनिवतरण णाली िव ता को 2,89,00,000 पए का कश
िडट उपल ध कराया गया।
क /रा य ायोिजत योजनाएँ
काय म : थम योजना
वष : 1952
उ े य : देश/रा का सम िवकास
काय म : लघु उ ोग िवकास संगठन (SIDO)
वष : 1954
उ े य : नए उ ोग क िवकास हतु
काय म : सघन किष िजला काय म (IADP)
वष : 1960-61
उ े य : कषक को बीज, उवरक, औजार और ऋण उपल ध कराना
काय म : सघन किष े ीय काय म (IAAP)
वष : 1964-65
उ े य : िविश फसल का िवकास
काय म : ामीण िव ुतीकरण िनगम
वष : 1969
उ े य : किष एवं उ ोग हतु ामीण े म िव ुत यव था
काय म : िवभेदीकरण याज दर योजना
वष : 1972
वष : 1 िसतंबर, 1986
उ े य : ामीण समृ हतु सहायता। 28 िदसंबर, 2004 से इसका नाम बदलकर ‘गंगो री’ कर िदया गया ह।
काय म : शहरी िनधन हतु वरोजगार काय म (SEPUP)
वष : 1986
उ े य : वरोजगार हतु िव ीय एवं तकनीक मदद
काय म : नेह रोजगार योजना (NRY)
वष : अ ूबर, 1989
उ े य : नगरीय बेरोजगार को रोजगार देने हतु
काय म : जवाहर रोजगार योजना (JRY)
वष : अ ैल, 1989
उ े य : ामीण े क बेरोजगार को रोजगार देने हतु
काय म : रोजगार आ ासन योजना
वष : 2 अ ूबर, 1993
उ े य : रोजगार उपल ध कराने हतु
काय म : ाइम िमिन टर रोजगार योजना (PMRY)
वष : 2 अ ूबर, 1993
उ े य : िशि त युवक को रोजगार दान करना
काय म : रा ीय मातृ व लाभ योजना
वष : 1995
वष : 1999
उ े य : सहायता ा गरीब य को 3 वष म BPL क ऊपर लाना। इसम छह काय म का िवलय कर िदया
गया। (i) IRDP, (ii) TRYSEM, (iii) DWCRA, (iv) SITRA, (v) MWS, (vi) GKY
काय म : जन ी बीमा
वष : 10 अग त, 2000
उ े य : BPL लोग को बीमा सुर ा कवच देना
काय म : धानमं ी ामोदय योजना
वष : 2000
उ े य : गाँव का सम िवकास
काय म : अं योदय योजना
वष : 2000
उ े य : BPL प रवार क सवािधक गरीब को अनाज 2 पए ित िकलो, 3 पए ित िकलो चावल उपल ध
कराना
काय म : आ य बीमा योजना
वष : जून, 2001
उ े य : रोजगार छट कमचा रय को सुर ा कवच दान करना
काय म : संपूण ामीण रोजगार योजना (SGRY)
वष : 25 िदसंबर, 2001
उ े य : ामीण े म रोजगार का सृजन
काय म : वा मीिक अंबेडकर आवास योजना
वष : 2001 िदसंबर
उ े य : शहरी लम आबादी को व छ आवास उपल ध कराने हतु
काय म : सव िश ा अिभयान
वष : 2000-01
उ े य : 6-14 वष क सभी ब को 2010 तक आठव तक क िनःशु क एवं गुणव ायु ाथिमक िश ा
उपल ध कराना
काय म : खा ा बक योजना
वष : 2001
उ े य : घोिषत ाम पंचायत तर पर खा ा बक क थापना
काय म : मिहला वयं िस योजना
वष : 12 जुलाई, 2001
उ े य : मिहला का सामािजक-आिथक सश ीकरण/योजना म इिदरा मिहला योजना और मिहला समृ
योजना का िवलय
काय म : वजल धारा योजना
वष : 25 िदसंबर, 2002
उ े य : ाम पंचायत क मा यम से कएँ, बावड़ी व हडपंप लगाने क सुिवधा उपल ध कराना
काय म : िनमल भारत योजना
वष : 15 अग त, 2002
उ े य : मिलन ब तय म सामुदाियक शौचालय क सुिवधा का िव तार
काय म : धानमं ी ाम सड़क योजना
वष : 25 िदसंबर, 2000
उ े य : 100 ितशत क ीय क म, 500 से अिधक जनसं यावाले गाँव को जोड़ना
काय म : जनर ा बीमा योजना
वष : 2002-03
उ े य : 1 पए ितिदन भुगतान से चयिनत य का िनधा रत अ पताल म 30 हजार पए तक का उपचार
काय म : जय काश नारायण रोजगार गारटी योजना
वष : 2002-03
उ े य : देश क िपछड़ ामीण े म गरीब व ज रतमंद को रोजगार उपल ध कराने हतु
काय म : ामीण े म शहरी सुिवधा क उपल धता काय म (PURA)
वष : 15 अग त, 2003
उ े य : ामीण े म उ त सुिवधा उपल ध कराना
काय म : जवाहरलाल नेह नेशनल अरबन रनुअल िमशन
वष : 3 िदसंबर, 2005
उ े य : शहरी अव थापना िवकास
काय म : रा ीय ामीण वा य अिभयान
वष : 12 अ ैल, 2005
उ े य : ाथिमक वा य सुर ा को सु ढ करना
काय म : भारत िनमाण योजना
वष : 16 िदसंबर, 2005
उ े य : ामीण अव थापना, सवागीण तथा यापक िवकास योजना
काय म : आम आदमी बीमा योजना
वष : 2 अ ूबर, 2007
उ े य : भूिमरिहत ामीण प रवार क मुिखया या आय अजक को बीमा लाभ
काय म : रा ीय वा य बीमा योजना
वष : 1 अ ूबर, 2007
उ े य : य क बीमा योजना। बी.पी.एल. प रवार क असंगिठत े म काय कर रह येक य को
वा य बीमा देना।
काय म : सबला योजना
वष : 19 नवंबर, 2010
उ े य : िकशोरी सश ीकरण क क ीय योजना, देश क 200 िजल म लागू िकशो रय क वा य तथा पोषण
से संबंिधत योजना
काय म : वावलंबन
वष : 27 िसतंबर, 2010
उ े य : असंगिठत े क िलए नई पशन योजना
काय म : िनभय फड
वष : 2013
उ े य:—
काय म : िमशन इ धनुष
वष : 25 िदसंबर, 2014
उ े य : टीकाकरण से वंिचत ब को सात टीका िनरोध रोग से ितरि त करना।
काय म : व छ भारत िमशन
वष : 2 अ ूबर, 2014
उ े य : 2 अ ूबर, 2019 तक भारत क सभी ामीण प रवार को खुले म शौच से मु िदलाना।
काय म : पहल
वष : 15 नवंबर, 2016
उ े य : एल.पी.जी. क िलए डायर ट बेनिफट ांसफर (DBTL) क म। इसक अंतगत एल.पी.जी. पर दी
जानेवाली स सडी, बक खाते म जमा होगी।
काय म : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ काय म (BBBP)
वष : 22 जनवरी, 2015
उ े य : बािलका क उ रजीिवता और संर ण तथा उनक िश ा को बढ़ावा देना। िशशु िलंग अनुपात को
िनयंि त करना।
काय म : धानमं ी जनधन योजना (PMJDY)
वष : 28 अग त, 2014
उ े य : 26 जनवरी, 2015 तक 10 करोड़ बक खाते खोलने का संशोिधत ल य। खाताधारक को 1 लाख पए
का दुघटना बीमा तथा 30,000 पए का जीवन बीमा वतः उपल ध होगा।
काय म : रा ीय वा य िमशन (NHM)
वष : 2013
उ े य : स ती और गुणव ापूण वा य सेवा उपल ध कराना। एन.आर.एस.एम. तथा एन.यू. एच.एम. इसक
दो उप-िमशन। 50,000 से अिधक जनसं या वाले शहर तथा 30 हजार से अिधक जनसं या वाले िजला मु यालय
NUHM म तथा कम जनसं या वाले NRHM म शािमल।
काय म : नई मंिजल
वष : 2014-15
उ े य : बीच म पढ़ाई छोड़ देनेवाले अ पसं यक क िश ा और कौशल िवकास क योजना।
काय म : मानस तथा साइबर ाम
वष : ——
उ े य : अ पसं यक युवा क उ िमता एवं कौशल िवकास।
काय म : धानमं ी वा य सुर ा योजना (PMSSY)
वष : माच, 2006
उ े य : वा य संबंधी सुिवधा क उपल धता म असंतुलन को दूर करना। रा य म मेिडकल एजुकशन क
कमी को दूर करना।
काय म : रा ीय आजीिवका िमशन
उ े य : सभी ामीण प रवार को संगिठत करना, िनधनता दूर करना।
काय म : नई रोशनी
वष : 2014-15
उ े य : मिहला म नेतृ व िवकास िश ण।
काय म : मातृ व सहयोग योजना (MSY)
वष : 2014
उ े य : पूव क इिदरा गांधी मातृ व सहयोग योजना का पुनगिठत प।
काय म : जनबंधु क याण योजना
वष : 2014-15
उ े य : अनुसूिचत जनजाितय क िलए क क क म। 100 करोड़ पए क बजटीय ावधान से शु ।
काय म : इ-वीसा
वष : 2014-15 (बजट म तािवत)
उ े य : पयटन क िलए इले ॉिनक वेल ऑथराइजेशन बीमा करने का ताव।
काय म : यामा साद मुखज अरबन िमशन
वष : 2014-15
उ े य : 21 फरवरी, 2016 से लागू ामीण े को शहरी सुिवधाएँ मुहया करवाना।
काय म : दीनदयाल उपा याय ाम योित योजना
वष : 2014-15
उ े य : ामीण े म सभी घर म 24 घंट िबजली मुहया कराना। योजना म क सरकार ारा 75600 करोड़
पए का ावधान। वतमान म चल रही राजीव गांधी ामीण िव ुतीकरण योजना क थान पर ारभ।
काय म : व र पशन बीमा योजना
वष : 15 अग त, 2014
उ े य : योजना कवल 1 वष क िलए (15 अग त, 2014 से 14 अग त, 2015) िफर से चलाई गई पशन
योजना ह।
काय म : धानमं ी ाम सड़क योजना
वष : 2014-15
उ े य : इस योजना का ारभ एन.डी.ए. क कायकाल म। इस योजना को िफर से अिधक श शाली प म
बजट म शु िकया गया ह।
काय म : —
वष : पुन ारभ
उ े य:—
काय म : धानमं ी सुर ा बीमा योजना
वष : 9 मई, 2015
उ े य : वािषक ीिमयम 12 पया। जनधन जमा खाते से वतः ह तांतरण, दुघटना बीमा योजना ह। मृ यु पर
बीिमत य क आि त को 2 लाख पया ा होगा।
काय म : अटल पशन योजना
वष : 9 मई, 2015
उ े य : इसम पशन का िनधारण बीमा धारक ारा दी जानेवाली ीिमयम क रािश पर िनभर। 5 वष तक
ीिमयम का 50 ितशत या 1000 पया, जो दोन म कम हो, सरकार ारा देय।
काय म : धानमं ी जीवन योित बीमा योजना
वष : 9 मई, 2015
उ े य : 330 पया ित वष का अंशदान जीवन बीमा, 18-50 वष क िलए अनुमा य, मृ यु पर आि त को 2
लाख पया ा ।
काय म : टड अप इिडया
वष : 5 अ ैल, 2016
उ े य : नवोिदत उ िमय को बढ़ावा देने से संबंिधत योजना।
काय म : ाम उदय से भारत उदय अिभयान
वष : 14 अ ैल, 2016
उ े य : पंचायती राज को मजबूत बनाने, सामािजक समरसता, ामीण िवकास तथा िकसान क गित से जुड़ी
योजना।
काय म : धानमं ी आवास योजना ( ामीण)
वष : 25 अ ैल, 2016
उ े य : पंचायती राज को मजबूत बनाने, सामािजक समरसता, ामीण िवकास तथा िकसान क गित से जुड़ी
योजना।
काय म : टड इिडया लोन क म
वष : 5 अ ैल, 2016
उ े य : अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित एवं मिहला म उ मशीलता को बढ़ावा देने क योजना।
काय म : धानमं ी उ ला योजना
वष : 1 मई, 2016
उ े य : बी.पी.एल. प रवार को गैस कने शन मुहया कराने क योजना
काय म : रा ीय िकशोर वा य काय म
वष : 2014
उ े य : NHM क अंतगत 2014 म शु योजना, िजसका उ े य यापक वा य कयर मुहया कराना ह।
काय म : सांसद आदश ाम योजना
वष : 11 अ ूबर, 2014
32. िव ीय णाली
(Financial System)
िबहार म बिकग अिधसंरचना
यावसाियक बक
रा य सहकारी बक
े ीय ामीण बक
िनजी यावसाियक बक
िव ीय सं थाएँ
भारत म िव ीय णाली से आशय सं था (Institutions), िवलेख (Instruments) तथा बाजार क समु य से
ह, जो अथ यव था म बचत को बढ़ाने तथा उनक कशलतम तथा अनुकलतम योग क ओर गितशीलन म
भूिमका अदा करता ह। सामा यतः घरलू या पा रवा रक े म बचत का आिध य होता ह, िव बाजार घरलू े
से बचत आिध य को सावजिनक तथा िनजी े क ओर गितशीलन करता ह। भारतीय िव ीय णाली क दो
मुख अंग ह—पूँजी बाजार (Capital Market) तथा मु ा बाजार (Money Market)। पूँजी बाजार से आशय उस
बाजार से ह, जहाँ िव ीय प खरीदे तथा बेचे जाते ह, जबिक मु ा बाजार वह बाजार ह, जहाँ अ पकालीन
वभाव क मौि क संपि य या ितभूितय (सामा यतः एक वष से कम अविध क ) म खरीद एवं िब होती ह।
इस बाजार म ऐसी संपि य का य तथा िव य होता ह, जो मु ा क नजदीक थानाप ह। मु ा बाजार को दो
भाग म बाँटा जाता ह—संगिठत मु ा बाजार तथा असंगिठत मु ा बाजार। संगिठत मु ा बाजार वह बाजार ह, जो
रजव बक ारा मब ढग से संचािलत तथा िनयंि त होता ह।
रजव बक ऑफ इिडया संगिठत मु ा बाजार क शीष पर थत ह, जो मु ा बाजार म तरलता को िनयंि त करता
ह तथा ऋण क लागत तथा इसक उपल धता को िनयंि त करता ह। वािण यक बक क काय का भाव मु ा
बाजार पर पड़ता ह। रजव बक, वािण यक बक तथा सहकारी बक मु ा बाजार क मुख अंग ह। संगिठत मु ा
बाजार क साथ-साथ असंगिठत मु ा े का भी िव तार ह, िजसे देशी बकस कहा जाता ह। बिकग े क ती
िव तार क बावजूद ामीण े म सा कार क भूिमका मह वपूण ह। ामीण क इन सा कार पर आि तता
कम करने क िलए वयं सहायता समूह का िवकास िकया जा रहा ह, िजससे इन सा कार से मु िमल सक।
भारत म बक का िवकास 1786 ई. से माना जा सकता ह, जब जनरल बक ऑफ इिडया क थापना क गई।
ई ट इिडया कपनी ने 1809 ई. म बक ऑफ बंगाल, 1840 ई. म बक ऑफ बंबई, 1843 ई. म बक ऑफ म ास
क थापना क थी, िजसे संयु प से ेसीडसी बक कहा जाता था। इसी म म बक ऑफ िहदु तान 1870 ई.,
इलाहाबाद बक 1865 ई., पंजाब नेशनल बक 1894 ई. क थापना क गई। 1921 म सभी ेसीडसी बक का
िवलय कर इपी रयल बक बना िदया गया, जो िक यूरोपीय शेयरधारक क ारा संचािलत िकया जाता था। 1935
ोत : रा य तर बकस सिमित
िबहार म माच क अंत तक िनजी, अरा ीयकत बक क सं या 301 ह, िजसम 281 शहरी े म तथा 20
ामीण े म थत ह। माच, 2016 तक िबहार म देश क कल शाखा का 4.8 ितशत शाखाएँ थत ह,
लेिकन िबहार म भारत क कल जनसं या का 8.6 ितशत जनसं या िनवास करती ह। िविभ रा य क बीच
बक क शाखा क सं या म अंतर ह। िबहार म अ य रा य क तुलना म शाखा क सं या कम ह।
िविभ रा य म वािण यक बक क शाखाएँ जून, 2016 तक
रा य : िबहार
कल शाखा : 6661
देश क कल शाखा का ितशत : 5.2
देश क जनसं या का ितशत : 8.6
रा य : झारखंड
कल शाखा : 2691
देश क कल शाखा का ितशत : 2.1
देश क जनसं या का ितशत : 2.7
रा य : म य देश
कल शाखा : 5815
देश क कल शाखा का ितशत : 4.8
देश क जनसं या का ितशत : 2.8
रा य : उड़ीसा
कल शाखा : 4280
देश क कल शाखा का ितशत : 3.4
देश क जनसं या का ितशत : 6
रा य : उ र देश
कल शाखा : 15275
देश क कल शाखा का ितशत : 12.1
देश क जनसं या का ितशत : 16.5
रा य : प म बंगाल
कल शाखा : 7073
देश क कल शाखा का ितशत : 5.6
देश क जनसं या का ितशत : 3.5
रा य : कनाटक
कल शाखा : 9002
देश क कल शाखा का ितशत : 7.2
देश क जनसं या का ितशत : 5
रा य : गुजरात
कल शाखा : 6965
देश क कल शाखा का ितशत : 5.5
देश क जनसं या का ितशत : 5
ोत : रजव बक ऑफ इिडया
िबहार म माच, 2014 तक बक म काय करनेवाले किमय क कल सं या 42,201 थी। माच, 2015 म
अनुसूिचत वािण यक बक म 44643 कम कायरत थे।
िबहार म अनुसूिचत यावसाियक बक म 2014-15 म कल जमा रािश म गत वष क तुलना म 26,376
करोड़ पए (13.9 ितशत) क बेहतरीन वृ ई, साथ ही 2014-15 म ऋण दान करने म 10400 करोड़
वष : 2009-10
जमा (करोड़ .) : 98588
ऋण (करोड़ .) : 31679
ऋण-जमा (करोड़ .) : 32.13
वष : 2010-11
जमा (करोड़ .) : 113909
ऋण (करोड़ .) : 38723
ऋण-जमा (करोड़ .) : 33.9
वष : 2011-12
जमा (करोड़ .) : 138163
ऋण (करोड़ .) : 50704
ऋण-जमा (करोड़ .) : 36.7
वष : 2012-13
जमा (करोड़ .) : 161036
ऋण (करोड़ .) : 65364
ऋण-जमा (करोड़ .) : 40.59
वष : 2013-14
जमा (करोड़ .) : 183458
ऋण (करोड़ .) : 85334
ऋण-जमा (करोड़ .) : 46.51
वष : 2014-15
जमा (करोड़ .) : 211302
ऋण (करोड़ .) : 100261
बक : कनरा बक
शाखा क सं या 2016 म : 227
2010-11 : 39.4
2011-12 : 39.1
2012-13 : 42.8
2013-14 : 40.2
2014-15 : 43.7
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 44.7
बक : यूको बक
शाखा क सं या 2016 म : 230
2010-11 : 28.9
2011-12 : 36.3
2012-13 : 36.6
2013-14 : 39.3
2014-15 : 40.7
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 46
बक : बक ऑफ बड़ौदा
शाखा क सं या 2016 म : 236
2010-11 : 33.6
2011-12 : 25.1
2012-13 : 35.8
2013-14 : 34.8
2014-15 : 41.6
2014-15 : 42.8
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 40.9
बक : आं ा बक
शाखा क सं या 2016 म : 43
2010-11 : 21.4
2011-12 : 23.3
2012-13 : 14.5
2013-14 : 16.8
2014-15 : 20.7
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 49.1
बक : बक ऑफ महारा
शाखा क सं या 2016 म : 13
2010-11 : 17.2
2011-12 : 7.9
2012-13 : 8
2013-14 : 32.5
2014-15 : 67.4
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 69
बक : कॉरपोरशन बक
शाखा क सं या 2016 म : 41
2010-11 : 75
2011-12 : 20.4
2012-13 : 57.4
2013-14 : 89.2
2014-15 : 72
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 89.3
बक : देना बक
शाखा क सं या 2016 म : 44
2010-11 : 9.5
2011-12 : 41.9
2012-13 : 31.1
2013-14 : 30.3
2014-15 : 33.1
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 41.1
बक : इिडयन बक
शाखा क सं या 2016 म : 59
2010-11 : 32.3
2011-12 : 21.6
2012-13 : 60.6
2013-14 : 68.8
2014-15 : 79.4
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 79.2
बक : इिडयन ओवरसीज बक
शाखा क सं या 2016 म : 61
2010-11 : 17.8
2011-12 : 36.8
2012-13 : 50.2
2013-14 : 60
2014-15 : 73
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 73.3
बक : ओ रएंटल बक ऑफ कॉमस
शाखा क सं या 2016 म : 49
2010-11 : 30.4
2011-12 : 42.7
2012-13 : 45.1
2013-14 : 39.9
2014-15 : 47.3
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 50.5
बक : पंजाब ऐंड िसंध बक
शाखा क सं या 2016 म : 12
2010-11 : 11.1
2011-12 : 10.8
2012-13 : 112
2013-14 : 108.7
2014-15 : 21.8
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 24.7
बक : िसंडीकट बक
शाखा क सं या 2016 म : 57
2010-11 : 39.9
2011-12 : 41.4
2012-13 : 40.1
2013-14 : 40.9
2014-15 : 41
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 27.3
बक : यूनाइटड बक ऑफ इिडया
शाखा क सं या 2016 म : 92
2010-11 : 39.9
2011-12 : 41.4
2012-13 : 40.1
2013-14 : 40.9
2014-15 : 41
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 27.3
बक : िवजया बक
शाखा क सं या 2016 म : 34
2010-11 : 21.9
2011-12 : 22.8
2012-13 : 25.7
2013-14 : 29.2
2014-15 : 41.4
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 44.6
बक : टट बक ऑफ बी. ऐंड जे.
शाखा क सं या 2016 म : 18
2010-11 : 41.3
2011-12 : 43.2
2012-13 : 81.2
2013-14 : 92.1
2014-15 : 92.3
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 79.7
बक : टट बक ऑफ पिटयाला
शाखा क सं या 2016 म : 3
2010-11 : 63.3
2011-12 : 55.3
2012-13 : 58.7
2013-14 : 46.3
2014-15 : 49.7
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 46.6
बक : —
शाखा क सं या 2016 म : 3873
2010-11 : 34.9
2011-12 : 40.6
2012-13 : 40.7
2013-14 : 41.9
2014-15 : 43
2015-16 (िसतंबर, 2015) : 41.7
ोत : रा य तरीय बकस सिमित
सहकारी बक
िबहार रा य म वष 2015 म कल रा य सहकारी बक क सं या 12 और िजला क ीय सहकारी बक क
सं या 312 ह। वष 2015 म सहकारी बक क शाखा क कल सं या 324 ह, जबिक इसक पूव क वष
मशः 2012 म 295 तथा 2013 म 323 तथा 2014 म 288 थी।
रा य एवं िजला क ीय सहकारी बक क शाखाएँ 31 माच, 2015
2015-16 : 164.77
े : दु धशाला
2010-11 : 92.56
2011-12 : 70.62
2012-13 : -
2013-14 : 31.11
2014-15 : 104.59
2015-16 : 333.68
े : वयं सहायता समूह
2010-11 : 40.57
2011-12 : 43.66
2012-13 : -
2013-14 : 63.38
2014-15 : 114.24
2015-16 : 92.15
े : गैर-किष े
2010-11 : 22.84
2011-12 : 97.8
2012-13 : 53.56
2013-14 : 21.26
2014-15 : 298.06
2015-16 : 67.88
े :अय
2010-11 : 8.72
2011-12 : 33.98
2012-13 : 170.46
2013-14 : 169.73
2014-15 : 1319.3
2015-16 : 25.17
े : योग
2010-11 : 285.99
2011-12 : 376.54
2012-13 : 521.43
2013-14 : 370.64
2014-15 : 2157.36
2015-16 : 3219.66
ोत : नाबाड, िबहार
ामीण अिधसंरचना िवकास कोष (Rural Infrastructure Development
Fund—RIDF)
क सरकार क ारा 1995-96 म ामीण अिधसरचना िवकास कोष क थापना रा य सरकार और
सरकारी वािम ववाले िनगम क प रयोजना को ज द पूरा करने क उ े य से क गई ह। इस कोष क ारा
कम याज दर पर सहायता उपल ध कराकर ामीण अिधसंरचना प रयोजना का िव पोषण िकया जाता ह। इस
कोष का बंधन नाबाड क ारा िकया जाता ह। अनुसूिचत यावसाियक बक किष े हतु ऋण उपल ध कराने
म पीछ रह जाते ह। इसी कमी को पूरा करने क िलए इस कोष क थापना क गई ह। ामीण अिधसरचना िवकास
कोष का िनमाण िन निलिखत उ े य को ा करने क िलए िकया गया ह—
1. रा य सरकार ारा पहले से िकए गए िन फल िनवेश को सफल बनाना।
2. अित र िसंचाई मता सृिजत करना।
3. ामीण े क लोग क िलए रोजगार का सृजन करना।
4. रा य क आिथक संपदा को बढ़ावा देना।
5. गाँव और बाजार क म सड़क संपक म सुधार करना।
33. नीितयाँ
(Policies)
औ ोिगक नीित
िबहार टाटअप, नीित, 2016
सूचना एवं संचार ौ ोिगक नीित, 2011
िबहार िव ापन नीित, 2016
िबहार लोक सेवा का अिधकार अिधिनयम, 2011
िबहार किष भूिम (गैर-किष योजन क िलए संप रवतन) अिधिनयम, 2010
िबहार लोक िशकायत िनवारण अिधकार अिधिनयम, 2015
िबहार म नषेध एवं उ पाद अिधिनयम, 2016
औ ोिगक नीित
औ ोिगक करण तथा औ ोिगक िवकास को अिधकाशंतः आिथक िवकास का सूचक तथा इजन माना जाता ह।
किष े तथा सेवा े का िवकास औ ोिगक े क िवकास पर िनभर करता ह। औ ोिगक े का िवकास
जहाँ एक ओर रोजगार तथा आय सृजन क ारा अथ यव था म माँग का सृजन करता ह, वह दूसरी ओर देश क
ती तथा आ मिनभर आिथक िवकास क न व तैयार करने म मदद करता ह। औ ोिगक िवकास िकसी रा य क
आिथक िवकास म िन नांिकत प म सहायक होता ह—
1. अथ यव था म मू यवधन तथा इस कार रा य सकल घरलू उ पाद (GSDP) म योगदान क ारा। जैसा
िक सवमा य ह िक किष ि या तथा किष उ पाद क अपे ा औ ोिगक े म मू यवधन अिधक होता ह।
2. किष े क मािध य तथा उ पाद आिध य, िजसम उ ोग क योग म आनेवाला क ा माल स मिलत
ह, को योग म लाकर तथा किष तथा सेवा े क िलए आव यक आगत, जैसे—उवरक, मशीन आिद यव था
क ारा किष े क िवकास म मह वपूण भूिमका अदा करना।
3. अथ यव था म रोजगार सृजन म सहायक होना।
4. िनयात संवधन म भूिमका अदा करना।
उ ोगीकरण से आशय उ पादन तथा िनवेश क ढाँचे म उ ोग क ब लता से ह, िजससे रा य सकल घरलू
उ पाद (GSDP) तथा म श क योग म औ ोिगक े का िह सा बढ़ सक।
औ ोिगक नीित रा य क समि गत॒आिथक नीित का ि या मक पहलू ह। सरकार क औ ोिगक नीित जहाँ
रा य क औ ोिगक िवकास क काय-योजना तुत करती ह, वह दूसरी ओर यह प करती ह िक इस काय-
योजना क रणनीित या होगी या औ ोिगक िवकास म सावजिनक तथा िनजी े क या भूिमका होगी तथा
औ ोिगक िवकास म िवदेशी पूँजी तथा िवदेशी उ िमय क या थित होगी? औ ोिगक नीित व तुतः रा य क
औ ोिगक िवकास क हर पहलू पर काश डालनेवाला रा य का आिथक संिवधान (Economic Constitution) ह।
औ ोिगक नीितय म प रवतन समि आिथक नीित म ए प रवतन क ितिलिप ह।
िबहार रा य को उ ोग से भरा आ एक नया व प दान करने क आव यकता ह। यहाँ नए-नए उ ोग
लगाने तथा रा य क ण एवं बंद इकाई को यथासंभव पुनज िवत करने क आव यकता ह। इसक िलए रा य म
आंत रक और देश क बाहर से िनवेश आकिषत करने क िलए िबहार म अनुकल वातावरण बनाना होगा। इसी म
म िविभ औ ोिगक नीितय का िनणय िलया गया और औ ोिगक नीित वतमान प र े य म या हो, िजससे रा य
म संतुिलत आिथक िवकास हो, पर िवचार आ। िबहार म औ ोिगक िवकास क िलए िविभ नीितय क घोषणा
क गई ह, जो िन न ह—
औ ोिगक ो साहन नीित, 2006
िबहार सरकार ने औ ोिगक नीित, 2003 क समी ोपरांत औ ोिगक ो साहन नीित, 2006 को तैयार िकया।
िबहार उ ोग संघ, िबहार चबर ऑफ कॉमस, भारतीय उ ोग संघ आिद और संबंिधत सरकारी िवभाग क साथ
िवचार-िवमश कर इस औ ोिगक नीित को तैयार िकया गया। इस नीित को तैयार करने म िविभ रा य क
औ ोिगक नीितय को भी यान म रखा गया।
इस औ ोिगक ो साहन नीित, 2006 म उ पादन क पूव टांप यूटी एवं पंजीकरण शु क तथा उ पादन क बाद
प रयोजना ितवेदन, भूखंड/शेड, तकनीक जानकारी शु क, क टव पावर जेनरशन/डीजल जेनरिटग सेट/गुणव ा
माणन, वैट ल जरी कर, िव ुत शु क, संप रवतन शु क, मंडी कर आिद पर अनुदान एवं सुिवधा देने का
ावधान ह।
औ ोिगक ो साहन नीित, 2006 क लागू होने से आशा क जाती ह िक रा य क ित य आय म वृ
होगी एवं िनयोजन क साथ-साथ व रत आिथक िवकास होगा।
कायनीित
(i) रा य म उ ोग क थापना क िलए अनुकल वातावरण तैयार करना, तािक िनवेशक क बीच सकारा मक
संदेश का वाह हो।
(i) िबहार िसंगल िवंडो यरस अिधिनयम, 2006—रा य क सवागीण िवकास एवं औ ोिगक िवकास को
बढ़ावा देने क उ े य से उ ोग को बढ़ावा देने क िलए व रत िनपटान ि या, अनु एवं माण-प का
िन पादन िकए जाने एवं साथ ही िबहार रा य क िनवेशक को एक सौहादपूण वातावरण देने क उ े य से संबंिधत
िवषय या अ य संबंिधत िवषयव तु क िलए िबहार िसंगल िवंडो यरस अिधिनयम, 2006 अिधिनयिमत िकया
गया ह।
(iii) िबहार आधारभूत संरचना िवकास साम यकारी अिधिनयम, 2006—रा य क भौितक एवं सामािजक
आधारभूत संरचना क ती िवकास एवं िनजी े क भागीदारी तथा ा पण, िव पोषण, िनमाण, प रसंचालन
रखरखाव आिद से संबंिधत िवषय क सवागीण अिधिनयम का ावधान, शासिनक ि या मक िवलंब कम करने
एवं प रयोजना जोिखम िच त करने क िलए िबहार आधारभूत संरचना िवकास साम यकारी अिधिनयम, 2006
अिधिनयिमत िकया गया ह।
लघु उ ोग क पुनवास हतु सरकार उ ोग िनदेशक क अ य ता म रा य तरीय शीष सं थान गिठत करगी।
इसक सद य बक, िव ीय सं थान, रजव बक ऑफ इिडया, उ ोग संघ क ितिनिधगण, सरकारी तं एवं
िवशेष ह गे। इस कमेटी को वैधािनक श याँ दान क जाएँगी, िजससे यह सिमित अनुमोिदत पुनवास पैकज को
भावी ढग से काया वत कर सक। रजव बक, इड यल डवलपमट बक ऑफ इिडया, िसडबी (SIDBI) क
िदशा-िनदश क अनुसार ण एवं लघु इकाइय क पहचान क जाएगी। उनक पुनवास हतु उपयु पुनवास पैकज
का अनुमोदन िकया जाएगा। िजन इकाइय का पुनवास हो रहा ह, उ ह येक वष णता माण-प नह लेना
होगा। रा य तरीय शीष सं था ारा पहचान क गई ण इकाइय को पुनवास हतु बक एवं िव ीय सं था से
रजव बक क मागिनदशानुसार छट एवं रयायत िमलेगी। यह छट एवं रयायत एक िन त सीमा क अंदर ही देने
पर िवचार िकया जाएगा। ण एवं बंद इकाइयाँ, िज ह ने पूव म िकसी औ ोिगक नीित का लाभ उठाया ह, तब भी
पुनः दूसरी बार उस ण एवं बंद इकाई को इस नीित क अंतगत लाभ िमलेगा, परतु उ ह सुिवधा उतनी ही रािश
क ा होगी, जो नई नीित क अनुसार तािवत और पूव म ा रािश का अंतर होगा। इस कार क सुिवधा
इकाई को अिधकतम दो बार ही िमल सकती ह।
सूचना ौ ोिगक एवं बायोट ोलॉजी उ ोग क रा य म इकाइयाँ थािपत करने पर िवशेष ो साहन
िदया जाएगा।
बृहत एवं म यम े म णता को दूर करने क िलए उ ोग सिचव क अ य ता म एक सिमित गिठत क
जाएगी। िबहार रा य िव िनगम, िबहार रा य साख एवं िविनयोग िनगम तथा बक क अंतरसं थािनक सिमित
ारा तैयार क गई पुनवास योजना क अंतगत चुनी गई रयायत एवं सुिवधाएँ उ ोग सिचव क अ य ता म गिठत
सिमित क सम िवचाराथ एवं सरकार क अनुशंसा हतु रखी जाएँगी।
िव तार/िवशाखन/आधुिनक करण करनेवाली इकाइय को सुिवधा
ऐसी िव मान इकाइयाँ, जो अपनी मता का िव तार या िवशाखन या आधुिनक करण करती ह तो इ मटल
उ पादन पर ऐसी इकाइय को किडका-2 म विणत नई इकाइय को देय सुिवधा ा होगी।
गुणव ा माणन पर ो साहन
रा य म लघु उ ोग इकाइय क गुणव ा म सुधार करने क ि कोण से आई.एस.ओ. मानक रा ीय या
अंतरा ीय याित ा सं था से माणन ा करने क म म ए यय क 75 ितशत क ितपूित रा य
सरकार ारा क जाएगी।
सूचना ौ ोिगक िमशन
रा य सरकार सूचना ौ ोिगक िवकास क िलए आई.टी. िमशन चलाएगी, िजसका मु य उ े य िन नव होगा
—
(i) आिथक िवकास,
(ii) मानव संसाधन का िवकास,
(iii) सरल, भावी एवं पारदश शासन दान करना,
(iv) उ त संचार यव था।
रा य सरकार ारा सूचना ौ ोिगक े म ती िवकास क िलए दूषण िनयं ण ऐ ट, भारत सरकार क
मागदशन क अनुसार ही भावी होगा। िबहार दुकान एवं ित ान अिधिनयम, 1953 क अनुसूची-1 म सूचना
ौ ोिगक उ ोग को शािमल िकया गया ह। इसे भी अिधिनयम क धारा-7, 8 एवं 12(1) क अनुसार छट ा
होगी। इसक ारा उ ित ान क खोलने एवं बंद करने क समय म, िब क समय म एवं सा ािहक
अवकाश म छट दान क जाएगी। कारखाना अिधिनयम, 1948 क धारा-66 क अनुसार मिहला क काय
अविध को सूचना एवं ौ ोिगक ित ान क िलए िशिथल िकया जा सकगा। इसक ारा मिहलाएँ इन ित ान
म 6 बजे सुबह से 7 बजे सं या तक काय करने क जगह 5 बजे सुबह से 10 बजे राि तक काय कर सकगी।
रा य कमचारी बीमा अिधिनयम, 1948 क धारा-87 क अंतगत सूचना ौ ोिगक उ ोग को िनयमानुसार छट
दान क जाएगी। यूनतम मजदूरी अिधिनयम, 1948 क अंतगत सूचना ौ ोिगक उ ोग को अिधिनयम क
अनुसूची म एक वतं िनयोजन क प म जोड़ा जाएगा तथा इसक अंतगत कामगार को अलग से वग कत िकया
जाएगा। सूचना ौ ोिगक एवं बायोट ोलॉजी उ ोग क रा य म इकाइयाँ थािपत करने पर िवशेष ो साहन िदया
जाएगा।
हथकरघा े
इस नीित क अंतगत हथकरघा े को िव ुत ट रफ म 75 पैसे ित यूिनट का िव ुत अनुदान दान िकया
जाएगा। बुनकर क िलए कायशाला सह आवास योजना दान क जाएगी। अपनी िनजी जमीन नह होने पर
सरकारी शेड का िनमाण िकया जाएगा। टर िवकास प रयोजना क अंतगत उपल ध सारी सुिवधा बुनकर को
उपल ध कराई जाएगी। रा य म ट सटाइ स पाक क थापना क जाएगी। इसक थापना से िडजाइन इ यािद म
आव यक सुधार, गुणव ा का उ यन तथा िवपणन म सहायता बुनकर को िमल सकगी। पटना म एक अबन हाट
क थापना क जाएगी, िजसम हथकरघा एवं ह तिश प साम ी क िब क यव था होगी। स ल ोसेिसंग
लांट, िबहारशरीफ तथा डाई एवं िफिनिशंग लांट, दरभंगा क पुनज वन क यव था रा य सरकार ारा क
जाएगी। इसम बुनकर ारा उ पािदत व तु को डाई, िफिनिशंग एवं ोसेिसंग क िलए सुिवधा िमलेगी। हथकरघा
े क बुनकर क बकाया ऋण क ितपूित एवं सूदमाफ क योजना का काया वयन होगा।
आर ण
सरकार क आर ण नीित का अनुपालन करनेवाली इकाइय को वतमान नीित क अनुसार िमलनेवाली सुिवधा से
10 ितशत अिधक ो साहन िदया जाएगा।
अनु वण एवं समी ा
एक महीने क अंदर सभी संबंिधत िवभाग एवं संगठन इस नीित क ावधान को भावी बनाने हतु यथाव यक
अिधसूचनाएँ िनगत करगे। रा य सरकार ारा उसका समुिचत प से अनु वण िकया जाएगा, िजससे रा य
सरकार ारा इस नीित क म यावत समी ा क जा सक।
औ ोिगक ो साहन नीित म िमलनेवाली ो साहन या अनुदान या सुिवधा नई औ ोिगक इकाइय पर लागू होगी,
जो िदनांक 01.04.2006 से 5 वष क बीच यावसाियक उ पादन म आएँगी।
औ ोिगक ो साहन नीित, 2011
िबहार म सावभौिमक औ ोिगक प र य म तेजी से प रवतन क म ने जर एवं रा य म आंत रक और देश क
बाहर से िनवेश आकिषत िकए जाने क साथ-साथ रा य क िव मान उ ोग को पुनज वन एवं िव तारण क िलए
समुिचत माहौल एवं ो साहन क उ े य से औ ोिगक ो साहन नीित, 2006 क समी ा क गई। समी ा क
उपरांत वतमान प रपे्र य म आव यक हो गया िक नई औ ोिगक नीित बनाई जाए, िजसम रा य म संतुिलत
औ ोिगक िवकास को तथा रा य क सामािजक एवं आिथक उ थान म उ ोग का योगदान हो सक।
औ ोिगक ो साहन नीित, 2011 क िनमाण क िलए रा य क मुख औ ोिगक संघ , यथा—िबहार उ ोग संघ,
चबस ऑफ कॉमस, क फडरशन ऑफ इिडयन इड ीज, लघु उ ोग भारती, हाजीपुर उ ोग संघ आिद िविभ
सं था एवं संबंिधत सरकारी िवभाग क साथ िवचार-िवमश एवं सुझाव ा िकए गए। ा िवचार को
समेिकत करते ए िबहार औ ोिगक ो साहन नीित, 2011 तैयार क गई। इस नीित म अ य रा य क नीितय का
भी यान रखा गया।
तािवत नीित क अंतगत उ पादन क पूव टांप यूटी एवं पंजीकरण शु क म शत ितशत छट, औ ोिगक
इकाइय को पूँजीगत अनुदान, वैट क 80 ितशत ितपूित क रािश म वेश कर को स मिलत िकए जाने, क टव
पावर जेनरशन या डीजल जेनरिटग शेड पर िव मान इकाइय पर भी ो साहन एवं गैर-पारप रक ोत से ऊजा
उ पादन पर अनुदान प रयोजना ितवेदन बनाने पर ए यय क ितपूित, तकनीक जानकारी शु क, गुणव ा
माणन पर छट, िव ुत शु क इ यािद पर अनुदान या छट आिद कई ो साहन का ावधान ह।
औ ोिगक ो साहन नीित, 2011 क लागू होने से आशा क जाती ह िक रा य क िवकास म काफ वृ होगी
तथा िनयोजन क साथ व रत औ ोिगक िवकास होगा, साथ ही िबहार क सभी नाग रक क सम िवकास म
उ ोग क सकारा मक भूिमका होगी।
इस नीित क काया वयन क िलए िन निलिखत काय-नीित अपनाई जाएगी—
(i) लड बक क थापना क जाएगी, जो उ ोग क थापना म अहम भूिमका िनभाएगा। उ ोग एवं िवकास
योजना क िलए भूिम क आव यकता को देखते ए रा य म लड बक क थापना क कारवाई क जाएगी,
िजसक मा यम से आव यकतानुसार िविभ उ ोग एवं िवकास योजना क िलए भूिम क उपल धता हो सकगी।
(ii) रा य म उ ोग क थापना हतु अंतरा ीय तर क आधारभूत संरचना का िवकास करना, तािक रा य म
अिधक-से-अिधक देशी-िवदेशी पूँजी िनवेश आकिषत हो सक।
(iii) लघु एवं सू म ामीण उ ोग , ह तिश प, हथकरघा, खादी, रशम आिद उ ोग को िवकिसत करते ए
इनक ारा उ पािदत सामि य क िवपणन क यव था करना।
(iv) ण इकाइय क पुनवास हतु ससमय णता क कारण क पहचान कर समय पर आव यक उपाय करना,
तािक इकाई को ण होने से रोका जा सक तथा इसक िलए िजला तरीय अनु वण णाली िवकिसत कर णता
को यथासंभव रोकने का यास करना।
(v) रा य सरकार ारा कारगर िसंगल िवंडो िस टम प रयोजना को उपल ध कराना तथा आव यक
आधारभूत सुिवधाएँ, यथा—सड़क, पानी एवं अबािधत िव ुत क उपल धता सुिन त करना।
(vi) औ ोिगक ांगण या े म सामा य उ ेरक उपचार (Common Enfluent Treatment) क यव था
िकया जाना।
(vii) िबयाडा ारा नई औ ोिगक इकाइय क थापना क िलए औ ोिगक पाक का िनमाण िकया जाएगा,
तािक नए, म यम एवं बृहत उ ोग क थापना शहरी एवं ामीण े म हो।
(viii) रा य सरकार का िन नांिकत े म मु य फोकस होगा—
(क) खा सं करण उ ोग,
अिधसीमा तक क जाएगी, जो 10 वष क िलए होगी एवं पूँजी िनवेश क 300 ितशत तक ही देय होगी।
नई औ ोिगक इकाइय को यावसाियक उ पादन करने क प ा ल जरी ट स तथा िव ुत शु क म 7
वष क िलए 100 ितशत क छट ा होगी तथा भूिम संप रवतन शु क म 100 ितशत क छट ा
होगी।
नई औ ोिगक इकाइय को उ पादन म आने क बाद वैट क अंतगत आउटपुट ट स से वेश कर क रािश
सामंिजत होने क थित म वेश कर मद म भुगतान क गई रािश को वैट क 80 ितशत रािश क ितपूित म
स मिलत िकया जाएगा। यह सुिवधा कायरत इकाइय को भी देय होगी तथा उपरो सभी कार क इकाइय को
इस नीित क भाव म आने क बाद ही देय होगी। वेश कर मद म अलग से यिद िकसी छट का िनणय होता ह तो
त संबंधी अिधसूचना समय-समय पर िव (वािण य कर) िवभाग ारा िनगत क जाएगी। नई औ ोिगक इकाइय
को यावसाियक उ पादन करने क प ा ल जरी ट स तथा िव ुत शु क म 7 वष क िलए 100 ितशत क छट
ा होगी तथा भूिम संप रवतन शु क म 100 ितशत क छट ा होगी।
वतमान म कायरत औ ोिगक इकाइय को वीकत वैट रािश क िव रा य सरकार क खाते म जमा वैट/
वेश कर क रािश क 25 ितशत ितपूित क जाएगी। यह ितपूित लगातार 5 वष क अविध तक ही अनुमा य
होगी। कायरत इकाइय ारा िव तार िकए जाने पर उनको भी िव ता रत भाग तक यह सुिवधा ा हो सकगी।
यह सुिवधा पूव से कायरत चीनी िमल को भी िमलेगी, बशत िक इस कार क सुिवधा उ ह ग ा ो साहन नीित
क तहत नह ा ई हो।
सू म, लघु एवं म यम उ ोग ारा उ पािदत सामि य पर क ीय िब कर 1 ितशत देय होगा।
अ य िवशेष सुिवधाएँ
ण उ ोग को पुनज िवत करने क िलए वािण यक बक, रा य सरकार एवं उ ोग संघ ारा एवं अ य क
सहयोग से उ ोग पुनवास िनिध क थापना क जाएगी। इसक मा यम से ण, लघु एवं म यम इकाइय , िजनका
पुनवास पैकज वीकत िकया गया हो, को कम समय म िव ीय सहायता दान क जाएगी।
अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित, मिहला एवं िनःश उ िमय को इस नीित म िनधा रत सीमा से 5 ितशत
अिधक अनुदान अनुमा य होगा। इस ेणी क उ मी यिद लघु एवं अितलघु उ ोग लगाते ह, तो 30 लाख पए
ितवष बैलस शीट क अनुसार िब से ा आय तक क िलए वैट क प म सरकार क खाते म जमा रािश क
100 ितशत ितपूित 10 वष क िलए क जाएगी। यह छट या अनुदान उ ह ित ान को देय होगा, जो
अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित, मिहला एवं िनःश ेिणय क उ िमय क पूण वािम व म होगा।
िकसी औ ोिगक इकाई ारा इस नीित क लागू होने क प ा अगर कम-से-कम 100 य िनयोजन सृिजत
िकया जाता हो तो उनक िनयोजन क ितिथ से 1 वष तक उनक नए कमचा रय को ई.पी.एफ. क रािश इकाई
ारा भुगतान क जाएगी। उसक समतु य ो साहन रािश रा य सरकार ारा दी जाएगी।
बृहत उ ोग को ाथिमकता देने हतु तथा रा य म िविभ कार क पूँजी िनवेश को आकिषत िकए जाने क
उ े य से 500 करोड़ से अिधक िनवेश से संबंिधत ताव पर रा य सरकार ारा इस नीित क अंतगत ा
सभी सुिवधा क अलावा पूँजीगत अनुदान 20 ितशत देय होगा, परतु इसक अिधसीमा 5 करोड़ क थान पर
30 करोड़ पए होगी।
औ ोिगक णता
(iii) िबहार को कशल म क ोत क प म अिधमा यता िदलाने हतु कौशल िवकास एवं तकनीक िश ा म
िनवेश िकया जाना। कशल म का देश क िविभ िह स म ही नह अिपतु िवदेश म भी अ यिधक कमी का
पूवानुमान ह।
(iv) सू म, लघु एवं म यम े क उप म को उनक सीिमत भूिम क आव यकता तथा ित इकाई पूँजी,
ऊजा, अिधक म श क मता क आधार पर अिधमा यता दान िकया जाना।
(v) सू म, लघु एवं म यम े म टर िवकास को ो सािहत िकया जाना।
(vi) थानीय उ पाद, थानीय कौशल एवं थानीय खपत-आधा रत उ ोग पर जोर देना।
(vii) कम ऊजा खपत एवं कम दूषणवाले उ ोग को अिधमा यता दान करना।
(viii) तािवत अमृतसर-कोलकाता-औ ोिगक कॉ रडोर (ए.क.आई.सी.) क अंतगत तािवत समेिकत
उ पादन, टर अंतगत बृहत े क इकाइय को ो सािहत िकया जाना ह। रा य सरकार इकाइय क थापना
हतु समुिचत भूिम क तलाश म िनवेशक को सहायता दान करगी, जबिक उनसे यह अपे ा होगी िक इन िन िपत
े क बाहर इकाइयाँ अपने तर से भूिम ा कर सकगी।
(ix) ह रटज पयटन क िवकास क िलए नए िनवेश को ो सािहत िकया जाना, िजसक िलए रा य बड़ पैमाने पर
अवसर दान करता ह।
(x) नई सुिवधा क िवकास और िव मान सुिवधा क सावजिनक-िनजी भागीदारी क प म बंधन म
िनवेश को ो सािहत िकया जाना।
(xi) सावजिनक एवं िनजी े म आनेवाले िनवेश म आपूित क िलए आनुषंिगक इकाइय का िवकास करना।
(xii) िनवेशक क िलए औ ोिगक प रयोजना क थापना म पेश आ रही सम या /किठनाइय को मा
एक मंच से दूर करने क िलए उ ोग संवाद पोटल क थापना िकया जाना।
नीित क सीमाएँ—औ ोिगक ो साहन नीित िन न शत क साथ रा य क सभी नई इकाइय पर लागू होगी—
(i) िकसी भी व तु का उ पादन करनेवाली इकाई, िजसम उ पादन काय क प रणाम व प मू यवधन नह होता
ह, इस नीित क अंतगत िवचारणीय नह होगी। वैसी इकाइयाँ जो मा यापा रक कायकलाप म संल न ह, वे इस
नीित क दायर म नह आएँगी।
(ii) वैसे सभी य य , फम , कपिनय ारा वितत इकाइयाँ, जो सरकार, रा य या क ारा कभी काली
सूची म डाल दी गई ह , वे इस नीित क लाभ ा करने क हकदार नह ह गी।
(iii) य य , फम , कपिनय ारा वितत इकाइयाँ, जो पूव म कभी भी िकसी बक अथवा िव ीय सं थान
ारा उनक ारा िदए गए ऋण क िलए िडफॉ टर घोिषत कर दी गई ह तथा उनक िव रा य सरकार का
कोई बकाया हो, वे इस नीित क लाभ ा करने क पा नह ह गी।
(iv) िकसी भी ाकितक आपदा अथवा यापार क कारण ए नुकसान क ितपूित क प म इस नीित क
अंतगत ो साहन का दावा नह िकया जा सकता ह।
(v) यह नीित िवदेशी िनवेश सिहत िनजी िनवेश क िलए मा य ह, परतु क ीय अथवा रा य सरकार ारा
अकले अथवा िनजी भागीदारी म िकए गए सावजिनक े िनवेश क िलए अनुमा य नह ह।
ाथिमकता का े —िबहार म कछ े , जैसे—खा सं करण, चमड़ा, पयटन आिद म ाकितक
फायदे ह और रा य सरकार अिधकतम रोजगार सृजन सुिन त करने तथा लोग क जीवन तर म सुधार करने हतु
इनसे ा होनेवाले लाभ पर यान कि त करना चाहगी, जो िन न ह—
(i) खा सं करण े —िबहार किष- धान अथ यव था होने क कारण मानव क उपयोग हतु सं कत क
जानेवाली क ी सामि य क पया आपूित करनेवाला बृहत किष पशु उ पादन आधार ह। इन ाकितक साधन
क बावजूद खा सं करण का तर काफ िन न ह और एक िटकाऊ उपभो ा बाजार दान करते ए रा य क
बढ़ती ई जनसं या क आव यकता को पूरा करने हतु खा सं करण तर को िवकिसत करने क भरपूर
संभावना ह। खा सं करण उ ोग क िलए एक िटकाऊ अवसर दान करता ह और इस रा य क
औ ोिगक करण अिभयान म अ णी भूिमका अदा करने क संभावना दान करता ह। ाथिमकता ा मुख े
क मुख उ पाद और इसक रणनीितक फायदे इस कार ह—
मुख किष उ पाद : खा ा (अनाज एवं दाल) तथा ितलहन
रणनीितक फायदे : (क) िवगत 5 वष अथा 2011-12 से 2014 क दौरान रा य म अनाज का उ पादन तर
वािषक तौर पर 5.65 ितशत बढ़ा ह। वष 2014-15 म रा य का अनाज उ पादन 143.21 लाख टन था, जो देश
म सबसे अिधक ह।
(ख) हमार कछ मह वपूण उ पाद ह—चावल : 82.41 लाख टन, गे : 35.70 लाख टन, म ा : 24.78 लाख
टन, दाल : 4.28 लाख टन तथा ितलहन : 1.27 लाख टन।
(ग) िबहार म म ा क उ पादकता देश क सभी रा य से अिधक ह।
मुख किष उ पाद : फल (आम, अम द, लीची तथा कला) और स जी (आलू, बंदगोभी, फलगोभी, ओकरा)
रणनीितक फायदे : (क) स जय क उ पादन म देश म िबहार का थान पहला ह।
(ख) रा य म उ पािदत कछ मह वपूण स जयाँ ह—आलू : 63.46 लाख टन, याज : 12.47 लाख टन,
फलगोभी : 10.3 लाख टन, टमाटर : 10.46 लाख टन। अ य स जयाँ, जैसे—बंदगोभी, िभंडी, गाजर और मटर
का भी उ पादन होता ह, जो वािण यक सं करण क िलए उपयु हो सकते ह।
(ग) रा य म उ पािदत कछ मह वपूण फल ह—कला : 15.27 लाख टन, आम : 12.72 लाख टन, अम द :
3.7 लाख टन एवं लीची : 1.98 लाख टन।
(घ) रा य अपनी लीची पैदावार हतु भारत तथा अंतरा ीय बाजार म िव यात ह और यहाँ प प, जूस, प प लैब,
ने टार, जैम, जेली इ यािद हतु इकाई थािपत करने क बृहत संभावना ह।
मुख किष उ पाद : मखाना/मूँगफली
रणनीितक फायदे : (क) मखाना/मूँगफली रा य क एक िवशेष उपज ह, िजसका उपयोग उ ेणी क खा
पदाथ म िकया जा सकता ह तथा इसका समुिचत िवपणन कर अ छ दाम म बेचा जा सकता ह।
मुख किष उ पाद : पशु उ पाद (दूध, मांस, मछली, अंड, शहद)
रणनीितक फायदे : (क) रा य म कल पशुधन जनसं या 329.38 लाख ह और इसक काफ बढ़ने क उ मीद ह।
(ख) कल पशुधन क आबादी लगभग 52 ितशत दुधा पशु क ह, िजसम गाय 122.31 लाख, बकरी 121.53 लाख
और भस 75.67 लाख ह।
(ग) 79.172 लाख टन
ितिदन क औसत उ पादन क साथ दूध रा य क सबसे मह वपूण भोजन उ पाद म से एक ह और
इसक सं करण क ब त बड़ अवसर ह।
(घ) भस, बकरी और मुग क बड़ी आबादी रा य म मांस सं करण क िलए एक मह वपूण अवसर तुत करती ह।
(ङ) रा य म 1071000 ह टयर अथवा 267000 एकड़ जल े ह। इसम तालाब (95000 ह टयर), आ सबो लेक
(9000 ह टयर), रजवायस (26000 ह टयर) एवं वेट लड (9.41 लाख ह टयर) ह। रा य म निदय क कल लंबाई
3200 िकमी. ह। रा य क िवशाल जल संपदा ताजा मछली क सं करण क सुिवधा /इकाइय क िलए लाभ द
संभावना दान करती ह। वष 2014-15 म रा य म िविभ जल ोत से औसत मछली उ पादन 5 लाख टन वािषक था।
(च) िबहार देश म शहद क 4 सबसे बड़ उ
पादक म एक ह और ितवष शहद का लगभग 6500 मीि क टन उ पादन
करता ह। शहद आधुिनक जीवन म एक मह वपूण घटक होता जा रहा ह और पौि क भोजन क ेणी म रखा गया ह।
कम िनवेश क आव यकता और अिधक राज व मता क वजह से संभािवत पहली पीढ़ी क उ िमय क बीच इसक
पहली पंसद होने क संभावना ह।
पयटन े —समृ सां कितक िवरासत, धािमक और ऐितहािसक मारक को देखते ए िबहार म
(ii)
पयटन े म चुर संभावना ह। संसार क दो महान धम —बौ धम एवं जैन धम क ज म थली होने क कारण
िबहार पयटन क े म गित कर सकता ह। िबहार िहदू, बौ , जैन, िसख और इ लाम क धािमक गितिविधय
का क रहा ह। िबहार क समृ सां कितक एवं धािमक िवरासत पयटन का आधार हो सकती ह। यह नालंदा
और िव मिशला ाचीन िव िव ालय क भूिम ह। संसार क िविभ देश से िव ािथय क मा यम से सुदूर और
िव तृत े म ान का सार आ ह। इन दो ाचीन िव िव ालय क अवशेष— ाचीन व तुएँ और कलाकितयाँ
बड़ी सं या म पयटक को आकिषत करती ह। रा य भर म अलग-अलग प र य और सां कितक िवरासत,
ाकितक व य जीवन इन पयटनीय उ पाद को धनी बनाते ह। याि य को आकिषत करने क िलए रा य क ारा
िविभ पयटक े िन नव ह—
पयटन े : आ या मकता
हमार साम रक लाभ : िबहार म पयटन क िलए पारप रक प से आ या मक िच क थान पर जाकर याि य क
मण क अ छ आसार ह। इस पहलू पर यान कि त करते ए कछ िच त पयटन सिकट िन न कार ह—
1. बु सिकट—बोधगया (गया), राजगीर (नालंदा), नालंदा, वैशाली, लौ रया, नंदनगढ़ (पूव चंपारण), लौ रया अरराज
(पूव चंपारण), कस रया (पूव चंपारण), िव मिशला (भागलपुर), जहानाबाद।
2. सूफ सिकट—मनेरशरीफ (पटना), खानकाह मुजीिवया (पटना), िम न घाट (पटना), हाजीपुर करबला (वैशाली),
हसनपुर (नालंदा), बीबी कमाल सािहब (जहानाबाद), बड़ी दरगाह (नालंदा), छोटी दरगाह (नालंदा)।
3. जैन सिकट—वैशाली, राजगीर (नालंदा), पावापुरी (नालंदा), नाथनगर (भागलपुर), मंदार िहल (बाँका), चंपानगर
5. श सिकट—मुंड री थान (कमूर), चंडी थान (मुंगेर), उ तारा थान (मिहषी, सहरसा), आिम (सारण), थावे
(गोपालगंज), ताराचंडी थान (रोहतास), बखोरापुर (भोजपुर), यामाकली (दरभंगा), भगवती थान (नयानगर, मधेपुरा),
बड़ी पटनदेवी (पटना), छोटी पटनदेवी (पटना), म यगंधा र काली टपल (सहरसा), उ ैठ (मधुबनी)।
6. िसख सिकट—पटना सािहब (पटना िसटी, पटना), बाललीला साहब (पटना), गु तेगबहादुर गु ारा (गया घाट,
पटना), गु नानक कड (राजगीर नालंदा), आरा, किटहार, गया एवं सासाराम, भागलपुर, गु का बाग (पटना िसटी, पटना),
गु ारा प संगत (मुंगेर), गु ारा िहदी साहब (दानापुर पटना)।
7. गांधी सिकट—मोितहारी (पूवचंपारण), बेितया (प मी चंपारण), िभितहरवा आ म (प मी चंपारण), वृंदावन
(प मी चंपारण), सदाकत आ म (पटना), गांधी सं हालय (पटना)।
8. िशव सिकट—गु धाम (कमूर), बैजूधाम (गया), कोट र धाम (गया), िसं े र धाम (मधेपुरा), कशे र थान
(दरभंगा), िसंह र थान (जहानाबाद), अजगैबीनाथ (सु तानगंज, भागलपुर), अशोकधाम (लखीसराय), गरीबनाथ
(मुज फरपुर), मह नाथ (सारण), े रनाथ (ब सर)।
9. मंदार एवं अंग सिकट—मुंगेर, भागलपुर एवं बाँका।
कला तथा िश प क चार ओर ामीण पयटन को िवकिसत करना एवं बढ़ावा देना। उदाहरण व प टहटा
(जहानाबाद), नेपुरा (नालंदा), रती एवं िजतवपुर (मधुबनी), प थरक ी (गया), नाथनगर (भागलपुर) इ यािद
कायरत गाँव ामीण पयटन क िवकास क प म लि त िकए जा सकते ह।
पयटन े : क याण
हमार साम रक लाभ : योगा और राजगीर तथा मुंगेर क स फर जल, गरम जल क झरन को ए ाथेरपी
आधा रत क याण पयटन क प म िवकिसत िकया जा सकता ह। यह िबहार क अनोखी पयटन संभावना हो
सकते ह। यह िबहार का सबसे अनोखा पयटन—मानिसक, आ या मक एवं शारी रक हर आयाम से सम
िचिक सा और य क कायाक प का पेशकश उ पाद हो सकता ह।
पयटन े : पा र थितक
हमार साम रक लाभ : संभावना यो य पयटन थल तािवत करने हतु व यजीव अभयार य को एक कत कर
पा र थितक पयटन को ो सािहत िकया जा सकता ह। िच त पयटन थल म से कछ ह—राजगीर (नालंदा),
भीमबाँध अभयार य (मुंगेर), कमूर अभयार य (कमूर), गौतमबु अभयार य (गया), नकटीधाम (जमुई),
गोगािवल अभयार य (भागलपुर), काँवर झील (बेगूसराय), घोड़ाकटोरा झील (नालंदा), काकोलत झरना (नवादा),
तेलहार झरना (रोहतास), गगेिटक डा फन अभयार य (भागलपुर) एवं वा मीिक नेशनल पाक (प मी चंपारण)।
पयटन े : और व य जीवन
हमार साम रक लाभ :
का उपयोग, आधुिनक किष संयं किष क उ पादन को बढ़ाने म एक मह वपूण भूिमका िनभाते ह। सव म तर
क यं का योग कर कम लागत पर किष को लाभकारी बनाना एवं उसक ित लोग म िदलच पी पैदा करना
अिनवाय ह।
वतमान समय म किष म यं का योग काफ बढ़ा ह। िबहार म किष रोड मैप क तहत किष यांि क करण
एक अिभ िह सा ह। रा य सरकार पावर टीलस, टर, ओसावन मशीन, पावर थे्रसर पर क संपोिषत
योजनांतगत अित र ो साहन देता ह। िव ुतीकरण म ई वृ क फल व प किष यं पंप क उपयोग म वृ
ई ह। रा य म किष यं का बाजार उ वृ दर क साथ हो रहा ह। इसी क म ेनजर रा य सरकार ने
औ ोिगक िनवेश ो साहन नीित म िबहार सरकार ारा किष से जुड़ लघु संयं िनमाण को ाथिमकता क े म
रखा ह।
(iv) सूचना ौ ोिगक , सूचना ौ ोिगक -आधा रत सेवाएँ तथा इले कल और इले ॉिनक
हाडवेयर िविनमाण े —वतमान वै क प र य म सूचना तकनीक और सूचना तकनीक-आधा रत सेवा,
उ ोग हाडवेयर का े िव म सबसे तेजी से वृ करनेवाला उ ोग ह। इसक वष 2020 तक लगभग 2.4
ि िलयन यू.एस.डी. तक प चने क उ मीद ह। सूचना ौ ोिगक या सूचना ौ ोिगक आधा रत सेवा का
मह व कवल अपने तक सीिमत नह ह, ब क ये सभी उ ोग का अंग हो गए ह। यह किष, िश ा, िचिक सा
सेवा, ऊजा, दूरसंचार, ामीण िवकास े म भी वृ को ो सािहत करगा। यह अनेक उ म तथा टाटअप क
िलए असीम संभावना रखता ह। रा य म िशि त युवा, स ते िमक क उपल धता इस े म िनवेश क िलए
लाभ द ह। रा य सरकार ारा िबहटा (पटना) तथा राजगीर म सूचना ौ ोिगक पाक क थापना करने का
िनणय िलया गया ह।
सूचना ौ ोिगक , सूचना ौ ोिगक आधा रत सेवाएँ तथा इले कल और इले ॉिनक हाडवेयर िविनमाण े
क ाथिमकता े —
रा य सरकार ारा इस े म िच त िनवेश क िलए ाथिमकता क े िन नव ह—
े : सूचना ौ ोिगक तथा सूचना ौ ोिगक आधा रत सेवाएँ
िनवेश क अवसर :
• सूचना ौ ोिगक उ पाद, सॉ टवेयर तथा सेवाएँ।
• सूचना ौ ोिगक , सॉ टवेयर तथा सेवाएँ।
• सूचना ौ ोिगक आधा रत सेवाएँ, बक ऑिफस, ऑपरशन, िबजनेस ोसेिसंग आउट सोस (बी.पी.ओ.)/
नॉलेज ोसेस आउट सोिसग (क.पी.ओ.), कॉल सटर, िडिजटल कटट डवलेपमट एनीमेशन इ यािद।
े : इले ॉिनक हाडवेयर िविनमाण
िनवेश क अवसर :
• क यूटस
• क यूटर बा तथा अ य ऑिफस उपकरण
• सवर और टोरज िडवाइस
• नेटविकग
• ऑटोमोिटव इले ॉिन स
• मेिडकल इले ॉिन स
• इड यल इले ॉिन स
े : अ य इले ॉिन स िविनमाण
िनवेश क अवसर :
• मोबाइल, डी.टी.एच. टलीिवजन, रिडयो एवं क यूमर इले ॉिन स
े : िव ुत उपकरण
िनवेश क अवसर :
• मोटस, पंप, फन, उपभो ा व तुएँ यू.पी.एस. इ यािद
(v) ट सटाइल े —ट सटाइल े सकल घरलू उ पाद म मह वपूण योगदान देता ह। इस े का
योगदान औ ोिगक उ पादन म 14 ितशत, सकल घरलू उ पाद म 4 ितशत तथा देश क िनयात आय म 13
ितशत ह। कपड़ा उ ोग भारतवष म रोजगार सृजन क सबसे बड़ ोत म से एक ह। यह य तौर पर 4.5
करोड़ लोग को रोजगार देता ह। िबहार म घरलू व उ ोग और दूसर मू य संवधन ि याकलाप क िलए चुर
संभावनाएँ ह। िबहार म व उ ोग म िस क मह वपूण उ पाद ह। िबहार का भागलपुर िजला िस क धाग क
िविनमाण का क रहा ह। भागलपुर का तसर िस क िबहार का एक िविश उ पाद ह, िजसम लाभकारी मू य
दाता क संभावना ह। वष 2014-15 म िबहार म लगभग 60 टन िस क का उ पादन आ ह। रा य म जूट दूसरा
फाइबर उ पाद ह। वष 2014-15 म िबहार म लगभग 1420 हजार टन जूट का उ पादन आ। िबहार म 14000
पावरलूम मु य प से भागलपुर, गया और बाँका िजले म अव थत ह। इनक मु य उ पाद सूती चादर, बेडशीट
इ यािद ह। व मं ालय ारा संचािलत एक िश ण क नाथनगर, भागलपुर म ह, जहाँ येक वष 120
पावरलूम बुनकर को िश ण िदया जाता ह। िबहार म करीब 1 लाख बुनकर ह, िजनक जीिवका का साधन धाग
एवं व िनमाण से जुड़ा आ ह।
े : रशा उ पादन/ पिनंग बुनाई/िनिटग/ सं करण
िनवेश क अवसर :
(a) सूती/जूट/िस क/ कला एवं अ य ाकितक रशा उ पादन
(b) मानव िनिमत धाग एवं िफलामट का उ पादन
(c) यान पिनंग
(d) पावरलूम एवं बुनाई
(e) यान एवं कपड़ा सं करण
े : पोशाक एवं घरलू ट सटाइल का उ पादन
िनवेश क अवसर :
(a) बुनी ई पोशाक का िनमाण
(b) होिजयरी आइटम का िनमाण
(c) साड़ी
पैकिजंग तथा खा पदाथ क भंडारण हतु उ पाद, जलापूित हतु उ पाद, िव ुत िफिटग, ऑटोमोबाइल ोड ट,
िचिक सा आपूित, भवन िनमाण, पो स एवं अवकाश, ला टक ट टग आिद ला टक एवं रबर े का
ाथिमकता का े ह।
(vii) अ य ऊजा े —वतमान म रा य मु यतः िव ुत उ पादन क िलए परपरागत ऊजा ोत पर िनभर
ह। रा य म ित य िव ुत खपत 203 िकलोवाट घंटा ह, जो रा ीय औसत से कम ह। िबहार म िव ुत े म
669 मेगावाट का घाटा ह, िजसक पूित मु य प से क ीय जेनरशन टशन से होती ह। रा य क सवागीण
आिथक िवकास को देखते ए, िव ुत क मह व को महसूस करती ह और इस कमी को कम करने क िलए बड़
पावर ोजे ट को थािपत करने हतु कदम उठाए गए ह, जो मु य प से परपरागत ोत पर िनभर ह। िबहार म
ामीण ऊजा क संभावना 12.559 गीगावाट क ह। अ य ऊजा े क ाथिमकता का े िन न ह—
े : सोलर पावर
िनवेश क अवसर :
सोलर-फोटोवो टाइज और सोलर थमल पावर जेनरशन सोलर हाइि ड िस टम और घरलू और औ ोिगक े म
सोलर का उपयोग।
े : बायोमास
िनवेश क अवसर :
बायोमास और बायोगैस ोजे ट, बायोमास हाइि ड िस टम और घरलू और औ ोिगक े म बायोमास का
उपयोग।
े : हाइिडल पावर
िनवेश क अवसर :
छोट हाइ ो ोजे ट (25 मेगावाट तक)
े :अय
िनवेश क अवसर :
शुगर एवं अ य उ ोग म कोजेनरशन वे ट-आधा रत ऊजा उ पादन प रयोजना नगरपािलका और औ ोिगक वे ट
सिहत/िवंड पावर प रयोजना ामीण ऊजा मॉ यूलर ोड ट िविनमाण।
(viii) ह थकयर े —िबहार का जनसं या घन व 1106 य ितवग िकलोमीटर ह। रा य क वा य
तथा जनसं या संकतक क अनुसार िशशु मृ यु दर 42, मातृ मृ यु दर 219, कल जनन दर 3.5 ह, जो रा ीय
तर से काफ अिधक ह। यह रा य क िन न वा य तर को दशाता ह। लोक वा य सुिवधा पर पहले से ही
अ यिधक बोझ ह, जो वतमान समय म पूरी जनसं या क ह थकयर क आव यकता को पूरी नह कर सकता ह।
ह थकयर क समी ोपरांत इस े म आधारभूत संरचना म कमी को िन नव दशाया गया ह—
कमी : 2,781
करण : अित र ाथिमक वा य क
आव यकता : 2,787
वतमान थित (कायरत) : 1,350
कमी : 1,437
करण : उप- वा य क
आव यकता : 20,997
वतमान थित (कायरत) : 9,729
कमी : 11,268
(ix) चमड़ा े —भारत म चमड़ा े िवदेशी मु ा अिजत करने का मुख साधन ह। इस े म रोजगार
क अपार संभावनाएँ मौजूद ह। इसीिलए िबहार भी चमड़ा े म आगे बढ़ना चाहता ह और रोजगार उ पादन म
वृ और िनयात क मा यम से िवदेशी मु ा अिजत करना चाहता ह। िबहार म चमड़ा े म िनवेश क िवशाल
संभावनाएँ ह। यहाँ क े माल क साथ-साथ कशल एवं अ -कशल म संसाधन क भी उपल धता ह। यह
संभािवत िनवेशक को तुलना मक और ित पधा, दोन को लाभ का अवसर दान करता ह। इस े म उ पादन
क रणनीितक लाभ क कारण इस कार ह—
मुख घटक : क ी खाल एवं खाल क उपल धता
िबहार को रणनीितक लाभ :
(क) िबहार म देश क कल गोजातीय जनसं या का लगभग 8 ितशत ह। 2012 क पशुधन क गणना क अनुसार
िबहार म कल पशुधन क सं या 329.38 लाख थी। गणना क अनुसार गाय क सं या 122.31 लाख, भस क
सं या 75.67 लाख, बकरी क सं या 121.53 लाख ह। िबहार देश क कल बकरी क आबादी म तीसर थान
पर ह, जो लगभग 12 ितशत ह। 2017 क पशुगणना म िबहार क आँकड़ क थित म काफ सुधार होगा।
(ख) क ीय चमड़ा अनुसंधान सं थान, चे ई (सी.एल.आर.आई.) ारा िकए गए हाल क सव ण क आधार पर
िबहार सालाना 2.64 िमिलयन गोजातीय क ी खाल तथा 5.09 िमिलयन गोजातीय खाल पैदा करता ह। रा य
अ छी गुणव ा क बकरी क खाल, गाय क खाल और भस क बछड़ क खाल क िलए जाना जाता ह। बकरी
क खाल छोट आकार क होने क कारण ब क अ छी गुणव ा वाली चमड़ क उ पाद बनाने हतु सबसे उ म
क ा माल ह। इन उ पाद को यादातर िनयात िकया जाता ह।
(ग) एक अनुमान क मुतािबक ितिदन मुज फरपुर िजले से 3 क म भरकर लगभग 7-8 हजार अदद बकरी क
खाल एवं 2-3 हजार अदद गौ खाल अ य थान को भेजी जाती ह। रा य म अव थत चमड़ क इकाइय ारा
अिधकतर क ा माल कोलकाता, कानपुर और चे ई भेजा जाता ह, िजससे िबहार लाभ से वंिचत रह जाता ह।
मुख घटक : म क उपल धता
िबहार को रणनीितक लाभ :
(क) चमड़ा उ ोग एक अ यिधक म-आधा रत उ ोग ह। इस उ ोग क कल उ पादन का 75 ितशत से अिधक
लघु, कटीर और कारीगर े क मा यम से उ पादन िकया जाता ह, इनम से अिधकांशतः असंगिठत े क ह।
इन असंगिठत लघु, कटीर इकाइय क मु य ताकत समाज क कमजोर वग से स ते मानव संसाधन क उपल धता
क वजह से ह। इस े म मुख प से मिहला क रोजगार क िह सेदारी 30 ितशत ह।
(ख) िबहार क बड़ी आबादी एवं बढ़ती जनसं या ही देश का सबसे बड़ा म आधार भी ह।
(ग) वतमान म रा य क पटना, गया, नालंदा/िबहार शरीफ, मुज फरपुर आिद िजल म कारीगर ारा चमड़ क
जूते िनमाण का काय िकया जाता ह। इस कार उपल ध कशल म को आसानी से चमड़ क इकाइय म
