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Dated: 22.08.2020; Time: 17:58pm


रजत: हेलो
साक्षी के पापा:हेलो
रजत: जी
पापा: हेलो....
रजत: हांजी बोलिये....
पापा: हाँ...व्....रजत...हो सकती है बात आपसे दो मिनट के लिए?....
रजत: हांजी बोलिये पापाजी
पापा: कहाँ हो आप घर पे हो...की बहार हो कहीं?
रजत: बहार हूँ पापाजी...
पापा: अच्छा... मै ये कह रहा हूँ ये....कल...मुझे मालूम पड़ा है की कल
रात को भी फ़ोन आया है....और फिर...दोबारा भी बात हुई
है...सुबह...ये क्या बात होगई है...रजत....
रजत: क्या बात होगई है..मम..क्या बात हुई है आप बताईये...क्या बताया

गया है आपको?
पापा: नहीं मै आपसे जानना चाहता हूँ...
रजत: आप बताईये न आपको क्या बोला गया है....आपको भी तो कुछ बोला
गया होगा तभी तो आप मुझसे फ़ोन करके पूछ रहे हो...
पापा: बेटे मेरे से आप ये समझते हो की ये बात करना ठीक है आपकी
बात करने का ढंग....मुझसे...मै आप से ये पूछ रहा हूँ की ये...ये
क्या बात होगई और आप मुझसे पूछ रहे हो....हेलो...
रजत: कोई बात नहीं ....
पापा: हैं जी?....

रजत: मेरे से तो कोई बात नहीं हुई....आपसे कोई बात हुई है क्या?
पापा: नहीं आपने उसको आके अपना हाथ वूथ काटा है और उसे कल रात
को छोड़ के चले गए हो रात को...अकेले और हमें ____ बुलाया
है...हांजी...
रजत: हांजी...ठीक है ...ये...ये..
पापा: हांजी ये...
रजत: ये आपको मालुम पता चल...अच्छा ये पता चल गया है आपको...तो

इससे पहले जो हुआ वो आपको नहीं पता लगा?

पापा: क्या? मै वही तो आपसे जानना चाह रहा हूँ...मुझे तो कल का मालूम


पड़ा है सारा और उसके बाद ....
रजत: हाँ....
पापा: ...में रात को आके...आप डेढ़ बजे आये हो...आपने हाथ..हाथ...
रजत: हांजी...
पापा: ...काटा है..सब कुछ किया है...
रजत: हांजी....हांजी....
पापा: ...और....
रजत: क्या करूँ..क्या करूँ...जब मेरे..मेरेको...मेरे...माँ बाप घर से
बहार है...मै अपने माँ बाप को यहाँ से घर से लेगया हूँ...इतनी
गन्दी गन्दी गालियां देती है मेरे को...पुलिस केस कर दिया है
इसने..मै थाने जाके...थाने चला गया...
पापा: नहीं आपने...
रजत: सब कुछ तो इसने करवा दिया...
पापा: ...आपने...आपने...इसको...ये कहा की तू अभी घर से चले जा सुबह
सुबह...आप दो तीन बारी कह चुके हो...की तू अभी चले जा यहाँ
से...सब कुछ कहा है...
रजत: मै...ना....मैंने इसको..बोला है...
पापा: नहीं....
रजत: ...तो उसका रीज़न भी तो होगा न....सेहीबोल दियामैं
नेघर सेबहार चलीजा...

पापा: मै वही तो आपसे....नहीं नहीं...मै वही तो आपसे ... आपसे जानना


चाह रहा हूँ....क्योंकि मुझे जो मालूम पड़ा है...आप प्लीज...आप बुरा
मत मानना लेकिन...
रजत: जी...
पापा: ...हकीकत बात जो मुझे मालूम पड़ी है वो ये ही है...की शा यदअभी भी
आप...कुछ और लड़कियों के पास जाते हो...ऐसी....कोई भी बात.....
रजत: आप फिर वो वो ही बात.. मै तो... आप सब को बोल चूका हूँ मुझे
प्रूफ चाहिए....
पापा: नहीं... इसमें प्रूफ नहीं है...
रजत: जो..अब ये...देखिये..आप....आप कैसे कह सकते हो मै किसी
लड़की के पास जाता हूँ...मुझे सिर्फ इतना बता दो...प्रूफ...प्रूफ भी तो
होगा न....की मै जाता हूँ किसी के पास....
पापा: आप...नहीं...आपको...एक मिनट..एक मिनट...बेटा आराम से...उस दिन
हमारी जब मीटिंग थी...और...
रजत: बिलकुल...बोलिये...
पापा: ...मीटिंग के अंदर बैठ के....आपकी मम्मीजी भी थी वहां पर....
रजत: जी...
पापा: और उस समय जब बैठ कर आप से बात हो रही थी....दूकान के बारे
में...लेकिन बात होगई ये...
रजत: जी...हांजी...
पापा: की भाई ऐसे ऐसे....की आपने कमरा बुक कराया और आपने सब कुछ
किया...
रजत: जी...जी...
पापा: फिर उसके बाद फिर आप कहते हो की नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है
है...
रजत: जी ...बिलककुल...मैंने एंट्री दिखा दी...की मेरे अकाउंट में से
एक सो सैंतालीस रूपय कटे है तो दिखा दो....पासबुक आपकी बिटिया
के पास है.....
पापा: ऐसा है....
रजत: पूछ लो...और मैंने...मैंने उसको बोला है जब चलना हो
चलो....मैंने तो मना करा ही नहीं....
पापा: ऐसा है..रजत....
रजत: मै तो पीछे हैट ही नहीं रहा.....
पापा: रजत... रजत देखो ऐसा होता है...मेरी बात सुनो...
रजत: पापा...मै आपको सच बोल रहा हूँ....
पापा: सुनो मेरी बात...
रजत: पापाजी मै आपको सच बोल रहा हूँ...पहले मेरी सुन लीजिये
आप....
पापा: बताईये...
रजत: इस टॉपिक में मुझसे बिलकुल भी बात मत करना...मै बिलकियल साफ़
हूँ...मेरे पे जहाँ आप कहोगे वह पे हाथ रख के कसम रखने के
लिए तैयार हूँ....झूटी कसम खाऊ तो ज़िन्दगी भर पनपु न....
पापा: ऐसा है....
रजत: मै नहीं हूँ...बिलकुल साफ़ हूँ...मै कैसे बताऊ आपको....क्या कर
सकता हूँ....जिससे आपको ट्रस्ट होगा मरे पे....
पापा: नई..ये...ये...
रजत: आपको बिटिया को भी बोल चूका हूँ...आपको भी बोल चूका हूँ...
पापा: तो हम एक अभी की बात ये है....हमारे सामने उस दिन बात हुई...हम
ये आपसे जानना चाह रहे है...उस दिन हमने आपसे पूछा की
आपने कमरा किस लिए बुक कराया...आपने कोई जवाब नहीं
दिया....आपने आके मैंने आपने...कोई आपका कोई जवाब था उस
दिन.....
रजत: पापा मैंने जवाब दिया मैंने आपको ....
पापा: क्या?...
रजत: आपने सुना ही नहीं....
पापा: क्या जवाब दिया?
रजत: मैंने उस दिन ये जवाब दिया की मै उसमे चेक कर रहा था
कमरा...तो मैंने चेक करते करते...मेरे से क्लिक होगया...मेरे
अकाउंट से मै जब तक पासवर्ड नहीं डालूंगा पैसे कैसे काट

जायेंगे?....मुझे तो समझ ही नहीं आया...आप अगर किसी को पेटम


करते हो....अगर आप उसमे पेटम पासवर्ड नहीं डालोगे...तो या
अपना जो भी पासवर्ड आपने रख है वो नहीं डालोगे...तो कैसे
पैसे काट जायेंगे?....मैंने डाला ही नहीं...देखना गुनाह है
क्या...होटल....
पापा: और रजत आप ____ आपको....
रजत: ये होटल इसी पर्पस के लिए होता है?....
रजत: नहीं उस दिन आप....
रजत: ये तो गलत थिंकिंग है न किसी की...वो गलत थिंकिंग की
तरह....गलत थिंकिंग की सोच रही है....
पापा: आप...आप उस दिन.....
रजत: उसको सही थिंकिंग के लिए भी सोचा जा सकता है...और मै कर रहा
हूँ...मै साफ़ बोल रहा हूँ....
पापा: एक मिनट एक मिनट...आप उस दिन रात को फिर...सुबह ६ बजे आये हो
आप....उसी दिन...
रजत: नहीं...कैसे....बताओ मुझे...नहीं...मेरे पास कैमरा है...मै दिखा
देता हूँ न आपको...मैंने कहाँ था घर पे..घर पे...घर पे था जी
मै....
पापा: आप सुबह छे बजे नहीं आये हो उस दिन आप ?
रजत: बिलकुल नहीं आया जी मै...दूकान खोल क बाक़िता था...साढ़े ____
बजे तो मैंने दूकान बधाई है उस दिन....
पापा: साढ़े चार बजे तो दूकान_______
रजत: हाँ...साढ़े ३ पौने चार मैंने दूकान _____ है.....
पापा: ओह ...अच्छा अच्छा....साढ़े तीन पौने चार बजे तो काम चल रहा था
आपका....नहीं....
रजत: बिलकुल...दूकान पे...
पापा: अच्छा रजत...एक बात बताओ...ये जो बातें हो रही है.....
रजत: जी...
पापा: अब इसमें तो ये होरहा है की ...आप...हम ...जो भी आपसे
कहेंगे...आप ये कहोगे की नहीं ऐसी कोई बात नहीं....और आपको
लगता है की....
रजत: ..._____ एक तरफ की आप....
पापा: सुनो...सुनो....आपको ये ये लगता है की सारी गलती उसकी है....
रजत: नहीं..मैंने नहीं कहा....
पापा: तो फिर क्या बात है?....क्यों ऐसा हो रहा है....
रजत: आपका शक दूर करना चाहता हूँ...वो शक दूर भी तो करवाएगी....
पापा: नई नई नई...आपको....
रजत: वो मेरे साथ चलती क्यों नहीं? जब उससे पता है ओयो मैंने बुक
कराया है मुझे वहां पे लेके चलो, CCTV है...हर होटल के अंदर
कैमरे लगे होते है....
पापा: नहीं...आप....
रजत: मै उस दिन का कैमरा खुलवाऊंगा...उससे....अगर मेरी फोटो हो,
मेरी ID प्रूफ लगा हो तो आपकी जूती मेरा सर....
पापा: अच्छा मै आपके....
रजत: अगर...अगर...मेरे अकाउंट में से एक सौ सैंतालीस रुपये कटे
हो तो आपकी जूती मेरा सर.
पापा: आप ये....
रजत: अब ये कहने...अब ये करने से नही होगा न सर.....पहले आप को
किसी ने कहा की मै वो..वो हूँ...बी-सी हूँ...बहुत मर्डर कर रखे
है...बदमाश आदमी है...आपने वो भी मान लिया....मै आज तक जेल
नहीं गया....
पापा: रजत...मै आप से ये पूछ रहा हूँ...एक प्रन श्नउसके बाद तो ये है...
रजत: जी...
पापा: अब आप थोड़ा सा मुझे इस बारे में ... अब ये तो हमारे साथ हुआ
है ...जब आपकी दूकान चलती थी...हमने जब खुलवाई आपकी...सबसे
पहले हमने आपको रिक्वेस्ट की कि CCTV कैमरा लगवाओ...
रजत: जी बिलकुल....
पापा: और हमने लगवा के भी दिए आपको...और उसके बाद वो दस दिन
चलते थे पंद्रह दिन होजाते थे बंद...फिर वो चलते थे बीस
दिन....फिर उसके बाद होजाते थे बंद....
रजत: कोई बात नहीं...देखो जी मैंने महीने का....मैंने महीने
का....मैंने महीने का
पापा: सुनो सुनो..
रजत: मैंने महीने का ___ ....
पापा: रजत आप पहले आप मेरी बात सुनो...रजत आप मेरी बात तो सुनो....
रजत: जी...
पापा: आपके पास सारी रिकॉर्डिंग होगी....सब कुछ तोह होगा ना... आप खुद
देखो....
रजत: मेरे पास कहाँ सी आयी...मैंने कैमरे वही पड़े है....वो
कैम....कोई सामान नहीं लिया मैंने वाहन से
पापा: एक मिनट...
रजत: लोकदौन के चाकर मैं पता नहीं उसने क्या क्या कर दिया मेरे
साथ......कोई बात नहीं मेरा तो जो नुकसान होना था वो हो गया....मैं
तो भूल चूका हूँ सब चीज़ो को...
पापा: रजत...रजत....
रजत: ना मैंने बोर्ड उतारा न मैंने शे डउतारा ना मैंने ___ उतारा.....ना
मैंने पूरा बारधान उठाया वाहन से... कुछ नहीं... जो आपके सामने
बेचा था वही वही बेचा है और वही वही सामान और बाकी सारा सामान
उसको ही देदिया... शेड वेड सब उसके पास है...
पापा: ऐसा है रजत...
रजत: मैंने तो बड़ी मुकिल
सेश्कि अपनी जान छुड़ाई है उसे....
पापा: रजत ऐसा है मेरी बात सुनो एक बेटा...
रजत: जी...
पापा: अब आप देखो मुझे जो मर्ज़ी समझाओ जैसे मर्ज़ी करो हम तोह
आपको कुछ बोल सकते नहीं.... हम तोह आपको बड़े के नाते समझा
सकते है...
रजत: पापा आप बोल क्यों नहीं सकते...मैं तो आपके बेटे जैसा ही
हूँ...पापा आप मानो या न मानो...मैंने आपको आपने डैडी के रूप
मै देखा है....
पापा: नहीं हम तो आपको बस समझा सकते है....हमने अपना... हमारी तरफ

से देखो....हमारे आपके साथ व्यहार में क्या कमी है?


रजत: आप बिलकुल डैडी.... आपने कोई कमी नहीं करी पापाजी...
पापा: सुनो...हमने....हमने... हमने... हमने आउट ऑफ़ डी वे जाकर आपका
जितनी हमारी हैसियत थी...उसे ज़्यदा का आपका साढ़े तीन पौने
चार लाख रुपये लगा के आपका काम करवाया.... ठीक है...यही एक
उम्मीद रखवाई की भई ये CCTV लगा रहे जिसे हम देखते रहे...
वो भी हमने आपको दो तीन बार टोका फिर आपको वो चीज़ लगती थी
बुरा...
रजत: मेरी बात सुनो... ठीक है... जी....ठीक है.... ठीक है....
पापा: ... की मै आपके की मैं सोउ रुपये देने को भी उसमे नहीं
हूँ...मेरे पे पांच सोउ रुपये भी नहीं है.... अ....दे सकता....तो
हमने आपको ___ छोड़ दिया... कितनी बरी आदमी बोलेगा CCTV
कैमरे के लिए....अगर आप मेरी जगह होते...
रजत: उसी के....उसी के... बेस पर तो सारा झगड़ा था सारा....
रजत: मैंने कहा अगर मै नहीं करा सकता रिचार्ज...तो आप भी नहीं

करा सकते?....
पापा: रजत...रजत...आप मेरे को एक चीज़ बताओ ज़रा ...
रजत: हाँ बताइये...
पापा: अगर आप हमारी जगह होते...और आप..आप..
रजत: अगर आप मेरी जगह होते...आप भी तो मेरी जगह आजाओ न...एक
बारी मेरी जगह भी तो आजाओ ना .... मैंने एक आठ महीने नौ

महीने जो सब म्हणत करी है...मेरी म्हणत में कोई कमी थी क्या?...


पापा: मै आपको....मै....
रजत: अकेला....एक दूकान चला रहा था...अकेला आदमी...
पापा: रजत मै आपको....
रजत: कितनी अइटमे थी उसके अंदर.....
पापा: रजत आप पहले मेरी बात का जवाब तो देदो ज़रा...
रजत: बिलकुल बोलिये....शाबाशी तो मेरे को मिली नहीं बस मेरे को बुराई मिल रही थी....
पापा: मै ये कह रहा हूँ....रजत ऐसा है....एक मिनट आपसे...
रजत: किराया भी मै कहीं न कहीं से अरेंज करके आपकी...उसकी डेट
में देके आता था....आपकी बात काराता था उससे....ये लो अंकल
पापा बात कर लो मैंने किराया देदिया... मैनें कहाँ कमी छोड़ी
पापाजी ये बताओ...
पापा: मै कह रहा हूँ की सारी गलती हमारी...मै...आप......___
रजत: पापाजी...आपकी गलती नहीं मेरी किस्मत...आपकी गलती नहीं
है...
पापा: ...तो अब...क्या करें फिर...जब आप कोई बात सुनने को तैयार नहीं
हो...अ ...कुछ करने को तैयार नहीं हो....तो हमें यही कहना पड़ेगा
न..मै आपसे कह रहा हूँ.....
रजत: बोलिये जी बोलिये आप...
पापा: ...की आप...कहते हो की अभी....दूकान खुलवाई...उसमे आपकी कोई
गलती नहीं...गलती हमारीथी सारी...ठीक है....अब..ये झगड़ा चल रहा
है...चल रहा है......
रजत: आपकी गलती क्यों थी जी?...
पापा: नहीं नहीं...झगड़ा चल रहा था सारा....
रजत: आपकी गलती क्यों थी?....आपने तो मेरे अच्छे के लिए करा
था...गलती तो मेरी है की मेरा समय साथ नहीं दिया...किस्मत ने
मेरा साथ नहीं दिया...मैंने काम खोला...मेरा काम नहीं चला...
पापा: नहीं लेकिन वो....
रजत: लेकिन आपकी ___ कोई नहीं...मै आपका ज़िन्दगी भर के लिए
आभारी रहूँगा मैंने आपके पैसे देने है..मै किसी लायक
होजाउ मै आपके पैसे दूंगा...
पापा: लेकिन आप मुझे ये चीज़ बताओ...की ये...
रजत: मै पीछे तो हैट ही नहीं रहा किसी भी चीज़ से....
पापा: की ये...मेरा कहने का मतलब ये है जो एक...आप कह रहे हो न की
वो मै उस दिन नहीं था वहांपर वो... गलत है वो...
रजत: आप...आपकी बिटिया छे आदमियों के बीच बोलती है की मेरे पापा
के साढ़े चार लाख रुपये साढ़े तीन लाख चार लाख रुपये खराब कर
दिए तूने ...ये कर दिया...गालियां बक्ति है...लोगों के सामने...मै
क्या जवाब दूँ....मै..मै शकल उठा के चल नहीं सकता मै....अभी
मैंने मकान शि फ्टकरा है.... मकान शि फ्टकरा है मैंने...कोई..मै
क्या बताऊ....
पापा: मेरी...मेरी...मेरी बेटी ने ...आप मेरी बेटी .....आप...
रजत: हूँ आपको कैसे बताऊ....
मै कितना परे शां
पापा: नहीं...अगर आप...आप ये बताओ....
रजत: आपकी बिटिया है आप मानोगे नहीं न मेरी बात...मै अपनी...कल
रात को...साढ़े दस बजे आपने बच्चे को अपनी माँ को लेके घर
से निकला हूँ...अगली का एक भी बारी फ़ोन नहीं आया...मैंने अपनी
माँ को कहीं भी छोड़ा...मजबूरी में...
पापा: आप मुझे ये बताओ...की...आप...आप क्यों...____....आपने..आप

ने...उसे..आप ने उस से अ ...फ़ोन माँगा था उसका?...


