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केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी

3. अभिव्यक्ति और माध्यम, एन सी ई आर टी, नई दिल्ली द्वारा प्रकाभिि – कक्षा-11वीीं व 12वीीं


इकाई –1. जनसींचार माध्यम और लेखन
पाठ 1 जनसंचार माध्यम - कक्षा-11िीं
पाठ 2 पत्रकाररता के विविध आयाम - कक्षा-11िीं
पाठ 3 विभभन्न माध्यमों के भिए िेखन - कक्षा-12िीं
पाठ 4 पत्रकारीय िेखन के विभभन्न रूप और िेखन प्रक्रिया - कक्षा-12िीं
पाठ 5 विशेष िेखन - स्िरुप और प्रकार - कक्षा-12िीं
इकाई –2. सज
ृ नात्मक लेखन
पाठ 6 कैसे बनती िै कविता - कक्षा-12िीं
पाठ 7 नाटक भिखने का व्याकरण - कक्षा-12िीं
पाठ 8 कैसे भिखें किानी - कक्षा-12िीं
पाठ 9 डायरी भिखने की किा - कक्षा-11िीं
पट 10 कथा-पटकथा - कक्षा-11िीं
पाठ 11 कैसे करें किानी का नाट्य रूपांतरण - कक्षा-12िीं
पाठ 12 कैसे बनता िै रे डडयो नाटक - कक्षा-12िीं
पाठ 13 नए और अप्रत्याभशत विषयों पर िेखन - कक्षा-12िीं
इकाई –1. व्यावहाररक लेखन
पाठ 14 कायााियी िेखन और प्रक्रिया - कक्षा-11िीं
पाठ 15 स्िित्त
ृ िेखन और रोजगार संबंधी आिेदन-पत्र - कक्षा-11िीं
पाठ 16 शब्दकोश : संदभा ग्रन्थों की उपयोगी विधध और पररचय - कक्षा-11िीं
कक्षा-11वीीं व 12वीीं दहन्िी-MCQ
इकाई 1. जनसींचार माध्यम और लेखन
1. जनसींचार माध्यम MCQ
1. भारत का पििा समाचार िाचक क्रकसे माना जाता िै
A. िेदों को
B. दे िवषा नारद को
C. उपननषदों को
D. मनु को
ANSWER= B. दे िवषा नारद को
2. धरती और दे ििोक के बीच संिाद-सेतु कौन थे-
A. नारद
B. इंद्र
C. अग्ननदे ि
D. िायद
ु ेि
ANSWER= A. नारद
3. मिाभारत के युद्ध का वििरण सुनाया था-
A. विजय ने
B. संजय ने

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C. विदरु ने
D. अश्ितथामा ने
ANSWER= B. संजय ने
4. दे िवषा नारद का िाद्य यंत्र था
A. भसतार
B. िीणा
C. धगटार
D. इकतारा
ANSWER= B. िीणा
5. िम जनसंचार के आधनु नक माध्यम प्राप्त िुए िैं
A. पुतग
ा ाभियों से
B. फ्ांसीभसयों से
C. अंग्रेजों से
D. डच िोगों से
ANSWER= C. अंग्रेजों से
6. समाचार-पत्र, रे डडयो, टे िीविजन, इंटरनेट आहद प्राप्त िुए िैं
A. उत्तर से
B. पग्श्चम से
C. दक्षक्षण से
D. पूिा से
ANSWER= B. पग्श्चम से
7. मानि जीिन अब संभि निीं िै
A. संचार के बबना
B. सैर के बबना
C. गप्पों के बबना
D. पढाई के बबना
ANSWER= A. संचार के बबना
8. जनसंचार माध्यमों का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाि पड़ता िै
A. पक्षक्षयों पर
B. पशुओं पर
C. सभी प्राणणयों पर
D. िोगों पर
ANSWER= D. िोगों पर
9. सबसे बेितर संचार करने की क्षमता और कुशिता िै
A. पक्षक्षयों की
B. मनुष्य की
C. पशओ
ु ं की

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D. इनमें से क्रकसी की भी निीं
ANSWER= B. मनुष्य की
10. टे िीफोन, इंटरनेट, फैक्स, समाचार-पत्र, रे डडयो, टे िीविजन, भसनेमा आहद विभभन्न माध्यम िैं -
A. संचार के
B. जनसंचार के
C. संचार और जनसंचार के
D. इनमें से क्रकसी के निीं
ANSWER= C. संचार और जनसंचार के
11. संचार माध्यमों के विकास के कारण कौन-सी दरू रयााँ कम िो रिी िैं?
A. ऐनतिाभसक
B. िैज्ञाननक
C. भौगोभिक
D. राजनीनतक
ANSWER= C. भौगोभिक
12. टे िीविजन पर दे खे गए क्रिकेट मैच को किते िैं
A. सीधा प्रसारण
B. प्रत्यक्ष प्रसारण
C. परोक्ष प्रसारण
D. ििाई प्रसारण
ANSWER= A. सीधा प्रसारण
13. आधनु नक जीिन की कल्पना क्रकसके बबना निीं की जा सकती?
A. अच्छे खान-पान के
B. आधनु नक िेश-भूषा
C. भव्य भिनों के
D. संचार और जनसंचार के
ANSWER= D. संचार और जनसंचार के
14. 'संचार' शब्द की उत्पवत्त ग्जस धातु से िुई िै , िि िै -
A. चर
B. चार
C. संचा
D. संच
ANSWER= B. चार
15. 'संचार' का अथा िै -
A. चिना
B. गणना करना
C. समाचार दे ना
D. समझाना

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ANSWER= A. चिना
16. क्रकस संचारशास्त्री के अनुसार संचार अनुभिों की साझेदारी िै -
A. बेिग्राम
B. एडीसन
C. विल्बर श्रैम
D. माकोनी
ANSWER= C. विल्बर श्रैम
17. प्राप्त संदेश का कूट िाचन कौन करता िै ?
A. प्राप्तकताा
B. संदेश िािक
C. संदेश प्रसारक
D. इनमें से कोई निीं
ANSWER= A. प्राप्तकताा
18. प्राप्त संदेश में ननहित अथा को समझने की कोभशश िै -
A. डीकोडडंग
B. एनकोडडंग
C. एमकोडडंग
D. ररकोडडंग
ANSWER= A. डीकोडडंग
19. फीडबैक के अनुसार संदेश में सुधार कौन करता िै -
A. संचारक
B. प्रसारक
C. विचारक
D. प्रचारक
ANSWER= A. संचारक
20. संचार की प्रक्रिया को क्रकससे बाधा पिुाँचती िै -
A. भीड़ से
B. मिं गाई से
C. शोर से
D. िड़ाई-झगड़े से
ANSWER= C. शोर से
21.संचार प्रक्रिया में प्राप्त कताा की प्रनतक्रिया को किते िैं
A. फीडबैक
B. फीड
C. फीड िैट
D. फीड फारिडा
ANSWER= A. फीडबैक

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22. सांकेनतक संचार िै
A. इशारे से बुिाना
B. साथ िे जाकर समझाना
C. भिखकर समझाना
D. पढकर सुनाना
ANSWER= A. इशारे से बुिाना
23. कक्षा समूि में आपसी विचार-विमशा संचार के क्रकस प्रकार का उदािरण िै ?
A. अंत: िैयग्क्तक संचार
B. अंतर िैयग्क्तक संचार
C. जनसंचार
D. समूि संचार
ANSWER= D. समि
ू संचार
24. जन संचार का अंग्रेजी रूपांतरण िै -
A. Public Communication
B. Mass Communication
C. Personal Communication
D. People Communication.
ANSWER= B. Mass Communication
25. ननयंत्रण, अभभव्यग्क्त, सूचना, सामाग्जक संपका, मनोरं जन, ननगरानी आहद जनसंचार के िैं
A. तत्ि
B. काया
C. गुण
D. इनमें से कोई निीं
ANSWER= B. काया
26. सरकार और संस्थाओं के कामकाज पर ननगरानी रखने का काया करता िै -
A. जनसंचार
B. िोक संचार
C. समूि संचार
D. अंत: िैयग्क्तक संचार
ANSWER= A. जनसंचार
2. पत्रकाररिा के ववववध आयाम MCQ
1. विभभन्न घटनाओं को समाचारों के रूप में पररिनतात करते िैं-
A. संपादक
B. पत्रकार
C. कवि
D. िेखक
ANSWER= B. पत्रकार

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2. समाचार जल्दी में भिखा गया ......... िै।
A. भूगोि
B. इनतिास
C. विज्ञान
D. मनोविज्ञान
ANSWER= B. इनतिास
3. सूचना प्राथभमकताएाँ ननधााररत की जाती िैं-
A. उपभोक्ताओं के अनुसार
B. आधथाक क्षमता के अनुसार
C. राजनीनतक मित्त्ि के अनुसार
D. साहिग्त्यक श्रेष्ठता के अनुसार
ANSWER= A. उपभोक्ताओं के अनस
ु ार
4. समाचार ििी िै जो उस घटना की जानकारी दे जो-
A. बासी िो
B. ताजी िो
C. बेकार िो
D. शष्ु क िो
ANSWER= B. ताजी िो
5. समाचारीय मित्त्ि काफी िद तक ......... से ननधााररत िोता िै
A. िंबाई
B. राजनीनतक विभशष्टता
C. प्रभाि
D. स्थानीयता
ANSWER= D. स्थानीयता
6. पत्रकाररता एक तरि से कौन-सा िेखन िै ?
A. दै ननक इनतिास िेखन
B. पुरातन समाचार िेखन
C. पौराणणक प्रसंग िेखन
D. साप्तहिक कथा िेखन
ANSWER= A. दै ननक इनतिास िेखन
7. कौन-से क्रकस्से-किानी समाचार निीं िो सकते?
A. समुद्री गिराई के
B. पिातीय ऊाँचाइयों के
C. भूत-प्रेतों के
D. जंगिी क्षेत्रों के
ANSWER= C. भूत-प्रेतों के
8. समाचार संगठनों की समाचारों के चयन और प्रस्तनु त की नीनत को किते िैं-

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A. समाचारीय नीनत
B. संपादकीय नीनत
C. प्रबंधन नीनत
D. पत्रकार नीनत
ANSWER= B. संपादकीय नीनत
9. तथ्यों की शुद्धता, िस्तुपरकता, ननष्पक्षता, संतुिन और स्रोत िैं-
A. संपादन के प्रकार
B. संपादन के गुण
C. संपादन के भसद्धांत
D. संपादन के तत्त्ि
ANSWER= C. संपादन के भसद्धांत
10. एक पत्रकार समाचार के रूप में पेश करता िै
A. कल्पना को
B. यथाथा को
C. भािनाओं को
D. झठ
ू े अतीत को
ANSWER= B. यथाथा को
11. क्रकसी भी पत्रकार के भिए सदा क्या िोना आिश्यक िै ?
A. ननष्पक्ष
B. कपटी
C. एकपक्षीय
D. दभ
ु ाािपूणा
ANSWER= A. ननष्पक्ष
12. समाचारों में कौन-सा तत्ि अधधक अिम ् िोता िै
A. अन्यायपूणा
B. न्यायसंगत
C. विद्िेष पूणा
D. असत्य
ANSWER= B. न्यायसंगत
13. पत्रकार का गुण िै -
A. असिज
B. असत्यिादी
C. संदेि करना
D. िोधी
ANSWER= C. संदेि करना
3. ववववध माध्यमों के भलए लेखन MCQ
1. इनमें से कौन-सा जनसंचार माध्यम अनपढ व्यग्क्त के भिए उपयोगी निीं िै ?

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A. इंटरनेट
B. समाचार-पत्र
C. पबत्रकाएाँ
D. तीनों
ANSWER= D. तीनों
2. सिााधधक खचीिा जनसंचार माध्यम कौन-सा िै ?
A. रे डडयो
B. टे िीविजन
C. समाचार पत्र
D. इंटरनेट
ANSWER= D. इंटरनेट
3. श्रव्य जनसंचार माध्यम कौन-सा िै ?
A. समाचार पत्र
B. रे डडयो
C. इंटरनेट
D. टे भिविजन
ANSWER= B. रे डडयो
4. मद्र
ु ण का आरं भ क्रकस दे श में िुआ?
A. भारत
B. जापान
C. चीन
D. इंनिैण्ड
ANSWER= C. चीन
5. ितामान छापेखाने का अविष्कार क्रकसने क्रकया?
A. गुटेनबगा ने
B. धचनभमन ने
C. ननिाि भसंि ने
D. जॉनसन ने
ANSWER= A. गुटेनबगा ने
6. भारत में पििा छापाखाना कब िगा?
A. सन ् 1556 में
B. सन ् 1546 में
C. सन ् 1656 में
D. सन ् 1576 में
ANSWER= A. सन ् 1556 में
7. भारत में पििा छापाखाना किााँ पर िगाया गया?
A. हदल्िी में

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B. कोिकाता में
C. गोिा में
D. कानपुर में
ANSWER= C. गोिा में
8. समाचार िेखन की प्रभािशािी शैिी कौन सी िै ?
A. िणानात्मक शैिी
B. वििेचनात्मक शैिी
C. वपराभमड शैिी
D. उल्टा वपराभमड शैिी
ANSWER= D. उल्टा वपराभमड शैिी
9. इनमें से कौन-सा उल्टा वपराभमड शैिी का अंग निीं िै ?
A. मध्य भाग
B. बॉडी
C. इंट्रो
D. समापन
ANSWER= A. मध्य भाग
10. उल्टा वपराभमड शैिी में समाचार क्रकतने भागों में बााँटा जाता िै ?
A. तीन
B. चार
C. पााँच
D. दो
ANSWER= A. तीन
11. दृश्यों का क्रकस माध्यम में अधधक मित्ि िोता िै ?
A. समाचार पत्र
B. रे डडयो
C. टे िीविजन
D. इंटरनेट
ANSWER= C. टे िीविजन
12. टे िीविजन के भिए खबर भिखने की मौभिक शता क्या िै ?
A. साहिग्त्यक भाषा में िेखन
B. दृश्य के साथ िेखन
C. सनसनीखेज िेखन
D. सामान्य िेखन
ANSWER= B. दृश्य के साथ िेखन
13. हिन्दी में नेट पत्रकाररता क्रकसके साथ आरं भ िुई?
A. िैब दनु नया के साथ
B. दै ननक जागरण के साथ

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C. दै ननक भास्कर के साथ
D. राजस्थान पबत्रका के साथ
ANSWER= A. िैब दनु नया के साथ
14. क्रिकेट मैच का प्रसारण क्रकस प्रकार का िै ?
A. फोन इन
B. एंकर पैकेज
C. सीधा प्रसारण
D. एंकर िाइट
ANSWER= C. सीधा प्रसारण
15. आधनु नक युग में इंटरनेट पत्रकाररता का कौन-सा दौर चि रिा िै ?
A. द्वितीय
B. तत
ृ ीय
C. प्रथम
D. चतथ
ु ा
ANSWER= B. तत
ृ ीय
16. भारत में इंटरनेट पत्रकाररता का दस
ू रा दौर कब आरं भ िुआ?
A. 2001 में
B. 2002 में
C. 2003 में
D. 2004 में
ANSWER= C. 2003 में
17. समाचार पत्र प्रकाभशत या प्रसाररत करने के भिए आणखरी समय सीमा को क्या किा जाता िै ?
A. ब्िू िाइन
B. ब्िैक िाइन
C. रै ड िाइन
D. डैड िाइन
ANSWER= D. डैड िाइन
4. पत्रकारीय लेखन के ववभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया MCQ
1. पत्रकार क्रकतने प्रकार के िोते िैं?
A. दो
B. चार
C. तीन
D. पााँच
ANSWER= C. तीन
2. समाचार संगठन में काम करने िािे ननयभमत िेतनभोगी पत्रकार को क्या किते िैं?
A. फ्ी िांसर
B. पण
ू क
ा ाभिक

