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Sample Transcript Audio Call 20.02.2020 5.48pm
Sample Transcript Audio Call 20.02.2020 5.48pm
गया है आपको?
पापा: नहीं मै आपसे जानना चाहता हूँ...
रजत: आप बताईये न आपको क्या बोला गया है....आपको भी तो कुछ बोला
गया होगा तभी तो आप मुझसे फ़ोन करके पूछ रहे हो...
पापा: बेटे मेरे से आप ये समझते हो की ये बात करना ठीक है आपकी
बात करने का ढंग....मुझसे...मै आप से ये पूछ रहा हूँ की ये...ये
क्या बात होगई और आप मुझसे पूछ रहे हो....हेलो...
रजत: कोई बात नहीं ....
पापा: हैं जी?....
रजत: मेरे से तो कोई बात नहीं हुई....आपसे कोई बात हुई है क्या?
पापा: नहीं आपने उसको आके अपना हाथ वूथ काटा है और उसे कल रात
को छोड़ के चले गए हो रात को...अकेले और हमें ____ बुलाया
है...हांजी...
रजत: हांजी...ठीक है ...ये...ये..
पापा: हांजी ये...
रजत: ये आपको मालुम पता चल...अच्छा ये पता चल गया है आपको...तो
करा सकते?....
पापा: रजत...रजत...आप मेरे को एक चीज़ बताओ ज़रा ...
रजत: हाँ बताइये...
पापा: अगर आप हमारी जगह होते...और आप..आप..
रजत: अगर आप मेरी जगह होते...आप भी तो मेरी जगह आजाओ न...एक
बारी मेरी जगह भी तो आजाओ ना .... मैंने एक आठ महीने नौ
फ़ोन?....
पापा: क्या ___.....मै मतलब नहीं समझा ___.....
रजत: वो अगर मेरा फ़ोन चेक कर सकती है तो मै उसका फ़ोन मांग रहा
पापा: हांजी?
रजत: छब्बीस तारिख...पिछली छब्बीस तारिख से....मेरे साथ क्या हो रहा
पापा: क्यों मतलब हुआ था ऐसे वैसे?...उस समय क्यों हुआ था?....
रजत: पता नहीं...अआप...पापाजी....अपनी बेटी से पूछो न ये चीज़ जब एक
बताई है तो वो क्यों नहीं बताई उसने छब्बीस तारिख से वो मेरे
साथ क्या कर रही है....
पापा: क्या?...मैं वही तो जानना चाह रहा हूँ .....क्योंकि मैंने हमे शा
ये
कहा है....की मै हमे शाएक की बातों में नहीं करता हूँ
विवास सश्वा
....जब तक दुसरे की बातें न सुन लूँ......
रजत: आपकी बिटिया जो मेरे साथ कर रही है मै अपनी मदर से
बात कराऊँ?...
पापा: क्या?...
रजत: आप मेरी मदर के मुँह से सुन लो....
पापा: hmm ....
रजत: मेरे मुँह से मत सुनो आप....
पापा: हांजी क्या मतलब?....मै आप से...
रजत: आप सुन लो....
पापा: क्या मतलब...बताईये ज़रा...मदर से बात कराईये....
रजत: (बैकग्राउंड में आवाज़ लगते हुए) मम्मी...मम्मी....
(बैकग्राउंड में रजत की माँ कुछ कहती है रजत से....शब्त अस्पष्ट)
रजत: कुछ नहीं पापा है....
रजत की माँ: (बैकग्राउंड में रजत से कहतीं है) _____ मै नहीं बात कर
सकती.....
रजत: (साक्षी के पापा से) सुन लिया जी?.... (बैकग्राउंड में रजत की माँ
कुछ कहतीं है.....शब्द अस्पष्ट)
पापा: क्या जी?
रजत: वो कह रही है मैंने किसी से कोई बात नहीं करनी
पापा: नहीं देखो ऐसे है....
रजत: शा मेरी माँ...
आप देख लो जी कितना परे नहै
पापा: रजत ऐसा है....मै वो ही तो जानना चाह रहा हूँ....
रजत: नहीं नहीं पापा मै....मेरी बात तो सुनो.....
पापा: मै जानना तो चाह रहा हूँ .....
रजत: मै क्या कह रहा हूँ...वो बताना ही नहीं चाह रही है आपको.....मैंने
तो आपके सामने बुलाया है मम्मा बात कर लो एक मिनट.... उन्होंने
कहा मुझे किसी से कोई बात नहीं करनी अब....
पापा: एक मिनट फ़ोन तो दीजिये....एक बार फ़ोन तो दो आप....
रजत: मै तो दे रहा हूँ....वो मना कर रही है मै क्या करूँ?....
पापा: अच्छा....
राजा: दोबारा बोल देता हूँ....
पापा: ...
नहीं नहीं..अ..आप मुझे हमे शा
रजत: आपके सामने ही बोलूंगा....
पापा: Hmmm?
रजत: मम्मा लो एक मिनट baat करो....वो कह रहे है एक मिनट बात तो
करा दो मेरी....
(बैकग्राउंड में टीवी की आवाज़)
रजत की माँ: (बैकग्राउंड में रजत से कहती है) मै...ताकत ही नहीं है...मै
जायेगा?...जायेगा ही नहीं....
पापा: इसका मतलब लगता है की आपको की सारी गलती उसकी है....
रजत: मै तो कुछ कह ही नहीं रहा....
पापा: तो..फिर...उसका...
रजत: मेरी माँ की गलती है मेरी गलती है...उसकी गलती नहीं
है....
पापा: नहीं...रजत....रजत....
रजत: वो घर में बैठी है...मेरी माँ सडको...हम सडको पे रूल रहे
है...हमारी गलती है....हमें ये ही काम है...
पापा: मेरेको .....
रजत: हम गलत आदमी है....हम बोहोत गंदे आदमी है...हमारे को माफ़ कर
दो...इसीलिए तो कह रहा हूँ छोड़ दो हमारे हाल पे हमारे को....