रजत: हाँ...
पापा: क्यों?
रजत: वो मुझसे मांगती है...तो मै नहीं मांग सकता उस से

फ़ोन?....
पापा: क्या ___.....मै मतलब नहीं समझा ___.....
रजत: वो अगर मेरा फ़ोन चेक कर सकती है तो मै उसका फ़ोन मांग रहा

हूँ तो कोई गलत कर दिया?.....


पापा: बिलकुल नहीं कुछ भी गलत नहीं किया....
रजत: इतना भी हक़ नहीं है?
पापा: नहीं नहीं...एक मिनट के लिए तो उसके लिए आप उसको मतलब...अ...

मतलब अकेला छोड़ के रात को चले जाओगे आप ?...

रजत: क्या?...ना ना मै अकेला छोड़ के नहीं गया....मेरे साथ क्या रहा

तुम्हे पता है...छब्बीस तारीख से?....

पापा: हांजी?
रजत: छब्बीस तारिख...पिछली छब्बीस तारिख से....मेरे साथ क्या हो रहा

है आपको पता है?...


पापा: क्या जी?

रजत: (खांसने की आवाज़) आपने बेटी से ये भी पूछ लो न....


पापा: नाही...ये सब तो आप.....ये....ये...ये...
रजत: जब इतना सब कुछ बताया है...तो ये भी पूछो न एक बारी उस
से....
पापा: ...ये वैसे आप का वैसे जो बात करने का ढंग है की आप अपनी
बेटी से पूछ लो...आप मुझे...स.. आपने दिल पे हाथ रख के बोलो ना

की आप ऐसे ही बात करते हो?


रजत: आप..जिसने आप को इतना सब कुछ बताया है...ये नहीं...पापा ये

नहीं बताया की ये छब्बीस तारिख से क्या हो रखा है?...


पापा: नहीं नहीं..आप..नहीं नहीं..मै कह रहा हूँ...आप ये कह रहे हो की
सारी गलती उसकी है तो आप जिस ढंग से मुझसे बात कर रहे हो

अभी..वो आपका बात करने का ढंग ठीक है वैसे? अब ये आप


बताओ....
रजत: पापा मै तो इस टाइम डिप्रेशन में हूँ ...मै तो इस टाइम कुछ भी कर
जाऊंगा...मै तो मर भी जाऊंगा....
पापा: नहीं नहीं...अगर...
रजत: ...मुझे कोई फरक नहीं पड़ेगा...
पापा: एक मिनट....
रजत: लेकिन मै कईयों को मार दू....कइयों को मार के मरूंगा ....
पापा: हाँ तो आपने यही दी न धमकी उसको....की हमें भी मार दोगे आप....
रजत: नहीं धमकी ....मै धमकी नहीं देरहा....मै कइयों...कई मरेंगे....मै
कह रहा हूँ कई मरेंगे....
पापा: यही आपने...यही आपने कहा न....मै वो ही तो कह रहा हूँ...आपने ये
ही कहा न...तो माँ बाप के
रजत: मै और तो कोई नहीं कह रहा हूँ....मै आपको...सच बोल रहा हूँ...
पापा: मै आपने ये ही कहा न की...कि आप....
रजत: मै आप को सच बोल रहा हूँ...मै झूट नहीं बोल रहा...
पापा: की आप के माँ बाप...की
रजत: ...जब मै.... इतना परे नहो
शा के...इतना परे नहूँ
शा मै इस
टाइम...मेरी परे नीकि
शासी को नहीं दिखेगी ... ठीक है....मत
दिखे...मेरे को दिखानी भी नहीं है किसी को...मुझे सहानुभूति की
कोई जताओ मत....कोई बात नहीं...मै जैसा हूँ...मेरे को जैसा
है...मुझे वैसे रहने दो मुझे मरना होगा मै मार जाऊंगा मेरी
लाइफ है...उसमे किसी का कोई इंटरफेर करने का मतलब नहीं
है...आज आपका मेरे पास फ़ोन आगया...कल मैंने अगर आपने
हाथ पे चाकू मारे तो....
पापा: क्या मतलब? आपने ये कहा...एक मिनट...आपने ये कहा...
रजत: मैंने क्यों मारे...मतलब मै...कोई आपने शरीर पे....आपने शरीर

को कष्ट क्यों देता है?


पापा: आपने आपने...नहीं नहीं...आपने आपने यहाँ तक कहा की मै
तेरे को पुलिस में करवा दूंगा...की मैंने अपना सर फाड़ा है और
ये मुझे मरने के चाह रही है...और मै तेरे माँ बाप और सबको
मार दूंगा...
रजत: जब आपकी बेटी झूट बोल के मेरे को बंद करा सकती है तो मै भी
तो झूट बोल के सारे काम करा सकता हूँ....जब आपकी बेटी मुझे झूट
बोल के थाने भिजवा सकती है...तीन तीन घंटे के लिए...तीन घंटे
के लिए मै थाने में बैठा रहा....तो मै भी तो गलत बोल के कुछ ना
कुछ करवा ही सकता हूँ....
पापा: वैसे....नहीं नहीं...वैसे आप...
रजत: ये सब पॉलिटिक्स बाज़ी सब तुम...सब लोग तुमको ही आती है?...मुझे

कुछ नहीं आता? मै इस दुनिया में नहीं जीता?...या मुझे कोर्ट


कचेहरी का मतलब नहीं पता...या मुझे लॉ का मतलब नहीं पता...मुझे
भी सब कुछ पता है...
पापा: नहीं....नहीं आप हम मानते है आप बहुत ज़्यादा....
रजत: कैसे....किसको फसाया जाता है मुझे सब पता है....
पापा: नहीं मुझे मालूम है आप बहुत ज़्यादा...बहुत समझदार हो मै ये
नहीं कह रहा आप समझदार नहीं हो....मै तो खुद कहता हूँ की हम
आपको...
रजत: ...बस....कोई दिक्कत नहीं है....मै मरूंगा कईयों के लेके
मरूंगा....मेरा घर बर्बाद करा है... जिसने करा है वो भी मुझे मालूम
है....
पापा: मेरी...किसने किया है आपका घर बर्बाद?
रजत: बस जिसने भी करा है....कोई बात नहीं समय आने पे वो भी
बता के जाऊंगा...
पापा: नहीं मेरे को मालूम तो पड़े....
रजत: मेरे घर को शां तिसे छोड़ दो...मेरे घर को शां तिसे छोड़ दो...आप

लोग क्यों बीच में पड़ रहे हो?...अभी तक आपने....अभी तक आपने

...आप क्यों ....आप क्यों आया आपका फ़ोन?....

पापा: हमारे पास...हमने कभी बात करी?...नहीं नहीं...हमने कभी बात

करी?....क्यों....जब आप..एक मिनट ___....अगर आपको...अगर वो अगर


वो...
रजत: हाँ बोलिये....
पापा: ...रात को डेढ़ बजे आप अकेला छोड़ के जाओगे उसको...और..और
फिर...
रजत: हांजी...तो घर पूरा उसके हाथ में दे के गया हूँ ताले...ताले चाबी
सब लगी पड़ी है घर के अंदर....पहले भी रही है वो
अकेले....मेरे माँ बाप को निकालने के बाद....जब मै साढ़े चार
चार बजे घर आता था....
पापा: नहीं....ये तो....नहीं नहीं....ये ये...
रजत: बेकार की बातें पापा मत करो आप ये....
पापा: मतलब आप के ____....
रजत: ...सारे जवाब मै सारे जवाब देदूंगा सबके...अब...
पापा: नहीं नहीं...आपको लगता है की सारी गलती इसकी है?....
रजत: मेरे पास सारे जवाब है.....
पापा: आपको लगता है की सारी गलती उसकी है?

रजत: मै, फिर वो ही पापा एक ही बात?....मै तो कह ही नहीं रहा उसकी


है...मेरी गलती भी है...
पापा: क्या है?...मै वही तो जानना चाह रहा हूँ न. इसको हम ....मतलब....
रजत: मेरी गलती ये है की मै..मेरी गलती ये है....की मै जो हूँ
न....मैंने जो करा है....जो कर दिया वो, बस कर दिया....
पापा: क्या मतलब?....
रजत: ...ये मेरी गलती है की मैंने आपने लिए कुछ नहीं बचाया....अगर
आज मेरे पास कुछ होता तो मेरे...मेरे साथ ऐसा नहीं हो रहा होता
पापा: मतलब मै समझा नहीं कहने का....मतलब बचाया होता मतलब?
रजत: ब...वो..पापा मै...एक चीज़...आपको....(टेलीफोन में डिस्टर्बेंस
आती है) ...शार्ट फॉर्म में....इजी वे में बता दी है...
पापा: नहीं नहीं...मै आपको....
रजत: इसको...इसको चिग्गम की तरह खींच के चलो...या...आप इस..इस..इसको
शार्ट फॉर्म में समझ लो...आपतो समझदार हो, मेरे से बड़े हो
इतने...तीस साल बड़े हो, आप गोल मोल बातें घूमना जानते हो, मै
भी गोल मोल बातें सीख ही रहा हूँ....
पापा: नहीं...मै वो हितो चाह रहा हूँ....जानना चाह रहा हूँ....हम क्या....मै
आप से साफ़ सुथरी बात कर रहा हूँ और आप कह रहे हो की आप घुमा
फिर के बात कर रहे हो आप.....आपने.....मै....
रजत: पापा मैंने भी तो साफ़ सुथरी बात करी है आप से....मैंने भी तो
साफ़ सुथरी बात करी है....आज आपका मेरे पास फ़ोन आया है...आज
से पहले आप कहाँ थे जब मै बंद...मेरेको इस आपकी लड़की ने
रात को पुलिस पे पुलिस फ़ोन कर के मेरेको बंद कराया था.....
पापा: मै...
रजत: तब आप का फ़ोन नहीं आया मेरे पास ?.....कि बेटा....आप घर

आगे?....आप ठीक हो?...आप मरे तो नहीं?...आपको पुलिस वालो ने

कुछ कहा तो नहीं?....


पापा: मुझे आपने बेटा..... नहीं नहीं.....मुझे आप...मुझे आप...
रजत: ...आज आपका फ़ोन आगया? क्यों?....

पापा: क्यों मतलब हुआ था ऐसे वैसे?...उस समय क्यों हुआ था?....
रजत: पता नहीं...अआप...पापाजी....अपनी बेटी से पूछो न ये चीज़ जब एक
बताई है तो वो क्यों नहीं बताई उसने छब्बीस तारिख से वो मेरे
साथ क्या कर रही है....
पापा: क्या?...मैं वही तो जानना चाह रहा हूँ .....क्योंकि मैंने हमे शा
ये
कहा है....की मै हमे शाएक की बातों में नहीं करता हूँ
विवास सश्वा
....जब तक दुसरे की बातें न सुन लूँ......
रजत: आपकी बिटिया जो मेरे साथ कर रही है मै अपनी मदर से

बात कराऊँ?...

पापा: क्या?...
रजत: आप मेरी मदर के मुँह से सुन लो....
पापा: hmm ....
रजत: मेरे मुँह से मत सुनो आप....
पापा: हांजी क्या मतलब?....मै आप से...
रजत: आप सुन लो....
पापा: क्या मतलब...बताईये ज़रा...मदर से बात कराईये....
रजत: (बैकग्राउंड में आवाज़ लगते हुए) मम्मी...मम्मी....
(बैकग्राउंड में रजत की माँ कुछ कहती है रजत से....शब्त अस्पष्ट)
रजत: कुछ नहीं पापा है....
रजत की माँ: (बैकग्राउंड में रजत से कहतीं है) _____ मै नहीं बात कर
सकती.....
रजत: (साक्षी के पापा से) सुन लिया जी?.... (बैकग्राउंड में रजत की माँ
कुछ कहतीं है.....शब्द अस्पष्ट)
पापा: क्या जी?
रजत: वो कह रही है मैंने किसी से कोई बात नहीं करनी
पापा: नहीं देखो ऐसे है....
रजत: शा मेरी माँ...
आप देख लो जी कितना परे नहै
पापा: रजत ऐसा है....मै वो ही तो जानना चाह रहा हूँ....
रजत: नहीं नहीं पापा मै....मेरी बात तो सुनो.....
पापा: मै जानना तो चाह रहा हूँ .....
रजत: मै क्या कह रहा हूँ...वो बताना ही नहीं चाह रही है आपको.....मैंने
तो आपके सामने बुलाया है मम्मा बात कर लो एक मिनट.... उन्होंने
कहा मुझे किसी से कोई बात नहीं करनी अब....
पापा: एक मिनट फ़ोन तो दीजिये....एक बार फ़ोन तो दो आप....
रजत: मै तो दे रहा हूँ....वो मना कर रही है मै क्या करूँ?....
पापा: अच्छा....
राजा: दोबारा बोल देता हूँ....
पापा: ...
नहीं नहीं..अ..आप मुझे हमे शा
रजत: आपके सामने ही बोलूंगा....
पापा: Hmmm?
रजत: मम्मा लो एक मिनट baat करो....वो कह रहे है एक मिनट बात तो
करा दो मेरी....
(बैकग्राउंड में टीवी की आवाज़)
रजत की माँ: (बैकग्राउंड में रजत से कहती है) मै...ताकत ही नहीं है...मै

क्या बातब करूँ?....


रजत: (बैकग्राउंड में अपनी माँ से कहता है) __लेलो ______....
रजत कि माँ: (बैकग्राउंड में रजत से कहती है) मै बात ही नहीं कर
सकती...मै...
पापा: नमस्कार जी.....
रजत की माँ: हेलो...हेलो....
पापा: नमस्कार जी....
रजत की माँ: नमस्कार ....हां ....हां ....
पापा: क्या...तबियत ठीक नहीं है आपकी क्या?
रजत की माँ: नहीं...नहीं सब कुछ ठीक है....
(रजत कि बैकग्राउंड में बोलने की आवाज़)
पापा: तबियत ठीक नहीं है आपकी?
रजत की माँ: ______.....
रजत: हेलो....
पापा: हांजी....
रजत: बस जी....
पापा: क्या....
रजत: बहुत घबराहट हो रही है मेरी मम्मा को....हाँ....कुछ बच्चा ही
नहीं उसके अंदर....
पापा: नहीं नहीं वो....
रजत: ...मारेगी वो....वो मारेगी उसके बाद कई मरेंगे.....मेरे को चैन
से नहीं जीने दिया मेरी माँ को चैन से नहीं जीने दिया...किसी को
जीने नहीं दूंगा मै ...सब को ले के मरूंगा....बता दिया है आज....
पापा: चलो....अगर आप को ये लगता है.....
रजत: ...और जो घर ख़राब कर रहा है न मेरा...उसको सबसे पहले
मारूंगा.....मै फिर बता रहा हूँ इ रे शा बता रहा हूँ....
में
पापा: कौन आपका घर बर्बाद कर रहा है?....
रजत: ...आप को इ रे शा बता रहा हूँ....
में
पापा: कौन...कौन आपका घर खराब कर रहा है?...
रजत: मना कर दो....मना कर दो....आपने घर से मना कर दो फ़ोन ना करा
करे न बात करा करे...छोड़ दो हमें..... हमें हमारे हाल पे...
पापा: नहीं नहीं...कौन आपका..वो...घर ख़राब कर रहा है?
रजत: मै क्या कह रहा हूँ...मै कह रहा हूँ आप के घर का कोई जो भी बाँदा
है उसे मना कर दो....आप हमारेको हमारे हाल पे छोड़
दो.....प्लीज....
पापा: नहीं..अगर आप को ...
रजत: हाथ जोड़ के रिक्वेस्ट है...मै बता रहा हूँ...सब पिस
जाओगे....
पापा: अरे यार मेरी बात सुनो...देखो बात ___.....अच्छा तो....
रजत: मै सही बता रहा हूँ...मेरी माँ जब तक ज़िंदा है....मेरी माँ के छे
आठ महीने ही रह गए है...जिस हिसाब से सब सलूक हो रहा है....
पापा: मेरे को भी मालूम तो पड़े...
रजत: उसके बाद मै किसी को नहीं छोडूंगा....बस....
पापा: एक मिनट ऐसा है....मेरी बात सुनो....वो तो एक मिनट आपने कुछ सोच
लिया ...
रजत: जैसे मेरी माँ इस टाइम कपकपा रही है न....ऐसे अगर बिस्तर पे मैने
कपकपा न दिया तो मेरा नाम रजत नहीं मै अ ककुमार
शो जी की औलाद
नहीं.
पापा: ऐसा है...ये बात उसको...
रजत: मेरा अच्छा रूप देखा है अभी सबने...मेरा बुरा रूप किसी ने
नहीं देखा...
पापा: नहीं कौन...कौन ख़राब कर रहा है आपका घर?.....
रजत: बस छोड़ दो आपको बता दिया....छोड़ दो....मै आपके घर से
है...मना कर दो....
पापा: नहीं मै....
रजत: ...बड़ी मेहेरबानी होगी आपकी हाथ जोड़ के आपके पैर भी पकड़ता
हूँ....आपको लम्बे लम्बे हाथ जोड़ रहा हूँ...मैंने अपनी माँ की
स्टेटमेंट लिखवा ली है....
पापा: hmmm ...
रजत: ...ठीक है...मेरी माँ को आज भी कुछ होता है....बस बात ख़तम....
पापा: नहीं.....
रजत: मै किसी से कोई आर्गुमेंट नहीं करूँगा....मै बस कानूनी कारवाही
से जैसे दुनिया जीती है...दुनिया लड़ती है...ऐसे लड़ूंगा....जितना
झूट...जितना झूट बोलना है बोल सकता है....बात ख़तम...
पापा: क्या मतलब है?...मै समझा नहीं....नहीं मै मतलब नहीं समझा आप
के कहने का....
रजत: मै पापा समझाऊंगा न...जहाँ समझाने वाली बात आएगी...
पापा: क्या?...
रजत: मै सबूत दिखाऊंगा सारे...
पापा: क्या?...
रजत: मै दिखाऊंगा पापा.....
पापा: नहीं...हमें मालूम तो पड़े....
रजत: पिक्चर तो...पिक्चर खुलने से पहले...हेलो...पिक्चर रिलीज़ होने
से पहले से आपको सब दिखा दूंगा टगो पिक्चर देखने कौन

जायेगा?...जायेगा ही नहीं....
पापा: इसका मतलब लगता है की आपको की सारी गलती उसकी है....
रजत: मै तो कुछ कह ही नहीं रहा....
पापा: तो..फिर...उसका...
रजत: मेरी माँ की गलती है मेरी गलती है...उसकी गलती नहीं
है....
पापा: नहीं...रजत....रजत....
रजत: वो घर में बैठी है...मेरी माँ सडको...हम सडको पे रूल रहे
है...हमारी गलती है....हमें ये ही काम है...
पापा: मेरेको .....
रजत: हम गलत आदमी है....हम बोहोत गंदे आदमी है...हमारे को माफ़ कर
दो...इसीलिए तो कह रहा हूँ छोड़ दो हमारे हाल पे हमारे को....
पापा: अरे...
रजत: ...क्यों कर रहे हो आज आप फ़ोन?....
पापा: कमाल है रजत...अगर आपको लगता है की मैंने कोई गलती करी है
तो फिर इस सब
रजत: आपको यही तो कह रहा हूँ...आप क्यों फ़ोन कर रहे हओ आज...आज
आप फ़ोन क्यों कर रहे हो...
पापा: मतलब मै समझा नहीं....
रजत: आज से पहले आपने मेरी सार लेली...आपकी बेरी ने मुझे
थाने में बंद कराया था ...
पापा: हमने...नहीं....
रजत: आपको पता है आपकी बेटी ने नमुझे सौ नंबर पे कॉल करके बंद

कराया था...नहीं पता न?...

