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-33004/99
सी.जी.-डी.एल.-अ.-30112023-250313
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CG-DL-E-30112023-250313
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असाधारण
EXTRAORDINARY
भाग II—खण्ड 3—उप-खण्ड (ii)
PART II—Section 3—Sub-section (ii)
प्राजधकार से प्रकाजित
PUBLISHED BY AUTHORITY
में 4 इं च व्यास के 25 बोर होल र्ा भूकंपीर् सवेक्षण के मामले में प्रजत वगा दकमी में 6.5 इं च व्यास के 80 िॉट होल
के सवेक्षण और जिललंग के जलए प्रस्ट्ताजवत समस्ट्त क्षेत्र में 100 वृक्षों की कटाई िाजमल नहीं है। 100 से अजधक वृक्षों
की कटाई और/र्ा प्रजत 10 वगा दकमी में 4 इं च व्यास के 25 से अजधक बोर होल र्ा प्रजत वगा दकमी में 6.5 इं च व्यास
के 80 से अजधक के िॉट होल की जिललंग वाले प्रस्ट्तावों के जलए उक्त अजधजनर्म के तहत कें द्रीर् सरकार का पूवा
अनुमोिन अपेजक्षत होगा।
3. पेरोजलर्म खनन पट्टों की िु़िी उन अन्वेषणात्मक जिललंग, जिसके पररणामस्ट्वरूप न तो वन भूजम उपर्ोग में स्ट्थार्ी
पररवतान होता है और न ही हाइिोकाबान का उत्पािन, को उक्त अजधजनर्म की धारा 2 की उप-धारा (2) के
प्रावधानों से छू ट िी िाएगी।
4. राज्र् सरकार और संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन प्रस्ट्ताव के आवेिन को प्रस्ट्तुत करने के जलए मंत्रालर् द्वारा जवकजसत
मौिूिा प्रपत्रों का उपर्ोग करेंगे और ऐसे प्रस्ट्तावों के अनुमोिन हेतु कार्ावाही उक्त अजधजनर्म की धारा 2 की
उपधारा (2) के अनुसार पररवेि पोटाल पर की िाएगी।
5. संरजक्षत क्षेत्रों िैसे राष्ट्रीर् उद्यानों, वन्र्िीव अभर्ारण्र्ों, बाघ ररिवों, बाघ गजलर्ारों आदि में खजनिों के खनन के
जलए कोई सवेक्षण नहीं दकर्ा िाएगा। खनन के अलावा अन्र् जवकासात्मक पररर्ोिनाओं के जलए संरजक्षत क्षेत्रों में
सवेक्षण, स्ट्थार्ी सजमजत, राष्ट्रीर् वन्र्िीव बोडा की पूवा अनुमजत र्ा इस संबंध में कें द्र सरकार द्वारा िारी
दििाजनिेिों के अनुसार दकर्ा िाएगा।
6. राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन प्रस्ट्तावों को प्राप्त करने और स्ट्वीकार करने तथा उक्त अजधजनर्म के तहत
भूजम हस्ट्तांतरण से संबंजधत मामलों को जनपटाने वाले नोडल अजधकारी के माध्र्म से उन पर कार्ावाही और प्रधान
मुख्र् वन संरक्षक, वन बल प्रमुख र्ा दकसी अजधकारी, जिसे अनुमोिन प्रिान करने के जलए राज्र् सरकार र्ा संघ
राज्र् क्षेत्र प्रिासन द्वारा अजधकृ त दकर्ा िा सकता है, का अनुमोिन प्राप्त करने के जलए के जलए, कम से कम उप वन
संरक्षक रैं क के अजधकारी को अजधकृ त कर सकता है।
7. सवेक्षणों में वृक्षों की कटाई िाजमल होने के मामले में, िैसा दक ऊपर जनर्िाष्ट दकर्ा गर्ा है, प्रर्ोक्ता एिेंसी 10 वषों
के जलए ऐसे पौधों के रखरखाव की लागत के साथ-साथ प्रजत बोर होल 100 वृक्ष की अजधकतम सीमा तक वृक्षों के
वनीकरण की लागत का भुगतान करेगी। राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन, िैसा भी मामला हो, र्ह
सुजनजश्चत करेगा दक पौधों को पररत्र्क्त बोर-होल क्षेत्रों र्ा अवक्रजमत वन भूजम पर कार्ा र्ोिना में दिए गए
जवजनिेिों के अनुसार लगार्ा िाए।
8. भूकंपीर् सवेक्षणों के मामले में, प्रर्ोक्ता एिेंसी िॉट होल साइट के पास िो लंबे पौधों के रोपण की लागत के साथ-
साथ 10 वषों के जलए ऐसे पौधों की रखरखाव लागत का वहन करे गी। राज्र् सरकार र्ह सुजनजश्चत करे गी दक वसूली
