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हा ाँकिक सु यि रे न अपना बद ा ेने में असमथ# होगी, ेकिकन इससे उसके लि ए डाक#
कॉश्चि)*नें* को पुनः प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
...
सु यि रे न का मानना था किक तीनों संघों के सैयिनकों और सातवें पेज द्
ु ध की अनप
ु श्चि@थयित
के कारण, वह वहां अपने प्रभाव को दे खते हुए, डाक#नेस के सात राज् ों का दिद आसानी
से जीत सकती थी।
े ोग यिनश्चि चत रूप से डाक# कॉश्चि)*नें* में उच्च पदों पर थे, इसलि ए सु यि रे न उन सभी
को सीधे तौर पर नहीं मार सकती थीं। दिद उसने ऐसा किक ा, तो ह यिनश्चि चत रूप से
डाक# कॉश्चि)*नें* को अ@त-व् @त कर दे गा।
उ)हें डाक# कॉश्चि)*नें* की श्चि@थयित की @पष्* समझ नहीं थी, और क् ोंकिक सू यि रे न भविवष्
में डाक# कॉश्चि)*नें* पर शासन करें गी, इसलि ए उनके पास सत्ता तक पहुंचने का कोई @पष्*
रा@ता नहीं था।
व् श्चिक्त की ऊजा# सीलिमत थी। ह @पष्* था किक लि न ुआन भविवष् में अपनी ऊजा# डाक#
कॉश्चि)*नें* में यिनवेश नहीं कर सकता था।
हा ाँकिक वेन ू ने द द ी दयिु न ा को पूरी तरह से सीधा कर दिद ा था, ेकिकन फ् ोदि*ंग
आइ ड
ैं व्हे की पीठ के ऊपर श्चि@थत @काई लिस*ी अभी भी द द ी द यिु न ा में बनाई जा
रही थी।
लि न ुआन द्वारा यिन त्रिं \त चार आ ामी दयिु न ाओं में से द द ी दयिु न ा सबसे सामा)
थी।
हा ाँकिक, ह नहीं कहा जा सकता किक द द ी दयिु न ा में कुछ भी अच्छा नहीं था।
इस बात की बहुत अधिधक संभावना थी किक धिथक सॉइ लिस*ी के विवशेषज्ञ जो उसका
इंतजार कर रहे थे, उ)हें हर बार एक ा दो ा कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा।
ऐसा करने का वैध कारण होने के बावजद
ू लि न ुआन इन विवशेषज्ञों का सम बबा#द
नहीं करना चाहता था।
इसे संबोधिधत करने के लि ए, लि न ुआन ने धिथक सॉइ लिस*ी में एक और यिन म जोड़ा
और ता ेई को एक और का # दिद ा। ता ेई का न ा का # धिथक सॉइ लिस*ी में
विवशेषज्ञों की प्रतीक्षा करना और उ)हें उदार संसाधन प्रदान करना था। इस तरह, भ े ही
लि न ुआन वहां नहीं थे, किर्फर भी विवशेषज्ञ अपने फ़े को बेहतर बनाने में सक्षम होंगे और
अपना सम बबा#द नहीं करें गे।
लि न आ
ु न के यिन म ने विवशेषज्ञों को आ च च
# किकत कर दिद ा। उनमें से कई ोग
प्राथ#ना करने गे किक लि न आ
ु न कभी वापस नहीं आएगा क् ोंकिक कोई अ) रा@ता
नहीं था श्चिजससे वे ऐसे अविव वसनी संसाधन प्राप्त कर सकें।
धिथक सॉइ लिस*ी में पहुंचने के बाद, लि न ुआन का @वागत करने वा ी श्चि@थयित उसकी
अपेक्षाओं से कहीं अधिधक थी।
आख़िRरकार, इस बात की परवाह किकए त्रिबना किक श्चि@परिर* ॉक @थायिनक क्षे\ में किकतने
संसाधन जमा किकए गए थे और उसने अपने ग्रेड को बढ़ाने में मदद करने के लि ए आनंद
की शद्
ु ध भलिू म का उप ोग करके किकतने संसाधन अश्चिजत
# किकए, वह ाखों ोगों के साथ
एक संघ की आपयिू त# करने में सक्षम नहीं होगा संसाधनों से क्
ु त नागरिरक, कम से कम
थोड़ा भी तनाव महसस
ू किकए त्रिबना।
लि न ुआन को @*ा*# लि ग
ं ाइ)स महाद्वीप में किकए गए अपने सभी यिनवेशों पर रिर*न#
दिदखना शुरू हो ग ा था!
