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मुहावरे
मुहावरे
मुहावरा ‘अरबी भाषा’ का श द है , िजसका अथ होता है - अ यास होना। हंद भाषा म मुहावर का योग भाषा को
सुंदर, भावशाल ,सं त तथा सरल बनाने के लए कया जाता है ।
मुहावरे क वशेषताएं :-
मुहावरा एक वा यांश होता है।
मुहावरा कभी भी पूण वा य नह ं होता।
इसका योग करते समय इनका शि दक अथ न लेकर वशेष अथ को ले लया जाता है ।
जैसे- अ ल पर प थर पड़ना ; अथ – बु ध से काम न लेना
ये लंग, वचन, या के अनुसार वा य म यु त कए जाते ह।
मुहावरे समाज म र त- रवाज और पर पराओं के नमाण म सहायक होते ह ।
मुहावरे संग के अनु प अथ दे ते ह।
मुहवर के साथ जुड़े श द कभी बदले नह जा सकते। अत: मुहावर का मूल प नह ं बदलता जैसे-‘आँख’
चुराना के थान पर ‘नयन’ चुराना का योग नह ं कया जा सकता ह।
2. र त थानो क पू त उपयु त मह
ु ावर वारा कर-
I. अगर तुम कसी क मदद नह ं करोगे तो तु ह भी कोई बाद म .................पानी दे ने वाला
नह ं मलेगा ।
II. उसने अपने बड़ क बात को गरह.......................है ।
III. म अपने गु जन को सामने दे ख नत............।
IV. अपने बेटे क दघ
ु टना क खबर सन
ु माँ...........................खो बैठ ।
V. जब भी म सामने मठाई दे खता हूँ मेरा .............................लगता है ।
VI. चोर ने .............घर म वेश कया ।
VII. दशनी देखने के लए भार भीड़ ........................।
VIII. अ यापक क डाँट ने िजगर ................................. दए।
IX. आज करोनावायरस के कारण ऐसा लगता है मानो सर..................................रह हो।
X. हम दस
ू र को लगती ..................चा हए ।
पाठ-2 : डायर का एक प ना
2. ठं डा पड़ना-ढ ला पड़ना।
शाद क तैया रयाँ अभी परू भी नह ं हुई ह। पता नह ं घर वाले इतने ठं डे य पड़ गए ह।
1. सध
ु -बध
ु खोना-अपने वश म न रहना।
उस आकषक युवती को दे खकर चेतन अपनी सध
ु -बध
ु खो बैठा।
3. खश
ु ी का ठकाना न रहना-बहुत अ धक खशु ी होना।
लड़क का र ता तय होने पर प रवार क खश ु ी का ठकाना न रहा।
4. आग-बबल
ू ा होना-बहुत ोध आना।
क ा म फेल होने क बात सन ु कर पता आग-बबूला हो गए।
पाठ- 6 : अब कहाँ दस
ू रे के दख
ु म दख
ु ी होने वाले
3. डेरा डालना- थायी प से रहना। जब से यहाँ दं गे हुए ह, तब से सेना ने यहाँ डेरा डाल दया है।