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NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 1 - हह

हहहह हहहहहहहह हहह हह Page/Excercise


हहहहहह-हहहहहस

Solution 1
पक्षी के पास पपिंजरे के अिंदर वे सारी सुख सुपवधाएँ है जो एक सुखी जीवन जीने के पिए आवश्यक
होती हैं , परन्तु हर तरह की सुख-सुपवधाएँ पाकर भी पक्षी पपिंजरे में बिं द नहीिं रहना चाहते क्ोिंपक उन्हें
बिं धन नहीिं अपपतु स्वतिंत्रता पसिंद है । वे तो खुिे आकाश में ऊँची उडान भरना, बहता जि पीना, कडवी
पनबौररयाँ खाना ही पसिंद करते हैं।

Solution 2
पक्षी उन्मुक्त होकर वनोिं की कडवी पनबोररयाँ खाना, खुिे और पवस्तृत आकाश में उडना, नपदयोिं का
शीति जि पीना, पेड की सबसे ऊँची टहनी पर झूिना और पक्षपतज से पमिन करने की इच्छाओिं को
पूरी करना चाहते हैं ।

Solution 3
प्रस्तु त पिंक्तक्त का भाव यह है पक पक्षी पक्षपतज के अिंत तक जाने की चाह रखते हैं , जो पक मुमपकन
नहीिं है परन्तु पिर भी पक्षपतज को पाने के पिए पक्षी पकसी भी क्तथिपत का सामना करने के पिए तै यार
है यहाँ तक पक वे इसके पिए अपने प्राणोिं को भी न्योछावर कर सकते हैं ।

Solution 4 - ह
मेरे अनुसार पपक्षयोिं को पािना पबल्कुि भी उपचत नहीिं है क्ोिंपक ईश्वर ने उन्हें उडने के पिए पिंख पदए
हैं , तो हमें उन्हें बिं धन में रखना सवव िा अनुपचत है । अपनी इच्छा से ऊँची-से-ऊँची उडान भरना, पेडोिं
पर घोिंसिे बनाकर रहना, नदी-झरनोिं का जि पीना, िि-िूि खाना ही उनकी स्वाभापवक पशु प्रवृ पि
है । आप पकसी को भी पकतना ही सुखी रखने का प्रयास करें परिं तु उसके स्वाभापवक पररवेश से अिग
करना अनुपचत ही माना जाएगा।

Solution 4 - ह
एक बार एक घायि कबूतर हमारे घर आ गया। पजसकी हमने दे खभाि की और उसके ठीक होने के
बाद वह हमारे साि ही रहने िगा। सब घरवािोिं के पिए वह कौतू हि का पवषय बन गया िा। हम
सब घरवािे एक नन्हें बच्चे की तरह उसकी दे खभाि करते िे। उसे रोज नहिाया जाता। उसके खाने-
पीने का बराबर ख्याि रखा जाता। इस प्रकार से हम अपने पक्षी का पूरा ख्याि रखते िे।

Solution 5
पपक्षयोिं को पपिंजरोिं में बिंद करने से सबसे बडी समस्या पयाव वरण में आहार श्ृिंखिा असिंतुपित हो जाएगी।
जै से घास को छोटे कीट खाते हैं तो उन कीटोिं को पक्षी। यपद पक्षी न रहे तो इन कीटोिं की सिंख्या में
वृ क्ति हो जाएगी जो हमारी िसिोिं के पिए उपचत नहीिं है । इस कारण पयाववरण असिंतुपित हो जाएगा।
पक्षी जब ििोिं का सेवन करते हैं तब बीजोिं को यहाँ वहाँ पगरा दे ते हैं पजसके ििस्वरूप नए-नए
पौधोिं पनपते हैं । कुछ पक्षी हमारी िैिाई गिंदगी को खाते हैं पजससे पयाववरण साफ़ रहता है यपद ये
पक्षी नहीिं रहें गे तो पयाववरण दू पषत हो जाएगा और मानव कई बीमाररयोिं से ग्रस्त हो जाएगा अत: पजस
प्रकार पयाव वरण जरुरी है , उसी प्रकार पक्षी भी जरुरी हैं।
NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 1 - हह
हहहह हहहहहहहह हहह हह Page/Excercise हहहह
हह हहह

Solution 1
पुिपकत-पिंख, कटु क-पनबौरी, कनक-कटोरी।

Solution 2
अमीर-गरीब, सुख-दु ुःख, रात-पदन, तन-मन, मीठा-खट्टा, अपना-पराया, पाप-पुण्य, सही-गित, धू प-छाँ व,
सुबह-शाम।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 2 - हहहह


हहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
जब िे खक को मािू म हुआ पक दादी माँ की मृत्यु हो गयी है तो उनके सामने दादी माँ के साि
पबताईिं गई कई यादें सजीव हो उठती है । उसे अपने बचपन की स्मृपतयाँ-गिंधपूणव झाग भरे जिाशयोिं में
कूदना, बीमार होने पर दादी का पदन-रात सेवा करना, पकशन भैया की शादी पर औरतोिं द्वारा पकए
जानेवािे गीत और अपभनय के समय चादर ओढ़कर सोना और पकडे जाना साि ही उसे रामी चाची
की घटना भी याद आ जाती हैं ।

Solution 2
दादा की मृत्यु के पश्चात् िेखक के घर की आपिवक क्तथिपत खराब होने का कारण उनके पपताजी व भैया
द्वारा धन का सही उपयोग न पकया जाना िा। ग़ित पमत्रोिं की सिंगपत से सारा धन नष्ट कर डािा।
दादा के श्ाि में भी दादी माँ के मना करने पर भी िेखक के पपताजी ने अपार सिंपपि व्यय की।

Solution 3
दादी माँ के स्वभाव का सेवा, सिंरक्षण, परोपकारी व सरि स्वभाव आपद का पक्ष हमें सबसे अच्छा िगता
है । दादी माँ मुँह से भिे कडवी िगती िी परन्तु घर के सदस्योिं तिा दू सरोिं की आपिवक मदद के पिए
हर समय तै यार रहती िी। रामी चाची का कजव माफ़ कर उसे नकद रूपए भी पदए तापक उसकी बे टी
का पववाह पनपवव घ्न सिंपन्न हो जाए। इन्हीिं के कारण ही वे दू सरोिं का मन जीतने में सदा सिि रहीिं।

Solution 4
क्वार - इस महीने में न तो अपधक गमी और न ही अपधक सदी होती है अिावत् हल्की-हल्की ठिं ड
रहती है । आमतौर पर मौसम साफ़ रहता है ।
आषाढ़ - वै से यह मौसम वषाव का होता है परन्तु इस महीने वषाव न हो तो गमी बढ़ जाती है ।
माघ - इस महीने में अत्यपधक सदी होती है ।

Solution 5
क्वार के महीने में तरबूज, खरबू ज, िािसे और िीची पमिते हैं ।
आषाढ़ के महीने में आम, जामुन और खीरा पमिते हैं ।
माघ के महीने में अिंगूर, केिे , अमरुद और गु ड पमिते हैं ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 2 - हहहह


हहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
1.नीिा-सा : आकाश नीिा-सा हो गया है ।
2.रुई-से : नानीजी के बाि रुई-से सफ़ेद हो गए िे।
3.पमश्ी-सी : बाि कृष्ण की बातें गोपपयोिं को पमश्ी-सी िगती िीिं।
4.चाँद-सा : उसका चे हरा चाँ द-सा गोि है।
5.सागर-सी : उसकी आँ खोिं में सागर सी गहराई है ।

Solution 2
1.बच्चे अपने उिरोिं को बोि-बोिकर याद कर रहे िे।
2.उस नन्हें बच्चे की शरारतोिं को दे ख-दे खकर हम िक गए िे।
3.ज़ोर-ज़ोर से पचल्लाकर तुम क्ा सापबत करना चाहते हो?
4.बार-बार उसके उस सवाि से हम तिं ग आ गए िे।
5.पुपिस ने अपराधी को पीट-पीटकर अधमरा कर पदया।

Solution 3
काहे , बिं दा, पकरपा, कार-परोजन, िचमन, आपा, भनक, घना, बटे ऊ आपद।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 -


हहहहहह हह हहहहहहह Page/Excercise हहहहहह-
हहहहहह

Solution 1
नपदयोिं को माँ मानने की परिं परा भारतीय सिंस्कृपत में अत्यिं त पुरानी है। नपदयोिं को माँ का स्वरुप तो
माना ही गया है िे पकन िेखक नागाजुव न ने उन्हें बे पटयोिं, प्रेयसी व बहन के रूपोिं में भी दे खते है।

Solution 2
पसिंधु और ब्रह्मपुत्र पहमािय की दो ऐसी नपदयाँ हैं पजन्हें ऐपतहापसकता के आधार पर पुक्तल्लिंग रूप में
नद भी माना गया है । इन्हीिं दो नपदयोिं में सारी नपदयोिं का सिंगम भी होता है। प्राकृपतक और भौगोपिक
दृपष्ट से भी इनकी महिा है । कहा जाता है पक ये दो ऐसी नपदयाँ हैं जो दयािु पहमािय की पपघिे हुए
पदि कीएक-एक बूँद से पनपमवत हुई हैं । इनका रूप पवशाि और पवराट है। इनका रूप इतना िु भावना
है पक सौभाग्यशािी समुद्र भी पवव तराज पहमािय की इन दो बे पटयोिं का हाि िामने पर गवव महसूस
करता है ।

Solution 3
नपदयाँ यु गोिं-युगोिं से मानव जीवन के पिए कल्याणकारी रहीिं है । ये युगोिं से एक माँ की तरह हमारा
भरण-पोषण करती है। इनका जि भूपम की उवव राशक्तक्त बढ़ाने में पवशे ष भूपमका पनभाता है । इसपिए
नपदयाँ माता के समान पपवत्र एविं कल्याणकारी है । मानव नदी को दू पषत करने के में कोई कसर नहीिं
छोडता परन्तु इसके बावजू द भी अपार दु ुःख सहकर भी इस प्रकार का कल्याण केवि माता ही कर
सकती है । अत: काका कािे िकर ने नपदयोिं की माँ समान पवशे षताओिं के कारण उन्हें िोकमाता का
दजाव पदया है ।

Solution 4
पहमािय की यात्रा में िे खक ने पहमािय की अनुपम छटा की, नपदयोिं की अठखेपियोिं की, बरि से ढँ की
पहापडयोिं की, पेड-पौधोिं से भरी घापटयोिं की, दे वदार, चीड, सरो, पचनार, सिैदा, कैि से भरे जिं गिोिं की
प्रशिं सा की है ।

Solution 5
पहमािय से पनकिने वािी नपदयाँ अब अपनी पपवत्रता और मूि रूप को प्रदू षण के कारण खो चुकी
है ।

Solution 6
पहमािय ने दे वताओिं का वास होने के कारण कापिदास ने पहमािय को दे वात्मा कहा है।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 -


हहहहहह हह हहहहहहह Page/Excercise हहहह हह
हहह

Solution 1
1.सचमुच दादी माँ शापभ्रष्ट दे वी-सी िगी।

2.बच्चे ऐसे सुिंदर जै से सोने के सजीव क्तखिौने।

3.हरी िकीर वािे सफ़ेद गोि किंचे । बडे आँ विे जै से।

4.बडे पमयाँ के भाषण की तू फ़ान मेि के पिए कोई पनपश्चत स्टे शन नहीिं है सुनने वािा िककर जहाँ
रोक दे वही स्टे शन मान पिया जाता है ।

5.सिंध्या को स्वप्न की भाँ पत गु जार दे ते िे।

Solution 2
1. नपदयाँ सिंभ्रािंत मपहिा की भाँ पत प्रतीत होती िी।
2. पजतना की पहमािय की गोद में बक्तच्चयाँ बनकर ये कैसे खेि करती हैं ।
3. पहमािय को ससुर और समुद्र को दामाद कहने में कुछ पझझक नहीिं होती िी।
4. हहढ़ा पहमािय अपनी इन बे पटयोिं के पिए पकतना पसर धु नता होगा।

Solution 3
पवशे षण पवशेष्य

सिंभ्रािं त मपहिा
चिं चि नपदयाँ

समति आँ गन

घना जिं गि

मूसिधार वषाव

Solution 4
छोटी-बडी

दु बिी-पतिी

भाव-भिंगी

माँ -बाप

Solution 5
नव वन जापतवाचक सिंज्ञा

राम मरा भाववाचक सिंज्ञा

राही हीरा द्रव्यवाचक सिंज्ञा

धारा राधा व्यक्तक्तवाचक सिंज्ञा

नामी मीना व्यक्तक्तवाचक सिंज्ञा

Solution 6
सतिु ज शतद्रु म

झेिम पवतस्ता

रोपड रूपपुर

अजमेर अजयमेरु

बनारस वाराणसी

पवपाशा पचनाब

Solution 7
ही के प्रयोग वािे वाक् नहीिं के प्रयोग वािे वाक्

 वे शायद ही यह काम पूरा करें ।  किंस के षडयिंत्र को कौन नहीिं जानता?


