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1. D.

महहला है। पर हनराश न होकर ऄपनी मंहजल तक अगे


चलते रहना ही जीिन है।
2. C. बाहलका है।
23. कल्पना ऄत्यंत सौम्य स्िबाि की महहला थी।
3. B. कहानी िह अरं भ से ही कु शाग्र-बुहद्ध, दृढ़ हनश्चयी,
4. A. हनराशा प्रहतभाशाली तथा मौनी थी ।
5. C. हहमालय 24. बच्चे को रोता हुअ देखकर सभी प्रहतभागी
दौडना छोडकर ईसकी मदद के हलए लौट अए।
6. B. पूणणहिराम
ईसे दोबारा खड़ा ककया। ईसके अँसू पोंछे, धूल
7. A. सहयोग देना साफ की। ईसे हौसला देते हुए एल लड़की ने
8. D. दशरथ की रानी कौशल्या थी। कहा, “ऄब ठीक होजाएगा।”
9. सुभद्राकु मारी चौहान 25. स्िामी हििेकानंद ने भारतीय संस्कृ ती और
10. नाििाला सभ्यता का सदुपदेश कदया । ईन्होंने
ऄंधहिश्िास तथा ूपकढयों को हटाकर धमण का
11. खाना पकाना
िाहस्त्िक ममण समझाया। साधु-सन्यासी िगण को
12. चलना
भी ईन्होंने शांती प्राप्त करने का नया मागण
13. बाबू भाइ नाररयल खररदने बाज़ार गए थे। जताया। िह था दीन-दुखी जनों की सेिा औऄर
14. शहरों के नाम ऄंग्रेजी के पूिाणक्षरों में हसमट रहे सहायता का मागण।
हैं। 26. मौसी सेिा की मुर्तत थी क्योंकक, िह सबको माँ
15. प्रत्येक पग पर रोडा ऄटकता रहा है। के जैसी प्यारी बनी थी। सबके सुख-दुःख में साथ
16. रहीम छोटे लोगों को हतरस्कार न करने के हलए देती थी। बच्चों को स्कू ल से लाना, बच्चों को
कहते हैं। कहानी अकद सुनाती रहती, ईनके साथ खेला
17. शहर में बड़ा भारी जुलूस हनकलनेिाला था। कती और ईन्हें खाने के हलए कु छ न कु छ देती
बादशाह का हुक्म था कक जुलस ू न हनकले। रहती थी।
आसहलए शहर में अतंक छा गया था। 27. चेरापूँजी समुद्र की सतह से कोइ तेरह सौ हमटर
18. बाबू भाइ की मुलाकात नाररयलिाले से, उपर, जो हिश्ि में सबसे ऄहधक िषाण िाले
मंडीिाले से, नाििाले से और माली से हुइ। स्थान के हलए प्रहसद्ध है। यहाँ साल-भर िषाण
19. सौर उजाण का ईपयोग हबजली ईत्पादन में, होती रहती है।
सोलार कु क्कर के ूपप में, सौर लालटन के ूपप 28. ब्राह्मण पररिार एकचक्र नगर में रहता था। आस
में, सौर पथ-दीप के ूपप में होता है। नगर की रक्षा बकासुर नाम का राक्षस करता
20. चेन्नम्मा की हशक्षा-दीक्षा राजकु ल के ऄनुसार था। आसके बदले िह लोगों से एक गाड़ी ऄन्न,
हुइ। शस्त्रास्त्रों का ऄभ्यास , अखेट अकद युद्ध दो भैंसे और एक मनुष्य लेता है। ये सब सामान
कलाएँ ईन्हें ऄपने िीर हपता से प्रात हुइ । ऄपने ले जाने की बारी ब्राह्मण पररिार की अइ थी।
जंगमगुरु के मागणदशणन में ईदू,ण मराठी और आसहलए पररिार दुःखी था।
संस्कृ त भाषाओं का ऄध्ययन ककया। 29. सड़क की रक्षा के हलए हमारे मन में सड़क की
21. लाल बत्ती पर ूपकना चाहहए । पीली बत्ती पर सुरक्षा का भाि होना चाहहए। सड़क को नहीं
हबगाड़ना चाहहए। सफाइ का ध्यान रखना
जाने की तैय्यारी करनी चाहहए । हरी बत्ती पर
चाहहए। यातायात के हनयमों का पालन करना
चलना चाहहए।
चाहहए।
22. ’चलना हमारा काम है’ कहिता में कहि कहते हैं
30. पररसर की रक्षा करना हमारा कतणव्य है।
कक, जीिन के सफर में ऄनेक रुकािटें अती हैं,
आसहलए रोज़ एक पेड़ लागाने की शपथ खाना
है। ऄगर एक पेड़ कट जाए तो ग्यार पेड़ आनसान के हलए खान-पान हजतना ज़्रूरी है, आंटरनेट
लगाकार पररसर की रक्षा करनी चाहीए। भी ईतना ही अिश्यक है ।
31. ’साथी हाथ बढ़ाना’ कहिता में कहि मेहनऄत से
हिषय हिस्तार :
होनेिाले पररणाम के बारे में कहा है- मेहनत
ईपयोग/लाभ : जीिन के हर क्षेत्र में आं टरनेट
करनेिाले जब अगे बढ़ते हैं तो सागर रास्ता
का बहुत बड़ा योगदान है । आसके द्वारा पल भर में
छोड़ता है, पिणत शीश झुकाता है। हम चट्टानों
हबना ज्यादा खचण ककए कोइ भी हिचार हो, हस्थर
में भी राहें पैदा कर सकते हैं।
हचत्र हो, िीहडयो हचत्र हो दुहनया के ककसी भी कोने में
32. प्रस्तुत दोहे में रहीम कहते हैं कक, बड़ए लोग न भेजना मुमकीन हो गया है। आं टरनेट द्वारा हम घर बैठे-
ज्यादा बोलते हैं, न ही ऄपनी प्रशंसा करते हैं। बैठे खरीदारी कर सकते हैं। कोइ भी हबल भर सकते हैं
रहीम कहते हैं कक, हीरा कब कहता है है कक । आंटरनेट बैककग द्वारा दुहनया के ककसी भी जगह चाहे
ईसका मूल्य लाख रुपए है। हजतनी रकम भेज सकते हैं ।
33. fêÀ£ÀzÀ°è DlUÀ½UÉ ªÀĺÀvéÀªÁzÀ ¸ÁÜ£À«zÉ. Dl, हाहन/दुष्पररणाम : आं टरनेट की िजह से
«zÁåyðUÀ¼À fêÀ£z À À ªÀĺÀvéÀªÁzÀ CAUÀªÁVzÉ. पैरसी, बैककग फ्राड़, हैककग अकद बढ़ रही है। मुक्त िेब
«zÁåyðUÀ½UÉ CzsÀåAiÀÄ£ÀzÀ eÉÆÃvÉUÉ DlªÀÇ साआट, चैटटग अकद से युिा पीढ़ी िक्त का दुरुपयोग
CªÀ±ÀåPÀªÁVzÉ.
कर रही है और बच्चे ऄनुपयुक्त और ऄनािश्यक
34. खेलों द्वारा बच्चों में धैय,ण लगन, पररश्रम, जानकारी हासील कर रहे हैं । आसहलए हम लोगों को
ईत्साह तथा परस्पर सहयोग अकद गुणों का आं टरनेट से सचेत रहना चाहहए ।
हिकास होता है और बच्चे जीिन का ऄनुभ्ि ईपसंहार : िैज्ञाहनक अहिष्कारों ने मानि-
प्राप्त कते हैं। खेलने से हमारे ऄंगों की कसरत हो जीिन को सुहिधाजनक बनाया है । आं टरनेट से मानि
जाती है और हम हृष्ट-पुष्ट बनते हैं। ऄतः ऄच्छे जीिनशैली और ईसकी सोच में क्रातंहतकारी पररितणन
स्िास््य के हलए खेलना ज़ूपरी है। खेलों द्वारा हुअ है । जीिन के हर क्षेत्र में आंटरनेट का बहुत बड़ा
हम नाम के साथ-साथ धन भी कमा सकते हैं। योगदान है । आं टरनेट िरदान है तो ऄहभशाप भी है ।