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C. अंशकाभिक
D. अल्पकाभिक
ANSWER= B. पूणक
ा ाभिक
3. समाचार पत्र का संपादन करने िािे को क्या किते िैं?
A. प्रकाशक
B. संिाददाता
C. फीचर िेखक
D. संपादक
ANSWER= D. संपादक
4. भुगतान के आधार पर अिग-अिग समाचर पत्रों में भिखने िािे पत्रकार को क्या किते िैं?
A. फ्ी िांसर
B. अल्पकाभिक पत्रकार
C. अंशकाभिक पत्रकार
D. संपादक
ANSWER= A. फ्ी िांसर
5. समाचार पत्रों में छपने िािे फीचर में िगभग क्रकतने शब्द िोने चाहिए?
A. 500 से 5000 शब्द
B. 250 से 2000 शब्द
C. 100 से 500 शब्द
D. 550 से 5000 शब्द
ANSWER= B. 250 से 2000 शब्द
6. इनमें समाचार पत्र की आिाज क्रकसे माना जाता िै ?
A. फीचर
B. संपादक के नाम पत्र
C. संपादकीय
D. स्तंभ िेखन
ANSWER= C. संपादकीय
7. समाचार िेखन की श्रेष्ठ शैिी कौन-सी िै ?
A. सीधा वपराभमड शैिी
B. उल्टा वपराभमड शैिी
C. व्याख्या शैिी
D. वििेचनात्मक शैिी
ANSWER= B. उल्टा वपराभमड शैिी
8. समाचार िेखन के भिए क्रकतने ककार आिश्यक िैं?
A. चार
B. तीन
C. पााँच

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D. छः
ANSWER= D. छः
9. इंट्रो में क्रकतने ककारों को आधार बनाकर खबर भिखी जानी चाहिए?
A. तीन या चार
B. एक या दो
C. दो या तीन
D. चार या पााँच
ANSWER= A. तीन या चार
10. तथ्यों, सूचनाओं तथा आंकड़ों की गिरी छानबीन करने िािी ररपोटा को क्या किते िैं?
A. वििेचनात्मक ररपोटा
B. विश्िेषणात्मक ररपोटा
C. खोजी ररपोटा
D. इन डेप्थ ररपोटा
ANSWER= D. इन डेप्थ ररपोटा
11. फीचर की कौन-सी विशेषता िै ?
A. सज
ृ नात्मक
B. सव्ु यिग्स्थत
C. आत्मननष्ठ
D. उपयक्
ुा त तीनों
ANSWER= D. उपयक्
ुा त तीनों
12. पत्रकारीय िेखन के भिए कच्चा माि क्रकससे प्राप्त िोता िै ?
A. संपादक के नाम पत्र से
B. संपादकीय से
C. फीचर से
D. साक्षात्कार से
ANSWER= D. साक्षात्कार से
5. वविेष लेखन-स्वरूप और प्रकार MCQ
1. विशेष िेखन कििाता िै ?
A. सामान्य िेखन से िटकर क्रकसी विशेष विषय पर क्रकया गया िेखन
B. क्रकसी विषय पर भिखा गया रचनात्मक िेखन
C. क्रकसी विषय पर क्रकया गया क्रियात्मक िेखन
D. क्रकसी भी विषय पर क्रकया गया गनतशीि िेखन
ANSWER= A. सामान्य िेखन से िटकर क्रकसी विशेष विषय पर क्रकया गया िेखन
2. संिाददाताओं की रुधच और ज्ञान को ध्यान में रखकर उनके काम के विभाजन को क्या किते िैं?
A. सीट
B. नीट
C. बीट

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D. रपीट
ANSWER= C. बीट
3. विशेष िेखन के क्रकतने क्षेत्र िैं?
A. एक
B. दो
C. चार
D. अनेक
ANSWER= D. अनेक
4. विशेष िेखन के भिए क्रकस प्रकार की भाषा शैिी अपेक्षक्षत िै ?
A. साहिग्त्यक भाषा
B. सिज, सरि तथा बोधगम्य भाषा
C. बाजारू भाषा
D. हिन्दी उदा ू भमधश्रत भाषा
ANSWER= B. सिज, सरि तथा बोधगम्य भाषा
5. इनमें से विशेष िेखन का कौन-सा क्षेत्र निीं िै ?
A. भसनेमा
B. मनोरं जन
C. स्िास्थ्य
D. समाचार
ANSWER= D. समाचार
6. कारोबार और व्यापार से संबंधधत खबर का सम्बन्ध क्रकससे िै ?
A. खेि क्षेत्र से
B. कृवष क्षेत्र से
C. आधथाक क्षेत्र
D. राजनीनतक क्षेत्र
ANSWER= C. आधथाक क्षेत्र
7. इनमें से कौन-सा शब्द क्रिकेट जगत का निीं िै ?
A. हिट विकेट
B. ग्स्पन
C. रन
D. तेजडड़ए
ANSWER= D. तेजडड़ए
8. इनमें से कौन-सा शब्द आधथाक क्षेत्र से सम्बग्न्धत निीं िै ?
A. तेजडड़ए
B. बबकिािी
C. मंदडड़ए
D. रन आउट

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ANSWER= D. रन आउट
9. भारत में कौन-सा खेि अधधक िोकवप्रय िै ?
A. फुटबाि
B. क्रिकेट
C. िॉिीबाि
D. टे ननस
ANSWER= B. क्रिकेट
इकाई 2 सज
ृ नात्मक लेखन
6. कैसे बनिी हैं कवविा MCQ
1. कविता का जन्म क्रकस परं परा के रूप में िुआ था?
A. िाधचक रूप में
B. भिणखत रूप में
C. यांबत्रक रूप में
D. उपयक्
ुा त तीनों रूपों में
ANSWER= A. िाधचक रूप में
2. 'प्िे विद का िर्डास' क्रकसने किा था?
A. थीट्स
B. शेक्सपीयर
C. भमल्टन
D. डब्ल्यू० एच० ऑडेन
ANSWER= D. डब्ल्यू० एच० ऑडेन
3. इनमें से कौन-सा कविता का घटक निीं िै ?
A. भाषा
B. शब्द
C. छं द
D. िाद्य यंत्र
ANSWER= D. िाद्य यंत्र
4. शब्द कविता का कौन-सा उपकरण िै ?
A. प्रथम
B. द्वितीय
C. तत
ृ ीय
D. चतुथा
ANSWER= A. प्रथम
5. कविता का अननिाया तत्त्ि िै -
A. छं द
B. िय
C. मक्
ु त छं द

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केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
D. संगीत
ANSWER= B. िय
6. कविता के भिए पंत जी ने क्रकस प्रकार की भाषा को आिश्यक माना िै ?
A. िणानात्मक भाषा
B. प्रतीकात्मक भाषा
C. िाक्षणणक भाषा
D. धचत्रात्मक भाषा
ANSWER= D. धचत्रात्मक भाषा
7. ग्जसे पााँच ज्ञानेग्न्द्रयों रूपी पााँच अंगुभियों द्िारा पकड़ा जाता िै , िि साहित्य की कौन-सी विधा िै ?
A. उपन्यास
B. ननबंध
C. कविता
D. किानी
ANSWER= C. कविता
8. एक शब्द में क्रकतने अथा नछपे रिते िैं?
A. एक
B. दो
C. तीन
D. अनेक
ANSWER= D. अनेक
9 कविता की प्रथम शता क्या िै ?
A. भाि संपदा
B. विभभन्न प्रकार के भाि
C. शब्दों में मेि-जोि
D. छं द और बबंब
ANSWER= C. शब्दों में मेि-जोि
8. कैसे भलखें कहानी MCQ
1. किानी िमारे जीिन का अंग िै -
A. अविभाज्य
B. अनािश्यक
C. व्यथा
D. बेकार
ANSWER= A. अविभाज्य
2. प्रत्येक व्यग्क्त अपने अनुभिों को क्या करना चािता िै ?
A. अपने तक सीभमत रखना
B. क्रकसी को न बताना
C. केिि बेटों को बताना

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केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
D. बााँटना
ANSWER= D. बााँटना
3. किानी मानि मन की क्रकन िवृ त्तयों को शांत करती िै ?
A. भूख और ईष्याा को
B. ग्जज्ञासा, उत्सुकता एिं कौतुिि को
C. ग्जज्ञासा और करुणा को
D. उत्सुकता और ईष्याा को
ANSWER= B. ग्जज्ञासा, उत्सुकता एिं कौतुिि को
4. भारत में क्रकस ग्रंथ की किाननयााँ िोकवप्रय िैं?
A. कादं बरी
B. कथा सररत्सागर
C. हितोपदे श
D. पंचतंत्र
ANSWER= D. पंचतंत्र
5. किानी क्रकसका अंग िै ?
A. जीिन का
B. भशक्षा का
C. मानि स्िभाि का
D. धमा का
ANSWER= C. मानि स्िभाि का
6. किानीकार घटनाओं में क्रकसका भमश्रण करता िै ?
A. कल्पना का
B. िास्य का
C. व्यंनय का
D. यथाथा का
ANSWER= A. कल्पना का
7. क्रकस किानी की परं परा प्राचीनकाि से चिी आ रिी िै ?
A. भिणखत किानी की
B. मौणखक किानी की
C. ऐनतिाभसक किानी की
D. धाभमाक किानी की
ANSWER= B. मौणखक किानी की
8. पंचतंत्र में क्रकस प्रकार की किाननयााँ भिखी गई िैं?
A. ऐनतिाभसक किाननयााँ
B. धाभमाक किाननयााँ
C. भशक्षाप्रद किाननयााँ
D. मनोरं जन प्रधान किाननयााँ

pg. 16
केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
ANSWER= C. भशक्षाप्रद किाननयााँ
9. किानी का पििा तत्त्ि कौन-सा िै ?
A. कथानक
B. पात्रों का चररत्र धचत्रण
C. संिाद
D. भाषा-शैिी
ANSWER= A. कथानक
10. कथानक के क्रकतने भाग िैं?
A. एक
B. दो
C. तीन
D. चार
ANSWER= C. तीन
11. किानी के तीसरे भाग का नाम क्या िै ?
A. आरं भ
B. मध्य
C. द्िंद्ि
D. अंत
ANSWER= D. अंत
12. किानी-िेखन सीखने का सबसे कारगर तरीका कौन-सा िै ?
A. नानी से किानी सुनना
B. दादी से किानी सुनना
C. किानी भिखने का अभ्यास
D. अच्छी किाननयााँ पढना
ANSWER= D. अच्छी किाननयााँ पढना
13. किानी का केंद्रीय बबंद ु क्या िै ?
A. कथानक
B. दे शकाि
C. पात्रों का चररत्र-धचत्रण
D. संिाद
ANSWER= A. कथानक
9. डायरी भलखने की कला MCQ Question
1. मोटे गत्ते की ग्जल्द िािी नोट बुक, ग्जसके पन्नों पर साि के 365 हदनों की िमिार नतधथयााँ आहद सजी िोती
िैं, उसे किते िैं -
A. कॉपी
B. डायरी
C. बिी खाता

pg. 17
केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
D. रग्जस्टर
ANSWER= B. डायरी
2. 'ऐनी फ्ैंक की डायरी' छपी डायरी क्रकन िषों के मध्य भिखी गई थी-
A. 1940-42
B. 1941-43
C. 1942-44
D. 1944-46.
ANSWER= C. 1942-44
3. ऐनी फ्ैंक ने डायरी ग्जस नगर में भिखी थी, िि िै
A. पेररस
B. िंदन
C. रोम
D. एस्टडाम
ANSWER= D. एस्टडाम
4. मोिन राकेश, रमेश चंद्र शाि आहद प्रभसद्ध िुए-
A. डायरी िेखक के रूप में
B. कवि के रूप में
C. भाषणकताा के रूप में
D. ननबंधकार के रूप में
ANSWER= A. डायरी िेखक के रूप में
5. डायरी िेखन अब क्रकस रूप में िोकवप्रय िो गया िै ?
A. विधा
B. शौक
C. विचार
D. पद्यनत
ANSWER= A. विधा
Hide Answer
6. िम डायरी को शब्दबद्ध करते िैं-
A. अपने भिए
B. परायों के भिए
C. साहित्य के भिए
D. छपिाने के भिए
ANSWER= A. अपने भिए
7. ऐनी फ्ैंक कौन थीं?
A. जमानी में पैदा िुई एक यिूदी िड़की
B. इंनिैंड में पैदा िुई एक इसाई िड़की
C. रोम में पैदा िुई एक यिूदी िड़की

pg. 18
केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
D. जापान में पैदा िुई एक बौद्ध िड़की
ANSWER= A. जमानी में पैदा िुई एक यिूदी िड़की
8. ऐनी फ्ैंक का जीिन काि था
A. 1919-1945
B. 1925-1945
C. 1929-1945
D. 1939-1945
ANSWER= C. 1929-1945
9. नाग्जयों ने अत्याचार क्रकए थे-
A. हिंदओ
ु ं पर
B. इसाइयों पर
C. बौद्धों पर
D. यिूहदयों पर
ANSWER= D. यिूहदयों पर
10. ऐनी फ्ैंक के पररिार में से जीवित कौन बचा था?
A. वपता
B. माता
C. बिन
D. भाई
ANSWER= A. वपता
11. ऐनी फ्ैंक की डायरी क्रकस भाषा में भिखी िुई थी-
A. अंग्रेजी
B. जमान
C. डच
D. रूसी
ANSWER= C. डच
12. ऐनी फ्ैंक की डायरी का शीषाक था-
A. अ यंग गिा इन ट्रबि
B. अ यंग गिा इन पेन
C. द डायरी ऑफ अ यंग गिा
D. द डायरी ऑफ अ सफर
ANSWER= C. द डायरी ऑफ अ यंग गिा
10. कथा पटकथा MCQ Question Answer
1. कथानक अभभन्न हिस्सा िोता िै -
A. अिसासों का
B. गानों का
C. पटकथा का

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D. संिादों का
ANSWER= C. पटकथा का
2. क्रकस उपन्यास को हिंदी में तीसरी बार क्रफल्माया गया िै ?
A. बिुरानी
B. बड़े घर की बेटी
C. दे िदास
D. गोदान
ANSWER= C. दे िदास
3. 'दे िदास' उपन्यास क्रकसके द्िारा रधचत िै ?
A. प्रेमचंद
B. अज्ञेय
C. शरत ् चंद्र
D. कृष्ण चंद्र
ANSWER= C. शरत ् चंद्र
4. अतीत में िो चक
ु ी घटनाएाँ क्रकस तकनीक से प्रस्तत
ु की जाती िैं-
A. फ्िैशफारिडा
B. फ्िैशबैक
C. फ्िैशिाईट
D. फ्िैशिाईि
ANSWER= B. फ्िैशबैक
5. पटकथा की मूि इकाई क्या िै ?
A. दृश्य
B. रं गमंच
C. कंप्यूटर
D. अभभनेता
ANSWER= A. दृश्य
6. पटकथा में क्रकतने घटनास्थि िोते िैं?
A. एक
B. दस
C. बीस
D. असीभमत
ANSWER= D. असीभमत
7. भविष्य में िोने िािी घटनाओं को क्रकस तकनीक से प्रस्तुत क्रकया जाता िै ?
A. फ्िैशफारिडा
B. फ्िैशबैक
C. फ्िैशिाईट
D. फ्िैशिाईि