िनयोिजत िकया जा सकता ह।
मुख घटक : घरलू बाजार क उपल धता
िबहार को रणनीितक लाभ :
चमड़ा े अंतगत उ पािदत लगभग सभी व तुएँ दैिनक उपयोग क व तुएँ होती ह। इस कार इन उ पाद क
खपत क दर ब त अिधक ह। िबहार रा य क शहरी और ामीण, दोन े म म यम वग क बड़ी आबादी इस
तरह क उ पाद क िलए एक मह वपूण थानीय बाजार/माँग पैदा करती ह। बड़ बाजार क आस-पास थत चमड़
क इकाई त काल दोन पैमाने और लागत म कमी का लाभ ले सकती ह।
चमड़ा े क ाथिमकताएँ
चमड़ा उ ोग क अंतगत मु य प से वैसी इकाइयाँ आती ह, जो अ िनिमत चमड़ और चमड़ क िविभ
कार क व तु क िनमाण एवं उ पादन म शािमल होती ह। रा य सरकार क े माल क सं करण से तैयार
सामान क िनमाण से संबंिधत सूची को बढ़ावा देने क िलए िवशेष यान दे रही ह। इस े म चमड़ क उ पाद का
िनमाण, जैसे—चमड़ क जूते, चमड़ क च पल, चमड़ क कपड़ का िनमाण, कार और फन चर क सामान क
िलए, भंडारण क िलए और यवसाय िवकास सेवा म ाथिमकताएँ िनधा रत क गई ह।
(x) तकनीक िश ा े —िबहार म तकनीक िश ा े म काफ संभावनाएँ ह। वतमान समय म 13
िव िव ालय क साथ 262 सरकारी महािव ालय और 231 थानीय िनकाय क महािव ालय िबहार सरकार से
संब ता ा ह। य िप तकनीक शै िणक सं थान क सं या सीिमत ह और मा 10 अिभयं ण एवं तकनीक
िश ण सं थान ह। िबहार म उ तर शै िणक सं थान क कमी क कारण रा य क लाख छा महािव ालय एवं
िव िव ालयी िश ण ा करने क िलए दूसर रा य , जैसे—िद ी, महारा , कनाटक, तिमलनाड, पंजाब और
राज थान पलायन करते ह। यह रा य को उ िश ा क क क प म िवकिसत करने क अवसर से िवमु
करता ह। रा य क 38 िजल म से 25 िजले शैि क प से िपछड़ ह।
भारत सरकार ने वष 2017 तक 30 ितशत उ तर िश ा का ल य िनधा रत िकया ह। इस े म यह ब त
(a) मू यविधत कर, पेशेवर ट स, इ ी ट स, मनोरजन कर एवं िवलािसता कर संबंधी ऑन-लाइन आवेदन क
सुिवधा।
(b) आवेदन िकग सुिवधा एवं पंजीकरण माण प िनगत करने हतु सु प समय-सीमा को अिनवाय िकया
जाना।
(c) पंजीकरण माण-प तथा िनरी ण ितवेदन ा करने क ऑन-लाइन सुिवधा।
(d) िनबंिधत तथा अ वीकत िव ता क ऑन-लाइन स यापन क सुिवधा।
(e) 60 िदन क अंदर िव ता क खाते म यय क वापसी।
पयावरण संबंधी सुधार—रा य सरकार ारा पयावरण म सुधार हतु कई सुधारा मक कदम उठाए ह, जो
िन न ह—
(a) वायु एवं जल अिधिनयम क तहत थािपत करने क िलए सहमित (Consent to establish) एवं संचािलत
करने क िलए सहमित (Consent to operate) क िलए ऑन-लाइन सहमित बंधन णाली (azardous waste
rules) क तहत ािधकरण।
(b) ीन कटगरी क उ ोग को Consent to establish एवं Consent to operate माण-प ा करने से छट।
(c) Consent to operate (CTO) क वैधता 3 साल से बढ़ाकर 5 साल िकया जाना।
(d) अनुपालन िनरी ण क आव यकता को कम करना— ीन 5 वष म एक बार, ऑरज 3 वष म एक बार
एवं रड येक वष म एक बार।
भावी िदशाएँ (Way Forward)—औ ोिगक िनवेश ो साहन नीित, 2016 म समय सीमाएँ एवं पारदश
तरीक से िनवेशक को आव यक वैधािनक अनापि और वीकित उपल ध कराने क िलए िवभाग क बीच सुगम
ि या िनधा रत करने हतु सुधारा मक कदम उठाए गए ह। िबहार म यवसाय को सुगम तरीक से चलाने क िलए
िन नांिकत कदम उठाएँ जाएँगे—
(i) एकल िखड़क शोधन णाली (Single Window Clearance System)—एकल िखड़क शोधन णाली
क मा यम से वैधािनक संरचना म आव यक प रवतन करक एक नई एवं सरल ि या लाई जाएगी। ऑन-लाइन
तं क मा यम से अनुदान क ऑन-लाइन आवेदन, समायोजन एवं ितपूित क यव था क जाएगी।
(ii) समान आवेदन-प क यव था—अनापि िनगत करनेवाले सभी अिभकरण क साथ सम वय बनाने क
िलए एक समान आवेदन-प को लाया जाएगा। समान आवेदन-प वेब आधा रत होगा और धीर-धीर इसे भारत
सरकार क इ-िवज पोटल क साथ संब िकया जाएगा, तािक संभािवत िनवेशक इस ोत से सभी कार क
अनापि ा कर सक।
(iii) ो ाम मैनेजमट एजसी का ावधान—उ ोग िवभाग ो ाम मैनेजमट एजसी को सूचीब करगा, जो
स म सिमित को िनवेश ताव क वीकित पर िनणय लेने क साथ-साथ िनगरानी और गित से अवगत कराने
हतु तकनीक सहायता क साथ सिचवीय सेवा उपल ध कराएगी। िनवेशक क िनवेश ताव का सरकार क साथ
सम वय थािपत करने हतु ो ाम मैनेजमट एजसी एकल संपक िबंदु होगा।
(iv) िबयाडा अिधिनयम म संशोधन—िबहार सरकार वतमान िबहार औ ोिगक े िवकास ािधकार
अिधिनयम, 1974 क समी ा करगी तथा औ ोिगक े क योजनाब िवकास हतु इसक िविधक ढाँचे को और
सु ढ करने हतु इसम संशोधन करगी।
(v) िबहार लोक सेवा क अिधकार अिधिनयम, 2011 क अंतगत उ ोग से संबंिधत सेवा का
आ छादन—समयब िन पादन हतु जवाबदेही सुिन त करने हतु िनवेश से संबंिधत अित र सेवा को
िबहार लोक सेवा का अिधकार अिधिनयम, 2011 क प रिध म लाया जाएगा।
(vi) व माणन क यव था—एकल िखड़क णाली म व माणन का ावधान िकया जाएगा। इन इकाइय
क उ पादन ारभ होने क बाद, अिधकत ािधकारी औचक िनरी ण कर सकते ह।
(vii) कानून एवं ावधान का यु ीकरण—रा य म म कानून क अनुपालन को यादा यावहा रक बनाया
गया ह, िफर भी इसक अनुपालन को यथासंभव सरल बनाने क िलए औ ोिगक ितिनिधय क साथ परामश कर
समी ा क जाएगी।
(viii) अनु वण एवं प रवाद समाधान णाली—इस नीित म लोक िशकायत से संबंिधत िवषय को िबहार
लोक िशकायत िनवारण अिधकार अिधिनयम, 2015 क प रिध म रखा जाएगा। इसक अित र उ ोग िवभाग
वतमान म वेब आधा रत णाली को सु ढ करगा, जहाँ सुझाव और िशकायत को सीधे औ ोिगक िवकास आयु
या धान सिचव, उ ोग िवभाग को संबोिधत करते ए भेजा जा सकता ह।
औ ोिगक िनवेश हतु आधारभूत संरचना का सु ढीकरण
िवकिसत औ ोिगक भूखंड, गुणव ायु िबजली, द प रवहन णाली आिद सिहत उ तरीय गुणव ा क
आधारभूत संरचना क सुिवधा दान करना इस नीित क मुख क िबंदु ह। रा य म यवसाय और उ ोग क
िवकास क िलए यह आधारभूत कजी ह, रा य म वतमान म उपल ध आधारभूत सुिवधा का संि िववरण
िन न कार ह—
मद उपल ध आधारभूत संरचना का िववरण
औ ोिगक भूिम (क) भू े क िहसाब से िबहार देश क बड़ रा य म से एक ह। इसका कल भौगोिलक
े फल लगभग 93.60 लाख ह टयर ह। यहाँ भूिम क थलाकित कित क कारण भारतवष क अ य रा य क
अपे ा कल भूिम का अनुपात किष उपयोग हतु अिधक ह। रा य क संपूण भू े का लगभग 57 ितशत भू े का
उपयोग किष क िलए िकया जाता ह। यहाँ क जीिवका का मु य ोत किष ह और रा य क आबादी को आवास
एवं अ य उपयोग हतु भूखंड क आव यकता को देखते ए औ ोिगक उपयोग हतु भूिम क यव था करना या
खुली भूिम को औ ोिगक भूिम म प रवितत करना सरकार क िलए चुनौती ह।
(ख) िबहार म इकाइय को भूिम/औ ोिगक भूखंड आवंिटत कराने क िलए िबयाडा मुख अिभकरण ह।
िबयाडा क े ीय कायालय, पटना, दरभंगा, मुज फरपुर और भागलपुर म ह। वतमान समय म 50 औ ोिगक
े /औ ोिगक भू-संपदा/बृहत औ ोिगक भूखंड/िवकास क / मेगा औ ोिगक पाक िबयाडा क अधीन ह।
(ग) िदसंबर, 2015 तक िबयाडा ने कल 5851 एकड़ भूिम का अिध हण िकया ह, िजसम 3324 एकड़ भूिम
िविभ िनवेशक को आवंिटत क गई ह। आधारभूत संरचना आिद क िलए भूिम को वीकत िकए जाने क बाद
182 एकड़ भूिम िविभ औ ोिगक े म र ह। िबयाडा ारा िवशेषतः िविनमाण इकाइय हतु भू-खंड
आवंिटत िकए जाते ह।
(घ) िबयाडा औ ोिगक े म आव यक आधारभूत संरचना , यथा—सड़क, िबजली, पानी एवं नाली आिद
क यव था को िवकिसत कर भूखंड का आवंटन करती ह। िदसंबर, 2015 तक िविभ औ ोिगक े म 1544
इकाइयाँ कायरत अव था म ह।
(ङ) रा य सरकार क ारा रा य म िन नांिकत पाक क वीकित दी गई ह, जहाँ पर िवकिसत भूखंड आवंटन
हतु उपल ध ह—
1. ि टाइन मेगा फड पाक—यह पाक खगिड़या िजला म थािपत हो रहा ह। यह 98 एकड़ म फला आ
ह। इस िव ीय वष क अंत तक इस पाक क चालू हो जाने क संभावना ह।
2. पुनरासर जूट पाक—यह देश का एकमा जूट पाक ह। यह पूिणया िजले म अव थत ह। यह 44.30
एकड़ म फला आ ह। वतमान म यह पाक चालू ह।
3. आई.टी., आइटीज एवं इले ॉिनक िनमाण पाक—रा य सरकार क ारा राजगीर म 100 एकड़ और
िबहटा (पटना) म 25 एकड़ भूखंड आई.टी., आइटीज एवं इले ॉिनक िनमाण पाक क िलए अंिकत िकया गया ह।
4. लेदर टर—11 एकड़ भूखंड म िव तृत यह मुज फरपुर म अव थत ह।
5. गामट िनमाण पाक—25 एकड़ भूखंड म िव तृत यह िबहटा (पटना) म अव थत ह।
औ ोिगक इकाई क थापना हतु इन सभी पाक म औ ोिगक इकाई थािपत करने हतु पूण िवकिसत आधारभूत
संरचना उपल ध ह।
ऊजा (क) माच, 2015 म िबहार म थािपत िव ुत मता 3704.63 मेगावाट थी। इसम से 83.5 ितशत
कोयला-आधा रत थमल पावर से, 14.12 ितशत हाइ ो पावर से और शेष 2.3 ितशत गैर-पारप रक ऊजा ोत
से ह।
(ख) वािम व क िहसाब से क ीय े का िह सा 77.9 ितशत, िनजी े /IPP का 14.7 ितशत और
रा य े का 7.4 ितशत िह सा ह।
(ग) रा य सरकार ने लघु अविध, म यम अविध और लंबी अविध हतु ऊजा य का करार िकया ह तािक रा य
म ऊजा क उपल धता एक सम या क प म नह रह। ऊजा क उपल धता म वृ क फल व प िबहार म
ित य ऊजा क खपत बढ़कर वष 2012-13 म 154 KWH से बढ़कर वष 2014-15 म 203 KWH हो गई
ह। यह दो वष म लगभग 40 ितशत वृ को दशाता ह, जो देश क सभी रा य से अिधकतम ह।
(घ) रा य म 13 लघु जलीय िव ुत प रयोजनाएँ वतमान म चालू ह, िजनक कल मता 54.3 मेगावाट ह।
वतमान म िबहार टट हाइ ोइले क पावर कॉरपोरशन रा य म और अिधक लघु जलीय प रयोजना क संभावना
क तलाश म जुटा ह। 17 योजना म संभावना तलाशी का काय गित पर ह।
(ङ) िबहार सरकार ने रा य म ऊजा य हतु ओपेन ए सेस क अनुमित दान क ह। ि ड से संब सोलर
फटॉप, फोटोवोलटाइक णाली से नेट मीट रग यव था क अनुमित दी गई ह और इसक िलए िनयम बनाए गए
ह। क टव उपयोग, ुप क टव उपयोग और तृतीय प को िब हतु सोलर ऊजा क सं हण क ावधान क िलए
भी अिधसूचना जारी क गई ह।
सड़क (क) वतमान म िबहार म लगभग 2.26 लाख िकलोमीटर सड़क क लंबाई ह। इसम से रा ीय राजमाग
क लंबाई 4595 िकलोमीटर ह। रा ीय उ पथ का लगभग 68 ितशत दोहरीकरण और ब पथ का ह, जबिक
32 ितशत एकल एवं इटरमीिडएट लेन सड़क ह।
(ख) िबहार म राजमाग क लंबाई लगभग 4253 िकलोमीटर ह। इसम से लगभग 65 ितशत डबल लेन, 20
ितशत िसंगल लेन और 15 ितशत इटरमीिडएट लेनवाली सड़क ह।
(ग) रा य म िजला तरीय सड़क का बड़ा जाल ह। धान िजला सड़क क लंबाई लगभग 10,634 िकलोमीटर
ह, िजसका अिधकांश िह सा लगभग (54 ितशत) क चौड़ाई 3.75 मीटर ह। धान िजला सड़क म से 4897
िकलोमीटर को इटरमीिडएट या 02 लेन क चौड़ाईवाली सड़क म त दील कर िदया गया ह। वैसी सड़क, िज ह
चौड़ा िकया जाना ह, उसम सतह समतलीकरण और मर मत का काय चल रहा ह। रा य सरकार धान िजला
सड़क क 5175 िकलोमीटर को इटरमीिडएट लेन क िलए यूनतम मापदंड 5.50 मीटर क चौड़ाईवाले सड़क म
उ यन क िलए कत संक पत ह।
(घ) वतमान म रा य म लगभग 2.07 लाख िकलोमीटर ामीण सड़क ह। सभी ामीण सड़क को धीर-धीर
िविभ योजना यथा मु यमं ी ाम संपक योजना, धानमं ी ाम सड़क योजना एवं ामीण टोला संपक
िन य योजना क अंतगत प सड़क म उ यन का काय िकया जा रहा ह।
रलवे (क) िबहार म रलवे का 3,638.73 िकलोमीटर का सघन तं ह। रा य क सभी िजले रल तं से अ छी
तरह से जुड़ ह। रा य क अिधकांश िजले देश क मु य शहर से रल तं क मा यम से जुड़ ए ह।
(ख) रा य क अंदर दो मु य रल पथ गुजरते ह—
I. िद ी-गोहाटी रल पथ वाया छपरा-बरौनी-किटहार
II. िद ी-कोलकाता रल पथ वाया आरा, ब सर, पटना, गड कॉड पथ वाया गया सिहत।
(ग) िबहार म हाजीपुर पूव-म य रलवे का मु यालय ह, जो िबहार, झारखंड, उ र देश और म य देश रा य
म फले 5230 क िकलोमीटर तथा 3624 ट िकलोमीटर क िव तृत तं पर िनयं ण करता ह।
(घ) अभी हाल-िफलहाल म पए 7000 करोड़ क लागत वाली रल-सह-सड़क पुल क 3 बड़ी प रयोजनाएँ
चालू ई ह। ये रल-सह-सड़क पुल रा य क अंदर प रवहन सुिवधा म काफ सहयोगी सािबत ह गे।
(ङ) रा य म पटना मे ो रल प रयोजना का भी ि या वयन गित पर ह। रा य सरकार ारा मे ो रल प रयोजना
क िलए िव तृत प रयोजना ितवेदन तैयार िकया गया ह एवं इस पर सै ांितक सहमित भी दान कर दी गई ह।
हवाई माग (क) िबहार क पटना म एक घरलू हवाई अ ा और बोधगया म अंतरा ीय हवाई अ ा ह। पटना
से िद ी, कोलकाता, मुंबई, लखनऊ, बगलु , हदराबाद और राँची क िलए कई घरलू हवाई उड़ान ह।
(ख) िबहार म हवाई उड़ान क सं या बढ़कर 2014-15 म 11054 हो गई ह। िवगत दो वष म हवाई याि य
क सं या बढ़कर 10.5 लाख से 12 लाख हो गई और माल ढलाई भी 4849 टन से 5198 टन तक बढ़ी ह।
औ ोिगक ो साहन नीित, 2016 म आधारभूत संरचना हतु सहायता उपल ध
कराने क उपाय
रा य म आधारभूत संरचना को सु ढ करने क िलए औ ोिगक ो साहन नीित, 2016 क तहत भावी अविध म
सरकार क ारा िन नांिकत उपाय तािवत ह—
1. र औ ोिगक भूखंड का आवंटन ाथिमक े वाली प रयोजना को—िबयाडा भिव य म
िविभ औ ोिगक े म उपल ध र भूखंड, जो लगभग 182 एकड़ ह, को अहता ा प रयोजना को
आवंिटत करना सुिन त करगा। इस संबंध म समयब काय म क अनुसार िबयाडा क ोजे ट यरस
सिमित क बैठक आयोिजत क जाएगी। उ र भूखंड िविनमाण करनेवाली इकाइय को आवंिटत िकया
जाएगा। सरकार औ ोिगक पाक म उ पादन करनेवाली इकाइय को भूखंड का आवंटन करने म सहायता दान
करगी।
िबयाडा रा य क िविभ िजल म नए औ ोिगक े को िवकिसत करने तथा िव मान औ ोिगक े क
िव तार क िलए हर संभव यास करगा। ऐसा अनुमान ह िक कल 5 हजार एकड़ भूिम का अिध हण और उसका
िवकास िबयाडा ारा इस नीित क तहत भावी अविध म िकया जाएगा। इसक िलए भूिम बक से सरकारी भूिम
को िबयाडा को संब और ह तांत रत िकया जाएगा। नए औ ोिगक े क िवकास क िलए पया बजट का
उपबंध िकया जाएगा। िबयाडा क ारा थािपत नए औ ोिगक े म 25 ितशत भूखंड सू म, लघु एवं म यम
इकाइय को आवंिटत िकया जाएगा। सू म, लघु एवं म यम इकाई क िलए आवंिटत 25 ितशत भूखंड म से 75
ितशत सू म एवं लघु इकाइय क िलए तथा 25 ितशत म यम इकाइय क थापना क िलए ह गे, साथ ही
सरकार वतमान औ ोिगक े म से ण एवं बंद इकाइय से भूिम को वापस लेने का पूरा यास करगी। िबयाडा
इस उ े य क पूित क िलए ‘एकमु त भुगतान’ क ि या लागू कर सकता ह। भूिम क उपल धता को बढ़ाने
क िलए िनजी भागीदारी को बढ़ावा देने क िलए ‘आओ िबहार योजना’ शु क गई ह। यह योजना वष 2011 म
ारभ क गई थी। इस योजना क अंतगत कोई य या य य का समूह िजनक पास 2 एकड़ या अिधक भूिम
का वािम व ह और अपनी भूिम को उ ोग या सं थान क थापना क िलए िब करना चाहता ह, अपनी भूिम
का िववरण ‘आओ िबहार’ पोटल पर सूचीब करा सकता ह।
रा य सरकार अपने तं क मा यम से सहायक क प म उ मी को भूिम क वािम व क स यापन म सहायता
करगी, तािक ता भूिम य कर सक। िनयात-आधा रत औ ोिगक इकाइय का उ पादन एवं न होनेवाले किष
उ पाद को रा य से बाहर भेजने हतु प रवहन क िलए पटना एवं गया म एयर काग कां ले स थािपत करने का
ताव ह। रा य क दो थान फतुहा एवं िबहटा म कटनर ट टिमनल क थापना का यास करगी। भारत
सरकार क ारा ई टन डिडकटड ट कॉ रडोर क साथ अमृतसर-कोलकाता औ ोिगक कॉ रडोर का िवकास
तािवत ह। इस कॉ रडोर से रा य क तीन िजले गया, जमुई और बाँका होकर गुजरगे। िबहार सरकार इस े को
औ ोिगक हब क प म िवकिसत करने क िलए यास करगी।
गुणव ायु िव सनीय िव ुत आपूित क उपल धता म वृ —िबहार म वतमान समय म 4 नई
िव ुत उ पादन इकाइय का काय गित पर ह। इन योजना क पूण होने पर िबहार क क ीय े फल िव ुत क
िनभरता म कमी आएगी।
(i) नवीनगर टज-1 लांट—यह प रयोजना िबहार क औरगाबाद िजले म अव थत ह। इस िव ुत प रयोजना
क िलए ित इकाई 660 मेगावाट मता वाली 3 इकाइय का िनमाण काय गित पर ह।
(ii) ब सर, भागलपुर एवं लखीसराय क िव ुत प रयोजनाएँ—चौसा म ित इकाई 660 मेगावाट मता
क 2 इकाइयाँ िव ुत प रयोजना क िनमाण क िलए सतलज हाइ ो इले क कॉरपोरशन क साथ इकरारनामा
ह ता रत िकया गया ह। इसक अलावा NHPC और NTPC क साथ भी ित इकाई 660 मेगावाट 2 थमल पावर
लांट क िनमाण क िलए समझौता संप िकया गया। पीरपती क इकाई का िनमाण NHPC ारा, जबिक कजरा
(लखीसराय) का िनमाण NTPC ारा िकया जाएगा।
(iii) अ ा मेगा पावर ोजे ट—बाँका म लगभग 4000 मेगावाट मता वाली िव ुत प रयोजना क थापना
का ताव भेजा गया ह, िजसक िलए 2500 एकड़ भूिम िच त क गई ह।
(iv) मथौली हाइडल पावर ोजे ट, प मी चंपारण—इस िव ुत प रयोजना का िनमाण काय लगभग पूरा
होने पर ह। इसक मता 800 िकलोवाट ह।
रा य सरकार औ ोिगक े म 24 घंट िनबाध िव ुत आपूित सुिन त करने का यास कर रही ह। सभी
उ ोग, जो 132/220 क.वी.ए. फ डर से िव ुत आपूित ा कर रह ह, को िबजली क कटौती से मु िकया
जाएगा, जब तक िक ि ड क सुर ा क िलए वैसा करना आव यक न हो। 33/11 क.वी.ए. सब टशन क सभी
फ डर, िजनक ऊपर 75 ितशत से अिधक िव ुत भाग ह, औ ोिगक फ डर क प म जाने जाएँगे तथा िव ुत
(क) सरकार ारा IDA/BIADA को भूिम आवंटन म कोई टांप यूटी देय नह होगी।
(ख) वैसी सभी नई इकाइयाँ, जो औ ोिगक े िवकास ािधकार क े ािधकार अथवा इसक बाहर थािपत होती
ह, को वािण यक उ पादन ारभ करने क प ा औ ोिगक भूिम/शेड क लीज/िब / ह तांतरण पर लगनेवाली
टांप यूटी/पंजीकरण शु क क शत ितशत ितपूित देय होगी। पंजीकरण शु क एवं टांप यूटी क ितपूित
कवल पहली बार क िलए वीकत क जाएगी। लीज/प ा/िब /ह तांतरण क बाद क चरण म यह सुिवधा लागू
नह होगी। यह ो साहन कवल नई इकाइय क िलए अनुमा य होगा।
(ग) इकाई ारा वांिछत भूिम का पूण िववरण DPR म तथा वैसे बक या िव ीय सं थान, जो इकाई को साविध
ऋण दान करगे, क ारा तैयार मू यांकन ितवेदन म विणत होगा।
ो साहन क कार : भूिम संप रवतन शु क
मु य िवशेषताएँ :
(क) किष भूिम को औ ोिगक ेणी क भूिम म संप रवतन क िलए लगाए गए भूिम संप रवतन शु क/भूिम उपयोग
म प रवतन हतु लगाए गए शु क को इकाई क यावसाियक उ पादन म आने क प ा शत ितशत ितपूित
अनुमा य होगी।
ो साहन क कार : याज अनुदान
मु य िवशेषताएँ :
(क) वैसी सारी उपयु इकाइयाँ, िजसे िकसी बक क ारा या RBI सेबी क पंजीकत िव ीय सं थान से साविध
ऋण ा ह, को रा य सरकार ारा याज अनुदान देय होगा।
(ख) याज अनुदान हतु याज दर 10 ितशत या साविध ऋण क वा तिवक याज क दर, जो भी कम हो, होगी।
सू म एवं लघु उ ोग को 12 ितशत क याज दर अनुदान अनुमा य होगा।
(ग) ाथिमकता वाले े म अनुदान क सम त सीमा वीकत प रयोजना लागत क 30 ितशत होगी।
अ ाथिमकता वाले े म इस अनुदान क सीमा वीकत प रयोजना लागत का 15 होगा। इस अनुदान क
अिधकतम सीमा 10 करोड़ पए होगी।
(घ) इस अनुदान रािश क िवमु िक त म क जाएगी। िवमु क िक त संबंिधत बक या िव ीय सं थान,
िजसक ारा इकाई को अविध ऋण दान िकया गया ह, क ारा पुनः भुगतान क िक त से जुड़ा होगा। इकाई
क वतक क ारा िकसी भी कार क अंशदान पर कोई याज देय नह होगा।
(ङ) अगर वतक इकाई क िलए कोई साविध ऋण नह लेते ह तो वे अनुदान क रािश क पा नह होगे।
ो साहन क कार : कर से संबंिधत अनुदान
मु य िवशेषताएँ :
औ ोिगक इकाइय , िजनका पुनवास पैकज अनुमोिदत िकया गया हो, को संभािवत कम-से-कम समय म िव ीय
सहायता दान करगी।
यह नीित िनगत क ितिथ से 5 वष क िलए भावी रहगी। नीित क ि या वयन क म म िकसी कार क
मतभेद अथवा िकसी श द क या या िववाद क सभी मामल का िनणय औ ोिगक िवकास आयु या धान
सिचव, उ ोग िवभाग क ारा िलया जाएगा। यह िनणय सभी संबंिधत िवभाग क िलए अंितम और बा यकारी
होगा।
टाटअप नीित क मा यम से उ मी समृ िबहार अिभयान क तहत जाग कता फलाना और टाटअप क िलए
नेटविकग को सरल बनाने का यास करगे। िबहार म जो जनसां यक य लाभ क प म पया मा ा म युवा वग
ा ह, उसका आिथक योगदान म अवसर सीिमत ह। भारत म युवा का िवकास उस समाज म होता ह, जहाँ
जीवनवृि क िवक प क प म उ िमता को नह देखा जाता ह। इसक अित र वतमान िश ा तं क परखा
इस कार तैयार क गई ह, िजसम उ िमता पर सीिमत जोर िदया जाता ह। टाटअप शेयरधारक क सहभािगता से
सरकार रा य तर पर उ मी िबहार, समृ िबहार जाग कता अिभयान चलाएगी, सफल थानीय टाटअप को
मा यता देगी और उसे ो सािहत करगी। रा य तर पर चुनौती तथा यावसाियक योजना ितयोिगता का आयोजन
करगी।
टाटअप पा र थितक तं क िलए िविनयामक वातावरण को समथ करना, य िक कोई भी यवसाय आरभ
करने क पूव िवभागीय अनुमोदन एवं यरस क िविभ चरण होते ह। अिधकतर टाटअप इन जिटल नीितय
और िविनयामक ढाँचे से अनिभ रहते ह, िजसक कारण उनक िनयिमत चलन म बाधा हो सकती ह। इसिलए
सरकार क िलए यह अिनवाय ह िक िविनयामक अनुपालन क दंडा मक कारवाइय को कम कर और अगले
चरण क आिथक वृ म इनसे संबंिधत जाग कता एवं सहायता उपल ध कराए, साथ-ही-साथ सरकार िनरी ण
कम करक एवं व माणन को बढ़ावा देकर यवसाय करने क स िलयत म वृ कर। टाटअप को पाँच वष
क अविध क िलए िविभ रा य अिधिनयम क अधीन चालन अनु तथा िनबंधन से छट होगी। हालाँिक यिद
टाटअप ारा ऐसा यवसाय या काय िकया जाता ह, िजसम जीवन का खतरा अथवा सुर ा का भय हो, तो उसे
कानूनी लाइसस लेने क अिनवायता होगी और ऐसी थित म अनु पर आनेवाले खच का वहन सरकार करगी।
सरकारी िविनयामक एजिसय ारा पाँच वष क अविध क िलए िनरी ण से टाटअप कपिनय को छट ा
होगी, जब तक िक जीवन और सुर ा पर खतर का भय न हो। यिद िकसी भी इकाई का िनरी ण करना हो तो
िजला पदािधकारी क अनुमित से ही िकया जा सकता ह।
टाटअप को ो सािहत करने क िलए िश ा णाली म पंदन करने क आव यकता ह। िश ा सं थान
नवीकरण सं कित को बढ़ावा देने, उ मशीलता का प रचय कराने एवं िश ा देने हतु एक उपयु वातावरण
उपल ध कराते ह, इससे सरकार एवं छा क बीच उ िमता क भावना सृिजत करने क िलए िश ा म सुधार को
मा यता िमलती ह। िबहार म युवा म टाटअप सं कित िवकिसत करने क िलए सरकार िन निलिखत ह त ेप
को सरल बनाएगी एवं अनुशंसा करगी—
(i) िव िव ालय, उ िव ालय, कौशल िश ण और यावसाियक िश ण सं था म उ िमता मॉ यूल
अंतः थािपत करना। शैि क सं थान को बृहत प म ओपन ऑन-लाइन कोस को वैक पक िवषय क प म
प रचय कराने क सलाह दी जाएगी। इटनिशप और अ िटसिशप अिनवाय करना।
(ii) छा को उ िमता म लगाने हतु मागदशन और सहायता करने क िलए िश ा सं थान को उ िमता सहायता
क बनाने म मदद क जाएगी।
(iii) छा क बीच यवसाय नवीकरण िवचार ितयोिगता का आयोजन करना।
(iv) उ िमता िवकास कोषांग क मा यम से 20 सामािजक नव वतक को उनक िवचार क समथन म अनुदान
िदया जाएगा।
टाटअप क िलए इन यूबेशन क को सरल बनाना
टाटअप क सफलता क िलए इन यूबेशन क का होना आव यक ह। इनसे सुगमता, परामशदाता, नेटवक
बाजार, नेटवक, भौितक आधारभूत संरचना आिद तक सुगमता होती ह। भौितक आधारभूत संरचना क सृजन क
िलए सामा यतः बड़ी मा ा म पूँजी िनवेश क आव यकता होती ह। टाटअप क िलए सरकार ारा मा यता ा
िनजी रा य समिपत इन यूबेटर को अिधकतम पए 2 लाख क दर से तथा इन यूबेिटग खच क 50 ितशत क
ितपूित क जाएगी। सेबी िनबंिधत वैक पक िनवेश िनिध से िबहार-आधा रत टाटअप म ा िनवेश क 2
ितशत क दर से इन यूबेटर को सरकारी ो साहन िदया जाएगा। रा य सरकार, भारत सरकार और ब प ीय
दानदाता एजिसय से उगाही क गई िनिध पर 1:1 आधा रत अनुदान िनयम एवं शत पर उपल ध कराएगी।
टाटअप क िलए रा य समिथत मेजबान सं था क सूची िन न ह—
1. भारतीय ौ ोिगक सं थान (आई.आई.टी.), पटना।
2. रा ीय ौ ोिगक सं थान (एन.आई.टी.), पटना।
3. राज किष िव िव ालय, पूसा
4. पूव े अनुसंधान क , भारतीय किष अनुसंधान प रष , पटना।
5. नेशनल इ टी यूट ऑफ फशन ट ोलॉजी (एन.आई.एफ.टी.), पटना।
6. िबड़ला इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना।
7. स ल इ टी यूट ऑफ ला टक इजीिनय रग ऐंड ट ोलॉजी (सीपेट), िबहार।
8. उप महारथी इ टी यूट, पटना।
9. चं गु इ टी यूट ऑफ मैनेजमट, पटना।
10. टल म ऐंड टरिनंग सटर, पटना।
11. िबहार ए ीक चर यूिनविसटी, सबौर।
12. एपैरल टरिनंग ऐंड िडजाइन सटर, पटना।
रा य सरकार उपरो सं था क अलावा समय-समय पर इस नीित क अधीन कई सं था को रा य
समिथत सं था घोिषत करगी। टाटअप क िलए कॉमन आधारभूत संरचना का िवकास िकया जाएगा। इसम
िन निलिखत साझा आधारभूत संरचना शािमल होगी—
1. साथ-साथ काम करने क िलए जगह,
2. शोध एवं िवकास योगशाला, घन कोि का, सभागार आिद जैसी साझी सुिवधा क उपल ध,
3. उ गित मतावाला ि ंटर, क यूटर इ यािद जैसे साझा सॉ टवेयर एवं हाडवेयर,
4. कॉमन, खाता-बही, तकनीक , पेटट, िनवेश बिकग आिद जैसी साझी सेवाएँ,
5. य गत उपयोग हतु क एवं छा ावास, इन यूबेशन और टाटअप क िलए सामुदाियक आयोजन एवं
ो साहन समथन,
6. कॉमन सुिवधा क (माल गोदाम, भंडारगृह, गुणव ा परी ण योगशाला)।
सरकार ारा िनजी सरकारी भागीदारी क मा यम से संयु आधारभूत संरचना थल का िनमाण िकया जाएगा।
यह टाटअप क तीन वष क अविध क िलए मु त म उपल ध होगा।
सां थक ढाँचा
टाटअप नीित को कशलतापूवक चलाने क िलए यास िकसी कपनी म िनवेश का अनुभववाले पेशेवर य
क अ य ता म गिठत िकया जाएगा। यास क संरचना िन निलिखत होगी—
1. िनवेश क े म िवशेष अ यथा िवकास आयु —अ य
घोिषत न िकए जाने जैसे अपराध से स ती से िनपटा जाएगा। इसक िलए सरकार पटना म साइबर अपराध का पता
लगाने हतु एक सेल का गठन करगी।
िश ा हतु सूचना एवं संचार ौ ोिगक नीित
कल म सूचना और संचार ौ ोिगक का िवकास सव िश ा अिभयान क तहत िकया जा रहा ह। क ा-5 से 6
तक क ब को क यूटर क िश ा दी जाएगी। वतमान समय म रा य क 619 मा यिमक कल म इसका फायदा
उठाया जा रहा ह। 3-5 वष म चरणब तरीक से इसे कल 1000 कल तक बढ़ाया जाएगा। िबहार सरकार क
सूचना एवं संचार ौ ोिगक नीित क त वावधान म येक िजले म क यूटर सा रता देने हतु 5 आई.टी. िश ण
क थािपत करने क योजना ह। इनम बेरोजगार युवा को िशि त करने हतु अ पाविध का सिटिफकट कोस
भी संचािलत िकया जाएगा। िश ण क सरकार से कई कार क ो साहन ा कर सकगे। सभी सरकारी और
सरकारी सहायता ा मा यिमक तथा उ तर मा यिमक कल को ICT या कल प रयोजना क मा यम से कवर
िकया जाएगा। रा य सरकार उ मा यिमक िव ालय क 10 ितशत िश क को गहन क यूटर िश ण देगी
तथा अ य सभी िव ालय क 2-5 िश क को ो सािहत करगी। िव ालय एवं महािव ालय क पा य म म
सॉ ट क स और य व िवकास पर यान कि त िकया जाएगा। नया पा य म िवकिसत करने हतु सरकार
ान साझेदार का पता लगाएगी। सरकारी िव ालय तथा महािव ालय म सूचना ौ ोिगक िवषय म वेश हतु
लड़िकय तथा िविभ प से स म लोग को िवशेष तरजीह दी जाएगी। िबहार सरकार िविभ कार क स म
लोग क िलए िवशेष बुिनयादी सुिवधा को दान करने पर िवचार करगी।
महािव ालय तर पर ौ ोिगक वधक लिनग (National Programme on Technology Enhanced Learning–
NTPEL) रा ीय काय म क अंतगत लगभग 400 इ-पा य म, आई.आई.टी. और आई.आई.एस. (Indian
Institute of Science) बंगलौर ारा पा य म उपल ध कराया जाएगा। इस साम ी को इटर टव आभासी क ा
क तहत या यान और कने टिवटी क मा यम से िव िव ालय तर क छा तक सूचना एवं संचार ारा
प चाया जा सकता ह। िव िव ालय और संगठक कॉलेज म भी क यूटर योगशाला थािपत क जा रही ह।
िव ीय वष 2015-16 म मानव संसाधन िवकास िवभाग ारा 14 िव िव ालय को िच त िकया गया ह। शेष
कॉलेज या िव िव ालय को अगले चरण म जोड़ा जाएगा। सूचना ौ ोिगक े म अनुसंधान एवं िवकास को
बढ़ावा देने क िलए रा य सरकार ारा िव ान और शोधकता को छा वृि दान क जाएगी। रा य क छा
को डॉ टरल और डॉ टरल अनुसंधान क प ा ो साहन रािश दी जाएगी।
िबहार नॉलेज सोसाइटी
सूचना ौ ोिगक और अ य तकनीक ौ ोिगक को बढ़ावा देने क िलए तथा ान-आधा रत समाज क
थापना क िलए रा य सरकार िबहार नॉलेज सोसाइटी क थापना करगी। िबहार नॉलेज सोसाइटी ारा रा य
सरकार 5 नए सूचना ौ ोिगक िश ण सं थान िजल म खोलेगी। सूचना ौ ोिगक िश ण सं थान ारा
क यूटर सा रता और सूचना ौ ोिगक क े म अ पाविध पा य म का संचालन बेरोजगार युवक को रोजगार
दान करने हतु िनजी सावजिनक भागीदारी क मा यम से दान िकया जाएगा। इन िश ण क को सरकार ारा
अनुदान तथा रयायत दी जाएँगी।
सूचना ौ ोिगक क िलए उ क क क थापना
रा य सरकार ने सूचना ौ ोिगक िवभाग का सृजन 1 अ ैल, 2007 से िकया, जो सूचना एवं संचार तकनीक
नीित का काया वयन एवं रा य म क यूटीकरण करने क िलए नोडल एजसी क प म िच त िकया गया ह।
िजला तर पर इ-शासन सोसाइटी गिठत क जाएगी, जो िजला अिधकारी क अ य ता म होगा। इसम सभी िवभाग
क ितिनिध, एन.आई.सी. क ितिनिध, तकनीक सलाहकार आिद शािमल ह गे, जो िजला तर पर सूचना
ौ ोिगक से संबंिधत प रयोजना का काया वयन, संचालन एवं िनगरानी करगे। िबहार रा य इले ॉिनक िवकास
िनगम िलिमटड िनजी एजिसय क साथ ाइट वचर थािपत करगा। यह सरकारी िवभाग क सूचना ौ ोिगक से
संबंिधत आव यकता क समी ा करगा, योजना तैयार करगा तथा इन िवभाग या संगठन म इ-शासन लागू
करने हतु आव यक एजसी या ऑपरटर को जुटाने म मदद करगा, प रयोजना क देखरख एवं उनका मू यांकन
एवं उसका अ ययन करगा।
रा य इ-शासन प रयोजना टय रग सिमित का गठन िकया जाएगा, जो सूचना ौ ोिगक क िवकास क शीष
समूह होगी, िजसका गठन माननीय मु यमं ी क अ य ता म रा य को ि , नीित एवं िदशा देने क िलए िकया
गया ह। इस सिमित म रा य सरकार क संब िवभागीय पदािधका रय क अित र सूचना ौ ोिगक से जुड़
रा य एवं रा य क बाहर क िवशेष रहगे, िजनका मनोनयन मु यमं ी िबहार ारा िकया जाएगा। सभी िवभाग
िनयिमत आधार पर इस सिमित क िलए सूचना ौ ोिगक प रयोजना क िन पादन पर यापक रपोट तुत करने
क िलए बा य ह गे।
रा य इ-शासन प रयोजना शीष सिमित का गठन मु य सिचव क अ य ता म सूचना ौ ोिगक को रणनीितक
िदशा देने एवं संबंिधत िनणय लेने हतु िकया गया। सभी िवभाग को िनयिमत प से इस सिमित को सूचना
ौ ोिगक क प रयोजना क िन पादन पर यापक रपोट तुत करना आव यक होगा। इस शीष सिमित क
सद य िन निलिखत ह—
मु य सिचव—अ य
िवकास आयु —उपा य
धान सिचव, िव िवभाग—सद य
धान सिचव, कािमक िवभाग—सद य
धान सिचव, योजना एवं िवकास िवभाग—सद य
धान सिचव, सूचना एवं ौ ोिगक —सद य
एस.आई.ओ.एन.आई.सी. —सद य
तकनीक परामशदाता—सद य
िबहार सरकार ारा रा य क वग-1 से 3 तक क पदािधका रय , कमचा रय क पदो ित और उ यन क िलए
क यूटर कौशल को यान म रखा जाएगा। िबहार सरकार क यूटर क े म उ तम तकनीक क ‘इन यूबेशन
क ’ बनाने का यास कर रही ह। इससे सूचना ौ ोिगक क े म उ िमय को लागत क आधार पर ज री
सुिवधाएँ व अनुभवी सलाह दान क जाएगी। यह काय म िनजी-सामािजक भागीदारी पर िवकिसत िकया जाएगा।
िबहार सरकार इ- माण प क कानूनी वैधता सुिन त करने क िलए िडिजटल माण-प क मह ा को मा यता
देगी। सावजिनक पु तकालय और सभी िवभाग क डाटा रकॉड क िलए िडिजिटलाइजेशन क मह व को मा यता
देगी। यह काय म डाटा क गंभीरता और ाथिमकता क आधार पर चरणब तरीक से आरभ िकया जाएगा।
सभी िवभाग क कमचा रय क जानकारी, नाग रक से संबंिधत जानकारी, िव ीय जानकारी इ यािद का
िडिजिटलाइजेशन िकया जाएगा। सूचना ौ ोिगक िवभाग ितवष 10 लाख पए का योगदान कर पु तकालय
थािपत करगा, जहाँ सूचना ौ ोिगक पर झान, बाजार, सूचना एवं अनुसंधान संबंधी अ ययन साम ी उपल ध
कराई जाएगी। रा य सरकार िकसी िवशेष िदन को िच त कर सूचना ौ ोिगक िदवस मनाएगी। रा य सरकार
मु यमं ी क अ य ता म एक टा क फोस का गठन करगी, िजसम सूचना ौ ोिगक क े म िव यात गैर-
सरकारी नेता को शािमल िकया जाएगा। िबहार सरकार का ल य 2016 तक सभी िवभाग को पेपरलेस करने
का रहा ह।
नाग रक क िलए सूचना एवं संचार ौ ोिगक नीित
रा य सरकार बी.एस.एन.एल. क साथ रा ीय ॉडबड योजना क तहत ामीण े को जोड़गी।
सूचना ौ ोिगक सं थान , िविभ िव िव ालय , महािव ालय एवं सूचना ौ ोिगक कपिनय क
सहयोग से सभी सूचना ौ ोिगक िशि त िव ािथय का डाटाबेस तैयार िकया जाएगा।
रा य क नाग रक को सूचना एवं संचार ौ ोिगक का लाभ प चे, इसक िलए िवशेष यास करने क
आव यकता ह। रा य क सभी 8463 पंचायत म सामा य सेवा क थािपत िकया जाएगा। रा य क पोटल ारा
सरकार िवभाग , योजना , आदेश, िनिवदाएँ एवं नोिटस से संबंिधत जानकारी नाग रक को उपल ध कराएगी।
िशकायत क सुनवाई एवं ितयोिगता परी ा क प रणाम का काशन पोटल क मा यम से िकया जाएगा। नाग रक
क िलए इ-िलटरसी काय म क शु आत क जाएगी। सभी सरकारी पोटल और सॉ टवेयर ए लीकशन म िहदी
एवं उदू क योग को ाथिमकता दान क जाएगी। िबहार सरकार सूचना ौ ोिगक एवं ामीण िवकास क े
म इ तेमाल हतु पायलट प रयोजना आरभ करने हतु यासरत रहगी, जो ब आयामी तरीक पर आधा रत होगी तथा
िजसम िव ीय एवं अ य सुिवधा का भी समावेश रहगा। िवकासा मक िवपणन एवं ामीण काय म सूचना
ौ ोिगक को ो साहन जैसे े को बढ़ावा िदया जाएगा। भौगोिलक सूचना णाली पर आधा रत सभी मह वपूण
आधारभूत प रसंपि य क न शा आकलन क कारवाई क जाएगी तथा इसका संयोजन िविवध सूचना णाली क
साथ िकया जाएगा। उ सूचना का उपयोग िविभ िवभाग क ारा प रयोजना का दूरगामी सू ण एवं
अनु वण म िकया जाएगा। िकसान क सहायता क िलए िविभ जलवायु त व, जैसे—वषा जल क उपल धता
एवं िम ी क उवरक दशा पर डाटा बेस तैयार करना, भूिम उपयोग बंधन, किष काय तथा लोक वा य हतु
डाटाबेस बंधन णाली एवं सूचना बंधन णाली तथा किष िव तार एवं अ य जाग कता संबंधी काय म क
े म िश ण तथा िश ण काय हतु म टीमीिडया सुिवधा दान करगी। रा य सरकार बी.एस.एन.एल. क साथ
रा ीय ॉडबड योजना क तहत ामीण े को जोड़गी। सूचना ौ ोिगक सं थान , िविभ िव िव ालय ,
महािव ालय एवं सूचना ौ ोिगक कपिनय क सहयोग से सभी सूचना ौ ोिगक िशि त िव ािथय का
डाटाबेस तैयार िकया जाएगा। उ मीदवार को रोजगार देने क उ े य से इस डाटाबेस को रा य म थािपत सूचना
ौ ोिगक कपिनय क साथ बाँटा जाएगा। इस संचार एवं सूचना ौ ोिगक नीित क योजना अगले 3 वष म 1
लाख रोजगार यो य युवा को आई.टी. क े म उपल ध कराने क ह, साथ ही अगले 3 वष म इससे 3 लाख
अ य रोजगार भी सृिजत ह गे।
यापार एवं सामािजक आधारभूत संरचना सुधार ौ ोिगक नीित
आधारभूत संरचना क समुिचत उपल धता यापा रक गितिविधय क सुचा संचालन हतु दूसरा ज री त व ह।
इन ज रत को पूरा करने हतु िबहार म यापा रक और सामािजक आधारभूत संरचना म मह वपूण िनवेश क
आव यकता ह। सूचना ौ ोिगक एवं सूचना ौ ोिगक संबंधी सेवा उ ोग क प र े य म यापा रक गितिविधय
हतु मु य बुिनयादी आव यकता म संचार, िव तरीय कायालय हतु समुिचत थान, जहाँ िनयिमत िबजली,
पानी क यव था हो तथा जो वायुमाग से जुड़ा हो, आव यक त व ह। अ य त व म घरलू रयल ए टट, रटल
एवं हॉ पटिलटी आव यक ह। इस संदभ म िन निलिखत मु य योजनाएँ संचािलत क जाएँगी—
1. वायुमाग संपक—रा य म सूचना ौ ोिगक एवं सूचना ौ ोिगक से संब सेवा को अनुकल बनाने
हतु वायुमाग संपक अित आव यक ह। पटना एवं गया का संपक रा ीय और िव क चुने ए अंतरा ीय थान
से बढ़ाया जाएगा। देश क िविभ शहर क बीच िनजी कपिनय ारा एयर ट सी क संचालन को ो सािहत
िकया जाएगा।
2. सड़क संपक—हवाई अ और रलवे टशन को सूचना ौ ोिगक पाक से जोड़ने हतु संपक सड़क का
िनमाण िकया जाएगा, तािक अ प समय म प चा जा सक। सड़क नेटवक क िवकास करने हतु मू यव त सेवा,
जैसे—अंतरा ीय तर क सुिवधा, होटल, र तराँ, पे ोल पंप, आक मक सेवा इ यािद भी िवकिसत क जाएगी।
3. िव ुत आपूित—सावजिनक तथा िनजी े म नई िव ुत प रयोजना को ो साहन देकर सूचना
ौ ोिगक उ ोग क आव यकता को पूरा िकया जाएगा। वैसी सूचना ौ ोिगक इकाइयाँ, जो अपना क टव
पावर लांट िवकिसत करगी, उ ह सुिवधा और ो साहन िदया जाएगा।
4. िव सनीय सं ेषण िलंक—रा य सरकार सभी सूचना ौ ोिगक पाक हतु िव सनीय टलीकॉम सेवा
दाता को उ श का टलीकॉम सं ेषण िलंक लगाने हतु ो सािहत करगी। चुने ए थान म वे ट टशन
तथा नेटवक उप म लगाने को ाथिमकता दी जाएगी। ऑ टक फाइबर िबछाने तथा टावर लगाने क सही तरीक
सुिन त करने हतु िसंगल िवंडो णाली थािपत क जाएगी।
5. घरलू रयल ए टट—िनजी े को उ कोिट का आवासीय प रसर िनिमत करने हतु ो सािहत िकया
जाएगा, िजसम पया खुली जगह, खेल का मैदान तथा पािकग उपल ध ह । सूचना ौ ोिगक पाक क आस-
पास कमचा रय एवं उनक प रवार क रहने हतु घरलू इकाइय का िनमाण िकया जाएगा।
6. रटल एवं मनोरजन हतु क —बड़ िडपाटमटल टोर, मॉल, कफ, आधुिनक र तराँ, आधुिनक िसनेमाघर
एवं म टी ले स खोलने को ो सािहत िकया जाएगा। ये सुिवधाएँ सूचना ौ ोिगक एवं सूचना ौ ोिगक से
संबंिधत सेवा क कमचा रय क मनोरजन क ज रत को पूरा करने हतु ह गी।
2007 या उसक िकसी भाग क तहत नगर े क प म गिठत या कटोनमट क तहत पड़नेवाले िकसी े को
छोड़कर संपूण िबहार रा य म िव ता रत होगा। इस अिधिनयम का िव तार वही होगा जैसा िबहार का तकारी
अिधिनयम, 1885 म उपबंिधत ह, अथा यह अिधिनयम िकसी हद तक किष भूिम समािहत करते ए ऐसे े फल
पर लागू नह होगा, िजसे मा टर लान क काशन क ारा या अ य िकसी िविध से यावसाियक, औ ोिगक या
नगर े क प म अिधसूिचत िकया गया हो।
इस अिधिनयम क अंतगत समाहता एवं स म ािधकार को अनेक मह वपूण श याँ दान क गई ह।
‘समाहता’ से ता पय ह िजला समाहता, िजसक अिधका रता म संप रवतन क िलए आवेिदत किष भूिम अव थत ह
तथा इसम इस अिधिनयम क अधीन िजला समाहता क श य का योग तथा कितय का अनुपालन करनेवाली
सरकार ारा ािधकत कोई अ य अिधकारी स मिलत ह। ‘स म ािधकार से अिभ ेत ह अनुमंडल पदािधकारी,
िजसक अिधका रता म संबंिधत किष भूिम या उसका भाग अव थत हो। अनुमंडल पदािधकारी अपनी े ीय
अिधका रता म अव थत भूिम क संबंध म किष योजन से गैर-किष योजन म भूिम क उपयोग क िलए आदेश
देने क िलए स म ह गे। अिधिनयम म ‘बाजार मू य से अिभ ेत भारतीय टांप अिधिनयम, 1899 क ावधान क
अधीन समाहता ारा यथा अवधा रत किष भूिम क मू य से ह।
अिधिनयम क तहत स म ािधकार क पूवानुमित क िबना रा य म किष भूिम का गैर-किष उपयोग नह िकया
जाएगा। गैर-किष भूिम क योजनाथ किष भूिम क ऐसे संप रवतन क िलए आवेदन धारा-4 क अधीन यथा
िविनिद संप रवतन फ स सिहत िविहत प म िदया जाएगा। संप रवतन क िलए आवेिदत अनुमित आवेदन ा
होने क ितिथ या अंतर रािश क ा क ितिथ, जो बाद म हो, क न बे िदन क अंदर स म पदािधकारी क
ारा पूणतः या अंशतः या तो िनगत क जाएगी अथवा अ वीकत क जाएगी, परतु ऐसे आवेदन क अ वीकत
करने क थित म अ वीकित क कारण को िलिखत प म अिभिलिखत कर आवेदक को सूिचत िकया जाएगा।
अिधिनयम क धारा-8 क तहत कितपय भूिम एवं भूिम उपयोग म संप रवतन क अनुमित अनपेि त होगी, जो
िन न ह—
(क) रा य सरकार क वािम व क भूिम।
(ख) थानीय ािधकार क वािम व क भूिम, िजनका उपयोग सामुदाियक योजन क िलए हो रहा हो, जब
तक उनका यावसाियक योजन क िलए उपयोग नह हो रहा हो।
(ग) धािमक, सामािजक एवं दात य योजन से उपयोग म लाई जानेवाली भूिम, जब तक यावसाियक योजन
क िलए उपयोग नह हो रहा हो।
(घ) एक एकड़ से कम पारप रक पेशायु सू म गृह उ ोग क िलए उपयोग म लाई गई भूिम।
(ङ) छोटी दुकान क िलए उपयोग म लाई जानेवाली 5 सौ वग फ ट से कम भूिम।
(च) सरकार ारा समय-समय पर यथा अिधसूिचत िक ह अ य योजन क उपयोग म लाई गई भूिम।
(छ) िबहार का तकारी अिधिनयम, 1885 क धारा-23 (2) म िविनिद भूिम उपयोग।
इस अिधिनयम म अपील एवं पुनरी ण का भी ावधान िकया गया ह। अनुमंडल पदािधकारी क आदेश से
यिथत कोई य ऐसे आदेश क 60 िदन क अंदर समाहता क सम अपील दायर कर सकता ह। अपीलीय
आदेश क िव ऐसे आदेश क तीस िदन क भीतर मंडलीय आयु क सम पुनरी ण मामला दायर िकया
जा सकता ह। इस अिधिनयम क सभी या िकसी योजन को ि या वत करने क िलए सरकार समय-समय पर
अिधसूचना क ारा िनयम बना सकती ह। िबहार रा य िवधानमंडल ारा िबहार किष भूिम (गैर-किष योजन
क िलए संप रवतन) (संशोधन) अिधिनयम, 2012 िवधेयक पा रत िकया गया। िजसे रा यपाल ने 25 िदसंबर,
2012 को अनुमित दान कर अिधिनयिमत िकया। इस संशोधन अिधिनयम क तहत िबहार किष भूिम (गैर-किष
योजन क िलए संप रवतन) अिधिनयम, 2010 क धारा-8 क खंड (छह) क बाद संशोधन कर एक नया खंड
(ज) जोड़ा गया, िजसम सौर ऊजा क िलए उपयोग क भूिम को संप रवतन क अनुमित अनपेि त करने का
ावधान िकया गया।
िबहार लोक िशकायत िनवारण अिधकार अिधिनयम, 2015
रा य क जनता को िन त समय-सीमा क अंदर लोक िशकायत क िनवारण का अिधकार एवं उनसे सश
और आनुषंिगक िवषय क िलए उपबंध करने हतु इस अिधिनयम को 28 अग त, 2015 को लागू िकया गया ह।
रा य सरकार क ारा इस नीित से समय-समय पर लोक िशकायत िनवारण पदािधकारी, थम अपीलीय
ािधकार, तीय अपीलीय ािधकार, पुनरी ण ािधकार, रा य ािधकार तथा िनयत समय सीमा को अिधसूिचत
िकया जा सकगा। लोक िशकायत िनवारण पदािधकारी इस अिधिनयम क अधीन दायर िकए गए िकसी प रवाद क
सुनवाई का अवसर प कार को िनयत समय सीमा क अंदर देगा। जनता क िशकायत का भावी तरीक से
िनराकरण करने हतु रा य सरकार ारा सूचना एवं संबंिधत क क थापना क जाएगी।
कोई भी य , िजसे िनयत समय-सीमा क भीतर सुनवाई का अवसर दान नह िकया गया हो, या जो लोक
िशकायत िनवारण पदािधकारी क िविन य से यिथत हो, िनयत समय-सीमा क समा से या लोक िशकायत
िनवारण पदािधकारी क िविन य क तारीख से तीस िदन क अंदर थम अपीलीय ािधकार क सम अपील दायर
कर सकगा, लेिकन थम अपीलीय ािधकार यादा से यादा 45 िदन क कालाविध क अपील हण कर
सकगा। थम अपीलीय ािधकार एक िनिद समयाविध क भीतर प रवादी को सुनवाई एवं िनराकरण का अवसर
दान करते ए आदेश दे सकगा या अपील खा रज कर सकगा। थम अपीलीय ािधकार क िविन य क िव
तीय अपील ािधकार थम अपीलीय ािधकार क िविन य क तारीख से 30 िदन क अंदर तीय अपीलीय
ािधकार क सम दायर क जा सकगी, लेिकन तीय अपीलीय ािधकार यादा-से- यादा 45 िदन क
कालाविध क अपील हण कर सकगा।
कोई यिथत य सीधे तीय अपीलीय ािधकार क सम अपील दायर कर सकगा, यिद लोक िशकायत
िनवारण पदािधकारी िनयत समय-सीमा क अंदर आदेश का पालन नह करता ह। तीय अपीलीय ािधकार एक
िनिद समयाविध ( यादा-से- यादा 30 िदन) क अंदर प रवादी को सुनवाई एवं िनराकरण का अवसर दान करते
ए आदेश दे सकगा या अपील खा रज कर सकगा।
तीय अपीलीय ािधकार क िकसी आदेश से यिथत होकर िनयत समय अविध (60 िदन) क अंदर रा य
सरकार ारा नािमत िकसी ािधकार क सम उस आदेश क पुनरी ण क िलए आवेदन कर सकगा, लेिकन
रा य सरकार ारा नािमत ािधकार यादा से यादा 75 िदन क कालाविध क आवेदन को हण करगा।
रा य सरकार अिधसूचना ारा इस अिधिनयम क योजन को काया वत करने क िलए िनयम बना सकगी।
यिद इस अिधिनयम क उपबंध को भावी बनाने म कोई किठनाई उ प होती हो तो रा य सरकार इस अिधिनयम
क उपबंध क संगत कोई कारवाई कर सकगी, लेिकन कोई भी आदेश इस अिधिनयम क ारभ से 2 वष क
समा क प ा नह िकया जा सकगा। इस धारा क अधीन िकया गया येक आदेश जारी करने क प ा
यथासंभव शी रा य िवधानमंडल क सदन क सम रखा जाएगा।
तक िकया सकगा अथवा जुमाने से िजसे बढ़ाकर दस लाख पए िकया जा सकगा अथवा दोन से दंडनीय होगा।
इस अिधिनयम क अधीन कले टर ारा आदेश पा रत करते समय, यिद उसका समाधान हो जाता ह िक िकसी
थान पर िवि त शराब क उपभोग क कारण िकसी य क मृ यु अथवा ित ई ह तो वह िविनमाता अथवा
िव ता चाह वह िकसी अपराध म िस दोष आ हो अथवा नह , ितकर क प म येक मृतक क िविधक
ितिनिध को कम-से-कम चार लाख पए अथवा गंभीर प से ित त य को दो लाख पए अथवा िकसी
अ य पा रणािमक चोट खानेवाले य को बीस हजार पए भुगतान करने का आदेश देगा।
इस अिधिनयम क अधीन वीकत अथवा िनगत अनु अथवा परिमट का धारक होने पर अथवा ऐसे धारक
क िनयोजन म रहने पर अगर िकसी उ पाद पदािधकारी ारा परिमट क कागजात माँग िकए जाने पर परिमट तुत
करने म असफल हो या परिमट क शत का उ ंघन करता हो, को कम-से-कम एक लाख पए क जुमाने, िजसे
बढ़ाकर दस लाख पए तक िकया जा सकगा, से दंडनीय होगा। अगर अपने प रसर क िनरी ण क दौरान
सहयोग नह करता हो अथवा िववरण तुत करने म असफल रहता हो तो जुमाने क प म कम-से-कम एक
लाख पए, िजसे बढ़ाकर दस लाख पए तक िकया जा सकगा, से दंडनीय होगा। दंड न देने क थित म
ितिदन उ रवत िवलंब क िलए दस हजार पए ितिदन यादा जुमाना देय होगा।
कोई य अठारह वष से कम आयु क िकसी अवय क य अथवा िकसी मिहला को शराब अथवा कोई
मादक य को छपाने, िब करने, रखने, प रवहन करने अथवा िवतरण करने क योजन से िनयोिजत करता ह
तो वह कम-से-कम दस वष क कारावास से, िजसे बढ़ाकर आजीवन करावास तक िकया जा सकगा तथा जुमाने
से जो कम-से-कम एक लाख पए होगा, िजसे बढ़ाकर दस लाख पए तक िकया जा सकगा अथवा दोन से
दंडनीय होगा। कोई य अठारह वष से कम क िकसी अवय क या िकसी मिहला को िकसी मादक य अथवा
शराब को क जे म रखने, भंडा रत करने, िवत रत करने, िव य करने, य करने, प रवहन करने अथवा उपभोग
करने क िलए धमकाता ह, फसलाता ह, लोभन देता ह अथवा बढ़ावा देता ह अथवा धमकाने, फसलाने, लोभन
देने अथवा बढ़ावा देने क चे ा करता ह, वह कम-से-कम आठ वष क कारावास से, िजसे बढ़ाकर दस वष
तक िकया जा सकगा और जुमाने से, जो कम-से-कम एक लाख पए होगा, िजसे बढ़ाकर दस लाख पए िकया
जा सकगा, से दंडनीय होगा।
कोई य , जो िकसी उ पाद पदािधकारी अथवा पुिलस पदािधकारी अथवा अपने सरकारी कत य क िन पादन
म लगे िकसी अ य पदािधकारी पर हमला करता ह अथवा हमला करने क धमक देता ह अथवा बाधा उ प
करता ह अथवा बाधा उ प करने का यास करता ह, तो वह कम-से-कम आठ वष क कारावास से, िजसे
बढ़ाकर दस वष तक िकया जा सकगा और जुमाने से जो कम-से-कम एक लाख पए होगा, िजसे बढ़ाकर दस
लाख पए िकया जा सकगा, दंडनीय होगा।
यिद कोई उ पाद पदािधकारी, पुिलस पदािधकारी, या कोई अ य य शक करने क समुिचत आधार क िबना
परशान करने क उ े य से इस अिधिनयम ारा दत िकसी श क उपयोग का बहाना बनाकर िकसी बंद
थल म वेश करता ह या तलाशी लेता ह या वेश कराता ह या तलाशी कराता ह तो वह कारावास का भागी
होगा, िजसक अविध तीन वष तक बढ़ाई जा सकगी या जुमाना, िजसे एक लाख पए तक बढ़ाया जा सकगा या
दोन का भागी होगा।
यिद कले टर को िकसी उ पाद पदािधकारी या पुिलस पदािधकारी या अ यथा क ितवेदन से समाधान हो जाता
ह िक कोई गाँव या शहर िवशेष या िकसी गाँव या शहर क िकसी भीतर का इलाका या उस गाँव या शहर म रह
रहा कोई समूह/समुदाय िवशेष इस अिधिनयम क उपबंध का बार-बार उ ंघन कर रहा ह, तब कले टर आदेश
ारा ऐसे इलाक म रहनेवाले ऐसे जनसमूह पर यथोिचत सामूिहक जुमाना लगा सकगा।
इस अिधिनयम क अधीन दंडनीय सभी अपराध का िवचारण स यायालय ारा िकया जाएगा। रा य सरकार
यिद लोकिहत म आव यक समझती ह तो इस अिधिनयम क अधीन सभी अपराध या उनम से िकसी अपराध पर
िवचारण क योजनाथ उ यायालय क मु य यायाधीश क परामश से रा य क येक िजले म िवशेष यायालय
थािपत कर सकगी।
इस अिधिनयम को लागू करने म कोई किठनाई उ प होती ह तो रा य सरकार राजप म अिधसूचना ारा
ऐसे उपबंध कर सकगी, िजसे वह किठनाई दूर करने क िलए आव यक समझे। इस धारा क अधीन िनगत येक
अिधसूचना, इसक िनगत होने क प ा यथाशी रा य िवधानमंडल क सम रखी जाएगी।
q
पथ थे, िजनक कल लंबाई 4,621 िकलोमीटर ह। इसम से 72.4 ितशत िह सा दो या दो से अिधक लेनवाली
सड़क का ह। िबहार म रा य उ पथ क कल लंबाई 4,253 िकलोमीटर ह, िजसम लगभग 67.8 ितशत दो
लेनवाले, 13.5 ितशत म यवत लेनवाले और 18.2 ितशत एक लेनवाले थे।
रा य म मु य िजला पथ क कल लंबाई 11,054 िकलोमीटर ह, िजसम से लगभग 54 ितशत एक लेनवाले
ह। ामीण संपक पथ का िनमाण वष 2016 म 60,503 िकलोमीटर िकया गया, िजस पर 31,589 करोड़ पए का
यय िकया गया। मु यमं ी सेतु िनमाण योजना क अंतगत कल 1068 ि ज का िनमाण िपछले दशक म िकया
गया। इसक अलावा 583 बृहत बड़ एवं लघु तर क ि ज का िनमाण अ य योजना क मा यम से िकया गया।
बृहत ि ज का िनमाण सोन नदी पर अरवल और शहार (भोजपुर) क बीच, गंडक नदी पर गोपालगंज और बेितया
क बीच, गंडक नदी पर ही धनहा और रतवल क बीच, प मी चंपारण म, कोसी नदी पर िवजयघाट नवगिछया,
भागलपुर म, छह लेन का पुल फ गु नदी पर गया म, लाई ओवर शेखपुरा से जगदेव पथ, पटना म, िचरयाटाँड़ से
गांधी मैदान तक, पटना म िकया गया।
िबहार म रा य उ पथ क कल लंबाई 4,253 िकलोमीटर ह, िजसम लगभग 67.8 ितशत दो
लेनवाले, 13.5 ितशत म यवत लेनवाले और 18.2 ितशत एक लेनवाले थे।
रा य म िनबंिधत मोटर वाहन क सं या िपछले पाँच वष (2010-15) म तेजी से 15.4 ितशत तक क
वािषक दर से बढ़ी ह। िनबंिधत मोटर वाहन क सं या क ि कोण से िबहार प म बंगाल क बाद दूसरा सबसे
ती वृ वाला रा य ह। िबहार म दूरसंचार े का ती गित से िवकास आ ह। टलीफोन कने शन क सं या
2001 क 9.7 लाख से असाधारण प से बढ़कर 2016 म 748 लाख हो गई। वतमान वष म िबहार म दूरभाष
घन व 2001 क 1.15 ितशत से बढ़कर 2016 म 54.3 ितशत हो गया।
िबहार म िसंचाई मता 117.54 लाख ह टयर अनुमािनत ह, िजसम बृहत, म यम और लघु िसंचाई स मिलत
ह। सृिजत िसंचाई मता 68.90 लाख ह टयर ह, जो अिधकतम िसंचाई मता का 58.6 ितशत ह। यु िसंचाई
मता 56.66 लाख ह टयर ह, जो सृिजत िसंचाई मता का 82.2 ितशत ह और अिधकतम िसंचाई मता का
48.2 ितशत ह।
हवाई यातायात सेवा िकसी भी अथ यव था क िवकास म मह वपूण भूिमका अदा करती ह। वष 2010-11 तक
हवाई यातायात क सं या 9,547 थी, जो बढ़कर 2015-16 म 18,744 हो गई। याि य क सं या 2010-11 क
8.39 लाख से बढ़कर 2015-16 म 15.9 लाख हो गई। वह हवाई यातायात ढलाई 2004-05 क 3.2 हजार टन से
बढ़कर 2015-16 म 4.41 हजार टन हो गया। िबहार म डाकघर सेवा का बृहत नेटवक उपल ध ह। माच, 2015
तक 9,067 डाकघर थे, िजसम से 8,591 डाकघर अथा 95 ितशत ामीण े म तथा 476 अथा 5 ितशत
शहरी े म थत ह। अिखल भारतीय डाकघर सेवा म िबहार का शेयर 6.2 ितशत ह।
ऊजा े
िबहार म िबजली क े म उ ेखनीय सुधार आ ह। 2011-12 क 1712 मेगावाट से बढ़कर 2016-17 म
3769 मेगावाट हो गया, जो िपछले 6 वष म लगभग 120 ितशत क वृ को सूिचत करता ह। वष 2012-13
तक लगभग 30 ितशत क सव कमी बरकरार रही थी, जो वष 2015-16 म घटकर लगभग 16 ितशत हो
गई, िजसक कारण िबजली क उपल धता 6-8 घंट से बढ़कर 14-16 घंट ामीण े म तथा 10-12 घंट से
बढ़कर 20-22 घंट शहरी े म हो गई। ित य ऊजा क खपत 2012-13 क 145 िकलोवाट ित घंट से
बिकग और सहवत े
बिकग और सहवत े का िवकास िकसी भी अथ यव था क आधारभूत आव यकता ह। िबहार म माच,
2016 तक यावसाियक बक क कल शाखाएँ 6,661 थ , िजसम से 55 ितशत ामीण े म थ । जून, 2016
तक देश क कल बक शाखा म िबहार का िह सा मा 4.8 ितशत था, जबिक देश क जनसं या म रा य का
िह सा 8.6 ितशत ह। िबहार म कल जमा रािश म 2013-14 क तुलना म 2014-15 म 13.9 ितशत क वृ
ई, जो 26,376 करोड़ पया ह, परतु देश क कल बक ऋण म िबहार का िह सा लगभग 1 ितशत ह, जो काफ
िन न तर का ह। िबहार म वष 2016 म सभी बक का ऋण-जमा अनुपात 41.7 ितशत ह, जो 2011-12 म
36.7 ितशत था। रा य म बक ारा िदए गए कल अि म म ाथिमकतावाले े क अि म का िह सा 76
ितशत था। इन कल अि म म किष का िह सा 52 ितशत था। 2015-16 म कल िवत रत ऋण म किष का
िह सा 52 ितशत था, वह लघु एवं म यम उ ोग को िदए गए अि म का िह सा मा 16 ितशत था।
मानव िवकास
मानव िवकास क े म रा य सरकार ने िवकास यय म ती वृ क ह। अपने कल यय का 35 ितशत
िह सा सामािजक सेवा पर यय कर रही ह। हालाँिक िबहार का ित य िवकास यय 16.4 ितशत क दर
से बढ़ा ह, जबिक अिखल भारतीय तर पर यय 17.1 ितशत क दर से बढ़ा ह। सरकारी अ पताल म
प चनेवाले रोिगय क औसत मािसक सं या म 10 ितशत क वृ ई ह। यह वृ बेहतर आधारभूत संरचना
सुिवधा क कारण संभव ई ह। सं थागत सव क सं या 3.4 ितशत क वािषक दर से बढ़ी ह। िबहार म
सा रता दर वष 2001 क 47.0 ितशत से बढ़कर वष 2011 म 61.8 ितशत हो गई। िपछले 5 वष म ाथिमक
और उ ाथिमक तर म 3.9 ितशत क वािषक वृ ई ह।
रोजगार क अवसर क िवकास और रा य सरकार क सात म से एक िन य ‘आिथक हल युवा का बल’
का ल य पूरा करने क िलए रा य सरकार ने 2 अ ूबर, 2016 को कौशल युवा काय म क शु आत क ।
कौशल िवकास क गुंजाइश बढ़ाने क िलए िबहार कौशल िवकास िमशन ारा 149 पा य म चुने गए ह और
रा य सरकार क 15 िवभाग ारा उनका ि या वयन िकया जा रहा ह।
राजक य िव यव था
िबहार म वष 2016 तक 42,059 जनिवतरण णाली क दुकानदार थे। इन दुकानदार म सभी
सामािजक समूह का िह सा रहा ह, िजसम िपछड़ी जाितयाँ 29.3 ितशत, सामा य जाितयाँ 19.4
ितशत, अनुसूिचत जाितयाँ 16.4 ितशत और पूव सैिनक 10.6 ितशत ह।
िबहार सरकार क राजकोषीय बंधन नीितय क सफल संचालन क प रणाम व प राज व अिधशेष 2011-12
क 4,820 करोड़ पए से बढ़कर 2015-16 म 12,507 करोड़ पए हो गया ह। यह पूव क सभी वष म सव
तर ह। इसक कारण रा य सरकार क िलए पूँजीगत यय म 5,800 करोड़ पए क अिधक वृ करने क
गुंजाइश बनी ह। वष 2015-16 म बकाया लोकऋण 88,829 करोड़ पया था, जो ऋण तथा सकल घरलू उ पाद
क अनुपात का 21.5 ितशत ह, जो 14व िव आयोग ारा 25 ितशत क िनधा रत सीमा से नीचे ह। राज व
ा क साथ याज भुगतान का अनुपात जो 2011-12 म 9.3 ितशत था, वह घटकर 2015-16 म 8.5 ितशत
रह गया, परतु 14व िव आयोग ारा अिधकतम ऊपरी सीमा 10 ितशत िनधा रत क गई थी। वष 2015-16 म
2013-14 : —1.9
2014-15 : —0.2
2015-16 : —2.1
2016-17 BE : —1.2
सूचक : —सकल रा य घरलू उ पाद क मुकाबले रा य क अपनी कर ा क उ फ ता (Buoyancy)
2011-12 : —-0.5
2012-13 : —1.9
2013-14 : —2.9
2014-15 : —0
2015-16 : —3.8
2016-17 BE : —0.6
सूचक : —बकाया ऋण म वृ ( ितशत)
2011-12 : —7.8
2012-13 : —12.7
2013-14 : —11.8
2014-15 : —16
2015-16 : —19.1
2016-17 BE : —19.3
सूचक : —कल राज व ा म वृ ( ितशत)
2011-12 : —15.2
2012-13 : —16.1
2013-14 : —15.7
2014-15 : —13.8
2015-16 : —22.6
2016-17 BE : —29.6
सूचक : —रा य क अपनी राज व ा म वृ ( ितशत)
2011-12 : —24.4
2012-13 : —28.8
2013-14 : —23.7
2014-15 : —3.7
2015-16 : —23.9
2016-17 BE : —16.1
सूचक : —सकल रा य घरलू उ पाद म वृ ( ितशत)
2011-12 : —21.4
2012-13 : —14.3
2013-14 : —12.3
2014-15 : —17.9
2015-16 : —10.6
2016-17 BE : —14
ख) लचीलापन (Fiexibility)
सूचक : पूँजीगत अदायगी/पूँजीगत ऋण हण ( ितशत)
2011-12 : 72.9
2012-13 : 54
2013-14 : 39.6
2014-15 : 28.6
2015-16 : 25.8
2016-17 BE : 21.9
सूचक : कल का ा /सकल रा य घरलू उ पाद ( ितशत)
2011-12 : 16.4
2012-13 : 17.1
2013-14 : 17.3
2014-15 : 15.4
2015-16 : 18
2016-17 BE : 18.7
सूचक : पूँजीगत प र यय/पूँजीगत ा ( ितशत)
2011-12 : 133.1
2012-13 : 100.1
2013-14 : 141.1
2014-15 : 117.8
2015-16 : 130.2
2016-17 BE : 141.5
सूचक : रा य क अपनी कर ा /सकल रा य घरलू उ पाद ( ितशत)
2011-12 : 5.1
2012-13 : 5.8
2013-14 : 6.3
2014-15 : 5.5
2015-16 : 6.2
2016-17 BE : 6.3
सूचक : रा य क अपनी करतर ा /सकल रा य घरलू उ पाद ( ितशत)
2011-12 : 0.4
2012-13 : 0.4
2013-14 : 0.5
2014-15 : 0.4
2015-16 : 0.5
2016-17 BE : 0.5
सूचक : बकाया ऋण/सकल रा य घरलू उ पाद ( ितशत)
2011-12 : 20.63
2012-13 : 20.35
2013-14 : 20.27
2014-15 : 19.94
2015-16 : 21.48
2016-17 BE : 22.49
ग) सुभे ता (Volnerability) सूचक : राज व घाटा (करोड़ .)