 उन्होिंने शायद ही जाना हो पक मैं अस्वथि हँ ।  आज मोदीजी को कौन नहीिं जानता?
 मे रे ध्यान में शायद ही तुम्हारा ख्याि आए।  हहहहहहह हह हहहहहह हह हहह हहहह
हहहहहहह?

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 4 -


हहहहहहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
कठपुतिी को सदा दू सरोिं के इशारोिं पर नाचने से दु ुःख होता है क्ोिंपक उसे चारोिं ओर से धागोिं के
बिं धन से बाँ ध रखा गया िा। वह इस बिंधन से तिं ग आ गई िी। वह स्वतिंत्र रहना चाहती है । अपने पाँव
पर खडा होना चाहती है। धागे में बिं धना उसे पराधीनता िगती है इसीपिए उसे गुस्सा आता है ।

Solution 2
कठपुतिी अपने पाँव पर खडी होना चाहती है अिाव त् पराधीनता उसे पसिंद नहीिं िे पकन खडी नहीिं होती
क्ोिंपक उसके पैरोिं में स्वतिं त्रत रूप से खडे होने की शक्तक्त नहीिं है । स्वतिंत्रता के पिए केवि इच्छा ही
नहीिं क्षमता की भी आवश्यकता होती है जो कठपुतिी में नहीिं है ।

Solution 3
जब पहिी कठपुतिी ने स्वतिं त्र होने के पिए पवद्रोह पकया तो दू सरी कठपुतपियोिं को भी यह बात बहुत
अच्छी िगी क्ोिंपक बिंधन में रहना कोई पसिंद नहीिं करता। वे भी अपनी इच्छानुसार जीना चाहती िी। वे
भी बिं धन में दु खी हो चुकी िीिं।

Solution 4
कठपुतिी अपने पाँव पर खडी होना चाहती है अिाव त् पराधीनता उसे पसिंद नहीिं िे पकन खडी नहीिं होती
क्ोिंपक जब उस पर सभी कठपुतपियोिं की स्वतिंत्रता की पजम्मेदारी आती है , तो वह डर जाती है । उसे
ऐसा िगता है पक कहीिं उसका उठाया गया कदम सबको मुक्तिि में न डाि दे और अभी उसकी
उम्र भी कम है अत: उसे दू सरोिं के सहारे की भी जरुरत िी। साि ही स्वतिंत्रता प्राप्त करने के बाद
उसे बनाए रखना भी तो जरुरी होता है इसपिए किनी और करनी में अिंतर होता है पजसे कठपुतिी
समझ चुकी िी।

Solution 5
'बहुत पदन हुए हमें अपने मन के छिं द छु ए' पिंक्तक्त का अिव यह है पक बहुत पदन हो गए मन का दु ुःख
दू र नहीिं हुआ और न मन में ख़ुशी आई।

Solution 6
1. सन् 1857 - कुँवरपसिंह, तात्या टोपे
2. सन् 1942 - सुभाषचिंद्र बोस, चन्द्र शे खर आज़ाद

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 4 -


हहहहहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
हाि-हि - हिकरघा, हिकडी,
सोना-सोन - सोननदी, सोनभद्रा, सोनजू ही
पमट्टी-मट - मटमैिा, मटका

Solution 2
पतिा-दु बिा
उधर-इधर
नीचे -ऊपर
बाएँ -दाएँ
कािा-गोरा
पीिा-िाि

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 5 -


हहहहहहहहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
बच्चे एक ही चीज से उकता न जाएँ इसपिए वह बच्चोिं की पसिंद आने वािी अिग-अिग चीजें बदि-
बदिकर बेचता िा।
दू सरा वह महीनोिं बाद इसपिए आता िा तापक उसकी चीजोिं में बच्चोिं की उत्सु कता बनी रहे और उसे
पैसोिं का कोई िािच भी न िा क्ोिंपक वह तो केवि अपने मन की सिंतुपष्ट पिए बच्चोिं की मनपसिंद
चीज़ें बे चा करता िा।

Solution 2
पमठाईवािे का मधु र आवाज़ में गा-गाकर अपनी चीज़ोिं की पवशे षताएँ बताना, बच्चोिं की मन-पसिंद चीज़ें
िाना, िाभ कमाने के चक्कर में न रहना, बच्चोिं से अपनत्व, कोमि और प्रेम पूणव व्यवहार दशाव ना आपद
ऐसी पवशे षताएँ िीिं पक बच्चें तो बच्चें बडे भी उसकी ओर क्तखिंचे चिे आते िे।

Solution 3
एक ग्राहक के तौर पर पवजय बाबू तकव दे ते हैं पक दु कानदार को झूठ बोिने की आदत होती है ।
सामान सबको एक ही भाव में दे ते हैं पर पहिे अपधक और पिर कम दाम बताकर ग्राहक पर
अहसान का बोझ डाि दे ते हो।
एक पवक्रेता के तौर पर मुरिीवािा तकव दे ता है पक ग्राहक को सामान की असिी िागत का पता नहीिं
होता है और दु कानदार हापन उठाकर सामान क्ोिं न बे चे पर ग्राहक को िगता है पक दू कानदार उसे
िू ट ही रहा है ।

Solution 4
क्तखिौनेवािे की मादक मधुर आवाज़ सुनकर बच्चे चिंचि हो उठते । उसके स्नेहपूणव किंठ से िूटती हई
आवाज़ सुनकर पनकट के मकानोिं में हि-चि मच जाती। गपियोिं तिा उनके भीतर क्तथित छोटे -छोटे
उद्यानोिं में खेिते और इठिाते हुए बच्चोिं का समूह अपनी जूते- टोपी को उद्यान में ही भूिकर उसे
घे र िे ता और वे अपने-अपने घरोिं से पैसे िाकर क्तखिौनोिं का मोि-भाव करने िगते ।

Solution 5
रोपहणी को मुरिीवािे के स्वर से क्तखिौनेवािे का स्मरण हो आया क्ोिंपक उसे वह आवाज़ जानी-
पहचानी िगी। उसे स्मरण हो आया पक क्तखिौनेवािा भी इसी प्रकार मधुर किंठ से गाकर क्तखिौने बेचा
करता िा और इस मुरिीवािे का स्वर भी उसी तरह का िा। ये भी ठीक वै से ही मधु र आवाज़ में
गा-गाकर मुरपियाँ बेच रहा िा।

Solution 6
पमठाईवािा रोपहणी की बात सुनकर भावु क हो गया िा।
उसने इस छोटे व्यवसाय को अपनाने का कारण यह बताया पक इससे उसे अपने मृत बच्चोिं की झिक
दू सरोिं के बच्चोिं में पमि जाती है । बच्चोिं के साि रहकर उसे सिंतोष, धैयव व असीम सुख की प्राक्तप्त होती
है ।

Solution 7
'अब इस बार ये पैसे न िूँगा' - कहानी के अिंत में पमठाईवािे ने ऐसा इसपिए कहा क्ोिंपक एक तो
पहिी बार पकसी ने उसके प्रपत इतनी आत्मीयता पदखाई और उसके दु ुःख को समझने का प्रयास पकया
दू सरा उसे रोपहणी के बच्चे चु न्नू-मुन्नु में अपने ही बच्चे नज़र आए।

Solution 8
हाँ आज भी कुछ पपछडे ग्रामीण, रुपढ़वादी और कुछ जापत पवशे ष पररवारोिं में पदाव प्रिा का चिन है।
मेरी राय में ये पबल्कुि भी उपचत नहीिं है । ये प्रिा न केवि क्तियोिं की स्वतिंत्रता का हनन करती है
बक्तल्क उनकी प्रगपत में भी रूकावट उत्पन्न करती है। साि ही इस प्रकार की प्रिाएँ हमारे दे श की
छपव को भी पवश्व-पटि पर धू पमि करती है ।

Solution 9
हाट-मेिे की सभी चीजें मन को आकपषवत करती हैं जैसे खाने पीने की चटपटी चीजें (चाट-पकौडी,
दही भल्ले, गोिगप्पे), नमकीन (सेव, पापडी, नमकपारे ) और पमठाइयाँ (जिे बी, मािपुए, आइसक्रीम, बिव
के गोिे), क्तखिौने, रिं ग-पबरिं गे गु ब्बारे , झूिे और जादु ई तमाशे आपद।
इन हाट-मेिे को सजाने में कारीगरोिं, मजदू रोिं और उनके घर की मपहिाओिं और बच्चोिं का भी समान
रूप से हाि होता है । इन सभी चे हरोिं के पीछे उनकी मेहनत, िकान, कायव कुशिता, कारीगरी, व्यस्तता
और कुछ आपिवक िाभ पाने की पछपी इच्छा रहती है ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 5 -


हहहहहहहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
(क) पमठाईवािा
वािा से पहिे आने वािा शब्द सिंज्ञा है ।
बोिनेवािी गु पडया
बोिनेवािी - पवशे षण शब्द है । गु पडया शब्द सिंज्ञा है।
(ख) ऊपर वािे वाक्ािं श में उनका प्रयोग पकसी व्यक्तक्त और वस्तु के पिए हुआ है ।

Solution 2
हम ये बातें इस प्रकार कहेंगे -
1.प्रतीत होता है , वे भी पाकव में खेिने पनकि गए हैं ।
2.क्ोिं भाई मुरली किस भाव बे चते हो?
3."दादी, चुन्नू-मुन्नू के पिए पमठाई िे नी है । जरा कमरे में चिकर भाव तो िीकिए।"
NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 6 - हहहह
हह हहहहह हहहह Page/Excercise हहहहहह-
हहहहहह

Solution 1
रक्त के बहाव को रोकने पिए उस थिान पर कसकर साफ़ कपडा बाँध दे ना चापहए, क्ोिंपक दबाव
पडने पर रक्त का बहना कम हो जाता है , जो उस व्यक्तक्त के पिए बडा िाभप्रद पसि होता है पिर
जल्दी ही हमें उस व्यक्तक्त को डॉक्टर के पास िे जाना चापहए।

