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अहक ं ार कार्यपत्रक

1.उन सभी ब िंदओ


ु िं को बिबहित करें जो आप पर लागू िोते िै

१. अहकं ारी व्यक्ति क्तिनम्र नहीं हो सकता


२. अहक ं ारी व्यक्ति सहनशील नहीं हो सकता
३. अहक ं ारी व्यक्ति दसू रों को आदर नहीं दे सकता
४. अहक ं ारी व्यक्ति आभार नहीं व्यि कर सकता
५. अहक ं ारी व्यक्ति दसू रों की सराहना नहीं कर सकता
६. अहक ं ारी व्यक्ति दसू रों कीसहायता नहीं करता
७ . अहक ं ारी व्यक्ति दसू रों की क्त ंता नहीं करता
८. अहक ं ारी व्यक्ति ऊं ा सगं पसदं नहीं करता
९. अहक ं ारी व्यक्ति दसू रों को महत्िपर्ू ण ज्ञान की क्तशक्षा नहीं देता क्तिससे िे प्रगक्तत करें
१०. अहक ं ारी व्यक्ति अपनी गलती नहीं स्िीकारता
११. अहक ं ारी व्यक्ति अपना हृदय नहीं खोलता
१२. अहक ं ारी व्यक्ति ईमानदार नहीं होता
१३. अहक ं ारी व्यक्ति स्ियं को धोका देता है
१४. अहक ं ारी व्यक्ति दसू रों की श्रेष्ठता नहीं स्िीकारता
१५. अहक ं ारी व्यक्ति सदैि ईर्षयाणलह होता है
१६. अहक ं ारी व्यक्ति स्ियं को स्िामी मानता है
१७. अहक ं ारी व्यक्ति सदैि खदु की ड़ाई करते रिता िै।
१८. अहक ं ारी व्यक्ति सदैि स्ियं की बड़ाई सनह ना ाहता है
१९. अहक ं ारी व्यक्ति हर कायण का श्रेय स्ियं लेना ाहता है
२०. अहक ं ारी व्यक्ति भौक्ततक िस्तओ ह ं के प्रक्तत अत्यक्तधक आसि रहता है
२१. अहक ं ारी व्यक्ति दीर्ण काल में नक ह सान होने िाले क्तनर्णय लेता है
२२. अहक ं ार आपको भ्रम में फसाता है
२३. अहक ं ार आपको अपराध में फसाता है
२४. अहक ं ार आपको पथभ्रष्ट कर फसाता है
२५. अहक ं ार आपको कपट में फसाता है
२६. अहक ं ार आपको क्तदखािे में फसाता है
२७. अहक ं ार आपको अज्ञानता में फसाता है
२८. अहक ं ारी व्यक्ति क्रोध को िश में नहीं कर सकता
२९. अहक ं ारी व्यक्ति काम को िश में नहीं कर सकता
३०. अहक ं ारी व्यक्ति लोभ को िश में नहीं कर सकता
३१. अहक ं ारी व्यक्ति दम्भी होता है
३२. अहक ं ारी व्यक्ति को क्तनक्तत क्तनयम अ्छे नहीं लगते
33. अहकं ारी व्यक्ति को प्रक्तशक्षर् अ्छा नहीं लगते
३४. अहक ं ारी व्यक्ति को दसू रों के द्वारा सधह ारा िाना अ्छा नहीं लगता
३५. अहक ं ारी व्यक्ति को िररष्ठ का मागणदशणन अ्छा नहीं लगता
३६. अहक ं ारी व्यक्ति सत्य से भागता है
३७. अहक ं ारी व्यक्ति स्ियं को स्िराट समझता है
३८. अहक ं ारी व्यक्ति पिू ा नहीं करना ाहता िरन पक्तू ित होना ाहता है
३९. अहक ं ारी व्यक्ति सभी को अपना गल ह ाम बनाना ाहता है
४०. अहक ं ारी व्यक्ति कभी क्षमा नहीं मांगता है और कभी क्षमा भी नहीं करता है
४१. अहक ं ारी व्यक्ति सदैि कठोर ि न बोलता है
४२. अहक ं ारी व्यक्ति बाहर से क्तनडर प्रतीत होता है पर भीतर से डरपोक होता है
४३. अहक ं ारी व्यक्ति सदैि दसू रों को दोष देता है
४४. अहक ं ारी व्यक्ति प्रक्ततष्ठा से आसि होता है
४५. अहक ं ारी व्यक्ति पतन की ओर प्रितण होता है
४६. अहक ं ारी व्यक्ति हर क्षर् हार िीत के बारे में सो ता रहता है कभी भी िीत - िीत के बारे में नहीं
४७. अहक ं ार सारे फसादों की िड़ है
४८. अहक ं ारी व्यक्ति कहता है या तो मेरे अनसह ार कार्य करो र्ा रास्ता मापो
४९. अहक ं ारी व्यक्ति सहयोग नहीं करता
