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Story-Butterfly

BUTTERFLY

कहानी

भारत एक ऐसा दे श है जो संस्कृतत और सभ्यता के साथ साथ अपने संस्कारों अच्छे गुणों और अच्छे
विचारों के लिए भी जाना जाता है...इसका मतिब ये नह ं है कक यहााँ दज
ु जन और दग
ु ुजण िािे िोगों की
कमी है,बल्कक यह कहा जा सकता है, कक अब उनकी संख्या में पहिे से भी अधिक बढ़ोत्तर हो गयी है !
आज का भारत बहुत ज़्यादा आितु नक हो गया है, और आितु नकता के नाम पर हमारे समाज के र तत-
ररिाज,रहन-सहन,सब कुछ बहुत बदि गए हैं ! ल्जस दे श में िड़की की पज
ू ा होती है,उसी दे श में एक
िड़की को उसका िड़की होना ककतना ख़तरनाक साबबत हो सकता है या उस िड़की के लिए उसका
कौमायज ककतनी बड़ी सज़ा बन सकता है, यह हम इस कहानी के माध्यम से बताने की कोलशश कर रहे
हैं...आज हम एक ऐसे समाज की सच्चाई आपको बताएंगे,जो कह ं न कह ं, हमारे समाज के हर पररिार,
हर िगज, हर िमज से जुडी है,या किर जुड़ी हो सकती है !

आज हम बात कर रहे हैं,एक ऐसी सोच ऐसी मानलसकता िािे िोगों की जो यह सोचते हैं कक उनके बेटे
की शाद ऐसी िड़की से हो,जो कंु िार हो, िेककन िह ीँ दस
ू र ओर िो ककसी भी कंु िार िड़की को अपना
भोग बनाने के लिए बड़ी से बड़ी क़ीमत दे ने को भी तैयार लमिते हैं...ल्जसके चिते िो क़ानून और
इंसातनयत की नज़र में गन
ु हगार बन जाते हैं, और एक समय के बाद उन्हें इस तिनौने गन
ु ाह की सज़ा
भी ज़रूर लमिती है ! पर ये कुकमज करते हुए शायद िो इस बात को भि
ू जाते हैं, कक उनके ऊपर भी एक
ताकत है,जो कमज का िि ज़रूर दे ता है, अच्छे कमों का अच्छा, और बरु े कमों का बरु ा....यह ईश्िर का
तनयम है और उसकी तनयतत भी !

केरि राज्य के एक छोटे से गााँि में िमज पररितजन करके हहन्द ू से ईसाई बने राजू शेट्ट उिज
पीटर डडसूजा का छोटा सा पररिार कािी मुसीबतों से अपनी जीविका चिा रहा था ! एक
साि पहिे ह िन के िािच में आके इिाके के एक बड़े पादर के बहकािे में आके राजू ने
दो िाख रुपये के लिए अपना िमज बदि लिया था ! पैसे तो समय के साथ समाप्त हो गए
थे िेककन अब िरम बदिने के कारण गााँि का हहन्द ू समाज उन्हे निरत की नजर से दे खता
था ! पीटर के पररिार में लसिज तीन बेहटयााँ थीं और तीनों ह िन के अभाि में अपनी पढ़ाई
नह ं कर पा रह थीं ! बड़ी बेट सारा 17 साि की परू हो चक
ु ी थी, उस से छोट माररया
15 साि और सबसे छोट डेज़ी 13 साि की थी ! सारा सािारण नैन नक्श के बािजूद
कािी आकर्जक िगती थी ! पीटर नाररयि बेच के ककसी तरह अपने पररिार का भरण पोर्ण
कर रहा था,तभी अचानक एक हदन उसके पररिार में तब भूचाि आ जाता है जब उसकी बड़ी

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बेट सारा रहस्यमई ढं ग से गायब हो जाती है ! गााँि मे तरह तरह की बातें होने िगतीं हैं
! कोई उसके प्रेमी के साथ भाग जाने की बात करता है तो कोई आत्म हत्या करने का शक
जताने िगा था ! आस पास खोजबीन करने के बाद जब पीटर और उसकी बीिी ऐना को
सारा का पता नह ं चिता तो िो अपने इिाके के पलु िस थाने मे जा के इसकी ररपोटज दजज
करिा दे ते हैं ! पलु िस िािे बेट को ढूाँढने की बात करके पीटर और उसकी बीिी को िावपस
भेज दे ते हैं ! समय के साथ कुछ हदन बीत जाते हैं िेककन सारा का कुछ पता नह ं चिता
है ! ऐना बीच बीच में पुलिस िािों के पास जाके अपनी बेट के बारे में जानकार िेती रह
थी पर हर बार उसे खाि हाथ ह िावपस िौटना पड़ा था ! इसी बीच एक हदन इिाके में
एक नाबालिग िड़की की िाश लमिने से सनसनी िैि गई थी ! पुलिस मौके पे पहुाँच के
छान बीन शुरू कर चक
ु ी थी ! शरु
ु आती तितीश में पता चिा था कक िड़की का नाम ज़ाहहदा
था और उसकी उम्र 17 साि की थी ! उसके आिार काडज में िखनऊ शहर का कोई पता दजज
था ! पुलिस को शक था की इस िड़की की हत्या कह ं और की गई थी क्यूंकी जाहहदा की
िाश की हाित दे ख के िगता था की मारने से पहिे उसका बरु तरह से रे प ककया गया था
! जब पलु िस ने िड़की से जड़
ु ी सब जानकाररयााँ इकट्ठा कीं तो उसे पता चिा था की ये
िड़की िेश्याव्रती के लिए िखनऊ से केरि के एक बड़े शहर मे भेजी गई थी ! पुलिस को
जाहहदा के कातति का कोई सुराग लमि नह ं पा रहा था और ये केस अब पुलिस के लिए
चुनौती बन चुका था ! पुलिस ने और जानकार हालसि करने और इस केस के अंजाम तक
पहुाँचने के लिए तेज तराजर अधिकार रािि कृष्णन की दे ख रे ख में एक ट म गहठत की थी
और ये ट म िखनऊ जाने का िैसिा कर चक
ु ी थी !

