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पाठ: रथचक्र (कहानी)

लेखक: हहमाांशु जोशी


हिखने के उद्देश्य: (Learning Objectivs):
• कहानी द्वारा संवेदनशीलता की भावना जगाना |
• पश्च्याताप, क्षमा-याचना की भावना ववकवसत करना |
• समय के महत्व और पररवथिवतयों के अनसु ार कायय करने की भावना ववकसाना |
• गरुु के प्रवत सम्मान की भावना ववकवसत करना
• लेखन-पठन कौशल का ववकास करना |
कहठन शब्द: चीड़ चोहियााँ
धुाँधल हर्ष-हिर्ाद
हिहरन-िी कागज़-िा
स्िगषिाि मत्ृ यु
स्महृ ि आकहस्मक
अल्मोड़ा लूि-खिोि
पररश्रम छुरियााँ
िजीफ़ा पदोन्नहि
हज़ांदगी स्िेशन
यद्ध
ु महु ििाहहनी
िज्रपाि अिह्य
हज़क्र गड्ढे
भािाथष/िाराांश:
समय सदा एक -सा नहीं रहता | सप्रु वसद्ध किाकार वहमाश
ं ु जोशी की इस कहानी में बताया गया
हैं वक जीवनचक्र भी रि के पवहए के सामान है जो सदा चलता रहता है | व्यवि भी समय और पररवथियों
के अनसु ार कायय करने को बाध्य होता है |
प्रश्नों के उत्तर:
मौहखक-
प्रश्न:१. कहानी में ‘मैं’शब्द का प्रयोग वकसके वलए हुआ है ?
उत्तर: कहानी में ‘मैं’ शब्द का प्रयोग छोटे भाई जीतू के वलए वकया गया है जो इस कहानी का नायक है |
प्रश्न:२. बड़े भैया ने जीतू से क्या कहा ?
उत्तर: बड़े भैया ने जीतू से कहा, “ पढ़ाई के वलए मेरे अल्मोड़ा जाने के बाद घर की देखभाल करना और
बाबा को कारोबार में सहयोग देना |”
प्रश्न:३ बड़े भाई की अनपु वथिवत में छोटा भाई गााँव में क्या-क्या करता िा ?
उत्तर: बड़े भाई की अनपु वथिवत में छोटा भाई जीतू थकूल जाता | घर , खेत और दक
ु ान का काम भी
साँभालता िा | खाली समय में वह अपनी पढ़ाई भी करता िा |
प्रश्न:४ बड़े भैया की मृत्यु कै से हुई ?
उत्तर: बड़े भैया फ़ौज में भरती हो गए िे और मेजर के पद पर पहुचाँ गए िे | बााँग्लादेश के मोचे पर लड़ते-
लड़ते उन्होंने वीरगवत प्राप्त की िी |
लिखित:

प्रश्न: क) रिचक्र शब्द से लेखक का क्या तात्पयय है?


उतर: इस कहानी में ‘रिचक्र’ शब्द से लेखक का तात्पयय जीवनचक्र से है | वजस प्रकार रि का पवहया
वनरंतर घमू ता रहता है उसी प्रकार यह जीवन रूपी चक्र भी सदा चलता रहता है |वकसी भय, कष्ट या
वप्रयजन से वबछोह होने पर भी जीवन रुकता नहीं है |
प्रश्न: ख) ‘वजनपर पौधे अब मझु े रोपने हैं’- इन शब्दों द्वारा लेखक क्या कहना चाहते हैं ?
उत्तर: ‘वजनपर पौधे अब मझु े रोपने हैं’-इन शब्दों द्वारा कहानी का नायक थवयं को अपने कतयव्य का बोध
करा रहा है | किा-नायक को पररवार के प्रवत अपने उत्तरदावयत्व का बोध है; वजस प्रकार वपता की
असामवयक मृत्यु के बाद उसके दादा जी ने उसे और उसके भाई-बहनों को पाला है उसी तरह उसे भी
अब अपने भाई के ब्चों का पालन-पोषण करना है |
भार्ा ज्ञान

पयाययवाचक शब्द वलखो- श्रम – मेहनत, पररश्रम बगीचा – बाग़, उपवन

पाठशाला – थकूल, ववद्यालय ओहदा – पद,पदवी

ववलोम शब्द - सायास x अनायास मेज़बान x मेहमान

ववथमृवत x थमृवत शांवत x अशांवत

ववषाद x हषय ववफल x सफल

हावन x लाभ जीवन x मृत्यु


वणय-वव्छे द कीवजए –
थमृवतयााँ - स् + म् + ऋ + त् + इ + य् + आाँ
ग्राहक – ग् + र् + आ + ह् + अ + क् + अ
थपष्ट – स् + प् = अ + ष् + ट् + अ
अथपताल – अ + स् = प् + अ + त् + आ = ल् + अ
सवं ध-वव्छे द कीवजए-
सवोदय – सवय + उदय वावषयकोत्सव - वावषयक + उत्सव
पदोन्नवत - पद + उन्नवत महोत्सव – महा + उत्सव
सवोत्तम - सवय = उत्तम लोकोवि – लोक +
गह
ृ कार्य–
हकिी एक ऐिे व्यहि के हिर्य में बिाइए हजिने प्रहिकूल पररहस्थहियों में िफलिा प्राप्त
की हो |
पूिष राष्ट्रपहि अब्दुल कलाम अथिा मांशी प्रेमचांद जी
NOTE: (इस प्रश्न का उत्तर छात्रों को A4 sheet paper पर संदु र अक्षरों वलखना होगा
वचत्र सवहत) [ Do this Activity on A4 sheet paper]

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