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समग्र बु क ससरीज Test - 03

1. राष्ट्रवाद के संदर्भ में; निम्ननिखित कथि ं पर नवचार उपर ि पररच्छे द के संदर्भ में ; निम्ननिखित में से
करें : कौि सा सही नवकि है ?
1. राष्ट्रवाद से राष्ट्र राज्य(Nation-State) की (a) अरनबं द घ ष (b) बाि गं गाधर नतिक
स्थापिा ह सकती है । (c) रवीन्द्रिाथ टै ग र (d) बं नकम चंद्र चटजी
2. स्थािीय ब नियााँ और निष्ठा, राज्य निष्ठा और 4. निम्ननिखित में से कौि बहुिवाद का एक महत्वपू णभ
आम र्ाषा में बदि जाती है । घटक है ?
3. हमेशा क्षेत्र का एकीकरण सुनिनित करता है । (a) एक संस्कृनत और एक राज्य
4. शखि, ताकत और पहचाि की र्ाविा क (b) समाि नवशेषताओं वािा राष्ट्र
बढावा दे ता है ।
(c) सां स्कृनतक पहचाि की रक्षा करिे वािे
उपर ि कथि ं में से कौि सा/से सही है /हैं ?
सामूनहक अनधकार और प्रनतनिनध नवधायी
(a) केवि 2 और 3
निकाय
(b) केवि 1, 3 और 4
(d) सरकार का बहुसंख्यकवादी स्वरूप ज
(c) केवि 1, 2 और 4
ि कतां नत्रक ढं ग से निवाभ नचत ह ता है
(d) 1, 2, 3 और 4
5. ि कतंत्र के अं तगभ त एक राष्ट्र राज्य के घटक के
2. निम्ननिखित में से कौि सा कथि "राष्ट्र " शब्द की
संबंध में निम्ननिखित कथि ं पर नवचार करें :
सही व्याख्या करता है ?
1. आिनिणभय का अनधकार
(a) ऐसा राज्य ज संवैधानिक रूप से निवाभ नचत
2. सामान्य सां स्कृनतक नवचार, नवश्वास और
सरकार द्वारा चिाया जाता ह ।
सामानजक पहचाि वािे समुदाय की नवनशष्ट्
(b) कखित समुदाय, ज सामूनहक मान्यताओं,
नवशेषताओं का बनहष्कार
आकां क्षाओं और कििाओं द्वारा एकजुट
ह ता है। 3. दानयत्व ं के समुच्चय से बं धी साझा प्रनतबद्धता

(c) संप्रर्ु सरकार, संगनित जिता और निनित क्षेत्र 4. समािता, स्वतंत्रता और धमभनिरपेक्षता सनहत
द्वारा क्षेत्र का गिि ह ता है । साझा मूल् ं और नसद्धां त ं का समुच्चय

(d) एक ऐसा सामूनहक क्षेत्र ज वंश, या र्ाषा, या ऊपर नदए गए कथि ं में से कौि सा/से सही है/हैं ?
धमभ अथवा जातीयता जैसी कुछ नवशेषताओं (a) केवि एक (b) केवि द
क साझा करता है। (c) केवि तीि (d) सर्ी चार
3. निम्ननिखित कथि ं पर नवचार करें : 6. निम्ननिखित पर नवचार करें :
वे औपनिवेनशक शासि के खििाफ थे और र्ारत कथन I :
की स्वतंत्रता के अनधकार पर बि दे ते थे। उिके
धमभनिरपे क्षता का र्ारतीय स्वरूप अं तरा-धानमभक
अिुसार ''दे शर्खि हमारा अं नतम आध्याखिक
और अं तर-धानमभक वचभस्व द ि ं पर समाि ध्याि
आश्रय िहीं ह सकती; मेरा निकािा इं सानियत है .''
दे ता है और सर्ी धमों की रक्षा करता है िेनकि
घरे र्ैरे, च िेर बािी और ग रा उिकी महत्वपू णभ
दू सरे की कीमत पर एक का पक्ष िहीं िेता है ।
सानहखिक दे ि हैं ।
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कथन II : 9. निम्ननिखित में से कौि सा कथि र्ारतीय


र्ारत में समृद्ध धानमभक नवनवधता के साथ-साथ धमभनिरपे क्षता का एक घटक है /हैं ?
अं तर-धानमभक 'सनहष्णुता' की एक स्थानपत संस्कृनत 1. एक-दू सरे के मामि ं में धमभ और राज्य का
की उपखस्थनत है। सख्त हस्तक्षेप ि ह िा।
उपर ि कथि ं के संबंध में निम्ननिखित में से कौि 2. नवनर्न्न धानमभक उपदे श ं के निए अिुकूि
सा सही है ? कािूि।
(a) कथि - I और कथि - II द ि ं सही हैं तथा 3. अं तर-धानमभक और अं तरा-धानमभक दिं
कथि - II कथि - I का सही स्पष्ट्ीकरण है संप्रदाय ं पर ध्याि दे िा।
(b) कथि - I और कथि - II द ि ं सही हैं तथा िीचे नदए कूट का उपय ग करके सही उत्तर का
कथि - II कथि - I के निए सही स्पष्ट्ीकरण चयि कीनजये :
िहीं है
(a) केवि 1 और 3 (b) केवि 2 और 3
(c) कथि - I सही है िेनकि कथि - II गित है
(c) केवि 3 (d) केवि 1 और 2
(d) कथि - I गित है िेनकि कथि - II सही है
10. निम्ननिखित में से कौि सा कथि सैद्धां नतक दू री की
7. निम्ननिखित में से कौि सा धमभनिरपे क्षता का सबसे
अवधारणा का सबसे उपयु ि अथभ है ?
उपयु ि घटक है ?
(a) धानमभक मामि ं में राज्य द्वारा सख्त हस्तक्षेप ि
(a) अं तर-धानमभक वचभस्व का नवर ध िेनकि अं तरा-
करिा।
धानमभक वचभस्व क स्वीकार करिा
(b) राज्य द्वारा धमभ में हस्तक्षेप धानमभक ग्रं थ ं में नदए
(b) अं तर-धानमभक और अं तरा-धानमभक समािता
गए आदशों पर आधाररत ह िा चानहए।
द ि ं की उपखस्थनत
(c) राज्य द्वारा धमभ में हस्तक्षेप संनवधाि में
(c) धमभतंत्र की उपखस्थनत
निधाभ ररत आदशों पर आधाररत ह िा चानहए।
(d) जीवि और व्यखिगत स्वतंत्रता का अनधकार
(d) धानमभक प्रथाओं की जां च के निए न्यानयक
8. र्ारतीय संनवधाि में धमभनिरपे क्षता के संरक्षण के
समीक्षा क बढावा दे िा।
निए नवनर्न्न प्रावधाि ं के संबंध में निम्ननिखित
11. निम्ननिखित में से कौि सा कायभ धमभनिरपे क्षता के
कथि ं पर नवचार करें :
पति का कारण बि सकता है ?
1. क ई आनधकाररक धमभ या नकसी धमभ क
1. साम्प्रदानयक राजिीनत का उदय
नवशेष दजाभ िहीं
2. अं तरािा और मुि व्यवसाय की स्वतंत्रता 2. धानमभक मामि ं में राज्य का अिनधक हस्तक्षेप