पापा: अरे...
रजत: ...क्यों कर रहे हो आज आप फ़ोन?....
पापा: कमाल है रजत...अगर आपको लगता है की मैंने कोई गलती करी है
तो फिर इस सब
रजत: आपको यही तो कह रहा हूँ...आप क्यों फ़ोन कर रहे हओ आज...आज
आप फ़ोन क्यों कर रहे हो...
पापा: मतलब मै समझा नहीं....
रजत: आज से पहले आपने मेरी सार लेली...आपकी बेरी ने मुझे
थाने में बंद कराया था ...
पापा: हमने...नहीं....
रजत: आपको पता है आपकी बेटी ने नमुझे सौ नंबर पे कॉल करके बंद
पापा: क्यों?...क्यों?...
रजत: अब यही...क्यों का जवाब पापा मै...क्यों क्यों पूछते हो..._____क्यों
ले रहे हो आप...अपनी बेटी से पूछो न...जो इसने कल तो बता
एक बार भी अब ?....
पापा: नहीं नहीं..मै वो ही तो आप से जानना चाह रहा हूँ...एक मिनट....
रजत: बस...कोई बात नहीं.....
पापा: जब हमारे पास...हमने...नहीं हम तो नहीं बात करते न...कल ही आया
है न फ़ोन....जो आप..._____
रजत: पापा वो ही तो कह रहा हूँ मै आपसे....
पापा: हाँ...
रजत: मै वो ही तो कह रहा हूँ....उसे पहले भी मेरा घर चल रहा था....जब
आपसे मेरी बात हुई, तब भी मेरा घर चल रहा था....
पापा: हम्म्म....हम्म्म...हम्म्म...
रजत: ठीक है?....और मेरा घर जब आपने बात छोड़ी, तब भी चल रहा
करो...फ़ोन करो?
क्या करूँ?...
पापा: ...हम्म्म्म....नहीं.....उसको...नहीं नहीं मुझे आप एक चीज़
बताओ....रजत ___...
रजत: पापा मै आपको अभी...
पापा: नहीं नहीं...मुझे एक चीज़ बताओ....इस तरीके से नहीं...सुनो.....सुनो
मेरी बात...इस तरीके से कोई हल..हल होंगे क्या...
रजत: मेरेको तो लगता हैमेरी लाइफ स्पोइल होगई है....मेरे को
न सुसाइड करना पड़ेगा...
पापा: नहीं नहीं..इससे....इस तरीके से हल होंगे क्या?....मुझे आप
बताओ....
रजत: नहीं नहीं पापा....जो बात सच्चाई है मैंने आप को बता दिया.....मै
हार चूका हूँ आपकी बिटिया से....सारी चीज़ों से...आप लोग एक ही
के लिए?....
रजत: पापा मै भी तो...आपकी बेटी तो करती है ज़िकर.....मेरी बा...मेरे
माँ बाप स्कूल की फीस भरते हैं...और तेरी मम्मी...तेरी माँ
किराया भर्ती है...और ये और वो..फलाना ढिमकाना...पता नहीं क्या
क्या बोलती है...मैंने जीवन में कुछ कमाया ही नहीं है.....सब
कुछ...मेरे माँ बाप कर रहे है और ये..ये आप लोग कर रहे
हो...मैंने कुछ नहीं करा.....
पापा: ऐसा है बेटा...मेरी बात सुनो...
रजत: ...मेरे को तो ऐसा लगता है.....
पापा: एक मिनट...मेरी कोई बात सुन लो बेटा....ठन्डे उस से..दिमाग
से....इसका देखो...
रजत: पापा मै ये कह रहा चाहता हूँ...कुल मिलके बात एक है....के आप की
वाइफ को बोल दो...उसको फ़ोन न करे न उसका फ़ोन अटेंड
करे....बड़ी मेहेरबानी होगी....मै अपना घर ठीक कर लूंगा...
पापा: मै अपनी वाइफ को बोल दू...नहीं नहीं...मै अपनी अपनी वाइफ को बोल
दूँ...नहीं मै अपनी वाइफ को बोल दूँ की ना तो वो उसको फ़ोन करे....
रजत: न फ़ोन करे...ना उस से कोई बात करे....
पापा: अच्छा....
रजत: अगर उसके साथ मै गलत करूँगा तो आपका गुनेहगार हूँ मै...मै
उसके साथ कोई गलत बात नहीं करूँगा...न मुझे गलत बात करनी...ठीक
है...मै आपने आप नार्मल कर दूंगा...नार्मल होजाएंगे...वो भी
होजायेगी...मै भी होजाऊंगा....
पापा: हम्म्म्म....
रजत: मैंने कुछ गलत करा...न उसने कुछ गलत करा...जो भी गलती है...हम
आपस में सॉर्ट आउट करेंगे...कोई और नहीं कर सकता....
पापा: हम्म्म...लेकि...लेकिन ...___....
रजत: वो कल हमारी सॉर्ट आउट भी होगई...उसने मुझसे बात भी करी....सारी
बातें हुई...नार्मल होगई है वो......अभी उसने आपको फ़ोन करा है
या क्या करा है मुझे नहीं पता....
पापा: रा ही...सुनो....मेरेको तो अभी मालूम पड़ा है..रात ही फ़ोन आया था
वो....अ..बेटे के पास...उसके फ़ोन में कुछ ___ तो नहीं है....और
फिर उसने...उसको ...अ...सुबह ये फ़ोन आया की ऐसे..अ ....फिर
उसने..अ...अ...की रात को बताया की मेरेको मै अकेली हूँ, बहुत दर
लग रहा है...चले गए सब मुझे छोड़ छाड़ के...और....उसके बाद फिर
सुबह आया की उसने अपना हाथ काट लिया है और आपने ______.....
रजत: एक घंटे में ही आगया था वापसी छोड़ के...