2011-12 : -4820
2012-13 : -5101
2013-14 : -6441
2014-15 : -5847
2015-16 : -12507
2016-17 BE : -14649
सूचक : राजकोषीय घाटा (करोड़ .)
2011-12 : 5915
2012-13 : 6545
2013-14 : 8352
2014-15 : 11179
2015-16 : 12062
2016-17 BE : 16014
सूचक : ाथिमक घाटा (करोड़ .)
2011-12 : 1611
2012-13 : 2117
2013-14 : 2893
2014-15 : 5050
2015-16 : 4964
2016-17 BE : 7835
सूचक : ाथिमक घाटा/राजकोषीय घाटा ( ितशत)
2011-12 : 27.2
2012-13 : 32.3
2013-14 : 34.6
2014-15 : 45.2
2015-16 : 41.2
2016-17 BE : 48.9
सूचक : राज व घाटा/राजकोषीय घाटा ( ितशत)
2011-12 : -81.5
2012-13 : -77.9
2013-14 : -77.1
2014-15 : -52.3
2015-16 : -103.7
2016-17 BE : -91.5
q
ह। वष 2017-18 म शासिनक सुधार आयोग क अनुशंसा क आलोक म मु य लेखा िनयं क संगठन क इकाई
का पुनगठन आंत रक अंक ण िनदेशालय क प म िकया जाना तािवत ह। इसक मा यम से पंचायती राज
सं था एवं थानीय शहरी िनकाय क अंक ण क यव था सु ढ िकए जाने पर िवचार िकया जा रहा ह।
िव ीय समायोजन योजना अंतगत बिकग सुिवधाएँ गाँव म उपल ध कराने हतु Banking Correspondent
(BC)/Business Facilitator (BF) क 12916 एजट क बहाली क गई ह।
सुशासन क काय म (वष 2015-20) क अंतगत पूरी ढता एवं संक प क साथ सां दाियक स ाव और
सामािजक सौहाद का वातावरण बनाए रखना अ पसं यक क उिचत भागीदारी, िश ा तथा रोजगारो मुखी
िश ण, मदरसा आधुिनक करण, उदू भाषा क िवकास, कि तान क घेराबंदी तथा अ पसं यक सं था को
स म बनाने का काय िकया जा रहा ह। अंजुमन इ लािमया हॉल, पटना क पुनिनमाण हतु 35.18 करोड़ पए
क वीकित दी गई ह।
वष 2017-18 म राजकोषीय घाटा GSDP का 2.87 ितशत अनुमािनत ह, जो बजट बंधन
अिधिनयम, 2006 एवं 14व िव आयोग क अनुशंसा तथा बजट बंधन (संशोधन) अिधिनयम, 2016
म िनधा रत अिधसीमा क अनु प ह।
क ायोिजत ब े क िवकास काय म (Multi Sectoral Development Programme–MSDP) योजनांतगत
रा य क िच त 20 िजल म 75 अ पसं यक बा य खंड एवं 8 शहर ह। अ पसं यक क ब े क
िवकास काय म क तहत िश ा एवं वा य े अंतगत कल 612 इकाई िनमाण योजना क वीकित दी
गई ह। इस योजनांतगत अ पसं यक बा य खंड म ‘स ाव मंडप’ अ पसं यक क सामािजक, आिथक,
शै िणक एवं कौशल िवकास क आव यकता को पूरा करने क िलए बनाए जा रह ह। अ पसं यक बा य
े म अ पसं यक क जीिवका संबंधी थितय म सुधार क िलए रा य सरकार उन गाँव म ब े ीय कौशल
िवकास क थािपत कर रही ह। ये क अ पसं यक क िलए सां कितक क का भी काम करगे।
किष िवभाग
किष का िवकास सरकार क ाथिमकता ह। वष 2008 म पहली बार किष रोड मैप बनाया गया तथा वष
2012-13 म 2012 से 2017 तक क िलए तीय किष रोड मैप तैयार िकया गया ह। किष रोड मैप क अधीन
खा ा फसल क उ पादकता म बढ़ोतरी क िलए ीिविध से धान क खेती क िलए िकसान को ो सािहत करने
हतु लघु तथा सीमांत िकसान एवं किष मजदूर क िलए िवशेष िश ण काय म का आयोजन िकया जा रहा ह।
धान क पैदावार को बढ़ाने क िलए आधुिनक यं पैडी ांस लांटर तथा पैडी म सीडर को बढ़ावा देने एवं जीरो-
िटलेज िविध से गे क खेती को ो सािहत करने, क टम हाय रग क (किष यं बक) का िव तार करने एवं
येक िकसान को मृदा वा य काड उपल ध कराने क योजना का काया वयन िकया जा रहा ह। 362 खंड म
इ-िकसान भवन क िनमाण का काय पूरा हो गया ह।
रा य सरकार किष िश ा क ित उ मुख करने क िलए येक मेधावी छा को 2000 पए ितमाह छा वृि
तथा 6000 पए ितवष पु तक आिद खरीदने क िलए सहायता दे रही ह। जल संर ण योजनांतगत 255 िविभ
आकार क संरचना का िनमाण, 22 प ा चेक डम का िनमाण, 8 सामुदाियक तालाब क जीण ार का काय
पूण िकया गया ह। रा य क 14 िजल म वष 2016-17 म अब तक 4169 तालाब िनमाण का काय पूण कर िलया
गया ह। धानमं ी किष िसंचाई योजनांतगत जलछाजन बंधन काय म क तहत 786 जल संचयन संरचना का
िनमाण िकया गया ह। इस कार 7299 एकड़ अित र िसंचाई मता का सृजन आ ह।
जैिवक खेती को बढ़ावा देने क उ े य से 18,730 वम कपो ट इकाइय क थापना क गई ह। 107 िकसान
को गोबर गैस क थापना क िलए आिथक सहायता दान क गई ह। वष 2017-18 म बागबानी िवकास
काय म क अंतगत नए बाग क थापना तथा पुराने बाग क जीणा ार क िलए िकसान को सहायता िदए जाने
तथा मधुम खी पालन, मश म उ पादन, जैिवक स जी क खेती आिद को ो सािहत िकए जाने हतु िकसान क
बीच िटशू क चर, कले क 50 लाख जी-9 भेद क िटशू क चर पौधे, अनुदािनत दर पर एवं 50 हजार मधुम खी
ब से उपल ध कराए जाएँगे। बागबानी फसल क अंतगत औषिध एवं सुगंिधत पौधे, फल क खेती तथा मसाले
क खेती को ो सािहत िकया जाएगा।
इडो-इजराइल ोजे ट क तहत रा य म उ ािनक फसल क उ क उ पादन तकनीक का दशन एवं य ण
क साथ-साथ उ गुणव ायु पौधरोपण साम ी िकसान को मुहया कराने क उ े य से चंडी (नालंदा) एवं
देसरी (वैशाली) म मशः स जी एवं फल क एक-एक सटर ऑफ ए सलस क थापना क गई ह।
पथ िनमाण िवभाग
रा य सरकार नई सड़क क िनमाण एवं पुरानी सड़क क रखरखाव क ित ढ संक पत ह। वष 2016-17 म
िदसंबर माह तक 2232 िकलोमीटर रा ीय उ पथ (NH) का रा य िनिध से, 2104 िकलोमीटर रा य उ पथ
(SH) का रा ीय समिवकास योजनांतगत 1072 िकलोमीटर SH का एिशयाई िवकास बक (ADB) संपोिषत
योजनांतगत एवं रा य योजना से 845 िकलोमीटर सड़क उ यन का काय पूण िकया गया। 13675 िकलोमीटर
बृहत िजला पथ का चौड़ीकरण/उ यन/नवीकरण काय भी पूण िकया गया ह।
महा मा गांधी सेतु क पुनिनमाण हतु एक समिपत महा मा गांधी सेतु मंडल का पुनगठन िकया गया ह। भारत-
नेपाल सीमा सड़क प रयोजना एवं 6-लेन गंगा ि ज (क ी दरगाह-िबदुपुर) म भू-अजन क कारवाई म अपेि त
गित लाते ए काय ारभ िकया गया ह। िव बक संपोिषत योजना (NHIIP) क अंतगत NH-104 (िशवहर-
सीतामढ़ी-जयनगर-नरह रया), NH-106 (वीरपुर-िबहपुर), NH-30A (फतुहा-हरनौत-बाढ़) एवं NH-98
(अिनशाबाद-औरगाबाद-ह रहरगंज) क कल 509 िकलोमीटर क उ यन का काय गित पर ह। मु यमं ी सेतु
योजना क अंतगत अब तक 3143.02 करोड़ पए लागत क 5034 योजनाएँ पूण ई ह। ए.डी.बी.—संपोिषत
योजनांतगत सीवान-िससवन (SH-89), बागी-बरिबगहा (SH-83) एवं सरया-मोतीपुर (SH-86) का काय पूण िकया
गया ह।
भागलपुर िजले क सु तानगंज एवं खगिड़या िजले क अगुवानी घाट क बीच गंगा नदी पर पुल, औरगाबाद
िजलांतगत दाऊदनगर एवं रोहतास िजला अंतगत नासरीगंज क बीच सोन नदी पर पुल, पटना शहर थत मीठापुर
आर.ओ.बी. से टशन होते ए िचरयाटाँड़ ऊपरी पुल िव तारीकरण काय, पटना शहर क बेलीरोड पर लिलत भवन
से िव ुत भवन क बीच लाईओवर, पटना शहर क मीठापुर ऊपरी पुल से िभखारी ठाकर (यारपुर) ऊपरी पुल
(भाया आर. लॉक जं शन) क बीच लाईओवर का िनमाण काय गित ऌपर ह। गंगा पथ (दीघा से दीदारगंज,
3160 करोड़ पए) एवं पटना थत ए स से दीघा तक एिलवेटड कॉ रडोर (1231 करोड़ पए) का िनमाण काय
गित पर ह।
मु यमं ी िव ाथ ो साहन योजनांतगत थम ेणी म मैि क क परी ा उ ीण करनेवाले अ पसं यक
छा -छा ा को 10 हजार पए ो साहन रािश दी जा रही ह।
भारत-नेपाल सीमा क समानांतर प मी चंपारण िजला क NH-28B क गोबरिहया ाम (मदनपुर क समीप) से
आरभ होकर पूव चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अर रया होते ए िकशनगंज िजले क प म बंगाल रा य
सीमा पर गलगिलया तक 2552.86 करोड़ पए क लागत पर वीकत कल 552.293 िकलोमीटर पथांश का
िनमाण काय गित पर ह। जन िनजी भागीदारी क अंतगत ब तयारपुर-ताजपुर (सम तीपुर) क बीच 1602.74
करोड़ पए लागत से गंगा नदी पर प च पथ का िनमाण काय गित पर ह। JICA संपोिषत योजनांतगत गया-
मु यमं ी नवाचार योजना क अंतगत रा य म स जी क उ पादन सं करण एवं िवपणन हतु सहकारी सिमितय
क गठन क कारवाई क जा रही ह। 27 खंड तरीय ाथिमक स जी कषक सहयोग सिमितय का िनबंधन िकया
जा चुका ह। सहकारी सिमितय म 50 ितशत पद मिहला क िलए आरि त ह एवं अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत
जनजाित, िपछड़ा एवं अ यंत िपछड़ा वग क िलए ितिनिध व आरि त िकया गया ह।
पयावरण एवं वन िवभाग
रा य म संपूण भू-भाग क वतमान 12.88 ितशत वृ ा छादन को वष 2017 तक 15 ितशत करने हतु सरकार
ारा ह रयाली िमशन नामक एकमा मह वाकां ी योजना ारभ क गई ह। मु यमं ी शहरी वािनक योजना म
पटना तथा अ य मुख शहर म आगम-िनगम पथ तक वन रोपण एवं ‘हर प रसर, हरा प रसर’ योजनांतगत
वृ ारोपण िकया जाएगा। मु यमं ी िनजी पौधशाला (पॉपलर) क अंतगत पौधशाला से कल 108.70 लाख पौधे
एवं मु यमं ी िनजी पौधशाला अंतगत अ य जाित क 112.20 लाख पौधे िकसान ारा उगाने का ल य ह।
50.12 लाख अ य जाित क पौधे उगाने का ल य भी रखा गया ह।
िश ा िवभाग
रा य सरकार ने िश ा पर िवशेष यान िदया ह, साथ ही ब आयामी रणनीित अपनाते ए सभी वंिचत वग को
कल प चाने, नामांकन म वृ लाने, नए ाथिमक एवं उ मा यिमक िव ालय खोलने, क ा क सं या
बढ़ाने, िश क क उपल धता एवं उप थित सुिन त करने तथा ाथिमक िव ालय को मा यिमक िव ालय म
उ िमत करने एवं लड़क-लड़िकय क बीच िश ा क खाई को ऌपाटने क िलए अनेक नवाचारी कदम उठाए
गए ह। इससे कल से वंिचत ब क सं या म िनरतर कमी आई ह और कल म लड़िकय क िवशेषकर
उप थित बढ़ी ह। 6-14 आयु वग क िव ालय से बाहर क ब को िव ालय लाने म रा य ारा मह वपूण
उपल ध हािसल क गई ह। वतमान म लगभग 1 ितशत से कम ब े ही िव ालय से बाहर रह गए ह।
सव िश ा अिभयान क तहत अब तक 21,419 ाथिमक िव ालय क ल य क िव 21,252 ाथिमक
िव ालय खोले जा चुक ह। 19,604 ाथिमक िव ालय को म य िव ालय म उ िमत िकया गया ह। मु यमं ी
बालक एवं बािलका साइिकल योजना क अंतगत वतमान िव ीय वष 2016-17 म 9व क ा म नामांिकत
14,01,292 छा -छा ा को साइिकल क िलए रािश उपल ध कराई गई ह। मा यिमक िश ा अंतगत 9-12 तक
म नामांिकत 12,50,315 छा ा को पोशाक हतु रािश उपल ध कराई गई ह। रा य सरकार ारा रा य क
5,097 मा यिमक-उ मा यिमक िव ालयिवहीन पंचायत म एक-एक उ मा यिमक िव ालय क थापना करने
का िनणय िलया गया ह, िजसक अंतगत अब तक 2,158 म य िव ालय को उ मा यिमक िव ालय म उ िमत
िकया गया ह। िव संपोिषत Enhancing Teacher Effectiveness in Bihar Programme क अंतगत 33 िश क
िश ण सं थान क िनमाण एवं 250 िश ण क पर ICT (Information and Communication Technology)
क यव था क गई ह।
िबहार रा य िव िव ालय अिधिनयम, 1976 म संशोधन करते ए तीन नए िव िव ालय पूिणया
िव िव ालय, पाटिलपु िव िव ालय एवं मुंगेर िव िव ालय खोलने का िनणय िलया गया ह। रा य म िनजी
िव िव ालय खोलने हतु 11 ताव ा ए ह, िजसम से 7 क साथ LOI िनगत िकया जा चुका ह तथा शेष 4
ताव पर कारवाई क जा रही ह।
रा य सरकार क सुशासन क काय म 2015-20 क अंतगत िवकिसत िबहार क सात िन य क अंतगत 12व
करने का ल य ह। नवीनगर टज-1 म 660 मेगावाट क 3 इकाइय का िनमाण काय जारी ह। बाँका म 106
अ ामेगावाट पावर ोजे ट क थापना हतु ताव भेजा गया ह।
वतमान म रा य म ि ड सब- टशन क सं या 106 हो गई ह, िजसक फल व प संचरण णाली क पावर
Evacuation मता करीब 6816 मेगावाट हो गई ह। ामीण िव ुतीकरण क तहत िपछले एक वष म 392 अदद
अिव ुतीकत ाम को ऊजा वत िकया गया ह। रा य म Android Mobile क मा यम से पॉट िबिलंग का काय
ारभ हो गया ह एवं इसे पूर रा य म माच, 2017 तक लागू िकया जाना था।
िव ीय वष 2016-17 म ‘मु यमं ी नवीन और नवीकरणीय ऊजा काय म’ क अंतगत 1000 अदद सोलर पंप
का अिध ापन काय कराया गया ह।
ामीण िवकास िवभाग
जीिवका क अंतगत 5.80 लाख वयं सहायता समूह का गठन कर 4.10 लाख समूह का बक क
मा यम से िव पोषण कर रोजगार उपल ध कराया गया।
मनरगा अंतगत रा य सरकार ारा यूनतम मजदूरी 177 पए दी जा रही ह, जो भारत सरकार ारा िनधा रत
मजदूरी क दर 167 पए से अिधक ह। इस िव ीय वष म रा य सरकार ारा 6466.47 लाख पए क अंतर
रािश का वहन अपने खजाने से िकया गया। धानमं ी आवास योजना का काया वयन रा य म िकया जा रहा ह।
पूव क 4.88 लाख अपूण आवास को पूण कराया गया ह, िजस पर 400.58 करोड़ पए क रािश यय क गई
ह। जीिवका क अंतगत 5.80 लाख वयं सहायता समूह का गठन कर 4.10 लाख समूह का बक क मा यम से
िव पोषण कर रोजगार उपल ध कराया गया। िबहार ांसफॉरमेिटव डवलपमट ोजे ट (BTDP) जीिवका-2 का
काया वयन अग त 2016 से िकया जा रहा ह। लोिहया व छ िबहार अिभयान का ि या वयन 131 खंड म
िकया जा रहा ह। 2 अ ूबर, 2019 तक रा य को ‘खुले म शौच से मु ’ घोिषत िकए जाने का ल य ह।
पंचायती राज िवभाग
‘बा संपोिषत योजना (EAP)’ क अंतगत ऋण एवं रा य अंश क प म ा होनेवाली रािश मशः 150
करोड़ पए एवं 64.29 करोड़ पए क रािश से रा य क 12 िजल —पटना, नालंदा, भोजपुर, सहरसा, सुपौल,
मधेपुरा, गया, रोहतास, औरगाबाद, सम तीपुर, दरभंगा एवं मधुबनी म िबहार सरकार ारा पूव क वीकत
िडजाइन क अनुसार 330 पंचायत सरकारी भवन का िनमाण कराया जाएगा।
योजना एवं िवकास िवभाग
योजना एवं िवकास िवभाग क ारा 20-25 वष क इटरमीिडएट उ ीण बेरोजगार युवक को 2 वष तक येक
माह 1000 पए क वयं सहायता भ ा उपल ध कराने हतु िव ीय वष 2016-17 म आरभ क गई। मु यमं ी
िन य वयं सहायता भ ा योजना क अंतगत रा य क सभी िजल म िजला िनबंधन एवं परामश क थािपत िकए
जाएँगे।
राज व एवं भूिम सुधार िवभाग
पूरक पोषाहार योजना क अंतगत कल 544 बाल िवकास प रयोजना म 91,677 आँगनबाड़ी क क
मा यम से 6 माह से 6 वष तक क ब , गभवती या िशशुवती मिहला को पूरक पोषाहार दान
िकया जा रहा ह।
महादिलत िवकास योजनांतगत वास भूिमरिहत महादिलत प रवार को ित प रवार 3 िडसिमल वास भूिम
उपल ध कराने क योजना वष 2009-10 से काया वत क जा रही ह। िबहार रा य शहरी े अनुसूिचत जाित/
अनुसूिचत जनजाित क वास भूिमरिहत प रवार क िलए वास भूिम नीित, 2014 लागू क गई ह। यह नीित लागू
करनेवाला िबहार देश म पहला रा य ह। िबहार रा य क 30 िजल म भू अिभलेख का क यूटरीकरण िकया गया ह
एवं शेष िजल का िदसंबर, 2017 तक करने का ल य ह। रा य क सभी िजल क राज व मानिच क ऑन-
लाइन आपूित िबहार सव ण कायालय, गुलजारबाग से ारभ हो चुक ह। वतमान म कल 534 अंचल कायालय
म से 305 अंचल म डाटा क -सह-आधुिनक अिभलेखाकार भवन का िनमाण काय पूरा कर िलया गया ह।
नगर िवकास एवं आवास िवभाग
पटना शहर म प रवहन यव था को सु ढ करने क अंतरा यीय बस टिमनल क िनमाण क योजना का काय
ारभ िकया गया ह, िजसे िदसंबर, 2018 तक पूण करने का ल य ह। रा य क 39 नगर िनकाय म बस टड
िनमाण योजना क तहत 10 बस टड का िनमाण का काय पूण हो चुका ह। अटल नवीकरण और शहरी प रवतन
िमशन (AMRUT) योजनांतगत रा य क सभी 11 नगर िनगम 1 लाख से अिधक आबादीवाले, 15 नगर प रष एवं
बोधगया नगर पाक िवकास योजना का काया वयन नगर िनकाय ारा एवं जलापूित योजना का काया वयन िबहार
रा य जल प रष ारा िकया जा रहा ह। नमािम गंगे योजना रा य क गंगा नदी तट पर अव थत शहर ब सर,
पटना, हाजीपुर, बेगूसराय एवं मुंगेर म काया वत क जा रही ह। इसक अंतगत सीवरज ीटमट लांट का िनमाण
एवं सीवर का िनमाण काय िकया जा रहा ह। पटना म गंगा नदी तट क िवकास योजना अंतगत 20 गंगा घाट को
िवकिसत करने का काय BUIDCO ारा िकया जा रहा ह। JnNURM शहरी प रयोजना क अधीन फज-2 क
अंतगत 13 शहर समूह क िलए 270 बस का य लागत यय से BUIDCO
ारा उपल ध कराया गया तथा BSRTC को प रचालन हतु ह तांत रत कर िदया गया ह। 16960 करोड़ पए
क अनुमािनत यय पर पटना मे ो रल प रयोजना ताव वीकित हतु भारत सरकार को भेजा गया। DAY-NULM
वण जयंती शहरी रोजगार योजना क अधीन 34500 लाभुक को िश ण िदया जा चुका ह। धानमं ी आवास
योजनांतगत सबक िलए आवास (शहरी) योजना वष 2015-22 क दौरान सभी शहरी े क प रवार को िविभ
घटक क अंतगत आवास दान करने क योजना रा य क सभी 140 नगर िनकाय म लागू क गई ह।
समाज क याण िवभाग
पूरक पोषाहार योजना क अंतगत कल 544 बाल िवकास प रयोजना म 91,677 आँगनबाड़ी क क मा यम
से 6 माह से 6 वष तक क ब , गभवती या िशशुवती मिहला को पूरक पोषाहार दान िकया जा रहा ह।
िकशो रय क सश ीकरण हतु राजीव गांधी क म (सबला) क अंतगत 12 िजल म 20 लाख िकशोरी बािलका
को लाभ देने का ल य था। इिदरा गांधी मातृ व सहयोग योजना रा ीय मिहला सश ीकरण िमशन सिहत 2 िजल
—वैशाली एवं सहरसा—म संचािलत ह। रा य म मिहला को सामािजक एवं आिथक प से सश करने क
उ े य से मिहला िवकास िनगम क थापना क गई ह। रा य क सभी िजल म मिहला िवकास िनगम क िजला
तरीय कायालय क थापना क जा रही ह। समाज क याण िवभाग ारा 8 िवशेष िव ालय , िजसम 3 ने हीन
एवं 5 मूक-बिधर का संचालन दरभंगा, पटना, मुंगेर एवं भागलपुर म िकया जा रहा ह। िवकलांगजन को सभी
सरकारी िनयोजन म 3 ितशत आर ण क साथ-साथ आयु सीमा म 10 वष क छट दान क गई ह। वृ क
िलए 227 पए ितिदन िनधा रत िकया गया ह। अिधिनयम क काया वयन हतु सभी िजल म धावा दल का गठन
िकया गया ह। रा य क 2 िनयोजनालय अवर ादेिशक िनयोजनालय, पटना एवं मुज फरपुर म मॉडल क रयर
सटर थािपत िकया गया ह। ादेिशक िनयोजनालय, भागलपुर म मॉडल क रयर सटर क थापना क जा रही ह।
सरकारी औ ोिगक िश ण सं थान, मुज फरपुर, भागलपुर, मोितहारी, किटहार, दरभंगा, गया, सीतामढ़ी एवं
फारिबसगंज का चयन कर सटर ऑफ ए सेलसी क प म िवकिसत िकया गया ह। औ ोिगक िश ण सं थान,
मढ़ौरा (छपरा) को मॉडल आई.टी.आई. क प म िवकिसत करने क कारवाई चल रही ह। वतमान म 23 मिहला
औ ोिगक िश ण सं थान कायरत ह। रा य क 96 औ ोिगक िश ण सं थान म बे ॉन क मा यम से Boot
प ित म एक-एक क यूटर लैब थािपत क गई ह।
गृह िवभाग
अिखल भारतीय क ती टर ितयोिगता, 2016 क िलए बी.एम.पी. पटना प रसर म म टी ले स इडोर
टिडयम एवं िजम भवन तथा खेल उपकरण क य क वीकित दी गई ह। गृह र ावािहनी, मुज फरपुर क
कायालय एवं िश ण क क आधारभूत संरचना क िनमाण क कारवाई क जा रही ह।
िविध िवभाग
1 फरवरी, 2014 से रा ीय खा सुर ा कानून लागू करनेवाले रा य म िबहार अ णी रा य ह।
बेगूसराय िजला अंतगत बिलया एवं तेगड़ा अनुमंडल म तथा सारण िजलांतगत सोनपुर अनुमंडल म अवर
यायाधीश एवं मुंिसफ क यायालय का गठन िकया गया ह। अदालतगंज पटना म उ यायालय क पदािधका रय
एवं कमचा रय हतु मशः 98 एवं 132 इकाई आवासीय कमर हतु ब मंिजले आवासीय भवन फज-1 िनमाण क
िनिम शासिनक वीकित दी गई ह। यवहार यायालय, खगिड़या, मुंगेर, बेगूसराय, मधेपुरा एवं औरगाबाद म
ए.डी.आर. भवन का िनमाण पूरा हो चुका ह। िबहार रा य याियक अकादिमक िश ण सं थान, गायघाट, पटना
म याियक सेवा क कल 1008 पदािधका रय तथा यवहार यायालय म कायरत 600 कमचा रय को याियक
िश ण िदया गया ह।
खा एवं उपभो ा संर ण िवभाग
1 फरवरी, 2014 से रा ीय खा सुर ा कानून लागू करनेवाले रा य म िबहार अ णी रा य ह। ामीण े क
85.12 ितशत एवं शहरी े म 74.53 ितशत कल 871.16 लाख जनसं या को आ छािदत करने का ल य ह,
िजसक िव अब तक 8.57 करोड़ लाभुक को खा ा उपल ध कराया जा रहा ह। रा य म रा ीय खा
सुर ा अिधिनयम, 2013 डोर टप िडलीवरी िस टम एवं िवक ीकत धान एवं गे अिध ा यव था लागू ह।
खरीफ िवपणन मौसम, 2016-17 म धान का यूनतम समथन मू य साधारण िक म क िलए 1470 पए ित
ंटल क दर से अिध ा क जा रही ह।
पयटन िवभाग
वष 2017-18 म रा िपता महा मा गांधी क चंपारण स या ह क शता दी समारोह क अवसर पर पयटन िवभाग
ारा िविवध काय िकए जाने ह, िजसम रा िपता महा मा गांधी से जुड़ थल से संबंिधत प रयोजना क
वीकित एवं काया वयन सुिन त करना ह। राजगीर क घोड़ा कटोरा म भगवा बु क िवशालकाय मूित का
अिध ापन िकया जाएगा। येक शिनवार एवं रिववार गांधीघाट पटना म संचािलत गंगा महाआरती वष 2011 से
संचािलत क जा रही ह। जनवरी, 2013 से गोलघर प रसर म येक सं या साउड एवं लाइट लेजर-शो संचािलत
िकया जा रहा ह।
कला, सं कित एवं युवा िवभाग
ावणी मेला, 2016 क अवसर पर सु तानगंज (भागलपुर), अवरखा (बाँका), कमरसार (मुंगेर) एवं भगवानपुर
(वैशाली) म काय म का आयोजन कराया गया। भारतीय नृ य कला मंिदर, पटना क पुनिनमाण क कारवाई क
जा रही ह। िमिथला लोक िच कला क सव ण, संवधन एवं िवकास हतु िमिथला िच कला सं थान, सौराठ
(मधुबनी) म थािपत िकया जा रहा ह। रा य म िफ म िनमाण क ो साहन हतु ‘िबहार रा य िफ म िवकास
ो साहन नीित’ तैयार क जा रही ह। िफ म क िवकास हतु िफ म िसटी का िनमाण राजगीर, नालंदा म कराया
जाना ह, िजसक िलए 20 एकड़ भूिम को िच त िकया जाना ह। पुराता वक और ऐितहािसक थल एवं मारक
को यापक प से संरि त एवं िवकिसत िकया जा रहा ह। िजन थल क सव ण एवं थल िवकास क िलए
काय िकए गए ह, उनम ब र थान (गिणनाथ), िबसहर थान (वैशाली), मॉ रशन भवन एवं संब प रसर
(पटना), नमक स या ह थल गढ़पुरा (बेगूसराय), रहसुभगत का मंिदर (गोपालगंज), सैयद इ ाहीम सैन मकबरा
(भागलपुर), कोट र धाम, मेन ाम (गया) जैसे थल ह।
इस वष क ीय सुरि त मारक तथा पुरा थल ाचीन नालंदा महािवहार क भ नावशेष को यूने को क िव
िवरासत सूची म शािमल िकया गया ह। ाचीन नालंदा महािवहार क भ नावशेष पर डॉ यूमटरी िफ म का िनमाण
संयु रा संघ क मा यता ा 6 आिधका रक भाषा म कराया जा रहा ह। ‘चंपारण स या ह’ क शता दी वष
क अवसर पर िबहार िवरासत िवकास सिमित, पटना ारा ‘ह रटज वॉक’ का आयोजन कराया जा रहा ह। राजा
भोज का िकला एवं नवर नगढ़ (ब सर) को रा य सरकार ारा सुरि त पुरा थल एवं मारक घोिषत िकया गया
ह। वैशाली म बु स यक दशन सं हालय-सह- मृित तूप क िनमाण क िलए 72 एकड़ भूिम का अिध हण
िकया गया ह। लोकनायक जय काश नारायणजी क पैतृक गाँव िसताबिदयारा, सारण म मृित भवन एवं
पु तकालय भवन का िनमाण लगभग पूण हो चुका ह। वष 2017-18 म मोईनुलहक टिडयम राज नगर, पटना म
अ याधुिनक अंतरा ीय तर का टिडयम िनमाण तथा राजगीर म अंतरा ीय तर का टट पो स अकादमी तथा
ि कट टिडयम िनमाण करने क योजना ह।
सामा य शासन िवभाग
िशकायत क सुनवाई एवं िनवारण का अवसर दान करने क ठोस, पारदश एवं जवाबदेह यव था कायम
करने क उ े य से गुड गवनस क िदशा म सरकार ारा संपूण ांित िदवस 5 जून, 2016 को पूर रा य म
िबहार लोक िशकायत िनवारण अिधकार अिधिनयम, 2015 को लागू िकया गया। रा य क वतं ता सेनािनय क
पोता, पोती, नाती एवं नितनी को रा य सरकार क सेवा म िनयु म 2 ितशत का ैितज आर ण दान
िकया जाएगा। िव ीय वष 2017-18 म सिचवालय अनुदेश क थान पर नया ‘Secretariat Manual of Office
Procedure’ बनाया जाएगा।
िवमान प न ािधकरण
पटना हवाई अ क िव तारीकरण हतु 11.37 एकड़ भूिम भारतीय िवमानप न ािधकरण, पटना को बदलने
क आधार पर थानांतरण का िनणय िलया गया ह। िबहार सै य हवाई अ ा से िवमान क संयु प रचालन एवं
िसिवल ए ेव क िनमाण हतु भारतीय िवमानप न ािधकरण को िनःशु क स पने का िनणय िलया गया ह।
खान एवं भूत व िवभाग
वष 2017-18 म मोईनुलहक टिडयम राज नगर, पटना म अ याधुिनक अंतरा ीय तर का टिडयम
िनमाण तथा राजगीर म अंतरा ीय तर का टट पो स अकादमी तथा ि कट टिडयम िनमाण करने
क योजना ह।
खिनज प रवहन हतु इ-चालान लागू करने क िलए एन.आई.सी ारा सॉ टवेयर तैयार िकया गया ह एवं ायल
बेिसस पर येक िजले म एक बालूघाट िच त कर इसे लागू िकया गया ह। ईट-भ से ा राज व पर
भावकारी िनयं ण बनाए रखने हतु Geo-Maping Application का योग करते ए मोबाइल एप िवकिसत िकया
गया ह। िबहार रा य क 5 िजल —गया, नवादा, शेखपुरा, औरगाबाद एवं बाँका म कल 42 प थर खनन प क
लोक नीलामी क मा यम से बंदोब ती क गई ह।
प रवहन िवभाग
रा य क सभी िजल क िजले प रवहन कायालय-सह-प रवहन सुिवधा क का भवन का िनमाण िकया जा रहा
ह। औरगाबाद िजले म एक आधुिनक चालक िश ण-सह-शोध सं थान का िनमाण काय चल रहा ह। रा य म
ओवर लोिडग पर अंकश लगाने क उ े य से पटना, िबहटा तथा फतुहा म क यूटराइज वे-ि ज का अिध ापन
िकया गया ह। मथुरा म धमकाँटा का अिध ापन ि याधीन ह। ‘वे-ि ज’ क ि याशील होने से ओवर लोिडग पर
अंकश लगेगा।
म िनषेध, उ पाद एवं िनबंधन िवभाग
म िनषेध नीित क काया वयन क फल व प रा य म आपरािधक घटना —ह या म 28.3 ितशत,
बला कार म 10.17 ितशत, मिहला उ पीड़न म 2.3 ितशत एवं दिलत उ पीड़न म 14.8 ितशत क
कमी आई ह।
रा य म 1 अ ैल, 2016 से देशी शराब, मसालेदार देशी शराब का िविनमाण, खरीद-िब और उपभोग पर
ितबंध लगा िदया गया ह। त प ा रा य सरकार क शराबबंदी नीित को बृहत प देते ए 5 अ ैल, 2016
से िवदेशी शराब का थोक एवं खुदरा यापार तथा उपभोग पर भी ितबंध लगा िदया गया ह। म िनषेध नीित क
काया वयन क फल व प रा य म आपरािधक घटना —ह या म 28.3 ितशत, बला कार म 10.17 ितशत,
मिहला उ पीड़न म 2.3 ितशत एवं दिलत उ पीड़न म 14.8 ितशत क कमी आई ह। अवैध शराब क खरीद-
िब एवं उपयोग को रोकने क िलए 2 अ ूबर, 2016 को िबहार म िनषेध और उ पाद अिधिनयम, 2016 को
लागू िकया गया। सरकारी तर पर िश ा िवभाग ारा जाग कता पैदा करने क िलए 21 जनवरी, 2017 को
ऐितहािसक मानव ंखला बनाई गई। आम नाग रक क सहायता हतु रा य क सभी िनबंधन कायालय म ‘मे
आई ह प यू बूथ’ थािपत िकए गए। िव िवभाग क सहायता से आर.बी.आई. क ारा उपल ध कराए गए
बेव पोटल इ-कबेर क मा यम से िवलेख िनबंधन क रािश सीधे सरकार क खाते म जमा करने का ायल
दानापुर िनबंधन कायालय म िकया गया।
वािण य कर िवभाग
रा य क सुपौल िजले क यवसाियय को सुिवधा दान कराने क उ े य से सुपौल म वािण य कर का नया
अंचल कायालय थािपत िकया गया ह। भामाशाह स मान योजना क तहत रा य क िति त एवं सवािधक
करदाता यवसाियय को स मािनत िकया जाना ह। रा य क िनबंिधत यवसाियय क िलए दुघटना, मृ यु अनुदान
योजना, 2014 लागू ह, िजसक अधीन िनबंिधत यवसाियय क दुघटना म मृ यु होने क थित म उनक वैध
आि त को 2 लाख पए का अनुदान िदया जाना ह।
िनवाचन िवभाग
भारत िनवाचन आयोग ारा ‘इिथकल वोिटग’ क िलए आम जनता म जाग कता पैदा करने हतु िवशेष यास
िकए जा रह ह। भारत िनवाचन आयोग क पयवे ण, िनयं ण एवं िनदशन म रा य तर पर, िजला तर पर एवं
मतदान क तर पर स म रा ीय मतदाता िदवस 25 जनवरी, 2017 को मनाया गया।
ग ा उ ोग िवभाग
िबहार रा य चीनी िनगम क 15 बंद इकाइय एवं 2 िड टल रय क पुनज वन हतु िकए गए काय क अंतगत
लौ रया एवं सुगौली म नई िमल थािपत ई ह। िबहटा म ाई पोट का िनमाण आ ह। सम तीपुर म जूट एवं खा
सं करण उ ोग क थापना, रयाम म चीनी िमल क थापना तथा सकरी म खा सं करण उ ोग िड टलरी
एवं डयरी उ ोग क थापना का माग श त आ ह।
िवभागवार योजना यय क रािश एवं कल यय क ितशत क िवतरण का
िववरण
.:1
िवभाग का नाम : िश ा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 1421788.77
कल यय का ितशत : 17.93
.:2
िवभाग का नाम : ामीण िवकास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 972546.55
कल यय का ितशत : 12.26
.:3
िवभाग का नाम : ामीण काय िवभाग
थािपत ह, िबहार म रह गया। उ ोग क नाम पर िबहार म चीनी उ ोग, िजसम अिधकांशतः बीमार अथवा बंद ह
तथा डालिमयानगर जैसे कागज एवं सीमट क बंद कारखाने ही रह गए ह। ऊजा क े म जनसं या क अनुपात
म ऊजा उ पादन का ब त कम िह सा िबहार को िमला। अिवभािजत िबहार म थािपत कल िव ुत िनमाण मता
का 64 ितशत झारखंड को, जबिक मा 36 ितशत िबहार को िमला। िबहार म िवभाजन क समय बरौनी एवं
काँटी ताप िव ुत संयं जो ण अव था म थे, िबहार क िह से म आए थे। रा य िवभाजन क बाद कल वन
संसाधन का मा 21 ितशत िबहार क पास तथा कल खिनज संपदा का 6 ितशत िबहार क िह से म िमला ह।
िवभाजन क पूव िबहार म नगरीकरण का तर 13.14 ितशत था, वह िवभाजन क बाद घटकर 10.76 ितशत रह
गया ह। िवभाजन क बाद रा य का अिधकांश िह सा बाढ़ भािवत अथवा सूखा भािवत े क प म ह, िजसक
कारण रा य क आय का अिधकांश िह सा बाढ़ भािवत े म राहत काय म खच हो जाता ह।
रा य क िवभाजन का भाव प रसंपि य क बँटवार एवं राज व िवभाजन पर भी पड़ा ह। इसक कारण शेष
िबहार पर िव ीय संकट क थित उ प ई। झारखंड िबहार रा य क कल राज व म िवभाजन क पूव 37.76
ितशत का योगदान देता था। क ीय कर म रा य क कल क ीय कर का झारखंड े का िह सा 48.36 ितशत
था। इस तरह संसाधन क कमी िबहार म प प से िदखाई देती ह। िवभाजन क बाद झारखंड े का िवकास
शेष िबहार क तुलना म अिधक आ ह, जबिक शेष िबहार म इसक गित धीमी रही ह। 1990-91 म जहाँ
अिवभािजत िबहार का GSDP 26,71,661 लाख पए था तथा ित य आय 3119 पए थी, िजसम झारखंड
े म पड़नेवाले भाग का GSDP 10,47,824 लाख पए एवं ित य आय 4,827 पए तथा शेष िबहार े
म पड़नेवाले भाग का GSDP 16,23,837 लाख पए एवं ित य आय 2539 पए रह गई। यह आँकड़ा
े फल एवं जनसं या क अनुपात क ि कोण से असंतुलन क थित को प करता ह।
िवभाजन क बाद िबहार को एक गंभीर संकट प रसंपि य क बँटवार से संबंिधत झेलना पड़ा ह। संयु िबहार
का िबहार रा य िव ुत िनगम, िबहार रा य औ ोिगक िवकास िनगम, बड़ औ ोिगक क , बड़ उ ोग पर
आधा रत छोट-छोट उ ोग एवं अ य लोक सं था क अिधकांश इकाइयाँ झारखंड े म थत होने से
प रसंपि य क बँटवार म शेष िबहार को भारी नुकसान उठाना पड़ा ह।
िवभाजन क कारण रा य क सामािजक संरचना पर भी गंभीर भाव पड़ा। िवभाजन क पूव रा य म जनजातीय
े क ब लता थी। अनुसूिचत जनजाितय क िलए अनेक कार क योजनाएँ क ारा संचािलत होती थ ,
िजससे रा य को अिधक राज व क ा होती थी। िवभाजन क प ा अिधकतर जनजातीय े झारखंड म
चले जाने क कारण राज व भी झारखंड क िह से म चला गया, िजसका भाव िबहार क अथ यव था पर य
प से पड़ा। िवभाजन क प ा गरीबी रखा से नीचे जीवनयापन करनेवाले अिधकतर प रवार क सं या िबहार
म रह गई, िजससे आिथक बोझ म वृ ई एवं िवकास काय भािवत आ।
q
आयाम (Dimension) : िश ा
संकतक (Indicators) : (i) िव ालय म अ ययन का वष (ii) िव ालय म उप थित
आयाम (Dimension) : जीवन तर
संकतक (Indicators) : (i) भोजन बनाने म ईधन उपयोग (ii) शौचालय (iii) जल (iv) िव ुत (v) घर क थित
(vi) संपि
िव आयोग : 0.5
रा य : असम
िवकास सूचकांक : 0.71
राजन सिमित : 3.05
योजना आयोग : 4.93
िव आयोग : 3.31
रा य : िबहार
िवकास सूचकांक : 0.76
राजन सिमित : 12.04
योजना आयोग : 7.42
िव आयोग : 10.06
रा य : छ ीसगढ़
िवकास सूचकांक : 0.75
राजन सिमित : 3.7
योजना आयोग : 3.14
िव आयोग : 2.43
रा य : गोवा
िवकास सूचकांक : 0.05
राजन सिमित : 0.3
योजना आयोग : 0.15
िव आयोग : 0.23
रा य : गुजरात
िवकास सूचकांक : 0.49
रा य : कनाटक
िवकास सूचकांक : 0.45
राजन सिमित : 3.73
योजना आयोग : 4.13
िव आयोग : 4.39
रा य : करल
िवकास सूचकांक : 0.09
राजन सिमित : 0.38
योजना आयोग : 1.95
िव आयोग : 2.45
रा य : म य देश
िवकास सूचकांक : 0.76
राजन सिमित : 9.56
योजना आयोग : 6.91
िव आयोग : 6.72
रा य : महारा
िवकास सूचकांक : 0.35
राजन सिमित : 3.94
योजना आयोग : 6.64
िव आयोग : 5.28
रा य : मिणपुर
िवकास सूचकांक : 0.57
राजन सिमित : 0.5
िव आयोग : 0.81
रा य : उ र देश
िवकास सूचकांक : 0.64
राजन सिमित : 16.41
योजना आयोग : 10.09
िव आयोग : 18.16
रा य : उ राखंड
िवकास सूचकांक : 0.38
राजन सिमित : 0.79
योजना आयोग : 1.9
िव आयोग : 1.15
रा य : प म बंगाल
िवकास सूचकांक : 0.55
राजन सिमित : 5.5
योजना आयोग : 6.93
िव आयोग : 6.72
रा य :
िवकास सूचकांक : कल
राजन सिमित : 100
योजना आयोग : 100
िव आयोग : 100
Source : Committee for Evolving a Composite Development Index of
Status report, PRS
िबहार म असीिमत मता ह और यह पूर देश को मजबूती दान कर सकता ह। भारत पूण प से तभी िवकिसत
होगा, जब भारत क पूव भाग का िवकास होगा। इसिलए िबहार का िवकास क सरकार क एजड क प म
शािमल ह। िवकिसत रा य क ेणी म िबहार को थािपत करने क िलए क सरकार ने एक यापक पैकज को
वीकित दी। इस पैकज म यह यान रखा गया ह िक सहायता क सार ोत िबहार को आनेवाले वष म वावलंबी
बनाने म मदद कर। समाज को वावलंबी बनाने क िलए उसक युवा पीढ़ी का वावलंबन होना अितआव यक ह,
साथ ही साथ समाज क वतमान क पालनकता क आय को बढ़ाना भी आनेवाली पीढ़ी को वावलंबी बनाने म
मदद करता ह। इस पूर पैकज म युवा वग को अपने पैर पर खड़ा करना और िकसान, जो िक वतमान िबहार क
पालनकता ह, क आय को बढ़ाने का मु य िबंदु बनाया गया ह। िवशेष पैकज, 2015 म िकसान क िहत को
सव प र रखते ए यह घोषणा क गई ह िक किष मं ालय को अब किष और िकसान क याण मं ालय क नाम से
जाना जाएगा। यह िकसान क िहत को सव प र रखते ए िलया गया एक मह वपूण िनणय ह। मनु य और उ पाद
का आवागमन जहाँ सरल तरीक से हो, िवकास पहले उसी े का होता ह। पैकज म रा ीय राजमाग क िवकास,
मह वपूण निदय पर पुल का काम तथा रलवे ओवरि ज क िनमाण क िलए 54,713 करोड़ पए का ावधान
िकया गया ह। इसक अंतगत महा मा गांधी सेतु क समानांतर गंगा नदी पर एक नए पुल का िनमाण, कोसी और
सोन नदी क ऊपर पुल का िनमाण, धािमक पयटन से जुड़ े म सड़क का िनमाण और रलवे ओवरि ज का
िनमाण शािमल ह।
भंडारण और यातायात सुिवधा क अभाव क कारण िकसान अपने उ पाद को कम दाम पर बेचने क िलए मजबूर
हो जाते ह। इस पैकज म अनाज भंडारण मता म िवकास क िलए 814 करोड़ पए का ावधान िकया गया ह।
ामीण सड़क क िवकास क िलए धानमं ी ाम सड़क योजना क अंतगत 22,500 िकलोमीटर सड़क क िनमाण
हतु 13,820 करोड़ पए का ावधान िकया गया ह।
रलवे क िवकास क िलए 8109 करोड़ पए क लागत पर 676 िकलोमीटर का दोहरीकरण/ितहरीकरण क
यव था िकए जाने का ावधान ह तथा 761 करोड़ पए क लागत पर 574 िकलोमीटर क िव ुतीकरण का
ावधान िकया गया ह। इस तरह रलवे क े म कल 8870 करोड़ पए का ावधान इस पैकज म ह। मोकामा म
गंगा नदी क ऊपर रल व रोड पुल क िनमाण क िलए ारिभक काय आरभ कर िदया गया ह।
िवशेष पैकज, 2015 म िकसान क िहत को सवाप र रखते ए यह घोषणा क गई ह िक किष मं ालय
को अब किष और िकसान क याण मं ालय क नाम से जाना जाएगा।
पारादीप-ह दया-दुगापुर पाइपलाइन क िव तार म िबहार क िलए 1,800 करोड़ पए का ावधान ह।
मुज फरपुर म 110 करोड़ पए क लागत से एक नए एल.पी.जी. लांट क थापना क जाएगी।
िबहार रा य म िविभ े को वायुमाग से देश और िवदेश म संपक हतु पटना म नए एयरपोट तथा गया,
पूिणया और र सौल क एयरपोट क िवकास क िलए 2700 करोड़ पए क रािश का ावधान िकया गया ह।
िडिजटल िबहार काय म क अंतगत मोबाइल फोन क उ म सुिवधा क िलए 1 हजार नए बी.टी.एस. टावस को
थािपत करने का ावधान ह। इससे दूर-दराज क े म मोबाइल फोन क सुिवधा म मदद िमलेगी। रा य म
इले ॉिनक मै यूफ र टर क थापना क िलए 150 करोड़ पए क स सडी का ावधान िकया गया ह।
दरभंगा और भागलपुर म सॉ टवेयर ट ोलॉजी पाक क दो क क थापना का ावधान ह। दो नए नेशनल
इ टी यूट ऑफ इले ॉिन स ऐंड इ फॉरमेशन ट ोलॉजी क , मुज फरपुर और ब सर म थािपत करने का
ावधान ह। इसक साथ-साथ पटना क वतमान क क िवकास का भी ावधान ह।
िबहार क िकसान क जिटल सम या उनक उ पादकता का कम होना ह। नए अनुसंधान और िवकास तथा लैब
फाम को बढ़ावा देने क िलए राज किष िव िव ालय, पूसा को क ीय िव िव ालय म प रवितत करने का
ावधान ह। म यपालन, जल बंधन, खेती क यं ीकरण और गुणव ावाले बीज क उ पादन क ारा िकसान
क आय को बढ़ाने क िलए 1800 करोड़ पए का ावधान िकया गया ह। एक कत किष पर शोध क िलए रा ीय
सं था का ावधान ह।
युवा वग को उ म िश ा और कौशल िवकास करने क िलए ‘ धानमं ी कौशल िवकास योजना’ क अंतगत 1
लाख युवक-युवितय क िश ण का ावधान िकया गया ह। िबहार रा य म बड़ कल िव िव ालय क
थापना का भी ावधान ह, िजसक कल लागत 1250 करोड़ पए क होगी। िश ा क े म भागलपुर क िनकट
ऐितहािसक िव मिशला िव िव ालय क जगह एक नए क ीय िव िव ालय क थापना क िलए 500 करोड़
पए का ावधान ह, साथ ही साथ बोधगया म एक नए इिडयन इ टी यूट ऑफ मैनेजमट (IIM) क थापना का
ावधान ह। पटना, गया और भागलपुर म 3 िचिक सा महािव ालय को बेहतर बनाने क िलए 600 करोड़ पए
का ावधान िकया गया ह।
इस पैकज म ऊजा क उ पादन, ांसिमशन और िवतरण क यव था पर काफ बल िदया गया ह। ब सर म
1300 मेगावाट क नए िव ुत उ पादन क का ताव ह। इसक साथ-साथ गाँव-गाँव म िबजली प चाने क
यव था क िलए दीनदयाल उपा याय ाम िव ुत योजना म रा य क िलए 5,880 करोड़ पए का ावधान िकया
गया ह। इस योजना का उ े य खेत म पया और घर म िनरतर िबजली देने का ह। हर गाँव म दो अलग-अलग
लाइन क यव था क जाएगी। इटी ेटड पावर डवलपमट क म क अंतगत शहर म िनरतर िबजली देने का
ावधान िकया गया ह। इस क म क अंतगत 250 करोड़ पए का ावधान रा य क िलए िकया गया ह।
िबहार रा य म गैस क आपूित क िलए जगदीशपुर-ह दया लाइन क िलए 2,300 करोड़ पए क लागत से
617 िकलोमीटर क पाइपलाइन बनाने का ावधान िकया गया ह। पारादीप-ह दया-दुगापुर पाइपलाइन क िव तार
म िबहार क िलए 1,800 करोड़ पए का ावधान ह। मुज फरपुर म 110 करोड़ पए क लागत से एक नए
एल.पी.जी. लांट क थापना क जाएगी। िबहार रा य म थत बरौनी रफाइनरी क उ पादन मता को 12,000
करोड़ पए क लागत से 6 िमिलयन टन से 9 िमिलयन टन तक बढ़ाने का ावधान इस पैकज म ह तथा बरौनी
म ही एक पे ोकिमकल लांट क थापना का ावधान ह। र सौल से नेपाल म अमलेसगंज तक पे ोल-डीजल
पाइपलाइन का िनमाण िकया जाएगा। िबहार क युवा वग को रोजगार क नए अवसर दान करने क िलए पयटन
क े म 600 करोड़ पए क लागत से वैशाली, बोधगया, चंपारण, िव मिशला, सु तानगंज, पटना इ यािद
जगह पर ह रटज ट र ट सिकल क िवकास का ावधान िकया गया ह।
रा य म युवा वग को अिधक-से-अिधक रोजगार दान करने क िलए औ ोिगक यूिन स क थापना हो, यह
सरकार का ल य ह। इस ल य को हािसल करने क िलए आयकर अिधिनयम म संशोधन कर िबहार क िपछड़
े म नए उ ोग थािपत करने हतु लांट और मशीनरी क लागत म 15 ितशत क रािश क बराबर ट स म
अित र कटौती का ावधान िकया गया ह। यह कटौती 1 अ ैल, 2015 से 31 माच, 2020 तक क अविध क
बीच ए िनवेश पर लागू होगी। इसक साथ ही नए लांट और मशीनरी म िनवेश को ो सािहत करने क िलए 1
अ ैल, 2015 से 31 माच, 2020 तक क अविध तक िपछड़ े म िनवेश क 15 ितशत रािश Depreciation
Allowance क तौर पर पहले वष म दी जाएगी। िबहार म लगभग 1 लाख 25 हजार करोड़ पए से िविभ
प रयोजनाएँ लागू करने का ावधान ह, िजसक अंतगत बाँका म 4000 मेगावाट का एक अ ा मेगा पावर लांट
38. न सलवाद
(Naxalism)
न सलवाद एक िवचारधारा ह, िजसक अनुसार समाज क शोिषत एवं वंिचत वग अपने अिधकार क माँग को
लेकर उ एवं िहसक गितिविधय को संचािलत करने लगते ह। यह िवचारधारा मा स, लेिनन और माओ- से-तुंग
जैसे सा यवािदय क िवचार से े रत ह। ‘न सलवादी आंदोलन’ क शु आत भारत म प म बंगाल क
िसलीगुड़ी थत न सलबाड़ी गाँव से चा मजूमदार क नेतृ व म 1967 ई. म ई। पाँच सौ वग िकलोमीटर म
फला प म बंगाल का न सलबाड़ी इलाका 3 पुिलस थान —न सलबाड़ी, खाड़ीबड़ी और फाँसीदेवा क अधीन
था। यहाँ क आबादी म यादातर आिदवासी थे, जो संथाल, उराँव, मुंडा और राजवंशी समुदाय से आते थे। चा
मजूमदार ने िसलीगुड़ी क एक जम दार प रवार से संबंिधत होने क बावजूद 1937-38 ई. म बीड़ी मजदूर को
संगिठत करने म अपना योगदान िदया। बाद म सी.पी.आई. म स मिलत होकर 1967 ई. म का सा याल क साथ
स ा क िखलाफ एक सश आंदोलन क शु आत क । मजूमदार चीन क क युिन ट नेता माओ- से-तुंग क उस
िवचार से भािवत थे, िजसक अनुसार भारतीय मजदूर और िकसान क दुदशा क िलए सरकारी नीित िज मेदार ह,
िजसक वजह से उ वग का शासन तं एवं किष तं पर क जा हो गया ह तथा िजसे कवल सश ांित से ही
समा िकया जा सकता ह।
रा य क 38 िजल म 15 से अिधक िजले जमुई, कमूर, मोितहारी, सीतामढ़ी, मुंगेर, जहानाबाद, नवादा,
भोजपुर, औरगाबाद, मुज फरपुर, वैशाली, िशवहर, गया एवं रोहतास इसक चपेट म ह।
1970-80 क दशक से िबहार इस सम या से भािवत रहा ह। सव थम िबहार म वैचा रक तर पर फलाव शु
आ। िकसान-मजदूर समिथत सा यवादी िवचारधारावाली राजनैितक पािटय को चुनाव म अिधक मत ा होने
लगे। इससे इनक िवचारधारा का भाव भूिमहीन, िकसान एवं मजदूर पर पड़ा। इनक समथक क सं या म
वृ होने लगी। ये भूिमहीन िकसान-मजदूर संगिठत होने लगे, िजससे वग संघष क थित उ प होने लगी। इसी
का लाभ उठाकर न सलवाद जैसा अितवादी िवचार इस े म फलने लगा। रा य क 38 िजल म 15 से अिधक
िजले जमुई, कमूर, मोितहारी, सीतामढ़ी, मुंगेर, जहानाबाद, नवादा, भोजपुर, औरगाबाद, मुज फरपुर, वैशाली,
िशवहर, गया एवं रोहतास इसक चपेट म ह। िबहार म न सलवाद आगे चलकर जातीय संघष क नए प म
अवत रत हो गया। 1980 से लेकर 2010 तक िबहार म िविभ सामूिहक नरसंहार क घटनाएँ घिटत ई। सामूिहक
नरसंहार क पहली घटना पूिणया िजले क पसपुर गाँव म घटी, जहाँ भूपितय ने 14 आिदवािसय क ह या कर
दी। 1979 ई. म पटना क बेलछी म 11 दिलत क िनमम ह या कर दी गई। 1980 ई. म पारसिबगहा म 11 तथा
िपपरा म 14 लोग मार गए। 1985 ई. म नरसंहार क 3 घटनाएँ कथी िबगहा म 11, बॉडी म 15, ल मीपुर म 12
लोग क सामूिहक ह या कर दी गई। 1986 ई. म अरवल म 22, कसारा म 11, गैनी म 12, दरिमयाँ म 11 लोग
इसक चपेट म आ गए। 1987 ई. म औरगाबाद क दलेलचक बगेरा म एक जाित िवशेष क 54 य य क ह या
कर दी गई। 1988 ई. म जहानाबाद क मोनही नगवाँ म 21 तथा टमूहा खगड़ी म 11 लोग मार गए। 1989 ई. म
धनवार िबहटा म 21 तथा रोहतास िजला क कसरी म 10 लोग क ह या कर दी गई। 1991 ई. म मलव रया म
14, तीस खोख म 14, दवसिहयारा म 15 लोग सामूिहक नरसंहार क िशकार बने। 1992 ई. म गया क बारा म
34, 1996 ई. म नरकिटया म 19 तथा भोजपुर क बथानी टोला म 22 लोग क मौत हो गई। 1997 ई. हबसपुर म
10, दानापुर म 10, जहानाबाद क अमकोदर म 10 तथा पटना क जलपुरा म 11 य य क सामूिहक ह या कर
दी गई।
1 िदसंबर, 1997 को जहानाबाद क ल मणपुर बाथे म 62 दिलत क ह या कर दी गई, िजसम मरनेवाले
अिधकांशतः मिहला एवं ब े थे। 10 जनवरी, 1998 को वामपंथी उ वािदय ारा बाथे ह याकांड का बदला
रामपुर चौसा म 9 रणवीर सेना समथक क ह या से िलया गया। 1999 ई. म जहानाबाद क शंकर िबगहा म 23
दिलत क ह या कर दी गई। इसी साल जहानाबाद क सेनारी गाँव म एम.सी.सी. क ारा 38 लोग क ह या कर
दी गई।
सामूिहक नरसंहार क इन घटना क कारण जाित-आधा रत अनेक सश िनजी सेना क गठन क ि या
को बल िमला, िजसक पीछ अपनी जाित क सुर ा क साथ-साथ वच व थािपत करना भी मुख उ े य था।
वामपंथी संगठन , िज ह ने न सलवादी आंदोलन को रा य म फलाने का काय िकया, म माओवादी क युिन ट
सटर, भारतीय क युिन ट पाट (मा सवादी लेिननवादी) िलबरशन, भारतीय क युिन ट पाट (एम.एल.), पाट
यूिनटी, एम.सी.सी. समिथत लाल सेना, पाट यूिनटी समिथत लाल ाड मुख ह। आं देश क पीपु सवार
गु्रप से संबंिधत माओवादी क युिन ट सटर का भी भाव े चंपारण, जहानाबाद, गया, औरगाबाद िजल म ह।
भारतीय क युिन ट पाट िलबरशन का मु य भाव े भोजपुर, जहानाबाद, रोहतास, नालंदा, औरगाबाद तथा
सीवान िजले क ामीण े म ह। भारतीय क युिन ट पाट (एम.एल.) गया, जहानाबाद, औरगाबाद एवं रोहतास
िजले क ामीण े म भाव रखती ह। इन वामपंथी संगठन क भाव े म वृ को कम करने क िलए रा य
म भू वािमय ारा अलग-अलग नाम क िनजी सेना का गठन िकया गया। इनम रणवीर सेना 1994 ई. म
समृ िकसान ारा, सनलाइट सेना 1989 ई. म मु लम एवं राजपूत भू वािमय ारा, लौ रक सेना 1985 ई.