और धानमभक कायभ और प्रचार की गारं टी 3. धानमभक संस्थाि ं और प्रथाओं क निनवभवाद

3. ररट के माध्यम से समाि िागररक संनहता की सुरक्षा

गारं टी िीचे नदए गए कूट का उपय ग करके सही उत्तर चुिें:

4. धमभ के आधार पर र्ेदर्ाव का निषेध (a) केवि एक (b) नसफभ द


ऊपर नदए गए कथि ं में से कौि सा/से सही है/हैं ? (c) केवि तीि (d) इिमे से क ई र्ी िहीं
(a) केवि 3 और 4 (b) केवि 1, 3 और 4
(c) केवि 1 और 2 (d) केवि 1, 2 और 4
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12. निम्ननिखित में से कौि मािव पूं जी के स्र त हैं ? 16. दौित नसंह क िारी आय ग के संदर्भ में निम्ननिखित
1. नशक्षा में निवेश में से कौि सा कथि गित है ?
2. िौकरी के दौराि प्रनशक्षण (a) यह स्वतंत्रता के बाद र्ारत के नशक्षा क्षेत्र में
3. स्वास्थ्य में निवेश व्यापक बदिाव िािे वािा पहिा आय ग था।

4. प्रवास और सूचिा (b) क िारी आय ग िे र्ारत में कािूिी नशक्षा और


नचनकत्सा नशक्षा में बदिाव की नसफाररश की।
िीचे नदए गए कूट का उपय ग करके सही उत्तर चुिें:
(c) आय ग िे 6 से 14 वषभ की आयु के बच्च ं के
(a) केवि 1 और 3
निए मुफ्त और अनिवायभ नशक्षा प्रदाि करिे
(b) केवि 1, 2 और 4
की नसफाररश की।
(c) केवि 1, 2 और 3
(d) क िारी आय ग िे क्षेत्रीय र्ाषाओं, संस्कृत के
(d) उपर ि सर्ी
साथ-साथ अं तराभ ष्ट्रीय र्ाषाओं, अनधमाितः
13. र्ारत में नशक्षा पर ह िे वािे व्यय के संदर्भ में
अं ग्रेजी क बढावा दे िे की नसफाररश की।
निम्ननिखित कथि ं पर नवचार करें :
17. र्ारत में कृनष क्षेत्र के संदर्भ में, निम्ननिखित कथि ं
1. उच्च नशक्षा कुि नशक्षा व्यय का एक बडा
पर नवचार करें :
नहस्सा िेती है।
1. सकि घरे िू उत्पाद में कृनष क्षेत्र के य गदाि
2. प्रारं नर्क नशक्षा का नहस्सा सबसे कम है । के साथ-साथ इस क्षेत्र पर निर्भर जिसंख्या में
उपर ि कथि ं में से कौि सा/से सही है /हैं ? िगातार नगरावट दे िी गई है ।
(a) केवि 1 (b) केवि 2 2. एिपीजी सुधार ं के बाद कृनष नवकास दर में
(c) 1 और 2 द ि ं (d) ि त 1 ि ही 2 नगरावट आई और सुधार ं से पहिे की तुििा
14. निम्ननिखित कथि ं पर नवचार करें : में यह कम रही।
1. मनहिाओं की नशक्षा, प्रजिि दर तथा उपर ि कथि ं में से कौि सा/से सही है /हैं ?
मनहिाओं एवं बच्च ं के स्वास्थ्य दे िर्ाि पर (a) केवि 1 (b) केवि 2
अिुकूि प्रर्ाव डािती है। (c) 1 और 2 द ि ं (d) ि त 1 ि ही 2
2. र्ारत में निरक्षर ं की पू णभ संख्या उतिी ही है 18. जैनवक िेती के बारे में निम्ननिखित कथि ं पर
नजतिी आजादी के समय र्ारत की जिसंख्या नवचार करें :
थी। 1. जैनवक रूप से उगाए गए र् जि में रासायनिक
उपर ि कथि ं में से कौि सा/से सही है /हैं ? रूप से उगाए गए र् जि की तुििा में अनधक
(a) केवि 1 (b) केवि 2 प षण ह ता है ।
(c) 1 और 2 द ि ं (d) ि त 1 ि ही 2 2. जैनवक िेती में पारं पररक िेती की तुििा में
15. तापस मजूमदार सनमनत निम्ननिखित में से नकससे अनधक श्रम िागत की आवश्यकता ह ती है ।
संबंनधत है? 3. जैनवक उत्पाद ं में नछडकाव नकए गए उत्पाद ं
(a) शैनक्षक व्यय का अिुमाि िगािा। की तुििा में अनधक द ष और कम निधािी

(b) चुिाव सुधार ं की नसफाररश करिा। आयु (shelf life) ह सकती है ।

(c) डे टा ग पिीयता नियम ं क संनहताबद्ध करिा। उपर ि में से नकतिे कथि सही हैं ?