पापा: कि वो...की मै....तेरे को फसा दूंगा....और सबको मार दूंगा जान
से....ये है वो है....
रजत: पापा मै क्यों फसाऊँगा उसे अगर वो मेरे को मारेगी तो
फसाऊँगा न उसे ....
पापा: नहीं नहीं रजत...ऐसा है रजत.....
रजत: जब वो मारेगी तो फसेंगी ....
पापा: रजत ऐसा है.....वो मेरेको एक चीज़ बताओ...आप खुद आपने आप ज़रा
ये ऐसे हल हो जायेगा?...
रजत: पापा मै ये...
पापा: ...जब आप के दोनों के बीच में इतना सब कुछ होगया है.....और
इतना आप लोग उस बिचारे लड़के का नहीं सोच रहे हो..मुझे दुःख
होता है, की आप काम से काम उस छोटी.. अ ... जान के लिए तो कुछ
सोचो....वोई आप दोनों का है..और किसी का बेटा नहीं है....
रजत: मेरी माँ भी तो है न...माँ भी तो है न...
पापा: माँ..माँ सबसे पहले...
रजत: भूल जाऊ अपनी माँ को ?....
पापा: माँ सबसे पहले है...
रजत: बस फिर...
पापा: आपकी माँ सबसे पहले है...
रजत: मै तो अपनी...मै तो अपनी माँ का देखूंगा फिर पहले...बाकी
सब बादमे है.... अह्ह्
पापा: सुनो सुनो....वो आपको देखना चाहिए....सुनो सुनो..सबसे पहले अपनी
माँ का ही देखना चाहिए....मै बिलकुल आपकी बात से सेहमत हूँ...
रजत: मै अपनी माँ को देखूंगा उसके बाद किसी और का देखूंगा
मेरे संस्कार ऐसे नहीं है....
पापा: अभी आप मुझे...आपने आप ये चीज़ बोल रहे हो...आपके भाई ने भी
आपकी मम्मी को रखना चाहिए...वो मना कर दिया.....
रजत: बिलकुल...बिलकुल....भाई की वाइफ ने करा....
पापा: तो....अगर इसका मतलब आप उसके लिए इतना सोच रहे हो तो....तो
कितनी अच्छी बात है...
रजत: भाई की वाइफ ने किया...मेरे भाई के वाइफ ने बोला है...वो क्या
है?....फ़ोन आपको?
रजत: नहीं...आपने तो कभी नहीं कहा मुझे....
पापा: एक मिनट....
रजत: ...दिए...आपकी बिटिया क्यों बोलती है?....फिर कहती है मेरी वजह
से दिया न तुमको पैसे....नहीं तो तुम्हारे पास...तुम्हारा उनसे क्या
मतलब....मैंने कहा बात तो तेरी ठीक है...तो मैंने कहा...मैंने
कहा भाई...काम ही तो करा है मैंने...कोई जुआ थोड़ी न खेला है....
पापा: नहीं नहीं बिलकुल ____ ये बात सुनो...एक मिनट...एक मिनट
आप....अभी अभी मेरीव बात सुनो...जब...वो इतना तंग करती है और वो
ये कहती है की...और आप भी कहते हो यहाँ से निकल जा ...हेलो....
रजत: जब वो कहती है...तो मैंने भी गुस्से में एक बारी कह
दिया....हाँ कहा है मैंने.....
पापा: तो फिर आप उसको जाने क्यों नहीं दे रहे?....___
रजत: मैंने नहीं जने दिया...
पापा: हैं?....
रजत: मैंने जाने नहीं दिया उसे...
पापा: आपने कहा न अगर तू..._____...तेरे को फसा लूंगा.....
रजत: ना...मैंने कुछ नहीं कहा है....मै तो कल हार के मैंने सबकुछ
करा...ये मेरी माँ को भी उसने नहीं रखा...मेरे भाई ने..किसी ने
कुछ नहीं करा...तो हरा हुआदमी क्या करेगा....तो मैंने आपकी
बिटिया तो थोड़ी न कुछ कहा है...मैंने आपने आप को हार्म करा
है....मैंने आपकी बिटिया को ये थोड़ी न कहाँ है...आप तो बातें
पकड़ रहे हो पापा....
पापा: हम्म्म...नहीं नहीं...नहीं नहीं....मै आप से जानना चाह रहा
हूँ...____....
रजत: मै अपना घर सीधा करना चाह रहा हूँ...अपना घर सीधा करना चाह रहा
हूँ....आप मेरी बातों को पकड़ रहे हो....
पापा: आप तो..रजत..मेरी बातों को...
रजत: मै किसी तरह अपनी बातों को सुलझाना चाह रहा हूँ...आप गुत्थी
उलझना चाह रहे हो…
पापा: मै उलझा नहीं रहा हूँ रजत...
रजत: वो मान भी गई...सारी बातें भी होगई...नार्मल भी होगया सब कुछ...अब
पता नहीं क्या हो रहा है....समझ ही नहीं आरहा....
पापा: अब...एक मिनट एक मिनट....इसका मतलब ये हुआ...___ की हमने फ़ोन
लढुं....किस से ना लढुं?
पापा: मुझे आप एक चीज़ बताओ....
रजत: मै....तो दो...मै तो दो गलियों...दो कतियों
में श्ति पैर रखा हूँ...इधर
भी इधर भी.....मैंने डूबना है मुझे पता है....मुझे इतना पता है
मुझे तो डूबना है....
पापा: रजत...रजत ऐसा होता है आप सुनो बेटा....अगर आप को ऐसा लागता है
मैंने आप को फ़ोन करके कोई गलती की है तो भैय्या हम आपसे
माफ़ी मांगते है...मै आज के बाद फ़ोन नहीं करूँगा....
रजत: पापा फिर आप की एक ही बात....पांच बारी बोल चुके हो आप इतनी सी
सेर में....मै कैसे...क्यों मांगोगे माफ़ी आप क्यों
मांगोगे....माफ़ी मै मांगूंगा....