म यादव भू वािमय ारा, िष सेना 1981 ई. म भूिमहार जाित ारा, भूिम सेना 1979 ई. म म यम कषक
ारा, कवर सेना 1978 ई. राजपूत समृ कषक ारा गिठत क गई।
िबहार म उ वाद क मुख कारण म भूिम का असमान िवतरण, भूिम पर जनसं या का अ यिधक दबाव,
भूिमहीन िमक को कम मजदूरी, िबहार क गाँव का अपे ाकत कम िवकिसत होना आिद शािमल ह। रा य म 80
ितशत से अिधक जनसं या किष पर िनभर करती ह। यहाँ पर छोट एवं सीमांत िकसान क सं या 90 ितशत से
यादा ह। इन कषक क पास औसतन एक एकड़ से भी कम क जोत ह। रा य म भूिमहीन िमक को सरकार
ारा िनधा रत यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी िमलना यहाँ पर न सलवादी संगठन क भाव े म वृ होने
का एक मुख कारण ह। रा य म ‘भूदान आंदोलन’ से ा भूिम या तो बंजर ह या बड़ भू वािमय ारा पुनः
क जे म ले ली गई ह। रा य क यादातर गैर-मज आ जमीन पर भू वािमय का क जा ह।
इसक अलावा िवगत कछ वष म न सली संगठन क ारा भािवत े क सरकारी भवन , जैसे— कल ,
सामुदाियक भवन , रलवे टशन एवं रल लाइन को िनशाना बनाया जा रहा ह। कमूर-रोहतास े म ‘पीपु स
िलबरशन गु र ा आम ’ नामक माओवादी संगठन सि य ह। सरकार क ारा इस सम या क समाधान क िलए
‘कबाइन फोस फॉर रजुलेट ए शन फोस’ (कोबरा) का गठन िकया गया, िजसका उ े य ामीण को सुर ा देने
क साथ-साथ इ ह समाज क मु यधारा से जोड़ना रहा ह।
रा य म उ वाद से िनपटने क िलए सरकार क ारा कई मह वपूण कदम उठाए गए ह। येक िजले म एक
हिथयारबंद द ते का गठन क रसपांस टीम क नाम से आ ह। पुिलस बल म सुधार, भूिम सुधार आयोग का
गठन, सैप क थापना आिद यास इसक भाव को कम करने म कारगर सािबत आ ह। येक िजले म एक
मॉडल थाना बनाने का िनणय िलया गया ह। न सल- भािवत इलाक म समेिकत एवं व रत िवकास हतु रा य
सरकार ने ‘आपक सरकार आपक ार’ काय म का शुभारभ 21 जनवरी, 2006 को जहानाबाद िजले से िकया
ह। सरकार क ारा यह काय म 8 िजल क 25 खंड क 65 पंचायत म लागू ह। इन े म सरकार क
तरफ से बड़ सां कितक काय म का आयोजन िकया जाता ह। संगिठत अपराध एवं न सलवाद क िव
भावकारी कारवाई करने हतु माच, 2006 म सैप ( पेशल ऑ जीलरी पुिलस) का गठन िकया गया। वतमान म
कल कायरत सैप बल क सं या लगभग 6500 ह। सभी 38 िजल म मिहला पुिलस थाना क थापना क गई ह।
‘आपक सरकार आपक ार’ काय म का शुभारभ 21 जनवरी, 2006 को जहानाबाद िजले से िकया
ह। सरकार क ारा यह काय म 8 िजल क 25 खंड क 65 पंचायत म लागू ह।
एक कत काय योजना क तहत वामपंथ उ वाद भािवत 11 िजल , यथा—अरवल, औरगाबाद, गया, जमुई,
जहानाबाद, नवादा, रोहतास, मुंगेर, कमूर, प. चंपारण एवं सीतामढ़ी िजल म यादा तेजी से योजना को पूण
करने पर यान िदया जा रहा ह। वामपंथ उ वाद से मुकाबला करने क िलए िवशेष आधारभूत संरचना योजनांतगत
िवशेष कायबल क उ यन हतु इन े म पुिलस भवन क िनमाण हतु िबहार पुिलस भवन िनमाण िनगम को
अिधकत िकया गया ह। िनगम को उपल ध रािश से िवशेष बल क िश ण क , आवास, बैरक, वाच टॉवर,
हलीपैड, मैगजीन म एवं मोचा इ यािद काय संपािदत िकए जा रह ह।
न सल सम या क समाधान हतु रा य म यापक एवं समेिकत योजना बनाने क िदशा म पेशल टा क फोस
(एस.टी.एफ.) का गठन 2000 ई. म िकया गया ह। इसक आकार म िव तार एवं मता म वृ से उ वािदय
एवं संगिठत आपरािधक िगरोह क िव अिभयान ती आ ह। वतमान म इसक कल 33 चीता इकाइयाँ
कायरत ह। िवशेष काय बल क अंतगत कल 11 बम िनरोधक द ते कायरत ह। इनम 09 द ते िबहार सै य पुिलस
क िविभ वािहिनय म तथा िवशेष शाखा म पद थािपत िकए गए ह। पटना िजला बल एवं रल िजला बल
पटना म एक-एक बम िनरोधक द ता उपल ध कराया गया ह। इनक उ यन हतु िवशेष आधारभूत संरचना योजना
क अंतगत एस.टी.एफ. िश ण िव ालय का िनमाण बोधगया म िकया जा रहा ह।
िबहार पुिलस क ान-द ता उ मण का ताव रा य सरकार ारा अनुमोिदत िकया गया ह। इसक अंतगत
रा य क सभी रल िजल सिहत पुिलस िजल म ान-द ता (Dog Squad) गिठत िकया जाएगा, िजसम दो कर,
दो ीफर एवं आठ हडलर ान ह गे। इसक अित र े ीय पुिलस महािनरी क एवं पुिलस महािनदेशक क
तर पर भी सुरि त ान-द ते का ावधान िकया गया ह। ान-द त क िलए येक िजले म भवन िनमाण क
वीकित दी गई ह।
रा य क उ वाद भािवत िजल क युवक-युवितय को कौशल िश ण देकर रोजगार का अवसर उपल ध
कराने एवं आ मिनभर बनाने क उ े य से वामपंथी उ वाद भािवत 34 िजल म ‘कौशल िवकास’ शु िकया
गया ह। इसक तहत जमुई, औरगाबाद, अरवल, गया, रोहतास एवं जहानाबाद म एक-एक औ ोिगक िश ण
सं थान एवं दो-दो कौशल िवकास क क थापना क गई ह।
रा य म वामपंथी उ वािदय क यपण-सह-पुनवासन योजना क संबंध म नई नीित का िनधारण िकया गया ह।
उ तरीय वामपंथी उ वािदय क आ मसमपण करने पर ता कािलक सहायता क प म 250000 पए एवं
म यम/िन न तरीय वामपंथी उ वािदय क आ मसमपण करने पर 150000 पए का ावधान िकया गया ह। इसक
साथ ही उ वािदय ारा यिपत हिथयार , िव फोटक क िलए अलग से िविभ ो साहन रािश क यव था क
गई ह। आ मसमिपत उ वािदय क िच क अनुसार रोजगारो मुखी िश ण क दौरान उ वािदय को 4000 पए
देय मािसक भ ा (अिधकतम 36 माह तक) का ावधान रखा गया ह। इस योजना क अंतगत कल 270
आ मसमिपत उ वािदय क पुनवासन हतु 1.4 करोड़ पए का भुगतान कर िदया गया ह। उ वादी/आतंकवादी/
जातीय िहसा इ यािद म मार गए आि त को मुआवजा रािश पूव िनधा रत एक लाख पए से बढ़ाकर िसतंबर,
2014 से 5 लाख पए का िनधारण िकया गया ह। उ वादी िहसा या िहसक गितिविधय म मार जानेवाले गृह र क
क आि त को 10 लाख पए क िवशेष सहायता योजना क अंतगत अनु ह अनुदान का ावधान िकया गया ह।
रा य सरकार क समेिकत यास से रा य म न सली एवं उ वादी घटना म उ रो र कमी आई ह। वष 2016
म कल 393 न सली िगर तार िकए गए ह, इनसे कल 133 हिथयार, 2672 कारतूस, 37,486 डटोनेटर, 81
बा दी सुरग एवं 4,34,600 लेवी क रकम बरामद क गई। एन.सी.आर.बी. ारा वष 2015 क कािशत
आँकड़ क अनुसार भा.द.िव. क तहत दज सं ेय अपराध क औसत दर (अपराध क सं या ित एक लाख क
जनसं या पर) 234.2 ह। िबहार रा य क अपराध दर 171.6 ह। क सरकार एवं पड़ोसी रा य क साथ समेिकत
प से यास करते ए िबहार म न सलवादी वारदात म कमी लाई गई ह।
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काय- णाली क कारण िबहार औ ोिगक प से िपछड़ा रा य बन गया। िबहार क िवभाजन क बाद सभी मुख
उ ोग झारखंड म चले गए और िबहार औ ोिगक ि से िपछड़ा रा य बन गया। िबहार म उपल ध उ ोग या तो
बंद हो गए या बंद होने क थित म ह। रा य म कल चीनी िमल क सं या 28 ह, िजसम 11 चीनी िमल ही
चालू थित म ह। िबहार रा य क 7 िजल म एक भी उ ोग थािपत नह ह।
7. िन न तर क आधारभूत संरचना—यिद किष और उ ोग को अथ यव था क काया समझा जाता ह तो
प रवहन और संचार उसक नस ह, जो य य एवं व तु क गितिविध म सहायता करती ह। प रवहन णाली
व तु एवं सेवा क बाजार का िव तार करती ह। इसक प रणाम व प बड़ पैमाने का उ पादन म-िवभाजन
ारा संभव हो सकता ह। प रवहन िवकास से दूर-दराज क इलाक और संसाधन उ पादन क िलए खुल जाते ह।
िकसी े म किष, वन और खिनज संसाधन अिधक मा ा म उपल ध हो सकते ह, परतु उसका िवकास तब तक
नह हो सकता, जब तक वे सुदूर और प च क बाहर रहगे। िपछड़ े को अिधक िवकिसत े क साथ
जोड़कर प रवहन णाली संसाधन का बेहतर और पूण योग करने म सहायता देती ह। प रवहन सुिवधा क
िव तार से य तः औ ोिगक करण म सहायता िमलती ह। िबहार म प रवहन सुिवधा क थित िन न तर क
ह। सड़क, रल एवं वायु यातायात क सुिवधा िपछड़ी अव था म ह। िबहार म रा ीय उ पथ क लंबाई 4595
िकलोमीटर ह, जबिक रा य पथ क लंबाई 4253 िकलोमीटर ह, जो अ य रा य क तुलना म काफ कम ह।
िबहार रा य म रलवे माग क कल लंबाई 3598 िकलोमीटर ह, जो अ य रा य क तुलना म िन न ह। िबहार म
रल घन व ित हजार वग िकलोमीटर पर मा 38 ह, जबिक पंजाब म 43 ह। ित हजार जनसं या क आधार पर
रल घन व िबहार म मा 0.04 िकलोमीटर ह, वह पंजाब म 0.08 िकलोमीटर ह।
8. िव ीय सं था का कम होना—िबहार म िव ीय सं था का िवकास अ य रा य क तुलना म नह हो
पाया ह। िबहार क िवभाजन क बाद साख वाह म और िगरावट हो गई। िबहार म े ीय ामीण बक क कल
2,092 शाखाएँ ह तथा िबहार म रा य एवं िजला क ीय सहकारी बक क कल शाखाएँ 324 ह। िबहार म ऋण-
जमा अनुपात 41.7 ितशत ह, जो अ य रा य क तुलना म काफ कम ह। िबहार म वािण यक बक क कल
शाखा 6661 ह, जो देश क कल शाखा का 5.2 ितशत ह, जबिक उ र देश म 12.1 ितशत ह। िव ीय
सं था का िन न तर होने क कारण उ ोग एवं किष काय क िलए ऋण क उपल धता नह हो पाती ह और
यह िबहार क िपछड़पन का मुख कारण ह।
9. िन न आिथक िवकास दर—िबहार म किष एवं उ ोग क बदहाली का असर उसक आिथक िवकास पर
पड़ा ह। िबहार क िवभाजन क बाद उ ोग झारखंड म चले गए, िजसक प रणाम व प िबहार लगभग उ ोगिवहीन
हो गया। ऐसी थित म िबहार को अपने आिथक िवकास को बनाए रखने क िलए आव यक था िक वह किष े
पर फोकस कर, परतु सरकार क िविभ नीितय एवं काय का भाव किष पर नकारा मक पड़ा। वतमान दशक
म सरकार क ारा किष पर यान देने एवं अ य नीितय क कारण आिथक िवकास म तेजी से वृ ई ह।
सकल रा य घरलू उ पाद म म यकािलक वृ दर 7.6 ितशत ई, जबिक रा ीय अथ यव था म यह वृ दर
6.8 ितशत ई। वष 2015-16 म िबहार का सकल रा य घरलू उ पाद 2011-12 क थर मू य पर 3.27 लाख
करोड़ पए और वतमान मू य पर 4.14 लाख करोड़ पए ह।
इस कार िबहार क अथ यव था क िपछड़पन क मूलभूत कारण पर िवचार करने क बाद यह मानना तकसंगत
नह ह िक िबहार म िवकास क संभावनाएँ नह ह। िबहार क िपछड़पन को दूर िकया जा सकता ह, य िक िवकास
क सभी संभावनाएँ मौजूद ह। इस िपछड़पन को दूर करने क िलए सरकार क ारा सम िवकास िकया जा रहा
ह। किष े म बदहाली को दूर करने क िलए इ धनुष ांित एवं औ ोिगक िपछड़पन को दूर करने क िलए
िबहार औ ोिगक ो साहन नीित, 2016 क घोषणा क गई ह। आधारभूत संरचना पर िवशेष बल िदया जा रहा ह।
ऊजा े म आ मिनभरता ा करने क िलए िनजी एवं सरकारी े म िविभ िबजली प रयोजना पर तेजी से
काय िकया जा रहा ह। सात िन य क मा यम से िबहार रा य म समावेशी िवकास को ो सािहत िकया जा रहा ह।
िबहार े फल एवं जनसं या क ि कोण से देश का मह वपूण रा य ह। िबहार का े फल 94,163 वग
िकलोमीटर ह, जो देश क कल े फल का 2.86 ितशत ह तथा जनसं या 10,31,04,637 ह, यह देश का
तीसरा सबसे सवािधक जनसं या वाला रा य ह। उवर भूिम, सदाबाही नदी एवं मानव संसाधन क चुरता क
बावजूद इन संसाधन का अनुकलतम उपयोग न होने क कारण िबहार आिथक ि कोण से देश क िपछड़ रा य
म शािमल ह। य िप रा य क अथ यव था को गित दान करनेवाले मुख ाकितक संसाधन खिनज क
अनुपल धता ह। रा य िवभाजन क बाद से थित और दयनीय हो गई। आय क साधन का अभाव एवं पूँजी िनमाण
क दर िन न होने से िबहार देश क अ य रा य क तुलना म और िपछड़ता चला गया ह तथा िबहार बीमा रा य
क ेणी म शािमल हो गया ह। ऐसा इसिलए माना गया िक िबहार म न कवल ित य आय कम ह, ब क
इसक आिथक समृ और िवकास क दर भी ब त धीमी रही ह। 1990-91 से 2002-03 तक अ य बीमा
रा य म अगर आिथक वृ दर ब त धीमी थी तो िबहार म यह नकारा मक थी। िबहार म इस समय जी.डी.पी.
म िगरावट दज क जा रही थी।
िपछड़पन को दूर करने क िलए सरकार क ारा सम िवकास िकया जा रहा ह। किष े म बदहाली
को दूर करने क िलए इ धनुष ांित एवं औ ोिगक िपछड़पन को दूर करने क िलए िबहार औ ोिगक
ो साहन नीित, 2016 क घोषणा क गई ह।
खिनज एवं वन संसाधन क अभाव क बावजूद िबहार म जल संसाधन, िम ी संसाधन एवं मानव संसाधन क
अकत उपल धता िबहार को देश का सवािधक संभावना वाला रा य बनाता ह। िबहार म िव क सबसे उवर
समतल गंगा का जलोढ़ मैदान उपल ध ह, िजस पर सदाबाही निदय का जाल किष िवकास क िलए सबसे
अनुकलतम भौगोिलक प र थित उ प करता ह। िकसी भी संसाधन का अनुकलतम उपयोग कर िवकास क गित
को ती करने का काय मानव संसाधन ारा संभव होता ह तथा िबहार इस ि कोण से भी धनी रा य ह।
इन संभावना क बावजूद आधारभूत संरचना का िवकास न होना रा य क िवकास म सबसे बड़ा बाधक रहा
ह। रा य क गित म बाधा उ प करनेवाले कई कारक ह, िजसम सुधार लाने क ज रत ह। रा य को अपने
संसाधन क आधार पर सतत िवकास क अवधारणा को अपनाकर िवकास क रणनीित तय करनी होगी। इसक
िलए भौगोिलक प र थितय एवं संसाधन को यान म रखते ए े ीय िवकास क रणनीित अपनानी होगी। रा य
म सामंतवादी एवं सामािजक संरचना को यान म रखते ए िवकास पर बल देना होगा। आिथक िपछड़पन को दूर
करने क नीितय का िनमाण एवं उनका ि या वयन करने म े ीय असमानता को यान म रखना होगा। इसक
िलए िवकास क सू म ि कोण अथा सू म तरीय िनयोजन पर बल देना होगा।
रा य म गरीबी एक मुख सम या ह, िजसको दूर करने क िलए अनेक िवकासा मक योजनाएँ लागू क
गई ह। ज रत ह इन योजना का िनरतर मू यांकन एवं िनगरानी करने क ।
रा य सरकार िबहार आिथक िपछड़पन, गरीबी, बेरोजगारी, अिश ा को दूर कर लोग क जीवन तर को ऊपर
उठाने क िलए वतमान समय म अनेक तरह क यास कर रही ह। इसक िलए सरकार ने े ीय संसाधन क
आधार पर िवकास क रणनीित अपनाई ह। शासिनक सुधार एवं िविध- यव था म सुधार लाकर रा य क िवकास
क िलए सबसे आव यक शत पूँजी िनवेश को बढ़ावा देने क िलए अनेक तरह क कदम उठा रही ह। इसक तहत
इ- शासन, ाचार एवं अपराध पर िनयं ण क िलए फा ट क कोट, एस.टी.एफ. एवं सैफ का गठन िकया ह।
औ ोिगक िवकास एवं िनवेश ो साहन हतु वष 2016 म नई नीित का िनमाण िकया गया ह, िजसक ारा िबहार
म िनवेशक क अनुकल वातावरण बनाने का यास िकया गया ह। किष िवकास एवं किष े म नवाचार पर बल
िदया जा रहा ह। रा य क एक मुख सामािजक सम या भूिम िववाद ह, िजसक कारण ही न सलवाद एवं वग
संघष क थित 1980 से 2000 क दशक तक रा य म गंभीर प धारण िकए ए रही, िजसक कारण िबहार म
िवकास क अवधारणा अव रही।
2010 क दशक से सरकार ारा उठाए गए अनेक कदम क कारण थित म प रवतन आ ह। 2004-05 से
2009-10 क बीच आिथक वृ दर न कवल ती ई ह, ब क देश म सबसे तेज गित से बढ़नेवाले रा य क
वृ दर क ेणी म आते ए 11 ितशत तक प च गई ह। य िप सा रता दर, ित य आय, बाल मृ यु
दर, गरीबी दर आिद म रा य अभी भी िपछले पायदान पर कायम ह। शैि क ि से िबहार भारत म 35व थान
पर ह। सरकार ने रा य को िवकास क पटरी पर लौटाने क िलए सं थागत े म सुधार क पहल क ह। िविध-
यव था एवं शासिनक तं म सुधार पर बल िदया गया ह। नीित िनधारण काय म ि या वयन एवं मू यांकन म
पारदिशता पर बल देने क ज रत ह। वष 2005 म रा य क शासन को सुधारने क िलए रा य शासिनक सुधार
आयोग का गठन िकया गया ह, िजसने िवभाग क सं या कम करने क िसफा रश क ह, िजसक आधार पर ही
इसक सं या 47 से घटाकर 44 कर दी गई ह।
रा य म इ- शासन पर बल िदया गया ह तथा सूचना िव ान ौ ोिगक -आधा रत शासिनक यव था को सु ढ
िकया जा रहा ह। इसक िलए सरकार ने 2007 ई. म सूचना तकनीक िवभाग को एक नोडल एजसी क प म
थािपत िकया ह। रा य म संचार यव था को बढ़ावा देने क िलए लोक िनजी भागीदारी क तहत िबहार टट वाइड
ए रया नेटवक ोजे ट क थापना क गई ह, िजससे सभी िजल एवं खंड कायालय को जोड़ा गया ह। येक
पंचायत एवं य तक इ- शासन क प च हो, इसक िलए वसुधा क क थापना क गई ह। 2005 ई. म
भारतीय ाचार अ ययन म िबहार को 20 रा य म सबसे नीचे थान िमला अथा िबहार म ाचार ने एक
संगिठत उ ोग का प हण कर िलया था। अतः इससे िनपटने क िलए सरकार ारा अनेक काय िकए गए ह।
इसम 2009 ई. म पेशल कोट ऐ ट पा रत िकया गया। इस ऐ ट क तहत आय से अिधक संपि रखनेवाले
य य पर कारवाई कर उनक संपि को ज त िकया गया ह। 2011 ई. से िवधायक थानीय े िवकास फड
का दु पयोग होने क कारण उसे बंद कर उसक थान पर मु यमं ी े ीय िवकास काय म ारभ िकया गया ह।
आम लोग क शासन तक प च हो एवं आसानी से िनयत समय-सीमा पर सेवा उपल ध हो सक, इसक िलए
सेवा का अिधकार अिधिनयम, 2011 को लागू िकया गया ह।
रा य म गरीबी एक मुख सम या ह, िजसको दूर करने क िलए अनेक िवकासा मक योजनाएँ लागू क गई ह।
ज रत ह इन योजना का िनरतर मू यांकन एवं िनगरानी करने क । इसक िलए रा य म आम लोग को यान म
रखते ए शासिनक यव था क िवक ीकरण क ि या को मजबूत िकया गया ह।
िव ीय बंधन म अिनयिमतता रा य क िवकास म मुख बाधक रही ह। रा य म अिधकतर पूँजी िनवेश क ीय
मदद अथवा प रयोजना-आधा रत िनवेश क प म आ ह, िजसक कारण रा य अपनी ाथिमकताएँ तय करने म
असमथ रहा ह। िबहार म खिनज संसाधन क कमी ह, जबिक किष िवकास क असीम संभावना ह। अतः रा य क
िकए जा रह ह। येक मंडल म एक इजीिनय रग कॉलेज, सभी िजल म पॉिलट क कॉलेज तथा सभी
अनुमंडल म ITI सं थान थािपत करने का िनणय िलया गया ह।
िन न वग क क याण संबंधी योजना को लागू कर धरातल पर उतारने का यास िकया जा रहा ह। महादिलत
योजना क ारा समाज क सबसे दबे-कचले वग को ऊपर उठाकर िवकास क मु यधारा से जोड़ने का काय
िकया गया ह। िबहार महादिलत िवकास िमशन ारा अनेक योजनाएँ ारभ क गई ह। इनम दशरथ माँझी कौशल
िवकास योजना का उ े य महादिलत युवक एवं युवितय को िनःशु क यावसाियक िश ण देकर उनक िलए
रोजगार सुिन त करना ह, िजससे उनका आिथक एवं शैि क िवकास हो सक। महादिलत िवकास क िलए लागू
सभी योजना को भावी ढग से ि या वत करने क िलए पंचायत एवं वाड तर पर एक-एक िवकास िम का
चयन िकया जाता ह, िजसम 52 ितशत महादिलत वग क मिहला क िलए थान सुरि त ह। अ य योजना
म मु यमं ी महादिलत पोशाक योजना, महादिलत शौचालय िनमाण योजना, मु यमं ी महादिलत रिडयो योजना,
सामुदाियक भवन एवं कॉल सटर क थापना योजना, महादिलत आवास-भूिम योजना, महादिलत जलापूित योजना
को लागू िकया गया ह। इन योजना क मा यम से समाज क सबसे िपछले पायदान पर खड़ य को आिथक,
सामािजक एवं शैि क ि कोण से िवकास क मु य धारा म जोड़ना ह। इससे इनक आिथक थित म सुधार
होगा और जीवन तर ऊपर उठ सकगा।
रा य क कल आबादी का 48 ितशत जनसं या मिहला क ह। रा य क िवकास क एक अिनवाय
शत मिहला सश ीकरण ह।
रा य क कल आबादी का 48 ितशत जनसं या मिहला क ह। रा य क िवकास क एक अिनवाय शत
मिहला सश ीकरण ह। मिहला सश ीकरण क िदशा म सरकार ारा अनेक यास िकए गए ह। 2011 ई. क
जनगणना क अनुसार रा य का िलंगानुपात 918 ह। रा य का आिथक, सामािजक एवं समावेशी िवकास मिहला
सश ीकरण क िबना संभव नह ह। इस िदशा म मु यमं ी नारी सुर ा योजना, मिहला वयं सहायता समूह का
गठन, अ र आँचल योजना, मु यमं ी बािलका साइिकल योजना, मु यमं ी क या सुर ा योजना, जननी सुर ा
योजना आिद मह वपूण काय सरकार ारा िकया गया ह। सरकार ने मिहला को िवकास क मु यधारा म
शािमल करने क िलए िबहार िदवस क अवसर पर िबहार रा य मिहला सश ीकरण नीित, 2015 को लागू िकया
ह। अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित एवं अ यंत िपछड़ वग क मिहला क िलए रा य म ‘ नर योजना’
चलाई जा रही ह।
सरकार ने पंचायत तर पर चुनाव म मिहला क िलए 50 ितशत आर ण का ावधान िकया ह। 1 अ ैल,
2016 से रा य सरकार क सभी कार क नौक रय म 35 ितशत सीट आरि त क गई ह। मिहला को
आिथक ि कोण से वावलंबी बनाने क िलए वयं सहायता समूह का गठन िकया गया ह। घरलू िहसा कानून का
पालन हो तथा मिहला को घरलू िहसा से बचाया जाए, इसक िलए मिहला ह पलाइन नंबर क यव था क गई
ह। मु यमं ी क या सुर ा योजना का मु य उ े य बािलका भू्रण ह या, जो सामािजक और कानूनी अपराध ह,
को रोकना तथा बािलका ूण ह या पर िनयं ण थािपत कर िलंगानुपात को संतुिलत करना ह।
रा य शासन को पारदश बनाने एवं सबक प च शासन तक हो, इसक िलए सूचना का अिधकार, लोक सेवा
अिधकार, लोक िशकायत िनवारण अिधिनयम आिद को लागू िकया गया ह। सूचना का अिधकार कानून को िबहार
सरकार ारा 2006 ई. से लागू िकया गया ह। इस कानून क तहत 29 जनवरी, 2007 से टलीफोन क मा यम से
भी सूचना माँगने का अिधकार दान िकया गया ह, िजसे ‘जानकारी कॉल सटर’ कहा गया ह। िबहार लोक सेवा
मृ युदंड िमलेगा तथा गंभीर ित अथवा अपंग होने क थित म उ कद क सजा का ावधान ह।
उ ेखनीय ह िक अवैध शराब यवसाय म िल सामान एवं संपि , यथा—घर, दुकान एवं प रसर को भी
सील कर ज त कर िलया जाना कानूनी ावधान म ह। इस पर लोग को पता होना चािहए िक सरकार ने जनता क
िहत म जहरीली शराब से होनेवाली मृ यु पर तुरत संबंिधत समाहता ारा 4 लाख पया भुगतान का ावधान
मरनेवाले क प रवार हतु िकया ह तथा गंभीर प से घायल हो जाने पर 20 हजार पए िदए जाने का ावधान ह।
सात िन य
माच, 2015 म ‘िबहार िदवस’ क अवसर पर रा य सरकार ने सात िन य का िनणय िलया ह। वष 2015-20
क काल म सुशासन क काय म को िवकासा मक एवं लोक क याणकारी बनाने क िलए िबहार सरकार सात
िन य को ि या वत कर रही ह। ये सात िन य िन निलिखत ह—
1. आिथक हल एवं युवा का बल—युवा पीढ़ी को आ मिनभर बनाने, रोजगारपरक एवं कशल बनाने क
िलए यह िन य लागू िकया गया ह। इस िन य क तहत टडट िडट काड योजना, मु यमं ी िन य वयं
सहायता योजना भ ा, कशल युवा काय म 2 अ ूबर, 2016 से ारभ िकया गया ह।
2. आरि त रोजगार मिहला का अिधकार—यह काय-योजना मिहला सश ीकरण को बढ़ावा देने क िलए
लागू क गई ह। इसक तहत 20 जनवरी, 2016 से सरकारी नौक रय म मिहला क िलए 35 ितशत आर ण
क यव था क गई ह।
3. हर घर िबजली—15 नवंबर, 2016 से सभी घर को 24×7 िबजली उपल ध कराने का काय म शु िकया
गया ह तथा िदसंबर, 2020 तक इस ल य को पूरा करने का िनणय िलया गया ह।
4. हर घर नल का जल—सभी नाग रक को व छ पेयजल उपल ध कराने क िलए 27 िसतंबर, 2016 से
मु यमं ी ामीण पेयजल िन य योजना, मु यमं ी ामीण पेयजल (गुणव ा भािवत े ) िन य योजना,
मु यमं ी ामीण पेयजल (गैर-गुणव ा भािवत े ) िन य योजना एवं मु यमं ी शहरी पेयजल िन य योजना
शु क गई ह।
5. घर तक प गली-नािलयाँ—इस योजना क तहत रा य क सभी सड़किवहीन गाँव एवं टोल को प
सड़क से जोड़ने क योजना ह, साथ ही गाँव एवं शहर म गली-नाली का िनमाण िकया जाना ह। इसक िलए 28
अ ूबर, 2016 से ामीण टोला संपक िन य योजना, मु यमं ी ामीण गली-नाली प करण िन य योजना
तथा मु यमं ी शहरी गली-नाली प करण िन य योजना ारभ क गई ह।
6. शौचालय िनमाण घर का िनमाण—इस योजना क तहत हर घर म शौचालय क यव था क जा रही ह,
िजससे िबहार को व थ और व छ बनाया जा सक एवं खुले म शौच से मु िकया जा सक। 27 िसतंबर, 2016
से इस उ े य क पूित क िलए लोिहया व छ िबहार अिभयान एवं शौचालय िनमाण (शहरी े ) योजना ारभ
क गई ह।
7. अवसर बढ़, आगे पढ़—रा य म यावसाियक एवं तकनीक िश ा को बढ़ावा देने िलए इस िन य क
अंतगत अनेक योजना का काया वयन िकया जा रहा ह। इसक िलए येक िजले म जी.एन.एम. कल, पैरा
मेिडकल कॉलेज, पॉिलट क कॉलेज, मिहला औ ोिगक िश ण सं थान, अिभयं ण महािव ालय क थापना
क जाएगी। सभी अनुमंडल म ए.एन.एम. कल तथा सरकारी औ ोिगक िश ण सं थान क थापना क
जाएगी। सभी मेिडकल कॉलेज म निसग कल एवं रा य म पाँच नए मेिडकल कॉलेज क थापना क जाएगी।
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मु यमं ी ने अपने भाषण क दौरान कहा िक 2011 म ई जनगणना क अनुसार मिहला सा रता दर बेहतर ई
ह। सा रता दर म वृ िबहार म सवािधक रही ह। 2021 तक िबहार सा रता दर म शीष पाँच रा य म शािमल
होना चाहता ह। इसक िलए अनेक योजनाएँ चल रही ह और आगे भी जारी रहगी। उ ह ने कहा िक िबहार का
इितहास गौरवशाली ह। िबहार िदवस का संक प िबहार म स ावना थािपत करना ह, तािक हमारा िबहार गौरव
क उ िशखर पर प चे। इसक िलए सुशासन क साथ ‘सात िन य काय म’ रा य म भावशाली तरीक से
संचािलत िकया जा रहा ह। सरकार का उ े य ह— याय क साथ, सबका िवकास।
गांधी मैदान म िबहार िदवस क अवसर पर मनोरजन क साथ-साथ ानवधन से संबंिधत अनेक गितिविधयाँ
संचािलत क गई। पयटन िनगम ारा यंजन मेला का आयोजन था, तो िबहार लिलत कला अकादमी क ओर से
िच कला दशनी। आपदा बंधन िवभाग आग, भूकप, बाढ़, च वात तथा अ य आपदा क जानकारी सुलभ
करा रहा था। इसक अलावा उ त खेती क तरीक, आधुिनक किष यं पर िकसान को िदए जानेवाले अनुदान क
जानकारी सिहत छोट-बड़ ब क िलए ज, बाल संस , माशल आट, कराट, िच कारी, ा ट तथा वा य
बीमा योजना, आधार काड, िस एवं बाँस कला, मिहला वयं सहायता समूह, मधुबनी पिटग एवं िबहार क
धरोहर क संबंध म नई-नई जानकारी क साथ-साथ िव ुत कपनी ारा आम जन क सुिवधा हतु जानकारी देने
क भी यव था सु ढ थी। सूचना जनसंपक िवभाग क िवकासा मक िच दशनी बढ़ते एवं बदलते िबहार क
त वीर पेश कर रही थी, वह अिभलेखागार उ ोग एवं अ य िवभाग क दशिनयाँ मानु म से िवकासगाथा का
गायन कर रही थ । कह िल ी-चोखा क यव था तो कह अ य िबहारी यंजन क । िद ी से लेकर िवदेश
तक िबहार िदवस और अवसर िवशेष पर िबहारी यंजन क धूम रही।
िबहार सरकार अपने विणम अतीत से लोग को जा करने क िलए 22 माच, 2010 से ितवष िबहार िदवस
का आयोजन करती आ रही ह। इसका उ े य िबहार क लोग म वािभमान को जा करना ह। इससे सं कित,
परपरा एवं अपने महापु ष क ित स मान एवं कत ता क भाव जगगे। िबहार िवदेहराज जनक, िव ािम ,
चाण य और चं गु क धरती रहा ह। महान िव ान , दाशिनक , िचंतक और सािह यकार का संबंध िबहार से
रहा ह। ऐितहािसक, सां कितक एवं राजनीितक ि से यह भूिम अ यंत वैभवशाली रही ह। मौय वंश क महान
शासक स ा अशोक का सा ा य अफगािन तान तक फला था तथा शेरशाह शूरी भी िबहार क थे। यह भगवा
बु , भगवा महावीर तथा गु गोिवंद िसंह क पिव धरती ह। यहाँ सूफ संत क वाणी भी गूँजी। 3 ाचीन
िव िव ालय म नालंदा और िव मिशला िबहार म ही थे। िबहार क गाथा क िजतनी शंसा क जाए, वह कम
होगी।
िबहार िदवस मनाए जाने का मु य उ े य ह— िबहा रय क बीच भावना मक लगाव को िवकिसत करना तथा
िबहार रा ीयता को मजबूती दान करना। इस आयोजन क ारा ाचीन िबहार क ऐितहािसक समृ तथा रा य
क संसाधन एवं िवकास क प र थितय को आकषक प म दुिनया क सामने तुत करना, िजससे रा य क
नकारा मक छिव को दूर िकया जा सक। इसक मा यम से रा य एवं देश क बाहर रह रह िबहारी उ ोगपितय ,
आ वासी िबहा रय एवं अ य उ ोगपितय म िबहार क ित आकषण पैदा करना, तािक रा य म अिधक-से-
अिधक पूँजी िनवेश िकया जा सक।
‘िबहार िदवस’ क आयोजन से िबहारी स यता-सं कित एवं गौरवगाथा क चचा से हमारी नई पीढ़ी िशि त एवं
सुसं कत होगी। काल म म िबहार का नाम और इसक सां कितक खुशबू सात समंदर पार प चेगी और िबहार
का सवागीण िवकास संभव होगा।
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42. समसामियक
(Current Affairs)
350वाँ काशो सव
काशो सव िसख क दसव और अंितम गु ी गु गोिवंद िसंह क ज म िदवस पर येक वष आयोिजत िकया
जाता ह। इनका ज म 26 िदसंबर, 1666 को पटना सािहब म आ था। त त ी ह रमंिदरजी पटना सािहब म 10व
तथा अंितम िसख गु गु गोिवंद िसंह क 350व काश गु पव (ज मो सव) का आयोजन 31 िदसंबर, 2016 से 5
जनवरी, 2017 तक िकया गया। इस काश उ सव म देश-िवदेश से बड़ी सं या म ालु ने भाग िलया।
350व काशो सव क अवसर पर पटना को िमनी पंजाब का प िदया गया था। गांधी मैदान म बने पंडाल को
अमृतसर क वण मंिदर क आकित दान क गई थी। रा य सरकार ने इस महो सव क िलए तीन िदन का
राजक य अवकाश घोिषत िकया था। इस समारोह म देश-िवदेश क लाख ालु ने भाग िलया। अमे रका, ेट
ि टन, ऑ िलया, जमनी, कनाडा आिद देश से भी हजार क सं या म ालु काशो सव म प चे। समारोह
म देश क धानमं ी ी नर मोदी, िबहार क मु यमं ी ी नीतीश कमार, पंजाब क मु यमं ी ी काश िसंह
बादल तथा अनेक ग यमा य लोग ने भाग िलया। काय म का सीधा सारण ऑल इिडया रिडयो एवं दूरदशन क
मा यम से लगभग 32 देश म एक साथ िकया गया। पटना क अलावा लखनऊ, जालंधर, कोलकाता, भोपाल तथा
अ य टशन से भी इसका सारण िकया गया।
अमे रका, ेट ि टन, ऑ िलया, जमनी, कनाडा आिद देश से भी हजार क सं या म ालु
काशो सव म प चे। समारोह म देश क धानमं ी ी नर मोदी, िबहार क मु यमं ी ी नीतीश
कमार, पंजाब क मु यमं ी ी काश िसंह बादल तथा अनेक ग यमा य लोग ने भाग िलया।
गांधी मैदान म भ गीत एवं क तन क आयोजन क साथ लंगर क भी यव था बड़ पैमाने पर क गई। गु
महाराज क जीवनी एवं उन पर आधा रत क तन का आयोजन िकया गया। पटना सािहब को सतरगी रोशिनय से
सजाया गया। देश-िवदेश से प चे ालु क ठहरने क िलए गांधी मैदान, बाईपास एवं कगन घाट म अ थायी
टट िसटी का िनमाण िकया गया था। इन तीन टट िसटी क सुर ा क िलए लगभग 9000 जवान क तैनाती क गई
थी। काशो सव म आनेवाले ालु क िलए 26 िदसंबर से 15 जनवरी तक पटना घाट से पटना जं शन क
बीच 7 पेशल न चलाई गई। ालु क सुर ा एवं सुिवधा क िलए पटना सािहब टशन क पास अ थायी
थाने का िनमाण िकया गया था। ालु क सुर ा व सहयोग क िलए अकाल त त बंधन सिमित ने लोग क
अनेक सिमितयाँ गिठत क थ । िनगरानी क िलए 85 वाचटावर, CCTV एवं वीिडयो ाफ क यव था क गई थी।
रा य सरकार ने सुर ा क मह व को यान म रखकर लगभग 1200 दंडािधका रय , 1300 पुिलस पदािधका रय
एवं 13000 जवान क िनयु क थी।
काशो सव म आनेवाले ालु को िकसी कार क कोई परशानी न हो, इसक िलए िविभ थल पर 70
ह प-ड क काम कर रह थे। वा य सुर ा को यान म रखकर तैनात पुिलसकिमय को हडह ड माइक,
वायनाकलर, गनलाइट से लैस िकया गया था तथा एन.डी.आर.एफ. एवं एस.डी.आर.एफ. क तैनाती क गई
थी। काशो सव को आकषक एवं यादगार बनाने क िलए आए ए ालु को मनोरजन क साथ िबहार क
सं कित से भी प रिचत कराया गया।
अंतरा ीय बौ स मेलन
6 अ ूबर, 2016 को 36 देश क बौ धमावलंिबय ने बोधगया क महाबोिध मंिदर प रसर म इटरनेशनल
बौ कॉन ेव क समापन स पर दुिनया को शांित का संदेश िदया। महाबोिध वृ क नीचे बौ धमावलंिबय
ने इसक िलए सामूिहक साधना क । बौ स मेलन क शु आत 3 अ ूबर, 2016 को सारनाथ म, 4 अ ूबर,
2016 को वाराणसी म तथा 5 अ ूबर, 2016 को राजगीर म ई।
नव नालंदा महािवहार
मानव संसाधन िवकास मं ालय ारा 13 नवंबर, 2006 को नव नालंदा महािवहार को मािनत िव िव ालय
का दजा िदया गया। इस सं थान क थापना का उ े य इसे ाचीन नालंदा िवहार क तरह उ अ ययन क क
प म िवकिसत करना ह। 17 जुलाई, 2016 को सं कित मं ालय क अंतगत नव नालंदा महािवहार को लेकर
िन निलिखत कदम उठाए गए ह—
1. पाली ि िपटक क 41 खंड का िफर से मु ण।
2. मा टर जुआन जग क अवशेष को जुआन जग मृित प रसर म लाना।
3. चालू शैि क स म ऑन-लाइन वेश आवेदन।
4. शोध पि का का काशन।
5. नव नालंदा महािवहार क शैि क कलडर का संकलन।
6. नव नालंदा महािवहार म भाषा योगशाला क थापना।
7. नव नालंदा महािवहार क सभी तीन प रसर म सौर णाली क थापना।
12व इटरनेशनल ि िपटक पूजा का शुभारभ
रा य क रा यपाल रामनाथ कोिवंद ने महाबोिध वृ क नीचे 12व इटरनेशनल ि िपटक पूजा का शुभारभ दीप
िलत कर िकया। इस पूजा स मेलन म 13 देश क ालु ने भाग िलया। भगवा बु क उपदेश का
संकलन ि िपटक म ह। बोधगया म इसे संरि त करने क िलए िवगत 12 वष से इस कार क पूजा का आयोजन
िकया जा रहा ह।
नालंदा िव िव ालय िव धरोहर म शािमल
यूने को ने ाचीन नालंदा िव िव ालय क अवशेष को व ड ह रटज साइट म शािमल कर िलया ह। नालंदा का
अवशेष िबहार क दूसरी और देश क 33व धरोहर ह, िजसे व ड ह रटज साइट का दजा िदया गया ह। गया क
महाबोिध मंिदर को पहले ही इसम शािमल कर िलया गया ह।
लोक िशकायत िनवारण कानून, 2015
5 जून, 2016 को रा य म िबहार लोक िशकायत िनवारण अिधकार अिधिनयम, 2015 लागू िकया गया। आम
ितरि त ब म से 50 ितशत ब े रहते ह। इसम िबहार क 14 िजले अर रया, िकशनगंज, किटहार, सहरसा,
दरभंगा, सम तीपुर, मुज फरपुर, सीतामढ़ी, बेितया, पटना, गया, जमुई एवं बेगूसराय आते ह। इस काय म म सात
बीमा रय —य मा, पोिलयो, गलघ ट, काली खाँसी, टटनस, हपेटाइिटस-बी एवं खसरा से बचाव क टीक िदए जाते
ह। अिभयान क दौरान 0-2 वष क ब े एवं गभवती मिहला का टीकाकरण िकया जाता ह। वतमान समय म
िबहार क संपूण टीकाकरण का ितशत 69.9 ह, जो रा ीय औसत से अिधक ह।
यायमूित राज मेनन ने पटना उ यायालय क मु य यायाधीश पद क शपथ
ली
यायमूित राज मेनन ने 15 माच, 2017 को पटना उ यायालय क मु य यायाधीश पद क शपथ ली। उ ह
रा यपाल रामनाथ कोिवंद ने पद और गोपनीयता क शपथ िदलाई।
संतोष यादव और शिश सुमन बने चुनाव आयोग क टट आईकॉन
चुनाव आयोग ने मिहला पवतारोही संतोष यादव व संगीतकार शिश सुमन को िबहार िवधानसभा चुनाव, 2015 म
मतदाता जाग कता क िलए टट आईकॉन बनाया। िविदत ह िक संतोष िव क पहली मिहला पवतारोही ह,
िज ह ने दो बार एवर ट (वष 1992 एवं वष 1993 ई. म) पर चढ़ने म सफलता हािसल क ह। वष 2000 म उ ह
‘प ी’ से स मािनत िकया गया ह। संतोष यादव ह रयाणा क मूल िनवासी ह तथा उनका िववाह िबहार क मुंगेर
िजले म आ ह। शिश सुमन गया क मूल िनवासी ह और िफ म जगत म संगीतकार ह।
िबहार पंचायत चुनाव म यािशय क िलए उनक घर शौचालय का होना
अिनवाय
िबहार रा य चुनाव आयोग क मुख अशोक कमार चौहान ने 4 जनवरी, 2016 को पंचायत चुनाव, 2016 को
यान म रखते ए घोषणा क िक येक पंचायत चुनाव क याशी क घर म शौचालय का होना अिनवाय होगा।
सोनपुर रलवे टशन देश का पहला ह पीनेस जं शन बना
18 अ ूबर, 2016 को सोनपुर क मंडल रल बंधक मनोज कमार अ वाल ने सोनपुर रलवे टशन को देश का
पहला ह पीनेस जं शन घोिषत िकया ह।
ऑपरशन सफाया
िबहार एवं झारखंड पुिलस व क ीय सुर ा बल ने संयु प से न सिलय क िखलाफ सीमावत िजल क
जंगल व पहािड़य म ॉइट ऑपरशन शु करने क तैयारी क ह। इस कारवाई का नाम ‘ऑपरशन सफाया’
िदया गया ह।
नीरा ो साहन योजना
मु यमं ी नीितश कमार ने 5 अ ैल, 2016 से देश म पूण शराबबंदी लागू कर दी ह। इसक साथ ही वष 1991
क अिधसूचना को लागू िकए जाने क साथ ताड़ क उ पाद नीरा को ो सािहत करने का िनणय िलया ह।
‘िदशा’ मोबाइल एप
दूरसंचार मं ी ी रिवशंकर साद ने 10 अग त, 2015 को िबहार म िडिजटल सा रता क िलए ‘िदशा’ नाम से
मोबाइल ए लकशन आरभ क ह। इस एप का उ े य लोग को व-िश ा मॉ यू स क मा यम से क यूटर एवं
इटरनेट िसखाना ह।
नेशनल लीडरिशप अवाड
िस गिणत आनंद कमार को ल मीपत-िसंघािनया-आई.आई.एम., लखनऊ नेशनल लीडरिशप अवाड से
स मािनत िकया गया ह। 16 जुलाई, 2016 को नई िद ी म संप िवशेष काय म म आनंद कमार को यह
पुर कार क ीय िव मं ी अ ण जेटली ने िदया। यह स मान पूव म िव ो क मुख अजीम ेमजी, इ फोिसस क
मुख डॉ. एन.आर. नारायण मूित, टाटा समूह क रतन टाटा एवं राजीव बजाज को िमल चुका ह।
िबहार कला पुर कार
18 अ ूबर, 2016 को िबहार कला िदवस क अवसर पर िबहार क मु यमं ी ने वष 2015-16 एवं वष 2016-
17 क िलए िबहार रा य कला पुर कार दान िकया। यह पुर कार िबहार क कला एवं सं कित िवभाग ारा दान
िकया जाता ह। इसक अंतगत िदए जानेवाले पुर कार िन निलिखत ह—
• राधामोहन पुर कार—शैल कमार एवं िवनोद कमार।
• युवा पुर कार—इ देव भारती एवं मोह मद सुलेमान।
• रा ीय स मान— ेम कमार म क (इलाहाबाद), िवमान सुंदरम (िद ी), सी.एल. दास (पटना) तथा
िह मत शाह।
• लाइफटाइम एचीवमट पुर कार —डॉ. शंकर साद (पटना), जयनारायण िसंह (पटना), नाग मोिहनी
(पटना) एवं बाबा दाय (पूिणया)।
पटना पायर स ने जयपुर िलंग पथस को हराकर दूसरी बार ो-कब ी ॉफ
जीती
पटना पायर स ने 31 जुलाई, 2016 को जयपुर िपंक पथस को हराकर दूसरी बार ो-कब ी िखताब जीता।
हदराबाद क गाचीबो ी इडोर टिडयम म खेले गए फाइनल मैच म पटना पायर स ने जयपुर िपंक पथस को 37-
29 अंक से परािजत िकया। पटना क टीम को 1 करोड़ पए िमले, जबिक जयपुर को 50 लाख पए का पुर कार
दान िकया गया।
क. वीरामिण पुर कार, 2015
िबहार िवधान प रष क एने सी भवन म मु यमं ी ी नीतीश कमार को सामािजक याय क िलए िदए जानेवाले
‘क. वीरामिण पुर कार’, 2015 से स मािनत िकया गया। अमे रका क पे रयार इटरनेशनल सं था ारा सामािजक
याय क े म उ क काय करने क िलए ‘वीरामिण पुर कार’ िदया जाता ह।
प रवार िनयोजन म िबहार को रा ीय पुर कार
नई िद ी म वा य एवं प रवार क याण मं ालय क प रवार िनयोजन शाखा ारा दो िदवसीय रा ीय
सिमित म िबहार को बं याकरण क े म वष 2015 का रा ीय पुर कार दान िकया गया। आदश दंपती योजना
क तहत बड़ी सं या म युगल को प रवार िनयोजन क ित े रत करने क िलए जहानाबाद िजले क काको
मधुबनी िजला क बेनीप ी अनुमंडल क बरहा गाँव क मूल िनवासी ह। हजारीबाग से िडिवजनल कमांडट क पद
से रटायर ए द रहर याम चं झा क नाम से भी जाने जाते ह।
अय
• 10 अ ैल, 2016 को िबहार क मु यमं ी नीतीश कमार को जनता दल (यू) का पहली बार अ य चुना गया
ह।
• जनवरी 2016 म क ीय दूषण िनयं ण बोड (CPCB) ने भारत क 24 शहर क िलए रा ीय वायु गुणव ा
सू ची (AQI) जारी क ह। इस सूची म वाराणसी (उ र देश) थम, मुज फरपुर (िबहार) तीय, फरीदाबाद
(ह रयाणा) तीसर तथा पटना (िबहार) चौथे थान पर ह।
• पुनास गाँव सम तीपुर क िनवासी िशंजनी कमार को कशलेस ांसजे शन क मुख कपनी पेटीएम क CEO
क िज मेदारी स पी गई ह।
• अंतरा ीय नालंदा िव िव ालय क कलपित डॉ. गोपा सबरवाल क इ तीफ क प ा सीिनयर डीन डॉ.
पंकज मोहन को कलपित का भार िदया गया ह।
• िवदेशी मु ा से जुड़ आँकड़ को साझा करने हतु िवदेश यापार महािनदेशालय ने (DGFT) और सरकार क
वािण य कर िवभाग ने एम.ओ.यू. पर ह ता र िकए ह।
• गित मैदान, नई िद ी म चल रह 36व अंतरा ीय यापार मेले क समापन पर पुर कार समारोह म िबहार
पवेिलयन को व छ भारत अिभयान क ेणी म ‘ वण पुर कार’ दान िकया गया।
• िबहार उ यायालय ने 28 जुलाई, 2016 को सासाराम संसदीय े से िनवािचत सांसद छदी पासवान क
लोकसभा सद यता समा कर दी ह। पासवान पर शपथ-प म जानकारी िछपाने का आरोप ह। उ ह ने लोकसभा
क पूव अ य मीरा कमार को हराकर इस सीट पर जीत दज क थी।
• क ीय किबनेट क िनयु सिमित ारा 7 नवंबर, 2016 को एस.क. िस हा को खुिफया यूरो (IB)एजसी क
िवशेष िनदेशक क पद पर िनयु िकया गया ह। ी िस हा भारतीय पुिलस सेवा क 1983 बैच क िबहार कडर क
अिधकारी ह।
• 64व रा ीय मिहला कब ी का शुभारभ पाटिलपु खेल प रसर म 27 नवंबर, 2016 को आ।
• 14 जून, 2016 को सावजिनक े क िव ुत उपकरण िनमा ी कपनी भारत हवी इले क स िलिमटड
(BHEL) ने िबहार क मुज फरपुर म 195 मेगावाट क एक थमल पावर यूिनट क थापना क ह।
• िदसंबर, 2016 म नॉव क ओ लो म आयोिजत होनेवाले ‘नोबेल शांित पुर कार’ समारोह म शरद सागर को
आमंि त िकया गया। ी सागर िबहार क सीवान क जीरादेई क मूल िनवासी एवं सामािजक कायकता ह।
• इ तांबुल स क दौरान सव थम 15 जुलाई, 2016 को यूने को क िव िवरासत सूची म िव क 9 नए
थल स मिलत िकए गए ह, िजसम िबहार रा य थत ऐितहािसक नालंदा महािवहार क पुराता वक थल को
शािमल िकया गया ह।
• मधेपुरा म 800 इले क लोकोमोिटव (रल इजन) क उ पादन हतु ांस क ए टॉम (Alstom) और भारतीय
रलवे क बीच संयु उप म पर शेयर हो डग करार 25 जनवरी, 2016 को ांस क रा पित ांकोइज आलांदे
क भारत-या ा क दौरान िकया गया।
• 24 जून, 2016 को एिशयाई िवकास बक (ADB) ने िबहार म 9.8 िकलोमीटर लंबाई वाले भारत क सबसे लंबे
नदी-पुल क िनमाण क िलए 500 िमिलयन डॉलर क ऋण को मंजूरी दान क ह। यह पुल देश क उ री एवं
• बाबू वीर कवर िसंह िवजय िदवस क अवसर पर मु यमं ी ने सबौर खंड क अंतगत जीरो माइल चौक
भागलपुर म बाबू वीर कवर िसंह क अ ारोही ितमा का अनावरण िकया। इस अ धातु क मूित को वािलयर
क मूितकार भात राय ने तैयार िकया ह।
• िबहारशरीफ म ट ापैक लांट का िनमाण कराया गया ह, िजसक मा यम से दु ध को छह माह तक बचाकर रखा
जा सकता ह। िबहारशरीफ (4 लाख लीटर) तथा डहरी ओन सोन (1 लाख लीटर) म डयरी लांट थािपत िकया
गया ह।
• वतमान समय म रा य म कॉ फड क अंतगत 8 दु ध संघ एवं 5 अ य इकाइयाँ कायरत ह, िजनम 3 डयरी एवं
1 पशु आहार कारखाना झारखंड रा य म अव थत ह।
• िबहारशरीफ डयरी ोजे ट कॉ फड क आधुिनक इकाई ह तथा यहाँ से सुधा क नए उ पाद डयरी हाइटनर,
ट ापैक एवं इले टर दूध का उ पादन िकया जाता ह।
• पटना एवं मुज फरपुर थत पशु आहार कारखाना ‘सुधा पशु आहार’ का िनमाण कर दु ध सिमितय को पशु
आहार क आपूित क जाती ह।
• िकशनगंज म अन ास क खेती बड़ पैमाने पर क जा रही ह। इसको देखते ए यहाँ ए ीक चर कॉलेज
थािपत िकया जा रहा ह।
• मु यमं ी ने घोषणा क ह िक चंपारण म एक रा ीय तर का ग ा अनुसंधान सं थान खोला जाएगा।
• 33 ितशत या उससे अिधक फसल क बरबादी क थित म रा य सरकार ारा कषक को अनुदान क
यव था क गई ह।
• रा य सरकार ने िव बक क सहायता से पंचायत भवन क िनमाण क िलए िबहार पंचायत सु ढीकरण
प रयोजना ारभ क ह।
• किष यं िनमाता इकाइय को औ ोिगक ो साहन नीित, 2011 क अनुसार पूव उ पादन सुिवधा क अंतगत
टांप यूटी एवं पंजीकरण म छट/ ितपूित, भूिम संप रवतन शु क म छट एवं उ पादन प ा सुिवधा/छट क
अंतगत प रयोजना ितवेदन ो साहन, भूखंड शेड पर दी जानेवाली सुिवधाएँ, तकनीक जानकारी शु क पर
सहायता, क टव पावर जेनरशन/डीजल जेनरिटग सेट पर अनुदान, िव ुत उ पादन क मद म Monthly Minimum
Charge / Demand / Billing Charge म छट, वैट एवं वेश कर क ितपूित, क ीय िब कर, िव ुत शु क क
ितपूित से संबंिधत ो साहन देय होगा।
• सवण आयोग का गठन सेवािनवृ यायाधीश ी नरशचं ि वेदी क अ य ता म िकया गया ह। आयोग ारा
रा य क उ जाितय म शै िणक एवं आिथक प से कमजोर वग क सव ण हतु एिशयन डवलपमट रसच
इ टी यूट (आ ी) नामक सं था का चयन करते ए सव ण का काय स पा गया ह।
• रा य सरकार ारा यह िनणय िलया गया ह िक सवण जाितय क प रवार से आनेवाले छा , िजनक
पा रवा रक आय 1.5 लाख पए या उससे कम ह और िज ह ने िबहार िव ालय परी ा सिमित क ारा आयोिजत
मैि क क परी ा म थम ेणी म उ ीण क ह, वैसे छा को मु यमं ी िव ाथ ो साहन योजना क अंतगत 10
हजार पए क ो साहन रािश दी जाएगी।
• िबजली उपभो ा क सुिवधा क िलए साउथ िबहार पावर िड ी यूशन कपनी ने पटना समेत 17 िजल म
ऑन-लाइन िबजली कने शन देने क शु आत क ह।
• किष फ डर क िनमाण क िलए पटना िजले का पायलट ोजे ट क प म चयन िकया गया ह। पटना िजले क
कराई जा रही ह।
• िपछड़ा वग तथा सामा य वग म 1.5 लाख पए से कम आयवाले प रवार क सभी छा -छा ा को छा वृि
देने का काय म संचािलत िकया जा रहा ह।
• मु यमं ी िकशोरी वा य काय म क अंतगत 8-12 वग तक क नामांिकत छा ा को ित छा ा 150 पए
क रािश सैिनटरी नैपिकन य करने हतु उपल ध कराई जाती ह।
• अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित, िपछड़ा एवं अ यंत िपछड़ा वग क मिहला क िलए ‘ नर योजना’
चलाई जा रही ह।
• येक मंडल म एक इजीिनय रग कॉलेज, िजले म पॉलीट क और सभी अनुमंडल म आई.टी.आई. सं थान
थािपत करने का िनणय िलया गया ह।
• रा य क 9 मंडल म से 6 मंडल म सरकारी े म कल-7 अिभयं ण महािव ालय थािपत एवं संचािलत
ह। मुंगेर मंडल क बेगूसराय एवं मुंगेर, पूिणया मंडल क किटहार, ितर त मंडल क सीतामढ़ी एवं पटना
मंडल क रोहतास िजले म अिभयं ण महािव ालय क थापना हतु कारवाई क जा रही ह।
• पटना म साइस िसटी क थापना तथा दरभंगा म तारामंडल-सह-िव ान सं हालय क थापना क वीकित
दान क गई ह।
• रा य क 28 िजले, जहाँ पॉलीट क सं थान नह ह, म नए पॉलीट क सं थान क थापना हतु सै ांितक
वीकित दान क गई ह।
• रा य क सभी काय िवभाग, योजना एवं िवकास िवभाग क अंतगत थानीय े अिभयं ण संगठन, िनगम,
उप म, ािधकरण, प रष एवं िनकाय क अधीन वैसे काय , िजसक ा िलत रािश 15 लाख पए या उससे
कम ह, से संबंिधत अंचल तर पर वषवार कल काय का 50 ितशत काय अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित,
िपछड़ा वग, अ यंत िपछड़ा वग एवं िपछड़ वग क मिहला क संवेदक क िलए आरि त करने का िनणय िलया
गया ह।
• सरकार ारा उ क काय करनेवाले नगर िनकाय को ो सािहत करने क योजन से ‘मु यमं ी आदश नगर
िनकाय ो साहन योजना’ लागू क गई ह। योजनांतगत ितवष एक नगर िनगम, दो नगर प रषद एवं दो नगर
पंचायत को पुर कत करने क योजना ह। पुर कार क यह रािश मशः 5 करोड़, 3 करोड़ तथा 1 करोड़ होगी।
• पटना म अ याधुिनक एवं िव तरीय ‘बु मृित पाक’ का िनमाण िकया जा रहा ह। इस पाक म यान क ,
पु तकालय, लेजर-शो आिद क थापना क जा रही ह।
• रा यकिमय एवं सेवािनवृ किमय को 7व वेतन आयोग क अनुशंसा का लाभ देने क िलए रा य सरकार ने
पूव मु य सिचव जी.एस. कग क अ य ता म रा य वेतन आयोग का गठन िकया ह। यह आयोग रा य सरकार
को तीन माह म रपोट स पेगा।
• रा य म रा ीय डॉ फन रसच सटर क थापना का काय ारभ िकया गया ह। िव मिशला गंगा डॉ फन
आ यणी हतु बंध योजना का िनमाण िकया जा रहा ह।
• दिलत को आवासीय भूिम उपल ध कराने हतु िबहार महादिलत िवकास योजना क ारा भूिम य कर अथवा
सरकारी भूिम आवंिटत क जाती ह।
• रा य म सभी सव मानिच का िडिजटलाइजेशन िकया जा चुका ह। िबहार सव ण कायालय गुलजारबाग से
रा य क सभी िजल क राज व मानिच क ऑन-लाइन आपूित का काय ारभ िकया गया ह।
लीटर डीजल पर 30 पए का अनुदान िकसान को िमलेगा। 1 एकड़ फसल क िसंचाई क िलए 10 लीटर तक
डीजल पर अनुदान िकसान ले सकते ह। यह अनुदान िकसान अिधकतम तीन बार ा कर सकते ह।
• रा य सरकार ारा एक से अिधक जगह पर खेत म पटसन क िलए िकसान को ीपेड िसम िदए जाने क
घोषणा क गई ह।
• राजधानी पुिलस ने जनता से सीधे जुड़ने क कवायद म दूसरा साथक कदम उठाया ह। ‘पुिलस-प लक संवाद
काय म’ क बाद ‘डायल पावर’ नामक योजना क शु आत क गई ह। इसक तहत शहर म िच त थान पर
डायल-100 (पुिलस क ोल म) क पेशल बूथ लगाए जाएँगे, िजससे आपात थित म पुिलस से संपक करने म
लोग को स िलयत होगी।
• वष 2005 क िवधानसभा िनवाचन एवं सरकार क गठन क प ा ‘ याय क साथ िवकास’ पर आधा रत साझा
काय म क संक प को दोहराते ए आगामी 5 वष म िबहार को देश क िवकिसत रा य क ेणी म लाने क
िनिम रा य सरकार ने ‘सुशासन क काय म 2015-20’ तैयार कर इसे संपूण रा य म लागू करने का िनणय
िलया ह।
• भागलपुर, मुज फरपुर एवं िबहारशरीफ का देश क 100 माट िसिटय म चयन िकया गया ह।
• मंि प रष ने अपनी बैठक म िनणय िलया ह िक पटना महानगर मा टर लान, 2031 क अनुसार, पटना लगभग
1150 वग िकलोमीटर म िव ता रत होगा और इसम दानापुर, खगौल, शैयदपुर, फलवारीशरीफ, िबहटा तथा फतुहा
शािमल ह गे।
• िपछड़ा वग एवं अित िपछड़ा वग क याण िवभाग क अंतगत िव ीय वष 2016-17 से रा य योजनांतगत
पूिणया, सहरसा, मुंगेर, मधुबनी, वैशाली, पूव चंपारण एवं प मी चंपारण म एक-एक नए ाक िश ण क क
संचालन हतु वीकित दान क गई ह। िव ीय वष 2015-16 से संचािलत पटना, मुज फरपुर, गया, सारण,
दरभंगा, भागलपुर, भोजपुर एवं मधेपुरा म येक ाक परी ा इ लािमया हॉल पटना व फ टट क योजना क
शासिनक वीकित दी गई थी।
• नगर िवकास एवं आवास िवभाग क अंतगत पटना िजलांतगत फतुहा नगर पंचायत को नगर प रष घोिषत करने
क वीकित दी गई ह।
• भारतीय रल ने मालगािड़य पर सामान लदे क को ले जाने और सड़क पर भीड़-भाड़ कम करने क िलए ‘रो-
रो (रोल-ऑन-रोल-ऑफ) सेवा’ क शु आत िबहार क दीघा रल ि ज पर क गई ह।
• िबहार किबनेट ने िबहार म सभी तर क याियक सेवा म 50 ितशत पद को अ यंत िपछड़ा वग, अनुसूिचत
जाित एवं अनुसूिचत जनजाित क लोग क िलए आरि त िकया ह।
• िबहार क ईशान िकशन को बां लादेश म होनेवाले आई.सी.सी. अंडर-19 िव कप क िलए भारतीय जूिनयर
टीम का क ान बनाया गया था। िवकटक पर और बाएँ हाथ क ब ेबाज ईशान नवादा िजले क रहनेवाले ह और
वतमान म झारखंड से खेलते ह।
• देश म साइबर अपराध क बढ़ते चरण को देखते ए रा य क आिथक अपराध इकाई को इस िदशा म सचे
एवं संविधत करने क उ े य से मु यालय एवं िजला तर पर ‘साइबर ाइम एवं सोशल मीिडया लैब’ का गठन
िकया गया ह।
• रा य म 21 अ ैल, 2016 को ‘ थम िसिवल सेवा िदवस’ का आयोजन िकया गया।
• DFID सं पोिषत Grow Bihar Project क तहत िवकास, संसाधन, संभावना एवं प रसंपि य क िनमाण पर
तकनीक सहायता दान करने हतु DFID ारा रा य सरकार क साथ िमलकर Grow Bihar Project ारभ िकया
गया ह। इस प रयोजना क अंतगत उ ोग िवभाग, िव िवभाग, वािण य कर िवभाग, सामा य शासन िवभाग, म
संसाधन िवभाग एवं अ पसं यक क याण िवभाग को शािमल िकया गया ह।
• मौसम आधा रत फसल बीमा योजना क अप रहायता को यान म रखकर सभी खंड म वचािलत मौसम क
(AWS) थािपत करने क वीकित दान क गई ह। इसक तहत 38 िजल एवं 12 अनुमंडल म कल 50 AWS
(Automatic Weather Station) थािपत िकए जाएँगे।
• िबहार रा य िव िव ालय अिधिनयम, 1976 म संशोधन करते ए दो नए िव िव ालय पूिणया िव िव ालय
एवं पाटिलपु िव िव ालय खोलने का िनणय िलया गया ह। पूिणया िव िव ालय म पूिणया मंडल क चार
िजल यथा—पूिणया, किटहार, िकशनगंज एवं अर रया क सभी महािव ालय शािमल ह गे तथा पाटिलपु
िव िव ालय म मगध िव िव ालय क अंतगत पटना एवं नालंदा िजले क सभी महािव ालय शािमल ह गे।
• वधमान आयुिव ान सं थान पावापुरी, नालंदा म State of the Art िचिक सा महािव ालय का िनमाण कराया
गया ह।
• िबहार रा य क निसगकम ीमती पु पा कमारी, ए.एन.एम. रफरल अ पताल रानीगंज, अर रया को उनक
उ क एवं सराहनीय काय क िलए रा पित ारा 12 मई, 2016 को रा पित भवन, नई िद ी म ‘National
Florence Nightingle Nurses Award’, 2016 से स मािनत िकया गया।
• वष 2015-16 म मिहला बं याकरण क े म उ क दशन क िलए िबहार को रा ीय तर पर थम
पुर कार से स मािनत िकया गया।
• ाकितक िचिक सा को बढ़ावा देने हतु रा य सरकार ने ‘तपोवधन ाकितक िचिक सा क , भागलपुर’ को उ
तरीय ाकितक िचिक सा क क प म िवकिसत करने का िनणय िलया ह।
• नमािम गंगे योजना (NGRBA) क तहत रा य क गंगा नदी तट पर अव थत शहर ब सर, पटना, हाजीपुर,
बेगूसराय एवं मुंगेर म िविभ योजनाएँ काया वत क जा रही ह।
• राजक य नालंदा म एक सूचना ौ ोिगक शहर (I.T. City), िनमाण का िनणय िलया गया ह।
• रा य सरकार ारा मुंगेर म ‘वािणक महािव ालय’ क थापना क वीकित दान क गई ह।
• ‘आ मा’ (ATMA—Agriculture Technology Management Agency) योजनांतगत खंड, िजला एवं रा य
तर पर किष एवं किष से संब े , यथा—उ ान, पशुपालन, म यपालन, डयरी आिद म उ क काय एवं
उपल धय क िलए िकसान को ो सािहत करने हतु िकसान पुर कार योजना क वीकित दान क गई ह।
• किष िव ान क , हरनौत (नालंदा) को वष 2016 क िलए भारतीय किष अनुसंधान प रष , नई िद ी का
सव े किष िव ान क स मान (जोनल) ा आ ह।
• किष िव ान क , माँझी (सारण) को भारतीय किष अनुसंधान प रष , नई िद ी, जोन-II क ‘सव म किष
िव ान क पुर कार’ से स मािनत िकया गया ह।
• वतमान समय म िबहार मीठा जल मछली उ पादन म देश म चौथे थान पर ह।
• िवभागीय योजना एवं सार तं क मा यम से वतमान म िबहार म कल 117 म य बीज हचरी थािपत ह। इनम
101 म य बीज हचरी ि याशील ह।
• म य िश ण को बढ़ावा देने हतु पटना म रा य तरीय िश ण क , मीठापुर (पटना) म थािपत िकया गया
ह।
• पहली बार रा ीय म यजीवी सहकारी संघ मयािदत, नई िद ी का े ीय कायालय पटना म खोला गया ह,
तािक बीमा दावे का यथाशी भुगतान, म य िश ण काय आिद िकया जा सक।
• रा य म एक पृथक पशु िव ान िव िव ालय क थापना हतु ‘िबहार पशु िव ान िव िव ालय िवधेयक,
2016’ को वीकित दान क गई ह।
• िबहार म वनर ी एवं वनपाल क िश ण हतु गया िजले म जापान क सं था JICA क सहयोग से रा य
वािणक िश ण सं थान क थापना क गई ह।
• बोधगया क पास िपपरघ ी म 23 ह टयर े म एक जैव-िविवधता उ ान ‘बु वािटका’ का िवकास िकया
जा रहा ह।
• नालंदा खँडहर क समीप मणी थान क पास भारतीय पुरात व सव ण शाखा ारा िकए जा रह उ खनन म
भगवा बु क करीब डढ़ फ ट ऊची ितमा िमली ह। उ खनन म गु काल एवं पालकाल क अवशेष िमले ह।
• िबहार क दरभंगा िनवासी भावना कठ को भारतीय वायुसेना म थम मिहला फाइटर पायलट क प म िनयु
िकया गया ह। इनक अलावा म य देश क सतना िजले क अवनी चतुवदी तथा राज थान क झुनझुनू िजले क
मोहना िसंह को भी शािमल िकया गया ह।
q
2011-12 : 41254
2012-13 : 44176
2013-14 : 43779
2014-15 : 48550
2015-16 : 54140
रा य : म य देश
2011-12 : 38550
2012-13 : 41251
2013-14 : 42686
2014-15 : 44518
2015-16 : 47820
रा य : उड़ीसा
2011-12 : 47019
2012-13 : 48335
2013-14 : 49908
2014-15 : 52516
2015-16 : 55116
रा य : उ र देश
2011-12 : 32002
2012-13 : 32746
2013-14 : 34079
2014-15 : 35694
2015-16 : 38234
रा य : भारत
2011-12 : 63460
2012-13 : 65664
2013-14 : 68867
2014-15 : 72889
2015-16 : 77435
ोत : क ीय सां यक संगठन, भारत सरकार
े : व तु पर स सडी
2011-12 : 4.7
2015-16 : 6.3
े : सकल घरलू रा य उ पाद
2011-12 : 100
2015-16 : 100
ोत : िबहार आिथक सव ण, 2016-17
2019-20 ल य : 3
मद : सकल घरलू उ पाद क ितशत क प म कल कर राज व
2013-14 : 15.94
2014-15 : 14.35
2015-16 : 15.26
2016-17 बजट अनुमान : 15.76
2017-18 ल य : 15.4
2018-19 ल य : 15.24
2019-20 ल य : 15.09
मद : सकल घरलू उ पाद क ितशत क प म लोक ऋण
2013-14 : 18.7
2014-15 : 18.54
2015-16 : 18.23
2016-17 बजट अनुमान : 18.97
2017-18 ल य : 19.78
2018-19 ल य : 20.03
2019-20 ल य : 20.25
ोत : िबहार बजट, 2017-18
अिखल भारतीय तथा िबहार म गरीबी अनुपात म अंतर
शहर : भारत
ामीण य य का ितशत : 25.7
ामीण य य क सं या (लाख) : 2166.58
शहर य य का ितशत : 13.7
शहर य य क सं या (लाख) : 531.25
योग य य का ितशत : 21.92
योग य य क सं या (लाख) : 2697.83
पूर भारत क गरीब म रा य का िह सा : 100
ोत : योजना आयोग, भारत सरकार
जीिवका क गित
मद : गिठत वयं सहायता समूह क सं या
2011-12 : 55704
2012-13 : 91785
2013-14 : 157157
2014-15 : 365150
2015-16 : 470220
2016-17 अ ूबर तक : 557337
मद : ामीण संगठन क सं या
2011-12 : 3476
2012-13 : 5069
2013-14 : 7452
2014-15 : 14363
2015-16 : 31229
शहर य य का ितशत : 21
शहर य य क सं या (लाख) : 43.1
योग य य का ितशत : 31.65
योग य य क सं या (लाख) : 234.06
पूर भारत क गरीब म रा य का िह सा : 8.7
शहर : महारा
ामीण य य का ितशत : 24.22
ामीण य य क सं या (लाख) : 150.56
शहर य य का ितशत : 9.12
शहर य य क सं या (लाख) : 47.36
योग य य का ितशत : 17.35
योग य य क सं या (लाख) : 197.92
पूर भारत क गरीब म रा य का िह सा : 7.3
शहर : उड़ीसा
ामीण य य का ितशत : 35.69
ामीण य य क सं या (लाख) : 126.14
शहर य य का ितशत : 17.29
शहर य य क सं या (लाख) : 12.39
योग य य का ितशत : 32.59
योग य य क सं या (लाख) : 138.53
पूर भारत क गरीब म रा य का िह सा : 5.1
शहर : पंजाब
ामीण य य का ितशत : 7.66
ोत : रा य तर बकस सिमित
2011-12 : 26.5
2012-13 : 35.7
2013-14 : 37.5
2014-15 : 40
2015 -16 (िसतंबर 2015) : 30.8
बक : स ल बक ऑफ इिडया
शाखा क सं या 2016 म : 440
2010-11 : 33.9
2011-12 : 37.3
2012-13 : 41.1
2013-14 : 37.2
2014-15 : 33
2016 -16 (िसतंबर 2015) : 34.5
बक : पंजाब नेशनल बक
शाखा क सं या 2016 म : 559
2010-11 : 33.1
2011-12 : 30.5
2012-13 : 37.1
2013-14 : 40.6
2014-15 : 41.9
2017 -16 (िसतंबर 2015) : 40.8
बक : कनरा बक
शाखा क सं या 2016 म : 227
2010-11 : 39.4
2011-12 : 39.1
2012-13 : 42.8
2013-14 : 40.2
2014-15 : 43.7
2018 -16 (िसतंबर 2015) : 44.7
बक : यूको बक
शाखा क सं या 2016 म : 230
2010-11 : 28.9
2011-12 : 36.3
2012-13 : 36.6
2013-14 : 39.3
2014-15 : 40.7
2019 -16 (िसतंबर 2015) : 46
बक : बक ऑफ बड़ोदा
शाखा क सं या 2016 म : 236
2010-11 : 33.6
2011-12 : 25.1
2012-13 : 35.8
2013-14 : 34.8
2014-15 : 41.6
2020 -16 (िसतंबर 2015) : 41.2
बक : यूिनयन बक ऑफ इिडया
बक : आं ा बक
शाखा क सं या 2016 म : 43
2010-11 : 21.4
2011-12 : 23.3
2012-13 : 14.5
2013-14 : 16.8
2014-15 : 20.7
2024 -16 (िसतंबर 2015) : 49.1
बक : बक ऑफ महारा
शाखा क सं या 2016 म : 13
2010-11 : 17.2
2011-12 : 7.9
2012-13 : 8
2013-14 : 32.5
2014-15 : 67.4
2025 -16 (िसतंबर 2015) : 69
बक : कॉरपोरशन बक
शाखा क सं या 2016 म : 41
2010-11 : 75
2011-12 : 20.4
2012-13 : 57.4
2013-14 : 89.2
2014-15 : 72
2014-15 : 73
2029 -16 (िसतंबर 2015) : 73.3
बक : ओ रएंटल बक ऑफ कॉमस
शाखा क सं या 2016 म : 49
2010-11 : 30.4
2011-12 : 42.7
2012-13 : 45.1
2013-14 : 39.9
2014-15 : 47.3
2030 -16 (िसतंबर 2015) : 50.5
बक : पंजाब ऐंड िसंध बक
शाखा क सं या 2016 म : 12
2010-11 : 11.1
2011-12 : 10.8
2012-13 : 112
2013-14 : 108.7
2014-15 : 21.8
2031 -16 (िसतंबर 2015) : 24.7
बक : िसंडीकट बक
शाखा क सं या 2016 म : 57
2010-11 : 39.9
2011-12 : 41.4
2012-13 : 40.1
2013-14 : 40.9
2014-15 : 41
2032 -16 (िसतंबर 2015) : 27.3
बक : यूनाइटड बक ऑफ इिडया
शाखा क सं या 2016 म : 92
2010-11 : 39.9
2011-12 : 41.4
2012-13 : 40.1
2013-14 : 40.9
2014-15 : 41
2033 -16 (िसतंबर 2015) : 27.3
बक : िवजया बक
शाखा क सं या 2016 म : 34
2010-11 : 21.9
2011-12 : 22.8
2012-13 : 25.7
2013-14 : 29.2
2014-15 : 41.4
2034 -16 (िसतंबर 2015) : 44.6
बक : टट बक ऑफ बी.ऐंड जे.