पापा: क्यों?...क्यों?...
रजत: अब यही...क्यों का जवाब पापा मै...क्यों क्यों पूछते हो..._____क्यों
ले रहे हो आप...अपनी बेटी से पूछो न...जो इसने कल तो बता

दिया....ये...जो...अब इसने करा था वो क्यों नहीं बताया इसने?....


पापा: ये...
रजत: और जो छब्बीस तारिख से मेरे साथ करती आरही है वो क्या
कर रही है ये....
पापा: इसके लिए मेरे को मालूम तो पड़े ना की बात क्या है.....तभी तो मै
आपसे फ़ोन किया है आपको मैंने....अब आप कुछ और बात चीत
में....
रजत: मेरे को फ़ोन करने से कोई फायदा ही नहीं है....आप...बात उस
से....आपकी..आपकी वाइफ..आपकी वाइफ की मेरी... अपनी बेटी से
बहुत अच्छी बनती है...वो सारी बातें उनसे आपको रिकॉर्ड करके
भेज देगी....आप उसके जुबानी सुनो....
पापा: नहीं...नहीं... मै...इसका मतलब उसकी......उसकी...
रजत: मेरी...मेरी मत सुनो...
पापा: hmmm ...नहीं नहीं...वाइफ की बात हो रही है इसका मतलब ___...
रजत: मैंने आपको अपनी माँ की आवाज़ सुनवा दी आपको पता लग रहा है
न कैस... किस हालत में है मेरी माँ ....
पापा: नहीं नहीं...आपको लगता है की वाइफ की..ह....
रजत: बुजुर्ग आप लोगो ने भी होना है.....
अपाप: हैंजी?....
रजत: बुजुर्ग आप लोगो ने भी होना है...
पापा: हांजी....
रजत: ...ठीक है...बहु तो आप कर घर में भी आनी है....ठीक है?....
पापा: hmmm ...
रजत: सब यहीं है....इसी दुनिया में है...
पापा: हांजी....हम्म...हम्म हम्म्म.....
रजत: ...कहीं दूर नहीं है....
पापा: ओके....
रजत: कितने भी दांत पक्के कर लेना....जो भगवन ने लिखा होता है
ना वो ज़रूर होता है....
पापा: नहीं नहीं....हमें ये तो बोलो न
रजत: मै किसी को बद्दुआ नहीं दूंगा....ना मै किसी को दुआ दूंगा....
पापा: हम्म्म....हम्म्म..हम्म्म....
रजत: जो मेरे साथ हो रहा है...वो गलत हो रहा है....सरासर गलत हो
रहा है....
पापा: हम्म....नहीं इसका हल क्या है?...मै ये आपको __....
रजत: इसका हल ये ही है...की आप छोड़ दो हमारे को हमारे हाल
पे.....अपनी वाइफ को भी बोल दो भाई बिलकुल फ़ोन करने की ज़रुरत

नहीं है .....तू क्यों कर रही है फ़ोन?....


पापा: हम्म...हम्म्म....अच्छा....
रजत: आप बस इसी हाल पे छोड़ दो....मै आपने घर को आपने आप
ठीक कर लूंगा....
पापा: नहीं आप.....अच्छा....नहीं...अगर आप भी शि ....अगर
फ्ट
आप...नहीं....वैसे....वैसे में आप से....
रजत: मेरे में इतने गट्स होंगे तो मै कर लूंगा...नहीं होंगे...नहीं
होंगे...नहीं होंगे तो मै किसी दिन जाके कुछ भी...जो भी करना
होगा कर लूंगा....मै किसी के पास नहीं जाऊंगा...न किसी के पास

आऊंगा...आपको मैंने फ़ोन किया एकबार भी अब?


पापा: नहीं नहीं...ये....
रजत: मेरे साथ जो भी हो रहा है...मेरी माँ के साथ जो भी हो रहा है....जो
भी कुछ हो रहा है हमारे साथ.....हमने आपने आपको फ़ोन करा है

एक बार भी अब ?....
पापा: नहीं नहीं..मै वो ही तो आप से जानना चाह रहा हूँ...एक मिनट....
रजत: बस...कोई बात नहीं.....
पापा: जब हमारे पास...हमने...नहीं हम तो नहीं बात करते न...कल ही आया
है न फ़ोन....जो आप..._____
रजत: पापा वो ही तो कह रहा हूँ मै आपसे....
पापा: हाँ...
रजत: मै वो ही तो कह रहा हूँ....उसे पहले भी मेरा घर चल रहा था....जब
आपसे मेरी बात हुई, तब भी मेरा घर चल रहा था....
पापा: हम्म्म....हम्म्म...हम्म्म...
रजत: ठीक है?....और मेरा घर जब आपने बात छोड़ी, तब भी चल रहा

है...चल रहा है न?..


पापा: हम्म्म...हम्म्म...
रजत: सब हो रहा है न मेरे घर में भी....तो फिर क्या दिक्कत है?
ऐसे ही चलने दो न.....
पापा: हम्म....नहीं....इसका मतलब वो.....
रजत: मैं खाना पिली आप पर वज़न बन जाऊं...मैं किसी के ऊपर वज़न

क्यों बनु?....मैंने आपके साढ़े तीन लाख रुपये ख़राब


करदिये....मेरेको वो भी देने है आपके...
पापा: हम्म्म....मैंने कुछ कहाँ है आपसे...नहीं...नहीं मैंने कुछ कहाँ

है उसके लिए आपको?...


रजत: ...और ___ नहीं नहीं.... पापा नहीं नहीं ....आपने बोला तो था मैंने
अपनी उस से ऊपर बढ़ कर आपके लिए मैंने करा...आपने और
कैसे बोलता है आदमी....
पापा: हां... ठीक है तो मैंने कुछ....अब ____ तो नहीं कहाँ ना मैंने कुछ
देने के लिए. .....
रजत: और पापा...मै तो.. मै तो कहूंगा न देने है......
पापा: एक मिनट...__...
रजत: जब आप मुझसे बोलोगे ये बात तो मै तो...मै तो कहूंगा न मैंने
देने है आपके.हर महीने....मैंने आपके देने है....
पापा: नहीं नहीं...वो तो आप मुझे कहते थे शु!रू से....की...
रजत: बिलकुल...तो मै तो अब भी कह रहा हूँ....मैंने तो अभ भी
है....मेरेको तो कुछ..मेरे...मेरेको सीधा तो हो लेने दो...मै
आपके पैसे दूंगा...
पापा: अरे...बेटा...वो तो चलो बेटा बहुत...
रजत: मेरे घर के कलेश ख़तम होंगे तो मै काम करूँगा न...मेरे घर के
कलेश नहीं ख़तम हो रहे…
पापा: हम्म्म...मै वो ही तो कह रहा हूँ...
रजत: मै काम क्या करूँगा.....
पापा: नहीं...वो जब इतना....दुखी कर रही है आपको... सब कुछ कर रही है...
रजत: हांजी....
पापा: ...तो एक मिनट आपका फ़र्ज़ नहीं बनता था की मुझे आप एकबारी ओ

करो...फ़ोन करो?

रजत: पापा अब क्या बोलना है आपने बोल तो दिया?....आप मै जो मर्ज़ी


करो...आपकी मर्ज़ी है…
पापा: क्या मतलब?...
रजत: आपने रखना है रखो....आपने छोड़ना है छोडो...हमारा उस से कोई
मतलब नहीं है ये आप हमें फ़ोन मत करो...
पापा: नहीं नहीं....
रजत: ...आपके वर्ड है ये....रिकॉर्डिंग भी है कहो तो भेज देता
हूँ....
पापा: कोई बात नहीं....मेरी भी मेरी भी बात सुनो तो मै भी तो आज फ़ोन
कर रहा हूँ न तो एक मिनट आप भी तो फ़ोन कर सकते थे न मेरे
को....
रजत: बिलकुल पापा आप करो....आपकी मोस्ट वेलकम आप करो...आप ____
मुझे फ़ोन करो...
पापा: नहीं नहीं...आप भी तो फ़ोन कर सकते थे...नहीं ....नहीं जब...
रजत: पापाजी....मै कह रहा हूँ आपका जीवन भर एहसान नहीं भूलूंगा अगर
ज़िंदा रहा...अगर जीवन में कुछ बना न...तो...आपका आ र्वाद
लेनेशी
मै ज़रूर आऊंगा....
पापा: हम तो चाहते है....हम तो चाहते है की आप बहुत तरक्की करो...बहुत
तरक्की करो...लेकिन अगर आप इस बात पे भी विवास रो ...तो बहुत
क श्वा
अच्छी बात है....नई करो तो मै आपको...कुछ कर नहीं सकता....___....
रजत: नहीं नहीं....पापा मैंने आपसे क्या बोला है....मैंने आपको पापा
के रूप में देखा है....पापा के रूप में माना था.....और मानता हूँ....
पापा: सुनो मेरी बात....मेरी बात सुनो....तो बात बढ़कर....
रजत: शा ....बहुत परे नहूँ
लेकिन मै इस टाइम पापा बहुत परे नहूँ शा ...अभी
मै आपको कुछ नहीं बता सकता....
पापा: सुनो...मेरे को अपनी _____...अच्छा ऐसा है...मेरी एक मिनट...मेरी
एक मिनट बात सुनो ....एक मिनट...अगर अभी आप परे नहो
शा सब कुछ
हो....आप मेरे को कल टेलीफोन कर लो....आराम से...
रजत: नहीं.....जी पापा मेरे से बिलकुल बात नहीं होगी....ना मेरी माँ से
बात होगी...अभी हमें स्टेबल होजाये....कहीं बैठे हुए है...किसी
के यहाँ पे आके.....ठीक है....मेरे को मेरे भाई...मेरा भाई है न
जो, बड़े वाला....उस..उसको मै मम्मी के..मम्मी....को उसके पास
छोड़ के आया था..मैंने कहा तू दो दिन तो रख ले...मै दो दिन में
स्टेबल करता हूँ सारा कुछ अपना....मम्मी के लिए....फ्लोर वोर
देखता हूँ...कुछ करता हूँ.....
पापा: हम्म्म...
रजत: वो दो दिन भी नहीं रख पाया मेरी मदर को....मै...मै
क्या....किसी...क्या करूँ, क्या नहीं करूँ...मुझे कुछ समझ नहीं आरहा
शा ...
पापा....मै बहुत परे नहूँ
पापा: मतलब...जगह नहीं है...नहीं....
रजत: आपने हालत नहीं बता सकता आप को...
पापा: मै आपकी बात मान रहा हूँ...सुनो....एक मिनट...मेरी बात तो सुनो...
रजत: बस....मैंने आपकी बेटी की वजह से किसी से नहीं बनाई....मैंने
आपने भाई से भी बिगाड़ ली....वो साफ़ बोलती है उसकी वाइफ
आज....कह रही है अगर मम्मी रहेगी तो मै नहीं रहूंगी घर में....तो
मै उसका भी घर नहीं ख़राब करूँगा.....छोड़ यार....मैंने कहाँ मम्मा
चल यहां से तू मेरे साथ....अब मै कहीं और आया हूँ...अब मै कहीं
न कहीं कुछ जुगाड़ करूँगा....किसी को बोला है मैंने.....कहीं फ्लोर
फ्लूर देखूंगा एक कमरे का फिर मम्मा को वहां रख के...उसके बाद
मै घर जाऊंगा....
पापा: हम्म...हम्म....सुनो मेरी बात....
रजत: शा पापा.....सचमुच बोल रहा हूँ आपसे...हाथ जोड़ रहा
मै बहुत परे नहूँ
हूँ...इस सारे...कुछ भी कह सकते हो आप....
पापा: नहीं..नहीं..मेरी बात सुनो आज.....लेकिन अगर आप रात को पत्नी के
साथ झगडोगे आपस में दोनों...सब कुछ कर लो...तो आपकी मम्मी तो
परे नहोंगी
शा ही न....नहीं एक मिनट....
रजत: पापा मै नहीं झगड़ता....पापा मै नहीं झगड़ता....बिलकुल नहीं
झगड़ता...मेरा क्या मतलब है झगडे से....
पापा: एक मिनट एक मिनट....अगर आप ये...
रजत: करता हूँ...सच पूछो तो...बस पूछो
मै अपना घर को सुधरने की को शिश
मत आप....
पापा: क्या मतलब आप....
रजत: मेरी मम्मा को इतनी गालियां निकलती है...मै क्या उसको बोलूं
यार.....किसको बोलूं....(रोने लगता है)
पापा: नहीं...क्या....नहीं नहीं....एक मिनट एक मिनट...तो...मतलब....अगर
वो...
रजत: अगर वो मेरे पापा को दल्ला मेरी मम्मी को रंडी...अरे यार....
(रोते हुए)
पापा: नहीं नहीं...मुझे आप एक चीज़ बताओ....
रजत: शा ....पापा कोई बात नहीं....
बहुत परे नहूँ
पापा: नहीं...तो जब उसने....एक मिनट एक मिनट (रजत के रोने की आवाज़)
तो उसको आपने ये क्यों नहीं कहा यहाँ से निकाल जा....आपने
ये..ये भी तो कहाँ न की तू उसको ..उसको..उसको बोला नहीं था तुमने

निकाल जा यहाँ से?....


रजत: पापा उसको मैंने बोला था गुस्से में बोला....(रोते हुए)....तो
वो चली गई.....
पापा: हम्म्म...
रजत: ...वो मुझे इतना कुछ बोल रही है....मै घर से भी निकल गया...अब और

क्या करूँ?...
पापा: ...हम्म्म्म....नहीं.....उसको...नहीं नहीं मुझे आप एक चीज़
बताओ....रजत ___...
रजत: पापा मै आपको अभी...
पापा: नहीं नहीं...मुझे एक चीज़ बताओ....इस तरीके से नहीं...सुनो.....सुनो
मेरी बात...इस तरीके से कोई हल..हल होंगे क्या...
रजत: मेरेको तो लगता हैमेरी लाइफ स्पोइल होगई है....मेरे को
न सुसाइड करना पड़ेगा...
पापा: नहीं नहीं..इससे....इस तरीके से हल होंगे क्या?....मुझे आप
बताओ....
रजत: नहीं नहीं पापा....जो बात सच्चाई है मैंने आप को बता दिया.....मै
हार चूका हूँ आपकी बिटिया से....सारी चीज़ों से...आप लोग एक ही

तरफ...मै वो ही वाली बात हैमै आप को क्या कहूं?....ठीक है आपकी


बिटिया है आप बहुत बोलोगे उसकी तरफ से बोलो...अच्छी बात
है...लेकिन पापा...मै गलत नहीं हूँ....मै आपको हाथ जोड़ के बोल
रहा हूँ....पैर पकड़ लूंगा....आपके आके...जहाँ बोलोगे वहाँ....मै
गलत नहीं हूँ....मैंने कुछ भी गलत नहीं करा...
पापा: नहीं...नहीं...नहीं..नहीं...मुझे आप एक चीज़ बताओ...
रजत: मैंने अपना ______ भी खिला दिया निकल के....आपकी बिटिया
कराइ है न...मेरा भगवान जनता है....
को....मैंने जितनी ऐय्या शी
(रोते हुए)
पापा: नहीं नहीं....नहीं नहीं...आपने मुझे एक चीज़ बताओ......
रजत: पर आपकी बिटिया कहती है मेरे साथ...मेरे को कुछ नहीं दिया
इसने.....कोई बात नहीं... (रोते हुए)
पापा: हम्म....मुझे आप एक चीज़ बताइये....
रजत: ...मेरा भगवन तो जनता है न.... (रोते हुए)....मैंने क्या दिया है
और क्या नहीं दिया है....क्या खिलाया है और क्या नहीं खिलाया....
पापा: मुझे आप रजत बताओ ज़रा....एक तो रजत आप ऐसे बताओ मेरे को
फिर आप बोलोगे आप ऐसी बात कर रहे हो..ठन्डे दिमाग से मेरी
बात सुनना...अगर आप उसको कुछ खिलते हो या करते हो तो ये

आपका फ़र्ज़ बनता है की नहीं बनता ?...


रजत: पापा मेरा फ़र्ज़ बनता है लेकिन आज अब मेरे पास नहीं है तो मै

क्या चोरी करके लाऊंगा?


पापा: नहीं नहीं....
रजत: अब मेरी औकात नहीं रही की एवेरबेकरि की पेस्ट्री खिलने की

इसको तो मै कलया करूँ? मै अस्सी की पेस्ट्री नहीं खिला सकता मै


तीस वाली खिला सकता हूँ वो खा ले भाई.....जब अच्छा टाइम देखा है

तो बुरा हौं देखेगा...मेरा पडोसी देखेगा?....मै ही तो


देखूंगा....मेरे साथ तू भी दो देखेगी भाई.....
पापा: नहीं...नहीं.....भैया मेरी एक मिनट बात सुन लो....जब आप..एक मिनट
में...अब आप..वही तो जानना चाह रहा हूँ की वो सारी सारी बात क्या
है.....अगर आप उसको...वो कहती है की...
रजत: जब गाड़ियों में घूमते थे...तब कुछ नहीं है...आज ...मेरे पास

नहीं है तो मै क्या करूँ?


पापा: नहीं...वो यह कह रही है...नहीं वो यह कह रही है की मेरे को ये
बोलते है की अभी तू चली जा..घर से....की..की..तेरेको तेरे माँ
बाप भी नहीं रखेंगे और तू दर दर की ठोकरे और तू मेरे घर से

निकल....वो कोई...ऐसे बोलती है की मै कहाँ जाऊं ?...सब...अ...