पापा: अगर...अगर....तो फिर अगर कोई...तो फिर अगर...देखो अगर कोई बड़ा
आपको कुछ समझा रहा है....नहीं नहीं.....तो आप मुझे ये कह रहे
हो...मै तो आप से बात ही सफाई छह रहा हूँ....की अगर...मतलब ये
जो...ये भी तो है न की अगर कुछ तुम्हारी मम्मी को होता है, तो फिर
भी तो उसका वो ही हो गए न....मतलब उसी का होगा न...गलती सारी...तुम
कहोगे की तुम्हारे कारण होगया है....
रजत: जी....तो आप इस टाइम क्या चाहते हो पापा....ये सब क्या हो रहा
करते है?...
पापा: बिलकुल नहीं कहीं जान चाहिए.....बिलकुल....बिलकियल ठीक बात है....
रजत: आज मैंने अगर मनन को पैदा करा है तो किस लिए पैदा करा
है...बुढ़ापे में सहारा बनेगा...मेरी वाइफ का सहारा बनेगा.....ठीक
है न....
पापा: बिलकुल ठीक बात है....
रजत: मै उसको कैसे छोड़ दूँ?....मै नहीं छोड़ सकता...ये सब छोड़ने के
लिए तैयार है...मै नहीं छोड़ सकता....
पापा: मै...अ....मैंने ये क...आप हल्का सा मुझे गलत सोच रहे हो आप....
रजत: पापा आप को नहीं कह रहा मै.....इनको कह रहा हूँ...जो मेरे
आपने है....
पापा: कौन आपको ये बोलता है छोडो...
रजत: मेरा भाई भी...मेरी मेरी भाभी ने बोल दिया....के मै तुम्हारी मम्मी
यहाँ रहेंगी तो मै यहाँ नहीं रहूंगी....तो इसका मतलब वो क्या
चाहती है?.... क्या मीनिंग हुआ.....उधर से वो कहती है....
पापा: नहीं...वो नहीं
रजत: क्या मीनिंग हुआ?....जो भी कहती है.....इसका मतलब क्या
है?....
पापा: वो ये कहती है....मुझे यहाँ तक भी मालूम पड़ा है की बात हुई है
सारी उसकी माँ की....की भाई ये ऐसे ऐसे...मै ये आप से जानना
चाह रहा हूँ...की बात कहाँ तक ठीक है...की वो..अ....लड़कियों से बात
करता है...और मतलब फ़ोन पे on करके...
रजत: मैंने आपको उस डिंभी बोला था...मेरी बात नोट नहीं करी....आज कर
श्ते तो...आपकी जूती मेरा सर
लेना सर...आपका जमाई हूँ मै...रितेमें
गलत ______ ही.....नीचे बैठ जाऊंगा ज़मीन पे...मारते रहना जब
तक आपका दिल न भरे.....
पापा: हम्म्म...मुझे आप एक चीज़ बताओ...उसपे...भी जब आप.....
रजत: बस इस से बड़ी surety नहीं दे सकता मै....
पापा: ऐसी भी कु छ बात हुई थी की उस दिन जब आपने परेशान होकर ये कहा की तू घर से
निकल जा...और वो कह रही थी ठीक है मेरी फ्रेंड से बात चल रही
है मै अपनी फ्रेंड के यहाँ जा रही हूँ.....तो आपने उसके लिये
भी उसको मना कर दिया....की तू नहीं जाएगी....ऐसा कु छ...भी कहा था....
रजत: मैंने तो नहीं बोला.....उसने बोला मै अपनी फ्रेंड के यहाँ चली
जाउंगी सुबेरेह छे बजे उठ के...मैंने कहा चली जा...
पापा: नहीं आपने...नहीं तो आपने ये...ये....कहा की
रजत: ___ तो आपकी वाइफ...मम्मा दे रही है न मेरी....
पापा: क्या....क्या मतलब?
पापा: उसको?...
रजत: उसने आये..आये दिन तक तो नहीं बोला मुझे....छे साढ़े छे
सालों में...अब क्यों बोल रही है ये....
पापा: तो आपको ये लगता है की मतलब उसकी बात हो रही है....
रजत: देखो...मेरे को लगता है...हाँ बिलकुल लगता है....कहाँ
एक भी काम कर ले ?...हैं?
रजत: नहीं...कर नहीं सकती but अब पता नहीं ये अब अंदर कहा ____ अब
आपको भी न पता हो क्या पता...
पापा: ऐसे..मै...एक चीज़ बताओ...मैंने पैंतीस साल की वो की है... अ...
ठेकेदारी... और... मै.. और मै छत्तीसौ दुनिया को __________.....
करोडो इधर उधर के मैंने किये है काम...सारा....
रजत: ...हमे शा
जी...बिलकुल बिलकुल....हमे शा ....तैराकी ही डूबता है
पापाजी....
पापा: सुनो...सुनो....सारा का सारा लॉ डिपार्टमेंट...सारा सारा पुलिस
मेहकमा...सब के साथ मेरा वो है...पूरा...उठना बैठना...
रजत: बिलकुल...बिलकुल...जी..बिलकुल....बिलकुल अच्छी बात है....होना
भी चाहिए....
पापा: ....तो मै आपको लगता है यहाँ पे आके मै अपनी ये...वाइफ से वो
खा जाऊं गा.... मार... की ....इतनी होगई ...मेरी वो होगई...
रजत: नहीं नहीं....मार....ऐसा नहीं होता न...मै कह तो रहा हूँ.... डू बता वही है...जो
तैराकी होता है...
पापा: _____नहीं आपने किसी.....
रजत: डू बता वही है...जो तैराकी होता है...क्योंकि जो तैरना नहीं जानता वो
पानी के अंदर जायेगा ही नहीं....
