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An offering into the lotus feet of Shri Maharagnya Bhgawati by Naadbindu Dalip Langoo :-

ॐ महाराज्ञन्या भगवती श्री महाराज्ञन्या दीवी


भत ू श्े वर छुय च़े नखि कनि, सोन ् संज़ छख च़ दीवी ।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
1.
पननि कशीरि हुंद मे वर दिम, बर मच़ ु रुम गरिक य।
़ ु
मऽजी वथ हावम ु गरु क ु न, नाग हय छिय चे सीवी।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
2.

वनवास जेठान रूदम ु , अंधकार जल कासतम।
मऽजी दर्शुन वन् ॅु य हावतम, द्यावतम पनन ु कश्मीर।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
3.
प्रथ अऽठ्मॅ दोह बेयि वोन्य, तल ु मल ु बेयि यिमहय।
खिर कंद व्यन ् च़ेय बावहय, ग्यवहय लीला प्रऽन्य।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
4.
सास ् बॅद्य वरी गयि वोन्य, यत ू जल मशरावखय।
ब्रांद् फश दिथ गट् च़लॅ राव, गरवेठ गरनावी।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
5.
सत ्आरक् नागकि प्रकाशय, दष ू हरत ् प्रथ प्रकरम ्
रऽछ थव धर्मस बल दिम, तिम दोह बेयि हावतम।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
6.
अनंत नाग दीव छ़ाये कल ्’पष ू ह्यथ माये
शरि ु न ्’य हु ं द चिर्यग्य श
ु ह्यथ, माजि कशीरि हुंद सीवी।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
7.
बोन्यि शेहजारुक सोंदर वन, ध्यान लऽगिथ छु शांत मन
बाहन सिरियन हुंद रूप तीज़ शरणागत छिय च़रनन।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
8.
सेंदि ज़ल श्रोन्य श्रोन्य योन्यि ह्यह ु , शीतल छु नागक ु अम्रेथ
द्वद बऽविथ सय ु अन ग्र
ु ह, छाव ज़गतस च़ोवपऽर्यी ।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
9.
रतन दीपन हुंज़ माल ॐकार रूपॅ ज़ोतान
भक्त्यन बेयि कर अनग्र ु ह, पनन ु गरु अन जल जल।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
10. ़
च़ंदरस च़ गाश छख प्रज़लवन ु नारस तच़रॅच चॅण्ड
पऽनिस च़ ् स्वाद छख चववन ु चानि रोस क्याह कश्मीर।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
11
शारिका, शारदा च़यॅ छख, छखय ज़ाला बाला
वोमा, व्यथ तय त्रिपरु ा, नाना रूप ् सऽरी।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
12.
पंदाह बीज़ॅअछर चऽन्य, सत ् गोन छिय बावान
कासान सऽरी व्यकार छख, सत प्रापथ छावी ।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
13.
श्री लंकायि प्यठॅ च यात्रा, हनम ु ान जी सीवाये
नाग ् शर्यु न सॅत्य जायि जायि, कश्मीरस च़ॅ ज़ीवी।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
14.
बेयि अकि लटि यिम राक्ष्यस रक्तबीज़ पऽद् गऽमॅत्य
महाकऽली रूप ् क्षय करान अंधकारस संहऽरी ।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
15.
कहि सासि वह् ु ’र्य प्रस्थान, शब्ू या ऋषिवारि इंसान
छिय मंगान लोल ् त ् माये, पनन ु कश्मीर च़ेय सान।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।
ॐ महाराज्ञन्या भगवती श्री महाराज्ञन्या दीवी
भत ू श्े वर छुय च़े नखि कनि, सोन ् संज़ छख च़ दीवी ।।
ॐ महाराज्ञन्या दीवी।।

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