Solution 2
'भानुमती का पपटारा' पहन्दी में एक िोकोक्तक्त है पजसका अिव है एक पपटारे में कई तरह की वस्तु एँ।
खून को 'भानुमती का पपटारा' कहा जाता है क्ोिंपक यपद सूक्ष्मदशी से खून की एक बूँ द को जाँचा जाए
तो उसमें िाखोिं की सिंख्या में िाि रक्त कण मौजूद पमिें गे पजसकी हम कल्पना भी नहीिं कर सकते ।
इसके अिावा कुछ कण सफ़ेद तिा कुछ रिं गहीन होते हैं । तरि भाग प्लाज्मा होता है रिं गहीन कण
प्लाज्मा में तै रते रहते हैं । इन्हीिं पवपवधताओिं के कारण खून को भानुमती का पपटारा कहा जाता है।

Solution 3
एनीपमया से बचने के पिए हमें पौपष्टक आहार का सेवन करना चापहए। हमें अपने भोजन में उपचत
मात्रा में हरी सक्तियाँ , िि, दू ध, अिंडें व गोश्त खाना चापहए तापक हमारे शरीर को प्रोटीन, िौह-तत्व और
पवटापमन पमिते रहे पजससे हमारे शरीर में रक्त की कमी न हो।

Solution 4
पेट में कीडे दू पषत पानी और दू पषत खाद्य पदािों के कारण होते हैं ।
इनसे बचने के पिए हमें सिाई से बने खाद्य पदािों का सेवन करना चापहए। भोजन करने से पहिे
हमें अच्छी तरह से हाि धो िे ना चापहए एविं साफ़ जि ही पीना चापहए। कुछ कीडोिं के िावे जमीन
की ऊपरी सतह पर भी होते हैं इसपिए निंगे पैर इधर-उधर नहीिं घू मना चापहए, शौचािय का इस्ते माि
करने के पश्चात साबु न से भिी-भािं पत हाि-पैर धोने चापहए। इस प्रकार के कुछ सिाई सिंबक्तित उपाय
करने से हम पेट के कीडोिं से बीमार होने से बच सकते हैं ।

Solution 5
रक्त के सफ़ेद कणोिं को 'वीर पसपाही' कहा गया है क्ोिंपक यह रोगोिं के कीटाणुओिं को शरीर में घु सने
नहीिं दे ते, जहाँ तक सिंभव हो सके रोगी कीटाणु की कायव क्षमता को पशपिि कर उनसे डटकर
मुकाबिा करते हैं। इस प्रकार वे बहुत से रोगोिं से हमारी रक्षा करते हैं ।

Solution 6
ब्लड-बैं क में दान पकये गए रक्त को आपातकािीन क्तथिपत के पिए सुरपक्षत रखा जाता है । पकसी भी
व्यक्तक्त को रक्त की आवश्यकता पडे तो उसके पिए पकसी भी रक्त-समूह का रक्त ब्लड-बैंक से पिया
जा सकता है । इससे मरीज़ की जान बच सकती है ।

Solution 7
साँ स िे ने पर शु ि वायु से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे हर पहस्से में िाि रक्त कण पहुँ चाते हैं ।

Solution 8
रक्त में हीमोग्लोपबन के पिए िोहा खपनज की आवश्यकता पडती है ।

Solution 9
पबम्बाणु (प्लेटिैट कण) की कमी डें गू बीमारी में पाई जाती है ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 6 - हहहह


हह हहहहह हहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1 - ह
1.सीता के पववाह की बात बनते -बनते पबगड गई।
2.मैं ताजमहि पहुँ चते -पहुँ चते रह गया।
3.वह िाि साडी लेते-लेते रह गई।
4.सुबह से घर की सिाई िरते -िरते िक गई।

Solution 1 - ह
1.यह मशीन ठीक-ठीक काम करती है ।
2.रीता यह घडी-घडी का रोना ठीक बात नहीिं है ।
3.यहाँ पर आपको कहीिं-कहीिं पर ही दु कानें नज़र आएँ गी।
4.आजकि घर-घर में अपहरणकताव ओिं की चचाव है।
5.माँ जल्दी बताओ बाज़ार से क्ा-क्ा िाना है ।

Solution 2
1.मेरी नानी का सिंदूक तो भानुमती का पपटारा है।
2.आधी रात को दरवाजे पर दस्तक से पररवार के सारे िोग घबरा उठे ।
3.िुटेरोिं ने गाँव पर आधी रात को धावा बोि पदया।
4.महँगाई के राक्षस ने हमारे दे श में घर कर रखा है ।
5.मिंगि अपभयान की सििता के पिए प्रधानमिंत्री ने सभी वै ज्ञापनकोिं की पीठ ठोकी।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 7 - हहहह


हह हह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
हमें नाटक में सबसे बु क्तिमान पात्र कौआ िगा क्ोिंपक कौए ने ही िडकी के पापा को खोजने का
उपाय बताया उसी की योजना के कारण िे टर बाक्स सिंदेश पिख पाता है । वह उड-उड कर अच्छे -बु रे
की जानकारी रखता है । उसी की इस पहचान के कारण िडकी असामापजक तत्वोिं के हाि जाने से
बच जाती है ।

Solution 2
एक बार जोरोिं की आँ धी आने के कारण खिंभा पेड के ऊपर पगर जाता है उस समय पेड उसे सँभाि
िे ता है और इस प्रयास में वह ज़ख्मी भी हो जाता है । इस घटना से खिंभें में जो गु रुर होता है , वह
खत्म हो जाता है और अिंत में दोनोिं की दोस्ती हो जाती है ।
Solution 3
िै टरबक्स ऊपर से नीचे पूरा िाि रिं ग में रँ गा िा और बडोिं की तरह बात करने के कारण सभी उसे
िाि ताऊ कहकर पुकारते िे।

Solution 4
िाि ताऊ पढ़ा-पिखा, हँ स-मुख और पमिनसार िा। वह नीरस और उबाऊ वातावरण को भी अपने
भजनोिं से आनिंदमय बना दे ता िा। िाि ताऊ अपने अिंदर पडे पत्रोिं को बोररयत पमटाने के पिए पढ़
िे ता िा। वह पकसी से डरता भी नहीिं िा। समाज की पचिं ताएँ भी उसे सताती रहती िी। इन्हीिं सब
कारणोिं से िाि ताऊ बाकी पात्रोिं से पभन्न है ।

Solution 5
नाटक में कौआ ही एक मात्र सजीव पात्र है पजसकी हमें पनम्न बातें मजेदार िगी -

1. "वह दु ष्ट कौन है ? पहिे उसे नज़र तो आने दीपजए।"

2. ताऊ एक जगह बैठकर यह कैसे जान सकोगे ? उसके पिए तो मेरी तरह रोज चारोिं पदशाओिं में
गश्त िगानी पडे गी, तब जान पाओगे यह सब।"

Solution 6
िडकी बहुत ही छोटी और नादान होने के कारण उसे अपने घर के पते के बारे में और यहाँ तक
पक अपने पापा के नाम के बारे में भी कुछ नहीिं बता पा रही िी। इसी कारण सभी पात्र पमिकर भी
िडकी को उसके घर नहीिं पहुँ चा पा रहे िे।

Solution 7
िडकी को अपने पापा का नाम-पता कुछ भी मािू म नहीिं िा। कहानी के सभी पात्र पमिकर उसके
पापा को खोजने की योजना बनाते हैं इसी कारण इस नाटक का नाम 'पापा खो गए' रखा गया होगा।

इसका अन्य शीषवक 'िापता बच्ची' भी रखा जा सकता है क्ोिंपक इस नाटक में पूरे समय इसी बच्ची के
घर का पता िगाने का प्रयास पकया जाता है ।

Solution 8
हम बच्ची को उसके घर तक पहुँ चाने के पिए पुपिस समाचार-पत्र, पोस्टर, टीवी और पमपडया की भी
सहायता िे सकते हैं ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 7 - हहहह


हह हह Page/Exercise हहहह हह हहह

Solution 1
रात के दृश्य को मिंच पर पदखाने के पिए हम पनम्न बातें कर सकते हैं - घुप्प अँधेरा, चाँ द तारोिं की
रोशनी, दू र कुिोिं के भौकनें की आवाज़ें , पबल्ली के रोने की आवाज, नेपथ्य में चौकीदार की जागते रहो
की आवाज, हवा की साँय-साँ य की आवाज आपद।

Solution 2
मुझ पर भी एक रात आसमान से गडगडाती पबजिी आकर पडी िी। अरे , बाप रे ! वो पबजिी िी या
आफ़त ! याद आते ही अब भी पदि धक-धक करने िगता है और पबजिी जहाँ पगरी िी
वहाँ खड्डा पकतना गहरा पड गया िा, खिंभे महाराज ! अब जब कभी बाररश होती है तो मुझे उस रात
की याद हो आती है । अिंग िरिर काँ पने िगते हैं ।

Solution 3
 चॉक का ब्लै क बोडव से सिंवाद -
चॉक - अरे ब्लैक बोडव , मैं तो पिखते -पिखते पघस जाता हँ ।
ब्लैक बोडव - हाँ , वैसे तो तु म सही कह रहे हो। परन्तु पिखते -पिखते मेरी चमक भी तो िीकी
पड जाती है ।
चॉक - िे पकन, कुछ भी कहो ब्लैक बोडव जब हम दोनोिं के उपयोग से बच्चे जब कुछ नया
सीखते हैं , तो बडा आनिंद होता है ।
ब्लैक बोडव - हाँ , यह तो तु मने सौ प्रपतशत सच कहा।

 किम का कॉपी से सिंवाद -


किम - कॉपी, 'दे खा मेरा नया रिं ग-रूप।'
कॉपी - हाँ , भाई हाँ ,
किम - वै से, तु म भी सुिंदर नज़र आ रहे हो।
कॉपी - हाँ , ये नई छपाई का कमाि है ।

 क्तखडकी का दरवाजे से सिंवाद -


क्तखडकी - दरवाजे भैया, क्ा बात है आज तो आपको बात करने की िुसवत नहीिं है ।
दरवाजा - क्ा बताऊँ, सुबह से ये रिं ग-रोगन वािोिं ने परे शान कर रखा है ।
क्तखडकी - अरे भाई, ऐसा क्ोिं बोि रहे हो? इससे आप चमक उठोगे ।
दरवाजा - हाँ , यह तो तु मने ठीक ही कहा।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 8 - हहह-हह


हहहहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
दू सरी एकरूपता - पचिम सूरज-सी
चौिी एकरूपता - अँगीठी पिाश के िूिोिं-सी
पाँ चवी एकरूपता - अिंधकार भेडोिं के गल्ले-सा।

Solution 2
क) शाम करीब 6 बजे शुरू हुई।
ख) तब से िेकर सूरज डूबने में करीब एक घिं टे का समय िगा।
ग) इस बीच आसमान का रिं ग िाि और कुछ दे र बाद पीिे रिं ग में पररवपतव त हो गया और कुछ दे र
बाद सूरज आसमान से गायब हो गया और चारोिं ओर अँधेरा छा गया।

Solution 3
कबू तर - िो भई,अपना ख़त िे िो।
कौआ - सुनते हो, घर में मेहमान आने वािे हैं ।
मैना - कैसे हो?
तोता - राम! राम! भाई।
चीि - अरे ,वह दे खो नीचे क्ा पडा है ।
हिं स - मेरी तरह शािंत रहो।

Solution 4
इस कपवता को पचपत्रत करने के पिए हमें नीिे , पीिे , भूरे, िाि, सफ़ेद, कािे , सुनहरे , हरे , बैं गनी आपद
अनेक रिं गोिं की आवश्यकता पडे गी।