गई धनराजि का उपर्ोग कार्ा र्ोिना के जवजनिेिों के अनुसार अवक्रजमत वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण को संपूररत करने
के जलए दकर्ा िाएगा।
9. वन भूजम के जवखंडन संबंधी सवेक्षणों के संबंध में जनवल वतामान मूल्र् (एनपीवी) वसूला िाएगा और बोर होल के
प्रभाव क्षेत्र, िो प्रजत बोर होल 0.1 हेक्टेर्र पार्ा गर्ा है के आधार पर राज्र् कै म्पा के खाते में िमा दकर्ा िाएगा,
प्रस्ट्ताव प्रस्ट्तुत करते समर् प्रर्ोक्ता एिेंसी द्वारा प्रजत बोरहोल 0.1 हेक्टेर्र क्षेत्र से दकसी भी जभन्नता के बारे में
सूजचत दकर्ा िाएगा।
10. प्रर्ोक्ता एिेंसी से वसूले गए प्रजतपूरक िुल्कों को राष्ट्रीर् प्रजतपूरक वनीकरण जनजध प्रबंधन और र्ोिना प्राजधकरण
द्वारा प्रबंजधत संबंजधत राज्र् र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन के राज्र् प्रजतपूरक वनीकरण जनजध प्रबंधन और आर्ोिना
प्राजधकरण के खाते में िमा दकर्ा िाएगा।
11. उक्त अजधजनर्म की धारा 2 की उप-धारा 1 के खंड (ii) के तहत खजनि जनष्कषाण के जलए समान वन भूजम के
अपवतान हेतु अनुमोिन प्राप्त दकए िाने के मामले में एनपीवी की लागत के जलए वसूली िाने वाली धनराजि,
अप्रजतिेर् होगी और िमा की गई एनपीवी की उक्त धनराजि को लगाए िाने वाले अनुमाजनत एनपीवी के साथ
समार्ोजित दकर्ा िाएगा।
12. वन भूजम के भूजम उपर्ोग में दकसी भी स्ट्थार्ी पररवतान की अनुमजत नहीं िी िाएगी। सवेक्षण कार्ाकलापों को
प्रर्ोक्ता एिेंसी द्वारा अस्ट्थार्ी रूप से दकर्ा िाएगा और सवेक्षण पूरा करने के बाि, वन भूजम का पुनरूद्धार दकर्ा
िाएगा और इसकी मूल जस्ट्थजत में बहाल दकर्ा िाएगा।
[भाग II—खण्ड 3(ii)] भारत का रािपत्र : असाधारण 3
13. प्रर्ोक्ता एिेंसी मिीनरी और सामजग्रर्ों के पररवहन के जलए मौिूिा वन स़िकों का उपर्ोग करे गी और वन क्षेत्रों में
सवेक्षण करने के जलए वन क्षेत्र में प्रर्ोक्ता एिेंसी द्वारा दकसी नवीन र्ा नई स़िक का जनमााण नहीं दकर्ा िाएगा।
स़िकों की अनुपलब्धता के मामले में, प्रर्ोक्ता एिेंसी, मैनुअल रूप से मिीनरी और सामग्री का पररवहन सुजनजश्चत
करे गी।
14. प्रर्ोक्ता एिेंसी कार्ा के प्रारं भ होने से पूवा समस्ट्त वन क्षेत्र में पूवेक्षण/अन्वेषण/भूकंपीर् सवेक्षण हेतु राज्र् सरकार
अथवा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन के नोडल अजधकारी, िैसा भी मामला हो, को जवस्ट्तृत प्रचालन र्ोिना प्रस्ट्तुत करेगी।
15. प्रर्ोक्ता एिेंसी िो वषा की अवजध के अंिर सवेक्षणों को िुरू और पूरा करे गी। प्रर्ोक्ता एिेंसी द्वारा िो वषा की
अवजध के अंिर सवेक्षण कार्ा िुरू र्ा पूरा नहीं दकए िाने के मामले में राज्र् र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन द्वारा दिए
गए अनुमोिन को रद्द माना िाएगा और वन भूजम का कब्िा स्ट्थानीर् वन जवभाग द्वारा ले जलर्ा िाएगा। तथाजप,
राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन, प्रर्ोक्ता एिेंसी द्वारा पररर्ोिना के िुरू र्ा पूरा होने में जवलंब के जलए
वैध और िोस कारण प्रस्ट्तुत करने के अध्र्धीन इस अवजध को एक और वषा तक बढा सकते हैं।
16. उक्त अजधजनर्म के उल्लंघन से संबंजधत सवेक्षण प्रस्ट्तावों पर जनम्नानुसार कारा वाई की िाएगी :
(i) उक्त अजधजनर्म के उल्लंघन से संबंजधत वन भूजम के सवेक्षण, उक्त अजधजनर्म की धारा 2 की उप-धारा
(2) के उपबंधों के तहत िाजमल नहीं दकए िाएंगे और ऐसे प्रस्ट्तावों को अजधजनर्म के तहत कें द्र सरकार के