रजत: पापा...वो ही वाली बातें हैं...मै निकल गया घर से...मुझे किसने

बुला लिया?...मेरा कौन सप्पोर्टर है? कोई नहीं है मेरा...


पापा: नहीं नहीं.... नहीं..नहीं..मै..मै आपसे __...
रजत: आपका...आप तो हो न उसके सप्पोर्टर....मेरा तो कोई सप्पोर्टर ही
नहीं है...मेरे पास तो कोई सप्पोर्टर ही नहीं है...कोई भी....
पापा: नहीं नहीं....हम कहाँ है...एक मिनट....अब आप आपने आप ही तो
बोलते हो...अब आप आपने आप ही तो बोलते हो न की कोई भी वो नहीं
है...की तेरे ऊपर....
रजत: बिलकुल पापा क्या?...आप...मेरी बात ही...मै...कुछ....मै इस टाइम
पापा...बोलने के लायक ही नहीं हूँ....
पापा: नहीं मै वो ही तो आपसे...ये चीज़ कह रहा हूँ.....मै बोहोत परे ननशा
हूँ....बस...आपको इतना कह दिया है....
पापा: नहीं.....लेकिन मुझे एक चीज़ बताओ....ज़रा...एक मिनट...ठन्डे दिमाग
से सोचना ज़रा बात को....अगर आप...जो वो कह रही है की मुझे कहते
है की तू घर से निकल जा...जब से तू आई है...तब से सब कुछ मेरा
बर्बाद होगया है....और तेरे को मैंझूटे केस में फसा
दूंगा....अपना सर फोड़ लूंगा...
रजत: मैंने तो नहीं कहा....मैंने तो नहीं कहा ऐसे....मैंने तो नहीं
कहा....मैंने तो काटा अपना हाथ..मैंने तो अपना हाथ काटा...मै तो
अपनी लाइफ स्पोइल करूँगा....
पापा: ऐसा है...नहीं नहीं मुझे आप एक चीज़ बताओ....
रजत: ...और जब वो मारेगी तो मै बोलूंगा भी की उसने मारा है...जब
मैंने खुद मारा है तो मै बोलूंगा मैंने खुद मारा है....जब वो मुझे
मारेगी तब मै बोलूंगा उसने मुझे मारा है...
पापा: नहीं नहीं मुझे आपसे...नहीं....एक मिनट...अगर वो...
रजत: मै झूट क्यों बोलूंगा?....
पापा: नहीं नहीं...अगर...जब मेरी...
रजत: जब आपकी ....आपकी....बिटिया को मैंने...मैंने मारा भी नहीं
था...गलती से हाथ लग गया तो उसने 100 कॉल कर दी...और उसने कह
दिया की जी इसने मुझे मारा है....पोलिसवाले मुझे ले गए....मै
थाने में बैठा रहा...वो अगर मेरे अंदर ___ होते...मेरे
...मेरे...(कॉल/रिकॉर्डिंग में खराबी...शब्द साफ़ नहीं)...._____....मै
बंद होजाता उस दिन....
पापा: क्या मतलब? क्या....____ मतलब....
रजत: कुछ भी हो सकता था...जहाँ मर्ज़ी हो सकता था मै....थाने में
बंद भी हो सकता था मै
पापा: क्या मतलब?....नहीं नहीं आप क्या... ____....
रजत: मेरे पास अगर..मेरे पास...मेरे पास मेरे कॉन्ट्रैक्ट्स
नहीं...कॉन्टेक्ट्स नहीं होते तो मै बंद होजाता...मैंने चार लोगो
को फ़ोन करा है के उनको satisfy कराया...पुलिसवालों को....
पापा: हम्म्म्म....
रजत: _______ जो बोलना था बोल दिया....
पापा: नहीं नहीं....एक मिनट के लिए....
रजत: मै तो...मैंने कुछ...उसने झूट बोला है सच बोला तो भगवान
जानता है....
पापा: एक मिनट के लिए...एक मिनट....मै आपकी बात...एक मिनट ज़रा बात
करो...आप अपनी बात कह रहे हो तो लगता है
को समझने की को शिश
की आप ठीक हो...उसकी बात सुनते है तो वो लगता है की...अ ....वो
ठीक है....अगर वो कहती है की...मुझे ये कहती है...तू घर से निकल
जा, मै तुझे फसा दूंगा, तेरे माँ बाप को, तेरे नाना नानी सबको
मार दूंगा जा घर से..और...फिर देख तू क्या होता है....तेरा ये है वो
है...
रजत: पापा मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा...मैंने ऐसा कुछ नहीं
कहा....मै..आपने आप को मारूंगा...आपने आप को...
पापा: अभी आपने....नहीं रजत...अभी आपने...सुनो मेरी बात....सुनो रजत...
रजत: ठीक है...मै किसी को नहीं मारूंगा. मै आपने आप को
मारूंगा....बात ख़तम....
पापा: रजत आप मेरी बात...
रजत: और जब मै मारूंगा...मै मरूंगा....तो मै कईयों के नाम लिख के
जाऊंगा...वो आपने आप मार जायेंगे आटोमेटिक...
पापा: रजत ऐसा है...मेरी बात सुनो....
रजत: सीधी बात...माइन्साफ़ बोल दिया है...जिन जिन लोगों से मै परे ननशा
हूँ...लिख के जाऊंगा....मरने से पहले कइयों को फांसी पे चढ़ा
के जाऊंगा....
पापा: ऐसा है रजत...वो तो बात....
रजत: रना है तुम लोग कर लो....कोई प्रॉब्लम
जितना मुझे परे नकशा
नहीं है मुझे...
पापा: नहीं कौन आपको कर रहा है....
रजत: रना है कर लो....अब जो भी हो
जितना मेरी माँ को परे नकशा
वो...
पापा: नहीं नहीं...एक मिनट...
रजत: अब पापा जो भी हो वो आप...कौन क्यों पूछते हो मुझसे?....
पापा: नहीं नहीं..एक मिनट.....अब आप ये बताओ....
रजत: जो मेरे दिल में बातें है मै सारी लिख के जाऊंगा...
पापा: एक मिनट...अब आप चाहते क्या हो?...ये बताओ?
रजत: मै ये चाहता हूँ की हमारे को छोड़ दो....हमारे हाल पे...
पापा: अच्छा....हम्म....
रजत: आप मनन की फीस भरदो तो वेल एंड गुड है नहीं तो मै सरकारी
स्कूल में डाल दूंगा...मेरी अभी ये औकात नहीं है....ठीक है जी...
पापा: हम्म...हमने कभी मना किया है?....नहीं..नहीं...एक मिनट एक मिनट...
रजत: और मुझे कुछ चाहिए नहीं....
पापा: हमने कभी मना किया है फीस भरने के लिए?...
रजत: और...और मुझे कुछ चाहिए नहीं....मै भी तो बोलता....मै भी तो
पापाजी सिर्फ बोल ही रहा हूँ…
पापा: नहीं हमने कभी मना कियाहै और आपको कभी ज़िकर किया है फीस

के लिए?....
रजत: पापा मै भी तो...आपकी बेटी तो करती है ज़िकर.....मेरी बा...मेरे
माँ बाप स्कूल की फीस भरते हैं...और तेरी मम्मी...तेरी माँ
किराया भर्ती है...और ये और वो..फलाना ढिमकाना...पता नहीं क्या
क्या बोलती है...मैंने जीवन में कुछ कमाया ही नहीं है.....सब
कुछ...मेरे माँ बाप कर रहे है और ये..ये आप लोग कर रहे
हो...मैंने कुछ नहीं करा.....
पापा: ऐसा है बेटा...मेरी बात सुनो...
रजत: ...मेरे को तो ऐसा लगता है.....
पापा: एक मिनट...मेरी कोई बात सुन लो बेटा....ठन्डे उस से..दिमाग
से....इसका देखो...
रजत: पापा मै ये कह रहा चाहता हूँ...कुल मिलके बात एक है....के आप की
वाइफ को बोल दो...उसको फ़ोन न करे न उसका फ़ोन अटेंड
करे....बड़ी मेहेरबानी होगी....मै अपना घर ठीक कर लूंगा...
पापा: मै अपनी वाइफ को बोल दू...नहीं नहीं...मै अपनी अपनी वाइफ को बोल
दूँ...नहीं मै अपनी वाइफ को बोल दूँ की ना तो वो उसको फ़ोन करे....
रजत: न फ़ोन करे...ना उस से कोई बात करे....
पापा: अच्छा....
रजत: अगर उसके साथ मै गलत करूँगा तो आपका गुनेहगार हूँ मै...मै
उसके साथ कोई गलत बात नहीं करूँगा...न मुझे गलत बात करनी...ठीक
है...मै आपने आप नार्मल कर दूंगा...नार्मल होजाएंगे...वो भी
होजायेगी...मै भी होजाऊंगा....
पापा: हम्म्म्म....
रजत: मैंने कुछ गलत करा...न उसने कुछ गलत करा...जो भी गलती है...हम
आपस में सॉर्ट आउट करेंगे...कोई और नहीं कर सकता....
पापा: हम्म्म...लेकि...लेकिन ...___....
रजत: वो कल हमारी सॉर्ट आउट भी होगई...उसने मुझसे बात भी करी....सारी
बातें हुई...नार्मल होगई है वो......अभी उसने आपको फ़ोन करा है
या क्या करा है मुझे नहीं पता....
पापा: रा ही...सुनो....मेरेको तो अभी मालूम पड़ा है..रात ही फ़ोन आया था
वो....अ..बेटे के पास...उसके फ़ोन में कुछ ___ तो नहीं है....और
फिर उसने...उसको ...अ...सुबह ये फ़ोन आया की ऐसे..अ ....फिर
उसने..अ...अ...की रात को बताया की मेरेको मै अकेली हूँ, बहुत दर
लग रहा है...चले गए सब मुझे छोड़ छाड़ के...और....उसके बाद फिर
सुबह आया की उसने अपना हाथ काट लिया है और आपने ______.....
रजत: एक घंटे में ही आगया था वापसी छोड़ के...
पापा: कि वो...की मै....तेरे को फसा दूंगा....और सबको मार दूंगा जान
से....ये है वो है....
रजत: पापा मै क्यों फसाऊँगा उसे अगर वो मेरे को मारेगी तो
फसाऊँगा न उसे ....
पापा: नहीं नहीं रजत...ऐसा है रजत.....
रजत: जब वो मारेगी तो फसेंगी ....
पापा: रजत ऐसा है.....वो मेरेको एक चीज़ बताओ...आप खुद आपने आप ज़रा

सोचो ये ऐसे कुछ वो निकलेगा हल...इसका....हल निकलेगा?...ऐसे तो


नहीं...देखो आप खुद सोचो कि आपका बच्चा hai... बेटा है
आपका...दोनों का...कितना उसके ऊपर गलत वो पड़ेगा...फरक
पड़ेगा....थोड़ा सोचो...
रझत: पापाजी मै...कोई कलेश नहीं चाहता...सच बताऊँ मै...अच्छी
ज़िन्दगी....
पापा: एक मिनट एक मिनट....सुनो मेरी बात...जब तक आप दोनों में नहीं
समाज होंगे....तब तक उस बेटे के लिए कौन वो

करेगा...समझेगा?....है तो आप ही का बेटा न....


रजत: बिलकुल पापाजी....मै क्या कर सकता हूँ....
पापा: जब तक आप नहीं सोचोगे....नहीं...मेरी बात एक मिनट...जब तक आप
दोनों नहीं सोचोगे…
रजत: आप लोगो ने बोला....आप लोगो ने बोला की बेटा रात को तुम घर लेट
आते हो...मैंने घर आना चालू कर दिया आठ बजे....ठीक है....आठ
बजे मै साढ़े आठ बजे नौ बजे मै घर आजाता
हूँ....आपने...अब...ठीक है...
पापा: रजत....
रजत: ये सुबह छे बजे तक सोती नहीं है....________...ये सुबह चार बजे
उठती है ये किसी को नहीं दिखा...
पापा: रजत...आप मेरी बात सुनो....ठन्डे दिमाग से...
रजत: मेरी हर चीज़ दिखती है...
पापा: रजत...रजत...ऐसा है.....मेरी गल..मेरी गल..बात सुनो...ऐसा हम ब्लामे लगाएंगे
एक दुसरे के ऊपर तो हल नहीं होगा....मेरी बात सुनो....अगर तो
देखो...हम इसका ठन्डे दिमाग से सोचो तो हल निकल सकते है ...उस
लड़के के लिए सोचो....आप दोनों....आप लोग दोनों...उस लड़के के
लिए ही अब सोच लो तो आपको अगर कुछ होसकता है भगवान करे..की
आप दोनों को...
रजत: पापा एक बारी उसको भी सम...पापा उसको भी समझाओ न एक
बारी...मम्मा के थ्रू समझवाओ....
पापा: क्या?...
रजत: मेरे साथ तो वो कल नार्मल हुई है...हम तो नार्मल बात करके
सोये है....
पापा: नहीं नहीं...तो....
रजत: मेरी तो कोई...मेरे दिल में तो कोई बात नहीं थी न उसके दिल में
कोई बात थी ऐसी ...अब फ़ोन मेरे पास आया आपका...मै तो हैरान
होगया हूँ ...
पापा: नहीं..क्यों आया..क्यों आया?...एक मिनट...रत को फ़ोन आया की ऐसे
ऐसे मुझे अके ला छोड़ के चले गए....मुझे बहुत दार लग रहा है....सुबह आया की
उसने अपना हाथ काट लिया और वो ये ऐसे ऐसे बात बोल रहा

है...अगर आप उसकी जगह होते तो आप नहीं घबराओगे ऐसे?....की


भाई आप...
रजत: _______ हार्म किया.....किसी को थोड़ी न करा है....
पापा: नहीं नहीं....की मै आपको...तेरे को फसा दूंगा.....अ....तेरे को झूठे
_____....
रजत: मैंने तो कुछ भी नहीं कहा ऐसे...कुछ भी नहीं कहा....मै तो जो मेरे
साथ करेगा मै तो उसको...उसका नाम लिख के जाऊंगा....
पापा: नहीं नहीं..आपने...अभी आपने कहा न की आप ____... सर ... __ फोड़
लूंगा...
रजत: मैंने तो फसाया तो है ही नहीं.....मै मरूंगा...मै सर
फोड़ूंगा...हेलो..._______फेंक के मारेगा मेरा सर फूट सकता है...
पापा: मगर देखो ऐसा है...इस तरीके से न....
रजत: पापा कोई भी फेंक के मार दे तो...फूट सकता है सर तो.....
पापा: रजत...रजत ऐसा है....अभी आप मुझे खुद बोल रहे गुस्से में आके
की मै झूठा..झूठा ____
रजत: हाँ तो पापा मैंने बोला है....मै बोल..मै बोल तो रहा हूँ.....मै जब
खुद आपने आप को हार्म करूँ गा तो मै बोलूंगा हाँ मैंने किया है...जब कोई सामने वाला
मुझे हिट करेगा तो मै ये ही तो बोलूंगा सामने वाले ने करा है
मेरे साथ....
पापा: सुनो मेरी बात सुनो....सुनो...नहीं....आप ये..आप ये समझते हो की

ये ऐसे हल हो जायेगा?...
रजत: पापा मै ये...
पापा: ...जब आप के दोनों के बीच में इतना सब कुछ होगया है.....और
इतना आप लोग उस बिचारे लड़के का नहीं सोच रहे हो..मुझे दुःख
होता है, की आप काम से काम उस छोटी.. अ ... जान के लिए तो कुछ
सोचो....वोई आप दोनों का है..और किसी का बेटा नहीं है....
रजत: मेरी माँ भी तो है न...माँ भी तो है न...
पापा: माँ..माँ सबसे पहले...
रजत: भूल जाऊ अपनी माँ को ?....
पापा: माँ सबसे पहले है...
रजत: बस फिर...
पापा: आपकी माँ सबसे पहले है...
रजत: मै तो अपनी...मै तो अपनी माँ का देखूंगा फिर पहले...बाकी
सब बादमे है.... अह्ह्
पापा: सुनो सुनो....वो आपको देखना चाहिए....सुनो सुनो..सबसे पहले अपनी
माँ का ही देखना चाहिए....मै बिलकुल आपकी बात से सेहमत हूँ...
रजत: मै अपनी माँ को देखूंगा उसके बाद किसी और का देखूंगा
मेरे संस्कार ऐसे नहीं है....
पापा: अभी आप मुझे...आपने आप ये चीज़ बोल रहे हो...आपके भाई ने भी
आपकी मम्मी को रखना चाहिए...वो मना कर दिया.....
रजत: बिलकुल...बिलकुल....भाई की वाइफ ने करा....
पापा: तो....अगर इसका मतलब आप उसके लिए इतना सोच रहे हो तो....तो
कितनी अच्छी बात है...
रजत: भाई की वाइफ ने किया...मेरे भाई के वाइफ ने बोला है...वो क्या

करे?....वो भी कुछ नहीं कर सकता....


पापा: नहीं नहीं मुझे आप...
रजत: मै क्या करू?...मै तो कुछ नहीं कर सकता.....ये ही है....बैठ के रो
सकते है....अपनी किस्मत पे....और वो रो ही रहे है....
पापा: मुझे आप एक चीज़ बताओके आप मतलब इसका हल तो आप दोनों को
ही निकालना पड़ेगा...
रजत: हाँ तो मै निकाल चुकान हूँ न....मै अपनी माँ को नहीं छोड़
सकता...
पापा: किसने कहा है छोड़ने के लिए....किसने कहा है आपको....
रजत: आपकी बेटी कहती है.....
पापा: क्या ____ कहती है?
रजत: इसको निकाल दो यहाँ से....ये यहाँ रहती है....एक ये किराये के
लिए बोलती है ये बोलती है...बहुत कुछ बोलती है...क्या बोलूं
पापा...छोडो इन सब बातों को...कुछ नहीं रखा.....
पापा: नहीं....नहीं नहीं आप...
रजत: मै जो जो बोलूंगा आप को लगेगा की झूट....की मैंने तो ऐसा बोला ही
नहीं....अब तो बताओ जी मै क्या करूँ....
पापा: नहीं नहीं....ऐसे...ऐसे क्या होता है...मेरी बात सुनो....ये जो माँ और सास
की बात होती है...ये जो बहु और सास की बात होती है ये हर घर घर
की कहानी है...और ये नेचुरल फैक्ट है....इसके लिए...अगर आप
ये सोचोगे की इन दोनों की लड़ाई के लिए अपनी ज़िन्दगी व...ख़राब
करो....तो वो चीज़ कोई समझदारी नहीं है....
रजत: जी...जी....नहीं पापा मै...मै अपनी माँ को...मै अपनी माँ की चॉइस
को रखूँगा पहले...._______ पे मेरी माँ है पहले....जिसने मुझे
पाला पोसा है....इतना बड़ा करा है....उस से पहले मेरे लिए कोई
शा ..मेरे लिए परे नहै
भी नहीं है....आज वो इतनी परे नहै शा वो अभी
भी....आपने लिए नहीं सोच रही....वो मेरे लिए सोच रही है....की ये
एअसे बोल रहा है....इसके न घर का क्या होगा...उसके मुँह पे जुबां
ये ही है मेरे को अभी भी...की तू अपना घर क्यों ख़राब कर रहा है
मुझे छोड़ दे....मैंने कहा न...मै नहीं छोडूंगा तेरे को....
पापा: सुनो...किसने मना किया है....किसने मना किया है...उस..उसके
चीज़...ये आप एक चीज़ बताओ....
रजत: मरते डैम तक नहीं छोडूंगा....जब तक ज़िंदा हूँ तेरे साथ
हूँ....
पापा: मुझे आप एक चीज़ बताओ ज़रा...की... ऐसा कहीं...मतलब...माँ तो सबसे
पहले है इसमें कोई गलत बात नहीं है...बिलकुल आपकी बात ठीक
है लेकिन ये जो..आप ___लड़ना...की तू चली जा यहाँ से....तू
हमारा...तूने हमारे को...हमारा घर बर्बाद कर दिया है...सब कुछ कर
दिया....और तू जब से आई है...हमारे को नुक्सान..
रजत: आपकी बेटी जो मुझे कहती है...मेरे बाप के साढ़े चार लाख
रुपये कहाँ है....कुत्ते...हरामज़ादे....नीच....
पापा: एक मिनट एक मिनट....
रजत: ....दल्ले.....दल्ले के लड़के....रंडी के बच्चे....क्या कहूं....इन

वर्ड-ओ का मै क्या करूँ...इन्हे कहाँ ले जाऊं?.....


