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मूल प्रवृत्तियाँ
मूल प्रवृत्तियाँ
रॉस के अनुसार -मूल प्रवत्तृ ि चरित्र ननमायण के ललए कच्चा माल है लिक्षक को अपने सि कार्ों
में उनके प्रनि ध्र्ान दे ना आवश्र्क है ।
पस्
ु तक- ‘An Introduction to social psychology’ के लेखक--- त्तवललयम मैकडूगल
पररभाषा:-
मैक्डूगल के अनस
ु ार-संवेग उत्पन्न होने पर जो क्रिया होती है उसे मल
ू प्रवत्तृ ि कहलाती है
प्रत्येक मूल प्रवत्तृ ि के सार् एक संवेग जुडा रहता है।