(d) समाि िागररक संनहता का मसौदा तैयार (a) केवि एक (b) नसफभ द

करिा (c) सर्ी तीि (d) क ई िहीं


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19. ग्रामीण क्षेत्र ं में ऋण सुनवधाओं के संदर्भ में निम्ननिखित में से कौि सा उपर ि घटिाओं का
निम्ननिखित कथि ं पर नवचार करें : सही कािािुक्रनमक क्रम है ?
1. र्ारत िे 1969 में ग्रामीण ऋण की जरूरत ं (a) 1-3-2 (b) 2-3-1
क पयाभ प्त रूप से पू रा करिे के निए एक (c) 3-2-1 (d) 1-2-3
सामानजक बैं नकंग और बहु एजेंसी दृनष्ट्क ण 23. निम्ननिखित यु ग् ं पर नवचार करें :
अपिाया। थ्योरी सिचार
2. राष्ट्रीय कृनष और ग्रामीण नवकास बैंक की
1. निहाररका नसद्धां त ग्रह ं का निमाभ ण सूयभ से
स्थापिा 2012 में ग्रामीण नवत्तप षण प्रणािी में
संबंनधत सामनग्रय ं के
शानमि सर्ी संस्थाि ं की गनतनवनधय ं के
बादि से हुआ।
समन्वय के निए एक शीषभ निकाय के रूप में
2. नबग बैं ग थ्य री ब्रह्माण्ड िगातार
की गई थी।
नवस्तार कर रहा है।
उपर ि कथि ं में से कौि सा/से सही है /हैं ?
3. नद्वआधारी नसद्धां त सूयभ से टकराव के
(a) केवि 1 (b) केवि 2
(binary theory) पररणामस्वरूप ग्रह ं
(c) 1 और 2 द ि ं (d) ि त 1 ि ही 2
का निमाभण हुआ।
20. 'कुदु म्बश्री', एक मनहिा-उन्मुि समुदाय-आधाररत
ऊपर नदए गए यु ग् ं में से नकतिे सही हैं ?
गरीबी उन्मूिि कायभ क्रम कहााँ िागू नकया गया था?
(a) केवि एक (b) केवि द
(a) पनिम बंगाि (b) हरयाणा
(c) तीि ं (d) क ई िहीं
(c) महाराष्ट्र (d) केरि
24. निम्ननिखित कथि ं पर नवचार करें :
21. अपिी मंडी, रयथू बाजार और उझावर संधाई
कथन-I: स्थिीय ग्रह ज नवयि ग्रह ं से छ टे ह ते हैं ।
निम्ननिखित राज्य ं के नकस समूह के नकसाि ं के
कथन-II: कम गु रुत्वाकषभण, स्थिीय ग्रह ं से
निए वैकखिक नवपणि माध्यम हैं (उसी क्रम में)?
निकििे वािी गै स ं क र क िहीं सकता।
(08)
उपर ि कथि ं के संबंध में निम्ननिखित में से कौि
(a) उत्तर प्रदे श, नहमाचि प्रदे श, केरि
सा सही है ?
(b) पं जाब, हररयाणा, महाराष्ट्र
(a) कथि-I और कथि-II द ि ं सही हैं और
(c) मध्य प्रदे श, आं ध्र प्रदे श, केरि
कथि-II, कथि-I के निए सही स्पष्ट्ीकरण है
(d) हररयाणा, तेिंगािा, तनमििाडु
(b) कथि-I और कथि-II द ि ं सही हैं परन्तु
22. वायु मंडि के नवकास के बारे में निम्ननिखित
कथि-II कथि-I के निए, सही स्पष्ट्ीकरण िहीं
घटिाओं पर नवचार करें :
है
1. सौर वायु के प्रर्ाव से प्रारं नर्क वातावरण का
(c) कथि-I सही है परन्तु कथि-II गित है
ह्वास।
(d) कथि-I गित है परन्तु कथि-II सही है
2. पृ थ्वी के आं तररक र्ाग से गै स ं और जिवाष्प
इसनिए, कथि-I और कथि-II द ि ं सही हैं
का उत्सजभि हुआ।
परन्तु कथि-II, कथि-I के निए सही
3. प्रकाश संश्लेषण के उप त्पाद के रूप में
स्पष्ट्ीकरण िहीं है ।
ऑक्सीजि वायु मंडि में एकनत्रत ह ती है ।
5

25. निम्ननिखित कथि ं पर नवचार करें : 28. निम्ननिखित में से कौि िॉरे नशया का नहस्सा था:
1. आं तररक ग्रह, सूयभ और पृ थ्वी के बीच खस्थत हैं । 1. उत्तरी अमेररका
2. आं तररक ग्रह, चट्टाि और धातु से बिे हैं और 2. अफ़्रीका
इिका घित्व अनधक है । 3. ग्रीििैंड
उपर ि कथि ं में से कौि सा/से सही है /हैं ? ऊपर नदए गए नवकि ं में से नकतिे नवकि सही
(a) केवि 1 (b) केवि 2 हैं /हैं ?
(c) 1 और 2 द ि ं (d) ि त 1 और ि ही 2 (a) केवि एक (b) केवि द
26. "नसंग्युिैररटी" शब्द का प्रय ग निम्ननिखित के संदर्भ (c) तीि ं (d) क ई िहीं
में नकया जाता है : 29. निम्ननिखित में से कौि र्ारतीय उपमहाद्वीप का
(a) पृ थ्वी पर जीवि की उत्पनत्त और नवकास नहस्सा है :
(b) अं तररक्ष अन्वेषण नमशि 1. पानकस्ताि 2. बां ग्लादे श
(c) सूयभ एवं चंद्र ग्रहण का अध्ययि 3. श्रीिंका 4. िेपाि
(d) ब्रह्मां ड का अवि कि और समझ। 5. म्ां मार
27. निम्ननिखित कथि ं पर नवचार करें : उपर ि नवकि ं में से नकतिे नवकि सही हैं /हैं ?
1. अं टाकभनटका, अफ्रीका, अरब और दनक्षण (a) केवि द (b) केवि तीि
अमेररका के साथ प्रायद्वीपीय र्ारत क का (c) केवि चार (d) सर्ी पााँ च
नहस्सा मािा जाता है । 30. र्ारतीय प्रायद्वीप का पू वी र्ाग, कनिंग निम्ननिखित
2. द अनधद्वीप थे, उत्तरी अनधद्वीप ग ड
ं वािािैंड में से नकि द िनदय ं के बीच खस्थत है ?
और दनक्षणी िौरनसया था। (a) ग दावरी और कृष्णा
उपर ि कथि ं में से कौि सा/से सही है /हैं ? (b) महािदी और ग दावरी
(a) केवि 1 (b) केवि 2 (c) ब्राह्मणी और स्वणभरेिा
(c) 1 और 2 द ि ं (d) ि त 1 और ि ही 2 (d) महािदी और स्वणभरेिा
6

Answer
11. (c) 9. (b) 17. (b) 25. (b)
2. (b) 10. (c) 18. (c) 26. (d)
3. (c) 11. (c) 19. (a) 27. (a)
4. (c) 12. (d) 20. (d) 28. (b)
5. (c) 13. (d) 21. (d) 29. (c)
6. (a) 14. (c) 22. (d) 30. (b)
7. (b) 15. (a) 23. (c)
8. (d) 16. (b) 24. (b)
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Hints and Solutions


1. उत्तर (c) कथन B सही है: राष्ट्र काफी हद तक एक 'कखित'
व्याख्या: समुदाय है , ज अपने सदस्ों की सामूसहक

कथन 1 सही है: र्ारत और अन्य पू वभ उपनिवेश ं मान्यताओं, आकांक्षाओं और कल्पनाओं द्वारा
एकजुट होता है। यह कुछ धारणाओं पर आधाररत
द्वारा औपनिवेनशक शासि से मुखि के निए संघषभ
है नजससे ि ग अपिी पहचाि निधाभ ररत करते हैं ।
राष्ट्रिादी सं घर्ष थे , जो राष्ट्र-राज्ों की स्थापना
कथन C गित है: संप्रर्ु सरकार, संगनित जिता
की इच्छा से प्रेररत थे जो सिदे शी सनयंत्रण से
और निनित क्षेत्र द्वारा गनित क्षेत्र ही राज् की
स्वतंत्र होंगे। इसके बाद, कई उत्तर-औपनिवेनशक
पररभार्ा है।
दे श ं में राष्ट्र राज्य ं का गिि हुआ।
कथन D ग़ित है: ऐसे समूह वािे क्षेत्र ज वंश, या
कथन 2 सही है: राज्य की सीमाओं के सुदृढीकरण र्ाषा, या धमभ अथवा जातीयता जैसी कुछ नवशेषताएं
के साथ-साथ स्थानीय बोसियााँ और स्थानीय साझा करते हैं , उन्हें राष्ट्र कहा जा सकता है िेनकि
सनष्ठा भी धीरे -धीरे राज् की सनष्ठाओं और आम कई राष्ट्र ं की एक आम र्ाषा िहीं ह ती है । भारत
भार्ाओं में समेसकत हो गईं। िए राज्य ं के ि ग ं में भी कई भार्ाएाँ हैं जो सिसभन्न क्षेत्रों और सिसभन्न
िे एक िई राजिीनतक पहचाि हानसि की ज राष्ट्र- समुदायों द्वारा बोिी जाती हैं िेसकन भारत को
राज्य की सदस्यता पर आधाररत थी। एक राष्ट्र के रूप में माना जाता है।