ठीक इसी समय राजस्थान के गुिाबी शहर जयपुर के एक बड़े होटि के कमरे में एक
नाबालिग साउथ इंडडयन िड़की की िाश लमिती है ! पूरे शहर में इस िटना से हड़कंप मच
जाता है ! िड़की के साथ बरु तरह से सेक्स ककया गया था और उसकी िाश के आस पास
खन
ू बबखरा हुआ था !पलु िस परू मस्
ु तैद से िटना की छानबीन मे जट
ु चक
ु ी थी ! होटि
का िो कमरा सेठ दयाि नमकीन िािा के नाम से बुक था ! पुलिस को दयाि तक पहुाँचने
के लिए ज्यादा मेहनत नह ं करनी पड़ी थी ! दयाि ने पुलिस के सामने कुबूि कर लिया था
की उसी ने िड़की के साथ सेक्स ककया था और उसके कुकमों का विरोि करने पर उसने ह
िड़की को मौत के िाट उतार हदया था ! पुलिस ने दयाि से िड़की के दिाि पंकज सेठ के
बारे में जानकार हालसि कर ि थी और अगिे कुछ िंटों में ह पंकज सेठ को धगरफ़्तार भी
कर लिया था ! पंकज के पास से पुलिस को िड़की का नाम और पता लमि चुका था जो
केरि राज्य के अंतगजत आता था ! अब सबूतों के आिार पर पुलिस की एक ट म केरि के
लिए तनकि चक
ु ी थी ! केरि पहुाँचने के बाद राजस्थान पलु िस की ट म जब पंकज के बताए

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दिाि ककशन शेट्ट को पकडा तो पता चिा था कक इस िड़की का असि नाम सारा है और
ये पीटर और नरू की बेट थी ! ककशन ने पुलिस को बताया था कक सारा की मााँ ने ह सारा
को उसके हाथों दो िाख रुपये में बेच हदया था और ककशन ने सारा के नकि कागजात बना
के उससे दे ह व्यापार के िंिे में उतार के राजस्थान के एक ग्राहक को बेच हदया था ! पलु िस
सारा की मााँ को धगरफ़्तार कर चक
ु ी थी और ऐना ने अपना अपराि स्िीकार कर लिया था
! उसने पुलिस को बताया था की आधथजक तंगी के चिते उसने सारा को बेच हदया था क्यूंकी
बेहटयााँ तो दो और भी थीं पर उनके पािने का कोई जररया उनके पास नह ं था ! ये सब सुन
के पुलिस िािे हैरान रह जाते हैं कक एक मााँ खद
ु अपनी बेट का सौदा कैसे कर सकती थी
!

इिर केरि की पुलिस जाहहदा के बारे में पता करने िखनऊ पहुंची तो िहााँ सबसे पहिे
उसकी मुिाकात कोमि ठाकुर से हुई थी ल्जसे उत्तर प्रदे श पुलिस ने इस केस में रािि की
मदद के लिए तनयुक्त ककया था ! कोमि और रािि जाहहदा के िर पहुाँच चुके थे और उन्हे
पता चिा था की ज़ाहहदा की मााँ को जाहहदा के बारे में कुछ नह ं पता था ! िो तो ये समझ
रह थी की उसकी बेट उसके भाई के िर पे सह सिामत रह रह है, ऐसा उसे उसके भाई
द्िारा बताया गया था ! ज़ाहहदा की मौत की खबर सन
ु के उसकी मााँ के होश उड़ चक
ु े थे !
रो रो के उसका बुरा हाि हो गया था ! पुलिस ने जब जाहहदा के मामा शकीि को दबोचा
तो उसने कुबूि ककया था की उसने ज़ाहहदा को पैसों और ऐशोआराम का िािच दे के शहर
के एक दिाि ररयाज़ ् को बेच हदया था ! अब पुलिस ज़ाहहदा के दिाि ररयाज़ तक पहुाँच
चुकी थी और उसे पता चिा था की ज़ाहहदा श्िेता चौहान नाम की एक बड़ी एजेंट के लिए
काम करती थी ! पुलिस श्िेता पर नकेि कसती है उससे धगरितार भी कर िेती है िेककन
श्िेता की पहुाँच होने के कारण िो जमानत पे छूट भी गई थी !

कोमि और रािि दोनों सरकार और न्याय तंत्र के इस रिैये से कािी नाराज हुए थे िेककन
उनकी दोवर्यों को सजा न हदिा पाने की अपनी मजबरू थी ! इस सबके बीच कोमि ने
रािि से 6 और िड़ककयों के कत्ि की चचाज की थी ल्जनके कातति को ढूाँढने की ल्जम्मेदार
कोमि के कंिों पर थी ! इन सब िड़ककयों को जिा के मारा गया था ! शर र के नाम पर
लसिज उनके पैर ह बचे थे ! और उनके पैरों के तििों पर चटक िाि रं ग िगे हुए लमिे थे॥
दोनों पैरों के बीच से िाश को दे खने पर एक ततति की आकृतत बनती थी और मर हुई
िड़की के पास से कुछ न कुछ अजीब तरह का सामान भी लमिा था ! जैसे ककसी के पास
से बबतछया ककसी के पास से पायि या किर इसी तरह का कोई आभूर्ण ! रािि ये सब सन

के हैरान रह गया था ! कोमि इन सारे केसेज़ की जांच में इस तरह उिझी हुई थी की उसे
अपना भी ध्यान नह ं था ! उसके डडपाटजमेंट की इज्जत उसके हाथ मे थी और उसपे इन

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केसेज़ को सुिझाने और कातति को पकड़ने का दबाि बढ़ता जा रहा था ! उपर से कोमि