पापा: ये आप.....नहीं नहीं...मुझे आप एक चीज़ बताओ ज़रा.....
रजत: हाँ ये सब वर्ड आप की बिटिया के मुँह के है....
पापा: क्या क्या क्या है वैसे ___....
रजत: ये गालियां सारी...
पापा: क्या?....
रजत: तूने मेरे माँ बाप के चार लाख रुपये खा गया. तू लालची है, तेरी
माँ लालची है ...तू दल्ला है, तू फलाना तू ढिमकाना....
पापा: हम्म्म....
रजत: बताओ...क्या जवाब है?....
पापा: हम्म्म....
रजत: बताइये आप?....पर मै हमे शा
उसे कहता हूँ मैंने पैसे
देने है बेटा तेरे पापा के मै दूंगा
पापा: नई नहीं....एक चीज़ मुझे बताओ....जब वो ये कहती है की जब आप...
रजत: तब मै देदूं? तब पीछा छूटेगा मेरा?...इस बात से?
पापा: नहीं नहीं...हमने कहा है आपको कुछ पैसो के लिए कभी किया

है?....फ़ोन आपको?
रजत: नहीं...आपने तो कभी नहीं कहा मुझे....
पापा: एक मिनट....
रजत: ...दिए...आपकी बिटिया क्यों बोलती है?....फिर कहती है मेरी वजह
से दिया न तुमको पैसे....नहीं तो तुम्हारे पास...तुम्हारा उनसे क्या
मतलब....मैंने कहा बात तो तेरी ठीक है...तो मैंने कहा...मैंने
कहा भाई...काम ही तो करा है मैंने...कोई जुआ थोड़ी न खेला है....
पापा: नहीं नहीं बिलकुल ____ ये बात सुनो...एक मिनट...एक मिनट
आप....अभी अभी मेरीव बात सुनो...जब...वो इतना तंग करती है और वो
ये कहती है की...और आप भी कहते हो यहाँ से निकल जा ...हेलो....
रजत: जब वो कहती है...तो मैंने भी गुस्से में एक बारी कह
दिया....हाँ कहा है मैंने.....
पापा: तो फिर आप उसको जाने क्यों नहीं दे रहे?....___
रजत: मैंने नहीं जने दिया...
पापा: हैं?....
रजत: मैंने जाने नहीं दिया उसे...
पापा: आपने कहा न अगर तू..._____...तेरे को फसा लूंगा.....
रजत: ना...मैंने कुछ नहीं कहा है....मै तो कल हार के मैंने सबकुछ
करा...ये मेरी माँ को भी उसने नहीं रखा...मेरे भाई ने..किसी ने
कुछ नहीं करा...तो हरा हुआदमी क्या करेगा....तो मैंने आपकी
बिटिया तो थोड़ी न कुछ कहा है...मैंने आपने आप को हार्म करा
है....मैंने आपकी बिटिया को ये थोड़ी न कहाँ है...आप तो बातें
पकड़ रहे हो पापा....
पापा: हम्म्म...नहीं नहीं...नहीं नहीं....मै आप से जानना चाह रहा
हूँ...____....
रजत: मै अपना घर सीधा करना चाह रहा हूँ...अपना घर सीधा करना चाह रहा
हूँ....आप मेरी बातों को पकड़ रहे हो....
पापा: आप तो..रजत..मेरी बातों को...
रजत: मै किसी तरह अपनी बातों को सुलझाना चाह रहा हूँ...आप गुत्थी
उलझना चाह रहे हो…
पापा: मै उलझा नहीं रहा हूँ रजत...
रजत: वो मान भी गई...सारी बातें भी होगई...नार्मल भी होगया सब कुछ...अब
पता नहीं क्या हो रहा है....समझ ही नहीं आरहा....
पापा: अब...एक मिनट एक मिनट....इसका मतलब ये हुआ...___ की हमने फ़ोन

करके आपको कुछ गलती की है...हम आपसे माफ़ी मांगे?


रजत: नहीं नहीं....पापा आपने गलती नहीं करी...मै कह रहा हूँ मेरा सब
कुछ नार्मल होगया है...हम रात को नार्मल है के खेल के रोटी खा
के सोये हैं....अब प्रॉब्लम क्या हुई है.....अभी भी मै घर से रोटी

खा के आया हूँ उसके साथ....तो....अब प्रॉब्लम क्या हुई है?....


पापा: नहीं नहीं....मै आपसे.....एक मिनट... मैंने तो....जो मेरे को बात
मालूम पड़ी...
रजत: मिया बीवी हैं...मिया बीवी में झगडे चलते हैं...सौ....सौ तो ____
से झगडे चलते है…
पापा: हम्म्म....अच्छा...
रजत: नहीं होते क्या मिया बीवी में झगडे?....
पापा: नहीं नहीं...तो इसका मतलब ये होगया की मैंने आपसे बात करके
गलती की....
पापा: नहीं नहीं आपने गलती नहीं करी पापा मै अच्छे से...
पापा: मै आपसे माफ़ी मांग लेता हूँ....तो मै आपसे माफ़ी मांग लेता
हूँ.....
रजत: ...वो ही वाली बात कर दी..._____...माफ़ी क्यों मांग रहे हो मुझसे...
पापा: तो फिर आप ये क्यों कह रहे हो की आपने क्यों फ़ोन किया है?
रजत: नहीं नहीं...मै ये कह रहा हूँ के पापा....आप इतना...मै कह रहा
हूँ...नार्मल मेरा कहने का मतलब ये है....के मै इस टाइम परे ननशा

हूँ...मै अपनी मदर को देख लूँ?....


पापा: नहीं..तो अब आप को ये कहना है की......
रजत: मुझे उसको हौंसला देना है....
पापा: नहीं...आप नीलकुल दो...
रजत: अभी आपकी बात कराइ है न...पूरी काँप रही थी मेरी मुम्मा...
पापा: मै आपकी बात....
रजत: vibrate कर रही थी.....अटैक पड़ जायेगा उसे...paralyse का.....किसी
लायक नहीं रहेगी ये...
पापा: नहीं..लेकिन हमें....नहीं..नहीं...
रजत: फिर भी तो करोगे सब लोग सेवा...करनी तो पड़ेगी...रोते
धोते.....
पापा: नहीं नहीं...एक मिनट....मै आपसे यही.....की जब वो...एक मिनट के
लिए...की हमें ये मालूम पड़ता है की आप उसको कहते हो की भाई...तू
यहाँ से च्गलि जा...तेरे कारण हमारा घर खराब होगया.....तो माँ को
तंग करती है....
रजत: मैंने तो पापा कुछ कहा ही नहीं ऐसा.....मै तो उसे बस ये कहता हूँ
तू मम्मा को गाली मत बका कर....तू मुझे गालियां बक ले...अब वो
दुसरे कमरे में लेटी है मम्मा मेरी...वो मुझे भी गालियां
निकालती है तो भी मेरी माँ को दुःख होता है....की मेरे बेटे को
गाली निकाल रही है....मै किस को समझौ...किस को..किस से

लढुं....किस से ना लढुं?
पापा: मुझे आप एक चीज़ बताओ....
रजत: मै....तो दो...मै तो दो गलियों...दो कतियों
में श्ति पैर रखा हूँ...इधर
भी इधर भी.....मैंने डूबना है मुझे पता है....मुझे इतना पता है
मुझे तो डूबना है....
पापा: रजत...रजत ऐसा होता है आप सुनो बेटा....अगर आप को ऐसा लागता है
मैंने आप को फ़ोन करके कोई गलती की है तो भैय्या हम आपसे
माफ़ी मांगते है...मै आज के बाद फ़ोन नहीं करूँगा....
रजत: पापा फिर आप की एक ही बात....पांच बारी बोल चुके हो आप इतनी सी
सेर में....मै कैसे...क्यों मांगोगे माफ़ी आप क्यों
मांगोगे....माफ़ी मै मांगूंगा....
पापा: अगर...अगर....तो फिर अगर कोई...तो फिर अगर...देखो अगर कोई बड़ा
आपको कुछ समझा रहा है....नहीं नहीं.....तो आप मुझे ये कह रहे
हो...मै तो आप से बात ही सफाई छह रहा हूँ....की अगर...मतलब ये
जो...ये भी तो है न की अगर कुछ तुम्हारी मम्मी को होता है, तो फिर
भी तो उसका वो ही हो गए न....मतलब उसी का होगा न...गलती सारी...तुम
कहोगे की तुम्हारे कारण होगया है....
रजत: जी....तो आप इस टाइम क्या चाहते हो पापा....ये सब क्या हो रहा

है...क्यों हो रहा है ये?....मेरी मदर ...अब कहाँ जाये इस बुढ़ापे

में....बच्चे किस नलिये बड़े करते है?....बच्चे किस लिए बड़े

करते है?...
पापा: बिलकुल नहीं कहीं जान चाहिए.....बिलकुल....बिलकियल ठीक बात है....
रजत: आज मैंने अगर मनन को पैदा करा है तो किस लिए पैदा करा
है...बुढ़ापे में सहारा बनेगा...मेरी वाइफ का सहारा बनेगा.....ठीक
है न....
पापा: बिलकुल ठीक बात है....
रजत: मै उसको कैसे छोड़ दूँ?....मै नहीं छोड़ सकता...ये सब छोड़ने के
लिए तैयार है...मै नहीं छोड़ सकता....
पापा: मै...अ....मैंने ये क...आप हल्का सा मुझे गलत सोच रहे हो आप....
रजत: पापा आप को नहीं कह रहा मै.....इनको कह रहा हूँ...जो मेरे
आपने है....
पापा: कौन आपको ये बोलता है छोडो...
रजत: मेरा भाई भी...मेरी मेरी भाभी ने बोल दिया....के मै तुम्हारी मम्मी
यहाँ रहेंगी तो मै यहाँ नहीं रहूंगी....तो इसका मतलब वो क्या
चाहती है?.... क्या मीनिंग हुआ.....उधर से वो कहती है....
पापा: नहीं...वो नहीं
रजत: क्या मीनिंग हुआ?....जो भी कहती है.....इसका मतलब क्या

है?....
पापा: वो ये कहती है....मुझे यहाँ तक भी मालूम पड़ा है की बात हुई है
सारी उसकी माँ की....की भाई ये ऐसे ऐसे...मै ये आप से जानना
चाह रहा हूँ...की बात कहाँ तक ठीक है...की वो..अ....लड़कियों से बात
करता है...और मतलब फ़ोन पे on करके...
रजत: मैंने आपको उस डिंभी बोला था...मेरी बात नोट नहीं करी....आज कर
श्ते तो...आपकी जूती मेरा सर
लेना सर...आपका जमाई हूँ मै...रितेमें
गलत ______ ही.....नीचे बैठ जाऊंगा ज़मीन पे...मारते रहना जब
तक आपका दिल न भरे.....
पापा: हम्म्म...मुझे आप एक चीज़ बताओ...उसपे...भी जब आप.....
रजत: बस इस से बड़ी surety नहीं दे सकता मै....
पापा: ऐसी भी कु छ बात हुई थी की उस दिन जब आपने परेशान होकर ये कहा की तू घर से
निकल जा...और वो कह रही थी ठीक है मेरी फ्रेंड से बात चल रही
है मै अपनी फ्रेंड के यहाँ जा रही हूँ.....तो आपने उसके लिये
भी उसको मना कर दिया....की तू नहीं जाएगी....ऐसा कु छ...भी कहा था....
रजत: मैंने तो नहीं बोला.....उसने बोला मै अपनी फ्रेंड के यहाँ चली
जाउंगी सुबेरेह छे बजे उठ के...मैंने कहा चली जा...
पापा: नहीं आपने...नहीं तो आपने ये...ये....कहा की
रजत: ___ तो आपकी वाइफ...मम्मा दे रही है न मेरी....
पापा: क्या....क्या मतलब?

रजत: आपकी वाइफ...मेरी मम्मा ही तो दे रही है ये क्या है?

पापा: उसको?...
रजत: उसने आये..आये दिन तक तो नहीं बोला मुझे....छे साढ़े छे
सालों में...अब क्यों बोल रही है ये....
पापा: तो आपको ये लगता है की मतलब उसकी बात हो रही है....
रजत: देखो...मेरे को लगता है...हाँ बिलकुल लगता है....कहाँ

जायेगा दिमाग और?....


पापा: तो मै.. तो मै..तो मै...ये ही तो आप से...चाह रहा हूँ....जानना....
रजत: और कहाँ जायेगा दिमाग मेरा? आप बताओ न....
पापा: नहीं नहीं....मुझे आप एक चीज़ बताओ....
रजत: आये दिन तक...अभी तक तो किसी फ्रेंड ने उसके बुलाया नहीं
उसको...आज तक किसी ने इतना किसी...बर्थडे पे नहीं बुलाया....
पापा: अच्छा....
रजत: क्या...और इस से बड़ी....
पापा: नहीं नहीं..तो आपको...तो आपको लगता है के हम लोग इसको
रखेंगे घर पे....
रजत: नहीं आप नहीं रखोगे....
पापा: तो...फिर...तो फिर आपने ये चीज़ कैसे मान ली?...नहीं नहीं....तो

फिर...आपने ये चीज़ तो..कैसे मान ली?...

रजत: क्या रखोगे?....वो....क्या?...मैंने तो नहीं मानी....


पापा: ...जब आप को मेरा नेचर मालूम है....नहीं जब आपको मेरा नेचर
मालूम है....
रजत: मैंने तो ये बात नहीं मानी...आप अलग भी तो दिला सकते हो
मकान उसको.....
पापा: हैं?...मतलब....
रजत: आप मकान उसको रेंट पे लेके भी तो दे सकते हो....
पापा: मै?...मै उसको दूंगा लेके?....
रजत: मम्मा...मम्मा आपकी...ओह सोपररी..आपकी वाइफ....
पापा: अ...मेरे ऊपर से...न मेरे ऊपर...होके ...उसको...करेगी

उसकी.....इतनी...इतनी है हिम्मत.....करने की?....


रजत: पता नहीं जी.....ये तो आपको पता होगा या उनको पता होगा....
पापा: नहीं नहीं...एक मिनट....नहीं नहीं...एक मिनट...नहीं नहीं...आपको ये

चीज़ लगती है क्या? कि इतनी...है उसकी हिम्मत?.....हमारे...हमारे


घरों में ऐसा नहीं होता है .....हमारे घर में ऐसा नहीं होता है
बिलकुल......
रजत: नहीं जी नहीं...मेरे को नहीं लगती.....बिलकुलो बिलकुल....
पापा: मेरे को सिर्फ इस लड़की ने लेट डाउन करवाया है और...जब की
...ये....लड़की बड़ी हो चुकी थी इसलिए हम.... कुछ
समझाया....बहुत...लेकिन इसने हमारी नहीं बात मानी.... तो फिर हम
चुप होगये....क्योंकि ये लड़की इक्कीस साल से बड़ी थी...आप मेरी

बात समझ रहे हैं कहने का?