कथन 3 गित है: राष्ट्रवाद कई चरण ं से गु जरता 3. उत्तर (c)

है । उदाहरण के निए, उन्नीसवीं सदी में यू र प में, कई व्याख्या:

छ टे राज्य ं का बडे राष्ट्र-राज्य ं में एकीकरण हुआ। ''दे शभक्ति हमारा अंसतम आध्याक्तिक आश्रय
नही ं हो सकती; मेरा आश्रय मानिता है। मैं हीरे
िेसकन, राष्ट्रिाद ने ऑस्ट्र ो-हंगेररयन और रूसी
की कीमत पर कां च िहीं िरीदू ं गा और जब तक मैं
साम्राज् जैसे बडे साम्राज्ों के सिघटन में भी
जीनवत हं , मैं दे शर्खि क मािवता पर हावी िहीं
योगदान सदया।
ह िे दू ं गा। ये बात रवीन्द्रिाथ टै ग र िे कही थी। वे
कथन 4 सही है: सदल्ली में गणतंत्र नदवस परे ड औपनिवेनशक शासि के खििाफ थे और र्ारत की
र्ारतीय राष्ट्रवाद का एक उल्लेििीय प्रतीक है और स्वतंत्रता के अनधकार पर ज र दे ते थे। उनके
यह शक्ति, मजबूती, साथ ही सिसिधता और महत्वपूणष सासहक्तिक योगदान हैं गीतांजसि, द
पहचान की भािना को सामने िाती है सजसे कई पोस्ट्मास्ट्र, गोरा, घरे भै रे (घर और दु सनया),
िोग खुद को भारतीय राष्ट्र से जुडा हुआ पाते हैं। चोखेर बािी, जुगनू आसद।
2. उत्तर (b) PW-OnlyIAS द्वारा असतररि जानकारी :
व्याख्या: ❖ अरसबंदो घोर् एक य गी, द्रष्ट्ा, दाशभनिक, कनव
कथन A ग़ित है: संवैधानिक रूप से निवाभ नचत और र्ारतीय राष्ट्रवादी थे नजन्ह ि
ं े आध्याखिक
सरकार द्वारा चिाए जािे वािे राज्य क ि कतां नत्रक नवकास के माध्यम से पृ थ्वी पर नदव्य जीवि का
राज्य के रूप में समझाया जा सकता है ज एक राष्ट्र दशभि प्रनतपानदत नकया। उिके सानहखिक
का महत्वपू णभ घटक है । िेसकन दिसिहीन य गदाि हैं द िाइफ नडवाइि, सानवत्री, न्यू िैंप्स
िोकतंत्र को भी राष्ट्र कहा जा सकता है। फॉर ओल्ड आनद।
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कथन 2 ग़ित है: समाि सांस्कृनतक नवचार, नवश्वास


❖ बाि गंगाधर सतिक नजन्हें ि कमान्य नतिक के
िाम से र्ी जािा जाता है , र्ारतीय स्वतंत्रता और सामानजक पहचाि वािे समुदाय की नवनशष्ट्
आन्द िि के कायभकताभ थे। उन्हें 'र्ारतीय नवशेषताओं का बनहष्कार ि कतंत्र क जन्म दे
अशां नत के जिक' के रूप में र्ी जािा जाता है । सकता है िेसकन भारत, कनाडा जैसे राष्ट्र
नतिक द्वारा नििी गई द महत्वपू णभ पु स्तकें गीता िोकतांसत्रक हैं परन्तु सं िैधासनक सु रक्षा उपायों
रहस्य और आकभनटक ह म ऑफ द वेदाज हैं। के साथ सिसिधता भी रखते हैं।
❖ बंसकम चं द्र चटजी र्ारत के महाितम कथन 3 सही है: ि कतंत्र में, यह राजिीनतक मूल् ं
उपन्यासकार ं और कनवय ं में से एक थे। उन्ह ि
ं े और आदशों के एक समूह के प्रनत एक साझा
संस्कृत में वन्दे मातरम गीत की रचिा की।
प्रनतबद्धता है ज एक राजिीनतक समुदाय या राष्ट्र-
उिका महाकाव्य उपन्यास आिंदमि - संन्यासी
राज्य का सबसे वां छिीय आधार है । इसके अंतगषत,
नवद्र ह (1770-1820) की पृ ष्ठर्ूनम पर आधाररत
राजनीसतक समुदाय के सदस् कुछ दासयत्वों से
है । उन्ह ि
ं े 1872 में एक मानसक सानहखिक
बंधे होते हैं।
पनत्रका, बं गदशभि की र्ी स्थापिा की। उिके
प्रनसद्ध उपन्यास ं में कपािकुंडिा (1866), दे बी कथन 4 सही है: एक ि कतां नत्रक राष्ट्र उस
चौधुरािी, नबशबृ क्षा (द पॉइजि टर ी), चंद्रशेिर दृनष्ट्क ण क साझा करता है नक वे नकस प्रकार का
(1877), राजम हि की पत्नी और कृष्णकां तेर राज्य बिािा चाहते हैं । िे अन्य बातों के अिािा
नवि शानमि हैं। समानता, धमषसनरपेक्षता और उदारिाद जैसे

4. उत्तर (c) मूल्ों और ससद्ांतों के एक समुच्चय की पुसष्ट्

व्याख्या: करते हैं। ये आदशभ उि शतों का प्रनतनिनधत्व करते


नवनर्न्न दे श ं में अल्पसं ख्यक समूहों की भार्ा, हैं नजिके तहत वे एक साथ आते हैं और एक साथ
सं स्कृसत और धमष के सिए सं िैधासनक सं रक्षण रहिे के इच्छु क हैं।
सनहत उिके सदस्य ं क नदए गए सामूनहक
6. उत्तर (a)
अनधकार ं का नवचार, बहुिवाद क बढावा दे ता है ।
हािााँ नक, एक संस्कृनत और एक राज्य और व्याख्या:
नवशेषताओं का एक सामान्य समूह राष्ट्र राज्य का ❖ कथन I सही है: र्ारतीय धमभनिरपे क्षता केवि
घटक ह सकता है िेनकि यह एकरूपता पर चचभ-राज्य अिगाव पर ध्याि केंनद्रत िहीं
प्रकाश डािता है ज बहुिवाद के नवपरीत है ।
करती है और अंतर-धासमषक समानता का
सरकार के बहुसंख्यकवादी स्वरूप का नवचार, ज
सिचार भारतीय अिधारणा के सिए
ि कतां नत्रक ढं ग से चुिा जाता है , ि कतंत्र के चुिावी
स्वरूप का एक घटक है । महत्वपूणष है। चूाँनक एक धमभनिरपे क्ष राज्य क