Solution 5
पक्षी - अपने-अपने घोसिोिं में िौट आते हैं।
क्तखिाडी - अपने अभ्यास या खेि को समाप्त कर आराम करते हैं ।
ििवािे - अपना सामान जल्दी बेचकर घर जाने का प्रयास करते हैं ।
माँ - अपना काम पनबटाकर घरवािोिं के घर आने की प्रतीक्षा करती है ।
पेड-पौधे - वे भी पवश्ाम करना चाहते हैं ।
पपता जी - दफ़्तर से घर की ओर िौटते हैं ।
पकसान - पदनभर पररश्म कर अपने बै िोिं के साि घर की ओर िौटता है।
बच्चे - खेि या अभ्यास करते हैं।

Solution 6
सवे श्वरदयाि जी की कपवता और सुपमत्रानिंदन पिंत जी की कपवता दोनोिं में ही सिंध्याकािीन वणवन ही
पकया गया है परन्तु दोनोिं में मुख्य अिंतर यह है पक जहाँ सवे श्वरदयाि जी ने सिंध्याकािीन दृश्य को एक
पकसान के माध्यम से प्रस्तु त पकया है वहीँ सुपमत्रानिंदन पिंत जी ने अपनी कपवता में पपक्षयोिं की आवाज
को अपनी कपवता में प्रधानता दी है ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 8 - हहह-हह


हहहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
उपयुवक्त पिंक्तक्तयोिं में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृपष्ट से दो रूपोिं में हुआ है
चादर-सी, गल्ले-सा, परदा-सा
इन शब्दोिं में सा/सी का प्रयोग उपमा के रूप में पकया गया है जै से-नदी चादर-सी अिावत् नदी चादर
के समान
भेडोिं के गल्ले-सा अिावत् भेडोिं के झुिंड सामान
पानी-परदा-सा अिावत् पानी परदे के समान
दू सरी और स/सी का प्रयोग पवशे षण के तौर पर पकया गया है जै से-मररयि-सा कुिा अिावत् कमजोर
कुिा
छोटा-सा-पदि अिावत् छोटा पदि
नन्हीिं-सी पचपडया अिाव त् छोटी पचपडया।

Solution 2
आँ धी 1. आँ धी ने बहुत उत्पात मचाया।
2. मेरे मन में कशकमश की आँ धी चि रही है ।
दहक 1. घर के कोने में अँगीठी दहक रही है ।
2. उसके मन में बदिे की आग दहक रही है ।

पसमटा-1. राम िाि जी बुढ़ापे के कारण धीरे -धीरे अपना कारोबार पसमटा रहें हैं ।
2. पपता के डाँटने पर बािक अपनी माँ की गोद में पसमट गया।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 9 -


हहहहहह हह हहहहह Page/Excercise हहहहहह-
हहहहहह

Solution 1
हहहहहहह हह हहहह हहहह हहहहहहह हह हहहहह हह, हहहह हहह हह हह हहह हहह
ह हह, हह हहहहहह हह हह हह हहहह हहह हह हहहह हहह हहहह हह हहहह-हहहह
हह, हह हहहह हहह हहहहह-हह हहहह हह हह हहहह हहहहह हहहहहह हहहहहहह
हह हहहह हहहह हहहह हहह हहहहह हह हहहह हहह हहहह हह हह हहहहहहह हह
हहहह हहहहहहहह हह हहह हहह

हहह हह हहहहहह हह हहहहह हहहहहहह, हह हह हहहह हह हहह हहहह हह हहहह


हह, हहहह हहह हह हहहह हह, हहहह हहह हहहहहहह हहहह हह, हहहहहहह हहहहह
हहहह हहहहहहहह हह हहह हहहहहह, हहहह हहह हहहहह हह हहहह हह हहहह
हहहहह हह हहहहह हह हहह हहहहह हह हहह हहहह हह हह हहहहहह हहहह हह
हहहहहह हहहहहहह हहहह हहहह हहह

Solution 2
माधवदास का बार-बार पचपडया से यह कहना पक यह बगीचा तु म्हारा ही है यह दशावता है पक उन्हें
वह पचपडया बडी प्यारी िगी अत: वे उस पचपडया को अपने पास ही रखना चाहते िे।
माधवदास का यह कहना पूरी तरह से पनुःस्वािव मन से नहीिं कहा गया िा क्ोिंपक पचपडया को दे खने
के पश्चात अब वे उस पचपडया को अपने बगीचे में अपनी मन-सिंतुपष्ट के पिए रखना चाहते िे।

Solution 3
पचपडया और माधवदास के मनोभावोिं में मुख्य अिंतर भावनात्मक सुख और भौपतक सुख का िा। एक
तरफ़ माधवदास के पिए धन-सिंपपि से बढ़कर जीवन में कुछ नहीिं िा परन्तु दू सरी तरफ़ पचपडया के
पिए ये सारी सुख-सुपवधाएँ व्यिव िी। उसके पिए अपनी माँ की गोद से प्यारा कुछ नहीिं िा। इसी
कारण पचपडया जहाँ माधवदास के बार-बार समझाने पर भी सोने के पपिंजरे और सुख-सुपवधाओिं को
कोई महत्त्व नहीिं दे रही िी। वहीँ दू सरी ओर धन को ही सवोपरर समझने के कारण माधवदास को
पचपडया की घर जाने की पज़द बे तुकी िग रही िी।

Solution 4
कहानी के अिंत में नन्हीिं पचपडया का सेठ के नौकर के पिंजे से भाग पनकिना और सीधे अपनी माँ की
गोद में पहुँचना की बात पढ़कर हमें अपत आनिंद हुआ।
यपद इस कहानी का सुखद अिंत न होता तो जीवन भर नन्हीिं पचपडया को पपिंजरे में रहना पडता। वह
कभी स्वछिं दता की उडान न भर पाती और न ही अपनी माँ से पमि पाती। अत: नन्हीिं पचपडया का
िािच में न िँसना और सुरपक्षत भाग पनकिना यह भी बताता है पक स्वतिं त्रता से अमूल्य कुछ भी नहीिं
है ।

Solution 5
कहते हैं ईश्वर सभी जगह उपक्तथित नहीिं रह सकता इसीपिए उसने धरती पर माँ को भेजा जो हर
मुक्तिि की घडी में हमारे साि रहती है । पकसी भी व्यक्तक्त के जीवन में उसकी माँ का होना पकसी
वरदान से कम नहीिं होता। एक बच्चे के पिए उसकी माँ की अहपमयत दु पनया में सबसे अपधक होती
है । वह न केवि बच्चे को जन्म दे ती है बक्तल्क उसका सही ढिं ग से पािन-पोषण भी करती है । वही
बच्चे की पहिी दोस्त और अध्यापपका भी होती है । आप कहीिं भी चिे जाएँ पकतने ही बडे क्ोिं ना हो
जाएँ िे पकन आपको आक्तत्मक सुकून अपनी माँ के साि ही पमिता है उसका वणवन शब्दोिं में नहीिं पकया
जा सकता।

Solution 6
इस कहानी के पिए हम अन्य शीषवक 'सच्चा सुख' दे सकते हैं क्ोिंपक यहाँ पर जीवन में सच्चा सुख
क्ा होता है वह एक छोटी सी पचपडया के माध्यम से बताया गया है ।

Solution 7
ऋतु चक्र,सूयव और चाँ द का उपदत और अस्त होना, तारोिं का रात में चमकना, पृथ्वी का सूयव के चारोिं
और चक्कर िगाना, पशु ओिं का भी पदनभर घू म-पिर शाम के समय घर िौटना आपद सभी भी
अनुशासन का पािन करते हैं ।

Solution 8
सारी सुख-सुपवधा पमिने पर भी हम 'स्वाधीनता' ही स्वीकार करें गे न पक 'प्रिोभनोिं वािी पराधीनता',
क्ोिंपक सुपवधाएँ पकतनी भी क्ोिं न पमि जाएँ रहना तो हमें पकसी के आधीन ही है।
पराधीन व्यक्तक्त दू सरोिं के आधीन रहने के कारण सुख से सदा विंपचत ही रहता है।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 9 -


हहहहहह हह हहहहह Page/Excercise हहहह हह
हहह

Solution 1
1. जामुन के पेड पर तोता बै ठा है ।
2. उस मोर के पर पकतने सुिंदर हैं ।
3. राधा का रीना पर बहुत अहसान है।

Solution 2
अइयो - आओ
कररयो - करना
पदयो - दे ना

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 10 -


हहहहहह हहहहह Page/Excercise हहहहहह-
हहहहहह
Solution 1
यासुकी-चान को पोपियो िा, इसपिए वह न तो पकसी पेड पर चढ़ पाता िा और न पकसी पेड को
पनजी सिंपपि मानता िा। जबपक जापान के शहर तोमोए में हर एक बच्चे का एक पनजी पेड िा।
तोिो-चान जानती िी पक यासुकी-चान आम बािक की तरह पेड पर चढ़ने के पिए इच्छु क है । अत:
उसकी इसी इच्छा को पूरा करने के पिए तोिो-चान ने यासुकी-चान को पेड पर चढ़ाने के पिए अिक
प्रयास पकया।

Solution 2
तोिो-चान का अनुभव - तोिो-चान स्वयिं तो रोज ही अपने पनजी पेड पर चढ़ती िी और खुश होती
िी परिं तु आज पोपियो से ग्रस्त अपने पमत्र यासुकी-चान को पेड की पद्वशाखा तक पहुँ चाने से उसे
प्रसन्नता के साि-साि अपूवव आत्म सिंतुपष्ट भी प्राप्त हुई।
यासुकी-चान का अनुभव - यासुकी-चान को पेड पर चढ़ कर अत्यपधक प्रसन्नता हुई उसकी मन की
इच्छा पूरी हो गई। उसने पेड पर चढ़कर दु पनया को पनहारा।

Solution 3
सूरज का ताप उन पर तब पड रहा िा। जब तोिो-चान और यासुकी-चान एक पतपाई-सीढ़ी के द्वारा
पेड की पद्वशाखा तक पहुँच रहे िे।
बादि का टु कडा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कडकती धूप से बचा रहा िा। जब तोिो-चान अपनी
पूरी ताकत से यासुकी-चान को पेड की ओर खीिंच रही िी।
इस प्रकार पररक्तथिपत बदिने का कारण मेरे अनुसार दोनोिं पमत्रोिं के प्रपत प्रकृपत की सहृदयता िी।
प्रकृपत भी चाहती िी पक दोनोिं बच्चे अपने-अपने प्रयास में सिि हो।

Solution 4
िे क्तखका ने ऐसा इसपिए पिखा होगा क्ोिंपक एक तो
यासुकी-चान पोपियो से पीपडत िा और वह स्वयिं पेड पर चढ़ने में असमिव िा। दू सरा तोिो-चान बहुत
जोक्तखम उठा कर अपने माता-पपता को पबना बताए उसे पेड पर चढ़ा पाई िी परन्तु शायद वह दोबारा
ऐसा कभी ना कर पाएँ ।

Solution 5
हम कुछ ऐसे कायों के पिए कपठन पररश्म और बुक्ति का प्रयोग करें गे पजसमें हम पकसी के चे हरे पर
मुस्कुराहट िा सकें।

Solution 6
उसका झूठ पकडा न जाए इसपिए अपनी माँ से झूठ बोिते समय तोिो-चान की नज़रें नीचे िीिं।