शाखा क सं या 2016 म : 18
2010-11 : 41.3
2011-12 : 43.2
2012-13 : 81.2
2013-14 : 92.1
2014-15 : 92.3
2035 -16 (िसतंबर 2015) : 79.7
बक : टट बक ऑफ पिटयाला
शाखा क सं या 2016 म : 3
2010-11 : 63.3
2011-12 : 55.3
2012-13 : 58.7
2013-14 : 46.3
2014-15 : 49.7
2036 -16 (िसतंबर 2015) : 46.6
शाखा क सं या 2016 म कल : 3873
2010-11 : 34.9
2011-12 : 40.6
2012-13 : 40.7
2013-14 : 41.9
2014-15 : 43
2037 -16 (िसतंबर 2015) : 41.7
ोत : रा य तरीय बकस सिमित
िबहार म े ीय ामीण बक क सं या
2014-15 : 104.59
2015-16 : 333.68
े : वयं सहायता समूह
2010-11 : 40.57
2011-12 : 43.66
2012-13 : —
2013-14 : 63.38
2014-15 : 114.24
2015-16 : 92.15
े : गैर-किष े
2010-11 : 22.84
2011-12 : 97.8
2012-13 : 53.56
2013-14 : 21.26
2014-15 : 298.06
2015-16 : 67.88
े :अय
2010-11 : 8.72
2011-12 : 33.98
2012-13 : 170.46
2013-14 : 169.73
2014-15 : 1319.3
2015-16 : 25.17
े : योग
2010-11 : 285.99
2011-12 : 376.54
2012-13 : 521.43
2013-14 : 370.64
2014-15 : 2157.36
2015-16 : 3219.66
ोत : नाबाड, िबहार
ह थकयर े
कल : मेिडकल कॉलेज एवं हॉ पटल
आव यकता : 40
वतमान थित (कायरत) : 9
कम : 31
कल : िजला अ पताल
आव यकता : 38
2016-17 BE : 8.67
सूचक : सकल रा य घरलू उ पाद क मुकाबले रा य क अपनी कर ा क उ फ ता
2011-12 : 1.3
2012-13 : 2
2013-14 : 1.9
2014-15 : 0.2
2015-16 : 2.1
2016-17 BE : 1.2
सूचक : सकल रा य घरलू उ पाद क मुकाबले रा य क अपनी करतर ा क उ फ ता
2011-12 : -0.5
2012-13 : 1.9
2013-14 : 2.9
2014-15 : 0
2015-16 : 3.8
2016-17 BE : 0.6
सूचक : बकाया ऋण म वृ (ऌ ितशत)
2011-12 : 7.8
2012-13 : 12.7
2013-14 : 11.8
2014-15 : 16
2015-16 : 19.1
2016-17 BE : 19.3
सूचक : कल राज व ा म वृ (ऌ ितशत)
2011-12 : 15.2
2012-13 : 16.1
2013-14 : 15.7
2014-15 : 13.8
2015-16 : 22.6
2016-17 BE : 29.6
सूचक : रा य क अपनी राज व ा म वृ (ऌ ितशत)
2011-12 : 24.4
2012-13 : 28.8
2013-14 : 23.7
2014-15 : 3.7
2015-16 : 23.9
2016-17 BE : 16.1
सूचक : सकल रा य घरलू उ पाद म वृ (ऌ ितशत)
2011-12 : 21.4
2012-13 : 14.3
2013-14 : 12.3
2014-15 : 17.9
2015-16 : 10.6
2016-17 BE : 14
सूचक : (ख) लचीलापन (Fiexibility)
2011-12 : —
2012-13 : —
2013-14 : —
2014-15 : —
2015-16 : —
2016-17 BE : —
सूचक : पूँजीगत अदायगी/पूँजीगत ऋण हण (ऌ ितशत)
2011-12 : 72.9
2012-13 : 54
2013-14 : 39.6
2014-15 : 28.6
2015-16 : 25.8
2016-17 BE : 21.9
सूचक : कल का ा /सकल रा य घरलू उ पाद (ऌ ितशत)
2011-12 : 16.4
2012-13 : 17.1
2013-14 : 17.3
2014-15 : 15.4
2015-16 : 18
2016-17 BE : 18.7
सूचक : पूँजीगत प र यय/पूँजीगत ा (ऌ ितशत)
2011-12 : 133.1
2012-13 : 100.1
2013-14 : 141.1
2014-15 : 117.8
2015-16 : 130.2
2016-17 BE : 141.5
सूचक : रा य क अपनी कर ा /सकल रा य घरलू उ पाद (ऌ ितशत)
2011-12 : 5.1
2012-13 : 5.8
2013-14 : 6.3
2014-15 : 5.5
2015-16 : 6.2
2016-17 BE : 6.3
सूचक : रा य क अपनी करतर ा /सकल रा य घरलू उ पाद (ऌ ितशत)
2011-12 : 0.4
2012-13 : 0.4
2013-14 : 0.5
2014-15 : 0.4
2015-16 : 0.5
2016-17 BE : 0.5
सूचक : बकाया ऋण/सकल रा य घरलू उ पाद (ऌ ितशत)
2011-12 : 20.63
2012-13 : 20.35
2013-14 : 20.27
2014-15 : 19.94
2015-16 : 21.48
2016-17 BE : 22.49
2012-13 : 2117
2013-14 : 2893
2014-15 : 5050
2015-16 : 4964
2016-17 BE : 7835
सूचक : ाथिमक घाटा/राजकोषीय घाटा (ऌ ितशत)
2011-12 : 27.2
2012-13 : 32.3
2013-14 : 34.6
2014-15 : 45.2
2015-16 : 41.2
2016-17 BE : 48.9
सूचक : राज व घाटा/राजकोषीय घाटा (ऌ ितशत)
2011-12 : -81.5
2012-13 : -77.9
2013-14 : -77.1
2014-15 : -52.3
2015-16 : -103.7
2016-17 BE : -91.5
िवभागवार योजना यय क रािश एवं कल यय क ितशत क िवतरण का
िववरण
िवभाग का नाम : िश ा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 1421788.77
कल यय का ितशत : 17.93
िवभाग का नाम : ामीण िवकास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 972546.55
कल यय का ितशत : 12.26
िवभाग का नाम : ामीण काय िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 851686.31
कल यय का ितशत : 10.74
िवभाग का नाम : ऊजा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 679559.53
कल यय का ितशत : 8.57
िवभाग का नाम : पथ िनमाण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 570339
कल यय का ितशत : 7.19
िवभाग का नाम : समाज क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 489901.04
कल यय का ितशत : 6.18
िवभाग का नाम : वा य िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 356741.64
कल यय का ितशत : 4.5
िवभाग का नाम : जल संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 283417.43
कल यय का ितशत : 3.57
िवभाग का नाम : नगर िवकास एवं आवास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 273461.06
कल यय का ितशत : 3.45
िवभाग का नाम : पंचायती राज िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 258921
कल यय का ितशत : 3.26
िवभाग का नाम : किष िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 234281.57
कल यय का ितशत : 2.95
िवभाग का नाम : योजना एवं िवकास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 211045.7
कल यय का ितशत : 2.66
िवभाग का नाम : लोक वा य अिभयं ण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 200989.33
कल यय का ितशत : 2.53
िवभाग का नाम : खा एवं उपभो ा संर ण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 162163.36
कल यय का ितशत : 2.04
िवभाग का नाम : िपछड़ा वग एवं अितिपछड़ा वग क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 158008.64
कल यय का ितशत : 1.99
िवभाग का नाम : अनुसूिचत जाित एवं अनुसूिचत जनजाित क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 152563.85
कल यय का ितशत : 1.92
िवभाग का नाम : िव ान एवं ावैिधक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 88866.81
कल यय का ितशत : 1.12
िवभाग का नाम : उ ोग िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 77187.8
कल यय का ितशत : 0.97
िवभाग का नाम : म संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 58117.67
कल यय का ितशत : 0.73
िवभाग का नाम : गृह िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 52979.27
कल यय का ितशत : 0.67
िवभाग का नाम : सहका रता िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 49670.19
कल यय का ितशत : 0.63
िवभाग का नाम : लघु जल संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 39530.14
कल यय का ितशत : 0.5
िवभाग का नाम : अ पसं यक क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 37324.55
कल यय का ितशत : 0.47
िवभाग का नाम : कला, सं कित एवं युवा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 34096.35
कल यय का ितशत : 0.43
िवभाग का नाम : पशु एवं म य िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 30494.81
कल यय का ितशत : 0.38
िवभाग का नाम : िविध िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 27500
कल यय का ितशत : 0.35
िवभाग का नाम : भवन िनमाण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 24843.52
कल यय का ितशत : 0.31
िवभाग का नाम : मंि मंडल सिचवालय िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 22771.14
कल यय का ितशत : 0.29
िवभाग का नाम : सूचना ौ ोिगक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 22529.02
कल यय का ितशत : 0.28
िवभाग का नाम : पयावरण एवं वन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 17846.38
कल यय का ितशत : 0.23
िवभाग का नाम : राज व एवं भूिम सुधार िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 15666.05
कल यय का ितशत : 0.2
िवभाग का नाम : सामा य शासन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 11852.52
कल यय का ितशत : 0.15
िवभाग का नाम : ग ा उ ोग िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 10184.27
कल यय का ितशत : 0.13
िवभाग का नाम : सूचना एवं जनसंपक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 9012.29
कल यय का ितशत : 0.11
िवभाग का नाम : पयटन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 9101.21
कल यय का ितशत : 0.11
िवभाग का नाम : िव िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 7000
कल यय का ितशत : 0.09
िवभाग का नाम : आपदा बंधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 5125.5
कल यय का ितशत : 0.06
िवभाग का नाम : प रवहन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 1487.17
कल यय का ितशत : 0.02
िवभाग का नाम : म िनषेध, उ पाद एवं िनबंधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 461.79
कल यय का ितशत : 0.01
िवभाग का नाम : वािण य कर िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 603.77
कल यय का ितशत : 0.01
िवभाग का नाम : कल योग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 7931667
कल यय का ितशत : 100
सेवा से संबंिधत आय- यय 2017-2018 एक ि म (रािश करोड़ पए म)
रा य : ज मू और क मीर
िवकास सूचकांक : 0.5
राजन सिमित : 1.83
योजना आयोग : 4.92
िव आयोग : 2.51
रा य : झारखंड
िवकास सूचकांक : 0.75
राजन सिमित : 3.38
योजना आयोग : 2.96
िव आयोग : 2.77
रा य : कनाटक
िवकास सूचकांक : 0.45
राजन सिमित : 3.73
योजना आयोग : 4.13
िव आयोग : 4.39
रा य : करल
िवकास सूचकांक : 0.09
राजन सिमित : 0.38
योजना आयोग : 1.95
िव आयोग : 2.45
रा य : म य देश
िवकास सूचकांक : 0.76
राजन सिमित : 9.56
िव आयोग : 0.35
रा य : तिमलनाड
िवकास सूचकांक : 0.34
राजन सिमित : 2.51
योजना आयोग : 4.46
िव आयोग : 5.01
रा य : ि पुरा
िवकास सूचकांक : 0.47
राजन सिमित : 0.52
योजना आयोग : 1.78
िव आयोग : 0.81
रा य : उ र देश
िवकास सूचकांक : 0.64
राजन सिमित : 16.41
योजना आयोग : 10.09
िव आयोग : 18.16
रा य : उ राखंड
िवकास सूचकांक : 0.38
राजन सिमित : 0.79
योजना आयोग : 1.9
िव आयोग : 1.15
रा य : प म बंगाल
िवकास सूचकांक : 0.55
2014-15 : 27
2015-16 : 26.9
रा य : ओिडशा
2014-15 : 29.6
2015-16 : 41.4
रा य : तिमलनाड
2014-15 : 34.9
2015-16 : 34.7
रा य : उ र देश
2014-15 : 28.1
2015-16 : 27.7
रा य : कनाटक
2014-15 : 28.1
2015-16 : 28
रा य : भारत
2014-15 : 31.2
2015-16 : 31.3
ोत : वािषक सव, उ ोग
उ ोग का कार : शीतगृह
इकाइय क सं या (कल) : 3
इकाइय क सं या (प रचालन) : 0
उ ोग का कार : खा एवं पेय सं करण
इकाइय क सं या (कल) : 16
इकाइय क सं या (प रचालन) : 7
उ ोग का कार : दूध सं करण
इकाइय क सं या (कल) : 9
इकाइय क सं या (प रचालन) : 6
उ ोग का कार : मखाना सं करण
इकाइय क सं या (कल) : 4
इकाइय क सं या (प रचालन) : 2
उ ोग का कार : शहद सं करण
इकाइय क सं या (कल) : 3
इकाइय क सं या (प रचालन) : 3
उ ोग का कार : िब कट िनमाण
इकाइय क सं या (कल) : 10
इकाइय क सं या (प रचालन) : 8
उ ोग का कार : खा तेल उ पादन
इकाइय क सं या (कल) : 10
इकाइय क सं या (प रचालन) : 8
उ ोग का कार : आइस म
इकाइय क सं या (कल) : 6
इकाइय क सं या (प रचालन) : 4
उ ोग का कार : अ य प रयोजना
इकाइय क सं या (कल) : 25
इकाइय क सं या (प रचालन) : 14
उ ोग का कार : फड पाक
इकाइय क सं या (कल) : 2
इकाइय क सं या (प रचालन) : 0
उ ोग का कार : कल
इकाइय क सं या (कल) : 399
इकाइय क सं या (प रचालन) : 266
ोत : उ ोग िवभाग, खा सं करण िनदेशालय, िबहार सरकार
रा ीय राजमाग सं या : 28B
िबहार से गुजरनेवाले माग : छपरा-बेितया-बगहा
िबहार म कल लंबाई : 121
कल लंबाई : 121
रा ीय राजमाग सं या : 30
िबहार से गुजरनेवाले माग : मोहिनया-आरा-पटना-ब तयारपुर
िबहार म कल लंबाई : 230
कल लंबाई : 230
रा ीय राजमाग सं या : 30A
िबहार से गुजरनेवाले माग : फतुहां-चंडी-बाढ़
िबहार म कल लंबाई : 65
कल लंबाई : 65
रा ीय राजमाग सं या : 31
िबहार से गुजरनेवाले माग : नवादा-िबहारशरीफ-मोकामा-बरौनी-बेगूसराय-खगिडया-पूिणया-िकशनगंज
िबहार म कल लंबाई : 393
कल लंबाई : 1125
रा ीय राजमाग सं या : 57
िबहार से गुजरनेवाले माग : मुज फरपुर-दरभंगा-फारिबसगंज-अर रया
िबहार म कल लंबाई : 310
कल लंबाई : 310
रा ीय राजमाग सं या : 57A
िबहार से गुजरनेवाले माग : फारिबसगंज-जोगबनी
िबहार म कल लंबाई : 15
कल लंबाई : 15
रा ीय राजमाग सं या : 77
िबहार से गुजरनेवाले माग : हाजीपुर-मुज फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा
िबहार म कल लंबाई : 142
कल लंबाई : 142
रा ीय राजमाग सं या : 80
िबहार से गुजरनेवाले माग : मोकामा-मुंगेर-भागलपुर
िबहार म कल लंबाई : 200
कल लंबाई : 310
रा ीय राजमाग सं या : 81
िबहार से गुजरनेवाले माग : किटहार-कोढ़ा
िबहार म कल लंबाई : 45
कल लंबाई : 100
रा ीय राजमाग सं या : 82
िबहार से गुजरनेवाले माग : गया-िबहारशरीफ-मोकामा
िबहार म कल लंबाई : 130
कल लंबाई : 130
रा ीय राजमाग सं या : 83
िबहार से गुजरनेवाले माग : पटना-जहानाबाद-गया-डोभी
िबहार म कल लंबाई : 130
कल लंबाई : 130
रा ीय राजमाग सं या : 84
िबहार से गुजरनेवाले माग : आरा-ब सर
िबहार म कल लंबाई : 60
कल लंबाई : 60
रा ीय राजमाग सं या : 85
िबहार से गुजरनेवाले माग : छपरा-सीवान-गोपालगंज
िबहार म कल लंबाई : 95
कल लंबाई : 95
रा ीय राजमाग सं या : 98
िबहार से गुजरनेवाले माग : पटना-औरगाबाद-अ बा
िबहार म कल लंबाई : 156
कल लंबाई : 207
रा ीय राजमाग सं या : 101
िबहार से गुजरनेवाले माग : छपरा-बिनयापुर-मोह मदपुर
िबहार म कल लंबाई : 60
कल लंबाई : 60
रा ीय राजमाग सं या : 102
िबहार से गुजरनेवाले माग : छपरा-रवाघाट-मुज फरपुर
िबहार म कल लंबाई : 80
कल लंबाई : 80
रा ीय राजमाग सं या : 103
िबहार से गुजरनेवाले माग : हाजीपुर-ज दाहा-मुसरीघरारी
िबहार म कल लंबाई : 55
कल लंबाई : 55
रा ीय राजमाग सं या : 104
िबहार से गुजरनेवाले माग : जयनगर-िशवहर-सीतामढ़ी-सुरसंड
िबहार म कल लंबाई : 160
कल लंबाई : 160
रा ीय राजमाग सं या : 105
िबहार से गुजरनेवाले माग : दरभंगा-आँसी-जयनगर
िबहार म कल लंबाई : 66
कल लंबाई : 66
रा ीय राजमाग सं या : 106
िबहार से गुजरनेवाले माग : वीरपुर-मधेपुरा-िकशनगंज
िबहार म कल लंबाई : 130
कल लंबाई : 130
रा ीय राजमाग सं या : 107
िबहार से गुजरनेवाले माग : महशकट-िसमरी ब तयारपुर-सहरसा-मधेपुरा-बनमंखी-पूिणया
िबहार म कल लंबाई : 145
कल लंबाई : 145
रा ीय राजमाग सं या : 110
िबहार से गुजरनेवाले माग : अरवल-जहानाबाद-एकगरसराय-िबहारशरीफ
िबहार म कल लंबाई : 89
कल लंबाई : 89
िबहार म सड़क क लंबाई (2015)
सड़क का कार : रा ीय उ पथ
सड़क क लंबाई (िकलोमीटर म) : 4595
सड़क का कार : रा य पथ
सड़क क लंबाई (िकलोमीटर म) : 4253
सड़क का कार : मु य िजला पथ
सड़क क लंबाई (िकलोमीटर म) : 10634
रा य का नाम : पंजाब
लंबाई (िकलोमीटर म) : 2155
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 43
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.08
रा य का नाम : तिमलनाड
लंबाई (िकलोमीटर म) : 3943
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 30
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.06
रा य का नाम : कनाटक
लंबाई (िकलोमीटर म) : 3090
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 16
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
रा य का नाम : छ ीसगढ़
लंबाई (िकलोमीटर म) : 1187
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 9
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
रा य का नाम : ह रयाणा
लंबाई (िकलोमीटर म) : 1553
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 35
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.06
रा य का नाम : झारखंड
लंबाई (िकलोमीटर म) : 2040
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 26
नवीकरणीय : 0
ताप िव ुत (कोयला) योग : 3094.1
जल िव ुत योग : 524.53
नवीकरणीय योग : 524.53
कल योग : 3094.10 + 524.53 + 86 = 3704.63
िबहार क मुख िव ुत उ पादक इकाई ( थािपत, िनमाणाधीन एवं तािवत)
ताप िव ुत प रयोजना : कांटी ताप िव ुत प रयोजना
थान : कांटी, मुज फरपुर
उ पादन मता (MW) : 2×110, 2×195
ताप िव ुत प रयोजना : बरौनी ताप िव ुत प रयोजना
थान : बरौनी, बेगूसराय
उ पादन मता (MW) : 2×110, 2×250
ताप िव ुत प रयोजना : नवीनगर ताप िव ुत प रयोजना
थान : नवीनगर, औरगाबाद
उ पादन मता (MW) : 3×660
ताप िव ुत प रयोजना : ब सर ताप िव ुत प रयोजना
थान : चौसा, ब सर
उ पादन मता (MW) : 2×660
ताप िव ुत प रयोजना : पीरपती ताप िव ुत प रयोजना
थान : पीरपती, भागलपुर
उ पादन मता (MW) : 2×660
ताप िव ुत प रयोजना : कजरा ताप िव ुत प रयोजना
थान : कजरा, लखीसराय
उ पादन मता (MW) : 2×660
ताप िव ुत प रयोजना : सुपर ताप िव ुत प रयोजना
थान : बाँका
उ पादन मता (MW) : 4000
िबहार आनेवाले पयटक क सं या वष 2015 (हजार म)
वष : 2011
घरलू : 18396
िवदेशी : 972
कल : 19368
वष : 2012
घरलू : 21446
िवदेशी : 1097
कल : 22543
वष : 2013
घरलू : 21588
िवदेशी : 765
कल : 22353
वष : 2014
घरलू : 22544
िवदेशी : 829
कल : 23373
वष : 2015
घरलू : 28029
िवदेशी : 923
कल : 28952
ोत : पयटन िवभाग, िबहार सरकार
2014-15 : -
2015-16 : 14.5
Programmes : Evacuation Operation
2013-14 : 3712.8
2014-15 : 1830.3
2015-16 : 1660.6
Programmes : Repair of Public Buildings
2013-14 : 103.1
2014-15 : 471.3
2015-16 : 4441.7
Programmes : Agriculture Inputs
2013-14 : 12116.2
2014-15 : 3981.6
2015-16 : 100671
Programmes : Repair of Boats
2013-14 : 713.5
2014-15 : 633
2015-16 : 541.4
Programmes : Repair of Embankments and Irrigation system
2013-14 : -
2014-15 : 500
2015-16 : 1416.2
Programmes : Human Medicines
2013-14 : -
2014-15 : -
2015-16 : 0
Programmes : Assistance for Flood Accidents
2013-14 : 349.6
2014-15 : 363.4
2015-16 : 287.4
Programmes : Assistance of Natural Calamity Accidents (except flood)
2013-14 : -
2014-15 : -
2015-16 : 831.1
Total 2013-14 : 66337.1
Total 2014-15 : 66337.1
Total 2015-16 : 128885.5
Source : Department of Diaster Managment, GoB
रा य : प. बंगाल
जनसं या : 91276115
रक : 4
रा य : आं देश
जनसं या : 84580777
रक : 5
रा य : म य देश
जनसं या : 72626809
रक : 6
रा य : तिमलनाड
जनसं या : 72147030
रक : 7
रा य : राज थान
जनसं या : 68548437
रक : 8
रा य : कनाटक
जनसं या : 61095297
रक : 9
रा य : गुजरात
जनसं या : 60439692
रक : 10
रा य : ओिडशा
जनसं या : 41974218
रक : 11
रा य : करल
जनसं या : 33406061
रक : 12
रा य : झारखंड
जनसं या : 32988134
रक : 13
रा य : असम
जनसं या : 31205576
रक : 14
रा य : पंजाब
जनसं या : 27743338
रक : 15
रा य : छ ीसगढ़
जनसं या : 25545198
रक : 16
रा य : ह रयाणा
जनसं या : 23351462
रक : 17
रा य : ज मू-क मीर
जनसं या : 12541302
रक : 18
रा य : उ राखंड
जनसं या : 10086292
रक : 19
रा य : िहमाचल देश
जनसं या : 6864602
रक : 20
रा य : ि पुरा
जनसं या : 3673917
रक : 21
रा य : मेघालय
जनसं या : 2966889
रक : 22
रा य : मिणपुर
जनसं या : 2570390
रक : 23
रा य : नागालड
जनसं या : 1978502
रक : 24
रा य : गोवा
जनसं या : 1458545
रक : 25
रा य : अ णाचल देश
जनसं या : 1383727
रक : 26
रा य : िमजोरम
जनसं या : 1097206
रक : 27
रा य : िस म
जनसं या : 610577
रक : 28
िबहार एवं भारत म जनसं या वृ क वृि का तुलना
(दशक य वृ दर ितशत म)
वष : 1901-1911
िबहार क वृ दर : 1.52
भारत क वृ दर : 5.75
वष : 1911-1921
िबहार क वृ दर : -0.97
भारत क वृ दर : -0.31
वष : 1921-1931
िबहार क वृ दर : 9.74
भारत क वृ दर : 11
वष : 1931-1941
िबहार क वृ दर : 12.22
भारत क वृ दर : 14.22
वष : 1941-1951
िबहार क वृ दर : 10.58
भारत क वृ दर : 13.31
वष : 1951-1961
िबहार क वृ दर : 19.79
भारत क वृ दर : 21.64
वष : 1961-1971
िबहार क वृ दर : 20.91
भारत क वृ दर : 24.8
वष : 1971-1981
िबहार क वृ दर : 24.16
भारत क वृ दर : 24.66
वष : 1981-1991
िबहार क वृ दर : 23.38
भारत क वृ दर : 23.87
वष : 1991-2001
िबहार क वृ दर : 28.62
भारत क वृ दर : 21.54
वष : 2001-2011
िबहार क वृ दर : 25.07
भारत क वृ दर : 17.7
2001-11 क दशक य वृ दर वाले िजले (दशक य वृ दर ितशत म)
िजला : मधेपुरा
सवािधक वृ दर : 30.65
िजला : गोपालगंज
यूनतम वृ दर : 18.83
िजला : िकशनगंज
सवािधक वृ दर : 30.44
िजला : दरभंगा
यूनतम वृ दर : 19
िजला : अर रया
सवािधक वृ दर : 30
िजला : अरवल
यूनतम वृ दर : 19.01
िजला : खगिड़या
सवािधक वृ दर : 29.46
िजला : मुंगेर
यूनतम वृ दर : 19.45
िजला : पूव चंपारण
सवािधक वृ दर : 28.89
िजला : रोहतास
यूनतम वृ दर : 20.22
अिधक एवं कम जन घन व वाले िजले
िजला : िशवहर
अिधकतम जन घन व : 1882
िजला : कमूर
यूनतम जन घन व : 488
िजला : पटना
अिधकतम जन घन व : 1803
िजला : जमुई
यूनतम जन घन व : 567
िजला : दरभंगा
अिधकतम जन घन व : 1721
िजला : बाँका
यूनतम जन घन व : 672
िजला : वैशाली
अिधकतम जन घन व : 1717
िजला : प मी चंपारण
यूनतम जन घन व : 750
िजला : बेगूसराय
अिधकतम जन घन व : 1540
िजला : औरगाबाद
यूनतम जन घन व : 760
अिधक एवं कम िलंगानुपात वाले िजले
िजला : गोपालगंज
अिधक िलंगानुपात : 1015
िजला : मुंगेर
कम िलंगानुपात : 876
िजला : सीवान
अिधक िलंगानुपात : 984
िजला : भागलपुर
कम िलंगानुपात : 879
िजला : सारण
अिधक िलंगानुपात : 949
िजला : खगिड़या
कम िलंगानुपात : 883
िजला : िकशनगंज
अिधक िलंगानुपात : 946
िजला : िशवहर
कम िलंगानुपात : 890
अिधक एवं कम सा रता वाले िजले
िजला : रोहतास
अिधक सा रता : 75.59
िजला : पूिणया
कम सा रता : 52.49
िजला : मुंगेर
अिधक सा रता : 73.3
िजला : सीतामढ़ी
कम सा रता : 53.53
िजला : भोजपुर
अिधक सा रता : 72.79
िजला : किटहार
कम सा रता : 53.56
िजला : औरगाबाद
अिधक सा रता : 72.77
िजला : मधेपुरा
कम सा रता : 5378
िजला : पटना
अिधक सा रता : 72.47
िजला : सहरसा
कम सा रता : 54.57
पु ष : 2324984
मिहला : 2151060
ामीण : 4311466
नगरीय : 164578
घन व : 1279
िलंगानुपात : 925
सा रता : 60.9
0-6 वष क जनसं या : 779360
िजला : सुपौल
जनसं या : 2228397
पु ष : 1157815
मिहला : 1070582
ामीण : 2122869
नगरीय : 105528
घन व : 898
िलंगानुपात : 925
सा रता : 59.65
0-6 वष क जनसं या : 424411
िजला : अर रया
जनसं या : 2806200
पु ष : 1460878
मिहला : 1345322
ामीण : 2637656
नगरीय : 168544
घन व : 992
िलंगानुपात : 921
सा रता : 55.1
0-6 वष क जनसं या : 564131
िजला : िकशनगंज
जनसं या : 1690948
पु ष : 868845
मिहला : 222103
ामीण : 1527249
नगरीय : 163699
घन व : 898
िलंगानुपात : 946
सा रता : 57.04
0-6 वष क जनसं या : 341943
िजला : पूिणया
जनसं या : 3273127
पु ष : 1695829
मिहला : 1577298
ामीण : 2932527
नगरीय : 340600
घन व : 1014
िलंगानुपात : 930
सा रता : 52.49
0-6 वष क जनसं या : 644083
िजला : किटहार
जनसं या : 3016149
पु ष : 1601158
मिहला : 1466991
ामीण : 2794765
नगरीय : 273384
घन व : 1004
िलंगानुपात : 916
सा रता : 53.56
0-6 वष क जनसं या : 601745
िजला : मधेपुरा
जनसं या : 1994618
पु ष : 1042373
मिहला : 952245
ामीण : 1906448
नगरीय : 18170
घन व : 1116
िलंगानुपात : 914
सा रता : 53.76
0-6 वष क जनसं या : 397468
िजला : सहरसा
जनसं या : 1897102
पु ष : 995502
मिहला : 901600
ामीण : 1741927
नगरीय : 155175
घन व : 1125
िलंगानुपात : 906
सा रता : 54.57
0-6 वष क जनसं या : 377504
िजला : दरभंगा
जनसं या : 3921971
पु ष : 2053043
मिहला : 1868928
ामीण : 3541846
नगरीय : 3180125
घन व : 1721
िलंगानुपात : 910
सा रता : 58.26
0-6 वष क जनसं या : 700942
िजला : मुज फरपुर
जनसं या : 4778610
पु ष : 2517500
मिहला : 2261110
ामीण : 4308714
नगरीय : 469896
घन व : 1506
िलंगानुपात : 898
सा रता : 65.68
0-6 वष क जनसं या : 817709
िजला : गोपालगंज
जनसं या : 2558037
पु ष : 1269677
मिहला : 1288360
ामीण : 2396270
नगरीय : 161767
घन व : 1298
िलंगानुपात : 1015
सा रता : 67.04
0-6 वष क जनसं या : 437031
िजला : सीवान
जनसं या : 3318176
पु ष : 1672121
मिहला : 1646055
ामीण : 3135865
नगरीय : 182311
घन व : 1495
िलंगानुपात : 984
सा रता : 71.59
0-6 वष क जनसं या : 532868
िजला : सारण
जनसं या : 3943098
पु ष : 2023476
मिहला : 1919622
ामीण : 3591053
नगरीय : 352045
घन व : 1493
िलंगानुपात : 949
सा रता : 68.57
0-6 वष क जनसं या : 657316
िजला : वैशाली
जनसं या : 3495249
पु ष : 1847058
मिहला : 1648191
ामीण : 3262715
नगरीय : 232534
घन व : 1717
िलंगानुपात : 892
सा रता : 68.56
0-6 वष क जनसं या : 591634
िजला : सम तीपुर
जनसं या : 4254762
पु ष : 2228432
मिहला : 2026350
ामीण : 4107725
नगरीय : 147057
घन व : 1465
िलंगानुपात : 909
सा रता : 63.81
0-6 वष क जनसं या : 784203
िजला : बेगूसराय
जनसं या : 2954367
पु ष : 1560203
मिहला : 1394164
ामीण : 2387311
नगरीय : 567056
घन व : 1540
िलंगानुपात : 894
सा रता : 66.23
0-6 वष क जनसं या : 532382
िजला : खगिड़या
जनसं या : 1657599
पु ष : 880065
मिहला : 777534
ामीण : 1570470
नगरीय : 87129
घन व : 1115
िलंगानुपात : 883
सा रता : 60.87
0-6 वष क जनसं या : 347028
िजला : भागलपुर
जनसं या : 3032226
पु ष : 1614014
मिहला : 1418212
ामीण : 243226
नगरीय : 600100
घन व : 1180
िलंगानुपात : 879
सा रता : 64.96
0-6 वष क जनसं या : 532307
िजला : बाँका
जनसं या : 2029339
पु ष : 1064307
मिहला : 965032
ामीण : 1957988
नगरीय : 73135
घन व : 672
िलंगानुपात : 907
सा रता : 60.12
0-6 वष क जनसं या : 362548
िजला : मुंगेर
जनसं या : 1359054
पु ष : 723280
मिहला : 635774
ामीण : 974425
नगरीय : 384629
घन व : 959
िलंगानुपात : 879
सा रता : 73.3
0-6 वष क जनसं या : 221026
िजला : लखीसराय
जनसं या : 1000717
पु ष : 526651
मिहला : 474066
ामीण : 8577751
नगरीय : 142966
घन व : 815
िलंगानुपात : 900
सा रता : 64.95
पु ष : 3051117
मिहला : 2721687
ामीण : 3262711
नगरीय : 2510093
घन व : 803
िलंगानुपात : 892
सा रता : 72.47
0-6 वष क जनसं या : 905708
िजला : भोजपुर
जनसं या : 2720155
पु ष : 1431722
मिहला : 1288433
ामीण : 2331450
नगरीय : 388705
घन व : 1136
िलंगानुपात : 900
सा रता : 72.79
0-6 वष क जनसं या : 440847
िजला : ब सर
जनसं या : 1707643
पु ष : 888356
मिहला : 819287
ामीण : 1543476
नगरीय : 164167
घन व : 1003
िलंगानुपात : 922
सा रता : 71.77
0-6 वष क जनसं या : 286969
िजला : कमूर
जनसं या : 1626900
पु ष : 847784
मिहला : 779116
ामीण : 1561538
नगरीय : 65362
घन व : 488
िलंगानुपात : 919
सा रता : 71.01
0-6 वष क जनसं या : 291785
िजला : रोहतास
जनसं या : 2962593
पु ष : 1547856
मिहला : 1414737
ामीण : 2535085
नगरीय : 427508
घन व : 763
िलंगानुपात : 914
सा रता : 75.59
0-6 वष क जनसं या : 493047
िजला : औरगाबाद
जनसं या : 2511243
पु ष : 1310867
मिहला : 1200376
ामीण : 2275761
नगरीय : 235482
घन व : 760
िलंगानुपात : 916
सा रता : 72.77
0-6 वष क जनसं या : 438065
िजला : गया
जनसं या : 4379383
पु ष : 2266865
मिहला : 2112518
ामीण : 3803888
नगरीय : 575495
घन व : 880
िलंगानुपात : 936
सा रता : 66.35
0-6 वष क जनसं या : 762507
िजला : नवादा
जनसं या : 2216653
पु ष : 1145123
मिहला : 1071530
ामीण : 2001120
नगरीय : 215533
घन व : 889
िलंगानुपात : 921
सा रता : 61.63
0-6 वष क जनसं या : 367231
िजला : जमुई
जनसं या : 1756078
पु ष : 914368
मिहला : 841710
ामीण : 1611431
नगरीय : 144647
घन व : 567
िलंगानुपात : 921
सा रता : 62.16
0-6 वष क जनसं या : 313455
िजला : जहानाबाद
जनसं या : 1124176
पु ष : 586202
मिहला : 537974
ामीण : 989816
नगरीय : 134360
घन व : 1206
िलंगानुपात : 918
सा रता : 68.27
0-6 वष क जनसं या : 193946
िजला : अरवल
जनसं या : 699563
पु ष : 362945
मिहला : 336618
ामीण : 648094
नगरीय : 51469
घन व : 1099
िलंगानुपात : 927
सा रता : 69.54
0-6 वष क जनसं या : 123684
िजला : िबहार
जनसं या : 1.04E+08
पु ष : —
मिहला : —
ामीण : 92075028
नगरीय : 11729609
घन व : 1106
िलंगानुपात : 916
सा रता : 63.82
0-6 वष क जनसं या : —
ोत : जनगणना िवभाग, भारत सरकार, 2011
ितशत म : 8.4
दशक य वृ दर : 49.03
वष : 1971
ितशत म : 10
दशक य वृ दर : 43.44
वष : 1981
ितशत म : 12.72
दशक य वृ दर : 53.63
वष : 1991
ितशत म : 13.17
दशक य वृ दर : 30.69
वष : 2001
ितशत म : 10.47
दशक य वृ दर : 22.49
वष : 2011
ितशत म : 11.3
दशक य वृ दर : 35.11
ोत : जनगणना िवभाग, भारत सरकार
जनसं या : 470839
रक : 3
नगर : भागलपुर
जनसं या : 410210
रक : 4
नगर : मुज फरपुर
जनसं या : 393724
रक : 5
नगर : पूिणया
जनसं या : 310817
रक : 6
नगर : दरभंगा
जनसं या : 306089
रक : 7
नगर : िबहारशरीफ
जनसं या : 296889
रक : 8
नगर : आरा
जनसं या : 261099
रक : 9
नगर : बेगूसराय
जनसं या : 251136
रक : 10
नगर : किटहार
जनसं या : 240565
ोत : जनगणना, 2011
नाम : िबहारशरीफ
जनसं या (2001) : 232071
वाड : 46
नाम : आरा
जनसं या (2001) : 203380
वाड : 45
नाम : गया
जनसं या (2001) : 389192
वाड : 53
नाम : भागलपुर
जनसं या (2001) : 340767
वाड : 51
नाम : दरभंगा
जनसं या (2001) : 267348
वाड : 48
नाम : बेगूसराय
जनसं या (2001) : 93741
वाड : 36
नाम : मुंगेर
जनसं या (2001) : 188050
वाड : 45
नाम : पूिणया
जनसं या (2001) : 171687
वाड : 43
नाम : किटहार
जनसं या (2001) : 190873
वाड : 60
नाम : छपरा
जनसं या (2001) : 212955
वाड : 44
27.8
भारत (2011) : 31.2
जनसां यक सूचक : दशक य वृ दर ( ितशत)
िबहार (2001) : 28.6
िबहार (2011) : 25.1
भारत (2001) :
21.5
भारत (2011) : 17.6
जनसां यक सूचक : िजल क सं या
िबहार (2001) : 37
िबहार (2011) : 38
भारत (2001) :
593
भारत (2011) : 640
जनसां यक सूचक : िवकास खंड क सं या
िबहार (2001) : 533
िबहार (2011) : 534
भारत (2001) :
5463
भारत (2011) : 5924
जनसां यक सूचक : (वैधािनक/जनगणना) शहर क सं या
िबहार (2001) : 130
िबहार (2011) : 199
भारत (2001) :
5161
भारत (2011) : 7935
जनसां यक सूचक : गाँव क सं या
िबहार (2001) : 45098
िबहार (2011) : 39073
भारत (2001) : 638596
भारत (2011) : 597369
ोत : जनगणना, 2001 तथा 2011
ज म पर जीवन याशा
रा य/भारत : िबहार
2006-10 (पु ष) : 65.5
2006-10 (मिहला) : 66.2
2006-10 (कल) : 65.8
2010-14 (पु ष) : 67.8
2010-14 (मिहला) : 68.4
2010-14 (कल) : 68.1
रा य/भारत : भारत
2006-10 (पु ष) : 64.6
2006-10 (मिहला) : 67.7
2006-10 (कल) : 66.1
2010-14 (पु ष) : 66.4
2010-14 (मिहला) : 69.6
2015 : 643
2018 (अ ूबर तक) : 807.3
िजला : ब सर
2015 : 747.6
2019 (अ ूबर तक) : 941.6
िजला : रोहतास
2015 : 526.6
2020 (अ ूबर तक) : 1041.1
िजला : कमूर
2015 : 826
2021 (अ ूबर तक) : 1194.5
िजला : गया
2015 : 738.3
2022 (अ ूबर तक) : 1185.7
िजला : जहानाबाद
2015 : 591
2023 (अ ूबर तक) : 1006.8
िजला : अरवल
2015 : 753.9
2024 (अ ूबर तक) : 1236.3
िजला : नवादा
2015 : 630.1
2025 (अ ूबर तक) : 914.8
िजला : औरगाबाद
2015 : 949.1
2026 (अ ूबर तक) : 1377.2
िजला : सारण
2015 : 473.6
2027 (अ ूबर तक) : 626.5
िजला : सीवान
2015 : 655.9
2028 (अ ूबर तक) : 844.2
िजला : गोपालगंज
2015 : 714.5
2029 (अ ूबर तक) : 853.7
िजला : प मी चंपारण
2015 : 910.7
2030 (अ ूबर तक) : 1083.1
िजला : पूव चंपारण
2015 : 870.9
2031 (अ ूबर तक) : 912.6
िजला : मुज फरपुर
2015 : 467.9
2032 (अ ूबर तक) : 679.5
िजला : सीतामढ़ी
2015 : 590.9
2033 (अ ूबर तक) : 746.7
िजला : िशवहर
2015 : 777.7
2034 (अ ूबर तक) : 965.7
िजला : वैशाली
2015 : 511.8
2035 (अ ूबर तक) : 711.1
िजला : दरभंगा
2015 : 841.1
2036 (अ ूबर तक) : 1036.4
िजला : मधुबनी
2015 : 705.3
2037 (अ ूबर तक) : 1117.1
िजला : सम तीपुर
2015 : 893.8
2038 (अ ूबर तक) : 1058.6
िजला : बेगूसराय
2015 : 964.8
2039 (अ ूबर तक) : 937.9
िजला : मुंगेर
2015 : 822
2040 (अ ूबर तक) : 994.7
िजला : शेखपुरा
2015 : 794.1
2041 (अ ूबर तक) : 1102.6
िजला : लखीसराय
2015 : 744.3
2042 (अ ूबर तक) : 1065.5
िजला : जमुई
2015 : 798.4
2043 (अ ूबर तक) : 1120.5
िजला : खगिड़या
2015 : 1047
2044 (अ ूबर तक) : 767.2
िजला : भागलपुर
2015 : 1411.5
2045 (अ ूबर तक) : 1132.8
िजला : बाँका
2015 : 719.9
2046 (अ ूबर तक) : 1024.4
िजला : सहरसा
2015 : 957.5
2047 (अ ूबर तक) : 1349.8
िजला : सुपौल
2015 : 674.3
2048 (अ ूबर तक) : 1366.9
िजला : मधेपुरा
2015 : 857.7
2049 (अ ूबर तक) : 1216.6
िजला : पूिणया
2015 : 822.8
2050 (अ ूबर तक) : 1368.1
िजला : िकशनगंज
2015 : 1654.4
2051 (अ ूबर तक) : 2267
िजला : अर रया
2015 : 1014.4
2052 (अ ूबर तक) : 1684.4
िजला : किटहार
2015 : 933.1
2053 (अ ूबर तक) : 973.5
िजला : िबहार
2015 : 795.9
2054 (अ ूबर तक) : 1071.6
सुर ा क ि से वन का कार
वन का कार : आरि त वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 693
वन का कार : संरि त वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 5,779
वन का कार : अवग कत वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 452
योग : े फल (वग िकलोमीटर म) : 6845
िबहार म िजलावार वन का े फल एवं ितशत
िजला : अर रया
81.32
ोत : ग ा िवभाग, िबहार सरकार
खरीफ : 150.3
रबी : 201.6
कल : 351.8
उवरक का कार : एन (N)
खरीफ : 499.8
रबी : 749.9
कल : 1249.8
उवरक का कार : पी (P)
खरीफ : 128.1
रबी : 212.8
कल : 340.9
उवरक का कार : क (K)
खरीफ : 35.4
रबी : 70.7
कल : 106.2
उवरक का कार : कल
खरीफ : 2052.6
रबी : 3142.7
कल : 5195.3
उवरक का कार : उवरक खपत (िकलो ाम ित ह टयर म)
खरीफ : 160.4
रबी : 240.2
कल : 201.1
ोत : किष िवभाग, िबहार सरकार
स जी : आलू
2014-15 : 6345.55
2015-16 : 6345.52
स जी : याज
2014-15 : 1247.31
2015-16 : 1247.34
स जी : टमाटर
2014-15 : 1046.44
2015-16 : 1001.01
स जी : गोभी
2014-15 : 1003.55
2015-16 : 1003.9
स जी : बंदगोभी
2014-15 : 695.33
2015-16 : 719.81
स जी : बगन
2014-15 : 1141.57
2015-16 : 1138.05
ोत : िबहार सरकार, आिथक सव ण 2015-16
फसल : गे
िजला : 1. रोहतास 2. सीतामढ़ी 3. ब सर
उ पादन (हजार टन म) : 294.21 (6.2 ित.), 283.07 (6.0 ित.), 245.58 (5.2 ित.)
कल उ पादन (हजार टन म) : 4736.45
फसल : म ा
िजला : 1. किटहार 2. भागलपुर 3. अर रया
उ पादन (हजार टन म) : 369.95 (14.5 ित.), 233.34 (9.3 ित.), 232.05 (9.2 ित.)
कल उ पादन (हजार टन म) : 2517.1
फसल : चना
िजला : 1. पटना 2. औरगाबाद 3. नालंदा
उ पादन (हजार टन म) : 100.27, 654.3, 558.9
कल उ पादन (हजार टन म) : 58.55
फसल : मटर
िजला : 1. खगिड़या 2. बेगूसराय 3. औरगाबाद
उ पादन (हजार टन म) : 144.6, 125.3, 106.4
कल उ पादन (हजार टन म) : 17.94
फसल : मसूर
िजला : 1. पटना 2. भभुआ 3. नालंदा
उ पादन (हजार टन म) : 412.78, 128.80, 121.45
कल उ पादन (हजार टन म) : 140.44
फसल : खेसारी
िजला : 1. पटना 2. औरगाबाद 3. जहानाबाद
उ पादन (हजार टन म) : 175.73, 121.26, 617.6
फसल : म ा
िजला : 1. सम तीपुर 2. बेगूसराय 3. खगिड़या
े फल (ह टयर म) : 63.59 56.5 55.24
कल े फल (ह टयर म) : 704.96
फसल : चना
िजला : 1. औरगाबाद 2. पटना 3. नालंदा
े फल (ह टयर म) : 7599 6338 5293
कल े फल (ह टयर म) : 60002
फसल : मटर
िजला : 1. खगिड़या 2. बेगूसराय 3. औरगाबाद
े फल (ह टयर म) : 1432 1241 1053
कल े फल (ह टयर म) : 17142
फसल : मसूर
िजला : 1. पटना 2. औरगाबाद 3. नालंदा
े फल (ह टयर म) : 27722 13612 12013
कल े फल (ह टयर म) : 152912
फसल : खेसारी
िजला : 1. औरगाबाद 2. पटना 3. जहानाबाद
े फल (ह टयर म) : 12126 10670 6176
कल े फल (ह टयर म) : 60661
फसल : मूँग
िजला : 1. मुज फरपुर 2. सुपौल 3. सहरसा
े फल (ह टयर म) : 24487 24108 19277
कल े फल (ह टयर म) : 156699
फसल : जौ
िजला : 1. प मी चंपारण 2. भभुआ 3. ब सर
े फल (ह टयर म) : 2127 1416 1398
कल े फल (ह टयर म) : 12112
फसल : बाजरा
िजला : 1. ब सर 2. भोजपुर 3. सीवान
े फल (ह टयर म) : 2912 253 87
कल े फल (ह टयर म) : 3288
फसल : ार
िजला : 1. ब सर 2. भोजपुर 3. पटना
े फल (ह टयर म) : 740 406 187
कल े फल (ह टयर म) : 1451
फसल : रागी
िजला : 1. सुपौल 2. मधुबनी 3. दरभंगा
े फल (ह टयर म) : 1743 1635 646
कल े फल (ह टयर म) : 6678
फसल : अरहर
िजला : 1. भभुआ 2. गया 3. पूव चंपारण
े फल (ह टयर म) : 1837 1702 1415
कल े फल (ह टयर म) : 19851
फसल : उड़द
िजला : 1. किटहार 2. खगिड़या 3. भागलपुर
े फल (ह टयर म) : 3028 2590 2177
कल े फल (ह टयर म) : 15725
पशुगणना, 2007 एवं 2012 (हजार म)
पशु : गाय-बैल
2015 : 12408
2012 : 12232
पशु : भस-भसा
2016 : 6690
2013 : 7567
पशु : पाड़-पािड़याँ
2017 : 2815
2014 : 3250
पशु : भेड़
2018 : 218
2015 : 232
पशु : बकरा-बकरी
2019 : 10167
2016 : 12154
पशु : सूअर
2020 : 632
2017 : 650
पशु : घोड़ा-घोड़ी
2021 : 51
2018 : 49
पशु : अ य
2022 : 0
2019 : 55
पशु : कल पशुधन
2023 : 30167
2020 : 32939
पशु : कल पॉ टो प ी
2024 : 11420
2021 : 12748
ोत : पशुपालन िवभाग, िबहार सरकार
िजला : नालंदा
मछली उ पादन (हजार टन) : 290
िजला : भागलपुर
मछली उ पादन (हजार टन) : 207.9
िजला : मधुबनी
म य बीज उ पादन (लाख) : 42.3
िजला : दरभंगा
म य बीज उ पादन (लाख) : 38.67
िजला : किटहार
म य बीज उ पादन (लाख) : 36.96
िजला : पूव चंपारण
म य बीज उ पादन (लाख) : 36.88
िबहार म पशुधन और म य उ पादन
दूध (लाख टन)
2014-15 : 77.75
2015-16 : 82.88
अंड (करोड़)
2014-15 : 98.45
2015-16 : 100.21
ऊन (लाख िकलो ाम)
2014-15 : 2.78
2015-16 : 2.4
मांस (लाख टन)
2014-15 : 2.94
2015-16 : 3.02
मछली (लाख टन)
2014-15 : 4.79
2015-16 : 5.07
ोत : पुशपालन िवभाग, िबहार सरकार
2014-15 : 16610
ोत : अ य ोत
2012-13 : 24220
2013-14 : 9627
2014-15 : 2564
2012-13 (कल योग) : 281904
2013-14 (कल योग) : 141555
2014-15 (कल योग) : 38418
ोत : लघु जल संसाधन िवभाग, िबहार सरकार
वष : 2019-20
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 2637
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 9181
िव ुत क अनुमािनत उपल धता (मेगावाट म) : 9314
वष : 2020-21
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 3190
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 9982
िव ुत क अनुमािनत उपल धता (मेगावाट म) : 9314
वष : 2021-22
किष े क िलए िव ुत क अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 3852
िव ुत क कल अनुमािनत माँग (मेगावाट म) : 10760
िव ुत क अनुमािनत उपल धता (मेगावाट म) : 9314
ोत : ई.पी.एस. का 17वाँ ितवेदन
2014-15 : 2659.09
2015-16 : 4295.6
ोत : बालू
2013-14 : 22666.3
2014-15 : 50542.1
2015-16 : 42806.3
ोत : प थर + शर
2013-14 : 1881.27
2014-15 : 7516.9
2015-16 : 11097.9
ोत : मोरम
2013-14 : 21.41
2014-15 : 0.45
2015-16 : 56.38
ोत : िम ी
2013-14 : 736.46
2014-15 : 270.28
2015-16 : 271.37
ोत : काय िवभाग
2013-14 : 26709.1
2014-15 : 24074.5
2015-16 : 36413.5
ोत : ांिजट पास
2013-14 : 41.1
2014-15 : 42.35
2015-16 : 40.74
ोत : अ य
2013-14 : 207.46
2014-15 : 278.68
2015-16 : 626.23
ोत : 3. ए रयर
2013-14 : 1222.85
2014-15 : 443.32
2015-16 : 1392.9
2013-14 (कल योग) : 56913.88
2014-15 (कल योग) : 85934.97
2015-16 (कल योग) : 97100
ोत : खनन एवं भूगभ िवभाग, िबहार सरकार
q
—नाइ ोजन
13. झारखंड क गठन क बाद िबहार म रा यसभा क सद य क कल सं या िकतनी ह?
—16
14. यु योजना िबहार सरकार क ारा कब ारभ क गई?
—23 अ ैल, 2011
15. ‘नव नालंदा महािवहार’ िकसक िलए िस ह?
—पाली अनुसंधान सं थान
16. यूनािनय ने िकसे ‘अिम चे स’ या ‘अिम घात’ अथा श ु का नाश करनेवाला कहा ह?
—िबंदुसार
17. यूनानी राजदूत एवं ‘इिडका’ का लेखक मेगा थनीज िकसक दरबार म पाटिलपु आया था?
—चं गु मौय
18. घोघा झील कहाँ थत ह?
—मिनहारी,किटहार
19. ‘खरवार आंदोलन’ का नेतृ व िकसने िकया था?
—भागीरथ माँझी
20. सुदशन झील का िनमाण िकसने कराया था?
—चं गु मौय ने पु यगु ारा
21. ख ड जनजाित िबहार क िकस े म िनवास करती ह?
—भोजपुर (शाहाबाद)
22. खुदाब श लाइ ेरी क थापना कब ई थी?
—5 अ ूबर, 1891
23. िबहार म लोकसभा सद य क कल सं या िकतनी ह?
—40
24. ‘िबहारी बाबू’ क नाम से िकस अिभनेता को जाना जाता ह?
—श ु न िस हा
25. 18-29 अग त, 1920 को िबहार ांतीय स मेलन का बारहवाँ अिधवेशन कहाँ आ था?
—भागलपुर
26. ‘सभी मनु य मेरी संतान ह’ यह कथन िकस शासक का ह?
—अशोक
27. ‘छांदो य दसप ित’ नामक पु तक क रचना िकसने क थी?
—वीर र ठाकर
—िबरसा मुंडा
59. 1908 ई. क छोटानागपुर का तकारी अिधिनयम ने िकस भूिम यव था पर रोक लगाई?
—खूँटक ी भूिम यव था पर
60. 1916 ई. लखनऊ क कां ेस अिधवेशन म िबहार क ितिनिध क प म कौन स मिलत ए थे?
—राजकमार शु एवं जिकशोर साद
61. 1921 म गांधीजी ने पटना म िकस कॉलेज क थापना क थी?
—िबहार िव ापीठ
62. 1922 ई. म िचतरजन दास क अ य ता म कां ेस का 37वाँ अिधवेशन िबहार क िकस शहर म आयोिजत
िकया गया था?
—गया
63. एन.टी.पी.सी. क िनयं णाधीन कहलगाँव ताप िव ुत संयं िबहार रा य क िकस िजले म थत ह?
—भागलपुर
64. 1934 ई. म पटना क अंजुमन इ लािमया हॉल म औपचा रक प से िकस पाट क गठन क घोषणा क गई?
—भारतीय कां ेस समाजवादी पाट
65. 1935 क अिधिनयम से िबहार म िवधानप रष एवं िवधानसभा क िलए मशः िकतनी सीट क यव था क
गई थी?
—30 एवं 152
66. िबहार क िकस िजले म बे रिलयम पाया जाता ह?
—गया
67. पटना िव िव ालय का थम गैर-सरकारी वाइस चांसलर िकसे िनयु िकया गया था?
—सि दानंद िस हा
68. 1940 ई. म िकस थान पर भारतीय रा ीय कां ेस का 53वाँ अिधवेशन आ?
—रामगढ़, झारखंड
69. ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म राज साद को िकस जेल म रखा गया था?
—बाँक पुर जेल
70. 11 अग त, 1942 को सिचवालय गोलीकांड िबहार म कहाँ आ था?
—पटना
71. 1946 ई. म िकस नेता को िबहार का मु यमं ी िनयु िकया गया था?
— ी क ण िसंह
72. अंत रम सरकार म डॉ. राज साद िकस िवभाग क मं ी थे?
—खा एवं किष
—1908 ई.
104. मु यमं ी मश योजना क शु आत िबहार म िकस िव ीय वष म क गई?
—2008-09
105. मगध सा ा य का वा तिवक सं थापक कौन था?
—िबंिबसार
106. िबहार क या ा करनेवाला थम िवदेशी या ी कौन था?
—मेगा थनीज
107. िबहार क सबसे बड़ी ब ेशीय प रयोजना कौन सी ह?
—गंडक प रयोजना
108. िबहार क पहली चीनी िमल कब और कहाँ थािपत ई?
—1904 ई., मरहौरा म
109. िबहार का कौन सा िजला नाइलॉन उ ोग क िलए िस ह?
—मुंगेर
110. िबहार क मुख समाचार-प ‘िबहारी’ क संपादक थे?
—बाबू मह र साद
111. बसाढ़ से ा मुहर म धु्रव वािमनी को िकसक प नी बताया गया ह?
—चं गु तीय
112. िबहार म ाकत एवं जैनशा शोध सं थान कहाँ थत ह?
—पटना
113. 2011 क जनगणना क अनुसार सवािधक ामीण जनसं यावाला िजला कौन ह?
—सम तीपुर (96.54 ितशत)
114. िबहार रा य क मु य नकदी फसल कौन सी ह?
—ग ा
115. 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार म िलंगानुपात िकतना ह?
—916
116. 2015-16 म रा य म िकतने ह टयर े म लीची क बागान ह?
—32,000 ह टयर
117. जैन धम क 24व तीथकर महावीर क माता-िपता िकनक िश य थे?
—पा नाथ
118. 27 नवंबर, 1940 को िबहार क थम य गत स या ही कौन बने?
— ीक ण िसंह
119. 322 ई.पू. म िकस शासक ने मगध नरश घनानंद को परािजत कर नंदवंश को समा िकया था?
—चं गु मौय
120. 350व काश गु पव (गु गोिवंद िसंह ज मो सव) का आयोजन िबहार म कब से कब तक िकया गया?
—31 िदसंबर, 2016 से 5 जनवरी, 2017
121. 4 जनवरी, 1915 को गणेश शंकर िव ाथ ने ‘ ताप’ म िकसान सम या पर िकस नाम से लेख का काशन
िकया था?
—चंपारण म अँधेरा
122. 483 ई.पू. म गौतम बु क मृ यु क समय िकस िभ ु ने कहा िक आज हम लोग मु हो गए ह?
—सुभ
123. 2011 क जनगणना क अनुसार 0-6 वष क आयु वग म िलंगानुपात क दर या ह?
—935
124. 6 अग त, 1942 को हजारीबाग म िकन दो नेता को िगर तार िकया गया था?
—नारायण िसंह और सुखलाल िसंह
125. 83 िदन क तप या क बाद पा नाथ को कहाँ पर ान क ा ई थी?
—स मेद पवत
126. इ या ीन िबन ब तयार िखलजी ने िबहार पर एक सफल आ मण कब िकया था?
—1203 ई. म
127. िबहार क थम मिहला मु यमं ी कौन ह?
—राबड़ी देवी
128. मगध श द का थम उ ेख कहाँ िमलता ह?
—अथववेद
129. 1857 क ांित क नेता कवर िसंह क मृ यु कब ई थी?
—9 मई, 1858
130. इलाहाबाद श त क रचना िकसने क थी?
—ह रषेण
131. िबहार क िकस िजले म सबसे कम प रवार गरीबी रखा क नीचे गुजर-बसर करते ह?
—सीवान
132. इ तुतिमश ने िबहार म िकसे अपना थम सूबेदार िनयु िकया था?
—मिलक जानी
133. िशशुनाग क मृ यु क प ा कौन मगध क ग ी पर बैठा था?
—कालाशोक (काकण)
164. 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार म िकतनी ितशत जनसं या ाम एवं नगर म िनवास करती ह?