5. उत्तर (c) अंतर-धासमषक प्रभु त्व के साथ समान रूप


व्याख्या: से नचंनतत ह िा चानहए, र्ारतीय धमभनिरपेक्षता
कथन 1 सही है: राष्ट्र, अन्य सामानजक समूह ं के िे राज्य समनथभत धानमभक सुधार के नवचार के
नवपरीत, स्वयं पर शासि करिे और अपिे र्नवष्य निए जगह बिाई है और यह उसके अिुकूि
के नवकास क निधाभ ररत करिे का अनधकार रिते है ।
हैं । दू सरे शब्ों में, उन्हें आिसनणषय का
असधकार होता हैं।
9

❖ कथन II सही है: र्ारत के संदर्भ में, पनिमी तानिबाि-नियं नत्रत राज्य जैसे धानमभक राज्य अपिे
आधुनिक नवचार ं और राष्ट्रवाद के आनवर्ाभ व से पदािुक्रम और उत्पीडि और अन्य धासमषक समूहों
पहिे की गहरी धानमभक नवनवधता सर्ी धमों के के सदस्ों को धमष की स्वतंत्रता की अनुमसत दे ने
निए समाि स्तर सुनिनित करती है । यह की असनच्छा के सिए जाने जाते हैं।

भारतीय सं सिधान के भाग III में अनुच्छेद कथन D ग़ित है: जीवि और व्यखिगत स्वतंत्रता
25 से 28 तक स्पष्ट् है जो धासमषक स्वतंत्रता का अनधकार स्वतंत्रता का एक महत्वपू णभ घटक है
नजसका आशय एक ि कतां नत्रक धमभनिरपेक्ष राज्य
की गारं टी दे ता है। इसके अिावा र्ारत में
से निया जा सकता है िेसकन कथन बी
अं तर-धानमभक 'सनहष्णुता' की संस्कृनत पहिे से
धमषसनरपेक्षता का सबसे उपयु ि घटक प्रदान
ही मौजूद थी, ज बौद् धमष और जैन धमष की
करता है।
उपक्तस्थसत के साथ-साथ अश क द्वारा धम्म
8. उत्तर (d)
और अकबर द्वारा दीि- ए - इिाही की िीनत
व्याख्या:
से उजागर हुई।
हमारे दे श के संस्थापक ं का अिनधक नवश्वास था
7. उत्तर (b)
नक र्ारत क अपिे ि ग ं की नवनवध धानमभक
व्याख्या:
मान्यताओं क दे िते हुए एक धमभनिरपे क्ष दे श के
कथन A गित है: अंतर-धासमषक प्रभु त्व एक ऐसी रूप में स्थानपत नकया जािा चानहए। इस प्रकार,
खस्थनत है जहां एक धमभ दू सरे पर हावी ह ता है । सं सिधान बनाते समय, उन्होंने कई प्रािधान
अंतरा-धासमषक िचष स्व एक ऐसी खस्थनत है जहां एक सकए जो स्पष्ट् रूप से भारत को एक धमषसनरपेक्ष
समुदाय/धमभ अपिे ही सदस्य ं पर हावी ह ता है । दे श के रूप में पुसष्ट् करते थे ।

उदाहरण के निए, दनित पदािुक्रम के सबसे निचिे ❖ र्ारत का संनवधाि एक धमभनिरपे क्ष राज्य की
स्तर पर हैं और ऊंची जानतयां उिके साथ वकाित करता है । इसनिए, यह सकसी सिशेर्

अमािवीय व्यवहार करती हैं । धमष को भारतीय राज् के आसधकाररक धमष


के रूप में कायम नही ं रखता है और न ही
यहां दोनों ही रूप धमषसनरपेक्षता की अिधारणा
सकसी धमष को सिशेर् दजाष प्रदान करता है।
के प्रसतकूि हैं और इनका सिरोध सकया जाना
इससिए, कथन 1 सही है।
जरूरी है।
❖ अिुच्छेद 25 से 28 तक "धानमभक स्वतंत्रता का
कथन B सही है: धमभनिरपे क्षता सवाभ नधक और
अनधकार" के अं तगभ त नवनर्न्न प्रावधाि दे िे जा
सबसे महत्वपू णभ नसद्धां त है ज अंतर-धासमषक सकते हैं ज धमभनिरपे क्षता के आदशभ क पुिः
िचष स्व के ऐसे सभी रूपों का सिरोध करता है। पु ष्ट् करते हैं । अनुच्छेद 25 दे श के सभी
हािााँ नक यह धमभनिरपे क्षता की अवधारणा का केवि व्यक्तियों को अंतः करण और धमष को
एक महत्वपू णभ पहिू है। धमषसनरपेक्षता का एक स्वतंत्र रूप से अपनाने, और प्रचार करने
समान रूप से महत्वपूणष आयाम अंतरा-धासमषक की स्वतंत्रता दे ता है। ये प्रावधाि संनवधाि के
िचष स्व का सिरोध करना है। र्ाग III का नहस्सा हैं ज संनवधाि के अिुच्छेद
32 के तहत ररट प्रावधाि द्वारा संरनक्षत हैं।
कथन C गित है: प्रिक्षतः पु र नहत के .आदे श
अतः , कथन 2 सही है।
द्वारा शानसत राज्य क धमभतंत्र कहा जाता है ।
मध्ययुगीि काि में यू र प के प प राज्य या
10

❖ अनुच्छेद 15 राज् को धमभ के आधार पर 10. उत्तर (c)