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केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
ANSWER= B. फ्िैशफारिडा
8. नाटक में घटनास्थि प्रायः कैसा िोता िै ?
A. सीभमत
B. असीभमत
C. विशंख
ृ ि
D. अननयंबत्रत
ANSWER= A. सीभमत
11. कैसे करें कहानी का नाट्य रूपाींिरण MCQ Question Answer
1. किानी और नाटक कैसी विधाएाँ िैं?
A. समान
B. अिग-अिग
C. विपरीत
D. भमिती-जि
ु ती
ANSWER= B. अिग-अिग
2. नाटक में कैसे पात्र िोने चाहिए?
A. सजीि
B. ननजीि
C. कठपत
ु िी
D. रूढ
ANSWER= A. सजीि
3. नाटक में क्रकस तत्त्ि की प्रधानता िोती िै ?
A. कथानक की
B. भाषा की
C. िेखन की
D. मंच सज्जा की
ANSWER= D. मंच सज्जा की
4. नाटक को मंच पर क्या क्रकया जाता िै ?
A. प्रस्तुत क्रकया जाता िै
B. भिखा जाता िै
C. दे खा जाता िै
D. अभभनीत क्रकया जाता िै
ANSWER= D. अभभनीत क्रकया जाता िै
5. किानी को नाटक में रूपांतररत करते समय उसके कथानक का क्रकस आधार पर विभाजन क्रकया जाता िै ?
A. संिादों के आधार पर
B. पात्रों के आधार पर
C. समय और स्थान के आधार पर
D. भाषा-शैिी के आधार पर

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ANSWER= C. समय और स्थान के आधार पर
6. 'ईदगाि' किानी के िेखक का क्या नाम िै ?
A. भीष्म सािनी
B. भगितीचरण िमाा
C. उदय प्रकाश
D. प्रेमचंद
ANSWER= D. प्रेमचंद
7. इनमें से कौन-सी किानी प्रेमचंद की निीं िै ?
A. कफन
B. दवु िधा
C. बड़े भाई सािब
D. मोटे राम शास्त्री
ANSWER= B. दवु िधा
8. स्थान और समय के आधार पर किानी को क्रकन रूपों में भिखा जाता िै ?
A. संिादों के रूप में
B. दे शकाि के रूप में
C. भाषा-शैिी के रूप में
D. दृश्यों के रूप में
ANSWER= D. दृश्यों के रूप में
9. नाटक का प्रत्येक दृश्य कैसा िगना चाहिए?
A. कथानक का आरं भ
B. कथानक का हिस्सा
C. कथानक का मध्य
D. कथानक का अंत
ANSWER= B. कथानक का हिस्सा
10. नाटक के संिाद कैसे िोने चाहिएाँ?
A. विस्तत

B. िंबे
C. कहठन भाषा में
D. छोटे और प्रभािशािी
ANSWER= D. छोटे और प्रभािशािी
11. 'ईदगाि' किानी में िाभमद नामक पात्र की क्रकस िस्तु का ग्जि निीं क्रकया गया?
A. खान-पान का
B. कपड़ों का
C. िातािरण का
D. बोि-चाि का
ANSWER= B. कपड़ों का

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केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
12. नाटक में अभभनय क्रकसका काम िै ?
A. पात्र का
B. िेखक का
C. ननदे शक का
D. दशाक का
ANSWER= C. ननदे शक का
13. स्िगत कथन के स्थान पर आजकि क्रकसका प्रयोग क्रकया जाता िै ?
A. िायस ओिर का
B. िायस का
C. िायस िीक का
D. चैज िायस का
ANSWER= A. िायस ओिर का
14. ईदगाि' किानी में अम्मा िािे अंश के भिए नाट्य रूपांतरण करते समय क्रकस शैिी का उपयोग क्रकया जा
सकता िै ?
A. िणानात्मक शैिी का
B. फ्िैश बैक शैिी का
C. भािात्मक शैिी का
D. संबोधनात्मक शैिी का
ANSWER= B. फ्िैश बैक शैिी का
15. किानी का नाट्य रूपांतरण करते समय पििा पाठ क्या िो सकता िै ?
A. कथानक का आरं भ
B. क्रकसी नाटक को पढना
C. रूपांतरण के ननयमों को जानना
D. अच्छी नाट्य प्रस्तुनतयााँ दे खना
ANSWER= D. अच्छी नाट्य प्रस्तुनतयााँ दे खना
16. 'ईदगाि' किानी में ईदगाि में जाने से पििे बच्चे क्या धगन रिे िैं?
A. अपने पैसे
B. अपने कपड़े
C. अपने साथी
D. अपने णखिौने
ANSWER= A. अपने पैसे
12. कैसे बनिा है रे डडयो नाटक MCQ Question Answer
1. प्राचीनकाि में आम आदमी घर बैठे मनोरं जन के भिए क्रकसका सिारा िेता था?
A. किाननयों का
B. रे डडयो का
C. टे िीविजन का
D. आपसी गप-शप का

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ANSWER= B. रे डडयो का
2. 'अंधा युग' के रचनयता का नाम क्या िै ?
A. मोिन राकेश
B. नरे श मेिता
C. धमािीर भारती
D. प्रभाकर माचिे
ANSWER= C. धमािीर भारती
3. रे डडयो नाटक का दस
ू रा प्रमुख नाम क्या िै ?
A. अभभनेय नाटक
B. ध्िनन नाटक
C. नाटक
D. सीररयि नाटक
ANSWER= B. ध्िनन नाटक
4. रे डडयो नाटक में क्रकतने अंक िोते िैं?
A. कोई अंक निीं िोते
B. दो अंक िोते िै
C. तीन अंक िोते िैं
D. चार अंक िोते िै
ANSWER= A. कोई अंक निीं िोते
5. रे डडयो नाटक के दृश्य कैसे िोने चाहिएाँ?
A. छोटे
B. िंबे
C. बड़े
D. विस्तत

ANSWER= A. छोटे
6. रे डडयो नाटक क्रकस प्रकार का माध्यम िै ?
A. दृश्य माध्यम
B. श्रव्य माध्यम
C. दृश्य और श्रव्य माध्यम
D. इनमें से कोई निीं
ANSWER= B. श्रव्य माध्यम
7. रे डडयो नाटक में क्रकसका विशेष मित्त्ि िोता िै ?
A. अभभनय का
B. संिाद का
C. भाषा का
D. ध्िनन का
ANSWER= D. ध्िनन का

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8. रे डडयो नाटक क्रकससे भमिती-जुिती विधा िै ?
A. उपन्यास और किानी से
B. भसनेमा तथा रं गमंच से
C. किानी और एकांकी से
D. उपन्यास और रं गमंच से
ANSWER= B. भसनेमा तथा रं गमंच से
9. रे डडयो नाटक का कथानक क्रकतनी घटनाओं पर आधाररत िोता िै ?
A. एक घटना पर
B. दो घटनाओं पर
C. तीन घटनाओं पर
D. चार घटनाओं पर
ANSWER= A. एक घटना पर
10. रे डडयो नाटक में पात्रों की संख्या क्रकतनी िोनी चाहिए?
A. बिुत अधधक
B. 7-8 तक
C. 10-15 तक
D. बिुत कम
ANSWER= D. बिुत कम
13. नए िथा अप्रत्याभिि ववषयों पर लेखन MCQ Question Answer
1. अप्रत्याभशत विषय का क्या अथा िै ?
A. प्राचीन सामान्य विषय
B. सामान्य विषयों से िटकर निीन विषय
C. आधनु नक विषयों से संबंधधत
D. गंभीर विषयों से संबधं धत
ANSWER= B. सामान्य विषयों से िटकर निीन विषय
2. प्रायः विद्याथी दस
ू रों के ननबंधों को पढकर क्या करते िैं?
A. ज्यों-का-त्यों प्रस्तुत करते िैं
B. मौभिक ननबंध भिखते िैं
C. पररिनतात रूप में भिखते िैं
D. ननबंध-िेखन की ओर ध्यान निीं दे ते
ANSWER= A. ज्यों-का-त्यों प्रस्तुत करते िैं
3. ननबंध क्रकस पर भिखा जाता िै ?
A. घटना पर
B. किानी पर
C. विचार या भाि पर
D. प्रसंग पर
ANSWER= C. विचार या भाि पर

pg. 25
केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
4. विद्याथी को अभभव्यग्क्त कौशि कैसे प्राप्त िोता िै ?
A. नया सोचने और नया भिखने से
B. पुराने ननबंधकारों का अनुकरण करके
C. भिणखत ननबंधों को याद करके
D. परं परागत विषयों पर िेख भिखकर
ANSWER= A. नया सोचने और नया भिखने से
5. अप्रत्याभशत विषय पर भिखने से पििे विद्याथी को क्या करना चाहिए?
A. विषय के बारे में सोच-विचार
B. बबना सोच-विचार के भिखना
C. भशक्षक की सिायता िेना
D. माता-वपता की सिायता िेना
ANSWER= A. विषय के बारे में सोच-विचार
6. नए तथा अप्रत्याभशत विषयों के भिए क्रकस प्रकार की शैिी का प्रयोग करना चाहिए?
A. िणानात्मक शैिी
B. वििेचनात्मक शैिी
C. संबोधनात्मक शैिी
D. आत्मपरक शैिी
ANSWER= D. आत्मपरक शैिी
7. अप्रत्याभशत विषयों पर भिखने से क्या िाभ िोगा?
A. पुराने विचारों का ज्ञान िोगा
B. नए विचारों का ज्ञान िोगा
C. नए विषय के बारे में पता चिेगा
D. अभभव्यग्क्त कौशि में उन्ननत िोगी
ANSWER= D. अभभव्यग्क्त कौशि में उन्ननत िोगी
8. रटं त का अथा िै ?
A. रट्टा िगाकर याद करना
B. सोच-समझकर पढना
C. भशक्षक से प्रेरणा िेना
D. माता-वपता से पूछकर भिखना
ANSWER= A. रट्टा िगाकर याद करना
जनसींचार माध्यम और लेखन – जनसींचार माध्यम
• सींचार, पररभाषा और मित्ि, संचार क्या िै ?
• सींचार के ित्त्व, स्रोत, एनकोडडंग, संदेश, माध्यम, प्राप्तकताा, फीडबैक और शोर
• सींचार के प्रकार
सांकेनतक संचार
मौणखक और अमौणखक संचार
अंतःिैयग्क्त संचार

pg. 26
केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
अंतरिैयग्क्त संचार
समूि संचार
जनसंचार
• जनसींचार की वविेषिाएँ
• सींचार के कायय
• जनसींचार के कायय –
सूचना दे ना, भशक्षक्षत करना, मनोरं जन करना
एजेंडा तय करना
ननगरानी करना
विचार-विमशा के मंच
• िारि के जनसींचार माध्यमों का ववकास
समाचार-पत्र-पबत्रकाएाँ
रे डडयो
टे भिविजन
भसनेमा
इंटरनेट
• जनसींचार माध्यमों का प्रिाव
सींचार एक पररचय
संचार के बबना जीिन संभि निीं िै । मानि सभ्यता के विकास में संचार की सबसे मित्िपूणा भूभमका रिी िै । संचार
दो या दो से अधधक व्यग्क्तयों के बीच सूचनाओं, विचारों और भािनाओं का आदान-प्रदान िै । इस तरि संचार एक
प्रक्रिया िै ग्जसमें कई तत्ि शाभमि िैं। संचार के कई प्रकार िैं ग्जनमें मौणखक और अमौणखक संचार के अिािा
अंत:िैयग्क्तक, अंतरिैयग्क्तक, समूि संचार और जनसंचार प्रमुख िैं।
जनसंचार कई मामिों में संचार के अन्य रूपों से अिग िै । जनसंचार सूचना, भशक्षा और मनोरं जन के अिािा एजेंडा
तय करने का काम भी करता िै । भारत में जनसंचार के विभभन्न माध्यमों का प्रभाि बढता जा रिा िै । जनसंचार
माध्यमों का िोगों पर सकारात्मक के साथ-साथ नकारात्मक प्रभाि भी पड़ता िै । इन नकारात्मक प्रभािों के प्रनत
िोगों का सचेत िोना बिुत जरूरी िै ।
सींचार-पररिाषा और महत्व
िम अधधकांश समय अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने या अपनी भािनाओं और विचारपों कों प्रकट करने के
भिए एक-दस
ू रे से या समूि में बातचीत या संचार करने में िगा दे ते िैं। कई बार िम अकेिे में खद
ु से बातें करने
िगते िैं। यहद समाज में रिना िै और उसके विभभन्न क्रियाकिापों में हिस्सा िेना िै तो यि बबना बातचीत या
संचार के संभि निीं िै । संचार यानी संदेशों का आदान-प्रदान।
सींचार और हमारा जीवन
िम अपने दै ननक जीिन में संचार क्रकए बबना निीं रि सकते। िास्ति में संचार जीिन की ननशानी िै । मनुष्य जब
तक जीवित िै , िि संचार करता रिता िै। यिााँ तक क्रक एक बच्चा भी संचार के बबना निीं रि सकता। िि रोकर
या धचल्िाकर अपनी मााँ का ध्यान अपनी ओर खींचता िै । एक तरि से संचार ख़त्म िोने का अथा िै -मत्ृ यु। िैसे तो
प्रकृनत में सभी जीि संचार करते िैं िेक्रकन मनुष्य की संचार करने की क्षमता और कौशि सबसे बेितर िै ।अकसर

