You are on page 1of 7

कक्षा 8 व्याकरण

समास

द्विगु समास

इसमें पि
ू प
व द संख्यािाची होता है और उत्त्तरपद विशेष्य होता है |
इसके अततररक्त यह स्मह्
ु िाची भी होता है |

जैसे- द्विगु – दो गायों का समह


समस्तपद विग्रह
1 सतसई - सात सौ (दोहों ) का समूह

2 त्रििेणी – तीन िेणणयों का समूह

3 दोपहर – दो पहरों का समह


4 शताब्दी – शत (सौ ) अब्दों (िर्षों ) का समूह

5 चौराहा – चार राहों का समूह

6 पंचिटी – पााँच व्तों का समह


7 त्रिफला – तीन फलों का समूह

8 पंजाब – पााँच आबों (नददयों ) का समूह

9 चिन्नी – चार आनों का समह


10 चतुभज
ुव – चार भज
ु ाओं का समूह
मुहािरे

जब कोई िकयंश अपने सामान्य अर्व को छोड़कर विशेर्ष अर्व में रूढ़ हो
जाता है तो मुहािरे कहलाता है |

1 अंधे के आगे रोना – तनदव य के सामने दख


ु ड़ा रोना

इस अफसर को अपना दख
ु ड़ा सन
ु ाने का अर्व है – अंधे के आगे रोना |

2 अक्ल पर पत्त्र्र पड़ना – त्रबद्धध से काम लेना

मेरी अक्ल पर पत्त्र्र पद गए र्े जो मैंने पढ़ाई छोड़ने का तनणवय ललया|

3 अपने पााँि पर कुल्हाड़ी मरना – अपनी हातन स्ियं करना

जो समय का दरु
ु पयोग करते है , िे अपने पााँि पर कुल्हाड़ी मरते है |

4 अपना राग अलापना – अपनी ही बाते कहते रहना

तुम दस
ु रे की बाते सुनते ही नहीं , अपना राग अलापते रहते हो |

5 आाँखें नीची होना – लज्जजत होना

बेटे की करतूत का पता चलने पर वपता की आाँखे लज्जजत हो गई |

6 आाँच न आने दे ना – ततनक भी क्षतत न पहुाँचाना

मैं शपर् लेता हूाँ की अपने दे श आाँच न आने दाँ ग


ू ा |

7 आकाश पातल का अंतर – बहुत अंतर होना


इन दोनों बहनों में आकाश पाताल का अंतर है |

8 आग बबूला होना – बहुत क्रोधधत होना

फूलदान को टूटा दे खकर मााँ आग बबूला हो गई |

9 आग में घी डालना – क्रोध को भडकाना

तम
ु वपताजी से मेरी लशकायत करके आग में घी दल रहे हो |

10 आस्तीन का सााँप – कपटी लमि

मैं तो रोहन पर विश्िास नहीं करता क्योंकक िह आस्तीन का सााँप है |

िाक्यांशों के ललए एक शब्द

1 ज्जसे खा न जा सके – अकर्नीय

2 ज्जसे क्षमा न ककया जा सके – अक्षम्य

3 ज्जसकी धगनती न हो सके – अगण्य

4 ज्जसको अनुभि हो – अनुभिी

5 जो फले हुआ हो – अपूिव

6 ज्जका मल्
ू य न आाँका जा सके – अमल्
ू य

7 जो इस लोक न हो – अलौककक

8 जो कम खता हो – अल्पहारी

9 ज्जसका िणवन न ककया जा सके – अिणवनीय

10 ज्जसकी सहायता करने िाला न हो – असहाय


िाक्य के भेद ,

वाक्य के भेद PA 2
िाक्यों के िगीकरण के मख्
ु यतया दो आधार हैं –

1. अर्व के आधार पर
2. रचना के आधार पर

अर्व के आधार पर िाक्य भेद –

1. विधानिाचक िाक्य
2. प्रश्निाचक िाक्य
3. आज्ञािाचक िाक्य
4. नकारात्त्मक िाक्य
5. संदेहिाचक िाक्य
6. इच्छािाचक िाक्य
7. विस्मयिाचक िाक्य
8. संकेतिाचक िाक्य