रािि के साथ भी उसके केस की जांच में सहयोग कर रह थी, ल्जसके कारण उसकी ल्ज़ंदगी
एक अजीब से मोड पे आके खड़ी हो गई थी ! उसकी आाँखों में नींद की जगह कातति को
पकड़ने की सनक सिार रहा करती थी ! रािि दे श में िैिे इस दे ह व्यापार के तंत्र को जड़
से उखाड़ के िेंकना चाहता था,शायद इसीलिए कोमि ने रािि से एक दस
ू र बड़ी दे ह व्यापार
की हस्ती िलिता उिज िेक्सी के बारे में भी बताया था जो इस समय िखनऊ में इस बाजार
की सबसे बड़ी धचडड़या थी ! िलिता का मेन काम था, कंु िार िड़ककयों को बड़े बड़े नेताओं,
उद्योगपततयों और पज
ूं ीपततयों को बेंचना, और इसके बदिे उनसे मुंह मांगी रक़म िसूि करना... और
इस काम के लिए िलिता ने अपने राइट हैन्ड मोंट को रखा हुआ था, जो पता िगाता था कक कौन से
गााँि, कस्बे या नगर में ऐसी िड़ककयां रहती थीं ल्जन्हे आसानी से खर द के इस िंिे में उतारा जा सकता
था ! मोंट ह िो शख्स था ल्जसने िेक्सी का इस कारोबार में शुरुआत से साथ हदया था और
उसे इस मकाम तक पहुाँचाने में हमेशा उसके साथ रहा था ! िलिता के पास इस समय दस
बारह िड़ककयां थीं ल्जसे उसने अिग अिग हठकानों पे रखा हुआ था ! ये सभी िड़ककयां पैसों और ऐशों
आराम के लिए िलिता के साथ अपनी मजी और खश
ु ी से काम करती थीं ! एक बार जो िड़ककयां िलिता
के पास आ जाती थीं,उनका भविष्य किर िलिता ह तय करती थी...इस कहानी में एक और ककरदार
बहुत अहम था जो िेक्सी के बहुत कर ब था ! उसके इस पूरे बाजार को जो िड़की चिा रह थी
उसका नाम समायरा था ! समायरा इतनी खूबसूरत थी की दे खने िािा दे खता ह रह जाता
था ! िेक्सी को लशखर तक पहुाँचाने मे समायरा का कािी अहम ककरदार था ! समायरा के जीिन में जो
भी था िो सब िेक्सी के कारण ह था, इसलिए समायरा पूर ईमानदार के साथ िेक्सी के लिए काम कर
रह थी और िेक्सी को अपनी मााँ के समान समझती थी !

िेक्सी की पकड़ राज्य के सरकार के गह


ृ मंत्री राििेंद्र बत्रपाठी तक थी या यूं कहें की िेक्सी
का ये व्यापार राििेंद्र की छत्र छाया मे ह चि और पि रहा था ! ल्जसके बदिे में िेक्सी
राििेंद्र को समय समय पर कंु िार िड़ककयां सप्िाई ककया करती थी !

इसी बीच िखनऊ के गोमती नगर इिाके में एक और नाबालिग िड़की की जि हुई िड़की
की िाश लमिने से हड़कंप जाता है ! मौके पे कोमि और रािि की ट म पहुाँच चुकी थी !
किर से िह जिे हुए पैर, और पैरों के पास दे खने से ततति का आकार बना हुआ था! उसके
पास से भी एक आभूर्ण लमिा था !कोमि को कुछ समझ नह ं आ रहा था ! पुलिस ने जब
मरने िाि सब िड़ककयों का ररकाडज और पोस्ट माटजम ररपोटज एक साथ चेक ककया तो उन्हे
पता चिा की ये सार िड़ककयां िल्जजन थीं और सबको रे प करके एक ह तर के से मारा गया
था ! पुलिस के पास कातति का कोई सुराग नह ं था और अब कोमि पर इन केसेज़ को
सुिझाने का दबाि बढ़ता जा रहा था !

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इिर एक हदन मोंट साकेत नाम के एक िड़के को िेक्सी के पास िेके आया था ल्जसे काम
की ज़रूरत थी ! साकेत चेहरे और नैन नक्श से हदखने में बबककुि सािारण सा इंसान था पर उसकी
आाँखों में एक अजीब सा पागिपन था ! िो बहुत कम बातें करता था और लसिज अपने काम से काम
रखता था ! मोंट के कहने पे िेक्सी ने उसे काम पे रख लिया था ! अब मोंट के साथ साकेत
भी िेक्सी के लिए िड़ककयां ढूाँढने और उन्हे खर द के िेक्सी तक पहुंचाने का काम करने
िगा था ! कुछ ह हदनों में साकेत और मोंट की मेहनत रं ग िाई थी और िेक्सी की कमाई
में कािी बढ़ोत्तर हो गई थी !

इिर कोमि अपने लमशन में िगी हुयी थी पर उसे कोई सरु ाग नजर नह आ रहा था !
रािि अपनी जांच पूर करके केरि जा चुका था िेककन िो िोन पे कभी कभी कोमि से
बात कर लिया करता था ! या यूं कहें उनके बीच में दोस्ती का ररश्ता बन चुका था ! इसी
बीच एक पाटी मे राििेंद्र की मुिाकात िेक्सी के साथ समायरा से हुई थी और राििेंद्र का
हदि समायरा पे आ चुका था ! उसने िेक्सी को बताया था की िो समायरा को भोगना चाहता
है, ल्जसपे िेक्सी उसे याद हदिाती है की समायरा िह िड़की है ल्जसे िो चार साि पहिे ह
भोग चक
ु ा था ! पर राििेंद्र पर जैसे समायरा का जन
ु न
ू सिार हो गया था क्यक
ंू ी अब समायरा
परू तरह बदि चक
ु ी थी ! िेक्सी के कहने पे समायरा राििेंद्र से लमि थी और उसके बाद
किर उसने कभी िेक्सी के साथ या उसके लिए काम नह ं ककया था ! राििेंद्र ने समायरा को
इस बात का एहसास करा हदया था की िेक्सी ने उसका कोई भिा नह ं ककया बल्कक उसका
शोर्ण ककया है ! यूं कहें कक राििेंद्र ने समायरा की दख
ु ती रग पे हाथ रख हदया था ल्जसके
बाद समायरा ने अपने जीिन का सबसे कडा और बड़ा िैसिा कर लिया था, और िो िैसिा
था िेक्सी को छोड़ने का ! राििेंद्र ने भी िेक्सी को छोड़ के समायरा का हाथ थाम लिया था
और उसे इस िंिे की रानी बनाने का सपना हदखा हदया था ! साकेत भी ज्यादा पैसे कमाने
और शायद समायरा को हालसि करने के िािच में समायरा के साथ आ गया था ! जबकक
मोंट ने इन दोनों के साथ जाने से साि मना कर हदया था, िो अपनी ििादार पे कोई
इकजाम नह ं िगने देना चाहता था ! जब इस बात की जानकार िेक्सी को लमिती है तो
उसका गुस्सा सातिें आसमान पर पहुाँच गया था ! यह िो बात थी ल्जसके कारण अब िेक्सी
समायरा की सबसे बड़ी दश्ु मन बन चुकी थी और उसे जान से मारने की किराक में ह ल्जंदा
रहने िगी थी !