pg. 27
केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
यि किा जाता िै क्रकमनुष्य एक समाग्जक प्राणी िै और उसे सामाग्जक प्राणी के रूप में विकभसत करने में उसकी
संचार क्षमता की सबसे बड़ी भूभमका रिी िै ।
पररिार और समाज में एक व्यग्क्त के रूप में िम अन्य िोगों सं संचार के जररये िी संबंध स्थावपत करते िैं और
रोजमराा की जरूरतें पूरी करते िैं। संचार िी िमें एक-दस
ू रे से जोड़ता िै ।
सभ्यता के विकास की किानी संचार और उसके साधनों के विकास की किानी िै । मनुष्य ने चािे भाषा का विकास
क्रकया िो या भिवप का या क्रफर छपाई का, इसके पीछे मूि इच्छा संदेशों के आदान-प्रदान की िी थी। दरअसि,
संदेशों के आदान-प्रदान में िगने िािे समय और दरू ी को पाटने के भिए िी मनुष्य ने संचार के माध्यमों की खोज
की।
संचार और जनसंचार के विभभन्न माध्यमों-टे िीफोन, इंटरनेट, फैक्स, समाचारपत्र, रे डडयो, टे िीविजन और भसनेमा
आहद के जररये मनुष्य संदेशों के आदान-प्रदान में एक-दस
ू रे के बीच की दरू ी और समय को िगातार कम से कम
करने की कोभशश कर रिा िै । यिी कारण िै क्रक आज संचार माध्यमों के विकास के साथ न भसफा भौगोभिक दरू रयााँ
कम िो रिी िैं बग्ल्क सांस्कृनतक और मानभसक रूप से भी िम एक-दस
ू रे के करीब आ रिे िैं। शायद यिी कारण िै
क्रक कुछ िोग मानते िैं क्रक आज दनु नया एक गााँि में बदि गई िै ।
जनसींचार माध्यम क्रकिने उपयोगी
दनु नया के क्रकसी भी कोने में कोई घटना िो, जनसंचार माध्यमों के जररये कुछ िी भमनटों में िमें खबर भमि जाती
िै । अगर ििााँ क्रकसी टे िीविजन समाचार चैनि का संिाददाता मौजूद िो तो िमें ििााँ की तसिीरें भी तरु ं त दे खने को
भमि जाती िैं। इसी तरि आज टे िीविजन के परदे पर िम दनु नयाभर के अिग-अिग क्षेत्रों में घट रिी घटनाओं को
सीधे प्रसारण के जररये ठीक उसी समय दे ख सकते िैं। िम क्रिकेट मैच दे खने स्टे डडयम भिे न जाएाँ िेक्रकन घर बैठे
उस मैच का सीधा प्रसारण (िाइि) दे ख सकते िैं।
आज संचार और जनसंचार के माध्यम िमारी अननिाया आिश्यकता बन गए िैं। िमारे रोजमराा के जीिन में उनकी
बिुत अिम भूभमका िो गई िै । उनके बबना िम आज आधनु नक जीिन की कल्पना भी निीं कर सकते। िे िमारे
भिए न भसफा सूचना के माध्यम िैं बग्ल्क िे िमें जागरूक बनाने और िमारा मनोरं जन करने में भी अग्रणी भूभमका
ननभा रिे िैं।
मैगी की बबिी पर रोक
नई दे ल्िी, विशेष संिाददाता
सरकार ने शुििार को नेस्िे कंपनी के ब्ांड मैगी की सभी नौ क्रकस्मों की बबिी पर पूरे दे श में पाबंदी िगा दी।
भारतीय खाद्य संरक्षा एिं मानक प्राधधकरण (एफएसएसएआई) ने किा, ‘मैगी के नौ नूडि खाने के भििाज से
असुरक्षक्षत और खतरनाक िैं। इसभिए कंपनी तुरंत इनकी बबिी और उत्पादन पर रोक िगाए।’
कींपनी ने मैगी पर सफाई िी : नेस्िे के निोबि सीईओ पॉि बुल्के ने हदल्िी में प्रेस कांफ्ेंस कर मैगी पर सफाई दी।
उन्िोंने किा, ‘मैगी पूरी तरि सुरक्षक्षत िै क्रफर भी िमने इसे भारतीय बाजार से िटाने का फैसिा भिया िै क्योंक्रक
बेिजि भ्रम फैिने से ग्रािकों का भरोसा प्रभावित िो रिा िै ।’ पॉि ग्स्िट्जरिैंड से आए थे।
15 दिन में जवाब िें : खाद्य ननयामक एफएसएसएआई ने नेस्िे को कारण बताओ नोहटस जारी करके पंद्रि हदन के
अंदर जिाब मांगा िै । ननयामक का किना िै क्रक नेस्िे ने उत्पाद मंजूरी भिए बगैर और बबना जोणखम एिं सुरक्षा
आकिन के मैगी ओट्स मसािा नूडल्स पेश क्रकया िै । इसभिए मैगी की सभी नौ क्रकस्में तुरंत बाजार से िापस िेने
का आदे श हदया िैं। एफएसएसएआई के मुख्य कायाकारी िाईएम मभिक ने बताया, कंपनी को तीन हदन में बाजार से
मैगी िटाने के आदे श पर ररपोटा दे ने को किा गया िै । साथ िी यि प्रक्रिया पूरी िोने तक रोज प्रगनत ररपोटा सौंपने
का भी ननदे श हदया गया िै । भारत की जांच पर सिाि! : नेस्िे के निोबि सीईओ पॉि से जब यि पछ
ू ा गया क्रक

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क्या िि भारतीय िैब में िुई जांच पर सिाि उठा रिें िैं तो उन्िोंने इस बात स इनकार क्रकया। पॉि ने किा,
‘सबकी जांच का तरीका अिग-अिग िो सकता िै । िम भारत का तरीका समझेंगे।’
उग्रवादियों की िलािी का अभियान िेज
इंफाि एजेंभसयों
सुरक्षाबिों ने गुरुिार को सेना के काक्रफिे पर घात िगाकर िमिा करने में शाभमि उग्रिाहदयों को पकड़ने के भिए
मणणपुर के चंदेि ग्जिे में तिाशी अभभयान तेज कर हदया िै । इस िमिे में डोगरा रे जीमें ट के 18 सैननक शिीद िो
गए थे। इस बीच, सेना प्रमुख दिबीर भसंि सुिाग ने स्ियं मणणपुर पिुाँचकर ग्स्थनत का जायजा भिया िै । चंदेि के
एक िररष्ठ पुभिस अधधकारी ने बताया क्रक पुभिस घटनास्थि से शिीदों के शिों को िा चक ु ी िै । इनमें 17 शि छठी
डोगरा रे जीमें ट के जिानों के िैं, जबक्रक एक शि उग्रिादी का िै । िािााँक्रक, यि स्पष्ट निीं क्रक उग्रिादी क्रकस सगठन
से संबंधधत िै । पुभिस ने बताया क्रक तिाशी अभभयान सेना और असम राइफल्स भमिकर चिा रिे िैं। िेक्रकन अब
तक क्रकसी की धगरफ्तारी निीं की गई िै । उन्िोंने बताया क्रक घटनास्थि जंगि के काफी अंदर एिं दग
ु म
ा िै ।
मिज 20 क्रकिोमीटर की दरू ी पर म्यांमार सीमा िै । इसभिए िमिा कर उग्रिादी भागने में कामयाब रिे । सत्र
ू ों ने
बताया क्रक उग्रिाहदयों की धरपकड़ के भिए परािोंग, चरोंग, मोल्ति
ु और कुछ अन्य इिाकों में खोज अभभयान
चिाया जा रिा िै । इस बीच, सरु क्षा का जायजा िेने पिुाँचे सि
ु ाग ने शि ु िार को तीसरी कोर के कमांडर और शीषा
पभु िस अधधकाररयों के साथ बैठक की। उन्िोंने घटना और मौजद ू ा सरु क्षा व्यिस्था की जानकारी िी। सि
ु ाग ने किा
क्रक उग्रिाहदयों के णखिाफ दीघाकाभिक और िक्षक्षत अभभयानों के भिए एक विस्तत
ृ अभभयान योजना पर काम क्रकया
जा रिा िै ।
सींचार तया है ?
संचार शब्द की उत्पवत्त ‘चर’ धातु से िुई िै , ग्जसका अथा िै -चिना या एक स्थान से दस
ू रे स्थान तक पिुाँचना।
संचार स िमारा तात्पया दो या दो से अधधक व्यग्क्तयों के बीच सूचनाओं, विचारों और भािनाओं का आदान-प्रदान
िै । मशिूर संचारशास्त्री विल्बर श्रैम के अनुसार “संचार अनुभिों की साझेदारी िै ।’ इस प्रकार सुचनाओं, विचारों और
भािनाओं को भिणखत, मौणखक या दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरीये सफितापूिक ा एक जगि से दस ू री जगि पिुाँचाना िी
संचार िै और इस प्रक्रिया को अंजाम दे ने में मदद करने िािे तरीके संचार माध्यम कििाते िैं।
सींचार के ित्व
संचार एक प्रक्रिया िै । इस प्रक्रिया में कई तत्ि शाभमि िैं। इनमें से प्रमुख तत्ि ननम्नभिणखत िै -
1. स्त्रोि या सींचारक - संचार-प्रक्रिया की शुरुआत ‘स्रोत” या ‘संचारक’ से िोती िै । जब स्रोत या संचारक एक
उद्दे श्य के साथ अपने क्रकसी विचार, संदेश या भािना को क्रकसी और तक पिुाँचाना चािता िै , तो संचार-
प्रक्रिया की शुरुआत िोती िै । जैसे िमें क्रकताब की जरूरत िोने पर जैसे िी िम क्रकताब मााँगने की सोचते िैं ,
संचार की प्रक्रिया शुरू िो जाती िै । क्रकताब मााँगने के भिए िम अपने भमत्र से बातचीत करें गे या उसे भिखकर
संदेश भेजेंगे। बातचीत या संदेश भेजने के भिए िम भाषा का सिारा िेते िैं।
2. कूटीकृि या एनकोडडींग - यि संचार की प्रक्रिया का दस
ू रा चरण िै । सफि संचार के भिए जरूरी िै क्रक
आपका भमत्र भी उस भाषा यानी कोड से पररधचत िो ग्जसमें आप अपना संदेश भेज रिे िैं। इसके साथ िी
संचारक का एनकोडडंग की प्रक्रिया पर भी पूरा अधधकार िोना चाहिए। इसका अथा यि िुआ क्रक सफि संचार
के संचारक का भाषा पर पूरा अधधकार िोना चाहिए। साथ िी उसे अपने संदेश के मुताबबक बोिना या भिखना
भी आना चाहिए।
3. सींिेि - संचार-प्रक्रिया में संदेश का बिुत अधधक मित्ि िै । क्रकसी भी संचारक का सबसे प्रमुख उद्दे श्य अपने
संदेश को उसी अथा के साथ प्राप्तकताा तक पिुाँचाना िै । इसभिए सफि संचार के भिए जरूरी िै क्रक संचारक

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अपने संदेश को िेकर खुद पूरी तरि से स्पष्ट िो। संदेश ग्जतना िी स्पष्ट और सीधा िोगा, संदेश के
प्राप्तकताा को उसे समझना उतना िी आसान िोगा।
4. माध्यम (चैनल) - संदेश को क्रकसी माध्यम (चैनि) के जररये प्राप्तकताा तक पिुाँचाना िोता िै । जैसे िमारे
बोिे िुए शब्द ध्िनन तरं गों के जररये प्राप्तकताा तक पिुाँचते िैं, जबक्रक दृश्य संदेश प्रकाश तरं गों के जररये।
इसी तरि िायु तरं गों के जररये भी संदेश पिुाँचते िैं। जैसे खाने की खश ु बू िम तक िायु तरं गों के जररये
पिुाँचती िै । स्पशा या छूना भी एक तरि का माध्यम िै । इसी तरि टे िीफोन, समाचारपत्र, रे डडयो, टे िीविजन,
इंटरनेट और क्रफल्म आहद विभभन्न माध्यमों के जररये भी संदेश प्राप्तकताा तक पिुाँचाया जाता िै ।
5. प्राप्िकिाय या ररसीवर - यि प्राप्त संदेश का कूटिाचन यानी उसकी डीकोडडंग करता िै । डीकोडडंग का अथा िै
प्राप्त संदेश में ननहित अथा को समझने की कोभशश। यि एक तरि से एनकोडडंग की उिटी प्रक्रिया िै । इसमें
संदेश का प्राप्तकताा उन धचिनों और संकेतों के अथा ननकािता िै । जाहिर िै क्रक संचारक और प्राप्तकताा दोनों
का उस कोड से पररधचत िोना जरूरी िै ।
6. फीडबैक - संचार-प्रक्रिया में प्राप्तकताा की इस प्रनतक्रिया को फीडबैक किते िैं। संचार-प्रक्रिया की सफिता में
फीडबैक की अिम भभू मका िोती िै । फीडबैक से िी पता चिता िै क्रक संचार-प्रक्रिया में किीं कोई बाधा तो निीं
आ रिी िै । इसके अिािा फीडबैक से यि भी पता चिता िै क्रक संचारक ने ग्जस अथा के साथ संदेश भेजा था
िि उसी अथा में प्राप्तकताा को भमिा िै या निीं? इस फीडबैक के अनस
ु ार िी संचारक अपने संदेश में सध
ु ार
करता िै और इस तरि संचार की प्रक्रिया आगे बढती िै ।
7. िोर - संचार प्रक्रिया में कई बाधाएाँ भी आती िैं। इन बाधाओं को शोर (नॉयज) किते िैं। संचार की प्रक्रिया
को शोर से बाधा पिुाँचती िै । यि शोर क्रकसी भी क्रकस्म का िो सकता िै । यि मानभसक से िेकर तकनीकी
और भौनतक शोर तक िो सकता िै । शोर के कारण संदेश अपने मूि रूप में प्राप्तकताा तक निीं पिुाँच पाता।
सफि संचार के भिए संचार प्रक्रिया से शोर को िटाना या कम करना बिुत जरूरी िै ।
सींचार के प्रकार
संचार विभभन्न प्रकार के िोते िैं, पर िे परस्पर काफी भमिे-जुिे िोते िैं। इन्िें अिग करके दे खना कहठन िोता िै ।
संचार के ननम्नभिणखत रूप िैं-
1. साींकेतिक सींचार-जब िम क्रकसी व्यग्क्त को संकेत या इशारे से बुिाते िैं तो इसे सांकेनतक संचार किते िैं।
अपने से बड़ों को प्रणाम करते िुए िाथ जोड़कर प्रणाम करना मौणखक संचार का उदािरण िै । मौणखक संचार
के समय चेिरे और शरीर के विभभन्न अंगों की मुद्राओं की मदद िी जाती िै । खश
ु ी, प्रेम, डर आहद अमौणखक
संचार द्िारा व्यक्त क्रकया जाता िै ।
2. अींि:वैयक्तिक (इींटरपसयनल) सींचार-जब िम कुछ सोच रिे िोते िैं, कुछ योजना बना रिे िोते िैं या क्रकसी को
याद कर रिे िोते िैं तो यि भी एक संचार िै । इस संचार-प्रक्रिया में संचारक और प्राप्तकताा एक िी व्यग्क्त
िोता िै । यि संचार का सबसे बुननयादी रूप िै । इसे अंत:िैयग्क्तक (इंट्रपसानि) संचार किते िैं। िम जब पूजा,
इबादत या प्राथाना करते िक्त ध्यान में िोते िैं तो िि भी अंत:िैयग्क्तक संचार का उदािरण िै । क्रकसी भी
संचार की शुरुआत यिीं से िोती िै ।
3. समूह सींचार-इस संचार में िम जो कुछ भी किते िैं, िि क्रकसी एक या दो व्यग्क्त के भिए न िोकर पूरे
समूि के भिए िोता िै । समूि संचार का उपयोग समाज और दे श के सामने उपग्स्थत समस्याओं को बातचीत
और बिस-मुबाहिसे के जररये िि करने के भिए िोता िै । संसद में जब विभभन्न मुद्दों पर चचाा िोती िै तो
यि भी समूि संचार का िी एक उदािरण िै ।