पापा: नहीं नहीं..तो आप मुझे एक चीज़ बताओ....
रजत: मैंने बता तो दिया इतना बढ़िया.... उदहारण देदिया इस बात
का.....
पापा: अरे मै...सुनो रजत...
रजत: के जीवन मै ज़्यादा ट्रस्ट ही तो दिक्कत देता है न आदमी
को....
पापा: रजत ऐसा है...ये मेरी बात सुनो....हमारे घर से...सुनो मेरी बात
सुनो....तो मै...चलो anyhow आप के आगे मै कुछ बोलूंगा तो आप
कहोगे नहीं नहीं आप को विवास हीं होगा...
न श्वा
रजत: जी....नहीं नहीं...मै क्या बोलूंगा...आपको पूरा हक़ है...आप बड़े
हो..आप बोल सकते हो..और मेरा सुनना फ़र्ज़ है
पापा: लेकिन...लेकिन ये...
रजत: और आप मुझसे जवाब मांग सकते हो...और वो मुझे देना
पड़ेगा...नहीं दूंगा तो आप कहोगे की जवाब नहीं दे रहा मुझे....
पापा: नहीं नहीं...ऐसा...ऐसा होता है....अगर मै ये समझ रहा हूँ....की रजत को
समझ लेंगे तो....मुझसे बुरा...मुझसे बेवक़ूफ़ आदमी कोई नहीं
होगा....यही चीज़ अगर रजत समझ लेंगे तो रजत से बेवक़ूफ़
आदमी कोई नहीं है....
(आवाज़ क्लियर नहीं)
पापा: कोई सारी बात बोल देता है ...कोई वो रहता है ...चुप रहता है ....ना तो
आप बेवक़ूफ़ हो...और न मै....
रजत: हाँ ठीक है....बिलकुल....बिलकुल....
पापा: (आवाज़ क्लियर नहीं)
रजत: सब का अपना अपना नेचर है जी...कोई दबाता है...कोई बोल
देता है....
पापा: ठीक है न....तो मेरी बात ज़रा समझने की को शिशकरो...इसीलिए मै
आपके पास फ़ोन किया है...की इसको....अगर कुछ फैसला लेगा इस
मामले में...कोई भी...कोई भी आपका होगा...तो सब से पहले आप
दोनों..... अगर आप दोनों ही अपना बुरा भी ..वो करोगे..सोचोगे अपना
______...
रजत: हांजी...जी...जी...हांजी....बिलकुल....
पापा: तो ये...ये आप दोनों को फैसला करना है की क्या ठीक है क्या
गलत.....
रजत: पापा आप मेरी बात नहीं समझे....मै सिर्फ उस से कुछ नहीं
चाहता...
पापा: हममम....
रजत: मैंने उस से कुछ माँगा नहीं है...न उस से कुछ चाहा था....आज मै
छब्बीस तारिख से रोटी नहीं खा रहा हूँ घर पे....
पापा: हम्म्म...
रजत: आज कल...मैंने आज रोटी दोपहर में खाई है मैंने...और कल
ब्रेड खाया है मैंने उसके साथ बैठ के..... रात को...
पापा: हम्म्म....हम्म हम्म्म....
रजत: उस लडकी ने....मैंने जब मेरे हाथ पे मेरे लगी थी ...तो उस
नहीं तो फिर चैट डिलीट क्यों होती है? सिर्फ इतना बता दीजिये...
पापा: हम्म्म....हम्म हम्म्म हम्म्म्म.....
रजत: मम्मा की कॉल्स भी देलेटेड होती हैं.....व्हाट्सप्प...चार बार मै
देलेटेड डिटेल माँगा चूका हूँ....डिटेल्स पड़ी है...चार महीने की....ठीक
है, किसी को नहीं मिलती....
पापा: नहीं नहीं...मुझे आप एक चीज़ बताओ....हम्म्म हम्म्म हम्म्म
हम्म्म......
रजत: प्रीपेड नंबर की डिटेल, किसी को नहीं मिलती....मैनें वो भी
निकलवा रखी है....कौन इसके कितना टच में है...मुझे ये भी पता
है....लेकिन मै समय पे बात करूँगा.....मै अभी क्या पंगे लेने
गई.....क्या लिख रही हो? कह रही मै कुछ लिख रही हूँ सुसाइड का...
पापा: हैं!?....
रजत: सुसाइड का...मै कहा लिखो....मै इतने में किचन में गया...वहां पे
चाकू पड़ा हुआ था किचन में सब्ज़ी काटनी वाला...मेरे को गुस्सा
आया मैंने हाथ पे मार लिया...बस....इतनी सी बात है.....
पापा: हम्म्म.....हम्म्म....हम्म्म्म....
रजत: उसके बाद मैंने बोला....साक्षी... जो तुम मेरे साथ कर रही
हो....तुम्हारे साथ भी होगा....मुझे परे नकशा
रने वाला...कोई भी ठीक
शा ....
नहीं रहेगा.....मै आपने भाई की वजह से भी परे नहूँ
पापा: हम्म?...
रजत: ...आपने भाई से भी परे नथा
शा .....क्यूंकि मै मम्मा को छोड़ने गया
था....उसका बेहेवियर भी गलत था.....और भी मै कई लोगो से कुछ
शा .....अब ...वो कहती है ये है, ये है, ये है....अ...उसका तो
परे नहूँ
कोई जवाब ही नहीं है मेरे पास.....आप समझ रहे हो न मेरी बात
को....आदमी की कितनी परे नियां
होती शा है....वो समझ ही नहीं रही
इस बात को...
पापा: हम्म्म...हम्म्म......हम्म्म......
रजत: ...वो सीधा लेजाती है आपने ऊपर....
पापा: क्या?
रजत: ये ही बात....मैंने बोला मै तो मरूंगा मरूंगा....कई को साथ लेके
दिक्कत है??
हैं पहले ?
रजत: बिलकुल .... जी....