५०. अहक ं ारी व्यक्ति दसू रों का शोषर् करता है
५१. अहक ं ारी व्यक्ति में ईमानदारी का आभाि रहता है
५२. अहक ं ारी व्यक्ति का हृदय अशद्ध ह रहता है
५३. अहक ं ार को स्ियं की मत्ृ यह का भय होता है
५४. अहक ं ारी व्यक्ति में क्तिनम्रता प्रदान करने िाले िास्तक्तिक का आभाि रहता है
५५. अहक ं ार संबंधों का नाश करता है
५६. अहक ं ार बक्तह द्ध का नाश करता है
५७. अहक ं ारी व्यक्ति पिू ाणग्रह से मि
ह नहीं हो सकता है
५८. अहक ं ारी व्यक्ति के कायण प्रायः मखू तण ापर्ू ण होते है
५९ अहकं ारी व्यक्ति हमेशा शंक्तकत रहता है
६०. अहक
ं ारी व्यक्ति सदैि दसू रों को अपनी राय से बांधते है
६१. अहकं ारी व्यक्ति को अनयह ायी अ्छे लगते है अग्रर्ी व्यक्ति नहीं
६२. अहक ं ारी व्यक्ति को शक्ति अक्तधकार दसु रो को सौंपना अ्छा नहीं लगता
६३. अहक ं ारी व्यक्ति को दोष ढूंढना अ्छा लगता है
६४. अहक ं ारी व्यक्ति को प्रिल्प अ्छा लगता है
६५. अहक ं ारी व्यक्ति को अत्याहार और प्रयास अ्छा लगता है
६६. अहक ं ारी व्यक्ति क्तनयमाग्रह में फस िाता है
६७. अहक ं ारी व्यक्ति को भौक्ततक संग अ्छा लगता है
६८. अहक ं ारी व्यक्ति अिज्ञाकारी होता है
६९. अहक ं ारी व्यक्ति हमेशा समझौता करता है
७०. अहक ं ारी व्यक्ति का उद्देश्य अशद्ध ह होता है
७१. अहक ं ारी व्यक्ति के िल प्रत्यक्ष एिं अनमह ान प्रमार् को स्िीकार करता है
७२. अहक ं ारी व्यक्ति द्वन्द में क्तलप्त रहता है
७३. अहक ं ारी व्यक्ति शरर्ागक्तत से डरता है
७४. अहक ं ारी व्यक्ति नायक (हीरो ) बनना ाहता है
७५. अहक ं ारी व्यक्ति को प्रक्ततष्ठा अ्छी लगती है
७६. अहक ं ारी व्यक्ति स्ियं को अक्तधक आंकता है
७७. अहक ं ारी व्यक्ति को िाद-क्तििाद तथा प्रक्ततस्पधाण अ्छी लगती है
७८. अहक ं ारी व्यक्ति को कभी पश्चाताप नहीं होता
७९. अहक ं ारी व्यक्ति का ह्रदय लोहे िैसा कठोर होता है
८०. अहक ं ारी व्यक्ति अपने आप को अितार बनाना ाहता
८१. अहक ं ारी व्यक्ति की प्रक्ततकूल मनोिक्तृ ि होती है
८२. अहक ं ारी व्यक्ति मन तथा इक्तन्ियों का गल ह ाम होता है
८३. अहक ं ारी व्यक्ति अहक ं ारी होने से इक
ं ार करता है
८४. अहक ं ारी व्यक्ति सो ता है क्योंक्तक मेरे गरुह श्रेष्ठ है इसक्तलए मैं भी श्रेष्ठ हूँ
८५. अहक ं ारी व्यक्ति दसू रों की क्षमता को कम करता है
८६. अहक ं ारी व्यक्ति सहायता नहीं मांग सकता
८७. अहक ं ारी सम्बन्ध ज्ञान को भ्रष्ट कर देता है
८८. अहक ं ारी व्यक्ति सो ता है की िह अपररत्याज्य है
८९. अहक ं ारी व्यक्ति िररष्ठों को लाभ पाने के क्तलए पिू ता है
९०. अहक ं ारी व्यक्ति पथृ किादी होता है
९१. अहक ं ारी व्यक्ति उनसे कक्तनष्ट ियक्ति के प्रि न नहीं सनह सकते।
९२. अहक ं ारी व्यक्ति ऐसी िगह नहीं िाता िहाूँ िह नं. १ ना हो
९३. क्तमथ्या अहक ं ार आपको मन, बक्तह द्ध, तथा अहक ं ार से पह ान करिाता है
९४. क्तमथ्या अहक ं ार मन तथा बक्तह द्ध का शासन करता है
९५. क्तमथ्या अहक ं ार हमें भौक्ततक िगत से बांधता है
९६. पह ान >> इ्छाएं >> सो ना >> महससू करना >> उद्यत होना >> कायण >> गतं व्य
प्रश्न १. र्ि सत्र से कै से आपकी जाग्रबत ढ़ी ?
प्रश्न २. आप इसके बलए क्र्ा आवश्र्क कदम उठाएगिं े ?

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