— ामीण (88.70 ितशत) तथा नगरीय (11.30 ितशत)
165. बौ धम िकस तरह का धम ह?
—अनी रवादी
166. िकस िजले को वम क पो ट का िजला माना जाता ह?
—बेगूसराय
167. िबहार क िकस थान पर भगवा बु को ान ा आ था?
—बोधगया
168. िसतंबर, 1928 म िहदु तान सोशिल ट रप लकन आम क बैठक म िबहार का नेतृ व िकस ांितकारी ने
िकया था?
—फण नाथ घोष
169. बौ संघ जनतांि क णाली पर आधा रत था। संघ म वेश करने क िलए िकसी भी य क यूनतम
आयु िकतनी होनी अिनवाय थी?
—15 वष
170. 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार क कल जनसं या भारत क कल जनसं या का िकतने ितशत ह?
—8.58 ितशत
171. बौ सािह य क ि िपटक म कौन-कौन से ंथ आते ह?
—सु िपटक, िवनयिपटक, अिभध मिपटक
172. कौन सा थान िबहार म व य जीवन क िलए िस ह?
—पटना
173. कवर िसंह कहाँ क राजा थे?
—जगदीशपुर, भोजपुर
174. कौन सा ना य जट-जािटन क साथ तुत िकया जाता ह?
—भकलीबंका
175. िबहार क लोग क जीिवका का मु य साधन ह?
—किष
176. बोधगया म महाबोिध मंिदर का िनमाण िकस थल पर िकया गया ह?
—गौतम बु क ान ा थल पर
177. गांधीजी का ‘चंपारण स या ह’ िकससे जुड़ा था?
—तीनकिठया
178. िबहार रा य क पहली रलवे का या नाम था?
—ई ट इिडया रलवे
— ीक ण िसंह
195. िबहार म वष 2016-17 म सभी बक का ऋण-जमा अनुपात िकतना ह?
—41.7 ितशत
196. बु ने अपने पाँच सािथय क िड य, अज, अ सग, व पा और भिदया क साथ किठन तप या िकस वन म
ारभ क थी?
—उ बेला वन
197. िबहार म िकस थान पर महावीर वामी का ज म आ था?
—वैशाली
198. बेितया मेला िबहार म कहाँ आयोिजत िकया जाता ह?
—बेितया
199. वष 2015-16 म िबहार म यावसाियक बक क शाखा क कल सं या म वािषक वृ दर दज क गई
ह?
—5.8 ितशत
200. िबहार क तीय राजभाषा या ह?
—उदू
201. बेगूसराय क खोदाबंदपुर म िकसक पहल पर वम कपो ट क इकाई लगाई गई?
—डॉ. आर.क. सोहाने
202. रा ीय आंदोलन क दौरान बलदेव साद ने महािधव ा क पद से कब याग-प िदया था?
—1942 ई.
203. िसतंबर, 2015 म िबहार म सबसे कम ऋण-जमा अनुपातवाला िजला कौन ह?
—सीवान (26.6 ितशत)
204. योिन पहाड़ी कहाँ थत ह?
—गया िजले म
205. मौय वंश का अंितम शासक कौन था?
—वृह थ
206. कणाट वंश का सं थापक कौन था?
—ना यदेव
207. 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार म अनुसूिचत जनजाित क जनसं या िकतने ितशत ह?
—0.9 ितशत
208. किष वािनक योजना क तहत आगामी 5 वष म िकतने पॉऌपलर पौध का रोपण िकया जाएगा?
—360.9 लाख
209. किष, पशुपालन, यापार-वािण य आिद को स मिलत प से कौिट य क ‘अथशा ’ म या कहा गया
ह?
—वाता
210. क ट बाँध हनुमान नगर (नेपाल), जो िबहार क सीमा पर थत ह, क लंबाई िकतनी ह?
—1140 मीटर
211. ककोलत मेला िबहार म कहाँ आयोिजत िकया जाता ह?
—नवादा
212. िसतंबर, 2016 तक िबहार म सवािधक ऋण-जमा अनुपातवाला िजला कौन ह?
—कमूर (68.7 ितशत)
213. िबहार म सवािधक शाखा िकस बक क ह?
—भारतीय टट बक
214. कमनाशा नदी गंगा म िकस थान पर िमलती ह?
—चौसा क उ र म
215. बड़गाँव, जो राजगीर से 11 िकलोमीटर क दूरी पर थत ह, जहाँ ाचीन नालंदा महािवहार का अवशेष
िमला ह, क खोज िकसने क थी?
—किनंघम
216. िबहार म िकतने े ीय ामीण बक ह?
—3
217. किलंग यु अशोक क शासन क िकस वष लड़ा गया था?
—8व
218. मौय काल म रा य क ओर से िसंचाई का बंध करना या कहलाता था?
—सेतुबंध
219. ‘क ितलता’ िकसक रचना ह?
—िव ापित
220. ‘करो या मरो’ का संबंध िकस आंदोलन से ह?
—भारत छोड़ो आंदोलन
221. कां य ितमा क िनमाण क पाल शैली क िवकास म िकस कलाकार का मह वपूण योगदान रहा ह?
—धीमन और उसक पु िबठपाल
222. मौय काल म जंगली सेना को या कहा जाता था?
—अटावी बल
223. काँवर झील का िनमाण िकस नदी क िवसपण से आ ह?
—गंडक नदी
269. माच, 2015 क अंत म देश म अनुसूिचत यावसाियक बक क कल ऋण म िबहार का िह सा िकतना था?
—1.1 ितशत
270. क हण ारा रिचत पु तक का या नाम ह?
—राजतरिगणी
271. िबहार भारत क िकस किष जलवायु जोन म आता ह?
—जोन-IV
272. िबहार म िकसक नेतृ व म बड़िहया नामक थान पर ‘बका त आंदोलन’ चलाया गया था?
—कायानंद शमा
273. म यवत गंगा का मैदान िकस क प म िनिमत आ ह?
—चतुथ महाक प ( ली टोसीन)
274. बु क मृ यु क घटना को बौ धम म या कहते ह?
—महाप रिनवाण
275. मौय सा ा य का सं थापक कौन था?
—चं गु मौय
276. संिवधान क अनुसार मंि य क बीच िवभाग का िवभाजन िकसक सलाह से रा यपाल करते ह?
—मु यमं ी
277. 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार म सबसे कम िलंगानुपातवाला िजला कौन ह?
—मुंगेर (879)
278. मंि प रष का मु य सलाहकार होने क नाते िकस पद को सरकारी तं का धान कहा जाता ह?
—मु य सिचव
279. मंि प रष म किबनेट मं ी, वतं भार का रा यमं ी, रा यमं ी एवं मु यमं ी का िनधारण िकस क ारा
िकया जाता ह?
—मु यमं ी
280. मंि प रष सामूिहक प से रा य क िवधानसभा क ित और य गत प से िकसक ित उतरदायी होती
ह।
—रा यपाल
281. मंजूषा शैली िबहार क िकस देश क मुख शैली ह?
—अंग देश (भागलपुर)
282. मिहपाल क नालंदा पाषाण लेख से पता चलता ह िक वालािद य ने एक महािवहार को जला िदया था, वह
कौन सा थान था?
—नालंदा महािवहार
283. मिहला सामा या काय म का संचालन वष 1992 ई. से िकसक अधीन िकया जा रहा ह?
—पूिणया
299. िबहार ांत क आरा से ा दवबनाक का लेख तथा शाहपुर (पटना) एवं मंदर (बाँका) से ा लेख म
िकसक बार म जानकारी िमलती ह?
—परवत गु वंश
300. मेगा थनीज का पाटिलपु आगमन कब आ था?
—315 ई.पू.
301. सुगौली चीनी िमल िकस िजले म थत ह?
—पूव चंपारण
302. महावीर क बचपन का नाम या था?
—वधमान
303. कौन सा ंथ नो र क प म ह?
—अिभध मिपटक
304. िबहार रा य म नवादा सं हालय क थापना कब क गई थी?
—1974 ई.
305. िबहार से झारखंड को अलग कर नए ांत का दजा कब दान िकया गया?
—15 नवंबर, 2000 को
306. ि प ीय संघष म अंितम प से िवजय िकस वंश क ई थी?
—गुजर ितहार
307. मगध तथा अंग महाजनपद को कौन सी नदी पृथक करती थी?
—चंपा नदी
308. िसतंबर, 2016 तक िबहार े ीय ामीण बक क कल शाखाएँ िकतनी थ ?
—2092
309. िबहार रा य क गठन क अिधसूचना कब जारी क गई थी?
—22 माच, 1912
310. 2013 क माच क अंत म िबहार रा य म अनुसूिचत यावसाियक बक शाखा क ित कायालय औसत
जनसं या िकतनी ह?
—22491
311. मु यमं ी िनजी पौधशाला योजना क शु आत िबहार सरकार ारा कब क गई?
—2013
312. जून, 2016 म संपूण भारत क सभी अनुसूिचत यावसाियक बक शाखा का िकतना ितशत िह सा िबहार
म था?
—6.0 ितशत
—1914 ई.
344. वष 2016 क माच क अंत तक िबहार म यावसाियक बक क कल सं या िकतनी थी?
—661
345. मु यमं ी िव ुत संब िन य योजना क शु आत कब क गई?
—15 नवंबर, 2016
346. तीय बौ संगीित का आयोजन कहाँ आ था?
—वैशाली
347. मेगा थनीज क पु तक का नाम या ह?
—इिडका
348. मौय काल म वतं प से जीवन यतीत करनेवाली िवधवाएँ या कहलाती थ ?
— ंदवािसनी
349. मगध स ा चं गु का राज ासाद का अवशेष कहाँ से ा आ ह?
—पाटिलपु थत क हरार
350. िबहार म सबसे पहले िकस थान से नवपाषाणयुगीन अवशेष ा ए ह?
—िचरांद
351. कोसी मेला िबहार म कहाँ आयोिजत िकया जाता ह?
—किटहार
352. मौय काल म ताँबे क िस को या कहा जाता था?
—मासक एवं काकणा
353. मखदूम साहब क दरगाह कहाँ थत ह?
—िबहारशरीफ
354. भोजपुरी का शे सिपयर िकसे कहा जाता ह?
—िभखारी ठाकर
355. मौय काल म आयाितत व तु पर िकतना ितशत िब कर िलया जाता था?
—10 ितशत
356. िबहार क युवा ने कब िबहार सोशिल ट पाट क थापना क थी?
—1931 ई.
357. िबहार म कल िकतने राज व गाँव ह?
—44867
358. महा मा बु ने अपना थम धमच वतन िकस थान पर िदया था?
—सारनाथ
—बौ मठ
405. िस िव ा मंडन िम क प नी का नाम या था?
—भारती
406. िबहार क िकस े क संबंध म ‘बसातीनुल उ स’ एक मू यवान ोत ह?
—ितर त
407. मिलक इ ाहीम बयाँ का मकबरा कहाँ थत ह?
—िबहारशरीफ
408. जवाहर रोजगार योजना का नाम बदलकर ामीण समृ योजना िकस पंचवष य योजना क दौरान क गई?
—नौव पंचवष य योजना
409. िबहार का पहला िहदी प कौन ह?
—िबहारबंधु
410. कलम क िसपाही रामवृ बेनीपुरी का ज म कब और कहाँ आ था?
—1899 ई., बेनीपुर (मुज फरपुर)
411. अं योदय अ योजना का ारभ कब िकया गया?
—25 िदसंबर, 2000
412. नरगा का नाम प रवितत करक मनरगा कब िकया गया?
—2 अ ूबर, 2009
413. मगध क िकस शासक क समय 326 ई.पू. म यूनानी शासक िसकदर का भारत पर आ मण आ था?
—घनानंद
414. कोसी नदी का मूल नाम या ह?
—कौिशक
415. मगध रा य म िस िचिक सक जीवक िकसक शासन काल म था?
—िबंिबसार
416. जे.पी. आंदोलनका रय को पशन देने क घोषणा िकस रा य ने क ह?
—िबहार
417. मौय काल म देशी व तु पर िकतना ितशत िब कर िलया जाता था?
—4 ितशत
418. िबहार का कौन सा ाचीन रा य आरभ म ब त िदन तक आयावत क बाहर था तथा अनाय जाित क लोग
का आवास थल रहा था?
—मगध
419. मगध स ा चं गु क राज ासाद म िकतने पाषाण तंभ पाए गए ह?
511. मु यमं ी म श योजना िबहार सरकार क िकस िवभाग ारा संचािलत क जा रही ह?
—सू म, लघु एवं म यम उ ोग िवभाग
512. िबहार का देशांतरीय िव तार या ह?
—लगभग 83०19’50’’ से 88० 17’40’’
513. िबहार म पहली बार किष रोड मैप िकस वष बनाया गया?
—2008 ई.
514. किष िश ा क ित उ मुख करने क िलए येक मेधावी छा को ितमाह िकतने का टाइपड दान िकया
जाएगा?
—2000 .
515. इिडयन इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी (IIT), पटना क थापना कब ई
—2008 ई.
516. िबहार का जनसं या क ि से भारत म या थान ह?
—तीसरा
517. िबहार का अ ांशीय िव तार या ह?
—24० 21’ 10’’ से 27० 31’ 15’’ उ री अ ांश
518. पौधरोपण साम ी िकसान को मुहया कराने क िलए िबहार क िकन दो िजल म सटर ऑफ ए सलस क
थापना क गई ह?
—चंडी (नालंदा) एवं देशरी (वैशाली)
519. ाचीन काल म िबहार को िकस नाम से जाना जाता था?
—मगध देश
520. िबहार कां ेस सोशिल ट पाट का गठन कब आ?
—1934 म
521. सडई म वक ए ीमट क प रपे्र य म 15 वष य आपदा जोिखम यूनीकरण रोड मैप 2015-30 तैयार
करनेवाला पहला रा य कौन सा ह?
—िबहार
522. ‘िबहार कोिकला’ क नाम से िव यात िवं यवािसनी देवी क गाियक का पहला सावजिनक दशन कब आ
था?
—1945 ई.
523. आपदा जोिखम यूनीकरण रोड मैप क काया वयन हतु िकस सं था से एम.ओ.यू. िकया गया ह?
—Asian Diaster Preparadness Centre (ADPC), Bangkok, Thailand
524. मौय शासन म राजक य वािम ववाली भूिम को या कहा जाता था?
—सीता
555. गंगा नदी पर िव मिशला सेतु का िनमाण िकस िजले म िकया गया ह?
—भागलपुर
556. रा य क िकस हवाई अ का योग नेपाल जाने क िलए होता ह?
—र सौल
557. िबहार क िकस रा वादी ांितकारी नेता से भगत िसंह िमलने कई बार हाजीपुर आए?
—योग शु
558. भारत क उ री-पूव ाय ीप े को िकस नाम से संबोिधत िकया जाता ह?
—भारतीय खिनज का दय थल
559. देश का दूसरा मिहला रोजगार कायालय िबहार क िकस शहर म थािपत िकया गया ह?
—पटना
560. लाइिडग ब िबहार क िकस शहर म ह?
—पटना
561. बौ धािमक सािह य म कौन ंथ ाचीन िबहार क इितहास क संबंध म जानकारी का ोत ह?
—दीघिनकाय
562. भगवा बु को िकस थान पर ान ा आ था?
—बोधगया
563. भूकप क लहर जहाँ सबसे पहले प चती ह, या कहलाती ह?
—अिधक
564. रा य क िकस नेता ने महा मा गांधी क साथ िकसान आंदोलन का नेतृ व िकया?
—डॉ. राज साद
565. 1912 ई. म बाँक पुर, पटना म कां ेस अिधवेशन क महासिचव कौन थे?
—सि दानंद िस हा
566. डॉ. ए.पी.जे. अ दुल कलाम साइस िसटी क थापना िबहार क िकस िजले म क जा रही ह?
—पटना
567. िबहार क िकस नगर से िहदी मािसक पि का ‘बालक’ कािशत आ था?
—पटना
568. उ र देश को पश करनेवाले िबहार क िकतने िजले ह?
—8
569. प म बंगाल को पश करनेवाले िबहार क िकतने िजले ह?
—3
570. झारखंड को पश करनेवाले िबहार क िकतने िजले ह?
—7
571. नेपाल को पश करनेवाले िबहार क िकतने िजले ह?
—7
572. अंग महाजनपद म वतमान म िबहार क कौन से िजले स मिलत ह?
—भागलपुर एवं मुंगेर
573. पूिणया, सहरसा, दरभंगा और मुज फरपुर म कौन सी िम ी पाई जाती ह?
—बाँगर
574. िबहार का ाचीन इितहास जानने का सवािधक ाचीन सािह यक ोत या ह?
—अथववेद
575. उड़ीसा से अलग िबहार िवधानप रष का गठन कब िकया गया?
—28 माच, 1936
576. भौगोिलक े क चचा सव थम िबहार क िकस सािह यक रचना म िमलती ह?
—शतपथ ा ण
577. िकस महाजनपद म गणतं ा मक यव था थी?
—व
578. िबहार म पूण ितर ण (Immunization) का आ छादन िकतना ितशत ह?
—84 ितशत
579. पटना तथा गया िजला िकस महाजनपद म स मिलत था?
—मगध
580. मुख समाचार-प ‘िबहारी’ क संपादक कौन थे?
—बाबू मह र साद
581. िबहार क थम कां ेस रा य मंि मंडल (1937-1939), म िव मं ी कौन थे?
—अनु ह नारायण िसंह
582. अं ेजी समाचार-प ‘द िबहार हरा ड’ का काशन कब शु िकया गया था?
—1875 ई.
583. ि िटश काल म िबहार क थम गवनर क प म िकस नेता ने पद हण िकया था?
—स य साद िस हा
584. लोक िनजी भागीदारी योजना क तहत लोबल ह थ ाइवेट िलिमटड (मेदांता) गुड़गाँव ारा िकस अ पताल
क थापना क जा रही ह?
—जय भा मेदांता अितिविश अ पताल, पटना
585. िबहार क िकस अ पताल म गुदा यारोपण क सुिवधा फरवरी, 2016 म ारभ क गई?
—त िशला
601. िबहार म इटरनेशनल टस क सहयोग से सोनािलका टर क नई फ टरी कहाँ थािपत क गई ह?
—फतुहा
602. कामे र िसंह दरभंगा सं कत िव िव ालय क थापना कब ई थी?
—1961 ई.
603. रा य म ‘िबहारबंधु’ समाचार-प कब ारभ आ था?
—1874 ई. म
604. िटन खिनज का उ पादन िबहार क िकस िजले म होता ह?
—गया
605. बु ने सव थम िकन दो बंजार को बोधगया म अपना िश य बनाया था?
—तपस और भ क
606. हाजीपुर शहर िकस नदी क िकनार पर बसा आ ह?
—गंडक
607. पटना सं हालय क थापना िकस वष ई थी?
—1915 ई. म
608. ‘फाग-राग’ गीत क रचना िबहार म िकसने क थी?
—नवलिकशोर िसंह ने
609. जय काश नारायण अिखल भारतीय आयुिव ान सं थान िकस शहर म अव थत ह?
—पटना
610. िबहार म अ न-सह-िम ी खिनज कहाँ पाया जाता ह?
—भागलपुर
611. रा य म अ क कहाँ पाया जाता ह?
—गया
612. मौय काल म नकद िलया जानेवाला नमक कर या था?
—िहर य
613. गया सं हालय क थापना कब ई थी?
—1970 ई.
614. लिलत नारायण िमिथला िव िव ालय कब थािपत आ?
—1972 ई. म
615. धान का सवािधक उ पादन करनेवाला िजला कौन ह?
—रोहतास
—38
647. मौय शासन म थािनक या था?
—िजला शासक
648. रा य म 2015-16 म कल िकतनी दु ध उ पादन सहयोग सिमितयाँ संगिठत ह?
—19.5 हजार
649. िबहार म कल िसंिचत े का लगभग िकतना ितशत भाग नहर ारा स चा जाता ह?
—47.0 ितशत
650. ऐितहािसक नेपाली मंिदर िबहार क िकस िजले म ह?
—वैशाली
651. िबहार म कल पंचायत सिमितय क सं या िकतनी ह?
—534
652. िबहार क पंचायत एवं ाम कचह रय क सं या िकतनी ह?
—8398
653. िबहार म नगर िनगम क कल सं या िकतनी ह?
—12
654. रा य म नगर पंचायत क कल सं या िकतनी ह?
—86
655. रा य म रल माग क कल लंबाई 2015-16 म िकतनी ह?
—5400 िकमी.
656. कला भवन रा य क िकस िजले म थत ह?
—पूिणया
657. िबहार म महा मा गांधी क पूव काल म सापे रा ीय सि यता क अनुप थित इसक अभाव म देखी जा
सकती ह?
—एक कत समुदाय
658. मु यमं ी िनःश जन िववाह ो साहन अनुदान योजना िकस िव ीय वष म ारभ क गई ह?
—2015-16
659. िबहार मानवािधकार आयोग क थापना कब क गई थी?
—3 जनवरी, 2000
660. िबहार म माग प रवतन क िलए सवािधक िस नदी कौन ह?
—कोसी
661. मु यमं ी िन य वयं सहायता भ ा योजना कब ारभ क गई?
—2 अ ूबर, 2016
662. उप महारथी िश प अनुसंधान सं थान रा य म कहाँ थत ह?
—दीघा (पटना)
663. मगध िव िव ालय रा य म कहाँ थत ह?
—बोधगया
664. जे.वी.एल. मेगा फड पाक रा य क िकस िजले म थत ह?
—रोहतास
665. भागलपुर िजला थत िबहपुर िकस आंदोलन से संबंिधत ह?
—भारत छोड़ो आंदोलन
666. िबहार म िकस िजले म सवािधक िसंचाई नहर ारा क जाती ह?
—भोजपुर
667. मेसस ि टन फड पाक रा य म कहाँ थत ह?
—मानिसंह (खगिड़या)
668. बु ने अपने जीवन म सवािधक उपदेश कहाँ िदया?
— ाव ती
669. गृह र ा वािहनी कायालय एवं िश ण क िकस िजले म थत ह?
—मुज फरपुर
670. िबहार म िकस थान से दो य मूितयाँ ा ई थ?
—पािटलपु
671. िबहार म िकस थान से नवपाषाणकालीन अ थ उपकरण ा ए ह?
—िचराँद (सारण)
672. रा य मिहला आयोग का गठन िकस वष म िकया गया?
—2001 ई.
673. िबहार रा य याियक अकादमी िश ण सं थान रा य म कहाँ थत ह?
—गायघाट, पटना
674. रा ीय खा सुर ा अिधिनयम िबहार म कब लागू िकया गया?
—1 फरवरी, 2014
675. िबहारशरीफ का ाचीन नाम या था?
—उदंतपुरी
676. िबहार म िकसान तेल कपन योजना क शु आत पूण प से कब क गई?
—जून, 2008
—पाली
693. िबहार म थत कौन सा महाजनपद आठ रा य का एक संघ था?
—व
694. बु कालीन 16 महाजनपद क बार म थम जानकारी कहाँ से िमलती ह?
—दीघिनकाय
695. ाचीन नालंदा िव िव ालय क जानकारी िकस िवदेशी या ी क िववरण से िमलती ह?
—फा ान व ेनसांग क िववरण से
696. पटना उ यायालय क थापना िकस वष क गई?
—1916 ई.
697. िसंदूर उ ोग िबहार म कहाँ थत ह?
—लखीसराय
698. िदलावरपुर म िकस व तु का कारखाना थत ह?
—िसगरट
699. पंचायती राज सं था म अनुसूिचत जाित व जनजाित क आर ण क यव था संिवधान क िकस अनु छद
म क गई ह?
—अनु छद 243(घ)
700. ‘द टाइ स ऑफ इिडया’ का काशन िबहार म कब ारभ आ था?
—1986 ई. म
701. रा य म महािधव ा क िनयु संिवधान क िकस अनु छद क अनुसार क जाती ह?
—अनु छद 165
702. ितलका माँझी िव िव ालय िबहार क िकस िजले म थत ह?
—भागलपुर
703. िबहार से होकर इलाहाबाद से ह दया तक जानेवाला रा ीय जलमाग कौन सा ह?
—रा ीय जलमाग-1
704. होटल मैनेजमट इ टी यूट रा य म कहाँ थत ह?
—हाजीपुर
705. होली क पव पर ामीण ारा कौन सा नृ य िकया जाता ह?
—जोगीड़ा
706. िबहार म भूिम सुधार का जनक िकसे कहा जाता ह?
—क.बी. सहाय
707. पॉिलट क इ टी यूट क सं या रा य म िकतनी ह?
—13
708. िबहार म िनजी क रयर डाकसेवा का आरभ िकस वष िकया गया?
—1991 ई.
709. िबहार म पहली जनशता दी ए स ेस रलगाड़ी का शुभारभ कब आ था?
—19 जून, 2002 को
710. िबहार का पहला आकाशवाणी क िकस िजले म थािपत आ था?
—पटना
711. िकस िव आयोग क अनुशंसा क आलोक म िबहार रा य म राजकोषीय उ रदािय व एवं बजट बंधन
अिधिनयम, 2006 लागू िकया गया?
—12वाँ िव आयोग
712. िबहार म रल प रवहन क शु आत कब ई थी?
—1860 ई. म
713. पुराता वक सं हालय, नालंदा क थापना कब क गई थी?
—1917 ई. म
714. पटना सं हालय क थापना कब ई थी?
—1917 ई. म
715. गया थत हवाई अ को अंतरा ीय दजा कब ा आ?
—2002 ई. म
716. िबहार म पूव ऐितहािसक काल कब से आरभ होता ह?
—40000 ई.पू.
717. िबहार म पहले रिडयो टशन का उ ाटन िकनक ारा िकया गया था?
—सरदार व भ भाई पटल
718. िबहार म थम सफल चीनी िमल क थापना कब और कहाँ ई थी?
—1903 ई. म, मढौरा (सारण)
719. िबहार म ित हजार जनसं या पर रलमाग क लंबाई िकतनी ह?
—0.04 िकलोमीटर
720. िबहार म ाकितक वन का कल े फल िकतने वग िकलोमीटर ह?
—6845 वग िकलोमीटर
721. 1 जुलाई को िकनक ज मिदवस को रा य म िचिक सा िदवस क प म मनाया जाता ह?
—डॉ. िवधानचं राय
722. ी क ण िसंह क नेतृ व म पहली बार कां ेस क सरकार रा य म कब गिठत ई?
—बौ
800. मौय काल म िकस मु ा पर मयूर, पवत और अ चं क मुहर अंिकत होती थी?
—आहत
801. िबहार म आिदमानव क िनवास क आरिभक सा य कहाँ से ा ई ह?
—मुंगेर एवं नालंदा
802. िबहार म औसत वािषक वषा क मा ा िकतनी होती ह?
—1009 िमलीमीटर (109 सटीमीटर)
803. िबहार म ओ रएंटल प लक लाइ ेरी क थापना िकनक ारा क गई थी?
—खुदा ब श खाँ
804. मौय काल म का तकार को या कहा जाता था?
—उपवास
805. अंतरा ीय ि कट मैच का आयोजन कब आ था?
—1996 ई.
806. अलग ांत क िलए आंदोलन, िजसक प रणाम व प वष 1912 म िबहार एवं उड़ीसा नामक ांत का
िनमाण आ, का नेतृ व िकसने िकया था?
—सि दानंद िस हा ने
807. गया सं हालय क थापना कब ई थी?
—1952 म
808. रा य म बु जयंती पव का आयोजन कब िकया जाता ह?
—वैशाख पूिणमा
809. िबहार म गंगा क सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी ह?
—सोन
810. िबहार म गरम जल का मुख क कहाँ ह?
—राजगीर तथा मुंगेर े
811. िबहार म गाँव क सं या िकतनी ह?
—39073
812. संगीत से संबंिधत ‘नगमत असफ ’ नाम क िकताब िकसने िलखी थी?
—मश र गायक रजाशाह
813. िस े र मेले का आयोजन िकस अवसर पर िकया जाता ह?
—िशवराि
814. िबहार म लगनी राग िकस अवसर पर गाया जाता ह?
—िववाह क अवसर पर
815. पटना पु तक मेले का आयोजन कब से िकया जाता ह?
—1971 ई.
816. गोपा मी मेले का आयोजन िकस िजले म िकया जाता ह?
—खगिड़या
817. िबहार िवधानसभा क कल 243 सीट म िकतनी सीट अनुसूिचत जाित क िलए आरि त ह?
—38
818. िबहार िवधानसभा क कल 243 सीट म िकतने सीट अनुसूिचत जनजाित क िलए आरि त ह?
—2
819. सौराठ म शादी-िववाह से संबंिधत मेला िकस महीने म आयोिजत िकया जाता ह?
— ये -आषाढ़
820. सहोदरा मेला िकस िजले म आयोिजत िकया जाता ह?
—प. चंपारण
821. गया का िपतृप मेला िकस महीने म आयोिजत िकया जाता ह?
—आ न
822. िजउितया का पव िबहार म िकस िदन मनाया जाता ह?
—आ न क ण प अ मी
823. जैन धमावलंिबय का पिव थल गुनावाजी िबहार क िकस िजले म थत ह?
—नवादा
824. मु यमं ी महादिलत रोजगार योजना क शु आत िबहार म िकस िव ीय वष म क गई?
—2012-13
825. गोलघर का िनमाण कब कराया गया?
—1785 ई.
826. िबहार िव ापीठ एवं सदाकत आ म क थापना िकसने क थी?
—मजह ल हक
827. िबहार िव ापीठ क थम कलपित कौन बने थे?
—मजह ल हक
828. मनेर म िकस ांतपित का मकबरा थत ह?
—शाह दौलत
829. िबहार ि कट संघ का गठन कब िकया गया था?
—1936 ई.म.
—गया
846. रा य क कल सकल घरलू उ पादन का िकतना ितशत िह सा किष े से ा होता ह?
—22.9 ितशत
847. उ क सा रता क िलए िकस िजले को ‘स येन िम ा सा रता’ पुर कार क िलए चुना गया?
—मुज फरपुर
848. ‘सविहतैषी’ समाचार-प िबहार क िकस िजले से कािशत होता था?
—पटना
849. ‘द सच लाइट’ का काशन िकस वष से ारभ आ?
—1918 ई.
850. िबहार रा य क िकतने िजले ऐसे ह, जो न तो अंतरा ीय सीमा का िनधारण करते ह और न ही िकसी रा य
से पश करते ह?
—13 िजले
851. िबहार रा य क िकतने ितशत धरातल पर जलोढ़ िम ी ह?
—90 ितशत
852. मगही बोली का थम किव िकसे माना जाता ह?
—ईशान
853. माघी मेले का ारभ कब से आ ह?
—1881 ई.
854. सं या हरी क थापना िकस वष क गई थी?
—1992 ई.
855. महावीर वामी का संबंध िकस संघ से था?
—व संघ
856. रा य म रा ीय राजमाग क कल लंबाई (2015-16 म) िकतनी ह?
—4595
857. जेिवयरस फायस से टी एकडमी क शाखा िकस िजले म थािपत ह?
—पटना
858. िबहार रा भाषा प रष क थापना िकस वष ई ह?
—1950 ई.
859. िबहार रा य म िकस कार क वन को शािमल नह िकया गया ह?
—सदाबहार वन
860. ाकत जैन शा और अिहसा सं थान िकस िजले म थत ह?
—वैशाली
861. आयभ ान िव िव ालय क थापना िकस िजले म क गई ह?
—पटना
862. िबहार म जननी एवं बाल सुर ा योजना कब शु क गई?
—2006 ई.
863. गवनमट कॉलेज ऑफ आ स ऐंड ा ट रा य क िकस िजले म थत ह?
—पटना
864. िबहार रा य म सवािधक गंधक का उ पादन िकस िजले म होता ह?
—रोहतास
865. रा य फल अनुसंधान सं थान कहाँ थत ह?
—भागलपुर
866. चं भारी सं हालय, दरभंगा क थापना कब ई थी?
—1957 ई.
867. िसमरतला आवासीय िव ालय क थापना िकस िव ालय क तज पर क गई ह?
—नेतरहाट आवासीय िव ालय
868. गांधी सं हालय रा य क िकस िजले म थत ह?
—पटना
869. िबहार रा य म ामीण जीिवका िमशन क शु आत कब ई?
—अ ैल, 2013
870. रा य म िनर र मिहलाको सा र बनाने क िलए कौन सी योजना ारभ क गई ह?
—मु यमं ी अ र आँचल योजना
871. रा य आपदा बंधन ािधकरण क अ य कौन होते ह?
—मु यमं ी
872. रा य ट सटाइल िनगम क थापना कब क गई थी?
—1970 ई.
873. िबहार श द का थम उ ेख िकस ंथ म आ ह?
—अथववेद
874. िबहार संगीत नाटक अकादमी ारा िभखारी ठाकर वष िकस वष को घोिषत िकया गया ह?
—वष 1999 को
875. पूव भारत म आय का आगमन कब आ था?
—उ र वैिदक काल म
876. िबहार थापना िदवस अथवा िबहार िदवस ितवष िकस ितिथ को मनाया जाता ह?
—22 माच
877. बु क िश या बननेवाली मगध क शासक िबंिबसार क प नी कौन थी?
— ेमा
878. रा य म ाम पंचायत म मिहला क िलए िकतने ितशत आर ण क यव था क गई ह?
—50 ितशत
879. िबहार सरकार क ारा ‘शौचालय िनमाण घर का स मान’ योजना क शु आत कब क गई?
—27 िसतंबर, 2016
880. पयटन िवभाग, िबहार सरकार ने िकतने पयटक सिकट को िच त िकया ह?
—8
881. िबहार सरकार ने मु यमं ी खा सुर ा योजना को कब लागू िकया था?
—8 माच, 2011 को
882. आपदा बंधन अिधिनयम, 2005 क तहत रा य म रा य आपदा बंधन योजना (SDMP) का गठन कब
िकया ह?
—2014 ई.
883. िबहार सरकार ने कशल युवा काय म क शु आत कब क ?
—2 अ ूबर, 2016
884. िबहार सरकार ने िकस वष िबहार रा य पंचायती राज अिधिनयम लागू िकया?
—वष 2006
885. रा य सरकार ारा पा रत थम िबहार पंचायत सिमित तथा िजला प रष अिधिनयम, 1961 को कानून का
दजा कब िदया गया?
—17 फरवरी, 1962
886. चं गु इ टी यूट ऑफ मैनेजमट क थापना िकस वष क गई?
—2008 ई.
887. िबहार सोशिल ट पाट क सं थापक कौन थे?
—जय काश नारायण
888. मौय काल म रा य क ओर से िसंचाई कर क प म उपज का िकतना भाग िलया जाता था?
—1/5 से 1/3 भाग
889. िबहार से गुजरनेवाला सबसे लंबा रा ीय राजमाग कौन ह?
—रा ीय राजमाग 31
890. िबहार से ा पहले भाषी अिभलेख का संबंध िकस शासक से ह?
—शेरशाह
क गई थी?
—िशवरामन
936. ‘पॉिलिट स ऑफ चरखा’ नामक पु तक िकसने िलखी थी?
—जे.बी. कपलानी
937. भारतीय ितभूित एवं िविनयम बोड क थापना कब क गई थी?
—1988
938. ‘कपाट’ (Council for Advancement of People Action and Rural Technology – CAPART) का
मु यालय कहाँ थत ह?
—नई िद ी म
939. भारत म क ीय बक क सभी काय को कौन सा बक संपािदत करता ह?
— रजव बक ऑफ इिडया
940. िबहार म किष एवं डयरी िवकास क क थापना कहाँ करने का िनणय िलया गया?
—मोितहारी
941. अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित एवं अ य िपछड़ वग क िव ािथय को छा वृि दान करने क िलए
कौन सी योजना शु क गई ह?
—‘E-Z’ पे-काड
942. ‘E-Z’ पे-काड योजना क शु आत िबहार म कब क गई?
—26 माच, 2011
943. रा य क 15-35 वष आयु वग क मिहला म लगभग 40 लाख िनर र मिहला को सा र बनाने क
िलए कौन सी योजना शु क गई ह?
—मु यमं ी अ र आँचल योजना
944. िबहार म ‘नारी श योजना’ क शु आत िकस िव ीय वष म क गई ह?
—2008-09
945. ‘ मॉल इज यूटीफल’ िकसक सु िस कित ह?
—ई.एफ. सुमाखर
946. भारत म सां यक आंदोलन का जनक िकसे कहा जाता ह?
— काश चं महालनोिबस को
947. रा ीय िनयोजन म ‘रोिलंग लान’ क अवधारणा िकसक ारा लागू क गई थी?
—जनता सरकार क ारा
948. िबहार म थम बार रा पित शासन िकस अविध क िलए लगाया गया था?
—29 जून, 1968 से 26 फरवरी, 1969 तक
949. िबहार म िकतनी बार रा पित शासन लग चुका ह?
—7 बार
950. संिवधान क िकस अनु छद म धन िवधेयक क िव तृत प रभाषा दी गई ह?
—अनु छद 110
951. आय िवतरण म असमानता को िकस व क ारा दशाया जाता ह?
—लॉरज व
952. ‘गरीबी हटाओ’ का नारा पहली बार िकस योजना का अंग बना?
—पाँचव पंचवष य योजना
953. ऐसी बेरोजगारी, िजसम लोग रोजगार म लगे ए तो िदखते ह, परतु िजनक सीमांत उपयोिगता शू य होती ह,
या कहलाती ह?
— छ बेरोजगारी
954. नाबाड क थापना िकस वष ई तथा इसका मु यालय कहाँ ह?
—12 जुलाई, 1982, मुंबई म ह।
955. ामीण साख यव था क शीष सं था कौन सी ह?
—नाबाड (NABARD)
956. वतमान म सावजिनक े क िलए िकतने उ ोग आरि त ह?
—2
957. मधेपुरा (िबहार) म 800 रल इजन क उ पादन हतु िकस देश से समझौता िकया गया ह?
— ांस
958. यूने को क िव िवरासत सूची म नालंदा महािवहार को िकस वग क तहत स मिलत िकया गया ह?
—सां कितक वग
959. आधुिनक काल म सव थम नालंदा थल क खोज िकसने क ह?
— ांिसस बुकानन-हिम टन ने 1811-12 म
960. महाबोिध मंिदर प रसर बोधगया, गया को सां कितक वग म यूने को क िव िव यात सूची म कब
स मिलत िकया गया?
—2002 म
961. नालंदा महािवहार का पुराता वक थल यूने को क सां कितक वग क िव िवरासत सूची म कब
स मिलत िकया गया?
—2016 म
962. बरौनी थत उवरक इकाई को क ीय मंि मंडल ारा पुन ार क िलए िकसे िदया गया?
—िहदु तान फिटलाइजस कॉरपोरशन िलिमटड (HFCL)
963. देश म ित य यूनतम आय वाला रा य कौन सा ह?
—िबहार
964. माट िसटी िमशन क ि या वयन क िलए िबहार का सव थम कौन सा शहर चुना गया ह?
—भागलपुर
965. रा य सरकार क कल यय का िकतना ितशत िवकासा मक यय ह?
—70 ितशत
966. वष 2015-16 म रा य सरकार का िवकासा मक यय िकतने करोड़ पए का ह?
—78,077 करोड़
967. 11व पंचवष य योजना म चालू क मत पर सकल रा य घरलू उ पाद म वािषक वृ दर िकतना ह?
—20.7 ितशत
968. िव ीय वष 2014-15 म कर तथा सकल रा य घरलू उ पाद का अनुपात िबहार म िकतना ह?
—5.5 ितशत
969. वष 2016-17 म िबहार क कर राज व म सबसे अिधक 5.5 ितशत िह सा िकस कर का ह?
—िब या यापार कर
970. िब कर का अंश कल कर म िकतने ितशत का ह?
—47.2 ितशत
971. नफड (NAFED) क थापना िकस उ े य क पूित हतु क गई ह?
—किष उपज क िवपणन क िलए
972. ‘पयावरण सुर ा ऐ ट’ (Enviornment Protection Act–EPA) कब लागू आ?
—वष 1986
973. ‘रा ीय पयावरणीय अिधकरण ऐ ट’ (National Enviornment Tribunal Act.–NETA) कब अ त व म
आया?
—वष 1986
974. मू य-सूचकांक का उ े य िकसक प रवतन को नापना ह?
—मु ा क यश क
975. भारत म बीमा कारोबार क िविनयमन करनेवाली िनयामक सं था कौन ह?
—इरडा (IRDA)
976. माट गंगा िसटी योजना क अंतगत िबहार का कौन सा शहर स मिलत आ ह?
—पटना
977. 1 िसतंबर, 2016 को क सरकार ने िबहार म गंगा नदी म िस ट (गाद) का अ ययन करते ए िकसक
अ य ता म सिमित का गठन िकया गया ह?
—ए.क. िस हा सिमित
978. दलहन संकट से िनपटने क िलए 12 जुलाई, 2016 को िकसक अ य ता म िकसक सिमित गिठत क गई
ह?
—अरिवंद सु यम सिमित
979. िव ीय उ रदािय व एवं बजट बंधन अिधिनयम क पूण समी ा एवं सुझाव हतु 17 जुलाई, 2016 को
िकसक अ य ता म सिमित गिठत क गई?
—एन.क. िसंह सिमित
980. ि कट शासन म ाचार एवं िहत क टकराव पर सव यायालय ारा गिठत सिमित कौन ह
—आर.एम. लोढ़ा सिमित
981. अं योदय योजना क अंतगत ितमाह िकतने-िकतने िकलो ाम अनाज उपल ध कराया जाता ह?
—35 िक ा.
982. भारत िकस तरह क अथ यव था ह?
—िमि त
983. बंद अथ यव था (Closed economy) कौन सी अथ यव था ह?
— िजसम न तो िनयात, न आयात
984. िबहार म सावजिनक िवतरण णाली क दुकान क सं या िकतनी ह?
—42059
985. मानव िवकास सूचकांक िकस अथशा ी क देन ह?
—महबूब-उल-हक
986. मानव िवकास सूचकांक िकस सं था ारा बनाया गया ह?
—यू.एन.डी.पी. (UNDP)
987. िकसी अथ यव था को सावजिनक और िनजी े म िकस आधार पर वग कत िकया जाता ह?
—उ म का वािम व
988. जैसे-जैसे अथ यव था िवकिसत होती ह, रा ीय आय म तृतीयक े का अंश या होता ह?
—बढ़ता जाता ह
989. ‘ न का िस ांत’ (The theory of Drain) िकसने ितपािदत िकया था?
—दादा भाई नौरोजी
990. िहदू वृ दर िकससे संबंिधत ह?
—रा ीय आय से
991. भारतीय रजव बक क ारा नकद कोष अनुपात म कमी क जाती ह, तो इसका साख सृजन पर या भाव
होगा?
—वृ
992. भारतीय जीवन बीमा िनगम (LIC) क थापना कब ई?
—1956 म
उ र : देशी मांगुर
4. िकस मु लम शासक ने तीथया ा कर समा कर िदया था?
उ र : अकबर
5. अपनी पहली पु तक क िलए वष 2000 का ‘सािह य अकादमी पुर कार’ पानेवाले मैिथली लेखक का नाम या
ह?
उ र : साकतानंद क
6. लौह त व क अिधकता िकस िम ी म पाई जाती ह?
उ र : लाल-पीली िम ी
7. िकस िशलालेख म अशोक ने किलंग यु क हताहत का उ ेख िकया ह?
उ र : िशला राजादेश
8. िसख गु म िकनका ज म पटना म आ था?
उ र : गु गोिवंद िसंह
9. िकस िव ा क अनुसार किलंग यु का मु य कारण हािथय क े को ा करना था?
उ र : कौिट य
10. उदयपुर झील िबहार क िकस िजले म थत ह?
उ र : प. चंपारण
11. गंगानारायण हगामा िकस िव ोह को कहा जाता ह?
उ र : भूिमज िव ोह
12. ‘िबहार पशु िव ान िव िव ालय िवधेयक, 2016’ िकस िव ीय वष म अिधसूिचत िकया गया?
उ र : 2016-17
13. ि ंस ऑफ वे स िकस ितिथ को पटना आए थे?
उ र : 22 िदसंबर, 1921
14. संथाल परगना िजला क थापना कब क गई थी?
उ र : 30 नवंबर, 1856
15. रॉबट ाइव ने िकस भारतीय को िबहार का नायब दीवान िनयु िकया था?
उ र : िशताब राय
16. नेपाल एवं भारत म 1959 ई. म िकस प रयोजना क िलए समझौता आ था?
उ र : गंडक
17. िकस प रयोजना क तहत हनुमान नगर अवरोधक बाँध बनाया गया ह?
उ र : कोसी
18. ेतपुर, कोिट ाम, कशप व, िवशालानगरी आिद क नाम से िकस पाषाण थल को जाना जाता ह?
उ र : चेचर
19. िबहार पृ वी िदवस कब मनाया जाता ह?
उ र : 9 अग त
20. िकस पाल शासक ने नालंदा महािवहार को 200 ाम दान व प िदए थे?
उ र : धमपाल
Set-4
1. पाल वंश का तीय सं थापक िकस पाल शासक को कहा जाता ह?
उ र : मिहपाल
2. ितहार शासक व सराज एवं रा कट शासक धु्रव को परािजत करनेवाले पाल शासक का नाम या था?
उ र : धमपाल
3. भारत म तुक क आगमन का ारिभक इितहास िकस पु तक म ह?
उ र : तबकाते नािसरी
4. अकबर क समय म कानून बनाकर िकस था को िनिष कर िदया गया था?
उ र : सती था
5. शैफ खान क मदरसे (पटना) का िकस िस ईरानी या ी ने 1807 ई. म मण िकया था?
उ र : अहमद बहानी
6. िकस िस जमन शोधकता ने िमिथला िच कला पर शोधकाय िकया ह?
उ र : ऐ रक मथ
7. ‘किल का अंश’, ‘सव ांतक’, ‘दूसर परशुराम का अवतार’, ‘भागव’, ‘एकराट’ आिद िकस राजा को कहा
गया ह?
उ र : महाप नंद
8. मगध क राजधानी पाटिलपु से वैशाली थानांत रत करनेवाले राजा का नाम या था?
उ र : िशशुनाग
9. पाटिलपु को िकस राजा ने सव थम मगध क राजधानी बनाया?
उ र : उदाियन
10. िकस राजा ने पाटिलपु को बसाया था?
उ र : उि न
11. भ वा चौर िबहार क िकस िजले म थत ह?
उ र : सहरसा
12. तीय अफगान सा ा य क सं थापक क प म िकस शासक को जाना गया?
उ र : शेर खान
उ र : घाघरा (सरयू)
3. इ पुरी बराज का िनमाण 1968 ई. म िकस नदी पर िकया गया?
उ र : सोन नदी
4. ‘भारत का िसराज’ िकस नगर को कहा जाता था?
उ र : जौनपुर
5. िमिथला शैली म मछली क आकित िकसका तीक ह?
उ र : कामो ेजना
6. थम बौ सभा िकस नगर म आयोिजत क गई थी?
उ र : राजगीर
7. दामन थम क िविभ उपल धयाँ िकस अिभलेख म विणत ह?
उ र : जूनागढ़
8. अशोक को ‘बु शा य’ िकस अिभलेख म कहा गया ह?
उ र : मा क
9. अशोक को ‘ि यदश ’ िकस अिभलेख म कहा गया ह?
उ र : भा ू
10. पा नाथ ने गृह याग िकस आयु म िकया था?
उ र : 30 वष
11. रा यपाल रा पित से रा य म रा पित शासन क िसफा रश िकस अनु छद क तहत करता ह?
उ र : अनु छद 356
12. भारत क रा पित ारा रा ीय आपातकाल क घोषणा िकस अनु छद क अनुसार क जा सकती ह?
उ र : अनु. 352
13. िकस ंथ का संकलन तृतीय बौ संगीित म िकया गया ह?
उ र : अिभध मिपटक
14. बौ धम का िनयम िकस ंथ म ह?
उ र : िवनयिपटक
15. बौ धम क दाशिनक या या िकस ंथ म ह?
उ र : अिभध मिपटक
16. पहली बार महाजनपद क जानकारी िकस ंथ म िमलती ह?
उ र : अंगु र िनकाय एवं भगवती सू
17. िबहार म कािलदास िकस लोककिव को माना जाता ह?
उ र : िभखारी ठाकर
18. िबहार क सूबेदार द रया खान नूहानी ने िकस लोदी शासक क समय म िव ोह िकया?
उ र : इ ाहीम खान लोदी
19. िकस लेख से पता चलता ह िक अशोक ने मनु य और पशु क िलए अलग-अलग िचिक सालय क
थापना करवाई थी?
उ र : िगरनार लेख
20. िकसक सलाह से मंि प रष क अ य सद य क भी िनयु रा यपाल करते ह?
उ र : मु यमं ी
Set-7
1. बौ संघ म िकसी य क वेश क िलए यूनतम आयु िकतना वष िनधा रत था?
उ र : 15 वष
2. िबहार क दो मुख नेता कौन थे, जो ‘ह रजन सेवक संघ’ से जुड़ थे?
उ र : जगजीवन राम एवं जगलाल चौधरी
3. िबहार क िकस नेता क अ य ता म िबहार कां ेस कमेटी ने 9 मई, 1930 को ‘सिवनय अव ा आंदोलन’
चलाने का िनणय िलया?
उ र : अनु ह नारायण िसंह
4. िकस कानून क तहत 9 अग त, 1942 को डॉ. राज साद को िगर तार िकया गया था?
उ र : भारत र ा अिधिनयम
5. वतं ता सेनानी जु बा सहनी कहाँ क िनवासी थे?
उ र : चैनपुर, सीतामढ़ी
6. कशव साद िस हा का संबंध िकस ांितकारी ष यं से था?
उ र : गया ष यं
7. थम मु लम शासक िजसने िबहार को जीता था?
उ र : ब तयार िखलजी
8. िशशुनाग क मृ यु क बाद मगध का शासक कौन बना था?
उ र : कालाशोक
9. अशोक का कौशांबी लेख िकस रा य म थत ह?
उ र : उ र देश
10. 185 ई. म पाटिलपु पर िकस इडो-बै यन शासक ने आ मण िकया था?
उ र : िडमेि यस
11. इ तुतिमश क समय 1211 ई. म िकसने बंगाल पर अपनी स ा थािपत कर ितर त े से कर वसूलना ारभ
िकया था?
उ र : गयासु ीन
12. पटना यूिनविसटी से संबंिधत िबल कां ेस क िकस अिधवेशन म पा रत िकया गया था?
उ र : 1976, लखनऊ अिधवेशन
13. ‘होम ल आंदोलन’ क दौरान एनी बेसट िकस ितिथ को पटना आई थ ?
उ र : 18 अ ैल, 1918
14. चंपारण े म नहर िसंचाई क बदले िकसान से िलया जानेवाला कर का या नाम था?
उ र : पैन खच
15. ‘िखलाफत आंदोलन’ क म म िबहार म िकस ितिथ को हड़ताल का आयोजन िकया गया?
उ र : 19 माच, 1920
16. अ ैल, 1930 म ‘नमक आंदोलन’ म िबहार क िकस नेता ने गांधीजी क साथ भाग िलया था?
उ र : िग रवरधारी चौधरी (कारो बाबू
17. िबहार क ांितकारी नेता वैकठ शु कहाँ क रहनेवाले थे?
उ र : जलालपुर, वैशाली
18. अग त ांित क दौरान 9 अग त, 1942 को पटना म मिहला क जुलूस क नेतृ वक ी मिहला कौन थ ?
उ र : भगवती देवी
19. मुज फरपुर म िबहार साइिटिफक सोसायटी क थापना िकसक ारा क गई थी?
उ र : सैयद इमदाद अली
20. ‘चंदायन’ क रचनाकार कौन ह?
उ र : मु ा दाऊद
Set-8
1. िसंहसेन िकस शासक का एक अ य नाम था?
उ र : िबंदुसार
2. िबंबा, गोपा, भ क छा आिद िकस रानी का अ य नाम ह?
उ र : राजकमारी यशोधरा
3. िमिथला शैली म बाँस क आकित िकसका तीक ह?
उ र : वंशवृ
4. िबहार ांतीय कां ेस का दूसरा अिधवेशन िकसक य न से आ?
उ र : ी दीपनारायण िसंह
5. रा य म सव थम मानसून िकस किष उप-जोन म आता ह?
उ र : जोन-II
6. जय काश नारायण अंतरा ीय हवाई अ ा िबहार क िकस िजले म अव थत ह?
उ र : पटना
7. कोसल को अंितम प से मगध म िकसक शासन काल म िमला िलया गया था?
उ र : अजातश ु
8. चं गु मौय को ‘भारत का मु दाता’ िकससे मु िदलाने क कारण कहा जाता ह?
उ र : यूनािनय से
9. चूनापुर हवाई अ ा पूिणया िकस कार का हवाई अ ा ह?
उ र:र ा
10. ‘इिडका’ नामक पु तक िकसक रचना ह?
उ र : मेगा थनीज
11. बोधगया म थत बोिध मंिदर एवं ेनाइट िनिमत रिलंग क बार म सव थम जानकारी देनेवाले कौन थे?
उ र : किनंघम
12. मह वपूण ऐितहािसक पु तक ‘खुलासत-उत-तवारीख’ िकसक रचना ह?
उ र : महाराजा क याण िसंह
13. िबहार का शासक बनने क बाद ‘हजरत-ए-आला’ क पदवी िकसने धारण क थी?
उ र : शेरशाह
14. वैशाली थत िसंह तंभ क थापना िकसने क थी?
उ र : महान स ा अशोक
15. नालंदा िव िव ालय को जलाकर िकसने न कर िदया था?
उ र : ब तयार िखलजी
16. िकतने पयावरणीय संवेदनशील े को रा य सरकार ने व य जीव, जल प ी एवं पयावरण को संरि त करने
क िलए िनधा रत िकया ह?
उ र : 13
17. महावीर को ान क ा िकतने समय क कठोर तप या क बाद ई?
उ र : 12 वष
18. ि िटश शासन क दौरान भारत क हालात पर िकन ि िटश शासक ने िट पणी िलखी?
उ र : कथरीन मेयो, ए डस ह सले, चा स एं ज एवं िविलयम िड बी
19. भारतीय पुरात व िव ान का जनक िकनको कहते ह?
उ र : किनघंम
20. िकला-ए-कहना म जद का िनमाण िकसने और कहाँ करवाया था?
उ र : शेरशाह, िद ी
Set-9
उ र : सोन नदी
17. िहदी भाषा म िबहार का या अथ ह?
उ र : बौ मठ
18. िहदू धािमक मा यता क अनुसार िकस नदी को अपिव या अशुभ माना जाता ह?
उ र : कमनाशा नदी
19. िहदु तान फिटलाइजस िलिमटड क अधीन िन निलिखत नगर म से कहाँ उ ोग थािपत िकया गया ह?
उ र : बरौनी
20. िभखारी ठाकर का ज म कब और कहाँ आ था?
उ र : 1887 ई.; कतुबपुर (सारण)
Set-10
1. िपतृप म भ य और िवशाल मेला िकस थल पर लगता ह?
उ र : गया
2. िद ी-मेरठ तंभलेख पहले कहाँ था?
उ र : मेरठ
3. रयासत का तकारी अिधिनयम को अ य िकस अिधिनयम क नाम से जाना जाता ह?
उ र : बटाईदारी अिधिनयम
4. रजव बक क थापना कब ई थी?
उ र : 1935
5. थंका िच शैली क 109 िच िबहार रा य क िकस सं हालय म सुरि त ह?
उ र : पटना सं हालय, पटना
6. थंका शैली िकस कार क शैली ह?
उ र : ित बती शैली
7. िकस जनपद का अमा य िशशुनाग था?
उ र : काशी
8. िशशुनाग वंश का सव े शासक कौन था?
उ र : कालाशोक
9. िमिथला शैली म हस और मयूर क आकित िकसका तीक ह?
उ र : शांित
10. िस ाथ क गृह याग क समय उनक सारथी का या नाम था?
उ र : छदक
11. गृह याग क समय िस ाथ क अ का या नाम था?
उ र : कथक
12. िस ू और का को कहाँ फाँसी दी गई थी?
उ र : बरहट
13. िसख क दसव गु गोिवंद िसंह क ज मितिथ को कौन सा पव मनाया जाता ह?
उ र : काश पव
14. िसंिचत े म कषक धान क साथ िकस फसल का उ पादन करता ह?
उ र : गे
15. िसम रया मेला िबहार म कहाँ आयोिजत िकया जाता ह?
उ र : बरौनी
16. िव ापित क िपता का नाम या था?
उ र : गणपित ठाकर
17. िसतंबर, 2009 से ारभ अ र आँचल योजना का उ े य या ह?
उ र : मिहला सा रता को बढ़ाना
18. िछ म तका मंिदर, उ ौठ कहाँ थत ह?
उ र : मधुबनी
19. िद ी क राजग ी पर बैठनेवाला पहला िबहारी कौन था?
उ र : शेरशाह सूरी
20. िबहार म िकतनी बार रा पित शासन लागू आ ह?
उ र : आठ बार
Set-11
1. िद ी-मेरठ तंभलेख िकसक ारा िद ी लाया गया?
उ र : िफरोजशाह तुगलक
2. आजाद द ते का गठन िबहार म िकनक ारा िकया गया?
उ र : जय काश नारायण
3. िव णुपद मंिदर कहाँ थत ह?
उ र : गया
4. वष 2011-12 म िबहार क कल जनन दर िकतनी थी?
उ र : 3.5
5. िव का सबसे ऊचा कहा जानेवाला ‘िव शांित तूप’ िबहार म कहाँ ह?
उ र : राजगीर
6. िबहार िवधानसभा म पास होने क बाद धन िवधेयक को कहाँ पेश िकया जाता ह?
उ र : िवधानप रष
7. िव का थम लोकतांि क गणरा य कौन सा ह?
उ र : व संघ (वैशाली)
8. मुंगेर क बड़िहया टाल िवरोध का उ े य या था?
उ र : बका त भूिम क वापसी क माँग
9. िवधानसभा को भंग कौन कर सकता ह?
उ र : रा यपाल
10. िव मिशला महो सव िबहार म कहाँ आयोिजत िकया जाता ह?
उ र : भागलपुर
11. िवधानसभा अ य एवं उपा य को कम-से-कम िकतने िदन क पूव सूचना से लाए गए अिव ास ताव
को िवधानसभा म पास कराक पद से हटाया जा सकता ह?
उ र : चौदह
12. िव ापित क िस रचनाएँ िकस भाषा म ह?
उ र : मैिथली
13. िव िव यात सोनपुर मेला उ र िबहार म गंगा एवं गंडक नदी क संगम पर कब लगता ह?
उ र : काितक पूिणमा क िदन शु होकर लगभग एक माह तक
14. िव ापित को िश ा देने का काम िकसने िकया था?
उ र : ह रिम
15. िमिथला शैली म सूय और चं क आकितयाँ िकसक तीक ह?
उ र : जीवन
16. िसराजु ौला और अं ेज क बीच लासी का यु कब आ था?
उ र : 23 जून, 1757
17. कोसी प रयोजना से िकस एक रा य एवं िकस एक देश को लाभ होता ह?
उ र : िबहार और नेपाल
18. िव ालय क िलए म या भोजन योजना क शु आत कब क गई?
उ र : 15 अग त, 1995
19. िवभाजन क बाद िबहार का े फल िकतने वग िकलोमीटर रह गया?
उ र : 94,163 वग िकलोमीटर
20. िफरोज तुगलक ारा थािपत दारा-उल-सफा या था?
उ र : खैराती अ पताल
Set-12
उ र : कोसी
17. िचराँद का उ खनन िकस वष म आ?
उ र : 1962 ई.
18. िबहार म चकबंदी अिधिनयम िकस वष पा रत िकया गया था?
उ र : 1956 ई.
19. िचराँद छपरा से 11 िकलोमीटर दि ण-पूव म िकस नदी क तट पर थत ह?
उ र : गंगा नदी
20. रा य म िकस तर पर इ-िकसान भवन थािपत करने का ल य रखा गया ह?
उ र : खंड तर पर
Set-13
1. ित बती इितहासकार तारानाथ क अनुसार गोपाल िकस कल का था?
उ र : पुं वधन (बंगाल) बोगरा िजला क ि य कल
2. सात धारा से िमलकर बननेवाली नदी कौन सी ह?
उ र : कोसी
3. िजला िनयोजन एवं िवकास प रष का धान कौन होता ह?
उ र : िजला िवकास पदािधकारी
4. रा य म भूिम सुधार अिधिनयम िकस वष पा रत िकया गया?
उ र : 1950 ई.
5. िजला शासन का मुख कौन होता ह?
उ र : िजलािधकारी
6. रा य क कौन सी फसल, जो रबी क कार नह ह, फरवरी-माच म काटी जाती ह?
उ र : अरहर
7. िबहार म नलकप ारा सबसे अिधक िसंचाई िकस िजले म होती ह?
उ र : पटना
8. कौन सी नदी सोमे र क पहािड़य से िनकलती ह?
उ र : बूढ़ी गंडक
9. िबहार आनेवाला कौन सा या ी से यूकस का राजदूत था?
उ र : मेगा थनीज
10. िबहार रा य क दि णी सीमा से कौन सा रा य लगा आ ह?
उ र : झारखंड
11. िव मिशला गंगा डॉ फन अभयार य कब थािपत िकया गया?
उ र : 1990
12. करनाली िकस नदी का दूसरा नाम ह?
उ र : घाघरा
13. कौन से रा ीय राजमाग को ांड क रोड क नाम से जानते ह?
उ र : रा ीय राजमाग-2
14. िबहार म नहर से सबसे अिधक िसंचाई िकस िजले म होती ह?
उ र : रोहतास
15. िबहार म सा रता अिभयान कब आरभ आ था?
उ र : 1977 ई.
16. िकस िव िव ालय को िबहार का थम िव िव ालय होने का गौरव ा ह?
उ र : पटना िव िव ालय
17. िबहार पंचायत रा य अिधिनयम, 1993 म पंचायत रा य क तािवत संरचना िकतनी तरीय ह?
उ र : ि तरीय
18. िचराँद का नामकरण िकस शासक क नाम पर आ ह?
उ र : चेरो शासक
19. ‘गीता रह य’ क रचियता कौन ह?
उ र : बाल गंगाधर ितलक
20. लगुइ डांस शैली मु यतः िकस रा य से जुड़ी ई ह?
उ र : िबहार
Set-14
1. लोथल िकस स यता का एक बंदरगाह था?
उ र : हड़ पा
2. मगध का कौन सा राजा िसकदर महा का समकालीन था?
उ र : घनानंद
3. िकस मौय राजा ने द न िवजय क थी?
उ र : चं गु
4. कौिट य का संबंध िबहार क िकस िव िव ालय से था?
उ र : त िशला
5. िबहार िकतने रा य से िघरा आ ह?
उ र : तीन रा य
6. िन थी का या अथ ह?
उ र : बंधन से मु होना
7. िलंगानुपात क अनुसार देश म िबहार का कौन सा थान ह?
उ र : 25वाँ
8. िल छवी दौिह िकस गु शासक को कहा गया ह?
उ र : समु गु
9. हयक वंश का िबंिबसार या ेिणक िकस सा ा य का सं थापक था?
उ र : मगध सा ा य
10. भारत क महा योितषाचाय आयभ का िबहार क िकस नगर से गहरा संबंध रहा था?
उ र : पाटिलपु
11. उ र देश, िबहार तथा म य देश रा य क सीमा पर कौन सा जल पात थत ह?
उ र : दुगावती
12. सुयोधन िकस रा य क राजा थे?
उ र : किपलव तु
13. हयक वंश क बाद िकस वंश का मगध सा ा य पर शासन आ?
उ र : िशशुनाग वंश
14. गु युग म आयुवद क िस वै कौन थे?
उ र : धनवंत र
15. हयक वंश क अंितम शासक नागदशक क ह या िकसने क थी?
उ र : िशशुनाग
16. कनहर नदी पर कौन सा जल पात थत ह?
उ र : सुखलदरी
17. धुआँकड जल पात िकस नदी पर थत ह?
उ र : काव
18. चं गु मौय का िम , दाशिनक तथा मागदशक कौन था?
उ र : िव णुगु
19. हमचं गुजरात क िकस वंश क दरबार म रहनेवाला िव ा था?
उ र : चालु य
20. हजरत मिलक और शेख मखदूम शाह शफदीन क बड़ी दरगाह कहाँ थत ह?
उ र : नालंदा िजले म थत पीर पहाड़ी पर
Set-15
1. िकस िव ा क अनुसार किलंग यु का कारण यापार-वािण य क िलए समु ी तट ा करना था?
उ र : लनी
2. भीमबाँध अभयार य िकस िजले म अव थत ह?
उ र : मुंगेर
3. भारत क िकस रा य म िव क थम गिणत आयभ का ज म आ था?
उ र : िबहार
4. भारत क सबसे लंबी नदी गंगा िबहार म िकतने िकलोमीटर वािहत होती ह?
उ र : 445 िकलोमीटर
5. भारत का थम सा ा य कौन ह?
उ र : मगध सा ा य
6. भारत का सबसे बड़ा रलवे पुल ‘अ दुल बारी पुल’ िबहार म िकस नदी पर ह?
उ र : सोन नदी
7. िमिथला सं कत िव ापीठ कहाँ थत ह?
उ र : दरभंगा
8. ‘िमशन इ धनुष’ क शु आत िबहार म कब क गई?
उ र : 7 अ ैल, 2015
9. िबहार म सवािधक गित से वािहत होनेवाली कौन सी नदी ह?
उ र : बूढ़ी गंडक
10. हयक वंश का दूसरा शासक कौन था?
उ र : अजातश ु
11. देशर न डॉ. राज साद का ज म कब और कहाँ आ था?
उ र : 3 िदसंबर, 1884, जीरादेई (िसवान)
12. संिवधान क िकस अनु छद क अनुसार रा य मंि प रष क धान ‘मु यमं ी’ क िनयु रा यपाल करते
ह?
उ र : अनु छद 164
13. संिवधान क िकस अनु छद म रा य म िवधानसभा का ावधान ह?
उ र : अनु छद 170
14. भारत म 2015 क HDI रपोट क अनुसार िबहार िकस थान पर ह?
उ र : 21व
15. हाजीपुर भारतीय रल क िकस प र े (जोन) का मु यालय ह?
उ र : पूव -क ीय
16. भारत म 2015 क HDI रपोट क अनुसार पहले थान पर कौन रा य ह?
उ र : करल
17. भारत म िलखी गई फारसी भाषा क थम रचना कौन ह?
उ र : तबकाते नािसरी
18. भारत म सव थम जनगणना कब ई थी?
उ र : 1872
19. ‘वहाबी आंदोलन’ क नेतृ वकता कौन थे?
उ र : सैयद अहमद बरलवी (उ र देश)
20. भारत म जनगणना का ारभ िकस वायसराय क काल म आ?
उ र : लॉड मेयो
Set-16
1. लीची का सवािधक उ पादन िबहार क िकस िजले म होता ह?
उ र : मुज फरपुर
2. भारत िनमाण योजना क शु आत कब ई थी?
उ र : 2005
3. भारत सरकार अिधिनयम 1919 क ावधान क शु आत िबहार म कब क गई?
उ र : 29 अ ूबर, 1920
4. इितहास म कौन सा वंश िपतृहता वंश क प म जाना जाता ह?
उ र : हयक वंश
5. भारतीय कां ेस समाजवादी पाट क सिचव कौन बनाए गए थे?
उ र : जय काश नारायण
6. भूिम हदबंदी अिधिनयम कब लागू िकया गया?
उ र : 1961 ई.
7. भारतीय रा ीय कांगेस क थम अिधवेशन म िकतने ितिनिधय ने भाग िलया?
उ र : 72
8. भूप नारायण मंडल िव िव ालय कहाँ पर ह?
उ र : मधेपुरा
9. रलवे ने अपनी 150व वषगाँठ कब मनाई?
उ र : 2003
10. संिवधान क मूल ित को अंलकत करने का काय िकसने िकया था?
उ र : नंदलाल बोस
11. संिवधान क िकस अनु छद क अनुसार येक रा य क िवधानसभा क िलए एक अ य एवं एक उपा य
उ र : रोहतास
6. भारतीय कां ेस समाजवादी पाट क अ य कौन बनाए गए थे?
उ र : आचाय नर देव
7. भूिम सेना का गठन कब आ था?
उ र : 1979 ई.
8. िकस िम ी म चूना एवं ार क कमी पाई जाती ह?
उ र : खादर
9. ‘राजतरिगणी’ म क हण ने िकस रा य का वणन िकया ह?
उ र : क मीर
10. भगवा बु को ान क ा िकस नदी क िकनार ई थी?
उ र : िनरजना नदी
11. धान एवं गे क फसल क िलए कौन सी मृदा उपयोगी ह?
उ र : दोमट िम ी
12. ांड क सड़क क मर मत िकस राजा क ारा क गई थी?
उ र : शेरशाह शूरी
13. पा नाथ क अनुयायी या कहलाते थे?
उ र : िनगरथी
14. पयावरण एवं वन िवभाग क चार- सार एवं जनसंपक भाग ारा ितवष िकतने वन िदवस क आयोजन
का िनणय िलया गया ह?
उ र : 11
15. पयटन को बढ़ावा देने क िलए पयटन िवभाग ारा एक मानिच तैयार िकया गया ह, उसका नाम या ह?
उ र : ‘ए जन थू्र िबहार’
16. आ वषा या ह?
उ र : माच-अ ैल म होनेवाली वषा
17. पंचायत क चुनाव कराने हतु िनणय िकसक ारा िलया जाता ह?
उ र : रा य सरकार
18. पंचायती राज णाली क िजले म सव सं था कौन होती ह?
उ र : िजला प रष
19. ‘प रिशि पवण’ क रचना िकसक ारा क गई ह?
उ र : हमचं
20. प मी चंपारण थत रामपुरवा क खोज िकसक ारा क गई?
उ र : उदयन
16. पटना क गोलघर का िनमाण िकस गवनर जनरल क समय आ था?