रजत: बिलकुल...जी......ठीक है....समझ रहा हूँ...समझ रहा हूँ....
पापा: लॉ ये कहता है...लॉ ये कहता है जी की इक्कीस साल के बाद
आप...का कोई हक़ नहीं बनता....आप मेरी बात समझ रहे हो कहने का

?.... वो तो..आप तो....नहीं आप को लगता है की...अ


....मतलब...इसकी....बन्दे की इतनी हिम्मत इसकी है की मुझसे ऊपर

एक भी काम कर ले ?...हैं?
रजत: नहीं...कर नहीं सकती but अब पता नहीं ये अब अंदर कहा ____ अब
आपको भी न पता हो क्या पता...
पापा: ऐसे..मै...एक चीज़ बताओ...मैंने पैंतीस साल की वो की है... अ...
ठेकेदारी... और... मै.. और मै छत्तीसौ दुनिया को __________.....
करोडो इधर उधर के मैंने किये है काम...सारा....
रजत: ...हमे शा
जी...बिलकुल बिलकुल....हमे शा ....तैराकी ही डूबता है
पापाजी....
पापा: सुनो...सुनो....सारा का सारा लॉ डिपार्टमेंट...सारा सारा पुलिस
मेहकमा...सब के साथ मेरा वो है...पूरा...उठना बैठना...
रजत: बिलकुल...बिलकुल...जी..बिलकुल....बिलकुल अच्छी बात है....होना
भी चाहिए....
पापा: ....तो मै आपको लगता है यहाँ पे आके मै अपनी ये...वाइफ से वो
खा जाऊं गा.... मार... की ....इतनी होगई ...मेरी वो होगई...
रजत: नहीं नहीं....मार....ऐसा नहीं होता न...मै कह तो रहा हूँ.... डू बता वही है...जो
तैराकी होता है...
पापा: _____नहीं आपने किसी.....
रजत: डू बता वही है...जो तैराकी होता है...क्योंकि जो तैरना नहीं जानता वो
पानी के अंदर जायेगा ही नहीं....
पापा: नहीं नहीं..तो आप मुझे एक चीज़ बताओ....
रजत: मैंने बता तो दिया इतना बढ़िया.... उदहारण देदिया इस बात
का.....
पापा: अरे मै...सुनो रजत...
रजत: के जीवन मै ज़्यादा ट्रस्ट ही तो दिक्कत देता है न आदमी
को....
पापा: रजत ऐसा है...ये मेरी बात सुनो....हमारे घर से...सुनो मेरी बात
सुनो....तो मै...चलो anyhow आप के आगे मै कुछ बोलूंगा तो आप
कहोगे नहीं नहीं आप को विवास हीं होगा...
न श्वा
रजत: जी....नहीं नहीं...मै क्या बोलूंगा...आपको पूरा हक़ है...आप बड़े
हो..आप बोल सकते हो..और मेरा सुनना फ़र्ज़ है
पापा: लेकिन...लेकिन ये...
रजत: और आप मुझसे जवाब मांग सकते हो...और वो मुझे देना
पड़ेगा...नहीं दूंगा तो आप कहोगे की जवाब नहीं दे रहा मुझे....
पापा: नहीं नहीं...ऐसा...ऐसा होता है....अगर मै ये समझ रहा हूँ....की रजत को
समझ लेंगे तो....मुझसे बुरा...मुझसे बेवक़ूफ़ आदमी कोई नहीं
होगा....यही चीज़ अगर रजत समझ लेंगे तो रजत से बेवक़ूफ़
आदमी कोई नहीं है....
(आवाज़ क्लियर नहीं)
पापा: कोई सारी बात बोल देता है ...कोई वो रहता है ...चुप रहता है ....ना तो
आप बेवक़ूफ़ हो...और न मै....
रजत: हाँ ठीक है....बिलकुल....बिलकुल....
पापा: (आवाज़ क्लियर नहीं)
रजत: सब का अपना अपना नेचर है जी...कोई दबाता है...कोई बोल
देता है....
पापा: ठीक है न....तो मेरी बात ज़रा समझने की को शिशकरो...इसीलिए मै
आपके पास फ़ोन किया है...की इसको....अगर कुछ फैसला लेगा इस
मामले में...कोई भी...कोई भी आपका होगा...तो सब से पहले आप
दोनों..... अगर आप दोनों ही अपना बुरा भी ..वो करोगे..सोचोगे अपना
______...
रजत: हांजी...जी...जी...हांजी....बिलकुल....
पापा: तो ये...ये आप दोनों को फैसला करना है की क्या ठीक है क्या
गलत.....
रजत: पापा आप मेरी बात नहीं समझे....मै सिर्फ उस से कुछ नहीं
चाहता...
पापा: हममम....
रजत: मैंने उस से कुछ माँगा नहीं है...न उस से कुछ चाहा था....आज मै
छब्बीस तारिख से रोटी नहीं खा रहा हूँ घर पे....
पापा: हम्म्म...
रजत: आज कल...मैंने आज रोटी दोपहर में खाई है मैंने...और कल
ब्रेड खाया है मैंने उसके साथ बैठ के..... रात को...
पापा: हम्म्म....हम्म हम्म्म....
रजत: उस लडकी ने....मैंने जब मेरे हाथ पे मेरे लगी थी ...तो उस

लड़की ने मुझे आ के हुग कर लिया...उसी टाइम...ठीक है?...उसका

मतलब क्या होता?...की वो...मुझसे प्यार करती है....इसके अंदर


फीलिंग्स है आज...अब वो किस वजह से मुझसे ऐसा....मेरे साथ ऐसा
बीहेव कर रही थी...मुझे नहीं समझ आरहा...ठीक है...
पापा: हम्म...हम्म्म......हम्म्म...
रजत: मैंने उस से फ़ोन माँगा उसने मुझे फ़ोन दिया...मेरे से फ़ोन
वापसी लेके उसने कुछ डिलीट करा...फिर मेरेको दिया
फ़ोन....समझिये आप मेरी बात को....
पापा: हम्म्म...हम्म्म....
रजत: कभी मम्मा की चैट उसपे होती नहीं है...जब आप गलत बात करते ही

नहीं तो फिर चैट डिलीट क्यों होती है? सिर्फ इतना बता दीजिये...
पापा: हम्म्म....हम्म हम्म्म हम्म्म्म.....
रजत: मम्मा की कॉल्स भी देलेटेड होती हैं.....व्हाट्सप्प...चार बार मै
देलेटेड डिटेल माँगा चूका हूँ....डिटेल्स पड़ी है...चार महीने की....ठीक
है, किसी को नहीं मिलती....
पापा: नहीं नहीं...मुझे आप एक चीज़ बताओ....हम्म्म हम्म्म हम्म्म
हम्म्म......
रजत: प्रीपेड नंबर की डिटेल, किसी को नहीं मिलती....मैनें वो भी
निकलवा रखी है....कौन इसके कितना टच में है...मुझे ये भी पता
है....लेकिन मै समय पे बात करूँगा.....मै अभी क्या पंगे लेने

जाऊं?....कोई फायदा थोड़ी न है....


पापा: हम्म हम्म हम्म हम्म्म.....नहीं नहीं...मुझे आप एक च्यीज़ बताओ
ज़रा...लेकिन....कल जो उसका फ़ोन आया, की ऐसे ऐसे मुझे अकेला
छोड़ गए मै बहुत घबरा रही हूँ...और ऐसे मुझे धमकी...
रजत: हांजी....जी....मै एकेला छोड़ के गया था इसलिए की मैंने अपनी
मदर को वहां भेजना था....मैंने इस से बैठ के आराम से बात
करनी थी...मदर के सामने ये बात नहीं कर पा रही थी मुझसे.....खुल
के....तो प्राइवेसी नाम की भी कोई चीज़ होती है...
पापा: हम्म्म...हम्म्म्म....
रजत: इसलिए मै मदर को लेके गया था...एक घंटे बाद ही इम्मेडिएटली
...बैग मै...आप ही के वहां पे...मनन को लेके साथ....बैग लेके
मै...आगया था....
पापा: हम्म्म....
रजत: मै घर के अंदर गया हूँ....मैंने बोला साक्षी तू...तुम क्या चाहते हो
ये बताओ....आपने घर को सीधा करना है...या उल्टा करना है....मै
तो अब भी यहीं चाहता हूँ की घर सीधा रहे....ये दो साल ही
है...और...जो हमारे दिक्कत भरे है....इन सालों में ही ड्रामे हुए
हैं....ठीक है...
पापा: हम्म्म....हम्म्म...हम्म्म...
रजत: और.....मेरी किस्मत ख़राब है के इस समय मेरे पास पैसा नहीं
है.....अगर मेरे पास पैसा होता तो मै सारी चीज़ें दबा देता
ये....ठीक है.....मैंने जो बोला...साक्षी को....उसने बोला....मुझे
इस्पे बात नहीं करनी....
पापा: हम्म्म्म...हम्म्म्म..हम्म्म?..

रजत: मुझे आप से बात नहीं करनी....मैंने बोला साक्षी क्यों? अपने


आप को भी तरसा रही हो....मुझे भी तरसा रही हो...अगर तुमने कुछ
नहीं करना है, नहीं रहना....तो मुझे बताओ...कोई ऑप्ननप्श
...कोई ऑप्ननप्श
आपको...ढून्ढ लिया है...मिल गया है...वो मुझे बताओ...मै खुद छोड़
के आऊंगा उसको वहां ता.....और मै दोबारा पलट के नहीं आऊंगा...
i will....मै प्रॉमिस करता हूँ तुम्हारे से.....
पापा: हम्म्म....हम्म्म.......हम्म्म्म....तो?....
रजत: कुछ नहीं.....मेरे को नहीं रहना....फिर एक पेपर पे लिखने लग

गई.....क्या लिख रही हो? कह रही मै कुछ लिख रही हूँ सुसाइड का...

पापा: हैं!?....
रजत: सुसाइड का...मै कहा लिखो....मै इतने में किचन में गया...वहां पे
चाकू पड़ा हुआ था किचन में सब्ज़ी काटनी वाला...मेरे को गुस्सा
आया मैंने हाथ पे मार लिया...बस....इतनी सी बात है.....
पापा: हम्म्म.....हम्म्म....हम्म्म्म....
रजत: उसके बाद मैंने बोला....साक्षी... जो तुम मेरे साथ कर रही
हो....तुम्हारे साथ भी होगा....मुझे परे नकशा
रने वाला...कोई भी ठीक
शा ....
नहीं रहेगा.....मै आपने भाई की वजह से भी परे नहूँ
पापा: हम्म?...
रजत: ...आपने भाई से भी परे नथा
शा .....क्यूंकि मै मम्मा को छोड़ने गया
था....उसका बेहेवियर भी गलत था.....और भी मै कई लोगो से कुछ
शा .....अब ...वो कहती है ये है, ये है, ये है....अ...उसका तो
परे नहूँ
कोई जवाब ही नहीं है मेरे पास.....आप समझ रहे हो न मेरी बात
को....आदमी की कितनी परे नियां
होती शा है....वो समझ ही नहीं रही
इस बात को...
पापा: हम्म्म...हम्म्म......हम्म्म......
रजत: ...वो सीधा लेजाती है आपने ऊपर....
पापा: क्या?
रजत: ये ही बात....मैंने बोला मै तो मरूंगा मरूंगा....कई को साथ लेके

मरूंगा....इसका मतलब आप ही हो?....


पापा: नहीं नहीं...आप...
रजत: ...जिस से मुझे तकलीफ है....वो ही तो...जिस से मै परे ननशा
होऊंगा....जिसकी वजह से मै मार रहा हूँ...उसी का तो नाम
लिखूंगा.....
पापा: नहीं नहीं....मुझे आप एक चीज़ बताओ...
रजत: हैं?...और मै...ये दुनिया खड़ी है....सबके नाम लिखता फिरूंगा क्या

?....जिस से मै परे नहोऊंगा


शा उसी का तो नाम लिखूंगा....
पापा: आप मुझे बेक चीज़ बताओ.....
रजत: तो मैंने क्या गलत कह दिया इसमें?....
पापा: नहीं रजत आप मुझे एक चीज़ बताओ....नहीं...अब इस चीज़ का हल क्या

है?... (बैकग्राउंड में गाड़ी के हॉर्न की आवाज़)


रजत: पापा हल तो निकल गया रात को...वो नार्मल होगई, सारी बातें ख़तम
होगई....मेरी नज़र में तो कोई बातनहीं है अब....
पापा: नहीं...नहीं नहीं.....
रजत: मेरे साथ तो वो नार्मल रह रही है...अभी मै घर गया था....उसने
मुझ से खाना पूछा...मैंने खाना खाया उसके साथ बैठ के....
पापा: नहीं....हेलो.....
रजत: हांजी....
पापा: नहीं नहीं मुझे आप एक चीज़ बताओ ज़रा....इस चीज़ का एक मिनट
हल...एक मिनट..ये है की जब वो लड़की...एक मिनट...अगर आप उसकी
जगह होते...तो ...सुनो...
रजत: आपकी बिटिया...आप की बिटिया...छत्तीस बारी सुसाइड करने की को श्किशाश
कर चुकी है....पंखे पे लटक रही हूँ...ये कर रही हूँ...वो कर रही
हूँ....उसने तो करा नहीं मैंने कर के दिखा दिया....जो करने वाले
होते है वो कर जाते है.....बताते नहीं है वो....
पापा: हम्म्म....हम्म...हम्म्म...
रजत: ये तो आप अपनी मम्मी को घर क्यों नहीं लेके आते हो....पापा ये
रखने नहीं...ये फिर कलेश करेगी...
पापा: अगर ये...अगर ये...कलेश करती है....तो आप हमें..हमें बताओ
न....
रजत: _____....
पापा: नहीं...फिर आप...सुनो....उसके बाद अगर ये करती है तो _____की
ज़रुरत नहीं है...
रजत: उसके बाद ये गालियां निकालेगी....
पापा: सुनो....अ...आप मुझे फ़ोन करो....और आप इसको...इसको बिलकुल आप
इसको व..वो करो....चाहे...निकाल दो घर से आप....अगर आप इसको.....
रजत: हांजी....तो पापा उसमे भी तो मेरा ही घर ख़राब हो रहा है....
पापा: क्या मतलब?
रजत: उसमे भी तो मेरा ही बच्चे की...मेरे बच्चे का फ्यूचर खराब

होगा....मै उसको निकाल के भी तो क्या करूँगा?


पापा: नहीं...नहीं आप मुझे एक चीज़ बताओ ज़रा....जब आपको लगता है की
लड़की इतनी ख़राब है...इतना...इतना सब कुछ है ये....इतनी...मतलब
इसने...
रजत: पापा खराब नहीं है...इसके गुस्सा आता है...गुस्से के बाद कुछ
समझ नहीं आता ...ये साइको हो जाती है....आप समझ ही नहीं रहे
मेरी बात को.....
पापा: हम्म्म....
रजत: मेरी मदर से अभी आप बात करो...यही कहेगी की मुझे साक्षी ने
क्लियर यही बोला की मम्मा आप क्यों जा रहे हो....._____ बिमारी में
भी....की साक्षी ने मुझे नहीं बोला कुछ भी....जो बात है....
पापा: हम्म्म...हम्म...हम्म्म....
रजत: देखो सचाई जो है, सच्चाई होती है.....और सच्चाई के साथ ही चलता
हूँ...सच ही बोलूंगा.....मेरी मदर अभी भी बोल रही है मुझे....
पापा: हम्म्म....क्या?...
रजत: ...के साक्षी ने मुझे तो ये बोला की तुम क्यों जारही हो
मम्मा.....लेकिन मैनें बोला की नहीं मम्मा तू वहां चल.....मैंने जो
सोच रखा था...की ये प्राइवेसी चाहती है.....कुछ बात करना चाहती
है.....कुछ भी है...जो भी है....बात करना चाहती है मुझसे....मम्मा उस
कमरे में होती है इस कमरे में बोल नहीं पति है.....बोल नहीं
पाती वो.....मन की बात होती है किसी की.....अब मुझे वो...उसका भी
इलाज ढूंढ़ना है.....
पापा: हम्म्म्म....ह्म्म्मम्म...hmmm......मुझे आप एक चीज़ बताओ ज़रा...
की...मतलब... लेकिन मुझे ये नहीं समझ आ रहा की जब इतना सब
कुछ है उसके बादफिर सब कुछ....मतलब....हमें कुछ...देखो.....वो मत
मानियेगा....हमें तो कुछ...मतलब...कुछ...
रजत: क्या आपको कुछ समझ नहीं आ रहा के मुझे क्यों समझ नहीं
आ रहा......
पापा: क्योंकि आप कह रहे हो न की...प्राइवेसी वाली बात जो है...अगर वो
ऐसी बात थी....तो उसको तो एक तरीका है की....की आप दोनों कही बहार
चले जाओ...टहलने के लिए....पैदल ही चले जाओ वाक करने के
लिए सैर करने के लिए.....
रजत: नहीं नहीं...स्कूटी पे भी...स्कूटी पे भी जा सकते है...पैदल भी
जा सकते है...
पापा: अरे...पैदल चले जाओ...उसमे क्या है...क्यों?....
रजत: लेकिन पापा बात ही तो नहीं हो रही थी न उसे पहले....छब्बीस तारिख
से कलेश चल रहा है...मेरे से बात ही नहीं कर रही थी वो....
पापा: नहीं नहीं....
रजत: ना मुझसे...न मै खाना खा रहा था घर पे...वो मुझसे पूछ रही थी खाना
खा लो...मैंने कहाँ मैंने नहीं खाना खाना....
पापा: नहीं नहीं मुझे...
रजत: वो एक बारी पूछती थी ...फॉर्मेलिटी जो उसने पूरी करनी थी....करती
थी...और अब वो...बस...उसके बाद अपना खाना लेके बैठ जाते
थे....खा लेते थे....अब बाजार से कभी ले आता था भूक लगती थी, दिल
करता था तो मै पीछे होजाता था....
पापा: नहीं नहीं...मुझे आपको...
रजत: छब्बीस तारिख से...उसके बाद इसने पुलिस को...पुलिस
कंप्लेंट कराइ...____
पापा: नहीं नहीं....अगर आपको...अगर तो आपको .... मम्मी को तो बहार
लेजाने की ज़रुरत नहीं थी न घर से बहार...आप मुझे ये बात ठन्डे
दिमाग से संभल ....जब...
रजत: पापा ये मेरे से बात ही कहाँ कर रही थी?
पापा: नहीं नहीं...वो तो मै ये कह रहा हूँ आपको....आप दोनों बहार टहलने
वो होजाते...
रजत: टहलने मतलब समझा नहीं....
पापा: कॉलोनी के अंदर ऐसे ही मार लेते चक्कर....पैसल...उस में क्या

दिक्कत है??

रजत: किस को? साक्षी..साक्षी...साक्षी को लेके?


पापा: आप और साक्षी...दोनों आपस में ज़रा....
रजत: बात ही नहीं कर रही थी पापा मुझसे...कैसे ले जाता बाहर?....
पापा: अभी तो आप कह रहे थे की मै अकेले बात करनी थी...तो वो तो कभी
भी तो हो सकती थी न बात....लेकिन मम्मी को ले जाने की...घर से
बहार...
रजत: पापा मै आ तो गया एक घंटे के अंदर.....
पापा: नहीं... लेकिन मम्मी को घर से बाहर लेजाने...ये तो समझ नहीं

आया....ये तो बात ठीक नहीं है न...की नहीं?....अगर आप बाहर


रजत: पापा तो....मम्मी से आप बात कर लो...जो मम्मा को गालीया निकालती
शा इस से...कि जब गुस्सा आता है तो
है...मम्मा इस चीज़ से परे नहै
कुछ समझ ही नहीं आता की ये क्या बोल रही है....इससे ये ही समझ
नहीं आता ये कर क्या रही है.....इसके गुस्से के अंदर पता नहीं
क्या क्या..क्या क्या बोल जाती है ये....और पहले तो रीलीज़ करती
थी...अब तो रीलीज़ करना बंद कर दिया है इसने.....इसे पता है कुछ
कर तो सकते नहीं है अब....म्यूच्यूअल हो चुके है...
पापा: हम तो...हम तो आपको...हम तो आपको अ...समझा सकते है बड़ो के
इस से...की इस तरीके से नहीं...देखो....अगर एक _____ है की
गुस्से में लिया हुआ फैसला गलत होता है....
रजत: गलत होता है जी बिलकुल.....
पापा: ...ठन्डे दिमाग से बात करनी चाहिए....और प्लस आप को
और हमे शा
दोनों को बच्चे के लिए सोचना चाहिए और आपको अपनी मम्मी के
लिए भी सोचना चाहिए और बच्चे के लिए भी सोचना चाहिए....आपको
दोनों के लिए सोचना है....और कायदा तो ये वाला बनता है की उसको
भी ये दोनों के लिए सोचना चाहिए....मेरे लिए...
रजत: बिलकुल जी...मै तो सोच ही रहा हूँ दोनों के लिए ही...
पापा: लेकिन..लेकिन....समझदारी ये है...की...गुस्से में मै तेरे को
मार दूंगा...मै खुद भी मार जाऊंगा...मै सबको मार दूंगा...ये कर
दूंगा....और अकेला छोड़ के...तो वो मुझे एक चीज़ बताओ...आप ये
कह रहे....____...अगर ये पुलिस में पहले रिपोर्ट लिखवाई...फिर
रिपोर्ट लिखवाई....मतलब इस से तो कोई तरीका नहीं...कोई मतलब है

क्या ये वाली बातों का ?....