दिद ह तथ् नहीं होता किक मॉत्रिब# स ापरवाही से किकसी अ) जीव को श्चि@परिर*- ॉक
नहीं कर सकता था और उसकी आध् ाश्चित्मक ऊजा# सीलिमत थी, तो वह एक विव*ै लि *ी
@ ॉथ को अनुबंधिधत करना चाहता था।
लि न आ
ु न आमतौर पर धिथक सॉइ लिस*ी में बहुत कम सम त्रिबताते थे, ेकिकन इस
बार वह गभग एक महीने तक वहां रहे ।
उ)होंने अपनी सारी ऊजा# धिथक सॉइ लिस*ी में अपने प्र ासों में गा दी। अगर उसे जाने
के बाद अपनी ऊजा# को किर्फर से भरने के लि ए अच्छी नींद नहीं लिम ी होती, तो उसका
मानना था किक उसे रें गकर बाहर यिनक ना पड़ता!
लि न आ
ु न को अथाह दयिु न ा के संसार क्षे\ के तानाशाहों के बारे में सबसे कम
जानकारी थी। उसे का iस और कैरोलि न के माध् म से उ)हें यिन ंत्रि\त करने की
आव कता थी। इस प्रकार, वह उ)हें अथाह दयिु न ा से बाहर नहीं े जा सका और उ)हें
अपनी जनशश्चिक्त के दिह@से के रूप में उप ोग नहीं कर सका।
ेकिकन एक बार जब उसने रसात दयिु न ा के खजाने को रसात दयिु न ा में रख दिद ा
और इसका उप ोग सभी रसात तानाशाहों पर यिन ं\ण करने के लि ए किक ा , तो लि न
ुआन सभी रसात संसार दा रे के तानाशाहों को मुख् दयिु न ा में ाने और उ)हें अपने
अधीन@थों के रूप में उप ोग करने में सक्षम होगा!
अथाह संसार के खजाने में कोई अश्चिjन-मौलि क ऊजा# नहीं थी। इससे, लि न आ
ु न
अनम
ु ान गा सकता था किक एत्रिबस रे ड ो*स के त्रिबना एत्रिबस राक्षस कैसे दिदखेंगे।
लि न ुआन ने डे एंड नाइ* श्चि@परिर* लिसल्वर से बना एक पंख बना ा और अपनी हथे ी
का* दी। उसने जैश्चि@मन लि ी को उसे ठीक करने का यिनदY श दिद ा, किर्फर उन सभी
आध् ाश्चित्मक सामधिग्र ों का सेवन किक ा जो रक्त की पयिू त# कर सकती थीं। उ)होंने अपने
विपछ े अनुभवों से सीखा था किक इन सामधिग्र ों के सेवन से एक आ ामी दयिु न ा के
खजाने को हालिस करना आसान हो जाएगा।
...
वह धिथक सॉइ लिस*ी और श्चि@परिर* ॉक @थायिनक क्षे\ से गभग रें ग कर बाहर यिनक
चुका था। उसे तुरंत रसात दयिु न ा में वापस जाना चादिहए था, ेकिकन उसने इसके बजा
भलिू मगत मह में आराम करने का र्फैस ा किक ा। ठीक होने के बाद वह रे डिड ंस र्फेडरे शन
में ौ* आएगा और नौवें और दसवें @तर के बीच की सीमा पर अथाह दयिु न ा के खजाने
को रख दे गा।
"भगवान ब,ू आत्मा माँ आपकी उपश्चि@थयित का अनरु ोध करती है । कृप ा थाशीघ्र वहाँ
जाएँ! क् ा हम दोनों को प्रवेश की अनम
ु यित है ?”
