शृ ु ऋषयः सव हय ा ो रं शतम् Á हयग्रीवो महा व ुः केशवो मधुसूदनः Á Á 1 ÁÁ गो व ः पु र काक्षो व ु वर् रो हिरः Á आ द ः सवर्वागीशः सव धारः सनातनः Á Á 2 ÁÁ नराधारो नराकारो नर शो नरुपद्रवः Á नर नो न ल ो न तृ ो नरामयः Á Á 3 ÁÁ चदान मयः साक्षी शर ः सवर्दायकः Á श्रीमान् लोकत्रयाधीशः शवः सार तप्रदः Á Á 4 ÁÁ वेदो त वेद न धवदवे ः प्रभू मः Á पूणर्ः पूर यता पु ः पु क तर्ः परा रः Á Á 5 ÁÁ परमा ा पर ो तः परे शः पारगः परः Á सवर्वेदा को व ान् वेदवेदा पारगः Á Á 6 ÁÁ सकलोप नष े ो न लः सवर्शा कृत् Á अक्षमालाज्ञानमुद्रायु ह ो वरप्रदः Á Á 7 Á Á
पुराणः पुरुषश्रे ः शर ः परमे रः Á
शा ो दा ो जतक्रोधो जता मत्रो जग यः Á Á 8 ÁÁ ज मृ ुहरो जीवो जयदो जा नाशनः Á जप प्रयो जप ु ो जापक प्रयकृत् प्रभुः Á Á 9 ÁÁ श्रीहयग्रीवा ो रशतनाम ोत्रम्
वमलो व रूप व गो ा व ध ुतः Á
वधी शवसं ु ः शा दः क्षा पारगः Á Á 10 ÁÁ श्रेयःप्रदः श्रु तमयः श्रेयसांप तर रः Á अ ुतोऽन रूप प्राणदः पृ थवीप तः Á Á 11 ÁÁ अ ो रूप सवर्साक्षी तमोहरः Á अज्ञाननाशको ज्ञानी पूणर्च समप्रभः Á Á 12 ÁÁ ज्ञानदो वा तय गी योगीशः सवर्कामदः Á महायोगी महामौनी मौनीशः श्रेयसांप तः Á Á 13 ÁÁ हंसः परमहंस व गो ा वराट् राट् Á शु टकस ाशो जटाम लसंयुतः Á Á 14 ÁÁ आ दम ा र हतः सवर्वागी रे रः Á ना ाम ो रशतं हयग्रीव यः पठे त् Á Á 15 ÁÁ वेदवेदा वेदा शा ाणां पारगः क वः Á वाच तसमो बु ा सवर् व ा वशारदः Á Á 16 ÁÁ महदै यर्मासा कलत्रा ण च पुत्रकान् Á अवा सकलान् भोगान् अ े हिरपदं व्रजेत् Á Á 17 ÁÁ ÁÁ इ त श्रीहयग्रीवा ो रशतनाम ोत्रं समा म् ÁÁ