रजत: पापा वो....
पापा: ______________.....
रजत: तो यही तो मेरे को प्रॉब्लम है....मै आज तक नहीं गया
जेल...इसने मेरे को जेल भिजवा दिया....थाने भिजवा दिया....
पापा: नहीं नहीं...मुझे आप एक चीज़ बताओ ज़रा.....ये अगर इस तरीके से
होगा ....तो ये ...मतलब ...हमें तो देखो ....anyhow ....हम...को को
ये...हमारी आपको हर एक बात बुरी लगेगी...ठीक है न...की पता नहीं
वो क्यों बोल रहे है....लेकिन...ये चीज़ गलत है.... मै आपको बता
दूँ....सरासर गलत है और आप ये भी कह सकते हो की
...ऐसा नहीं होता
मतलब....अ...मै बस इतना जनता हूँ की हमे शा

की..अ...गलती एक ही की हो....दोनों की होती है हमे शा... के नहीं?...


रजत: बिलकुल.... किसी की ज़्यादा होती है किसी की काम होती है...
पापा: बस....तो मै अभी भी...अभी भी ये चीज़ कहूंगा...के थोड़ा सा
समझदारी वाली बात करो...
रजत: पापा मेरी तरफ से कोई शि कायतकई मौका नहीं है...मै कभी भी गलत
नहीं होता हूँ...मुझे गलत बनाया जाता है....मेरे को बाते बनानी
नहीं आती....मै straightforward बोलता हूँ...और कल की बात मै याद
नहीं रखता आपने दिल में नहीं रखता......मेरे साथ कल जो हुआ है
वो मै भूल जाता हूँ.....अगर मै वो बातें याद रखूंगा ...तो मै कब का
मार चुका होता....मेरे को बीमारियां लग गई होती....मै...बिलकुल फ्री
मंद रहने वाला इंसान हूँ....मेरे को सिर्फ इतना पता होता है की
मेरे को ये मोटिव है...मेरे को ये करना है और ये करना
है....बस.....मुझे सिर्फ अब बात बनानी...पता नहीं कैसे आने लग
गई है...मेरे को...मेरेको तो याद ही नहीं रहता था पता नहीं किस
से क्या बात करनी है....इस से क्या बात करूँ मै.....कल इसने, इसने

मुझे धोका करा है न?...छोड़ दे इसको.....भगवान आपने आप


देखेंगे.....मै उस टाइप का इंसान हूँ.....उसने मेरे साथ अच्छा
करा...भाई तू मेरे लिए अच्छा है....अगर मेरे पास जीवन में
तेरे लायक कुछ होगा...तो मै ज़रूर करूँगा.....तेरी हेल्प....मै उस
टाइप का आदमी हूँ....मुझे बातें गोल मोल घुमानी नहि आती....मै
straightforward बात करता हूँ...नार्मल बात करता हूँ...सीधी बात करता
हूँ...
पापा: रजत ऐसा है....देखिये रजत....
रजत: अभी आपके पास फ़ोन पे बात कर रहा हूँ कुछ भी?....कुछ भी...अभी
आप का फ़ोन रखूँगा बैक तो बैक चैप्टर घुमाऊंगा दिमाग का तो
इतनी बातें हैं...मै तो बताते बताते थक जाऊंगा आपको....
पापा: अ...रजत ऐसा है की....
रजत: लेकिन आप जब सामने आते हो, तो मेरे से नहीं बोला जाता....मै
आपको भी परे नन शा
हीं करना चाहता...मैंने इसीलिए आपको फ़ोन
करना बंद कर दिया....
पापा: रजत....रजत एक मिनट.....
रजत: र रहा हूँ....आपका क्या कसूर है?....मै सच
मै आपको क्यों परे नकशा
में...मैंने इसी लिए आपको फ़ोन करना बंद कर दिया पापा....जी
बोलो....
पापा: रजत...एक मिनट...ऐसा है की....मेरी जो है ठन्डे दिमाग से बात सुनो
आप... सुनो... कल रात को...की....ultimately अगर मै गलत नहीं
हूँ...अगर...आप...मतलब वो....अकेली लड़की रहेगी....तो इतना तो आप

मानोगे नहीं मानोगे तो वो घबराएगी की नहीं घबरयएगी?


रजत: जी...जी...बिलकुल...
पापा: आप...ठन्डे दिमाग से बात सोचो....की आप...अभी भी आप मानते हो
की उसकी गलती है की ..._____...
रजत: पापा...अच्छा आप मेरी बात सुनो....मेरी बात सुनो...जब मै...जब
मैंने नौक...जब मैंने शॉ3पखोली थी...याद है आपको....
पापा: हांजी?
रजत: जब हमने...मैंने शॉ3पखोली थी....रोहिणी वाली आपकी...जो
आपने खुलवाई थी....
पापा: हांजी....
रजत: वो जब मैंने शॉ3पखोली थी...यद् है कलेश हुआ था उसके बाद मम्मा

दोबारा वहां रोहिणी गई थी....पता है आपको इस चीज़ का?....के नहीं?


पापा: नहीं मुझे नहीं पता...
रजत: नहीं है....कलेश हुआ था....मम्मा रोहिणी चली गई थी....दो महीने बाद
मम्मा वापस आई थी...डेढ़ महीने बाद....ठीक है...तो तब भी तो ये घर पे
अकेली रहती थी...मै साढ़े चार बजे..साढ़े तीन बजे...चार बजे
दूकान बढ़ा के आता था...ये एक गलत बात होगई...के आप ने कह
दिया हो वो डर गई थी, अकेली थी....ऐ...पूरा घर बंद है....घर पे लॉक
था...बहार गेट पे भी ताला लगा हुआ है....आप चाबी...अन्दर है.... AC
आपके पास है...खाना आपने बना रखा था.....पानी फ्रिज में है..सब कुछ
था....क्या मतलब है इसका.....
पापा: एक मिनट...एक मिनट...एक मिनट....लेकिन उसने...एक मिनट एक
मिनट...ठन्डे दिमाग से मेरी बात सुनो रजत....उसमे क्या फरक पड़ता
था...मनन होता था इसके पास....कल तो मनन को भी आप ले गए

थे....इसका तो आप मानोगे नहीं मानोगे?...और आप गुस्से में भी

गए....की नहीं मानोगे?

रजत: जी...मनन को?...हाँ मनन को तो मै ले गया था कह रहा था घूमना


है घूमना है.....
पापा: एक मिनट...मुझे आप एक चीज़ बताओ....आप बच्चे को भी ले के साथ
जा रहे थे... सामान पैक करके...के माँ तू भी चल...मै इसको भी
लेके जा रहा हूँ इसको...मनन यहाँ अकेले....तो फिर एक लड़की
...अगर आप...मै कह रहा हूँ...वो गलत है....लेकिन घबराएगी की
नहीं...घबराएगी...__...
रजत: पापा आप...एक घंटे में वापस भी आना था न...मुझे तो पता था
न....
पापा: हांजी?...
रजत: मतलब उसका...उसका एक घंटा घबराना आपको दिख रहा है....मै जो
उसके बाद..
पापा: मै...दोनों को...ये नहीं कही रहा हूँ....सुनो मेरी बात....आपने ये
कहाँ न की मेरे को, आपको क्यों फ़ोन किया उसने...मै इसका
आपको वो...दे रहा हूँ जवाब ....की वो लड़की घबराई हुई थी...
रजत: अरे वो आपको फ़ोन किया है तो मुझे तो नहीं बताया है न उसने की
आपको फोने किया है उसने...
पापा: एक मिनट....जब आप इतने गुस्से में...
रजत: पूरी रात उसने मुझसे बात करी है...मै डबल साइडेड गेम खेल रही
है और पूरी रात मुझसे बात करी है और मुझे नहीं बोला की मैंने
पापा को फ़ोन किया है....
पापा: मेरे को फ़ोन नहीं किया...मेरे को नहीं फ़ोन किया उसने....
रजत: अब मम्मा को किया हो या राघव भैय्या को किया हो....किसी को
भी करा हो...
पापा: हाँ....मैंने...मम्मी से बात हुई होगी उसकी ...मेरेको तो
...अ.....दोपहर को...अ ...बताया है ये इन्होने सबने...मुझे वो भी
मुझे वो...तब बताया है की जब उस से सुबह बात हुई है...ये बताया
गया है की भाई आपने अपना... अ...अ... हाथ काट लिया है...उसको ये
कहा है की भाई ऐसे मै अपना सर फोड़ लूंगा तो तेरे को गलत
इलज़ाम में फसा दूंगा और खुद भी मार जाऊंगा और सब को मार
दूंगा....बहा पर जाके _____
रजत: ____....झूट है...झूट बोल रही थी वो पापा....
पापा: क्या...क्या?....
रजत: झूट बोल रही थी....
पापा: आप क्या कह रहे हो?
रजत: पापा झूट बोल रही थी....मैने ऐसा कुछ भी नहीं बोला....
पापा: अब बताओ यार इसके बारे में तो मै आपसे पता नहीं क्या
बोलूं...बोल...
रजत: मै बर्तन ____ रहा था.....ब...बोलने का तरीका...व्यवहार अलग अलग
शा ... मारूंगा
है....मै बोल रहा हूँ बहुत परे नहूँ
(आवाज़ क्लियर नहीं)
पापा: नहीं नहीं आपने यहाँ तक भी कहा हुआ है की ....वो इतना...वो इतना...
रजत: अपने भाई से भी...अपने भाई...नहीं नहीं...________...नाम लेति
है... नानाजी होगये... मेरी माँ....मेरी नानी होगये....मेरे पापा
मम्मी ko....__________(तकीनीकी खराबी रिकॉर्डिंग में...)...____
पापा: क्या क्या?....
रजत: _____ (रिकॉर्डिंग में तकनिकी खराबी)
पापा: नहीं नहीं...आप मुझे बताओ ज़रा....अ....आप...
रजत: मैंने नहीं कहा उसे....आप की बिटिया ने बोला है....मैंने बोला
शा तो मै उन्हें मारूंगा....
है मै जिन लोगो से परे नहूँ
पापा: नहीं नहीं....
रजत: और गुस्से में आके....ऐसे....कह ही देता है आदमीं...हर
आदमी कह देता है....
पापा: नहीं मुझे आप एक चीज़ बताओ बेटा .... आपने... अगर....एक चीज़
बताओ...के उसके बाद अगर आप....मतलब....जो है बात...की भगाई मै
तुम्हारे पर फॉल्स allegations लगा दूंगा....मै ये कर दूंगा...तुम सब
को फसा दूंगा.... मतलब ये कोई
रजत: पापा मैंने नहीं कहा.....
पापा: चलो...चलो...अ...अच्छी बात अगर आपने नहीं कहा तो....मुझे...मुझे
आप एक चीज़ बताओ....ए...हेलो...आप मुझे एक चीज़ बताओ बेटा....
रजत: मैंने ये सब कहा ही नहीं.....हांजी....
पापा: ...की इसका हल आप दोनों को ही...ठन्डे दिमाग से वो करना पड़ेगा,
निकालना... मेरी बात समझने को को शिशकरो...हम तो आप को समझा
सकते है....मेरी बात आप समझ रहे हैं...मेरी बात आप समझ रहे

हैं पहले ?
रजत: बिलकुल .... जी....
पापा: क्योंकि...अब आप लोग बड़े हो...matured हो....अब ये...अच्छा बुरा
आप को दोनों का क्या है...किस्मे आप का हित है...ये आप दोनों को
ही वो लेना पड़ेगा फैसला....
रजत: जी....जी जी...
पापा: बड़े तो आप को समझा सकते है....
रजत: बिलकुल बिलकुल....
पापा: और कोई भी आपके बुराई में नहीं होता...हमे शाकोई भी अगर
होंगे...तो आपके भलाई में हि होंगे....
रजत: आप ऐसा कह देना पापा....पापा आप ऐसा कह देना की मैंने रजत को

समझा दिया है... ठीक है?....मेरी तरफ से कोई शि कायतका मौका नहीं
मिलेगा आप को, मम्मा को बोल दो...उसको समझा दो....वो कुछ न करे...
एक बात ही नहीं है मेरी तो...बात की थी मैंने तो...मै आप को कह
रहा हूँ...मेरी तरफ से आपको शि कायतका मौका नहीं मिलेगा....
पापा: हम्म?...
रजत: मेरी तरफ से आपको कोई शि कायतका मौका नहीं मिलेगा......
पापा: नहीं...क्यूंकि...इसने यहाँ तक ये बताया होगा की भाई कल ही मालूम
पड़ी है...की ऐसे ऐसे भाई...की...की इतना परे नहोगई
शा हूँ ...की इतना
मुझे केहड़िया है की तेरे कारण सब कुछ होगया है......और तू चली
जा यहाँ से....जब से तू आई है तब से हमारा घर बर्बाद होगया
है....सब कुछ पैसा ख़तम होगया....सो मै कहती हूँ की ठीक है..नहीं
अब मेरी फ्रेंड से बात चल रही है...तो मै अपनी फ्रेंड के
साथ...के पास...चली जाउंगी...तो वो भी नहीं देते मु झे जाने

अब....जब मै इतनी ख़राब हूँ...ऐसे भी हुई है कु छ बात?... क्या बेटा ?...


रजत: पापा.....मेरा...मेरा.....अच्छा....नहीं पापा मेरी कोई बात नहीं
हुई...भाई बोलता है...मेरे भाई ने बोल दिया एक दो बारी ये बात...वो
ही पकड़ रखी है इसने....
पापा: क्या?...
रजत: अरे...भाई ने जो कह दी...की वो चले जाये...ये और वो...फलाना...तो
मैंने उसको कहा तेरा क्या मैटर है भाई...तेरी वाइफ है...
पापा: हम्म....
रजत: _____ तेरा मैटर है...तू बता न?.....तू अपना मस्त है मै अपना
मस्त हूँ अपनी फॅमिली में....मेरे साथ दुःख है, मेरे साथ दुःख
है...तेरे साथ सुख है, तेरे साथ सुख है....कोई बात नहीं....वो दिन
नहीं रहे तो ये दिन भी नहीं रहेंगे...और ये दिन नहीं रहे तो
आगे...आगे भी अच्छे आएंगे....जो भी आएगा....देखना...ज़िन्दगी
तो जीनी है....जब तक लिखी है भगवान ने तब तक ज़िंदा रहना ही
है....
पापा: हम्म्म...हम्म...हम्म हम्म हम्म हम्म्म......
रजत: तो मै कहा...तो ये....बात पकड़ लेति है...अब वो ही बात पकड़ के
बैठी है.....पुलिस वालों को उस दिन बोल रही थी की इसको
मैंने...मैंने...(बैकग्राउंड में बाइक की आवाज़)...ओ..ओयो का
रूम बुक कर लिया...वो करा...अब मै कहा भाई साहब...प्रूफ दो मेरे

को....है कुछ प्रूफ?


पापा: हम्म....हम्म?...
रजत: आप ___ भेज रहे हो मुझे (रिकॉर्डिंग में तकनिकी
खराबी) .....अँधा कानून है...पट्टी बंधी हुई है उसकी आँखों पे...वो
प्रूफ मांगता है...तो प्रूफ देदो...
पापा: हम्म्म....हम्म्म...
रजत: (रिकॉर्डिंग में तकनिकी खराबी) _____.......ऐसे बोलोगे तो मानहानि का दवा
ठोक... दवा ठोकता आदमी है.....मतलब _____ (रिकॉर्डिंग में
तकनिकी खराबी) ...मै उसके हाथ जोड़ चुका हूँ...पैर पकड़ चुका
हूँ...मैंने कहा...साक्षी ....____....कुछ ज़्यादा मत बोलो
आप.....लेकिन वो लड़की नहीं मानती ....
पापा: हम्म्म...हम्म्म...हम्म्म्म....
रजत: उसे बोला है की तू हो आ OYO...तेरे पास पासबुक पड़ी है....एंट्री
मैंने पूरी डाल रखी है उसके अंदर....वहाँ लेके जा वहाँ तक
की....जब तक दूकान खुली है.......paytm कह रही है तुमने paytm से
करा....एसे करा है...मैंने कहा दिखा इसमें कहाँ है....एक सौ
सैंतालीस रुपये दिखा दे....नहीं है....मैंने बोला इसको...चल
मेरे साथ वो होटल..जो होटल है न तेरी मेल में ...कह रही है हाँ

हैं....मैंने कहा चल....मै नहीं जाउंगी....मै क्यों जाऊं?...अरे


भाई...तेरे को है तो शक दूर तू ही तो करेगी अपना...
पापा: लेकिन थोड़ा मै आप से फिर ये बात कहूंगा की....ठीक है मै
आपकी बात को समझ रहा हूँ सारी बात को.....लेकिन...मै ये ही
कहूंगा....की एटलीस्ट...बेटे...जो भी करो....गुस्से में लेकिन
जो...कल हुआ....सुनो तो...
रजत: अब इसने तो कह दिया था पोलिसवाले ने हां भाई
__________....मैंने कहा भाईसाब प्रूफ दो न....आप कहने से...आप
____कैसा खड़ा हो जाता है.....ठीक है...
आप: क्या?....
रजत: मैंने पुलिस वाले को बोला....पोलिसवाले ने मुझे बोला फिर....कि
तेरे ऐसे ऐसे..ऐसे ऐसे उलटे काम करता है तू....मै ने कहा भैय्या....आप

कह रहे हो ये कह रहि है....इसका..इसकी.... कोर्ट मान लेता है?


पापा: हाँ....हम्म्म....
रजत: कह रहा है नहीं जी....मैंने कहा फिर प्रूफ दो....उसके बाद फिर ___
जी मेरे को....जो सेक्नलक्श
गता होगा जी मेरे पे....उसके आधार
पे मेरी सज़ा होगी मै सज़ा काटूंगा....
पापा: हम्म्म...हम्म्म..हम्म्म...
रजत: मेरे को बताओ न ....मेरे को बताओ मेरे को प्रूफ दो पहले....अगर
गलत निकला, तो मै मानहानि का दावा ठोकूंगा की मेरे को डिप्रेशन
में डाल रहे है जी ये लोग....बोल बोल के....पर मै ये काम करता
नहीं हूँ....मतलब एक आदमी को डिप्रेशन में डाल रहे हो...पागल

बनाना चाह रहे हो क्या? एक ही बात बोलना.....