इिर समायरा िेक्सी से खुद को अिग कर के अपना खुद का व्यापार बढ़ा रह थी ल्जसमे राििेंद्र उसका
पूरा साथ दे रहा था और साकेत भी ! साकेत और समायरा के अिग होने के बाद िेक्सी का कारोबार टूट
चुका था ! िो अब शराब के नशे में िुत रहने थी और लसिज समायरा से अपना बदिा िेने के लिए जी रह
थी ! ऐसे में मोंट ने उसे भी कािी संभािा था और उसके काम को भी ! दस
ू र तरि समायरा ने अपने

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काम को और विस्तार दे हदया था ! अब िो भारत से ह नह ं बल्कक विदे शों से भी िड़ककयां खर द के या


पैसों का िािच दे के िाती थी और उनसे दे ह व्यापार करिाने िगी थी ! इसी लसिलसिे में िो एक विदे शी
दिाि रॉबबंसन से लमिती है,दोनों में कारोबार को िेके एक डीि होती है ल्जसके तहत रॉबबंसन को
विदे शी बल्च्चयों को भारत िाना था और समायरा को उनके लिए ग्राहक ढूाँढना था ! ये ग्राहक अक्सर
भारतीय होते थे और कभी कभी विदे शी भी होते थे ! इस सब के बीच जीते हुए समायरा को अपने ह
आप से निरत होने िगी थी ! उसके बताजि में एक अजीब सा पररितजन आ गया था ल्जसे िो खुद भी
नह समझ पा रह थी ! बात बात पे गुस्सा हो जाना, चीजें तोड़ िोड़ दे ना उसकी हदनचयाज का हहस्सा बन
चुका था और अब िो इस नरक को छोड़ के बाहर तनकिना चाहती थी और शांतत से जीना चाहती थी !
साकेत को उसकी ये हाित दे ख के अच्छा तो नह ं िगता था पर िो कुछ कर नह ं पा रहा था ! इसी बीच
रॉबबंसन पलशजया से दो मासूम बल्च्चयों को भारत िा रहा था ! समायरा उनकी िोटो दे ख चक
ु ी थी ! इनमें
से एक बच्ची तनतारा तो इतनी ख़ूबसरू त थी कक दे खने िािे की नजर ह उसपे से नह ं हटती थी ! समायरा
तनतारा से लमिती है,एक अजीब ककस्म का आकर्जण था तनतारा में, आिाज़ में हदव्य समपजण, उसकी
नीि और गहर आंखों में लसर्ज अबोि भाि था ! समायरा ने प्रभावित हो के तनतारा को अपने पास ह
रख लिया था ! कुछ ह हदनों में समायरा अपने आप को तनतारा के कािी कर ब महसस
ू करने िगी थी
! तनतारा भी समायरा की अच्छी दोस्त बन गई थी !

शांतत की खोज में एक हदन समायरा तनतारा के साथ एक योगा कैम्प में गई थी, जहां उसकी मुिाक़ात
तथाकधथत योग गुरु कमजयोगी नधचकेत नीि सद
ु शजन से हुई ! नीि योगी तो सािारण था पर आदमी
बहुत ह चािाक और बुद्धि से कािी शाततर था! राज्य ह नह ं बल्कक पूरे दे श की बड़ी बड़ी हल्स्तयााँ
उसके ज्ञान और योग किा के सामने नतमस्तक थीं ! इसके साथ ह योगी आग से संबंधित छोटे छोटे
जाद ू करने में भी माहहर था ! जैसे कह ं भी ककसी भी चीज में आग िगा दे ना ! या किर खद
ु के हाथों में
आग िगा िेना और उस से प्रभावित ना होना ! उसकी ऐसी जादग
ू र के चिते ह िोगों ने उसे एक महान
हस्ती मान लिया था ! िेककन योगी का सत्य ये था की िो िोगों को मख
ू ज बना के अपनी दक
ु ान चिा रहा
था ! िो कन्याओं को दे िी का स्िरूप मानता था और उनकी पज
ू ा और सम्मान करता था ! साथ ह बातों
का ऐसा जाि बन
ु ने में माहहर था कक िो ककसी भी इंसान को अपनी किा से प्रभावित करने में सिि हो
जाता था ! समायरा नीि से कािी प्रभावित हो गई थी, िेककन नीि तनतारा से बरु तरह प्रभावित हुआ
था ! अपने जीिन मे पहि बार समायरा ने ककसी के प्रतत ऐसा आकर्जण महसूस ककया था ! इसी कारण
जब समायरा दस
ू र बार नीि से लमि तो उसने उसे पज
ू ा में साथ बैठने का सुझाि हदया तो िो मना नह ं
कर सकी थी ! पज
ू ा में बैठने के बाद नीि ने जब समायरा के अतीत के बारे में बताया तो उसके पैरों के
नीचे से जमीन खखसक गई थी ! नीि ने बताया की कैसे समायरा के मामा ने ह उसका रे प ककया था और
किर समायरा ने आगे की कहानी खद
ु ह नीि से बता द थी कक िो कैसे िर से भागी थी ! कैसे िेक्सी
उसके जीिन में आई थी,कैसे िो इस िंिे में आई थी ! समायरा का सब कुछ एक खि
ु ककताब की तरह

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नीि के सामने था और समायरा भी ! इस सब के बीच में दोनों भािनात्मक रूप से कािी कर ब आ गए


थे और उनमें शार ररक संबंि स्थावपत हो गए थे ! नीि ने अतीत का बोझ कम होने से शांतत लमिने की
बात करके उसे िावपस भेज हदया था ! समायरा को नीि से लमिने के बाद खद
ु मे बदिाि साि हदख
रहा था,शायद इसी कारण िो नीि की तरि खखंचती जा रह थी !

इिर िेक्सी समायरा को मारने और अपनी गद्द किर से हालसि करने का रास्ता खोजने में िगी थी !
इसके लिए िो समय समय पर कोलशश भी करती रहती थी पर भाग्य उसका साथ नह ं दे रहा था ! मोंट
उसके साथ था पर उसे इस सब से दरू रहने और काम पे ध्यान दे ने के लिए प्रेररत करता रहता था !