उ र : वारन ह ट ज
17. ि वेणी नहर िबहार क िकस नदी प रयोजना का अंग ह?
उ र : गंडक
18. पाटिलपु क िकले का िनमाण िकस शासक ने करवाया था?
उ र : अजातश ु ने
19. गया क िव णुपद मंिदर का िनमाण िकसने करवाया था?
उ र : रानी अिह याबाई
20. पाल वंश का सं थापक कौन था?
उ र : गोपाल
Set-19
1. पाल वंश क िकस शासक को बंगाल क सामंत एवं आम जनता क ारा चुना गया था?
उ र : गोपाल
2. पु यिम शुंग ने िकस वंश क थापना क थी?
उ र : शुंग वंश
3. पु ष क ारा ी क वेशभूषा म िकया जानेवाला नृ य कौन सा ह?
उ र : पविड़या नृ य
4. पुनपुन नदी गंगा म िकस थान क समीप िमलती ह?
उ र : फतुहा क समीप
5. पुरानी जलोढ़ िम ी को अ य िकस नाम से जानते ह?
उ र : बाँगर िम ी
6. िबहार क िकतने ितशत े फल पर झारखंड रा य बना?
उ र : 42.35 ितशत
7. पूव -प मी गिलयारा क अंतगत िबहार से गुजरनेवाले कौन-कौन से रा ीय राजमाग आते ह?
उ र : NH-28 और NH-31
8. प थर क म जद का िनमाण कब और िकसक ारा करवाया गया था?
उ र : 1621 ई., परवेज शाह
9. पतीस वष क अव था म पीपल वृ क नीचे िकस क या क हाथ से तप या क 49व िदन खीर खाने क बाद
बु को ान क ा ई थी?
उ र : सुजाता
उ र : 44 िकलोमीटर
Set-21
1. पूव ि वेणी नहर क कल लंबाई िकतनी ह?
उ र : 293 िकलोमीटर
2. पटना उ यायालय क थम भारतीय मु य यायाधीश कौन थे?
उ र : सर फजल अली
3. याग तंभलेख को िकस शासक ने इलाहाबाद क िकले म रखवाया था?
उ र : अकबर
4. याग तंभलेख पहले कहाँ थत था?
उ र : कौशांबी
5. खंड शासन का मुख कौन होता ह?
उ र : खंड िवकास पदािधकारी
6. मंडल शासन क मुख कौन होते ह?
उ र : मंडलीय आयु
7. थम बौ संगीित क अ य ता िकसक ारा क गई थी?
उ र : महाक सप
8. भारत क िकस रा य ने सव थम अ पसं यक आयोग को वैधािनक अिधकार दान िकए?
उ र : िबहार
9. िबहार म िकसान सभा गठन क औपचा रक घोषणा कब ई थी?
उ र : 4 माच, 1928
10. मं ी पद हण करने से पूव िकसक स मुख पद एवं गोपनीयता क शपथ लेते ह?
उ र : रा यपाल
11. बौ धम म 12 च ह, इ ह या कहा गया ह?
उ र: ादश िनदान
12. थम मगध सा ा य का उ कष िकस शता दी म आ था?
उ र : ई.पू. छठी शता दी
13. पहली िबहार िवधानसभा का ोटम पीकर िकसे िनयु िकया गया?
उ र : डॉ. सि दानंद िस हा
14. पटना सं हालय क थम सं हालया य कौन िनयु ए थे?
उ र : बाबू शरदचं राय
15. थम िबहार िवधानसभा का अ य िकसे िनयु िकया गया?
उ र : ी रामदयालू िसंह
16. ीमती च वत देवी िकस शैली क मुख िच कार ह?
उ र : मंजूषा शैली
17. ीह र मंिदर सािहब गु ारा कहाँ ह?
उ र : पटना सािहब, पटना
18. थम शासक कौन था, िजसने शु चाँदी का पया चलाया?
उ र : शेरशाह
19. थम जैन संगीित क अ य ता िकसने क थी?
उ र : थूलभ
20. थम जैन संगीित का आयोजन कहाँ आ था?
उ र : पाटिलपु म
Set-22
1. पहली जैन संगीित का आयोजन िकसक शासन काल म आ था?
उ र : चं गु मौय
2. थम अं ेजी समाचार-प ‘द िबहार हरा ड’ का काशन िकसक ारा शु िकया गया था?
उ र : गु साद सेन
3. िस बौ िव ा सा रपु का ज म कहाँ आ था?
उ र : नालंदा
4. मैिथली किव िव ापित िकस दरभंगा नरश क दरबार म थे?
उ र : कित िसंह एवं िशव िसंह
5. चीनी या ी फािहयान ने मगध स ा चं गु मौय क राज ासाद को या कहा था?
उ र : देव िनिमत महल
6. ाचीन काल म मगध सा ा य क भाषा या थी?
उ र : मगही
7. भारत म सा ा य क शु आत और िवकास का ेय िकसे िदया जाता ह?
उ र : चं गु मौय
8. सेनिजत क िकस पु ी क साथ िववाह कर अजातश ु ने संघष को समा िकया था?
उ र : वािजरा
9. सेनिजत ने परािजत होने पर कहाँ शरण ली थी?
उ र : ाव ती
10. िबहार म िकस रपोट क िसफा रश क आधार पर युिनिसपल शासन को िजला शासन से पृथक िकया
गया?
उ र : मांट यू चे सफोड रपोट, 1919
11. िबहार म 23 वष क अंतराल क प ा पंचायती चुनाव िकस वष संप ए?
उ र : 2001
12. ‘रा ीय ामीण रोजगार गारटी योजना’ को संपूण देश म कब लागू िकया गया?
उ र : अ ैल, 2008
13. रणवीर सेना का गठन कब आ था?
उ र : 1994 ई.
14. रमेश स सेना का संबंध िकस खेल से ह?
उ र : िनशानेबाजी
15. ‘रिव मेहता शी ड’ िकस खेल से संबंिधत ह?
उ र : वॉलीबॉल
16. थम िबहार िवधानसभा चुनाव म कां ेस ने िकतनी सीट ा क थ ?
उ र : 98
17. थम िबहार िवधानसभा चुनाव म मु लम लीग ने िकतनी सीट ा क ?
उ र : 20
18. ीराम सटर नई िद ी का िनदेशक बननेवाले पहले िबहारी कौन थे?
उ र : संजय उपा याय
19. ीलंका सािह य क अनुसार शासक बनने से पूव अशोक कहाँ का गवनर था?
उ र : उ ैन
20. रा किव रामधारी िसंह िदनकर का ज म कब और कहाँ आ था?
उ र : 11 िसतंबर, 1908, िसम रया ाम (बेगूसराय)
Set-23
1. रा ीय बाघ ािधकरण ारा िकस वष वा मीिक या अभयार य क बंध का मू यांकन कराया गया?
उ र : वष 2014
2. रा ीय सम िवकास योजना का संबंध िकस े से ह?
उ र : रा य पथ का िनमाण
3. गंगा का उ री मैदान िबहार क िकतने े फल पर िव तृत ह?
उ र : 56980
4. रा ीय राजमाग-2 िकन दो थान को जोड़ता ह?
उ र : कोलकाता-िद ी
5. वा मीिक नेशनल पाक िबहार क िकस िजले म थत ह एवं इसक थापना कब क गई थी?
उ र : प मी चंपारण, 1989 ई.
6. रा ीय या संर ण ािधकरण ारा कमरा प प ित से 2014 म कराए गए सव ण क अनुसार वा मीिक
या अभयार य, प मी चंपारण म कल िकतने बाघ ह?
उ र : 28 बाघ
7. रा ीय वन नीित, 1988 क अनुसार िकसी देश क कल े फल का िकतने ितशत िह से पर वन होना
चािहए?
उ र : 33.33 ितशत
8. नालंदा िव िव ालय को जलाकर िकसने न कर िदया था?
उ र : ब तयार िखलजी
9. रा ीय व य ाणी प रष ारा जू सफारी कहाँ थािपत करने क योजना ह?
उ र : राजगीर
10. रा ीय जनसं या आयोग का गठन कब िकया गया?
उ र : 1978 ई.
11. NREGA का नाम कब प रवितत करक महा मा गांधी रा ीय ामीण रोजगार गारटी योजना कर िदया गया?
उ र : 2 अ ूबर, 2009
12. रणधीर वमा शी ड का संबंध िकस खेल से ह?
उ र : ि कट
13. गंगा क दि णी भाग म पुरानी जलोढ़ िम ी को िकस नाम से जाना जाता ह?
उ र : कटल-कवाल िम ी
14. खुदीराम बोस को मुज फरपुर बम कांड क कारण कहाँ िगर तार िकया गया?
उ र : पूसा रोड टशन, सम तीपुर
15. िबहार िवधानसभा क थम दिलत अ य कौन थे?
उ र : उदयनारायण चौधरी
16. राम जानक मंिदर िकस िजले म थत ह?
उ र : सीतामढ़ी
17. िबहार िवधानप रष क थम मिहला सभापित कौन थ ?
उ र : नईमा खातून
18. रामशरण शमा िकस े से संबंिधत ह?
उ र : इितहासकार
19. रामगढ़ कां ेस अिधवेशन क अ य ता िकसने क थी?
उ र : मौलाना अबुल कलाम आजाद
उ र : रा यपाल
14. िबहार क िकतने ितशत े फल पर नहर से िसंचाई क जाती ह?
उ र : 28.41 ितशत
15. िवधानमंडल ारा बनाए गए िकसी कानून को रा य म लागू करना िकसक िज मेवारी ह?
उ र : कायपािलका
16. रा य लोक सेवा आयोग क सद य क िनयु िकसक ारा क जाती ह?
उ र : रा यपाल
17. रा य मंि प रष िकसक ित उ रदायी होती ह?
उ र : िवधानसभा क ित
18. ‘िबहार टट शुगर कॉरपोरशन िलिमटड’ िबहार क िकस िजले म थत ह?
उ र : पटना
19. िबहार रा य अ पसं यक िव ीय िनगम क थापना िकस वष क गई थी?
उ र : 1983 ई.
20. मु लम लड़िकय को यावसाियक उ मुखीकरण और आिथक आ मिनभरता हतु रा य म कौन सी योजना का
ि या वयन िकया गया ह?
उ र : नर
Set-25
1. छपरा, चंपारण एवं रोहतास िजल म पाई जानेवाली जनजाित कौन सी ह?
उ र : गड
2. ख ड जनजाित क लोग का मु य यवसाय कौन सा ह?
उ र : किष
3. सबसे कम अनुसूिचत जाित क जनसं या वाला िजला िबहार म कौन सा ह?
उ र : िकशनगंज (6.6 ितशत)
4. िबहार क िबरहोर जनजाित क िनवास थल को या जाता ह?
उ र : टांडा
5. गया िजले म अनुसूिचत जाितय क जनसं या का ितशत िकतना ह?
उ र : 29.6 ितशत
6. िबहार रा य पुल िनमाण िनगम िलिमटड क थापना कब ई थी?
उ र : 11 जून, 1975
7. राजकमार शु क मृ यु कब और कहाँ ई थी?
उ र : 20 मई, 1929, मोितहारी
उ र : रा यपाल
3. िबहार म िकतने रल मंडल थत ह?
उ र : 4 (चार)
4. भगवा नरिसंह अवतार तंभ िबहार म कहाँ अव थत ह?
उ र : बनमनखी (पूिणया)
5. संिवधान क िकस अनु छद म रा यपाल क अिधकार का वणन िकया गया ह?
उ र : अनु छद 153 से 162 तक
6. रा य म सवािधक नगरीय जनसं या म वृ िकस िजले म ई?
उ र : बेगूसराय (426.89 ितशत)
7. िबहार म सवािधक अनुसूिचत जाित क जनसं यावाला िजला कौन सा ह?
उ र : गया (29.6 ितशत)
8. खुदाब श ओ रएंटल लाइ ेरी को संस ारा रा ीय मह व क सं था कब घोिषत िकया गया?
उ र : 1969 ई.
9. िबहार म िबहपुर क घटना का संबंध िकस आंदोलन से ह?
उ र : भारत छोड़ो आंदोलन से
10. राजकमार अजीम ने पटना का नाम बदलकर या रखा था?
उ र : अजीमाबाद
गया?
उ र : 9 टशन
6. शुंग वंश का अंितम शासक कौन था?
उ र : देवभूित
7. शुंग वंश क अंितम शासक क ह या िकसने क थी?
उ र : बसुिम
8. रा य म वष 2005 क अनुसार ज म दर िकतनी ह?
उ र : 30.4 ित हजार
9. रा य म यूनतम िलंगानुपातवाला िजला कौन सा ह?
उ र : भागलपुर
10. शेरशाह ने भूिम क माप क िलए कौन सा माप योग िकया?
उ र : िसंकदरी गज एवं सन क डडी
11. ान- ा क बाद महावीर या कहलाए?
उ र : कव य
12. ‘The Motherland’ नामक समाचार-प का काशन िकसने िकया?
उ र : मौलाना मजह ल हक
13. िबहार िवधानप रष क थम भारतीय अ य कौन थे?
उ र : डॉ. सि दानंद िस हा
14. िबहार क थम भारतीय गवनर कौन थे?
उ र : स य स िस हा
15. शुंग वंश क थापना कब और िकसने क ?
उ र : 185 ई.पू., पु यिम शुंग
16. शुंग वंश क थापना मौय वंश क िकस अंितम शासक क ह या कर क गई थी?
उ र : वृह थ
17. जय काश नारायण अपने सहयोिगय क साथ 9 नवंबर, 1942 को िकस जेल से फरार ए?
उ र : हजारीबाग जेल
18. ‘शतपथ ा ण’ क अनुसार िकसने आय सं कित का िव तार उ र िबहार तक िकया था?
उ र : माधव िवदेह
19. लोकनायक जय काश नारायण का ज म कब और कहाँ आ था?
उ र : 11 अ ूबर, 1902, िसताब िदयारा (सारण)
20. शेर खाँ का वा तिवक नाम या था?
उ र : फरीद
Set-28
1. शेर-ए-पंजाब क नाम से कौन मश र थे?
उ र : लाला लाजपतराय
2. शेरशाह का अ कोणीय मकबरा कब िनिमत आ था?
उ र : 1545 ई.
3. ान- ा क बाद बु या कहलाए?
उ र : बोिधस व
4. शेरशाह क मृ यु िकस आ नेयशा चलाते समय ई थी?
उ र:उ ा
5. ान- ा क बाद महावीर ने अपना थम उपदेश कहाँ िदया था?
उ र : राजगृह
6. शेरशाह का ज म कहाँ और कब आ था?
उ र : िद ी क िनकट पँजवाड़ा म; 1472 ई.
7. ान- ा क िकस वष बु वैशाली प चे, जहाँ िल छिवय ने उ ह कटा शाला नामक िवहार दान म िदया
था?
उ र : आठव
8. शेरशाह िकस अफगान सरदार का पौ था?
उ र : इ ाहीम खान सूर
9. ‘ ानपीठ पुर कार’ ा करनेवाला िबहार का पहला य कौन ह?
उ र : डॉ. रामधारी िसंह ‘िदनकर’
10. शेरशाह शासन म मुहािसलाना या था?
उ र : कर सं ह शु क
11. शेरशाह शासन म िवदेशी मामल क देख-रख कौन िवभाग करता था?
उ र : दीवान-ए-रसालत या दीवान-ए-मोहतिसब
12. छोटानागपुर का तकारी अिधिनयम कब लागू िकया गया?
उ र : 11 नवंबर, 1908
13. वष 1784 ई. म ीवलड क ह या िकसक ारा क गई?
उ र : ितलका माँझी
14. शेरशाह शासन म जरीबाना या था?
उ र : सव ण शु क
उ र : 2011 ई
5. सा रता क ि कोण से सवािधक सा र िजला कौन ह?
उ र : रोहतास (73.37 ितशत)
6. साँझी शैली िकस े क िच कला शैली ह?
उ र : उ र देश क ज े
7. सां यक िविध का योग करते ए ो. इनायत अहमद ने 1959 ई. म िबहार को कल िकतने किष देश म
िवभािजत िकया ह?
उ र : 12
8. कहलगाँव सुपर थमल पावर टशन क कल उ पादन मता िकतनी ह?
उ र : 2340 मेगावाट
9. साँची क महान तूप का िनमाण िकसने कराया था?
उ र : स ा अशोक
10. सबौर मेला िबहार म कहाँ आयोिजत िकया जाता ह?
उ र : भागलपुर
11. सािह यकार िशवपूजन सहाय का ज म कब आ था?
उ र : 9 अग त, 1893
12. सारण क िचराँद एवं वैशाली क चेचर से िकस युग क अवशेष ा ए ह?
उ र : नव तर युग
13. सारनाथ थत भारत का राजक य िच िकस तरह का तंभ ह?
उ र : िसंह शीष तंभ
14. सोमे र दरा, िभखना ठोरी दरा, मरवात दरा िकस पहाड़ी म थत ह?
उ र : सोमे र क पहाड़ी
15. सोमनाथ मंिदर िबहार क िकस िजले म थत ह?
उ र : मधुबनी
16. सौराठ मेला िबहार म कहाँ आयोिजत िकया जाता ह?
उ र : मधुबनी िजला
17. सोन कमांड ए रया ोजे ट का िनमाण कब िकया गया था?
उ र : 1874 ई.
18. सबसे कम सा र िजला कौन ह?
उ र : पूिणया (51.08 ितशत)
19. बाढ़ सुपर थमल पावर टशन रा य क िकस िजले म थत ह?
उ र : पटना
20. सबसे कम जनसं यावाला िजला कौन ह?
उ र : शेखपुरा (6,36,342)
Set-31
1. सोनपुर नगर िकस नदी क तट पर थत ह?
उ र : गंडक नदी
2. सोलह महाजनपद म कौन-कौन से महाजनपद िबहार म थत थे?
उ र : मगध, अंग एवं व
3. सबसे कम जनसं या घन ववाला िजला कौन ह?
उ र : कमूर (848 य ितवग िकलोमीटर)
4. सोलह वष क अव था म गौतम बु का िववाह िकससे आ था?
उ र : शा य गण क राजकमारी यशोधरा
5. कोसी जल-िव ुत क क थापना िकस थान पर क गई ह?
उ र : कटया
6. िबहार ि कट संघ का गठन कब आ?
उ र : 1937 ई.
7. वामी सहजानंद सर वती ने 1930 ई. म िकस सभा का गठन िकया था?
उ र : अिखल भारतीय संयु िकसान सभा
8. िबहार नवीन और नवीकरणीय ऊजा ोत क संव न नीित िकस वष लागू क गई थी?
उ र : 2071 ई.
9. सवािधक चिचत सािह यकार क प म योगे र िसंह िकस भाषा क सािह यकार ह?
उ र : मगही
10. रा य का सवािधक जनसं या घन ववाला िजला कौन ह?
उ र : मधेपुरा
11. सवािधक जनसं या वाला िजला कौन ह?
उ र : पटना (58,38,465)
12. लौ रया नंदनगढ़ मेला िबहार म कहाँ आयोिजत िकया जाता ह?
उ र : पूिणया
13. सवािधक अनुसूिचत जाित क जनसं या वाला िजला कौन ह?
उ र : गया (29.6 ितशत)
14. िबहार क िकस जंतु वै ािनक को ‘डॉ फन मैन’ क नाम से जाना जाता ह?
उ र : डॉ. आर.क. िस हा
15. वतं भारत क थम वन नीित िकस वष बनी थी?
उ र : 1952 ई.
16. भारतीय संिवधान क अनुसार िबहार का पहला आम चुनाव कब संप आ?
उ र : 1952 ई.
17. वतं भारत म पटना उ यायालय क थम मु य यायाधीश कौन थे?
उ र : यायमूित सर पड मनमोहन अ वाल
18. पटना िव िव ालय म ाचीन भारतीय इितहास एवं पुरात व िवभाग क थापना कब क गई?
उ र : 1949 ई.
19. वतं ता पूव िबहार म बड़ जम दार क राजनीितक श बचाने का या मा यम था?
उ र : आिथक थित
20. सोन नदी का उ म थल कहाँ ह?
उ र : अमरकटक
Set-32
1. वतं िबहार क पहले मु यमं ी कौन थे?
उ र : ीक ण िसंह
2. गांधीजी ने िकसे ‘देशभूषण’ क उपािध दी?
उ र : मौलाना मजह ल हक
3. िदनकरजी अपनी िकस रचना से रा किव क प म िति त ए?
उ र : रणुका
4. देश म सव िश ा अिभयान कब ारभ आ?
उ र : 2001
5. सव थम मगध क िकस शासक ने िग र ज (राजगृह) क अित र वैशाली को भी अपनी राजधानी बनाया?
उ र : िशशुनाग
6. अशोक क िशलालेख का सव थम िकसने और कब अथ प िकया था?
उ र : जे स ि ंसेप, 1837 ई.
7. िस सूय कड कहाँ थत ह?
उ र : राजगीर
8. सु िस आलोचक मैनेजर पांडय का ज म कब और कहाँ आ था?
उ र : 23 िसतंबर, 1941, लोहटी गाँव (गोपालगंज)
9. अशोक क रा यारोहण क बाद िकस वष सुदामा गुफा का िनमाण िकया गया था?
उ र : बारहव वष
10. सुदामा गुफा का दूसरा नाम या ह?
उ र : य ोध गुहा
11. ‘सु िपटक’ का संकलन िकसक ारा िकया गया ह?
उ र : आनंद
12. अरब या ी सुलेमान ने पाल वंश को या कहा ह?
उ र : ‘ हया’
13. स ोकोटस से चं गु मौय क पहचान िकसने क ?
उ र : िविलयम ज स
14. सैयद अहमद बरलवी का ज म कब और कहाँ आ था?
उ र : 1776 ई., उ र देश क रायबरली
15. िकस वष सैयद अहमद बरलवी ने पटना का दौरा िकया था?
उ र : 1821 ई.
16. सट जोसेफ चच, बाँक पुर कहाँ थत ह?
उ र : पटना
17. िव यात सेवक राम एवं लास लाल िकस शैली क िच कार ह?
उ र : पटना कलम
18. सेन वंश क थापना िकसने क थी?
उ र : ल मण सेन
19. दशमलव णाली का आिव कार सव थम िकस गिणत ने िकया था?
उ र : आयभ
20. से यूकस क िकस पु ी का िववाह चं गु मौय से आ था?
उ र : हलेना
Set-33
1. से यूकस ने िकस राजदूत को चं गु मौय क दरबार म भेजा था?
उ र : मेगा थनीज
2. से यूकस ने दहज क प म कौन-कौन से ांत चं गु मौय को िदए थे?
उ र : हरात, कधार, मकरान तट, काबुल
3. स 1857 क ांित म िबहार का नेतृ व िकसने िकया था?
उ र : कवर िसंह ने
4. सं यासी बैकठ शु का ज म कहाँ आ था?
उ र : भागलपुर राजमहल
20. वतं भारत क पहले भारतीय गवनर जनरल कौन थे?
उ र : राज गोपालाचारी
Set-34
1. उड़ीसा-िबहार िवधानप रष क थम सभापित कौन थे?
उ र : सर वा टर मांड
2. िनधनता क माप क िलए िनरपे ितमान का सव थम योग िकसने िकया?
उ र : आर वायड (1945 ई.)
3. उदयपुर व य जीव अभयार य कहाँ थत ह?
उ र : प मी चंपारण
4. सापेि क गरीबी को मापने क िलए दो िविधयाँ कौन-कौन सी ह?
उ र : लॉरज व िविध एवं िगनी गुणांक िविध
5. िगनी गुणांक िविध का ितपादन िकसने िकया?
उ र : कोरडो िगनी (1912 ई.)
6. उदयन अपने िपता अजातश ु क शासन काल म कहाँ का रा यपाल था?
उ र : चंपा
7. उदू शायरी म िबहार का नाम रौशन करनेवाले शाह अजीमाबादी का ज म कब और कहाँ आ था?
उ र : 1846 ई., पटना
8. डच ई ट इिडया कपनी ारा गोदाम क प म पटना कॉलेज क थापना कब क गई?
उ र : 1853 ई.
9. उ यायालय को अिभलेख यायालय िकस अनु छद म कहा गया ह?
उ र : अनु. 215
10. उड़ीसा-िबहार िवधानप रष कब अ त व म आई?
उ र : 7 फरवरी, 1921
11. उ र से दि ण िबहार क लंबाई िकतनी ह?
उ र : 345 िकलोमीटर
12. लोकनायक जय काश नारायण क जीवनी पर आधा रत पु तक ‘जय काश’ क लेखक कौन ह?
उ र : रामवृ बेनीपुरी
13. उ र-नवपाषाण काल से संबंिधत साम ी िबहार क िकस थान से िमली ह?
उ र : िचराँद (सारण)
14. उ री गंगा क मैदान म ाकितक प से जलम न िन न भू-भाग को या कहा जाता ह?
उ र : चौर या मन
15. िबहार म सवािधक जनसं या वृ दर िकस दशक म ई?
उ र : 1971-81 (24.16 ितशत)
16. िबहार म सबसे कम अनुसूिचत जाित क जनसं या ितशत वाला िजला कौन ह?
उ र : िकशनगंज (66 ितशत)
17. भारत म िनधनता रखा क िनधारण का पहला आिधका रक यास योजना आयोग ारा कब िकया गया?
उ र : जुलाई, 1962
18. ‘द िबहार हरा ड’ का काशन िकनक ारा िकया गया था?
उ र : गु साद सेन (1875 ई.)
19. छठी सदी ईसा पूव मगध म िकस धातु का भंडार था?
उ र : लौह
20. योजना आयोग ारा देश म िनधनता क माप क िलए ो. डी.टी. लकड़ावाला क अ य ता म एक िवशेष
दल का गठन कब िकया गया?
उ र : 1989 ई.
Set-35
1. दि ण िबहार म वािहत होनेवाली गंगा क सबसे लंबी सहायक नदी कौन ह?
उ र : सोन नदी
2. दि णी गंगा क मैदान का ढाल िकस ओर ह?
उ र : दि ण से उ र क ओर
3. दीवान-ए-वजारत का धान या कहलाता था?
उ र : वजीर
4. ‘दांडी माच’ म गांधीजी क साथ िबहार क िकस नेता ने भाग िलया था?
उ र : िग रवरधारी चौधरी उफ ‘कारो बाबू’
5. दाएँ से बाएँ िलखी जानेवाली िलिप कौन ह?
उ र : खरो ी िलिप
6. दशरथ माँझी कौशल िवकास योजना क शु आत िबहार म कब क गई?
उ र : जून 2013
7. छोटानागपुर का तकारी कानून कब पा रत आ?
उ र : 1908 ई.
8. छोटानागपुर पठार और गंगा क दि ण मैदान क िमलन े म पाई जानेवाली िम ी का नाम या ह?
उ र : बलथर िम ी
उ र : 1932 ई. म
12. तराई देश म ऊबड़-खाबड़ भूिम क कारण िकस कार क ब तयाँ अिधक पाई जाती ह?
उ र : क ण ब तयाँ
13. ‘तारीखे-ए-शेरशाही’ क लेखक कौन ह?
उ र : अ बास खाँ शेरवानी
14. तसर का उ पादन मु य प से िकस िजले म होता ह?
उ र : भागलपुर
15. तुक आ मण क जानकारी िकस सािह यक ोत से िमलती ह?
उ र : िफरदौसी क रचना ‘शाहनामा’
16. तुगलक काल म िबहार क राजधानी कहाँ थी?
उ र : िबहारशरीफ
17. तेऊर नहर िकस नदी से िनकाली गई ह?
उ र : गंडक
18. तेलहार झरना िकस िजले म अव थत ह?
उ र : रोहतास
19. चाँदी का पया जारी करनेवाला थम शासक कौन था?
उ र : शेरशाह
20. जय काश नारायण को अ य िकस नाम से जाना जाता था?
उ र : लोकनायक
Set-41
1. 2001-11 क जनगणना क अनुसार सवािधक नगरीय जनसं या वृ वाला िजला कौन ह?
उ र : बेगूसराय
2. जय काश नारायण ने िकस पाट क थापना क थी?
उ र : िबहार सोशिल ट पाट
3. जय भा जननी िशशु आरो य ए स ेस योजना क शु आत िबहार म कब क गई?
उ र : 1 मई, 2012
4. जम दारी उ मूलन एवं िबचौिलए क समा संबंधी कानून कब बनाया गया?
उ र : 1950 ई.
5. जहाँगीर ने 1621 ई. म िकस राजकमार को िबहार का रा यपाल िनयु िकया था?
उ र : राजकमार परवेज
6. जरासंध क िपता का या नाम था?
उ र : वृह थ
7. जापान क िकस शहर म हासेगावा क सहयोग से िमिथला सं हालय बनाया गया ह?
उ र : तोकामांची
8. जाड़ क िदन म िकसक कारण िबहार म वषा होती ह?
उ र : पछवा िव ोभ
9. जवाहरलाल नेह मेिडकल कॉलेज, िबहार म कब और कहाँ थािपत िकया गया?
उ र : भागलपुर (1971)
10. जवाहरलाल नेह नगर नवीकरण िमशन (JNNURM) क शु आत कब क गई?
उ र : िदसंबर, 2005
11. जैिनय ने परम त व क या या क िलए िकस याय क क पना क ह?
उ र : स भंग
12. जैन एवं बौ ंथ चं गु मौय को िकस ि य वंश से संबंिधत मानते थे?
उ र : मो रय
13. िबहार क थम िसंचाई प रयोजना कौन सी ह?
उ र : सोन ब ेशीय प रयोजना
14. जैन धम क 12व तीथकर वसुपू य क ज म थली कहाँ थी?
उ र : चंपा (भागलपुर)
15. 24व तीथकर महावीर वामी का ज म कहाँ आ था?
उ र : कड ाम
16. भगवा महावीर ने जैन धम क पाँच िनयम म िकस िनयम को जोड़ा?
उ र : चय
17. जैन धम क थम तीथकर कौन थे, िज ह जैन धम का सं थापक कहा जाता ह?
उ र : ऋषभदेव (आिदनाथ)
18. िबहार म सव थम नगरपािलका क थापना कहाँ क गई?
उ र : आरा
19. िबहार क थम महाकिव िक ह कहा जाता ह?
उ र : िव ापित
20. जैन धम म िकतने तीथकर ए ह?
उ र : चौबीस
Set-42
1. िबहार क िकस नगर म आकाशवाणी का थम क थािपत आ था?
उ र : पटना (1948)
2. जैन सािह य क बारह अंग क रचना िकसने क थी?
उ र : थूलभ
3. ‘आगम ंथ’ िकस सं दाय से संबंिधत ह?
उ र : जैन सं दाय
4. िबहार म दूरदशन का थम क कहाँ थािपत िकया गया था?
उ र : मुज फरपुर (1978)
5. जैन अनु ुित क अनुसार चं गु मौय ने कहाँ अपने ाण यागे थे?
उ र : वण बेलगोला (मैसूर)
6. जैन धम का ाचीन और िस मंिदर कमलदह कहाँ थत ह?
उ र : पटना
7. जनसं या घन व क ि कोण से िबहार का थान या ह?
उ र : थम
8. जनसं या क ि से िबहार का देश म कौन सा थान ह?
उ र : तीसरा
9. िबहार रा य दूषण िनवारण प रष का गठन िकस वष िकया गया था?
उ र : 1947 ई.
10. जननी एवं बाल सुर ा योजना को िबहार म कब से लागू िकया गया?
उ र : 1 जुलाई, 2006
11. जय काश रोजगार गारटी योजना िकस वष ारभ क गई थी?
उ र : 2002
12. जगजीवन टिडयम कहाँ पर थत ह?
उ र : खगौल
13. जलालगढ़ िकला कहाँ थत ह?
उ र : पूिणया
14. खादर िम ी को अ य िकस नाम से जाना जाता ह?
उ र : नई जलोढ़ िम ी
15. यूनतम जनसं या घन ववाला िजला कौन सा ह?
उ र : कमूर
16. िबहार म इिदरा गांधी आयुिव ान क कहाँ थत ह?
उ र : पटना
उ र : 1939 ई.
12. नव नालंदा महािवहार को िव िव ालय का दजा कब िदया गया?
उ र : 13 नवंबर, 2006
13. नवरग कला मंच कहाँ थत ह?
उ र : ब सर
14. नवादा क िनकट अफसढ़ गाँव से िकस गु कालीन शासक का पाषाण अिभलेख ा आ ह?
उ र : आिद यसेन
15. नचारी राग व लगनी राग का सृजन िकसने िकया था?
उ र : किव िव ापित
16. सव थम िबहार क तीन खंड म सम वत बाल िवकास प रयोजना कब ारभ क गई?
उ र : 2 अ ूबर, 1975
17. सुपर ताप िव ुत प रयोजना कहाँ थत ह?
उ र : बाँका
18. िकन दो निदय क संगम पर नेपाली मंिदर, हाजीपुर थत ह?
उ र : गंगा और गंडक
19. नेपाली सािह य क अनुसार शासक बनने से पूव अशोक कहाँ का गवनर था?
उ र : त िशला
20. नेशनल काउिसल ऑफ एजुकशन क थापना कब ई?
उ र : 15 अग त, 1905
Set-44
1. नेतरहाट आवासीय िव ालय क तज पर िकस थान पर आवासीय िव ालय क थापना क गई ह?
उ र : िसम तुला
2. िबहार क िकस थान पर ‘इिडयन इ टी यूट पर हडलूम ट ोलॉजी’ क थापना क गई?
उ र : िकशनगंज
3. नूहािनय क पतन क बाद अफगान श का पुन थान िकसक नेतृ व म आ था?
उ र : शेरशाह
4. अ ांशीय ि कोण से िबहार कक रखा क िकस ओर थत ह?
उ र:उ र
5. अंिबका मंिदर कहाँ थत ह?
उ र : आमी (छपरा)
6. अंग महाजनपद क राजधानी कहाँ थी?
उ र : चंपा
7. िबहार म िसगरट का एकमा कारखाना कहाँ थत ह?
उ र : मुंगेर
8. अं ेज ारा भारतीय को 1947 म स ा ह तांत रत िकए जाने क समय कांगे्रस क अ य कौन थे?
उ र : जे.बी. कपलानी
9. अं ेज ारा कषक से हल क बदले 3 पए सालाना िलया जानेवाला कर या था?
उ र : बेठमाफ
10. रयत क मर जाने क बाद अं ेज ारा उनक संपि ह तांतरण क िलए उ रािधकारी से िलया जानेवाला कर
या कहलाता था?
उ र : बपहीपुतही
11. ि िटशकाल म नहर क पानी से िसंचाई क बदले िलया जानेवाला कर या था?
उ र : पैन खच
12. अ दुल बारी पुल िकस नदी पर थत ह?
उ र : सोन
13. िबहार म थम चीनी िमल क थापना कब और कहाँ ई थी?
उ र : 1903, मरहौरा
14. लाहौर ष यं कस म सरकारी गवाह बननेवाले फण घोष को ांितका रय ने मारने का िज मा िकसको
स पा था?
उ र : बैकठ शु
15. िबहार रा य िव ुत प रष क थापना िकस वष ई थी?
उ र : 1958
16. अकबर ने िमिथला क राजपूत नरश को 1574 ई. म परािजत कर िकस मैिथल ा ण को उस े म राज व
वसूलने का अिधकार िदया था?
उ र : महश ठाकर
17. अकबर ने अपने िकस सेनापित को छोटानागपुर क राजा बैरीसाल क िखलाफ भेजा था?
उ र : शाहबाज खान
18. अंपायर गोराबोस का संबंध िकस खेल से ह?
उ र : ि कट
19. अिखल भारतीय िकसान सभा क थम स क अ य ता िकसक ारा क गई थी?
उ र : वामी सहजानंद सर वती
20. अिखल भारतीय टरड यूिनयन कां ेस क िकस स मेलन म पं. जवाहरलाल नेह ने भाग िलया तथा इसक
अ य ता क थी?
उ र : झ रया स मेलन
Set-45
1. अिहरौली मंिदर कहाँ थत ह?
उ र : ब सर
2. रा य अिभषेक क िकस वष अशोक ारा लुंिबनी क या ा क गई और वहाँ का भूिम कर घटाकर 1/8 कर
िदया गया?
उ र : बीसव वष
3. ‘अिभध म िपटक’ का संकलन िकसक ारा िकया गया ह?
उ र : मोगिलपु ित स
4. अिभनव जयदेव क नाम से िकसे जाना जाता ह?
उ र : िव ापित
5. अथववेद म ‘ ा य’ श द का योग िकस रा य क लोग क िलए िकया गया ह?
उ र : मगध
6. जनजाितय ारा जोती जानेवाली भूिम को ‘अथशा ’ म या कहा गया ह?
उ र : सीता भूिम
7. अथशा म िकस फसल को िनक बताया गया ह?
उ र:ग ा
8. वीर कवर िसंह टिडयम िबहार म िकस थान पर थत ह?
उ र : आरा
9. अथशा म िकतने तीथ (िवभाग) का उ ख
े िमलता ह?
उ र : 18 तीथ (िवभाग) का
10. तीथ (िवभाग) क अ य को ‘अथशा ’ म या कहा गया ह?
उ र : महामा
11. िबहार रा य खेल प रष का गठन िकस वष आ था?
उ र : 1961
12. िबहार म िवधानप रष क सद य क कल सं या िकतनी ह?
उ र : 75
13. रा य म िवधानसभा क सद य क कल सं या िकतनी ह?
उ र : 243
14. िबहार म रा यसभा क सद य क कल सं या िकतनी ह?
उ र : 16
4. ओदंतपुरी, नालंदा, िव मिशला एवं सोमापुर िवहार क थापना का ेय िकस पाल शासक को जाता ह?
उ र : धमपाल एवं देवपाल
5. आजीवक सं दाय क सं थापक कौन थे?
उ र : म खली गोसाल
6. रा य म आलू का सवािधक उ पादन करनेवाला िजला कौन ह?
उ र : नालंदा
7. 80 वष क अव था म बु क मृ यु िकस वष ई थी?
उ र : 483 ई.पू.
8. अफगान द रया खान नूहानी क मृ यु 1523 ई. म होने क बाद िकसने िबहार को वतं रा य घोिषत कर िदया
था?
उ र : मोह मद शाह नूहानी (बहार खान)
9. िबहार सरकार ारा पयटन को िकस वष एक उ ोग क प म मा यता दान क गई थी?
उ र : 1987
10. अजातश ु का उपनाम या था?
उ र : किणक
11. अजातश ु िकस धम का अनुयायी था?
उ र : जैन धम
12. कौन शासक अजातश ु क ह या कर मगध सा ा य का शासक बना?
उ र : उदयन
13. अजातश ु क साथ ेम-संबंध क िलए चिचत नतक आ पाली कहाँ क थी?
उ र : वैशाली
14. भगवा नरिसंह अवतार तंभ (बनमनखी) िबहार क िकस िजले म थत ह?
उ र : पूिणया
15. िबहार क िकस जनजाित को लड़ाक जनजाित कहा जाता ह?
उ र : खरवार
16. अजातश ु ने िकस रा य क साथ यु म थम बार ‘रथमूसल’ तथा ‘महािशलाकटक’ नामक हिथयार का
योग िकया था?
उ र : िल छवी
17. अजातश ु ने अपने शासन क िकस वष म गौतम बु क महाप रवाण क प ा उनक अवशेष पर राजगृह
म तूप का िनमाण करवाया था?
उ र : दसव वष
18. अजगैबीनाथ का मंिदर कहाँ थत ह?
उ र : सु तानगंज, भागलपुर
19. अनुमंडल शासन का मुख कौन होता ह?
उ र : अनुमंडल पदािधकारी
20. िबहार का कौन सा प ी िवहार उ र भारत का सबसे बड़ा प ी िवहार ह?
उ र : कशे र प ी िवहार
Set-48
1. रा य म अनुसूिचत जनजाितय का िलंगानुपात िकतना ह?
उ र : 929
2. अनुसूिचत जनजाितय म सबसे कम िलंगानुपातवाला िजला कौन ह?
उ र : पटना (726)
3. गंडक नदी को अ य िकस नाम से जाना जाता ह?
उ र : सदानीरा
4. गंगा क मैदान का े फल िकतना ह?
उ र : 90650 वग िकलोमीटर
5. गौतम बु को कहाँ क िड य और 5 ा ण िमले थे?
उ र : उ वेला (बोधगया)
6. गौतम बु को कहाँ ान ा आ था?
उ र : बोधगया
7. अं योदय योजना कब ारभ क गई?
उ र : 2000
8. िबहार रा य म अ पूणा योजना क शु आत कब ई?
उ र : 1 अ ैल, 2001
9. अ ापूणा मंिदर कहाँ थत ह?
उ र : पटना
10. अटल पुन ीवन एवं नगर पांतरण िमशन (अमृत) योजना क शु आत कब क गई?
उ र : 29 अ ैल, 2016
11. अग त, 2016 म 12व नगर िनगम क प म िकसे मा यता दी गई?
उ र : छपरा
12. िबहार िश ा प रयोजना मु यतः िकससे संबंिधत ह?
उ र : ाथिमक िश ा एवं ौढ़ सा रता
13. अलारकलाम िकस दशन क िव ा थे?
उ र : सां य दशन
14. अलाउ ीन िखलजी क आ मण क समय देविग र का शासक कौन था?
उ र : रामचं देव
15. अलीगढ़ मु लम िव िव ालय क शाखा कहाँ खोलने का िनणय िलया गया ह?
उ र : िकशनगंज
16. नवादा क अपसढ़ से एक मंिदर का भ नावशेष ा आ ह। इसक दीवार पर कौन सा कथा- य अंिकत
ह?
उ र : रामायण
17. िबहार म लँगड़ा आम क िलए कौन सा िजला िस ह?
उ र : मुज फरपुर
18. गया थत हवाई अ को अंतरा ीय हवाई अ का दजा कब ा आ?
उ र : 2002
19. भारतीय रा ीय कां ेस क गया अिधवेशन क अ य कौन थे?
उ र : देशबंधु िचतरजन दास
20. गयासु ीन तुगलक क बंगाल अिभयान क समय ितर त का शासक कौन था?
उ र : ह रिसंहदेव
Set-49
1. गृह याग क िकतने समय बाद महावीर ने व याग िदया?
उ र : 13 माह बाद
2. गंडक िकसक सहायक नदी ह?
उ र : गंगा
3. अनुसूिचत जनजाितय म सबसे कम सा रता दर वाला िजला कौन ह?
उ र : लखीसराय (12.9 ितशत)
4. अनुसूिचत जनजाितय म सा रता दर का ितशत िकतना ह?
उ र : 28.2 ितशत
5. िबहार क कल े फल का िकतना ितशत गंगा का मैदान ह?
उ र : 96.27 ितशत
6. गंगा का मैदान िकस सागर का अवशेष ह?
उ र : टिथस सागर
7. िबहार म बौ बननेवाला थम शासक कौन था?
उ र : िबंिबसार
8. गंगा क मैदान म सवािधक गहर जलोढ़ का िन ेप िकस जगह क पास पाया जाता ह?
उ र : पटना क आसपास
9. गंगा डॉ फन रसच सटर म भारत सरकार का िकतना ितशत िह सा ह?
उ र : 30 ितशत
10. गौतम बु क िपता का या नाम था?
उ र : राजा सुयोधन
11. गौतम बु क िश ा एवं धम उपदेश िकस ंथ म संकिलत ह?
उ र : सु िपटक
12. गरम सोत क िलए सु िस ऐितहािसक थल िबहार क िकस थान पर ह?
उ र : राजगीर
13. गहड़वाल वंश क शासक गोिवंदचं क मनेर ता प म िकस कर क चचा िमलती ह?
उ र : तु कदंड
14. ‘गीतगोिवंद’ क लेखक जयदेव िकसक दरबार म रहते थे?
उ र : ल मण सेन
15. गौतम बु व य जीव अभयार य कहाँ थत ह?
उ र : गया
16. गांधीजी का ‘चंपारण स या ह’ िकससे जुड़ा था?
उ र : ितनकिठया
17. गांधीजी ने चंपारण म सबसे पहले 16 अ ैल, 1917 को कहाँ का दौरा िकया?
उ र : जसौली प ी
18. गोपाल क बाद पाल वंश का कौन शासक बना?
उ र : धमपाल (770-810 ई.)
19. गौतम ऋिष क प नी अह या क नाम पर िकस मंिदर का नामकरण िकया गया ह?
उ र : अिहरौली मंिदर
20. गौतम बु क माता िकस कल क थ ?
उ र : कौशल क कोलीय कल
Set-50
1. गौतम बु का पालन-पोषण िकसक ारा िकया गया था?
उ र : मौसी एवं सौतेली माँ जापित गौतमी
2. गौतम बु का ज म िकस कल म आ था?
उ र : किपलव तु क शा य कल म
उ र : 1875 ई. म
19. गु गोिवंद िसंह का ज म कब आ था?
उ र : 26 िदसंबर, 1666
20. िबहार क िकस िजले म पशु आहार लांट थािपत िकया गया ह?
उ र : खगिड़या
Set-51
1. गु गोिवंद िसंह का ज म कहाँ आ था?
उ र : त त ी हरिमंदर सािहब, पटना
2. गु ारा हाँ ी सािहब कहाँ थत ह?
उ र : दानापुर
3. गौतम बु का ज म थान िकसक ारा अंिकत िकया जाता ह?
उ र : कमल का फल
4. गौतम बु को 29 वष क अव था म पु क ा ई, उसका नाम गौतम बु ने या रखा था?
उ र : रा ल
5. गु काल क समय क ा अिभलेख क भाषा और िलिप या ह?
उ र : सं कत भाषा और िलिप ा ी
6. गुजरात क किव सोढ़दश ने 11व सदी म अपनी िकस रचना म धमपाल को उ र का वामी कहा ह?
उ र : ‘उदयसुंदरी’
7. गुलाम वंश का थम शासक कौन था?
उ र : कतुबु ीन ऐबक
8. गगेिटक डा फन अभयार य िकस िजले म अव थत ह?
उ र : भागलपुर
9. ग ा िवकास काय म क शु आत िकस िव ीय वष म िबहार सरकार ारा क गई?
उ र : वष 2012-13
10. ी म ऋतु म िबहार का सबसे गरम िजला कौन रहता ह?
उ र : गया
11. नीरजानंद सर वती ने िबहार योगा भारती जो गंगा दशन िव योगपीठ प रसर, मुंगेर म थत ह, क थापना
िकस वष क थी?
उ र : 1994 ई.
12. ी मकाल म चलनेवाली गरम हवा को िबहार म या कहा जाता ह?
उ र : लू
45. प रिश
(Appendix)
प रिश -I
भौगोिलक
कल े फल—94,163 वग िकलोमीटर
भारत क कल े फल का ितशत—2.86 ितशत
अ ांशीय िव तार—21°58′10″N – 27°31′15″N
देशांतरीय िव तार—82°19′50″E–88°17′40″E
लंबाई (उ र से दि ण) —345 िकलोमीटर
चौड़ाई (पूरब से प म) —483 िकलोमीटर
समु तल से औसत ऊचाई—173 फ ट (53 मीटर)
रा य क चौह ी—उ र म नेपाल, दि ण म झारखंड, पूरब म प म बंगाल,प म म उ र देश
जलवायु—उ ण मानसूनी
औसत वािषक वषा—109 सटीमीटर
सवािधक े पर ाकितक वन पित—पणपाती वन/मानसूनी वन
सवािधक वषा वाला िजला—िकशनगंज
यूनतम वषा वाला िजला—औरगाबाद
जनसं या (2011) —10,40,99,452
रा ीय जनसं या म ितशत—8.58 ितशत
पु ष—5,42,71,857
मिहला—4,98,21,295
ामीण—9,23,41,436
नगरीय—1,17,58,016
घन व—1102
सा रता—61.80
पु ष सा रता—71.20
मिहला सा रता—51.50
िलंगानुपात—916
राजभाषा—िहदी
तीय राजभाषा—उदू
रा य थापना िदवस—22 माच
राजक य पशु—बैल
राजक य प ी—घरलू गौरया
राजक य वृ —पीपल
राजक य िच —बोिधवृ (दो व तक क बीच)
राजक य पु प—गदा
सारणी-I
निदय क िकनार अव थत िबहार क मुख नगर
नगर—नदी
पटना—गंगा
मुज फरपुर—बूढ़ी गंडक
छपरा—गंगा
हाजीपुर—गंडक
सम तीपुर—बूढ़ी गंडक
गया—फ गु
भागलपुर—गंगा
दरभंगा—बागमती
खगिड़या—बूढ़ी गंडक
जहानाबाद—दरधा
बेितया—बूढ़ी गंडक
सारणी-II
िबहार क निदयाँ—उनक उ म थल एवं संगम/मुहाना
नदी : गंगा
उ म थल : गंगो री िहमनद का गोमुख (उ राखंड)
गं ारऋिषकड—मुंगेर
भरारीकड—मुंगेर
पंचतरकड—मुंगेर
अ नकड—गया
सारणी-IV
िबहार क मुख जल पात क थित
जल पात का नाम : ककोलत
नदी : कोडरमा पठार से उतरनेवाली धारा
थान/िजला : ककोलत (नवादा)
जल पात का नाम : सुखलदरी
नदी : कनहर
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : धुआँकड (30 मीटर)
नदी : काव, धोबा
थान/िजला : ताराचंडी (रोहतास)
जल पात का नाम : दुगावती (खादर कोह) (80 मीटर)
नदी : दुगावती
थान/िजला : छानपापर (रोहतास)
जल पात का नाम : िजआरखुंड
नदी : फलव रया
थान/िजला : िजआरखुंड (भोजपुर)
जल पात का नाम : तमासीन
नदी : महाने
थान/िजला : —
जल पात का नाम : खुआरी दाह (180 मीटर)
नदी : असाने
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : रािकमकड
नदी : गायघाट
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : ओखारीनकड (90 मीटर)
नदी : गोपथ
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : सुआरा (120 मीटर)
नदी : पूव सुआरा
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : देवदारी (58 मीटर)
नदी : कमनाशा
थान/िजला : रोहतास पठार (रोहतास)
जल पात का नाम : तेलहरकड (80 मीटर)
नदी : प म सुआरा
थान/िजला : रोहतास पठार (रोहतास)
सारणी-V
िबहार क मुख जल िनम न (आ ) भूिम (Wetland) (झील/चौर/मन/
गोखुर झील)
जल िनम न (आ ) भूिम : काँवर झील
थित : मँझौल
िजला : बेगूसराय
जल िनम न (आ ) भूिम : कशे र थान झील
ितिथ : 16 िसतंबर
मांक : 9
मह वपूण िदवस : व य ाणी स ाह
ितिथ : 02-09 अ ूबर
मांक : 10
मह वपूण िदवस : िव पशु क याण िदवस
ितिथ : 4 अ ूबर
मांक : 11
मह वपूण िदवस : डॉ फन िदवस
ितिथ : 5 अ ूबर
सारणी-VII
िबहार क मुख खिनज
खिनज— थान
पायराइट—अमझोर एवं बंजारी (रोहतास)
बॉ साइट—खड़गपुर (मुंगेर), बंजारी (रोहतास)
िटन—देवराज एवं ककखंड (गया)
ेफाइट—िसमुलत ा (जमुई)
अ क—गया, नवादा, जमुई, बाँका
सेलखड़ी—गया, मुंगेर, नवादा
चीनीिम ी—मुंगेर, भागलपुर
ेनाइट, ए बे टस—मुंगेर
डोलोमाइट—रोहतास
लेट, िसिलका—मुंगेर
यूरिनयम—गया, नवादा
शोरा—सारण, गोपालगंज, सीवान, वैशाली, मुज फरपुर
सोना—मुंगेर
फायर े—भागलपुर
बे रयल—नवादा
पे ोिलयम—प मी चंपारण, सहरसा, पूिणया, िकशनगंज
सारणी-VIII
िबहार म हवाई राजमाग
.सं. : 1
नाम : जय काश नारायण अंतरा ीय हवाई अ ा
थान : पटना
कार : अंतरा ीय
.सं. : 2
नाम : गया अंतरा ीय हवाई अ ा
थान : गया
कार : अंतरा ीय
.सं. : 3
नाम : भागलपुर हवाई अ ा
थान : भागलपुर
कार : घरलू
.सं. : 4
नाम : दरभंगा हवाई अ ा
थान : दरभंगा
कार : र ा
.सं. : 5
नाम : जोगबनी हवाई अ ा
थान : जोगबनी
कार : घरलू
.सं. : 6
सारणी-X
भूकप भािवत जोन क अंतगत स मिलत िजले
जोन : जोन-V
भूकप क ती ता (MSK) : IX
िजले का नाम : पूिणया, अर रया, िकशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, मधुबनी, िशवहर
जोन : जोन-IV
भूकप क ती ता (MSK) : VIII
िजले का नाम : प मी चंपारण, पूव चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, मुज फरपुर, वैशाली, सम तीपुर,
बेगूसराय, खगिड़या, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, भागलपुर, किटहार, पटना, नालंदा
जोन : जोन-III
भूकप क ती ता (MSK) : VII
िजले का नाम : गया, औरगाबाद, रोहतास, कमूर, ब सर, भोजपुर, जहानाबाद, अरवल, नवादा तथा जमुई और
सारणी-XI
िबहार क मुख भूकप
.सं. : 1
वष : 26 अग त, 1838
भािवत े : िबहार, नेपाल
.सं. : 2
वष : 15 जनवरी, 1934
भािवत े : नेपाल, िबहार, (पूिणया, चंपारण, मुंगेर, मधुबनी, दरभंगा, अर रया, िकशनगंज)
.सं. : 3
वष : 25 अ ैल, 2015
भािवत े : िबहार, नेपाल
.सं. : 4
वष : 5 िदसंबर, 2015
भािवत े : िबहार, नेपाल
सारणी-XII
वन उ पाद पर आधा रत उ ोग
उ ोग—क
िसजीन ग एवं ग ा उ ोग—सम तीपुर, दरभंगा
लाईवुड उ ोग—हाजीपुर, बेितया, पटना, मुज फरपुर
क था उ ोग—बेितया
रशम उ ोग—भागलपुर
सारणी-XIII
फसल ित प जोन
फसल ित प जोन : जोन-I
फसल : धान-गे , धान-राई, धान-आलू, धान-म ा, म ा-गे , म ा-आलू, म ा-राई, धान-मसूर, धान-
अलसी (तीसी)
मुख िजले : प मी चंपारण, पूव चंपारण, सीवान, सारण, सीतामढ़ी, िशवहर, मुज फरपुर, वैशाली, मधुबनी,
दरभंगा, सम तीपुर, गोपालगंज, बेगूसराय
फसल ित प जोन : जोन-II
फसल : जूट-गे , जूट-आलू, जूट-उड़द, जूट-सरस , धान-गे -मूँग, धान-तो रया
मुख िजले : पूिणया, किटहार, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, खगिड़या, अर रया, िकशनगंज
फसल ित प जोन : जोन-III
फसल : धान-गे , धान-चना, धान-मसूर, धान-राई
मुख िजले : शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, भागलपुर, बाँका, रोहतास, भोजपुर, ब सर, भभुआ, अरवल,
पटना, नालंदा, नवादा, जहानाबाद, औरगाबाद, गया
सारणी-XIV
फसल क कार
सारणी-XV
िबहार क मुख फसल तथा उ पादन े
फसल—उ पादन े
सारणी-XVI
फसल उ पादन म िबहार का भारत म थान
फसल— थान
धान—चौथा
गे —छठा
तंबाक—तीसरा
जूट—दूसरा
ितलहन—सातवाँ
लीची— थम
आम— थम
जौ—दूसरा
म आ— थम
शहद— थम
मखाना— थम
म ा—तीसरा
सारणी-XVII
सारणी-XVIII
िबहार म नदी अंतसबंधन योजना
निदय का नाम : बूढ़ी गंडक-नून-वाया-गंगा
लाभ ा करनेवाले िजले : सम तीपुर, बेगूसराय, खगिड़या
उपल ध : 1.26 लाख ह टयर िसंचाई मता का सृजन
निदय का नाम : सकरी-नाटा नदी
लाभ ा करनेवाले िजले : नवादा, नालंदा, शेखपुरा
उपल ध : 68 हजार ह टयर िसंचाई मता का सृजन
निदय का नाम : कोसी-मेची
लाभ ा करनेवाले िजले : अर रया, सहरसा, सुपौल, िकशनगंज, पूिणया
उपल ध : 2.11 लाख ह टयर िसंचाई मता का सृजन
प रिश -II
सारणी-I
बौ संगीित
संगीित : थम
वष : 483 ई.पू.
थान : राजगृह क स पण गुफा
अ य : महाक यप
शासक : अजातश ु
मुख काय : सुत एवं िवनय िपटक का संकलन
संगीित : तीय
वष : 383 ई.पू.
थान : वैशाली
अ य : सवकामी
शासक : कालाशोक
मुख काय : थिवर एवं महासांिघक म िवभाजन
संगीित : तृतीय
वष : 249 ई.पू.
थान : पाटिलपु
अ य : मौगिलपु ित य
शासक : अशोक
मुख काय : अिभध मिपटक का संकलन
संगीित : चतुथ
वष : 95 ई.
थान : कडलवन (क मीर)
लेखक : वसुबंधु
िववरण : —
बौ सािह य : ा पारिमता
लेखक : नागाजुन
िववरण : इसम शू यवाद का िस ांत िदया गया ह।
बौ सािह य : अकतोमाया
लेखक : नागाजुन
िववरण : —
बौ सािह य : लिलत िव तार
लेखक : वसुिम
िववरण : इसे लाइट ऑफ एिशया कहते ह।
बौ सािह य : िवभाषा सू
लेखक : वसुिम
िववरण : —
बौ सािह य : स दरानंद
लेखक : अ घोष
िववरण : इसम बु क सौतेले भाई स दरानंद क बौ धम हण करने का वणन ह।
बौ सािह य : बु चर
लेखक : अ घोष
िववरण : इसे बौ धम का महाका य कहते ह।
बौ सािह य : दीपवंश
लेखक : —
िववरण : ीलंका का इितहास ह।
बौ सािह य : महावंश
सारणी-III
जैन संगीित
संगीित : थम
वष : 322-298 ई.पू.
थान : पाटिलपु
अ य : थूलभ
शासक : चं गु मौय
मुख काय : 12 अंग का संकलन तथा ेतांबर और िदगंबर दो सं दाय म िवभाजन
संगीित : तीय
वष : 512 ई.