िागररक ं के बीच र्ेदर्ाव करिे से र कता है व्याख्या:
और अनुच्छेद 16 राज् को सावभजनिक सै द्ांसतक दू री की अिधारणा के अनुसार, एक
र जगार के मामि ं में धमभ के आधार पर धमभनिरपे क्ष राज्य समुदाय ं के बीच शां नत क बढावा
िागररक ं के बीच र्ेदर्ाव करिे से र कता है। दे िे के निए धमभ से सैद्धां नतक दू री रि सकता है और
इससिए, कथन 4 सही है। यह सं सिधान में सनधाषररत आदशों के आधार पर
❖ समान नागररक सं सहता धमभ की परवाह नकए सिसशष्ट् समुदायों के असधकारों की रक्षा के सिए
नबिा सर्ी िागररक ं के व्यखिगत मामि ं क हस्तक्षेप भी कर सकता है।
नियं नत्रत करिे के निए कािूि ं का एक राज्य प्रिेक धमभ क समाि प्राथनमकता दे ता है और
समुच्चय रिती है , ज संनवधाि के र्ाग IV के सर्ी का समाि रूप से सम्माि करता है । हािााँसक,
तहत धमभनिरपे क्षता का नहस्सा है, िेसकन यसद धासमषक समूह िोगों के राजनीसतक और
सं सिधान में इसकी गारं टी नही ं है। इससिए, सामासजक जीिन के सिरुद् अपनी शक्ति का
कथन 3 गित है। प्रयोग करके उनके अन्य असधकारों को बासधत
9. उत्तर (b) करने का प्रयास करते हैं तो राज् हस्तक्षेप कर
व्याख्या: सकता है।
कथन 1 गित है: पसिमी समाज में 11. उत्तर (c)
धमषसनरपेक्षता का तात्पयष राज् और धमष के पूणष व्याख्या:
पृथक्करण के साथ-साथ सावभर्ौनमक धानमभक कथन 1 सही है: सां प्रदानयक राजिीनत इस नवचार
स्वतंत्रता से है , जबनक र्ारतीय समाज में पर आधाररत है नक समुदाय बिािे का एकमात्र
धमभनिरपे क्षता का तात्पयभ अपिे अिुयानयय ं के बीच आधार धमभ है । इसका माििा है नक नकसी एक ही
सर्ी धमों के साथ समाि रूप से और नबिा नकसी धमभ के अिुयायी एक ही समुदाय के ह ते हैं ।
पू वाभ ग्रह के व्यवहार करिा है । सांप्रदासयक राजनीसत के अिसधक प्रयोग से
कथन 2 सही है: संनवधाि धानमभक संस्थाि ं के गंभीर अंतर-सांप्रदासयक सहंसा हो सकती है।
सरकारी नवनियमि की अिुमनत दे ता है और उिके उदाहरणाथभ: र्ारत का नवर्ाजि ज साम्प्रदानयक
महत्व क स्वीकार करता है । धासमषक संस्थानों का राजिीनत का पररणाम है।
सं रक्षण और व्यक्तियों को खुिे तौर पर अपने कथन 2 सही है : र्ारतीय धमभनिरपे क्षता धमभ में
धमष का पािन करने की स्वतंत्रता, दोनों हस्तक्षेप ि करिे क अस्वीकार करती है । हािााँसक
भारतीय कानून द्वारा सं रसक्षत हैं। सिर भी यह अिसधक हस्तक्षेपिादी नही ं है ।
कथन 3 सही है : र्ारतीय सभ्यता बहु-धानमभक है , र्ारतीय धमभनिरपे क्षता सै द्धां नतक दू री की
नजसमें कई धानमभक संप्रदाय और जानतयााँ हैं । अवधारणा का पािि करती है। गौरतिब है नक
इसनिए, भारतीय सं सिधान अंतर-धासमषक और धानमभक मामि ं में राज्य का अिनधक हस्तक्षेप
अंतरा-धासमषक दोनों सं प्रदायों पर केंसद्रत है। धमभनिरपे क्षता की मूि धारणा क कमज र कर
सकता है।
11

कथन 4 सही है: धानमभक संस्थाि ं और प्रथाओं को कथन 2 गित है: उच्च/तृतीयक नशक्षा (कॉिेज,
सनसिषिाद सं रक्षण से बहुसं ख्यक धमष दू सरे पर पॉनिटे खिक और नवश्वनवद्यािय जैसे उच्च नशक्षा
प्रभु त्व स्थासपत कर सकता है। इसनिए, सैद्धां नतक संस्थाि) का नहस्सा सबसे कम है। हािााँ नक, सरकार
दू री की अवधारणा संतुिि सुनिनित करती है । औसति तृतीयक नशक्षा पर कम िचभ करती है ,
12. उत्तर (d) तृतीयक नशक्षा में 'प्रनत छात्र व्यय' प्राथनमक की

व्याख्या: तुििा में अनधक है ।

❖ सशक्षा में सनिेश को मानि पूंजी के मुख्य 14. उत्तर (c)


स्रोतों में से एक माना जाता है। हािां नक व्याख्या:
इसके अनतररि मािव पूं जी निमाभ ण के कई
कथन 1 सही है : पु रुष ं और मनहिाओं के बीच
अन्य स्र त र्ी हैं , जैसे- स्वास्थ्य में सनिेश,
साक्षरता दर में अं तर कम ह रहा है ज िैंनगक
नौकरी के दौरान प्रसशक्षण, प्रिासन और
समािता में सकारािक नवकास का प्रतीक है ।
सू चना इिासद।
र्ारत में मनहिाओं के निए नशक्षा क बढावा दे िे की
❖ सशक्षा पर खचष करने से र्नवष्य की आय
आवश्यकता सिसभन्न कारणों से अपररहायष है जैसे
बढािे में मदद नमि सकती है । सशक्षा की
मसहिाओं की आसथष क स्वतंत्रता और सामासजक
तरह, स्वास्थ्य क र्ी राष्ट्र के नवकास के निए
क्तस्थसत में सु धार और इससिए भी जरूरी है
उतिा ही महत्वपू णभ मािा जाता है नजतिा नक
क् नं क मनहिा नशक्षा प्रजिि दर और मनहिाओं
यह व्यखि के नवकास के निए महत्वपू णभ है।
और बच्च ं की स्वास्थ्य खस्थनत पर अिुकूि प्रर्ाव
कंपनियां अपिे कमभचाररय ं क िौकरी पर
डािती है।
प्रनशक्षण दे िे पर िचभ करती हैं । िौकरी पर
कथन 2 सही है: हािााँ नक वयस्क ं और यु वाओं
प्रनशक्षण से संबंनधत व्यय मािव पूं जी निमाभ ण
द ि ं के निए साक्षरता दर में वृखद्ध हुई है , नफर र्ी
का एक स्र त है क् नं क बढी हुई श्रम
र्ारत में निरक्षर ं की पू णभ संख्या उतिी ही है नजतिी
उत्पादकता के रूप में ऐसे व्यय की वापसी
आजादी के समय र्ारत की जिसंख्या थी।
इसकी िागत से अनधक है।
❖ ि ग ऐसी िौकररय ं की तिाश में पिायन 15. उत्तर (a)

करते हैं ज उन्हें उिके मूि स्थाि ं की तुििा व्याख्या:


में अनधक वेति नदिाती हैं। अतः प्रिास पर वषभ 1999 में सरकार द्वारा तापस मजूमदार
व्यय र्ी मािव पूं जी निमाभ ण का एक स्र त है । ससमसत की स्थापिा की गई नजसिे अिुच्छेद 21A
13. उत्तर (d) क शानमि करिे की नसफाररश की। तापस
व्याख्या: मजूमदार सनमनत िे नसफाररश की नक समाज के

'जीडीपी का नशक्षा व्यय' का प्रनतशत दशाभ ता है नक सबसे गरीब तबके के बच्च ं क र्ी ऐसी नशक्षा

हमारी आय का नकतिा नहस्सा दे श में नशक्षा के नमििी चानहए ज गु णवत्ता में सवोत्तम के बराबर

नवकास के निए समनपभ त नकया जा रहा है । ह।

कथन 1 गित है: प्रारं नर्क नशक्षा कुि नशक्षा व्यय


का एक बडा नहस्सा िेती है ।
12

16. उत्तर (b) 18. उत्तर (c)