Solution 7
पनजी और सरकारी अस्पतािोिं, बस अड्डोिं, रे िवे थिानकोिं, पवमान तिोिं, शॉपपग मािोिं व मेटरो रे ि जै से
थिानोिं में शारीररक चु नौपतयोिं से गु जरनेवािे व्यक्तक्तयोिं के पिए चढ़ने-उतरने के पिए पवशे ष रैं प और
पिफ्ट की सुपवधाएँ दी जाती है ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 10 -


हहहहहह हहहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
पहन्दी सिंस्कृत अिंग्रेजी
एक एकम् वन
दो द्वे टू
तीन त्रीपण थ्री
चार चत्वारर िोर
पाँ च पिंच िाइव
छुः षट पसक्स
सात सप्त सेवेन
आठ अष्ट एट
नौ नव नाइन
दस दश टे न

Solution 2
शरमाना, रोजाना, पदखाना, घबराना।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 11 - हहहह


हह हहह Page/Excercise हहहहहह हहहहहह

Solution 1
उदहारण वािे दोहे
तरवर िि नपहिं खात है , सरवर पपयत न पान।
कपह रहीम परकाज पहत, सिंपपत-सिंचपह सुजान।।
िोिे बादर क्वार वके, ज्ोिं रहीम घहरात।
धनी पुरुष पनधव न भए, करें पापछिी बात।।
धरती की-सी रीत है , सीत घाम औ मेह।
जै सी परे सो सपह रहे , त्योिं रहीम यह दे ह।।

किन वािे दोहे


जाि परे जि जात बपह, तपज मीनन को मोह।
रपहमन मछरी नीर को, तऊ न छाँ डपत छोह।।
कपह रहीम सिंपपत सगे , बनत बहुत बहु रीत।
पबपपत कसौटी जे कसे, तेई साँ चे मीत।।

Solution 2
क्वार के मास में गरजनेवािे बादि केवि गरजकर रह जाते हैं , बरसते नहीिं हैं । ठीक उसी प्रकार जो
पहिे कभी धनी िे और बीती बातोिं को बताकर दू सरोिं को प्रभापवत करना चाहते हैं, वे केवि
बडबडाकर रह जाते हैं । इसपिए कपव ने क्वार के मास में गरजनेवािे बादिोिं की तु िना ऐसे पनधव न
व्यक्तक्तयोिं से की है ।

Solution 3 - ह
इस प्रकार की सच्चाई अपनाने से हमारे मन से िोभ की भावना नष्ट हो जाएगी और हम परोपकार की
ओर अग्रसर होिंगे।

Solution 3 - ह
इस सच्चाई को जीवन में उतार िे ने से हमारे जीवन में सहनशीिता की भावना का जन्म होगा। हम
सुख और दु ुःख दोनोिं को ही सहजता से िेंगें।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 11 - हहहह


हह हहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
शब्द शब्दोिं के प्रचपित पहन्दी रूप
पबपपत पवपपि
मछरी मछिी
बादर बादि
सीत शीत

Solution 2
1. सिंपपि सिंचपह सुजान।
2. कािी िहर कल्पना कािी, काि कोठरी कािी।
3. चारू चिं द्र की चिंचि पकरणें।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 12 - हहहह


Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
किंचे जब जार से पनकिकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं तो वह उनकी ओर पूरी तरह
से सम्मोपहत हो जाता है । उसे िगता है की जै से किंचोिं का जार बडा होकर आसमान-सा बडा हो गया
और वह उसके भीतर चिा गया। वहाँ और कोई नहीिं िा। वह अकेिा ही किंचे चारोिं ओर पबखेरता
हुआ मजे से खेि रहा िा। हरी िकीर वािे सफ़ेद आँ विे से गोि किंचे उसके पदमाग में पूरी तरह छा
गए। मास्टर जी कक्षा में पाठ "रे िगाडी" का पढ़ा रहे िे िे पकन उसके पदमाग में किंचोिं का खेि चि
रहा िा। उसे मास्टरजी द्वारा बनाया गया बॉयिर भी किंचे का जार ही नज़र आता है । उसने किंचोिं के
चक्कर में मास्टर जी से डाँट भी खाई िेपकन उसका पदमाग तो केवि किंचोिं के बारे में ही िगा हुआ
िा।

Solution 2
दु कानदार व डराइवर के सामने अप्पू एक छोटा नादान बच्चा है जो अपनी ही दु पनया में मस्त है ।
दु कानदार उसे दे खकर पहिे परे शान होता है । वह किंचे दे ख तो रहा है िे पकन खरीद नहीिं रहा। उसे
िगता है कहीिं ये जार को पगरा कर तोड तो नहीिं दे गा पफ़र जै से ही अप्पू ने किंचे ख़रीदे तो वह हँ स
पदया।
ऐसे ही जब अप्पू के किंचे सडक पर पबखर जाते हैं तो तेज़ रफ़्तार से आती कार का डराइवर यह
दे खकर परे शान हो जाता है पक वह दु घवटना की परवाह पकए पबना, सडक पर किंचे बीन रहा है ।
िे पकन जै से ही अप्पू उसे इशारा करके अपना किंचा पदखाता है तो वह उसकी बचपन की शरारत
समझकर हँ सने िगता है।
इस प्रकार दु कानदार और डराइवर पहिे अप्पू की हरकतोिं से खीझते हैं और बाद में उसकी बािसुिभ
चिंचिता को दे खकर हँ स पडते हैं ।
Solution 3
पाठ के शुरुआत में मास्टर साहब सब बच्चोिं का ध्यान अपनी ओर आकपषवत करने के पिए शायद
ऊँची आवाज़ में बात कर रहे िे पर जब उन्हें िगा पक अबसब बच्चे उनके पाठ में ध्यानमग्न हो गए
तब उन्होिंने अब पाठ समझाने की मुद्रा अपनाने के कारण अपनी आवाज़ को धीमा कर पदया होगा।

Solution 4
हमारे इिाके में िगोरी, पतिं ग उडाना, कबड्डी, खो-खो, पक्रकेट आपद खेि खेिे जाते हैं ।

Solution 5
हहहहहह-हहहह :
इस खेि में एक थिान पर छोटा-सा गड्ढा बना पदया जाता है । उस पर िकडी की एक पगल्ली रखी
जाती है । इस पगल्ली को प्रपतदिं द्वी क्तखिाडी एक नुकीिे डिं डे से ऊपर उछािता है । दू सरे क्तखिाडी उस
पगल्ली को िपकने का प्रयास करते हैं। यपद पगल्ली िपक िी जाती है तो क्तखिाडी आउट माना जाता
है ।

Solution 6
'सफ़ेद बडे आँ विे से किंचे '

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 12 - हहहह


Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1

मुहावरा भाव वाक्


1.कारीगरोिं की नक्काशी दे खकर मैं
दाँ तोिं तिे उँ गिी दबाना है रान हो गया।
1. है रान होना 2. झाँ सी की रानी की वीरता
2. पवक्तस्मत होना आश्चयव दे खकर अँग्रेज भी पवक्तस्मत हो उठे ।
1. इतने ििंबे साँप को सभी दम
साँ स रोके हुए साधे दे ख रहे िे।
1. दम साधे खडे रहना 2. पपताजी को गुस्से में दे खते ही
2. प्राण सूख जाना डर के मारे मेरे प्राण सूख गए।

Solution 2
1. उफ़ ! आज की रात बडी ठिं डी अँधेरी रात है ।
2. इतनी सारी खट्टी-मीठी गोपियाँ माँ िेकर आईिं हैं ।
3. चिो बच्चोिं, 'ताज़ा स्वापदष्ट भोजन आपकी प्रतीक्षा कर रहा है ।'
4. स्वच्छ रिं गीन कपडे हमारी रानी बे टी पहनेगी।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 13 - हह


हहहहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह
Solution 1
(क) एक पदन जब मैं अपनी छत की मुिंडेर पर खडा िा।
(ख) आँ ख में पतनका चिे जाने के कारण आँ ख िाि होकर दु खने िगी।
(ग) बेचारी ऐिंठ दबे पावोिं भागी।
(घ) पकसी तरीके से आँ ख से पतनका पनकािा गया।

Solution 2
'एक पतनका' कपवता में 'हररऔध' जी ने उस समय की घटना का वणवन पकया है , जब कपव अपने-आप
को श्ेष्ठ समझने िगा िा। उसके इस घमिंड को एक छोटे से पतनके ने चू र-चू र कर पदया। उस छोटे
से पतनके के कारण कपव की नाक में दम हो गया िा। उस पतनके को पनकािने के पिए कई प्रयास
पकए गए और जब पकसी तरीके से वह पनकि गया तो कपव को समझ आया पक उसका अपभमान
तोडने के पिए एक छोटा पतनका भी बहुत है । अत: कपव और पतनके के उदहारण द्वारा इस कपवता
में हमें घमिंड न करने की सीख दी गई है ।

Solution 3
आँ ख में पतनका पडने के बाद घमिंडी की आँ ख ददव के कारण िाि हो गई। वह बै चैन हो उठा और
पकसी भी तरह से आँ ख से पतनका पनकािने का प्रयत्न करने िगा।

Solution 4
घमिंडी की आँ ख से पतनका पनकािने के पिए उसके आसपास िोगोिं ने कपडे की मूँठ बनाकर उसकी
आँ ख पर िगाकर पतनका पनकािने का प्रयास पकया।

Solution 5
इन दोनोिं काव्यािंश में यह समानता है पक दोनोिं में ही पतनके के उदाहरण द्वारा यह समझाने का प्रयास
पकया है पक एक छोटा-सा पतनका भी मनुष्य को परे शानी में डाि सकता है ।
इन दोनोिं काव्यािंश में यह अिंतर है पक जहाँ कपव हररऔधजी जी ने हमें घमिंड न करने की सीख दी है
वहीँ कबीरजी ने हमें पकसी को भी तु च्छ न समझने की सीख दी है ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 13 - हह


हहहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
क) मेढ़क पानी में छप से कूद गया।
ख) नि बिंद होने के बाद पानी की एक बूँ द टप से चू गई।
ग) शोर होते ही पचपडया िुरव से उडी।
घ) ठिं डी हवा सन् से गु जरी, मैं ठिं ड में िरव से काँ प गया।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 14 -


हहहहहह हह हहहहह हहहहहह Page/Excercise
हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
खानपान की पमपश्त सिंस्कृपत से िे खक का तात्पयव सभी प्रदे शोिं के खान-पान के पमपश्त रूप से है ।
यहाँ पर िे खक यह कहना चाहते हैं पक आज एक ही घर में हमें कई प्रान्तोिं के खाने दे खने के पिए
पमि जाते हैं। िोगोिं ने उद्योग धिंधोिं, नौकररयोिं व तबादिोिं व अपनी पसिंद के आधार पर एक दू सरे प्रािंत
की खाने की चीज़ोिं को अपने भोज् पदािों में शापमि पकया है।
मेरा घर कोिकिा में है। मैं बिं गािी पररवार से हँ । हमारा मुख्य भोजन चावि और मछिी है , िे पकन
हमारे घर में चावि और मछिी के अिावा दपक्षण भारतीय व्यिं जन इडिी, सािं भर, डोसा आपद और
पाश्चात्य भोजन बगव र व नूडल्स भी पसिंद पकए जाते हैं। यहाँ तक पक हम बाज़ार से न िाकर इन्हें
अपने ही घर में बनाते हैं ।