1. विधानिाचक िाक्य-
ज्जस िाक्य में कक्रया होने या करने की सच
ू ना लमलती हो उसे विधानिाचक
िाक्य कहते हैं। इसे सकारात्त्मक िाक्य भी कहा जाता है क्योंकक इस प्रकार
के िाक्यों में कही गई बात को जयों का त्त्यों मान ललया जाता है ।
उदाहरण –
• पक्षी घोंसले से उड़ चक
ु े हैं।
• कविता ने पाठ याद कर ललया है।
• नदी में बाढ़ आई है।
• विजया ने दौड़ में प्रर्म स्र्ान प्राप्त ककया।
• रोदहत ने नया मकान खरीदा।

2. तनर्षेधिाचक या नकारात्त्मक िाक्य-ज्जन िाक्यों से कक्रया न होने या न ककए


जाने का भाि प्रकट होता है , उसे नकारात्त्मक िाक्य कहते हैं।
उदाहरण – इन िाक्यों की पहचान न, मत, नहीं दे खकर की जा सकती है।

• पक्षी घोंसले से नहीं उड़े हैं।


• कविता ने पाठ नहीं याद ककया है ।
• नदी में बाढ़ नहीं आई है ।
• ऐसी सरदी में बाहर मत जाओ।
• रोहन धूप में नहीं तनकलना।

3. प्रश्निाचक िाक्य-ज्जन िाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है तर्ा ज्जनमें कुछ उतर
पाने की ज्जज्ञासा रहती है , उसे प्रश्निाचक िाक्य कहते हैं।
प्रश्निाचक िाक्यों की पहचान –
1. क्या, कब, क्यों, कैसे, कौन, ककसे, ककसका आदद प्रश्निाचक शब्द दे खकर
2. िाक्य के अंत में लगे प्रश्निाचक धचह्न (?) को दे खकर की जाती है।
उदाहरण –
• ऐसी धूप में बाहर कौन खड़ा है ?
• रमा कब आई?
• तुम कल विद्यालय क्यों नहीं आए?
• कल तम
ु ने क्या-क्या खाया र्ा?
• विक्रम ककसकी राह दे ख रहा है ?
4. आज्ञािाचक िाक्य-ज्जन िाक्यों में आज्ञा या अनुमतत दे ने-लेने का भाि प्रकट
होता है, उसे आज्ञािाचक िाक्य कहते हैं।

उदाहरण –
• ककताब के पन्ने मत फाड़ो।
• राहुल, अब पढ़ने बैठ जाओ।
• दीिारों को साफ़ कर दो।
• अपने जन्मददन पर एक पौधा लगाना।
• यह काम कल तक ज़रूर परू ा कर दे ना।

Term 2

5. इच्छािाचक िाक्य-

उदाहरण –

• लमि जन्मददन की ढे र सारी बधाइयााँ।


• ईश्िर करे , आप खूब उन्नतत करें ।
• हमने चाहा र्ा कक हम सार्-सार् रहें ।
• काश! इस समय सम
ु न सार् होती।
• मैं चाहता हूाँ कक सभी स्िस्र् हों।

6. विस्मयिाचक िाक्य-

उदाहरण –

• अरे ! ककतना विशाल मैदान है ।


• ओह! तुम आ गए।
• अहा! इतना सुंदर फूल दे खकर मन प्रसन्न हो उठा।
• सािधान ! ट्रक आ रहा है।
• तछ:! नाले के पास बड़ी बदबू र्ी।

7. संदेहिाचक िाक्य –
उदाहरण –

• अब तक फ़सल कट चुकी होगी।


• रमा खाना पका चक
ु ी होगी।
• दीपक बझ
ु गया होगा।
• संभितः विजय विद्यालय से घर आ गया होगा।
• अब शायद बाररश बंद हो जाए।

8. संकेतिाचक िाक्य –

उदाहरण –

• यदद िर्षाव रुकती तो मैं घर जाता।


• अगर जल्दी आते तो दटकट लमल जाता।
• यदद डॉक्टर समय पर आ जाते तो मरीज की जान बच जाती।
• यदद लसंचाई की गई होती तो फ़सलें न सख
ू ती।
• अगर पररश्रम करोगे तो अिश्य सफल होओगे।

You might also like