व्याख्या: व्याख्या:
कथन 1 सही है : नवनर्न्न दे श ं के अध्ययि ं से पता
कथन A सही है: क िारी आय ग जुिाई 1964 में
चिा है नक जैसिक रूप से उगाए गए भोजन में
र्ारत सरकार द्वारा स्थानपत एक तदथभ आय ग था।
रासायसनक रूप से उगाए गए भोजन की तुिना
इसका गिि दौित नसंह क िारी की अध्यक्षता में
में असधक पोर्ण होता है, नजससे हमें स्वस्थ र् जि
नकया गया था। वह नवश्वनवद्यािय अिुदाि आय ग
नमिता है । यह उत्पाद कीटिाशक मुि ह ता है
(यू जीसी) के तत्कािीि अध्यक्ष थे। स्वतंत्रता के बाद और पयाभ वरण की दृनष्ट् से नटकाऊ तरीके से
यह र्ारत के नशक्षा क्षेत्र में व्यापक रूप से बदिाव उत्पानदत नकया जाता है ।
िािे वािा पहिा आय ग था। कथन 2 सही है: जैनवक िेती पारं पररक िेती की
कथन B गित है: यद्यनप क िारी आय ग की तुििा में अनधक श्रम गहि है क् नं क इसमें रसायि ं
स्थापिा संपूणभ नशक्षा क्षेत्र की समीक्षा के निए की गई से मुि प्राकृनतक रूप से प्राप्त सामग्री का उपय ग

थी, िेनकि द महत्वपूणष डोमेन इसके दायरे से नकया जाता है नजसके निए अनधक श्रम इिपु ट की
आवश्यकता ह ती है ।
बाहर रह गए थे - कानूनी सशक्षा और सचसकत्सा
कथन 3 सही है: यह दे िा गया है नक शुरुआती
सशक्षा।
वषों में जैनवक िेती से पै दावार आधुनिक कृनष िेती
कथन C सही है: क िारी आय ग िे र्ारत में नशक्षा
से कम ह ती है । इसनिए, छ टे और सीमां त नकसाि ं
प्रणािी में सुधार के निए 23 नसफाररशें दी थीं। इसमें क बडे पै मािे पर उत्पादि क अपिािे में कनििाई
6 से 14 वषभ की आयु के बच्च ं के निए मुफ्त और ह सकती है। नछडकाव नकए गए उत्पाद ं की तुििा
अनिवायभ नशक्षा प्रदाि करिे की नसफाररश की गई। में जैसिक उत्पादों में असधक दाग-धब्बे और कम
कथन D सही है: क िारी आय ग िे क्षेत्रीय र्ाषाओं, सनधानी आयु भी हो सकती है।
संस्कृत के साथ-साथ अं तराभ ष्ट्रीय र्ाषाओं, 19. उत्तर (a)
अनधमाितः अं ग्रेजी क बढावा दे िे की नसफाररश की व्याख्या:
कथन 1 सही है: स्वतंत्रता के समय, साहकार ं और
थी।
व्यापाररय ं िे छ टे और सीमां त नकसाि ं और
17. उत्तर (b)
र्ूनमहीि मजदू र ं क उच्च ब्याज दर ं पर ऋण दे कर
व्याख्या: और िात ं में हे रफेर करके उन्हें कजभ के जाि में
कथन 1 गित है: कृनष क्षेत्र के आं कड ं से पता फंसाकर उिका श षण नकया। 1969 के बाद एक
चिता है नक यद्यनप सकि घरे िू उत्पाद में कृनष क्षेत्र बडा बदिाि आया जब भारत ने ग्रामीण ऋण
के य गदाि की नहस्सेदारी में नगरावट आ रही थी, की जरूरतों को पयाषप्त रूप से पूरा करने के
िेनकि नफर र्ी इस क्षेत्र पर सनभष र जनसं ख्या में सिए एक सामासजक बैंसकंग और बहु एजेंसी
कोई महत्वपूणष बदिाि नही ं सदखा है। दृसष्ट्कोण अपनाया।
कथन 2 गित है: राष्ट्रीय कृनष और ग्रामीण नवकास
कथन 2 सही है : एिपीजी सुधार ं की शुरुआत के
बैं क (िाबाडभ ) की स्थापिा 1982 में ग्रामीण
बाद, 1991-2012 के दौराि कृनष क्षेत्र की नवकास
नवत्तप षण प्रणािी में शानमि सर्ी संस्थाि ं की
दर घटकर िगर्ग 3 प्रनतशत प्रनत वषभ ह गई, ज
गनतनवनधय ं के समन्वय के निए एक शीषभ निकाय के
पहिे के वषों की तुििा में कम थी। हािां नक हाि रूप में की गई थी।
के वषों में यह क्षेत्र अनधक अखस्थर ह गया है ।
13

20. उत्तर (d) तीसरा चरण: प्रिाश संश्लेषि जीवाणुओं और


व्याख्या: बाि में पौधों िे उद्भव ने वायु मंडल िी संरचना पर
'कुदु म्बश्री' केरि में नक्रयाखन्वत नकया जा रहा एक गहरा प्रभाव डाला। इन जीवों ने प्रकाश संश्लेषण
मनहिा-उन्मुि समुदाय-आधाररत गरीबी उन्मूिि की प्रमिया के माध्यम से ऑक्सीजन का
कायभ क्रम है । 1995 में , बचत क प्र त्सानहत करिे के उत्पादन करने िे दलए सूयत िे प्रिाश, िाबत न
उद्दे श्य से गरीब मनहिाओं के निए एक िघु बचत डाइऑक्साइड और पानी िा उपयोग दिया। इससे
बैं क के रूप में एक निफ्ट और क्रेनडट स सायटी अरबों वषों में वायु मंडल में ऑक्सीजन िे स्तर में
शुरू की गई थी। र्ागीदारी और जुटाई गई बचत के धीरे -धीरे वृद्धि हुई।
मामिे में इि सनमनतय ं क एनशया के सबसे बडे 23. उत्तर (c)
अिौपचाररक बैंक ं के रूप में मािा गया है । व्याख्या:
21. उत्तर (d) नीहाररका मसद्ांत - इस दसिां त िा दविास
व्याख्या: इमैनुएल कांट ने मकया था। दनहाररिा दसिां त
यदि दिसान अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं िो दजसे सौर दनहाररिा दसिां त िे रूप में भी जाना
बे चते हैं , तो इससे उनिी आय बढ़ती है । इन जाता है , हमारे सौर मंडल िे दनमात ण िे दलए व्यापि
माध्यमों के कुछ उदाहरण हैं- अपनी मंडी रूप से स्वीिृत वैज्ञादनि व्याख्या है । इसके अिुसार
(पंजाब, हररयाणा और राजस्थान); हडपसर हमारा सौर मंडल गै स और धूल िे एि दवशाल
मंडी (पुणे); रयथू बाजार (आं ध्र प्रदे श और बािल से उत्पन्न हुआ है दजसे दनहाररिा िहा जाता
तेलंगाना में सब्जी और फल बाजार) और है ।
उझावर सं धाई (तममलनाडु में मकसान ं का मबग बैंग मसद्ांत- एडमवन हबल मवस्ताररत
बाजार)। ब्रह्ांड के बारे में प्रमाण दे ते हैं। दबग बैंग दसिां त
22. उत्तर (d) ब्रह्ां ड िी उत्पदि और दविास िे दलए प्रचदलत
व्याख्या: वैज्ञादनि व्याख्या है । इससे पता चलता है दि ब्रह्ां ड
वायु मंडल िी वततमान संरचिा, दवदभन्न चरणों में िी शुरुआत एि दवलक्षणता, एि असीम रूप से
दविदसत हुई है दजसमें शादमल हैं : गमत और सघि दबंिु िे रूप में हुई जो ब्रह्ां ड िो
पहला चरण: सौर हवा के प्रभाव से आमदम लगातार दवस्तार िरने में मिि िरता है ।
वातावरण का ह्वास, पृ थ्वी िे वायु मंडल िे दविास मिआधारी मसद्ांत- इस मसद्ांत क प्लै नेटेदसमल
में एि महत्वपू णत िारि था। पृ थ्वी िे दनमात ण िे पररिल्पना भी िहा जाता है । यह दसिां त 1900 में
प्रारं दभि चरण िे िौरान, जब वायु मंडल अपनी चे म्बरलेन और मौलटन िारा मदया गया था। इस
प्रारं दभि अवस्था में था, ग्रह क सौर हवा से सुरनक्षत दसिां त िे अनुसार, एि तारा सूयय से टकराया
करिे िे दलए एि मजबू त चुंबिीय क्षेत्र नहीं था। नजसके पररणामस्वरूप, िुछ पिाथत सूयत से अलग
दू सरा चरण: पृ थ्वी िे प्रारं दभि वायु मंडल िे हो गये। तारे िे िू र ह िे िे बाि, अलग हुए पदाथो
दनमात ण में योगिान िे ने वाली गै स और जल वाष्प, से धीरे -धीरे ग्रहों िा दनमात ण हुआ।
डीगैमसं ग नामक प्रमिया के माध्यम से ठ स
पृथ्वी के आं तररक भाग से उत्ससजषत हुई थी।
14