श्चि@परिर* मदर के अ ावा, श्चि@परिर* मदर र्फेडरे शन में किकसी और ने अपने यिनजी परिरचारकों
का अनादर करने का साहस नहीं किक ा।
दोनों परिरचारक बू पो के कमरे में प्रवेश करना चाहते थे क् ोंकिक उ)हें उम्मीद थी किक वह
उ)हें कुछ उपहार दे कर अपना सम्मान दिदखाएगा।
अतीत में , आत्मा माँ के आरक्षिक्षत लिशष् ों को शा द ही कभी आत्मा माँ को दे खने का
अवसर लिम ता था और आमतौर पर वे केव आत्मा माँ के यिनजी परिरचारकों के साथ ही
बातचीत करते थे। उन सभी ने आत्मा माँ के यिनजी सेवकों के प्रयित बहु त श्रद्धा दिदखाई
थी।
बू पो द्वारा अपमायिनत किक े जाने के बाद आत्मा माँ के यिनजी सेवकों की आँखों के
सामने अंधेरा छा ग ा।
क् ा ऐसा हो सकता है किक बू पो में उनके साथ इस तरह का व् वहार करने का द@
ु साहस
था क् ोंकिक उसने खुद को अ) आरक्षिक्षत लिशष् ों से अ ग कर लि ा था और वा@तव में
खुद को अग ी आध् ाश्चित्मक माँ के रूप में दे खा था?
दोनों परिरचारक भ े ही अप्रस)न थे, वे लिशष्*ाचार से बंधे थे और उनके पास आत्मा माँ
को रिरपो*# करने के लि ए ौ*ने के उनके यिनदY श को सन
ु ने के अ ावा कोई विवकल्प नहीं
था।
"हो सकता है किक अब आप आत्मा माँ के एकमा\ उत्तराधिधकारी हों, ेकिकन आपकी शश्चिक्त
सीलिमत है और आपको शा द ही कभी आत्मा माँ से लिम ने का अवसर लिम ता है । ऐसा
कोई तरीका नहीं है श्चिजससे आप उसे हरा सकें!”
उसकी बहन गभग हर दिदन इस धिचंता में त्रिबताती थी किक वह आत्मा माँ की नौ
परीक्षाओं के कारण अपना जीवन खो दे गा।
चँ ूकिक बू पो का आत्मा माँ के साथ *कराव होने वा ा था, उसने पह े अपनी बहन को
अपने काड# दिदखाने का र्फैस ा किक ा ताकिक उसे अब गातार उसके बारे में धिचंयितत न
होना पड़े।
[बू पो]: क् ा आप अभी भी मेरे साथ हैं? मुझे जल्द ही आपकी सुरक्षा की आव कता
होगी!
[माउं *े न रिरज स्रोत]: मैं अब आपके साथ हूं। दिद आप मुड़ें तो आप मुझे दे ख सकते हैं।
बू पो ने थॉट्स े*र पेपर का दोबारा उप ोग नहीं किक ा और माउं *े न रिरज सोस# से प ूछा,
"क् ा वह आप हैं?"
उसके अचानक पूछे गए सवा से साफ़ था किक वह सचमुच उससे जवाब चाहता था।
इस प्रकार, माउं *े न रिरज सोस# ने बू पो को उत्तर दिद ा और अपने तानाशाह के शरीर में
उसके सामने प्रक* हुई।
बू पो के दिद
को राहत दे ने के लि ए वह उसके तानाशाह के शरीर में प्रक* हुई। ह एक
उपकार था जो वह उस पर कर रही थी।
इसके अयितरिरक्त, वह ह सयिु नश्चि चत करना चाहती थी किक उसकी आभा ीक न हो।
यिनश्चि चत रूप से, हां व् ाकरण और वाक् विव) ास को ठीक किक ा ग ा पाठ है , वाक्
संरचना में सुधार किक ा ग ा है , प्रवाह बढ़ा ा ग ा है , और अयितरिरक्त सामग्री ह*ा दी गई
है :
बू पो और उसकी बहन को ऐसा महसूस हुआ मानो उनके सामने हजारों जंग ी बादाम के
र्फू ख़िख गए हों। पी े रं ग के कपड़े पहने एक खूबसूरत, च@
ु त-दरु
ु @त ड़की सामने
आई और उ)हें ऐसा गा मानो वे किकसी परी को दे ख रहे हों।
" ह मैं हूं," माउं *े न रिरज सोस# ने ठं डे @वर में कहा। "प्रभु ने मुझसे कहा किक मैं आऊं
और तुम्हारी रक्षा करूं।"
इसके साथ ही, माउं *े न रिरज सोस# वापस बादाम के र्फू की पंखुड़ी में बद ग ा और बू
पो के कॉ र में यिछप ग ा।
बू पो अपनी @तब्ध बहन की ओर मुड़ा और गंभीरता से कहा, "दीदी, आपने हमेशा कहा है
किक मैं बहुत बद ग ा हूँ। तुमने कहा था किक मैं इतना बद ग ा हूँ किक अब तुम मझ
ु े
पहचानते भी नहीं हो। खैर, सच तो ह है किक ह बद ाव एक आदमी के आशीवा#द के
कारण हुआ था।''2524 आत्मा माता!