Solution 2
खानपान में बदिाव से पनम्न िायदे हैं -
1.पभन्न प्रदे शोिं की सिंस्कृपतयोिं को जानने और समझने का मौका पमिना।
2. राष्टरीय एकता को बढ़ावा पमिना।
3. अिग-अिग प्रकार के भोजन खाने में पमिने के कारण खाने में रूपच बने रहना।
4. दे श-पवदे श के व्यिंजन मािू म होना।
5. गृ पहपणयोिं व कामकाजी मपहिाओिं को जल्दी तै यार होनेवािे पवपवध व्यिं जनोिं की पवपधयाँ उपिब्ध
होना।
6. स्वाद, स्वास्थ्य व सरसता के आधार पर भोजन का चयन कर पाना।
7. समय की बचत होना।

खानपान में बदिाव आने से होनेवािे िायदोिं के बावजूद िे खक इस बदिाव को िे कर पचिं पतत है
क्ोिंपक उसका मानना है पक आज खानपान की पमपश्त सिंस्कृपत को अपनाने से नुकसान भी हो रहे हैं
जो पनम्न रूप से हैं -
1. थिानीय व्यिं जनोिं का चिन कम होता जा रहा है पजससे नई पीढ़ी थिानीय व्यिं जनोिं के बारे में जानती
ही नहीिं है ।
2. खाद्य पदािों में शु िता की कमी होती जा रही है ।
3. कुछ व्यिंजनोिं का स्वास्थ्य की दृपष्ट से उपचत न होना।

Solution 3
खानपान के मामिे में थिानीयता का अिव है पक वे व्यिंजन जो थिानीय आधार पर बनते िे। जै से मुम्बई
की पाव-भाजी, पदल्ली के छोिे -कुिचे , मिुरा के पेडे व आगरे के पेठे-नमकीन तो कहीिं पकसी प्रदे श
की जिे पबयाँ , पूडी और कचौडी आपद थिानीय व्यिंजनोिं का अत्यपधक चिन िा और अपना अिग महत्त्व
भी िा। खानपान की पमपश्त सिंस्कृपत के आने के कारण अब िोगोिं को खाने-पीने के व्यिं जनोिं में इतने
पवकल्प पमि गए हैं पक अब थिानीय व्यिंजनोिं का प्रचिन धीरे -धीरे कम होता जा रहा है ।

Solution 4

माता-पपता के घर बचपन में


घर में बननेवािी बाज़ार से आनेवािी बननेवािी
भात समोसा समोसे
दाि कचौडी कचौडी
सक्तियाँ जिे पबयाँ जिे पबयाँ
पूरी, रोटी, पराठे नुडल्स
मछिी
मीठे व्यिंजन
Solution 5

भोजन कैसे पकाया स्वाद


दाि उबािना नमकीन
भात उबािना मीठा
रोटी सेंकना मीठा
पापड सेंकना नमकीन
आिू उबािना मीठा
बैं गन भूनना कसैिा

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 14 -


हहहहहह हह हहहहह हहहहहह Page/Excercise
हहहह हह हहह

Solution 1

शब्द वाक्
सीना-पपरोना आजकि सीना-पपरोना सभी को आना चापहए।
भिा-बुरा तु मने कमि को कि बहुत भिा-बु रा कह पदया।
वृ ि होने के कारण नानाजी का चिना-पिरना कम हो
चिना-पिरना गया है ।
इतना ििं बा-चौडा पबजिी का पबि दे खकर मैं है रान रह
ििं बा-चौडा गई।
कहा-सुनी घर में रोज की कहा-सुनी अच्छी बात नहीिं है ।
घास-िूस गाँ व के घरोिं की छत घास-िूस की होती है ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 15 -


हहहहहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
नीिाभ ग्रीवा अिावत् नीिी गदव न के कारण मोर का नाम रखा गया नीिकिंठ व मोरनी सदा उसकी
छाया के समान उसके साि रहने के कारण उसका नाम राधा रखा गया।

Solution 2
दोनोिं नवािंगतु कोिं ने पहिे से ही रहने वािे में वै सा ही कुतू हि जगाया जै सा नववधू के आगमन पर
पररवार में स्वाभापवक है । िक्का कबू तर नाचना छोड उनके चारोिं ओर घू म-घू म कर गु टरगूिं-गु टरगूिं की
रापगनी अिापने िगे , बडे खरगोश सभ्य सभासदोिं के समान क्रम से बै ठकर उनका पनरीक्षण करने
िगे , छोटे खरगोश उनके चारोिं ओर उछिकूद मचाने िगे , तोते एक आँ ख बिं द करके उनका परीक्षण
करने िगे ।
Solution 3
नीिकिंठ दे खने में बहुत सुिंदर िा वै से तो उसकी हर चेष्टा ही अपने आप में आकषवक िी िेपकन
िे क्तखका को पनम्न चेष्टाएँ अत्यपधक भाती िीिं -
1. मेघोिं की गजव न ताि पर उसका इिं द्रधनुष के गु च्छे जैसे पिंखोिं को मिंडिाकार बनाकर तन्मय नृत्य
करना।
2. िे क्तखका के हािोिं से हौिे-हौिे चने उठाकर खाते समय उसकी चेष्टाएँ हँ सी और पवस्मय उत्पन्न करती
िी।

Solution 4
'इस आनिंदोिंत्सव की रापगनी में बे मेि स्वर कुिा मोरनी के आने के कारण बज उठा।'
एक पदन महादे वी वमाव "नखासकोने" से पनकिी तो बडे पमयाँ ने उन्हें एक मोरनी के बारे में बताया
पजसका पाँ व घायि िा। िे क्तखका उसे सात रूपये में खरीदकर अपने घर िे आयीिं और उसकी दे ख-
भाि की। वह कुछ ही पदनोिं में स्वथि हो गयी। उसका नाम कुिा रखा गया। वह स्वभाव से मेि-
पमिाप वािी न िी। ईष्याविु प्रकृपत की होने के कारण वह नीिकिंठ और राधा को साि-साि न दे ख
पाती िी। जब भी उन्हें साि दे खती तो राधा को नोिंच डािती। वह स्वयिं नीिकिंठ के साि रहना चाहती
िी। एक बार उसने राधा के अिंडे भी तोड डािे।
इसी कोिाहि व राधा की दू री ने नीिकिंठ को अप्रसन्न कर पदया जो अिंत में उसकी मृत्यु का कारण
बना।

Solution 5
नीिकिंठ को ििोिं के वृ क्षोिं से भी अपधक पुक्तित व पल्लपवत (सुगक्तित व क्तखिे पिोिं वािे ) वृक्ष भाते
िे। इसीपिये जब वसिंत में आम के वृ क्ष मिंजररयोिं से िदे जाते और अशोक िाि पिोिं से ढक जाता तो
नीिकिंठ के पिए जािीघर में रहना असहनीय हो जाता तो उसे छोड दे ना पडता।

Solution 6
जािीघर में रहने वािे सभी जीव-जिं तु एक दू सरे से पमत्रता का व्यवहार करते िे।
खरगोश, तोते , मोर, मोरनी सभी पमि-जु िकर रहते िे। िे पकन कुिा का स्वभाव मेि-पमिाप वािा िा
ही नहीिं। वह स्वभाव से ही ईष्याविु होने के कारण हरदम सबसे झगडा करती िी और अपनी चोिंच से
नीिकिंठ के पास जाने वािे हर-एक पक्षी को नोिंच डािती िी। वह पकसी को भी नीिकिंठ के पास
आने नहीिं दे ती िी यहाँ तक की उसने इसी ईष्याववश राधा के अिंडें भी तोड पदए िे। इसी कारण वह
पकसी की पमत्र न बन सकी।

Solution 7
एक बार एक साँ प पशुओिं के जािीघर के भीतर आ गया। सब जीव-जिं तु इधर-उधर भागकर पछप
गए, परन्तु एक पशशु खरगोश साँप की पकड में आ ही गया। साँ प ने उसे पनगिना चाहा और उसका
आधा पपछिा शरीर मुँह में दबा पिया। नन्हा खरगोश धीरे -धीरे चीिं-चीिं कर रहा िा। सोये हुए नीिकिंठ
ने जब यह क्रिंदन सुना तो वह झट से अपने पिंखोिं को समेटता हुआ झूिे से नीचे आ गया। अब उसने
बहुत सतकव होकर साँ प के िन के पास पिंजोिं से दबाया और पिर अपनी चोिंच से इतने प्रहार उस पर
पकए पक वह अधमरा हो गया और िन की पकड ढीिी होते ही खरगोश का बच्चा मुख से पनकि
आया। इस प्रकार नीिकिंठ ने खरगोश के बच्चे को साँप से बचाया।
इस घटना के आधार पर नीिकिंठ के स्वभाव की पनम्न पवशे षताएँ उभर कर आती हैं -
1. सजगता और सतकवता - जािीघर के ऊँचे झूिे पर सोते हुए भी उसे खरगोश की करुण पुकार
सुनकर यह शक हो गया कोई प्राणी कष्ट में है और वह झट से झूिे से नीचे उतरा।
2. साहसी - नीिकिंठ साहसी प्राणी है । अकेिे ही उसने साँ प से खरगोश के बच्चोिं को बचाया और
साँ प के दो खिंड करके अपनी वीरता का पररचय पदया।
3. दक्ष रक्षक - खरगोश को मौत के मुँह से बचाकर नीिकिंठ ने यह पसि कर पदया पक वह दक्ष
रक्षक है । उसके रहते पकसी प्राणी को कोई भय न िा।
4. दयािु - दयािु प्रवृ पि का होने के कारण ही वह खरगोश के बच्चे को सारी रात अपने पिंखोिं में
पछपाकर ऊष्मा दे ता रहा।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 15 -


हहहहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
गिं ध - गिं धहीन, गिं धक, सुगिंध, दु गंध
रिं ग - रिं गहीन, बे रिंग, बदरिं ग, रिं गरोगन
िि - सिि, कुिि, असिि, ििदार, िपित
ज्ञान - अज्ञान, पवज्ञान, ज्ञानी

Solution 2
सिंपध पवग्रह
नीि+आभ = नीिाभ पसिंहासन = पसिंह+आसन
नव+आगिं तुक = नवागिंतुक मेघाच्छन्न = मेघ+आच्छन्न

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 16 - हहह


हह हहहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
यहाँ पर माता यशोदा श्ीकृष्ण को सिंबोपधत करते हुए 'बिं सीवारे ििना', 'मोरे प्यार', 'िाि जी', उपयुवक्त
किन कहते हुए अपने पुत्र श्ीकृष्ण को जगाने का प्रयास कर रही हैं ।
माता यशोदा श्ीकृष्ण को जगाने के अपने प्रयास में कृष्ण से पनम्न बातें कहती हैं पक रात बीत चु की है ,
सभी के दरवाजें खुि चुके हैं , दे खो गोपपयाँ दही पबिो कर तु म्हारा मनपसिंद माखन पनकाि रही है , द्वार
पर दे व और मानव सभी तुम्हारे दशव न की प्रतीक्षा में खडे हैं , तुम्हारे पमत्रगण भी तु म्हारी जय-जयकार
कर रहें हैं , सभी अपने हाि में माखन रोटी िे कर गाएँ चराने के पिए तु म्हारी प्रतीक्षा कर रहें हैं । अत:
तु म जल्दी उठ जाओ।

Solution 2
प्रस्तु त पिंक्तक्त का आशय यह है पक ग्वाि-बािोिं ने हाि में माखन रोटी िे िी है और वे सभी गौएँ
चराने के पिए श्ीकृष्ण की प्रतीक्षा में खडे हैं ।