समायरा ने जीिन में हालसि तो बहुत कुछ कर लिया था पर आगे बढ़ने की दौड़ में िो अंदर से बबककुि
अकेि हो गई थी, ऊपर से नीि का व्यल्क्तत्ति ऐसा था कक समायरा क्या कोई भी िड़की उसके प्रेम में
बड़ी आसानी से पड़ सकती थी ! जब दोनों ने लमिना जुिना शुरू ककया तो पता चिा कक नीि उससे
ज़्यादा रुधच तनतारा में रखता था ! समायरा ने ये बात नोहटस की थी पर उसे िगा था कक तनतारा के
स्िभाि और नीि के कन्याओं से प्रेम की िजह से ऐसा हो रहा था ! जब एक हदन समायरा नीि से
लमिने गई तो तनतारा को न दे ख कर नीि थोड़ा परे शान हुआ था, िेककन समायरा ने उसे बताया कक
तनतारा की तबबयत ठीक नह थी तो िो िर पे ह रुक के आराम कर रह थी ! उधचत समय दे ख के
समायरा ने नीि के सामने कौमायज और िरल्जन िड़ककयों और िल्जजतनट के महत्ि के बारे में पछ
ू लिया
था ! उसने िो सारे सिाि नीि के सामने रख हदए थे जो उसके हदमाग में अब तक कौंि रहे थे ! नीि ने
उसे शास्त्रों का हिािा दे के इस विर्य का सारा ज्ञान और महत्ि समायरा को समझा हदया था ! अब
समायरा को समझ आ गया था कक क्यूाँ आज के िोग िल्जजन िड़ककयों के पीछे पागि हैं और इसके पीछे
उनकी मानलसकता क्या होती थी ! समायरा के लिए ये सब बबककुि नया था ! िो नीि के इस ज्ञान से
पूर तरह अनलभज्ञ थी और अब उस से और भी ज्यादा प्रभावित हो चुकी थी !!

अब समायरा का हदि और हदमाग दोनों अपने काम से ज्यादा नीि पे रहने िगा था ! साकेत ने इस बात
को नोहटस भी ककया था पर उसने समायरा से इस बारे में कोई बात नह ं की थी ! नीि से लमिने के बाद
समायरा के बात करने का ढं ग इस कदर बदि चुका था कक कोई भी आदमी उसके लिए कुछ भी करने
को तैयार हो जाता था ! खासतौर पर िह रसख
ू दार मदों से इसी तरह बात करती थी ! अब तो ऐसा था
कक प्रदे श का गह
ृ मंत्री ह उसकी जेब में था, समय और भाग्य दोनों उसका परू ा साथ दे रहे थे ! उसका
उठना बैठना हदकि के बड़े नेताओं और ब्यूरोक्रेट से हो गया था ! समायरा अपने व्यापार को बढ़ाने का
कोई मौका हाथ से नह जाने दे रह थी पर भाग्य ने तो शायद समायरा के हहस्से में कुछ और ह लिख
रखा था ! इसी बीच एक हदन तनतारा रहस्यमयी ढं ग से अपनी दोस्त ककयारा के साथ गायब हो गई थी
! विदे शी िड़ककयों के गायब होने की खबर को पुलिस और मीडडया ने हाथों हाथ लिया था ! अब कहानी

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में कोमि ठाकुर के पन


ु ः पदापजण का समय आ चुका था ! समायरा तनतारा के गायब होने के बाद से
कािी परे शान हो गई थी ! ऊपर से शरु
ु आती जांच के बाद कोमि ने उसे बता हदया था कक शायद तनतारा
और ककयारा का ककडनैप हो चुका है,पुलिस उसे ढूंढने का प्रयास कर रह है जकद ह तनतारा और ककयारा
को ढूंढ लिया जाएगा ! कोमि ने अपने जतू नयर टे ढ़ को काम पे िगा हदया था ! शहर के तमाम सी सी
ट िी खंगािने के बाद भी कोमि को ककडनैवपंग का कोई सरु ाग नह ं लमि रहा था !

इसी बीच समायरा नीि से लमिती है और ल्स्थततयां ऐसी बनी थीं कक दोनों में किर से शार ररक संबंि
स्थावपत हो गए थे ! समायरा को इस तरह का काम सुख पहिे कभी नह लमिा था ! अब नीि के लिए
उसके प्रेम में और गहरापन आ गया था !

इिर एक हदन राििेंद्र बत्रपाठी जब एक तनजी समारोह में शालमि होने जा रहे थे कक तभी उनका भयंकर
एक्सीडेंट हो गया था ! सात आठ हदन राििेंद्र मौत से जूझते रहे थे,उनकी सेहत की जानकार हॉल्स्पटि
के डॉक्टर मीडडया को साझा करते थे! राििेंद्र की जान बच गई थी िेककन शर र का एक हहस्सा काम
नह ं कर रहा था और हदमागी रूप से भी िह कुछ ठीक नह ं थे, इसलिए सरकार ने तय ककया था कक अभी
राििेंद्र हॉल्स्पटि में ह रहें गे और डॉक्टर उनकी सेहत को िगातार मॉतनटर करें गे ! समायरा को जब
ये बात पता चिती है तो िो राििेंद्र से लमिने के बारे में सोचती है पर ये सब इतना आसान नह था !
साकेत इस काम मे समायरा की मदद करता है और िो राििेंद्र तक पहुाँच गई थी ! राििेंद्र समायरा को
दे खते ह बेकाबू हो गया था और उसी कमरे में उसने िगभग जबरन समायरा के साथ सेक्स ककया था !
समायरा ये दे ख के हैरान थी कक राििेंद्र बबककुि ठीक था ! उसके सिाि करने पे राििेंद्र ने उसे राजनीतत
और इस सब से दरू रहने की सिाह दे डाि थी ! समायरा को राििेंद्र के इस चररत्र पे हैरानी हुई थी
िेककन उसने चुप रहने में ह अपनी भिाई समझी थी ! रास्ते में िावपस जाते समय उसकी गाड़ी का
एक्सीडेंट हो गया था िेककन िो बाि बाि बच गई थी ! बाद में समायरा को पता चिा था कक उसका
एक्सीडेंट हादसा नह ं बल्कक िेक्सी की उसे मारने की योजना थी ल्जसके चिते िेक्सी ने उसकी गाड़ी
के ब्रेक िेि करिा हदए थे !