पापा: क्योंकि...अब आप लोग बड़े हो...matured हो....अब ये...अच्छा बुरा
आप को दोनों का क्या है...किस्मे आप का हित है...ये आप दोनों को
ही वो लेना पड़ेगा फैसला....
रजत: जी....जी जी...
पापा: बड़े तो आप को समझा सकते है....
रजत: बिलकुल बिलकुल....
पापा: और कोई भी आपके बुराई में नहीं होता...हमे शाकोई भी अगर
होंगे...तो आपके भलाई में हि होंगे....
रजत: आप ऐसा कह देना पापा....पापा आप ऐसा कह देना की मैंने रजत को
समझा दिया है... ठीक है?....मेरी तरफ से कोई शि कायतका मौका नहीं
मिलेगा आप को, मम्मा को बोल दो...उसको समझा दो....वो कुछ न करे...
एक बात ही नहीं है मेरी तो...बात की थी मैंने तो...मै आप को कह
रहा हूँ...मेरी तरफ से आपको शि कायतका मौका नहीं मिलेगा....
पापा: हम्म?...
रजत: मेरी तरफ से आपको कोई शि कायतका मौका नहीं मिलेगा......
पापा: नहीं...क्यूंकि...इसने यहाँ तक ये बताया होगा की भाई कल ही मालूम
पड़ी है...की ऐसे ऐसे भाई...की...की इतना परे नहोगई
शा हूँ ...की इतना
मुझे केहड़िया है की तेरे कारण सब कुछ होगया है......और तू चली
जा यहाँ से....जब से तू आई है तब से हमारा घर बर्बाद होगया
है....सब कुछ पैसा ख़तम होगया....सो मै कहती हूँ की ठीक है..नहीं
अब मेरी फ्रेंड से बात चल रही है...तो मै अपनी फ्रेंड के
साथ...के पास...चली जाउंगी...तो वो भी नहीं देते मु झे जाने
विवास
क्यों
श्वा नहीं करूँगा?...लेकिन बात ये होती है....की रजत कि
सुनते....तो कुछ और बात होती है…
रजत की माँ: मै तो सुन चुकी हूँ....
पापा: मेरी बात सुनिए...मेरी बात सुनिए.....
रजत की माँ: हांजी...हांजी....
पापा: कभी...रजत की बात सुनते है...कीउच्च और होती है....आपकी बात
सुनते है, फिर तो कुछ और होती है...उसकी बात सुनते है तो कुछ
और बात होती है....साक्षी का...मेर अकेहने का मतलब है मैंने
ये समझाया है उनको...मैंने कहा है रजत...आप मम्मी को लेके
जाओ.... मम्मी सब से पहले है....और अगर वो आपको कुछ ऐसा करती
है...अगर आपकी मम्मी के लिकए, तो आप मेरे को टेलीफोन कर
देना....
रजत की माँ: हाँ...हाँ....
पापा: लेकिन अगर आप दोनों का कोई झगड़ा होता है तो मै जिम्मेदार
नहीं हूँ....
रजत की माँ: हांजी....
पापा: आप..आप...ये मेरी बात समझ रहे हैं?....
रजत की माँ: हांजी...
पापा: लेकिन... और अगर आप लोग नहीं अपना रह सकते ढ़ंग
से....क्योंकि आपको फैसले आपने बार्रे में....आपने बच्चे के
बारे में सोचना चाइये की उसके ऊपर क्या वो है....असर
पड़ेगा....
रजत की माँ: जी...
पापा: अपने लिए नहीं तो काम से काम आपने बच्चे के लिए सोचो....अगर
आपमें...दोनों में थोड़ी सी भी समझ है....
रजत की माँ: हांजी...
पापा: तो...अब देखो...समझाया तो है लेकिन मै आपसे ये ही कहूंगा की
जाइये...आप घर पे जाईये....और जैसे ये रात को हुआ
है....क्योंकि जो मुझे मालूम पड़ा है...की वो रात को....रजत ने अपना
हाथ काट लिया....उसने...कहता की मै अपना सर फोड़ दूंगा....तेरे पे
झूठे इलज़ाम बता दूंगा....सब को मार दूंगा जान से...खुद भी मार
जाऊंगा.....मतलब जो ये आपको छोड़ने के बाद ये बातें हुई....
रजत की माँ: मुझे नहीं पता.....
पापा: हाँ.....मै जो बता रहा हूँ आपको....लेकिन...अब आप....देखो....रजत
जो मर्ज़ी कहे... या हम अब इस बारे में नही जायेंगे, लेकिन जो
हुआ है मै आपको बता दूँ....आपके आपके छोड़ के जाने के बाद....
और फिर आप को छोड़ने गए थे वो उसको भी ले गए...मनन को भी ले
गए ...सामान भी ले गए....तो वो लड़की घबरा गई.....की मै रात
को...अ...क्या करुँगी....
रजत की माँ: हांजी.........
पापा: तो....बारह साढ़े बारह बजे....साढ़े बारह बजे फोन आया....पौने
एक बजे के करीब.... जो भी है...
रजत की माँ: हम्म्म....
पापा: के ऐसे ऐसे..ये वाली बात है....फिर....उसका...खुद ही आया की रजत ने
अपन हात काट लिया....और ये है...मेरेको बता रहा था....तो...आप
मुझे एक चीज़ बताओ....जब ये ऐसी ऐसी बातें होंगी....
रजत की माँ: हम्म्म...
पापा: ...तो...की...ये चीज़.... ठीक तो है नहीं....बिलकुल भी....है तो चीज़ ये...
रजत की माँ: वो तो...वो तो ठीक नहीं रहा.....वो तो ठीक नहीं रहा...
पापा: मै वो ही आप से कह रहा हूँ...मै आपसे...सुनो...
रजत की माँ: लेकिन...हाँ...वो ठीक नहीं रहा...._____ (शब्द अस्पष्ट)....
