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एक बार की बात है कुछ बच्चे पाकक में खेल रहे थे तभी खेलते खे लते प्रद् युमन ने कहा मुझसे

तो साांस ही नहीां ललया


जा रहा है आजकल पता नहीां कैसी हवा चल रही है

ररयाांश ने कहा हाां हाां मुझे भी साांस नहीां आ रहा।मेरी माता जी ने बताया लक आजकल की हवा बहुत जहरीली हो
गई है पहले ऐसी नहीां हुआ करती थी।

प्रद् युमन अच्छा हाां मेरे लपता ने लपताजी ने भी यही बताया था।

तभी एक बूढे व्यक्ति ने बच्चोां को बातें करते हुए सुना और कहा बच्चोां क्या तुम जानते हो हमारा शरीर पांच तत्ोां से
बना है लजसमें वायु भी शालमल है।

बच्चे: क्या हमारे शरीर में वायु है पर हम तो साांस भी ठीक से नहीां ले पा रहे हैं।

बूढा व्यक्ति: पर बच्चोां सृलि और मानव शरीर का लनमाकण पांचतत्ोां से हुआ है. - पृथ्वी, जल, अलि, वायु और
आकाश । इसके लबना जीवन की कल्पना असांभव है | ये पाांचोां तत् इां लियोां के पााँच गुणोां के साथ भी जुड़े हैं।

बच्चे : क्या सच में आपको तो बहुत कुछ पता है पर क्या आप हमें यह बता सकते हैं लक हवा बनी कैसे?

बूढा व्यक्ति: वायु पृ थ्वी के चारोां ओर लमलो तक फैली है इसमें गै सोां का लमश्रण है। शुरुवात में वायु में काबकन
डाइऑक्साइड की मात्रा ज्यादा थी, लजसमें से कुछ चट्टानोां के काबोनेट के रूप में पररवलतकत हो गई और कुछ
समुि में अवशोलित हो गई। जीवोां और वनस्पलतयोां की व्युत्पलि के ललए ऑक्सीजन की आवयश्कता होती है, लजसे
वायु ने पूरा लकया। जब जीवन के अांकुर पनप रहे थे, तब रासायलनक प्रलियाओां के चलते एक हरे का क्लोरोलफल
नामक पदाथक पैदा हुआ। यह हरा पदाथक सूयक के प्रकाश की उपक्तथथलत में जल की सहायता से काबकन डाइऑक्साइड
को ऑक्सीजन में बदल दे ता था। यह पदाथक जीवन के ललए आवश्यक तत् बन गया।

बच्चे :अरे वाह। वायु की ये कहानी तो बहुत अच्छी है

बूढा व्यक्ति: तो बच्चोां अब मुझे तुम यह बताओ लक आप कैसी हवा चाहते हैं

प्रद् युमन :हम चाहते हैं लक हवा साफ रहे.

ररयाांश : बहुत सी जगहोां पर अच्छी हवा नहीां है, और हमें स्वच्छ हवा में साांस लेने की ज़रूरत है।

हम धूल और प्लाक्तिक की थैललयोां जैसे बहुत सारे प्रदू िकोां को हवा में उड़ते हुए दे खते हैं। यह साफ-सुथरा होना
चालहए।''

बूढा व्यक्ति: ठीक है, अगर आप कहते हैं लक हवा साफ होनी चालहए, तो क्योां होनी चालहए?

प्रद् युम्न: यलद आप गांदी हवा में साांस लेंगे तो बीमार पड़ जायेंगे। खाांसी-जुकाम होने से हम वह नहीां कर पाएां गे जो
हम करना चाहते हैं।

बूढा व्यक्ति: वायु हर प्रकार के जीवन के ललए है। यलद हमारे पास वायु न हो तो इस ग्रह पर हमारा अक्तित् ही नहीां
रहेगा।

बच्चे : तो लफर आप हमें बताएां हम वायु को प्रदू लित करने से कैसे बचा सकते हैं

बूढा व्यक्ति: हमें आस-पास के थथानोां के ललए वाहनोां का उपयोग नहीां करना चालहए। हमें या तो पै दल चलना
चालहए या साइलकल चलानी चालहए।
चीज़ोां को जलाने की ज़रूरत नहीां है, बक्ति आप उन्हें रीसायकल कर सकते हैं। इसके अलावा धूम्रपान न करें , यह
हवा के ललए अच्छा नहीां है।

ररयाांश : धूम्रपान से याद आया वाहनोां से भी तो बहुत ही गांदा धुआ लनकलता है हम उस से कैसे छु टकारा पा सकते
हैं?

बूढा व्यक्ति: वाहनोां की लनयलमत जाांच की जानी चालहए तालक वे गांदे प्रदू िक न फैलाएां । कारोां के ललए सीएनजी गैस
का उपयोग करें तालक वे प्रदू िण न फैलाएां ।

प्रद् युमन : मेरे लपताजी ने बताया लदन-ब-लदन फैक्तरियााँ वायु को प्रदू लित करती जा रही हैं

बूढा व्यक्ति: हाां इसीललए फैक्तरियाां शहरोां से दू र बनाई जानी चालहए और उनमें हमेशा लांबी लचमनी होनी चालहए।

वायु प्रदू िण से फेफड़ोां का कैंसर और यहाां तक लक रि सांबांधी समस्याएां भी होती हैं। इसका असर शरीर के कई
अांगोां पर पड़ता है. वायु प्रदू िण न केवल मनुष्ोां, पौधोां और जानवरोां को प्रभालवत करता है, बक्ति अप्रत्यक्ष रूप से
अथकव्यवथथा को भी प्रभालवत कर सकता है

ररयाांश: ये तो बहुत बुरी बात है अगर साफ हवा न हो तो हमे लकतनी समस्याओां का सामना करना पड़ सकता है

प्रद् युमन : पर स्वच्छ हवा हमारे लक्ष्ोां को प्राप्त करने में कैसे मदद करती है?

हमें अपने लक्ष्ोां को प्राप्त करने के ललए जीलवत रहने की आवश्यकता है यलद हमने अभी कारक वाई नहीां की तो
भलवष् और भी बुरा होगा। ऑक्सीजन हमारे ललए महत्पूणक है ऑक्सीजन आपके फेफड़ोां को साांस लेने में मदद
करती है।, हमें स्वच्छ हवा में साांस लेने की जरूरत है। जब हम पेड़ लगाते हैं तो हमें अलधक ऑक्सीजन लमलती है,
क्योांलक पौधे हवा से काबकन डाइऑक्साइड लेते हैं। स्वच्छ हवा में साांस लेने से दु लनया बे हतर बनती है। इसके लबना
कोई जीवन नहीां है.वायु हमारा जीवन है, हमें वायु को प्रदू लित नहीां करना चालहए।

ररयाांश तो चलो आज ही हम यह शपथ लेते हैं लक हम अपने पयाकवरण को साफ और स्वच्छ बनाएां गे वायु को
स्वच्छ बनाएां गे

चलो पे ड़ लगाओ शुद्ध हवा पाओ इस धरती को स्वगक बनाओ

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