Solution 3
ब्रज में भोर होते ही सभी घरोिं के पकवाड खुि जाते हैं । गोपपयाँ दही पबिोने िगती हैं उनके किंगन
खनकने से पूरे वातावरण में मधु र सिंगीत गूँजने िगता है । ग्वाि-बाि गौएँ चराने के पिए तै यार होने
िगते हैं ।

Solution 4
मीरा को सावन मनभावन इसपिए िगने िगा क्ोिंपक सावन का मौसम मीरा को श्ीकृष्ण की भनक
अिाव त् श्ीकृष्ण के आने का अहसास कराता है । साि ही इस समय प्रकृपत भी बडी सुहावनी होती है ।

Solution 5
प्रस्तु त पद में सावन का बडा ही मनोहारी वणवन पकया गया है । सावन के महीने में मनभावन वषाव हो
रही है । बादि उमड-घु मडकर कर चारोिं पदशाओिं में िैि जाते हैं । पबजिी चमकने िगती हैं । वषाव की
झडी िग जाती है । वषाव की नन्हीिं-नन्हीिं बूिं दें पगरने िगती हैं पवन भी शीति और सुहावनी हो जाती
है । सावन का महीना मीरा को श्ीकृष्ण की भनक अिावत् श्ीकृष्ण के आने का अहसास कराता है ।

Solution 6
भक्तक्तकाि कपव उनकी रचना
सूरदास सूर साराविी
रसखान प्रेम-वापटका
तु िसीदास पवनय-पपत्रका

Solution 7
वषाव ऋतु से सिंबिंपधत दो अन्य महीनोिं के नाम-आषाढ़ और भादो है।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 16 - हहह


हह हहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
'गउवन के रखवारे ' शब्द के पिए एक शब्द - गोपािा है ।

Solution 2
पवशे षण पुनरुक्तक्त सिंज्ञा पुनरुक्तक्त
1. पपताजी बाज़ार से ताजे -ताजे िि िाए। 1. शहर-शहर पसनेमा की धू म है।
2. आज रोहन ने मीठे -मीठे बे र क्तखिाएँ । 2. आजकि गिी-गिी मिंपदर बन रहे हैं।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 17 - हहह


हहहहहहहहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
वीर कुँवरपसिंह के व्यक्तक्तत्व की पनम्न पवशे षताएँ मुझे प्रभापवत करती हैं -
साहस - कुँवरपसिंह का पूरा जीवन ही उनके साहसपूणव घटनाओिं से भरा पडा है । परन्तु उनका अपनी
घायि भुजा को स्वयिं काटकर गिं गा में समपपवत कर दे ना साहस का सबसे अपद्वतीय उदहारण है ।
उदारता - कुँवरपसिंह का व्यक्तक्तत्व बडा ही उदार िा। उनकी मािी हाित अच्छी न होने के बावजूद वे
पनधव नोिं की हमेशा सहायता करते िे। इसी उदारता के ििस्वरूप उन्होिंने कई तािाबोिं, कुँओिं, स्कूिोिं तिा
रास्तोिं का पनमाव ण पकया।
स्वापभमानी - कुँवरपसिंह स्वापभमानी व्यक्तक्त िे यह इसी बात से पता चिता है पक वयोवृ ि होने के बाद
भी उन्होिंने अिंग्रेजोिं के आगे अपने घु टने नहीिं टे के।
सािं प्रदापयक सद्भाव - सािं प्रदापयक सद्भाव में कुँवरपसिंह की गहरी आथिा िी इसपिए इब्रापहम खाँ और
पकिायत हुसैन उनकी सेना में धमव के आधार पर नहीिं अपपतु कायव कुशिता और वीरता के कारण उच्च
पद पर आसीन िे। उनके यहाँ पहन्दु ओिं के और मुसिमानोिं के सभी त्योहार एक साि पमिकर मनाए
जाते िे।

Solution 2
कुँवरपसिंह को बचपन में घु डसवारी, तिवारबाजी और कुश्ती िडने में मजा आता िा। इन्हीिं कायों के
कारण उनके अिंदर साहस और वीरता का पवकास हुआ, पजससे वे आगे जाकर अिंग्रेजोिं से िोहा िे
सके।

Solution 3
सािं प्रदापयक सद्भाव में कुँवरपसिंह की गहरी आथिा िी इसपिए इब्रापहम खाँ और पकिायत हुसैन उनकी
सेना में धमव के आधार पर नहीिं अपपतु कायव कुशिता और वीरता के कारण उच्च पद पर आसीन िे।
उनके यहाँ पहन्दु ओिं के और मुसिमानोिं के सभी त्योहार एक साि पमिकर मनाए जाते िे। उन्होिंने
पाठशािा और मकतब भी बनवाए।

Solution 4
साहसी व्यक्तक्त - कुँवरपसिंह का पूरा जीवन ही उनके साहसपूणव घटनाओिं से भरा पडा है। परन्तु उनका
अपनी घायि भुजा को स्वयिं काटकर गिंगा में समपपवत कर दे ना साहस का सबसे अपद्वतीय उदहारण
है ।
उदार व्यक्तक्त - कुँवरपसिंह का व्यक्तक्तत्व बडा ही उदार िा। उनकी मािी हाित अच्छी न होने के
बावजू द वे पनधव नोिं की हमेशा सहायता करते िे। इसी उदारता के ििस्वरूप उन्होिंने कई तािाबोिं, कुँओिं,
स्कूिोिं तिा रास्तोिं का पनमावण पकया।
स्वापभमानी व्यक्तक्त - कुँवरपसिंह स्वापभमानी व्यक्तक्त िे यह इसी बात से पता चिता है पक वयोवृ ि होने
के बाद भी उन्होिंने अिंग्रेजोिं के आगे अपने घु टने नहीिं टे के।

Solution 5
आमतौर पर मेिे मनोरिं जन, खरीद फ़रोख्त एविं मेिजोि के पिए होते हैं । वीर कुँवरपसिंह ने मेिे का
उपयोग क्रािं पतकारी गपतपवपधयोिं, गु प्त बै ठकोिं की योजनाओिं को कायाव न्वपयत करने के रूप में पकया।

Solution 6
1.हहहहहह हहहह- हहहहहह हहहह हह हहहह 1814 हहह हहह हह हहहह हहहह हहह
‘हहहहहह हहह हहहहह हहहहहह’ हहहहहह 1858 हह हहहह 1859 हह हहहहहह हहहह
हहहहहहहहह हह हहहहहहह हहहह हहहहह हह हहहह हहहह
2. हहहह हहहहह- हहहह हहहहहहह हह हहहह 19 हहहहह 1827 हह हहहहहहह हहहहह
हहहहहह(हह हह हहहहह हहहहहहह हहहहहहह हहहह ह हहह हह हहह हह हहहह
हहहह हह) हह हहहहह हहहह हहह हहहहह हहहहह हहहह हहह हहह हहहहहहह हह
हहहहह हह हहहह हहहहह हहहहहहह 1857 हह हहहहहहह हह हहहहहह हहहह
हहहहहहह हह हहह हह हहह ह हहहह हह हहहहह हहह हहहहहह हहहह हह हहह
हहहह हह हहहहहहहह हहहहह हहहहहह हहहह हहहहहह हहहहहह हहहह हहहहहह
हहह हहहह हहहह ह हहहहह हहहह हहहह हह हहहह हहहहह हहहह हहहह
हहहहहहह हह हह हहहह हह हहहहह हह हहहहह हह हहहह हह 29 हहहहह हहह 1857
हह हहहह हहहहह हहहहह हह हहहह हहह हहह हहहहहहह हहहह हहहह हहहहहह
हह हहहहहह हह हहहहह
3. हहहहहह हहह हहहहह- हहहहहह हहह हहहहह (1775-1862) हहहह हहह हहहहह
हहहहहहहहह हह हहहहह हहहहहह हह हह हहहहह हहहह हह हहहह हहह हहहह
हहह हहहहहहहह 1857 हह हहहहह हहहहहह हहहहहहहहहह हहहहहहह हहह
हहहहहह हहहहहहहहह हह हहहहहहह हहहहह हहहहह हहह हहह हह हहह
हहहहहहहहह हह हहहहहह हहहहह (हह हहहहहहहह) हहह हहहह हहहह हहहह
हहहहहह हहहह
4. हहहह हहहहहहहहहह -हहहहहह हहहह हह हहहह हह हहहहहहह हहहहहह हह
हहहहहहहह हह हहहहहहहह हहहहहहह हह हहह हह हहहहहहहह हह हह हहहह हह
हहहहह हह हहहहह 17 हहह 1858 हह हहहहहहहह हह हहह हहहह हह हहहह हहह
हहहहहहह हहहह हह हहहहह-हहहहह हहहह हहहहहहहहहह हह हहहहहह
हहहहहहह हहह हहहहह हह हहहहहहह हहह हहहहहहह हहहह हहहहहहहह हह
हहहहहहह हह हह हहहह हहहहहहहहहह हहहह हहहहहहहह, हहहहहह हह हहहहहह
हह हहह हहहहहहहहह हह हह हह, हहहहहहहह हहहहहह हहह हहहह हहहह
हहहहहह हह हहह

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 17 - हहह


हहहहहहहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
नीपत - नीपतयोिं
क्तथिपत - क्तथिपतयोिं
पजम्मेदाररयोिं - पजम्मेदारी
सिामी - सिापमयोिं
स्वापभमापनयोिं - स्वापभमानी
गोिी - गोपियोिं

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 18 -


हहहहहह हह हहहह हहह हहहहहहहहह हह
हहह:हहहहह Page/Excercise हहहहहह-हहहहहह

Solution 1
साक्षात्कार पढ़कर मन में धनराज पपल्लै की ऐसी छपव उभरती है जो सीधे -सरि, भावु क, स्पष्ट वक्ता,
पररवार से जुडे और स्वापभमानी हैं परन्तु कपठन सिंघषों के और आपिवक सिंकटोिं के दौर से गु जरने के
कारण अपने आप-को असुरपक्षत समझने िगे िे। प्रपसक्ति प्राप्त करने पर भी उनमें जरा भी अपभमान
नहीिं है । उन्हें िोकि टर े न में सफ़र करने से भी कोई परहे ज नहीिं है । िोगोिं को िगता है पक उनके
स्वभाव में तु नक-पमजाजी आ गई परन्तु आज भी वे सरि व्यक्तक्त हीिं हैं ।

Solution 2
धनराज पपल्लै की ज़मीन से उठकर आसमान का पसतारा बनने तक की यात्रा कपठनाइयोिं और सिंघषों
से भरी िीिं। धनराज पपल्लै एक साधारण पररवार के होने के कारण उनके पिए हॉकी में आना इतना
आसान न िा। उनके पास हॉकी खरीदने तक के पैसे नहीिं िे। उन्हें हॉकी खेिने के पिए अपने पमत्रोिं
से हॉकी क्तस्टक उधार माँगनी पडती िी। िेपकन कहते हैं ना जहाँ चाह वहाँ राह धनराज पपल्लै ने हार
न मानते पुरानी क्तस्टक से ही पनष्ठा और िगन से अभ्यास करते रहे और पवश्व स्तरीय क्तखिाडी बनकर
पदखाया। ऑिपवन एपशया कैंप में चु ने जाने के बाद धनराज पपल्लै ने मुडकर कभी पीछे नहीिं दे खा
अिाव त् उसके बाद वे िगातार सििता की सीपढ़याँ चढ़ते गए।

Solution 3
मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रपसक्ति को पवनम्रता से सँभािने की सीख दी है ' -

धनराज पपल्लै की इस बात का अिव यह है पक उनकी माँ ने हमेशा उन्हें प्रपसि होने के बाद भी
घमिंड की भावना मन में न आने की सिाह दी। इिं सान चाहे पजतना ऊँचा उठ जाएँ परन्तु उसमें घमिंड
की भावना नहीिं होनी चापहए।