पापा: लेकिन...इसके बारे में..सुनो....सुनो...
रजत की माँ: हांजी....
पापा: लेकिन मेरी बात आपसे ये है कहने का....की...कोई...इसको सही
सलाह नहीं देगा... जो की सलाह आप या हम देंगे...
रजत की माँ: नहीं दे रहा....आप दे सकते हो या मेरी मानता ही नहीं...क्या
करूँ मै....
पापा: सुनो..सुनो...तो इनको...मैंने तो इनको ये ही समझाया है....मैंने तो
ये समझाया है... की काम से काम और के लिए नहीं तो
आपने...बच्चे के लिए सोच लो....
रजत की माँ: डर जाता है बेचारा..... दादी दादी करके जैसे
हमे शा
चिल्लाते हैं....बच्चा डर जाता है.....क्या करूँ....
पापा: मै....मै आपसे...मै आपसे वो ही कह रहा हूँ....अगर इन दोनों में
थोड़ी सी भी समझ हुई.....तो....की..गलत बोलने से पहले....एक दुसरे
पे गुस्सा करने से पहले....आपने बच्चे के लिए...अ...सोच
लें....तो बिलकुल कोई गलत काम नहीं करेंगे....गरीबी या
अमीरी...चलती रहती है....कोई भी बड़ी बात नहीं है....घर में प्यार
होना चाहिए....तो बरकत ही बरकत है...
रजत की माँ: हांजी...हांजी...बिलकुल...हाँ...सुखी रोटी...सुखी रोटी...जो होती
है, वो भी पचती है...और कलेश न हो...कलेश न हो घर में...तो घर
पनपता है....
पापा: सूखी रोटी खेलोगे... सूखी रोटी खा लोगे तो भी....वो है....बरकत
है...अगर घर में कलेश न हो तो...मै...
रजत की माँ: तो घर में हर समय कलेश होगा, ना आदमी काम कर सकता है न
औरत कर सकती है.... न घर में लक्ष्मी आएगी.....ना कुछ आएगा.....
पापा: बस...बस बस....बस....
रजत की माँ: सबसे बड़ी बात तो ये है की कलेश ख़तम होये...
पापा: कलेश नहीं होना चाहिए...अमीरी हो या गरीबी....सब कुछ चलती
है....लेकिन...
रजत की माँ: सब कुछ...हाँ.....मेरी वो आज न....तबियत बड़ी खराब है...मेरे
को न चक्कर आरहे है... क्योंकि आज मैंने न्न दवाई नहीं खाई ....
पापा: अरे...वो देखो...जब वो...वो आपकी लाजमी है....आप एक माँ हो...
रजत की माँ: मेरे न बोहोत...
पापा: आप एक माँ हो..और माँ के लिए...अभी मुझे रजत ने बताया की शा यद
वो आपको भाई ने भी रखने से मना कर दिया....उसकी वाइफ कह रही
थी मै नहीं रखूंगी....
रजत की माँ: हीं करता...(?)....ये दोनों जो है ना...आपस
नहीं नहीं...ई नन शा
में....वो बोलती hai....ये भी बोलने लगती है....
पापा: हैंजी?
रजत की माँ: आपस में...आपस में....ये कह रही है...साक्षी कहती है की
भाभी बहुत अच्छी है... भाभी ने मेरे को कहा था की तुम्हारी माँ
लालचन है....बहुत लालची करती है....वो तो भाभी तो बहुत सही
है....मैंने तो कहा कोई लालच नहीं करा...मैंने क्या लालच कर
लिया...और किस चीज़ का लालच करुँगी....
पापा: नहीं...!....अभी मेरेको...अभी मेरेको....उसने ये बताया की शा यदवो
माने...शायद वो भाई और भाभी ने मना किया है आपको रखने के लिए...
रजत की माँ: सुनो...मेरे घर में....सुनो...मना इसीलिए किया...हाँ वो उसने
ये कहा...की रजत छोड़ गया है....मतलब उस....
पापा: नहीं मैंने कहा है उसको...रजत को...मैंने कहा रजत तू अपनी माँ
को लेके जाओ अपनी मम्मी को लेके जाओ वहां पर...
रजत की माँ: रजत को...छोड़ दिया...वो मेरे को कहेगी...उसने रख
लिया...मतलब दोनों ही बोलती है... मतलब दोनों ही बोलती हैं...रा.....
पापा: नहीं...मै ये कह रहा हूँ...मै ये कह रहा हूँ....की आप बिलकुल वहां
जाओ आप...अगर आप...बिलकुल वहां जाओ....आप उधर जाओ बिलकुल
आपने उस से...और कोई दिक्कत नहीं है...कोई भी कुछ नहीं
है...लेकिन मै फिर आप को ये चीज़ करूँगा...की... अगर तो....इनमे
कुछ समझ आती है...फिर तो ठीक है...
रजत की माँ: हांजी....
पापा: Otherwise ...ऐसे अगर रोज़ रोज़ ये ऐसी बातें करेंगे तो...
रजत की माँ: हाँ.....अच्छा नहीं है.....इतनी देर होगई है....अभी तो समझना
चाहिए....
पापा: अच्छा नहीं...हाँ...गाड़ी क्या...हाँ हाँ ....लेकिन आप..आप...वहां
जाओ...और मैंने रजत को ये ही कहा है...की अगर....कोई ऐसी बात
होती है.....
रजत की माँ: आपने...तो देखो...इतना समझाने की को शिशकरी....न बोल के
भी को शिशकरी... की हम तेरे साथ नहीं बोलते....तो भी नहीं....और
क्यों जाओगे?
रजत की माँ: नहीं...जान तो नहीं चाहिए...लेकिन....जब सब बातें...लड़ाई
होती है...वो होता है....तो मै तो नहीं जा सकती न....
पापा: नहीं नहीं.....हेलो....
रजत कि माँ: हांजी....