"धिचंता मत करो। श्चिजस ड़की को आपने अभी दे खा वह आत्मा माँ से भी अधिधक
शश्चिक्तशा ी है । वह हमारी सरु क्षा सयिु नश्चि चत करने में सक्षम होगी, इसलि ए अब आपको
मेरे बारे में धिचंता करने की ज़रूरत नहीं है ! आपको इस बारे में धिचंता करने की ज़रूरत
नहीं है किक क् ा आत्मा माँ के दो यिनजी सहा क मेरे साथ तोड़र्फोड़ करें गे। जब मैं आज
जाऊँ और आत्मा माँ का सामना करूँ, तो मेरे साथ आना!”
...
“ दिद आप चाहते हैं किक मैं आत्मा माँ को दे खने के लि ए आपके साथ च ँ ,ू तो मैं
जाऊँगा! चाहे कुछ भी हो जाए, हम एक-दस ू रे के साथ रहें गे। अतीत में , मैं ही तुम्हारी
दे खभा करता था। ेकिकन अब, मेरे लि ए आपका अनुसरण करने का सम आ ग ा है !”
ड़की ने बू पो की हथे ी उठाई और उसे इशारा किक ा किक वह उसे श्चिजस दिदशा में चाहे
े जाए।
बू पो जानता था किक उसकी बहन का दिद अभी भी शांत नहीं हुआ है । जब तक उसने
आत्मा माँ का सामना नहीं किक ा तब तक उसे आराम नहीं लिम ा और उसे कीन था
किक आत्मा माँ उसे छू नहीं सकती।
आत्मा माँ ने उसे पह े कई बार नहीं बु ा ा था। श्चि@परिर* मदर के नौ परीक्षणों के बाद,
वह श्चि@परिर* मदर से पूरी तरह से अ ग हो ग ा था।
इससे कई ोगों को ह सोचने पर मजबूर होना पड़ा किक वह, आत्मा माँ की नौ परीक्षाओं
का विवजेता, आत्मा माँ की संतुश्चिष्* को पूरा नहीं कर सका।
ह संभव था किक आत्मा माँ उसे अभी केव इसलि ए बु ा रही थी क् ोंकिक उसका भी
*कराव करने का इरादा था।
चार यिनजी परिरचारक आत्मा माँ के दरवाजे के बाहर खड़े थे, उनमें से दो के चेहरे पर
खट्*े भाव थे। वे अभी-अभी बु पो से लिम ने गए थे, श्चिज)होंने उनसे लिम ने से इनकार
कर दिद ा था। वे ह जानकर भी परे शान हुए किक उसने दो दिदन पह े अ) दो
परिरचारकों को उपहार दिदए थे।
वे चारों आत्मा माँ के यिनजी सेवक थे, इसलि ए उ)हें समझ नहीं आ ा किक बू पो उनके
साथ अ ग व् वहार क् ों कर रहा था।
दिद बू पो एक आरक्षिक्षत लिशष् नहीं होता, तो उसकी बहन जैसे हीन व् श्चिक्त को कभी भी
आत्मा माँ के परिरसर में रहने की अनम
ु यित नहीं दी जाती।
दो परिरचारक जो बू पो को ाने में असर्फ रहे थे, एक कदम आगे बढ़े और कहा,
"आत्मा माँ ने केव आपसे बात करने के लि ए कहा था, आपकी बहन से नहीं। क् ा
आपको गता है किक अब आप आत्मा माँ के यिन मों के विवरुद्ध जा सकते हैं क् ोंकिक
आपने आत्मा माँ की नौ परीक्षाएँ उत्तीण# कर ी हैं?"