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4. जनसींचार-जब िम व्यग्क्तयों के समूि के साथ प्रत्यक्ष संिाद की बजाय क्रकसी तकनीकी या यांबत्रक माध्यम
के जररये समाज के एक विशाि िगा से संिाद कायम करने की कोभशश करते िैं तो इसे जनसंचार किते िैं।
इसमें एक संदेश को यांबत्रक माध्यम के जररये बिुगुणणत क्रकया जाता िै ताक्रक उसे अधधक से अधधक िोगों
तक पिुाँचाया जा सके। इसके भिए िमें क्रकसी उपकरण या माध्यम की मदद िेनी पड़ती िै -मसिन अखबार,
रे डडयो, टी०िी०, भसनेमा या इंटरनेट। अखबार में प्रकाभशत िोने िािे समाचार ििी िोते िैं िेक्रकन प्रेस के
जररये उनकी िजारों-िाखों प्रनतयााँ प्रकाभशत करके विशाि पाठक िगा तक पिुाँचाई जाती िैं।
जनसींचार की वविेषिाएँ
जनसंचार की विशेषताएाँ ननम्नभिणखत िैं-

1. जनसंचार माध्यमों के जररये प्रकाभशत या प्रसाररत संदेशों की प्रकृनत सािाजननक िोती िै । इसका अथा यि
िुआ क्रक अंतरिैयग्क्तक या समूि संचार की तुिना में जनसंचार के संदेश सबके भिए िोते िैं।
2. जनसंचार का संचार के अन्य रूपों से एक फका यि भी िै क्रक इसमें संचारक और प्राप्तकताा के बीच कोई
सीधा संबंध निीं िोता िै ।
3. जनसंचार के भिए एक औपचाररक संगठन की भी जरूरत पड़ती िै । औपचाररक संगठन के बबना जनसंचार
माध्यमों को चिाना मुग्श्कि िै । जैसे समाचारपत्र क्रकसी न क्रकसी संगठन से प्रकाभशत िोता िै या रे डडयो का
प्रसारण क्रकसी रे डडयो संगठन की ओर से क्रकया जाता िै ।
4. जनसंचार माध्यमों ढे र सारे द्िारपाि (गेटकीपर) काम करते िैं। द्िारपाि िि व्यग्क्त या व्यग्क्तयों का
समूि िै जो जनसंचार माध्यमों से प्रकाभशत या प्रसाररत िोने िािी सामग्री को ननयंबत्रत और ननधााररत करता
िै ।
जनसंचार माध्यमों में द्िारपाि की भूभमका बिुत मित्िपूणा मानी जाती िै । यि उनकी िी ग्जम्मेदारी िै क्रक िे
सािाजाननक हित, पत्रकाररता के भसद्धांतों, मूल्यों और आचार संहिता के अनसु ार सामग्री को संपाहदत करें और उसके
बाद िी उनके प्रसारण या प्रकाशन की इजाजत दें ।
जनसींचार के कायय
ग्जस प्रकार संचार के कई काया िैं, उसी तरि जनसंचार माध्यमों के भी कई काया िैं। उनमें से कुछ प्रमुख काया इस
प्रकार िैं :

1. सूचना िे ना-जनसंचार माध्यमों का प्रमुख काया सूचना दे ना िै । िमें उनके जररये िी दनु नयाभर से सूचनाएाँ
प्राप्त िोती िैं। िमारी जरूरतों का बड़ा हिस्सा जनसंचार माध्यमों के जररये िी पूरा िोता िै ।
2. भिक्षक्षि करना-जनसंचार माध्यम सूचनाओं के जररये िमें जागरूक बनाते िैं। िोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों
की एक मित्िपूणा भूभमका जनता को भशक्षक्षत करने की िै । यिााँ भशक्षक्षत करने से आशय िै -उन्िें दे श-दनु नया के
िाि से पररधचत कराना और उसके प्रनत सजग बनाना।
3. मनोरीं जन करना-जनसंचार माध्यम मनोरं जन के भी प्रमुख साधन िैं। भसनेमा, टी०िी०, रे डडयो, संगीत के टे प,
िीडडयो और क्रकताबें आहद मनोरं जन के प्रमुख माध्यम िैं।
4. एजेंडा िय करना-जनसंचार माध्यम सूचनाओं और विचारों के जररये क्रकसी दे श और समाज का एजेंडा भी
तय करते िैं। जब समाचार-पत्र और समाचार चैनि क्रकसी खास घटना या मुद्दे को प्रमुखता से उठाते िैं या
उन्िें व्यापक किरे ज दे ते िैं, तो िे घटनाएाँ या मद्
ु दे आम िोगों में चचाा के विषय बन जाते िैं। क्रकसी घटना
या मुद्दे को चचाा का विषय बनाकर जनसंचार माध्यम सरकार और समाज को उस पर अनुकूि प्रनतक्रिया
करने के भिए बाध्य कर दे ते िैं।

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5. तनगरानी करना-क्रकसी िोकतांबत्रक समाज में जनसंचार माध्यमों का एक और प्रमुख काया सरकार और
संस्थाओं के कामकाज पर ननगरानी रखना भी िै । अगर सरकार कोई गित कदम उठाती िै या क्रकसी
संगठन/संस्था में कोई अननयभमतता बरती जा रिी िै , तो उसे िोगों के सामने िाने की ग्जम्मेदारी जनसंचार
माध्यमों पर िै ।
6. ववचार-ववमिय के मींच-जनसंचार माध्यमों का एक काया यि भी िै क्रक िे िोकतंत्र में विभभन्न विचारों को
अभभव्यग्क्त का मंच उपिब्ध कराते िैं। इसके जररये विभभन्न विचार िोगों के सामने पिुाँचते िैं। जैसे क्रकसी
समाचार-पत्र के ‘संपादकीय’ पष्ृ ठ पर क्रकसी घटना या मुद्दे पर विभभन्न विचार रखने िािे िेखक अपनी राय
व्यक्त करते िैं। इसी तरि ‘संपादक के नाम धचट्ठी’ स्तंभ में आम िोगों को अपनी राय व्यक्त करने का
मौका भमिता िै । इस तरि जनसंचार माध्यम विचार-विमशा के मंच के रूप में भी काम करते िैं।
िारि में जनसींचार माध्यमों का ववकास
भारत में जनसंचार माध्यमों का इनतिास बिुत पुराना िै । इसके बीज पौराणणक काि के भमथकीय पात्रों में भमि जाते
िैं। दे िवषा नारद को भारत का पििा समाचार िाचक माना जाता िै जो िीणा की मधरु झंकार के साथ धरती और
दे ििोक के बीच संिाद-सेतु थे। उन्िीं की तरि मिाभारत काि में मिाराज धत
ृ राष्ट्र और रानी गांधारी को यद्
ु ध की
झिक हदखाने और उसका वििरण सन
ु ाने के भिए ग्जस तरि संजय की पररकल्पना की गई िै , िि एक अत्यंत
समद्
ृ ध संचार व्यिस्था की ओर इशारा करती िै ।
चंद्रगप्ु त मौया, अशोक जैसे सम्राटों के शासन-काि में स्थायी मित्ि के संदेशों के भिए भशिािेखों और सामनयक या
तात्काभिक संदेशों के भिए कच्ची स्यािी या रं गों से संदेश भिखकर प्रदभशात करने की व्यिस्था और मजबतू िुई। तब
बाकायदा रोजनामचा भिखने के भिए कमाचारी ननयक् ु त क्रकए जाने िगे और जनता के बीच संदेश भेजने के भिए भी
सिी व्यिस्था की गई।
भीमबेटका के गुफाधचत्र इसके प्रमाण िैं। यि समानांतर व्यिस्था बाद में कठपुतिी और िोकनाटकों की विविध
शैभियों के रूप में हदखाई पड़ती िै । दे श के विभभन्न हिस्सों में प्रचभित विविध नाट्यरूपों-कथािाचन, बाउि, सांग,
रागनी, तमाशा, िािनी, नौटं की, जात्रा, गंगा-गौरी, यक्षगान आहद का विशेष मित्ि िै । इन विधाओं के किाकार
मनोरं जन तो करते िी थे, एक क्षेत्र से दस
ू रे क्षेत्र तक संदेश पिुाँचाने और जनमत ननमााण करने का काम भी करते
थे।
िेक्रकन जनसंचार के आधुननक माध्यमों के जो रूप आज िमारे यिााँ िैं, िे ननश्चय िी िमें अंग्रेजों से भमिे िैं। चािे
समाचारपत्र िों या रे डडयो, टे िीविजन या इंटरनेट, सभी माध्यम पग्श्चम से िी आए। िमने शुरुआत में उन्िें उसी रूप
में अपनाया िेक्रकन धीरे -धीरे िे िमारी सांस्कृनतक विरासत के अंग बनते चिे गए। चािे क्रफल्में िों या टी०िी०
सीररयि, एक समय के बाद िे भारतीय नाट्य परं परा से पररचाभित िोने िगते िैं। इसभिए आज के जनसंचार
माध्यमों का खाका भिे िी पग्श्चमी िो. िेक्रकन उनकी विषयिस्तु और रं गरूप भारतीय िी िैं।
जनसंचार माध्यमों के ितामान प्रचभित रूपों में प्रमुख िैं-समाचारपत्र-पबत्रकाएाँ, रे डडयो, टे िीविजन, भसनेमा और
इंटरनेट। इन माध्यमों के जररये जो भी सामग्री आज जनता तक पिुाँच रिी िै , राष्ट्र के मानस का ननमााण करने में
उसकी मित्िपूणा भूभमका िै ।
समाचारपत्र-पबत्रकाएँ
जनसंचार की सबसे मजबूत कड़ी पत्र-पबत्रकाएाँ या वप्रंट मीडडया िी िै । िािााँक्रक अपने विशाि दशाक िगा और तीव्रता
के कारण रे डडयो और टे िीविजन की ताकत ज्यादा मानी जा सकती िै िेक्रकन िाणी को शब्दों के रूप में ररकॉडा
करने िािा आरं भभक माध्यम िोने की िजि से वप्रंट मीडडया का मित्ि िमेशा बना रिे गा। आज भिे िी वप्रंट,

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केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
रे डडयो, टे िीविजन या इंटरनेट, क्रकसी भी माध्यम से खबरों के संचार को पत्रकाररता किा जाता िो, िेक्रकन आरं भ में
केिि वप्रंट माध्यमों के जररये खबरों के आदान-प्रदान की िी पत्रकाररता किा जाता था।
पत्रकाररिा के सोपान
इसके ननम्नभिणखत तीन सोपान िैं-
1. समाचारों को संकभित करना।
2. उन्िें संपाहदत कर छापने िायक बनाना!
3. पत्र या पबत्रका के रूप में छापकर पाठकों तक पिुाँचाना।
यद्यवप ये तीनों काम परस्पर जुड़े िुए िैं पर पत्रकाररता के अंतगात पििे दो कामों को शाभमि क्रकया जाता िै । जिााँ
बािर से खबरें िाने का काम संिाददाताओं का िोता िै , ििीं तमाम खबरों, िेखों, फीचरों को व्यिग्स्थत तरीके से
संपाहदत करने और सुरुधचपूणा ढं ग से छापने का काम संपादकीय विभाग में काम करने िािे संपादकों का िोता िै ।
आज पत्रकाररता का क्षेत्र भी बिुत व्यापक िो चिा िै । खबर का संबंध क्रकसी एक या दो विषयों से निीं िोता।
दनु नया के क्रकसी भी कोने की घटना समाचार बन सकती िै बशता क्रक उसमें पाठकों की हदिचस्पी िो या उसमें
सािाजाननक हित ननहित िो।
िारि में अखबारी पत्रकाररिा का आरीं ि
भारत में अखबारी पबत्रका की शरु
ु आत सन ् 1780 में जेम्स ऑगस्ट हिकी के ‘बंगाि गजट’ से िुई जो किकत्ता
(कोिकाता) से ननकिा था जबक्रक हिंदी का पििा साप्ताहिक पत्र ‘उदत माताड’ भी किकत्ता से िी सन ् 1826 में
पंडडत जग
ु ि क्रकशोर शक्
ु ि के संपादन में ननकिा था। हिंदी भाषा के विकास में शरु
ु आती अखबारों और पबत्रकाओं ने
बिुत मित्िपण ू ा भभू मका ननभाई। इस भििाज से भारतें द ु िररश्चंद्र का नाम िमेशा सम्मान के साथ भिया जाएगा
ग्जन्िोंने कई पबत्रकाएाँ ननकािीं। आजादी के आंदोिन में भारतीय पत्रों ने अिम भूभमका ननभाई। मिात्मा गांधी,
िोकभान्य नतिक और मदनमोिन माििीय जैसे नेताओं ने िोगों को जागरूक बनाने के भिए पत्रकार की भी
भूभमका ननभाई।
गांधी जी को िम समकािीन भारत का सबसे बड़ा पत्रकार कि सकते िैं, क्योंक्रक आजादी हदिाने में उनके पत्रों न
मित्िपूणा भूभमका ननभाई। आजादी के पिि के प्रमुख पत्रकारों में गणेश शंकर विद्याथी, माखनिाि चतुिेदी,
मिािीर प्रसाद दवििेदी, बाबुराि बबष्णुराि पराड़कर, प्रताप नारायण भमश्र, भशिपूजन सिाय. रामिक्ष
ृ बेनीपुरी और
बािमुकंु द गुप्त िैं। उस समय के मित्िपूणा अखबारों और पबत्रकाओं में ‘केसरी’, हिंदस्
ु तान’ ‘सरस्िती’ ‘िं स’ ‘कमािीर’,
‘ आज’,’ प्रताप ‘,’प्रदीप’ और ‘विशाि भारत’ आहद प्रमुख िैं।
स्विींत्र िारि के प्रमुख समाचार पत्र
आजादी के बाद के प्रमुख हिंदी अखबारों में ‘निभारत टाइम्स’, ‘जनसत्ता’, ‘नई दनु नया’, ‘राजस्थान पबत्रका’, ‘अमर
उजािा’ , ‘दै ननक भास्कर’, “दै ननक जागरण और पबत्रकाओं में ‘धमायुग’, ‘साप्ताहिक हिंदस्
ु तान’, ‘ हदनमान’ ,
‘रवििार’ , ‘इंडडया टुडे’ और ‘आउटिुक’ का नाम भिया जा सकता िै । इनमें से कई पबत्रकाएाँ बंद िो चक
ु ी िैं। आजादी
के बाद के हिंदी के प्रमुख पत्रकारों में सग्च्चदानंद िीरानंद िात्स्यानन ‘अज्ञेय’, रघुिीर सिाय, धमािीर भारती, मनोिर
श्याम जोशी, राजेन्द्र माथरु , प्रभाष जोशी, सिेश्िर दयाि सक्सेना, सुरेन्द्र प्रताप भसंि का नाम भिया जात सकता िै ।
रे डडयो
पत्र-पबत्रकाओं के बाद ग्जस माध्यम ने दनु नया को सबसे ज्यादा प्रभावित क्रकया, िि रे डडयो िै । सन ् 1895 में जब
इटिी के इिेग्क्ट्रकि इंजीननयर जी० माकनी ने िायरिेस के जररये ध्िननयों और संकेतों को एक जगि से दस
ू री
जगि भेजने में कामयाबी िाभसि की, तब रे डडयो जैसा माध्यम अग्स्तत्ि में आया। पििे विश्ियुद्ध तक यि
सच
ू नाओं के आदान-प्रदान का एक मित्िपण
ू ा औजार बन चक
ु ा था। भारत में 1892 में रे डडयो की शुरुआत िुई।

