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@कविताओं से संबंधित महत्त्वपूर्ण बातें
@कविताओं से संबंधित महत्त्वपूर्ण बातें
● शब्द - अर्थ
3 स्वर्ग बना सकते हैं ● मूलभाव /कें द्रीय भाव
● कवि का जीवन परिचय
(जन्म -मृत्यु, जन्मस्थान, रचनाएँ, हिन्दी
साहित्य में योगदान, भाषा-शैली,पुरस्कार)
● प्रस्तुत कविता दिनकर' जी की एक प्रसिद्ध रचना 'कु रुक्षेत्र'
से ली गई है l इसमें भीष्म- पितामह द्वारा युधिष्ठिर को दिया
गया अंतिम उपदेश है l
● शब्द - अर्थ
● मूलभाव /कें द्रीय भाव
4 वह जन्मभूमि मेरी
● कवि का जीवन परिचय
(जन्म -मृत्यु, जन्मस्थान, रचनाएँ, हिन्दी
साहित्य में योगदान, भाषा-शैली,पुरस्कार)
प्र. प्रस्तुत कविता किस प्रकार की है ? इस कविता में किसका
गुणगान किया गया है ?
उत्तर - प्रस्तुत कविता देशप्रेम के भावों से परिपूर्ण एक मनोहारी रचना
है l
इस कविता में कवि ने अपनी जन्मभूमि भारत का गुणगान
सरल व प्रवाहमयी भाषा में किया है l कवि ने हमें भारतभूमि के
प्राकृ तिक सौंदर्य तथा गौरवशाली अतीत से अवगत कराया है l
युधिष्ठिर को धर्मराज क्यों कहा जाता है ?
प्र. श्री राम कौन थे ? उनका जन्म किस युग में हुआ था ? उन्हें
रघुकु ल क्यों कहा जाता है ? उनके जीवन -चरित्र का वर्णन कीजिए ?
साथ ही साथ यह भी बताइए कि ये मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहलाए ?
प्र. गौतम बुद्ध कौन थे ? इनके जीवन परिचय का वर्णन करते हुए यह
बताइए कि इन्होंने दुनिया को क्या सन्देश दिया ?
प्र. श्री कृ ष्ण कौन थे ? इनका जन्म किस युग में हुआ था ? इनका
जीवन चरित्र स्पष्ट कीजिए l
प्र. सीता कौन थीं ? हम इन्हें किस रूप में याद रखते हैं ?
(देवी सीता मिथिला के नरेश राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थीं । इनका
विवाह अयोध्या के नरेश राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्री राम से स्वयंवर
में शिवधनुष को भंग करने के उपरांत हुआ था। इन्होंने स्त्री व पतिव्रता
धर्म का पूर्ण रूप से पालन किया था जिसके कारण इनका नाम बहुत
आदर से लिया जाता है।
● शब्द - अर्थ
● मूलभाव /कें द्रीय भाव
● कवि का जीवन परिचय
(जन्म -मृत्यु, जन्मस्थान, रचनाएँ, हिन्दी
साहित्य में योगदान, भाषा-शैली,पुरस्कार)
● शब्द - अर्थ
● मूलभाव /कें द्रीय भाव
● कवि का जीवन परिचय
(जन्म -मृत्यु, जन्म-स्थान, रचनाएँ, हिन्दी
साहित्य में योगदान, भाषा-शैली, पुरस्कार)
● सूरदास जी की भक्ति भावना
● सूरदास जी को वात्सल्य रस का सम्राट क्यों कहा जाता है
?