बू पो एक साधारण ड़का हुआ करता था। ेकिकन हां आकर उ)हें एहसास हुआ किक हर
कोई छुपे मत ब से बात करता है .
उसे संचार के इस तरीके से नर्फरत थी, खासकर अब जबकिक वह मुकाब े की तै ारी कर
रहा था। इसलि ए, उसे अलिभन करने की जहमत नहीं उठाई जा सकती थी।
“अपनी बहन को आत्मा माँ से लिम वाने के लि ए मेरे पास अपने कारण हैं। अगर आपको
कोई लिशका त है तो आपको मुझे डां*ने की बजा लिशका त करनी चादिहए।' आत्मा माँ
अब मेरी @वामी है , इसलि ए आप मुझे डाँ*कर उसके लिसर के ऊपर से जा रहे हैं।"
कुछ ऐसे शब्द थे जो बू पो कहना चाहते थे ेकिकन उ)होंने ऐसा नहीं कहा क् ोंकिक वह
ऐसा करने के लि ए परे शान नहीं हो सकते थे।
श्चि@परिर* मदर के यिनजी परिरचारक होने के बावजूद, उन चारों को ठीक से पता नहीं था किक
श्चि@परिर* मदर बू पो के बारे में कैसा महसस
ू करती थी।
इस प्रकार, े दो यिनजी परिरचारक आत्मा माँ को रिरपो*# करने के लि ए श नकक्ष में पहुंचे।
श नकक्ष एक अंतहीन @थान प्रतीत होता था, और इसके आंतरिरक भाग का प्रत् ेक भाग
क ा के एक जदि* नमूने जैसा था।
श्चि@परिर* मदर र्फेडरे शन के कक्षा 5 के सभी श्चि@परिर* लिशल्पकारों ने श नकक्ष के इं*ीरिर र
को डिडजाइन करने, यिनमा#ण करने और बनाए रखने पर काम किक ा।
हा ाँकिक, श्चि@परिर* मदर र्फेडरे शन में कोई धाराएँ नहीं थीं। इस प्रकार, *ैंकों में मौजूद सभी
श्चि@परिर*-साइर्फन गोल्डकिर्फश अ) क्षे\ों से आ ात की गई थीं।
यिनजी परिरचारक श नकक्ष में दलिस ों लिमन* तक तेजी से च ते रहे , इससे पह े किक उ)हें
एक सुंदर और उभ लि ग
ं ी आकृयित दिदखाई दी।
वह आकृयित ज़मीन पर त्रिबछे रे शम के *ुकड़े पर बैठी विवंडचाइम पक्षिक्ष ों के सामने आ @
से अनाज उछा रही थी। जब विवंडचाइम पक्षी अपने पंख र्फड़र्फड़ाते थे , तो वे विवंडचाइम
जैसी ध्वयिन उत्प)न करते थे और कानों के लि ए बेहद सख
ु द होते थे।
आत्मा माँ ने उसके हाथ में बचा हुआ अनाज बाहर र्फेंक दिद ा और उसके हाथों को हल्के
से ता ी बजाई। उसकी भौंहें थोड़ी लिसकुड़ गईं और उसके चेहरे पर धिचंतन की अलिभव् श्चिक्त
दिदखाई दी।
एक क्षण बाद, एक अ@पष्* आवाज़ ने कहा, "लि दि* पो और उसकी बहन को एक साथ
आने दो। जाओ और कुछ र्फ तै ार करो और र्फ ों की दावत करो। उसके गरु
ु के रूप
में , मेरे लि ए लि दि* पो से बात करने का सम आ ग ा है !"
यिनजी परिरचारकों ने ज़मीन पर घु*ने *े ककर सोचा, सौभाj से, हमने अलिभवादन किक ा।
आत्मा माँ भगवान बू के लि ए र्फ ों की दावत तै ार करना चाहती है , श्चिजसका अथ# है किक
भगवान बू उसके लि ए महत्वपूण# हैं!
एक बार जब यिनजी परिरचारक च े गए, तो आत्मा माँ की अलिभव् श्चिक्त बद गई। अत् ंत
सुंदर चेहरा इतना तूफ़ानी हो ग ा किक ऐसा गने गा मानो किकसी भी क्षण बारिरश की
बँद
ू ें उस पर से धिगर जाएँगी!