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केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
1921 में मुंबई में ‘टाइम्स ऑफ इंडडया’ ने डाक-तार विभाग के सियोग से संगीत कायािम प्रसाररत क्रकया। 1936
में विधधित ् ऑि इडडया रे डडयो की स्थापना िुई और आजादी के समय तक दे श में कुि में रे डडयो स्टे शन खिु चुके
थे-िखनऊ, हदल्िी, बंबई (मुंबई), किकत्ता (कोिकाता), मद्रास (चेन्नई) नतरुधचरापल्िी, ढाका, िािौर और पेशािर।
इनमें से तीन रे डडयो स्टे शन विभाजन के साथ पाक्रकस्तान के हिस्से में चिे गए।
आजादी के बाद भारत में रे डडयो एक बेिद ताकतिर माध्यम के रूप में विकभसत िुआ। आज आकाशिाणी दे श की
24 भाषाओं और 146 बोभियों में कायािम प्रस्तुत करती िै । दे श की 96 प्रनतशत आबादी तक इसकी पिुाँच िै ।
1993 में एकएम (क्रफ्क्िेंसी मॉडयूिेशन) की शुरुआत के बाद रे डडयो के क्षेत्र में कई ननजी कंपननयााँ भी आगे आई ि।
िेक्रकन अभी उन्िें समाचार और सम-सामनयक कायािमों के प्रसारण की अनुमनत निीं िै ।
रे डडयो एक ध्िनन पाध्यम िै । इसकी तात्काभिकता, घननष्ठता और प्रभाि के कारण गांधी जी ने रे डडयो को एक
अद्भुत श न किा था। ध्िनन-तरं गों के जररये यि दे श के कोने-कोने तक पिुाँचता िै । दरू -दराज के गााँिों में , जिााँ
संचार और मनोरं जन के अन्य साधन निीं िोते, ििााँ रे डडयो िी एकमात्र साधन िै . बािरी दनु नया से जुड़ने का। क्रफर
अखबार और टे िीविजन की ति ु ना में यि बिु ‘ सस ्: भी िै ।
इसभिए भारत के दरू दराज के ििाकों में िोगों ने रे डडयो क्िब बना भिए िैं। आकाशिाणी के अिािा सैकड़ों ननजी
एफएम स्टे शनों और बीबीसी, िायस आाँफ अमेररका, डोयचे िेिे (रे डडयों जमानी), मास्को रे डडयो, रे डडयों पेइधचंग,
रे डडयो आस्ट्रे भिया जैसे कई विदे शी प्रसारण और िै म अमेच्योर रे डडयो क्िबों (स्ितंत्र समि
ू द्िारा संचाभित पंजीकृत
रे डडयो स्टे शन) का जाि बबछा िुआ िै ।
टे लीववजन
आज टे िीविजन जनसंचार का सबसे िोकवप्रय और ताकतिर माध्यम बन गया िै । वप्रंट मीडडया के शब्द और रे डडयो
की ध्िननयों के साथ जब टे िीविजन के दृश्य भमि जाते िैं , तो सूचना की विश्िसनीयता कई गुना बढ जाती िै ।
भारत में टे िीविजन की शुरुआत यूनेस्को की एक शैक्षक्षक पररयोजना के अंतगात 15 भसतंबर, 1959 को िुई थी।
इसका मकसद टे िीविजन के जररये भशक्षा और सामुदानयक विकास को प्रोत्साहित करना था। इसके तित हदल्िी के
आसपास के गााँिों में 2 टी०िी० सेट िगाए गए ग्जन्िें 200 िोगों ने दे खा। यि िफ्ते में दो बार एक-एक घंटे के
भिए हदखाया जाता था। िेक्रकन 1965 में स्ितंत्रता हदिस से भारत में विधधित टी०िी० सेिा का आरं भ िुआ। तब
रोज एक घंटे के भिए टी०िी० कायािम हदखाया जाने िगा। 1975 तक हदल्िी, मुंबई, श्रीनगर, अमत ृ सर, कोिकाता,
मद्रास और िखनऊ में टी०िी० सेंटर खि
ु गए। िेक्रकन 1976 तक टी०िी० सेिा आकाशिाणी का हिस्सा थी। 1
अप्रैि, 1976 से इसे अिग कर हदया गया। इसे दरू दशान नाम हदया गया। 1984 में इसकी रजत जयंती मनाई गई।
स्िगीय प्रधानमंत्री इंहदरा गांधी को दरू दशान की ताकत का एकसास था। िे दे शभर में टे िीविजन केंद्रों का जाि
बबछाना चािती थीं। 1980 में इंहदरा गांधी ने प्रोफेसर पी०सी० जोशी की अध्यक्षता में दरू दशान के कायािमों की
गुणित्ता में सुधार के भिए एक सभमनत गहठत की। जोशी ने अपनी ररपोटा में भिखा, िमारे जैसे समाज में जिााँ पुराने
मूल्य टूट रिे िों और नए न बन रिे िों, ििााँ दरू दशान बड़ी भूभमका ननभाते िुए जनतंत्र को मजबूत बना सकता िै ।
दरू दशान कायािमों की गुणित्ता के सुधार में प्रो० पी०सी० जोशी की अध्यक्षता में एक सभमनत गहठत की गई, ग्जसने
अपनी ररपोटा में भिखा-‘िमारे जैसे समाज में जिााँ पुराने मूल्य टूट रिे िों और नए न बन रिे िों, ििााँ दरू दशान बड़ी
भूभमका ननभाते िुए जनतंत्र को मजबूत बना सकता िै ।’
टे लीववजन के उद्िे श्य
टे िीविजन के ननम्नभिणखत उद्दे श्य िैं -
• सामाग्जक पररितान
• राष्ट्रीय एकता

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• िैज्ञाननक चेतना का विकास
• पररिार-कल्याण को प्रोत्सािन
• कृवष-विकास
• पयाािरण-संरक्षण
• सामाग्जक विकास
• खेि–संस्कृनत का विकास
• सांस्कृनतक धरोिर को प्रोत्सािन
दरू दशान ने दे श की सूचना, भशक्षा और मनोरं जन की जरूरतों को पूरा करने की हदशा में उल्िेखनीय सेिा की िै ,
िेक्रकन िंबे समय तक सरकारी ननयंत्रण में रिने के कारण इसमें ताजगी का अभाि खटकने िगा और पत्रकाररता के
ननष्पक्ष माध्यम के तौर पर यि अपनी जगि निीं बना पाया। अिबत्ता मनोरं जन के एक िोकवप्रय माध्यम के तौर
पर इसने अपनी एक खास जगि बना िी िै ।
टे िीविजन का असिी विस्तार तब िुआ, जब भारत में दे शी ननजी चैनिों की बाढ आने िगी। अक्टूबर, 1993 में जी
टी०िी० और स्टार टी०िी० के बीच अनब
ु ंध िुआ। इसके बाद समाचार के क्षेत्र में भी जी न्यज
ू और स्टार न्यज

नामक चैनि आए और सन ् 2002 में आजतक के स्ितंत्र चैनरि के रूप में आने के बाद तो जैसे समाचार चैनिों
की बाढ िी आ गई। जिााँ पििे िमारे सािाजननक प्रसारक दरू दशाक का उद्दे श्य राष्ट्र-ननमााण और सामाग्जक उन्नयन
था, ििीं इन ननजी चैनिों का मकसद व्यािसानयक िाभ कमाना रि गया। इससे जिााँ टे िीविजन समाचार को
ननष्पक्षता की पिचान भमिी, उसमें ताजगी आई और िि पेशिे र िुआ, ििीं एक अंधी िोड़ के कारण अनेक बार
पत्रकाररता के मल्
ू यों और उसकी नैनतकता का भी िनन िुआ। इसके बािजदू आज परू े भारत में 200 से अधधक
चैनि प्रसाररत िो रिे िैं और रोज नए-नए चैनिों की बाढ आ रिी िै ।
भसनेमा
जनसंचार का सबसे िोकवप्रय और प्रभािशािी माध्यम िै -भसनेमा। िािााँक्रक यि जनसंचार के अन्य माध्यमों की तरि
सीधे तौर पर सूचना दे ने के अन्य
निीं करता, िेक्रकन परोक्ष रूप में सूचना, ज्ञान और संदेश दे ने का काम करता िै । भसनेमा को मनोरं जन के एक
सशक्त माध्यम के तौर पर दे खा जाता रिा िै । भसनेमा के आविष्कार का श्रेय थॉमस अल्िा एडडसन को जाता िै
और यि 1883 में भमनेहटस्कोप की खोज के साथ जुड़ा िुआ िै । 1894 में फ्ांस में पििी क्रफल्म बनी ‘द अराइिि
ऑफ ट्रे न’। भसनेमा की तकनीक में नेजी से विकास िुआ और जल्दी िी यरू ोप और अमेररका में कई अच्छी क्रफल्में
बनने िगीं।
भारत में पििी मूक क्रफल्म बनाने का श्रेय दादा सािे ब फाल्के को जाता िै । यि क्रफल्म थी 1913 में बनी-‘राजा
िररश्चंद्र’। इसके बाद के दो दशकों में कई और मूक क्रफल्में बनीं। इनके कथानक धमा, इनतिास और िोक-गाथाओं
के इदा -धगदा बुने जाते रिे । 1931 में पििी बोिती क्रफल्म बनी-‘ आिम आरा’। इसके बाद क्रक बोिती क्रफल्मों का दौर
शुरू िुआ। आजादी भमिने के बाद जिााँ एक तरफ भारतीय भसनेमा ने दे श के सामाग्जक यथाथा को गिराई से
पकड़कर आिाज दे ने की कोभशश की, ििीं िोकवप्रय भसनेमा ने व्यािसानयकता का रास्ता अपनाया। एक तरफ
पथ्
ृ िीराज कपूर, मिबूब खान, सोिराब मोदी, गुरुदत्त जैसे क्रफल्मकार थे, तो दस
ू री तरफ सत्यग्जत राय जैसे
क्रफल्मकार। भसनेमा जनसंचार के एक बेितरीन और सबसे ताकतिर माध्यमों में से एक िै । इसके कई और आयाम
भी िैं। यि मनोरं जन के साथ-साथ समाज को बदिने का, िोगों में नई सोच विकभसत करने का और अत्याधनु नक
तकनीक के इस्तेमाि से िोगों को सपनों की दनु नया में िे जाने का माध्यम भी िै ।

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मौजूदा समय में भारत िर साि िगभग 800 क्रफल्मों का ननमााण करता िै और दनु नया का सबसे बड़ा क्रफल्म-
ननमााता दे श बन गया िै । यिााँ हिंदी के अिािा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं और बाभियों में भी क्रफल्में बनती िैं और खब

चिती िैं।
इींटरनेट
इंटरनेट जनसंचार का सबसे नया, िेक्रकन तेजी से िोकवप्रय िो रिा माध्यम िै । एक ऐसा माध्यम, ग्जसमें वप्रंट
मीडडया, रे डडयो, टे िीविजन, क्रकताब, भसनेमा यिााँ तक क्रक पुस्तकािय के सारे गुण मौजूद िैं। उसकी पिुाँच दनु नया के
कोने-कोने तक िै और उसकी रफ़्तार का कोई जिाब निीं िै । उसमें सारे माध्यमों का समागम िै । इंटरनेट पर आप
दनु नया के क्रकसी भी कोने से छपनेिािे अखबार या पबत्रका में छपी सामग्री पढ सकते िैं। रे डडयो सुन सकते िैं।
भसनेमा दे ख सकते िैं। क्रकताब पढ सकते िैं और विश्िव्यापी जाि के भीतर जमा करोड़ों पन्नों में से पिभर में
अपने मतिब की सामग्री खोज सकते िैं।
यि एक अंतरक्रियात्मक माध्यम िै यानी आप इसमें मूक दशाक निीं िै । आप सिाि-जिाब, बिस-मुबाहिसों में भाग
िेते िैं, आप चैट कर सकते िैं और मन िो तो अपना ब्िाग बनाकर पत्रकाररता की क्रकसी बिस के सत्र
ू धार बन
सकते िैं। इंटरनेट ने िमें मीडडया समागम यानी कंिजेस के यग
ु में पिुाँचा हदया िै और संचार की नई संभािनाएाँ
जगा दी िैं।
िर माध्यम में कुछ गण
ु और कुछ अिगण
ु िोते िैं। इंटरनेट ने जिााँ पढने-भिखने िािों के भिए, शोधकतााओं के भिए
संभािनाओं के नए कपाट खोिे िैं, िमें विश्िग्राम का सदस्य बना हदया िै , ििीं इसमें कुछ खाभमयााँ भी िैं। पििी
खामी तो यिी िै क्रक इसमें िाखों अश्िीि पन्ने भर हदए गए िैं , ग्जसका बच्चों के कोमि मन पर बरु ा असर पड़
सकता िै । दस
ू री खामी यि िै क्रक इसका दरु
ु पयोग क्रकया जा सकता िै । िाि के िषों में इंटरनेट के दरु
ु पयोग की कई
घटनाएाँ सामने आई िैं।
जनसींचार माध्यमों का प्रिाव
आज के संचार प्रधान समाज में जनसंचार माध्यमों के बबना जीिन की कल्पना निीं की जा सकती। िमारी जीिन-
शैिी पर संचार माध्यमों का जबरदस्त असर िै । अखबार पढे बबना िमारी सुबि निीं िोती। जो अखबार निीं पढते,
िे रोजमराा की खबरों के भिए रे डडयो या टी०िी० पर ननभार रिते िैं। िमारी मिानगरीय युिा पीढी समाचारों और
सूचनाओं के आदान-प्रदान के भिए इंटरनेट का उपयोग करने िगी िै । खरीद-फराख्त के िमारे फैसिों तक पर
विज्ञापनों का असर साफ दे खा जा सकता िै । यिााँ तक क्रक शादी-ब्याि के भिए भी िोगों की अखबार या इंटरनेट के
मैहट्रमोननयि पर ननभारता बढने िगी िै । हटकट बुक कराने और टे िीफोन का बबि जमा कराने से िेकर सूचनाओं के
आदान-प्रदान के भिए इंटरनेट का इस्तेमाि बढा िै । इसी तरि फुरसत के क्षणों में टी०िी०-भसनेमा पर हदखाए जाने
िािे धारािाहिकों और क्रफल्मों के जररये िम अपना मनोरं जन करते िैं।
कुि भमिाकर यि किा जा सकता िै क्रक जनसंचार माध्यमों ने जिााँ एक ओर िोगों को सचेत और जागरूक बनाने
में अिम भूभमका ननभाई िै , ििीं उसके नकारात्मक प्रभािों से भी इनकार निीं क्रकया जा सकता। यि भी स्पष्ट िै
क्रक जनसंचार माध्यमों के बबना आज सामाग्जक जीिन की कल्पना निीं की जा सकती। ऐसे में यि जरूरी िै क्रक
िम जनसंचार माध्यमों से प्रसाररत और प्रकाभशत सामग्री को ननग्ष्िय तरीके से ग्रिण करने के बजाय उसे सक्रिय
तरीके से सोच-विचार करके और आिोचनात्मक विश्िेषण के बाद िी स्िीकार करें । एक जागरूक पाठक, दशाक और
श्रोता के बतौर िमें अपनी आाँखें, कान और हदमाग िमेशा खि
ु े रखने चाहिए। V
पाठ्यपुस्िक से हल प्रश्न
प्रश्न 1 : इस पाठ में विभभन्न िोक-माध्यमों की चचाा िुई िै । आप पता िगाइए क्रक िे कौन-कौन से क्षेत्र का
प्रनतननधधत्ि करते िैं। अपने क्षेत्र में प्रचभित क्रकसी िोकनाट्य या िोकमाध्यम के क्रकसी प्रसंग के बारे में जानकारी

