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श्रीः

श्रीमते रामानुजाय नमः


श्रीमते नगमा महादे शकाय नमः

Á Á श्रीहयग्रीवा ो रशतनाम ोत्रम् Á Á


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श्री र रामानुज महादे शकन्


His Holiness śrīmad āṇḍavan śrīraṅgam
श्रीः
श्रीमते रामानुजाय नमः
श्रीमते नगमा महादे शकाय नमः

Á Á श्रीहयग्रीवा ो रशतनाम ोत्रम् Á Á


शृ ु ऋषयः सव हय ा ो रं शतम् Á
हयग्रीवो महा व ुः केशवो मधुसूदनः Á Á 1 ÁÁ
गो व ः पु र काक्षो व ु वर् रो हिरः Á
आ द ः सवर्वागीशः सव धारः सनातनः Á Á 2 ÁÁ
नराधारो नराकारो नर शो नरुपद्रवः Á
नर नो न ल ो न तृ ो नरामयः Á Á 3 ÁÁ
चदान मयः साक्षी शर ः सवर्दायकः Á
श्रीमान् लोकत्रयाधीशः शवः सार तप्रदः Á Á 4 ÁÁ
वेदो त वेद न धवदवे ः प्रभू मः Á
पूणर्ः पूर यता पु ः पु क तर्ः परा रः Á Á 5 ÁÁ
परमा ा पर ो तः परे शः पारगः परः Á
सवर्वेदा को व ान् वेदवेदा पारगः Á Á 6 ÁÁ
सकलोप नष े ो न लः सवर्शा कृत् Á
अक्षमालाज्ञानमुद्रायु ह ो वरप्रदः Á Á 7 Á Á

पुराणः पुरुषश्रे ः शर ः परमे रः Á


शा ो दा ो जतक्रोधो जता मत्रो जग यः Á Á 8 ÁÁ
ज मृ ुहरो जीवो जयदो जा नाशनः Á
जप प्रयो जप ु ो जापक प्रयकृत् प्रभुः Á Á 9 ÁÁ
श्रीहयग्रीवा ो रशतनाम ोत्रम्

वमलो व रूप व गो ा व ध ुतः Á


वधी शवसं ु ः शा दः क्षा पारगः Á Á 10 ÁÁ
श्रेयःप्रदः श्रु तमयः श्रेयसांप तर रः Á
अ ुतोऽन रूप प्राणदः पृ थवीप तः Á Á 11 ÁÁ
अ ो रूप सवर्साक्षी तमोहरः Á
अज्ञाननाशको ज्ञानी पूणर्च समप्रभः Á Á 12 ÁÁ
ज्ञानदो वा तय गी योगीशः सवर्कामदः Á
महायोगी महामौनी मौनीशः श्रेयसांप तः Á Á 13 ÁÁ
हंसः परमहंस व गो ा वराट् राट् Á
शु टकस ाशो जटाम लसंयुतः Á Á 14 ÁÁ
आ दम ा र हतः सवर्वागी रे रः Á
ना ाम ो रशतं हयग्रीव यः पठे त् Á Á 15 ÁÁ
वेदवेदा वेदा शा ाणां पारगः क वः Á
वाच तसमो बु ा सवर् व ा वशारदः Á Á 16 ÁÁ
महदै यर्मासा कलत्रा ण च पुत्रकान् Á
अवा सकलान् भोगान् अ े हिरपदं व्रजेत् Á Á 17 ÁÁ
ÁÁ इ त श्रीहयग्रीवा ो रशतनाम ोत्रं समा म् ÁÁ

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