पापा: मै...आपको इतना असुरे कर सकता हूँ की अगर अब कोई साक्षी की
तरफ से आपको एक परसेंट भी वो करती है....तंग....मेरी बात आप
सुन लीजिये....ये बात...आपमें मेरे में और रजत में
रहेगी....तो आप प्लीज मेरेको टेलीफोन करना....हम इसको बिलकुल
वो कर लेंगे...अलग....
रजत की माँ: ठीक है...आपने मुझे पहले दिन में बोला है...की आपको कोई
परे नकशा
रे तो आपने
पापा: अगर..अगर इसको....इसको हमें...अगर....अगर इसको हमें तलाक़ भी
दिलाना पड़े...तो हम तलाक़ दिलवा देंगे.....लेकिन हम आपके पास
नहीं रखेंगे.... अगर इसने आप को वो किया..परे ननशा
...तो फिर
इससे जहाँ मर्ज़ी जान जाये....क्योंकि मै
उसका...क्योंकि..क्योंकि...मेरे लिए माँ बाप वगेरा बहुत ज़रूरी है
हमें ऐसे संस्कार मिले है....
रजत की माँ: ठीक...ठीक....
पापा: आप...ये बात.....आप मेरी बात सुन रहे है?...
रजत की माँ: जी...हांजी हांजी......
पापा: मै आप लोगो से हाथ जोड़ के...हाथ जोड़ के...वो कर रहा हूँ...विनती
कर रहा हूँ... आप वहां जाओ...कोई दिक्कत नहीं है...लेकिन मुझे जो
बात आप से मालूम पड़ी है वो कुछ और मालूम पड़ी है जो मैंने
बताया ....जिसके लकिये मैंने आपको फ़ोन किया था....
रजत की माँ: हांजी....ठीक है...मै...
पापा: की ऐसे ऐसे...रजत ने हाथ काट लिया की जी मै आपको...अ...
रजत की माँ: ठीक है ठीक है....
पापा: मै आपको फसा दूंगा...मै ये तेरेको मार दूंगा....मै खुद मार
जाऊंगा....और बाकी औरो को भी मार दूंगा...
रजत की माँ: हाँ.....हांजी.....ये कोई....मतलब बहुत....
पापा: और वो लड़की को भी .... मुझे....रात को अकेले छोड़ गए...बिलकुल
यहाँ पर सारे चले गए तीनो...तो वो...
रजत की माँ: ___ समझेंगे दोनों....दोनों ही समझे....तो ____ लेके....
पापा: तो अब आप जाइये वहां पर...
रजत की माँ: ठीक है...
पापा: अब आप....इसको वहां पर जाओ...शाम को अगर कु छ भी ऐसी बात कोई बात होती
है आगे अगर आप को तंग करती है...कुछ भी ऐसी बात होती है तो
बिलकुल टेलीफोन कर देना...
रजत की माँ: ठीक है...ठीक है....
पापा: इसका डिव...डाइवोर्स...करा देंगे....
रजत की माँ: ठीक है..ठीक है....
पापा: जाइये आप जाइये....देना ज़रा रजत को जी....
रजत: पापा...
पापा: रजत...
रजत: हांजी पापा....
पापा: मैंने आपकी मम्मी जी को ये बोला है की आप बिलकुल जाओ वहां
पर...
रजत: ठीक है...
पापा: अगर कोई भी ऐसी बात होती है....देखो...अगर आप दोनों का झगड़ा है
आपस में... उसके लिए तो हम आपको समझा सकते हैं...कुछ कर
नहीं सकते....
रजत: ठीक है....हम्म....
पापा: लेकिन अगर आप की मम्मी को परे नकशा
रती है...तो आपकी मम्मी
मेरे को ... मेरे को टेलीफोन करेगी और किसी को नहीं....इसको
आपसे वो कर दिया...बिलकुल नहीं रखेंगे इसको आपके पास और
इसको जहाँ जाना है वहां जाये....अगर आपकी मम्मी को परे ननशा
करती है....
रजत: ठीक है...ठीक है....ठीक है...ठीक है...और कुछ भी नहीं चाहिए
पापाजी मेरे को....
पापा: ठीक है जी....
रजत: मै काम..काम...मै काम निकालना चाहता हूँ...मै...अब कुछ कमा के
आप सब कुछ आपके भी देने है सारा काम करना चाहता हूँ...
पापा: लेकिन लेकिन....
रजत: मेरेको फ्री माइंड छोड़ दे ये....मै काम करना चाहता हूँ...मै काम
करूँगा....मैंने ड्रिंक करनी भी बंद कर दी...हफ्ते में एक दिन
मै...एक आधे दिन कभी करता हूँ तो करता हूँ....वो भी ये गुस्सा
दिलाती है तब जाता हूँ घरसे बहार.... Otherwise ...मैंने बंद
करदिया है सब कुछ...मैंने...जो आपने कहा था की बातों को फॉलो
करू...लेकिन...अभी मै इतना परे नहोजाता
शा हूँ न....मेरे पास कोई
हल ही नहीं रहता किसी चीज़ का...
पापा: हम्म्म...लेकिन...अगर...मैंने आप को कह दिया है...आपकी मम्मीके
साथ हम खड़े है
रजत: हीं है...मै....
मेरेको कभी भी कोई परे नीन शा
रजत: लेकिन...लेकिन...सुनो....लेकिन....अगर आप दोनों का झगड़ा
है तो देखो...
रजत: हांजी हनजी हांजी....
पापा: ...तो....हम्म नहीं है...क्योंकि...वो नापको देखना है अपना...क्योंकि
देखो...
रजत: बिल्कुल...बिलकुल...
पापा: क्योंकि मै आपको बताऊ जी...देखो....अगर आप अपना हाथ काटो या
धमकी दो या उसको अके ला छोडो...वो आप की गलती है...मै आपको
रजत: नहीं नहीं...नहीं...पापा मै तो... आपको बता दिया....अपनी आपबीती