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िाभसि करके उसकी प्रस्तुनत के खास अंदाज के बारे में भी भिणखए।
उत्तर – इस पाठ में ग्जन िोकमाध्यमों की चचाा िुई िै , िे िैं-िोक-नत्ृ य, िोक-संगीत और िोक-नाट्य। ये दे श के
विभभन्न भागों में विविध नाट्य रूपों-कथािाचन, बाउि, सांग, राधगनी तमाशा, िािनी, नौटं की, जात्रा, गंगा-गौरी,
यक्ष-गान, कठपुतिी िोक-नाटक आहद में प्रचभित िैं। इनमें स्िााँग उत्तरी भारत, नौटं की उत्तर प्रदे श, बबिार, राधगनी
िररयाणा तथा यक्ष-गान कनााटक क्षेत्रों से संबंधधत िैं। िमारे क्षेत्र में नौटं की का प्रयोग खब
ू िोता िै । यि ग्रामीण
नाट्य-शैिी का एक रूप िै । इसमें प्राय: राबत्र के समय मंच पर क्रकसी िोक-कथा या किानी को नाट्य-शैिी में
प्रस्तुत क्रकया जाता िै । इसमें स्त्री-पात्रों की भूभमका भी प्राय: पुरुष-पात्र करते िैं। िारमोननयम, नगाड़ा, ढोिक आहद
िाद्य-यंत्रों के साथ यि संगीतमय प्रस्तुनत िोक-िुभािन िोती िै ।
प्रश्न 2: आजादी के बाद भी िमारे दे श के सामने बिुत सारी चन
ु ौनतयााँ िैं। आप समाचार-पत्रों को उनके प्रनत क्रकस
िद तक संिेदनशीि पाते िैं?
उत्तर – आजादी के बाद भी िमारे दे श में बिुत-सी चन
ु ौनतयााँ िैं। ये चन
ु ौनतयााँ िैं :
1. ननधानता से ननपटने की चन ु ौती।
2. बेरोजगारी से ननपटने की चन
ु ौती।
3. भ्रष्टाचार की चन
ु ौती।
4. दे श की एकता बनाए रखने की चन
ु ौती।
5. आतंकिाद का मक
ु ाबिा करने की चन
ु ौती।
6. सांप्रदानयकता से ननपटने की चन
ु ौती।
िम समाचार-पत्रों को इन चन
ु ौनतयों के प्रनत काफी िद तक संिेदनशीि पाते िैं। िे अपने दानयत्ि का ननिािन, इनसे
पीडडत िोगों की आिाज सरकार तक पिुंचाकर कर रिे िैं, ग्जससे सरकार और अन्य स्ियंसेिी संस्थाएाँ इनको िि
करने के भिए आगे आती िैं। िााँ, छोटे समाचार-पत्र अपनी सीमा ननग्श्चत िोने के कारण कई बार दबाि में आकर
उतने संिेदनशीि निीं िो पाते िैं।
प्रश्न 3 : टी०िी० के ननजी चैनि अपनी व्यािसानयक सफिता के भिए कौन-कौन से तरीके अपनाते िैं? टी०िी० के
कायािमों से उदािरण दे कर समझाइए।
उत्तर – टी०िी० के ननजी चैनि अपनी व्यािसानयक सफिता के भिए िोगों का ध्यान अपनी ओर आकवषात करने
िािे कायािम हदखाते िैं। िोग ऐसे कायािमों की ओर आकवषात िोते िैं। ये चैनि कई बार िोगों की आस्था को भी
ननशाना बनाने से निीं चक
ू ते। इन कायािमों को टुकड़ों में हदखाते िुए ऐसे मोड़ पर समाप्त करते िैं, ग्जससे िोगों
की उत्सुकता अगिे कायािम के भिए बनी रिे । गत हदनों जम्मू-कश्मीर में आई बाढ की खबरों तथा उनमें फैंसे
नागररकों को बचाने संबंधी खबरों को कई हदनों तक टी०िी० पर हदखाया जाता रिा। इसी प्रकार अमेठी (उत्तर प्रदे श)
के भूपनत भिन पर अधधकार को िेकर संजय भसंि (राज्य सभा सांसद) और उनकी पििी पत्नी गररमा भसंि, पुत्र
अनंत वििम भसंि के मध्य िुए झगड़े एिं वििाद को कई बार हदखाया गया।
प्रश्न 4 : इंटरनेट पत्रकाररता ने दनु नया को क्रकस प्रकार समेट भिया िै ? उदािरण सहित स्पष्ट कीग्जए।
उत्तर – इंटरनेट पत्रकाररता के कारण अब दरू रयााँ भसमटकर रि गई िैं; इंटरनेट की पिुाँच दनु नया के कोने-कोने तक िो
गई िै । इसकी रफ्तार बिुत तेज िै । इसका असर पत्रकाररता पर भी िुआ िै । इसकी मदद से स्टूडडयो में बैठा
संचािक क्रकसी भी मुद्दे पर दे श-विदे श में बैठे व्यग्क्त से बातें कर िेता िै और करा दे ता िै । इसकी मदद से
गोग्ष्ठयााँ, िातााएाँ आयोग्जत की जाती िैं। इससे विश्ि की क्रकसी भी घटना की जानकारी अब आसान िो गई िै ।
प्रश्न 5 : क्रकन्िीं दो हिंदी पबत्रकाओं के समान अंकों को (समान अिधध के) पहढए और उनमें ननम्न बबंदओ
ु ं के
आधार पर ति
ु ना कीग्जए :

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केन्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-हिन्दी
• आिरण पष्ृ ठ
• अंदर के पष्ृ ठों की साज-सज्जा
• सूचनाओं का िम
• भाषा–शैिी
उत्तर – िम ‘सररता’ और ‘िं डडया टुडे’ पबत्रकाओं के समान अंकों को िेते िैं और तुिना करते िैं :
आवरण पष्ृ ठ-‘सररता’ पबत्रका का आिरण पष्ृ ठ अधधक रं ग-बबरं गा. धचत्रमय, आकषाक और सुंदर िै , जबक्रक ‘इंडडया
टुडे’ का आिरण पष्ृ ठ अच्छा िै , पर उतना आकषाक निीं।
अींिर के पष्ृ ठों की साज-सज्जा-‘सररता’ के पष्ृ ठों की साज-सज्जा पर अधधक ध्यान हदया गया िै , जबक्रक ‘इंडडया टुडे’
के पष्ृ ठों पर कम। ‘सररता’ के पष्ृ ठों पर धचत्र अधधक िैं, जबक्रक ‘इंडडया टुडे’ के पष्ृ ठों पर कम।
सूचनाओीं का िम-‘सररता’ में सूचनाएाँ क्रकसी क्षेत्र-विशेष से संबंधधत न िोकर विविध क्षेत्रों से संबंधधत िैं , जबक्रक
‘इंडडया टुडे” में मुख्यत: राजनीनतक खबरें एिं सूचनाएाँ िैं।
िाषा-िैली– सररता’ की भाषा सरि तथा बोधगम्य िै , जबक्रक ‘इंडडया टुडे’ की भाषा-शैिी अधधक उच्च-स्तरीय िै ।
प्रश्न 6 : ननजी चैनिों पर सरकारी ननयंत्रण िोना चाहिए अथिा निीं? पक्ष-विपक्ष में तका प्रस्तत
ु कीग्जए।
उत्तर – ननजी चैनिों पर ननयंत्रण िोने से उनका काम करने का दायरा एिं ढं ग प्रभावित िोगा। इससे उनकी
ननष्पक्षता पर भी असर पड़ेगा। उन्िें सरकारी दबाि में काम करना िोगा, अत: िमारे विचार में ननजी चैनिों पर
सरकारी ननयंत्रण निीं िोना चाहिए।
प्रश्न 7 : नीचे कुछ कथन हदए गए िैं। उनके सामने ✓ या × का ननशान िगाते िुए उसकी पग्ु ष्ट के भिए उदािरण
भी दीग्जए : (क) संचार माध्यम केिि मनोरं जन के साधन िैं। ×
(ख) केिि तकनीकी विकास के कारण संचार संभि िुआ, इससे पििे संचार संभि निीं था। ×
(ग) समाचार-पत्र और पबत्रकाएाँ इतने सशक्त संचार माध्यम िैं क्रक िे राष्ट्र का स्िरूप बदि सकते िैं । ✓
(घ) टे िीविजन सबसे प्रभािशािी एिं सशक्त संचार माध्यम िै । ✓
(ड) इंटरनेट सभी संचार माध्यमों का भमिा-जुिा रूप या समागम िै । ✓
(च) कई बार संचार माध्यमों का नकारात्मक प्रभाि भी पड़ता िै । ✓
उत्तर – (क) उिाहरण-संचार माध्यमों से िमें तरि-तरि का ज्ञान प्राप्त िोता िै , अत: ये केिि मनोरं जन के साधन
निीं िैं।
(ख) उिाहरण-संचार दो व्यग्क्तयों के बीच यिााँ तक अकेिे भी िोता िै । इसके भिए तकनीकी विकास की आिश्यकता
अननिाया निीं थी। तकनीकी विकास बाद में सिायक बने िैं।
(ग) उिाहरण-समाचार-पत्र-पबत्रकाएाँ घोटािे, भ्रष्टाचार, अनैनतकता, सांप्रदानयकता आहद के विरुद्ध आिाज उठाकर
राज्ट्र का स्िरूप बदि सकते िैं।
(घ) उिाहरण-टे िीविजन आिाज और धचत्र का संगम िोने के कारण अमीर-गरीब, शिरी-ग्रामीण, युिा-िद्
ृ ध सभी की
पसंद बन गया िै ।
(ड) उिाहरण-इंटरनेट पर समाचार-पठन, गीत-संगीत, क्रफल्म, बैठक, गोष्ठी आहद दे खा-सुना जा सकता िै ।
(च) उिाहरण-इंटरनेट और टे िीविजन अपने कायािमों से समाज में अश्िीिता परोसने का काम कर रिे िैं।
पाठ पर आधाररि महत्वपूणय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 : संचार जीिन की ननशानी िै । स्पष्ट कीग्जए।
उत्तर – मनुष्य सामाग्जक प्राणी िै । सामाग्जक प्राणी िोने के कारण िि संचार करता िै । दै ननक जीिन में संचार के
बबना िम जीवित निीं रि सकते। मनष्ु य जब तक जीवित िै , िि संचार करता रिता िै। संचार खत्म िोने का

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मतिब िै -मत्ृ यु। संचार िी मनुष्य को एक-दस
ू रे से जोड़ता िै । अत: किा जा सकता िै क्रक संचार जीिन की ननशानी
िै ।
प्रश्न 2 : संचार के साधन कौन-कौन से िैं?
उत्तर – टे िीफोन, इंटरनेट, समाचार-पत्र, फैक्स, रे डडयो, टे िीविजन, भसनेमा आहद।
प्रश्न 3 : दनु नया एक गााँि में बदि गई िै ? स्पष्ट कीग्जए।
उत्तर – आज संचार के अनेक साधन विकभसत िो गए िैं ग्जसके कारण भौनतक दरू रयााँ कम िो रिी िैं। इन साधनों
के कारण मनुष्य सांस्कृनतक ि मानभसक रूप से भी एक-दस
ू रे के करीब आ रिा िै । जनसंचार के माध्यमों से कुछ
िी क्षण में दनु नया के िर कोने की खबर भमि जाती िै । इसी कारण आज दनु नया एक गााँि जैसी िगने िगी िै ।
प्रश्न 4 : संचार क्रकसे किते िैं?
उत्तर – ‘संचार’ शब्द की उत्पवत्त ‘चर’ धातु से िुई िै , ग्जसका अथा िै -चिना या एक स्थान से दस
ू रे स्थान पर
पिुाँचना। सूचनाओं, विचारों और भािनाओं को भिणखत, मौणखक या दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जररए सफितापूिक ा एक
जगि से दस ू री जगि पिुाँचाना िी संचार िै ।
प्रश्न 5 : संचार की प्रक्रिया के तत्ि कौन-कौन से िैं?
उत्तर – संचार की प्रक्रिया के तत्ि ननम्नभिणखत िैं-
1. स्त्रोत
2. एनकोडडग
3. भाध्यम
4. प्राप्तकताा
प्रश्न 6 : सफि संचार के भिए क्या आिश्यक िै ?
उत्तर – सफि संचार के भिए भाषा के कोड का ज्ञान िोना जरूरी िै ।
प्रश्न 7 : डीकोडडंग का अथा बताइए।
उत्तर –इसका अथा िै -प्राप्त संदेश में ननहित अथा को समझने की कोभशश। यि एनकोडडंग से उिटी प्रक्रकया िै । इसमें
संदेश प्राप्तकताा प्राप्त धचिनों ि संकेतों के अथा ननकािता िै ।
प्रश्न 8:फीडबैक क्रकसे किते िैं?
उत्तर –संचार प्रक्रिया में संदेश प्राप्तकताा द्िारा दशााई गई प्रनतक्रिया को फीडबैक किते िैं। यि सकारात्मक या
नकारात्मक दोनों िी िो सकती िै ।
प्रश्न 9:शोर क्या िै ?
उत्तर –संचार प्रक्रिया में आने िािी बाधाओं को शोर किते िैं। यि शोर मानभसक से िेकर तकनीकी और भौनतक िो
सकता िै । इसके कारण संदेश अपने मूि रूप में प्राप्तकताा तक निीं पिुाँच पाता।
प्रश्न 10:संचार के प्रकार बताइए।
उत्तर –संचार के अनेक प्रकार िैं-सांकेनतक संचार, मौणखक संचार. अमौणखक संचार, अंत: िैयग्क्तक संचार, अंतर
िैयग्क्तक संचार, समूि संचार ि जनसंचारा।
प्रश्न 11:अंत: िैयग्क्तक संचार क्रकसे किते िैं?
उत्तर –िि संचार ग्जसमें संचारक और प्राप्तकताा एक हि व्यग्क्त िोता िै , िि अंत: िैयग्क्तक संचार कििाता िै ।
पूजा करना, ध्यान िगाना आहद इसके रूप िै ।
प्रश्न 12:अंतर िैयग्क्तक संचार का क्या मित्त्ि िै ?
उत्तर –जब दो व्यग्क्त आपस में और आमने-सामने संचार करते िैं तो इसे अंतर िैयग्क्तक संचार किते िैं। इसमें