Solution 4
मेजर ध्यानचिंद पसिंह (29 अगस्त, 1905 - 3 पदसिंबर, 1979) भारतीय िील्ड हॉकी के भूतपूवव क्तखिाडी
एविं कप्तान िे। उन्हें भारत एविं पवश्व हॉकी के क्षेत्र में सबसे बेहतरीन क्तखिापडयोिं में शु मार पकया जाता
है । वे तीन बार ओिक्तिक के स्वणव पदक जीतने वािी भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं पजनमें
1928 का एम्सटडव म ओिोक्तिक, 1932 का िॉस एिं जेल्स ओिोक्तिक एविं 1936 का बपिव न ओिक्तिक
शापमि है। उनकी जन्म पतपि को भारत में "राष्टरीय खेि पदवस" के तौर पर मनाया जाता है |

गें द इस कदर उनकी क्तस्टक से पचपकी रहती पक प्रपतद्विं द्वी क्तखिाडी को अकसर आशिं का होती पक वह
जादु ई क्तस्टक से खेि रहे हैं। यहाँ तक हॉिैं ड में उनकी हॉकी क्तस्टक में चुिं बक होने की आशिं का में
उनकी क्तस्टक तोड कर दे खी गई। जापान में ध्यानचिंद की हॉकी क्तस्टक से पजस तरह गेंद पचपकी रहती
िी उसे दे ख कर उनकी हॉकी क्तस्टक में गोिंद िगे होने की बात कही गई। ध्यानचिंद की हॉकी की
किाकारी के पजतने पकस्से हैं उतने शायद ही दु पनया के पकसी अन्य क्तखिाडी के बाबत सुने गए होिं।
उनकी हॉकी की किाकारी दे खकर हॉकी के मुरीद तो वाह-वाह कह ही उठते िे बक्तल्क प्रपतद्विं द्वी टीम
के क्तखिाडी भी अपनी सुधबुध खोकर उनकी किाकारी को दे खने में मशगू ि हो जाते िे। उनकी
किाकारी से मोपहत होकर ही जमवनी के रुडोल्फ पहटिर सरीखे पजद्दी सम्राट ने उन्हें जमवनी के पिए
खेिने की पेशकश कर दी िी।

ध्यानचिंद ने अपनी कररश्माई हॉकी से जमवन तानाशाह पहटिर ही नहीिं बक्तल्क महान पक्रकेटर डॉन
ब्रै डमैन को भी अपना कायि बना पदया िा।

Solution 5
हॉकी का खेि भारत में अत्यिं त िोकपप्रय है । यह खेि भारत के प्रत्ये क प्रदे श में खेिा जाता है । इस
खेि ने भारत को पवश्व-पटि पर कािी प्रपसक्ति पदिवाई है । हॉकी के खेि में भारत दे श ने सन्
1928 से 1956 तक, िगातार छुः स्वणव-पदक जीते हैं। इन्हीिं पवशे षताओिं के कारण हॉकी को भारत
का राष्टरीय खेि माना जाता है ।

Solution 6
'यह कोई जरुरी नहीिं पक शोहरत पैसा भी साि िेकर आए' - हम धनराज पपल्लै की इस बात से
सहमत हैं क्ोिंपक हमारे समाज में पकतने सिंगीतकार, किाकार,

सापहत्यकार, रिं गकपमवयोिं, क्तखिाडी आपद हैं पजन्हें शोहरत तो पमिी परन्तु उनके काम का उपचत मुवावजा
नहीिं पमिा और उनका पूरा जीवन आपिवक सिंकटोिं में ही गु जरा।
NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 18 -
हहहहहह हह हहहह हहह हहहहहहहहह हह
हहह:हहहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
1.हहहहहहह-हहहह हहहहहह हहहहहहहहह हह हहहहहहह हह हहहहहहह हहहह
हहहहहह

 हहहहहह- हहहह हहहहहह हहहहह हहहहहह हहहहहहहह हहहहहह हहहह


 हहहहहहह- हहहह हहहहहहहहह हह हहहहहह हहहहहहह हहहह हहहह

2. हहहह-हह हहह हह हहह हहहह हहह

 हहहहहहह-हहहहह हहहहहहह हहहहहह हह हहहह हहहहह


 हहहहह:-हह हहहहह हहहहहह हह हहहह हहहह ह

3.हहहहहह-हहहहहहहह हह हहहहहहहहह हहह हहहहहह हह हहहहहह हहहहह हह


हहहह हहह

 हहहहहहहह- हहह हहह हहह हह हहहह हहह हह हहहहहहहह- हहहह


 हहहहहहहहहहह- हहहहहहहह हह हहहहहहह हहहहहहहहह हह हहह
हहहहहहहहहहह हहहह हहह
Solution 2
इच्छा - चाह, अपभिाषा, कामना, आकािं क्षा

िूि - पुि, कुसुम, सुमन, प्रसून

पुत्री - बेटी, तनया, सुता, आत्मजा

जि - पानी, नीर, तोय, सपिि

Solution 3
पक्रकेट - बल्ला, गें द, पवकेट, पपच, अिायर, चौका, छक्का, रन आपद।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 19 - हहहहह


हह हहहहहहहह हहहह Page/Excercise हहहहहह-
हहहहहह

Solution 1
गाँ धीजी स्वयिं स्वावििंबी और आत्मपनभवर होने के कारण अपने सापनध्य में आनेवािे सभी को स्वावििंबन
और आत्मपनभवरता का पाठ पढ़ाना चाहते िे।

Solution 2
गाँ धीजी पहिे से पहसाब-पकताब में चु स्त िे। अपने पवद्यािी जीवन में भी गाँ धीजी पाई-पाई का पहसाब
रखते िे। वे कभी भी पिजूिखची नहीिं करते िे यहाँ तक पक पैसा बचाने के पिए वे कई बार कई
पकिोमीटर पैदि यात्रा करते िे क्ोिंपक उनका मानना िा पक धन को जरुरी कामोिं में ही खचव करना
चापहए। इसी पहसाब-पकताब की चु स्ती के कारण वे सारे आिं दोिनोिं को सिितापूववक चिा पाएँ ।

Solution 3
यपद हमें कोई बाि आश्म खोिना है तो हमें पनम्नपिक्तखत मदोिं पर खचव करना होगा -
खचव
इमारत 10 िाख
प्रबिं धक 15,000 मापसक
सहायक कमवचारी 35,000मापसक
बािकोिं के वि, पबस्तर, पुस्तकें, पशक्षा व्यवथिा आपद। 2 िाख सािाना
खाद्य पदािों पर खचव 25,000 मापसक
अन्य खचव -
पबजिी, पानी, रख-रखाव, पचपकत्सा आपद। 30,000 मापसक
कुि अनुमापनत खचव 3 िाख 5 हजार

Solution 4
1. िि-सक्तियाँ उगाना - मुझे िि-सक्तियाँ बेहद पसिंद होने के कारण उन्हें उगाना
पसिंद हैं परन्तु शहरी वातावरण में रहने के कारण तिा घर छोटा होने के करण मैं यह
कायव नहीिं कर पा रहा हँ ।
2. हहहह हहहहह - हहहह हहह हह हहहह हहहहह हह हहह हहहह हह हहह
हहह हहहह हहहहह हहहह हहहह हहह हहहहहह हहहहह ह हहहह हह
हहहह हहह हह हहह हहहह हह हह हहह हहहह
िे पकन इस बार मैंने पनश्चय पकया है पक छु पट्टयाँ शु रू होते ही दादाजी के पास गाँव जाऊँगा और
िि-सक्तियोिं से सिंबिंपधत ज्ञान प्राप्त करू
ँ गा।

Solution 5
इस अनुमापनत बजट को गहराई से पढ़ने के बाद आश्म के उद्दे श्य पनम्न हो सकते हैं - स्वावििंबन का
पाठ पढ़ाना,
िोगोिं को आजीपवका प्रदान करना, िघु उद्योग को बढ़ावा दे ना, श्म को बढ़ावा दे ना।
आश्म की कायव प्रणािी मुख्यतुः आत्मपनभवरता, आपसी सहयोग व सरिता पर आधाररत िी।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 19 - हहहहह


हह हहहहहहहह हहहह Page/Excercise हहहह हह
हहह

Solution 1

इत प्रत्ययान्त शब्द मूि शब्द प्रत्यय


प्रमापणत प्रमाण इत
व्यपित व्यिा इत
द्रपवत द्रव इत
मुखररत मुखर इत
झिंकृत झिंकार इत
पशपक्षत पशक्षा इत
मोपहत मोह इत
चपचव त चचाव इत

Solution 2
इत प्रत्ययान्त शब्द मूि शब्द प्रत्यय
मौक्तखक मुख इक
सिंवैधापनक सिंपवधान इक
प्रािपमक प्रिम इक
नैपतक, नीपत इक
पौरापणक पुराण इक
दै पनक पदन इक

Solution 3
समस्त पद पवग्रह
ऋणमुक्त ऋण से मुक्त
स्नानघर स्नान के पिए घर
दे शपनकािा दे श से पनकािा
गिं गातट गिं गा का तट
नीपतपनपुण नीपत में पनपुण
पराधीन पर के आधीन
उपयुवक्त कवग्रह को दे खने से ज्ञात होता है पक दू सरा शब्द पहिे शब्द की सािवकता को स्पष्ट कर रहा
है ।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 20 -


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हहहहहह

Solution 1 - ह
उपयुवक्त पिंक्तक्तयोिं का भाव जन जागरण तिा नव-पनमाव ण से है ।

Solution 1 - ह
उपयुवक्त पिंक्तक्तयोिं का सिंबिंध कपव का आवेशपूणव रूप से जनता में जागृ पत िाने का प्रयास है परन्तु इस
प्रयास में उसके किंठ से गीत बाहर नहीिं आ पा रहा है पजसके कारण वह और अपधक बेचैन हो उठा
है । यहाँ पर कहने का तात्पयव यह है पक कपव की तान उसकी अिंतर की गहराई से पनकिी है ।

Solution 2
उपयुवक्त पिंक्तक्तयोिं का भाव यह है पक कपव शोषक वगव को सचे त करते हुए कहता है पक अब उसके
किंठ से कोमि स्वरोिं के बजाय क्रािं पत के स्वर मुखररत होिंगे। ऐसे में यपद उसकी उँ गपियाँ या पमजराबें
टू ट भी जाएँ तो उसे उसकी परवाह नहीिं है । अिाव त् अब कपव की वीणा से कोमि स्वरोिं की अपेक्षा
क्रािं पत की आग उगिे गी।

Solution 3
इस कपवता में क्रािं पत िाने (पवप्लव) की बात मुखर हुई है । कपव ने अपने गीत के माध्यम से ऐसी ही
तान छे डने की बात कर रहा है पजससे क्रािंपत आ जाए।

NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 20 -


हहहहहह-हहहह Page/Excercise हहहह हह हहह

Solution 1
शब्द की पुनरुक्तक्त करके कपवता में चमत्कार उत्पन्न करने के पिए योजक पचहन (-) का प्रयोग पकया
जाता है ।

Solution 2
1. किंठ रुका है महानाश का
2. टू टीिं हैं पमजराबें
3. रोम-रोम गाता है वह ध्वपन

Solution 3
तु कबिंदी वािे शब्द -
1. बैठी है - ऐिंठी हैं
2. इधर - उधर
3. रुि - यु ि
4. िपण - मपण

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