इिर शहर में एक और िड़की की िाश लमिती है ल्जसका रेप के बाद कत्ि ककया गया था
! कोमि जब इस िड़की संध्या के पोस्टमाटजम करने िाि डॉक्टर विनीता से लमि थी तो
उसे पता चिा था कक मरने िाि िड़की को ऑपरे ट करके िरल्जन बनाया गया था ! ये सन

के कोमि हैरान रह गई थी ! इस बात को आिार बना के जब कोमि ने केस की जांच आगे
बढ़ाई तो जो खुिासा हुआ उस से सभी के होश उड़ गए थे ! ये िड़की िेक्सी के रै केट से
जुड़ी हुई थी और िखनऊ के बड़े अस्पतािों में ये कारोबार चोर तछपे चि रहा था और
अस्पताि के मालिक इसमें शालमि थे ! कोमि ठाकुर तुरंत ऐक्शन में आ गई थी और शहर
में िगातार छापों और धगरफ्ताररयों का दौर शुरू हो चुका था ! दे श के मीडडया ने इस िटना
को हाथों हाथ लिया था और हर समाचार चैनि पर यह खबर चि रह थी ! अचानक परू े

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राज्य का माहौि बदि चुका था ! िोग हैरान थे कक इतना बड़ा रै केट इतने हदन तक पुलिस और सरकार
से बचा कैसे हुआ था ! इस तरह के िंिे से िोग पहि बार अिगत हो रहे थे, जहां िड़ककयों से पारं पररक
सेक्स िकज र की तरह नह ं बल्कक उन्हें कई बार ऑपरे शन से िल्जजन बना करके बेचा जाता था! मीडडया
को तो ट आरपी से ह मतिब होता है इसलिए खबर कई हदनों तक डडबेट का हहस्सा बनी रह ! तमाम
बड़े बड़े डॉक्टर डडबेट मे बैठ के िल्जजन िड़ककयों और िल्जजतनट पर सारा ज्ञान संसार के
सामने रख रहे थे और िोग इस सार जानकार से हैरान थे कक आज के आिुतनक युग में
ऐसा कुछ भी हो सकता है ! रािि िोन पे कोमि से िेक्सी को धगरफ़्तार करने की बात
करता है िेककन कोमि ने उसे िेक्सी की पहुाँच का हिािा देके सह समय का इंतजार करने
की बात करके चप
ु करा हदया था !

इस बीच राििेंद्र इिाज के बहाने दब


ु ई गया और साथ में समायरा को भी िे गया ताकक उसकी अय्याशी
में खिि न आये ! साकेत ने समायरा को दब
ु ई जाने से मना ककया था िेककन समायरा ने उस से झूठ
बोि के कारोबार के लसिलसिे में जाने की बात करके उसे समझा हदया था ! दब
ु ई में राििेंद्र ने समायरा
का खूब शोर्ण ककया था ! उसके जानिरों िािे बताजि से समायरा अब राििेंद्र से ऊबने िगी थी ! उसने
अपने हदि मे समय आने पे राििेंद्र से मल्ु क्त पाने का तनणजय िे लिया था ! राििेंद्र दब
ु ई से ठीक होके
िावपस आ चक
ु ा था और उसके साथ समायरा भी िखनऊ पहुाँच चक
ु ी थी ! दब
ु ई से िावपस आने के बाद
जब समायरा नीि से लमिती है तो उसे नीि का बताजि बदिा हुआ िगा था !

इिर कोमि को तनतारा की दोस्त िड़की ककयारा की बॉडी लमि जाती है तो पता चिता है कक ये रे प और
मडजर का केस था ! ककयारा का परू ा शर र जि चक
ु ा था लसिज पैर बचे हुए थे और कातति ने उसके दोनों
पैरों के तििों में िह िाि रं ग िगाया हुआ था ल्जसे कोमि पहिे भी मर हुई िड़ककयों के पैरों में दे ख
चुकी थी ! ककयारा को भी अगर उसके पैरों के पास से दे खा जाए तो िह बटरफ्िाई जैसी आकृतत बन
रह थी जो पहिे के सारे केसेज़ में भी सेम थी ! कोमि की समझ में कुछ नह ं आ रहा था पर एक बात
तो तय थी की इन सब िड़ककयों का कातति एक ह था !

अब समायरा को नीि पे शक होने िगा था ! उसने एक डडटे ल्क्टि सौरभ को नीि के पीछे िगा हदया था
! सौरभ ने समायरा को बताया था कक नीि के िर के बेसमेंट में एक ऐसा एररया है जहां नीि ककसी और
को जाने नह दे ता था ! ये सुन के समायरा का शक और गहरा हो गया था इसलिए समायरा ने नीि से
छुप के उस जगह पे जाने का र्ैसिा कर लिया था !

इिर िेक्सी ने जाि बबछा के समायरा से अपना बदिा परू ा करने के लिए अपना अंततम कदम बढ़ा हदया
था ! समायरा एक डीि करने के लिए ककसी बड़े अधिकार से लमिने उसके िर जाती है ! िर के बाहर
पहुंचते ह समायरा पे गोलियां चिना शरू
ु हो गई थीं ! तभी समायरा दे खती है की साकेत गाड़ी से िहााँ

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पहुाँच चुका था और उसने समायरा को बचा लिया था िेककन उसकी गाड़ी में िमाका हुआ था और ल्जसमे
िो मर गया था !

इिर समायरा कोमि से लमिती है और उसे नीि पे शक होने की बात बताती है ! कोमि सबूत मांगती
है ल्जसपे समायरा को चुप हो जाना पड़ा था ! इिर नीि को समझ मे आ गया था कक समायरा को उसपे
शक हो गया है इसलिए िो और भी साििान रहने िगा था ! एक रात समायरा छुप के नीि के िर मे
िस
ु त है और उसके बेसमेंट को अनिॉक करते हुए अंदर दाखखि होती है ! अंदर उसे कुछ भी ऐसा नह ं
लमिा था जैसा उसने सोचा था ! अंदर नीि आग से ह संबंधित कोई विधि करने में मशगूि था ! नीि
ने समायारा को बताया था की िो तो िेविटे शन नाम की एक प्रकक्रया को लसद्ि करने में िगा था ल्जसे
हालसि करने के बाद इंसान हिा में कुछ देर के लिए अपने आप को ल्स्थर रख सकता था ! ये सब सन

समायरा हैरान रह गई थी और उसने नीि को ये बताया था की उसे संदेह था की िो ह उन जि हुई
िड़ककयों की मौत का ल्जम्मेदार था ! नीि ने यहााँ उसे spontaneous human combustion के बारे में
बताया था ल्जसमें िायर प्रूि जीन के जाग्रत होने के बाद कोई इंसान आग से नह ं जि सकता था !
समायरा ने ये सब सन
ु के नीि को कोमि से लमिने और उसकी मदद करने के लिए कहा था ! दोनों जब
कोमि के पास गए थे तो कोमि ने पहिे तो इस सब पे भरोसा करने से साि मना कर हदया था !