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फीडबैक तत्काि भमिता िै । इस तरीके से संबंध विकभसत िोते िैं। यि रूप पाररिाररक तथा सामाग्जक ररश्तों की
बुननयाद िै । व्यग्क्तगत जीिन में सफिता के भिए िमारा अंतर िैयग्क्तक संचार का कौशि उन्नत और प्रभािी िोना
चाहिए।
प्रश्न 13:समि
ू संचार का उपयोग किााँ िोता िै ?
उत्तर –समूि संचार का उपयोग समाज और दे श के सामने उपग्स्थत समस्याओं को बातचीत और बिस के जररए िि
करने के भिए िोता िै ।
प्रश्न 14:जनसंचार क्रकसे किते िैं?
उत्तर –जब संचार क्रकसी तकनीकी या यांबत्रक माध्यम के जररए समाज के विशाि िगा से संिाद करने की कोभशश की
जाती िै तो उसे जनसंचार किते िैं। इसमें एक संदेश की यांबत्रक माध्यम के जररए बिुगुणणत क्रकया जाता िै ताक्रक
उसे अधधक-से-अधधक िोगों तक पिुाँचाया जा सके।
प्रश्न 15:जनंसचार की प्रमुख विशेषताएाँ बताइए।
उत्तर –जनसंचार की ननम्नभिणखत विशेषताएाँ िोती िैं-
1. जनसंचार माध्यमों के जररए प्रकाभशत या प्रसाररत संदेशों की प्रकृनत सािाजननक िोती िै ।
2. इसमें संचारक और प्राप्तकताा के बीच प्रत्यक्ष संबंध निीं िोता।
3. इस माध्यम में अनेक द्िारपाि िोते िैं जो इन माध्यमों से प्रकाभशत/प्रसाररत िोने िािी सामग्री को ननयंबत्रत
तथा ननधाररत करते िैं।
प्रश्न 16:जनसंचार माध्यमों में दिारपािों की भभू मका क्या िै ?
उत्तर –जनसंचार माध्यमों में द्िारपािों की भभू मका मित्िपण
ू ा िै । यि उनकी ग्जम्मेदारी िै क्रक सािाजननक हित,
पत्रकाररता के भसद्धांतों, मूल्यों और आचार संहिता के अनुसार सामग्री को संपाहदत करें तथा उसके बाद िी उनके
प्रसारण या प्रकाशन की इजाजत दें ।
प्रश्न 17:संचार के काया बताइए।
उत्तर –संचार के ननम्नभिणखत काया िैं-
1. संचार से कुछ िाभसि क्रकया जाता िै ।
2. यि क्रकसी के व्यििार को ननयंबत्रत करता िै ।
3. यि सूचना दे ने या िेने का काया करता िै ।
4. यि मानिीय भािनाओं की अभभव्यग्क्त एक खास तरि से प्रस्तुत करता िै ।
5. यि प्रनतक्रिया को व्यक्त करता िै ।
प्रश्न 18:जनसंचार के कौन-कौन से काया िैं? स्पष्ट करें ।
उत्तर –जनसंचार के ननम्नभिणखत काया िैं-
1. सूचना िे ना-जनसंचार माध्यमों का प्रमुख काया सूचना दे ना िै । ये दनु नया भर में सूचनाएाँ प्रसाररत करते िैं।
2. मनोरीं जन-जनसंचार माध्यम-भसनेमा, रे डडयो, टी.िी. आहद मनोरं जन के भी प्रमुख साधन िैं।
3. जागरूकिा-जनसंचार माध्यम िोगों को जागरूक बनाते िैं। िे जनता को भशक्षक्षत करते िैं।”
4. तनगरानी-जनसंचार माध्यम सरकार और संस्थाओं के कामकाज पर ननगरानी रखते िैं।
5. ववचार-विमशा के मंच-ये माध्यम िोकतंत्र में विभभन्न विचारों की अभभव्यग्क्त का मंच उपिब्ध कराते िैं।
इनके जररए विभभन्न विचार िोगों के सामने पिुाँचते िैं।
प्रश्न 19:भारत का पििा समाचारिाचक क्रकसे माना जाता िै ?
उत्तर –दे िवषा नारद।

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प्रश्न 20:भारत में जनसंचार का इनतिास क्रकस काि में भमि सकता िै ?
उत्तर –पौराणणक काि में ।
प्रश्न 21:प्राचीन काि में संदेश क्रकस तरि हदए जाते थे?
उत्तर –भशिािेखों पर िेख अंक्रकत करके।
प्रश्न 22:भारतीय संचार के िोक माध्यम बताइए।
उत्तर –भीमिेटका के गुफाधचत्र, कठपुतिी, िोकनाटक आहद।
प्रश्न 23:िोकनाटकों के प्रकार बताइए।
उत्तर –कथािाचन, बाउि, सांग, रागनी, तमाशा, िािनी, नौटं की, जात्रा, गंगा-गौरी, यक्षगान।
प्रश्न 24:जनसंचार के आधनु नक माध्यम कौन-कौन से िैं?
उत्तर –रे डडयो, टी.िी. समाचार-पत्र, भसनेमा इंटरनेट आहद।
समाचार-पत्र-पबत्रकाएँ
प्रश्न 25:जनसंचार में वप्रंट मीडडया का क्या मित्ि िै ?
उत्तर –जनसंचार की सबसे मजबत
ू कड़ी वप्रंट मीडड़या िै । यि माध्यम िाणी को शब्दों के रूप में ररकाडा करता िै जो
स्थायी िोते िैं।
प्रश्न 26:पत्रकाररता के पििओ
ु ं के बारे में बताइए।
उत्तर –पत्रकाररता के तीन पििू िैं-पििा-समाचारों को संकभित करना, दस
ू रा उन्िें संपाहदत कर छपने िायक बनाना
तथा तीसरा उसे पत्र या पबत्रका के रूप में छापकर पाटक तक पिुाँचाना।
प्रश्न 27:भारत में छपने िािा पििा अखबार कौन-सा था?
उत्तर –बगाि गजट ( 1780)।
प्रश्न 28:हिदी का पििा साप्ताहिक-पत्र कौन-सा था?
उत्तर –पं० जुगि क्रकशोर शुक्ि द्िारा संपाहदत उदत मातंट्ट (1876-80);
प्रश्न 29:हिंदी भाषा के प्रारं भभक दौर में क्रकन विदिानों ने योगदान हदया।
उत्तर –भारतें द ु िररश्चंद्र, मिात्मा गााँधी, नतिक. मदनमंहिन मारुिीय, गणेश शंकर विद्याथी, माखनिाि चतुिेदी,
रामिक्ष
ृ बेनीपुरी तथा बािमुकंु द गुप्त आहद।
प्रश्न 30:स्ितंत्रता संघषा के दौरान छपने िािे प्रमुख पत्र-पबत्रकाओं के नाम बताइए।
उत्तर –केसरी, हिंदस्
ु तान, सरस्िती, िं स, कमािीर, आज, प्रताप, प्रदीप, विशाि भारत आहद।
प्रश्न 31:भारत की आजादी से पूिा प ्:काररता का क्या िक्ष्य था?
उत्तर –स्िाधीनत्िा कीं प्राग्प्त।
प्रश्न 32:आजादी के बाद पत्रकाररता के चररत्र में क्या पररितान आया?
उत्तर –पत्रकाररता विशुद्ध व्यिसाय बन गया।
प्रश्न 33:आजादी के बाद के प्रमुख पत्रकारों के नाम बताइए।
उत्तर –अज्ञेय, रघुिीर सिाय, धमािीर भारती, राजेंद्र माथरु , प्रमाण जोशी, सुरेंद्र प्रताप भसंि आहद।
प्रश्न 34:क्रकन्िी दो प्रमुख हिंदी अखबारों के नाम बताइए।
उत्तर –जनसत्ता, पंजाब केसरी!
रे डडयो
प्रश्न 35:रे डडयो का आविष्कार कब िुआ?
उत्तर –1895 में इटिी के इंजीननयर जी. माकनी द्िारा।

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प्रश्न 36:विश्ि का पििा रे डडयो स्टे शन कब ि किााँ खि
ु ा?
उत्तर –1892 में अमेररकी शिर वपट्सबगा, न्यूयाका ि भशकागो में विश्ि के शुरुआती रे डडयो स्टे शन खि
ु े।
प्रश्न 37:ऑि इंडडया रे डडयो की स्थापना कब िुई?
उत्तर –1936 ई. में । 192 = हिंदी (केंहद्रक)-XI
प्रश्न 38:रे डडयो का माध्यम क्या िै ?
उत्तर – ध्िनन।
प्रश्न 39:एफ. एम. रे डडयो की शुरुआत कब िुई?
उत्तर –1993 में।
प्रश्न 40:रे डडयो की पिुाँच क्रकतने प्रनतशत आबादी तक िै ?
उत्तर –96 प्रनतशत।
प्रश्न 41:गााँधी जी ने रे डडयो को अदभुत शग्क्त क्यों किा था?
उत्तर –रे डडयो की तात्काभिकता, घननष्ठता ि प्रभाि के कारण गााँधी जी ने इसे अद्भत
ु शग्क्त किा था।
टे लीववजन
प्रश्न 42:टे िीविजन में क्रकन-क्रकन माध्यमों का भमिन िोता िै ?
उत्तर –शब्द, ध्िनन ि दृश्य।
प्रश्न 43:विश्ि में टे िीविजन कायािम कब शरू
ु िुए?
उत्तर –1927 ई. में , अमेररका।
प्रश्न 44:भारत में टी. िी. की शरू
ु आत कब िुई तथा इसका उददे श्य क्या था?
उत्तर –भारत में टी.िी. की शुरूआत 15 भसतंबर, 1959 को िुई। इसका उद्दे श्य भशक्षा और सामुदानयक विकास को
प्रोत्साहित करना था।
प्रश्न 45:दरू दशान आकाशिाणी से कब अिग िुआ?
उत्तर –1 अप्रैि, 1976 से।
प्रश्न 46:पी. सी. जोशी सभमनत ने दरू दशान के कौन-कौन से उददे श्य बताए?
उत्तर –पी. सी. जोशी सभमनत का गठन 1980 में इंहदरा गााँधी ने दरू दशान के कायािमों की गुणित्ता को सुधारने के
भिए क्रकया था। इस कमेटी ने दरू दशान के ननम्नभिणखत उद्दे श्य बताए
1. सामाग्जक पररितान
2. राष्ट्रीय एकता
3. िैज्ञाननक चेतना का विकास
4. पररिार कल्याण
5. कृवष विकास
6. पयाािरण संरक्षण
7. सामाग्जक विकास
प्रश्न 47:आधनु नक टी.िी. चैनिों के नाम बताइए।
उत्तर –सी.एन.एन. बी.बी.सी., आज तक, जी न्यूज आहद।
प्रश्न 48:अत्यधधक चैनिों के आने से क्या पररणाम िुआ?
उत्तर –अत्यधधक चैनिों के आने से टे िीविजन समाचार को ननष्पक्षता ि ताजगी भमिी, परं तु पत्रकाररता मूल्यों ि
नैनतकता का पतन िुआ।

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भसनेमा
प्रश्न 49:भसनेमा का आविष्कार क्रकसने क्रकया?
उत्तर –भसनेमा का आविष्कार थॉमस अल्िा एडडसन ने 1883 में क्रकथा।
प्रश्न 50:विश्ि की सबसे पििी क्रफल्म कौन-सी थी?
उत्तर –द अराइिि ऑफ ट्रे न (1894, फ्ांस)।
प्रश्न 51:भारत में पििी मूक क्रफल्म क्रकसने बनाई?
उत्तर –भारत में पििी मूक क्रफल्म ‘राजा िररश्चंद्र’ (1913) दादा सािब फाल्के ने बनाई।
प्रश्न 52:भारत की पििी बोिती क्रफल्म कौन-सी थी?
उत्तर –आिम आरा (1931)।
प्रश्न 53: हिंदी के प्रभसदध क्रफल्मकार बताइए।
उत्तर – पथ्
ृ िीराज कपूर, मिबूब खान, गुरुदत्त, सत्यजीत राय आहद।
प्रश्न 54: सत्तर के दशक तक भारतीय भसनेमा की विचारधारा। कैसी थी?
उत्तर – प्रेम, फंतासी ि कभी न िारने िािे सप
ु र नैचरु ि िीरो की पररकल्पना।
प्रश्न 55: समानांतर भसनेमा क्या था?
उत्तर – आठिें दशक में िोगों में जागरूकता फैिाने ि यथाथापरक जीिन को व्यक्त करने िािे भसनेमा को समानांतर
भसनेमा किा जाता था।
प्रश्न 56: समानांतर भसनेमा के प्रमख
ु क्रफल्मकार कौन-से थे?
उत्तर –सत्यग्जत राय, श्याम बेनेगि, मण
ृ ाि सेन, एम. एस. संधू आहद।
प्रश्न 57:निें दशक से हिंदी क्रफल्मों में कैसा स्िरूप ग्रिण क्रकया?
उत्तर –निें दशक से हिंदी क्रफल्मों का केंद्र रोमांस, हिंसा, सेक्स ि एक्शन िो गया। मुनाफा कमाना क्रफल्मकार का
मुख्य उद्दे श्य बन गया िै ।
प्रश्न 58:इंटरनेट क्या िै ?
उत्तर –यि एक ऐसा माध्यम िै ग्जसमें वप्रंट मीडडया, रे डडयो, टी.िी., भसनेमा आहद सभी के गुण विद्यमान िैं।
प्रश्न 59: इंटरनेट से िाभ ि िाननयााँ बताइए।
उत्तर –इींटरनेट से लाि-
1. इससे विश्िग्राम की अिधारणा मजबूत िुई िै ।
2. इंटरनेट से संचार की नई संभािनाएाँ जगी िैं।
3. इससे शोधकतााओं ि पढने िािों के भिए अपार संसाधन उपिब्ध िुए िैं।
इींटरनेट से हातनयाँ-
1. इससे अश्िीिता को बढािा भमिा िै ।
2. इसका दरु
ु पयोग क्रकया जा रिा िै ।
3. बच्चों ि युिाओं में अकेिापन बढता जा रिा िै ।
जनसींचार माध्यमों के प्रिाव
प्रश्न 60:जनसंचार माध्यमों का आम जीिन पर क्या प्रभाि िै ?
उत्तर –जनसंचार माध्यमों का आम जीिन पर बिुत प्रभाि िै । इनसे सेित, अध्यात्म, दै ननक जीिन की जरूरतें आहद
पूरी िोने िगी िैं। ये िमारी जीिन शैिी को प्रभावित कर रिे िैं।

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प्रश्न 61: िोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों का प्रभाि बताइए।
उत्तर – िोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों ने जीिन को गनतशीि ि पारदशी बनाया िै । इनके माध्यम से सूचनाओं ि
जानकाररयों का आदान-प्रदान क्रकया जाता िै । इसके माध्यम से विभभन्न मुद्दों पर बिस या विचार-विमशा िोती िै ,
जो सरकार की काया शैिी पर कुछ िद तक अंकुश िगाने का काम करता िै ।
प्रश्न 62: जनसंचार के दष्ु प्रभाि बताइए।
उत्तर –
1. जनसंचार के माध्यम खासतौर पर टी.िी. ि भसनेमा ने िोगों को काल्पननक दनु नया’ की सैर कराई िै ।
फिस्िरूप िोग आम जीिन से दरू िो जाते िैं तथा व्यसनी िो जाते िैं। अत: िम कि सकते िैं क्रक जनसंचार
के माध्यम पिायनिादी प्रिवृ त्त को बढािा दे ते िैं।
2. ये समाज में अश्िीिता ि असामाग्जक व्यििार को बढािा दे ते िैं।
3. समाज के कमजोर िगों को कम मित्त्ि हदया जाता िै ।
4. अनािश्यक मद्
ु दों को उछािा जाता िै ।

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