कार्ोत्तर अनुमोिन हेतु प्रस्ट्तुत दकर्ा िाएगा :
बिते दक ऐसे प्रस्ट्ताव, जिनमें उक्त अजधजनर्म की धारा 2 की उप-धारा (2) के तहत राज्र्
सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन स्ट्तर पर जवचाराधीन अनुमोिन के िौरान, पररर्ोिना कार्ा िुरू करके
प्रर्ोक्ता एिेंसी द्वारा र्दि उल्लंघन दकर्ा िाता है, राज्र् र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन द्वारा मंत्रालर् द्वारा
िारी संगत दििाजनिेिों के अनुसार िंडात्मक उपबंधों के अध्र्धीन होंगे।
(ii) क्षेत्रीर् कार्ाालर् र्ा उनके उप-कार्ाालर्, राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन, जिनके अजधकार क्षेत्र में
उक्त अजधजनर्म के उल्लंघन से संबंजधत प्रस्ट्ताव आता है, उक्त अजधजनर्म की धारा 3क और 3ख के
उपबंधों और इस संबंध में कें द्रीर् सरकार द्वारा िारी संगत दििाजनिेिों के अनुसार उल्लंघनकतााओं के
जवरूद्ध कानूनी कारा वाई करेंगे।
17. राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन, िैसा भी मामला हो, वन क्षेत्रों में सवेक्षणों के जलए अनुमजत पर जवचार करने
से पूवा, ऐसे सवेक्षणों पर र्था लागू अन्र् सभी अजधजनर्मों और उनके तहत बनाए गए जनर्मों के उपबंधों की पूर्ता और
अनुपालन सुजनजश्चत करेगा।
18. वन क्षेत्रों में सवेक्षण संचाजलत करने के जलए िी गई अनुमजतर्ों से संबंजधत जवजभन्न प्राजधकरणों की कार्ावाजहर्ों िैसे
बैिकों के कार्ावृत्त, प्रिान दकए गए अनुमोिनों की प्रजतर्ां, प्रर्ोक्ता एिेंसी द्वारा प्रस्ट्तुत जनगरानी ररपोटा आदि का
ब्र्ौरा संबंजधत राज्र् सरकारों र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासनों द्वारा पररवेि पोटाल पर अपलोड दकर्ा िाएगा।
19. राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन और प्रर्ोक्ता एिेंसी प्रत्र्ेक वषा कम से कम एक बार वन भूजम के उपर्ोग
की अनुमजत िेते समर् लगाई गई ितों के अनुपालन की जनगरानी करेंगे और ऐसी जनगरानी ररपोटा की एक प्रजत
भजवष्र् के संिभों के जलए पररवेि पर अपलोड की िाएगी। इस प्रकार की जनगरानी के िौरान र्दि ितों के अनुपालन
में कोई कमी पार्ी िाती है, तो उसे इस संबंध में के न्द्रीर् सरकार द्वारा िारी संगत दििा-जनिेिों के अनुसार
सुधारात्मक उपार् करने के जलए संबंजधत प्राजधकाररर्ों के ध्र्ान में लार्ा िाना चाजहए।
20. भारतीर् वन अजधजनर्म, 1927 (1927 का 16), स्ट्थानीर् वन अजधजनर्म र्ा वन (संरक्षण एवं संवधान) अजधजनर्म,
1980 से संबंजधत दकसी मुद्दे के कारण मुकिमेबािी र्ा न्र्ार्ाधीन वन भूजम संबंधी प्रस्ट्तावों पर ऐसे मामलों में
पाररत न्र्ार्ालर्ों/अजधकरणों के आिेिों के अनुसार कारा वाई की िाएगी।
21. सवेक्षण हेतु उपर्ोग की िाने वाली प्रस्ट्ताजवत वन भूजम की जवजधक जस्ट्थजत अपररवर्तात रहेगी।
22. राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र, उक्त अजधजनर्म की धारा 2 की उप-धारा (2) के तहत दिए गए अनुमोिनों की एक
प्रजत उपलब्ध कराएंगे और मंत्रालर् के क्षेत्रीर् कार्ाालर् र्ा कें द्रीर् सरकार द्वारा सूचना, अजभलेख और जनगरानी हेतु
मांगे िाने पर प्रस्ट्तावों और ऐसे आिेिों का ब्र्ौरा भी प्रस्ट्तुत करें गे।
4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]
23. मंत्रालर् का क्षेत्रीर् कार्ाालर्, राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र द्वारा प्रिान की गई उपलब्ध सूचना के आधार पर र्ा