पापा: हम्म्म....हम्म्म......नहीं वैसे आप....नहीं आपको जब...मुझे तो ये
लगता है....
रजत: पुलिस वालों ने सीधी ____________((रिकॉर्डिंग में तकनिकी
खराबी) __________....ये बताओ....
पापा: नहीं....इसका....अभी ये...अभी....नहीं...एक तो आप....सुनो सुनो....एक तो
आप अपनी मम्मी को लेके आओ....मेरी बात आप सुन रहे हो
पहले...एक तो आप अपनी मम्मी को लेके आओ...
रजत: वो फिर गुस्सा करेगी.....
पापा: सुनो....अगर गुस्सा...अगर गुस्सा करेगी तो आप मेरे को टेलीफोन
करना....
रजत: जी....ठीक है....
पापा: क्या कह रहा हूँ मै आप से.....
रजत: (आवाज़ बहुत धीमी...दूर से...) नहीं....
पापा: हेलो....
रजत: हांजी पापा.... (रिकॉर्डिंग में तकनिकी खराबी) ....._____
पापा: अगर...अगर...सुनो....हेलो....
रजत: हांजी....
पापा: अगर अब ये...आप अपनी मम्मी को लेके आओ....और अगर अब ये
रती है....तो हम...हेलो....
परे नकशा
रजत: हांजी मै सुन रहा हूँ....
पापा: आप चाहे...आप ये...हम चाहे इसको बो...कर देंगे....आप
से....अलग कर देंगे चाहे... अगर ये करती है परे नतो
शा हम
इसको अलग कर देंगे....आपकी मम्मी को...हेलो... (बैकग्राउंड में
बोलने की आवाज़...रजत शा यदफ़ोन पे नहीं....) हेलो...
रजत की माँ: श्का ...
जी...हेलो....आप..हांजी नमकारजी
रजत की माँ: नमकाररश्का
पापा: ऐसा है...मै ये कह रहा हूँ की...आप घर जाईये...और बिलकुल रहिये
आप...बिलकुल घर पे....कोई ऐसे बात नहीं है...आप बात को ज़रा
समझा करिये...क्योंकि मुझे तो आज सारी बात दोपहर को मालूम
पड़ी....खुदखुशी वाली बात...
रजत की माँ: हांजी....हांजी....आप.....आप तो मेरे को समझते हो...की
मैंने पहले भी आप को मालूम है की मै कुछ भी नहीं बोलती....अगर
वो मेरे को कुछ भी कहती है न मै कहती हूँ सुबह भी बेटे ये रात
को भी ये बातें कह...मुझे कोई फरक नहीं पड़ता....जो जो बात वो
कहती है...आप विवास
मेरा
श्वा नहीं करोगे मैंने आपको...
पापा: नहीं नहीं...मेरी बात...सुनो...नहीं...सुनो...मेरी बात सुनो...मै आपका

विवास
क्यों
श्वा नहीं करूँगा?...लेकिन बात ये होती है....की रजत कि
सुनते....तो कुछ और बात होती है…
रजत की माँ: मै तो सुन चुकी हूँ....
पापा: मेरी बात सुनिए...मेरी बात सुनिए.....
रजत की माँ: हांजी...हांजी....
पापा: कभी...रजत की बात सुनते है...कीउच्च और होती है....आपकी बात
सुनते है, फिर तो कुछ और होती है...उसकी बात सुनते है तो कुछ
और बात होती है....साक्षी का...मेर अकेहने का मतलब है मैंने
ये समझाया है उनको...मैंने कहा है रजत...आप मम्मी को लेके
जाओ.... मम्मी सब से पहले है....और अगर वो आपको कुछ ऐसा करती
है...अगर आपकी मम्मी के लिकए, तो आप मेरे को टेलीफोन कर
देना....
रजत की माँ: हाँ...हाँ....
पापा: लेकिन अगर आप दोनों का कोई झगड़ा होता है तो मै जिम्मेदार
नहीं हूँ....
रजत की माँ: हांजी....
पापा: आप..आप...ये मेरी बात समझ रहे हैं?....
रजत की माँ: हांजी...
पापा: लेकिन... और अगर आप लोग नहीं अपना रह सकते ढ़ंग
से....क्योंकि आपको फैसले आपने बार्रे में....आपने बच्चे के
बारे में सोचना चाइये की उसके ऊपर क्या वो है....असर
पड़ेगा....
रजत की माँ: जी...
पापा: अपने लिए नहीं तो काम से काम आपने बच्चे के लिए सोचो....अगर
आपमें...दोनों में थोड़ी सी भी समझ है....
रजत की माँ: हांजी...
पापा: तो...अब देखो...समझाया तो है लेकिन मै आपसे ये ही कहूंगा की
जाइये...आप घर पे जाईये....और जैसे ये रात को हुआ
है....क्योंकि जो मुझे मालूम पड़ा है...की वो रात को....रजत ने अपना
हाथ काट लिया....उसने...कहता की मै अपना सर फोड़ दूंगा....तेरे पे
झूठे इलज़ाम बता दूंगा....सब को मार दूंगा जान से...खुद भी मार
जाऊंगा.....मतलब जो ये आपको छोड़ने के बाद ये बातें हुई....
रजत की माँ: मुझे नहीं पता.....
पापा: हाँ.....मै जो बता रहा हूँ आपको....लेकिन...अब आप....देखो....रजत
जो मर्ज़ी कहे... या हम अब इस बारे में नही जायेंगे, लेकिन जो
हुआ है मै आपको बता दूँ....आपके आपके छोड़ के जाने के बाद....
और फिर आप को छोड़ने गए थे वो उसको भी ले गए...मनन को भी ले
गए ...सामान भी ले गए....तो वो लड़की घबरा गई.....की मै रात
को...अ...क्या करुँगी....
रजत की माँ: हांजी.........
पापा: तो....बारह साढ़े बारह बजे....साढ़े बारह बजे फोन आया....पौने
एक बजे के करीब.... जो भी है...
रजत की माँ: हम्म्म....
पापा: के ऐसे ऐसे..ये वाली बात है....फिर....उसका...खुद ही आया की रजत ने
अपन हात काट लिया....और ये है...मेरेको बता रहा था....तो...आप
मुझे एक चीज़ बताओ....जब ये ऐसी ऐसी बातें होंगी....
रजत की माँ: हम्म्म...
पापा: ...तो...की...ये चीज़.... ठीक तो है नहीं....बिलकुल भी....है तो चीज़ ये...
रजत की माँ: वो तो...वो तो ठीक नहीं रहा.....वो तो ठीक नहीं रहा...
पापा: मै वो ही आप से कह रहा हूँ...मै आपसे...सुनो...
रजत की माँ: लेकिन...हाँ...वो ठीक नहीं रहा...._____ (शब्द अस्पष्ट)....
पापा: लेकिन...इसके बारे में..सुनो....सुनो...
रजत की माँ: हांजी....
पापा: लेकिन मेरी बात आपसे ये है कहने का....की...कोई...इसको सही
सलाह नहीं देगा... जो की सलाह आप या हम देंगे...
रजत की माँ: नहीं दे रहा....आप दे सकते हो या मेरी मानता ही नहीं...क्या
करूँ मै....
पापा: सुनो..सुनो...तो इनको...मैंने तो इनको ये ही समझाया है....मैंने तो
ये समझाया है... की काम से काम और के लिए नहीं तो
आपने...बच्चे के लिए सोच लो....
रजत की माँ: डर जाता है बेचारा..... दादी दादी करके जैसे
हमे शा
चिल्लाते हैं....बच्चा डर जाता है.....क्या करूँ....
पापा: मै....मै आपसे...मै आपसे वो ही कह रहा हूँ....अगर इन दोनों में
थोड़ी सी भी समझ हुई.....तो....की..गलत बोलने से पहले....एक दुसरे
पे गुस्सा करने से पहले....आपने बच्चे के लिए...अ...सोच
लें....तो बिलकुल कोई गलत काम नहीं करेंगे....गरीबी या
अमीरी...चलती रहती है....कोई भी बड़ी बात नहीं है....घर में प्यार
होना चाहिए....तो बरकत ही बरकत है...
रजत की माँ: हांजी...हांजी...बिलकुल...हाँ...सुखी रोटी...सुखी रोटी...जो होती
है, वो भी पचती है...और कलेश न हो...कलेश न हो घर में...तो घर
पनपता है....
पापा: सूखी रोटी खेलोगे... सूखी रोटी खा लोगे तो भी....वो है....बरकत
है...अगर घर में कलेश न हो तो...मै...
रजत की माँ: तो घर में हर समय कलेश होगा, ना आदमी काम कर सकता है न
औरत कर सकती है.... न घर में लक्ष्मी आएगी.....ना कुछ आएगा.....
पापा: बस...बस बस....बस....
रजत की माँ: सबसे बड़ी बात तो ये है की कलेश ख़तम होये...
पापा: कलेश नहीं होना चाहिए...अमीरी हो या गरीबी....सब कुछ चलती
है....लेकिन...
रजत की माँ: सब कुछ...हाँ.....मेरी वो आज न....तबियत बड़ी खराब है...मेरे
को न चक्कर आरहे है... क्योंकि आज मैंने न्न दवाई नहीं खाई ....
पापा: अरे...वो देखो...जब वो...वो आपकी लाजमी है....आप एक माँ हो...
रजत की माँ: मेरे न बोहोत...
पापा: आप एक माँ हो..और माँ के लिए...अभी मुझे रजत ने बताया की शा यद
वो आपको भाई ने भी रखने से मना कर दिया....उसकी वाइफ कह रही
थी मै नहीं रखूंगी....
रजत की माँ: हीं करता...(?)....ये दोनों जो है ना...आपस
नहीं नहीं...ई नन शा
में....वो बोलती hai....ये भी बोलने लगती है....
पापा: हैंजी?
रजत की माँ: आपस में...आपस में....ये कह रही है...साक्षी कहती है की
भाभी बहुत अच्छी है... भाभी ने मेरे को कहा था की तुम्हारी माँ
लालचन है....बहुत लालची करती है....वो तो भाभी तो बहुत सही
है....मैंने तो कहा कोई लालच नहीं करा...मैंने क्या लालच कर
लिया...और किस चीज़ का लालच करुँगी....
पापा: नहीं...!....अभी मेरेको...अभी मेरेको....उसने ये बताया की शा यदवो
माने...शायद वो भाई और भाभी ने मना किया है आपको रखने के लिए...
रजत की माँ: सुनो...मेरे घर में....सुनो...मना इसीलिए किया...हाँ वो उसने
ये कहा...की रजत छोड़ गया है....मतलब उस....
पापा: नहीं मैंने कहा है उसको...रजत को...मैंने कहा रजत तू अपनी माँ
को लेके जाओ अपनी मम्मी को लेके जाओ वहां पर...
रजत की माँ: रजत को...छोड़ दिया...वो मेरे को कहेगी...उसने रख
लिया...मतलब दोनों ही बोलती है... मतलब दोनों ही बोलती हैं...रा.....
पापा: नहीं...मै ये कह रहा हूँ...मै ये कह रहा हूँ....की आप बिलकुल वहां
जाओ आप...अगर आप...बिलकुल वहां जाओ....आप उधर जाओ बिलकुल
आपने उस से...और कोई दिक्कत नहीं है...कोई भी कुछ नहीं
है...लेकिन मै फिर आप को ये चीज़ करूँगा...की... अगर तो....इनमे
कुछ समझ आती है...फिर तो ठीक है...
रजत की माँ: हांजी....
पापा: Otherwise ...ऐसे अगर रोज़ रोज़ ये ऐसी बातें करेंगे तो...
रजत की माँ: हाँ.....अच्छा नहीं है.....इतनी देर होगई है....अभी तो समझना
चाहिए....
पापा: अच्छा नहीं...हाँ...गाड़ी क्या...हाँ हाँ ....लेकिन आप..आप...वहां
जाओ...और मैंने रजत को ये ही कहा है...की अगर....कोई ऐसी बात
होती है.....
रजत की माँ: आपने...तो देखो...इतना समझाने की को शिशकरी....न बोल के
भी को शिशकरी... की हम तेरे साथ नहीं बोलते....तो भी नहीं....और

मै कहाँ जाऊं? मै तो वहीं...


पापा: आप को कहीं...आप को...आप को तो कहीं जान ही नहीं चाहिए....आप

क्यों जाओगे?
रजत की माँ: नहीं...जान तो नहीं चाहिए...लेकिन....जब सब बातें...लड़ाई
होती है...वो होता है....तो मै तो नहीं जा सकती न....
पापा: नहीं नहीं.....हेलो....
रजत कि माँ: हांजी....
पापा: मै...आपको इतना असुरे कर सकता हूँ की अगर अब कोई साक्षी की
तरफ से आपको एक परसेंट भी वो करती है....तंग....मेरी बात आप
सुन लीजिये....ये बात...आपमें मेरे में और रजत में
रहेगी....तो आप प्लीज मेरेको टेलीफोन करना....हम इसको बिलकुल
वो कर लेंगे...अलग....
रजत की माँ: ठीक है...आपने मुझे पहले दिन में बोला है...की आपको कोई
परे नकशा
रे तो आपने
पापा: अगर..अगर इसको....इसको हमें...अगर....अगर इसको हमें तलाक़ भी
दिलाना पड़े...तो हम तलाक़ दिलवा देंगे.....लेकिन हम आपके पास
नहीं रखेंगे.... अगर इसने आप को वो किया..परे ननशा
...तो फिर
इससे जहाँ मर्ज़ी जान जाये....क्योंकि मै
उसका...क्योंकि..क्योंकि...मेरे लिए माँ बाप वगेरा बहुत ज़रूरी है
हमें ऐसे संस्कार मिले है....
रजत की माँ: ठीक...ठीक....
पापा: आप...ये बात.....आप मेरी बात सुन रहे है?...
रजत की माँ: जी...हांजी हांजी......
पापा: मै आप लोगो से हाथ जोड़ के...हाथ जोड़ के...वो कर रहा हूँ...विनती
कर रहा हूँ... आप वहां जाओ...कोई दिक्कत नहीं है...लेकिन मुझे जो
बात आप से मालूम पड़ी है वो कुछ और मालूम पड़ी है जो मैंने
बताया ....जिसके लकिये मैंने आपको फ़ोन किया था....
रजत की माँ: हांजी....ठीक है...मै...
पापा: की ऐसे ऐसे...रजत ने हाथ काट लिया की जी मै आपको...अ...
रजत की माँ: ठीक है ठीक है....
पापा: मै आपको फसा दूंगा...मै ये तेरेको मार दूंगा....मै खुद मार
जाऊंगा....और बाकी औरो को भी मार दूंगा...
रजत की माँ: हाँ.....हांजी.....ये कोई....मतलब बहुत....
पापा: और वो लड़की को भी .... मुझे....रात को अकेले छोड़ गए...बिलकुल
यहाँ पर सारे चले गए तीनो...तो वो...
रजत की माँ: ___ समझेंगे दोनों....दोनों ही समझे....तो ____ लेके....
पापा: तो अब आप जाइये वहां पर...
रजत की माँ: ठीक है...
पापा: अब आप....इसको वहां पर जाओ...शाम को अगर कु छ भी ऐसी बात कोई बात होती
है आगे अगर आप को तंग करती है...कुछ भी ऐसी बात होती है तो
बिलकुल टेलीफोन कर देना...
रजत की माँ: ठीक है...ठीक है....
पापा: इसका डिव...डाइवोर्स...करा देंगे....
रजत की माँ: ठीक है..ठीक है....
पापा: जाइये आप जाइये....देना ज़रा रजत को जी....
रजत: पापा...
पापा: रजत...
रजत: हांजी पापा....
पापा: मैंने आपकी मम्मी जी को ये बोला है की आप बिलकुल जाओ वहां
पर...
रजत: ठीक है...
पापा: अगर कोई भी ऐसी बात होती है....देखो...अगर आप दोनों का झगड़ा है
आपस में... उसके लिए तो हम आपको समझा सकते हैं...कुछ कर
नहीं सकते....
रजत: ठीक है....हम्म....
पापा: लेकिन अगर आप की मम्मी को परे नकशा
रती है...तो आपकी मम्मी
मेरे को ... मेरे को टेलीफोन करेगी और किसी को नहीं....इसको
आपसे वो कर दिया...बिलकुल नहीं रखेंगे इसको आपके पास और
इसको जहाँ जाना है वहां जाये....अगर आपकी मम्मी को परे ननशा
करती है....
रजत: ठीक है...ठीक है....ठीक है...ठीक है...और कुछ भी नहीं चाहिए
पापाजी मेरे को....
पापा: ठीक है जी....
रजत: मै काम..काम...मै काम निकालना चाहता हूँ...मै...अब कुछ कमा के
आप सब कुछ आपके भी देने है सारा काम करना चाहता हूँ...
पापा: लेकिन लेकिन....
रजत: मेरेको फ्री माइंड छोड़ दे ये....मै काम करना चाहता हूँ...मै काम
करूँगा....मैंने ड्रिंक करनी भी बंद कर दी...हफ्ते में एक दिन
मै...एक आधे दिन कभी करता हूँ तो करता हूँ....वो भी ये गुस्सा
दिलाती है तब जाता हूँ घरसे बहार.... Otherwise ...मैंने बंद
करदिया है सब कुछ...मैंने...जो आपने कहा था की बातों को फॉलो
करू...लेकिन...अभी मै इतना परे नहोजाता
शा हूँ न....मेरे पास कोई
हल ही नहीं रहता किसी चीज़ का...
पापा: हम्म्म...लेकिन...अगर...मैंने आप को कह दिया है...आपकी मम्मीके
साथ हम खड़े है
रजत: हीं है...मै....
मेरेको कभी भी कोई परे नीन शा
रजत: लेकिन...लेकिन...सुनो....लेकिन....अगर आप दोनों का झगड़ा
है तो देखो...
रजत: हांजी हनजी हांजी....
पापा: ...तो....हम्म नहीं है...क्योंकि...वो नापको देखना है अपना...क्योंकि
देखो...
रजत: बिल्कुल...बिलकुल...
पापा: क्योंकि मै आपको बताऊ जी...देखो....अगर आप अपना हाथ काटो या
धमकी दो या उसको अके ला छोडो...वो आप की गलती है...मै आपको
रजत: नहीं नहीं...नहीं...पापा मै तो... आपको बता दिया....अपनी आपबीती

आपको... बताई नहीं मैंने?


पापा: ! से लेके, आखरी तक बता दिया...
हांजी....मैंने तो शुरु
पापा: लेकिन....आपकी मम्मी को करती है तो हम इसको बिल्कुल आपकी
मम्मी हमें टेलीफोन करे... हम इसको....मै करूँगा इसको बिलकुल
अलग...और कोई करे न करे..
रजत: ठीक है....
पापा: और मेरे आगे किसी की...अ....वो भी नहीं है....हिम्मत भी नहीं है
बोलने की...इतना मेरा वो है....मेरे आगे किसी की नहीं है वो
हिम्मत....बोलने की....
रजत: ठीक है...ठीक है....
पापा: मै क्या कह रहा हूँ?
रजत: ठीक है पापा...
पापा: ठीक है...
रजत: ठीक है पापा...
पापा: ठीक है....
रजत: सॉरी पापा....
पापा: ठीक है....

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