इिर समायरा को कुछ ऐसे संकेत लमिने िगते हैं ल्जनसे उसे ये िगने िगा था की साकेत अभी ल्जंदा
था ! शरु
ु आत में समायरा ने इसस बात पे ध्यान नह ं हदया था पर बाद में एक हदन सच जानने के इरादे
से समायरा साकेत के कमरे पे गई थी जहां उसे पता चिा था की मकानमालिक ने िो कमरा ककसी और
को ककराये पे दे हदया था ! समायरा उस से साकेत के सामान की बात करती है ल्जसपे मकान मालिक ने
एक कमरे में िे जाके उसे साकेत के सामान को दे खने की इजाजत दे द थी ! समायरा साकेत का सारा
सामान दे खती है ल्जसमें उसे साकेत के बचपन की एक िोटो लमिती है ल्जसमें साकेत एक िड़की के
साथ था ! समायरा को िहााँ से कुछ और सामान भी लमिा था ल्जस से उसके संदेह का दायरा थोड़ा और
बढ़ चक
ु ा था ! िो सारा सामान िेके योगी के पास पहुाँच चक
ु ी थी और अब योगी को भी िगने िगा था
की कह ं साकेत ह तो इन सब के पीछे का असि मज
ु ररम तो नह था ! िेककन साकेत तो मर चक
ु ा था
अब योगी और समायरा के लिए तनतारा को ढूाँढना एक बड़ी चन
ु ौती थी !

इिर कोमि को कुछ समझ नह ं आ रहा था ! सबकुछ अभी भी उिझा हुआ था ! तभी उसके हदमाग में
रािि से सिाह िेने का विचार आ गया था और उसने रािि से इस बारे में बात की थी ! रािि ने जब
इन सारे केसेज़ की कडड़यों को जोड़ा तो जो खुिासा हुआ िो कािी हैरान करने िािा था ! इन सभी
िड़ककयों का खून अमािस की रात को ह हुआ था ! और सबके पास से जो सामान लमिा था िो नौ
दे वियों के लसद्िांत को पूरा करने िािा था ल्जसमें आठ का खून हो चुका था ! रािि ने ककसी साइको
इंसान को इनके कत्ि का ल्जम्मेदार बताया था ! जो शायद ककसी लसद्धि या किर ककसी से बदिा िेना

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या किर ककसी अिूर इच्छा के चिते ऐसा कर रहा था ! कोमि को ये सब सुन के थोड़ी हैरानी हुई थी
और उसने इस केस में रािि की मदद मांगी थी !

इिर समायरा कोमि से लमि और उसने साकेत के ल्जंदा होने की बात सबूतों के साथ कोमि के सामने
रख द थी ! पहिे तो कोमि को यकीन नह ं हुआ था पर रािि से डडस्कस करने के बाद उसने इस बात
की तह तक जाने का िैसिा कर लिया था ! रािि कोमि के कहने पे छुट्ट िेके बंगाि के एक गााँि में
गया था जहां साकेत का जन्म हुआ था ! इस गााँि के ज्यादातर िोग तंत्र मंत्र पे विश्िास करते थे और
नौ दे वियों िािे लसद्िांत के उपासक थे ! रािि को यहााँ साकेत के पड़ोलसयों और उसके तथाकधथत गुरु
से उसके बचपन के बारे में पता चिा था की कैसे बचपन से ह उसपे आग का असर नह ं होता था ! कैसे
िो अपनी प्रेलमका के साथ संभोग करते हुए पकड़ा गया था ! कैसे इस हादसे में उसकी प्रेलमका की मौत
हो गई थी और उसके बदिे में िड़की के पररिार िािों ने साकेत के िर िािों को ल्जंदा जिा हदया था
िेककन उन सब िोगों में साकेत की िाश नह ं लमि थी और न ह ककसी ने उसे इस हादसे के बाद िहााँ
दे खा था ! रािि ये सब सन
ु के दं ग रह गया था ! रािि उनसे साकेत की र्ोटो मााँगता है तो एक िड़की
जो साकेत के साथ ह पढ़ती थी, उसने एक परु ाना पासपोटज साइज़ र्ोटो िाके रािि को हदया था!

इिर कोमि इन केसेज़ को सुिझाने के लिए ह ककसी ि ड पे काम करने जा रह थी तभी उसे रािि का
िोन आ गया था ! और उसने साकेत के बचपन की र्ोटो भेज द थी और उसके पररिार तथा उसके
मरने की परू कहानी कोमि को बता द थी ! ल्जसके अनस
ु ार साकेत के अंदर बचपन से ह
spontaneous human combustion िािा िायर प्रूि जीन जाग्रत था और कैसे उसकी प्रेलमका उसके
साथ संभोग करते समय इसी बीमार के कारण जि के मर गयी थी !

इिर कोमि ने भी तनतारा को ढूाँढने के लिए अपनी परू ताकत और बुद्धि झोंक द थी पर तनतारा का
कुछ पता नह ं चि पा रहा था ! रािि की सिाह पे कोमि ने एक बहुत पहुंचे हुए मनोधचककत्सक और
spontaneous human combustion पे ररसचज कर रहे डॉक्टर लसद्िाथज शुक्िा से लमि थी ल्जसने रािि
के शक को िगभग सह बताया था और उसकी बात का समथजन ककया था ! उसने अब तक के ऐसे सारे
केसेज़ का इततहास कोमि के सामने रख हदया था ! होलिका और सती का उदाहरण दे के उसने इस
बीमार या किर लसद्धि spontaneous human combustion की पौराखणक पल्ु ष्ट भी की थी ! साथ ह
दतु नया में आज तक ऐसे सभी केसेज़ की जानकार भी कोमि के सामने रख द थी ! कोमि ये सब सन

के दं ग रह गई थी ! रािि ने उसे बताया था कक आज अमािस था और अगर िो सह हैं तो आज िो
कातति अपनी लसद्धि के लिए आखखर िड़की की बलि दे ने िािा था ! इिर बड़ी मशक्कत के बाद
समायरा योगी के साथ ककसी तरह तनतारा तक पहुाँच गई थी ! अिूर कडड़यों को जोड़ते हुए िो तनतारा
की खोज में एक अिज तनलमजत इमारत की सबसे ऊपर मंल्जि पे पहुाँच गए थे ! यहााँ पर जो नजारा उन्हे
हदखा उसने योगी और समायरा के होश उड़ा हदए थे ! साकेत तनतारा के ऊपर चढ़ा हुआ था और उसके
साथ काम क्रीडा में पूर तरह तकि न था ! तनतारा और उसके शर र में आग िगी हुयी थी ! तनतारा का