24. उत्तर (b) 27. उत्तर (a)


व्याख्या: व्याख्या:
कथन-I सही है: हमारे सौर मंडल के स्थलीय ग्रह ं
कथन 1 सही है: गोंडवानालैंड एि अनधद्वीप था जो
में बुध, शुि, पृथ्वी और मंगल शाममल हैं। स्थलीय
550 से 180 दमदलयन वषत पहले पे दलयोजोइि और
ग्रह, दजन्हें आं तररक ग्रह या चट्टानी ग्रह भी िहा
मेसोजोइि यु गों ति अद्धस्तत्व में था। इसिा नाम
जाता है , ये जोदवयन ग्रहों िी तुलना में आिार में
मध्य भारत िे गोंडवाना क्षेत्र िे नाम पर रखा गया
छोटे होते हैं ।
था। इसमें अंटाकयमटका, अफ्रीका, अरब और
कथन-II सही है: स्थलीय ग्रहों िा द्रव्यमान
अपेक्षाकृत कम ह ता है और इसमलए ज मवयन दमक्षण अमेररका समहत प्रायिीपीय भारत

ग्रह ं की तुलना में गुरुत्वाकषयण बल कम ह ता शाममल था।


है। पररणामस्वरूप, स्थलीय ग्रहों िा गु रुत्वािषतण कथन 2 गलत है: द मुख्य असधिीप थे-
अक्सर हाइडर ोजन और हीदलयम जैसी हल्की गै सों लौरे मशया और ग ड
ं वानालैंड।
िो धारण िरने िे दलए पयात प्त मजबू त नहीं होता
लौरे मशया एक उत्तरी महािीप था जो 300 से 200
है , दजनिा आणदवि भार िम होता है ।
दमदलयन वषत पहले उिरी अमेररिा, ग्रीनलैंड और
25. उत्तर (b)
यू रोप सदहत पे दलयोजोइि िे अं त और प्रारं दभि
व्याख्या:
मेसोजोइि युगों िे िौरान अद्धस्तत्व में था।
कथन 1 गलत है: आं तररि ग्रह (बुध, शुि, पृथ्वी
और मंगल ) मजन्हें हमारे सौर मंडल में स्थलीय दू सरी ओर, ग ड
ं वानालैंड एक दमक्षणी महािीप

ग्रह भी कहा जाता है, सू यय और क्षुद्रग्रह बेल्ट के था जो लौरे दशया िे साथ-साथ अद्धस्तत्व में था।
बीच स्स्थत हैं। क्षुद्रग्रह बे ल्ट हमारे सौर मंडल में िदक्षण अमेररिा, अफ्रीिा, अं टाितदटिा,
मंगल और बृ हस्पदत िी िक्षाओं िे बीच द्धस्थत एि ऑस्ट्रेदलया, भारतीय उपमहाद्वीप (प्रायद्वीपीय भारत
क्षेत्र है । इसमें िई छोटे चट्टानी दपं ड हैं दजन्हें क्षुद्रग्रह सदहत) और अरब सभी गोंडवाना िा दहस्सा थे।
िहा जाता है , जो सूयत िी पररक्रमा िरते हैं ।
28. उत्तर (b)
कथन 2 सही है: आं तररि ग्रह पृथ्वी जैसे ग्रह हैं,
व्याख्या:
जो चट्टानों और धातु से बने हैं , और जोदवयन ग्रह िी
तुलना में इिका घनत्व अपे क्षािृत अदधि है। लौरे दशया एि उिरी अनधद्वीप था जो लगभग 300
26. उत्तर (d) से 200 दमदलयन वषत पहले पे दलयोजोइि िे अं त

व्याख्या: और प्रारं दभि मेसोजोइि युग िे िौरान अद्धस्तत्व में

ससं ग्युिैररटी, अनंत तापमान और घनत्व िे एि था। इसिा दनमात ण उत्तरी अमेररका, ग्रीनलैंड,
क्षण क संदनर्भत िरती है , जहां भौदतिी िे ज्ञात यू र प और एदशया िे िुछ दहस्सों सदहत िई छोटे
दनयम टू ट जाते हैं । जैसे-जैसे ससंग्युिैररटी िा तेजी भूभागों िे टिराने से हुआ था।
से दवस्तार हुआ, यह ब्रह्ांड के मनमायण का कारक
बना। ब्रह्ां ड िे दवस्तार और शीतलन से पिाथत िा
दनमात ण, मूलभूत शद्धक्तयों िा उद्भव, परमाणुओं िा
दनमात ण और अं ततः आिाशगंगाओं, तारों और ग्रहों
िा दनमातण संभव हुआ।
15

29. उत्तर (c) 30. उत्तर (b)


व्याख्या: व्याख्या:
भारतीय प्रायद्वीप, दजसे भारतीय उपमहाद्वीप िे िदलंग, पू वत-मध्य भारत िा प्राचीन उपिंड है । यह
रूप में भी जाना जाता है , िदक्षण एदशया में द्धस्थत वततमान उिरी तेलंगाना, उिरपू वी आं ध्र प्रिे श,
बडे भूभाग िो संिदभतत िरता है जो दहंि महासागर अदधिां श ओदडशा और मध्य प्रिे श िे कुछ नहस्स ं
ति फैला हुआ है । इसमें भारत, नेपाल, से मेल खाता है । िदलंग, भारतीय प्रायद्वीप िे पू वी
बांग्लादे श, पामकस्तान, भू टान और श्रीलंका भाग पर, उत्तर में महानदी और दमक्षण में
शाममल हैं। (म्ांमार भारतीय उपमहािीप का ग दावरी नदी के बीच स्स्थत था।
महस्सा नही ं है)।

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