पररवेि पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, उक्त अजधजनर्म के संगत उपबंधों के अनुपालन हेतु ऐसे प्रस्ट्तावों र्ा कार्ों
की जनगरानी और उसके तहत कारा वाई कर सकता है।
24. कें द्रीर् सरकार, उक्त अजधजनर्म की धारा 3(ग) के तहत राज्र् सरकार र्ा संघ राज्र् क्षेत्र प्रिासन र्ा दकसी भी
संगिन को उक्त अजधजनर्म के कार्ाान्वर्न के जलए स्ट्पष्टीकरण र्ा जनिेि, िो भी इन दििाजनिेिों के संबंध में
आवश्र्क हो, िारी कर सकती है।
[फा. सं. एफसी - 11/61/2021-एफसी]
रमेि कु मार पाण्डेर्, वन महाजनरीक्षक
forest areas, shall be uploaded on the PARIVESH portal by the State Governments or the Union territory
Administration.
19. The State Government or Union territory Administration and the user agency shall monitor, at least once in
every year, the compliance of conditions imposed while allowing the non-forestry use of forest land and a copy
of such monitoring report shall be uploaded on PARIVESH portal for future references. Non-compliances, if
any, observed during such monitoring, should be brought to the notice of the concerned authorities for
undertaking remedial measures as per the relevant guidelines issued by the Central Government in this regard.
20. The proposals on forest land under litigation or sub-judice on account of an issue pertaining to the Indian Forest
Act, 1927 (16 of 1927), Local Forest Act or said Adhiniyam shall be dealt as per the judgements or orders of the
Courts or Tribunals in such cases and the date of applicability of the Adhiniyam in such lands shall be in
accordance with the direction, if so, passed by the Courts/Tribunals.
21. The legal status of the forest land proposed to be used for survey shall remain unchanged.
22. The State Government or Union territory Administration shall provide a copy of the approvals given under
sub-section (2) of section 2 of the said Adhiniyam and shall also furnish, the details of proposals and such
orders, as and when sought by the Central Government for information, record and monitoring.
23. The Regional Office of the Ministry, based on the available information provided by the State Government or
Union territory Administration or as available on PARIVESH portal, can carry out monitoring of such proposals
or works for compliance of relevant provisions of the said Adhiniayam and action taken thereunder.
24. The Central Government under section 3C of the said Adhiniyam may further clarify or issue directions to the
State Government or Union territory Administration or to any organisation, as may be necessary with respect to
these guidelines, for the implementation of the provisions of the said Adhiniyam.
[F. No. FC-11/61/2021-FC]
RAMESH KUMAR PANDEY, Inspector General of Forests
Uploaded by Dte. of Printing at Government of India Press, Ring Road, Mayapuri, New Delhi-110064
and Published by the Controller of Publications, Delhi-110054. SARVESH KUMAR
Digitally signed by SARVESH
KUMAR SRIVASTAVA
SRIVASTAVA
Date: 2023.11.30 11:49:00 +05'30'