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दे िी रूप में लसंगार ककया हुआ था ! पास में पज


ू ा का सारा सामान बबखरा हुआ था ! ऐसा िग रहा था जैसे
साकेत ककसी दै विक लसद्धि को प्राप्त करने के लिए ये सब कर रहा था ! तनतारा ददज से तड़प रह थी
िेककन साकेत पे तो जैसे कोई शैतान सिार था ! समायरा का शक बबककुि सह तनकिा था ! साकेत
ल्जंदा था और उसने ह तनतारा को उठाया था ! साकेत ने जैसे ह योगी और समायरा को िहााँ दे खा तो िो
गस्
ु से से पागि हो गया था ! उसने सबसे पहिे समायरा की तरि कदम बढ़ाया ह था की नीि उसके
रास्ते में आ गया था ! दोनों में मारपीट और उठा पटक का लसिलसिा शुरू हो गया था ! नीि साकेत को
जीतने की कोलशश कर रहा था िेककन साकेत के अंदर जैसे ककसी शैतान की शल्क्त आ गई थी! िो योगी
पे भार पड़ रहा था और उसने योगी को मार मार के अिमरा कर हदया था ! इस बीच समायरा भाग के
तनतारा के पहुंची थी और उसने तनतारा के शर र में िगी आग को बुझा हदया था ! समायरा ने तनतारा
को अपनी बाहों में उठा के उसे बचाने की बात करती है िेककन तनतारा ने उससे कहा था की अब बहुत
दे र हो चक
ु ी है और इसके साथ ह उसने समायरा की बाहों में दम तोड़ हदया था ! मरने से पहिे तनतारा
ने समायरा को इस गंदे और तिनौने कारोबार से दरू रहने की सिाह दे द थी, ल्जसने समायरा के अंतमजन
को झकझोर के रख हदया था ! तभी उसका ध्यान साकेत की तरि गया था जो नीि को ककसी चीज से
मारने ह िािा था ! आखखर समय पे समायरा ने साकेत को रोकने की कोलशश की थी िेककन साकेत ने
समायरा को िक्का दे हदया था ! समायरा दरू जाके एक तततलियों से भरे जार से टकराई थी और जार
टूट गया था ! जार के टूटते ह तततलियााँ बाहर तनकि के उड़ने िगीं थीं ! साकेत अचानक योगी को
मारते मारते रुक गया था ! िो सब कुछ छोड़ के पागिों की तरह उन तततलियों के पीछे भागने िगा था
! साकेत रो रहा था और समायरा के पैरों में धगर के धगड़धगड़ाने िगा था ! साकेत ने योगी और नीि को
बताया था की िो ह वपछिे कुछ समय से हर अमािस को एक िड़की के साथ संभोग करने की असिि
कोलशश कर रहा था ! और इस कोलशश में कैसे हर बार िड़की जि के मर जाया करती थी क्यूंकी उसके
अंदर spontaneous human combustion िािा जीन जाग्रत हो जाता था ! समायरा ने साकेत से उसकी
मौत के झठ
ू के बारे में पछ
ू ा था ल्जसपे साकेत ने उसे अपनी मौत के बारे में बताया था की कैसे पलु िस के
बढ़ते दबाि के चिते उसके हदमाग में अपनी झूठी मौत की योजना आई और उसने उसे अमि जामा
पहना हदया था !

इिर तब तक कोमि समायरा और योगी का पीछा करते हुए साकेत के हठकाने पे पहुंच चक
ु ी थी ! टे ढ़
ने परू जगह को कब्ज़े में िे लिया था ! साकेत के मरने के बाद समायरा बरु तरह टूट चुकी थी और अब
िो ककसी भी हाि में इस नरक से बाहर तनकिना चाहती थी ! ऐसे िक्त कोमि और नीि ने समायरा
की मदद की थी ! कोमि ने अपने विचारों और बातों से समायरा को बदिने पर मजबूर कर हदया था !
समायरा का हृदय पररितजन हो चुका था और कोमि ने उसे सरकार गिाह बना हदया था ल्जससे उसकी
सजा भी कम हो सकती थी ! समायरा ने कोमि और कानन
ू का साथ दे ने का िैसिा कर लिया था और
राििेंद्र और िेक्सी के खखिाि सारे सबत
ू कोमि को दे हदए थे ल्जससे परू े केस में एक नया मोड आ

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चुका था ! दे ह व्यापार के इस बड़े गोरखिंिे में राज्य का गह


ृ मंत्री पूर तरह से एक्सपोज हो चुका था !
कोमि ने सरकार के आदे श पर राििेंद्र को धगरफ़्तार कर लिया था, समायरा के हदए सबत
ू ों के आिार
पर अदाित ने राििेंद्र और िेक्सी को बाि िेश्याव्रतत और दे ह व्यापार अधितनयम के सख्त कानन
ू ों के
अंतगजत आजीिन कारािास की सजा सन
ु ाई थी ! कोमि के सझ
ु ाि के बाद समायरा सरकार गिाह बन
गई थी ल्जस से कानन
ू ने साकेत और उसके मामा के कत्ि के जम
ु ज की सजा में नरमी बरतते हुए सात
सात साि की सश्रम कारािास की सजा सन
ु ाई थी !

(समाप्त )

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This is to certify that I have registered this `Work` and as proof thereof is placed below my digital signature and seal of the Association with relevant
details in the QR Code. (The aforesaid digital signature and QR code are present only on the copy of the Registration Certificate provided to the Work`s
author).
ZAMAN HABIB
Hon. General Secretary
SWA

Author:
Ashutosh Kumar Dwivedi
SWA Membership Number:
60429
Type of Creation:
Story (Digitally Signed)
Title of Creation:
Butterfly
Date and Time
Tuesday 2023-01-31 17:29:47
Transaction ID:
1675166175-1347266043
Reference Number
112782005606

This registration is subject to the following Self Declaration by the author:

I, Ashutosh Kumar Dwivedi , SWA Membership number 60429, hereby solemnly undertake and declare that,

A. I am the author of this literary/ dramatic work (Work). In the case of co-authorship work, I have taken permission from my co-authors before
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Work.
C. If the Work is a derivative work, I have duly taken written permission from the original author/owner to create this derivative work.
D. I understand that the purpose of registering the Work with SWA is only to create a record of the date of the creation of my Work.
E. This Work (along with its underlying works) does not infringe the intellectual property rights or any other related rights of a person or entity. In
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This Self Declaration is an electronically generated document and does not require any physical signature.

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