उत्तर - सूरदास जी को वात्सल्य रस का सम्राट इसलिए कहा जाता
है, क्योंकि उन्होंने अपनी रचनाओं में वात्सल्य प्रधान भावों का बड़ी
6 सूर के पद ही खूबसूरती से प्रयोग किया है। उन्होंने यशोदा और कृ ष्ण के बीच
ममता एवं वात्सल्य का बड़ा ही मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। उन्होंने श्रंगार
एवं शांत रस का बड़ी सूझबूझ से प्रयोग किया है।
● शब्द - अर्थ
● मूलभाव /कें द्रीय भाव
● कवि का जीवन परिचय
(जन्म -मृत्यु, जन्म-स्थान, रचनाएँ, हिन्दी
साहित्य में योगदान, भाषा-शैली, पुरस्कार)
● तुलसीदास जी की भक्ति भावना
● शब्द - अर्थ
● मूलभाव /कें द्रीय भाव
● कवि का जीवन परिचय
(जन्म -मृत्यु, जन्म-स्थान, रचनाएँ, हिन्दी
साहित्य में योगदान, भाषा-शैली, पुरस्कार)
8 भिक्षुक
प्र. ‘भिक्षावृत्ति एक गंभीर समस्या है’ अपने विचार
स्पष्ट कीजिए l
या
भीख माँगना सामाजिक बुराई कै से है ? समझाकर लिखिए l
प्र. प्रस्तुत कविता में कवि ने समाज की किन लोगों पर ध्यान देने के
लिए व्यंग्य किया है ?
या
इस कविता में कवि ने समाज की किस बात के लिए फटकारा है ?
उत्तर - प्रस्तुत कविता में कवि ने समाज के निम्न वर्ग के लोगों पर
ध्यान देने के लिए व्यंग्य किया है l क्या आज समाज में निम्न वर्ग के
प्रति समाज का कोई दायित्व नहीं है ? समाज की असमान स्थिति पर
भी व्यंग्य है कि कहाँ अमीर वर्ग के पास वस्तुओं की अति अधिकता है
और दूसरी तरफ गरीब वर्ग के पास खाली पेट भरने के लिए भोजन
तक नहीं है l समाज में निम्न वर्ग निरंतर गरीबी की दलदल में धँस
रहा है l उस वर्ग के पास पेट भरने तक के लिए खाना नहीं है जब वे
जूठी पत्तलों से अपना पेट भरना चाहते हैं तो वह पत्तलें भी कु त्ते उनसे
छीन लेते हैं l इस प्रकार समाज के इस वर्ग की इस प्रकार की दयनीय
स्थिति हमें सोचने के लिए विवश कर देती है l
● शब्द - अर्थ
● मूलभाव /कें द्रीय भाव
● कवि का जीवन परिचय
(जन्म -मृत्यु, जन्म-स्थान, रचनाएँ, हिन्दी
साहित्य में योगदान, भाषा-शैली, पुरस्कार)
प्र. 'समय किसी के लिए नहीं रुकता l' विषय पर अपने विचार
लिखिए l
या
'सदा चलते रहना जीवन का दूसरा नाम है' स्पष्ट कीजिए l
प्र. चलना हमारा काम है कविता में भाग्यवाद पर कवि ने किस प्रकार
चोट की है?
उत्तर - कवि प्रगति के मार्ग पर निरंतर प्रयत्नशील है, उनके शब्दकोश
में भाग्यवाद का कोई स्थान नहीं है l भाग्यवादी व्यक्ति के लिए कवि
की सोच है कि जो लोग भाग्य पर आश्रित रहते हैं, कायर बनकर
आलस किए पड़े रहते हैं, संघर्ष करने से जी चुराते हैं, ऐसे लोग जीवन
में कु छ भी नहीं कर पाते हैं l वे वहीं पर पड़े रहते हैं, उनकी ओर कोई
मुड़कर देखता भी नहीं है l कवि के अनुसार - ‘जो गिर गए सो गिर
गए l’ हम जानते हैं कि आगे बढ़ने में संघर्ष बहुत है, फिर भी मनुष्य
9 चलना हमारा काम है को प्रयत्नशील रहना चाहिए l
● शब्द - अर्थ
● मूलभाव /कें द्रीय भाव
● कवि का जीवन परिचय
(जन्म -मृत्यु, जन्म-स्थान, रचनाएँ, हिन्दी
साहित्य में योगदान, भाषा-शैली, पुरस्कार)
10 मातृमंदिर की ओर