थान : व भी
अ य : देवािध -मा वण
शासक : —
मुख काय : जैन धम क िस ांत को अंितम प से िलिपब िकया गया।
सारणी-IV
बु कालीन (छठी सदी ई.पू.) 16 महाजनपद
मांक : 1
महाजनपद : काशी
राजधानी : वाराणसी
वतमान थित : उ र देश
मांक : 2
महाजनपद : कोसल
राजधानी : अयो या एवं ाव ती
वतमान थित : उ र देश
मांक : 3
महाजनपद : अंग
राजधानी : चंपा
वतमान थित : िबहार
मांक : 4
महाजनपद : मगध
राजधानी : राजगृह या िग र ज
वतमान थित : िबहार
मांक : 5
महाजनपद : व
राजधानी : वैशाली
वतमान थित : िबहार
मांक : 6
महाजनपद : म
राजधानी : उ री म —कशीनगर, दि णी म —पावापुरी
वतमान थित : उ र देश एवं िबहार
मांक : 7
महाजनपद : चेिद
राजधानी : श मती
वतमान थित : पंजाब
मांक : 8
महाजनपद : व स
राजधानी : कौशांबी
वतमान थित : उ र देश
मांक : 9
महाजनपद : पु
राजधानी : इ थ
वतमान थित : ह रयाणा
मांक : 10
महाजनपद : पांचाल
राजधानी : उ री पांचाल—अिह छ , दि णी पांचाल—का प य
वतमान थित : पंजाब
मांक : 11
महाजनपद : म य
राजधानी : िवराट नगर
वतमान थित : राज थान
मांक : 12
महाजनपद : शूरसेन
राजधानी : मथुरा
वतमान थित : प मी उ र देश
मांक : 13
महाजनपद : अ मक
राजधानी : पाटन/पोतन
वतमान थित : आं देश
मांक : 14
महाजनपद : अवंित
राजधानी : उ री अवंित—उ ैन, दि णी अवंित—मिह मती
वतमान थित : म य देश
मांक : 15
महाजनपद : गांधार
राजधानी : त िशला
वतमान थित : अफगािन तान
मांक : 16
महाजनपद : कबोज
राजधानी : हाटक
वतमान थित : अफगािन तान
सारणी-V
अशोककालीन मौय ांत
मांक : 1
ांत : उ रापथ
राजधानी : त िशला
राजधानी क अव थित : अफगािन तान
मांक : 2
ांत : दि णापथ
राजधानी : वणिग र
सारणी-VI
भारतीय पुरात व सव ण क ारा िबहार म सुरि त घोिषत मारक
.:1
सुरि त मारक : पातालपुरी गुफा
ाम/ थल : प थरघ ा पहाड़ी
िजला : भागलपुर
.:2
सुरि त मारक : िशलामूित समूह
ाम/ थल : प थरघ ा पहाड़ी
िजला : भागलपुर
.:3
सुरि त मारक : िव मिशला महािवहार क अवशेष
ाम/ थल : अंितचक, ओ रयप
िजला : भागलपुर
.:4
सुरि त मारक : िशला मंिदर
ाम/ थल : कहलगाँव, िव मिशला महािवहार से सटा
िजला : भागलपुर
.:5
सुरि त मारक : अशोककालीन तर तंभ
ाम/ थल : लौ रया अरराज
िजला : पूव चंपारण
.:6
सुरि त मारक : अशोककालीन िसंह शीषयु तर तंभ
ाम/ थल : लौ रया नंदनगढ़
िजला : प मी चंपारण
.:7
सुरि त मारक : अशोककालीन दो तर तंभ क अवशेष
ाम/ थल : रामपुरवा
िजला : प मी चंपारण
.:8
सुरि त मारक : वैिदक शवाधान थल पर का टीला
ाम/ थल : मरिहया
िजला : प मी चंपारण
.:9
सुरि त मारक : बौ तूप
ाम/ थल : ताजपुर (कस रया)
िजला : पूव चंपारण
. : 10
सुरि त मारक : िकले क अवशेष, तालाब और अवशेष
ाम/ थल : सागरडीह
िजला : पूव चंपारण
. : 11
सुरि त मारक : िकले क अवशेष
ाम/ थल : चान क गढ़
िजला : प मी चंपारण
. : 12
सुरि त मारक : िकले क अवशेष एवं तूप
ाम/ थल : मरिहया
िजला : प मी चंपारण
. : 13
सुरि त मारक : वैिदक शवाधान टीला
ाम/ थल : लौ रया नंदनगढ़
िजला : प मी चंपारण
. : 14
. : 20
सुरि त मारक : शमशेर खाँ का मजार
ाम/ थल : शमशेर नगर
िजला : औरगाबाद
. : 21
सुरि त मारक : ाचीन गढ़
ाम/ थल : कक हार
िजला : गया
. : 22
सुरि त मारक : राजा िवशाल का गढ़
ाम/ थल : बसाढ़
िजला : वैशाली
. : 23
सुरि त मारक : जामा म जद
ाम/ थल : हाजीपुर
िजला : पटना
. : 24
सुरि त मारक : पुराता वक थल
ाम/ थल : क हरार
िजला : पटना
. : 25
सुरि त मारक : पुराता वक थल
ाम/ थल : बुलंदीबाग
िजला : पटना
. : 26
सुरि त मारक : उ खिनत पुराता वक थल ( तूप सिहत)
ाम/ थल : हरपुर बसंत
िजला : वैशाली
. : 27
सुरि त मारक : छोटी पहाड़ी का टीला
ाम/ थल : छोटी पहाड़ी
िजला : पटना
. : 28
सुरि त मारक : पाँच टीले का समूह
ाम/ थल : पहाड़ी डीह
िजला : पटना
. : 29
सुरि त मारक : मूितय का समूह
ाम/ थल : दितयाना
िजला : पटना
. : 30
सुरि त मारक : िकले क दीवार
ाम/ थल : राजगृह
िजला : नालंदा
. : 31
सुरि त मारक : राजगृह क सभी पुराता वक थल, मारक एवं मूितयाँ
ाम/ थल : राजगृह
िजला : नालंदा
. : 32
सुरि त मारक : उ खिनत अवशेष
ाम/ थल : नालंदा गाँव
िजला : नालंदा
. : 33
सुरि त मारक : मिलक इ ाहीम बया का मजार
ाम/ थल : िबहारशरीफ
िजला : नालंदा
. : 34
सुरि त मारक : बु मूित
ाम/ थल : जगदीशपुर
िजला : नालंदा
. : 35
सुरि त मारक : मखदूम शाह दौलत मनेरी एवं इ ाहीम खान क मजार
ाम/ थल : मनेर
िजला : पटना
. : 36
सुरि त मारक : ाचीन लकड़ी क बनी मौयकालीन दीवार क अवशेष
ाम/ थल : संदलपुर
िजला : पटना
. : 37
सुरि त मारक : मीर अशरफ िनिमत जामा म जद
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
. : 38
सुरि त मारक : ाचीन अवशेष
ाम/ थल : घोर कटोरा
िजला : नालंदा
. : 39
सुरि त मारक : ाचीन तालाब
ाम/ थल : मनेर
िजला : पटना
. : 40
सुरि त मारक : ाचीन नगर, ाचीन भ नावशेष एवं अ य सभी ाचीन थल
ाम/ थल : माँझी
िजला : सारण
. : 41
सुरि त मारक : हसन शाह क मजार
ाम/ थल : सासाराम नगर
िजला : रोहतास
. : 42
सुरि त मारक : शेरशाह सूरी क मजार
ाम/ थल : सासाराम नगर
िजला : रोहतास
. : 43
सुरि त मारक : अशोक का िशलालेख
ाम/ थल : च दन शहीद पहाड़ी
िजला : रोहतास
. : 44
सुरि त मारक : ाचीन गढ़
ाम/ थल : रोहतास पहाड़ी
िजला : रोहतास
. : 45
सुरि त मारक : ब तयार खाँ क मजार
ाम/ थल : मिलक सराय (चैनपुर)
िजला : भभुआ
. : 46
सुरि त मारक : मुंड री का ाचीन मंिदर
ाम/ थल : पवरा (रामगढ़)
िजला : भभुआ
. : 47
सुरि त मारक : अशोक तंभ और तूप
ाम/ थल : को आ
िजला : मुज फरपुर
. : 48
सुरि त मारक : िशव मंिदर
ाम/ थल : क च
िजला : गया
. : 49
सुरि त मारक : एका म तंभ
ाम/ थल : लाट
िजला : जहानाबाद
. : 50
सुरि त मारक : नागरी िलिप म िलखा िशला-अिभलेख
ाम/ थल : सासाराम नगर क ताराचंडी मंिदर क िनकट
िजला : रोहतास
. : 51
सुरि त मारक : ाचीन टीला
ाम/ थल : ब सर नगर
िजला : ब सर
. : 52
सुरि त मारक : ाचीन भ नावशेष एवं मूितयाँ
ाम/ थल : िखजर सराय क िनकट कौआडोल
िजला : जहानाबाद
. : 53
सुरि त मारक : डॉ. राज साद का पैतृक घर
ाम/ थल : जीरादेई
िजला : सीवान
सारणी-VII
पुरात व िनदेशालय, िबहार सरकार ारा सुरि त घोिषत मारक
.:1
सुरि त मारक : गोलघर
ाम/ थल : पटना
िजला : पटना
.:2
सुरि त मारक : अगमकआँ
ाम/ थल : गुलजारबाग
िजला : पटना
.:3
सुरि त मारक : बेगू हजाम क म जद
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
.:4
सुरि त मारक : जैन मंिदर
ाम/ थल : कमलदह, गुलजारबाग
िजला : पटना
.:5
सुरि त मारक : दो खी ितमा
ाम/ थल : ककड़बाग
िजला : पटना
.:6
सुरि त मारक : छोटी पटनदेवी
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
.:7
सुरि त मारक : शेरगढ़ िकला
ाम/ थल : स जी बाजार, सासाराम
िजला : रोहतास
.:8
सुरि त मारक : अलावल खाँ का मकबरा
ाम/ थल : सासाराम
िजला : रोहतास
.:9
सुरि त मारक : सूय मंिदर कदाहा
ाम/ थल : महवारा, मिहषी
िजला : सहरसा
. : 10
सुरि त मारक : कटरागढ़
ाम/ थल : मुज फरपुर
िजला : मुज फरपुर
. : 11
सुरि त मारक : नेपाली मंिदर
ाम/ थल : हाजीपुर
िजला : वैशाली
. : 12
सुरि त मारक : खेरी (पुराता वक थल)
ाम/ थल : शाहकड
िजला : भागलपुर
. : 13
सुरि त मारक : जलालगढ़ िकला
ाम/ थल : कसबा
िजला : पूिणया
. : 14
सुरि त मारक : आरा हाउस
ाम/ थल : आरा
िजला : भोजपुर
. : 15
सुरि त मारक : चौसागढ़
ाम/ थल : नरवतपुर
िजला : ब सर
. : 16
सुरि त मारक : दाऊद खाँ का िकला
ाम/ थल : दाऊदनगर
िजला : औरगाबाद
. : 17
सुरि त मारक : रामिशला पवत
ाम/ थल : गया नगर
िजला : गया
. : 18
सुरि त मारक : िव णुपद मंिदर
ाम/ थल : गया नगर
िजला : गया
. : 19
सुरि त मारक : ेतिशला पवत
ाम/ थल : बहादुर िबगहा, पहाड़ ंखला
िजला : गया
. : 20
सुरि त मारक : योिन पहाड़ी
ाम/ थल : गया
िजला : गया
. : 21
सुरि त मारक : हजारीमल पुरानी धमशाला
ाम/ थल : बेितया
िजला : बेितया
सारणी-VIII
िबहार क नवीनतम िच त पुराता वक थल
थल : जमालु ीन चक
िजले का नाम : पटना
थल : अ धाना
िजले का नाम : नालंदा
थल : एकसारा
िजले का नाम : नालंदा
थल : प तान नवटोली
िजले का नाम : मधुबनी
थल : लो रकडीह
िजले का नाम : दरभंगा
थल : राज प रसर
िजले का नाम : दरभंगा
थल : राजनगर
िजले का नाम : मधुबनी
थल : भौरगगढ़ही
िजले का नाम : मधुबनी
थल : कालीमंिदर
िजले का नाम : गया
थल : उमगा
िजले का नाम : औरगाबाद
थल : चक
िजले का नाम : दरभंगा
थल : महशीया
िजले का नाम : सीतामढ़ी
प रिश -III
सारणी-I
िबहार क मु यमं ी
वतं ता से पहले िबहार क मु यमं ी
.:1
मु यमं ी : मोह मद यूनुस
कब से : 01.04.1937
कब तक : 19.07.1937
.:2
मु यमं ी : ी क ण िसंह
कब से : 20.07.1937
कब तक : 31.10.1939
.:3
मु यमं ी : ी क ण िसंह
कब से : 02.04.1946
कब तक : 28.04.1952
सारणी-II
वतं ता क बाद िबहार क मु यमं ी
.:1
मु यमं ी : ी क ण िसंह
कब से : 24.04.1952
कब तक : 31.01.1961
.:2
मु यमं ी : दीप नारायण िसंह (कायवाहक)
कब से : 01.02.1961
कब तक : 18.02.1961
.:3
मु यमं ी : िबनोदानंद झा
कब से : 18.02.1961
कब तक : 02.10.1963
.:4
मु यमं ी : क ण ब भ सहाय
कब से : 02.10.1963
कब तक : 05.03.1967
.:5
मु यमं ी : महामाया साद िस हा
कब से : 05.03.1967
कब तक : 28.01.1968
.:6
मु यमं ी : सतीश साद िसंह (कायवाहक)
कब से : 28.01.1968
कब तक : 01.02.1968
.:7
मु यमं ी : िबंदे री साद मंडल
कब से : 01.02.1968
कब तक : 22.03.1968
.:8
मु यमं ी : भोला पासवान शा ी
कब से : 22.03.1968
कब तक : 29.06.1968
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 29.06.1968
कब तक : 26.01.1969
.:9
मु यमं ी : सरदार ह रहर िसंह
कब से : 26.02.1969
कब तक : 22.06.1969
. : 10
मु यमं ी : भोला पासवान शा ी
कब से : 22.06.1969
कब तक : 04.07.1969
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 04.07.1969
कब तक : 16.02.1970
. : 11
मु यमं ी : दारोगा साद राय
कब से : 16.02.1970
कब तक : 22.12.1970
. : 12
मु यमं ी : कपूरी ठाकर
कब से : 22.12.1970
कब तक : 02.06.1971
. : 13
मु यमं ी : भोला पासवान शा ी
कब से : 02.06.1971
कब तक : 09.01.1972
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 09.01.1972
कब तक : 19.03.1972
. : 14
मु यमं ी : कदार पांडय
कब से : 19.03.1972
कब तक : 02.07.1973
. : 15
मु यमं ी : अ दुल गफर
कब से : 02.07.1973
कब तक : 11.04.1975
. : 16
मु यमं ी : डॉ. जग ाथ िम
कब से : 11.04.1975
कब तक : 30.04.1977
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 30.04.1977
कब तक : 24.06.1977
. : 17
मु यमं ी : कपूरी ठाकर
कब से : 24.06.1977
कब तक : 21.04.1979
. : 18
मु यमं ी : राम सुंदर दास
कब से : 21.04.1979
कब तक : 17.02.1980
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 17.02.1980
कब तक : 08.06.1980
. : 19
मु यमं ी : डॉ. जग ाथ िम
कब से : 08.06.1980
कब तक : 14.08.1983
. : 20
मु यमं ी : चं शेखर िसंह
कब से : 14.08.1983
कब तक : 12.03.1985
. : 21
मु यमं ी : िबंदे री दुबे
कब से : 12.03.1985
कब तक : 13.02.1988
. : 22
मु यमं ी : भागवत झा आजाद
कब से : 14.02.1988
कब तक : 10.03.1989
. : 23
मु यमं ी : स य नारायण िसंह
कब से : 11.03.1989
कब तक : 06.12.1989
. : 24
मु यमं ी : डॉ. जग ाथ िम
कब से : 06.12.1989
कब तक : 10.03.1990
. : 25
मु यमं ी : लालू साद
कब से : 10.03.1990
कब तक : 31.03.1995
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 31.03.1995
कब तक : 04.04.1995
. : 26
मु यमं ी : लालू साद
कब से : 04.04.1995
कब तक : 25.07.1997
. : 27
मु यमं ी : राबड़ी देवी
कब से : 25.07.1997
कब तक : 12.02.1999
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 12.02.1999
कब तक : 09.03.1999
. : 28
मु यमं ी : राबड़ी देवी
कब से : 09.03.1999
कब तक : 03.03.2000
. : 29
मु यमं ी : नीतीश कमार
कब से : 03.03.2000
कब तक : 11.03.2000
. : 30
मु यमं ी : राबड़ी देवी
कब से : 11.03.2000
कब तक : 06.03.2005
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 07.03.2005
कब तक : 24.11.2005
. : 31
मु यमं ी : नीतीश कमार
कब से : 24.11.2005
कब तक : 19.05.2014
. : 32
मु यमं ी : जीतन राम माँझी
कब से : 20.05.2014
कब तक : 22.02.2015
. : 33
मु यमं ी : नीतीश कमार
कब से : 22.02.2015
कब तक : अब तक
सारणी-III
िबहार क रा यपाल
.:1
रा यपाल : जयराम दास दौलतराम
कब से : 15.08.1947
कब तक : 11.01.1948
.:2
रा यपाल : माधव ीह र अणे
कब से : 12.01.1948
कब तक : 14.06.1952
.:3
रा यपाल : रगनाथ रामचं िदवाकर
कब से : 15.06.1952
कब तक : 05.07.1957
.:4
रा यपाल : डॉ. जािकर सैन
कब से : 06.07.1957
कब तक : 11.05.1962
.:5
रा यपाल : मधभूसी अनंतशयन आयंगर
कब से : 12.05.1962
कब तक : 06.12.1967
.:6
रा यपाल : िन यानंद कानूनगो
कब से : 07.12.1967
कब तक : 20.01.1971
.:7
रा यपाल : यायमूित उ ल नारायण िस हा (कायवाहक)
कब से : 21.01.1971
कब तक : 31.01.1971
.:8
रा यपाल : देवकांत ब आ
कब से : 01.02.1971
कब तक : 04.02.1975
.:9
रा यपाल : रामचं धोिडबा भंडार
कब से : 04.02.1975
कब तक : 15.06.1976
. : 10
रा यपाल : जग ाथ कौशल
कब से : 16.06.1976
कब तक : 27.05.1978
. : 11
रा यपाल : यायमूित क ण व भ नारायण िसंह (कायवाहक)
कब से : 27.05.1978
कब तक : 26.06.1978
. : 12
रा यपाल : जग ाथ कौशल
कब से : 26.06.1978
कब तक : 31.01.1979
. : 13
रा यपाल : यायमूित क ण व भ नारायण िसंह (कायवाहक)
कब से : 31.01.1979
कब तक : 09.09.1979
. : 14
रा यपाल : डॉ. अखलाक-उर-रहमान िकदवई
कब से : 10.09.1979
कब तक : 15.03.1985
. : 15
रा यपाल : पडकांित वकट सुबैया
कब से : 15.03.1985
कब तक : 25.02.1988
. : 16
रा यपाल : गोिवंद नारायण िसंह
कब से : 26.02.1988
कब तक : 23.01.1989
. : 17
रा यपाल : यायमूित दीपक कमार सेन (कायवाहक)
कब से : 24.01.1989
कब तक : 28.01.1989
. : 18
रा यपाल : आर.डी. धान (कायवाहक)
कब से : 29.01.1989
कब तक : 02.03.1989
. : 19
रा यपाल : जग ाथ पहािड़या
कब से : 03.03.1989
कब तक : 21.09.1989
. : 20
रा यपाल : टी.बी. राजे र (कायवाहक)
कब से : 22.09.1989
कब तक : 05.02.1990
. : 21
रा यपाल : मो. यूनुस सलीम
कब से : 06.02.1990
कब तक : 13.02.1991
. : 22
रा यपाल : बी. स यनारायण र ी
कब से : 14.02.1991
कब तक : 19.03.1991
. : 23
रा यपाल : मो. शफ करशी
कब से : 19.03.1991
कब तक : 15.07.1993
. : 24
रा यपाल : डॉ. अखलाक-उर-रहमान िकदवई
कब से : 15.07.1993
कब तक : 21.04.1998
. : 25
रा यपाल : सुंदर िसंह भंडारी
कब से : 22.04.1998
कब तक : 13.03.1999
. : 26
रा यपाल : यायमूित बृजमोहन लाल (कायवाहक)
कब से : 13.03.1999
कब तक : 03.10.1999
. : 27
रा यपाल : सूरजभान
कब से : 03.10.1999
कब तक : 18.11.1999
. : 28
रा यपाल : िवनोद चं पांडय
कब से : 19.11.1999
कब तक : 12.06.2003
. : 29
रा यपाल : एम. रामाजोइस
कब से : 12.06.2003
कब तक : 05.11.2004
. : 30
रा यपाल : बूटा िसंह
कब से : 05.11.2004
कब तक : 26.01.2006
. : 31
रा यपाल : गोपाल क ण गांधी (कायवाहक)
कब से : 27.01.2006
कब तक : 21.06.2006
. : 32
रा यपाल : रामक ण सूयभान गवई
कब से : 22.06.2006
कब तक : 10.07.2008
. : 33
रा यपाल : रघुनंदन लाल भािटया
कब से : 10.07.2008
कब तक : 28.06.2009
. : 34
रा यपाल : देवानंद कवर
कब से : 29.06.2009
कब तक : 21.03.2013
. : 35
रा यपाल : डी.वाई. पािटल
कब से : 22.03.2013
कब तक : 26.11.2014
. : 36
रा यपाल : कसरी नाथ ि पाठी
कब से : 27.11.2014
कब तक : 15.08.2015
. : 37
रा यपाल : रामनाथ गोिवंद
कब से : 16.08.2015
कब तक : अब तक
सारणी-IV
पटना उ यायालय क मु य यायाधीश
.:1
मु य यायाधीश : यायमूित सर एडवड मैनड चपस चैिमयर
कब से : 01.03.1916
कब तक : 30.10.1917
.:2
मु य यायाधीश : यायमूित सर थॉमस फि क डॉ सन िमलर
कब से : 31.10.1917
कब तक : 31.03.1928
.:3
मु य यायाधीश : यायमूित सर काटनी टरल
कब से : 31.03.1928
कब तक : 06.05.1938
.:4
मु य यायाधीश : यायमूित सर ऑथर वर ह रस
कब से : 10.10.1938
कब तक : 19.01.1943
.:5
मु य यायाधीश : यायमूित सर सैयद फजल अली
कब से : 19.01.1943
कब तक : 14.10.1946
.:6
मु य यायाधीश : यायमूित सर फोड मौनमोहन अ वाल
कब से : 09.01.1948
कब तक : 24.01.1950
.:7
मु य यायाधीश : यायमूित सर हबट रबटन मेरिडथ
कब से : 25.01.1950
कब तक : 08.04.1950
.:8
मु य यायाधीश : यायमूित पं. ल मीकांत झा
कब से : 08.04.1950
कब तक : 01.06.1952
.:9
मु य यायाधीश : यायमूित डिवड ऐजरा रयूबेन
कब से : 01.06.1952
कब तक : 02.09.1953
. : 10
मु य यायाधीश : यायमूित सर सैयद जफर इमाम
कब से : 03.09.1953
कब तक : 10.01.1955
. : 11
मु य यायाधीश : यायमूित सुधांशु कमार दास
कब से : 10.01.1955
कब तक : 30.04.1956
. : 12
मु य यायाधीश : यायमूित िव ानाथीयर रामा वामी
कब से : 30.04.1956
कब तक : 04.01.1965
. : 13
मु य यायाधीश : यायमूित रामा वामी ल मी नरिसंहन
कब से : 04.08.1965
कब तक : 02.08.1968
. : 14
मु य यायाधीश : यायमूित सतीश चं िम
कब से : 09.11.1968
कब तक : 05.09.1970
. : 15
मु य यायाधीश : यायमूित उ ल नारायण िस हा
कब से : 05.09.1970
कब तक : 29.09.1972
. : 16
मु य यायाधीश : यायमूित नंदलाल उटवािलया
कब से : 29.09.1972
कब तक : 03.10.1974
. : 17
मु य यायाधीश : यायमूित याम नंदन साद िसंह
कब से : 03.10.1974
कब तक : 01.05.1976
. : 18
मु य यायाधीश : यायमूित क ण व भ नारायण िसंह
कब से : 19.07.1976
कब तक : 12.03.1983
. : 19
मु य यायाधीश : यायमूित सुरजीत िसंह संधवािलया
कब से : 29.11.1983
कब तक : 27.07.1987
. : 20
मु य यायाधीश : यायमूित भगवती साद झा
कब से : 02.01.1988
कब तक : 01.05.1988
. : 21
मु य यायाधीश : यायमूित दीपक कमार सेन
कब से : 01.05.1988
कब तक : 01.05.1989
. : 22
मु य यायाधीश : यायमूित सुशील कमार झा
कब से : 19.10.1989
कब तक : 23.10.1989
. : 23
मु य यायाधीश : यायमूित गंगाधर गणेश सोनी
कब से : 24.10.1989
कब तक : 17.12.1990
. : 24
मु य यायाधीश : यायमूित िवमल चं साद
कब से : 18.03.1991
कब तक : 21.10.1994
. : 25
मु य यायाधीश : यायमूित क ण वामी सुंदर प रपूणन
कब से : 24.01.1994
कब तक : 11.06.1994
. : 28
मु य यायाधीश : यायमूित क. वकट वामी
कब से : 19.09.1994
कब तक : 06.03.1995
. : 27
मु य यायाधीश : यायमूित गोिवंद व भ पटनायक
कब से : 19.05.1995
कब तक : 11.08.1995
. : 28
मु य यायाधीश : यायमूित देव ताप बाघवा
कब से : 29.09.1995
कब तक : 21.03.1997
. : 29
मु य यायाधीश : यायमूित बृजमोहन लाल
कब से : 09.07.1997
कब तक : 06.10.1999
. : 30
मु य यायाधीश : यायमूित रिव व प धवन
कब से : 25.01.2000
कब तक : 22.07.2004
. : 31
मु य यायाधीश : यायमूित जे.एन. भ
कब से : 18.07.2005
कब तक : 16.10.2007
. : 32
मु य यायाधीश : यायमूित राजेश वािलया
कब से : 05.01.2008
कब तक : 30.03.2008
. : 33
मु य यायाधीश : यायमूित राज मल लोढ़ा
कब से : 13.05.2008
कब तक : िदसंबर, 2008
. : 34
मु य यायाधीश : यायमूित जे.वी. कोशी
कब से : माच, 2009
कब तक : 13.05.2009
. : 35
मु य यायाधीश : यायमूित फ कमार िम ा
कब से : 12.08.2009
कब तक : 17.09.2009
. : 36
मु य यायाधीश : यायमूित दीपक कमार िम ा
कब से : 23.12.2009
कब तक : 24.05.2010
. : 37
मु य यायाधीश : यायमूित रखा एम. दोिशत
कब से : 21.06.2010
कब तक : 12.12.2014
. : 38
मु य यायाधीश : यायमूित िलंगाला नरिसंहा र ी
कब से : 02.01.2015
कब तक : 01.08.2015
. : 39
मु य यायाधीश : यायमूित इकबाल अहमद अंसारी
कब से : 03.08.2015
कब तक : 29.10.2016
. : 40
मु य यायाधीश : यायमूित हमंत गु ा (कायवाहक)
कब से : 29.10.2016
कब तक : 14.04.2017
. : 41
मु य यायाधीश : यायमूित राज मेनन
कब से : 15.04.2017
कब तक : —
सारणी-V
िबहार क लोकायु
.सं. : 1
नाम : यायमूित ीधरवासुदेवा सोहनी
कायकाल : 28.05.1971 से 27.05.1978
.सं. : 2
नाम : यायमूित यामनंदन साद िसंह
कायकाल : 08.06.1978 से 07.06.1983
.सं. : 3
नाम : यायमूित ि वेणी सहाय िम
कायकाल : 18.01.1986 से 17.01.1991
.सं. : 4
नाम : यायमूित सैयद सरवर अली
कायकाल : 07.02.1991 से 06.02.1996
.सं. : 5
नाम : यायमूित नवदे र पांडय
कायकाल : 08.06.2001 से 07.06.2006
.सं. : 6
नाम : यायमूित रामनंदन साद
कायकाल : 25.07.2006 से 24.08.2011
.सं. : 7
नाम : यायमूित सी.एम. साद
कायकाल : 25.08.2011 से 24.08.2016
सारणी-VI
िबहार से रा यसभा सद य क नाम
.:1
सद य का नाम : ी अली अनवर अंसारी
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
.:2
सद य का नाम : ी राम जेठ मलानी
दल का नाम : रा ीय जनता दल
.:3
सद य का नाम : ी रामनाथ ठाकर
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
.:4
सद य का नाम : डॉ. सी.पी. ठाकर
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
.:5
सद य का नाम : ी धम धान
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
.:6
सद य का नाम : ीमती कहकशाँ परवीन
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
.:7
सद य का नाम : ी रिवशंकर साद
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
.:8
सारणी-VII
16व लोकसभा म िबहार से लोकसभा सद य क िववरणी
.:1
सद य का नाम : ी ता रक अनवर
दल का नाम : रा वादी कां ेस पाट
िनवाचन े का नाम : किटहार
.:2
सद य का नाम : ी क ित आजाद
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : दरभंगा
.:3
सद य का नाम : डॉ. अ ण कमार
दल का नाम : रा ीय लोक समता पाट
िनवाचन े का नाम : जहानाबाद
.:4
सद य का नाम : ी कौशल कमार
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
िनवाचन े का नाम : नालंदा
.:5
सद य का नाम : ी संतोष कमार
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
सारणी-VIII
िबहार िवधानसभा क सद य, 2015
.सं. : 1
े / िवधानसभा सं या : अिगआँव (अ.जा.)195
िवधायक/ दल : भुनाथ साद (जदयू)
.सं. : 2
े / िवधानसभा सं या : अतरी 233
िवधायक/ दल : कती देवी (राजद)
.सं. : 3
े / िवधानसभा सं या : अमनौर 120
िवधायक/ दल : श ु न ितवारी (भाजपा)
.सं. : 4
े / िवधानसभा सं या : अमरपुर 159
िवधायक/ दल : जनादन माँझी (जदयू)
.सं. : 5
े / िवधानसभा सं या : अमौर 56
िवधायक/ दल : अ दुल जलील म तान (कां ेस)
.सं. : 6
े / िवधानसभा सं या : अर रया 49
िवधायक/ दल : ओबैदुर रहमान (कां ेस)
.सं. : 7
े / िवधानसभा सं या : अरवल 214
िवधायक/ दल : रव िसंह (राजद)
.सं. : 8
े / िवधानसभा सं या : अलीनगर 81
िवधायक/ दल : अ दुल बारी िस ीक (राजद)
.सं. : 9
े / िवधानसभा सं या : अलौली (अ.जा.)148
िवधायक/ दल : चंदन कमार (राजद)
.सं. : 10
े / िवधानसभा सं या : अ थावाँ 171
िवधायक/ दल : िजत कमार (जदयू)
.सं. : 11
े / िवधानसभा सं या : आरा 194
िवधायक/ दल : मोह मद नवाज आलम (राजद)
.सं. : 12
े / िवधानसभा सं या : आलमनगर 70
िवधायक/ दल : नर नारायण यादव (जदयू)
.सं. : 13
े / िवधानसभा सं या : इमामगंज (अ.जा.) 227
िवधायक/ दल : जीतन राम माँझी (िहअमो)
.सं. : 14
े / िवधानसभा सं या : इ लामपुर 174
िवधायक/ दल : चं सेन साद (जदयू)
.सं. : 15
े / िवधानसभा सं या : उिजयारपुर 134
िवधायक/ दल : आलोक कमार मेहता (राजद)
.सं. : 16
े / िवधानसभा सं या : एकमा 113
िवधायक/ दल : मनोरजन िसंह (जदयू)
.सं. : 17
े / िवधानसभा सं या : ओबरा 220
िवधायक/ दल : वीर कमार िस हा (राजद)
.सं. : 18
े / िवधानसभा सं या : औरगाबाद 223
िवधायक/ दल : आनंद शंकर िसंह (कां ेस)
.सं. : 19
े / िवधानसभा सं या : औराई 89
िवधायक/ दल : सुर कमार (राजद)
.सं. : 20
े / िवधानसभा सं या : कचायकोट 102
िवधायक/ दल : अमर कमार पांडय (जदयू)
.सं. : 21
े / िवधानसभा सं या : किटहार 63
िवधायक/ दल : तारािकशोर साद (भाजपा)
.सं. : 22
े / िवधानसभा सं या : कटो रया (अ.ज.जा.)162
िवधायक/ दल : वीटी सीमा ह म (राजद)
.सं. : 23
े / िवधानसभा सं या : कढ़नी 93
िवधायक/ दल : कदार . गु ा (भाजपा)
.सं. : 24
े / िवधानसभा सं या : कदवा 64
िवधायक/ दल : शक ल अहमद खाँ (कां ेस)
.सं. : 25
े / िवधानसभा सं या : क हरार 183
िवधायक/ दल : अ ण कमार िस हा (भाजपा)
.सं. : 26
े / िवधानसभा सं या : करगहर 209
िवधायक/ दल : बिश िसंह (जदयू)
.सं. : 27
े / िवधानसभा सं या : कथा 215
िवधायक/ दल : स यदेव िसंह (जदयू)
.सं. : 28
े / िवधानसभा सं या : क याणपुर 16
िवधायक/ दल : सच साद िसंह (भाजपा)
.सं. : 29
े / िवधानसभा सं या : क याणपुर (अ.जा.) 131
िवधायक/ दल : मह र हजारी (जदयू)
.सं. : 30
े / िवधानसभा सं या : कवटी 86
िवधायक/ दल : फराज फातमी (राजद)
.सं. : 31
े / िवधानसभा सं या : कशे र थान (अ.जा.) 78
िवधायक/ दल : शिश भूषण हजारी (जदयू)
.सं. : 32
े / िवधानसभा सं या : कसबा 58
िवधायक/ दल : मो. आफाक आलम (कां ेस)
.सं. : 33
े / िवधानसभा सं या : कस रया 15
िवधायक/ दल : डॉ. राजेश कमार (राजद)
.सं. : 34
े / िवधानसभा सं या : कहलगाँव 155
िवधायक/ दल : सदानंद िसंह (कां ेस)
.सं. : 35
े / िवधानसभा सं या : काराकाट 213
िवधायक/ दल : संजय कमार िसंह (राजद)
.सं. : 36
े / िवधानसभा सं या : काँटी 95
िवधायक/ दल : अशोक कमार चौधरी (सदातपुर) (िनदलीय)
.सं. : 37
े / िवधानसभा सं या : िकशनगंज 54
िवधायक/ दल : डॉ. मुह मद जावेद (कां ेस)
.सं. : 38
े / िवधानसभा सं या : कटबा (अ.जा.)222
िवधायक/ दल : राजेश कमार (कां ेस)
.सं. : 39
े / िवधानसभा सं या : कोचाधामन 55
िवधायक/ दल : मुजािहद आलम (जदयू)
.सं. : 40
े / िवधानसभा सं या : कोढ़ा (अ.जा.) 69
िवधायक/ दल : पूनम कमारी उफ पूनम पासवान (कां ेस)
.सं. : 41
े / िवधानसभा सं या : खगिड़या 149
िवधायक/ दल : पूनम देवी यादव (जदयू)
.सं. : 42
े / िवधानसभा सं या : खजौली 33
िवधायक/ दल : सीताराम यादव (राजद)
.सं. : 43
े / िवधानसभा सं या : गरखा (अ.जा.) 119
िवधायक/ दल : मुने र चौधरी (राजद)
.सं. : 44
े / िवधानसभा सं या : गया टाउन 230
िवधायक/ दल : ेम कमार (भाजपा)
.सं. : 45
े / िवधानसभा सं या : गायघाट 88
िवधायक/ दल : मह र साद यादव (राजद)
.सं. : 46
े / िवधानसभा सं या : गु आ 225
िवधायक/ दल : राजीव नंदन (भाजपा)
.सं. : 47
े / िवधानसभा सं या : गोपालगंज 101
िवधायक/ दल : सुभाष िसंह (भाजपा)
.सं. : 48
े / िवधानसभा सं या : गोपालपुर 153
िवधायक/ दल : नर कमार नीरज (जदयू)
.सं. : 49
े / िवधानसभा सं या : गोरयाकोठी 111
िवधायक/ दल : स यदेव साद िसंह (राजद)
.सं. : 50
े / िवधानसभा सं या : गोिबंदपुर 238
िवधायक/ दल : पूिणमा यादव (कां ेस)
.सं. : 51
े / िवधानसभा सं या : गोिवंदगंज 14
िवधायक/ दल : राजू ितवारी (लोजपा)
.सं. : 52
े / िवधानसभा सं या : गोह 219
िवधायक/ दल : मनोज कमार (भाजपा)
.सं. : 53
े / िवधानसभा सं या : गौड़ाबौराम 79
िवधायक/ दल : मदन सहनी (जदयू)
.सं. : 54
े / िवधानसभा सं या : घोसी 217
िवधायक/ दल : क णनंदन साद वमा (जदयू)
.सं. : 55
े / िवधानसभा सं या : चकाई 243
िवधायक/ दल : सािव ी देवी (राजद)
.सं. : 56
े / िवधानसभा सं या : चनपिटया 7
िवधायक/ दल : काश राय (भाजपा)
.सं. : 57
े / िवधानसभा सं या : चेनारी (अ.जा.) 207
िवधायक/ दल : ललन पासवान (रालोसपा)
.सं. : 58
े / िवधानसभा सं या : चे रया ब रयारपुर 141
िवधायक/ दल : कमारी मंजू वमा (जदयू)
.सं. : 59
े / िवधानसभा सं या : िचरया 20
िवधायक/ दल : लाल बाबू . गु ा (भाजपा)
.सं. : 60
े / िवधानसभा सं या : चैनपुर 206
िवधायक/ दल : वृज िकशोर िवंद (भाजपा)
.सं. : 61
े / िवधानसभा सं या : छपरा 118
िवधायक/ दल : डॉ. सी.एन. गु ा (भाजपा)
.सं. : 62
े / िवधानसभा सं या : छातापुर 45
िवधायक/ दल : नीरज कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 63
े / िवधानसभा सं या : जगदीशपुर 197
िवधायक/ दल : राम िवशुन िसंह (राजद)
.सं. : 64
े / िवधानसभा सं या : जमुई 241
िवधायक/ दल : िवजय काश (राजद)
.सं. : 65
े / िवधानसभा सं या : जमालपुर 166
िवधायक/ दल : शैलेश कमार (जदयू)
.सं. : 66
े / िवधानसभा सं या : जहानाबाद 216
िवधायक/ दल : मुि का िसंह यादव (राजद)
.सं. : 67
े / िवधानसभा सं या : जाले 87
िवधायक/ दल : िजवेश कमार (भाजपा)
.सं. : 68
े / िवधानसभा सं या : जीरादेई 106
िवधायक/ दल : रमेश िसंह कशवाहा (जदयू)
.सं. : 69
े / िवधानसभा सं या : जोक हाट 50
िवधायक/ दल : सरफराज आलम (जदयू)
.सं. : 70
े / िवधानसभा सं या : झंझारपुर 38
िवधायक/ दल : गुलाब यादव (राजद)
.सं. : 71
े / िवधानसभा सं या : झाझा 242
िवधायक/ दल : रव यादव (भाजपा)
.सं. : 72
े / िवधानसभा सं या : िटकारी 231
िवधायक/ दल : अभय कमार िस हा (जदयू)
.सं. : 73
े / िवधानसभा सं या : ठाकरगंज 53
िवधायक/ दल : नौशाद आलम (तातपौआ) (जदयू)
.सं. : 74
े / िवधानसभा सं या : डमराँव 201
िवधायक/ दल : ददन यादव (जदयू)
.सं. : 75
े / िवधानसभा सं या : िडहरी 212
िवधायक/ दल : मोह मद इिलयास सैन (राजद)
.सं. : 76
े / िवधानसभा सं या : ढाका 21
िवधायक/ दल : फसल रहमान (राजद)
.सं. : 77
े / िवधानसभा सं या : तरारी 196
िवधायक/ दल : गीता पांड (लोजपा)
.सं. : 78
े / िवधानसभा सं या : तरया 116
िवधायक/ दल : मुि का साद राय (राजद)
.सं. : 79
े / िवधानसभा सं या : ि वेणीगंज (अ.जा.) 44
िवधायक/ दल : वीणा भारती (जदयू)
.सं. : 80
े / िवधानसभा सं या : तारापुर 164
िवधायक/ दल : मेवालाल चौधरी (जदयू)
.सं. : 81
े / िवधानसभा सं या : तेघड़ा 143
िवधायक/ दल : बीर कमार (राजद)
.सं. : 82
े / िवधानसभा सं या : दरभंगा 83
िवधायक/ दल : संजय सरावगी (भाजपा)
.सं. : 83
े / िवधानसभा सं या : दरभंगा ामीण 82
िवधायक/ दल : लिलत कमार यादव (राजद)
.सं. : 84
े / िवधानसभा सं या : दर दा 109
िवधायक/ दल : किवता िसंह (जदयू)
.सं. : 85
े / िवधानसभा सं या : दरौली (अ.जा.) 107
िवधायक/ दल : स यदेव राम (माले)
.सं. : 86
े / िवधानसभा सं या : दानापुर 186
िवधायक/ दल : आशा देवी (भाजपा)
.सं. : 87
े / िवधानसभा सं या : िदनारा 210
िवधायक/ दल : जय कमार िसंह (जदयू)
.सं. : 88
े / िवधानसभा सं या : दीघा 181
िवधायक/ दल : संजीव चौरिसया (भाजपा)
.सं. : 89
े / िवधानसभा सं या : धमदाहा 61
िवधायक/ दल : लेशी िसंह (जदयू)
.सं. : 90
े / िवधानसभा सं या : धोरया (अ.जा.) 160
िवधायक/ दल : मनीष कमार (जदयू)
.सं. : 91
े / िवधानसभा सं या : नरकिटया 12
िवधायक/ दल : शमीम अहमद (राजद)
.सं. : 92
े / िवधानसभा सं या : नरकिटयागंज 3
िवधायक/ दल : िवनय वमा (कां ेस)
.सं. : 93
े / िवधानसभा सं या : नरपतगंज 46
िवधायक/ दल : अिनल कमार यादव (राजद)
.सं. : 94
े / िवधानसभा सं या : नवादा 237
िवधायक/ दल : राजब भ साद (राजद)
.सं. : 95
े / िवधानसभा सं या : नवीनगर 221
िवधायक/ दल : वीर कमार िसंह (जदयू)
.सं. : 96
े / िवधानसभा सं या : नाथनगर 158
िवधायक/ दल : अजय कमार मंडल (जदयू)
.सं. : 97
े / िवधानसभा सं या : नालंदा 176
िवधायक/ दल : वण कमार (जदयू)
.सं. : 98
े / िवधानसभा सं या : िनमली 41
िवधायक/ दल : अिन साद यादव (जदयू)
.सं. : 99
े / िवधानसभा सं या : नोखा 211
िवधायक/ दल : अिनता देवी (राजद)
.सं. : 100
े / िवधानसभा सं या : नौतन 6
िवधायक/ दल : नारायण साद (भाजपा)
.सं. : 101
े / िवधानसभा सं या : ाणपुर 66
िवधायक/ दल : िवनोद कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 102
े / िवधानसभा सं या : पटना सािहब 184
िवधायक/ दल : नंद िकशोर यादव (भाजपा)
.सं. : 103
े / िवधानसभा सं या : परब ा 151
िवधायक/ दल : रामानंद साद िसंह (जदयू)
.सं. : 104
े / िवधानसभा सं या : परसा 121
िवधायक/ दल : चंि का राय (राजद)
.सं. : 105
े / िवधानसभा सं या : प रहार 25
िवधायक/ दल : गाय ी देवी (भाजपा)
.सं. : 106
े / िवधानसभा सं या : पूिणया 62
िवधायक/ दल : िवजय कमार खेमका (भाजपा)
.सं. : 107
े / िवधानसभा सं या : पातेपुर (अ.जा.) 130
िवधायक/ दल : ेमा चौधरी (राजद)
.सं. : 108
े / िवधानसभा सं या : पा 97
िवधायक/ दल : अशोक कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 109
े / िवधानसभा सं या : पालीगंज 190
िवधायक/ दल : जय वधन यादव उफ ब ा यादव (राजद)
.सं. : 110
े / िवधानसभा सं या : िपपरा 17
िवधायक/ दल : यामबाबू साद यादव (भाजपा)
.सं. : 111
े / िवधानसभा सं या : िपपरा 42
िवधायक/ दल : यदुवंश कमार यादव (राजद)
.सं. : 112
े / िवधानसभा सं या : पीरपती (अ.जा.) 154
िवधायक/ दल : राम िवलास पासवान (राजद)
.सं. : 113
े / िवधानसभा सं या : फतुहा 185
िवधायक/ दल : डॉ. रामानंद यादव (राजद)
.सं. : 114
े / िवधानसभा सं या : फारिबसगंज 48
िवधायक/ दल : िव ा सागर कशरी (भाजपा)
.सं. : 115
े / िवधानसभा सं या : फलपरास 39
िवधायक/ दल : गुलजार देवी (जदयू)
.सं. : 116
े / िवधानसभा सं या : फलवारी (अ.जा.) 188
िवधायक/ दल : याम रजक (जदयू)
.सं. : 117
े / िवधानसभा सं या : बैकठपुर 99
िवधायक/ दल : िमिथलेश ितवारी (भाजपा)
.सं. : 118
े / िवधानसभा सं या : ब सर 200
िवधायक/ दल : संजय कमार ितवारी उफ मु ा ितवारी (कां ेस)
.सं. : 119
े / िवधानसभा सं या : ब तयारपुर 180
िवधायक/ दल : रणिवजय िसंह (भाजपा)
.सं. : 120
े / िवधानसभा सं या : बखरी (अ.जा.) 147
िवधायक/ दल : उप पासवान (राजद)
.सं. : 121
े / िवधानसभा सं या : बेगूसराय 146
िवधायक/ दल : अिमता भूषण (कां ेस)
.सं. : 122
े / िवधानसभा सं या : बगहा 4
िवधायक/ दल : राघव शरण पांडय (भाजपा)
.सं. : 123
े / िवधानसभा सं या : बछवाड़ा 142
िवधायक/ दल : रामदेव राय (कां ेस)
.सं. : 124
े / िवधानसभा सं या : बड़हरा 193
िवधायक/ दल : सरोज यादव (राजद)
.सं. : 125
े / िवधानसभा सं या : बड़ह रया 110
िवधायक/ दल : याम बहादुर िसंह (जदयू)
.सं. : 126
े / िवधानसभा सं या : बेितया 8
िवधायक/ दल : मदन मोहन ितवारी (कां ेस)
.सं. : 127
े / िवधानसभा सं या : बथनाहा (अ.जा.) 24
िवधायक/ दल : िदनकर राम (भाजपा)
.सं. : 128
े / िवधानसभा सं या : बनमनखी (अ.जा.) 59
िवधायक/ दल : क ण कमार ऋिष (भाजपा)
.सं. : 129
े / िवधानसभा सं या : बिनयापुर 115
िवधायक/ दल : कदार नाथ िसंह (राजद)
.सं. : 130
े / िवधानसभा सं या : बेनीप ी 32
िवधायक/ दल : भावना झा (कां ेस)
.सं. : 131
े / िवधानसभा सं या : बेनीपुर 80
िवधायक/ दल : सुनील चौधरी (जदयू)
.सं. : 132
े / िवधानसभा सं या : बरबीघा 170
िवधायक/ दल : सुदशन कमार (कां ेस)
.सं. : 133
े / िवधानसभा सं या : ब राज 96
िवधायक/ दल : नंद कमार राय (राजद)
.सं. : 134
े / िवधानसभा सं या : पुर 199
िवधायक/ दल : शंभु नाथ यादव (राजद)
.सं. : 135
े / िवधानसभा सं या : बरारी 68
िवधायक/ दल : नीरज कमार (राजद)
.सं. : 136
े / िवधानसभा सं या : बरौली 100
िवधायक/ दल : मो. नेमातु ाह (राजद)
.सं. : 137
े / िवधानसभा सं या : बलरामपुर 65
िवधायक/ दल : महबूब आलम (माले)
.सं. : 138
े / िवधानसभा सं या : बेलसंड 30
िवधायक/ दल : सुनीता िसंह चौहान (जदयू)
.सं. : 139
े / िवधानसभा सं या : बेलहर 163
िवधायक/ दल : िग रधारी यादव (जदयू)
.सं. : 140
े / िवधानसभा सं या : बेलागंज 232
िवधायक/ दल : सुर साद यादव (राजद)
.सं. : 141
े / िवधानसभा सं या : बहादुरगंज 52
िवधायक/ दल : मो. तौसीफ आलम (कां ेस)
.सं. : 142
े / िवधानसभा सं या : बहादुरपुर 85
िवधायक/ दल : भोला यादव (राजद)
.सं. : 143
े / िवधानसभा सं या : बाँका 161
िवधायक/ दल : राम नारायण मंडल (भाजपा)
.सं. : 144
े / िवधानसभा सं या : बाँक पुर 182
िवधायक/ दल : िनितन नवीन (भाजपा)
.सं. : 145
े / िवधानसभा सं या : बाजप ी 27
िवधायक/ दल : डॉ. रजु गीता (जदयू)
.सं. : 146
े / िवधानसभा सं या : बाढ़ 179
िवधायक/ दल : ान कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 147
े / िवधानसभा सं या : बाबूबरही 34
िवधायक/ दल : किपल देब कामत (जदयू)
.सं. : 148
े / िवधानसभा सं या : बायसी 57
िवधायक/ दल : अ दुस सु हान (राजद)
.सं. : 149
े / िवधानसभा सं या : बाराच ी (अ.जा.) 228
िवधायक/ दल : समता देवी (राजद)
.सं. : 150
े / िवधानसभा सं या : िब म 191
िवधायक/ दल : िस ाथ (कां ेस)
.सं. : 151
े / िवधानसभा सं या : िब फ 35
िवधायक/ दल : फयाज अहमद (राजद)
.सं. : 152
े / िवधानसभा सं या : िबहपुर 152
िवधायक/ दल : वषा रानी (राजद)
.सं. : 153
े / िवधानसभा सं या : िबहारशरीफ 172
िवधायक/ दल : डॉ. सुनील कमार (भाजपा)
.सं. : 154
े / िवधानसभा सं या : िबहारीगंज 71
िवधायक/ दल : िनरजन कमार मेहता (जदयू)
.सं. : 155
े / िवधानसभा सं या : बेलदौर 150
िवधायक/ दल : प ा लाल िसंह पटल (जदयू)
.सं. : 156
े / िवधानसभा सं या : बोचहाँ (अ.जा.) 91
िवधायक/ दल : बेबी कमारी (िनदलीय)
.सं. : 157
े / िवधानसभा सं या : बोधगया (अ.जा.) 229
िवधायक/ दल : कमार सवजीत (राजद)
.सं. : 158
े / िवधानसभा सं या : भभुआ 205
िवधायक/ दल : आनंद भूषण पांडय (भाजपा)
.सं. : 159
े / िवधानसभा सं या : भागलपुर 156
िवधायक/ दल : अजीत शमा (कां ेस)
.सं. : 160
े / िवधानसभा सं या : भोर (अ.जा.) 103
िवधायक/ दल : अिनल कमार (कां ेस)
.सं. : 161
े / िवधानसभा सं या : मखदूमपुर (अ.जा.) 218
िवधायक/ दल : सूबेदार दास (राजद)
.सं. : 162
े / िवधानसभा सं या : मुंगेर 165
िवधायक/ दल : िवजय कमार िवजय (राजद)
.सं. : 163
े / िवधानसभा सं या : मुज फरपुर 94
िवधायक/ दल : सुरश कमार शमा (भाजपा)
.सं. : 164
े / िवधानसभा सं या : मिटहानी 144
िवधायक/ दल : नर कमार िसंह उफ बोगो िसंह (जदयू)
.सं. : 165
े / िवधानसभा सं या : मधेपुरा 73
िवधायक/ दल : चं शेखर (राजद)
.सं. : 166
े / िवधानसभा सं या : मधुबन 18
िवधायक/ दल : राणा रणधीर (भाजपा)
.सं. : 167
े / िवधानसभा सं या : मधुबनी 36
िवधायक/ दल : समीर कमार महासेठ (राजद)
.सं. : 168
े / िवधानसभा सं या : मढ़ौरा 117
िवधायक/ दल : िजत कमार राय (राजद)
.सं. : 169
े / िवधानसभा सं या : मनेर 187
िवधायक/ दल : भाई वीर (राजद)
.सं. : 170
े / िवधानसभा सं या : मिनहारी (अ.ज.जा.) 67
िवधायक/ दल : मनोहर साद िसंह (कां ेस)
.सं. : 171
े / िवधानसभा सं या : मसौढ़ी (अ.जा) 189
िवधायक/ दल : रखा देवी ( ाम—पभेड़ा) (राजद)
.सं. : 172
े / िवधानसभा सं या : महनार 129
िवधायक/ दल : उमेश िसंह कशवाहा (जदयू)
.सं. : 173
े / िवधानसभा सं या : महाराजगंज 112
िवधायक/ दल : हम नारायण साह (जदयू)
.सं. : 174
े / िवधानसभा सं या : म आ 126
िवधायक/ दल : तेज ताप यादव (राजद)
.सं. : 175
े / िवधानसभा सं या : मिहषी 77
िवधायक/ दल : डॉ. अ दुल गफर (राजद)
.सं. : 176
े / िवधानसभा सं या : माँझी 114
िवधायक/ दल : िवजय शंकर दुबे (कां ेस)
.सं. : 177
े / िवधानसभा सं या : मीनापुर 90
िवधायक/ दल : राजीव कमार उफ मु ा यादव (राजद)
.सं. : 178
े / िवधानसभा सं या : मोकामा 178
िवधायक/ दल : अनंत कमार िसंह (िनदलीय)
.सं. : 179
े / िवधानसभा सं या : मोितहारी 19
िवधायक/ दल : मोद कमार (भाजपा)
.सं. : 180
े / िवधानसभा सं या : मोरवा 135
िवधायक/ दल : िव ा सागर िसंह िनषाद (जदयू)
.सं. : 181
े / िवधानसभा सं या : मोहिनया (अ.जा.) 204
िवधायक/ दल : िनरजन राम (भाजपा)
.सं. : 182
े / िवधानसभा सं या : मोिहउ ीननगर 137
िवधायक/ दल : अजय यादव (राजद)
.सं. : 183
े / िवधानसभा सं या : र सौल 10
िवधायक/ दल : अजय कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 184
े / िवधानसभा सं या : रघुनाथपुर 108
िवधायक/ दल : ह रशंकर यादव (राजद)
.सं. : 185
े / िवधानसभा सं या : रजौली (अ.जा.) 235
िवधायक/ दल : काश वीर (राजद)
.सं. : 186
े / िवधानसभा सं या : रफ गंज 224
िवधायक/ दल : अशोक कमार िसंह (जदयू)
.सं. : 187
े / िवधानसभा सं या : ीसदपुर 29
िवधायक/ दल : मंिगता देवी (राजद)
.सं. : 188
े / िवधानसभा सं या : पौली 60
िवधायक/ दल : बीमा भारती (जदयू)
.सं. : 189
े / िवधानसभा सं या : राघोपुर 128
िवधायक/ दल : तेज वी साद यादव (राजद)
.सं. : 190
े / िवधानसभा सं या : राजगीर (अ.जा.) 173
िवधायक/ दल : रिव योित कमार (जदयू)
.सं. : 191
े / िवधानसभा सं या : राजनगर (अ.जा.) 37
िवधायक/ दल : राम ीत पासवान (भाजपा)
.सं. : 192
े / िवधानसभा सं या : राजपुर (अ.जा.) 202
िवधायक/ दल : संतोष कमार िनराला (जदयू)
.सं. : 193
े / िवधानसभा सं या : राजापाकार (अ.जा.) 127
िवधायक/ दल : िशवचं राम (राजद)
.सं. : 194
े / िवधानसभा सं या : रामगढ़ 203
िवधायक/ दल : अशोक कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 195
े / िवधानसभा सं या : रामनगर (अ.जा.) 2
िवधायक/ दल : भागीरथी देवी (भाजपा)
.सं. : 196
े / िवधानसभा सं या : रानीगंज (अ.जा.) 47
िवधायक/ दल : अचिमत ऋिषदेव (जदयू)
.सं. : 197
े / िवधानसभा सं या : रीगा 23
िवधायक/ दल : अिमत कमार (कां ेस)
.सं. : 198
े / िवधानसभा सं या : रोसड़ा (अ.जा.) 139
िवधायक/ दल : डॉ. अशोक कमार (कां ेस)
.सं. : 199
े / िवधानसभा सं या : लखीसराय 168
िवधायक/ दल : िवजय कमार िस हा (भाजपा)
.सं. : 200
े / िवधानसभा सं या : लालगंज 124
िवधायक/ दल : राज कमार साह (लोजपा)
.सं. : 201
े / िवधानसभा सं या : लौकहा 40
िवधायक/ दल : ल मे र राय (जदयू)
.सं. : 202
े / िवधानसभा सं या : लौ रया 5
िवधायक/ दल : िवनय िबहारी (भाजपा)
.सं. : 203
े / िवधानसभा सं या : वजीरगंज 234
िवधायक/ दल : अवधेश कमार िसंह (कां ेस)
.सं. : 204
े / िवधानसभा सं या : वैशाली 125
िवधायक/ दल : राज िकशोर िसंह (जदयू)
.सं. : 205
े / िवधानसभा सं या : वा रसलीगंज 239
िवधायक/ दल : अ णा देवी (भाजपा)
.सं. : 206
े / िवधानसभा सं या : वा रसनगर 132
िवधायक/ दल : अशोक कमार (जदयू)
.सं. : 207
े / िवधानसभा सं या : वा मीिकनगर 1
िवधायक/ दल : धीर ताप िसंह उफ रक िसंह (िनदलीय)
.सं. : 208
े / िवधानसभा सं या : िवभूितपुर 138
िवधायक/ दल : राम बालक िसंह (जदयू)
.सं. : 209
े / िवधानसभा सं या : शेखपुरा 169
िवधायक/ दल : रणधीर कमार सोनी (जदयू)
.सं. : 210
े / िवधानसभा सं या : शेरघाटी 226
िवधायक/ दल : िवनोद साद यादव (जदयू)
.सं. : 211
े / िवधानसभा सं या : शाहपुर 198
िवधायक/ दल : रा ल ितवारी (राजद)
.सं. : 212
े / िवधानसभा सं या : िशवहर 22
िवधायक/ दल : शफदीन (जदयू)
.सं. : 213
े / िवधानसभा सं या : सकरा (अ.जा.) 92
िवधायक/ दल : लाल बाबू राम (राजद)
.सं. : 214
े / िवधानसभा सं या : सुगौली 11
िवधायक/ दल : रामचं सहनी (भाजपा)
.सं. : 215
े / िवधानसभा सं या : संदेश 192
िवधायक/ दल : अ ण कमार (राजद)
.सं. : 216
े / िवधानसभा सं या : सुपौल 43
िवधायक/ दल : िबज साद यादव (जदयू)
.सं. : 217
े / िवधानसभा सं या : सम तीपुर 133
िवधायक/ दल : अखत ल इ लाम शाहीन (राजद)
.सं. : 218
े / िवधानसभा सं या : सरायरजन 136
िवधायक/ दल : िवजय कमार चौधरी (जदयू)
.सं. : 219
े / िवधानसभा सं या : सु तानगंज 157
िवधायक/ दल : सुबोध राय (जदयू)
.सं. : 220
े / िवधानसभा सं या : सहरसा 75
िवधायक/ दल : अ ण कमार (राजद)
.सं. : 221
े / िवधानसभा सं या : सासाराम 208
िवधायक/ दल : अशोक कमार (राजद)
.सं. : 222
े / िवधानसभा सं या : साहबगंज 98
िवधायक/ दल : रामिवचार राय (राजद)
.सं. : 223
े / िवधानसभा सं या : साहबपुर कमाल 145
िवधायक/ दल : ीनारायण यादव (राजद)
.सं. : 224
े / िवधानसभा सं या : िसकटा 9
िवधायक/ दल : खुश द उफ िफरोज अहमद (जदयू)
.सं. : 225
े / िवधानसभा सं या : िसकटी 51
िवधायक/ दल : िवजय कमार मंडल (भाजपा)
.सं. : 226
े / िवधानसभा सं या : िसकदरा (अ.जा.) 240
िवधायक/ दल : सुधीर कमार उफ बंटी चौधरी (कां ेस)
.सं. : 227
े / िवधानसभा सं या : िसमरी ब तयारपुर 76
िवधायक/ दल : िदनेश चं यादव (जदयू)
.सं. : 228
े / िवधानसभा सं या : सीवान 105
िवधायक/ दल : यासदेव साद (भाजपा)
.सं. : 229
े / िवधानसभा सं या : िसंह र (अ.जा.) 72
िवधायक/ दल : रमेश ऋिषदेव (जदयू)
.सं. : 230
े / िवधानसभा सं या : सीतामढ़ी 28
िवधायक/ दल : सुनील कमार (राजद)
.सं. : 231
े / िवधानसभा सं या : सुरसंड 26
िवधायक/ दल : सैयद अबू दौजाना (राजद)
.सं. : 232
े / िवधानसभा सं या : सूयगढ़ा 167
िवधायक/ दल : हलाद यादव (राजद)
.सं. : 233
े / िवधानसभा सं या : सोनपुर 122
िवधायक/ दल : डॉ. रामानुज साद (राजद)
.सं. : 234
े / िवधानसभा सं या : सोनवषा (अ.जा.) 74
िवधायक/ दल : र नेश सादा (जदयू)
.सं. : 235
े / िवधानसभा सं या : हथुआ 104
िवधायक/ दल : रामसेवक िसंह (जदयू)
.सं. : 236
े / िवधानसभा सं या : हरनौत 177
िवधायक/ दल : ह रनारायण िसंह (जदयू)
.सं. : 237
े / िवधानसभा सं या : हरलाखी 31
िवधायक/ दल : बसंत कमार (रालोसपा)
.सं. : 238
े / िवधानसभा सं या : हरिस (अ.जा.) 13
िवधायक/ दल : राज कमार (राजद)
.सं. : 239
े / िवधानसभा सं या : हसनपुर 140
िवधायक/ दल : राज कमार राय (जदयू)
.सं. : 240
े / िवधानसभा सं या : हाजीपुर 123
िवधायक/ दल : अवधेश िसंह (भाजपा)
.सं. : 241
े / िवधानसभा सं या : हायाघाट 84
िवधायक/ दल : अमर नाथ गामी (जदयू)
.सं. : 242
े / िवधानसभा सं या : िहलसा 175
िवधायक/ दल : अि मुनी उफ श िसंह यादव (राजद)
.सं. : 243
े / िवधानसभा सं या : िहसुआ 236
िवधायक/ दल : अिनल िसंह (भाजपा)
सारणी-IX
िबहार िवधानप रष क सद य क नाम
.:1
सद य का नाम : ी आिद य नारायण पांडय
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन गोपालगंज
.:2
सद य का नाम : ी अजुन साहनी
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
.:3
सद य का नाम : ी अशोक चौधरी
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
.:4
सद य का नाम : ी अशोक कमार अ वाल
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन किटहार
.:5
सद य का नाम : ी स यादव
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 62
सद य का नाम : ी सोने लाल मेहता
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 63
सद य का नाम : ी सुबोध कमार
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन वैशाली
. : 64
सद य का नाम : ी सुमन कमार
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन मधुबनी
. : 65
सद य का नाम : ी सुनील कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन दरभंगा
. : 66
सद य का नाम : ी सूरज नंदन साद
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 67
सद य का नाम : ी सुशील कमार मोदी
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 68
सद य का नाम : तनवीर अ तर
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 69
सारणी-X
िबहार क मंडल, िजले एवं अनुमंडल
प रिश -IV
सारणी-I
समाचार-प
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : िबहारबंधु
थापना वष : 1874
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : सव िहतैषी
थापना वष : 1880
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : आयावत
थापना वष : 1941
काशन थल : दरभंगा
थापना वष : 1933
काशन थल : पटना
पि का का नाम : आरती (मािसक)
थापना वष : 1940
काशन थल : पटना
पि का का नाम : पा रजात (मािसक)
थापना वष : 1946
काशन थल : पटना
पि का का नाम : यो ा (मािसक)
थापना वष : 1948
काशन थल : पटना
पि का का नाम : अवंितका (मािसक)
थापना वष : 1952
काशन थल : पटना
पि का का नाम : पाटल (मािसक)
थापना वष : 1952
काशन थल : पटना
पि का का नाम : जनमत (मािसक)
थापना वष : 1981
काशन थल : पटना
पि का का नाम : िश ा डाइजे ट
थापना वष : 1984
काशन थल : पटना
पि का का नाम : अवकाश पाि क
थापना वष : 1979
काशन थल : पटना
सारणी-III
सािह य एवं सािह यकार
.सं. : 1
सािह यकार : बाणभ
रचनाएँ : कादंबरी, हषच रत
.सं. : 2
सािह यकार : िव णु शमा
रचनाएँ : पंचतं
.सं. : 3
सािह यकार : कौिट य
रचनाएँ : अथशा
.सं. : 4
सािह यकार : अ घोष
रचनाएँ : महायान ो पाद सं ह, बु च रत, व सूची
.सं. : 5
सािह यकार : आयभ
रचनाएँ : आयभ ीय
.सं. : 6
सािह यकार : वा यायन
रचनाएँ : कामसू
.सं. : 7
सािह यकार : मंडन िम ा
.सं. : 2
िव िव ालय का नाम : बी.आर. अंबेडकर िबहार िव िव ालय, मुज फरपुर
थापना वष : 1952
.सं. : 3
िव िव ालय का नाम : ितलकामाँझी िव िव ालय, भागलपुर
थापना वष : 1960
.सं. : 4
िव िव ालय का नाम : क.एस.डी.एस. सं कत िव िव ालय, दरभंगा
थापना वष : 1961
.सं. : 5
िव िव ालय का नाम : मगध िव िव ालय, बोधगया
थापना वष : 1962
.सं. : 6
िव िव ालय का नाम : राज किष िव िव ालय, पूसा, सम तीपुर
थापना वष : 1970
.सं. : 7
िव िव ालय का नाम : लिलत नारायण िमिथला िव िव ालय, दरभंगा
थापना वष : 1972
.सं. : 8
िव िव ालय का नाम : नालंदा खुला िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1987
.सं. : 9
िव िव ालय का नाम : वीर कवर िसंह िव िव ालय, आरा
थापना वष : 1990
.सं. : 10
िव िव ालय का नाम : भूप नारायण मंडल िव िव ालय, मधेपुरा
थापना वष : 1990
.सं. : 11
िव िव ालय का नाम : जय काश नारायण िव िव ालय, छपरा
थापना वष : 1990
.सं. : 12
िव िव ालय का नाम : मौलाना मज ल हक अरबी-फारसी िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1998
.सं. : 13
िव िव ालय का नाम : िबहार किष िव िव ालय, सबौर
थापना वष : 2004
.सं. : 14
िव िव ालय का नाम : क ीय िबहार िव िव ालय, गया
थापना वष : 2005
.सं. : 15
िव िव ालय का नाम : चाण य रा ीय िविध िव िव ालय, पटना
थापना वष : 2007
.सं. : 16
िव िव ालय का नाम : आयभ तकनीक िव िव ालय, पटना
थापना वष : 2009
.सं. : 17
िव िव ालय का नाम : नालंदा अंतरा ीय िव िव ालय, नालंदा
थापना वष : 2009
सारणी-V
िबहार क िचिक सा महािव ालय
.सं. : 1
मेिडकल कॉलेज का नाम : पटना मेिडकल कॉलेज, पटना
थापना वष : 1925
.सं. : 2
मेिडकल कॉलेज का नाम : मेिडकल कॉलेज, दरभंगा
थापना वष : 1947
.सं. : 3
मेिडकल कॉलेज का नाम : ए.एन. मगध मेिडकल कॉलेज, गया
थापना वष : 1969
.सं. : 4
मेिडकल कॉलेज का नाम : नालंदा मेिडकल कॉलेज, पटना
थापना वष : 1969
.सं. : 5
मेिडकल कॉलेज का नाम : एस.क. मेिडकल कॉलेज, मुज फरपुर
थापना वष : 1971
.सं. : 6
मेिडकल कॉलेज का नाम : जवाहरलाल नेह मेिडकल कॉलेज, भागलपुर
थापना वष : 1971
.सं. : 7
मेिडकल कॉलेज का नाम : इिदरा गांधी आयुवद सं थान, पटना
थापना वष : 1983
.सं. : 8
थापना वष : 1960
.सं. : 6
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : लोकनायक जय काश नारायण इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, छपरा
थापना वष : 2012
.सं. : 7
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग, पटना िजसे 2004 ई. म नेशनल इ टी यूट
ऑफ ट ोलॉजी, पटना का दजा िमला
थापना वष : 1886
.सं. : 8
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबहार इ टी यूट ऑफ िस क ऐंड ट सटाइल, नाथ नगर भागलपुर
थापना वष : 1994
.सं. : 9
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : संजय गांधी इ टी यूट ऑफ डयरी सांइस ऐंड ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 1982
.सं. : 10
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : दरभंगा इजीिनय रग कॉलेज, दरभंगा
थापना वष : 2008
.सं. : 11
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : नालंदा इजीिनय रग कॉलेज, नालंदा
थापना वष : 2008
.सं. : 12
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : गया इजीिनय रग कॉलेज, गया
थापना वष : 2008
सारणी-VII
.सं. : 3
सं थान का नाम : ए.एम. कॉलेज
थान : गया
.सं. : 4
सं थान का नाम : महाराजा लॉ कॉलेज
थान : आरा
.सं. : 5
सं थान का नाम : पटना लॉ कॉलेज
थान : पटना
.सं. : 6
सं थान का नाम : िवदेह लॉ कॉलेज
थान : मधुबनी
.सं. : 7
सं थान का नाम : लॉ कॉलेज
थान : सम तीपुर
.सं. : 8
सं थान का नाम : िशवानंद मंडल कॉलेज
थान : मधेपुरा
.सं. : 9
सं थान का नाम : एम.एस. कॉलेज
थान : मोितहारी
सारणी-IX
किष महािव ालय एवं अनुसंधान क
.सं. : 1
िबहार क अ य िश ण सं थाएँ
.सं. : 1
सं थान का नाम : गवमट कॉलेज ऑफ आट ऐंड ा ट
थान : पटना
.सं. : 2
सं थान का नाम : फक टी ऑफ फाइन आ स ऐंड ा ट
थान : भागलपुर
.सं. : 3
सं थान का नाम : नव नालंदा महािवहार
थान : नालंदा
.सं. : 4
सं थान का नाम : टी.वी. िडम शन ऐंड टरिनंग सटर
थान : पटना
.सं. : 5
सं थान का नाम : राज मेमो रयल रसच इ टी यूट
थान : अगमकआँ, पटना
.सं. : 6
सं थान का नाम : िबहार शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 7
सं थान का नाम : क.पी. जायसवाल शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 8
सं थान का नाम : डॉ. ए.एन. िस हा शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 9
सं थान का नाम : िच एवं मूितकला िव ालय
थान : पटना
.सं. : 10
सं थान का नाम : ए.एन. िस हा समाज अ ययन सं थान
थान : पटना
.सं. : 11
सं थान का नाम : मदरसा इ लािमक शमशुल दा
थान : पटना
.सं. : 12
सं थान का नाम : लिलत नारायण िम इ टी यूट ऑफ इकोनॉिमक ुप ऐंड सोसल चज
थान : पटना
.सं. : 13
सं थान का नाम : मंदार िव ापीठ
थान : भागलपुर
.सं. : 14
सं थान का नाम : मूक-बिधर िव ालय
थान : पटना
.सं. : 15
सं थान का नाम : सं कत िव ापीठ
थान : पटना
.सं. : 16
सं थान का नाम : ने हीन छा िव ालय
थान : भागलपुर
.सं. : 17
सं थान का नाम : पटना ने हीन िव ालय
थान : कदमकआँ, पटना
.सं. : 18
सं थान का नाम : जेिवयर फायर से ट अकादमी, एसकपुरी
थान : पटना
.सं. : 19
सं थान का नाम : बािलका िव ापीठ
थान : लखीसराय
.सं. : 20
सं थान का नाम : भारतीय नृ यकला मंिदर
थान : पटना
.सं. : 21
सं थान का नाम : दरभंगा रसच इ टी यूट
थान : दरभंगा
.सं. : 22
सं थान का नाम : किष अनुसंधान क
थान : मीठापुर, पटना
.सं. : 23
सं थान का नाम : राजक य संयु खा एवं औषिध योगशाला
थान : पटना
.सं. : 24
सं थान का नाम : फल अनुसंधान सं थान
थान : सबौर
.सं. : 25
सं थान का नाम : स ल यूल रसच इ टी यूट
थान : पटना
.सं. : 26
सं थान का नाम : भारतीय नृ यकला मंिदर
थान : पटना
सारणी-XI
मुख पु तकालय
.सं. : 1
सं थान का नाम : ीनंदन पु तकालय, छपरा
थापना वष : 1935
.सं. : 2
सं थान का नाम : मंडलीय पु तकालय, सहरसा
थापना वष : 1954
.सं. : 3
सं थान का नाम : भगवान पु तकालय, भागलपुर
थापना वष : 1913
.सं. : 4
सं थान का नाम : खुदाब स लाइ ेरी (द पटना ओ रएंटल प लक लाइ ेरी), पटना
थापना वष : 1938
.सं. : 5
सं थान का नाम : प लक लाइ ेरी, पूिणया
थापना वष : 1952
.सं. : 6
सं थान का नाम : ल मी र प लक लाइ ेरी, दरभंगा
थापना वष : 1919
.सं. : 7
सं थान का नाम : मंडलीय पु तकालय, गया
थापना वष : 1955
.सं. : 8
सं थान का नाम : गोपाल नारायण पु तकालय, पटना
थापना वष : 1912
.सं. : 9
सं थान का नाम : ेट प लक लाइ ेरी, पटना
थापना वष : 1916
.सं. : 10
सं थान का नाम : ी शारदा सदन पु तकालय, लालगंज, वैशाली
थापना वष : 1914
.सं. : 11
सं थान का नाम : महत रामशरण दास पु तकालय, सम तीपुर
थापना वष : 1939
.सं. : 12
सं थान का नाम : ी िहदी पु तकालय, सोहसराय, नालंदा
थापना वष : 1924
.सं. : 13
सं थान का नाम : ान िनकतन पु तकालय, सीतामढ़ी
थापना वष : 1946
.सं. : 14
सं थान का नाम : भावती पु तकालय, पटना
थापना वष : 1973
.सं. : 15
सं थान का नाम : ीमती रािधका िस हा सं थान व सि दानंद िस हा लाइ ेरी, पटना
थापना वष : 1924
सारणी-XII
मुख शै िणक/शोध सं थान
.सं. : 1
सं थान का नाम : िबहार उदू अकादमी, पटना
थापना वष : 1975
.सं. : 2
सं थान का नाम : कला भवन, पूिणया
थापना वष : 1955
.सं. : 3
सं थान का नाम : ाकत जैन शा शोध सं थान, वैशाली
थापना वष : 1955
.सं. : 4
सं थान का नाम : अरिबक ऐंड परिसयन रसच इ टी यूट, पटना
थापना वष : 1955
.सं. : 5
सं थान का नाम : िमिथला सं कत िव ापीठ, दरभंगा
थापना वष : 1951
.सं. : 6
प रिश -V
सारणी-I
खेल टिडयम
.सं. : 1
खेल टिडयम : राज टिडयम
थान : छपरा
.सं. : 2
खेल टिडयम : सिचवालय इडोर टिडयम
थान : पटना
.सं. : 3
खेल टिडयम : संजय गांधी िमनी टिडयम
थान : पटना
.सं. : 4
खेल टिडयम : हाजीपुर टिडयम
थान : हाजीपुर
.सं. : 5
खेल टिडयम : खुदीराम बोस टिडयम
थान : मुज फरपुर
.सं. : 6
खेल टिडयम : सु यम टिडयम
थान : गया
.सं. : 7
खेल टिडयम : वीर कवर िसंह पुिलस टिडयम
थान : आरा
.सं. : 8
खेल टिडयम : मोईनुल हक टिडयम
थान : पटना
.सं. : 9
खेल टिडयम : जगजीवन राम टिडयम
थान : खगौल
.सं. : 10
खेल टिडयम : इिदरा गांधी टिडयम
थान : पूिणया
.सं. : 11
खेल टिडयम : िमिथलेश टिडयम
थान : पटना
.सं. : 12
खेल टिडयम : रलवे टिडयम
थान : हाजीपुर
.सं. : 13
खेल टिडयम : डाक-तार मनोरजन एवं इडोर टिडयम
थान : पटना
सारणी-II
खेल ॉफ
.सं. : 1
खेल : हॉक
संबंिधत ॉफ : कजंस कप, जयपाल िसंह कप
.सं. : 2
खेल : फटबॉल
संबंिधत ॉफ : मोईनुल हक ॉफ , गवनर गो ड कप, रिव नेहा ॉफ , अनु ह नारायण सी ड, रिव मेहता ॉफ ,
रप लक शी ड, ेिसडट कप,
.सं. : 3
खेल : ि कट
संबंिधत ॉफ : हमंत ॉफ , रधीर वमा शी ड
सारणी-III
मुख िखलाड़ी
.सं. : 1
खेल : ि कट
संबंिधत िखलाड़ी : सबा करीम, क ित आजाद, ितलक राज, सु त बनज , रमेश स सेना, शेखर िस हा, ह र
िकडवानी, कशव साद, अिवनाश, राकश शु ा, दलजीत िसंह, बलदेव गोसाई, रधीर िसंह
.सं. : 2
खेल : फटबॉल
संबंिधत िखलाड़ी : बदरी साद, पी.क. बनज , िवधानचं िम , अवधेश कमार िस हा, सुबोध काजीवाल,
श ु न राय, िवजय कमार, चं शेखर आजाद, मेवालाल, याम सुंदर, रिव रजन, ललन दुबे, रामे र लाल, अ दुल
समद, अ दुल लतीफ, चंदेशर साद
.सं. : 3
खेल : हॉक
संबंिधत िखलाड़ी : एल.क. िमंज, जे स करकटा, हलेन सोया, यासमनी सांगा, गोपाल मगरा, जयपाल िसंह, रािश
दुलारी, अमला गुड़ीया, अमृत लकड़ा, पु पा टोपनो, सुवार सांगा, अनमोल काइड, एस. डगडग, सुशीला टोपनो,
ि यंका कमारी, िव ासी
.सं. : 4
खेल : िनशानेबाजी
संबंिधत िखलाड़ी : जगरनाथ िम , जगरनाथ िसंह, क.क. झा, णव िस हा, शेखर भगत, एस.क. राय चौधरी
.सं. : 5
खेल : शतरज
संबंिधत िखलाड़ी : अंजना झा, योग साद ीवा तव, बी.क. ीवा तव, बा गीज कोसी, िवशाल शरीन,
प पुरमाणी, िद यदु ब आ, संजीव कमार, दोलन चंपा बोस
.सं. : 6
खेल : टिनस
संबंिधत िखलाड़ी : िदनेश मोहन, चं भूषण, बीमुड, नीशेसेन, सुर कमार, खोसू सेन, शै य कमार उपा याय
.सं. : 7
खेल : बैडिमंटन
संबंिधत िखलाड़ी : अली अकबर, सरोिजनी, कावेरी घोष, िचतरजन िस हा, बागु चटज , राज कमार िम , मोहन
अ जा
.सं. : 8
खेल : बेस बॉल
संबंिधत िखलाड़ी : सुनील िसंह, अजय ितवारी, सुधांशु शेखर, मतापाल, एहसान अहमद
.सं. : 9
खेल : ताइ ांडो
संबंिधत िखलाड़ी : स यजीत शा , शािलनी ीवा तव
.सं. : 10
खेल : िबिलय स
संबंिधत िखलाड़ी : कमार आधानंद िस हा, कमार तारानंद िस हा, कमार यामानंद िस हा
.सं. : 11
खेल : करम
संबंिधत िखलाड़ी : र म कमारी, रजन काश
.सं. : 12
खेल : कराट
प रिश -VI
सारणी-I
िबहार क अपे ाकत आिथक प से समृ और िपछड़ िजले
मापदंड : ित य सकल िजला घरलू उ पाद
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, मुंगेर, बेगूसराय
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : िशवहर, सुपौल, मधेपुरा
मापदंड : पे ोल
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, मुज फरपुर, पूव चंपारण
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : िशवहर, अरवल, शेखपुरा
मापदंड : डीजल
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, पूव चंपारण, मुज फरपुर
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : िशवहर, अरवल, शेखपुरा
मापदंड : एल.पी.जी.
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, मुज फरपुर, पूव चंपारण
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : शेखपुरा, िशवहर, अरवल
मापदंड : लघु बचत
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, सारण, नालंदा
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : प मी चंपारण, सीतामढ़ी, अर रया
सारणी-II
िबहार म हथकरघा क संक ण वाले िजले
िजला—उ पादक
भागलपुर—रशमी, सूती, सजावटी कपड़, टपल चादर, िनयात यो य रशमी और सूती कपड़
बाँका—तसर रशम, िनयात यो य रशमी कपड़
गया—रशमी और सूती कपड़