35. उँचा हहया हहमालय तेरा 38. प्रेषक, कदनांक : 12/02/2024


ईसमें ककतना स्नेह भरा ऄबक
कदल में ऄपने अग दबाकर नौिीं कक्षा
रखता हमको हरा भरा। सरकारी हैस्कू ल हुल्लोली
591305
36. ऄ. समाचार-पत्र मनुष्य को ऄपने घर बैठे-बैठे
सारे हिश्ि की जानकारी प्राप्त होती है। सेिा में,
अ. समाचार पहँचाने के प्रमुख साधन हैं- प्रधानाध्यापक,
सरकारी हैस्कू ल हुल्लोली
रे हडयो, टेहलफोन, दूरदशणन, कं प्यूटर अकद ।
आ. ऄंग्रेजी का प्रथम समाचार-पत्र है- बंगाल महोदय,
गज़ट । हिषय: दो कदन की छु ट्टी के हलए हिनती पत्र।
इ. हहदी का पहला समाचार पत्र ईदंत मातंड ईपयुणकर हिषय के संबंध में अप से हनिेदन है कक
और कन्नड का मंगलूरु समाचार । हमारे घर में बड़े भाइ की शादी कदनांक 13/02/2024 को
होनेिाली है । आसहलए अप मुझे कदनांक 13/02/2024 और
37. आं टरनेट 14/02/2024 को दो कदन की छु ट्टी प्रदान करें ।
ऄथण / प्रस्तािाना : अज का युग आंटरनेट
धन्यिाद
युग है । आंटरनेट ऄनहगनत कं प्युटरों के कइ ऄंतरजालों
का एक दूसरे से संबंध स्थाहपत करने का जाल है । स्थान :हुल्लोली अपका अज्ञाकारी छात्र
ऄबक

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